📘

सामाजिकवाद और रूसी क्रांति का अध्ययन

Aug 31, 2024

कक्षा 9वीं इतिहास - सामाजिकवाद और रूसी क्रांति की पुनरावलोकन

परिचय

  • कक्षा 9वीं का अध्याय: सामाजिकवाद यूरोप में और रूसी क्रांति
  • अध्याय के मुख्य विषयों और समस्याओं पर चर्चा।
  • NCERT की किताब के साथ पुनरावलोकन।

सामाजिक परिवर्तन का युग

  • 18वीं सदी में सामाजिक बदलाव:
    • मोनार्की का अंत।
    • लिबरल, रेडिकल और कंजर्वेटिव विचारधाराओं का उदय।

विचारधाराएँ

  1. लिबरल्स

    • सभी धर्मों का समान सम्मान।
    • संवैधानिक सरकार और न्यायपालिका के सामने रूलर्स का उत्तरदायित्व।
    • केवल संपत्ति वाले पुरुषों को मतदान का अधिकार।
  2. रेडिकल्स

    • महिलाओं को मतदान का अधिकार।
    • संपत्ति का समान वितरण।
  3. कंजर्वेटिव्स

    • परिवर्तन के खिलाफ।
    • अतीत का सम्मान।

सामाजिकवाद का उभार

  • यूरोप में सामाजिकवाद के विचार का फैलाव।
  • समाज में बुराइयों का कारण: निजी संपत्ति का संकेंद्रण।

प्रमुख विचारक

  • रॉबर्ट ओविन: सहकारी समाज की अवधारणा।
  • कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स: पूंजीवाद की आलोचना, श्रमिकों का शोषण।

सामाजिकवाद का समर्थन

  • विभिन्न देशों में श्रमिक वर्ग और सामाजिकिस्ट संगठनों का उदय।
  • दूसरा अंतर्राष्ट्रीय: विश्वव्यापी सामाजिकवादियों का संगठन।

रूसी क्रांति

1905 की क्रांति

  • ब्लडी संडे: श्रमिकों की हत्या और उसके परिणाम।
  • डूमा का गठन और सीमित अधिकार।

1917 की फरवरी क्रांति

  • मोनार्की का पतन।
  • प्रोविजिनल गवर्नमेंट का गठन।

अक्टूबर क्रांति

  • लेनिन ने बॉल्शेविक पार्टी के साथ मिलकर सत्ता हासिल की।
  • मिलिट्री रेवोल्यूशनरी कमिटी का गठन।

समाजवादी समाज का निर्माण

  • बैंक और उद्योगों का राष्ट्रीयकरण।
  • सामूहिक खेती का प्रारंभ।

स्टालिन का युग

  • कलेक्टिवाइजेशन: छोटे किसानों की जमीनें एकत्रित करना।
  • साम्यवाद के सिद्धांतों का विस्तार।

निष्कर्ष

  • सामाजिकवाद और रूसी क्रांति ने विश्व स्तर पर राजनीतिक विचारधाराओं को प्रभावित किया।
  • सामाजिक अधिकारों और श्रमिकों की स्थिति में सुधार लाने के लिए संघर्ष जारी रहा।

इस अध्याय से संबंधित कोई भी प्रश्न या शंका हो, तो आप पूछ सकते हैं।
नोट्स को टेलीग्राम चैनल पर साझा किया जाएगा।
धन्यवाद!