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इलेक्ट्रोस्टैटिक्स के प्रश्न एवं उत्तर

कि अ इसमें लाइफ मान रही सेंटर डियर आज चप्टर 11 एलेक्ट्रोस्टाटिक्स के कंसर्प्शन क्वेश्चन सॉल्व करेंगे कि फर्स्ट क्वेश्चन है कि अ एक एलेक्टिक पोटेंशियल जो एलेक्टिक पोटेंशियल है वह इस रीजन में इस रीजन में एलेक्टिक फिल्ड जीरो होगी या नॉन जीरो होगी यह हमने बताना है तो अगर electric potential 0 है एक given region में तो उससे मुराज यह है कि जो potential दो points के दर्मियान होता है वो दोनों points का potential same बता रहा है यानि कि V1 भी V है और V2 भी V है अगर V1 और V2 दोनों V हों तो जो potential difference आता है वो ही 0 हो जाएगा ठीक है delta V V2 minus V1 equal हो जाएगा 0 जब potential difference 0 हो जाएगा, तो हमारे पास जो potential difference का formula है, delta V equal to minus ED, यह आपने जो potential gradient पड़ा था तो यहां से E equal to minus delta V over D आ जाता है यानि के minus delta V किसकी equal है V2 minus V1 के अब यह potential difference ही 0 की equal था तो यह total term क्या आ जाती है 0 आ जाती है इसका मतलब यह है कि जहां पे potential same होगा 2 points पे वहां पे electric field क्या होगी 0 होगी यहनी कि दो पांट से मुराद उस रीजन में, उस गिमन स्पेस में पोटेंशल, एलेक्टिक पोटेंशल जो है वो कॉंस्टेंट होगा, तो वहाँ पे एलेक्टिक फील्ड क्या होगी, जीरो होगी. कॉंस्टेंट होने से मुराद जी होती है कि V1 पे भी वो ही पोटेंशल है और V2 पे भी वो ही पोटेंशल है, उनका पोटेंशल डिफरेंट जीरो आ जाएगा, तो फिर वो एलेक्टिक फील्ड भी वहाँ नेक्स्ट हमारे पास क्वेस्टिया नुमर टू है अगर मैस में एक पॉइंट चार्ज क्यों पर एक पॉइंट चार्ज है तो वह एक रेक्टी लिनियर मोशन होगा? तो हम इसको देखते हैं कि सबसे पहला इसका अगर first case discuss किया जाए if a point charge Q of mass M is placed at any point in a non-uniform field of a positive point charge कि हमारे पास एक positive point charge है और उसकी जो field है वो non-uniform field है और उसमें हम एक charge रखते हैं Q जिसका mass M है तो वो straight line follow करेगा या rectilinear path follow करेगा यानि कि जे positive चार्ज है और हम एक टेस्ट चार्ज के ओग अगर यहां पर रखते हैं दोनों पॉजिटिव चार्जें जो होंगे तो यह उस पर फॉर्स आफ रिपल्जन अप्लाई करेगा तो इस डिरेक्शन में एलेक्ट्रिक फील लाइन की डिरेक्शन है उसी डिरेक्शन में वह चार्ज मूव कर जाएगा तो उसकी जो मोशन हो ड्यू टू रिपल्ज फोर्स रिपल्जन फोर्स जो होगी इसकी वजह से और बी पार्ट इसका क्या है कि इसके पेस में अगर वह केस जो है दो या दो से ज्यादा चार्ज की वजह से है इन केस आफ फिल्ड ड्यू टू आर मुअर चार्ज इस तो उस केस में जो पार्ट चार्ज होता है वह कर पात के लाइन मूव करेगा देखें सिंगल चार्ज था तो इसकी लेक्टिव फ्रीड लाइन स्ट्रेट हैं जब यहां पर कोई भी चार्ज रखा जाएगा तो उस चार्ज की जो मोशन होगी वह रेक्टे लिनियर मोशन होगी एक स्ट्रेट लाइन में होगी और अगर दो या दो से ज्यादा चार्ज इसकी वज़ासे वो फील्ड क्रियेट हो रही है तो वहाँ पे हम कोई चार्ज रखते हैं तो आप ये देख सकते हैं कि इसकी एलेक्ट्रिक फील्ड लाइन्स करवड हैं तो यहाँ पर जो भी चार्ज रखेंगे उसके उपर जो फोर्स लगे What is the relationship between potential difference and electric potential energy? Potential difference and electric potential energy के दर्मियान क्या relation है वो हमने बताना है तो पहले हम अगर potential difference की बात करें तो potential difference जो है दो points के दर्मियान वो equal होता है work done in moving a unit positive charge from one point to another keeping the charge in electrostatic equilibrium यह direct to potential difference की definition लिखी हुई है कि potential difference जो है वो work done per unit charge की equal होता है और उस case में जो work done उस object के उपर उस charge के उपर हो रहा होता है वो potential energy की form में होता है तो delta v equal आ जाएगा जाता है delta U over Q के और यह जो delta U है यह क्या है electric potential energy है ठीक है तो यही यही से हमें पता चल जाता है कि potential difference और electric potential के दर्मान जो relation है वो क्या बनता है delta V equal to delta U over Q अब इसको statement की form में अब अब अब यानि के voltage is directly proportional to the electric potential delta U and inversely proportional to the charge Q of the object delta V directly proportional है delta U के और inversely proportional है इस charge के इसका मतलब यह है के greater the electric potential energy electric potential energy या potential difference जो है वो उस वक्त ज्यादा होगा जब लार्जर दी वर्क रिक्वायर टू मूव आज यूनिट पॉजिटिव जूनिट चार्ज बिट्वीन टू पॉइंट्स इन एलेक्ट्रिक फिल्ड के जो वर्क न है वह काफी डेल्टा वी इक्वल टू डेल्टा यू ओवर क्यों का नाम देंगे नेक्स्ट हमारे पास का ऐसा नंबर फोर आ जाता है How are units of volts and electron volts related? Volt and electron volts relate to each other and what is the difference between them? So, electric potential V, we write it as electric potential equal to delta U over Q, i.e. potential energy divided by charge. Potential energy per unit charge is electric potential. तो अगर हम इनके units लिखें, यानि के in terms of units देखें, तो electric potential का जो unit है, वो volt होता है, equal to potential energy का unit electron volt divided by charge का unit coulomb, तो यहीं से हमें पता चल गया, के volt और electron volt में क्या relation है, अब इसके बाद difference क्या होता है? How they differ? तो main difference जो है volt और electron volt में, जो electron volt है वो energy का unit है, जबके volt जो है वो electric potential difference का unit है. इसके बाद next question number 5 है, How can electric potential be high when the electric potential energy is relatively low? के electric potential कैसे high हो सकता है जबके electric potential energy low हो? तो इसको हम ये देखते हैं कि electric potential जो है वो in terms of electric potential energy हम उसको किस formula से लिखते हैं कि delta V equal to delta U over Q ठीक है जो electric potential है उनको उसको in terms of electric potential energy लिखें तो electric potential equal होता है potential energy per unit charge के और इसको it is a measure of electric potential energy difference between two points in the field divided by the amount of charge moved between these two points. तो electric potential जो है can be high when electric potential energy is relatively low. If the amount of charge is very small. के electric potential energy high हो सकती है. Electric potential energy. Electric potential जो है delta V. वह हाई हो सकता है कब जब एलेक्ट्रिक पोटेंशल एनर्जी कम हो और जो अमाउंट आफ चार्ज हो वह भी बहुत समाल हो तो उस यानि के चार्ज बहुत समाल हो और जो potential energy है वो भी कम उस पे apply हो रही है तो जब इन दोनों quantities को divide करेंगे तो value पे इतना ज़्यादा फर्क नहीं पड़ेगा तो वो जो electric potential है वो high रहेगा next question number 6 है जो पोटेंशियल है नोन यूनिफॉर्म चार्ज स्फेयर का वह सेम हो सकता है एड आफ पॉइंट चार्ज पोटेंशियल आफ नोन यूनिफॉर्म चार्ज स्फेयर बी दी सेम एड आफ पॉइंट चार्ज कि जो पोटेंशियल है नोन यूनिफॉर्म चार्ज स्फेयर का वह बिल्कुल वैसा हो सकता है जैसा कि एक पॉइंट चार्ज का होता है तो एलेक्टिक पोटेंशल ड्यू टू नॉन जूनी फॉर्म ली चार्ज सफेयर एस सेम एस देट आफ दिए लेक्टिक पोटेंशल ड्यू टू पॉइंट चार्ज के एक नॉन जूनी फॉर्म चार्ज सफेयर जो है उसके वजह से जो एलेक्टिक पोटेंशल होगा वह सेम होगा उस एलेक्टिक पोटेंशल के जो एक पॉइंट चार्ज की वजह से होता है तो अब हमारे पास इनको होता है वी ओवर डी के यानि कि इनको आ जाता है सिग्मो ओवर एप्सीलान नॉट के तो यहां से पहले तो हमारे पास यह जो फर्मूला है एलेक्ट्रिक फिल्ड का यह E इकॉल टू वी ओवर डी पोटेंशल ग्रेडियन का फर्मूला और यह हमारे पास E equal to sigma over epsilon not यह कहां से आया है जो electric field का फर्मूला है हमारे पास E equal to sigma over epsilon not है अब इन दोनों को अगर हम compare करते हैं तो V over D equal आ जाता है sigma over epsilon not के इन दोनों equations को compare किया V over D equal to sigma over epsilon not यानि के V equal to sigma over epsilon not into D, D उदर जाके multiply हो जाएगा तो यहां से हम अगर हम देखें तो potential difference किसके directly proportional है? charge density के, surface charge density के तो इसके मताबिक जो we है वो depend कर रहा है surface charge density के distance from the charge and medium सर्फेस चार्ज डेंसिटी, distance from the charge and medium, अगर सर्फेस चार्ज डेंसिटी non-uniform हो, तो V is not constant, V constant नहीं रहेगा, सिग्मा non-uniform हो, तो V non-uniform होगा, यहने कि constant नहीं रहेगा, तो वो बिलकुल ऐसा ही होगा, जैसा कि point charge की वज़ासे हमारे पास elective potential होता है. अट दी एंड क्या रिजल्ट निकाला के जो एलेक्टिक पोटेंशल है ड्यूटू नॉन जुनिफर्म चार्ज सेफियर वो इक्वल होगा किसके पॉइंट आफ देट आफ ए पॉइंट चार्ज के नेक्स्ट क्वेश्चन नंबर सेमन है विल दी एनर्जी स्टोर्ड इन दी थ्री कपैसिटर्स बी ग्रेटर वेन दे आर कोनेक्टेड इन सीरीज आर एन पैरलल के जो एनर्जी स्टोर्ड होगी तीन कपैसिटर्स में वो ग्रेटर होगी कब जब उनको कोनेक्ट किया जाए सीरीज में या पैरलल में यानि के तीन क� तो हम इसको देखते हैं कि अगर तीन कपेस्टर को कनेक्ट किया जाए पैरलल में, तो जो उनकी equivalent capacitance है उसको हम calculate कर सकते हैं CE equal to C1 plus C2 plus C3 के फर्मूले से. और अगर वोई capacitors connect किये जाएं series में, तो series में connect करने से 1 over CE equal to 1 over C1 plus 1 over C2 plus 1 over C3 के फर्मूले से total equivalent capacitance calculate की जाती है. अगर हम इन दोनों फर्मूलों के घौर करें तो जो equivalent capacitance है वो parallel combination में ज्यादा बड़ी value आएगी as compared to series में connect किया जाएगी क्योंकि वहाँ पे direct value इसको add किया है और यहाँ पे reciprocals का sum है तो इसकी value ज्यादा greater आएगी यानि कि C1 और C2 और C3 की कोई भी हमारे पास value हो, वो values हम in formula में put करें, तो हमारे पास CE की value parallel combination के लिए ज्यादा आएगी as compared to series. तो अब हमें तो पूछा गया था total energy stored के बारे में, तो energy stored जो जिस formula से find की जाती है, वो half Cv2 है, ठीक है, U equal to 1 by 2 Cv2, अब अगर इसमें यह जो C है, यह equivalent capacitance हो, तो इसकी value कम होगी, यानि कि series वाला, अगर equivalent capacitance put करेंगे, तो total energy कम आएगी, और अगर parallel वाली put करेंगे, तो total energy, energy stored ज्यादा आएगी, इसका मतलब है, parallel combination में जब 3 capacitors को connect किया जाएगा, तो उसकी जो stored energy होगी, वो greater होगी, as compared to series. उसके बाद next question number 8 है, एक दिफरेंट एक वे प्रोटेंशन लाइन्स क्रॉस इच अधर क्या डिफरेंट एक वे प्रोटेंशन लाइन्स एक दूसरे को क्रॉस करती है या नहीं करती है तो एकवे पोटेंशल लाइन्स जो होती हैं डिफरेंट पोटेंशल पे वो एक दूसरे को कभी भी क्रॉस नहीं करती हैं उसकी वज़ा यह होती है कि जो पोटेंशल होता है डिव टू पॉइंट सार्च उसका फर्मूला वी इकवल टू के केव ओवर आर होता है यहनि के के की वैलियो वन ओवर फोर पाई अप्सिलोन नौट है तो वी इकवल टू वन बाय फोर पाई अप्सिलोन नौट के ओवर आर तो यहां से अगर हम देखें तो वी इनवर्सली परपोर्शनल आ रहा है आर के यानि के R ज्यादा होगा तो V कम होगा, R कम होगा तो V ज्यादा होगा, V potential difference है और R क्या है, इसमें center से distance है, radius आप समझ लें डिफरेंट एको पोटेंशल लाइन्स है डिफरेंट डिस्टंस फ्रॉम दी पॉइंट चार्ज जो एको पोटेंशल लाइन्स होती हैं उसका पॉइंट चार्ज से डिस्टंस जो है वो डिफरेंट होता है तो इसका मतलब यह है कि हर पॉइंट पे जो आर है वो चेंज होगा नेक्स्ट क्वेस्टन नुमर नाइन है, वाटर है लार्ज डाइलेक्टिक कॉंस्टेंट बट इट इस रेयरली यूज़ड इन कपैसिटर वाइ, वाटर जो है लार्ज डाइलेक्टिक कॉंस्टेंट है लेकिन इसको बहुत कम कपैसिटर में इस्तेमाल किया जाता है, इसकी बेसिकली वाटर जो है वो एलेक्ट्रिकली न्यूट्रल है इसको हम डायलेक्टिक कॉंस्टेंट के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर सकते उसकी रीजन क्या है कि फर्स्ट रीजन है वाटर एलेक्ट्रिक फील्ड में आइन्स बना लेता है हाइड्रोजन आइन और हाइड्रो अक पॉजिटिव और नेगटिव दो आयंज बन जाते हैं अब आयंज की मौजूदगी में जो वाटर है वो चार्ज को लीक कर देगा प्लेट्स के दर्मान जिसकी वज़ा से जो कपैसिटर है वो डिस्चार्जिंग की तरफ चला जाएगा यानि के वो चार्ज होने की बजाए और इंप्रिटीज भी हो सकती हैं दिया फॉर दिया डिफरेंट वेल्यू वॉल्यूम वह आज वह टिस्ट्राइड सेंस्टिव टू टेंप्रेचर और वाटर क्या होता है टेंप्रेचर के साथ साथ सेंस्टिव भी होता है वह यह दोनों फैक्टर जो है वह अफेक्ट करते हैं डाय एलेक्ट्रिक कॉंस्टेंट ऑफ वाटर को जिसकी वजह से डिफरेंट वॉल्यूम ऑफ वाटर जो है में नॉट हैव सेम डाय एलेक्ट्रिक कॉंस्टेंट कि वॉल्यूम का वाटर वाटर का वॉल्यूम चेंज कर दिया जाएगा तो डाय एलेक्ट्रिक कॉंस्टेंट भी सेम नहीं रहेगा इस वजह से वाटर को डाय एलेक्ट्रिक कॉंस्टेंट के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं पहली रीजन क्या बताई कि यह आयंस की सू आइंस जब बन जाएंगे तो वो डेफिनेटली चार्ज लीक हो जाएगा यानि के पॉजिटिव से नेगेटिव की तरफ मूव कर जाएगा जिसकी वज़ा से कपेस्टर जो है वो डिस्चार्ज हो जाएगा और दूसरी रीजन यह बताएगा यह कि वाटर टेंप्रेचर बहुत एफेक्ट करता है जब टेंप्रेचर हम टेंप्रेचर के एफेक्ट से वाटर एफेक्ट करेगा तो कम वाटर रिजूस करेंगे तो उसका और एफेक्ट आएगा, ज्यादा वैक्टर रिजूस करेंगे तो उसका और एफेक्ट आएगा, तो वो सेम डायलेक्टिक कॉंस्टेंट की वालियो नहीं देगा, ठीक है, इसके बाद हमारे पास, अगर आप इसके बा� कि आप एक प्रोफेस्टर की प्रश्न कैसे इंक्रीज की जा सकती है तो डाय एलेक्ट्रिक कोंस्टेंट डाय एलेक्ट्रिक मैटीरियल होता है उस वह यूज करके हम कपेस्टर की कपेसिटेंस को इंक्रीज कर सकते हैं इसके इलावा रेडूस दी सेपरेशन बेट्वीन दी प्लेट एंड यूज ए मैटीरियल देटेज हाई ब्रेकडाउन स्टेंप सर्फेस एरिया क्यों इंक्रीज करना है सेपरेशन क्यों डिक्रीज करनी है और जो मैटीरियल जूस करना है ये क्यों करना है अगर आप कपैसिटर की कपैसिटेंस का फर्मूला देखें तो C इक्वल टू एपसिलोन नॉट एपसिलोन और A ओवर D है अब इसमें C कपैसिटेंस है वो किस चीज़ पे डिपेंड कर रही है परमिटिविटी और फ्री स्पेस रेलिटिव परमिटिविटी और डाइ एलेक्ट्रिक क्रॉस सेक्षनल एरिया और सेपरेशन बिट्वीन दी प्लेट्स तो ये तीन values increase करने से capacitance increase करेगी और ये value decrease करने से capacitance increase करेगी तो हमें क्या करना पड़ेगा ये तीन terms increase करनी होगी और ये decrease करनी होगी capacitance increase करने के लिए तो यहां तक हमारे पास इस चप्टर के conceptual questions थे, मजीद किसी भी चप्टर की exercise का solution देखने के लिए आप हमारी website विजिट कर सकते हैं, इसके लावा आप हमें Instagram, Facebook और YouTube पर follow करें, और अगर आप हमसे किसी भी subject की online जा home tuition पढ़ना चाहते हैं, तो WhatsApp पर contact कर सकते हैं. 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