ऑस्ट्रेलियन डिल्यूशन लॉ
सामान्य जानकारी
- पिछले वीडियो में सामान्य आयन प्रभाव (common ion effect) के बारे में चर्चा की गई थी।
- इस वीडियो का मुख्य विषय ऑस्ट्रेलियन डिल्यूशन लॉ है, जो आयनिक संतुलन में महत्वपूर्ण है।
कमजोर इलेक्ट्रोलाइट्स का वर्णन
- कमजोर इलेक्ट्रोलाइट के लिए आयनकरण स्थिरांक (ionization constant) का सूत्र:
[ K_i = \frac{C \alpha^2}{1 - \alpha} ]
- जहाँ:
- C = इलेक्ट्रोलाइट की सांद्रता
- ( \alpha ) = अलगाव का स्तर (degree of dissociation)
( \alpha ) का मान
- यदि ( \alpha ) का मान लगभग 0 है, तो:
- ( 1 - \alpha ) में ( \alpha ) को नजरअंदाज किया जा सकता है।
- तब:
[ K_i \approx C \alpha^2 ]
- ( \alpha ) की वैल्यू निकालने पर:
[ \alpha = \sqrt{\frac{K_i}{C}} ]
( \alpha ) का परिवर्तन
- ( \alpha ) का मान 0 से 1 के बीच होता है।
- यह संतुलन स्थिरांक (equilibrium constant) और सांद्रता (concentration) पर निर्भर करता है।
- संतुलन स्थिरांक एक निश्चित तापमान पर अपरिवर्तित रहता है।
- यदि सांद्रता को कम किया जाए, तो ( \alpha ) का मान बढ़ सकता है।
डिल्यूशन प्रभाव
- डिल्यूशन (dilution) के माध्यम से सांद्रता को कम किया जा सकता है, जिसके लिए पानी का उपयोग किया जाता है।
- जैसे-जैसे डिल्यूशन बढ़ता है, ( \alpha ) का मान बढ़ता है।
तुलना के मामले
- तीन सॉल्यूशन्स के केस:
- केस 1: 10<sup>-4</sup> मोलरिटी वाला एसिडिक एसिड
- केस 2: 10<sup>-6</sup> मोलरिटी वाला एसिडिक एसिड
- सबसे ज्यादा डिल्यूट सॉल्यूशन केस 3 है।
- ( \alpha ) की तुलना:
- ( \alpha_3 > \alpha_2 > \alpha_1 )
हाइपोथेटिकल स्थिति
- अगर डिल्यूशन अनंत (infinite dilution) तक बढ़ जाए, तो:
- कमजोर इलेक्ट्रोलाइट भी मजबूत इलेक्ट्रोलाइट की तरह व्यवहार कर सकता है।
- इसे "ओस्टवाल्ड डिल्यूशन लॉ" कहा जाता है।
अगले वीडियो में
- अगले वीडियो में पीएच के बारे में चर्चा की जाएगी।
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