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जादुई और रहस्यमयी किताबें

[संगीत] [संगीत] तमाम दोस्तों बहनों और बुजुर्गों को अस्सलाम वालेकुम किताबे इल्म आगाही के हुसूल का बेहतरीन जरिया है यह हमें माजी के उन वाकत के बारे में मालूमात फराह करती हैं कि जब हम दुनिया में मौजूद नहीं थे यह एक ऐसी दूरबीन है कि जिनके जरिए हम दुनिया के मुख्तलिफ गोशो पर नजर रख सकते हैं किताबों का मुताल किसी भी इंसान की जहनी वस तों और समझ बूझ में इजाफे का बायस बनता है ताहम दोस्तों जरूरी नहीं कि दुनिया में मौजूद हर मालूमात इंसान के लिए फायदेमंद हो हम आज अपनी इस वीडियो में आपको चंद ऐसी किताबों के बारे में बताएंगे कि जिनमें दर्ज मालूमात हमारी इस दुनिया या डायमेंशन से ताल्लुक नहीं रखती यही वजह है कि दुनिया के मुक्त दर हल्के नहीं चाहते कि यह किताबें कोई आम इंसान पढ़े और अपनी जिंदगी तबाह और बर्बाद कर ली नील अवंती ग्रंथ दोस्तों हमारी लिस्ट में पहली किताब का ताल्लुक हिंदुस्तान से है नील अवंती ग्रंथ नामी यह किताब मुख्तलिफ मंत्रों और श्लोकों पर मुश्त समि है रिवायत के मुताबिक यह किताब किसी ना मालूम दौर में हिंदुस्तान की रियासत उत्तर प्रदेश में रहने वाली एक खातून नील अवंती ने तहरीर की थी जिसके वालिद अपने गांव के महाप जजारी थे मकामी रिवायत के मुताबिक नीला अवंती कोई आम लड़की ना थी बल्कि यह जानवरों परिंदों दरख्तों यहां तक कि जिन्नात और दीगर गैर मराई मखलूक से बातें किया करती थी शादी के बाद नील अवंती ने अपनी तमाम तर कला को एक किताब में मुकीत कर दिया जिसे उसने नील अवंती ग्रंथ का नाम दिया लेकिन इस किताब को जो भी पढ़ लेता इसे अपने अतरा में मौजूद हर जानदार शय की आवाज सुनाई देने लगती यहां तक कि वह अपना जहनी तवाजो बैठता मकामी दास्तान के मुताबिक नीलावती और और इसके शौहर को इसी के गांव वालों ने जादूगरनी करार देकर जिंदा जला दिया था ताहम इसकी लिखी हुई किताब यानी नील अवंती ग्रंथ को पढ़ने या इसे अपने पास रखने पर आज भी तमाम भारत में पाबंदी आयद है मकामी लोगों का मानना है कि इस किताब में दुनिया की हर मखलूक की जबान और इसे राबता करने के तरीके दर्ज हैं आर्स नोटोरियस अहले किताब के नजदीक कुल पांच किताबें ऐसी हैं कि जिन्हें द लेजर की सोलोमन कहा जाता है यानी अहले किताब का यह अकीदा है कि हजरत सुलेमान अलैहि सलाम के पास जो भी ताकतें और इख्तियार थी वह तमाम की तमाम इन किताबों में दर्ज उलूम के जरिए थे ताहम इस्लामी अकाय के मुताबिक ऐसा बिल्कुल नहीं बल्कि ब हैसियत मुसलमान हमारा यह ईमान है कि हजरत सुलेमान अलैहि सलाम को हासिल नबूवत और हुकूमत खुदा वादाह ला शरीक की जानिब से अता करदा थी दोस्तों हजरत सुलेमान अलैहि सलाम से से मंसूब यह किताबें दरह कीक उन शयानो मान अलैहि सलाम से बगावत पर उतर आए थे हजरत सुलेमान अलैहि सलाम ने अपनी जिंदगी में यह किताबें [संगीत] शयानो में यह मशहूर कर दिया कि हजरत सुलेमान अलैहि सलाम इन्हीं किताबों की बदौलत तमाम दुनिया पर हुकूमत किया करती थी लिहा आज भी यहूद और नसा हजरत सुलेमान अलैहि सलाम को एक नबी का दर्जा नहीं देते बल्कि वह आपको एक जादूगर कहते हैं ना उजु बिल्लाह हजरत सुलेमान अलैहि सलाम से मंसूब इन शैतानी किताबों की तादाद कुल पांच है आर्स गोसिया आर्स थोरी गिया गोसिया आर्स पाओलीना आर्स अल मेडल और आर्स नोटोरियस तों इनमें से एक किताब आर्स नोटोरियस मुतजेंस जाता है यह किताब बहुत सी मंत्रों तावीज और नकू पर मुश्त समि है जिसमें अपनी रूह को महफूज करने खजाने तलाश करने जन्ना को हाजिर करने और इनसे अपने मतलूब काम करवाने के तरीके दर्ज हैं दावों के मुताबिक यह किताब पढ़ने वाला अपने जहन की रफ्तार और अपनी याददाश्त की तेजी में बेपनाह इजाफा कर सकता है माज में ऐसे बहुत से लोग गुजरे हैं कि जिन्होंने इस किताब के पीछे अपनी जिंदगियां बर्बाद कर दी 14वीं सदी ईसवी का एक राहिब जॉन ऑफ मोरिनी इस किताब में दर्ज मशको पर अमल करने के बाद अपना जहनी तवाजो बैठा था जॉन को खुली आंखों से शया नजर आती बाद अजा इसने अपनी किताब लाइबर विजडम में लोगों को सख्ती से ताकीद की कि वह इसके करीब भी ना जाएं हालिया दौर में बहुत सी किताबें आर्ट्स नोटरिया के नाम से मार्केट में दस्तयाब हैं ताहम माहरीन के मुताबिक इसका सिर्फ एक ही नुस्खा हकीकी हालत में मौजूद है जो 12वी सदी ईसवी के दौरान तैयार किया गया था द बुक ऑफ थोथ थोथ या सोस एक मिस्री देवता का नाम है जो इल्म और हिकमत का देवता कहलाता है मोखन का मानना है कि थोथ एक हकीकी शख्सियत है जिसका ताल्लुक कदीम अफसान भी तहजीब अटलांटिस से था जो अटलांटिस की तबाही के बाद मिसरान पहुंचा थत ने कदीम अटलांटिस के मुरव उलूम और टेक्नोलॉजी के जरिए तहजीब मिस्र को अपने बामे उरूज पर पहुंचाया मिस्र के एहराम और दीगर तामरा भी थोथ नामी इसी मिसरी देवता की अकल दानिश का एक मजहर ख्याल की जाती हैं रिवायत के मुताबिक मिस्र के इस कदीम इंसान ने अपने उलूम और फनन को एक किताब की शक्ल में जुमत की तख्तियां यानी एमरल टेबलेट पर महफूज किया जो बाद में आने वाले हुक्मरानों और साहिबे इल्म लोगों के लिए एक मश राह साबित हुई लेकिन इन बेमिसाल उलूम के साथ एक ना खत्म होने वाली बदनसीबी या बददुआ भी मुस्लि थी दुनिया के जिस हुक्मरान ने नलवा से फायदा उठाना चाहा उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी तारीखी हवांजे म को एक कदीम मकबरे से मिली बाज अफराद सिकंदर की बेमिसाल फतुहा को इसी किताब के मरहूम मिन्नत करार देते हैं लेकिन सिकंदर सब कुछ जीत कर भी सब कुछ हार गया और नौजवान की मौत इसका मुकद्दर ठहरी सिकंदर आजम की मौत के बाद मर्द की अलवा इस्कंदरिया के कुतुब खाने की जीनत बनी कई सदियों तक महफूज रहने के बाद उलूम और फनन का यह खजाना इस्कंदरिया की लाइब्रेरी के नजर आतिश होने के बाद आज तक लापता है ताहम इसका तस्करा जाबिर इब्ने हया समेत दीगर कई मुसलमान साइंस दानों और मोखन ने अपनी तसा निफ में किया है रिवायत के मुताबिक द बुक ऑफ थोथ या अमरेल टैबलेट्स में कायना अजसा की मालूमात अनास की हियत को तब्दील करनी लाइलाज बीमारियों के इलाज और दीगर ऐसी उलूम मौजूद थी जिन्हें आज सिर्फ एक अफसाना ख्याल किया जाता है द बुक ऑफ नोक नोक व नाम है जो अहले किताब हजरत इद्रीस अलैहि सलाम के लिए इस्तेमाल करते हैं हजरत इद्रीस अलैहि सलाम का ताल्लुक हजरत आदम अलैहि सलाम की सातवीं नस्ल से बताया जाता है सन 1947 ईसवी के दौरान बोहेरा ए मुर्दार से जो मखतूम हुई किताबे नोक यानी हजरत इद्रीस अलैहि सलाम पर नाजिल होने वाली किताब इनमें से एक थी शुरुआत में यहूदी और मसीही दोनों ही मजहिर के उलमा ने इसकी तस्दीक की ताहम दौरे हाजिर में इसे बाइबल यानी इलहाम किताबों से अलग कर दिया गया है जिसकी वजह इस किताब में बयान होने वाले वाक्यात का दीगर आसमानी किताबों से अक्सर मुख्तलिफ होना है किताबे नोक हमें आसमान से गिरे ऐसे फरिश्तों की दास्तान सुनाती है कि जिन्होंने अपने आमाल बद मेंे शैतान को भी मात दे दी थी यह फरिश्ते बनू आदम की बेटियों के इश्क में गिरफ्तार होकर दुनिया में एक नई और ताकतवर नस्ल यानी निफल अम की पैदाइश का बायस बनी जिन्होंने दुनिया भर में एक फिना और फसाद को बरपा कर दिया किताबे नोक के मुताबिक जब जुल्म हद से ज्यादा बढ़ गया तो रब्बे कायनात ने जमीन पर एक जबरदस्त सैलाब मुसल्लत कर दिया जिसे सैलाब नूह अलैहि सलाम कहा जाता है दोस्तों अगर किताबे नोक पर यकीन किया जाए तो दुनिया की तारीख को एक मर्तबा फिर लिखने की जरूरत पेश आएगी यही वजह है कि इसे अहले किताब की तरफ से आसमानी किताब माना तो जाता ही लेकिन इसे आवाम और खवा से दूर रखने के लिए बाइबल यानी तौरत इंजील जबूर और दीगर आसमानी किताबों से हजब कर दिया गया है द कल्बन बाइबल द कल्बन बाइबल कहलाई जाने वाली य किताब 3600 सफात पर मुश्त मिल एक नु खा है जिसमें दुनिया के मुस्तकबिल में होने वाले वाकत और इसकी तबाही की वजू हात को तफसील से बयान किया गया है कॉल बन बाइबल दरअसल 11 मुख्तलिफ कदीम किताबों का मजमुआ है जो बतानिया के शहर ग्लास्ट बैरी की एक लाइब्रेरी में लगने वाली आग के दौरान दरयाफ्त हुई कॉल बन बाइबल में मौजूद छह किताबों के बारे में यह दावा किया जाता है कि उन्हे मिस्र में रहने वाले राहिबो ने बनी इसराइल की मिस्र से हिजरत और फिरने मिस्र की गरक आब होने के बाद तहरीर किया था बाद अज यह किताबें फनी की जहाज रानो के जरिए उस सरजमीन तक पहुंची जिसे हम आज बरतानिया के नाम से जानते हैं यहां मौजूद बुत परस्तों ने ना सिर्फ इन किताबों को महफूज किया बल्कि इनमें तहरी फात का सिलसिला भी शुरू कर दिया ग्लास्ट बैरी में सदियों तक महफूज रहने के बाद यह किताब सन 1800 ईसवी में पहली मर्तबा अवाम उन्नाथ की मुताले के लिए शाया की गई मजकूर किताब में बयान होने वाले माज के वाकत ना सिर्फ बाइबल की ओल्ड टेस्टामेंट से मुख्तलिफ हैं बल्कि दुनिया के मुस्तकबिल और इसकी तबाही के बारे में भी यह किताब एक बिल्कुल ही अलग नजरिया बयान करती है द कल्बन बाइबल के मुताबिक जमीन की तबाही जिसे इस किताब में द ग्रेट डिस्ट्रॉयर का नाम दिया गया है वह सूरज के गिर्द गर्दिश करता है यह तबाही जमीन पर हर 110 नस्लों के बाद वारिद होती है और जिंदगी का नामो निशान मिटाकर एक नए दौर की बुनियाद रखती है यह ही वजह है कि अहले किताब के नजदीक द कल्बन बाइबल को एक इंतिहा पुर सरार और खतरनाक किताब तस्लीम किया जाता है जो मुकद्दस आसमानी किताबों से बिल्कुल ही अलग नुक्ता नजर रखती [संगीत] है [संगीत] मैं