कि अब इंटरडक्शन में क्या होने वाला है देखिए इंटरडक्शन में जो हम एक छोटा सा दन ओवरव्यू देखेंगे कि ब्रिटिसर्स की वजह से क्या-क्या चीज हुई ब्रिटिसर्स की ब्रिटिसर्स कब आए कब भी हम बोल सकते हैं कि उन्होंने हमारी development के लिए क्या किया क्या नहीं किया ये सब को जो है ये एक हम short में पढ़ेंगे ओके so India's present day economy has its roots in British rule आज की जो इंडिया की economy उसकी roots कहां से students British rule रूल के ब्रिटिस रूल से आई है राइट लग कि जो आज की इकनामी है वो ऐसी क्यों है इसकी जो रूट से वो ब्रिटिस रूल से बनती है अगर ब्रिटिस वर्ज रूल नहीं करते हमारी कंट्री को तो आज हमारी कंट्री बहुत ही आगे होती ब्रिटिस वर्ज आए थे उसके पहले भी हमें पता है कि काफी प्रॉस्परस इकनामी हुआ करती थी राइट काफी अच्छी इकनामी थी फॉरेंड रेड में भी हमारी इकनामी का काफी अच्छा जो है स्कैंट हुआ करता था लेकिन आफ्टर ब्रिटिस रूल हमारी इकनाम हमारी economy अगर पहले यहां थी तो British rule के बाद में वो बिलकुल नीचे चली गई और आज भी जो हमारी economy अभी तक developed नहीं बन पाई है उसका reason Britishers ही है कि उन्होंने हमारी economy को बहुत ही पीछे कर दिया था तो आप जो है उस चीज को overcome करने में हमें time लग रहा है ओके British rule started with the conquest of Palasi battle in 1757 and lasted for about 200 years ठीक है ये जो जो British rule है वो start कब हुआ था कहां से start हुआ था तो हमारे हिसाब से जो हम लोग बोलते हैं उसमें हम लोग यही बताते है कि Battle of Plassey जो की 1757 में fought किया गया था उस वहां से जो है Britishers ने invade किया किसे India को ठीक है India में जो ये Battle of Plassey था ये हमारे Bengal side से आया था और वहीं से जो है लगकी Bengal यह जो बैटल था यह था कुछ बिंगाल के नबाब्स और बृतिस वर्ष के बीच में जसमें की जो नबाब्स हैं वो लोग हार गए थे उन्हें जो है डिफीट कर दिया गया था बाय बृतिस वर्ष तो वहां से जो है बृतिस वर्ष इंटर होना स्टार्ट हो गया और इसी और यह कितने years तक last किया था British rule, so that was 200 years, यह देखो 1957 और independence कम मिली थी, sorry 1757 और independence कम मिली थी, हमें independence मिली थी 1947 में, तो हम अप्रॉक्स क्या बोल रहें कि तो है प्रिटिस ने रूल किया था ओके इंडियन पावर्टी इस प्रिटिस रूल अकॉर्डिंग टो प्रोफेसर आर्टी दत दो इंडिया इस नॉट पूर कंट्री थैंक्स टू दिप्रिटिश रूल इट इस दिकांट्री ऑफ पूर पीपल ओके ब्रिटिश रूल की वजह से इंडिया में हमें पावर्टी देखने को मिली ब्रिटिस वर्ज जो है उन्होंने अब मारी कंट्री को बहुत हमारा जो इंडस्ट्रियल सेक्टर ताज हमारे हेंडी क्राफ्ट इंडस्ट्रीज थे उन्हें डी इंडस्ट्रियलाइज कर दिया था राइट तो यह सारी चीजों की वजह से जो हमारी कर दो कंट्री थी यहां पर पावर्टी हमें देखने को मिली थी राइट मतलब कि जो पूर लोग हैं वह बढ़ते गए जो प्रोफेसर आर्सी जाता है वह बोलते हैं कि दो इंडिया इस नॉट पूर कंट्री थांक्स टू दी ब्रिटिस रूल एडिस दी कंट्री ऑफ पूर पीपल क्या बोला इन्होंने कि इंडिया पूर कंट्री नहीं है लेकिन वियर थांक्स टू ब्रिटिस रूल कि उन्होंने जो है इस कंट्री को क्या बना दिया है पूर पीपल की कंट्री मतलब कि इंडिया में जो है आपको पूर अ people बहुत जादा देखने को मिलेंगे, और हम ये बोल सकते हैं कि poverty एक large scale पर है, because Britishers ने इस way से exploit किया है पूरी country को, कि हमारी country में कुछ भी proper नहीं बचा था, और बहुत जादा poverty increase हो चुकी थी, so I hope so कि ये जो हमारे दोनों points हैं, ये आप लोगों को clear होंगे, no sincere efforts were made, made by the government officials before independence for estimating India's national income and growth rates but some Indian economists made an effort in this direction, कोई भी sincere effort नहीं किया गया कि जो national income है उसे find out किया जाए, देखो भाई Britishers का तो main motive था कि India जो है उसे पूरा utilize करना Britain की जो development है उसमें, ओके, और जो India है उसे Britishers ने क्या बना लिया था, एक colony बना ली थी अपनी, कि यहां से जो है वो है अपने प्रतलब की चीजे करते रहेंगे और जो लोग या उन्हें उनका भी एक्सप्लोइडेशन करते रहेंगे उनके हिसाब से मतलब कि जो चीज उनके लिए प्रॉफिटेबल है वो वही करेंगे उन्हें इंडिया से कोई लेना देना नहीं था तो कोई भी सिंसे रिफर लिया गया कि जो country उसकी national income find out की जाए जो government officials हो उन्होंने ये नहीं किया लेकिन जो कुछ Indian economist थे like दादा भाई नारो जी, William जिगबाई, VK R.V. Rao, आंच और इन लोगों ने जो है अपने ही लेवल पर जो है यह सारी चीजें जो इस्टिमेट है वह फाइंड आउट के हम लोग जो है इस वे से अपनी नाशनल इंगम क्लैकुलेट कर सकते हैं ओके जो सबसे पहले जिसने यह नाशनल इंगम इस्टिमेट जो में थर्ड वगैरह दी थी यह हम बोलें कि सबसे पहले जो नाशनल इंगम इस्टिमेट बताया गया था वह बाइट दादा भाई नारोजी ठीक है और जिनकी सबसे ज्यादा हम बोलेंगे कि अप्रोप्रिएट माना जाता है वह है जो है वीकर वी राव के सो अल्मोस्ट दीज अल्मोस्ट अमंद दीज वीकर वी राव स्टीमेट्स आर मोस्ट रिलायबल विच क्लेम द इंडियन एकोनॉमिक रिव आट टू परसेंट पर एनम एंड पर कैपिटा इंक्रीज्ड पर कैपिटा इंकम इंक्रीज्ड पर आप जीवन पॉइंट पर आनम ओके वीकर वी राव जो थे उनके स्टीमेट्स को सबसे ज्यादा अप्रोप्रिएट माना गया था उनके स्टीमेट्स को उनके मिथोड को जो है सबसे ज़्यादा appropriate माना गया था तो उनके हिसाब से या हम बोलें कि उन्होंने जो estimate दिये थे उसके हिसाब से जो national income थी वो 2% per annum से increase हो रही थी जो कि वो होती ज़्यादा कम है कि आप जो वो per annum annually देख रहे हो कि सिर्फ और सिर्फ 2% का ही rise हो रहा है और जो per capita income थी students वो 0.5% कि बिल्कुल भी सही फिगर्स नहीं है या हम बोलें कि बिल्कुल भी जो विकेंट से कि ये ग्रोत वाले फिगर्स आपको शो नहीं कर रहे हैं ठीक है तो ये इससे हमें पता चल रहा है कि हमारी जो कंट्री थी वो कितने स्लो पेस से ग्रो हो रही थी ओके ये जो फोटिग्राफ आप देख सकते हो ये वीके आरवी राउ की ही है ठीक है इन्डिकेट्स दाट इंडियन इकोनामी वास डिवलॉपिंग आट एन एक्स्ट्रीमली रोर लो रेट ये क्या इंडिकेट्स बिल्कुल रेट पर रेज हो रही थी राइज हो रही थी ओके स्वाइड आप लोगों को ख्लीयर होगी बहुत ही इजी था तो आप भी हो गया होगा