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हीलियम नीयन लेजर का अध्ययन

प्रस्तुति Hello guys, welcome to last moment tuition मेरा नाम है Nelson और आज हम सीखने वाले है Helium Neon Laser या HENE Laser HENE Laser का Constructions अपना simple Laser system से बहुत ज़ादा similar है इसमें भी एक optical cavity है जिसमें एक fully reflective mirror है, एक partially reflective mirror है, एक active medium है जो यहाँ पर discharge shift दिया हुआ है उसका active medium है और यह है हमारा pumping mechanism जो यहाँ पर हम लोग electric discharge अब इसका working simple है, electricity से हम लोग atoms को excite करेंगे, वो एक दुसरे से collide करेंगे, emission होगा, emission यहाँ पर reflect होगा, constructive interference होगा और यहाँ से laser निकलेगा, ठीक है, यह है basic construction या basic working, अब इसके details में जाते हैं हम लोग, अब इस discharge tube में हम लोग दो तरीके के atoms लागते हैं, helium और neon, दोनों noble gases हैं, लेकिन helium के जो atoms होते हैं, वो बहुत जल्दी excite हो जाते हैं, अब जैसे हम लोगने जादा electricity waste ना हो, उसके लिए एक ऐसा noble gas यूज़ किया है, जो है helium, जो बहुत जल्द हेलियम का कंसेंट्रेशन नियॉन के कंसेंट्रेशन से बहुत ज्यादा होता है क्योंकि हेलियम बहुत जदी एकसाइट होता है हम लोगों को बहुत कम लोड देना पड़ता है जो पंपिंग मेकेनिजम से आते हैं वो बहुत कम लोड आते हैं अब जब हम लोड देते हैं तो हेलियम आटम एकसाइट हो जाते हैं तो गैस आटम्स कभी भी स्टेबल नहीं होते अगर गैस आटम को एकसाइट किया तो वाइब्रेशन करने लगते या इदर उदर जाने लगते पूरे डिस्चार्ज ट्यूब में घूमने लगते वो डिस्चार्ज ट्यूब में जो आटम्स घूम रहे हैं वो जाके लगेंग पूरे discharge tube में फैल जाता है और उसके बाद हमारा pumping होता है या population inversion achieve होता है या atoms उपर वाले energy level में चले जाते हैं वो सिर्फ helium और neon के collision के बाद होता है अब इसका working ध्यान से देखा जाए तो उसको 4 level 14 लेवल नियूअर के लिए और तीन लेवल हीलियम के लिए यहां पर मेन यह थोड़ा बिजी सा एरिया लग रहा है यहां पर लेजर आक्शन होता है अब एक बात ध्यान में दियोगी यहां पर यह रूस्टर विंडो लिखा हुआ अब रूस्टर विंडो ऐसा होता है कि वह एमिशन को पास होने देते हैं अगर उसको हम लोग सीधा रखते तो वह अंदर यंदर रिफ्लेक्ट हो जाता है शायद डिस्ट्रक्टिव इंडिफरेंस हो सकता था इसके लिए हम उसको एक ब्रूस्टर आंगल पर रखते जो आंगल पर टिल्टेड है उसको एक ब्रूस्टर आंगल होते हैं ताकि वह आराम से पास हो जाए और फुल्डी और पार्शली रिफ्लेक्टिव मिरर पर वह रिफ्लेक्ट हो यहां से हम लोग देखेंगे मैंने यहां प उसके processes लिखे हुए पहली बात तो first pumping होता है helium ion का मैंने आपलोगो पहले ही बोला था helium ion के concentration जादा है उसको कम electric discharge लगता है वो जाता है सीधा EH3 पे या EH2 भी वहाँ से ये transfer with collision transfer with collision होता है neon के atoms पे neon के atoms दो level पे आते हैं जो top के दो level है बहाप्याते है एन 6 और एन 4 एन और एल्स का मतलब है एनर्जी लेवल ऑफ यह एनर्जी लेवल ऑफ नियॉन ठीक है तो यहां से जो कोलीजिन होता है पहला जो पहला लेवल है उसमें दो मेटास्टेपल स्टेट पर जाता है वह या तो जाता है एन 5 पर या तो वह जाता है एन 3 पर अब अलग-अलग लेविल्स पर है अलग-अलग एनर्जीज है तो इसका मतलब यह बनता है कि जो लेजर भार निकलते हैं वह अलग-अलग इंटेंसिटी के होंगे जैसे अगर सिक्स से टू पर आता है तो ती नाइन वन ती एक आ लेजर निकलता है अगर यह सिक्स से यह हीलियम नियॉन लेजर से जो लेजर हम लोग यूज करते हैं जो आगे मेडिकल परपर्स में इसके अप्लीकेशन में यूज होता है वो होता है 6328A का अब ये जो थोड़ वाला है जो EN4 से आता है EN3 पे ये देता है हम लोग को 11523A का लेजर अब ये जो EN2 है ये हम लोग का 4 level system अगर याद होगा तो एक सेकंड शॉटलिफ स्टेट होता है सेकंड शॉटलिफ एनर्जी स्टेट तो यहां से यहां पर आता है और यहां पर वो डिएक्साइट होकर जाता है एनर्जी लेवल डाउन पर सेम प्रोसेस वापस रिपीट होता है एची का वापस उपर जाएगा वापस वो एनी को अब देखते हैं हम लोग इसके एडवांटेज और इसके एप्लीकेशन अब इसके एडवांटेज में सबसे पहले वह एक कंटिन्यूस बीम देता है ठीक है उसके बाद वह एक लोग पावर लेजर बीम जनरेट करता है अब जो कंटिन्यूस बीम देता है इसको अगर हम रूबी पावर लेजर से देखेंगे कंपनी पैर करेंगे तो वह पैसे में बीम देते हैं लेकिन ही नियुक्त लेजर एक कंटिन्यूस बीम देता है अब जनरेट पर लोग पावर लेजर बीम इसका मतलब उसका पावर आउटपुट कम है इसको हम लोग अच्छा मेडिकल पर्पस में जिदर राज एक बात है हर लेजर की तरह यह हाईली को हर इंटर हाईली मोनोक्रोमाटिक है सिंगल वेवलेंस से डिफाइन होता है और इसके वेव फ्रंट में चेंज नहीं आता उसको ज्यादा डाइवरजेंस नहीं होता है उसके बाद आते हम लोग इसके एप्लीकेशन पर अब एप्लीकेशन लिखना बहुत जरूरी है गाइस इस पर बहुत इस पर हुआ है एक्जामिनर्स आपके मार्क्स को जज करेंगे अब नेक्स्ट लैबोरिटरी लैबोरिटी इसमें इसको यूज करते हैं मैं स्टार्टिंग से बोर्ड मेडिकल परपॉसेस में इसको यूज करते हैं लैबोरिटरी एक्जामिनर्स के ऊपर इसको यूज करते हैं लो� देखा होगा कि bars code scan करने के लिए bars code scan करने के लिए एक लाल कलर का light निकलता है वो भी same type का laser होता है जो हम लोग bar code जो scan करते है वो सिफ इससे होता है फिर आते है printers laser printers हम लोग में सुने ही होंगे हमने बहुत सर ने use भी किया है इसको फिर आता है holography holography है अब हॉलोग्राफी या फिर अब बोल सकते हॉलोग्राम वह लगा तो सबने देखा होगा तीडी में या फॉर डी में जब रियल टाइम में पिछर चलते हमने बहुत सारे मूवीस में देखा होगा उसको हॉलोग्राम बोलते वह भी ऐसे लेजा से फॉर मूटर थैंक यू