न्याय निगमन (Silogism) - सिलॉक्स टॉपिक
सिलॉक्स का परिचय
- सिलॉक्स: इसे हिंदी में न्याय निगमन या न्याय संगत कहते हैं। यह कथन और निष्कर्ष पर आधारित होता है।
- मुख्य टॉपिक: कथन और निष्कर्ष (Statement and Conclusion) पर आधारित।
सिलॉक्स के प्रकार
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कथनों के प्रकार:
- सभी ए बी हैं (All A are B)
- कुछ ए बी हैं (Some A are B)
- कुछ ए बी नहीं हैं (Some A are not B)
- कोई भी ए बी नहीं है (No A is B)
- केवल ए ही बी है (Only A is B)
- केवल कुछ ही ए बी है (Only a few A are B)
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निष्कर्ष के प्रकार:
- 100% सत्य (True)
- 100% झूठ (False)
- संभावना (Possibility)
न्याय निगमन के नियम
- Rule 1: सकारात्मक कथन से सकारात्मक निष्कर्ष ही निकल सकता है।
- Rule 2: यदि कथन में 100 है, तो निष्कर्ष में 50 लिखा जा सकता है, लेकिन 50 को 100 में परिवर्तित नहीं किया जा सकता।
कनेक्शन प्रकार
- दो सकारात्मक कथन: सकारात्मक निष्कर्ष
- एक सकारात्मक और एक नकारात्मक कथन: नकारात्मक निष्कर्ष
- दो नकारात्मक कथन: कोई संबंध नहीं (No Relation)
इधर और (Either Or)
- शर्तें:
- दोनों निष्कर्ष गलत होने चाहिए।
- विषय और वस्तु समान होनी चाहिए।
- एक निष्कर्ष सकारात्मक और दूसरा नकारात्मक होना चाहिए।
- विशेष शर्तें: "सभी" और "कोई नहीं" के बीच इधर और का उपयोग नहीं होता।
सिलॉक्स की संभावनाएँ
- संभावनाएँ तब सही होती हैं जब निष्कर्ष पूरी तरह ज्ञात नहीं होता।
- सम में संभावनाएँ: सभी हो सकते हैं या कुछ नहीं हो सकते हैं।
- नो रिलेशन केस: सभी संभावनाएँ सही हो सकती हैं।
उदाहरण
- Example 1: सभी ए बी हैं तो कुछ ए बी हैं।
- Example 2: कुछ ए बी हैं तो कुछ ए बी नहीं हो सकते हैं।
अंतिम विचार
- सिलॉक्स का गहरा अध्ययन आवश्यक है क्योंकि यह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछा जाता है।
- प्रैक्टिस: सिलॉक्स की प्रैक्टिस करने के लिए खुद से कथन और निष्कर्ष बनाएं।
यह नोट्स सिलॉक्स टॉपिक के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट करती हैं और इसका गहन अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।