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हलो अल्केन्स और हेलो एरेन्स का अध्ययन

Mar 14, 2025

ऑर्गेनिक केमिस्ट्री: हेलो अल्केन्स और हेलो एरेन्स

परिचय

  • आज का विषय: हेलो अल्केन्स और हेलो एरेन्स
  • महत्वपूर्ण टॉपिक्स:
    • क्लासिफिकेशन नॉमेनक्लेचर
    • फिजिकल प्रॉपर्टीज
    • केमिकल प्रॉपर्टीज
    • पॉलीहाइलोजन कंपाउंड्स

क्लासिफिकेशन नॉमेनक्लेचर

  • हेलो अल्केन्स: हाइड्रोजन को हैलोजन (फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन, आयोडीन) से प्रतिस्थापित करना
  • हैलोजन का समूह: ग्रुप 17 (फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन, आयोडीन)
  • हेलो अल्केन्स को आमतौर पर अल्काइल हेलाइड भी कहा जाता है
  • हेलो एरेन्स: बेंजीन रिंग में हाइड्रोजन की जगह हैलोजन

फिजिकल प्रॉपर्टीज

  • सॉल्यूबिलिटी:
    • हेलो अल्केन्स पानी में कम सॉल्यूबल होते हैं
    • अधिकतर ऑर्गेनिक सॉल्वेंट्स में सॉल्यूबल होते हैं
  • बोलिंग पॉइंट:
    • बोलिंग पॉइंट सीधे मॉलिक्युलर मास पर निर्भर करता है
    • आइसोमेरिक कंपाउंड्स में ब्रांचिंग की मात्रा भी प्रभाव डालती है
  • मेल्टिंग पॉइंट:
    • मेल्टिंग पॉइंट में अत्यधिक पैकिंग और सिमेट्री का असर होता है
  • डेंसिटी:
    • डेंसिटी मॉलिक्युलर मास पर निर्भर करती है

केमिकल प्रॉपर्टीज

  • न्यूक्लियोफिलिक सब्स्टिट्यूशन रिएक्शन:
    • न्यूक्लियोफिल्स की उपस्थिति में रिएक्शन करते हैं
  • विभिन्न रिएक्शन प्रकार:
    • SN1 और SN2 रिएक्शन
  • एलिमिनेशन रिएक्शन:
    • बेस की उपस्थिति में प्रोटॉन को एब्स्ट्रेक्ट कर अल्किन बनाना
  • रिएक्शन विद मेटल:
    • ग्रिगनार्ड रिएक्शन

SN1 रिएक्शन:

  • एक स्टेप में कार्बोकैटायन का निर्माण
  • रिएक्टिविटी ऑर्डर: Tertiary > Secondary > Primary

SN2 रिएक्शन:

  • एक ही स्टेप में न्यूक्लियोफिल का बैक अटैक
  • रिएक्टिविटी ऑर्डर: Methyl > Primary > Secondary

पॉलीहाइलोजन कंपाउंड्स

  • उदाहरण:
    • CCl4 (कार्बन टेट्राक्लोराइड)
    • CHCl3 (क्लोरोफॉर्म)
  • क्लोरोफॉर्म की विशेषताएँ: हाइलोटॉक्सिक गैस में परिवर्तित हो जाती है जब सूरज की रोशनी में रखी जाती है

निष्कर्ष

  • अध्ययन के लिए NTCR और खुद के बनाए नोट्स को बार-बार रिवाइज करना महत्वपूर्ण है।
  • अध्याय के अंत में प्रश्नों का समाधान करना न भूलें।

ध्यान दें: ऑर्गेनिक केमिस्ट्री को समझना आसान है अगर आप नियमित रिवीजन करते हैं।