अजय को एलो गाइस हाओ आप इस टाइम मिटिंग वेरी लेट रियली सॉरी फॉर थे ओके लेट्स नाउ क्यूक्ली स्टार्ट डूइंग द एक्सरसाइज अफ चेप्टर 14 गंगा मैली ना होने पाई फॉर्स्ट लिए the revision of the शब्दार्थ page number 117 पहला शब्द है स्मग्र means संपून the whole, entire पुन्य सलिला पवित्र जलवाली the river with holy water समुक सामने, forefront एकनिष्ट, एकाग्र होकर, concentrated बेबस, विवश, helpless अभिशप्त, शाप ग्रस्त, cursed निष्रित, means निकल कर, comes out पतितों, गिरे हुए लोगों, fallen people निरंतर, लगातार, continuously जेश्ट, बड़ी या बड़ा, elder or big और इसे हिंदी का एक महीना भी कहते हैं The name of a Hindi month Rafting, canoing, kyaaking It means पानी में खेल ले जाने वाले खेल Water sports इसके आगे है सनलग्न, means जुड़ी हुई, attached or engaged, असधारन, जो साधारन ना हो, असामान्य, extraordinary, unique, कल्यान, भलाई, goodness, अवतरित होना, उतरना, means descended, हिम्नद बर्फ की नदी means the glacier संगम मिलन you can say junction अमरित तुल्य अमरित के समान like nectar पनाह शरन shelter मोक्ष मुक्ती salvation नैसर्गिक प्राकृतिक या स्वाभाविक means natural. अंधी दोड बिना सोचे समचे कारे करना means doing the things without thinking. सदानीरा हमेशा पानी से भरी रहने वाली means always full of water. आगे है सन्रक्षन means बचाव means protection or conservancy.
इसके बाद है कारगर means उप्योगी, useful या सफल, successful. वनस्पती पेड़ पाधे means vegetation. अहम योगदान महत्वपून सहयोग means important role or कॉप मां कंट्रीबुशन दाईनी देने वाली विच ऑलवेज गिव्स संकल्प प्रण रेजोलूशन इसके बाद है कठीन शब्द फॉर शुरुतलेक तो इसका अभ्यास आप स्वयं करेंगे इसके आगे है पाठ भूद इसके अंतर प्रश्नों के उत्तर पहले है मौखिक प्रश्न पहला प्रश्न है गंगा को पृत्वी पर लाने के लिए किसने तपस्या की थी? उत्तर गंगा को पृत्वी पर लाने के लिए महाराज भगीरत ने तपस्या की थी ख कपिल मुनी के शाप से कौन भस्म हो गए थे? उत्तर कपिल मुनी के शाप से भगीरत के साथ हजार पूर्वच भस्म हो गए थे?
ग. भगीरत की भक्ती के समुख कौन बेबस हो गए? उत्तर भगीरत की भक्ती के समुख महादेव बेबस हो गए। आगे है घ.
गंगा के सन्रक्षन के लिए किस आयोग का गठन किया गया है? उत्तर गंगा के सन्रक्षन के लिए राष्ट्रिय गंगा आयोग का गठन किया गय इसके बाद है अर्थ ग्रहन सम्मन्थी प्रश्न इसके अंतरगत एक पाठाश दिया गया है इस पाठ में से लिया गया एक अंश जिसको पढ़कर आपने आगी दिये प्रश्नों के उत्तर देने हैं तो मैंने इन प्रश्नों के उत्तर यहाँ पे मार्क भी कर दिये हैं मैं आपको एक बार पढ़कर सुना देती हूँ पहले हम पाठाश मिस गध्याश पढ़ते हैं दूसरी ओर गंगा की स्वच्चता उसके नैसर्गिक प्रभा की निरंतरता आदी को बनाई रखने के विशय में कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। की जाने वाली अवांचनिय गतिविधियों एवं परिवर्तनों ने उसके अस्तित्व पर प्रश्न चिन लगा दिये हैं आज स्थिती यह है कि अतिक्रमन, प्रदुष्ण और भूचल के शोषन ने गंगा के सदानीरा रूप को लगभग लुपधी कर दिया है अब आगे प्रश्न पहला है कि गंगा के आसपास रहने वाले लोगों के लिए गंगा किस प्रकार महतुपून है? तो इसका उत्तर मैंने यहाँ पे question नंबर एक लिखकर यहाँ पे mark किया है मैं पढ़ देती हूँ वह पंक्ती गंगा क्षेत्र में रहने वाली करोडों की आबादी अपनी जीवन और जीविका के लिए गंगा पर निर्भर है गंगा कहां से निकलती है?
गंगा गो मुक्स से निकलती है तीसरा है गंगा का सदानीरा रूप क्यों लुप्थ होता जा रहा है तो इसका उत्तर इस पाठांश की अंतिम पंक्ती ही है इसको भी आप अपने शब्दों में भी लिख सकते हैं या जटिस भी लिख सकते हैं पंक्ती है आतिक्रमन, प्रदूशन और भूजल के शोषन ने गंगा के सदानीरा रूप को लगभग लुप्थी कर दिया है या इस कारण गंगा का सदानीरा रूप लुप्थ होता जा रहा है इसके आगे है लिखित प्रश्न तो पहले है लगू उत्तरिये प्रश्न क. गंगा धर्ती पर कब अवतरित हुई थी? उत्तर जेश्ट मा के शुक्ल पक्ष की दश्मी तिथी को गंगा धर्ती पर अवतरित हुई थी? ख.
पृत्वी पर गंगा किन-किन नामों से जानी जाती है? उत्तर पृत्वी पर गंगा जहनवी भागीरती और त्रिपथगा आदि नामों से जानी जाती है ग. गंगा किन-किन देशों को अपने जल से एक सूत्र में जोडती है उत्तर.
गंगा भारत, नेपाल और बांगला देश को अपने जल से एक सूत्र में जोडती है घ. कोलकाता में गंगा किस नाम से जानी जाती है उत्तर. कोलकाता में गंगा हुगली नदी नाम से जानी जाती है आगे है अगला प्रश्न प्रयाग राज में गंगा के साथ किन-किन नदियों का मिलन होता है? उत्तर प्रयाग राज में गंगा के साथ यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन होता है च गंगा के किनारे बसे किनी तीन प्रमुक धार्मिक परियाटन स्थलों के नाम लिखिये?
उत्तर हरीद्वार, रिशीकेश वारानसी जिसे अब काशी कहते हैं गंगा के किनारे बसे तीन प्रमुक धार्मिक परियाटन स्थल हैं इसके आगे है दीर्ग उतरिये प्रश्न क गंगा के पृत्वी पर अवतरण सम्मंधी पौराणिक कथा को अपने शब्दों में समझा कर लिखिये उतर कहा जाता है कि महाराज भगीरत ने अपने साथ हजार अभिशप्त पूर्वजों के उधार के लिए जो कपिल मुनी के शाप के कारण भस्म हो गए थे गंगा को पृत्वी पर उतारा था। इसके लिए उन्होंने कठोर तपस्या की थी। उनकी इस साधना और एक निष्ट भक्ती से प्रसन होकर महादेव ने अपनी जटाओं में रहने वाली गंगा को मानव जाती के उधार के लिए प्रित्वी पर भेज दिया ख गंगोत्री नामक हिमनत की विशेष्टाईं लिखिये उत्तर हिमाले के गोमुक स्थान पर स्थित गंगोत्री हिमनत से गंगा का जल प्रवाह प्रारंभ होता है यह हिमनत लगभग 25 किलोमेटर लंबा, 4 किलोमेटर चौड़ा तथा 40 मीटर उंचा है कोमुक के रास्ते पर चिरबासा गाउं से इस विशाल हिमनत्कित दर्शन होते हैं ग. गंगा की स्थान पर मैदानी भाग का स्पर्श करती है उ. लगभग 200 किलमीटर का पहाडी रास्ता ताय करने के पश्चात गंगा रिशी केश होते हुए हरी द्वार में मैदान का सपर्श करती है गड़ मुक्तेश्वर फरुखाबाद कन्नोच बिठूर कानपूर होते हुए गंगा इलाहाबाद पहुंचती है जहां इसका संगम यमुना और सरस्वती से होता है और वही तीर्थराज प्रयाग बन गया है गंगा की तीवर जलधारा में कौन-कौन से आधुनी खेल खेले जाते हैं उत्तर गंगा की तीवर जलधारा में राफ्टिंग, कैनोइंग और क्याकिंग जैसे आधुनी खेल खेले जाते हैं अगला प्रश्न है गंगा ने किन-किन धार्मिक मान्यताओं को अपने आंचल में पनाह दी हैं उत्तर गंगा ने भारत की धार्मिक मान्यताओं को भी अपने आंचल में पना हदी है लोग इसके जल में सनान करके स्वयं को पाप मुक्त मानते हैं गंगा जल के बिना पूजा अर्चना संपूर्ण नहीं होती मकर संग्रांति कुंब गंगा दशहरा आदि अनेक पर्व इसके तटों पर मनाई जाते हैं सुभाशाम गंगा मैया की आरती कर दीपदान किये जाते हैं तथा अनगिनत वरदान मांगे जाते हैं च.
देहरादून वन अनुसंधान संस्थान ने गंगा की स्वच्छता के लिए क्या उपाई सुझाया है? च. देहरादून वन अनुसंधान संस्थान ने गंगा की स्वच्छता के लिए क्या उपाई सुझाया है? गंगा सागर तक गंगा के किनारे वनस्पती लगा कर राश्ट्रिय नदी गंगा की स्वच्छता में अहम योगदान दिया जा सकता है आगे है च यदि गंगा की स्वच्छता और सन्रक्षन का उपाए शीगर ही नहीं किया गया तो क्या हानी होगी उत्तर गंगा भारत की एक पवित्र नदी है सदियों से भारत भूमी की महामता को वहन करने वाली पुन्य सलीला, उत्तर भारत के संतल मैदानी भाग को विश्व का परमुख खाद्यान भंडार बनाने वाली गंगा आज दूशित होती चा रही है। जिसका दुश प्रभाव गंगा क्षेत्र में रहने वाली करोडों की अबादी के जीवन और जीवीका पर भी। सीधे रूप से पढ़ रहा है। यदि गंगा की स्वच्छता और सन्रक्षन का उपाय शीगर ही नहीं किया गया तो इन करोडों लोगों का जीवन, ख्रिशी, व्यापार, उद्योग तो बरबाद होगा ही। साथ ही देवनदी गंगा, अमृत जल्मई गंगा की पवितरता को नष्ट कर हम इसके प्रती सद्यों से चली आ रही धार्मिक अपनी प्रति पर आस्था को भी प्षती पहुचाने के पाप के भागी बनेंगी तो प्रशन उत्रों के बाद है व्याकरन बोध तो इसकी अंतरगर सबसे पहले है हम पढ़ते हैं पॉइंट एक संग्या या सर्वनाम के जिस रूप से उसका नीज संग्या या सर्वनाम का सम्बन्ध क्रिया के साथ जाना चाहता है उसे कारक कहते हैं तो इसके ये कारक जो टॉपिक है यह विशे भी मैंने अपनी इस चैनल पर अलड़ी अपलोड किया हुआ है आप विस्तार से वहाँ से भी इसे पढ़ सकते हैं यहाँ पे जो दिया इसे भी हम पढ़ते हैं जैसे का गंगा को पृत्वी पर महाराज भगीरत ने उतारा था तो यहाँ पे जो underlined words हैं को पर ने यही कारक है कारक चिन इने हम कारकी विभक्तियां कहते हैं तो यदि यह चिन यह कारक ना हो तो हमें वाक्य का अर्थ स्पष्ट नहीं होगा जैसे मैं इसके बिना जदी पढ़ूं गंगा पृत्वी महाराज भगीरत उतारा था तो इसके किसने उतारा था कुछ भी स्पष्ट नहीं है जब तक हम इन चिन्हों का प्रयोग ना करें तो यही है कारक का कारकी भूमिका तो यह अर्थ को स्पष्ट करते हैं संग्या या सरनाम का समन्द क्रिया मींस वर्ब के साथ बताते हैं कि उनका क्या संबंध है आगे खस वाक्य है मैदानों की तो ये कारक है ग.
गंगा ने भारत की अर्थ विवस्था में योगदान देने के साथ धार्मिक मान्यताओं को भी अपने आंचल में पनाधी है तो भारत की मान्यताओं को आंचल में तो ये कारक है उपर लिखे वाक्यों में रिखांकित शब्द कारक चिन है कारक के आठ विद होते हैं भेदों के नाम और उनके विभक्ती चिन, उनके जो साइन है वो भी दिये गए हैं, जैसे पहला है करता कारक, तो इसका विभक्ती चिन है ने, करता ने, आप इसको ऐसे पढ़ सकते हैं, करता ने, दूसरा है कर्म, तो करता ने, कर्म को, करन से या के द्वारा, संप्रदान को गंगा हिमालिया से निकलती है तो हिमालिया से निकला मिल हिमालिया से अलग होती है तो यहां पर से जो है अपादान कारक है मैं बस से उत्रा तो बस से अलग हुआ तो यहां पर भी से जो है अपादान कारक है तो यह अपादान कारक में से का जो अर्थ है अलग होने के भाव म कि आगे अधिकरण इसका विभक्ति चीन में पर में या पर संभोधन कार्य है या अरे तो आगे नीचे लिखे गए वाक्यों में रेखंखित कार्यों के सही भेदों के नाम लिखिए तो यहां पर कुछ वाक्य दिए हैं और उन्हें आपने कुछ कार्य को रेखंखित किया अंडर लेंग किया आपने अ उसके अमसार उसका नाम लिखना है कि जो अंडरलाइन्ड है वो कौन सा कारक है तो मैंने इसको यहाँ पर लिखा मैं पढ़ देती हूँ वाक्य पहला है महाराज वखीरत ने कठोर साधना की तो यहाँ पर ने क्या है करता कारक ख जेश्ट मह शुकल पक्ष की दश्मी तिथी को गंगा दशहरा पर्व मनाया जाता है तो इसमें शुकल पक्ष की तो की क्या है सम्मद कारक दश्मी तिती को कर्म कारक इसके बाद है गंगा गंगोतरी से निकलती है तो यहाँ पे से क्या है आपादान कारक गंगा पृत्वी पर अवतरीत हुई तो पर क्या है अधिकरणकारक अगला है गंगा भगवान शिव की नगरी काशी में प्रवाहित होती हुई आगे बढ़ती है तो इसमें शिव की नगरी सम्मंदकारक, काशी में अधिकरणकारक गंगा के तटों पर अनेक तीर्थ बसी हैं तो गंगा के तट में सम्मंदकारक पर क्या हो गया अधिपरन कारक अगला है छ गंगा की स्वच्छता के लिए प्रयास किया जा रहा है तो गंगा की क्या हो गया सम्मन्द कारक स्वच्छता के लिए तो के लिए है संप्रदान कारक आगे अंतिम वाक्य है हे गंगे तू जीवन दाईनी है तो यहाँ पे हे गंगे में जो हे है हे कहकर हमने गंगा को सम्बोधित किया है हे गंगे तो यह हो गया सम्बोधन कारक कि इसके पश्चात है दूसरा प्रश्न यहां पर समास दिए हैं तो बच्चों हमने समास की जो पहले दो भेद थे अव्यायभाव समास और तत्पुर्ष समास यह भेद हमने किसी कि पिछले पाठों में पढ़ चुके हैं और अब यहां उन्होंने अगले दो भेदों के बारे में बताया है फिर भी आप इसको पूरे समास प्रकरण को यदि पढ़ना चाहें तो मेरे इस चैनल पर भी मैंने इस विषय को विस्तार से समझाया हुआ है अपलोड किया हुआ है आप वहां से सीख सकते हैं तो अभी हम इन दो भेदों के बारे में जानते हैं को है द्वन्द्व समास जिस समस्पद के बीच योजक चिल लगाकर और या अथवा का लोग दिखाया जाता है वहां द्वन्द्व समास होता है जैसे आटा दाल आटा दाल यहाँ पे हमने बीच में हाइफन का प्रियोग किया, योजक चिन का प्रियोग किया है, यदि हम इसका विग्रह करें, मींस को अलग करके लिखें, तो बनेंगा आटा और दाल, इसी प्रकार सुख दुख, इसका यदि हम विग्रह करें, मतलब अलग लग करके लि� और दूसरा पद उसका विशेश्य होता है उसे दुगू समास कहते हैं जैसे चतर मुख तो इसमें चतुर मुख चतुर जो है चतुर मीन्स चार मुख मतलब है मुख जिसके चार मुख है तो चतुर मुख क्या हुआ इसका जब विग्रह करेंगे तो चार मुखों का समुख त त्री फला, इसका यदि विग्रह करें तो तीन फलों का समू, तो यहाँ पे भी त्री जो है तीन, यह है संख्यावाच्चक, तो इसलिए यह है द्यूगू समास, अब आगे आपको क्या करना है, निम लिखी समस्त पदों का विग्रह करते हुए समास का नाम लि� जो इसका शब्द है वो चार जो वो है संख्या वाचक तो इसलिए दिगू समास हुआ आगे है राजा प्रजा तो इसमें योजक चेन का प्रियोग हुआ तो ये हो गया राजा और प्रजा इसका मतलब ये कौन सा समास है द्वन्द्व समास नव रतन तो नव जो है नौ तो तो यह हो गया गुण या दोश, यह हो गया द्वन्द्व समास, पंच वटी, पांच वटों का समुह। तो पांच संख्या वाचक होने की कारण यह द्विगू समास है। अंतिम शब्द है धूप दीप, तो धूप और दीप इसका नाम हुआ समास का द्वन्द्व समास। तीसरा प्रश्न है निमलिके शब्दों से उपसर्ग, प्रत्यय एवं मूल शब्द अलग करके लिखिए। उपसर्ग मीन्स प्रेफिक्स, प्रत्या मीन्स सफिक्स और मूर्शब मीन्स रूट वर्ड इनको आपने अलग करके लिखना है तो इस विशे को भी मैंने अपने इस चैनल पर अपलोड किया हुआ अलड़ी तो आप वहां से विस्तार से इन विश्यों पर भी जानकरी प्राप्त कर सकते हैं तो यहां पर शब्द क्या दिये हैं इनमें आपने उपसर्ग और प्रत्या मूर्शब अलग-लग करके लिखने हैं पहला शब्द सुशोबित यह आलड़ी ही सॉल्ड है तो इसमें उपसर क्या हुआ सू, तो मूल शब्द क्या हुआ शोभा, और इत क्या हुआ प्रत्य, तो इनको मिला कर हमने जो एक शब्द बनाया सू शोभित कि आगे है प्रारंभिक तो इसमें प्र जो है उपसर्ग है आरंभ मूल शब्द है इक प्रत्य है बच्चों अधिकतर ऐसा होता है कि शब्द के साथ या तो प्रत्य ही लगे होते हैं या उपसर्ग लगे होते हैं एक साथ दोनों का प्रयोग बहुत कम होता बहुत से शब्द होते हैं पर आपको पेपर में कई बात सिर्फ उपसर्ग के विषय में पूछा जाता है प्रत्य के विषय में तो यहाँ पर जो शब्द दिये गए, इनमें दोनों का ही प्रयोग किया गया है, तो आपको इस ढंग से भी सीखना चाहिए, जिसमें प्रत्य भी लगे हो, उपसर्ग पहले आगे जुड़ते हैं, और प्रत्य पीछे जुड़ते हैं, मूल शब्द क शु इसमें उपसर्ग है अच्छ जो है मूल शब्द है ता प्रत्याई अनु संधान करता तो अनु उपसर्ग संधान मूल शब्द करता प्रत्याई आ मंत्रित इसमें आ जो है उपसर्ग है मंत्र मूल शब्द इत प्रत्याई सन रक्षित इसमें सन उपसर्ग रक्षा मूल शब्द इत प्रत्याई आखिर चौता प्रश्न है यहाँ पर विशेषन दिया गया है तो इसमें इन्होंने विशेषन के तीन भेद दी हैं जो पहला भेद है गुणवाचक विशेषन हो सकता है हमने पिछले पाठों में पढ़ लिया हो तो वैसे गुणवाचक विशेषन क्या है जिसमें किसी वस् फिर और क्या लिख सकते हैं गंदा पानी तो गंदा जो है यह दोष बताया गया पानी का तो यह भी क्या है गुण वाचक विशेषण अब इसके बाद यहां पर जो दिया है नंबर दो इसका भेद संख्या वाचक विशेषण यहां से पढ़ते हैं जो शब्द संख्या या स और कभी अनिश्चित होती है जैसे मेरे पास पांच पुस्तके हैं तो यहाँ पे पांच जो है संख्या वाचक है यह निश्चित संख्या वाचक है क्योंकि हमने एक्यूरेटली बताया कितनी पुस्तके हैं पांच पुस्तके और यदि हम कहें मेरे पास कई पुस्तके हैं या थोड़ी पुस्तके हैं तो कई थोड़ी या कुछ यह जो है अनिश्चित संख्या वाचक हो गया परिमान वाचक विशेशन जो शब्द संख्या या सरवनम शब्दों की नापतोल मात्रा की विशेष्टा बताते हैं उन्हें परिमान वाचक विशेष्टन कहते हैं विशेष्य की मात्रा नापतोल कभी निश्चित और कभी अनिश्चित होती है जैसे किसान ने थोड़ा पानी पिया तो यहाँ पे जो थोड़ा है परिमान वाचक है पर कौन सा अनिश्चित परिमान वाचक है क्योंकि यहाँ पे स्पेसिफिकली नहीं बताया कितना पानी एक गिलास दो गिलास उन्होंने बताया थोड़ा पानी अंदाज़ा बताया तो ये अनिश्चित परिमान वाचक हुआ यदि हम के एक लिटर पिया, दो लिटर पिया, या एक गिलास पिया तो हम बता सकते हैं कि ये निश्चित है पर थोड़ा बहुत कुछ ये जो है अनिश्चित परिमान वाचक है तीसरा बहुत अन्तिम चोथा जो ये गुनवाचक हो गया तो यहाँ पे चोथा क्या है सार्वनामिक विशेशन जब सर्वनाम शब्द का प्रियोग किसी संग्या की विशेशता बताने के लिए किया जाता है तब उसे सार्वनामिक विशेषन कहते हैं मतलब जब सर्वनाम शब्द ही किसी संग्या की विशेषता बताते हैं उसे हम सार्वनामिक विशेषन कहते हैं जैसे यह पुस्तक मेरी है तो यहाँ पे पुस्तक जो है संग्या शब्द है तो उसकी विशेषता क्या है यह तो यह जो है सर्वनाम है इसलिए सार्वनामिक विशेषन इसी प्रकार मोहन हमारा भाई है तो मोहन अच्छा भाई है बड़ा भाई है मेरा भाई अच्छा भाई है या कहें तो अच्छा या इमानदार है तो ये होगे गुणवाचक पर जब हम इसके स्थान पर हम लिखे हमारा तुम्हारा मेरा तो ये सर्वनाम है इसलिए ये जो है सर्वनामिक विशेषन हुआ अब आगे है आपनी करना नीचे लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्दों के लिए उचित विकल्प पर टिक का चिन लगाईए तो इन वाक्यों में जो ऑप्शन दिए हैं वहां पर आपने वाक्य पढ़कर उसका सही भेद पर आपने टिक लगाना है कर दो यह हिमनदी तीवर गती से प्रवाहित होती है तो यह जो है हिमनदी की विशेष्टा बता रहा है तो यह क्या है सार्वनामिक विशेषण ख लगभग 200 किलो मीटर का पहाडी रास्ता तै करने के पश्चाद गंगा रिशी केश पहुंचती है तो यह है नापतल बता रहा है यह शब्द पहाडी रास्ते का तो यह क्या हुआ परिमान वाच विशेषण ग प्रवाह मार्ग में गंगा अपनी पांच सहायक नदियों से मिलती है तो कितनी नदियां पांच नदियां तो पांच क्योंकि हमने बिल्कुल सही बताया है तो इसलिए संख्यावाचक है निष्ची संख्यावाचक है घ इस नदी ने भारत की अर्थवेवस्ता पर गहरा प्रभाव डाला है तो इस नदी इस जो है सर्वनामे इसलिए हुआ सार्वनामिक विशेषन अगला है राहूल ने कुछ फल खरीदे तो कुछ exactly नहीं बताया, 1 किलो, 10 किलो, 5 किलो कुछ फल खरीदे, तो यह हो गया परिमान वाचक विशेशन, च, गंगा के किनारे अनेक शहर बसे हैं, तो अनेक, मतलब मुझकी संख्या बताई गई है, तो यह हो गया संख्या वाचक विशेशन, तो यह हो गया है, अब हम बाद एक्सरसाइस चेप्टर 17 पर जाएंगे, इस पोयम विच वी हेव ऑलरी रेड ओनली एक्सरसाइज आर लेफ्ट देट वी शेल डू नेक्स टाइम ओके देन बाबाई टीक ये