कि अ प्रशाने पर सर रखे तू मैं निंद कब तू सो जाए मैं आ लिखूं तू आ जाए मैं बैठ लिखूं तु आ बैठे मेरे शाने पर सर रखे तु मैं नीद कहूं तु सो जाए जलाए के ऐसी नाजम कहूँ जो लाभ से कहूँ वो हो जाए मैं दिल लिखू तू दिल धामे मैं गुम लिखू वो खो जाए अपने तुहार प्रशीन लिखूं तेरी नीद उड़े जब खाफ लिखूं तुझे कुछ कुछ हो ऐश लिखूं तुझे भोटाए असर उजुसाने दिल बर्म्याने अगर उस उसाने दिल बरनाने दिल बरनाने उस उन दुबाने दिल बरनाने दिल बरनाने कर दो