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मैथ्यू 25:31-46 - प्रभु का वचन
Jul 27, 2024
मैथ्यू 25:31-46 - प्रभु का वचन
मुख्य वाक्य:
"जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा में आएगा..." (मैथ्यू 25:31)
महत्वपूर्ण बातें:
भेड़ों और बकरियों का अलगाव:
प्रभु भेड़ों को दाहिनी ओर और बकरियों को बाईं ओर अलग करेगा।
धन्य लोगों का निमंत्रण:
"आओ उस राज्य के अधिकारी बनो जो जगत की उत्पत्ति से तुम्हारे लिए तैयार किया गया है।" (मैथ्यू 25:34)
भूख, प्यास, परदेस और बीमारी का संदर्भ।
न्याय का दिन:
जो कुछ छोटे से छोटे भाइयों के साथ किया, वह प्रभु के साथ किया। (मैथ्यू 25:40)
प्रार्थना:
प्रार्थना में पिताजी के लिए विशेष ध्यान
पवित्र आत्मा का अभिषेक सीधे तौर पर प्रत्येक पर होना चाहिए।
परमेश्वर का निमंत्रण
निमंत्रण का उद्देश्य:
प्रभु यीशु मसीह का दुलान बनना।
चर्च में आशीष की तलाश में आते हैं, लेकिन इसका सही अर्थ समझ नहीं पाते।
मुख्य विचार:
लोगों का ध्यान:
मसीह के अनुयायी बनने का महत्व।
उद्धार और नया जन्म होना।
दृष्टांत - मैथ्यू 22:1-13
राजा का विवाह भोज और निमंत्रण।
पहले निमंत्रण को अस्वीकार करना।
राजा का क्रोध और दंड।
महत्वपूर्ण बातें:
संसार का ध्यान:
नौकरी, व्यापार और पारिवारिक जिम्मेदारियाँ।
विवाह भोज में भाग लेने का महत्व।
शादी के वस्त्र का महत्व
पवित्रता का वस्त्र:
नया जन्म का वस्त्र।
संतोष और प्रेम का प्रसार।
आवश्यक तैयारी:
शादी का वस्त्र तैयार करना।
पवित्रता की आवश्यकता:
सुप्रीति का जीवन जीना
सेवा, प्रेम, और त्याग का पालन।
निष्कर्ष:
जीवन में सही उद्देश्य:
मसीह का दुलान बनने का लक्ष्य।
प्रार्थना और इच्छाओं का धर्मशास्त्रीय अध्ययन।
प्रार्थना:
परमेश्वर की योजना को समझने की प्रार्थना करना।
स्थायी और भावनात्मक दासता से मुक्ति।
अंतिम मंत्र:
भाई-भाई और बहन-बहन के बीच संबंध:
नया जन्म लेना और मसीह का अनुयायी बनना।
संभावित आशीर्वाद:
हमारे कार्यों के परिणाम।
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