हेलो एंड जय हि स्टूडेंट वेलकम बक ू चैनल स एक्सक्लूसिव चैनल फॉर बोर्ड स्टूडेंट्स और आज बारी है हिस्ट्री के फर्स्ट एंड द मोस्ट इंपोर्टेंट चैप्टर फर्स्ट वर ऑफ इंडिपेंडेंस 1857 तो क्यों यह चैप्टर इंपॉर्टेंट है और बोर्ड के नजर से भी आप पूछेंगे तो मैं बताऊंगा कि इस चैप्टर से एक लंग क्वेश्चन शोर शॉर्ट आ रहा है हां लॉन्ग क्वेश्चन आपको इस चैप्टर से एक हर बार बनता है और तो और जो शॉर्ट क्वेश्चंस हैं एमसीक्यू बेस क्वेश्चंस हैं वो भी इस चैप्टर से काफी आते हैं तो अप्रॉक्सिमेट्स आप समझिए आपको चॉइस बेस वाले क्वेश्चन का मार्क्स मैं इंक्लूड करके कह रहा हूं इसीलिए ये चैप्टर वेरी वेरी इंपोर्टेंट है तो क्यों नाम दिया गया फर्स्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस आजादी की पहली लड़ाई 18 57 तो अंग्रेजों ने भारत को लगभग 200 साल तक रूल कर लिया था और इंडियन कोल महसूस हो रहा था कि अब हम अमेरिक इंग्लैंड से आजाद होना चाहते हैं और इसके लिए बहुत सारे ऐसे कारण है जो लोग अंग्रेजों के खिलाफ हो गए ब्रिटिशर्स के अगेंस्ट होने के बहुत सारे कारण है कि हम अंग्रेजों के खिलाफ हो गए और मिलकर के हम इंडियंस जिसमें पीजेंट्स मर्चेंट्स मिडिल क्लास के लोग और तो और सैनिक सब मिल गए और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी पर क्या मजद हो गए थे क्या नहीं नहीं नहीं 1857 में मजद नहीं हो पाए क्योंकि अंग्रेजों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी और हमारे रिवोल्ट को कुचल दिया तो अंग्रेजों ने इसका नाम कभी भी फर्स्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस नहीं रखा उन्होंने कहा यह वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस नहीं है यह सिर्फ एक सिप म्यूटन है अर्थात सिपाहियों की बगावत है इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस नहीं है और इंडियन हिस्टोरियंस हमेशा मानते रहे हैं कि ये आजादी की पहली लड़ाई है तो आइए डिटेल में समझेंगे इस चैप्टर में कॉसेस सारे टाइप्स ऑफ कॉसेस फिर इंपॉर्टेंट इवेंट्स कंसीक्वेंसेस ऑफ द इवेंट और फाइनली नेचर ठीक है नेचर ऑफ दी फर्स्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस बात करेंगे पहले पॉइंट की कि क्या कारण हुए क्या रीजंस रहे कि हमने अंग्रेजों को इतने साल पहले सह लिया मैंने कहा अप्रॉक्सिमेट्स कर दिया ग्रैजुअली वो आए तो ट्रेडर बन के थे हमारे पास हमारे पास बिजनेस करने आए थे हमारे इंडियन किंग से उन्होंने बिजनेस करने की परमिशन मांगी थी जो हमारे इंडियन किंग्स ने उन्हें परमिशन भी दे दी तो उन्होंने ट्रेडिंग पोर्ट्स खोला मतलब अपने व्यापार करने के लिए स्थान लिया और उसके के बाद धीरे-धीरे धीरे धीरे पूरे इंडिया में कब्जा कर लिया तो पॉलिटिकल कॉसेस क्या है तो पहला पॉलिटिकल कॉज है पॉलिसी ऑफ एक्सपेंशन तो ब्रिटिशर्स धीरे-धीरे अपने राज्य को इंडिया में एक्सपेंड करते गए याद रखिएगा ब्रिटिश गवर्नमेंट नहीं आई थी हमारे देश पर अटैक करने ब्रिटिश गवर्नमेंट ने भारत को गुलाम नहीं बनाया था बल्कि एक कंपनी ने भारत को गुलाम बनाया था सच में एक कंपनी ने गुलाम बनाया था भारत को ईस्ट इंडिया कंपनी इस कंपनी के पास स्पेशल राइट्स था ईस्ट ऑफ दी एशिया को कवर करने का इसको यह स्पेशल राइट क्वीन विक्टोरिया ने दिया था यह कंपनी जो ईस्ट एशिया में बिजनेस करने के लिए आई थी नाम था इसका ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में इंडिया में इसने धीरे-धीरे अपने पैर जमाए पहला तरीका क्या लगाया पॉलिटिकल कॉज है पहला तरीका था पॉलिसी ऑफ एक्सपेंशन मतलब अपने राज्य को धीरे धीरे बढ़ाया एक दिन में पूरे इंडिया पर कब्जा नहीं कर पाए क्योंकि भारत एक बहुत बड़ा देश था हां जहां आज अब अफगानिस्तान देखते हैं जहां आप पाकिस्तान देखते हैं वह सब हमारा ही हिस्सा था यस वह इंडिया था पहले वो तो अंग्रेजों ने इस अंग्रेज कंपनी ने क्या किया एक तरीका लगाया एक्सपेंड करने का राज्य फैलाने का वो था अटैक करना वॉर करना आउटरा इट वॉर मतलब भारतीय राजाओं से युद्ध लड़ना पर मैंने कहा था अंग्रेज बहुत चालाक थे बहुत कनिंग थे उन्होंने हर चालबाजी अपनाई इंडियन किंग्स को हराने की तो आइए पहला पॉइंट है बाय आउटरा इट वॉर मतलब सीधे भारत के राजाओं से लड़ाई लड़ना जैसे कि बैटल ऑफ बक्सर बैटल ऑफ बक्सर में अंग्रेजों ने युद्ध जीत लिया 1764 में और क्या मिला राज्य नहीं मिला उनको बल्कि बंगाल बिहार और उड़ीसा की राइट्स मिल गए उनका टैक्स कलेक्ट करने उसको दीवानी मिल गई उसकी और जब एंग्लो मैसूर वॉर हुआ तब अंग्रेजों ने मैसूर को जीत लिया हैदर अली का नाम सुना है ना आपने टीपू सुल्तान का नाम सुना है ना जी हां वही थे एंग्लो मैसूर वॉर में उस समय उन्होंने क्या किया मैसूर को जीत लिया उसी तरह से सिख वॉर हुआ एंग्लो सिख वॉर इसमें पंजाब को जीत लिया तो यहां पर उन्होंने वॉर लड़ा युद्ध लड़ा इंडियन किंग्स के साथ और उनके राज्यों को जीत लिया अब आप पूछेंगे सर इंडियन किंग क्यों हार गए यह पूछेंगे तो ब्रिटिशर्स के पास ज्यादा तैयार आर्मी थी उन्होंने इंडियन किंग्स को ही अपनी मदद ली और इंडियन सिप की मदद से अंग्रेजों को हरा दि इंडियंस को हरा दिया हां इंडियन किंग्स को हराने के लिए भारत के सिपाहियों का ही इस्तेमाल किया ठीक है और क्या हुआ देखिए और क्या रीजन है और क्या रीजन रहा है पॉलिटिकल कॉस में वो रीजन रहा है सब्सिडियरी अलायंस तो यह क्या है कोई व्यक्ति का नाम है नहीं सब्सिडियरी अलायंस को लॉन्च किया लॉर्ड वेलेस ने एक गवर्नर थे ब्रिटिश गवर्नर थे इन्होंने क्या किया एक पॉलिसी बनाई एक नियम बनाया कहा कि हर इंडियन स्टेट जो चाहता है अ किसी दूसरे दुश्मन से हमें अपनी रक्षा चाहता है तो वो हमारा मेंबर बन जाए वो इस सब्सिडियरी अलायंस को साइन कर ले मतलब इंडियन किंग्स जो अपने आप को बचाए रखना चाहते हैं दूसरे राजाओं से हम उनकी रक्षा करेंगे यहां अंग्रेज क्या करने लगे अपने आप को एक लीडर की तरह प्रेजेंट करने लगे और ये सब चालाकी कौन कर रहे थे लॉर्ड वेलेस आइए दिखा भी देते हैं लॉर्ड वेलेस कहां है ये रहे लॉर्ड वेलेस क्या था इसमें तो सब्सिडियरी अलायंस में यह था कि जो भी कंपनी के साथ याद रखिएगा कंपनी देश को रूल कर रही है जो भी कंपनी के साथ क्या करेगा एग्रीमेंट करेगा इंडियन राजा उसको क्या करना पड़ेगा सबसे पहले उस राजा को ब्रिटिशर्स को अपना सुप्रीम मानना पड़ेगा ब्रिटिश को ब्रिटिश कंपनी को सुप्रीम मानना पड़ेगा उस राजा को अपनी पॉलिसी सरेंडर कर देनी पड़ेगी मतलब अब वो राजा डिसाइड नहीं करेगा कि किस देश से उसको दोस्ती रखनी है किस देश से उसको झगड़ा करना है हां समझ गए ना मतलब आपका दोस्त और आपका दुश्मन कौन डिसाइड करेगा उस राजा का दोस्त और दुश्मन ब्रिटिशर्स डिसाइड करेंगे इसका मतलब अंग्रेजों का दुश्मन आपका दुश्मन समझ गए और क्या होगा वो किसी दूसरे देश के साथ अलायंस नहीं कर सकता कोई ट्रीटी साइन नहीं कर सकता मतलब अगर किसी दूसरे देश के साथ उसको दोस्ती करनी है बिजनेस एग्रीमेंट करना है वो नहीं कर सकता और क्या करना पड़ेगा उस इंडियन किंग को जिसने सब्सिडियरी अलायंस साइन किया है उसको ब्रिटिश का एक रेसिडेंट अर्थात ब्रिटिश नागरिक को अपने राज्य में रखना पड़ेगा और भी कुछ करना पड़ेगा हां और ब्रिटिश के ट्रूप्स ब्रिटिश की सेनाएं उस राज्य में रहेंगी जिसने एग्रीमेंट साइन किया है और वहां पर क्या होगा व सेनाएं क्या करेंगी उस राजा जिसके राज्य में वो रह रही है उसके द्वारा सैलरी आई जाएगी उसके द्वारा उसको फूड एंड शेल्टर मिलेगा तो एक तरह से कहे अंग्रेजों की सेनाएं मुफ्त में हमारे राजाओं के राज्य में भी रहेंगी उनसे पैसे मिलेगी और सारा पावर किसके पास रहेगा ब्रिटिशर्स के पास रहेगा तो एक तरह से गुलाम बना दिया देखा चालाकी है बस नाम दे दिया है सब्सिडियरी अलायंस और क्या किया देखिए पॉलिसी ऑफ एक्सपेंशन के अंडर में बाय यूजिंग डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स तो ये क्या डॉक्ट्रिन कहता है ये डॉक्ट्रिन डी लजी ऐसे याद कर लो तो यह पॉलिसी डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स लॉर्ड लाउज ने शुरू की थी जब वो गवर्नर बने थे कंपनी के क्या था इस पॉलिसी में इस पॉलिसी में बहुत सिंपल सा रूल था कि अगर कोई इंडियन किंग मर जाता है और उसका खुद का नेचुरल हायर नहीं है नेचुरल वारिस नहीं है उस राज्य को अंग्रेज टेक ओवर कर लेंगे भाई मेरा राज्य है मैं राजा हूं मेरे बच्चे हो ना हो तुम कौन होते हो मेरा राज्य हड़पने वाले पर मैंने कहा ना अंग्रेजों की क्या बोलते हैं गुंडई चल रही थी या अंग्रेजों का पावर चल रहा था तो बस उन्होंने नियम बना लिया लर्ड लजी ने कि जिस इंडियन राजा का पास अपना नेचुरल हायर नहीं होगा अपना वारिस नहीं होगा उसके किंगडम को कंपनी के अंडर में ले लिया जाएगा तो ऐसा किसी के साथ किया हां ऐसा बहुत राजाओं के साथ किया नागपुर झांसी सतारा हां ऐसे बहुत सारे राज्य हैं जिसको अंग्रेजों ने इस कानून के तहत झांसी सतारा जैतपुर सं इनको अंग्रेजों ने टेकओवर कर लिया हां इन राजाओं के राज्य को इसलिए टेकओवर कर लिया क्योंकि इन राजाओं के पास अपना खुद का संतान नहीं थी जो राज्य चला सके गोद लिए बच्चों को अलाउड नहीं था अगर राजा ने कोई बच्चा गोद ले लिया है अडॉप्टेड सन है नहीं अलाउड नहीं करेंगे अंग्रेज तो यह पॉलिसी द डॉक्ट्रिन ऑफ लेप्स रानी झांसी हां रानी लक्ष्मी बाई जिनको हम कहते हैं उनके साथ भी यही हुआ था उनके साथ भी ने यही किया कहा कि आपके पास अपना पुत्र नहीं है राजा मर चुके थे इसीलिए झांसी राज्य हमें खाली करके दे दीजिए पर रानी झांसी तो आप जानते ही है लड़ने वाली थी बोली हम ऐसे नहीं देंगे अपना कहते हैं ना अपना राज्य में ऐसे ही नहीं दे देंगे हम तो लड़ेंगे और अगर आप लड़के जीत लोगे तो ले लेना ठीक नेक्स्ट आता है और क्या किया ऑन द प्रिटेक्स्ट ऑफ अले मिसरूल मतलब अंग्रेजों ने इंडियन किंग पर इल्जाम लगाया यह इल्जाम लगाया कि आप लोग अपने राज्य को अच्छे से रूल नहीं कर रहे हैं तो मिसरूल प्रॉपर आप रूल नहीं कर रहे हैं इस कारण से क्या कर दिया उनको टेक ओवर कर लिया अरे राज्य मेरा सोचिए इंडियन राजा है उसकी मर्जी है जैसे रूल करें पर अंग्रेजों ने नाम लगा दिया एक बहाना लगा दिया टेक ओवर करने के लिए कि आप मिसरूल करते हैं प्रॉपर आप अपने राज्य को चला नहीं रहे तो ऐसा कहां हुआ ऐसा अवध में हुआ अवध यूपी का ही पुराना नाम नाम है हां लखनऊ और आसपास के रीजन को कहते हैं अवध तो अवध में अवध के नवाब थे उनको उन्होंने क्या कर दिया टेक ओ और करने वाले थे लॉर्ड लौज ये भी लॉर्ड लौज की बदमाशी है है ना आप स्क्रीन प देख भी पा रहे होंगे लॉर्ड लौज ने राजाओं को मजबूर किया कि वो अपना राज्य हमें दे दे क्योंकि आप ठीक से नहीं चला रहे हैं और लॉर्ड लाउज ने नवाब ऑफ अवद की सेना को भी डिसबैंड कर दिया जब उसका राज्य कब्जा कर लिया उसको नवाब के पद से हटा दिया तो सेना भी खत्म कर दी उसकी और तो और उनके एस्टेट्स उनकी प्रॉपर्टी भी ब्रिटिश की हो गई मतलब वहां पर जो जमींदार काम करते थे उन सब जमीदारों की लैंड अंग्रेजों ने कब्जा कर ली कहा अब आप जमींदार नहीं है अब सारी लैंड किसकी है अंग्रेजों की है अब अंग्रेज नए जमींदार बनाएंगे सब अपने फायदे के लिए कर रहे थे अंग्रेज और तो और उन्होंने अवध को पे हाई टैक्स लगा दिया तो फूड पे टैक्स लगा दिया हाउसेस पे टैक्स लगा दिया मार्केट्स पे फेरीज पे भी टैक्स लगा दिया तो लोग बहुत परेशान हो गए उल्टा हो गया इंडियन रूलर फिर भी अच्छा कर रहे थे पर अंग्रेज सिर्फ और सिर्फ अपने फायदे का सोचते सिर्फ और सिर्फ अब आता है यह सब चल रहे हैं पॉलिटिकल कॉसेस ये जो पहले चार पॉइंट्स पढ़े थे यह था पॉलिसी ऑफ एक्सपेंशन के अंडर में अब उसके आगे सेकंड पॉइंट है डिस रिस्पेक्ट शोन टू बहादुर शाह बहादुर शाह जफर हमारे देश के एक बहुत ही प्रिय हां बहुत ही पॉपुलर उस समय क्या थे एंपरर थे क्यों क्योंकि यह मुगल एंपरर थे इनको पूरे देश ने अपना एंपरर एक्सेप्ट कर लिया था और बहादुर शाह जफर को अंग्रेजों ने क्या कर दिया रिमूव कर दिया उसके पद से हटा दिया जो बहादुर शाह जफर के कॉइंस चलते थे पहले जमाने में भाई राजा का कॉइन चलता था देश के राजा उस समय कौन थे बहादुर शाह जफर जी तो इनका कॉइन से फोटो हटा दिया अब ब्रिटिश क्वीन का कॉइन में फोटो आने लगा पहला काम यह किया बाद में लॉर्ड लाउज ने क्या कर दिया ये अनाउंसमेंट भी कर दिया कि अब बहादुर शाह जफर के जो सक्सेसर्स है वो रेड फोर्ट में नहीं रहेंगे तो लाल किला था किनका हां भाई शाहजन ने बनाया था लाल किला और सारे मुगल रूलरसोंग्स 15 अगस्त को हर साल में लहराते हैं हमारे प्रधानमंत्री यहां पर आकर के ध्वजा लहराते हैं तो उसी लाल किले में रहते थे कौन मुगल किंग और उनको वहां से क्या कर दिया गया कहा दिया आदेश दे दिया गया कि आपकी संतान अब यहां नहीं रह सकते तो एक तरह से बेइज्जती कर दी लॉर्ड लजी ने मतलब सब कहते हैं ना हदे पार कर दी डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स लागू कर दिया अवध के नवाब को निकाल दिया मिसरूल के बहाने और अब बहादुर शाह जफर की भी उन्होंने रिस्पेक्ट नहीं की और क्या किया इसके बाद एक और गड़बड़ हुई बात ये गड़बड़ हुई कि लॉर्ड कैनिंग आए लॉर्ड लोजी के बाद उससे भी खराब आदमी आए लॉर्ड कैनिंग आए लॉर्ड कैनिंग ने अनाउंसमेंट कर दी कि अगर बहादुर शाह जफर जब मर जाएंगे तो उनके आने वाली संतानों को मतलब अब बहादुर शाह के बच्चों को अलाउड नहीं है राजा या बादशाह या नवाब की टाइटल लेना इंपीरियल टाइटल जैसे होता है ना एंपरर या बादशाह तो टाइटल लगती है ना राजा के आगे कहा ये टाइटल अब नहीं मिलेगी आपको मतलब उनके बच्चों को सिर्फ प्रिंस बोला जाएगा राजकुमार बोला जाएगा और कोई भी राजाओं वाली टाइटल नहीं दी जाएगी इससे क्यों किया ऐसा उसने ब्रिटिशर्स ने जान बुझ केर ऐसा किया ताकि उनको बुरा लगे वो हर्ट महसूस करें वो बेइज्जत महसूस करें पर्पसली उन्होंने ऐसा किया इवन जो जीनत महल है जो कि बे बहादुर शाह जफर की वाइफ है उनको भी उन्होंने क्या कर दिया बेइज्जत किया आप देख पाएंगे एक इमेज है हमारे पास थोड़ा सा स्क्रीन बड़ा कर लीजिए आप देखें जीनत महल उनके सामने ही क्या कर रहे बहादुर शाह जफर को बेइज्जत कर रहे हैं तो जीनत महल ने बाद में अंग्रेजों के खिलाफ प्लानिंग करना शुरू कर दिया और क्या हुआ यह सब चल रहा है पॉलिटिकल कॉसेस देख रहे सारे राजाओं से जुड़े कॉसेस है इसीलिए नाम है पॉलिटिकल कॉसेस रिलेटेड टू पॉलिटिक्स ठीक है ना और क्या चल रहा है तीसरा पॉलिटिकल कॉज है ट्रीटमेंट गिवन टू नाना साहिब नाना साहेब जी कौन है तो नाना साहिब अडॉप्टेड सन ऑफ पेशवा बाजीराव है पेशवा कौन होते हैं तो पेशवा आर द प्राइम मिनिस्टर्स ऑफ द मराठा जो मराठा किंग्स होते थे जैसे आपको पता है शिवाजी थे संभाजी थे तो मराठा राजाओं के जो प्राइम मिनिस्टर होते हैं जो कि बहुत बड़ी पोस्ट होती है उनको कहते हैं पेशवा तो नाना साहिब वह अडॉप्टेड सन थे पेशवा बाजीराव टू के वो लास्ट मराठा पेशवा थे मराठा में सबसे आखिरी पेशवा थे कौन बाजीराव टू हां बाजीराव मस्तानी नहीं नहीं वो फिल्म है हां फिल्म वाली बात नहीं कर रहा उसी नाम से पेशवा तो पेशवा पेशवा बाजीराव टू के बेटे नाना साहिब नाना साहिब को उन्होंने पेंशन देने से मना कर दिया कहा कि आपको पेंशन नहीं मिलेगी एक्चुअली में मराठा के पेशवा थे महाराष्ट्र में थे तो इनको वहां से उठा दिया गया कहा आपको पेंशन नहीं मिलेगी और उनको उठा करके कानपुर शिफ्ट कर दिया गया उनका सारा महल उनकी सारी जायदाद कहां थी नाना साहेब का सब कुछ साम्राज्य जो भी था सब कहां था पुणे में था महाराष्ट्र में था वहां से उनको शिफ्ट करके भेज दिया गया कहां कानपुर हां हां हमारे यूपी में आ गए थे पेशवा नाना साहिब तो नाना साहिब को भी बेइज्जत कर दिया उनको जो कि एक अच्छे राजा थे उनको बेइज्जत कर दिया नाना साहिब ने भी तय कर लिया कि हम अपनी ऑफिशियल सीट छोड़ के आए हैं पर यहां पर उन्होंने इंडियन किंग्स को जो अंग्रेजों से बगावत करना चाहते थे उन सबको सपोर्ट करना शुरू कर दिया तो एक तरह से अंग्रेजों ने कोई मौका नहीं छोड़ा इंडियन किंग्स को परेशान करने का एक और बहुत बड़ा मुझे रीजन लगता है कि हम इंडियंस क्यों नाराज हुए वो ये पॉइंट है वो है एब्सेंट सोनि ऑफ द ब्रिटिश मतलब अंग्रेज रूल हमारे इंडिया को कर रहे हैं किस रूप में कर रहे हैं मैंने कहा कंपनी के रूप में कर रहे हैं अंग्रेज रहते कहां है हजारों मील दूर तो दूर से भारत से हजारों मील दूर से भारत को वो कंट्रोल कर रहे हैं उसे कहते हैं क्या एब्सेंट सोरेन मतलब सोवन मतलब राजा एब्सेंट है जो देश को चला रहा है वह दूर से क्या कर रहा कठपुतली की तरह देश को चला रहा है उसकी कंपनी ब्रिटिश कंपनी क्या कर रही है हमारे देश को चला रही है तो इंयस को बात पसंद नहीं आई क्या लॉजिक था क्योंकि देखिए जब इंडियन राजा हुआ करते थे जैसे बहादुर शाह जफरी ले लेते हैं तो वो इंडिया में ही रह रहे थे भले वो मुगल रूलर थे उन्होंने लोगों से टैक्स लिया पर उस टैक्स का पैसा भारत में ही लगाया और ब्रिटिशर्स वो बाहरी लोग थे उन्हों इंडिया को कभी भी अपना देश नहीं माना और वहीं से इंग्लैंड से ही हमारे भारत को कंट्रोल कर रहे हैं और हम पर टैक्स लगा रहे हैं और उस टैक्स का पैसा भी हमारे देश में कोई भी भलाई का काम नहीं कर रहे सब पैसा अपने देश ले जा रहे हैं इसका नाम दिया गया एब्सेंट सुनिटी यह हमको पसंद नहीं आया इसलिए हम इंडियस नाराज हो गए कि हमारा सारा पैसा भी ले जा रहे हो हमारे देश में पैसा भी नहीं लगा र टक्स लगा करके जो इंडियन राजा हुआ करते थे क्या करते थे इंडिया में लगाते थे ना सड़कें बनाते थे पंचायत घर बनाते थे गांव और समाज की कोई चीजें बनाते थे यहां पे तो कुछ लग ही नहीं रहा है इंडियन को तो कुछ पैसा मिल ही नहीं रहा है सारा पैसा ब्रिटिश के पास चला जा रहा है इसी का नाम रखा गया एब्सेंट सोनि इसको इंडियंस को पसंद नहीं आया आते हैं आगे बढ़ते हैं अभी तक जो बताया वो था पॉलिटिकल कॉसेस अब बता रहे हैं सोशो रिलीजस कॉसेस मतलब सोसाइटी की नजर से और और रिलीजन की नजर से भी अंग्रेजों ने बहुत परेशान किया क्या कैसे परेशान किया क्या कारण था तो अंग्रेजों ने हमारे धर्मों में टांग उड़ाने की कोशिश की हमारा धर्म है हम जब से क्रिश्चियन धर्म के बीच में टांग नहीं ड़ा रहे थे तो आपको हमारे धर्मों में हमारे उस समय देश में हिंदू धर्म चलते थे मुस्लिम धर्म चलते थे और भी धर्मों के लोग रहते होंगे हम लोग ने किसी भी हां सिख भी थे और किसी धर्मों के में के इंटरफेयर नहीं करते ये ब्रिटिशर्स आकर के हमारे कामों में दखल दिया उनमें सबसे पहला है इंटरफेरेंस विद द सोशल कस्टम्स हमारे जो सोशल कस्टम्स थे भली मैंने कहा वो कस्टम आज आप सोचेंगे तो आपको बुरा लगेगा सोच करके जैसे एग्जांपल देता हूं अबॉलिशमेंट ऑफ सती या बैन ऑफ सती अंग्रेजों ने कानून बनाया 1829 में और उस कानून का नाम था एवोल्यूशन ऑफ सती मतलब सती सिस्टम बंद अब सती एक परंपरा है हिंदू धर्मों की जिसमें इंडियन लेडीज को जिनके हस्बैंड मर जाते थे यंग एज में उन लेडीज को जिंदा जला दिया जाता था एट द फ्यूनरल प्रायर्स ऑफ दी इसका मतलब उसके पति की जिंदा आग में ही उस औरत को जला दिया जाता था और वह सती मैया बन जाती थी लोग उसकी पूजा करने लगते थे बट इट वाज अ वेरी डेडली आप स्क्रीन पर देख पाएंगे एक बहुत ही डरावना ये प्रथा थी तो अंग्रेजों ने बंद कर दिया यह तो अच्छी बात है पर मैंने कहा उस समय हम लोग को बहुत बुरा लगा कि आप हमारी प्रथाओं में आप हमारे कल्चर और रिलीजन में टांग क्यों लगा रहे हैं अच्छा अंग्रेजों को ने सिर्फ ये नहीं किया उन्होंने विडो री मैरिज एक्ट पास कर दिया उस समय विद्वा औरतें हो जाती थी वो एक समाज के लिए अपशगुन मानी जाती थी लोग उस समय विडोज को रीमैरिज नहीं करने देते थे पर अंग्रेजों ने कानून बना कर के क्या कर दिया विडो री मैरिज एक्ट पास कर दिया पर उस जमाने में मैंने कहा हम लोगों को बहुत बुरा लगा हमारे सोशल कस्टम्स में ब्रिटिश इंटरफेयर कर रहे हैं और तो और लड़कियों के लिए वेस्टर्न एजुकेशन शुरू कर दिया और उस समय वेस्टर्न एजुकेशन इंडियंस के लिए भी अच्छी नहीं मानी जाती थी ठीक है ना वेस्टर्न एजुकेशन मतलब ब इंग्लिश एजुकेशन जो आप और मैं पढ़ रहे हैं आज मैं और आप मिशनरी स्कूल में जा रहे हैं अच्छे स्कूल्स में जा रहे हैं पब्लिक स्कूल्स में जा रहे हैं ये सब शुरुआत अंग्रेजों ने उसी जमाने में कर दी थी उस समय एक बुरा माना जाता था हां क्योंकि हमारे खुद के अपने गुरुकुलस हुआ करते थे थे और जो कहते हैं ना मुस्लिम्स उनके पास अपने खुद के स्कूल्स हुआ करते थे जहां पर वो बच्चे जाकर के मुस्लिम बच्चे वहां जाकर पढ़ते थे अपने मौलवियों के पास जाकर वो पढ़ते थे पर इस समय मैंने कहा ब्रिटिश सिस्टम ने क्या किया मॉडर्न स्कूल्स की ओप करने ओपनिंग शुरुआत कर दी अब आता है एप्रिस अबाउट दी मॉडर्न इनोवेशंस अंग्रेजों ने कुछ मॉडर्न चीजें की और इसका डर लग गया हम लोगों को यनो एशन मतलब होता है डरना फियर किसका डर है मैंने कहा मॉडर्न इन्वेंशन का अंग्रेजों ने जगह-जगह टेलीग्राफ के पोल लगाए वई खंबे लगाए जिससे टेलीग्राफ लाइन जाती है और क्या किया अंग्रेजों ने जगह-जगह पर रेलवे की पुल रेलवे की पटरियां बिछवाल को लगा कि ये जो टेलीग्राफ के पोल्स लगाए गए हैं ये ये गलत फहमी थी अफवाह थी कि ये जो टेलीग्राफ के पोल लगाए गए हैं इसमें जरूर अंग्रेज क्या करेंगे लोगों को फांसी दे देंगे जो जो अंग्रेजों के खिलाफ बगावत करेगा इसीलिए बीच-बीच में े लगाए गए हैं हालांकि इसका ऐसा कोई मतलब नहीं था ये रूमर था और टेली जो रेलवे लाइंस बिछी थी उनको लगा कि अंग्रेज रेलवे जानबूझ का चला रहे हैं रेलगाड़ी चला रहे हैं ताकि हमारे लोगों का धर्म भ्रष्ट हो क्योंकि रेल की जो भी टिकट ले लेगा वो सब बैठेंगे साथ में अब वो चाहे हाई कास्ट हो चाहे लो कास्ट हो तो पहले कास्टि जम बहुत चलता था हाई कास्ट लो कास्ट साथ में नहीं रहना पसंद करते थे पर रेलवे की टिकट ले लिए तो कंपार्टमेंट है आपका आपके बगल में कोई भी बैठ सकता है किसी भी कास्ट का बैठ सकता है यह प्रॉब्लम आई मतलब इंडियंस को लगा कि यह अंग्रेज जानबूझ का कर रहे हैं हमारे धर्म को भ्रष्ट करने के लिए इट इज टू डिफाई टू डिफाई द रिलीजन हमारे धर्म को भ्रष्ट करने के लिए अंग्रेज ऐसा कर रहे हैं यह इंडियस को लगा और आगे देखिए अब आ रहा है पॉलिसी ऑफ रेशल डिस्क्रिमिनेशन अंग्रेजों ने कभी भी इंडिया को मातृभूमि नहीं माना अपना कंट्री माना उन्होंने इंडियंस को हमेशा डाउनग्रेड किया उनको लेट किया उनके साथ बदतमीजी से बिहेव किया क्यों क्योंकि वो कहते थे वाइट्स हम लोग वाइट्स हैं हम लोग सुपीरियर रेस को बिलोंग करते हैं और इंडियंस ब्लैक्स हैं इंडियंस को डिसरेटर थे बेइज्जत करते थे तो इंडियंस के प्रति वो हमेशा एरोगेंट रहते थे रूड बिहेवियर करते थे मैंने एग्जांपल देके बताना चाहता हूं कि अंग्रेज कभी-कभी इंडियंस के को जब मारते पीटते चाबुक चलाते छूते भी नहीं थे कह हट गंदे कहीं के हमारा हाथ भी गंदा हो जाएगा और जब उनको इंडियंस को मारना या पीटना से थक जाते जाते थे तो अपने जूते पे क्या करते थे थूकते थे कहां अपने शूज पे अंग्रेज थूकते थे और इंडियंस को कहते थे चक तो अब आप समझ लीजिए क्या बिहेवियर करते होंगे यू कैन इमेजिन कितना ह्यूमल करते होंगे कितना बेइज्जत करते होंगे कितना जलील करते होंगे इंडियंस को तो डिस्क्रिमिनेट बस इसीलिए कि हम ऊंची कास्ट के वो मानते थे कि इंडियंस जो है वो वो वो बहुत लो कास्ट है मतलब काले लोग हैं ये लोग काले लोग जो होते हैं वो लो होते हैं उन्होंने अपने लिए खुद अलग जगह बना रखी थी जो उनके रेस्टोरेंट्स हुआ करते थे उनकी होटल्स होती थी उनकी बीचेस अलग होती थी उनकी कॉलोनी अलग होती थी वहां इंडियंस को रहने के लिए जगह नहीं मिलती थी वहां जाने की जगह नहीं होती थी उनके लिए कई बार उनके ना होटल्स में या रेस्टोरेंट्स के बाहर लिखा रहता था पता है क्या लिखा रहता था इंडियंस एंड डॉग्स आर नॉट अलाउड सोच लीजिए हमारे देश में रह रहे हो हमारा अन्न जल ग्रहण कर रहे हो हां अंग्रेज हमारा ही पानी पी रहे हैं हमारे देश का अनाज खा रहे हैं और हम ही से कह रहे हैं कि इंडियंस एंड डॉग्स सोच लीजिए क्या गुस्सा आता होगा इंडियंस को आप होते तो क्या करते फोड़ डालते क्या कहते हैं घुस के अंग्रेज को मार मूर के चले आते क्या कहते हैं सोचिए इंडियस आपको कोई विदेशी आदमी आपको कहे तो हम इंडियंस को तो खून खोल जाएगा तो वही हुआ ही हमने बदला लिया उसके बाद ये रिवोल्ट इसीलिए हुआ हम बगावत इसीलिए किए कब तक सहेंगे तो उन्होंने कभी भी हमारे साथ अच्छा ट्रीटमेंट नहीं किया जैसे एग्जांपल देता हूं उन्होंने मुस्लिम्स को माना कि मुस्लिमस जो यहां पर हैं वो क्रूअल है और अनफेथफुल है बताइए अब आप क्यों डिसाइड करेंगे आप कौन होते हैं डिसाइड करने वाले उन्होंने हमारे साथ हमेशा कहते हैं ना भेदभाव पूर रमैया अपनाया अब एक और कारण हुआ याद रखिएगा ये सब चल रहा है सोशियो रिलीजस कॉसेस और क्या कारण हुआ मिशनरीज उन्होंने शुरू कर दिया अंग्रेज क्रिश्चन हुआ करते थे ब्रिटिशर्स जो है वो क्रिश्चन धर्म को फॉलो करते हैं तो उन्होंने इंडिया में भी क्रिश्चियनिटी को प्रमोट करना शुरू कर दिया क्या भेजा उन्होंने मिशनरीज को भेजा मतलब अपने लोग भेजे जिन्होंने गांव जाकर के आदिवासियों के पास जा जा कर के उनको क्या किया धीरे-धीरे क्रिश्चन धर्मों में कन्वर्ट करना शुरू कर दिया तो इस तरह से जो लोकल लोग थे आम जनता के लोग थे उनको डर लगने लगा उनको य लगने लगा कि वह हमारे इंडियंस को क्या कर रहे हैं क्रिश्चन धर्म में कन्वर्ट कर रहे हैं इसका बहुत विरोध हुआ मतलब क्रिश्चन धर्म के कन्वर्ट करने के लिए आप इमेजिन करिए यह आदिवासी लोग खड़े हैं और इन आदिवासियों को यह ब्रिटिशर्स क्या कर रहे हैं भोले भाले होते हैं ये लोग इनको कन्वर्ट कर दिया अपने धर्मों में और क्या हुआ देखि और क्या रीजन है फियर टुवर्ड्स द वेस्टर्न एजुकेशन क्योंकि अंग्रेज इंडिया में आए तो उनको लगा कि इंडियंस से ही सारा काम कराना है क्योंकि अंग्रेजों के दफ्तर हुआ करते थे अंग्रेजों की सेना हुआ करती तो उसमें कौन आएगा विदेश से तो आदमी आएंगे नहीं इंग्लैंड तो एक बहुत छोटा कंट्री है ना हा हमारे मैं कह सकता हूं शायद यूपी से भी बहुत छोटा देश होगा हां पॉपुलेशन वाइज भी और एरिया वाइज भी तो बहुत छोटा देश है तो वो इंडिया पर रूल कर रहा है कैसे हमारी ही मदद से हमारे ही इंडियंस को वो पढ़ा रहा है वेस्टर्न एजुकेशन दे रहा है क्यों वेस्टर्न एजुकेशन दे रहा है ताकि उनको नौकरी करने के लिए आदमी मिल जाए मुनीम मिल जाए बाबू मिल जाए छोटे क्लर्क मिल जाए सिप मिल जाए इसीलिए उनको पढ़ा रहा था ताकि वो उनके साथ इंग्लिश में बात कर सके अपने फायदे के लिए इसलिए नहीं पढ़ा रहा है हम लोगों को कि हम लोग को एजुकेटेड बनाना चाहते है ना ना ना उनको नौकर चाहिए इंग्लिश स्पीकिंग बाबूस चाहिए इसलिए उन लोग हमको इंडियंस को पढ़ा रहे थे सो इंडिया को लगा कि वह हमारे ट्रेडिशनल कल्चर को भुलवा रहे हैं हमसे हमारा तो गुरुकुल सिस्टम था उन्होंने गुरुकुल सिस्टम को बंद करना शुरू करवा दिया और इंग्लिश स्कूल खोलना शुरू कर दिया जो हमारे इस्लामिक स्कूल होते हैं जिनको हम मौलवी जहां पढ़ाते हैं जहां पर मुस्लिम बच्चे जाकर पढ़ते हैं उ उनको उनसे दूर करने लगे अंग्रेज उनको भी मॉडर्न एजुकेशन तो उनको बुरा लगा बहुत क्योंकि मॉडर्न एजुकेशन से क्या लगने लगा कि वह साइंस की तरफ जाने लगेंगे रिलीजन से दूर चले जाएंगे इसीलिए ने उसका विरोध किया तो अभी तक पढ़ा सोशो रिलीजस कॉज अब करने जा रहे हैं इकोनॉमिक कॉज जिसको हम हिंदी में बोले तो पैसे से जुड़ा कॉज समथिंग व्हिच रिलेट्स टू मनी और इकोनॉमी इसीलिए कहते हैं इकोनॉमिक कॉज इसमें सबसे पहला पॉइंट है अंग्रेजों ने हमारे रिसोर्सेस को एक्सप्लोइट किया भारत का उसने फायदा लिया पैसों से हमें तो हर तरफ से बर्बाद किया इकोनॉमिकली बर्बाद कर दिया वो कैसे किया अंग्रेजों के पास इंडस्ट्री आ चुकी थी वर्ल्ड में सबसे से पहले इंडस्ट्रीज कहां पे आई दुनिया में इंग्लैंड के पास आई और इंग्लैंड के पास इंडस्ट्रीज तो है पर इंग्लैंड बहुत छोटा सा देश है वहां पे रॉ मटेरियल नहीं है वहां पे मार्केट भी नहीं है तो अंग्रेजों ने क्या किया इंडिया जैसे देश जहां पे बहुत पॉपुलेशन है जहां पे बहुत रिच रिसोर्सेस हैं भारत में मिनरल माइंस एग्रीकल्चर की कोई कमी नहीं है तो वो हमारे देश से इंडिया से क्या करने लगे रॉ मटेरियल ले जाने लगे अपनी इंडस्ट्रीज के पास हां यहां से रॉ मटेरियल जैसे रॉ आयरन ओर है ना रॉ सिल्क रॉ कॉटन इंडिगो भारत से जाने लगा शिप में कहां इंग्लैंड में वहां क्या होगा वहां की इंडस्ट्रीज में रॉ मटेरियल फिनिश गुड में बंदन जाएगा मतलब सीमेंट बन जाएगा तो स्टील की रॉड बन जाएगी तो कपड़े बन जाएंगे गारमेंट बन जाएंगे और वहां से फिनिश गुड इंडिया आ जाता था तो उनकी इंडस्ट्रीज का डबल फायदा हो गया उनको सस्ते में कच्चा माल रॉ मटेरियल भी मिल गया और मार्केट भी मिल गया अपना फिनिश प्रोडक्ट बेचने के लिए तो अंग्रेजों ने डबल तरीके से हमें नुकसान पहुंचा दिया ठीक है ना हमारे देश से सस्ते में रॉ मटेरियल ले जाते और फिनिश प्रोडक्ट लाकर के हमारे ही देश में बेच देते तो इस तरह से हमारे देश को इकोनॉमिकली पैसे से धीरे-धीरे करके क्या कर दिया कमजोर कर दिया जो कि कभी सोने की चिड़िया होती थी भारत इंडिया को कभी सोने की चिड़िया कहते थे क्योंकि यहां पर हर तरफ क्या आता था हरियाली हर तरफ क्या होथी तरक्की थी हर जगह खुशियां थी पैसे की कोई कमी नहीं थी पर सब लूट के ले गए हां आपको कुछ फैक्ट बताऊं जो यहां नहीं है कि इंडिया के जो कोहिनूर हीरा था भारत का कोहिन था वो क्वीन ने ले लिया था क्वीन के क्राउन में है हां क्वीन विक्टोरिया के क्वीन एलिजाबेथ जो बाद में आई उनके क्राउन में वो लग गया और तो और भारत के बहुत सारे बेशकीमती हीरे जबरात सब ब्रिटिशर्स ले गए यहां से तो एक्सप्लोइटेशन किया हमारा हमारे यहां इंडस्ट्रीज को उन्होंने काम नहीं करने दिया हमारे यहां वैसे भी बहुत बड़ी मशीन टेक्नोलॉजी थी नहीं उस जमाने में अंग्रेजों ने क्या कर दिया अपने पास इसका फायदा लेना शुरू कर दिया और क्या किया ड्रेन ऑफ वेल्थ किया सेकंड पॉइंट इकोनॉमिक कॉज ड्रेन ऑफ वेल्थ मतलब ड्रेन ऑफ वेल्थ मतलब वेल्थ को ले जाना बदले में क्या करना कुछ ना देना हमारे देश से वह जो कमा रहे थे पैसा उसका कमाई इंडिया में नहीं आ रही थी हमारे देश से जो टी कॉफी सिल्क ये जो प्रोडक्ट प्रोड्यूस हो रहे थे वो उसको बेच करके खूब प कमा रहे थे क्या उस पैसे को भारत में दे रहे थे नहीं नहीं नहीं नहीं उस पैसे को वह क्या कर रहे थे अपने पास ही रख ले रहे थे अपने जो सैलरी होती ब्रिटिश की या उसके वर के एक्सपेंसेस थे उसमें इस्तेमाल कर रहे थे रिटर्न में हमें तो रिसोर्स हमारे यूज कर रहे हो पैसा भारत को नहीं दे रहे हो यह था ड्रेन ऑफ वेल्थ उन्होंने हमारे भारत से कमाया पर भारत को रिटर्न में नहीं दिया तो इसी का नाम रखा गया ड्रेन ऑफ वेल्थ वेल्थ चले जाना ठीक है और क्या किया इन्होंने आइए देखें डिके ऑफ कॉटेज इंडस्ट्री एंड हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री कॉटेज इंडस्ट्री मतलब होता है जो घर-घर में इंडस्ट्री खोली जाती है जिसको हम हत करग भी कहते हैं हां हत करग या हैंडीक्राफ्ट हाथ से बनाए गए कोई सामान जैसे मट्टी के बर्तन जैसे कि सिल्क की साड़ियां पता है ना सिल्क की साड़ियां हाथ से बनती है कारपेट्स हाथ से बनते हैं वॉल हैंगिंग्स तो ये बहुत प्रसिद्ध था इंडिया हैंडीक्राफ्ट वर्ल्ड ओवर आ आज भी फेमस है हाथ से बने कारीगरी आपको पता है लखनऊ में जरी का काम बहुत फेमस है किसी शहर में कलमकारी का बहुत फेमस है कहीं ब्लॉक प्रिंटिंग बहुत फेमस है तो हर शहर में बनारस में बनारसी सिल्क बहुत फेमस है तो ये हैंडीक्राफ्ट जिसमें सिल्क कॉटन टेक्सटाइल आता है इन सबको अंग्रेजों ने बर्बाद कर दिया सर वो कैसे बर्बाद कर दिया क्योंकि अब इंडिया के जो जो सिल्क बनाने वाले हैं सिल्क के कपड़े बनाने वाले हैं उनको रॉ सिल्क मिल ही नहीं रही है क्योंकि वो सिल्क कहां चली जा रही है ब्रिटेन के पास चली जा रही है वहां की इंडस्ट्रीज के पास चली जा रही है वहां मशीन मेड गुड्स बन रहे हैं उससे और इंडियंस इंडियन आर्टिजंस उनका कोई सामान ही नहीं खरीद रहा है इंडियन आर्टिजंस कारीगर बर्बाद इसलिए हो गए क्योंकि उनके पास रॉ सिल्क नहीं है और अगर उनके पास सिल्क है भी तो उस सिल्क से बने प्रोडक्ट को खरीदार नहीं है पहले जो राजा हुआ करते थे जिसको कहते थे प्रिंसली स्टेट्स हुआ करते थे उसमें राजा रानी जितने भी लोग होते थे वो इन आर्टिन से क्या कर करते थे गुड्स खरीदते थे अब आप देखिए कारीगर काम करते हुए नजर आ रहे हैं आपको ये हैंडीक्राफ्ट वर्कर्स हैं काम सॉरी आर्टिजंस है जो क्या कर रहे हैं मेहनत कर रहे हैं बर्बाद हो गए इन लोग क्योंकि इनकी नौकरियां चले गई इनके पास काम नहीं है इनको जो पेट्रनाइजिंग ने जीत लिया था तो इसलिए ये बर्बाद हो गए हमारी कॉटेज इंडस्ट्री हमारी हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री बर्बाद हो गई और क्या कारण रहा है देखिए इकोनॉमिक डिक्लाइन ऑफ पीजेंट्री पीजेंट्री कौन है ये पीजेंट कौन है फार्मर्स हैं डिक्लाइन कैसे हुआ इंडिया एक एग्री केरियन इकॉनमी है भारत एक कृषि प्रधान देश है और फार्मर्स फार्मर्स की इनकम बहुत डाउन चले गई क्यों फार्मर्स क्यों कमजोर हो गए क्योंकि फार्मर्स पे आए जमींदार उनसे लगान लेने के लिए और जमींदारों को दया नहीं थी इंडियन फार्मर्स पे वो बहुत हाई वेरी हाई लगान जिसको कहते हैं लैंड रेवेन्यू लेते थे तो हाई लैंड रेवेन्यू देने के लिए किसानों को मजबूर किया जाता था डराया धमकाया मारा जाता था कौन करते थे जमींदार ये अंग्रेजों के बनाए जमींदार थे वो किसानों को मजबूर करते थे कि हमें पैसा दो हाई लगान दो और अगर वह नहीं दे पाते थे तो वह कर्ज लेकर जगन देते थे इसकी वजह से क्या होते थे फार्मर अक्सर इंडक्टेड हो जाते थे मतलब कर्ज में डूब जाते थे और जमींदार ही उनकी जमीन क्या करता था हड़प लेता था और या तो या तो जमींदार इतना पावरफुल होता था कि वह किसानों को मार के भगा देता देता था दे वर एविक्टेड उनको भगा देता था उनकी जमीन हड़प लेता था इतना हाई टैक्स था इतना हाई रेंट था लगान था कि किसान बर्बाद मतलब अंग्रेजों ने कोई कदम नहीं उठाया हमारे फार्मर्स को बेनिफिट देने के लिए मतलब जब इससे पहले राजा हुआ सिस्टम हुआ करता था तो राजा वाले में भी जमीदार हुआ करते थे पर राजा के लोग क्या करते थे थोड़े दयावान होते थे अगर किसी किसान को परेशानी आती थी तो उसकी मदद भी करते थे अगर बाढ़ आ गई कोई कोई आपदा आ गई किसान ने एग्रीकल्चर क्रॉप्स नहीं उगाया है तो राजा लगान माफ भी कर देता था पर यहां पर कोई माफी नहीं है ब्रिटिश जमींदर्स बहुत क्रूअल होते थे वो हार्ड हार्टेड थे उनको कोई मतलब नहीं है फार्मर्स को वो पैसा लेते थे बदले में कुछ मदद भी नहीं करते थे जबकि इंडियन जमीदार हुआ करते थे वो बहुत मदद भी करते थे इंडियन फार्मर्स की और क्या हुआ रीजन ग्रोइंग अनइंप्लॉयमेंट हां अंग्रेजों ने वेस्टर्न एजुकेशन तो शुरू कर दिया पर रोजगार कौन देगा उस समय तो भारत में इंडस्ट्रीज भी नहीं थी अब भाई इंडस्ट्रीज नहीं होगी तो रोजगार कहां से आएगा ज्यादा से ज्यादा काम क्या है आप सैनिक बन जाओ या छोटे मोटे ऑफिशल्स का काम एडमिनिस्ट्रेटिव जॉब में मुनीम का काम बाबू का काम क्लर्क का काम बड़ी पोस्ट या पद थे ही नहीं इंडियंस के लिए तो इंडियंस को ज्यादा से ज्यादा क्या होता था छोटी मटी नौकरिया मिल जाती थी और काम नहीं था तो इंडियंस बेरोजगार अब सोचिए इतनी बड़ी आबादी अगर बेरोजगार होगी तो अंग्रेजों के खिलाफ यह भी रीजन रहा है आप सीन पर देख पाएंगे कितने लोग बेरोजगार है बर्बाद है पढ़ लिया है नॉलेज है पर उनके पास रोजगार नहीं है इन ह्यूमन ट्रीटमेंट ऑफ इंडिगो कल्टीवेटर्स अंग्रेजों ने हमारे फार्मर्स को मजबूर किया कि वो इंडिगो उगाए अब ये इंडिगो क्या होता है इंडिगो मतलब होता है नील अब ये नील क्या होता है नील एक क्रॉप होता है जो कपड़ों को क्या करता है वाइट कर देता है ठीक है हां वो जो उजाला वो जो रॉबिन ये लिक्विड ब्लू ऐसे करके आते हैं ना वो नील होते हैं इंडिगो होते हैं कपड़ों में डालने से उसकी चमक बढ़ जाती है उसकी वाइटिस बढ़ जाती है तो इंडिगो एक सोइल एग्जॉस्ट क्रॉप है मतलब सोइल में फार्मर्स उगाना नहीं चाहते क्योंकि सोइल की फर्टिलिटी चली जाती है पर इंडियन फार्मर्स को मजबूर किया गया अंग्रेजों द्वारा जमींदर्स द्वारा कि सिल्क अ कि इंडिगो उगाओ इंडिगो उगाओ और इंडिगो फार्मर्स को मजबूर करते थे कि तुमको लगान के रूप में क्या देना है पैसा नहीं देना है इंडिगो चाहिए हमको अब इंडिगो क्या होगा क्योंकि इंडिगो जाएगा यहां से इंग्लैंड इंग्लैंड में जो इंडस्ट्रीज है टेक्सटाइल इंडस्ट्री है वहां कपड़ों को छमक देने के लिए हां इंडिगो कपड़ों को चमा और इंडियन फार्मर्स को खूब सताया जाता मारा पीटा जाता अगर वो इंडिगो नहीं उगाते और उगाए तो बर्बाद हो जाएंगे अरे बर्बाद ऐसे हो जाएंगे क्योंकि उसकी जमीन की उपजाऊ शक्ति खत्म हो जाएगी और इंडिगो एक बहुत ही सोइल एग्जॉस्ट इव क्रॉप है सोइल को भी खराब कर देता है तो फार्मर सिर्फ अपने फायदे के लिए क्या करते थे किसानों को मजबूर करना परेशान करना खास करके इंडिगो फार्मर्स को और क्या हुआ डिक्लाइन ऑफ लेंडेड अरिस्टो एक अंग्रेजों ने कानून बनाया एक एक पॉलिसी बनाई नाम रखा उसका इनाम कमीशन हां इनाम देंगे नहीं कुछ नाम है सिर्फ इनाम कमीशन 18522 स्टेट्स 20000 ऐसे एरियाज जो कि इंडियन जमीदार के पास थे उनसे वह जमींदारी छीन ली जमीदार से जमीदारी छीन ली क्यों उनसे कहा कि आप क्या करिए अपनी जमीदारी का टाइटल डीट दिखाइए क्या करिए जमींदार को कहा कि आप क्या करिए जो आपके पास जमीन के कागज हैं जिसकी वजह से आप जमींदार बने हुए जरा कागज दिखाइए भाई कोई प्रूफ होगा ना कि आप जमींदार है यहां के इस गांव के जमींदार आप है जरा प्रूफ दिखाइए अब पहले जमाने में तो राजा जो हुआ करते थे वो जमींदार को ओरल बना देते थे भाई जिस पर खुश हो गए यस अब मेरा जमींदार अजय ताली बजाया वो जमींदार बन गया अब समझ गए ना ज्यादातर ओरल ऑर्डर होते थे और बहुत कम ही रिटर्न रिकॉर्ड हुआ करते थे तो इसीलिए वो जमीदार अपनी टाइटल डील नहीं दिखा पाए वो प्रूव नहीं कर पाए नतीजा उन सबकी 200 हज जमीदारों की जमीन अंग्रेजों ने हड़प ली और फिर अपने लोगों में बांट दी अपने नए जमीदार उन्होंने बनाए जो कि बहुत श्ट बहुत दुष्ट बहुत पापी हुआ करते थे लोगों से क्या करते थे पैसा एक्सट्रैक्ट करते थे यहां भी जमींदर्स बहुत नाराज हो गए ये सारे जमींदर्स अंग्रेजों से नाराज हो जाएंगे हां भाई आप किसी की जमीन छीन लोगे किसी का राज्य छीन लोगे तो तुम्हें छोड़ेगा कोई क्या कहते हैं कोई छोड़ेगा तो जब मौका मिलेगा तो बदला लेंगे और यही हुआ ही हम इंडियंस ने फिर चुनचुन के क्या किया रिवोल्ट ऑफ 1857 ने बदला ले लिया हर जिसने जिन-जिन को अंग्रेजों ने सताया सबसे अे इनलोग ने बदला लिया अब आता है मिलिट्री कॉज मतलब सेना का कॉज आर्मी का कॉज याद रखिएगा ब्रिटिश की आर्मी में हम इंडियन सिप बहुत ज्यादा थे अब कितने ज्यादा थे आप सुन के आश्चर्य करेंगे आपको आश्चर्य होगा कि हमारे इंडियन सिप जिसको सिप बोलते हैं अंग्रेज है ना उनको सिपाही बोलने नहीं आता हम लोग तो सिपाही बोलते हैं ना उन लोग क्या बोलते थे इंग्लिश भाषा में सिप है ना सिप मटनी तो वो इंडियन सिपाही इसके साथ बदतमीजी करते थे बस बिहेवियर करते थे जो आपको राज्य जीत के दे रहा है दूसरे इंडियन राजाओं को हरा के दे रहा है उस भारतीय सिपाही का तुम बेइज्जत कर रहे हो जानते हैं जो इंडियन सपोज काम करते थे वो ब्रिटिश सेना में उनके साथ जो यूरोपिय हुआ करते थे उनको तो अच्छा घर मिलता था अच्छे पैसे मिलते थे अच्छा खाना मिलता था पर हमारे इंडियन सुप के साथ दे वर इल फेड दे वर इल ट्रीटेड एंड दे वर बेडली हाउज्ड ना तो प्रॉपर घर ना तो प्रॉपर सैलरी और ना तो प्रॉपर उनके साथ ट्रीटमेंट करते थे अरे अच्छा बर्ताव तो कर लो पैसा नहीं दे पा रहे हो तो उनको उनके साथ उनका सम्मान तो करो कि वो आपको जीत के दे रहे हैं अंग्रेजों नहीं शर्म थी अंग्रेजों को मैंने बताया ना बड़े गंदे थे अंग्रेज दे दे हैड नो मल कहते हैं ना एथिक्स नहीं था उनके अंदर कोई भी अंग्रेजों ने एक कानून बनाया याद रखिएगा ये चल रहा है मिलिट्री कॉज मैं जितना बता रहा हूं मैं जितना पढ़ा रहा हूं इसके अलावा आपको कुछ भी कहीं से भी पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी अगर आप मेरे साथ अभी लाइव है इस सेशन में तो इस लाइव को एंजॉय करिए यहां पर आपको जो टॉपिक कर रहे हैं ये सब कुछ एज इट इज मैं आपको प्रोवाइड कर दूंगा कहां दूंगा हां हमारे कि आपको अब दूसरे देशों में भेजा जाएगा जहां पर आपको समुंद्र पार करके जाना पड़ेगा जहां भी ब्रिटिश को जरूरत होगी वहां हम भेजेंगे आपको अब इंडियंस को उस समय ड्यूटी पर विदेश जाना अलाउड नहीं था क्यों क्योंकि समुद्र को लांना होता था और समुंद्र को जल देवता बोलते हैं हमारे देश में हां समुद्र लांना समुद्र को पार करके इंडियंस को जाना एक अच्छा नहीं सगुण माना जाता था अपशगुन माना जाता था इंडियंस में खास करके ब्राह्मण समुद्र को नहीं लांग थे दे डिसलाइक्ड बिकॉज इट वास कंसीडर्ड एज अ रिलीजस टैबू अब शगुन माना जाता था पर मैंने कहा अंग्रेजों ने मजबूर किया था कानून बना दिया इसीलिए हम लोग ने अंग्रेजों के लड़ाई लड़ी और क्या रीजन रहा है मिलिट्री कॉज में और रीजन रहा है लार्जर प्रोपोर्शन ऑफ इंडियंस हम ब्रिटिश सेना के बड़े हिस्सेदार थे 4000 इंडियन सैनिक ध्यान से देखिए 4000 इंडियन सैनिक और एक ब्रिटिश सैनिक अब बताइए कौन ज्यादा हम लोग ज्यादा है ना तो 4000 इंडियन सैनिक और एक ब्रिटिश सैनिक मिलके का काम करते थे सोचिए कि कितने ज्यादा मात्रा में हम लोग थे तो हमारे पास ज्यादा पावर थी लॉर्ड लाजी ने भी इस बात को ध्यान दिया था वह बहुत चालाक था है ना वो बहुत चलाक था उसने पहले ही बता दिया था कि जल्दी से हमको ब्रिटिश सोल्जर की संख्या बढ़ानी पड़ेगी वरना हमारे साथ इंडियन सिप बगावत कर लेंगे और यही हुआ भी हमारे सिप ने एक समय आया कि अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई आप देख पाएंगे हमारे इंडियन सिप हैं और क्या रीजन रहा है प्ली प्रोस्पेक्ट ऑफ प्रमोशन हमारे इंडियन सिपीज को बहुत बड़ी पोजीशन नहीं दी जाती थी मतलब उनका प्रमोशन नहीं करते थे जैसे अधिक से अधिक पोस्ट क्या देंगे सिपाही से बढा करके सूबेदार तक सूबेदार बहुत ऊंची पोस्ट नहीं होती है जैसे सेना में कर्नल होता है ब्रिगेडियर होता है मेजर जनरल होता है यह सारा पोस्ट किसके पास है अंग्रेजों के पास है सिर्फ सूबेदार तक का पोस्ट हमारे इंडियस को मिलता था बाकी सारी हाई रैंक्स किसके पास है ब्रिटिशर्स के पास काम हम कर रहे हैं मेहनत हम ज्यादा कर रहे हैं इंडियंस पर सारी रैंक सारी पोजीशन किसके पास है अंग्रेजों के पास है और क्या किया अंग्रेजों ने और क्या किया देखिए अंग्रेजों ने हमारे साथ कैसे बन बाशी की हमारे मिलिट्री को भी हमारे सैनिकों को कैसे परेशान किया पुअर परफॉर्मेंस ऑफ ब्रिटिश ट्रूप्स हां ऐसा कई बार हम लोग को विश्वास है कि इंडियंस को लगा कि हम अंग्रेजों को कभी हरा ही नहीं सकते क्योंकि हमसे सब मामले में सुपीरियर थे सेना में सुपीरियर थे आर्म्स एंड वेपंस में सुपीरियर थे इंडस्ट्रियल पावर था उनके पास दुनिया की पहली इंडस्ट्रीज उन्हीं के पास थी तो हमको लगा कि हम कभी हरा ही नहीं सकते हैं हमारे मन में गलतफहमी थी पर बाद में ऐसा नहीं हुआ हमने देखा कि ब्रिटिशर्स को हराया जा सकता है जैसे अफगान वॉर हुआ अंग्रेज बहुत बुरी तरह से हा रहे हैं अफगान में अंग्रेजों की बड़ी बुरी हार हुई पंजाब वॉर हुआ वहां प अंग्रेजों की धुलाई हो गई क्रीमियन वॉर में भी पिटाई हुई और तो और संथाल संथाल भारत में रहने वाले आदिवासी हैं यह वह आदिवासी है जो तीर धनुष सिर्फ चलाना जानते हैं हां सिर्फ तीर धनु चलाना जानते हैं इन आदिवासियों ने भी अंग्रेजों को हरा दिया यह बिहार बंगाल में रहने वाले आदिवासी थे इनको भी अंग्रेज हरा नहीं पाए कभी भी पूरी तरह से सच कह रहा हूं इनके इलाकों में अंग्रेज जा नहीं पाते थे क्योंकि ये जंगलों के अंदर रहते थे गोरिल्ला वार फेयर करते थे अंग्रेज कभी जीत नहीं पाए तो इससे यह विश्वास आ गया कि हमारे अंदर जो ग गलतफहमी है कि अंग्रेजों को कभी हराया नहीं जा सकता नहीं हराया जा सकता है इतने सारे एग्जांपल्स है यह साबित हो गया कि अब अंग्रेजों से अगर हम लड़ेंगे तो हम उनको हरा भी सकते हैं वो हमारी जो गलतफहमी थी हमारा जो मिथ था हमारे अंदर जो अफवा थी कि हम अंग्रेजों को हरा नहीं सकते हैं वो खत्म हो गई डर खत्म हो गया अब आते हैं वेरी इंपॉर्टेंट पार्ट इमीडिएट कॉज यह वो कॉज है जिसकी वजह से ये वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस हो गया ये इमीडिएट कॉज है अब इमीडिएट कॉज क्या है वह है इंट्रोडक्शन ऑफ इंट्रोडक्शन ऑफ एनफील्ड राइफल क्या इंट्रोडक्शन ऑफ एनफील्ड राइफल यह क्या मतलब हुआ अंग्रेजों ने एक नई बंदूक जिसका नाम है एनफील्ड राइफल पहले जमाने में बड़ी-बड़ी बंदूकें हुआ करती थी बहुत लंबी सी उसकी नाल हुआ करती थी और इस बंदूक को चलाने के लिए क्या लगाना पड़ता था उसमें काटिज लगानी पड़ती थी सर यह काटिज क्या होता है गोलियों का बैग समझ लीजिए एक तरह से और उस काटिज को मुह से पहले फाड़ करके तब बंदूक के अंदर फिट करना पड़ता था बंदूक के अंदर काटिज को फिट कर देते तब गोलियां चलाई जाती थी समझ गए काटिज एक थोड़ा सा बैग होता था जो जिसके अंदर गोलियां होती हैं ठीक है पर इसको खोलना किससे पड़ता था मुंह से खोलना पड़ता था अब उस समय एक रूमर फैल गया एक अफवा फैल गई एक न्यूज आई उस समय कि ये जो कार्टिस है इसको बनाया गया है फैट ऑफ काउ एंड पिक से मतलब गाय की और पिग की चर्बी से इसको बनाया गया और इंडियंस को क्या करना था सिफ सैनिकों को मुंह से इसको क्या करना था फाड़ना था काटिज को और तब जाके बंदूक में लगा कर के गोलियां चलानी थी इंडियन सैनिकों ने चाहे वो हिंदू हो चाहे मुस्लिम्स हो दोनों ने ये काम करने से मना कर दिया कहा नहीं आप जानते ही है क्यों क्योंकि हिंदूजा हमारी माता है है ना और मुस्लिम्स को पिग्स से टैबू था मतलब पिग्स ना पसंद थे वो लोग रिलीजस पिग को पसंद नहीं करते थे नती क्या हो गया दोनों जनों ने मना कर दिया पर आप जानते हैं यही मना करना और अंग्रेजों का हमें मजबूर करना चलाओ गोलियां यूज करो वरना हम तुम्हें मार देंगे तो आप जानते ही हैं हम लोग तो क्या है मरने मारने के लिए तैयार रहते हैं बस यही हुआ हमको अगर जोरजबस्ती करोगे हमारे खिलाफ अगर हमें मजबूर करोगे तो अपराइज होगी और यहीं से शुरुआत हुई अपराइज ंग मतलब बगावत सबसे पहली बगावत हुई मंगल पांडे द्वारा मंगल पांडे एक सैनिक थे एक सिपाही थे पांडे हैं देख लीजिए ब्राह्मण है है ना पांडे लिखा है ना तो ये एक सिपाही थे ब्राह्मण सिपाही थे इनको मजबूर किया गया इनको मजबूर किया गया कि आप ग्रीस कार्ट यूज करिए इन्होंने यूज करने से मना किया तो मंगल पांडे की पिटाई हुई जब मंगल पांडे गुस्से में आए तो उन्होंने क्या कर दिया उसी बंदूक से क्या किया अपने ही ऑफिसर को भून दिया हां भून दिया मंगल पांडे ने अपने ऑफिसर को उनके नाम से फिल्म भी बनी हुई है जिसमें आमिर खान मंगल पांडे बने और बैरकपुर में ही ये कहां हुआ नेवल हमारी इन्फेंट्री विंग्स जो है जो पैदल चलने वाले सैनिक है हां वहां पर हुआ बंगाल में है बैरकपुर वहां पर बैरकपुर में इनके ऑफिसर ने इनको फांसी पर लटका दिया किनको मंगल पांडे को एक तरह से पहला बगावत करने वाला व्यक्ति मतलब 1857 की बगावत की शुरुआत श्री मंगल पांडे जी ने की समझ गए अब यहां से क्या होगा जैसे ही मंगल पांडे को एग्जीक्यूट किया जाएगा फांसी दे दी जाएगी सारे सिपाई जो बैरकपुर में थे वो सब एकजुट हो जाएंगे और चुन करके क्या करेंगे अपने ही सारे ब्रिटिश ऑफिसर्स को मार डालेंगे तो वहां से बगावत शुरू तो अब यहां से बगावत शुरू हो गई है तो अब खत्म नहीं होगी ये सारी न्यूज पूरे इंडिया में फैल जाएगी कि मंगल पांडे को फांसी लगाया गया और सैनिकों ने मिलकर के क्या कर दिया है अपने ब्रिटिश ऑफिसर्स को भून दिया है और अब शुरू हो जाएगा आगे हां क्या आगे होगा मेरठ में अब शुरुआत होगी मेरठ से मेरठ में 85 सोल्जर्स तैयार हो जाएंगे बगावत करने के लिए यह ग्रीस काटिज को यूज करने से जब मना करेंगे तो यह मजबूर किए जाएंगे जब ये मजबूर किए जाएंगे तो और सारे सिपाई मेरठ याद रखिएगा दिल्ली के पास है ध्यान दीजिएगा यह सिपाही सारे मिल जाएंगे और मिलकर के क्या करेंगे मेरठ को कंट्रोल कर लेंगे पहले य अपने सारे साथियों को आजाद कराएंगे और दिल्ली में चले जाएंगे ये अपने साथियों को आजाद कराने के बाद मेरठ से पहुंचेंगे दिल्ली पहली बार क्या होगा सारे सिपाही पहुंच गए दिल्ली और वहां पर दिल्ली में इनका स्वागत करने के लिए कौन है बहादुर शाह जफर बहादुर शाह जफर दिल्ली में जो कि दिल्ली के पहले भी राजा हुआ करते इंडिया के राजा होथे उन्होंने इनका स्वागत किया तो यह सारे सैनिक दिल्ली पहुंचे और उन्होंने वहां जाकर बहादुर शाह जफर को एंपरर ऑफ इंडिया घोषित कर दिया इसके बाद बहादुर शह जफर ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी अपनी पूरी ताकत लगा दी अंग्रेजों को हराने के लिए ये अलग बात है कि ब्रिटिशर्स ने हमें हरा दिया बट बहादुर शाह जफर ने और बागावत करने वाले सारे सैनिकों ने फार्मर्स ने इंडियन मिडिल क्लास ने सबने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी बाद में बहादुर शाह जफर जी को पकड़ लिया गया कैद कर लिया गया और यंगून नाम की एक प्लेस है जहां पे उनको भेज दिया गया और वहां बगावत के काफी समय बाद सॉरी लास्ट एंपरर ऑफ इंडिया इज बहादुर शाह जफर लास्ट मुगल एंपरर और क्या हुआ इसके बाद लखनऊ में क्या हुआ लखनऊ में बेगम हजरत महल थी उन्होंने रिवोल्ट की शुरुआत की और उन्होंने अंग्रेजों से लोहा लिया बट ये अलग बात है कि बाद में अंग्रेजों ने अपनी पूरी सेना लगा दी इवन ब्रिटेन से क्या किया नए हथियार नए सैनिक मंगवाए और इंडियंस पर धीरे-धीरे करके कब्जा करना शुरू कर दिया और बेगम हजरत महल को क्या करना देश छोड़ के भागना पड़ा वो नेपाल चले गई बारी आई कानपुर में तो कानपुर में नाना साहेब थे याद होगा पेशवा बाजीराव टू के अडॉप्टेड सन उन्होंने भी क्या किया सारे इंडियन किंग्स की मदद की जो अंग्रेजों के खिलाफ रिवोल्ट कर रहे थे यहां तक कि तात्या तोपे उनको भी इन्होंने सपोर्ट किया तांत तोपे इनके कमांडर थे और तो और इन्होंने फाइनेंस भी किया पैसे को भी मदद की इवन उनको सिपाही और पैसे दोनों दिए ताकि वह मदद करें रानी लक्ष्मीबाई की कांत तोपे इन्हीं के अंडर में काम करते थे और बाद में जब अंग्रेजों ने इनको भी घेर लिया कानपुर को भी घेर लिया तो नाना साहेब भी क्या हो गए देश छोड़ के नेपाल चले गए और उसके बाद कभी उनका पता भी नहीं चला कि क्या हुआ बाद में आया सेंट्रल इंडिया में सेंट्रल इंडिया में रानी लक्ष्मीबाई खूब लड़ी मरदानी वह तो वो तो रानी लक्ष्मीबाई थी है ना तो रानी लक्ष्मीबाई जो झांसी की रानी थी उनके ही सैनिकों ने बगावत कर दी उनके ही सैनिकों ने गद्दारी कर दी उनके साथ और महल का गेट खोल दिया वरना रानी लक्ष्मीबाई तो युद्ध जीत रही थी अंग्रेजों ने बदमाशी की उनके किले के अंदर घुस गए चोर दरवाजे से और रानी लक्ष्मीबाई को झांसी छोड़ के भागना पड़ा रानी कुछ अपने वफादार सैनिकों के साथ झांसी से निकल गई और वह लड़ते हुए पहुंची कालपी कालपी में मिले उनके साथ तांत तोपे वहां भी अंग्रेजों को उन्होंने हराया और वहां से पहुंची वो गवा गयर जहां पर अंग्रेजों ने उसे घेर लिया ग्वालियर में अंग्रेजों ने बहुत बड़ी सेना मेजर हैवलॉक नाम के मेजर थे अंग्रेज मेजर थे उन्होंने बहुत बड़ी सेना लेके सोचिए एक लड़की को हराने के लिए रानी लक्ष्मी बाई जी को हराने के लिए अंग्रेज बहुत बड़ी सेना लेकर आए थे और रानी का घोड़ा जो था वोह अड़ गया था वरना तो रानी शायद बच जाती रानी अपने और अपने गोद लिए पुत्र को गंगाधर राव उसका नाम था उसको साथ ली हुई थी दोनों को मार लिया अपने आप को मार दिया उसको मार दिया जी जी अंग्रेजों ने रानी को छू नहीं पाए रानी इसलिए इतना नाम है कहते हैं खूब लड़ी मरदानी वो तो रानी वाली झांसी थी तांत तोपे जो कि रली शि भाई की मदद कर रहे थे युद्ध में तांत तोपे याद रखिएगा है ना कमांडर थे ना उनको भी पकड़ लिया गया और उनको हैंग कर दिया गया तो दोनों शहीद हो गए और इनकी शहादत हम लोग आज तक नहीं भूले हैं और भी शहर से जहां रिवोल्ट चलता रहा जैसे बरेली की बात करें हां बरेली में क्या हुआ बरेली में खान बहादुर जी रिवोल्ट लीड कर रहे थे वो रिवोल्ट के सबसे बड़े लीडर थे उसी तरह बिहार में कुवर सिंह जी बहुत प्रसिद्ध लीडर थे उस समय रिवोल्ट के लीडर थे फैजाबाद में अहमदुल्लाह जी तो अलग-अलग जगहों पे कुछ एग्जांपल्स है जहां इस तरह से रिवोल्ट चल रहा था अलग-अलग प्लेसेस में अलग-अलग लीडर्स थे और सबका दुश्मन एक वोह है ब्रिटिशर्स अंग्रेजों ने बहुत परेशानी झेली हम लोग ने अंग्रेजों के एकदम हालत खराब कर दी थी कई हिस्सों में तो अंग्रेजों को गायब कर दिया था हमने ब बट मैंने कहा कि हम जीत नहीं पाएंगे क्योंकि हम पूरी तैयारी से नहीं थे अभी बहुत सारे रीजन बताऊंगा कि वई वी लॉस्ट दी रिवोल्ट ऑफ 1857 इसका नतीजा क्या निकला कंसीक्वेंस मतलब क्या रिजल्ट निकला रिजल्ट ये निकला कि हमारे देश को रूल कौन कर रहा था ब्रिटिश कंपनी कंपनी का नाम बताया था मैंने ईस्ट इंडिया कंपनी कंपनी का रूल खत्म अब भारत कंपनी की गुलाम नहीं है बल्कि एक कानून बना कर के इसको ब्रिटिश क्राउन के अंडर दे दिया गया मतलब पार्लियामेंट ने कानून बनाया ब्रिटिश पार्लियामेंट ने और कहा कि अब कंपनी रूल नहीं करेगी कंपनी का रूल खत्म गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट कंपनी है तो जो अभी तक कंपनी रूल कर रही थी 1857 तक 18581 मेंबर का काउंसिल बनाया गया ये लोग क्या करेंगे ये लोग ब्रिटिश पार्लियामेंट को बताएंगे कि इंडिया में हम क्या कर रहे हैं मतलब इंडिया को रूल करने के लिए इन लोगों को अपॉइंट्स ये लोग मिलकर के भारत को गवर्न करेंगे ब्रिटिश पार्लियामेंट को बताएंगे कि वो क्या कर रहे हैं और क्या होगा पहला वॉइज रॉय बनाया गया इससे पहले वॉइज रॉय नहीं हुआ करते थे इससे पहले गवर्नर जनरल हुआ करते थे जब कंपनी थी है ना और लास्ट गवर्नर जनरल थे लॉर्ड कैनिंग इसलिए लॉर्ड कैनिंग को क्या कर दिया गया फर्स्ट वॉयज रो भी बना दिया गया यही क्योंकि अब अब अब गवर्नर जनरल शब्द हट गया अब क्या बन गया नया शब्द आ गया वॉइस रॉय और लॉर्ड कैनिंग को पहला वॉइज रॉय बना दिया गया और क्या नियम बनाया कंपनी रूल एंड होने के साथ-साथ कि देश में ही सिविल सर्विसेस के एग्जाम होंगे जिसमें ओपन टू ऑल होगा पहले क्या होता था अंग्रेज कंपनी अपने मन से ही किसी व्यक्ति को हमारे इंडिया को रूल करने के लिए भेज रही थी अलग-अलग शहरों में डीएम डीआईजी बड़ी-बड़ी पोस्ट होती थी ना तो वो एडिश कंपनी भेज रही थी अब इसके लिए क्या होगा सिविल सर्विस एग्जाम होंगे आज हम को कहते हैं आईसीएस इंडियन सिविल सर्विसेस हां हां जिसमें आईएस लोग आते हैं ना वही उसी की बात कर रहा हूं समझ गए इसको ओपन कंपटीशन के थ्रू कर दिया गया अब इंडिया में इसका कंपटीशन होगा मतलब बच्चे इसकी तैयारी करेंगे एग्जाम देंगे जो क्वालीफाई करेगा बन जाएगा फर्स्ट पर्सन टू क्वालीफाई फॉर दी आईसीएस यह मेरा क्वेश्चन है आप लोगों से फर्स्ट इंडियन टू क्वालीफाई फॉर दी इंडियन सिविल सर्विस तुमको बताना है मैं नहीं बता रहा तुम बताओगे मुझे कमेंट में लिख के बता देना और क्या हुआ क्वीन विक्टोरिया को अब देश की क्वीन बना दिया गया एंप्रेस ऑफ इंडिया बना दिया गया अब ब्रिटिश कंपनी नहीं रूल कर रही है कौन रूल कर रहा है क्वीन विक्टोरिया और क्वीन विक्टोरिया आते ही क्या किया एक प्रोक्लेमेशन किया एक बड़ा सा अनाउंसमेंट किया चला रही है अब ब्रिटिश पार्लियामेंट देश को चला रही है और पार्लियामेंट क्या करेगी आपके रिलीजस मैटर में आप जो भी धर्म अडॉप्ट करना चाहते हैं आप करिए वी विल नॉट इंटरफेयर इन योर रिलीजस मैटर हम किसी भी सोशल रिलीजस मैटर में दखल नहीं देंगे याद रखिएगा ये सब झुठी है ये ये एक नंबर की जुट्टी जो बोल रही है उसका उल्टा करेंगी हां मैं सही कह रहा हूं उल्टा करेंगे बाद में और लड़ा देंगे सबको और क्या करेंगे ट्रीट ऑल सब्जेक्ट्स इक्वली हमारे देश के सारे सब्जेक्ट मतलब भारत में रहने वाले चाहे वो इंडियंस हो चाहे यूरोपिय हो हम दोनों को बराबर मानेंगे झूठ फिर झूठ ये भी झूठ बोल रही हैं यूरोपिय को हमेशा उन्होंने क्या माना सुपीरियर माना झूठ बोल रही हैं पर वो कह रही हैं कि हम ऐसा अनाउंसमेंट करेंगे ये अनाउंसमेंट उन्होंने किया था और क्या किया पार्डन टू ऑल हु हैव टेकन पार्ट इन द वॉर जिन्होंने भी रिवोल्ट में पार्टिसिपेट किया था हम सबको क्या करते हैं माफ करते हैं एक्सेप्ट दोज हु हैव मडर्ड सम यूरोपिय अगर किसी भारतीय ने किसी विदेशी नागरिक का मर्डर किया है उसको माफ नहीं करेंगे तो यह था क्वीन विक्टोरिया का अनाउंसमेंट प्रोक्लेमेशन और क्या हुआ एंड ऑफ दी मुगल एंड पेशवा देखिए लास्ट मुगल किंग कौन थे बहादुर शाह जफर उनकी अंत हो गया अंग्रेजों ने उनको डिप्यू कर दिया डिपोर्ट कर दिया रंगून वहां मर गए लास्ट पेशवा कौन थे पेशवा बाजीराव पेशवा बाजीराव के बेटे नाना साहेब नाना साहेब भी खत्म नाना साहेब तो देश ो के चले गए तो इस तरह से ये दो दोनों ही किंगडम खत्म यह डायनेस्टी खत्म और किसकी बारी आई और क्या हुआ रिवोल्ट के बाद क्या हुआ रिलेशन विद द प्रिंसली स्टेट्स अंग्रेजों ने जितने भी प्रिंसली स्टेट्स मतलब वो स्टेट जहां पर राजा रूल कर रहे थे हमारे देश में उनके साथ पहले डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स साइन हुआ था उससे पहले पॉलिसी ऑफ एनेक्सेशन हुआ था इस नियम को खत्म कर दिया कहा जिन्होने डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स या पॉलिस एक्शन का जो रूल चल रहा था उनको हम छोड़ देते हैं उनको हम क्या करते हैं जाओ हमारी तरफ से तुम्हें माफी है छोड़ दिया अंग्रेजों ने और क्या किया गया कुछ इंडियन स्टेट्स या राजा जो अंग्रेजों के लॉयल थे जिन्होंने ब्रिटिश को मदद किया था रिवोल्ट को सप्रे करने के लिए अंग्रेजों ने उनको रिवर्ड रिवॉर्ड भी दिया उनकी लॉयल्टी का उनको इनाम दिया उनको कहा कि जाओ अपने मन से कोई भी वारिस रख सकते हो मतलब हम तुम्हारे काम में दखल नहीं देंगे उनको कहा गया कि तुम्हारी सारी फ्यूचर की एनेक्सेशन में हम तुम्हें बचत करेंगे तुम्हारी मदद करेंगे मतलब जो इंडियन किंग ब्रिटिशर्स को सपोर्ट कर रहे थे रिवोल्ट में अंग्रेजों ने उनके साथ क्या कर दिया साट घट कर ली क्वीन विक्टोरिया ने क्वीन विक्टोरिया को एंप्रेस ऑफ इंडिया घोषित कर दिया गया भारत की साम्रगी घोषित कर दिया गया और इंडियन प्रिंसेस को कहा गया कि आप हमारे जूनियर पार्टनर बन के रहिए हां आप हमारे पार्टनर बन के रहिए आप खुश रहेंगे और क्या कहा गया उनको कहा गया कि आप टेंशन मत लीजिए आपका रूल आपके पास रहेगा और आपकी जो आने वाली संतान है हम रूल उनको करने देंगे देखिए ऊपर रूल किसका चल रहा है ब्रिटिश क्राउन का ठीक है हमारे अंडर में तुम जूनियर पार्टनर बन के रहो और क्या किया गया अंग्रेजों ने नई पॉलिसी घोषित की रिवोल्ट के बाद पॉलिसी ऑफ डिवाइड एंड रूल मतलब फूट डालो लड़ा और रूल करो क्या किया अंग्रेजों ने एक धर्म को दूसरे धर्म के खिलाफ मतलब हिंदू उस को मुस्लिम के खिलाफ लड़ाई कराना शुरू कर दिया एक राजा को एक प्रोविंस को दूसरे प्रोविंस के खिलाफ एक कास्ट को दूसरे कास्ट के साथ एक ग्रुप ऑफ पीपल को मतलब जहां मौका मिला सबको लड़ाया उन्होंने क्योंकि अंग्रेज समझ गए थे कि अगर इंडियंस एकजुट हो जाएंगे तो वह क्या करेंगे आजादी की लड़ाई लड़ेंगे तो इसीलिए उन्होंने कभी भी क्या किया हमको एक नहीं होने दिया चालाकियां चलते रहे कभी हिंदू उस को फेवर करते थे इससे मुसलमानों को तकलीफ होने लगी और कभी उल्टा करते थे अंग्रेज मुसलमानों को क्या करते थे हिंदुओं के खिलाफ ब ये प्रोसेस आज भी जो लड़ाई का जो जड़ है हिंदू मुस्लिम का की वो शुरुआत अंग्रेजों ने ही की उन्होंने ही वहीं से शुरुआत कर दी दोनों के बीच फूट डालने की नतीजा मैंने कहा अंग्रेज चालाक थे डिवाइड एंड रूल फूट डालो और रूल करो उनको मालूम था अगर ये एकजुट हो जाएंगे सब तो हम हमें हमारे देश से इंडिया से हमें निकाल देंगे वो जानते थे तो ये उन्होंने चालाकी की वहां की गवर्नमेंट क्या करती थी मैंने कहा ना स्प्लिट करना रिलीजस लाइंस में लोगों को स्प्लिट करना लोगों के अंदर टड इल विल इल फीलिंग अमंग द हिंदू एंड मुस्लिम उन्होंने पैदा की ताकि हम कभी उनको चैलेंज ही ना कर पाए और क्या किया रेसियल एंटागनिस्ट म मतलब रेस के आधार पर अपने आप को हमेशा सुपीरियर मानते थे वो कहते थे कि हम ब्रिटिशर्स हैं हम वाइट्स है हम सुपीरियर क्लास को बिलोंग करते हैं और हमसे हमेशा डिस्टेंस बनाए रखा हमेशा इससे पहले भी यही कर रहे थे अपने कॉलोनी अपने कंपार्टमेंट्स अपने थिएटर्स यह सब कुछ अलग रखते थे यहां पर इंडियंस को दूर रखते थे कहते ना आपको अलाउड नहीं है कई सारे एरियाज को उन्होंने रिजर्व कर रखा था र्व कर रखा था तो कि ये यूरोपिय क्या है ये ब्रिटिशर्स का है यहां पे इंडियंस नहीं आ सकते तो सोच लीजिए कितने गंदे लोग थे हमारे ही देश का रह रहे थे हमारे देश का पानी पी रहे थे खाना खा रहे थे हमारे ही हमारे ही पैसों प पल रहे थे पर हमसे ही नफरत कर रहे थे इसीलिए हम लोगों ने अंग्रेजों को पसंद नहीं किया रिलीजस चेंजेज भी हुए क्या चेंजेज हुए ब्रिटिशर्स ने डिक्लेयर कर दिया कि पॉलिसी ऑफ नॉन इंटरफेरेंस हम अब किसी के रिलीजस मैटर में किसी के कस्टम्स में ट्रेडीशन में में क्या करेंगे इंटरफेयर नहीं करेंगे इसके बाद अंग्रेजों ने सती वाला लॉ या वो वाला लॉ सब बनाना बंद कर दिया काना अब हम नहीं बनाएंगे कोई भी अंग्रेजों ने एक फॉरेन पॉलिसी बनाई क्या फॉरेन पॉलिसी जिसमें उन्होंने सिर्फ अपना फायदा देखा ब्रिटिशर्स को कहां फायदा हो रहा है कहां फायदा हो रहा है उन्होंने प्रोटेक्शन ऑफ द इंडियन एंपायर करने का वादा दिया उन्होंने कहा कि हम ब्रिटिश एंपायर को एक्सपेंड करेंगे जहां-जहां एशिया और अफ्रीका में हमको राज्य मिल सकता है वहां हम जाएंगे वहां हम गुलाम बनाएंगे इंडियन सैनिकों की मदद से बनाएंगे इंडिया से जो कमाई हो रही थी उसका पैसा वहां इस्तेमाल करेंगे मतलब उन्होंने हमारे देश से निकाले गए पैसे का इस्तेमाल दूसरे राजाओं को जीतने में किया यहां तक कि हमारे ही देश के लोगों की मदद से हमारे ही सेना की मदद से उन्होंने नेपाल को वर्मा को भी अटैक किया कौन लेने गए हमारे इंडियन सिपाही पता है कि नहीं बर्मा को जीत लिया था हम लोगों ने नेपाल को भी काफी हिस्सा जीत लिया था अंग्रेजों ने जीत लिया किसकी मदद से हमारे सिप की मदद से और इसका पैसा कहां से आ रहा था हमारे सब टैक्स से आ रहा था तो यह अंग्रेजों की दुष्टता थी और क्या किया अंग्रेजों ने इंक्रीजड रेशियन ब बेटरनेट बता दिया ना रेशियन मतलब रेस के आधार पर काले और गोरे होने के आधार पर हम लोग डार्क्स माने जाते हैं ना इंडियंस आर डार्क्स ब्लैक्स तो उन्होंने अंग्रेजों ने कभी भी हमें क्या किया पसंद नहीं किया मैंने पहले ही बताया था दे डबड ऑल इंडियंस एंड अनवर्थी ऑफ ट्रस्ट एंड सब्जेक्टेड टू इंसल्ट हमारे को कहते थे कि आप लोग विश्वास के लायक नहीं है आप लोग इंसल्ट के लायक हैं हम आपकी बेज्जती करेंगे आप का मजाक उड़ाएंगे हर जगह उन्होंने इंडियन गवर्नमेंट में भी ऐसा स्ट्रक्चर बनाया कि उनकी रेस को सबसे ऊंची जगह मिले जहां पर ब्रिटिशर्स होंगे वो सबसे ऊंची पोजीशन होगी और जहां इंडियंस होंगे वो सबसे नीची जगह होगी सोच लीजिए और क्या हुआ राइज ऑफ नेशनलिज्म देश प्रेम की भावना हमारे अंदर और जग गई क्योंकि आप जिसको जितना झुकाओगे वो उतना ऊपर उठेगा और वही हुआ ही हमको बहुत दबाया गया हमें बहुत कुचुला गया हमारे देश में ने जो देश प्रेम की भावना है वो रानी लक्ष्मी बाई की शहादत से नाना साहेब के मरने से मंगल पांडे जी की तरफ से है ना इन सबकी जाने गई और हजारों लाखों लोग मारे गए तो उन सब की वजह से देशप्रेम और बढ़ गया अब अंग्रेज हम सबके दुश्मन बन गए तो हमारे देश में फ्रीडम फाइट करने का अंग्रेजों से लड़ाई लड़ने का एक और जुनून एक और आग पैदा हो गई ठीक है अब हम लोग ने तय कर लिया कि अब अंग्रेजों से तो और लड़ेंगे हम लोग और क्या हुआ आर्मी में बहुत बड़ा चेंज आया अंग्रेजों ने देख लिया था कि हम बहुत ज्यादा इंडियन सिपाई बहुत ज्यादा है तो ताकि अब इंडियन आर्मी को उ लोग रीऑर्गेनाइज करेंगे फिर से चेंज करेंगे और ताकि दोबारा अपराइज ना हो सके इसके लिए उन्होंने सबसे पहला काम क्या किया यूरोपिय का नंबर इंक्रीज कर दिया अब कुछ जगहों पर तो यूरोपिय का नंबर इतना इंक्रीज कर दिया कि अब एक एक यूरोपियन रहेगा दो इंडियंस के मुकाबले सोच लीजिए मतलब अंग्रेजों को इतना डर लगने लगा था हमसे कि अब वोह क्या करने लगे एक-एक यूरोपियन रहने लगे मैं दिखा रहा हूं आपको अब अंग्रेजों ने अपनी संख्या सेना में बढ़ाना शुरू कर दी अब इंडियंस के मुकाबले अंग्रेजों की भी संख्या ज्यादा हो गई कम नहीं है अब ज्यादा है पहले 1 4000 थे ना मतलब 4000 इंडियन सैनिकों में एक ब्रिटिश सैनिक हुआ करता था अब दो इंडियन सैनिकों में एक ब्रिटिश सैनिक और कुछ जगहों में तो पांच का टू रेशो तो मतलब पांच इंडियन सैनिकों में दो तो इस तरीके से अंग्रेजों ने अपनी संख्या को बढ़ाया ताकि इंडियंस क्या करें बगावत ना कर सके मद्रास और बॉम्बे में 2:5 का रेशियो और बंगाल में 1:2 का रेशियो और क्या किया अंग्रेजों ने यूरोपिय को जहां इंपॉर्टेंट पोजीशंस होती हैं सेना की वो जगह है जहां सर दूसरे देशों को कब्जा किया जा सकता है जिसे कहते हैं स्ट्रेटजिकली इंपोर्टेंट पोजीशंस वो यूरोपियन को दी गई वो ज्योग्राफिकल पोजीशन यूरोपीयंस को दी गई और तो और इंडियन सोल्जर्स बगावत ना कर सके इसीलिए जितने भी सोफिस्टिकेटेड वेपंस थे मतलब वो वाले हथियार जिसमें जिसमें कह सकते हैं ना जो जसे पावरफुल होते हैं हथियार वो हथियार अब इंडियंस को नहीं दिए जाएंगे समझ गए ना हां एनफील्ड राइफल दे देंगे समझ गए ना इंडियन आर्टिलरी यूनिट्स है ना उनको ही थोड़ा बहुत था बाकी सबको उन्होंने क्या कर दिया पावर नहीं दिया डिसबैंड कर दिया इंडियन सैनिक को धर्म के नाम पर रिलीजन के नाम पर रीजन के नाम पर भी उन्होंने क्या कर दिया डिस्क्रिमिनेट करना शुरू कर दिया अब उन्होंने अलग-अलग धर्मों के लोगों को इंक्लूड किया और उनके बीच में हां भेदभाव करना शुरू कर दिया टू डिस्क नेशनलिज्म क्या नहीं किया गया कास्ट एंड कम्युनिटी को प रेजीमेंट्स में इंक्लूड कर दिया गया न्यूजपेपर्स को लाना बंद कर दिया गया ताकि सिपाहियों को पता ना चल पके कि देश में क्या चल रहा है ताकि इंडियन सिपाई को इंडिया में क्या चल रहा है यह पता चल सके इंडियन सिपाई को न्यूज़पेपर जनरल्स मैगजींस पढ़ने की परमिशन नहीं थी क्योंकि ताकि वह इंडिया के बारे में जान ना पाए देश में क्या चल रहा है उस जमाने में मोबाइल या या या रेडियो तो था नहीं और क्या हुआ इकोनॉमिक एक्सप्लोइटेशन मैंने कहा अंग्रेजों ने इकोनॉमिक एक्सप्लोइटेशन करना नहीं छोड़ा इंडिया को एक कॉलोनी बनाया जहां पर वो रॉ मटेरियल ले जाएंगे फिनिश प्रोडक्ट लाके बेचेंगे ये हो गया रिपीट और इंडियन से जो सैलरीज और अलसेस मिल रही थी वो सब इंडिया की कमाई से मिल रही थी भारत की कमाई का बड़ा हिस्सा सैलरीज ऑफ द ब्रिटिश ऑफिसर्स को दे दिया जा रहा था ऑफ वेल्थ की जा रही थी अब आता है अगला हेडिंग अच्छा नहीं एक और पॉइंट है गल्फ बिटवीन हिंदू एंड मुस्लिम पहले पहले ही बताया कि दोनों कम्युनिटी को कभी भी उन्होंने साथ आने नहीं दिया क्योंकि उन लोग जानते थे कि अगर अगर दोनों साथ आ जाएंगे कम्युनिटीज तो अंग्रेजों का राज्य ज्यादा दिन चलेगा नहीं उन्होंने दोनों के बीच में डिवाइड एंड रूल पॉलिसी चलाई उनके अंदर एक दूसरे के प्रति डिस्ट्रस्ट एक दूसरे के प्रति शक करने का बीज बो दिया ताकि दोनों लड़ते रहे आपस में लड़ मर जाए हां और हम देश में रूल करते रहे और यही हुआ भी इसीलिए इतना लंबा समय तक अंग्रेजों का रूल चला समझ में आया अब आता है क्या रीजन रहे हैं रिवोल्ट तो किया क्या रीजन रहा है कि रिवोल्ट में कुछ कमी रह गई क्या ड्रॉबैक्स है क्या कमी रह गई आइए देखें सबसे पहली रीजन है द मूवमेंट डिड नॉट हैव कॉमन प्लांस ऑफ टरी एक्शन मतलब इस इस मूवमेंट को करने के लिए हम लोग ने मिल करके बैठ करके सारे सैनिक सारे राजा क्या प्लान किए थे क्या जी नहीं कोई एक्शन प्लान नहीं बनाया था कोई सेंट्रल लीडर नहीं था ऐसा नहीं था कि रानी लक्ष्मी भाई पूरे भारत की लीडर थी उस समय और वोह क्या करती पूरे प्लान कर बहादुर शाह जफर थे पर वो दिल्ली भर के लेते थे समय पूरे इंडिया के लीर नहीं थे ना कि वो पूरी देश की सेना को एक साथ फोर्स कर रहे थे ना ना यह तो चल ही नहीं रहा था और इस मूवमेंट का कोई गोल भी नहीं था कोई कॉमन गोल नहीं था सब लोग अपने अपने काम के लिए अंग्रेजों से लड़ रहे थे नाराज थे जैसे झांसी रानी लक्ष्मी भाई अपने काम के लिए नाराज थी कि उनका झांसी देश छीन लिया जा रहा था है कि नहीं तो हम लोग अपने-अपने गोल अपने-अपने मकसद के लिए अंग्रेजों से लड़ रहे थे एक कॉमन गोल नहीं था ब्रिटिश एंपायर उन सबसे बड़ा था ताकतवर था सब मामलों में सेना के मामले में पैसों के मामले में रिसोर्सेस के मामले में हथियारों के मामले में अंग्रेज हम सबसे बहुत ज्यादा पावरफुल थे तो हम इसीलिए नहीं जीत पाए उनसे इसीलिए रिवोल्ट हम हार गए और क्या हुआ द मूवमेंट डिड नॉट स्प्रेड टू द साउथ इंडिया साउथ में ईस्ट और वेस्ट में यहां के राज्यों में तो मूवमेंट स्प्रेड ही नहीं हुआ ये रिवोल्ट नहीं स्प्रेड हुआ वहां पर इवन सिंध राजस्थान यह जो दो स्टेट्स है यहां के लोग तो साइलेंट थे दे डिड नॉट पार्टिसिपेट और इवन कुछ राजाओं ने तो उल्टा मदद की अंग्रेजों को कि इंडियस को हरा हां बहुत सारे ऐसे राजा थे जिन्होंने ब्रिटिशर्स की मदद की सम रूलर ऑफ द इंडियन स्टेट्स एंड जमीदार उन्होंने रिफ्यूज कर दिया बोला ना हम मूवमेंट में पार्टिसिपेट नहीं करेंगे अब आता है नेचर ऑफ द वॉर मतलब यह वॉर कैसा है तो मैंने कहा अंग्रेजों को लगता है किय वॉर एक सिपाई म्यूट नहीं है सिर्फ सिपाहियों की बगावत है जबकि हम इंडियन हिस्टोरियंस या इंडियंस मानते हैं कि यह फर्स्ट वर ऑफ इंडिपेंडेंस है वीर विनायक दामोदर सरवर करर जिसको वीर सरवर करर के नाम से जाना जाता है इन्होंने एक बुक लिखी थी द फर्स्ट द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस उसमें उन्होंने क्लियर कट लिखा था कि ये एक प्लान वॉर था ऑफ नेशनल इंडिपेंडेंस ये एक प्लेंड वॉर था हम इसे इंडिपेंडेंस का ही वॉर मानेंगे अंग्रेजों ने नहीं कहा माना कभी भी ब्रिटिश हिस्टोरी ने इस इसको वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस नहीं कहा कहा ना ना ना ये सिर्फ सिपाहियों की बगावत है यह कुछ सैनिक हैं भारत के जो अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं ये इंडिपेंडेंस की लड़ाई नहीं है और कुछ हिस्टोरियंस जैसे डे साहब एस एंड डे सर उन्होंने माना कि अपराइज जो थी 187 की वो वॉर ऑफ इंडिपेंडेंसी थी तो इंडियंस मान रहे हैं याद रखिएगा अब क्या रीजन है इसका ऐसा क्या रीजन है कि हम इसको फॉर ऑफ इंडिपेंडेंस मानते हैं पहला रीजन दिया गया कि इट वाज फर्स्ट मास अपराइज इंग पहली बार आम जनता सिपाही हाउस वाइफ्स फार्मर्स पीजेंट जिसको कहते हैं किंग्स किंग्स की आर्मीज जमींदर्स और तो और कॉमन मैन दे ऑल पार्टिसिपेटेड सबने पार्टिसिपेट किया इस अपराइज में समाज के हर वर्ग ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया लड़ाई लड़ने में अंग्रेजों को हराने में फर्स्ट वॉर में और क्या हुआ इट पेव द वे फॉर द राइज ऑफ मॉडर्न नेशनल मूवमेंट और इसके बाद तो नेशनलिज्म एक अलग लेवल पे चला जाएगा मतलब देश प्रेम बहुत ज्यादा हाई हो जाएगा अब लोगों के अंदर लड़ने मरने और देश को अंग्रेजों से आजाद करने की एक नई जुनून आ जाएगा अब हम सब भारतवासियों का एक दुश्मन हो जाएगा वो है ब्रिटिशर्स अंग्रेजों को खत्म करो हम सबके दुश्मन बन जाएंगे सो दिस ब्रिंग्स टू द एंड ऑफ द चैप्टर फर्स्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस हर वो चीज जो आपके सिलेबस में है डिटेल्स पलेनेस है कहीं भी कुछ भी आपको इसके अलावा पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी यस माय सुपरस्टार्स यह सिर्फ और सिर्फ आपके लिए डेडिकेटेड कंटेंट बनाया जा रहा है आपको इसके अलावा कहीं भी कुछ भी खोजना पढ़ना जरूरत नहीं पड़ेगी और आपको जो क्वेश्चन दिया है मुझे उसका बेसब्री से इंतजार है चलो मिलते हैं अगले लाइव कंटेस्ट में आपको क्या लाइव पढ़ना है मुझे बताइए और बहुत जल्दी एक सरप्राइज आपके लिए आ रहा है कल मिलूंगा उस सरप्राइज इवेंट को डिस्कस करने के लिए बट आपसे कहूंगा कि तैयार रहिए आई एंड यू विल टुगेदर मेक 2025 अ रॉकिंग वन यस मिलकर मैं और आप फोर डालेंगे 2025 के बैच को हां इस बार को हम लोग को दीप बेस्ट बनाना है आपके सारे सपने मेरे सपने हैं मैं और आप मिल कर के क्या करेंगे इसे पूरा करेंगे सो बाय टेक केयर गॉड ब्लेस यू सी यू इन द