ऑर्गेनिक केमिस्ट्री: हेलो अल्केन्स और हेलो एरेन्स
परिचय
- आज का विषय: हेलो अल्केन्स और हेलो एरेन्स
- महत्वपूर्ण टॉपिक्स:
- क्लासिफिकेशन नॉमेनक्लेचर
- फिजिकल प्रॉपर्टीज
- केमिकल प्रॉपर्टीज
- पॉलीहाइलोजन कंपाउंड्स
क्लासिफिकेशन नॉमेनक्लेचर
- हेलो अल्केन्स: हाइड्रोजन को हैलोजन (फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन, आयोडीन) से प्रतिस्थापित करना
- हैलोजन का समूह: ग्रुप 17 (फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन, आयोडीन)
- हेलो अल्केन्स को आमतौर पर अल्काइल हेलाइड भी कहा जाता है
- हेलो एरेन्स: बेंजीन रिंग में हाइड्रोजन की जगह हैलोजन
फिजिकल प्रॉपर्टीज
- सॉल्यूबिलिटी:
- हेलो अल्केन्स पानी में कम सॉल्यूबल होते हैं
- अधिकतर ऑर्गेनिक सॉल्वेंट्स में सॉल्यूबल होते हैं
- बोलिंग पॉइंट:
- बोलिंग पॉइंट सीधे मॉलिक्युलर मास पर निर्भर करता है
- आइसोमेरिक कंपाउंड्स में ब्रांचिंग की मात्रा भी प्रभाव डालती है
- मेल्टिंग पॉइंट:
- मेल्टिंग पॉइंट में अत्यधिक पैकिंग और सिमेट्री का असर होता है
- डेंसिटी:
- डेंसिटी मॉलिक्युलर मास पर निर्भर करती है
केमिकल प ्रॉपर्टीज
- न्यूक्लियोफिलिक सब्स्टिट्यूशन रिएक्शन:
- न्यूक्लियोफिल्स की उपस्थिति में रिएक्शन करते हैं
- विभिन्न रिएक्शन प्रकार:
- एलिमिनेशन रिएक्शन:
- बेस की उपस्थिति में प्रोटॉन को एब्स्ट्रेक्ट कर अल्किन बनाना
- रिएक्शन विद मेटल:
SN1 रिएक्शन:
- एक स्टेप में कार्बोकैटायन का निर्माण
- रिएक्टिविटी ऑर् डर: Tertiary > Secondary > Primary
SN2 रिएक्शन:
- एक ही स्टेप में न्यूक्लियोफिल का बैक अटैक
- रिएक्टिविटी ऑर्डर: Methyl > Primary > Secondary
पॉलीहाइलोजन कंपाउंड्स
- उदाहरण:
- CCl4 (कार्बन टेट्राक्लोराइड)
- CHCl3 (क्लोरोफॉर्म)
- क्लोरोफॉर्म की विशेषताएँ: हाइलोटॉक्सिक गैस में परिवर्तित हो जाती है जब सूरज की रोशनी में रखी जाती है
निष्कर्ष
- अध्ययन के लिए NTCR और खुद के बनाए नोट्स को बार-बार रिवाइज करना महत्वपूर्ण है।
- अध्याय के अंत में प्रश्नों का समाधान करना न भूलें।
ध्यान दें:
ऑर्गेनिक केमिस्ट्री को समझना आसान है अगर आप नियमित रिवीजन करते हैं।