📝

सीटेट और शिक्षण परीक्षा की तैयारी

Nov 20, 2024

सीटेट और शिक्षण परीक्षा की तैयारी

प्रमुख मनोवैज्ञानिक और उनके सिद्धांत

  • जीन पियाजे (Jean Piaget):

    • संज्ञानात्मक विकास के चरणों का सिद्धांत।
    • पूर्व संक्रियात्मक अवस्था (Pre-operational stage): बच्चे प्रतीकों का उपयोग कर वस्तुओं का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
    • ठोस संक्रियात्मक अवस्था (Concrete Operational Stage): बच्चों में विकेंद्रिकरण और रिवर्सिबिलिटी की क्षमता विकसित होती है।
  • लॉरेंस कोहल्बर्ग (Lawrence Kohlberg):

    • नैतिक विकास के चरणों का सिद्धांत।
    • प्री-कन्वेंशनल, कन्वेंशनल, और पोस्ट-कन्वेंशनल स्तर।
    • आलोचना: सिद्धांत में पश्चिमी संस्कृति और जेंडर बायस का समावेश।
  • लेव वायगोत्स्की (Lev Vygotsky):

    • सामाजिक-सांस्कृतिक विकास का सिद्धांत।
    • क्षेत्रीय विकास का जोन (Zone of Proximal Development - ZPD)।
    • प्राइवेट स्पीच और सामाजिक संवाद का महत्व।
  • बेंजामिन ब्लूम (Benjamin Bloom):

    • ब्लूम की वर्गीकृत प्रणाली (Bloom's Taxonomy)।
    • संज्ञानात्मक, प्रभावात्मक, और मनोवैज्ञानिक क्षेत्र।
    • उच्च क्रम के चिंतन कौशल (Higher Order Thinking Skills) का विकास।
  • हावर्ड गार्डनर (Howard Gardner):

    • बहु बुद्धिमत्ता का सिद्धांत (Multiple Intelligences Theory)।
    • तार्किक-गणितीय, भाषाई, संगीत संबंधी बुद्धिमत्ता।
    • आलोचना: बुद्धिमत्ता के मापन की चुनौती।

शिक्षण परीक्षा की महत्वपूर्ण बातें

  • परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न अक्सर इन मनोवैज्ञानिकों के सिद्धांतों से संबंधित होते हैं।
  • परीक्षा की तैयारी में इन सिद्धांतों का गहन अध्ययन आवश्यक है।
  • इन सिद्धांतों के व्यावहारिक अनुप्रयोग और आलोचनाओं को समझना भी महत्वपूर्ण है।

ब्लूम की टेक्सोनॉमी का महत्व

  • शिक्षण उद्देश्यों का वर्गीकरण।
  • ज्ञान, समझ, अनुप्रयोग, विश्लेषण, संश्लेषण, और मूल्यांकन के स्तर।
  • उच्च क्रम के चिंतन कौशल को प्रोत्साहित करना।

नैतिक विकास और सामाजिक प्रभाव

  • नैतिकता का विकास सांस्कृतिक और सामाजिक संदर्भों में होता है।
  • बच्चों की नैतिकता उनके सामाजिक परिवेश से प्रभावित होती है।

तैयारी के टिप्स

  • सभी मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों के बुनियादी और उन्नत पहलुओं को समझें।
  • प्रश्नों का अभ्यास करें जो इन सिद्धांतों के विभिन्न पहलुओं को कवर करते हैं।
  • समय प्रबंधन और परीक्षा पैटर्न को समझना भी आवश्यक है।

ये नोट्स सीटेट और अन्य शिक्षण परीक्षाओं की तैयारी में सहायक साबित हो सकते हैं।