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1857 की क्रांति का संक्षिप्त विश्लेषण
Apr 26, 2025
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1857 की क्रांति: प्रथम स्वतंत्रता संग्राम
अंग्रेजों का भारत में नियंत्रण
अंग्रेजों ने इसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम नहीं माना, इसे सिपाही विद्रोह कहा।
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में धीरे-धीरे नियंत्रण किया।
राजनीतिक कारण
विस्तार नीति:
सीधे युद्ध करके क्षेत्रों पर कब्जा।
बैटल ऑफ़ बक्सर 1764: बंगाल, बिहार, उड़ीसा पर नि यंत्रण।
एंग्लो-मैसूर और एंग्लो-सिख युद्ध: मैसूर और पंजाब पर नियंत्रण।
सब्सिडियरी अलायंस:
राजाओं से संधि, उनका नियंत्रण।
डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स:
बिना वारिस के राज्य का अधिग्रहण।
एलिज्ड मिसरूल और अवध का अधिग्रहण।
सामाजिक-धार्मिक कारण
सामाजिक परंपराओं में हस्तक्षेप:
सती प्रथा पर रोक, विधवा पुनर्विवाह अधिनियम।
आधुनिक प्रौद्योगिकी से डर:
रेलवे, टेलीग्राफ, जो जातीय भेदभाव को बढ़ावा दे रहे थे।
मिशनरीज की गतिविधियां:
धर्मांतरण के प्रयास।
आर्थिक कारण
शोषण:
कच्चे माल का ब्रिटेन ले जाना।
भारतीय हस्तशिल्प का विनाश।
किसानों पर उच्च कर।
इनाम कमीशन:
भूमि का अधिग्रहण।
सैन्य कारण
भारतीय सैनिकों का दुर्व्यवहार।
जनरल सर्विस एलिमेंट एक्ट:
समुद्र पार सेवा।
कम प्रमोशन और संविदा।
तत्काल कारण
एनफील्ड राइफल का उपयोग:
गाय और सूअर की चर्बी लगे कार्ट्रिज।
विद्रोह का आरंभ
मंगल पांडे की विद्रोह:
बैरकपुर में विद्रोह।
मेरठ में विद्रोह और दिल्ली की ओर कूच।
दिल्ली में बहादुर शाह जफर को सम्राट घोषित किया।
विद्रोह के बाद
ईस्ट इंडिया कंपनी का अंत।
ब्रिटिश क्राउन का नियंत्रण।
क्वीन विक्टोरिया का प्रोक्लेमेशन।
भारतीय राज्यों के साथ नीति।
प्रभाव
राष्ट्रीयता का उदय।
हिंदू-मुस्लिम विभाजन की नीति।
अंग्रेजों द्वारा दमन और शोषण जारी।
निष्कर्ष
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम न केवल सैनिक विद्रोह था बल्कि यह भारतीय जनता का व्यापक संघर्ष था।
नेशनलिज्म की भावना को जागृत किया।
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