वेलकम बैक टू ऑल ऑफ यू माय नेम इज हिना और आज के इस वीडियो में हम बात करने वाले हैं एनवायरमेंटल स्टडीज के बारे में देखो लास्ट फाइव ईयर क्वेश्चन पेपर को ध्यान में रखते हुए एंड बुक के पीछे के सारे क्वेश्चंस को ध्यान में रखते हुए एंड चैप्टर के अंदर की थ्योरी को ध्यान में रखते हुए मैंने एक वन शॉर्ट वीडियो तैयार की है आप लोगों के लिए ठीक है यह एनवायरमेंटल स्टडी की वन शॉर्ट वीडियो होगी जिसमें मैंने बहुत इजी लैंग्वेज में सब कुछ बहुत अच्छे से कवर किया है आपके बदले की सारी मेहनत मैंने कर दी है बस आपको इसे फोकस ली सुनना है और जो भी इंपॉर्टेंट क्वेश्चंस होंगे ना उस पर हम टिक करते हुए चलेंगे और आपको मैं बताते हुए चलूंगी कि क्या है ठीक है कौन सा इंपॉर्टेंट है कौन सा आता है ज्यादा ध्यान देने की किस पे जरूरत है और ये जो सब्जेक्ट है ना ये बीबीए बीकॉम या फिर बीए में बहुत इजली मिल जाता है ये एक एडिशनल सब्जेक्ट है और गवर्नमेंट ने सब्जेक्ट को इसलिए दिया है ताकि हम एनवायरमेंट के महत्व को एनवायरमेंट से रिलेटेड जितने भी कांसेप्ट हैं उनको समझ सके ठीक है उन्हें पढ़ सके और अपने एनवायरमेंट से जुड़ सके इसलिए एडिशनल सब्जेक्ट के तौर पे डाला गया है तो चलिए स्टार्ट करते हैं अच्छा चलिए स्टार्ट करने से पहले एक मैं बहुत जरूरी बात आपको बताना चाहूंगी कि मैं आप लोगों के लिए इतनी मेहनत कर रही हूं पूरी बुक को एक साथ पढ़कर लिखकर अच्छे-अच्छे पॉइंट्स निकालकर इकट्ठा कर कर मैं आपके लिए इतनी अच्छी वीडियो बना रही हूं और आपका फर्ज नहीं बनता कि आप थोड़ा सा प्यार और सपोर्ट करो देखो मुझे भी कितना अच्छा लगेगा जब आपका एप्रिसिएशन मुझे मिलेगा आप मुझे कहोगे कि हां वीडियो अच्छी थी ये तभी है ना जब वीडियो अच्छी लगे लेकिन सब्सक्राइब तो आप कर ही सकते हो ना एक सब्सक्राइब लाइक कमेंट करने में कुछ नहीं जाता लेकिन हां एक इंसान का दिल बहुत अच्छे से खुश हो जाता है पता है जब मैं ये सारी नोटिफिकेशन देखती हूं ना अपने मोबाइल के ऊपर कि कोई वाटी स्टूडियो में कोई कमेंट आया है इतना अच्छा लगता है ना इतना ज्यादा अच्छा लगता है ना और जब मैं यह देखती हूं कि मेरा एक सब्सक्राइबर बढ़ ग बहुत ज्यादा अच्छा लगता है आप चाहो तो मेरा दिल खुश कर सकते हो और अगर नहीं चाहो तो कोई फोर्स नहीं है बस मैं इतना कहना चाहूंगी आप प्लीज मेरी मेहनत को ऐसे ही सपोर्ट करिए ताकि मैं हर एक सब्जेक्ट की जो भी आपके कंपलसरी सब्जेक्ट है जितने भी टफ सब्जेक्ट है जिनको बच्चा नहीं पढ़ पाता है उसको पढ़ पाए मैं वन शॉर्ट वीडियो उन जैसे बच्चों के लिए निकाल पाऊ तो चलिए स्टार्ट करते हैं मैंने बहुत सारी बातें कर ली है अब बात करते हैं एनवायरमेंटल स्टडीज की तो एनवायरमेंटल स्टडीज में सबसे पहली जो टर्म आती है वो है एनवायरमेंट एक डोमिनेशन फोर्स लगाई हुई है किसने नेचर ने ह्यूमन के ऊपर ठीक है नेचर ने ह्यूमन के ऊपर एक डोमिनेटिंग फोर्स लगाई हुई है अकॉर्डिंग नेचर के अकॉर्डिंग क्या कर रहा है ह्यूमन चल रहा है बहुत ज्यादा इन्फ्लुएंस कर रहा है नेचर किसको ह्यूमन को ह्यूमन किससे इन्फ्लुएंस हो रहा है नेचर के द्वारा इन्फ्लुएंस हो रहा है उस स्टेज पे हमारे पास टेक्नोलॉजी नहीं थी टेक्नोलॉजी में कोई भी एडवांसमेंट नहीं थी ठीक है टेक्नोलॉजी में कोई भी एडवांसमेंट नहीं थी तो हम क्या करते थे पूरी तरह से हम प्राकृति पर डिपेंड रहते थे तो इन्होंने तो हम अपने आसपास जितनी भी चीजें देखते हैं हमारे आसपास जितनी भी चीजें हैं जैसे कि इस पिक्चर में भी नजर आ रहा है पेड़ सूरज चिड़िया पानी पर्वत पहाड़ ठीक है बादल आसमान ये सारी चीजें ही क्या है एनवायरमेंट एनवायरमेंट क्या है हमारे आसपास जितनी भी चीजें हैं जितनी भी चीजें हैं चाहे वो सनलाइट हो इंसेक्ट्स हो एनिमल हो बैक्टीरिया हो प्लांट्स हो रॉक्स हो एलगी हो या कुछ भी हो हमारे आसपास जितनी भी चीजें हैं वो क्या है हमारा एनवायरमेंट एनवायरमेंट किसे बोलते हैं एनवायरमेंट का मतलब होता है कि एवरीथिंग एवरीथिंग दैट इज अराउंड अस जो कि हमारे आसपास है वो सारी चीजें क्या कहलाता है एनवायरमेंट कहलाता है चाहे सोइल हो वाटर हो एनिमल हो चाहे प्लांट हो हमारे आसपास जितनी भी चीजें मौजूद है वो क्या है एनवायरमेंट है अब बुकिश लैंग्वेज में एनवायरमेंट को डिफाइन कैसे किया गया है देखो लिविंग एंड नॉन लिविंग कंपोनेंट का जो टोटल सम है ना जो एक दूसरे की लाइफ को इफेक्ट करता है वही एनवायरमेंट है एनवायरमेंट में क्या बोला गया है कि लिविंग थिंग्स रहते हैं और नॉन लिविंग थिंग्स रहते हैं इनका ही मिक्सचर क्या कहलाता है एनवायरमेंट कहलाता है तो हमने ये समझ लिया कि एनवायरमेंट क्या है टोटल ऑफ लिविंग कंपोनेंट एंड नॉन लिविंग कंपोनेंट उसको हम बोलेंगे एनवायरमेंट ठीक है और जितनी भी एनवायरमेंट में लिविंग चीजें होती हैं जो सांस ले सकती है ठीक है जो बढ़ सकती है ग्रो कर सकती है है ना जितनी भी लिविंग चीजें होती हैं उनको हम क्या बोलते हैं उनको हम बोलते हैं बायोटिक एलिमेंट उनको हम क्या बोलते हैं बायोटिक एलिमेंट जितनी भी लिविंग चीजें हैं वो है बायोटिक एलिमेंट और जितनी भी नॉन लिविंग थिंग्स है जो चल नहीं सकती जो सांस नहीं ले सकती वो क्या है एबायोटिक एलिमेंट है ठीक है समझ में आ गया एबायोटिक और बायोटिक एलिमेंट किसे कहते हैं बर्ड्स हो गया प्लांट्स हो गए फॉरेस्ट हो गए ये सारी चीजें क्या है सांस ले सकती है ना ठीक है तो ये लिविंग थिंग्स है और नॉन लिविंग क्या वाटर लैंड सनलाइट एयर ये सारी नॉन लिविंग थिंग्स हो गई ठीक है अब बात करते हैं कंपोनेंट की और उसके टाइप्स की एनवायरमेंट में कौन-कौन से कंपोनेंट आते हैं और उसके क्या टाइप्स हैं तो जैसे कि अभी पढ़ा हमने डेफिनेशन में एनवायरमेंट में दो तरह के कंपोनेंट आते हैं एक लिविंग थिंग्स एंड नॉन लिविंग थिंग इनके सम से ही तो एनवायरमेंट बनता है तो दो एनवायरमेंट के कंपोनेंट होते हैं एक एबायोटिक एंड बायोटिक बायोटिक का मतलब वर्ल्ड ऑफ लिविंग ऑर्गेनिस्ट जिसमें क्या होता है लिविंग ऑर्गेनिस्ट मस के वर्ल्ड को क्या कहते हैं बायोटिक जिसमें सारे लिविंग ऑर्गेनिस्ट मस आते हैं और जो नॉन लिविंग ऑर्गेनिस्ट मस का वर्ल्ड है उसको क्या बोलते हैं एबायोटिक बोलते हैं इसके एग्जांपल्स की बात करें तो लैंड एयर लैंड एयर किसका एग्जांपल है एबायोटिक क्योंकि ये सांस वगैरह नहीं ले सकते ये नॉन लिविंग थिंग्स है और वैसे ही अगर बात करें बायोटिक कंपोनेंट के एग्जांपल्स की तो प्लांट एनिमल ये किसके एग्जांपल है बायोटिक कंपोनेंट के एग्जांपल है अब बात करते हैं इसके टाइप्स की तो एनवायरमेंट तीन तरह का होता है एक होता है नेचुरल एनवायरमेंट एक होता है ह्यूमन एनवायरमेंट एक होता है ह्यूमन मेड एनवायरमेंट तो हमने तीन तरह के एनवायरमेंट पढ़ने हैं एक नेचुरल ह्यूमन एंड ह्यूमन मेड नेचुरल को हम क्या कहते हैं फिजिकल एनवायरमेंट भी कहते हैं ठीक है नेचुरल का दूसरा नाम क्या होता है फिजिकल एनवायरमेंट होता है कभी-कभी क्वेश्चंस पूछ लेते हैं पेपर में फिजिकल एनवायरमेंट क्या है और बच्चा समझ नहीं पाता कि फिजिकल एनवायरमेंट था क्या तो जितने भी नेचुरल एनवायरमेंट जो नेचर ने हमें दिए हैं जो गॉड गिफ्टेड है जो हमारी प्राकृति है जो नेचुरल चीजें हैं वही हमारा क्या है नेचुरल एनवायरमेंट होता है और ह्यूमन मेड जो ह्यूमन ने बनाया है जैसे ह्यूमन ने क्या बनाया है सिटीज बनाई है टाउंस बनाई है इंडस्ट्रीज बनाई है जो ह्यूमन ने अपने हाथों से खुद बनाया है उस एनवायरमेंट को हम क्या कहते हैं ह्यूमन मेड एनवायरमेंट कहते हैं अब बचता है ह्यूमन एनवायरमेंट क्या होता है तो ह्यूमन एनवायरमेंट वो एनवायरमेंट होता है जिसको ह्यूमन बीइंग ने ही बनाया है ह्यूमन ने ही क्रिएट करा है बट ये आपस में डिफरेंस कैसे है डिफरेंट इनमें ये है कि ये जो ह्यूमन एनवायरमेंट है ना ये इसने प्राकृतिक की मदद से मिलकर क्रिएट किया है मतलब इसमें प्राकृतिक का भी रोल है नेचुरल एनवायरमेंट का भी रोल है और ह्यूमन का भी रोल है ठीक है जैसे कि और चार्ट्स हो गए पार्क हो गए सेंचुरी हो गई ठीक है ये सारे एग्जांपल्स किसके हैं ह्यूमन एनवायरमेंट के तो आई होप कि आपको टाइप्स समझ में आए होंगे कि हमने तीन टाइप्स पढ़ी हैं ठीक है अब जो नेचुरल नेचुरल एनवायरमेंट होता है ना जो प्राकृति का दिया हुआ एनवायरमेंट है उसमें सारे एबायोटिक एंड बायोटिक कंपोनेंट्स आते हैं ठीक है एबायोटिक मतलब जितनी भी नॉन लिविंग थिंग्स है पेड़-पौधे ये सारी चीजें जो प्राकृति ने हमें दी है बायोटिक जैसे जीव जंतु बनाए हैं है ना तो ये सारे क्या है नेचुरल एनवायरमेंट है चलिए अब बात करते हैं ये जो पेड़ वगैरह थे पेड़ जो वगैरह थे ये किसने बनाया है प्राकृति ने ही तो बनाया है तो ये बायोटिक में आते हैं अब बात करते हैं कि एनवायरमेंट हमारे लिए इतना जरूरी क्यों है आखिर हम एनवायरमेंट के बारे में पढ़ क्यों रहे हैं तो जैसा कि अभी हमने बात की थी हमारे आसपास की सारी चीजें जितनी भी है वो हमारा एनवायरमेंट है तो हमें हमारे एनवायरमेंट से क्या मिलते हैं हमारे रिसोर्सेस मिलते हैं जितनी भी चीजें आज की डेट में हम यूज कर सते हैं चाहे पेट्रोल हो गया कॉइल हो गए जितनी भी रिसोर्सेस है हमारे जितने भी संसाधन है हम जिनका भी रिसोर्सेस का यूज कर रहे हैं डायमंड यूज कर रहे हैं गोल्ड के नेकलेस पहन रहे हैं वो सारा हमरे कहां से मिल रहा है हमें एनवायरमेंट से ही तो मिल रहा है ये सारे रिसोर्सेस कहां से आ रहे हैं एनवायरमेंट से आ रहे हैं ठीक है हमें ऑक्सीजन मिलता है ऑक्सीजन कैसे मिलता है हमें ऑक्सीजन पेड़ देते हैं और पेड़ कहां पे है एनवायरमेंट के अंदर है ठीक है तो एनवायरमेंट क्या कर रहा है हमें ऑक्सीजन भी प्रोवाइड कर रहा है और एनवायरमेंट क्या करता है हमारे बेस को जो भी हमारा वेस्ट है जो भी डेड बॉडीज हैं प्लांट्स की हो या सूखे पत्ते हो या फिर किसी एनिमल की हो उसको क्या करता है डी कंपोजिशन करता है छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ के उस वेस्ट को खत्म करता है ठीक है इसके बारे में हम डिटेल में आगे पढ़ेंगे बस आप इतना समझ लीजिए एनवायरमेंट हमारे वेस्ट को भी तो खत्म कर रहा है डीकंपोज कर रहा है उसको एनवायरमेंट क्या करता है सारी लाइफ सिस्टम को सस्टेन रखता है बहुत सारे ऑर्गेनिस्ट मस के जो घर होते हैं वो कहां पर होते हैं एनवायरमेंट में होते हैं ठीक है एनवायरमेंट में जैसे फ फॉरेस्ट वगैरह समझ लो फॉरेस्ट वगैरह में उनके आवास है उनके घर है जो जीव जंतु रहते हैं वो कहां पे रहते हैं एनवायरमेंट में ही तो रहते हैं तो ये बहुत सारी लाइफ को क्या कर रहा है सस्टेन कर रखा है हम हम भी जितने भी हमें एसेंशियल एलिमेंट्स की जरूरत है जिनको हमारे जीवन के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है जिनकी मदद से हम जिंदा रह सकते हैं वो कहां से मिलते हैं एनवायरमेंट से मिलते हैं तो एनवायरमेंट क्या कर रहा है हमारी लाइफ को सस्टेन करके रखा हुआ है ठीक है अब मैंने लास्ट पॉइंट लिखा है कि ये बहुत ज्यादा एसेंशियल एलिमेंट भी प्रोवाइड करता है जैसे कि सन सोइल एयर ये सब किसकी देन है एनवायरमेंट की देन है तो हमें समझ में आ गया एनवायरमेंट हमारे लिए कितना जरूरी है हम कितने ज्यादा अटैच हैं एनवायरमेंट से अगर एनवायरमेंट नहीं होगा तो हमें रिसोर्सेस ऑक्सीजन या हमारा वेस्ट डीकंपोजिशन नहीं हो पाएगा हमारी लाइफ नहीं बनी रहेगी और हमारे जो जरूरी एलिमेंट है वो भी हमें नहीं मिलेंगे तो एनवायरमेंट बहुत ज्यादा जरूरी है ठीक है अब बात करते हैं ह्यूमन एनवायरमेंट रिलेशनशिप की तो इस टॉपिक में ये पढ़ना है हमें कि ह्यूमन का एनवायरमेंट के साथ क्या रिलेशन है अभी हमने एनवायरमेंट के इंपॉर्टेंस पढ़े ना आपने समझा ना कितनी गंदी तरह से एक ह्यूमन एनवायरमेंट पे अपनी चीजों के लिए डिपेंड है तो कहीं ना कहीं इंटररिलेशन में रिलेशनशिप में ये बोला गया है कि ह्यूमन और नेचर दोनों ही आपस में एक दूसरे पर निर्भर है अगर नेचर नहीं है तो हम नहीं है और हम नहीं है तो नेचर नहीं है हम एक दूसरे पे पूरी तरह से डिपेंड हैं हमारी जितनी भी जरूरत की चीजें होती है वो हमें नेचर से मिलती है एनवायरमेंट से मिलती है और एनवायरमेंट को एनवायरमेंट जैसे बन रहा है उसको सपोज कि मैंने एक पेड़ लगाया पेड़ लगाया उसमें पानी वानी देने का काम मैं कर रही हूं तो कहीं ना कहीं नेचर भी हमारे ऊपर डिपेंड है ठीक है अब बात करते हैं कि पहले के समय में कैसा ह्यूमन और एनवायरमेंट का रिलेशनशिप था और अब के समय में कैसा है तो देखो पहले के समय में ना हम नेचर को पूछते थे हम उसे भगवान मानते थे ठीक है हम देखो आदिवासी वगैरह हर चीज एनवायरमेंट से करते थे वो यहां तक कि अपने शरीर को ढकने का काम भी पत्तों से करते थे वो पत्तों के कपड़े पहनते थे उस समय हम नेचर की बहुत ज्यादा केयर करते थे उसको सुरक्षित रखते थे उसकी बहुत करते थे उसे पोल्यूटर थे बट आज की डेट में जैसे-जैसे हम टेक्नोलॉजी के साथ आगे बढ़ते जा रहे हैं जितनी हम एडवांस होते जा रहे हैं इंटेलिजेंट होते जा रहे हैं उतना ही ज्यादा हम अपनी एनवायरमेंट के साथ अपने नेचर के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और उसको पोल्यूटर जा रहे हैं उसको हार्म करते जा रहे हैं और इसका सबसे बड़ा एग्जांपल अभी एसी का है इतनी गर्मी किसलिए हो रही है हमारे एनवायरमेंट में एसी की वजह से हो रही है हम क्या कर रहे हैं दिन प्रतिदिन एसी को खरीदते जा रहे हैं खरीदते जा रहे हैं और अपने एनवायरमेंट को इस एडवांस टेक्नोलॉजी के कारण करते जा रहे हैं करते जा रहे हैं करते जा रहे हैं और इससे क्या हो रहा है पूरा एनवायरमेंट तबाह हो रहा है आज की डेट में ह्यूमन इतना ज्यादा इंटेलिजेंट हो गया है कि वो क्या कर रहा है अपनी ही प्राकृति अपनी ही मां धरती मां को नुकसान पहुंचाते जा रहा है तो अब का रिलेशन हमारा ऐसा हो गया है नेचर के साथ आज की डेट में हम नेचर को कुछ नहीं मान रहे हैं हम सब चीज किसको मान रहे हैं एडवांसमेंट ऑफ टेक्नोलॉजी को ठीक है तो ये बिल्कुल गलत है और इसमें जो ह्यूमन एनवायरमेंट रिलेशनशिप में इसमें हमें तीन अप्रोच दी गई पढ़ने के लिए एक है डिटरमिनिज्म एक है पॉसिबिलिस्म और एक है एनवायरमेंटलिज्म ठीक है तो तीन अप्रोचेबल बात करते हैं डिटरमिनिज्म की एक व्यक्ति थे फेडरेट डसेल नाम के एक व्यक्ति थे जो कौन थे जर्मन के ज्योग्राफर थे ठीक है क्या थे ये जर्मन के ज्योग्राफर थे फेडर रेड सेल इन्होंने क्या किया एक थ्योरी डेवलप करी उस थ्योरी में बताया गया उस अप्रोच में बताया गया जिसका अप्रोच का नाम क्या था टर मिल्स इसमें बताया गया था कि हमारा जो नेचर है ना नेचर कंट्रोल कर रहा है ह्यूमन को पहले के समय की बात है ये कि जो नेचर है वो कंट्रोल कर रहा है ह्यूमन को ह्यूमन कैसे चल रहा है नेचर के अकॉर्डिंग चल रहा है क्योंकि ह्यूमन नेचर पे पहले बहुत ज्यादा डिपेंड रहता था तो इसमें बोला गया था इस थ्योरी में बोला गया था कि जो नेचर है ना वो ह्यूमन को बहुत ज्यादा बुरी तरीके से कंट्रोल किए हुए हैं जर्मन के ज्योग्राफर ने यही बात बोली है कि हमारा जो नेचर है वो किसको कंट्रोल करता है ह्यूमन को कंट्रोल करता है ह्यूमन अपने सारे काम नेचर से कर रहा है नेचर ने बुरी तरह से ह्यूमन को पकड़ रखा है बट जो नेक्स्ट थ्योरी आई थी पॉसिबिलिस्म की इस थ्योरी को देने वाले कौन थे फ्रेंच हिस्टोरियन थे जिनका नाम था लुसिन फैब्रे ठीक है इन्होंने क्या बोला था इन्होंने जो थ्योरी दी है वो बिल्कुल ही अपोजिट थी किसके डिटरमिनिज्म के अब इस थ्योरी में बोला गया कि आज की डेट में इतना ज्यादा एडवांसमेंट हो गई है टेक्नोलॉजी हम टेक्नोलॉजी के साथ इतना ज्यादा आगे बढ़ चुके हैं कि आज की डेट में नेचर डोमिनेट हो रहा है और यह कहीं ना कहीं हकीकत है आप देख रहे हो ना हम किस तरीके से नेचर को पोल्यूटर जा रहे हैं हार्म करते जा रहे हैं कभी कोई सेफ बॉर्डर पे पोचर बना रहा है सेव नेचर पे बना रहा है कितने सारे पोचर बनाने के लिए हम दूसरों को समझाने के लिए यह बता रहे हैं कि हम कितना ज्यादा प्राकृति को हाम कर रहे हैं तो आज की डेट में मैन ने अपनी इंटेलिजेंस से इतनी ज्यादा इंटेलिजेंस लगा दी है कि अपनी वो जरूरतों को किससे पूरा करने लग गया टेक्नोलॉजी से अब वो सोचता है कि मेरी जो ज जरूरतें हैं मेरी जो वांट्स है मेरी जो नीड्स है वो भाई मैं टेक्नोलॉजी से पूरी कर लूंगा ठीक है वो अपनी नीड्स के अकॉर्डिंग नेचर को बदलना चाहता है नेचर के साथ वो खिलवाड़ कर रहा है तो यही बोला गया था पॉसिबिलिस्म थ्योरी में जो बिल्कुल किसके अपोजिट थी डिटरमिनिज्म के तो इसमें अगर डिफरेंस आता है तो आप लिख लेना कि क्या हो रहा है ठीक है और एग्जांपल जैसे अभी हमें पोर्ट्स की जरूरत है तो ह्यूमन ने टेक्नोलॉजी का यूज करते हु पोर्ट्स बना दिए होटल्स बना दिए सेटेलाइट्स बना दिए स्पेस में आज की डेट में टेक्नोलॉजी के साथ चल रहा है ह्यूमन और नेचर को पूरी तरह से बदलना चाहता है उसको डोमिनेट कर रखा है उसको हार्म करते जा रहा है ठीक है अब बात करते हैं एनवायरमेंटलिस्ट की तो ये जो कांसेप्ट है ये इकोलॉजिकल के प्रिंसिपल पर बेस्ड है किसके प्रिंसिपल पर बेस्ड है इकोलॉजिकल के प्रिंसिपल पर ठीक है ये बोलता है कि ये वाली जो थ्योरी थी और ये वाली जो अप्रोच थी ना ये वाली जो अप्रोच है यह बोलती है कि ह्यूमन बीइंग जो है ना वो इंटिगर पार्ट है नेचर का ये सस्टेनेबल डेवलपमेंट को रिफ्लेक्ट करती है अभी आगे पढ़ेंगे सस्टेनेबल डेवलपमेंट क्या होती है बस इस थ्योरी के अंदर आपको इतना समझना है कि ये अप्रोच कहती है कि हमारे पास जो रिसोर्सेस है ना वो लिमिटेड है हमें अपने रिसोर्सेस का अपने एनवायरमेंट का अपने नेचर का बहुत वाइज तरीके से यूज़ करना चाहिए बहुत समझदारी के साथ यूज़ करना चाहिए ये थ्योरी बस इतना ही कहती है ये कहती है कि डेवलपमेंट करो सस्टेनेबल डेवलपमेंट करो ठीक है अभी पूरा टॉपिक क्या है सस्टेनेबल डेवलपमेंट समझ में आ जाएगा तो आपको समझ में आ जाएगा ये ये कहीं ना कहीं रिफ्लेक्ट कर रहा है किसके कांसेप्ट को सस्टेनेबल डेवलपमेंट के कांसेप्ट को रिफ्लेक्ट कर रहा है ठीक है बस इसमें यही बोला गया है कि अपने एनवायरमेंट को बचाओ उसको अच्छे से यूज करो अपनी समझदारी से यूज करो ठीक है क्योंकि ह्यूमन किसका पार्ट है नेचर का ही पार्ट है तो उसे सही से सारे रिसोर्सेस को अच्छे से यूज करना चाहिए अब बढ़ते हैं आगे सस्टेनेबिलिटी और सस्टेनेबल डेवलपमेंट किसे कहते हैं सस्टेनेबिलिटी मतलब कि जब हम एक प्रोसेस को एक प्रोसेस को जो भी प्रोसेस हो रहा है उसको सपोर्ट कर रहे हैं उस वर्ड का मतलब क्या होता है सस्टेनेबिलिटी होता है मतलब किसी भी चीज को मेंटेन करने की एबिलिटी किसी भी चीज को मेंटेन करने की एबिलिटी या किसी भी प्रोसेस को सपोर्ट करना ठीक है ये होता है सस्टेनेबिलिटी अब बात करते हैं सस्टेनेबल डेवलपमेंट की अभी आपको उतना समझ में नहीं आया होगा सस्टेनेबिलिटी या सस्टेनेबल डेवलपमेंट क्या है अभी आपको एक मिनट के अंदर समझ में आ जाएगा कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट किसे कहते हैं सस्टेनेबल डेवलपमेंट का मतलब होता है कि जो भी हमारे पास रिसोर्सेस हैं आज की जनरेशन के पास जो भी रिसोर्सेस है वाटर लैंड एयर वो उनका इतनी समझदारी के साथ यूज करें ना तो वो कॉम्प्रोमाइज करें ठीक है ना ही आने वाली फ्यूचर जो जनरेशन है जो आजकल के बच्चे हैं वो इस तरीके से रिसोर्सेस का यूज करें कि जो आने वाली जनरेशन है आज जो फ्यूचर में जनरेशन आएगी ना तो उनकी नीड्स के साथ कोई भी कॉम्प्रोमाइज हो ना ही आपकी नीड्स के साथ कोई भी कॉम्प्रोमाइज हो मतलब इस तरीके से डेवलपमेंट होनी चाहिए इस तरीके से हमें टेक्नोलॉजी के साथ आगे बढ़ना है कि आप जितने भी रिसोर्सेस का यूज कर रहे हो वो आपकी नीड्स को पूरा करे ही करे और साथ में आने वाली जनरेशन का भी करें अब आपको समझ नहीं आया बट इसका एग्जांपल ये है कि पानी को तरीके से यूज करो जितना आपको जरूरत है उतना आप यूज करो लेकिन वेस्ट भी मत करो ठीक है वेस्ट करोगे तो फ्यूचर की जनरेशन की नीड्स पूरी नहीं हो पाएंगी और कहीं ना कहीं आप कंप्रोमाइज भी मत करो भाई आप अपने अच्छे तरीके से जो भी आपका यूज है उतना करो ठीक है तो यही होती है डेवलपमेंट सस्टेनेबल डेवलपमेंट मतलब ऐसी डेवलपमेंट जिसमें हम प्रेजेंट की जनरेशन का भी ध्यान रखेंगे और फ्यूचर में जो जनरेशन है उसका भी ध्यान रखेंगे दोनों की नीड्स पूरी होनी चाहिए ठीक है अब सस्टेनेबल डेवलपमेंट का जो कांसेप्ट है वो इंटरनेशनल और नेशनल लोकल लेवल हर जगह क्या कर लिया गया है एक्सेप्ट कर लिया गया है जो सस्टेनेबल डेवलपमेंट का कांसेप्ट है वो हर जगह एक्सेप्ट कर लिया गया है चाहे वो इंटरनेशनल लेवल पे हो नेशनल लेवल पे हो लोकल लेवल पे हो क्योंकि ये वाली डेवलपमेंट जरूरी हो गई है जिस तरीके से आजकल हम एनवायरमेंट के साथ कर रहे हैं ना तो ये डेवलपमेंट बहुत ज्यादा जरूरी हो गई है कि अपनी जो प्रेजेंट जनरेशन है उसकी नीड को इस तरीके से पूरा करें ताकि उनके साथ भी कोई कंप्रोमाइज ना हो और फ्यूचर की जनरेशन की भी नीड्स पूरी हो सके ठीक है और सस्टेनेबल ट डेवलप डेवलपमेंट है ना वो डिफरेंट हो सकती है डिफरेंट पीपल के लिए ठीक है डिफरेंट पीपल के लिए वो डिफरेंट हो सकती है किसी के लिए कुछ डेवलपमेंट है जैसे कि एक पर्सन के लिए कार लेना डेवलपमेंट होगी तो एक पर्सन के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना तो ठीक है सस्टेनेबल डेवलपमेंट का मतलब अलग-अलग पर्सन के लिए अलग-अलग हो सकता है अब बात करते हैं इसके इंपॉर्टेंस की तो सिंपल सी बात है ऐसी डेवलपमेंट कर रहे हैं हम जहां पर जितनी भी वेस्ट है उसको हम खत्म कर रहे हैं बोला था ना कि पानी को इस तरीके से यूज करना है कि आपकी नीड्स पूरी हो लेकिन आप वेस्ट ना करो उस पानी को वो बचा रहे किसके लिए फ्यूचर जनरेशन के लिए तो इससे क्या होता है सस्टेनेबल डेवलपमेंट का पहला ही इंपॉर्टेंस यह कहता है कि हमारा जितना भी वेस्ट है वो क्या होता है रिड्यूस होता है जितनी भी हम चीजें रिसोर्सेस वेस्ट कर रहे हैं उसको सस्टेनेबल जो डेवलपमेंट है वो क्या करता है कम करता है ठीक है पहला समझ में आ गया दूसरा कि हम वाटर को वाटर के यूज को क्या बना सकते हैं सस्टेनेबल बना सकते हैं हम वाटर को प्रोटेक्ट करके रखवा सकते हैं आने वाली जनरेशन के लिए अगर उसको हम अच्छी तरीके से और सही तरीके से यूज करते हैं तो हम क्या कर सकते हैं फॉरेस्ट को भी प्रोटेक्ट कर सकते हैं और क्योंकि फॉरेस्ट में देखो बहुत सारे लोगों के हैबिटेट होते हैं बहुत अलग-अलग ऑर्गेनिस्ट मस के अलग-अलग हैबिटेट होते हैं वहां पे कितनी तरह की स्पीशीज रहती है तो अगर हम फॉरेस्ट को काटते जाएंगे और आगे बढ़ते जाएंगे अपने घर बनाते जाएंगे तो ऐसे कैसे चलेगा कितने लोगों के घर तो उझड़ रहे हैं ना तो इस तरीके से डेवलपमेंट हो ताकि हम क्या कर सके प्रेजेंट की नीड को भी और फ्यूचर की नीड को भी पूरा कर सके अपने प्रोडक्ट फॉरेस्ट को प्रोटेक्ट भी कर सके और सोइल इरोजन का मतलब कि जो भी हम यह जो सोइल इरोजन है ये आगे हम कांसेप्ट समझेंगे बस यहां पे इतना समझ लीजिए कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट जो है ना वो सोइल इरोजन को भी रिड्यूस करता है आप समझ लो कि एक अच्छी सी डेवलपमेंट हो रही है एक अच्छी डेवलपमेंट हो रही है तो उसके क्या-क्या फायदे है वो आप पेपर में खुद ही लिख सकते हो ठीक है चलिए तो अब आगे बढ़ते हैं देखो ये जो इमेज है ना इसमें मैंने सिर्फ इतना ही बताया था कि मतलब इस तरीके से हमें अपने रिसोर्सेस का यूज करना है इस तरीके से अपनी पृथ्वी को अपने रिसोर्सेस को संभाल के रखना है की आने वाली जो जनरेशन है जो फ्यूचर जनरेशन है वो भी अपनी नीड्स एंड वांट्स को पूरी कर सके उसकी भी नीड्स एंड वांट्स के साथ कोई भी कॉम्प्रोमाइज ना हो ठीक है चलिए तो आगे बढ़ते हैं आगे कहता है एनवायरमेंटल स्टडी क्या है जिस सब्जेक्ट को हम पढ़ रहे हैं वो क्या है एनवायरमेंटल स्टडीज जो है ना एक ऐसी ब्रांच ऑफ स्टडी है एक ऐसी ब्रांच ऑफ स्टडी है जिसमें हम किसके बारे में डील करते हैं एनवायरमेंट के बारे में डील करते हैं अभी हम जितने भी टॉपिक पढ़ रहे हैं वो सारे एनवायरमेंट के बारे में तो पढ़ रहे हैं ना है ना तो ये एनवायरमेंट के बारे में हमें सब कुछ बताता है इसमें एनवायरमेंट की इंपॉर्टेंस कि एनवायरमेंट कितना जरूरी है उसकी प्रोटेक्शन उसको कंजर्व करके रखना यही सारी चीजें होती हैं ठीक है आज के टाइम में हमने एनवायरमेंट से रिलेटेड इतने सारे इश्यूज क्रिएट कर दिए हैं कि इस सब्जेक्ट को पढ़ना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है जब तक हम उसकी इंपॉर्टेंस और उसकी कदर नहीं समझेंगे तो उसे बर्बाद होने से रोकेंगे कैसे ठीक है तो और ये जो एनवायरमेंटल स्टडी है ना वो बहुत सारे सब्जेक्ट के से मिलकर बनी है इसमें हम ज्योग्राफी भी पढ़ते हैं हिस्ट्री भी पढ़ते हैं बायो भी पढ़ते हैं बहुत सारी लाइव्स के बारे में पढ़ते हैं पॉलिटिकल लीगल एंड बहुत सारे एस्पेक्ट्स पढ़ते हैं तो यह बहुत सारा बहुत सारे सब्जेक्ट का मिक्सचर है ठीक है तो वाइड कांसेप्ट है ये बहुत ज्यादा वाइड कांसेप्ट है बहुत सारी चीजों के साथ ये डील करता है इकोनॉमिक बायोलॉजी सोशल कल्चर पॉलिटिकल लीगल ठीक है अब बात करते हैं इसके इंपॉर्टेंस की कि एनवायरमेंट स्टडी क्यों जरूरी है हम क्यों पढ़ रहे हैं इस बुक को क्योंकि ये हमें इंफॉर्मेशन देगी किसके रिगार्डिंग एनवायरमेंट के रिगार्डिंग पहला इंपोर्टेंस तो यही हो गया क्यों जरूरी है एमेंटल स्टडी क्योंकि य सस्टेनेबल डेवलपमेंट को अचीव करवाने में मदद करवाएगी जब तक हम यह नहीं समझेंगे कि हम अपने एनवायरमेंट के साथ कर क्या रहे तो उसे हम सेव कैसे करेंगे तो यह क्या करती है सस्टेनेबल डेवलपमेंट को अचीव करवाने में मदद करती है यह क्या करती है एनवायरमेंट के रिगार्डिंग पीपल को क्या करती है एजुकेट करती है अगला जो है वह है यह इंप्रूव करती है मेरा गला सूख गया है अगला जो है इंप्रूव्स क्वालिटी ऑफ लाइफ य जो की लाइफ है ना उसको भी इंप्रूव करती है कैसे जब हम अपने एनवायरमेंट के बारे में समझेंगे उसकी कदर को जानेंगे सारी चीजें सही करेंगे उसको हार्म कम करेंगे पोल्यूटेंट मेेली एयर की क्वालिटी के साथ-साथ लाइफ की क्वालिटी भी तो इंप्रूव हो जाएगी ना चलिए अब नेक्स्ट है कि इसका एम क्या है एनवायरमेंटल स्टडी का एम है जो जितने भी हमारे अ आसपास बायोडायवर्सिटी है जितने भी जीवन संभव है जितनी भी लाइफ है जितनी भी डाइवर्सिटी मौजूद है उनको क्या करना प्रोटेक्ट रखना क्योंकि इंसान क्या करता जा रहा है अपने लालच में इतना अंधा हो गया कि सब चीज बर्बाद करते जा रहा है तो इसलिए एनवायरमेंटल स्टडी का जो एम है बायोडायवर्सिटी को प्रोटेक्ट करना भी है चलिए अब बात करते हैं इकोसिस्टम की तो इकोसिस्टम है क्या एक पर्सन थे जिनका नाम क्या था एक पर्सन थे जिनका नाम था एजी ैंसले ठीक है इन्होंने 1935 में इनको क्या सोझी इन्होंने सोचा आगे चलके बच्चों को फ्री कैसे बैठने दूंगा इनको भी तो कुछ पढ़ना पड़ेगा ना मेरा नाम कैसे जानेंगे तो इन्होंने क्या कर दिया इकोसिस्टम इंट्रोड्यूस कर दिया इन्होंने कहा कि बच्चे मुझे भी तो जाने मेरा नाम है एजी तांसले और मैंने ही इकोसिस्टम बनाया था किसम 1935 में ठीक है इतना समझ में आया अब बात करते हैं इकोसिस्टम होता क्या है तो देखो मैं एक एग्जांपल के थ्रू आपको समझाती हूं कि यह था हमारा एनवायरमेंट पूरा जिसमें बहुत सारी चीजें थी हमारे आसपास जितनी भी चीजें थी वो एनवायरमेंट था तो यहां पे क्या हुआ सारी लिविंग थिंग्स थी जैसे कि देखो ये लिविंग है ये लिविंग है ये लिविंग है ये लिविंग है और और यहां पे कुछ नॉन लिविंग थिंग्स भी है जैसे ये ये ये ठीक है कुछ नॉन लिविंग थिंग्स भी थी तो अब क्या हुआ लिविंग थिंग्स का नॉन लिविंग थिंग्स के साथ इंटरेक्शन हुआ इसी इंटरेक्शन ने क्या फॉर्म किया इकोसिस्टम फॉर्म किया मैं क्या कह रही हूं मैं ये कह रही हूं कि खरगोश को लगी बहुत तेज की प्यास अब उसने क्या किया कि मेरे सामने तो एक पानी है मैं पी लेता हूं तो इसने क्या किया इसको प्यास लगने पर इसने पानी प पी लिया तो इसने एक लिविंग थिंग ने नॉन लिविंग थिंग वाटर क्या है नॉन लिविंग कंपोनेंट है ना इनके साथ क्या किया इंटरेक्शन किया आपस में जब इन्होंने कुछ फंक्शंस परफॉर्म किए प्रोसेस किए इंटरेक्शन किया एक लिविंग थिंग का लॉन लिविंग थिंग के साथ तो इसने क्या फॉर्म किया इकोसिस्टम फॉर्म किया इसे ही क्या बोलते हैं इकोसिस्टम बोलते हैं समझ में आया इकोसिस्टम क्या है इकोसिस्टम एक ऐसी कम्युनिटी है इकोसिस्टम क्या है एक ऐसी कम्युनिटी है किसकी लिविंग ऑर्गेनिस्ट मस की लिविंग ऑर्गेनिस्ट मस कौन होते हैं जितनी भी बायोटिक चीजें हैं एक पर्टिकुलर एरिया में जितनी भी लिविंग ऑर्गेनिस्ट मस की कम्युनिटी है वो नॉन लिविंग ऑर्गेनिस्ट म के साथ क्या करते हैं इंटरेक्ट करते हैं ठीक है और कुछ फंक्शंस परफॉर्म करते हैं उसे ही क्या बोलते हैं हम इकोसिस्टम बोलते हैं ठीक है जैसे कि अभी हमने एग्जांपल्स के थ्रू समझा कि इकोसिस्टम इज अ कम्युनिटी ऑफ लिविंग ऑर्गेनिस्ट म इन अ पर्टिकुलर एरिया व्हिच इंटरेक्ट विद नॉन लिविंग ऑर्गेनिस्ट म बहुत आसान था ना अब ये जो इकोसिस्टम है ये सेल्फ रेगुलेटेड होता है मतलब इसको चलाने वाला बनाने वाला कोई नहीं है ये खुद ही एक नॉन लिविंग लिविंग के साथ जो इंटरेक्शन करते हैं वो खुद से ही कर रहे हैं खुद पे ही इनका कंट्रोल है इसको कंट्रोल करने वाला भी कोई नहीं है तो इसको चलाने वाले ये खुद हैं तो ये क्या है इकोसिस्टम सेल्फ रेगुलेटेड है ठीक है एग्जांपल के लिए मैंने वही चीज बनाई थी एक बर्ड थी एक बर्ड को प्यास लगी उसने पंड में से पानी पी लिया तो एक लिविंग के साथ नॉन लिविंग का जो इंटरेक्शन हुआ उसने क्या बना दिया इकोसिस्टम बना दिया बस इसी को बोलते हैं इकोसिस्टम अब बात करते हैं उसके फीचर की तो फीचर्स दो तरह के होते हैं एक स्ट्रक्चरल फीचर और एक होता है फंक्शनल फीचर देखो स्ट्रक्चर जैसे कि नाम से ही समझ में आ रहा है कुछ स्ट्रक्चर की बात हो रही है कुछ बन रहा है कुछ फॉर्म हो रहा है स्ट्रक्चर ठीक है तो इकोसिस्टम में जितने भी एलिमेंट्स हैं जो इकोसिस्टम बना रहे हैं वो होते हैं स्ट्रक्चरल फीचर्स ठीक है फंक्शनल फीचर जैसे नाम से ही समझ में आ र है वो कुछ फंक्शन कर रहे हैं तो वो सारे प्रोसेसेस वो सारे इंटरेक्शन जो कि एक ऑर्गेनिस्ट मस परफॉर्म कर रहे हैं उन्हीं प्रोसेस को कौन से फीचर्स बोलेंगे हम फंक्शनल फीचर बोलेंगे किसके इकोसिस्टम के समझ में आ गया दोनों समझ में आ गए स्ट्रक्चर मतलब वो सारे एलिमेंट जो इकोसिस्टम बना रहे हैं और फंक्शनल फीचर मतलब वो सारे प्रोसेस वो सारे इंटरेक्शन जो एक ऑर्गेनिस्ट म परफॉर्म कर रहे हैं ठीक है अब बात करते हैं एग्जांपल्स की तो एग्जांपल्स में देखो अभी हमने बात की स्ट्रक्चरल फीचर्स में तो स्ट्रक्चर जो स्ट्रक्चर बना रहे हैं इकोसिस्टम बना रहे हैं वो कौन है बायोटिक और एबायोटिक कंपोनेंट है ठीक है अब बात कर लेते हैं फंक्शनल फीचर की तो फंक्शन कुछ फंक्शन परफॉर्म कर रहे हैं तो सोचो फंक्शंस मतलब फूड चेन चल रही होगी वो आपस में एक दूसरे को खा रहे हो होंगे पी रहे होंगे यही सारा तो इंटरेक्शन है ठीक है यही सारी तो फंक्शंस है तो इसका एग्जांपल क्या है फूड चेंस एंड एनर्जी साइकल अब बात करते हैं इकोसिस्टम के साइज की तो इकोसिस्टम का कोई भी साइज डिसाइड नहीं है इकोसिस्टम छोटे से छोटा हो सकता है और बड़े से बड़ा हो सकता है इतनी बड़ी पृथ्वी है हमारे आसपास का इतना बड़ा नजारा भी हम आप सब समझिए कि बीच के पास खड़े होकर आप बहुत दूर डूबते हुए सनसेट को देख रहे हैं तो इतना बड़ा आपके पास इको सिस्टम है और वहीं दूसरी तरफ आपके अगर हाथ पे चोट लग जाती है और आप उस घाव को देखोगे तो वहां पे कुछ बैक्टीरिया या फिर कुछ भी माइक्रो ऑर्गेनिस्ट म उसको क्या कर रहे होंगे खराब कर रहे होंगे तो वो इतनी सी चीज भी जो हमारे हाथ पे लगी है इतनी सी खरोच या चोट भी वो भी इकोसिस्टम है क्योंकि वहां पे भी कुछ इंटरेक्शन हो रहा है और इतना बड़ा डूबता हुआ सूरज भी इकोसिस्टम है तो इकोसिस्टम का कोई भी साइज डिसाइड नहीं है ये कि बड़े से बड़ा और छोटे से छोटा हो सकता है अब बात करते हैं हम सबसे बड़े इकोसिस्टम की जिसको हम बोलते हैं बायोस्फीयर बायोस्फीयर क्या होता है और बायोस्फीयर क्या होता है इसको हम एक पिक्चर्स के थ्रू समझ हैं कि बायोस्फीयर क्या है तो देखो इस पिक्चर में आपको तीन चार टर्म दिखाई दे रही है ठीक है बायोस्फीयर क्या है बायोस्फीयर का मतलब होता है वेयर लाइफ एक्सिस्ट जहां पर लाइफ एजिस्ट करती है देखो एक सपोज करो कि एक पृथ्वी है ये पृथ्वी है ठीक है अब पृथ्वी के हम ऊपर रहते हैं ये हमारी बिल्डिंग्स बनी हुई है ठीक है पृथ्वी के ऊपर चाहे अंदर पृथ्वी के ऊपर या चाहे अंदर जितने भी एरिया में लाइफ एजिस्ट करेगी जितने भी ऑर्गेनिस्ट मस रह सकते हैं जिंदा सांस ले सकते हैं जितने भी एरिए में वो पार्ट हमारा क्या कहलाएगा बायोस्फीयर कहलाएगा बायोस्फीयर समझ में आया जहां पर भी लाइफ एजिस्ट करती है उसे ही हम बायोस्फीयर बोलते हैं अब चाहे वो पृथ्वी के अंदर चले जाओ पृथ्वी के ऊपर चले जाओ जहां तक भी हम सांस ले सकते हैं जिंदा रह सकते हैं जहां पे भी लाइफ एजिस्ट करेगी वो उतना पार्ट क्या होगा उतना पार्ट क्या होगा बायोस्फीयर होगा तो बायोस्फीयर आपको समझ में आ गया अब इसमें कुछ टर्म्स और है एक है एटमॉस्फेयर एटमॉस्फेयर क्या होता है ए से आता है एटमॉस्फियर ए से ही आता है एयर तो जितना भी एयर वाला पोर्शन है एयर वाला पार्ट है उसको क्या बोलते हैं हम एटमॉस्फेयर बोलते हैं तो आपको याद रखने का मैं तरीका बताऊंगी उससे पहले हम बात कर लेते हैं हाइड्रोस्फीयर की हाइड्रोस्फीयर किसे कहते हैं हाइड्रोस्फीयर मतलब जितना भी पानी वाला पोर्शन है जहां-जहां पे भी जहां-जहां पे भी आप सपोज कर लिए पानी है ठीक है यहां पे इतनी दूर में पानी था ना ये पानी वाला जो एरिया है उसको क्या बोलेंगे हम हाइड्रोस्फीयर बोल रहे हैं और जितना भी लैंड वाला एरिया है लैंड वाला एरिया है उसको बोलेंगे हम लिथोस्फीयर ठीक है तो आपको ये कुछ टर्म समझ में आ गई मैं याद करने की टेक्निक बताती हूं आपको देखो मैंने यहां पे लिखा क्या है बायोस्फीयर जो है ना वो बहुत बड़ा पार्ट होता है हमारी अर्थ का जहां पर जो लाइफ है एजिस्ट करती है हम इसको इकोस्फीयर भी बोलते हैं अगर कहीं पे इकोस्फीयर टर्म लिखी हुई आ जाए तो आपको कंफ्यूज नहीं होना है आपको बायोस्फीयर वाली सारी चीजें लिख देनी है अब लिथोस्फीयर मैंने बताया था जहां पे भी जितना भी पार्ट लैंड का है उसको हम बोलते हैं लिथोस्फीयर हाइड्रोस्फीयर मतलब जितना भी पार्ट पानी का है उसको बोलेंगे हाइड्रो और जितना भी पार्ट एयर का है उसको बोलेंगे एटमॉस्फेयर अब याद रखने की चीज देखो एल से ही लिथो स्पेयर स्टार्ट हो रहा है और एल से ही लैंड स्टार्ट हो रहा है हाइड्रो मतलब h2o पानी को बोलते हैं ना हम h2o तो वाटर को भी पानी बोलते हैं तो याद रखना h से आता है वाटर ठीक है ए से आता है एटमॉस्फियर और ए से ही आता है एयर ये आपको लिख देना है अगर क्वेश्चन आता है तो अब बात कर लेते हैं कंपोनेंट ऑफ इकोसिस्टम की हमने पढ़ा था एनवायरमेंट के भी कंपोनेंट पढ़े थे और इकोसिस्टम के भी कंपोनेंट यही होते हैं जितना भी एबायोटिक कंपोनेंट्स है और जितने भी बायोटिक कंपोनेंट्स है यही सब मिलकर तो इकोसिस्टम बनाते हैं जब इनमें बीच इंटरेक्शन होती है तब इकोसिस्टम बनता है मैंने बताया था ना तो कंपोनेंट में बस इतना ही कि एबायोटिक कंपोनेंट एंड बायोटिक कंपोनेंट अब एबायोटिक कंपोनेंट में जितने भी नॉन लिविंग पार्ट्स हैं इकोसिस्टम के जितने भी नॉन लिविंग थिंग्स हैं वो सारे पार्ट्स किसमें आ जाएंगे एबायोटिक कंपोनेंट में और बायोटिक कंपोनेंट में आते हैं प्रोड्यूसर्स कंज्यूमर्स एंड डीकंपोजर्स अब ये कौन होते हैं इसके बारे में भी हम बात करेंगे ठीक है तो चलिए बात कर लेते हैं कि ये कौन होते हैं प्रोड्यूसर्स वो होते हैं जो अपने खाने को खुद मैन्युफैक्चर कर रहे हैं जो अपना खाना खुद बना रहे हैं ठीक है उनको हम बोलते हैं प्रोड्यूसर अब आपको याद कैसे रखना है प्रोड्यूसर जो अपना खाने को क्या कर रहे हैं खुद से प्रोड्यूस कर रहे हैं इनका दूसरा नाम देखो ऑटो ट्रॉप्स भी होता है अगर पेपर में ये क्वेश्चंस वगैरह आ जाते हैं और आपको और ज्यादा लेंथी और और ज्यादा बड़ा बनाना है तो इन पॉइंट्स की मदद से आप बहुत इजली बना सकते हो ठीक है जैसे कि जो प्रोड्यूसर होता है उसका दूसरा नाम क्या होता है ऑटोट्रॉफ होता है इसको ही हम क्या लिख सकते हैं दो लाइनों में लिख सकते हैं मैंने तो स्लैश डाल के ऑटो ट्रॉप लिख दिया लेकिन आप इसको लाइन बाय लाइन भी लिख सकते हैं कि इसका जो दूसरा नाम है इट इ आल्सो नोन एज ऑटो ट्रोप्स ठीक है तो ये वो बायोटिक मेंबर होते हैं जो अपना खाना खुद बनाते हैं और अपना खाना खुद कौन बनाता है प्लांट्स बनाते हैं ना जब वो सूरज की रोशनी से ये सारे जितने भी मैटर्स होते हैं इन सबसे फोटोसिंथेसिस प्रोसेस के द्वारा वो अपना खाना खुद बनाते हैं तो जितना भी जो भी बायोटिक मेंबर अपना खाना खुद बनाते हैं उन्हें प्रोड्यूसर्स कहते हैं जिसका एग्जांपल है प्लांट्स ठीक है प्लांट्स को किसी पर डिपेंड होने की जरूरत नहीं है ये इंडिपेंडेंट है ठीक है अब बात करते हैं कंज्यूमर्स की तो कंज्यूमर्स जो होते हैं ना वो प्रोड्यूसर्स पे डिपेंड होते हैं ये कंज्यूमर्स जो होते हैं वो सिर्फ खाने को कंज्यूम करना जानते हैं बनाना नहीं जानते ये किस पर डिपेंड है ये अदर ऑर्गेनिस्ट मस पे अदर एनर्जी पर डिपेंड है अपने सर्वाइवल के लिए कंज्यूमर किस पे डिपेंड है प्रोड्यूसर्स पे डिपेंड है और कंज्यूमर्स को हेट्रो प्रोप्स बोला जाता है ठीक है तो कंज्यूमर्स का दूसरा नाम क्या है हेट्रो ट्रोप्स भी है फेथ ग्रो ट्रोप्स भी है एंड कंज्यूमर्स भी है अब कंज्यूमर्स में भी ना बहुत सारी कैटेगरी आती है जैसे कंज्यूमर में प्राइमरी कंज्यूमर सेकेंडरी कंज्यूमर टेसरी कंज्यूमर एंड टॉप वर्स अब ये सब क्या होते हैं बहुत इजी वे में अभी समझाऊ ठीक है पहले उससे पहले बात कर लेते हैं डीकंपोजर्स की डीकंपोजर्स कौन होते हैं डीकंपोजर्स वो होते हैं जब हम जो प्रोड्यूसर्स हैं जिन्होंने अपना खाना बनाया और कंज्यूमर जो कंज्यूम कर लेते हैं खाने को जब ये लोग अपना अपना साइकिल्स पूरी कर लेते हैं तो इनके बाद भी प्रोसेस खत्म नहीं होता है इनके बाद भी कुछ ऐसे ऑर्गेनिस्ट मस हैं जो क्या करते हैं जैसे कि सपोज कि कोई फूड चेन खत्म हो गई कोई मर गया ठीक है किसी ने किसको खाया किसने किसको खाया किसने किसको खाया और के बाद डेड ऑर्गेनिस्ट म की बॉडी बचती है तो उसको भी खाने वाले फंगी बैक्टीरिया हैं उनका दूसरा नाम क्या है सेप्टो प्रोप्स और रिड्यूसर रिड्यूसर इसलिए बोला गया है क्योंकि ये क्या करते हैं रिड्यूस कर रहे हैं वेस्ट को हमारा जितना भी वेस्ट है डेड बॉडीज का एनिमल्स का डेड प्लांट्स का उनके क्या कर रहे हैं ये रिड्यूस कर रहे हैं ठीक है ये क्या करते हैं छोटे-छोटे पीसेज में उसको ब्रेक डाउन करके ये मिट्टी में मिला के खुद भी खा जाते हैं और डीकंपोज कर देते हैं पूरी तरह से ठीक है इनका दूसरा नाम ये होता है ठीक है अब इनको ना अभी आपको शायद ऐसा लग रहा को क्या पढ़ा दिया मैडम नेने अब इसको हम फोटो के थ्रू समझेंगे ना आपको बहुत अच्छे से समझ में आ जाएगा चलिए बात कर लेते हैं देखो एक फूट चेन है ठीक है तो ये ग्रास थी ग्रास थी ये सब एक पौधा था तो जिसने अपना खाना खुद बनाया था तो इसने अपना खाना खुद बनाया किसी की मदद नहीं ली सूरज की रोशनी रोशनी का प्रयोग करके इसने खुद खाना प्रोड्यूस कर लिया अपने लिए भी और दूसरों के लिए भी इसको किसने खाया ग्रास हॉपर ने खाया तो जो पहला पहला कंज्यूमर होता है ना उसको बोलते हैं प्राइमरी कंज्यूमर जैसे कि नाम से ही समझ में आ रहा हैा जो फर्स्ट कंज्यूमर है ठीक है तो जिसने प्रोड्यूसर्स को खाया वो हो गया प्राइमरी कंज्यूमर ठीक है जिसने जिस कंज्यूमर ने प्राइमरी कंज्यूमर को खाया वो हो गया सेकेंडरी कंज्यूमर सेकेंडरी कंज्यूमर क्या करेगी प्राइमरी इस ग्रास हॉपर को खा जाएगी जब ये ग्रास हॉपर को खा जाएगी तो इसको कौन खा जाएगा स्नेक खा जाएगा और स्नेक कौन है टर्श कंज्यूमर है टर्श कंज्यूमर को खाने वाला होता है टॉप कार्निवल्स टॉप कार्निवल्स किसको बोलते हैं जो लास्ट में खाता है ठीक है ठीक है अब स्नेक को भी कौन खा जाएगा औल खा जाएगा जब ये भी मर जाएगा सपोज कि इसकी भी डेथ हो गई है ये बढ़ा हो गया था ये मर गया तो ये जब मिट्टी में गिरेगा तो इसको भी खाने वाले डीकंपोजर्स होंगे जो इसके बॉडी को छोटे-छोटे पीसे में ब्रेक डाउन करके मिट्टी में मिला के खुद भी खा जाएंगे मजे लेंगे अ स्वाहा खत्म तो समझ में आ गया प्रोड्यूसर्स कौन होते हैं प्राइमरी कंज्यूमर सेकेंडरी कंज्यूमर एंड टर्श कंज्यूमर एंड टॉप कार्निस के बाद डीकंपोजर्स कौन होते हैं तो ये कौन से कंपोनेंट थे ये बायोटिक कंपोनेंट थे ये सारे हमने किसका पार्ट पढ़ा है बायोटिक कंपोनेंट्स का पार्ट पड़ा है अब बात करते हैं ट्रॉफिक लेवल्स की ट्रॉफिक लेवल्स वो सारे लेवल्स होते हैं जो कि हमारे फूड को खाते वक्त इवॉल्व होते हैं जैसे कि अभी हमने ऊपर फूड चेन की बात की थी उसमें एक प्रोड्यूसर था फिर आया था प्राइमरी कंज्यूमर तो इन सारे लेवल्स को इन सारे लेवल्स को ही क्या बोलते हैं ट्रॉफिक लेवल बोलते हैं ट्रॉफिक लेवल का मतलब होता है ट्रॉफी का मतलब होता है नरिच मेंट तो कौन-कौन से लेवल पर कौन-कौन क्या-क्या नरिच मेंट ले रहा है वही उसे ही क्या बोलते हैं ट्रॉफिक लेवल बोलते हैं बहुत सारे ऑर्गेनिस्ट मस अपने फूड के लिए डायरेक्टली और इनडायरेक्टली किस पर निर्भर होते हैं प्लांट्स पर निर्भर होते हैं यह अपना अपना खाना डिफरेंट डिफरेंट स्टेप्स में लेते हैं डिफरेंट डिफरेंट लेवल्स में लेते हैं इन्हीं हर एक लेवल को क्या बोलते हैं ट्रॉफिक लेवल या फूड लेवल बोलते हैं जैसे कि मैंने यहां पे लिखा हुआ है कि प्रोड्यूसर ठीक है ये लेवल वन था ये ऑटो ट्रॉप्स थे इनका नाम क्या था ऑटो ट्रोप्स फिर आया था लेवल टू प्राइमरी कंज्यूमर ये हेट्रो ट्रॉप से फिर आया था लेवल थ्री सेकेंडरी कंज्यूमर तो इन्हीं को लेवल बोलते हैं और इन्हीं सारे लेवल से मिलके क्या बनता है ट्रॉफिक लेवल बनता है ठीक है अब बात करते हैं फूड चेन की तो फूड चेन क्या है एक सीक्वेंस ऑफ लिंक है ठीक है जैसे कि ये थी घास घास को खाने वाला था डियर डियर को खाने वाला था लॉयन तो ये क्या है सीक्वेंस ऑफ लिंक है जिसमें एक ऑर्गेनिस्ट म दूसरे ऑर्गेनिस्ट मस का खाना बन जाता है ठीक है इसको किसने खा लिया लॉयन ने खा लिया ठीक है तो ये क्या है सीक्वेंस ऑफ लिंक है जिसमें एक ऑर्गेनिस्ट म दूसरे ऑर्गेनिस्ट मस का खाना बन रहा है तो अब टाइप्स की बात करें फूड चेन के टाइप्स की तो फूड चेन तीन तरह की होती है ग्रासिम फूड चेनस डेट्रिटस फूड चेन एंड पैरासिटिक फूड चेन अब देखो ग्रासिम फूड चेन जो है ना वो नॉर्मली जिस चेन के बारे में अभी तक हम पढ़ते आए फूड चेन के बारे में वही है जो कि किससे स्टार्ट होती है प्लांट से स्टार्ट होती है और ये किससे बिलोंग करते हैं हार्ब पोरस के परिवार से बिलोंग करते हैं ठीक है अब देखो ग्रास को किसने खाया ग्रास हॉपर ने खाया ग्रास हॉपर को किसने खाया फ्रॉग ने खाया फ्रॉग को किसने खाया स्नेक का खाया तो जो नॉर्मल चेन है वही ग्रासिम चेन है उसके बाद हम पढ़ेंगे डेटस फूड चेन तो डेट रस फूड चेन में क्या होता है ये डेड ऑर्गेनिक मैटर से स्टार्ट होती है मतलब कि कोई चीज मर गई है कोई भी ऑर्गेनिस्ट म कोई भी एनिमल जो मर चुका है ठीक है डेट्रिटस मतलब जो मर चुका है उसको किसने खाया जो भी डेड ऑर्गेनिस्ट म थे उसको किसने खाया बैक्टीरिया और फंगी ने खाया बैक्टीरिया एंड फंगी को किसने खा लिया फिर बर्ड ने खा लिया बर्ड ने देखा मिट्टी पे बैक्टीरिया और फंगी उसने एकदम से चोच मार दी तो ये डेटस फूड चेन कौन सी फूड चेन होती है जो किसकी होती है डेड एनिमल या डेड प्लांट्स की होती है जिसको खाने वाला बैक्टीरिया होता है और फिर उसको खाने वाला बर्ड होता है इसकी स्टार्टिंग कहां से हो रही है डेड ऑर्गेनिस्ट सम से हो रही है डी से मतलब डेड ऑर्गेनिस्ट सम अब आता है पैरासिटिक फूड चेन तो देखो यहां पे मेरी थोड़ी से मिस्टेक हो गई है ये प्रोड्यूसर से स्टार्ट नहीं होती ये प्रोड्यूसर से स्टार्ट नहीं होती है ये हर्बी बरल से स्टार्ट होती है और किस पे खत्म हो जाती है पैरासिटिक ऑर्गेनिस्ट म पे खत्म हो जाती है मतलब इसमें इसमें जो बहुत बड़ा एनिमल होता है ना बहुत बड़ा ऑर्गेनिस्ट म होता है उसको खाने वाले कुछ छोटे ऑर्गेनिस्ट मस होते हैं जैसे कि अगर बात करूं एक स्नेक था स्नेक था जो कि मर गया ठीक है मर गया उसको खाने वाला कौन होगा ऑर्गेनिस्ट मस होंगे छोटे-छोटे ऑर्गेनिस्ट मस होंगे तो इसे ही बोलते हैं पैरासिटिक फूड चेन जिसमें जिसको कौन खाते हैं पैरासिटिक ऑर्गेनिक म खाते हैं ये एक तरह के ऑर्गेनिस्ट मस की जाती है ये लोग खाते हैं ठीक है चलिए एक फोटो के थ्रू समझ लेते हैं डेटस फूड चैन क्या होती है तो डेटर फूड चेन में डेट ऑर्गेनिस्ट मस या एनिमल्स या एनी प्लांट का क्या होता है वेस्ट होता है उसको खाने वाला इंसेक्ट्स वगैरह होते हैं और उसको खाने वाली बर्ड होती है तो आई होप कि आपको ये समझ में आ गई होगी चेन इसके बाद आता है पैरा पैरासिटिक फूड चेन आती है जिसमें मैंने एक फोटो लगाई तो होती है बट वो कट हो गई है तो सॉरी फॉर दैट यहां पे समझ लीजिए कि कोई था कोई बड़ा सा जानवर था उसको किसने खाया सांप ने अब सांप को कौन खाएगा जब ये मर जाएगा तो फंगी वगैरह खा लेगी ये ये चीजें क्या है पैरासिटिक ऑर्गेनिस्ट मस हैं ठीक है चलिए आगे बात करते हैं न्यूट्रिशन साइकिल की तो न्यूट्रिशन साइकिल किसे कहते हैं न्यूट्रिशन साइकिल वो साइकिल्स होती है जहां पर हम अपनी एनर्जी को ट्रांसफर कर रहे हैं किसके बीच से किसके बीच में नॉन लिविंग पार्ट से लिविंग पार्ट्स के बीच में ठीक है ये वो साइकिल होती है सारी न्यूट्रिशन साइकिल वो साइकिल होती है जिससे हम नॉन लिविंग पार्ट्स का एनर्जी का ट्रांसफर कहां पे करते हैं लिविंग पार्ट्स में करते हैं ऑफ एनवायरमेंट अब इसको एग्जांपल के थ्रू हम समझ लेते हैं कि न्यूट्रिशन साइकिल होती क्या है वैसे तो बहुत सारी साइकिल्स होती है लेकिन मैंने एक एग्जांपल लिखा है तो चलिए उसको समझ लेते हैं न्यूट्रिशन जो साइकिल होती है ना उसमें बहुत सारे न्यूट्रिएंट्स होते हैं ठीक है तो वही किसका ट्रांसफर हो रहा होता है न्यूट्रिएंट्स का ट्रांसफर हो रहा होता है उसकी एनर्जी का ट्रांसफर हो रहा होता है देखो हर एक प्लांट के एनिमल के द्वारा न्यूट्रिएंट्स कंज्यूम किए जाते हैं तो वापस में जब वो लास्ट में ऑर्गेनाइज्म मर जाएगा तो हमारे जितने भी न्यूट्रिएंट्स जो भी कंज्यूम किए होंगे उस प्लांट ने एनिमल ने वो वापस से घूमकर कहां पे आ जाता है एनवायरमेंट में ही आ जाता है बस इसी साइकिल को क्या कहते हैं न्यूट्रिएंट साइकिल कहते हैं देखो ये था इसमें यहां पे कंज्यूम किया कंज्यूम करने के बाद मरने के बाद वो साइकिल घूम के यहीं पे आ जाएगी ठीक है सारे न्यूट्रिएंट्स वहीं आ जाते हैं मिल जाते हैं हमारी मिट्टी के अंदर तो एग्जांपल के थ्रू समझ लेते हैं कि एग्जांपल में मैंने एक कार्बन साइकिल बनाई है कार्बन साइकिल ये कहती है कि एक पेड़ था पेड़ ने हमारे एनवायरमेंट से कार्बन डाइऑक्साइड यूज की थी ठीक है जो भी हम कार्बन डाइऑक्साइड हमारे एनवायरमेंट के अंदर है जो भी हम छोड़ रहे हैं उसे किसने यूज़ कर लिया पेड़ ने यूज़ कर लिया ठीक है पेड़ ने उसको यूज तो कर लिया अब आपको तो पता ही है पेड़ हमारे लिए ऑक्सीजन से बनाते हैं और उसके बाद रात में वो भी क्या करते हैं कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं तो इन्होने क्या किया पहले ले लिया अपना खाना वाना बनाया ऑक्सीजन छोड़ी उसके बाद क्या कर दिया रात में कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ दी ठीक है वही कार्बन डाइऑक्साइड फिर से एनवायरमेंट में आ गई तो ये क्या है न्यूट्रिएंट साइकिल ही तो है जिसमें क्या हो रहा है एनर्जी का ट्रांसफर हो रहा है न्यूट्रिएंट्स का ट्रांसफर हो रहा है ठीक है अब देखो एक और एग्जांपल है कि अब ये जो कार्बन डाइऑक्साइड है ये जमीन के अंदर थी जैसे फंगी वगैरह कोई भी डेड ऑर्गेनिस्ट लेते हैं वहां पे जो कार्बन डाइऑक्साइड रिलीज होती है वो वाली कार्बन डाइऑक्साइड ग्राउंड से नीचे से ही क्या करा पेड़ ने यूज़ कर लिया पेड़ ने यूज़ कर लिया उसके बाद फिर से उसने एनवायरमेंट में छोड़ दिया तो ये क्या थी न्यूट्रिएंट साइकिल थी जहां पे एक साइकिल में न्यूट्रिएंट्स घूमते रहते हैं न्यूट्रिएंट साइकिल भी दो तरह की होती है एक होती है गैसियस साइकिल एक होती है सेडिमेंट्री साइकिल ठीक है इतना डिटेल में जाने की इसमें जरूरत नहीं है अब जो मोस्ट इंपोर्टेंट टॉपिक है वो है इकोलॉजिकल सक्सेशन ये वाला जो टॉपिक है ना ये बहुत बार देखा जा चुका है इसलिए आप इसको ध्यान से और सही से समझना कि इकोलॉजिकल सक्सेशन क्या होता है ठीक है इकोलॉजिकल अ सक्सेशन में क्या होता है कि ना एक कम्युनिटी की डेवलपमेंट हो जाती है एक समय के बाद एक कम्युनिटी की डेवलपमेंट हो जाती है नेचुरल तरीकों से ठीक है उसी नेचुरल डेवलपमेंट को उसी सीरीज को क्या बोलते हैं हम इकोलॉजिकल सक्सेशन बोलते हैं अभी आपको नहीं समझ में आया देखो जब एक सीरीज ऑफ कम्युनिटीज एक सीरीज ऑफ कम्युनिटीज रिप्लेस हो जाती है अनदर के साथ तब होता है इकोलॉजिकल फक्शन मैं आपको समझाती हूं देखो यह क्या था कि यहां पे ना पहले रॉक्स वगैरह हुआ करती थी ये जमीन थी इधर रॉक्स वगैरह हुआ करती थी तो ओवर अ टाइम जैसे-जैसे समय बढ़ता गया बीतता गया यहां पे घास वगैरह उगनी शुरू हो गई फिर यहां पे थोड़ा और टाइम के बाद क्या हुआ वो छोटे-छोटे प्लांट्स बन गए प्लांट्स बनने के बाद यहां पे एक कम्युनिटी डेवलप हो गई यहां पे एक फॉरेस्ट बन गया ठीक है तो यही क्या है इकोलॉजिकल सक्सेशन है मतलब इसमें नेचुरल डेवलपमेंट हुआ ठीक है इसमें क्या हुआ नेचुरल डेवलपमेंट हुआ एक सीरीज के साथ एक कम्युनिटी जो चलती आई चलती आई पीढ़ी दर पीढ़ी ठीक है यहां पे क्या हुआ एक कम्युनिटी ने दूसरी कम्युनिटी को रिप्लेस कर दिया देखो पहले क्या था एक कम्युनिटी थी रॉक्स की उसको किसने रिप्लेस कर दिया घास वाली कम्युनिटी ने फिर इसको किसने रिप्लेस कर दिया ये वाली कम्युनिटी ने फिर इसको किसने रिप्लेस कर दिया ये वाली कम्युनिटी में और जो लास्ट कम्युनिटी बनती है इन सारी नेचुरल डेवलपमेंट से उसको हम बोलते हैं क्लाइमैक्स कम्युनिटी ठीक है इसी प्रोसेस को ये जो प्रोसेस हुआ ना डेवलपमेंट ऑफ सीरीज ऑफ कम्युनिटीज इसी प्रोसेस को हम बोलते हैं इकोलॉजिकल सक्सेशन आप मैं आपको इसी को इमेज के थ्रू समझाती हूं देखो इकोलॉजिकल सक्सेशन क्या है है देखो यहां पे क्या था एक वक्त हुआ करता था यहां पे सिर्फ क्या थी रॉक्स वगैरह थी ये एक टाइम था ठीक है उसके बाद धीरे-धीरे यहां पे हल्का-हल्का घास वगैरह पेड़वे न्यूट्रिशन वगैरह मिलने के बाद ये सब चीजें उगनी शुरू हुई फिर ये वाली जो कम्युनिटी थी ये इसमें बदली फिर इसमें बदली फिर इसमें बदली और फिर उसके बाद इसमें बदली और अब इसमें बदल चुकी है तो इसको क्या बोलेंगे इसको बोलेंगे क्लाइमैक्स कम्युनिटी ठीक है और यही जो सीरीज ऑफ कम्युनिटीज का नेचुरल डेवलपमेंट हुआ है एक सीरीज ने मतलब एक कम्युनिटी ने दूसरी कम्युनिटी को रिप्लेस कर दिया है इसी डेवलपमेंट को हम क्या बोलते हैं इकोलॉजिकल सक्सेशन बोलते हैं ठीक है तो समझ में आ गया इकोलॉजिकल सक्सेशन क्या है अब इकोलॉजिकल सक्सेशन को भी ना दो पार्ट में डिवाइड किया है एक प्राइमरी सक्सेशन और एक सेकेंडरी सक्सेशन ठीक है एक बार हम इसको इमेज के थ्रू समझ लेते हैं ताकि हमें जो डिफरेंस है ना इसका डिफरेंस याद रखना आपको अगर क्वेश्चन पेपर में ऐसे क्वेश्चन आते हैं कि प्राइमरी सक्सेशन क्या है या टाइप्स ऑफ इकोलॉजिकल सक्सेशन क्या है तो वो तो आप लिख ही सकते हो और साथ ही साथ आप डिफरेंस भी कर सकते हो मैंने इस तरीके से यहां पे आपको प्रेजेंट किया है कि सेपरेट सेपरेट अगर टर्म्स आएंगी तो भी आप सॉल्व कर सकते हो और अगर डिफरेंस आता है तो भी आप बता सकते हो कि प्राइमरी सक्सेशन क्या है और सेकेंडरी सक्सेशन क्या है तो चलिए स्टार्ट करते हैं सबसे पहले थ्रू समझ लेते हैं कि देखो क्या हुआ यहां पे क्या हुआ करती थी ये तो हमें पता है कि इकोलॉजिकल सक्सेशन क्या है जैसे कि अभी हम पढ़ के आए कि क्या हो रहा है नेचरल डेवलपमेंट हो रहा है सीरीज क्या हो रही है रिप्लेस कर रही है एक सीरीज को ऑफ कम्युनिटी को ठीक है धीरे-धीरे हम कहीं ना कहीं दूसरी कम्युनिटी फॉर्म कर रहे हैं ये बहुत सालों लग जाते हैं हंड्रेड्स ऑफ इयर्स लग जाते हैं ऐसी चीज को फॉर्म होने में ठीक है तो प्राइमरी सक्सेशन क्या है देखो प्राइमरी सक्सेशन में पहली खाली जगह हुआ करती थी फिर धीरे-धीरे आगे बढ़े आगे बढ़ते गए आगे बढ़ते गए आगे बढ़ते गए आगे बढ़ते गए और ये क्या हो गया एक फॉरेस्ट का निर्माण हो गया ठीक है लेकिन सेकेंडरी सक्सेशन में क्या होता है सेकेंडरी सक्सेशन में ना ऑलरेडी लाइफ एजिस्ट होती है पहले से ही वो क्या थी वो बैरन रॉक थी अनु उपजाऊ जमीनें थी खाली बंजर जमीनें थी जहां से क्या होता है हमारा प्राइमरी सक्सेशन शुरुआत होता है मतलब कि जो फर्स्ट बार में हुआ है ठीक है पहली बार में जो सक्सेशन हुआ है उसे बोलते हैं प्राइमरी सक्सेशन बट सेकेंडरी में क्या होता है यहां पे ना सपोज कि पहले से ही कोई एक कम्युनिटी एजिस्ट करती थी यहां पे पहले से ही एक लाइफ एजिस्ट करती थी क्या हुआ कि उसमें आग वगैरह लग गई बहुत मतलब फ्लड्स वगैरह आए या कुछ भी नेचुरल डिजास्टर हो गया कुछ भी ऐसी चीज हो गई उसके बाद ये क्या हुआ कम्युनिटी खत्म हो गई खत्म होने के बाद क्या हुआ कि ये खाली बंजर जमीन बन गई खाली बंजर जमीन बनने के बाद यह बदलती रही नेचुरल डेवलपमेंट होता रहा एक सीरीज ऑफ कम्युनिटी को दूसरी सीरीज ऑफ कम्युनिटी चेंज करती रही रिप्लेस करती रही और उसके बाद क्या हुआ एक कम्युनिटी फॉर्म हो गई ठीक है हम इतना आगे बढ़ गए तो ये हुआ सेकेंडरी सक्सेशन सेकेंडरी सक्सेशन में समझ में आया कि वहां पे पहले से ही ऑलरेडी लाइफ एजिस्ट करती थी ठीक है उसको खत्म होने के बाद और पता है इस वाले जो सेकेंडरी सक्सेशन है ना इसमें टाइम ना कम लगता है प्राइमरी सक्सेशन के अकॉर्डिंग चलिए अब इसके डिफरेंस को समझ लेते हैं कि क्या है प्राइमरी सक्सेशन एंड सेकेंडरी सक्सेशन तो प्राइमरी सक्सेशन वो कम्युनिटी होती है जो पहली बार में डेवलप हुई है ठीक है वो कहां से उसकी शुरुआत हुई है पहली बार से हुई है खाली बंजर जमीन थी वहां से उसकी शुरुआत हुई थी ठीक है लेकिन सेकेंडरी सक्सेशन में क्या होता है सेकेंडरी सक्सेशन में ऑलरेडी एक लाइफ एजिस्ट कर रही होती है वहां पर उसको खत्म होने के बाद से फिर एक कम्युनिटी डेवलप होती है तो उसे बोलते हैं सेकेंडरी सक्सेशन जैसे कि हमें नाम से ही समझ में आ रहा है और ये सेकेंडरी सक्सेशन क्यों होते हैं या तो कोई फ्लड आ गया अर्थ क्वेक आ गई नेचुरल डिजास्टर आ गए या फिर आग वगैरह लग गई तो इस वजह से वो लाइफ खत्म होने के बाद एक नई लाइफ शुरू होती है उसे बोलते हैं सेकेंडरी सक्सेशन अब इसमें टाइम जो है ना बहुत सालों का टाइम लग जाता है हंड्रेड्स ऑफ इयर्स और उससे ज्यादा ही लग जाते हैं इस कम्युनिटी को फॉर्म होने में बट इसमें क्या होता है कि कहीं ना कहीं जो जो फॉरेस्ट था वो जला होगा कहीं ना कहीं उसके बीज वगैरह रह गए होंगे तो इस कम्युनिटी को फॉर्म होने में कम समय लगता है इसके अकॉर्डिंग ठीक है 50 से 200 ईयर में ये कम्युनिटी फॉर्म हो जाती है लगता दोनों को ही टाइम है लेकिन इसको ज्यादा लगता है और इसको कम लगता है ठीक है ये क्या होता है जो प्राइमरी सक्सेशन होता है वो बैरन एरिया में होता है खाली जगहो पर अनुप जाऊ जगहों पर बैरन रॉक्स वगैरह पर ये सब चीजें होती है लेकिन यहां व पे क्या होता है यहां पे पहले से ही वहां पे हैबिटेड होते हैं वहां पे किसी के घर होते हैं वहां पे किसी की लाइफ एजिस्ट कर रही होती है उसके बाद सेकेंडरी सक्सेशन होता है ठीक है ये ना ये जो कम्युनिटी होती है ना ये अब शुरुआत से ना अनफेवरेबल चीजों में होती है कहीं ना कहीं ना ये अनफेवरेबल होती है इसके लिए चीजें नहीं होती है फेवरेबल बनाती है ये कम्युनिटी जैसे-जैसे बढ़ती जाती है अपने आपको अपने एनवायरमेंट को अपने लिए फेवरेबल बनाती है बट इसको क्या मिलता है पहले से ही फेवरेबल एनवायरमेंट मिलता है क्योंकि यहां पे ऑलरेडी लाइफ एजिस्ट कर रही थी ठीक है अगर मैं एग्जांपल की बात करूं तो ये स्टार्ट होती है बेरन रॉक से बैरन लैंड से एंड या फिर कोई भी वोल्केनो फटने के बाद लावा कूल हो गया है वहां से स्टार्ट होती है लेकिन इसमें क्या होता है ये जैसे कि कोई भी फॉरेस्ट वगैरह काट दिए गए थे जल बल गए थे उसके बाद जो वो लैंड बचती है ना उससे स्टार्ट होती है ठीक है तो आई होप कि आपको इन दोनों के बीच का डिफरेंस समझ में आया होगा चलिए अब बात करते हैं टाइप्स ऑफ इकोसिस्टम की इकोसिस्टम के कितने टाइप्स है तो इको सिस्टम को दो तरह से बांटा गया है टेरेस्ट्रे एंड एक्वेटिक जैसे कि हमें नाम से ही समझ में आ रहा है टेरेस्ट्रे मतलब कि वो वाला इकोसिस्टम जो कहां पे एजिस्ट करता है लैंड पर एजिस्ट करता है और एक्वेटिक इकोसिस्टम वो वाला इकोसिस्टम जो कहां पे करता है वाटर में करता है क्योंकि वाटर में भी तो आपने देखे ना लाइफ होती है कितनी सारी स्पीशीज वाटर के अंदर रहती हैं जैसे कि अगर मैं एग्जांपल की बात करूं तो टश टेरेस्ट्रे में फॉरेस्ट आ गया ग्रास लैंड आ गई डिजर्ट इकोसिस्टम आ गया ये सारे इकोसिस्टम किसका पार्ट है टेरेस्ट्रे का पार्ट है और एक्वेटिक में लैक्स रिवर ओशियस ये सारे किसका पार्ट है क्विटिक का पार्ट है तो आई होप कि आपको दोनों चीज समझ में आई होगी चलिए एक-एक पे बात करना स्टार्ट करते हैं फॉरेस्ट इको सिस्टम क्या है देखो जो फॉरेस्ट वर्ड है ना वो कहां से निकल के आया है लैटिन वर्ड फॉरेस्ट से निकल के आया है जिसका मतलब होता है आउटसाइड फॉरेस्ट कहां पे होता है आउटसाइड ही होता है ना तो ये एक लैटिन वर्ड फॉरेस्ट से निकल के आया है जिसका मतलब क्या होता है आउटसाइड होता है ये ऐसी बाउंड्रीज होती है लैंड की जहां पे कोई तो ना तो रहता है ना ही उसे कल्ट वेट किया जाता है ना ही उसपे खेती वगैरह की जाती है ना ही उसको रहने के योग्य समझा जाता है तो यह ऐसी बाउंड्रीज ऐसा एरिया होता है ठीक है तो यह एक ऐसा एरिया एरिया था जहां पे कोई रहता भी नहीं है और इसके अंदर क्या होता है अ इसके अंदर खेतीबाड़ी भी नहीं की जाती तो इसे कहते हैं हम फॉरेस्ट जो कहां से निकल के आया था फॉरेस्ट से और इसका मतलब होता है आउटसाइड ठीक है इसमें बहुत सारी कम्युनिटीज रहती है देखा है ना पेड़ों पे बंदर भी लटक रहे हैं तो शेर भी घूम रहे हैं भालू भी घूम रहा है चीता भी घूम रहा है तो इसमें बहुत सारी स्पीशीज बहुत सारी क्या रहती है लाइव्स रहती हैं ठीक है डिफरेंट काइंड ऑफ बायोटिक कम्युनिटी रहती है और हम फॉरेस्ट को ना बहुत सारे पर्पस के लिए यूज करते हैं हम फॉरेस्ट से बहुत सारी ची चीजें प्राप्त करते हैं जैसे कि मल्टीपल प्रोडक्ट हो गए लकड़ी वगैरह हो गई जितने भी सामान हम रिसोर्सेस यूज कर रहे हैं कहां से आते हैं पेड़ों से ही तो आते हैं और पेड़ का मतलब ही क्या है एक ऐसा एरिया जहां पे बहुत सारे पेड़ होते हैं उसे ही तो हम फॉरेस्ट बोलते हैं है ना तो फॉरेस्ट से हमें मल्टीपल प्रोडक्ट मिलते हैं और साथ ही साथ रॉ मटेरियल भी मिलते हैं जैसे कि हमें कोई भी चीज फॉर्म करनी है बनानी है उसके लिए हमें कच्चा माल कहां से मिलता है फॉरेस्ट से मिलता है ठीक है फॉरेस्ट से हमें फूड भी मिलता है हम आज जो जी रहे हैं अपनी लाइफ जो हम जी पा रहे हैं खा पा रहे हैं वो कहां से मिल रही है हमें फॉरेस्ट की वजह से मिल रही है कहीं ना कहीं डायरेक्टली और इनडायरेक्टली किस पर निर्भर है फॉरेस्ट पर निर्भर है और हैबिटेट बहुत सारी स्पीशीज का घर कहां पे होता है फॉरेस्ट को अगर फॉरेस्ट को हटा दिया जाएगा तो वो सारी स्पेश गायब हो जाएंगी खत्म हो जाएंगी मर जाएंगी क्योंकि उनके हैबिटेट ही फॉरेस्ट के अंदर था तो यहां पे कौन रहता है बहुत सारी वाइल्ड लाइफ स्पीशीज भी रहती है उनके घर भी होते हैं तो आई होप कि आपको फॉरेस्ट इको सिस्टम क्या है वो समझ में आया होगा देखो ये ना बहुत इजी सब्जेक्ट है इसमें ना कुछ समझाने वाली चीजें नहीं है लेकिन फिर भी मैं एक्सप्लेन कर रही हूं क्योंकि इसमें कुछ है नहीं ये बहुत छोटी-छोटी चीजें है बट आपको नाम से ही ना उसके पॉइंट्स को उसकी एक्सप्लेनेशन को बढ़ा देना है ठीक है कि उसमें आप जो भी आज तक देखते आए हो सुनते आए हो समझते आ वो सारे पॉइंट्स आपको लिख देने हैं ठीक है अब बात करते हैं डेजर्ट इकोसिस्टम की देखो फॉरेस्ट इकोसिस्टम ऐसा होता है ठीक है य ये क्या है ये फॉरेस्ट इकोसिस्टम है जहां पर बहुत सारी लाइफ रहती है जहां पर बहुत सारी स्पीशीज रहती है जिसको हम मल्टीपल प्रोडक्ट के लिए यूज करते हैं ठीक है अब बात करते हैं डेजर्ट इकोसिस्टम की तो डेजर्ट इकोसिस्टम आप जहा सभी जानते हो कि एक ऐसा एरिया जहां पे रेत ही रेत है है ना एक ऐसा एरिया इसको बोलते हैं डेजर्ट इको सिस्टम डेजर्ट इको सिस्टम इसमें क्या है रेत ही रेत है यहां पे बारिश भी कम होती है यहां पे कैक्टस वगैरह जैसे प्लांट्स होते हैं यहां पे पानी भी कम है तो आप आज तक जितनी भी बातें जानते हो ना डेजर्ट के बारे में वो सारी डेजर्ट इकोसिस्टम है आप लिख सकते हो अगर आपको अपना आंसर बड़ा बनाना है तो चलिए बात कर लेते हैं डेजर्ट इकोसिस्टम की तो डेजर्ट इकोसिस्टम एक ऐसा एरिया होता है जहां पर जो रेनफॉल होती है ना वो 20 सेमी से भी कम होती है इसमें जो है ना फ्लकचुएशंस आती है टेंपरेचर में यहां पे टेंपरेचर बहुत जल्दी बदलता रहता है जैसे कि दिन में तो गर्मी रहेगी और रात में मौसम ठंडा हो जाता है जितना दिन में हॉट तपे गर्म रहेगा उतना ही रात को ठंडा हो जाएगा तो मैं यहां पर टेंपरेचर में फ्लकचुएशन देखने को भी मिलती है फ्लकचुएशन ठीक है यहां पे बहुत सारी प्लांट्स की स्पीशीज होती है जैसे कि कैक्टस बसेस फ फॉर कैक्टस टेक्स्ट्रा ये सारी कौन सी स्पीशीज है जो किसमें रहती है डेजर्ट में रहती है ठीक है अब बात करते हैं डेजर्ट की ही अब जो जो एनिमल्स वगैरह जो डेजर्ट में रहते हैं ना वो बहुत लंबे टाइम तक बिना पानी के रह सकते हैं इसका सबसे अच्छा एग्जांपल तो हम सभी जानते हैं कैमल ठीक है और जो यहां की जो प्रोडक्टिविटी है जो क्षमता है उपजाऊ पन की और जो किसी भी प्रोडक्ट को अगर हम बनाना चाहते हैं खेती करना चाहते हैं तो वो वो सब किस पर निर्भर है सिर्फ और सिर्फ रेनफॉल पर निर्भर है जो हमारा डेजर्ट है ना वो ज्यादातर ऑस्ट्रेलिया अरेबिया एंड अर्जेंटीना में पाया जाता है चलिए अब बात कर लेते हैं आई होप कि आपको डेजर्ट इकोसिस्टम समझ सम में आ गया होगा तो बात कर लेते हैं एक्वेटिक इकोसिस्टम की तो वो इकोसिस्टम जिसको किसने कवर किया है पानी ने कवर किया है ठीक है वही तो एक्वेटिक इकोसिस्टम हुआ जहां पे किसकी इंटरेक्शन चल रही है मतलब पानी के अंदर इंटरेक्शन चल रही है वही एक्वेटिक इकोसिस्टम हुआ ठीक है अब वाटर हमारे अर्थ का थ्री क्वाटर हिस्सा तीन क्वार्टर हिस्सा किससे बना है पानी से बना है लेकिन उसको हम यूज नहीं कर सकते है ना क्टिक इकोसिस्टम है वो बनता है किससे वाटर ऑफ बॉडी से मतलब जितना भी पानी वाला एरिया है वो कौन सा इकोसिस्टम है एक्वाटिकस अम है यहां पे जो ऑर्गेनिस्ट मस होती हैं यहां पे भी बहुत सारी स्पीशीज होती है वाटर के अंदर भी बहुत सारी स्पीशीज रहती है वो एक दूसरे पर डिपेंड होती है अपने खाने वगैरह के लिए ठीक है कहीं ना कहीं उनका जितना भी इंटरेक्शंस हो रहा होता है वो एक दूसरे से हो रहा होता है ठीक है जो एक्वेटिक ऑर्गेनिस्ट मस है उसमें जो जीव जंतु पाए जा रहे हैं वो वाटर की डेप्थ कितनी गहराई है उसका क्या टेंपरेचर है एंड अमाउंट ऑफ न्यूट्रिशन कितना मिलता है इन सबसे बहुत ज्यादा इफेक्ट होते हैं ठीक है किस स कौन एक्वेटिक इकोसिस्टम में रहने वाले ऑर्गेनिस्ट मस ठीक है चलिए बात करते हैं एक्वेटिक इकोसिस्टम कैसा होता है तो एक्वेटिक इकोसिस्टम ऐसा होता है इसमें बहुत तरह की स्पीशीज होती है जो एक दूसरे पर क्या होती है निर्भर होती है ठीक है और इनके टेंपरेचर कितना है डेप्थ कितनी है यह सारी चीजों से ये सब लोग क्या होते हैं इफेक्ट होते हैं अब बात कर लेते हैं टाइप्स ऑफ इकोसिस्टम की तो इकोसिस्टम के टाइप्स की बात तो हमने ऊपर भी की थी ये कौन से टाइप्स हैं ये एक्वेटिक टाइप्स हैं ठीक है अभी हमने जो इकोसिस्टम के ऊपर टाइप्स की बात की थी वो अलग कांसेप्ट है और ये एक्वेटिक एक्वेटिक इकोसिस्टम के टाइप है तो जो पानी से रिलेटेड हम बातें कर रहे हैं ना सिर्फ वही है तो एक्वेटिक इकोसिस्टम के तीन टाइप हैं फ्रेश वाटर मरीन वाटर एंड ब्रैकिश वाटर अब देखो फ्रेश वाटर कौन सा वाटर होता है जो फ्रेश हो जो हमारे पीने योग्य हो जिसमें सॉल्ट ना हो ऐसा वाटर जो कोई भी सॉल्ट कंटेन नहीं करता वो कौन सा वाटर होता है फ्रेश वाटर होता है जिसको हम अपने पर्पसस के लिए यूज़ कर सकते हैं मरीन वाटर खारा पानी होता है जिसमें सॉल्ट मिनरल ये सारी चीजें होती हैं जिसको हम पीने योग्य नहीं समझते और नहीं समझ सकते हैं तो वो वाला पानी कौन सा पानी होता है मरीन इको सिस्टम होता है और ब्रैकिश वाटर इन दोनों का क्या होता है मिक्सचर होता है ब्रैकिश वाटर के बारे में मैं अभी बहुत अच्छे से बताने वाली हूं आपको इससे पहले आप ये समझ लीजिए कि फ्रेश वाटर इक्वल सिस्टम में सॉल्ट नहीं होती और मरीन इको सिस्टम में सॉल्ट मिनरल्स की सारी चीजें होती है जिसको हम पी नहीं सकते फ्रेश वाटर के जितने भी ऑर्गेनिस्ट मस है ना फ्रेश वाटर के जितने भी ऑर्गेनिस्ट मस हैं वो कहीं ना कहीं टेस्टल इकोसिस्टम पर भी डिपेंड रहते हैं ठीक है ठीक है और मरीन वाटर में सोडियम क्लोराइड कैल्शियम पोटेशियम मैग्नीशियम यह सब चीजें मिल जाती हैं अग एग्जांपल की बात करें तो लेक्स फन स्वम पुलस प्रिंग रिवर्स ये सारे किसके एग्जांपल है फ्रेश वाटर के एग्जांपल है और मरीन वाटर के एग्जांपल जैसे ओपन ओशियन सेलो शस यह सब किसके एग्जांपल है मरीन वाटर के एग्जांपल है अब बात करते हैं ब्रैकिश की ब्रैकिश वाटर इन दोनों का मिक्सचर था मैंने बताया था अब इसका एग्जांपल है स्टरी सॉल्ट मसमेलोस ठीक है थोड़ा सा कट गया है इससे पहले अब ब्रैकिश वाटर सबसे पहले जब बात करेंगे उससे पहले बात कर लेते हैं जो फ्रेश वाटर है ना फ्रेश वाटर अभी जो हम ये पढ़ रहे थे जिसमें सॉल्ट नहीं होता इसके ऑर्गेनिस्ट सम टेस्टल इकोसिस्टम पे डिपेंड होते हैं ये फ्रेश वाटर को दो भागों में बांटा गया है एक होता है लेंटिक एक होता है लॉटिक ठीक है ऐसा वाटर ऐसा फ्रेश वाटर जो फ्लो नहीं कर सकता उसे बोलते हैं लेंटिंग और जो फ्लो कर सकता है वो होता है लॉटिक ठीक है लॉटिक मतलब फ्लोइंग लेंटिंग मतलब नहीं कर सकता है अब देखो जो लेग्स वगैरह होते हैं पंस वगैरह होते हैं जैसे कि ये पंस है तो इसमें जो वाटर होगा इसमें जितना भी पनी होगा वो फ्लो नहीं कर सकता वो इसी में रहेगा ठीक है पॉन्स वगैरह में रहेगा इसी में रहेगा तो ये कौन सा वाटर है लैटिक्रीट तो फ्लो कर सकता है ना तो ये हुआ लॉटिक तो समझ में आ गया आपको फ्रेश वाटर दो तरह के होते थे और एक होता है लेंटिक और एक होता है लॉटिक चलिए अब बात कर लेते हैं अ स्टोरीज स्टोरीज की स्टोरीज कौन सी क्या होती है अभी मैंने बताया ब्रैकिश वाटर ब्रैकिश वाटर का जो एग्जांपल है वो होता होता है स्टोरीज अब इस टॉपिक के बारे में डिटेल में दिया है तो इसलिए हम इसके बारे में डिटेल में पढ़ेंगे तो स्टोरीज क्या होता है चलिए एक एग्जांपल्स के थ्रू समझते हैं उसके बाद हम इसके पॉइंट्स पे आएंगे एक आ रही थी फ्रेश वाटर एक आ रही थी एक यहां से आ रहा था फ्रेश वाटर आ रहा था बहते हुए एक ये ओशियन था ये था मिनरल वाटर और ये आ रहा था फ्रेश वाटर ये था फ्रेश वाटर ठीक है अब क्या हुआ जब एक ऐसा एरिया आया जहां पर क्या हुआ फ्रेश वाटर और मरीन वाटर मिला मैंने बताया था ना मिक्सचर मिक्सचर को बोलते हैं बकिश वाटर जब ये फ्रेश वाटर और मरीन वाटर मिला तो इसने क्या फॉर्म कर दी स्टोरीज फॉर्म कर दी देखो मैं आपको दिखाती हूं स्टोरीज कैसे फॉर्म हुई यहां से आ रहा था फ्रेश वाटर फ्रेश वाटर जब आया और जब ओशियस में जितना भी था नमक था वो वाला जो एरिया है ये जो एरिया है जहां पर फ्रेश वाटर एंड ओशियन वेप्स ये सॉल्टी वाटर मिल रहे हैं तो वो क्या बना रहे हैं स्टोरीज बना रहे हैं आई होप कि आपको क्लियर हुआ होगा स्टोरीज क्या होती है तो चलिए अब इसको लैंग्वेज में बात कर लेे स्टोरीज क्या होती है ऑल जितनी भी रिवर्स होती है और जितने भी लेक्स होते हैं वो कहां मिल जाते हैं सी के अंदर मिल जाते हैं ठीक है अब वो जो रिवर्स होती है ना वो एक हाईली स्पेशलि स्न को बनाती है एक ऐसा एरिया फॉर्म करती है एक ऐसा एरिया बनाती है ठीक है किससे मिलने से पहले सी वगैरह से मिलने से पहले मरीन वाटर से सॉल्टी वाटर से मिलने से पहले वो एक एरिया फॉर्म करती है जैसे कि अभी हमने पिक्चर में देखा कि उन्होंने एक स्पेशल जोन बनाया था जिसमें क्या हो रहा था मिलन हो रहा था मिक्सचर हो रहा था ठीक है उसी जोन को स्पेशलिस्ट जोन को हम क्या बोलते हैं स्टोरीज बोलते हैं ठीक है तो वही जोन क्या कहलाता है स्टोरीज कहलाता है और यह किसका पार्ट है ब्रैकिश वाटर का पार्ट है ठीक है इसको क्या बोलते हैं ब्रैकिश वाटर बोलते हैं और इंडिया के अंदर जो स्टोरीज देखी जाती है वो ज्यादातर केरला में और सुंदर बैंड्स के अंदर देखी जाती है ठीक है और मरीन फिशरीज का मरीन फिशरीज का जो भी मछलिया वगैरह होती है सॉल्टी वाटर में उनका सबसे अच्छे खाने का सोर्स क्या है ब्रैकिश वाटर है यह वाला एरिया उन्हें सबसे ज्यादा न्यूट्रिशन देता है चलिए अब बात कर लेते हैं रिन्यूएबल एंड नॉन रिन्यूएबल रिसोर्सेस की ठीक है ये बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट टॉपिक है देखा जाता है बहुत बार तो आप इसको ध्यान से पढ़ना कि रिन्यूएबल एंड नॉन रिन्यूएबल रिसोर्सेस क्या होते हैं देखो हमें पता है कि हम जो भी लोग जी रहे हैं सारे क्या यूज़ कर रहे हैं रिसोर्सेस का यूज़ कर रहे हैं अपनी लाइफ में इतने सारे रिसोर्सेस हैं हमारे आसपास जिनको हम यूज कर रहे हैं तो इन्हीं रिसोर्सेस को अब दो पार्ट में डिवाइड किया गया है रिन्यूएबल एंड नॉन रिन्यूएबल तो इसमें देखो जैसे कि नाम से ही समझ में आ रहा है रिन्यू जिसको हम दोबारा से रिन्यू कर सके न्यू बना सके ठीक है उसे ही बोलते हैं रिन्यूएबल नॉन रिन्यूएबल मतलब जिसको हम रिन्यू नहीं कर सकते नहीं बना सकते दोबारा से ऐसे रिसोर्सेस जिनको खत्म होने के बाद हम दोबारा से बना सकते हैं वो होते हैं रिन्यूएबल रिसोर्सेस और ऐसे रिसोर्सेस जिनके खत्म होने के बाद हम सिर्फ हाथ पे हाथ धर के बैठ के सिर्फ देख सकते हैं नहीं बना सकते उन्हें बोलते हैं नॉन रिन्यूएबल रिसोर्सेस अब इसमें भी ना बहुत सारी बातें छुपी हैं जो लाइंस मैंने बोली उसमें भी बहुत सारी बातें छुपी है वो क्या चलिए बात करते हैं रिन्यूएबल रिसोर्सेस ऐसे रिसोर्सेस होते हैं जिनका हम चाहे रोजाना भी यूज़ कर रहे हो तो भी वो खत्म नहीं होते ठीक है आफ्टर कंटीन्यूअस यूटिलाइजेशन के बाद भी वो एग्जॉस्ट नहीं होते वो कंटिन्यू रहते वो चलते रहते हैं उसे हम दोबारा से बना सकते हैं ठीक है रिन्यू कर सकते हैं और नॉन रिन्यूएबल ऐसे रिसोर्सेस होते हैं अगर वो एक बार खत्म हो जाए तो हम उनको रिप्लेस नहीं कर सकते हम उन्हें नहीं बना सकते ठीक है बनते हैं वो रिसोर्स भी बनते हैं लेकिन इतना टाइम लग जाएगा जब तक तो हम मर भी जाएंगे हमारी कितनी प्रजातियां भी पैदा हो जाएंगी तब तक वो रिसोर्सेस बनते हैं तो वो हजारों सैकड़ों सालों में बनते हैं इसलिए नॉन रिन्यूएबल इन्हें बोला जाता है ठीक है अब रिन्यूएबल रिसोर्सेस को हम बार बार यूज कर सकते हैं अपनी लाइफ में लेकिन अगर ये खत्म हो गए नॉन रिन्यूएबल खत्म हो गए तो इनको हम यूज नहीं कर सकते बात करेंगे क्या एग्जांपल्स की ठीक है उससे पहले हम सारे पॉइंट्स देख लेते हैं थर्ड पॉइंट ये कहता है जो रिन्यूएबल रिसोर्सेस है उसकी क्वांटिटी बहुत ज्यादा है हमारे पास हमारे पास बहुत सारी क्वांटिटी अवेलेबल है बट जो नॉन रिन्यूएबल रिसोर्सेस है वो लिमिटेड क्वांटिटी में अवेलेबल है और ये जो रिन्यूएबल रिसोर्सेस है ना ये एनवायरमेंट फ्रेंडली होते हैं ये हमारे एनवायरमेंट के लिए अच्छे होते हैं जबकि नॉन रिन्यूएबल रिसोर्सेस ये हमारे एनवायरमेंट को हार्म करते हैं अपनी गैसेस वगैरह से पोल्यूटर हैं ये हमारे एनवायरमेंट के लिए सही नहीं होते लेकिन इनकी कम क्वांटिटी है और इसको खत्म होने के बाद हम इन्हें बना भी नहीं सकते जल्दी से इनकी जो कॉस्ट होती है ना वो बहुत ज्यादा लो होती है और जबकि इनकी कॉस्ट ज्यादा हाई होती है ठीक है हाई होती है इस वजह से हमें इन्हें बहुत अच्छी तरह से बहुत वाइली तरीके से यूज करनी चाहिए इनको हम रिसाइकल या यूज कर सकते हैं इनको नहीं कर सकते हैं अब बात कर लेते हैं एग्जांपल इतनी जर से हम बात किसकी कर रहे हैं पेट्रोल कॉइल फॉसिल फ्यूल अगर खत्म हो जाएगा ना तो वो हमें नहीं मिल पाएगा क्योंकि इनको बनने में बहुत ज्यारा सैकड़ों साल लग जाते हैं तभी हमसे बोलते हैं ना कि पेट्रोल का अच्छे से यूज करो अच्छे से यूज करो छुट्टी के वक्त लड़कियों को तारने ना जाओ है ना पेट्रोल का अच्छे से यूज करना चाहिए तो ये वाले एग्जांपल किसके थे नॉन रिन्यूएबल रिसोर्सेस के थे और ये वाली जो हम बना सकते हैं जैसे कि हम सोलर एनर्जी बनाते हैं आपने भी बहुत सारी छतों के ऊपर देखा होगा वो नीले कलर की चादर लगी होती है इतनी बड़ी-बड़ी लोहे वाली वो तो वो क्या है इससे हम क्या बना रहे हैं सोलर एनर्जी बना रहे हैं सूरज की गर्मी से बिजली तो बना रहे हैं ठीक है जियोथर्मल प्लांट होता है वाटर होता है वाटर जो है ना वाटर भी हमारे पास लिमिटेड रिसोर्स है लेकिन इसको ना एक एक्सेप्शनल केस है जिस वाटर को भी क्या रखा गया है रिन्यूएबल रिसोर्स में रखा गया है अब क्यों मैं बताऊंगी अच्छा पेपर में एक क्वेश्चन आ सकता है यहां से डिफरेंस तो पूछ सकते हैं साथ में बोल सकते हैं कि एक-एक एग्जांपल के साथ भी डिटेल में एक्सप्लेन करो तो आपकी बुक में एक-एक एग्जांपल दिया हुआ था रिन्यूएबल का दिया हुआ है वाटर तो उसके बारे में पढ़ेंगे और नॉन रिन्यूएबल का दिया हुआ है लैंड तो उसके बारे में पढ़ेंगे ठीक है रिन्यूएबल वाटर रिसोर्सेस इसके बारे में पढ़ते हैं देखो है हमारी समझ से वाटर को हम बोलते हैं कि कम यूज करो खत्म हो जाएगा ये नॉन रिन्यूएबल का ही एक एग्जांपल होना चाहिए था बट ये है रिन्यूएबल का क्यों पढ़ते हैं क्योंकि हम वाटर को फिर से बना सकते हैं और वो भी जल्दी बना सकते हैं इसलिए इसको रिन्यूएबल रिसोर्सेस में रखा गया है देखो वाटर की स्कार्सिटी है क्यों है बात करेंगे सबसे पहले बात कर लेते हैं वाटर किसमें कंसीडर किया जाता है वाटर को कंसीडर किया जाता है रिन्यूएबल रिसोर्सेस में ठीक है ये हमारे लाइफ के लिए जीने के लिए बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट एलिमेंट होता है और ये हमारे पास लिमिटेड क्वांटिटी में अवेलेबल है ठीक है और वाटर तो ऐसा नहीं है अर्थ का कितना सारा हिस्सा हर्थ का कितना सारा हिस्सा पानी से बना हुआ है लेकिन क्या हम उन सारे पानी को पी सकते हैं वो यूज करने योग्य है नहीं है तो फ्रेश वाटर जो फ्रेश वाटर जिसको हम पी सकते हैं जिसमें सल्ट नहीं है वो बहुत कम भी है और बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट भी है हमारे लिए ठीक है जो ह्यूमन की लाइफ है उसको सस्टेन करने का उसको बनाए रखने का काम कौन करता है वाटर करता है और ओनली 1 पर वाटर है हमारे पास हम अपने यूज के लिए सिर्फ 1 पर पानी का यूज़ कर सकते हैं उस पानी 1 पर के पानी में भी हमें बहुत सारे यूज में लाना पड़ता है वाटर को एग्रीकल्चर के लिए खेतीबाड़ी के लिए हम पानी का यूज़ करते हैं इंडस्ट्रीज में यूज़ करते हैं अपनी डोमेस्टिक जरूरतों को पूरा करने के लिए वाटर का यूज़ करते हैं वो उसी 1 पर को ठीक है उसी फ्रेश वाटर को वाटर की बहुत ज्यादा शॉर्टेज है क्यों है शॉर्टेज शॉर्टेज इसलिए है क्योंकि इसका जो है ना अनइक्वल डिस्ट्रीब्यूशन हो रहा है मतलब जो सप्लाई है ना वाटर की वो गलत तरीके से हो रही है कहीं पे बिल्कुल ही सब सप्लाई नहीं है इसलिए वाटर की कमी है और कहीं पे इतना ज्यादा है कि वेस्ट पे वेस्ट हुआ जा रहा है तो यही अनइक्वल डिस्ट्रीब्यूशन की वजह से ही क्या होती है वाटर की शॉर्टेज होती जाती है वाटर कम पड़ता जा रहा है ऐसे लोगों में अब देखो आपने आजकल देख रहे होंगे कितनी दिल्ली में कितनी पानी की कमी हो गई है है ना हो गई है ना हर कोई पानी के ऊपर धरने दे रहा है ये कर रहा है वो कर रहा है क्यों है ये कमी क्योंकि अनइक्वल डिस्ट्रीब्यूशन हो रहा है और कहीं पे वेस्टेज ज्यादा हो रही है इस वजह से वाटर की कमी है वाटर को दोबारा से बनाया जा सकता है जैसे बारिश आएगी वो ग्राउंड वाटर चले जाएगा फिर वो फ फिटर होगा तो ये पूरा प्रोसेस होगा वाटर बन सकता है लेकिन कमी भी हम महसूस कर रहे हैं आजकल दिल्ली में तो सबसे ज्यादा कमी है पानी की ठीक है बात करते हैं वाटर साइकिल की वॉटर साइकिल क्या है क्या नहीं है देखो वटर साइकिल तो हम सबने पढ़ी है बचपन में लेकिन कुछ नई टर्म्स होंगी आपके लिए उसके ऊपर बात कर लेते हैं तो देखो ऐसा हुआ मैं आपको बहुत अच्छे से समझाती हूं कि आपको पता है ना कि हमारा जो सूरज की गर्मी है सूरज की गर्मी से पानी भाप बन के उड़ने लगता है है ना जब हम कपड़े सुखाते हैं छतों पे तो वो गीले कपड़े सूख जाते हैं तो उनका पानी कहां चला गया सूरज की गर्मी से जितने भी रिवर्स पंड स्लैक है उनका पानी क्या बन जाता है वेपर की फॉर्म में बनके ऊपर उड़ जाता है तो उसे ही क्या बोलते हैं इवेपरेशन बोलते हैं जहां पर भी हमारी धरती पर पानी है प्स में लेक्स में ठीक है तो वो कहलाता है इवेपरेशन अब सब्लीमेशन किसे कहते हैं देखो आपने वो तो देखा ही होगा पहाड़ देखे होंगे बर्फ बर्फ के तो उसमें भी तो इप रेशन होता होगा नाना पहाड़ वगैरह में तो उसे ही सब्लीमेशन बोलते हैं सब्लीमेशन का मतलब होता है कि यहां पे ना जो बर्फ है ना जो आइस है मतलब जो सॉलिड स्टेट है उससे ही क्या हो रहा है गैस स्टेट में जा रहा है वेपर्स बन रहे हैं यहां पे लिक्विड जैसी कोई चीज हो ही नहीं रही लिक्विड स्टेट इसमें है ही नहीं तो इसे बोलते हैं सब्लीमेशन देखो जब भी इवेपरेशन हो रहा है पानी भाप बन के उड़ रहा है तो सब्लीमेशन में क्या होगा सब्लीमेशन में लिक्विड वाली स्टेट आएगी ही नहीं पर्वत जो होंगे पहाड़ जो होंगे बर्फ के वो गैस फॉर्म में अवेलेबल हो हो जाएंगे बन जाएंगे क्यों बन जाएंगे देखो जब सूरज की गर्मी उन परे पड़ेगी तो वो क्या होंगे वेपर्स की फॉर्म में उड़ेंगे है ना तो यहां पे वो पानी बना ही नहीं वो सीधा ही क्या होने लग गए वेपर्स की फॉर्म में होने लग गए तो इसे ही बोलते हैं सब्लीमेशन जहां पे लिक्विड स्टेट है ही नहीं ठीक है इवेपरेशन आपको समझ में आ गया सब्लीमेशन आपको समझ में आ गया अब बात कर लेते हैं ट्रांस्पिरेशन की तो ट्रांस्पिरेशन मतलब कि जो पेड़-पौधे होते हैं जो अपना खाना-वाना बना के अपनी पत्तियों के ऊपर से ना वाटर के वेपर्स को लूज करते हैं कभी-कभी आपने देखा होगा पत्ते पे भी आपको छोटी-छोटी बूंदे नजर आती हैं तो वो जो पेड़-पौधे होते हैं ना जब अपनी पत्तियों के फॉर्म पर मतलब पत्तियों पर छोटी-छोटी वाटर वेपर्स को रिलीज करते हैं और फिर वो भाव बन के उड़ जाता है तो उसे बोलते हैं ट्रांस्पिरेशन ठीक है जहां पे प्लांट्स की जो लीफ होती है वो क्या छोड़ती है वाटर वेपर्स छोड़ती है तो अब यहां पे देखो तीनों तरफ से पानी उड़ रहा है यहां से इवेपरेशन हो रहा है रिवर पंड स्लैक से भी उड़ रहा है ठीक है पर्वत से भी उड़ रहा है जो बर्फ के पर्वत हैं ठीक है और पेड़-पौधों पे से भी उड़ रहा है तो यहां से सब में से क्या हो रहा है वेपर्स की फॉर्म में पानी गर्मी से उड़ उड़ के ऊपर जा रहा है ठीक है अब क्या हो रहा है वही पानी वही जो उड़ के ऊपर गया वो कूल हो जाएगा कूल हो जाएंगे वो सारे वेपर्स क्या हो जाएंगे कूल हो जाएंगे और किसकी फॉर्म ले लेंगे क्लाउड्स की फॉर्म ले लेंगे ठीक है उसी प्रोसेस को हम बोलते हैं कंडेंसेशन कंडेंसेशन में क्या हुआ जितनी भी वेपर्स की फॉर्म में चीजें ऊपर आई थी वो कूल होकर लिक्विड फॉर्म में बनते हुए क्या बना लिए क्लाउड बना लिए ठीक है क्लाउड बना लिए इसे क्या बोलेंगे कंडेंसेशन समझ में आया आया कंडेंसेशन अब आता है प्रेसिपिटेशन प्रेसिपिटेशन में क्या होता है वही जो क्लाउड्स होते हैं हैवी क्लाउड्स जब वो बहुत ज्यादा हैवी हो जाते हैं तो बारिश कर देते हैं ठीक है जब पानी बारिश की बूंदों से नीचे आने लगता है ये जो बूंदे हैं ये जो बूंदे इसे ही बोलते हैं प्रेसिपिटेशन ठीक है अब ये पानी बहकर नदी नालों में भी जाएगा तो उसे बोलते हैं रन ऑफ ठीक है तो सारी टर्म्स आपको आई होप कि क्लियर होंगी चलिए अब इनको एक बार वैसे देख लेते हैं कि इवेपरेशन देखो लिक्विड का किसम बदलना वेपर में बदलना ट्रांस्पिरेशन का मतलब देखो वाटर का लूज होना कहां से प्लांट लीफ से सब्लीमेशन का मतलब जो सॉलिड वाटर है है ना सॉलिड वाटर भी सॉलिड वाटर है वो किसमें बन रहा है डायरेक्टली वेपर्स में बन रहा है कंडेंसेशन मतलब कि वाटर चेंज किसमें हो रहा है वाटर जो वेपर्स थे जो उड़के आए थे वो लिक्विड में चेंज हो रहे हैं और क्या बना रहे हैं क्लाउड बना रहे हैं प्रिस पेशन का मतलब जहां पर जो क्लाउड है वो किसकी फॉर्म में रेन की फॉर्म में स्नो की फॉर्म में और हेल की फॉर्म में क्या बन रहे है नीचे गिर रहे हैं ठीक है और रन ऑफ मतलब वाटर का फ्लो हो रहा है लैंड पर ठीक है तो यही हो गया मटर साइकिल अब बात करते हैं फॉर्म्स ऑफ वाटर की तो फॉर्म्स में अभी हमने जैसे कि पढ़ा था कि तीन तरह की एक्वेटिक सिस्टम होते हैं फ्रेश वाटर मरीन वाटर एंड ब्रैकिश वाटर इसको मैं एक्सप्लेन नहीं कर रही मैं कर चुकी हूं ठीक है अब बात करते हैं वे टू रिड्यूस इफेक्ट ऑफ फ्लड्स ठीक है ऐसे कौन-कौन से तरीके होते हैं जिससे हम फ्लड्स को रोक सकते हैं देखो फ्लड्स का मतलब होता है जब बहुत ज्यादा ओवरफ्लो हो गया पानी का ठीक है जब कोई भी पानी इधर-उधर बह रहा है बहुत ज्यादा मात्रा में हो गया उसे ही तो हम बाढ़ कहते हैं ना है ना बाढ कहते हैं जब बहुत ज्यादा बारिश होने लगती है और पानी बहुत ज्यादा जमा हो जाता है उसके बाद ओवरफ्लो हो जाता है उसे ही हम फ्लड्स कहते हैं तो उसको हम कैसे रोक सकते हैं हम डम्स बना के रोक सकते हैं डम्स किस लिए बनाए जाते हैं जैसे कि आप इस पिक्चर में देखिए डम्स किस लिए बनाए जाते हैं पानी के फ्लो को रोकने के लिए बनाए जाते हैं ठीक है तो हम क्या कर सकते हैं फ्लड्स को रोकने के लिए डम्स बना सकते हैं ठीक है उनके जो वाटर का डायवर्शन कर सकते हैं और पॉन्ड्स और लेक्स बना सकते हैं ताकि जो है पॉन्ड्स और लेक्स में क्या करें पानी ज्यादा रहे ठीक है और जो उनकी होल्डिंग कैपेसिटी है वाटर की रिवर पे उनको ज्यादा से ज्यादा गहराई करके उनमें होल्डिंग कैपेसिटी को बढ़ा सकते हैं तो ये थे कुछ वेज जिसके कारण हम क्या कर सकते हैं फ्लड्स को रोक सकते हैं अब बात कर लेते हैं कंजर्वेशन ऑफ वाटर की ये बहुत इंपॉर्टेंट टॉपिक है तो आप इसे थोड़ा ध्यान से पढ़ना वाटर कंजर्वेशन क्या होता है वाटर कंजर्वेशन का मतलब होता है वाटर को एफिशिएंटली तरीके से यूज करो अननेसेसरी वेस्टेज को रिड्यूस करना ठीक है वाटर को कंजर्व करना उसको प्रोटेक्ट करना ठीक है जितने भी अननेसेसरी वेस्टेज हो रही है बेफा तो में जो हम पानी खराब करते जा रहे हैं उसको कम करना और उसको सही से यूज़ करना ही ट कंजर्वेशन कहलाता है ठीक है अब वाटर मैनेजमेंट क्या होता है मैनेजमेंट करना मतलब कि वाटर को सही तरीके से सप्लाई करना गुड क्वालिटी में जहां-जहां प्रॉपर जगहों पर जैसे कि जहां पे भी जितनी सप्लाई की नीड है वहां पे इतनी सप्लाई करना वेस्टेज भी नहीं करना लेकिन इक्वल डिस्ट्रीब्यूशन भी करना है उसी को क्या कहते हैं मैनेजमेंट ऑफ वाटर कहते हैं तो आई होप कि आपको कंजर्वेशन भी समझ में आया होगा और मैनेजमेंट भी समझ में आया होगा चलिए बात कर लेते हैं वेज की कि ऐसे कौन से वेज हैं जिनके थ्रू हम वाटर को कंजर्व करके रख सकते हैं हैं बचा के रख सकते हैं तो वो क्या है ये बहुत नॉर्मल सी चीज है ये आपको बहुत पता होंगी कि अगर हम ओवर कंजप्शन नहीं करते वाटर का ज्यादा से ज्यादा कंजप्शन नहीं करते हैं वेस्टेज नहीं करते हैं तो वाटर को कंजर्व करके रख सकते हैं डी सलीनेशन ऑफ सी वाटर डी एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें क्या होता है सी वाटर को जो भी खारा पानी होता है उसको पीने योग्य बनाया जाता है ऐसी टेक्निक्स का यूज किया जाता है जैसे कि आप इस पिक्चर में देखिए इसमें क्या हो रहा है डी सलीनेशन हो रहा है सी वाटर का सी वाटर किसमें बन रहा है हम जैसे को पीने के योग्य बन रहा है ठीक है तो डी सलीनेशन से भी हम वाटर को क्या कर सकते हैं कंजर्व करके रख सकते हैं जितने भी हमें टैपस वगैरह की जरूरत नहीं है ब फालतू जब हम ब्रश वगैरह कर रहे हैं तो उनको बंद कर देना जितना भी रेन वाटर है रेन वाटर को यूज़ करना कितनी सारी चीजें होती है रेन वाटर हार्वेस्टिंग पानी को कैसे प्रोडक्ट करना है प्रोटेक्ट करना है गड्ढे वगैरह खोद देनी ये सारे अगर हम रेन वाटर का यूज़ करते हैं तो हम वाटर को कंजर्व करके रख सकते हैं अब बात करते हैं नॉन रिन्यूएबल लैंड रिसोर्सेस के बारे में सबसे पहले तो यह जान लो कि लैंड जो है ना वो नॉन रिन्यूएबल रिसोर्सेस है अगर वह एक बार खराब हो जाएगी खत्म हो जाएगी तो फिर उसको हम बना नहीं सकते रिन्यू नहीं कर सकते ठीक है ये नॉन रिन्यूएबल रिसोर्सेस का एक एग्जांपल है आजकल क्या हो रहा है हम लैंड को भी हम करते जा रहे हैं करते जा रहे हैं ठीक है वो कैसे देखो आज की डेट में जमीन पॉपुलेशन कितनी बढ़ती जा रही है कितनी बढ़ती जा रही है तो उतने ही लोगों को उतनी ही जमीन की जरूरत है और पता है हम लैंड को अपने बहुत सारे पर्पसस में यूज़ करते हैं जैसे खेतीबाड़ी करने के लिए ठीक है और अपने घर वर बनाने के लिए तो लैंड का भी यूज ना बहुत तरीकों से किया जाता है बट आज की डेट में लैंड की कमी पड़ती जा रही है हम मिस मैनेजमेंट कर रहे हैं लैंड का है ना जैसे कि मैंने यहां पे लिखा हुआ है कि हम क्या करते जा रहे हैं मिस मैनेजमेंट करते जा रहे हैं और लैंड को प्रोड्यूस करना इजी बात नहीं है हम लैंड को प्रोड्यूस कर ही नहीं सकते ये नॉन रिन्यूएबल रिसोर्सेस है ठीक है जितना प्राकृति ने हमें जमीन दी है हम उतना ही हीट पे तो रह सकते हैं उतना ही तो काम कर सकते हैं बट हम मिस मैनेजमेंट कैसे कर रहे हैं हम लैंड्स वगैरह को बर्बाद करते जा रे वो कैसे हम डिफॉरेस्टेशन करते जा रहे हैं हम पेड़ों को काटते जा रहे हैं अब ना लैंड पर ना एक ग्रेट प्रेशर आ गया है किसका पॉपुलेशन का पॉपुलेशन इतनी तेजी से बढ़ गई है कि हर इंसान को लैंड चाहिए रहने के लिए देखा है ना जमीन के रेट कितने हाई है कितनी महंगी महंगी जमीन मिलती है क्यों क्योंकि ये रिसोर्सेस हमारे पास बहुत कम है और हम इसको बर्बाद करते जा रहे हैं इसका मिस मैनेजमेंट करते जा रहे हैं अब क्या होता है कि लैंड रिसोर्सेस में हम सोइल रिसोर्सेस के बारे में पढ़ते हैं लैंड से बिल्कुल कनेक्ट है सॉइल देखो लैंड की जो सबसे अपर मस्ट लेयर है वही तो क्या है सोइल है है ना वो इकोसिस्टम को एक बेस प्रोवाइड करती है ये एक सपोर्ट सिस्टम है किसका बहुत सारी लाइव्स का लाइफ रहती है इतनी सारी लिविंग ऑर्गेनिस्ट मस रहते हैं किस पे रहते हैं सॉइल पर ही तो रहते हैं ये सोइल हमें फ्रूट देती है वाटर देती है बहुत सारी चीजें दे रही है लैंड ठीक है लैंड का ही हम सब पार्ट पढ़ रहे हैं सोल रिसोर्सेस ठीक है और लैंड में एयर सैंड मॉइश्चर न्यूट्रिशन कितनी सारी चीजें होती है ताकि जो लिविंग ऑर्गेनिस्ट मस है वो खाकर उन्हें क्या रह सके जिंदा रह सके उनके सब चीजों के लिए लैंड बनी हुई है अब लैंड को हम मिस मैनेज कैसे कर रहे हैं और उसका मैनेजमेंट कैसे कर सकते हैं देखो जब हम इसके मैनेजमेंट के बारे में पढ़ेंगे ना तो आपको आईडिया हो जाएगा कि हम मिस मैनेजमेंट कैसे कर रहे हैं देखो लैंड को मैनेजमेंट करने का मतलब यही है ऐसा प्रोसेस जिसमें हम जो लैंड की डेवलपमेंट है और यूज है वो सही तरीके से करें लैंड का यूज इतने सही तरीके से करें उसकी डेवलपमेंट सही तरीके से करें क्योंकि लैंड का मैनेजमेंट करना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया क्योंकि आज की डेट में हमें लैंड की पड़ती जा रही है अब देखो जैसे कि एक लैंड थी एक जगह थी इस परे क्या कर सकते हैं हम अगर खेतीबाड़ी कर रहे थे तो खेतीबाड़ी करने के बाद फसलों को काटने के बाद जब इसको जला के उसे इसे ही उपजाऊ बनाकर इसपे और दोबारा भी खेती कर सकते हैं क्योंकि ये बहुत सारे पर्पसस के लिए यूज हो रही है ठीक है बढ़ती हुई पॉपुलेशन ने क्या कर दिया है लैंड पर कल्टीवेशन को कम कर दिया है अगर हम लैंड को कल्टीवेट ही नहीं करेंगे दाना पानी उठ जाएगा फिर तो हम लोगों का क्यों उठ जाएगा जब खेतीबाड़ी नहीं होगी खाना नहीं आएगा तो इंसान कैसे रहेंगे तो हमें लैंड की कैपेसिटी के अनुसार उसको यूज करना है है ना ठीक है ऐसा नहीं करना कि जबरदस्ती लैंड से यूज करते जा रहे हैं यूज करते जा रहे हैं उसकी उपजा उपन खत्म होती जा रही है फिर भी हम यूज कर रहे हैं उसको हमें बना के रखना है ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने हैं ठीक है एक ही लैंड पे उसको मल्टीपल परपस के लिए यूज करना है ठीक है उसमें ऐसी चीजें डालनी है खाद वगैरह जिससे क्या हो लैंड मैनेजमेंट बना रहा ठीक है अब बात करते हैं सोइल इरोजन की सॉइल इरोजन किसे कहते हैं देखो जो लैंड होती है ना ये लैंड थी सपोज लैंड की जो ऊपरी अपर मोस्ट लेयर होती है अपर मोस्ट लेयर जब ये हट जाती है ना ये वाली जो लेयर है वो हट जाती है तो वो क्या कहलाता है सोइल इरोजन कहलाता है सॉइल इरोजन एक ऐसा प्रोसेस है जिसम जो अपर मोस्ट लेयर होती है जो ऊपर वाली सोइल होती है जिसमें बहुत सारे न्यूट्रिएंट्स होते हैं वो क्या होती है एक प्लेस से दूसरे प्लेस प चली जाती है एक प्लेस से दूसरे प्लेस पे चली जाती है ठीक है यहां की मिट्टी यहां चली गई इसको क्या बोलते हैं सोइल इरोजन बोलते हैं अब ये बहुत तरीके से से हो सकता है या तो नेचुरल प्राकृति ने कर दिया या फिर इंसानों ने किया है अब प्राकृति कैसे करेगी हवा ववा आई तो ये वाली मिट्टी उड़ के इधर चली गई ये वाली जो परत है वो हट गई ठीक है या फिर वाटर फ्लड्स वगैरह बाढ़ वगैरह आई तो ये वाली परत हट के बह गई तो ये हो गया सोइल इरोजन लेकिन जो मैन है वो जो मैन करता है वो कैसे करता है हम क्या करते हैं डिफॉरेस्टेशन पेड़ों को काटते चले जाते हैं जिससे जो पेड़ मट्टी को पकड़े रहते हैं ना वो भी चले जाते हैं जब पेड़े नहीं होंगे तो मट्टी को पकड़ेगा कौन और जब मट्टी नहीं पकड़े गी तो सोइल इरोजन तो होना ही हो रहा है हम जितनी भी कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज करते हैं जितनी भी बिल्डिंग वगैरह बना रहे हैं तो हम क्या करते हैं सब जमीन जमीन बना देते हैं तो उसको हटा देते हैं मिट्टी को निकाल के फेंक देते हैं है ना और हम क्या करते हैं ज्यादा से ज्यादा पेस्टिसाइड्स वगैरह का यूज करते हैं लैंड के ऊपर तो भी जो उस मिट्टी के न्यूट्रिएंट्स है जो पहली परत है वो खत्म हो जाती है तो यही होता है सॉइल इरोजन चलिए अब बात करते हैं आगे बढ़ते हैं फॉरेस्ट रिसोर्सेस की तो फॉरेस्ट रिसोर्सेस फॉरेस्ट को क्या बोला गया है रिसोर्स बोला गया है क्योंकि फॉरेस्ट हमें बहुत कुछ दे रहा है दे रहा है ना आप खुद खद ही सोचो फॉरेस्ट भी एक रिसोर्स ही तो है फॉरेस्ट का इकोसिस्टम भी एक रिसोर्स है जो फॉरेस्ट है ना वो भी एक रिसोर्स है वो रिसोर्स क्यों है क्योंकि वो हमें बहुत सारी चीजें प्रोवाइड कर रहा है खाना प्रोवाइड कर रहा है लकड़ियां प्रोवाइड कर रहा है हमारी मेडिसिंस बहुत सारी चीजें जरूरत की कहां से आती है फॉरेस्ट से आती हैं हम इनडायरेक्टली फॉरेस्ट पे बहुत ज्यादा निर्भर हैं तो फॉरेस्ट को भी एज अ रिसोर्स हमने बोला है अब इसके तीन फंक्शंस बताए गए हैं तो पहला फंक्शन है इकोनॉमिक दूसरा फंक्शन है इकोलॉजिकल एंड तीसरा फंक्शन है श तो फॉरेस्ट कौन से फंक्शंस परफॉर्म करता है इसमें यही बात की गई है तो पहला फंक्शन जो परफॉर्म करता है वो कौन सा है इकोनॉमिक इकोलॉजिकल एंड सोशल इकोनॉमिक में क्या होता है इकोनॉमिक जैसे हमें नाम से ही समझ में आ रहा है पैसा जहां पैसा इवॉल्व है देखो फॉरेस्ट हमें ऐसी सारी चीजें दे रहा है गुड्स दे रहा है गुड्स मतलब सामान दे रहा है वो सारी चीजें दे रहा है जो हमें चाहिए जरूरत की बहुत सारे फल फ्रूट फूड बहुत सारी ऐसी चीजें दे रहा है जितनी चीजें होती है फॉरेस्ट से ही तो बन बन के आ रही है ड्रग्स हो गए या पेपर हो गए हर चीज फॉरेस्ट से बन रही है और उसको हम क्या करते हैं बेच देते अपने किसके लिए अपने घर चलाने के लिए बेच देते हैं तो उससे हमें पैसा मिलता है इससे क्या हो रहा है एक इकोनॉमी चल रही है तो पहला फंक्शन क्या है फॉरेस्ट का इकोनॉमिक फंक्शन दूसरा इकोलॉजिकल इकोलॉजिकल का मतलब होता है जहां एक्शन हो रहा है ऑर्गेनिस्ट मस का नॉन लिविंग थिंग्स के साथ ठीक है इसी इकोसिस्टम को इकोलॉजिकल से क्या करो आप कंबाइन करो और समझो क्या करता है फॉरेस्ट क्या करता है हमारे क्लाइमेट को मॉडरेट रखता है देखो आपने सोचा है आप कभी गांव जाते हो और आप शहर में रहते हो तो शहर के अकॉर्डिंग गांव में ठंडक होती है और शहर में ज्यादा गर्मी पड़ती है तो ये कैसे हो रहा है क्योंकि वहां पे ज्यादा प्राकृति है गांव में ज्यादा फॉरेस्ट है पेड़-पौधे हैं और हमारी जितनी भी कार्बन डाइऑक्साइड है वो कौन ले लेता है फॉरेस्ट ले लेता है अगर वो कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा कम होगी तो ऑटोमेटिक जो हमारा क्लाइमेट है उसकी जो गर्मी होगी वो कम होगी तो फॉरेस्ट इकोलॉजिकल फंक्शंस भी परफॉर्म कर रहा है ये हमारी बायोडायवर्सिटी को भी प्रोटेक्ट करता है हमारे जितने भी लिविंग ऑर्गेनिस्ट मस है वो फॉरेस्ट में ही तो रहते हैं अगर फॉरेस्ट ही नहीं होगा तो वो लोग कहां जाएंगे बायोडायवर्सिटी तो खत्म हो जाएगी ऐसे ही फॉरेस्ट का तीसरा फंक्शन क्या है सोशल देखो मतलब कि ये बहुत ज्यादा एथिकल स्पिरिचुअल रिक्रिएशन एंड टूरिस्ट वैल्यू भी प्रोवाइड करता है कैसे टूरिस्ट भी बहुत सारे लोग देखने आते हैं ठीक है फॉरेस्ट वगैरह को ये और हम जो है ना हमारी कहीं ना कहीं ना पूजा करते हैं फॉरेस्ट की जैसे कि बरगद के पेड़ की तुलसी के पेड़ की आज भी हम पूजा कर रहे होते हैं तो हमारे बहुत सारे स्पिरिचुअल वैल्यूज रिक्रिएशन या एथिकल वैल्यूज ये हमारे मोरन जुड़ी हुई है ठीक है ये सारी वैल्यूज हमारी किससे जुड़ी हुई है श फॉरेस्ट से जुड़ी हुई है तो फरेस्ट क्या करता है सोशल वैल्यू भी निभाता है ठीक है अब बात करते हैं डिफॉरेस्टेशन की एंड उसके कॉसेस एंड कंसीक्वेंसेस की ठीक है तो ये वाला जो टॉपिक है ना ये इंपॉर्टेंट मान लेना डिफॉरेस्टेशन क्या है डिफॉरेस्टेशन का मतलब होता है रिमूवल ऑफ इंडिजिनियस फॉरेस्ट मतलब हम क्या कर रहे हैं पेड़ों की कटाई करते जा रहे हैं लैंड को अदर पर्पस के लिए यूज कर रहे हैं और पेड़ों को साफ कर रहे हैं वही क्या कहलाता है डिफॉरेस्टेशन कहलाता है जहां पे हमने सारे पेड़ों को हटा दिया ठीक है तो आज की डेट में सिर्फ लैंड पे जितना भी सरफेस है उसमें 21 पर फॉरेस्ट बचा हुआ है बाकी सब क्या हो गया है डिफॉरेस्टेशन हो चुका है ठीक है और ये इसलिए हो रहा है ताकि हम जमीन को अलग-अलग पर्पसस के लिए यूज करें और करेंटली 12 मिलियन हेक्टर फॉरेस्ट को क्लियर कर दिया जाता है हर साल ठीक है तो यही हुआ डिफॉरेस्टेशन अब इसके बात कर लेते हैं कॉसेस की हम डिफॉरेस्टेशन क्यों कर रहे हैं हम पेड़ों की कटाई क्यों कर रहे हैं हम पेड़ों की कटाई इसलिए कर रहे हैं ताकि हम एग्रीकल्चर जितनी भी एग्रीकल्चर वाली एक्टिविटी है वो भी तो जमीन पर होती है तो सारी खेतीबाड़ी करने के लिए हम क्या कर रहे हैं फॉरेस्ट को हटाते जा रहे हैं फॉरेस्ट को हटाते जा रहे हैं हटाते जा रहे हैं और अर्बनाइजेशन जैसे जैसे हम शहर की तरफ बढ़ते जा रहे हैं हम अपनी जंगलों को साफ करते जा रहे हैं हम टेक्नोलॉजी के साथ इतने आगे बढ़ चुके हैं कि हम क्या कर रहे हैं प्राकृति का नुकसान कर रहे हैं उसको काटते जा रहे हैं सोइल इरोजन देखो जब मिट्टी इधर से उधर खिसके गी तो सिंपल सी बात है जो भी मिट्टी में पौधे वगैरह होंगे वो भी जाएंगे वो भी उखड़ ठीक है तो इससे भी क्या हो रहा है डिफॉरेस्टेशन हो रहा है कभी-कभी क्या होता है फॉरेस्ट में फायर लग जाती है और ऑटोमेटिक वो आग पकड़ लेते हैं तो इस वजह से भी डिफॉरेस्टेशन हो रहा है या पेस्ट अटैक की वजह से जब पेड़ों की जड़ों को इंसेक्ट्स वगैरह खाने लगते हैं उन पर अटैक कर देते हैं उनकी रूट पर उनकी स्टेम पर तो उसे बोलते हैं पेस्ट अटैक तो इस वजह से भी डिफॉरेस्टेशन होता जा रहा है ग्लोबल वार्मिंग की वजह से भी डिफॉरेस्टेशन हो रहा है और पॉपुलेशन तो इतनी बढ़ ही चुकी है आपको पता ही है इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है जिसकी वजह से भी क्या हो रहा है डिफॉरेस्टेशन बढ़ता जा रहा है अब इसके रिजल्ट क्या है अगर ये डिफॉरेस्टेशन ऐसे ही बढ़ता रहा अगर ऐसे ही हम शहर की तरफ बढ़ते रहे एग्रीकल्चर करते रहे सोइल इरोजन होता रहा चाहे वो मेन मेड हो रहा है या फिर नेचुरल प्राकृति उसे कर रही है या फॉरेस्ट में आग लगती रही या पेस्ट अटैक होता रहा ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती रही तो क्या होगा तो क्या होगा इसका रिजल्ट क्या है डिफॉरेस्टेशन का रिजल्ट ये है कि हमारे क्लाइमेट में सबसे बड़ा चेंज आएगा जैसे कि आजकल हमें देखने को मिलता है कितनी ज्यादा गर्मी है यह गर्मी क्यों है क्योंकि हमने क्या किया था डिफॉरेस्टेशन किया था अभी हर कोई रील्स में भी मीम्स में भी हर कोई यही समझा रहा है न्यूज़ में भी कि ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाओ पेड़ इसलिए लगाओ ताकि वो क्लाइमेट को चेंज कर सके ठीक है अब ये फ्लड्स को भी रोकते हैं अगर हम डिफॉरेस्टेशन कर देंगे तो हमारे यहां पे बाढ़ आ जाएगी पेड़ों की जो जड़े होती है वो मिट्टी को पकड़ के रखती है जब मिट्टी ही नहीं रहेगी बहेगी तो फ्लड्स तो आनी ही है और इससे क्या हो रहा है हमारी बायो डायवर्सिटी का भी लॉस हो रहा है जो जितने भी जीव जंतु और जितनी भी लाइफ रहती है ना हमारे एनवायरमेंट में उनका भी लॉस होता जा रहा है बहुत सारे जानवरों का घर होता है फॉरेस्ट अगर फॉरेस्ट ही नहीं बचेगा तो बायो डाइवर्सिटी का तो अंत होगा ही ना वाइल्ड लाइफ क्या हो जाएगी खत्म होती चली जाएगी वाइल्ड लाइफ एक्सटेंशन में मतलब कि जब फॉरेस्ट ही नहीं बचेगा तो धीरे-धीरे प्रजातियां लुफ्त हो जाएंगी खत्म हो जाएंगी क्योंकि उनको रहने के लिए जगह नहीं मिलेगी खाने के लिए खाना नहीं मिलेगा तो ये सब चीजें खत्म हो जाएंगी और इससे क्या हो रहा है इससे डिफॉरेस्टेशन से सोइल इरोजन भी बढ़ रहा है पेड़ नहीं है तो मिट्टी को रोकने वाला हथियार नहीं नहीं है और मिट्टी को रोकने वाला हथियार नहीं है तो सोइल इरोजन बढ़ता जा रहा है co2 कार्बन डाइऑक्साइड गैस हमारे एनवायरमेंट में बढ़ रही है क्योंकि हमसे जो कार्बन डाइऑक्साइड है वो कौन लेता है पेड़ ही तो लेते हैं और जब पेड़ ही नहीं होंगे तो रिसोर्सेस की भी स्कार्सिटी मिलेगी ना हमारा जितने भी रिसोर्स कहां से आते हैं फॉरेस्ट से आते हैं अगर फॉरेस्ट ही नहीं बचेगा तो हमें कौन रिसोर्स देगा हम किस पे डिपेंड रहेंगे अपने खाने के लिए अपने कमाई के लिए सब कौन दे रहा है फॉरेस्ट ही तो दे रहा है अब बात कर लेते हैं कंजर्वेशन एंड मैनेज ट ऑफ फॉरेस्ट की फॉरेस्ट को कंजर्व करना और मैनेज करना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है हम क्या कर रहे हैं फॉरेस्ट को एक्सप्लोइट करते जा रहे हैं नुकसान पहुंचाते जा रहे हैं उसको खत्म करते जा रहे हैं जमीनों को साफ करने के लिए फॉरेस्ट काटते जा रहे हैं और उसमें फिर रीजन उसे वापस से तो कोई भी नहीं उगा रहा ना बस काट रहा है इंसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे काट रहा है वापस से नहीं उगा रहे इससे क्या हो रहा है हमारा जो एनवायरमेंटल इंबैलेंस होता जा रहा है एनवायरमेंट में इंबैलेंस क्रिएट हो रहा है उससे क्या हो रहा है कि गवर्नमेंट ने स्ट्रांग पॉलिसी बनाई है ताकि हम क्या कर सके कंजर्वेशन एंड मैनेजमेंट कर सके फॉरेस्ट का अब बात करते हैं वो कौन-कौन से पॉइंट्स हैं कौन-कौन से मेजर्स हैं जो गवर्नमेंट ने लिए हैं तो गवर्नमेंट ने क्या लिया है कि इंक्रीज इन एरिया ऑफ फॉरेस्ट प्लांटेशन वो वाला एरिया बढ़ा दो जहां पे हम प्लांट्स लगाते जाएं ज्यादा से ज्यादा प्लांट लगाएं ठीक है दूसरा कि हम ना कोई और अल्टरनेटिव और सब्सीट्यूट ढूंढे जैसे कि अगर हमें कॉफी पीने का मन कर रहा है तो हमने उसके बदले में चाय बना ली दोनों ही एक तरह से एक दूसरे की सब्सीट्यूट हैं ठीक है तो ऐसे ही ऐसा कुछ करो ऐसे कुछ चीजें करो कि हम हमारा लैंड का रहने का या फिर जिस भी वजह से हम फॉरेस्ट को काट रहे हैं ना उसके अलग सब्सीट्यूशन उसके अलग रास्ते उसके अलग अल्टरनेटिव्स को डेवलप करो और उसको प्रमोट करो ठीक है थर्ड पॉइंट कहता है कि फॉरेस्ट को जो एरिया है फॉरेस्ट का एरिया ज्यादा से ज्यादा बढ़ा पहला पॉइंट ये कह रहा था ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाओ और तीसरा पॉइंट कह रहा है एरिया को ज्यादा से ज्यादा बढ़ा दो चौथा पॉइंट कह रहा है कि सस्टेनेबल मैनेजमेंट करो फॉरेस्ट की फॉरेस्ट को इस तरह से मैनेज करो कि वो आगे वाली जरूरतों को भी आने वाली जरूरतों को भी पूरा कर सके ठीक है फिफ्थ पॉइंट कह रहा है कि कुछ ऐसे लॉज बना दो स्ट्रिक्टली लॉज बना दो ऐसे स्ट्रिक्ट लॉज बना दो कि लोग पेड़ काटने से डरें ठीक है सिक्स पॉइंट कह रहा है एग्रो फैक्ट्री एंड सोशल फॉरेस्ट्री इसका मतलब होता है इन दोनों ही चीजों को प्रमोट एग्रो फॉरेस्ट्री का मतलब होता है जब एक किसान जहां पर वो एग्रीकल्चर कर रहा है उसी जमीन पर अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उस पे ही फॉरेस्ट वगैरह लगाए ताकि वो अपने रहने महने का सब कुछ निकाल सके उस फॉरेस्ट से जिन रिसोर्सेस प हम निर्भर है ना फॉरेस्ट के जिन रिसोर्सेस पे हम निर्भर है वो अपने ही एरिया में वो कर ले जब एग्रो फॉरेस्ट्री ये सब करेगा ना किसान अपने अपने एरिया में तो ये चीजों को बढ़ावा मिलेगा ऐसी सोशल फॉरेस्ट्री मतलब जो गवर्नमेंट के द्वारा प्रमोट किया जाए गवर्नमेंट ट बोले हम लोगों को करने के लिए कि अपने एरिया पे ये सारी चीजें करो तो इससे क्या होगा हमारा डिफॉरेस्टेशन कम होगा ज्यादा से ज्यादा पेड़ बनेंगे ठीक है हम फॉरेस्ट को कंजर्व कर पाएंगे और मैनेज कर पाएंगे चलिए अब आगे बात करते हैं अब आगे क्या है बायोडायवर्सिटी बायोडायवर्सिटी क्या होती है देखो बायो का मतलब होती है लाइफ लिविंगस ठीक है जितनी भी लिविंगस है जितनी भी लाइव्स है उसको बायो बोलते हैं डाइवर्सिटी का मतलब होती है वैरायटी अलग-अलग चीजें ठीक है तो बायोडा सिटी को निकालने वाले कौन थे डब्ल्यू जी रोजन थे इन्होंने क्या किया इन बैठे-बैठे सुकून तो मिल नहीं रहा होगा हम जैसे बच्चों को पढ़ने के लिए बोल दिया कि भाई बायोडायवर्सिटी नाम की भी कुछ चीज होती है इन्होंने 1985 में बायोडायवर्सिटी को निकाल दिया ठीक है बायोडायवर्सिटी कहती है कि वैरायटी ऑफ लिविंग ऑर्गेनिस्ट म विद इन अ गिवन एरिया दैट इज कॉल्ड बायोडायवर्सिटी समझ में आया बायोडायवर्सिटी क्या है वो सारी वैराइटीज लिविंग ऑर्गेनिस्ट मस की जो एक एरिया में मौजूद है जो हमारे एनवायरमेंट में मौजूद है जो हमारे इकोसिस्टम में मौजूद है उसे ही बायोडायवर्सिटी कहते हैं इसके अंदर मेनली बहुत सारी स्पीशीज बहुत सारे लोग बहुत सारे प्लांट्स बहुत सारे एनिमल आते हैं ये सब क्या है ये सब लाइफ है ह्यूमन भी एक लाइफ है प्लांट की भी लाइफ है एनिमल्स की भी लाइफ है एनिमल्स में भी कितनी तरह के एनिमल्स आते हैं कितनी तरह के प्लांट्स आते हैं ह्यूमन में भी कितने तरह के ह्यूमन आते हैं यूरोप के कोई नाइजीरियन है कोई कोई है कोई कोई है ठीक है तो बायोडायवर्सिटी मतलब डाइवर्सिटी मतलब कि वैरायटी ऑफ लिविंग ऑर्गेनिस्ट म इसके अंदर टेरेस्ट्रे मरीन एंड अदर एक्वेटिक इकोसिस्टम भी इंक्लूड है बायोडायवर्सिटी में सारी चीजें आती हैं ठीक है अब भले ही वो पानी के अंदर हो या जमीन पर हो या फिर वो कहीं पे भी हो जो लिविंग है जो जिनमें जान है वो होता है बायोडायवर्सिटी का पार्ट अब तीन लेवल है बायोडायवर्सिटी के एक होता है जेनेटिक लेवल एक होता है स्पेशियस डाइवर्सिटी एक होती है इकोसिस्टम डाइवर्सिटी तो जेनेटिक डाइवर्सिटी कौन सी डाइवर्सिटी होती है देखो जेनेटिक डाइवर्सिटी जो होती है वो जीन जो हमें अपने पेरेंट से मिलते हैं देखो हर कोई जभी भी अपने बच्चों को जन्म देता है तो उनमें उनके मां-बाप के गुण होते हैं होते हैं ना तो इन्हीं को बोला गया है जेनेटिक डाइवर्सिटी जेनेटिक डाइवर्सिटी कहां से मिलती है जीन से मिलती है जो जीन में वेरिएशन है ना उसकी वजह से जो स्पीस में वेरिएशंस आ रही है उसे ही जेनेटिक डायवर्सिटी बोलते हैं जैसे कि अगर एग्जांपल की बात करूं कुत्तों की ब्रीड होती है अलग-अलग तरह के कुत्ते होते है तो ये सारी जो वैराइटीज है ना उसको ही जेनेटिक डाइवर्सिटी बोला गया है जो हमें अपने जीन से मिल रही है जो हमें अपने पेरेंट से मिल रही है ठीक है जो हमें अपनी कैटेगरी से मिल रही है उसको बोलते हैं जेनेटिक डाइवर्सिटी जैसे एग्जांपल के लिए मैंने लिखा है कि डिफरेंट कलर ऑफ बटरफ्लाइज अब अलग-अलग तरह की बटरफ्लाई होती हैं सपोज कि यहां पे भी यहां पे भी यहां पे भी है तो ये तीनों आपस में मिलती-जुलती नहीं होगी ये अलग अलग परिवार से होगी अलग परिवार से होगी अलग परिवार से होगी मतलब जीन में कह रही हूं मैं ठीक है अब मैंगो के भी एक लंगड़ा आता है एक चूसा आता है एक पता नहीं क्या आता है एक पता नहीं क्या आता है तो इतनी सारी वैराइटीज होती है मैंगो में भी और डॉग की भी बहुत सारी ब्रीड होती है तो ये कौन सी डाइवर्सिटी है जेनेटिक डाइवर्सिटी है जो जन जीन से मिल रही है ठीक है अब बात करते हैं स्पीस डाइवर्सिटी की तो स्पीस डाइवर्सिटी में बहुत सारी स्पीशीज होती है ठीक है डिफरेंट डिफरेंट स्पीशीज को ही स्पीशीज डाइवर्सिटी बोला गया है जैसे कि आप इस फोटो में देखिए ये फोटो आपकी बुक की है आप इसमें देखिए कि 45 100 4500 स्पीशीज किसकी है मैमल्स की 10000 स्पीशीज है बर्ड्स की 12000 स्पीशीज है रेप्टाइल्स एफेलिस की ठीक है 20000 स्पीशीज है फिस की तो यह कौन सी डाइवर्सिटी है ये डाइवर्सिटी है स्पीस डाइवर्सिटी अलग-अलग तरह की स्पीस मिलती है ठीक है ये इन्हे स्पीस कहते हैं और ऊपर वाली को क्या कहते हैं जो जीन से आई होती है जेनेटिक कहते हैं अब थर्ड होती है इकोसिस्टम डायवर्सिटी जो डाइवर्सिटी जो वेरिएशंस हमें हमारे इकोसिस्टम में देखने को मिलते हैं वो होती है इकोसिस्टम डाइवर्सिटी ठीक है जो भी इकोसिस्टम में वेरिएशन देखने को मिलते हैं अलग-अलग तरह के प्लांट अलग-अलग तरह के एनिमल्स जो आपस में क्या कर रहे हैं एक दूसरे के साथ इंटरेक्ट कर रहे हैं उसी को बोलते हैं इकोसिस्टम डाइवर्सिटी ठीक है अब बात करते हैं कि जो इकोसिस्टम डाइवर्सिटी होती है वो सारे प्रोसेस जितने भी प्रोसेस परफॉर्म किए जाते हैं इकोसिस्टम में कोई किसी के साथ इंटरेक्शन कर रहा है कोई कुछ परफॉर्म कर रहा है कोई कुछ परफॉर्म कर रहा है तो इकोसिस्टम डायवर्सिटी उसको मेंटेन करने में हेल्प करती है अब आता है वैल्यूज ऑफ बायोडायवर्सिटी यहां पे वैल्यूज का जो क्वेश्चन है ना वो बात कर रहा है कहीं ना कहीं बेनिफिट से कि बायोडायवर्सिटी हमें किस तरह के बेनिफिट्स देती है तो यही इसकी वैल्यूज है ठीक है तो बायोडायवर्सिटी दो तरह की वैल्यूज हमें देती है एक होती है डायरेक्ट यूज और एक होती है इनडायरेक्ट यूज ठीक है डायरेक्ट यूज में बायोडायवर्सिटी का मतलब बायोडायवर्सिटी हमें ऐसे बेनिफिट दे रही है जो हमारे डायरेक्ट यूज के लिए है और बायोडायवर्सिटी हमें ऐसे बेनिफिट्स दे रही है जो हमारे इनडायरेक्ट यूज के लिए अब वो कैसे देखो डायरेक्टली हमें हमें बायोडायवर्सिटी से बायोडायवर्सिटी में तो अलग-अलग तरह की स्पीशीज है अलग-अलग तरह के जेनेटिक है और इकोसिस्टम है तो कितने डिफरेंट डिफरेंट तरह के प्लांट्स होंगे तो हमें उनसे फूड मिल रहा है टिंबर मिल रहा है तो जो हम डायरेक्टली कंज्यूम कर रहे हैं ठीक है और अपने बेचने के परपस से जो चीजें हमें मिल हैं बायोडायवर्सिटी से तो उसको बोलेंगे डायरेक्ट यूज एग्जांपल मैंने यहां पे लिख दिया है और इनडायरेक्ट यूज में जिस जो चीजें हमें इनडायरेक्टली मिल रही है जिसको हम कंज्यूम नहीं कर रहे जिस जो बहुत ज्यादा एस्थेटिक है और जो कल्चरल एंड रिलीजियस से मैटर करती है जैसे कि मैं बात करूं एग्जांपल की तो बहुत सारी हमारी सुंदर झरने पहाड़ पेड़ पौधे जो हमें आसपास अपने देखने को मिलती हैं हम इसका डायरेक्टली यूज तो नहीं कर रहे लेकिन ये बहुत ज्यादा एस्थेटिक है ठीक है जो बर्गत का कहीं पे पेड़ लग रहा है तो उसकी लोग पूजा वगैरह कर रहे हैं तो ये क्या है बायोडायवर्सिटी तो है भले ही हम इसका यूज नहीं कर रहे डायरेक्टली लेकिन हम अपने कल्चर्सल जस को फॉलो तो कर रहे हैं ना और ये नॉन कंजप्टिव होती है हम इसको डायरेक्टली कंज्यूम नहीं कर रहे ठीक है तो समझ में आ गया इनडायरेक्ट यूज तो चलिए अब बात करते हैं कन्वेंशनल एनर्जी की या नॉन कन्वेंशनल एनर्जी की देखो ये भी बहुत ज्यादा इजी है जैसे हमने नॉन रिन्यूएबल सोर्सेस और रिन्यूएबल सोर्सेस के बारे में पढ़ा ना बस यही है वो ठीक है देखो वो थे सोर्सेस रिसोर्सेस लेकिन क्या है ये एनर्जी ठीक है बस इतना सा डिफरेंस है लेकिन जो उस टाइम नॉन रिन्यूएबल सोर्स से जो एनर्जी निकलती थी उसे ही हम क्या बोलेंगे कन्वेंशनल एनर्जी बोलेंगे और जो रिन्यूएबल सोर्सेस ऑफ एनर्जी निकलती थी उसे नॉन कन्वेंशनल बस इसमें क्या कर देना है उनका उल्टा कर देना है जो नॉन रिन्यूएबल थे जिन रिसोर्सेस को हम रिन्यू नहीं कर सकते थे दोबारा से नहीं बना सकते थे जैसे कि को पेट्रोलियम जिनको बनने में बहुत सारे साल लग जाते हैं तो ऐसे रिसोर्सेस से निकलने वाली एनर्जी को हम कन्वेंशनल एनर्जी बोलते हैं ठीक है और रिन्यूएबल सोर्सेस जिनको हम बना सकते हैं जैसे कि सोलर एनर्जी बायोमास ये बहुत सारी ऐसी एनर्जी हैं जिनको हम बना सकते हैं ठीक है सकते हैं तो इसको हम क्या कर सकते हैं रिन्यू कर सकते हैं तो ऐसी एनर्जी को हम नॉन कन्वेंशनल एनर्जी बोलेंगे अब आप थोड़ा सा कंफ्यूज हो जाओगे तो मैं आपको बता दूं जो उसमें नॉन था ना वो इसमें नॉन नहीं है इसका अपोजिट हो गया है वो नॉन रिन्यूएबल सोर्स था ना तो इसमें कन्वेंशनल हो गया है और जो नॉन कन्वेंशनल सोर्स था वो इसमें बिना नॉन वाला हो गया है तो आपको आई होप कि अब इससे याद रहेगा कि आपको क्या कर देना है जस्ट अपोजिट कर देना है ठीक है अब जैसे कि आप उसी को अपने दिमाग में रख के इन डिफरेंसेस को समझिए कि जो नॉन रिन्यूएबल सोर्सेस ऑफ एनर्जी है जिनको हम रिन्यू नहीं कर सकते जिनको हम कॉइल पेट्रोलियम को जल्दी से जल्दी नहीं बना सकते वो रिसोर्सेस वो एनर्जी हमारे पास क्या है लिमिटेड है ठीक है और जो रिन्यूएबल सोर्स ऑफ एनर्जी है जिसको हम बना सकते हैं जैसे कि सोलर एनर्जी बायोमास जियोथर्मल एनर्जी विंड एनर्जी ऐसी कुछ एनर्जीस है जो है वो हमारे पास अनलिमिटेड है और जो यह वाली जो एनर्जीस होती है ना कन्वेंशनल वाली इसमें ज्यादा पैसे की हमें जरूरत होती है और इसमें हमें लेस अमाउंट ऑफ की जरूरत होती है इन एनर्जी को क्या करने के लिए जनरेट करने के लिए इन सारी चीजों से पोल्यूशन होता है जैसे कि कोइल को अगर हम जलाते हैं पेट्रोल से इन सब चीज़ों से हमारा क्या हो रहा है एनवायरमेंट पोल्यूटर है बट यह जो एनर्जीजर्स के लिए जैसे कि अभी देख लो हम विन विंड एनर्जी बना रहे हैं सोलर एनर्जी बना रहे हैं तो इससे हमारे पोल्यूशन को कोई हार्म नहीं होता देखो यह जो नॉन रिन्यूएबल रिसोर्सेस हैं जिनको हम कन्वेंशनल सोर्स ऑफ़ एनर्जी बोल रहे हैं यह एक समय के बाद एग्जॉस्ट हो जाएंगी खत्म हो जाएंगी जैसे कि कॉइल ऑयल एंड फ्यूल और वाटर के बारे में आपको कंफ्यूजन यहां यहां क्रिएट होगी अभी समझाती हूं पहले यहां पे देख लेते हैं कि जो रिन्यूएबल सोर्स ऑफ एनर्जी है जो नॉन कन्वेंशनल सोर्स ऑफ एनर्जी है वो खत्म नहीं होगी वो चलती ही रहेगी जब जब हम बनाते रहेंगे वो चलता रहेगा जैसे कि सोलर एनर्जी विंड एनर्जी बायोमास अब देखो अभी आप बोलोगे आपने मैडम वाटर को तो रिन्यूएबल सोर्स बताया था और अब आप इसमें नॉन रिन्यूएबल सोर्स ऑफ एनर्जी में वाटर को इंक्लूड कर रहे हो तो देखो वाटर जो है ना वाटर क्या है वाटर को हम कंसीडर कर रिन्यूएबल सोर्स ऑफ एनर्जी ही कंसीडर करते हैं वाटर क्या है रिन्यूएबल सोर्स ऑफ एनर्जी है बट इसमें इसका एग्जांपल इसलिए डाल दिया क्योंकि इसकी भी कमी है वाटर भी एग्जॉस्ट हो रहा है ठीक है खत्म हो जाएगा लेकिन वाटर को ना हम रिन्यू कर सकते हैं एक काम करो आपको अगर इतनी कंफ्यूजन हो रही है ना तो इसको ना निकाल दो ये एक एक्सेप्शनल केस है ठीक है तो आप इसको भूल जाओ कि मैंने यहां पे वाटर लिखा हुआ है ठीक है अब बस इतना याद रखो कि वाटर को किसमें कंसीडर किया जाता है रिन्यूएबल सोर्सेस में क्योंकि वाटर को रिन्यू कर सकते हैं जैसे ही वायरस वगैरह पड़ेगी तो अंडरग्राउंड के अंदर फिर से पानी आ जाएगा वाटर की कमी इसलिए है क्योंकि अनइक्वल डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ सप्लाई है ठीक है तो चलिए इसको हटा देते हैं अब यहां पे देखिए इसके एग्जांपल भी हमने पढ़ ही लिए चलिए आगे बात करते हैं आगे क्या है जैसे कि मैंने वहां पे डिफरेंस बता ही दिया मैं आपको डिफरेंस की फॉर्म में इसलिए करवाती हूं ताकि अगर सेपरेट सेपरेट क्वेश्चन आए कि नॉन कन्वेंशनल क्या है वो भी लिख सको एग्जांपल भी लिख सको अगर डिफरेंस भी आ जाए तो डिफरेंस भी लिख सको अब एनर्जी दो तरीके की होती है नॉन कन्वेंशनल एंड कन्वेंशनल कन्वेंशनल को हम बोलते हैं नॉन रिन्यूएबल सोर्स ऑफ एनर्जी नॉन कन्वेंशनल को बोल सकते हैं रिन्यूएबल सोर्स ऑफ एनर्जी अब इसमें आता है बायोमास सोलर एनर्जी जियोथर्मल विंड एनर्जी इसमें आती है सारी ऑयल्स नेचुरल गैसेस कोइल एंड हाइड्रो पावर अब देखो अब देखो बायोमास बायोमास क्या होता है देखो एक ना वो बना देते हैं फ्यूल जैसे जितना भी वेस्ट होता है काउ डंग एनिमल का प्लांट्स का इन सबके वेस्ट से हम क्या निकालते हैं कुछ इंपॉर्टेंट गैसेस निकालते हैं जो हमारे एनवायरमेंट के लिए अच्छी होती है इसमें क्या करते हैं हम आपने देखा होगा जैसे कि इस फोटो के अंदर देखिए यह क्या है ये बायोमास का एक एग्जांपल है इसमें हम ना बिना ऑक्सीजन वाली जगह में ये सारे वेस्ट को डाल देते हैं फिर इसमें कुछ डीकंपोजर डीकंपोज करते हैं उसके बाद कुछ गैसेस रिलीज होती है जैसे नाइट्रोजन फास्फोरस जो हमारे एनवायरमेंट के लिए अच्छी होती है जो यूज़फुल होती है ठीक है तो बायोमास समझ में आ गया सोलर एनर्जी जैसे कि आप इस फोटो में देख सकते हैं सोलर एनर्जी से हम क्या करते हैं सोलर पैनल लगाते हैं सोलर पैनल से क्या करते हैं हम इलेक्ट्रिसिटी को जनरेट करते हैं आजकल हमारे घरों में हर किसी के घर में इलेक्ट्रिसिटी है वो कहां से आती है वैसे तो इलेक्ट्रिसिटी बनाने के बहुत सारे वेज हैं लेकिन सोलर एनर्जी भी एक ऐसा वे है जिससे हम इलेक्ट्रिसिटी जनरेट कर सकते हैं कि बिना किसी एनवायरमेंट को हार्म किए तो ये क्या होती है कार्बन डाइऑक्साइड से फ्री होती है ठीक है जियोथर्मल एनर्जी कौन सी एनर्जी होती है ये कौन सी एनर्जी के बारे में पढ़ रहे हैं हम जिसको हम रिन्यू कर सकते हैं बार-बार बना सकते हैं ठीक है जियोथर्मल एनर्जी कौन सी एनर्जी होती है देखो जिथ थर्मल एनर्जी से भी इलेक्ट्रिसिटी जनरेट होती है अब ये होता क्या है देखो हम ये मान के चलते हैं जो पृथ्वी है ना पृथ्वी के जो अंदर अंदर की पथ है जो ये कोर है ना यहां पे बहुत ज्यादा हाई टेंपरेचर है यहां पे बहुत बहुत बहुत गर्मी है इतनी गर्मी कि हम सोच भी नहीं सकते इतनी ज्यादा गर्मी है हमारे अर्थ की सरफेस के अंदर कोर के अंदर बहुत ज्यादा टेंपरेचर हाई है देखा है ना आपने कभी-कभी वोल्केनो फटते हैं वो कैसे फटते हैं इसी गर्मी की वजह से तो फटते हैं तो क्या होता है पृथ्वी के अंदर से निकलती है एनर्जी निकलती है ठीक है जो मेल्टन रॉक्स के थ्रू मेल्टन रॉक्स होते हैं पत्थर वगैरह होते हैं ठीक है उनको पिघला हुए वो क्या करती है आगे निकल जाती है कभी-कभी ये जमीनों में से निकल रही होती है तो इससे भी इलेक्ट्रिसिटी को जनरेट किया जाता है ठीक है ऐसे गर्म पानी की जो छीट पड़ने लगती है जमीन के अंदर से वो लोगों के लिए तो जादू होगा लेकिन हम लोगों के लिए हम जैसे लोगों के लिए जिसको पता है कि जियोथर्मल एनर्जी क्या होती है उन लोगों के लिए साइंस है जो जमीन में से क्या निकलता है गरम-गरम पानी निकलता है उससे टर्बाइन चला के उससे क्या बनाई जाती है इलेक्ट्रिसिटी बनाई जाती है ठीक है तो जियोथर्मल एनर्जी भी समझ में आ गया विंड एनर्जी कौन सी एनर्जी होती है जिसमें आप देखो इस फोटो में देखिए देखो विंड एनर्जी में ये विंड मील लगाते हैं और टरबाइन चलाते हैं और इससे क्या करते हैं इलेक्ट्रिसिटी को जनरेट करते हैं तो ये सारी कौन सारी एनर्जी कौन सी है रिन्यूएबल जिसको हम रिन्यू कर सकते हैं ये सारी चीजें हम किस लिए कर रहे हैं ऐसी एनर्जी जो हमारी ही एनवायरमेंट के लिए काम आ रही है इलेक्ट्रिसिटी को जनरेट करने के लिए ठीक है जो हमें बहुत इंपॉर्टेंट गैसेस दे रही फ्यूल्स हीट ये सब चीजें इलेक्ट्रिसिटी वगैरह दे रही है चलो अब बात करते हैं कॉसेस ऑफ डाइवर्सिटी लॉसेस हमारे जो डाइवर्सिटी है उसका लॉस होता जा रहा है इसके क्या कॉसेस है देखो क्लाइमेट चेंज हो रहा है जैसे-जैसे क्लाइमेट में चेंज आ रहा है हम इतने ज्यादा अमाउंट में डिफॉरेस्टेशन करते जा रहे हैं कार्बन डाइऑक्साइड गैस बढ़ती जा रही है क्लाइमेट पूरा चेंज होता जा रहा है गर्म होता जा रहा है तो क्या हो रहा है बहुत सारी ऐसी स्पीशीज है जो ये सारे जो चेंजेज आ रहे हैं उनको अडॉप्ट नहीं कर पा रही है इससे क्या हो रहा है बायोडायवर्सिटी खत्म होती जा रही है स्पीशीज खत्म होती जा रही है क्लाइमेट तो चेंज हो ही रहा है क्लाइमेट चेंज होने से क्या हो रहा है स्पीशीज भी खत्म हो रही है ठीक है बायोडायवर्सिटी इसलिए लॉस हो रही है पॉपुलेशन हम इतनी ज्यादा पॉपुलेशन बढ़ती जा रही है तो क्या कर रहा है इंसान क्या कर रहा है अपने रहने के लिए वो फॉरेस्ट को काट रहा है बहुत सारी स्पीशीज को खत्म करता जा रहा है और लैंड का यूज करता जा रहा है तो इस वजह से भी बायोडायवर्सिटी लॉस हो रही है देखो हम थर्ड पॉइंट क्या कहता है कि हम क्या कर रहे हैं अपने नेचुरल एनवायरमेंट का बहुत ज्यादा एक्सप्लोइटेशन कर रहे जरूरत से ज्यादा उससे काम ले रहे हैं उसको खराब कर रहे हैं तो इस वजह से भी बायोडायवर्सिटी का लॉस हो रहा है बहुत लोगों के हैबिटेट लॉस भी हो रहा है हम लगड़ी को कितने सारे वेरियस पर्पस के लिए यूज करते जा रहे हैं टिंबर के लिए मतलब हर चीज के लिए हम अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए क्या कर रहे हैं जो फॉरेस्ट में रह रहे स्पीशीज हैं उनके घरों को उजाड़ रहे हैं ठीक है तो इसी वजह से क्या हो रहा है बायोडायवर्सिटी का लॉस होता जा रहा है बहुत सारी स्पीशीज लुफ्त होती जा रही है पहले डायनासोर्स रहते थे लेकिन आज की डेट में डायनासोर्स नहीं मिलते ये सब क्या हो रहा है क्लाइमेट वगैरह चेंज बायोवर्सिटी लॉस होने के कारण ये सारी चीजें हो रही रही है अब बात करते हैं थ्रेट्स ऑफ बायोडायवर्सिटी थ्रेट्स का मतलब होता है खतरा वो चीजें जो जिससे किसको डर है बायोडायवर्सिटी को डर्स है डर है तो ऐसी कौन-कौन सी चीजें जिससे बायोडायवर्सिटी खतरे में पड़ चुकी है देखो एक तो कहीं ना कहीं हैबिटेट लॉस हो चुके हैं ठीक है पोचिंग ऑफ वाइल्ड लाइफ हो रही है ये क्या है अभी पढ़ेंगे नीचे ह्यूमन वाइल्ड लाइफ में कॉन्फ्लेट हो रहा है इस वजह से बायोडायवर्सिटी जो है ना खतरे में है ठीक है समझ में आया अब बात करते हैं हैबिटेट लॉस की अच्छा हैबिटेट लॉस पढ़ने से पहले एक टॉपिक कर लेते हैं ग्लोबल क्लाइमेट चेंज ग्लोबल क्लाइमेट चेंज में यह है कि क्लाइमेट चेंज होता जा र है हम क्या कर रहे हैं आए दिन आए दिन हम फॉसिल फ्यूल्स को जला रहे हैं क्यों कोयला जला रहे हैं कोयले से भी तो इलेक्ट्रिसिटी बनाई जाती है हम इतनी ज्यादा टेक्नोलॉजी के साथ आगे बढ़ चुके हैं कि हम अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कॉइल जला रहे हैं नेचुरल गैसेस का प्रयोग कर रहे हैं ऑयल वगैरह कॉइल बेस थर्मल पावर प्लांट होता है ना जिससे इलेक्ट्रिसिटी बनती है उन सबको जलाते जा रहे हैं इससे क्या हो रहा है कि दिन प्रतिदिन कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनती जा रही है इंक्रीज होती जा रही है हमारे एटमॉस्फेयर के अंदर और फिर वो क्या होता है हमारी पृथ्वी पर जाके वो गैस जम जाती है एक परत बना लेती है और हमारी ओजोन लेयर भी डिप्लीट होती जा रही है तो जैसे-जैसे कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ती जा रही है हमारा टेंपरेचर बढ़ता जा रहा है और हमारे टेंपरेचर में चेंज आ रहा है वो ज्यादा से ज्यादा क्लाइमेट को चेंज कर रहा है और सी लेवल्स भी बढ़ रहे हैं ठीक है और सी लेवल्स बढ़ने से क्या हो रहा है कि कहीं पर तो सूखा पड़ रहा है ऐसे बहुत सारी आपदाएं आ रही है कहीं पर फ्लड्स आ रहे है देखो पेड़-पौधे नहीं होंगे तो फ्लड्स का आने का खतरा बढ़ जाता है ड्रॉट सूखा पड़ रहा है जहां बहुत ज्यादा ओले पड़ रहे हैं कोई ऐसी जगह है जहां ओले रुख ही नहीं रहे हैं ठीक है हम बहुत सारी स्पीशीज को खोते जा रहे हैं ये किस वजह से हो रहा है ग्लोबल क्लाइमेट चेंज की वजह से हो रहा है और वो क्यों आ रहा है कार्बन डाइऑक्साइड की एयर में जो कार्बन डाइऑक्साइड है उसके बढ़ने की वजह से आ रहा है अब बात कर लेते हैं क्लाइमेट चेंज होता क्या है क्लाइमेट चेंज होता क्या है क्लाइमेट चेंज का मतलब होता है कि टेंपरेचर शिफ्ट हो जाना परमानेंट चेंज हो जाना वेदर का पैटर्न चेंज होना जा आना वेदर का पैटर्न चेंज हो जाना जैसे कि हमने पिछली साल 2023 में रिकॉर्ड किया था कि 2023 सबसे ज्यादा हॉटेस्ट साल था लेकिन 2024 ने तो उसका भी रिकॉर्ड ब्रेक कर दिया और ऐसे ऐसे हम आगे भी करते जाएंगे क्योंकि अगर हम नहीं सुधरे तो तो यह सब क्या है ग्लोबल क्लाइमेट चेंज है चलिए बात कर लेते हैं हैबिटेट लॉस की अच्छा हैबिटेट लॉस पढ़ने से पहले एक उसकी इंपॉर्टेंस भी पढ़ लेते हैं बायोडायवर्सिटी क्यों इंपॉर्टेंट है देखो बायोडायवर्सिटी जो है ना वो हमारी इकोसिस्टम को बैलेंस बनाती है हर एक ऑर्गेनिस्ट म जो है ना वे एक दूसरे पे निर्भर है कोई किसी पर कोई किसी पर अगर देखो बिल्ली नहीं होंगी तो चूहों की संख्या बढ़ जाएगी चूहों की संख्या बढ़ जाएगी तो जब इतने सारे चूहे पृथ्वी पर रहेंगे तो हम इंसान कहां रहेंगे तो कहीं ना कहीं हर कोई ना एक दूसरे पे डिपेंड है ठीक है इकोलॉजी को बैलेंस करने के लिए बायोडायवर्सिटी जरूरी है बायोडायवर्सिटी होना जरूरी है अगर बायोडायवर्सिटी नहीं होगी अगर मैं बहुत सारी स्पीशीज नहीं होंगी तो हम सब चीजें क्या हो जाएंगी इकोलॉजिकल इंबैलेंस हो जाएगा ठीक है सब चीज गड़बड़ा जाएगी और बायोडायवर्सिटी हमें क्या देती है फूड सिक्योरिटी देती है अलग-अलग तरह के फूड देती है अगर मैंगो में इतनी वैराइटीज नहीं होती तो हमें इतनी तरह के मैंगो खाने के लिए मिलते तो बायोडायवर्सिटी हमें फूड भी देती है ठीक है इतनी सारी वैराइटीज देती है और वो किस वजह से आता है कभी जींस में कभी स्पीशीज में अभी जो लेवल पड़े थे ना उन सब में सेंगे क्या खमा जाएंगे क्या ठीक है तो इकोनॉमिक बेनिफिट्स भी हमें मिलते हैं अलग-अलग तरह के अलग-अलग लोग व्यापार करते हैं कोई कुछ कर रहा है कोई पेड़ों को काट के उनकी लकड़ियां बेच रहा है तो कई कुछ प्रोडक्ट आ र है कोई आपकी गली में पूरे दिन भर में कोई आम बेचने आ रहा है कोई तरबूज बेचने आ रहा है कोई कुछ बेचने आ रहा है कोई कुछ बेचने आ रहा है इकोनॉमिक बेनिफिट हमारी इकोनॉमी को भी बेनिफिट हो रहा है हम पैसे से भी अर्निंग कर रहे हैं ये जो इकोलॉजिकल बैलेंस है ना ये इसी का पार्ट था ठीक है मेंटेन इकोसिस्टम बैलेंस की इतनी सारी स्पीशीज होने से क्या रहेगा बैलेंस बना रहेगा अगर इतनी सारी स्पीशीज नहीं होगी तो इंबैलेंस हो जाएगी और यही कि बायोडायवर्सिटी इसलिए भी जरूरी है ताकि क्लाइमेट भी चेंज ना हो ठीक है चलो अब बात कर लेते हैं थ्रेट्स की जो हमने यहां पे बात की थी थ्रेट्स हमें हमारी बायोडायवर्सिटी को खतरा क्यों है हमारी बायोडायवर्सिटी को खतरा तीन कारणों की वजह से एक तो हैबिटेट में लॉस होता जा रहा है पोचिंग ऑफ वाइल्ड लाइफ हो रही है और एक ह्यूमन वाइल्ड लाइफ कॉन्फ्लेट हो रहे हैं चलिए इन्हें एकएक बार में देख लेते हैं हैबिटेट लॉस क्या है हैबिटेड लॉस क हो रहा है लोगों के आवाज को आवाज का छिन जाना मतलब स्पीशीज के घरों का खो दे ना वही तो जहां पे वो रहते हैं जहां पे वो खाते हैं जहां पे वो पीते हैं उन सारी चीजों का छिन जाना वो क्यों हो रहा है क्योंकि हम क्या करते जा रहे हैं डिफोरेस्टेशन करते जा रहे हैं पेड़ों को इतना काटते जा रहे हैं कि बहुत सारी स्पीशीज अपने घरों को खोती जा रही है हम क्या कर रहे हैं डम्स वगैरह कंस्ट्रक्ट करते जा रहे हैं डम्स वगैरह कंस्ट्रक्ट करने के लिए हमें जमीन चाहिए जमीन बनाने के लिए हमें पेड़ों को तो काटना होगा हमें इन सब चीजों को हटाना तो होगा तो इस वजह से भी बहुत सारी स्पीशीज अपना हैबिटेट लॉस करती जा रही है और इसका दूसरा एग्जांपल ये भी हो सकता है पे वो रहते हैं पानी के भी तो जीव जंतु होते हैं अगर वहां पे हम डम्स खड़े कर देंगे तो बहुत सारी स्पीशीज का तो वहीं पे अंत हो जाएगा ठीक है हम टिंबर का बहुत ज्यादा यूज करते जा रहे हैं फ्यूल्स का यूज करते जा रहे हैं ठीक है इस वजह से भी क्या हो रहा है लोगों के जो हैबिटेट है वो छिन रहे हैं जब ज्यादा से ज्यादा लकड़ियों का यूज करेंगे तो हमें लकड़ियां चाहिए होंगी फिर वही चीज की फॉरेस्ट काटेंगे इस वजह से भी हैबिटेट लॉस हो रहा है और माइनिंग एंड डिस्ट्रक्शन की वजह से जो भी हम अर्थ की सरफेस से हम जो खुदाई वगैरह करते हैं कोइल निकालते हैं या फिर बहुत सारे मिनरल्स वगैरह चीजें जितनी भी खुदाई करके निकालते हैं इन सब में पोल्यूशन कितना क्रिएट होता है आपने देखिए एयर की क्वालिटी कितनी खराब हो जाती है तो इस वजह से बहुत सारी स्पीशीज खत्म होती जा रही है अपने घरों को खोती जा रही है माइनिंग एंड डिस्ट्रक्शन की वजह से भी ठीक है तो पहला तो समझ में आ गया कि हमारी बायोडायवर्सिटी को खतरा क्यों है क्योंकि जो स्पीशीज है वो अपना आवास खो रही है अगर वो अपना हैबिटेट खो देंगी अपना घरबार खो देंगी तो वो खत्म हो जाएंगी फिर वो अपरे क्लाइमेट के साथ सर्वा नहीं कर पाएंगे ठीक है और दूसरा है पोचिंग ऑफ वाइल्ड लाइफ एनिमल पोचिंग ऑफ वाइल्ड लाइफ एनिमल का मतलब होता है पोचिंग का मतलब हंटिंग शिकार करना एनिमल को मार देना इल्लीगल तरीके से इलीगल तरीके से जब हम एनिमल्स को मारते हैं ना उसको ही पोचिंग बोलते तीन टाइप्स होते हैं पोचिंग ऑफ वाइल्ड लाइफ एनिमल के हम क्यों इल्लीगल वे में मारते जा रहे हैं एक तो कमर्शियल हंटिंग के लिए एक सबसिस्टेंस हंटिंग के लिए एक स्पोर्ट्स हंटिंग के लिए कमर्शियल में क्या है कमर्शियल में हम क्या कर रहे हैं उनकी खल्स वगैरह को उनकी हड्डी वगैरह को बेच के पैसे कमा रहे हैं तो इस वजह से भी हम जानवरों को मारते जा रहे हैं तो यह हुआ अपने प्रॉफिट के लिए हम क्या कर रहे हैं वाइल्ड लाइफ का शिकार करते जा रहे हैं अपनी जरूरतों को अपनी पैसों को कमाने के लिए पूरी करने के लिए हम क्या कर रहे हैं वाइल्ड लाइफ को मार खत्म कर रहे हैं सबसिस्टेंस हंटिंग में क्या होता है कि हम अपने खुद के खाने के लिए अब देखो हम चिकन वगैरह खाते हैं मटन वगैरह खाते हैं तो हम वाइल्ड लाइफ को मार ही तो रहे हैं ना अ जैसे जंगलों में जा रहे हैं मार रहे हैं तो ये सब चीज क्या है गलत है अपने सर्वाइवल के लिए अपने खाने के अपने रहने के लिए हम क्या करते जा रहे हैं उनकी हंटिंग करते जाते हैं और स्पोर्ट हंटिंग का मतलब होता है स्पोर्ट हंटिंग में सिर्फ एंटरटेनमेंट पर्पस के लिए कुछ अचीवमेंट के लिए हम क्या कर रहे हैं जानवरों का शिकार कर रहे जैसे पिछले जमाने में राजा महाराजा करते थे भाई अपने आप को बड़ा दिखाने के लिए या फिर कुछ ट्रॉफीज अचीवमेंट जीतने के लिए आज की डेट में भी कि मैंने इतना रिकॉर्ड बनाया इतना रिकॉर्ड बनाया मैंने इतने शेर मारे मैंने वो किया मैंने वो किया इस सारी अचीवमेंट को दिखाने के लिए भी स्पोर्ट हंटिंग की जा रही है तो इस वजह से भी हमारी बायोडायवर्सिटी को खतरा होता जा रहा है बहुत सारी स्पी अगर लुप्त हो जाएंगी तो इंबैलेंस क्रिएट हो जाएगा अब थर्ड है मैन वाइल्ड लाइफ कॉन्फ्लेट ये क्या हो रहा है कि इंसान और जानवरों के बीच में वाइल्ड लाइफ के बीच में झगड़े होते जा रहे हैं वो कैसे वो क्यों इसका सबसे बड़ा रीजन है रिसोर्स लिमिटेशन अब क्या हो रहा है रिसोर्स लिमिटेशन होता जा रहा है जिस वजह से मैन में और वाइल्ड लाइफ में कॉन्फ्लेट अराइज हो रहे हैं झगड़े अराइज हो रहे हैं ठीक है अब कैसे अब आप समझो कि लैंड मैन इतनी ज्यादा पॉपुलेशन बढ़ती जा रही है लोगों को रहने के लिए जमीन चाहिए अब रहने के लिए जमीन चाहिए तो वो सिंपल सी बात है फॉरेस्ट को ही खत्म करेगा अब फॉरेस्ट खत्म होगा तो झगड़े अराइज होंगे ठीक है फूड के लिए फूड के लिए भी क्या हो रहा है मैन और वाइल्ड लाइफ में कॉन्फ्लेट हो रहा है ह्यूमन और क्या कि वैसे झगड़े नहीं कर रहे हाथ पैरों से झगड़े नहीं कर रहे मैं उस झगड़े की बात नहीं कर रही हूं यहां पे अपने सर्वाइवल के लिए अपने एक्जिस्टेंस के लिए ह्यूमन और वाइल्ड लाइफ आपस में एक दूसरे से लड़ रहे हैं क्योंकि हमारे पास जो रिसोर्सेस है वो बहुत ज्यादा लिमिटेड है अब अपने खाने के लिए भी लड़ रहे हैं ठीक है प्रकृति से ह्यूमन को भी खा चाहिए और वाइल्ड लाइफ को भी खाना चाहिए बहुत सारी वाइल्ड लाइफ तो बहुत सारी वाइल्ड लाइफ को तो हम खुद ही मार के खा जा रहे हैं ठीक है इससे क्या हो रहा है एक एक स्पीशीज खत्म होती जा रही है जब हम उनकी मतलब संख्या कम करते जाएंगे मारते जाएंगे खाते जाएंगे खाते जाएंगे तो उससे भी क्या होगा एक स्पीशीज खत्म हो जाएगी और बहुत बेकार चीज है स्पीशीज खत्म होना ठीक है हमारे वर्ल्ड में ज्यादा पॉपुलेशन की वजह से और ज्यादा फिशिंग करने की वजह से कुछ फिशरीज मैनी ओशियन में बैन कर दी गई है ठीक है वर्ल्ड के अंदर बहुत सारी मछलियां पकड़ना बन कर दी गई है क्योंकि उनकी स्पीशीज क्या होती जा रही है खत्म होती जा रही है तो ये हुआ मैन वाइल्ड कॉन्फ्लेट तो ये तीन पॉइंट थे जिसकी वजह से हमारी बायोडायवर्सिटी को खतरा था चलिए आगे बढ़ते हैं अब बात करते हैं नीड फॉर कंजर्वेशन बायोडायवर्सिटी अभी हमने इतनी सारी बात करी कि हमारे लिए बायोडायवर्सिटी कितनी जरूरी है उसकी क्या नीड्स हैं ठीक है अभी हमने ऊपर बात की उसपे क्या खतरा मंडरा रहा है तो इस वजह से उसको कंजर्व करने के लिए भी तो जरूरत है ना उसको बचाने की भी तो जरूरत है क्योंकि ह्यूमन की एक्जिस्टेंस किस पे डिपेंड है बायो डाइवर्सिटी पे डिपेंड है और बायोडायवर्सिटी अगर खतरे में पड़ती है तो सारी चीजें इंबैलेंस हो जाएंगी इकोलॉजिकल इंबैलेंस हो जाएगा तो इस वजह से दो तरह से कंजर्व किया जाता है एक होता है इंसीट और एक होता है एक्सीटू अब इंसीट क्या है और एक्सीट क्या है हम अपनी बायोडायवर्सिटी को दो तरह से बचा सकते हैं ठीक है तो इंसीट में क्या होता है इसका जो दूसरा नाम है वो है ऑन साइड कंजर्वेशन और एक्सीटो का मतलब होता है ऑफ साइड कंजर्वेशन मतलब कि जहां पर जो भी एनिमल रहता है जो भी स्पीशीयस खतरे में है उसकी जगह पर ही जहां पर उसका घर है जहां पर उसका शेल्टर है जो उसका नेचुरल चीज है ना वहीं पर उसका केयर करना वहीं पर उसका कंजर्वेशन करना जैसे कि अब मैं बात करूं एग्जांपल्स की जैसे पोलर बियर होते हैं पोलर बियर सिर्फ ठंड वाली जगहों पे रह सकते है पेंग्विन वगैरह बरफ बरफ प रहती है ना अगर उसे हम अपने यहां पे पार्क वगैरह में रखेंगे तो क्या वो जिंदा रह पाएंगे क्या वो सरवाइव कर पाएंगे नहीं ना तो कुछ ऐसे एनिमल जहां पे उनकी जगह पे ही उन्हें उनके नेचुरल हैबिटेट पर ही उनको कंजर्व करना पड़ता है उसे बोलते हैं इंसीट और जो एनिमल्स जिन चीजों को हम आउटसाइड द नेचुरल हैबिटेट मतलब उनके घरों के बाहर भी कंजर्व करके रख सकते हैं उसको बोलते हैं एक्सीटू एक्सीटू कंजर्वेशन ठीक है अब एग्जांपल की बात करूं तो ये जो कंजर्वेशन करने का तरीका है इसमें बहुत सारे एग्जांपल है जैसे बायोस्फीयर रिजर्व नेशनल पार्क्स में कंजर्व कर सकते हैं वाइल्ड लाइफ सेंचुरी है इन सबके थ्रू हम क्या कर सकते हैं कंजर्वेशन कर सकते हैं जो स्पीस लुप्त हो रही हैं और ऑफ साइड की बात करूं तो उन्हें जू में रखा जाता है जू में अभी दिल्ली में भी जू है आपने देखा होगा हर जगह जू होता है है ना वहां पे भी क्या करके रखा जाता है उन जानवर को कंजर्व करके रखा जाता है बोटेनिकल गार्डन भी होता है जहां पर हम क्या करते हैं जानवरों को कंजर्व करते हैं यह भी एक मुहीम बनाई हुई है ताकि हम जानवरों को कंजर्व करके रखे उनकी जो स्पीशीज है वो लुफ्त ना हो ठीक है अब देखो बा बायोस्फीयर रिजर्व इस पर शॉर्ट नोट लिखने के लिए बोल देते हैं ये किसका पार्ट था अभी हमने पढ़ा वो इंटू का पार्ट था जहां पे हम जानवरों को नेचुरल हैबिटेट पर कंजर्व करके रख रहे थे ठीक है ठीक है ये जो है ना ये इंटरनेशनल रिकॉग्नाइज एरिया होता है जो इसलिए बनाया गया है ताकि हम अपनी फ्लोरा को एंड फौना को जो बहुत सारी स्पीशीज लुफ्त होती जा रही है उसको प्रोटेक्ट करके रख सके ये प्रोग्राम चलाया गया था 1971 में ये प्रोग्राम चलाया गया था इसका सिर्फ एक ही एम था कि हमें अपनी फ्लोरा एंड फोना को बचाना है उनको प्रोटेक्ट करके रखना है उनकी स्पीशीज को खत्म होने से बचाना है ठीक है और ये लॉन्ग टर्म कंजर्वेशन होती है प्लांट्स की एनिमल्स की माइक्रो ऑर्गेनिस्ट की ठीक है ये सारे चीजों को क्या करता है कंजर्व करके रखता है एग्जांपल के लिए हम मैंने लिख रखा है सुंदरवन बायोस्फीयर रिजर्व ठीक है ये बायोस्फीयर रिजर्व कुछ नहीं है बस एक एरिया है जहां पे पे हम अपने स्पीशीज को अपने ऑर्गेनिस्ट मस को एनिमल्स को प्लांट को प्रिजर्व करके रखते हैं अब बात करते हैं पोल्यूशन की तो पोल्यूशन से हम सभी वाकिफ हैं कि जो हमारे एनवायरमेंट को हार्म कर रही है चीजें हार्म कर रहे हैं ऐसे सब्सटेंसस जो अनडिजायरेबल है ऐसे चेंजेज जो अनडिजायरेबल है जो हम नहीं चाहते चाहे वो फिजिकल चेंजेज हो केमिकल चेंजेज हो या बायोलॉजिकल चेंजेज हो हमारे एनवायरमेंट के कंपोनेंट में जो भी हार्मफुल चेंजेज आ रहे हैं एयर में वाटर में या सोइल में उसको हम बोलते हैं पोल्यूशन एक लाइन में बोलूं तो हार्मफुल मटेरियल टू एनवायरमेंट दैट इज कॉल्ड पोल्यूशन वही तो पोल्यूशन है ना जो हमारे एनवायरमेंट में हार्मफुल मटेरियल आ रहे हैं ठीक है अब पोल्यूटेंट की बात करूं तो पोल्यूटेंट वो सारे सब्सटेंस है पोल्यूशन तो क्रिएट हो रहा है हमें दिखाई दे रहा है पोल्यूशन फैल रहा है लेकिन पोल्यूटेंट वो सब्सटेंस हैं जो कि पोल्यूशन फैला रहे हैं ठीक है तो पोल्यूटेंट क्या है पोल्यूटेंट वो सारे सब्सटेंस हैं जो कि क्रिएट कर रहे हैं अनडिजायरेबल चेंज जो हमारे एनवायरमेंट में अनडिजायरेबल चेंज आ रहा है ना जिसको हम नहीं चाहते हैं ऐसा चेंज जो आ रहा है उसको बोलते हैं पोल्यूटेंट ठीक है अब देखो पोल्यूटेंट दो तरह के होते हैं एक होता है नॉन बायोडिग्रेडेबल और एक होता है बायोडिग्रेडेबल ठीक है अब नॉन बायोडिग्रेडेबल कौन सा सब्सटेंस है ये वो वाले सब्सटेंस हैं जिसको डीकंपोज नहीं किया जाता नॉन सेही समझ में आ रहा है नहीं किया जाता ये वो वाले पोल्यूटेंट्स हैं जिसको बैक्टीरिया इन सब माइक्रो ऑर्गेनिस्ट मस के द्वारा डीकंपोज नहीं कर सकते ये लंबे समय तक अगर अर्थ पे फेंक दिए जाए तो ऐसे ही पड़े रहेंगे ठीक है ये गले गे सड़ें नहीं ठीक है जैसे कि प्लास्टिक मेटल्स रबर्स अगर इनको फेंक देंगे ना हैवी मेटल्स को फेंक देंगे ना वो इतने लंबे समय तक ऐसी पड़ी रहेगी चाहे प्लास्टिक हो रबड़ हो ठीक है समझ में आ गया और जो बायोडिग्रेडेबल सब्सटेंसस होते हैं ना वो डीकंपोज हो जाते हैं उनको जो माइक्रो ऑर्गेनिस्ट में है छोटे-छोटे माइक्रो ऑर्गेनिस्ट है उनको सड़ा गला के खा जाते हैं उसको खत्म कर देते हैं वो बैक्टीरिया के द्वारा खत्म कर दिए जाते हैं ये जो हमारा इकोसिस्टम है ना वो दोबारा से इसको यूटिलाइज कर लेता है री यूटिलाइज कर लेता है जैसे कि गार्डन का वेस्ट हो गया सूखे पत्ते पत्ते हो गए तो वो जमीन में जाता है उसको डेड ऑर्गेनिस्ट मस डेड प्लांट्स ये सब कौन खा जाता है माइक्रो ऑर्गेनिस्ट म या हमारे घर का कूड़ा कचरा हो पेपर हो ये सब चीजें ऐसी चीजें हैं जो क्या हो जाती है बायोडिग्रेडेबल हो जाती है अब बात करते हैं कि एनवायरमेंट पोल्यूशन क्यों हो रहा है उसके क्या कारण है तो सबसे बड़ा कारण जो अभी तक हम पढ़ते आ रहे हैं डिफॉरेस्टेशन क्योंकि ये क्या कर रहा है co2 को बढ़ा रहा है हम जैसे-जैसे इंडस्ट्रियल इजेशन करते जा रहे हैं जैसे-जैसे हमारी टेक्नोलॉजी आगे बढ़ती जा रही है तो उनसे भी बहुत सारी चीजें पोल्यूशन क्रिएट हो रहा है ठीक है जब हम कूड़े कचरे को हमारा भाई अर्थ पे इतने सारे लोग हैं उन सबका ही कूड़ा ढेर पहाड़ बन जाएंगे कूड़े के जब उन सबको जलाएंगे तो उनमें से जहरीली गैसेस निकलेंगी जहरीली गैसेस निकलेंगी वही क्या कर रही है हमारे पोल्यूशन एनवायरमेंट को पोल्यूटर रही है ठीक है जो लाउड स्पीकर बजाते हैं व्हीकल में से हॉर्न बजाते हैं वो भी तो हमारे एनवायरमेंट को पोल्यूटर रहे हैं ना क्योंकि ये क्या कर रहे हैं नॉइस पोल्यूशन फैला रहे हैं जितना भी इंडस्ट्रीज इंडस्ट्री इतने बड़े लेवल पे काम करती है इतने लोगों के लिए प्रोड्यूस करती है कुछ प्रोडक्ट्स बनाती है ठीक है तो ये भी क्या कर रही है वेस्ट तो जनरेट करेगी और ये सारा वेस्ट हमारे एनवायरमेंट को पोल्यूटर है और ऐसे सारे वेस्ट को हम कहां पे देते हैं रिवर्स में सी में और ऐसी बहुत सारी पारंपरिक परंपराएं हैं जिनको हम पूरी करने के लिए अपने रिवर एंड सी को गंदा करते जा रहे हैं आपने बहुत सारे घाटों पे देखा होगा बहुत सारे घाटों पे जो पूजा पाठ करते हैं तो क्या पता नहीं क्याक रिवर के अंदर फेंक देते हैं वो उनका धर्म है ऐसा नहीं बोल सकते लेकिन वो क्या कर रहे हैं रिवर को सी को गंदा कर रहे हैं अब जितनी भी जो भी इंसान मर जाता है उसको जला दिया जाता है उसके बाद उसकी जो अ ऐश बचती है राख बचती है उसको भी गंगा में विसर्जित कर देते हैं उसको भी गंगा में बहा देते हैं है ना तो ये सब चीजें क्या कर रही है हमारी री को सी को क्या करती जा रही है गंदा करती जा रही है अब बात करते हैं वेरियस टाइप ऑफ़ पोल्यूशन के बारे में तो वेरियस टाइप के पोल्यूशन कौन-कौन से होते हैं एयर पोल्यूशन सोइल पोल्यूशन वाटर पोल्यूशन एंड नॉज पोल्यूशन एयर पोल्यूशन वही जो हमारी एयर को गंदा कर रहा है जब हमारे पास बैड एयर क्वालिटी मौजूद हो तो समझ जाना कि हमारी एयर पोल्यूटर एयर के अंदर हार्मफुल पार्टिकल्स एंड गैसेस का मौजूद होना ही क्या कहलाता है एयर पोल्यूशन कहलाता है ठीक है अब भाई ये ना इतने छोटे-छोटे टॉपिक्स हैं इसके बारे में आप बहुत डिटेल में अच्छे से लिख सकते हो तो मैं इसको ज्यादा डिटेल नहीं समझा रही हूं ठीक है इसके टाइप्स की बात करें तो एक होते हैं नेचुरल पोल्यूटेंट्स एक होते हैं प्राइमरी पोल्यूटेंट्स एक होते है सेकेंडरी पोल्यूटेंट्स ठीक है जो हमारे एयर को क्या करते जा रहे हैं गंदा करते जा रहे हैं ये कुछ ऐसी गैसेस होती हैं ऐसी चीजें होती हैं ऐसे पार्टिकल्स होते हैं जो नेचुरल तरीकों से हमारी एयर को खराब कर ें कुछ ऐसे नेचर की एक्टिविटीज होती है जो नेचर कर रहा है ठीक है जैसे वोल्केनो का फटना जो अर्थ की गर्मी है जो निकल के ऊपर आती है फिर वोल्केनो खूल होता है तो उसमें भी कुछ जहरीली गैसेस निकलती होंगी जो हमारे एयर को पोल्यूटर रही है ठीक है प्राइमरी पोल्यूटेंट मतलब जो ह्यूमन एक्टिविटीज के द्वारा पोल्यूटर रहा है हम कितनी सारी चीजें कर रहे हैं गाड़ियां चला रहे हैं गाड़ियों से निकलने वाले धुए और चिमली होती है ना चिमली से निकलने वाले धुए ये सब चीजें किसको एयर को गंदा कर रही है सेकेंडरी पोल्यूटेंट में क्या होता है ये प्राइमरी पोल्यूटेंट और नेचरल एक्टिविटी का मिक्सचर है जब यह दोनों आपस में इंटरेक्ट कर रहे हैं जैसे कि ह्यूमन के द्वारा कुछ करी गई एक्टिविटीज है वो नेचर के साथ मिल रही है तो सिंपल सी बात है कुछ केमिकल रिएक्शंस होने हैं कुछ गैस आपने पढ़ा ही होगा जैसे कि so2 है सल्फर डाइऑक्साइड है अगर वो हमारे एनवायरमेंट में ऑक्सीजन के साथ मिलती है तो वो कुछ तो केमिकल रिएक्शन करेगी उससे भी तो कुछ गैसेस रिलीज होंगी ही और वो क्या करेंगी हमारे एयर पोल्यूशन करेंगी ठीक है एनवायरमेंट को गंदा करेंगी अब बात कर लेते हैं वाटर पोल्यूशन की तो वटर पोलूशन मतलब कि वाटर में कुछ हार्मफुल सब्सटेंसस हैं और हमारे वाटर की क्वालिटी खराब हो चुकी है तो वही उे क्या कहते हैं वाटर पोल्यूशन कहते हैं अब वाटर पोल्यूटेंट के कितने टाइप्स होते हैं एक होता है बायोलॉजिकल पोल्यूटेंट एक होता है केमिकल पोल्यूटेंट्स और एक होता है फिजिकल पोल्यूटेंट अब बायोलॉजिकल पोल्यूटेंट जो बैक्टीरिया वायरेसेस कर रहे हैं जो हमारे अ पानी के अंदर ऐसे वायरस बैक्टीरिया आ जाते हैं जो टाइफाइड वगैरह मलेरिया ये सब बहुत आसानी से कर देते हैं ठीक है अब केमिकल पोल्यूटेंट में वो सारे जैसे कि एसिड हो गया हैवी मेटल्स हो गए जो केम कली हमारे वाटर को पोल्यूटर रहे हैं और फिजिकल पोल्यूटेंट्स में जैसे कि सस्पेंडेड सॉलिड्स हो गया सेडिमेंट्री सॉलिड्स हो गया ये हमारे वाटर को खराब करते जा रहे हैं ठीक है आगे बढ़ते हैं अब आता है सोइल पोल्यूशन सोइल पोल्यूशन में क्या कि जो भी हमारी अर्थ की जो कि जो भी हमारी सरफेस की अर्थ की लैंड की जो अपर मोस्ट लेयर होती है वो होती है सोइल अगर वो पोल्यूटर रही है तो उसे बोलेंगे सोइल पोल्यूशन इसका मतलब होता है कि हम सोइल को गंदा करते जा रहे हैं कुछ टॉक्सिक सब्सटेंसस थे ठीक है तो इस वजह से हमारी जो सोइल है वो खराब होती जा रही है अब देखो सोइल हमें कितनी सारी चीजें प्रोवाइड कर रही है शेल्टर दे रही है क्लोथिंग दे रही है ठीक है हमारे इकोसिस्टम को एक बेस दे रही है फिर हम उसी को पोल्यूटर तो ये क्या सही रहेगा अब अगर सोइल पोल्यूशन होता है तो उससे बहुत सारी चीजें हो सकती है जैसे कि सॉइल इरोजन अभी हम पीछे पढ़ के आ चुके हैं इसका रिजल्ट अगर हम सोइल को गंदा करते हैं सो सॉइल इरोजन हो सकता है अभी हमने पीछे पढ़ा कि बायोडायवर्सिटी हो सकती है लॉस हो सकती है अगर हमारे सोइल पोल्यूटर हेगी और एसिडिटी एंड अल्केन मत मतलब कि जहां पर फर्टिलाइजर्स वगैरह का यूज करते हुए जब मिट्टी की जो उपजाऊ पन है या फिर उसके जो न्यूट्रिएंट्स हैं उनको जब हम मार देते हैं खत्म कर देते हैं उसमें एसिड की मात्रा को बढ़ा देते हैं तो इसे ही बोलते हैं एसिडिटी एंड अल्कलिनिटी ल पोल्यूशन से ये सारी चीजें हो रही है अब बात कर लेते हैं नॉइस पोल्यूशन की तो नॉज पोल्यूशन का मतलब होता है जब हम अनवांटेड हाई लेवल्स के साउंड को प्रेजेंट करते हैं ठीक है जिससे हमें स्ट्रेस ही होता है या फिर हम अपनी हियरिंग एबिलिटी खो देते हैं तेज आवाज मतलब नॉज पोल्यूशन इससे क्या होता है हाई ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है हम अपनी सुनने की ताकत खो देते हैं हाई स्ट्रेस रहता है और जो अलग-अलग तरह के एनिमल्स होते हैं उनके रिप्रोडक्टिव सिस्टम में भी परेशानी आती है दिक्कत होती है छोटी-छोटी आवाजों से वो कितनी जल्दी भाग जाते हैं है ना तो यही था नॉइस पोलूशन अच्छा इसमें से एक टॉपिक इंपोर्टेंट जो रह गया है वो है भोपाल गेस्ट ट्रेजेडी ये हो सकता है कि आए और इसके इफेक्ट्स पूछ लिए जाए तो क्या था तो भोपाल गेस्ट ट्रेजेडी में क्या हुआ था एक रात थी कौन सी रात आधी रात थी दो तारीख की 2 दिसंबर 19 1984 जिसमें क्या हुआ था एक अमेरिकन की कंपनी थी जो क्या प्रोड्यूस करती थी पेस्टिसाइड्स प्रोड्यूस करती थी एक अमेरिकन कंपनी थी जिसका नाम क्या था यूनियन कार्बाइड वो क्या करती थी पेस्टिसाइड प्रोड्यूस करती थी यह कहां प थी भोपाल में थी भोपाल कहां पर है मध्य प्रदेश में है तो ये ना ये सारे काम करती थी मतलब इतनी सारी पॉइजन गैस के साथ यह काम कर रही है तो एक गैस थी मिथेन तो यह गैस ना एक दिन क्या होने लगी एक जगह से पाइपलाइन में से यह जो गैस थी वो लीक होने लग गई और येलो यलो दिखने लग गया और वहां पर जितने भी वर्कर काम कर रहे थे उनकी आंखों में जलन होने लग गई उन्हें लगा कि कुछ तो है फिर उन्होंने सोचा ऐसे ही गैस तो इतने बड़े-बड़े प्लांट्स में लीक होती रहती है उन्होंने कहा चलो टी ब्रेक ले लेते हैं चले जाते हैं टी ब्रेक उन्होंने लिया और यह गैस दो दिन के अंदर पूरे वहां प जो भोपाल के आसपास रहने वाले लोग थे उस रात लोग सोए के सोए रह गए ये इतनी जहरीली और पॉइजन गैस थी जिसके लीक होने से क्या हो गया बहुत सारे लोगों की डेथ हो गई थी ठीक है जहरीली गैस थी कुछ लापरवाही हों की वजह से ही यह क्या हुआ था ये चीज हुई थी और इसमें 15000 से 20000 ये अभी का डाटा है ठीक है तो आप ये कंफ्यूज मत होना कि बुक में कुछ और है तो 15000 से 200 हज पीपल मर गए थे और बहुत सारे लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लग गई थी अफरातफरी मच गई थी हार्ट प्रॉब्लम हो गई थी हेल्थ से रिलेटेड प्रॉब्लम हो गई थी कुछ लोग अंधे हो गए थे तो यह सब हो गया था और इसमें बहुत सारे लोग मारे गए थे सिर्फ एक गैस के लीक होने की वजह से तो ये सब ये जो सारी चीजें थी ना ये इरिस्पांसिबिलिटी कह सकते हैं कि थी और आज भी भोपाल के अंदर जभ भी लोग पैदा होते हैं तो बहुत सारे मतलब उनमें ना कुछ ना कुछ कमी होती है डिफेक्ट्स होते हैं मतलब कि अब नॉर्मल चीजें होती है अब नॉर्मल इंसान होते हैं जैसे कि उनका कोई हाथ नहीं है किसी का पैर नहीं है मतलब पूरी तरह से वो कैपेबल नहीं हो पाते मेको यहां प एक अच्छा वर्ड मिल नहीं रहा है एक अच्छा वर्ड है यहां पे चलो कोई नहीं आपको ये समझ में आ गया होगा तो इसका इफेक्ट यही देखने को मिलता है कि सबको अभी भी भोपाल में दिक्कतें होती हैं तो चलिए बात करते हैं जजर्स वेस्ट की जजर्स वेस्ट क्या होता है देखो ऐसा वेस्ट जो कहीं से भी निकल रहा हो लेकिन उसमें कुछ ऐसी प्रॉपर्टीज हो जो ह्यूमन की लाइफ को ह्यूमन की हेल्थ को और साथ ही साथ हमारे एनवायरमेंट को मतलब प्लांट्स एनिमल इन सबको अगर वो नुकसान पहुंचा रहा है तो वो क्या है हजार्ड अस वेस्ट है ठीक है इसका एग्जांपल फैक्ट्रियों से या इंडस्ट्री से निकलने वाले वो पेंट के डब्बे या कुछ भी हो सकता है कैसा भी वेस्ट हो सकता है या घर से डोमेस्टिक से जो वेस्ट निकल रहा है वो वाला वेस्ट अगर यह वेस्ट हमें हार्म कर रहा है हमारे एनवायरमेंट को हार्म कर रहा है तो समझ लीजिए ये क्या है हजार्ड अस वेस्ट है अब इसमें बहुत सारे वेस्ट का कॉमिनेशन आता है जरूरी नहीं है कि कुछ ऐसे सब्सटेंस होते हैं जो जल्दी से आग पकड़ लेते हैं तो वो भी हमारे एनवायरमेंट के लिए हार्मफुल है तो वो वाला वेस्ट भी ठीक है जैसे कि थिनर वगैरह होते हैं ना और पेंट के डब्बे वगैरह होते हैं ऐसे बहुत सारे वेस्ट है जैसे कि अलग-अलग तरह के वेस्ट का कॉमिनेशन हो सकता है यहां पर हजा यस वेस्ट में बस हजार्ड अस वेस्ट का मतलब इतना ही है जिसमें हमें नुकसान करने की प्रॉपर्टीज है तो वह हमारे लिए हजार्ड अस वेस्ट है अब बात करते हैं कि देखो हम एक वेस्ट को कैसे कंसीडर करते हैं कि ये हजा यस फेड है तो देखो जब ये चार चीजें होंगी ना इग्निटेबिलिटी कोरोसिव एंड एक्टिविटी एंड टॉक्स तो हम मान के चलते हैं ये जो वेस्ट है हमारा हजार्ड एस्ट है अगर कोई भी प्रोडक्ट बहुत इ इली कैच कर लेता है फायर को इजली आग पकड़ लेता है जैसे कि ऑयल वगैरह हो गया मैंने यहां पे एग्जांपल लिखा हुआ है अगर ऑयल वगैरह हो गया ऐसे कुछ सब्सटेंस जो जल्दी से आग पकड़ लेते हैं तो वो हमारे लिए हजा यस वेस्ट हुआ ठीक है कोरोसिव मतलब कुछ ऐसे प्रोडक्ट होते हैं जो जल्दी से रिएक्ट कर जाते हैं जैसे कि एसिड्स वगैरह हो गया ठीक है कोई भी मेटल वगैरह पड़ी थी उसके साथ रिएक्ट करे गए तो ऐसे वेस्ट भी हमारे लिए क्या होते हैं हजा यस होते हैं और जिसमें रिएक्टिविटी की पावर जो बहुत ज्यादा गंदी तरीके से रिएक्ट करते हैं वो भी हमारे लिए हजारस वेस्ट होते हैं जैसे कि सोडियम को बोलते हैं कि पानी के साथ रिएक्ट नहीं करवाना चाहिए सोडियम और पानी का वायलेंट रिएक्शन होता है और जिनमें पॉइजनिंग हो जिसमें जहर हो ऐसे सब्सटेंस भी हमारे लिए हजारस हो सकते हैं जैसे पनाथ क्लोरो फेनल ठीक है अब बात करते हैं हजार्ड अस वेस्ट मैनेजमेंट की देखो हजार्ड अस वेस्ट मैनेजमेंट तो हमें समझ में आ गया कि हजा यस प्रोडक्ट कैसे थे अब वो उस वेस्ट का मैनेजमेंट भी तो करना पड़ेगा ना भाई उसे मिट्टी में दबा रहे हैं या फिर उसको रिसाइकल कर रहे है रीयूज कर रहे हैं उस तरीके के मैनेजमेंट उसको खत्म भी तो करना पड़ेगा उसे डीकंपोज भी तो करने पड़ेगा उसको डिस्पोजल भी तो करना पड़ेगा ना तो बस उसी प्रोसेस को हम क्या बोलते हैं हजार्ड अस वेस्ट मैनेजमेंट बोलते हैं जिसमें हम उस वेस्ट को ये एक ऐसा प्रोसेस होता है जिसमें हम उस वेस्ट को स्टोर करते हैं फिर उसकी ट्रीटमेंट करते हैं फिर उसको डिस्पोज करते हैं ताकि जो वो हमारा जो डेंजरस वेस्ट था वो हमारी पीपल को और एनवायरमेंट को नुकसान ना पहुंचाए इसलिए हजा यस वेस्ट का मैनेजमेंट बहुत ज्यादा जरूरी है और हम ते भी है बहुत सारे तरीके होते हैं चलिए अब बात कर लेते हैं ग्लोबल इश्यूज के बारे में देखो ग्लोबल इश्यूज जो है ना जैसे कि नाम से ही समझ में आ रहा है जो ग्लोबली जो इंटरनेशनल पे इश्यूज है देखो जो करोना हुआ था कोरोना जो फैला था वो हमारी कंट्री को तो नहीं हुआ था ना सिर्फ वो ग्लोबल प्रॉब्लम थी वो एक ऐसा इशू था जो ग्लोबली हर एक कंट्री फेस कर रही थी हर एक कंट्री को जूझना पड़ रहा था तो ऐसे इश्यूज जो हमारी नेशनल बाउंड्रीज के बियोंड चले जाते हैं ऐसे इश्यूज को हम ग्लोबल इश्यूज कहते हैं ऐसे इफेक्ट्स ऐसे इंपैक्ट्स जो हमारी कंट्री के ही नहीं है सिर्फ वो बियोंड द बाउंड्रीज है ऐसे इशू ग्लोबल इश्यूज कहलाते हैं और इसमें हमें इंटरनेशनल लेवल पर एफर्ट्स की जरूरत होती है अगर हमें इन इश्यूज से डील करना है इनका कोई सोल्यूशन निकालना है तो हमें इंटरनेशनल लेवल पे एफर्ट्स लगाने होंगे अब बात करेंगे वो कौन से ग्लोबल इश्यूज हैं सो एग्जांपल के लिए ग्लोबल वार्मिंग ऐसा ही नहीं है सिर्फ हम ही फेस करेंगे पूरा ग्लोब फेस करेगा पूरा पृथ्वी में जितने भी लोग रहते हैं वो फेस कर ओजोन लेयर डिप्लीट होती जा रही है दिन प्रतिदिन तो ऐसा नहीं है सिर्फ हम ही फेस करेंगे ये ग्लोबल इशू है एसिड रेन हो रही है तो यह भी ग्लोबल इश्यूज है अब बात करते हैं ये सब चीज होती क्या है ग्लोबल वार्मिंग क्या है ओजोन लेयर डिप्लीशन क्या है और एसिड रेन क्या है अच्छा ग्लोबल वार्मिंग समझने से पहले हम ग्रीन हाउस इफेक्ट समझ लेते हैं कि वो क्या है देखो आपको पता ही है कि इतने सारे प्लेनेट है हमारी अर्थ पे मरकरी है वीनस है जुपिटर है बट एक अर्थ ऐसा प्लानेट है जिस पर लाइफ रहती है जिस पर जीवन है तो आपने सोचा है ऐसा क्यों है आखिर क्यों बाकी ग्रहों पर लाइफ नहीं है और सिर्फ पृथ्वी पर ही लाइफ है क्योंकि पृथ्वी को जो टेंपरेचर है क्योंकि पृथ्वी का जो टेंपरेचर है ना वो कंफर्टेबल है लोगों के लाइफ के लिए लोगों के रहने के लिए वो कैसे लेकिन आजकल क्या हो रहा है वो टेंपरेचर सिर्फ बढ़ रहा है सिर्फ बढ़ता जा रहा है क्या हो रहा है देखो आपने हर जगह देखा होगा कि ग्रीन हाउस ग्रीन मतलब हरा और हाउस मतलब घर ऐसा कुछ वाला सीन नहीं है ऐसा वाला सीन नहीं है देखो जब भी प्लांट्स को अच्छे से ग्रो करवाना होता है तो हम ना मेड अप ऑफ ग्लास से घर बना देते हैं ताकि क्या हो वो जो शीशे वाला घर है ना वो क्या करें हीट को अब्जॉर्ब करके रख ले चलो दिन में तो हीट है सूरज है तो चल जाएगा काम लेकिन रात में जब ठंडक होगी तो वो प्लांट कैसे ग्रो करेंगे तो उस शीशे ने क्या किया उस शीशे ने अर्थ में से जो गर्मी आ रही थी उसको क्या कर लिया अपने अंदर अब्जॉर्ब कर लिया ताकि जो इसका एनवायरमेंट है वो गर्म रहे और जो पेड़-पौधे हैं जो प्लांट्स हमने यहां पे लगा रखे हैं वो क्या हो अच्छे से ग्रो कर पाए इन्हें कंफर्टेबल एनवायरमेंट मिल पाए जिसमें वो सरवाइव कर पाए तो इस वजह से हम ग्रीन हाउस बनाते हैं तो वही सेम चीज होती है हमारी अर्थ के साथ हमारी अर्थ के एटमॉस्फेयर में कुछ गैसेस प्रेजेंट होती है जिन्हें बोलते हैं ग्रीन हाउस गैसेस जिसमें से कुछ गैसेस का नाम है सल्फर डाइऑक्साइड कुछ वाटर भी होता है मीथेन भी होता है तो ऐसी कुछ गैसेस होती है जैसे कि आप इस फोटो में देखिए इसमें क्या हुआ कि ये सारी गैसेस मौजूद थी जिनको क्या बोलते हैं ग्रीन हाउस गैसेस बोलते हैं इसने क्या किया जब सूरज था जब तक सूरज था जब तक रेडिएशंस आ रही थी सूरज से रेडिएशंस आ रही थी तो वो क्या कर रहा था कुछ तो वापस चली जा रही थी क्योंकि हम सारी सूरज की रेडिएशन खराब होती है हमारे लिए तो वो सारी तो अब्जॉर्ब नहीं कर पा रहा था लेकिन इन लोगों ने ग्रीन हाउस गैसेस ने क्या किया हमारी अर्थ के आसपास कुछ हीट को अब्जॉर्ब करके रख लिया ताकि हम लोग कंफर्टेबल जी सके हमारी लाइफ बनी रहे एक टेंपरेचर बना रहे जिसमें हमारी लाइफ कंफर्टेबल हो सके इस वजह से इसने क्या कर लिया अपने आसपास एक गर्म ऑब्जर्व कर ली ठीक है वो किसकी वजह से हुआ ग्रीन हाउस गैसेस की वजह से हुआ जिसकी वजह से पृथ्वी पर लाइफ संभव है तो इन्हें ही क्या बोलते हैं ग्रीन हाउस इफेक्ट बोलते हैं ग्रीन हाउस इफेक्ट समझ में आया ग्रीन हाउस इफेक्ट में सिर्फ इतना ही कि अर्थ क्या करती है अर्थ का कुछ सरफेस हीट को अब्जॉर्ब कर लेता है वो अब्जॉर्ब करने वाला कौन है ग्रीन हाउस गैसेस है देखो मैं आपको इससे समझाती हूं कि जो ग्रीन हाउस इफेक्ट है वो एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें जो अर्थ की सरफेस है ना वो हीट को ट्रैप्ड कर लेती है भाई रात हुई रात को ठंडक हुई तो रात को ठंडक के लिए उस टेंपरेचर को मेंटेन कैसे रखेंगे अगर इतनी ठंड पड़ गई हम तो सभी मर जाएंगे क्योंकि अ सारे ग्रहों पर लाइफ इसलिए तो नहीं है क्योंकि कोई ग्रह बहुत ज्यादा ठंडा है और कोई ग्रह बहुत ज्यादा गर्म है तो ग्रीन हाउस इफेक्ट ऐसा प्रोसेस है जिसमें अर्थ की सरफेस ने हीट को ट्रैप्ड कर लिया अपने अंदर बंद कर लिया अब्जॉर्ब्ड कर लिया कुछ गैसेस के द्वारा और वो कौन-कौन सी गैसेस थी कार्बन डाइऑक्साइड नाइट्रस ऑक्साइड मीथेन क्लोरोफ्लोरोकार्बन तो ये कुछ ऐसी गैसेस थी जिन्होंने क्या किया हीट को अब्जॉर्ब कर लिया बट अब क्या हो रहा है आज के टाइम में ये टेंपरेचर बहुत ज्यादा बढ़ता जा रहा है और इतना बढ़ेगा ना तो ये भी अच्छी बात नहीं है अच्छी बात है कि ग्रीन हाउस इफेक्ट हो ग्रीन हाउस गैसेस हो जो हमारे लिए लाइफ को बना के रखे लेकिन अगर ये इतना बढ़ता जाएगा बढ़ता जाएगा तो इससे बहुत सारे नुकसान हमारे को होंगे जैसे कि ओजोन लेयर डिप्लीट हो जाएगी ओजोन लेयर का क्या काम है वो कैसे काम करती है अभी बात करेंगे पहले ये बात कर लेते हैं कि ग्रीन हाउस इफेक्ट क्यों बढ़ रहा है इसका टेंपरेचर क्यों बढ़ता जा रहा है क्यों हमारी अर्थ पे इतनी ज्यादा गर्मी होती जा रही है क्योंकि हम फॉसिल फ्यूल्स को जलाते जा रहे हैं फॉसिल फ्यूल्स इलेक्ट्रिसिटी बनाते हैं ना इतनी सारी चीजें हम कर रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा डिफॉरेस्टेशन कर रहे हैं हमारे पेड़ ही तो हमारी कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और वो क्या कर रहे हैं हम पेड़ों को काटते जा रहे हैं तो हमारी जो कार्बन डाइऑक्साइड है वो कहां जाती जा रही है पृथ्वी पर जाती चली जा रही है पृथ्वी पर जाती जा रही है तो फिर वो क्या बन रही है टेंपरेचर को बढ़ा रही है ठीक है और सीएफसी जैसे कि सीएफसी क्लोरो फ्लोर कार्बन गैस होती है जो कि हमारे एसी रेफ्रिजरेटर में और आज की डेट में हर किसी के घर में एसी लगा हुआ है फ्रिज लगी हुई है तो ये बहुत ज्यादा खतरनाक गैस होती है जो हमारे एनवायरमेंट में एटमॉस्फेयर में जाती जा रही है और ग्रीन हाउस इफेक्ट को बढ़ाती जा रही है उसके टेंपरेचर को बहुत ज्यादा हाई कर दिया है अगर ये इतना हाई होंगे तो ये भी सही बात नहीं है ठीक है अब बात कर लेते हैं ग्लोबल वार्मिंग की देख देखो ग्लोबल वार्मिंग का मतलब होता है जो हमारी हर्थ है उसका जो टेंपरेचर है वो लॉन्ग टर्म के लिए वार्म रहे गर्म रहे तो उसे बोलते हैं ग्लोबल वार्मिंग ज जैसे कि आपको इस फोटो में नजर आ रहा है इस फोटो में देखिए इसमें क्या है अर्थ की चारों ओर आग जली हुई है मतलब अर्थ जल रही है मतलब कि ग्लोबल वार्मिंग मतलब टेंपरेचर बहुत ज्यादा हाई होता जा रहा है क्यों होता जा रहा है ग्रीन हाउस गैसेस की वजह से अच्छी बात है उन्होंने हमा लिए लाइफ बनाई है लेकिन उसका टेंपरेचर बढ़ रहा है उनका गैसेस की जो मात्रा है वो बढ़ती जा रही है हम इतनी ज्यादा मात्रा में वो गैसेस सारे रिलीज कर रहे हैं वो किस वजह से हो रहा है ह्यूमन एक्टिविटीज की वजह से हो रहा है ह्यूमन क्या कर रहा है फॉसिल फ्यूल्स को जलाता जा रहा है ठीक है और ग्रीन हाउस का जो लेवल है वो बढ़ता चला जा रहा है हमारे टेंपरेचर में अब बात कर लेते हैं कि देखो इफेक्ट्स क्या होते हैं ग्रीन हाउस गैसेस के क्या इफेक्ट्स होते हैं अगर ये टेंपरेचर बढ़ेगा तो क्याक होगा सिंपल सी बात है अगर हमारे अर्थ के ऊपर टेंपरेचर बढ़ता है तो उससे ग्लोबल वार्मिंग होगी जैसे कि अभी हम समझ के हमा अर्थ का जो टेंपरेचर है बहुत ज्यादा जदा हाई हो जाएगा हमारी की जो परत है ना वो बहुत ज्यादा वार्म हो जाएगी हमारी जो ओजोन लेयर है वो भी डिप्लीट होगी ओजोन लेयर ना एक परत होती है पृथ्वी के ऊपर सपोज कि पृथ्वी थी गोला हमारी पृथ्वी थी और इसके ऊपर एक और परत होती है जो जो किसको एक ब्लैंकेट की तरह सपोज कि एक ब्लैंकेट की तरह हमको कवर किए हुए है ठीक है और वो क्यों कवर किए हुए है क्योंकि जो सूरज होता है ना सूरज से जो अल्ट्रा वायलेट रेस निकलती है खतरनाक वाली उससे बचाती है ये ओजोन लेयर क्या करती है देखो जैसे कि सूरज की तरफ से जो भी अल्ट्रा वाशन रे आ रही होती ये इनको वापस भेज देती है सिर्फ जितना इस्तेमाल करने के लिए थोड़ी बहुत लगती है बाकी वापस चली जाती है सारी रेस ठीक है जो भी आती है किस वज से होरहा है ओजोन लेर की वज हो रहा है ओजोन लेयर ने हम प्रोटेक्ट करके रखा हुआ है अगर ओजोन लेयर नहीं होती ना और सूरज की अल्ट्रा वायलेशन रेज जो सूरज की यूवी रेज है ना वो डायरेक्ट यहां पे पड़ती तो हमारी स्किन पर कैंसर हो सकता था सारे प्लांट जल सते थे बहुत सार स्पीशीज खत्म हो सकती थी तो ओजोन लेयर के हटने से उस सूरज की अल्ट्रावायलेट ट्रे से हमें बहुत ज्यादा हमें स्किन कैंसर वगैरह हो सकते है प्रॉब्लम प्रॉब्लम ही प्रॉब्लम इसलिए आजकल क्या हो रहा है जब ये ग्रीन हाउसेस गैसेस बढ़ती जा रही है बढ़ती जा रही है तो वो क्या कर रही है हमारे ओजोन लेयर को डिप्लीट कर रही है पतला बना रही है ऐसा बहुत ज्यादा जगहो से देखा गया है कि हमारी ओजोन लेयर क्या होती जा रही है पतली होती जा रही है और अगर पतली होगी तो आपको तो पता ही है सीधा सूरज की जो अल्ट्रा वायलेट रेज है वो हमारी धरती पर पड़ेगी और धरती पर पड़ेंगी तो फिर क्या ही होने वाला है आप सब समझ ही सकते हो ठीक है तो अभी हमने बात करी कि ग्रीन हाउस के क्याक इफेक्टस हो सकते हैं पहला तो ग्लोबल वार्मिंग दूसरा ओजोन लेर डिप्लीट होगी तीसरा एयर पोल्यूशन होगा एयर में भी तो पलट होगी ना जब ऐ ऐसी गैसेस एयर में जाएंगी तो एयर का पोल्यूशन होगा एसिडिफिकेशन ऑफ वाटर बॉडीज इसको एसिड रेन से समझते हैं ये पॉइंट क्या कह रहा है देखो एसिड रेन एसिड रेन से समझ क्या आ रहा है कि क्या एसिड की बारिश हो रही है कुछ ऐसा ही समझ लीजिए एसिड रेन का मतलब क्या होता है देखो क्या हो रहा है कि हम हम ना बहुत बड़े लेवल पर फॉसिल फ्यूल्स को जला रहे हैं डिफोरेस्टेशन कर रहे हैं तो इन सब से कुछ जहरीली गैसेस प्रोड्यूस हो रही है जैसे कि सल्फर डाइऑक्साइड नाइट्रॉक्साइड तो ये बहुत सारी गैसेस प्रोड्यूस होती जा रही है और ये सब कहां जाती जा रही है हमारे एटमॉस्फियर में जा रही है जब ये हमारे एटमॉस्फियर में जा रहे हैं तो क्या हो रहा है ये किसके साथ मिल रही है h2o के साथ मिल रही है ठीक है तो इनके कुछ रिएक्शंस हो रहे हैं ऊपर जब रिएक्शंस हो रहे हैं तो जब बारिश आएगी तो ये वाले जितनी भी गैसेस हैं जितनी भी जहरीली गैसेस हैं वो हमारे ऊपर ही तो बरेंग और जब हमारे ऊपर बर सेंगी तो इससे क्या होगा जितनी भी वाटर बॉडीज है ये सारा पानी वाटर ऑर्गेनिस्ट जहां पे रहते हैं वहां पे भी जाएगा एटिक इकोसिस्टम में भी जाएगा हर जगह जाएगा तो इससे क्या होगा स्पीशीज नष्ट होंगी वाटर ऑर्गेनम की जितनी भी स्पीशीज है पानी के अंदर जितनी भी मछलियां कि मकड़े जो भी रहते हैं वो सब डेड हो जाएंगे ठीक है तो ये सारी चीजें बहुत नुकसान होगा इससे ऐसे रन से आपको देख है ना ताच येलो होता जा रहा है ग्लोबल वार्मिंग से ही तो हो रहा है ठीक है अब ये सारी जहरीली गैसेस फॉसिल फ्यूल के जलने से निकलती जा रही है और ये फिर हमारे पास ही वापस आ रही है एनवायरमेंट के साथ ये कुछ रिएक्ट कर रही है वाटर वगैरह साथ रिएक्ट करके और ये वापस आ रही है जब ये गैसेस हवा में रहती है और फिर उसको हम सांस लेते हैं उसी हवा में तो भी तो हम ही नुक्सान हो र है तो उसे बोलते हैं ड्राई डिपोजिशन एंड जो वाटर की फॉर्म में या बारिश की फॉर्म में हमारे ऊपर आ रही है स्नो की फॉर्म में तो उसे बोलते हैं वेट वेट मतलब गीला होता है ना तो इ से ही हमें समझ जाना है जो ड्राई मतलब सूखा जो एयर में है गैसेस में है एयर में है ठीक है और वेट मतलब गला जो बारिश के फॉर्म में हमारे पास ही लॉट कर आ रही है तो ये सारे किसकी वजह से हो रहा है हमारी वजह से ही तो हो रहा है अब बात कर लेते हैं हो क्यों रहा है कभी-कभी क्या होता है कि जब लाइटनिंग स्ट्राइक पड़ती है बिजली चमकती है तो उससे भी कुछ गैसेस प्रोड्यूस हो जाती है जैसे कि सल्फर डाइऑक्साइड नाइट्रो ऑक्साइड ठीक है और हम जो भी फॉसिल फ्यूल्स जला रहे हैं इलेक्ट्रिसिटी बनाने के लिए गाड़ियों में यूज करने के लिए इन सब से भी क्या होता है ये सारी गैसेस बनती है और वो हमारे एटमॉस्फियर में चली जाती है वल्कन वगैरह फटता है तो ऊपर जो इनी भी जहरीली गैसेस छोड़ता है इन सब से ही क्या होता है एसिड रेन होती है और एसिड रेन किससे हो रही है फॉसिल फ्यूल के ज्यादा से ज्यादा यूज से हो रही है अगर हम फॉसिल फ्यूल यूज क करते अच्छा आपने अभी देख है कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक बस आ गई है वो क्यों हो रहा है क्योंकि हम इतना ज्यादा ग्रीन हाउसेस इफेक्ट की तरफ ग्लोबल वार्मिंग की तरफ एसिड रेन की तरफ बढ़ चुके हैं कि अब हम फॉसिल फ्यूल से कहां रहे हैं इलेक्ट्रिक बस पर आ रहे हैं ठीक है ताकि जितना कम हो सके उतना अच्छा ऑप्शन हमारे पास आए और हम उसका सब्सीट्यूट कर सक अब बात करते हैं एनवायरमेंटल एथिक्स की तो एथिक्स का मतलब होता है मोरल प्रिंसिपल वो सारी रूल्स रेगुलेशन जो सही है एथिक्स क्या बताता है कि क्या चीज सही है और क्या चीज गलत है बट एथिक्स यही बताता है तो अब ये जुड़ गया एनवायरमेंट के साथ तो एनवायरमेंट के साथ अगर ये जुड़ गया तो इसका मतलब हमें अरे एनवायरमेंट के साथ या उनके राइट के लिए क्या चीजें सही है क्या चीजें गलत है वही होता है एनवायरमेंटल एथिक्स बट इसकी जो डेफिनेशन है वो बोलती है कि ये ह्यूमन के बीच में और हमारे एनवायरमेंट के बीच में ये ह्यूमन के बीच में और हमारे एनवायरमेंट के बीच में रिलेशनशिप बताता है एनवायरमेंटल एथिक्स क्या बताते है ह्यूमन और नेचर के बीच में रिलेशनशिप बता रहा है और ये क्या करता है जितने भी एनवायरमेंट्स हैं और ये क्या करता है एनवायरमेंट के इश्यूज के साथ उनके हक के के साथ डील करता है एनवायरमेंटल एथिक्स हमें ये बताता है क्या चीजें सही है क्या चीजें हमें नेचर के साथ करनी चाहिए क्या नहीं करनी चाहिए सब कौन बताता है एनवायरमेंटल एथिक्स बताते है वो सारे मोरल प्रिंसिपल्स जिसको समझ के हम क्या कर सकते हैं फैसले ले सकते कि क्या चीज सही है क्या चीज करनी है क्या चीज नहीं करनी है अब इसकी बात करें इंपोर्टेंस की एथिक्स की क्या इंपोर्टेंस है देखो ह्यूमन की नीड्स में और ग्रीड में बहुत बड़ा फर्क है हमें पता होना चाहिए कि हमारी क्या नीड है अपनी नीड्स को पूरा करना चाहिए लेकिन ग्रीड में ऐसा नहीं कि एनवायरमेंट को नुक्सान पहुंचाते जा रहे इतना लालच बढ़ गया कि रिसोर्सेस को अपने पास चुरा चुरा के रखते जा रहे एक बार चला था प्याज महंगी हो गई थी तो प्याज को लोगों ने भर भर के रख लिया था ये ग्रीड थी भाई जितनी नीड है उतनी लो ठीक है और देखो जो ये एनवायरमेंटल एथिक्स होता है ना वो हमें बताता है ये हमें बताता है कि हमें एनवायरमेंट को प्रोटेक्ट रखना है उकी स्पीशीज को प्रोटेक्ट रखना है रिसोर्स इसको प्रोटेक्ट रखना है उके साथ क्या चीजें इलीगल कर रहे हैं गलत कर रहे हैं ठीक है ये सब कौन डील करता है एनवायरमेंट एथिक्स डील करता है ये ह्यूमन के और एनवायरमेंट के रिलेशनशिप को बेटर बनाता है ठीक है ये सस्टेनेबल प्रैक्टिस को भी प्रमोट करता है लोगों को अवेयर करता है कि एनवायरमेंट के साथ ये चीज करनी चाहिए ये चीज सही है ये चीज गलत है तो इससे क्या हो रहा है पीपल भी एजुकेट हो रहा है पीपल भी एंकरेज हो रहा है अपने एनवायरमेंट के लिए आई होप कि आपको इस वीडियो से कुछ तो अभी आप पहले जब नहीं पढ़े होंगे इस वीडियो से पहले आप ऐसा कुछ नहीं सोच रहे होंगे हमें एनवायरमेंट लेकिन अब इतने नुकसान पढ़ के थोड़ा बहुत आपके मन में भी आया होगा कि हां वाकई हमारे एनवायरमेंट के साथ गलत हो रहा है आया होगा जरूर आया होगा कि हमारे एनवायरमेंट के साथ हम गलत कर रहे हैं हम कितना ज्यादा नुकसान रहे अपने एनवायरमेंट को चलिए यहीं पे वीडियो को एंड करते हैं आई होप कि आपको वीडियो अच्छी लगी होगी देखो वीडियो अच्छ लग तो लाइक सब्सक्राइब शेयर जरूर करना मिलते हैं नेक्स्ट वन शॉट में लेकिन उससे पहले सब्सक्राइब जरूर कर देना और जिस भी सब्जेक्ट की आपको वन शॉट चाहिए तो कुछ दिन पहले आप वन शॉट का कमेंट करना ठीक है आपको वन शॉट मिल जाएगी मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में टल देन बाय बाय