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हेलो एलकेइन्स और एरीन्स की समझ
Sep 13, 2024
लेक्चर 3: हेलो एलकेइन्स और हेलो एरीन्स
स्वागत
सभी छात्रों का स्वागत
लेक्चर का विषय: हेलो एलकेइन्स और हेलो एरीन्स
महत्वपूर्ण रिएक्शन
न्यूक्लियोफिलिक सब्स्टीट्यूशन रिएक्शन (SN1 और SN2)
न्यूक्लियोफिलिक सब्स्टीट्यूशन रिएक्शन (SN1 और SN2)
SN1 रिएक्शन
:
एक-step रिएक्शन
Carbocation का निर्माण होता है
रिएक्शन की रेट Rx पर निर्भर करती है
रेट = K[Rx]
SN2 रिएक्शन
:
दो-step रिएक्शन
Transition State बनता है, जिसमें bond formation और bond breaking एक साथ होते हैं
रिएक्शन की रेट दोनों reactants पर निर्भर करती है
रेट = K[Rx][Nu-]
न्यूक्लियोफाइल का परिचय
न्यूक्लियोफाइल:
Electron donor होता है
Electron-rich species
रिएक्शन के प्रकार
SN1 रिएक्शन में Carbocation का निर्माण होता है, जबकि SN2 रिएक्शन में transition state बनता है।
महत्वपूर्ण बिंदु
SN1
:
दो-step रिएक्शन
Carbocation निर्माण
रेट Rx की concentration पर निर्भर करती है
रेट = K[Rx]
SN2
:
एक-step रिएक्शन
कोई intermediate नहीं बनता है
रेट Rx और न्यूक्लियोफाइल की concentration पर निर्भर करती है
रेट = K[Rx][Nu-]
रिएक्शन की गति
Carbocation की स्थिरता पर निर्भर करता है।
SN1 के लिए:
3 डिग्री > 2 डिग्री > 1 डिग्री
SN2 के लिए:
1 डिग्री > 2 डिग्री > 3 डिग्री
सॉल्वेंट का प्रभाव
SN1 रिएक्शन में polar protic solvent का उपयोग होता है।
SN2 रिएक्शन में polar aprotic solvent का उपयोग होता है।
एम्बिडेंट न्यूक्लियोफाइल
वो न्यूक्लियोफाइल जिसमें एक से अधिक स्थान होते हैं जहाँ से अटैक हो सकता है।
उदाहरण
KCN: Cn- का उपयोग करता है।
AGCN: N का अटैक करेगा।
क्यूज़ और उत्तर
छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए गए।
निष्कर्ष
SN1 और SN2 रिएक्शन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई।
अगली कक्षा में Stereochemistry और सॉल्वेंट प्रभाव पर चर्चा होगी।
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