Transcript for:
The Importance and Process of RTI

आपने वैसे आरटीआई के बारे में तो जरूर से सुना होगा आरटीआई यानी राइट टू इंफॉर्मेशन एक्ट 2005 जिसे सूचना का अधिकार भी कहा जाता है यह बहुत ही फेमस और बहुत इफेक्टिव एक्ट है जो किसी भी लोकतंत्र के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण भी है और उसे मजबूती भी देता है भारतीय संसद ने इस एक्ट को साल 2005 में पारित किया ताकि भारत की गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशंस में ट्रांसपेरेंसी लाई जा सके करप्शन के खिलाफ एक कड़ा कदम उठाया जा सके और इंडियन सिटीजंस को एंपावर भी किया जा सके इंडिया आरटीआई लागू करने वाला 48 वां देश है और 100 से ज्यादा देशों में यह एक्ट इंप्लीमेंट हो चुका है तो ऐसे में आपके लिए यह जानना बहुत यूजफुल हो सकता है कि यह आरटीआई एक्ट क्या है इसके ऑब्जेक्टिव्स क्या हैं इस एक्ट के अंडर किस तरह की इंफॉर्मेशन ली जा सकती हैं और कौन सी इंफॉर्मेशन इसके अंडर नहीं आती है इंफॉर्मेशन लेने का तरीका क्या है इसकी फीस कितनी होती है तो आरटीआई एक्ट से जुड़ी ऐसी सब भी जरूरी जानकारियां लेने के लिए क्विक सपोर्ट के इस वीडियो को लास्ट तक जरूर देखें तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं आरटीआई यानी राइट टू इंफॉर्मेशन एक्ट 2005 के बारे में डिटेल में राइट टू इंफॉर्मेशन इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन के आर्टिकल 191 के अंडर एक फंडामेंटल राइट है जो इंडियन सिटीजंस को यह राइट देता है कि वह भारत की गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन से इंफॉर्मेशन ले सके और आपको भी यह पता होना चाहिए कि आर्टिकल 191 हर एक व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से बो बोलने और अभिव्यक्ति करने का राइट देता है आरटीआई एक्ट का मेन विजन ट्रांसपेरेंसी लाना और इंडिया के लोगों को एंपावर करना है और इसके लिए आरटीआई एक्ट के मेन ऑब्जेक्टिव्स ये हैं इंफॉर्मेशन तक हर एक इंडिविजुअल की पहुंच बनाना इंफॉर्मेशन ट्रांसपेरेंसी को इनकरेज करना एडमिनिस्ट्रेशन ट्रांसपेरेंसी को इनकरेज करना करप्शन पर रोक लगाना पब्लिक गवर्नेंस की अकाउंटेबिलिटी को इंश्योर करना और इंडियन सिटीजंस के प्रति गवर्नमेंट बॉडीज की जवाबदेही को तय करना यूनियन गवर्नमेंट स्टेट गवर्नमेंट और लोकल बॉडीज सभी इसके अंडर आते हैं हालांकि आरटीआई अमेंडमेंट बिल 2013 के जरिए पॉलिटिकल पार्टीज को आरटीआई एक्ट के दायरे से बाहर कर दिया गया है इस एक्ट के अंडर सिटीजंस गवर्नमेंट रिकॉर्ड्स और ऑपरेशंस को एग्जामिन कर सकते हैं और इसके अंडर आने वाली गवर्नमेंट डिटेल्स जानने के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं इसे फंडामेंटल राइट माना गया है क्योंकि इंडियन डेमोक्रेसी में सिटीजंस गवर्नमेंट की वर्किंग के बारे में जानकारी रखने का अधिकार रखते हैं और इसलिए सिटीजंस और मीडिया दो दोनों ही इसका यूज करते हैं और गवर्नमेंट और साफ सफाई में कितना खर्च हुआ सड़क बनाने के लिए कितने पैसे आए और वह कहां पर खर्च हुए और राशन की दुकानों पर कितना राशन आया और उसे कितना बांटा गया इस तरह की इंफॉर्मेशन आरटीआई के जरिए लेकर बहुत से सिटीजंस ने रोजमर्रा की बहुत सारी प्रॉब्लम्स के सोलूशंस निकाले हैं वहीं ऐसी सूचनाएं या इंफॉर्मेशन जो भारत की संप्रभुता और अखंडता को अफेक्ट कर सकती है जो इंटरनल सिक्योरिटी और फॉरेन कंट्रीज के साथ रिलेशन से जुड़ी है उन्हें आरटीआई के दायरे से छूट दी गई है आरटीआई के थ्रू जो इंफॉर्मेशन या सूचना ली जा सकती है उसमें रिकॉर्ड्स डॉक्यूमेंट मेमोस ईमेल्स प्रेस रिलीजस सर्कुलर्स ऑर्डर्स लॉग बुक्स कांट्रैक्ट्स इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मौजूद डेटा मटेरियल एक्सेट्रा आते हैं आरटीआई फाइल करने के लिए ₹ से ₹1 तक की फीस पे करनी होती है और इंफॉर्मेशन किस फॉर्म में मांगी जा रही है जैसे वीडियो या रिकॉर्ड तो उसके अकॉर्डिंग फीस में वेरिएशन मिल सकता है और बिलो पॉवर्टी लाइन कैटेगरी के एप्लीकेंट्स के लिए कोई नहीं होती आरटीआई एक्ट के जरिए इंफॉर्मेशन लेने के लिए कोई मिनिमम या मैक्सिमम एज लिमिट नहीं होती है और एक एप्लीकेशन सबमिट करके आरटीआई फाइल किया जा सकता है ऑनलाइन आरटीआई फाइल करने के लिए आपको इसकी ऑफिशियल वेबसाइट rti.gov.in पर जाना होगा और फॉर्म सबमिट करना होगा यह एप्लीकेशन इंग्लिश हिंदी या उस एरिया की ऑफिशियल लैंग्वेज में होनी चाहिए जहां पर यह एप्लीकेशन लिखी गई है अगर ऑफलाइन आरटीआई फाइल करनी हो तो जिस मिनिस्ट्री डिपार्टमेंट या या इंस्टीट्यूशन से इंफॉर्मेशन लेनी हो उसके इंफॉर्मेशन ऑफिसर यानी पीआईओ को एप्लीकेशन भेजनी होगी इसमें अपना एप्लीकेशन सब्जेक्ट नेम कैटेगरी एप्लीकेशन फी एक्सेट्रा डिटेल्स दी जाती हैं पीआईओ यानी पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर जो कि पब्लिक द्वारा फिल किए गए एप्लीकेशन फॉर्म्स को रिसीव करता है और उनके द्वारा रिक्वेस्ट की गई डिटेल्स प्रोवाइड कराता है पीआईओ के पास एप्लीकेशन पहुंचने के बाद उसे 30 दिनों में उसका जवाब देना होता है और अगर पीआईओ गलत इंफॉर्मेशन दे तो उसके खिलाफ कार्रवाई और जुर्माना भी हो सकता है अगर मांगी गई इंफॉर्मेशन जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित है तो ऐसी इंफॉर्मेशन 48 घंटे के अंदर ही उपलब्ध करवाना जरूरी है अगर इस टाइम लिमिट में एप्लीकेंट को उस ऑर्गेनाइजेशन से कोई जवाब नहीं मिलता है तो वह अपील करने का अधिकार रखता है इसके अलावा अगर उस ऑर्गेनाइजेशन से मिली जानकारियों से एप्लीकेंट सेटिस्फाई नहीं होता है तो भी उसे अपील करने का अधिकार है इसके लिए एप्लीकेंट उस ऑर्गेनाइजेशन या संगठन के डिपार्टमेंटल पैलेट अथॉरिटी को अपील करेगा जो पी आईओसी सीनियर रैंक का ऑफिसर होता है एफ एए यानी फर्स्ट पैलेट अथॉरिटी को 30 दिनों में इसका जवाब देना होता है अ पायलट अथॉरिटी पीआईओ द्वारा पास किए गए ऑर्डर पर डिसीजन देने से पहले दोनों पार्टीज के पक्ष को सुनती है और अगर एप्लीकेंट एफ एए के जजमेंट से भी सेटिस्फाई ना हो तो वह सेकंड अपील एप्लीकेशन भी सबमिट कर सकता है और अगर उसे इंफॉर्मेशन इनकंप्लीट मिस लीडिंग या फाल्स लगे तो भी वह सेकंड अपील कर सकता है और अगर इस पर भी उसे सेटिस्फेक्ट्री आंसर ना मिले तो उसे कंप्लेन करने का राइट भी है जिसकी जांच केंद्रीय सूचना आयोग यानी सेंट्रल इंफॉर्मेशन कमीशन करता है तो एक ही ऑर्गेनाइजेशन में एक से ज्यादा आरटीआई फाइल करने के लिए कोई रोक नहीं है लेकिन सिटीजन से यह उम्मीद की जाती है कि वह छोटे-मोटे अर्थहीन मुद्दों पर इंफॉर्मेशन ना मांगे ऐसा करने से पीआईओ के पास जवाब देने के लिए अननेसेसरी एप्लीकेशंस बढ़ जाती हैं और उन एप्लीकेशंस का जवाब देना काफी मुश्किल हो जाता है जो वाकई में इंपॉर्टेंट इंफॉर्मेशन चाहते हो तो इससे वर्कलोड भी बढ़ता है और पेंडिंग एप्लीकेशंस की संख्या भी आरटीआई एक्ट के बेनिफिट्स को देखा जाए तो यह एक एंटी करप्शन टूल है जिसने बहुत से मेजर स्कैम से पर्दा उठाया है जैसे आदर्श सोसाइटी स्कैम 2जी स्कैम कॉमनवेल्थ गेम्स स्कैम और इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी स्कैम इस एक्ट ने वाकई में सिटीजंस को एंपावर किया है क्योंकि इसकी बदौलत एक कॉमन मैन में भी एक ऐसा कॉन्फिडेंस आ है कि वह गवर्नमेंट अथॉरिटीज से सवाल पूछ सके इससे ट्रांसपेरेंसी और अकाउंटेबिलिटी भी बढ़ी है लेकिन इंफॉर्मेशन कमिश्नर्स की कमी होना केसेस का पेंडिंग रहना इस एक्ट के कुछ मेजर ड्रॉबैक्स हैं तो इस तरह अब आप यह जान चुके हैं कि आरटीआई कितना स्ट्रांग और पावरफुल टूल है गुड गवर्नेंस लाने के लिए करप्शन को रोकने के लिए और हर सिटीजन को यह बताने के लिए कि उन्हें भी जानने का हक है इस एक्ट की खूबियों और कमियों के बारे में भी आपने जाना और किस तरह और कौन-कौन सी इंफॉर्मेशन आरटीआई के जरिए ली जा सकती है यह भी आप जान चुके हैं इसलिए अपने राइट्स को लेकर के हमेशा अवेयर रहे देश को एंपावर करने के लिए खुद भी एंपावर होइए और इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने के लिए एगजैक्टली आपको अपने फैमिली मेंबर्स दोस्तों और जिन्हें भी आप जानते हैं उन्हें जरूर शेयर करें पता नहीं कब किस सिचुएशन में यह वीडियो उनके काम आए इसी के साथ यह वीडियो यह जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट सेक्शन में जरूर बताइएगा कोई और सवाल है कोई और टॉपिक है वो भी लिख भेजिए बाकी सब्सक्राइब कर लीजिए क्विक सपोर्ट चैनल को बेल आइकन को प्रेस कर दीजिए ताकि सारे नोटिफिकेशन सबसे पहले आपको मिले मैं रूपी पारिक आपसे मिलूंगी जल्दी ही और ऐसी जानकारियों के साथ जो आपको करियर ग्रोथ में हेल्प करें आपको हमेशा अपडेटेड रखे तो तब तक के लिए धन्यवाद