Overview
यह लेक्चर बी.फार्मेसी आठवें सेमेस्टर के बायोस्टैटिक्स विषय के पेपर पैटर्न, यूनिटवाइज महत्वपूर्ण टॉपिक और संभावित प्रश्नों का संक्षिप्त परिचय देता है।
बायोस्टैटिक्स का परिचय एवं यूनिट 1
- बायोस्टैटिक्स, डेटा की सांख्यिकीय एनालिसिस है।
- यूनिट 1 से 2, 5 और 10 अंक के प्रश्न बनते हैं।
- 2 अंक: ब ायोस्टैटिक्स, फ्रीक्वेंसी डिस्ट्रीब्यूशन, मीन, मीडियन, मोड, रेंज, कोरिलेशन, मल्टीपल कोरिलेशन की परिभाषाएँ।
- 5 अंक: न्यूमेरिकल्स - मीन, मीडियन, मोड की कैल्कुलेशन।
- 10 अंक: स्टैंडर्ड डेविएशन, कोरिलेशन, पियर्सन कोरिलेशन कोफिशिएंट।
- MCQ प्रारूप भी पूछा जाता है, विशेषकर RUHS में।
यूनिट 2: रिग्रेशन, प्रोबेबिलिटी एवं डिस्ट्रीब्यूशन
- रिग्रेशन, वेरिएबल्स के रिलेशन का स्टडी है; y = mx + c इक्वेशन महत्वूपर्ण।
- प्रायिकता (Probability): संभावनाओं का बेसिक स्टडी; मुख्य डिस्ट्रीब्यूशन - बायनोमियल, नॉर्मल, पोइसन डिस्ट्रीब्यूशन।
- सैंपल, सैंपलिंग, पॉपुलेशन, टाइप 1 और टाइप 2 एरर महत्वपूर्ण।
- टी-टेस्ट (Student’s T-Test), एनओवा (ANOVA), पैरामेट्रिक टेस्ट के परिभाषाएँ और उनके अंतर जानना जरूरी।
यूनिट 3: नॉन-पैरामेट्रिक टेस्ट एवं रिसर्च
- नॉन-पैरामेट्रिक टेस्ट जैसे Wilcoxon, Mann Whitney, Kruskal Wallis, Friedman टेस्ट।
- रिसर्च: जानकारी इकट्ठा करने व उसे बढ़ाने की प्रक्रिया।
- ग्राफ की विभिन्न प्रकार और उपयोग।
यूनिट 4: क्लिनिकल ट्रायल्स एवं हाइपोथेसिस
- क्लिनिकल ट्रायल: चार फेज़ (0-4) होते हैं।
- कोहोर्ट स्टडी, ऑब्जर्वेशनल और एक्सपेरिमेंटल स्टडीज।
- पोस्ट मार्केटेड अप्रूवल और फार्माकोविजिलेंस।
- हाइपोथेसिस टेस्टिंग, इंडस्ट्रियल और क्लिनिकल ट्रायल समस्याओं के लिए सॉफ्टवेयर जैसे SPSS, MiniTab आदि।
यूनिट 5: फैक्टरियल डिजाइन
- फैक्टरियल डिजाइन: 2^2, 2^3 आदि पर बेस्ड न्यूमेरिकल्स।
- एक ही सेक्शन में छोटे-छोटे टॉपिक 2 या 5 अंकों में पूछे जा सकते हैं।
Key Terms & Definitions
- बायोस्टैटिक्स — जीव विज्ञान में संख्यात्मक डेटा का सांख्यिकीय अध्ययन।
- कोरिलेशन — दो या दो से अधिक वेरिएबल्स के बीच संबंध को दर्शाता है।
- रिग्रेशन — एक वेरिएबल के लिए दुसरे वेरिएबल का अनुमान लगाना।
- प्रोबेबिलिटी — किसी घटना के घटित होने की संभावना।
- सैंपलिंग — पूरी पॉपुलेशन से कुछ यूनिट्स चुनना।
- टी-टेस्ट — दो सैंपल्स के मीन की तुलना करने की सांख्यिकीय विधि।
- पैरामेट्रिक टेस्ट — डेटा के बारे में विशेष मान्यताओं पर आधारित टेस्ट।
- नॉन-पैरामेट्रिक टेस्ट — बिना किसी विशेष मान्यताओं के डेटा टेस्ट करना।
- फैक्टरियल डिजाइन — मल्टीपल फैक्टर्स के साथ एक्सपेरिमेंट योजना।
Action Items / Next Steps
- यूनिट 1 व 2 की सभी परिभाषाएँ एवं उदाहरण तैयार करें।
- मुख्य फॉर्मूले (मीन, मोड, मीडियन, स्टैंडर्ड डेविएशन, कोरिलेशन, रिग्रेशन) याद करें।
- बायनोमियल और पोइसन डिस्ट्रीब्यूशन के सवाल हल करें।
- क्लिनिकल ट्रायल फेज़ और ग्राफ के प्रकार याद करें।
- यूनिवर्सिटी के पैटर्न अनु सार 2, 5, 10 अंकों के संभावित प्रश्नों का अभ्यास करें।