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भारतीय न्याय संहिता का अवलोकन
Apr 7, 2025
भारतीय न्याय संहिता (Bhartiya Nyaya Sanhita)
परिचय
वक्ता
: शिवानी सोलंकी
उद्देश्य
: भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के लिए छात्रों की मांग पर एक नई सीरीज की शुरुआत।
बीएनएस भारतीय पीनल कोड को प्रतिस्थापित करती है।
बीएनएस का महत्व
सभी राज्य न्यायाधीश परीक्षाओं में बीएनएस का समावेश।
बीएनएस की पीडीएफ और पीपीटी पीडब्ल्यू ऐप पर उपलब्ध।
अध्ययन के लिए नि:शुल्क बैच उपलब्ध।
बीएनएस के उद्देश्य
न्याय देना
: पीनल कोड को हटाकर न्याय प्रणाली को मजबूत करना।
नवीन परिवर्तन
: नए अपराधों का समावेश और कुछ पुराने कानूनों का पुनरावलोकन।
बीएनएस की संरचना
अध्याय 1
: प्रारंभिक
अध्याय 2
: परिभाषाएँ
अध्याय 3
: अपराध के तत्व
अध्याय 4
: सजा की थ्योरी
महत्वपूर्ण परिवर्तन
कम्युनिटी सर्विस
: अपराधियों के लिए कम्युनिटी सर्विस का नया प्रावधान।
मॉब लिंचिंग
: मॉब लिंचिंग के लिए सख्त प्रावधान।
ऑर्गेनाइज्ड क्राइम
: संगठित अपराध के खिलाफ नए कानून।
डेटा थेफ्ट
: डेटा चोरी के अपराधों को मान्यता।
सेडिशन
: देशद्रोह के प्रावधानों का संशोधन।
बीएनएस का प्रभाव
अन्य कानूनों पर प्रभाव
: तीन मुख्य कानूनों, बीएनएस, बीएसए, और बीएनएसएस, के रूपांतर।
आवश्यकता
: पुराने कानूनों का प्रतिस्थापन और सुधार।
सजा की थ्योरी
डेटरेंट थ्योरी
: अपराधियों को रोकने के लिए कड़ा दंड।
रिट्रीब्यूशन थ्योरी
: अपराधियों को उनके कर्मों के लिए दंड।
रिफॉर्मेटिव थ्योरी
: अपराधियों का सुधार और पुनर्वास।
इनकैपेसिटेशन थ्योरी
: अपराधियों की शक्ति को सीमित करना।
अध्ययन का महत्व
बीएनएस का अध्ययन न सिर्फ पूर्व परीक्षा के लिए, बल्कि मुख्य परीक्षा और न्याय लेखन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
छात्रों से आग्रह कि वे इस सीरीज का पूरा लाभ उठाएं और पीडब्ल्यू ऐप पर उपलब्ध निशुल्क सामग्री का उपयोग करें।
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