वेरी वार्म वेलकम टू दिस सेशन माय डियर फ्रेंड्स। आई होप आई एम प्रोब्ली ऑडिबल एंड विज़िबल। आप सभी लोगों का स्वागत है संभव सीरीज के इस लाइव सेशन में जहां पर हम आई एंड आईएफएस के एग्जाम के लिए बहुत ही बढ़िया तरीके से प्रिपरेशन करने की शुरुआत कर रहे हैं। इंडियन इकोनमी इंडियन फाइनशियल सिस्टम इस पर्टिकुलर कॉम्पोनेंट का अगर आपने अभी तक सही से प्रिपरेशन नहीं करा है तो दिस इज़ योर चांस टू प्रिपेयर द मोस्टेंट टॉपिक्स। द 50 मोस्टेंट टॉपिक्स ऑफ़ आई एंड आईएफएस मॉड्यूलेट थ्रू दिस सीरीज। ओके? संभव सीरीज में हम चारों मॉड्यूल्स एंड चारों जो हमारे कॉम्पोनेंट्स हैं उनके लाइव एज वेल एज रिकॉर्डेड सेशंस कंडक्ट करा रहे हैं। स्पेसिफिक टाइमिंग्स जिन पर आप इन्हें अटेंड करके एटलीस्ट इतनी तो प्रिपरेशन कर सकते हैं कि आपने अपने तरफ से इस लास्ट मोमेंट में 110% का एफर्ट लगाया टू क्लियर दिस पर्टिकुलर एग्जाम। तो बेसिकली हम ईच मॉड्यूल के मोस्टेंट टॉपिक्स को एक्सप्लेन कर रहे हैं यहां पर थ्रू द सीरीज। ओके? तो आई होप यू ऑल आर रेडी। यू कैन प्लीज लेट मी नो इन द चैट बॉक्स कि आप सभी यहां पर इस पर्टिकुलर सेशन के जो एक्सप्लेनेशन है उनको सुनने के लिए रेडी है या नहीं। प्लीज लेट मी नो इन द चैट बॉक्स। राइट? तो लेट अस क्विकली बिगिन दिस सेशन। यहां पर हम जेआईबी का आई एंड आईएफएस इसका मॉड्यूल ए इसके मोस्टेंट टॉपिक्स को कंप्लीटली डिस्कस करेंगे। एंड दे दिस इज़ हाउ वी विल बी डिस्कसिंग द मोस्टेंट टॉपिक्स। ठीक है? तो आज यह सेशन हो रहा है एट 9:00 PM एंड वी विल आल्सो बी हैविंग द सेशंस टुमारो फॉर मॉड्यूल बी सी डी इस तरीके से हमारे जो सेशंस है वो चलेंगे राइट तो यस वंडरफुल तो यू कैन जस्ट लेट मी नो इन द चैट बॉक्स लेट अस बिगिन द एक्सप्लेनेशन ऑफ मॉड्यूल ए द मोस्टेंट टॉपिक्स इन एक्सप्लेनेशंस को आप सुनते रहिए एंड साथ के साथ जो क्वेश्चंस बीच में आ रहे हैं उनको आपको अटेम्प्ट अटेम्प्ट करना है। वी आर मोस्टली डिस्कसिंग द प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस। लेट अस स्टार्ट विद चैप्टर नंबर वन। मॉड्यूल ए के चैप्टर वन टू 11। तो चैप्टर वन से 10 तक हम डिस्कस करेंगे। 11 चैप्टर इज़ नॉट दैटेंट। तो लेट अस क्विकली बिगिन। सो चैप्टर वन में इफ यू सी ओवरव्यू ऑफ़ द इंडियन इकोनमी। दिस इज़ द फर्स्ट थिंग। इसको अगर हम देखें ओवरव्यू ऑफ द इंडियन इकोनमी सबसे पहले हमें इंडियन इकॉनमी का जो डेवलपमेंट्स है, हिस्टोरिकल डेवलपमेंट्स है, उससे रिलेटेड बहुत ही बढ़िया आईडिया देता है। तो द स्टेज व्हिच वी नीड टू कंसीडर फॉर दीज़ डेवलपमेंट्स आर एक्चुअली द स्टेजेस वि रिस्पेक्ट टू द ब्रिटिश रूल। ठीक है? ब्रिटिश रूल से पहले इंडिया को क्या कहा जाता था? आप में से किसी को पता है तो यू कैन लेट मी नो इन द चैट बॉक्स कि ब्रिटिश रूल से पहले इंडिया को किस तरीके से किस नाम से बुलाया जाता था? कैन यू जस्ट लेट मी नो इन द चैट बॉक्स? अब ब्रिटिश रूल के बाद जो इकोनॉमिक डिस्ट्रक्शन हुआ इंडिया में दैट इज समथिंग व्हिच वी आर टोटली अवेयर ऑफ। इंडिया से बहुत सारे जो शिप्स है उनमें पैसा भरभर के इंडिया से ले जाया गया था। तो दैट हैज़ एक्चुअली डैमेज्ड इंडियन इकॉनमी। 1600 एडी से ये चीज शुरुआत हुई थी। तो लेट अस सी हाउ द चेंजेस हैव कम फ्रॉम 1600 एडी। सो है टू अंडरस्टैंड कि किस तरीके से इंडिया का जो इकोनमी है उसमें ग्लोबल लेवल पर चेंजेस आए हैं। ओके? सो द फर्स्ट थिंग ओवर हियर इज कि 1600 एडी के टाइम पे परसेंटेज ऑफ़ ग्लोबल जीडीपी इंडिया में परसेंटेज ऑफ़ ग्लोबल जीडीपी व्हिच वास कमिंग फ्रॉम इंडिया। अगर ₹100 पूरा दुनिया कमा रहा है तो उसमें से इंडिया का कंट्रीब्यूशन कितना था? दिस इज इनफ टू लेट अस नो की इंडिया को सोने की चिड़िया कहा जाता था। डू यू रिमेंबर सोने की चिड़िया कहा जाता था इंडिया को ड्यूरिंग दिस टाइम। ओके तो इन दिस वे वी कैन जस्ट अंडरस्टैंड कि व्हाट इज द परसेंटेज ऑफ़ ग्लोबल जीडीपी जितना इंडिया का जो कंट्रीब्यूशन रहा है इन दिस तो 23% अपार्ट फ्रॉम दैट 1780 जब ब्रिटिशर्स एक्चुअली बहुत ज्यादा पैर पसार चुके थे इंडिया में एट दैट टाइम द लेवल वास 24.4% एंड लेट मी टेल यू हु एवर इज़ पार्ट ऑफ दिस पर्टिकुलर सेशन हम यहां पर मॉड्यूल ए के मोस्ट इंपॉर्टेंट टॉपिक्स को डिस्कस कर रहे हैं। एंड इन दिस वे वी विल बी कवरिंग 50 मोस्टेंट टॉपिक्स ऑफ आई एंड आईएफएस थ्रू दी सेशंस एंड इफ यू आर एबल प्लीज आराम से बैठिए इयरफोनस लगाइए एंड इन सेशंस को सुनिए इसमें जो क्वेश्चंस पूछे जा रहे हैं उनको आंसर करते रहिए एंड डू योर बेट। ठीक है? तो आवर एफर्ट इज कि इन सेशंस के थ्रू एटलीस्ट हम मोस्ट इंपॉर्टेंट जो टॉपिक्स है उनको कवर कर लें। एंड वी आर गेनिंग एटलीस्ट सम कॉन्फिडेंस इन दिस पर्टिकुलर एग्जाम। ठीक है? एटलीस्ट सम नहीं 110% हम अपना देंगे थ्रू दिस सेशंस। एंड आई होप यू ऑल आर रेडी फॉर दैट। इफ यू आर रेडी यू कैन जस्ट लेट मी नो बाय टाइपिंग यस व्हाई इन द चैट बॉक्स वेरी क्विक। ठीक है? परसेंटेज ऑफ़ ग्लोबल जीडीपी में इंडिया का कितना है? 24.4%। तो इंडिया वाज़ कंट्रीब्यूटिंग अराउंड 1/4 ऑफ द एंटायर ग्लोबल जीडीपी। अब ये चीज गिरने लगी। दे स्टार्टेड फॉलिंग फ्रॉम 1780 बिकॉज़ इस टाइम पे ब्रिटिशर्स राज ब्रिटिशर्स का राज एकदम चरम सीमा पे पहुंच चुका था। ओके नाउ व्हाट हैपेंड एट दिस टाइम? 1820 में अगर हम देखें 16%ेज तक ये पूरा गिर गया। एंड लेटर ऑन वी कैन सी 1947 में दिस फर्दर फेल टू 3%। नाउ व्हाई इज़ दिस 1947 एक्चुअली? कैन यू जस्ट टेल मी इन द चैट बॉक्स। एंड इसके बाद वी ट्राइड कि वी विल ग्रो दिस थिंग। ठीक है? थोड़ा-थोड़ा हम इनक्रीस करेंगे। वापस से इंडिया का जो लॉस्ट ग्लोरी है उसको वापस लाएंगे। तो 202 के आंकड़े हमारे बुक में दिए हुए हैं कि इंडिया इज नाउ कंट्रीब्यूटिंग 7.3% ओके? 7.3% इज इट्स कंट्रीब्यूशन इन द एंटायर ग्लोबल जीडीपी। ठीक है? तो अब इस चीज में कई लोगों ने हमें बहुत अच्छे तरीके से हेल्प किया। एंड वन सच पर्सन इज दिस। इफ यू कैन आइडेंटिफाई दिस पर्सन इस पर्टिकुलर इमेज से यू कैन लेट मी नो। तो इंडिया का किस तरीके का हाल था? द इंडियन इकॉनमी वाज़ एट नियर स्टैग्नेशन। यानी कि बिल्कुल भी इंडिया में जो इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट है, एजुकेशन सेक्टर ले लीजिए या फिर ऑल अदर इकोनमिक एक्टिविटीज़ वर ए नियर स्टैग्नेशन। कोई ग्रोथ नहीं देखा जा रहा था। लेट अस से प्रीवियस ईयर 100 इस ईयर भी 100 प्रोडक्शन है। तो देयर इज़ स्टैग्नेशन। इंडस्ट्रियलाइजेशन इग्नोर किया गया था। सोशल सेक्टर इग्नोर किया गया था। लो क्वालिटी लेबर मार्केट इंडिया में था। ओके? सो ऑल ऑफ़ दीज़ थिंग्स वर देयर। अपार्ट फ्रॉम दैट ट्रांसपोर्ट जो भी डेवलप किया जा रहा था बाय द ब्रिटिशर्स दैट वास फॉर देर ओन यूज अगर आप देखें जो इंडिया का कोस्टल एरिया है वहां से अंदर के लिए ट्र को एस्टैब्लिश किया गया था बट ये जो ट्र है दे वर फॉर द ओन यूज़ ऑफ़ ब्रिटिशर्स ऐसा नहीं है कि इंडियंस उस ट्रेन में घूमेंगे पैसेंजर बनेंगे गांधी जी पूरा इधर-उधर जाएंगे उसके लिए ट्रेन बनाया जा रहा है। नहीं अपने लिए बनाया जा रहा था। यहां से जो गुड्स है उन्हें इंडिया के अंदर ले जाने के लिए बनाया जा रहा था। सो दिस वास द कंडीशन नाउ हाउ डड वी डेवलप ये जो फेस है हमारा यहां 1947 से 202 के बीच का जो डेवलपमेंट है वो हमने किस तरीके से किया दैट इज़ समथिंग दैट वी नीड टू अंडरस्टैंड। तो यहां पे देखिए हु इज़ दिस पर्सन? कैन यू जस्ट आइडेंटिफाई दिस इज़ आवर लेट एमएस स्वामीनाथन जी हु गव वेरी हाई कंट्रीब्यूशन टू द एग्रीकल्चरल सेक्टर ऑफ़ इंडिया। ओके? तो ये चीज आप थोड़ा सा याद रख सकते हैं। अब आगे हमने ग्रोथ 1947 के बाद कैसे किया? 1947 में तो 3% कंट्रीब्यूशन था इंडिया का। हमने इसे 202 में 7% तक कैसे किया? मेन थिंग मेन टू थिंग्स वर रिक्वायर्ड एट दैट टाइम। इफ यू सी इंडिया ऐसा कंट्री था जहां पर इवन फूड ग्रेंस जो है हमें इंपोर्ट करने पड़ रहे थे फ्रॉम अदर कंट्रीज। तो दिस इज़ अ वेरी डायर सिचुएशन, वेरी बैड सिचुएशन। सो एट दैट टाइम वी शुड बी एबल टू आइडेंटिफाई कि सबसे पहले हमें इस चीज पे काम करना है। एंड द सेकंड थिंग वाज़ इंडस्ट्री के नाम पे इंडिया में टाटा कंपनी के अलावा और कोई भी कंपनी नहीं थी। दिस इज़ अ वेरी बैड सिचुएशन इजंट इट? तो वी हैव टू वर्क ऑन दीज़ टू थिंग्स एंड वी डीड थ्रू द प्लांट इकोनॉमिक मेथड। तो प्लांट इकॉनमी इंडिया में लेकर आए। व्हाट डस दैट मीन? इंडिया में फाइव ईयर प्लानिंग को इंट्रोड्यूस किया गया कि हम फाइव एव्री फाइव इयर्स के लिए प्लानिंग करेंगे। 1951 से ये स्टार्ट हुआ था। एव्री फाइव इयर्स के लिए प्लानिंग करेंगे एंड वी विल हैव सम फोकस एरिया। तो पहले दो जो हमारे फाइव ईयर प्लांस थे। कैन यू जस्ट गेस कि हमारा फोकस एरिया सबसे पहले फाइव ईयर प्लान में क्या रहा होगा? आई हैव ऑलरेडी एक्सप्लेन कि कौन से ऐसे इशूज़ थे इंडिया में जिनको हमें ओवरकम करना था। एंड पहले फाइव ईयर प्लान में हमारा फोकस एरिया क्या रहा होगा? वी स्टार्टेड डेवलपिंग इंडस्ट्रियलाइजेशन एग्रीकल्चर में हम सेल्फ सफिशिएंट बनना चाहते थे। यानी कि अगर हमें अपने खुद के पीपल को फीड करने जितना जो है सामान एटलीस्ट मिल जाए दैट वुड बी रियली हेल्पफुल। उतने ही फूड ग्रेंस मिल जाए दैट वुड बी रियली हेल्पफुल इजंट इट? तो इससे रिलेटेड वी कैन से हमारा जो अह इससे रिलेटेड हेल्प हमें की गई है बाय डॉ. एम एस स्वामीनाथन जी। ओके? तो एग्रीकल्चरल सेल्फ सफिशिएंसी समथिंग दैट वी डेवलप्ड। यस अबब्सोलुटली देवभद्र मोहता जी अबब्सोलुटली करेक्ट आई होप आई एम प्रोनाउंसिंग योर नेम प्रॉपर्ली यस एग्रीकल्चर इज द मोस्ट इंपोर्टेंट थिंग जिस पर हमें सबसे पहले ध्यान देना था आई वुड रिक्वेस्ट एवरीबडी टू प्लीज आंसर क्वेश्चन अमित जी का भी सही है लेट अस मूव अहेड वेरी क्विकली तो यहां पर अगर हम देखे 53% कंट्रीब्यूशन एग्रीकल्चर कर रहा था टू द जीडीपी सबसे हाईएस्ट कंट्रीब्यूशन जीडीपी का मतलब क्या है यहां पे जीडीपी इज नथिंग बट ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट एक्ट तो ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट की जब हम बात कर रहे हैं वी आर एसेंशियली टॉकिंग अबाउट द नेशनल इनकम ऑफ इंडिया ओके ग्रॉस का मतलब क्या होता है इकोनॉमिक्स में इट इज़ टोटल डोमेस्टिक मतलब इंडिया का जो टेरिटरी है उसके अंदर कितना प्रोडक्शन हो रहा है दैट इज़ समथिंग दैट वी कैन सी तो ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट एक्चुअली इंडिकेट्स द नेशनल इनकम ऑफ़ इंडिया अपार्ट फ्रॉम दिस 53% जो कंट्रीब्यूशन है वो एग्रीकल्चर से मिला है इंडस्ट्रियल सेक्टर में 16.6% % एंड सर्विस सेक्टर में 30% का कंट्रीब्यूशन जो है मिल रहा था। तो दी थ्री सेक्टर्स व्हाई दे आर सोेंट एग्रीकल्चर से हमें बेसिक रिसोर्सेज प्रोवाइड होते हैं। अब इन रिसोर्सेज को हम प्रोसेस करते हैं इंडस्ट्रीज में। अभी इंडस्ट्रीज से प्रोसेस होने के बाद फॉर एग्जांपल आपको ब्रेड बनाना है। ब्रेड को सेल करना है। तो व्हाट इज रिक्वायर्ड? वीट इज रिक्वायर्ड। वीट विल बी प्रोसेस्ड इन ब्रेड विल बी मेड। और क्या ब्रेड आप फैक्ट्री में जाके खाएंगे? नो यू विल बी एक्चुअली गेटिंग दैट ब्रेड अ टू द आपके घर के पास के बेकरी में आएगा देन यू विल बी ईटिंग इट इजंट इट तो ये बेकरी में आने पर भी हम फिर उसका एडवर्टाइजमेंट करना है कोई और फिल्म स्टार खाएगा देन ओनली वी विल ईट इजंट इट ऑल ऑफ़ दीज़ आर द सर्विसेस प्रोवाइडेड तो हाईएस्ट कंट्रीब्यूशन किसका है एग्रीकल्चर सेक्टर का है एंड सर्विस सेक्टर का 30% सेकंड नंबर पे है एंड इंडस्ट्रियल सेक्टर का 16% है नाउ 1980 में काफी चेंजेस किए गए यहां पर जो भी डिसीजन लिए जाते थे आफ्टर 1947 वो गवर्नमेंट के द्वारा ही लिए जाते थे कंप्लीटली। यानी कि पूरी इकोनमी में प्राइवेट सेक्टर या फॉरेन कंट्रीज का बहुत ज्यादा कंट्रीब्यूशन नहीं था एट दैट टाइम। 1980 के बाद हमने ये चीज थोड़ा-थोड़ा लिबरलाइज करना शुरू कर दिया। बट देयर वास वन मेजर चेंज दैट हैपेंड। आप क्या ये चेंज यहां पे नोटिस कर सकते हैं? एग्रीकल्चर सेक्टर का कंट्रीब्यूशन 36% इंडस्ट्रियल 25.9 एंड सर्विस सेक्टर का 38% का कंट्रीब्यूशन। तो यू कैन सी कि सर्विस सेक्टर ने एग्रीकल्चर सेक्टर को पीछे छोड़ दिया, मात दे दिया। सर्विस सेक्टर बिकम बिकम द नंबर वन कंट्रीब्यूटर टू द जीडीपी। इसी तरीके से मेंटेन हुआ है। एंड आज के डेट में भी द हाईएस्ट कंट्रीब्यूशन टू जीडीपी इज़ गिवन बाय द सर्विस सेक्टर अराउंड 52% के आसपास। एंड अपार्ट फ्रॉम दिस सर्विस सेक्टर बिकम द हाईएस्ट कंट्रीब्यूटर टू द जीडीपी। हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ यहां पर एक कांसेप्ट है जो हमें डिस्कस करना है। तो यहां एक चीज है कि सेक्टर्स का जो कंट्रीब्यूशन है वो इस तरीके से वेरीरी कर गया। एंड वनेंट थिंग इज कि इंडिया का जो ग्रोथ रेट है वो 3 टू 4% के बीच ही अटक गया था। इवन दो वी वर ट्राइंग इनिशियली तो नहीं होगा। गाड़ी चलते-चलते चलेगी। इजंट इट? तो इनिशियली आवर ग्रोथ रेट वाज़ बिटवीन थ्री टू 4% ओनली। तो दिस ग्रोथ रेट वास एक्चुअली कॉल्ड हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ बाय प्रोफेसर राजन एंड इस टर्म को उन्होंने कॉइन किया कि ये जो 3 टू 4% का ग्रोथ रेट है वो इंडिया का एक कैरेक्टरिस्टिक फीचर बन चुका है कि इंडिया के लिए ही ये जो पर्टिकुलर नंबर है हमेशा भी इंडिया का ग्रोथ रेट पूछो तो 3 टू फोर में ही अटका रहेगा। तो नो नीड टू जस्ट बी वेरी एशियस अबाउट दिस थिंग। ठीक है? तो ये किसने कहा है? हिंदू रेट ऑफ़ ग्रोथ का एक टर्म 3 टू 4% को दिया गया बाय प्रोफेसर राजन। अब 1990 में एक ऐसा मेजर वेरिएशन आया कि इंडिया में बहुत बड़ी क्राइसिस आ गई। ठीक है? क्राइसिस जिसे हम बैलेंस ऑफ़ पेमेंट क्राइसिस कहते हैं। तो इसमें हुआ यह कि इंडिया के पास डॉलर्स जो होने चाहिए थे वो बहुत ही कम थे। द रिक्वायरमेंट ऑफ़ डॉलर्स वाज़ देयर। हमें डॉलर्स किस लिए चाहिए? कैन यू जस्ट टेल मी इन द चैट बॉक्स? व्हाई डू वी एक्चुअली नीड दिस डॉलर्स? डॉलर्स रिक्वायर्ड होते हैं जस्ट टू पे टू द अदर इंपोर्ट्स दैट वी आर डूइंग इजंट इट? तो ये डॉलर्स की बहुत कमी थी। लिबरलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन, ग्लोबलाइजेशन रिफॉर्म्स हमने किए इन इंडिया आफ्टर दिस पर्टिकुलर इवेंट। ठीक है? तो बैलेंस ऑफ़ पेमेंट क्राइसिस इंडिया में थी। डॉलर्स जो रिक्वायर्ड थे वो बहुत ही कम थे इंडिया में। अब इसके बाद डॉलर्स की कमी होने की वजह से वी वेंट टू एन ऑर्गेनाइजेशन कॉल्ड इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड आईएमएफ से हम ये डॉलर्स लेकर आए एंड आईएमएफ एक्चुअली टोल्ड कि मैं डॉलर्स तो दे दूंगा बट यू हैव टू कम अप विद सम रिफॉर्म्स रिफॉर्म का मतलब होता है चेंजेस इन योर इकॉनमी जिन्हें हम लिबरलाइजेशन प्राइवेटाइजेशन ग्लोबलाइजेशन कहते हैं। तो मेन इशू क्या था इंडिया में? सारा कुछ कंट्रोल गवर्नमेंट ही करती थी। प्राइवेट कंपनीज़ एंड फॉरेन कंपनीज़ को बिल्कुल भी अलव नहीं किया हुआ था। तो लिबरलाइजेशन इज द फर्स्ट टर्म जहां पर ये पूरा सेटअप जो है थोड़ा चेंज किया गया। जहां गवर्नमेंट का कंट्रोल थोड़ा कम किया गया। एंड प्राइवेट एंटिटीज प्राइवेट कंपनीज़ को भी अलव किया गया। ग्लोबलाइजेशन इज़ वेयर द फॉरेन एंटिटीज़ को भी अलाउ किया गया। एंड डिफरेंट सेक्टर्स ऑफ़ इंडिया। इंडिया ये सब करके ये चेंजेस लाकर। अब देखिए ग्रोथ रेट कितना है? 8.6% तक पहुंच गया था 2002 के बाद। सेकंड फास्टेस्ट ग्रोइंग इकॉनमी इन द वर्ल्ड ये इंडिया जो है बन गया था। नाउ मूविंग टू 208 यहां पर 208 में बहुत ही बड़ी इंटरनेशनल क्राइसिस आई थी। लेमन ब्रदर्स नाम की जो कंपनी है दिस हैड फाइनशियल लिंक्स वि एवरी अदर बैंक इन द वर्ल्ड। तो इस कंपनी के डूबने की वजह से बहुत सारे बैंक्स को भी क्षति पहुंची थी। एंड यह ऐसा टाइम पीरियड है जिसमें डेवलपमेंट्स बिकम वेरीेंट फ्रॉम द एग्जाम पॉइंट ऑफ व्यू। सबसे पहली बात इंडिया जो जीडीपी पर कैपिटा परचेसिंग पैरिटी के टर्म्स में थर्ड रैंक पे आ गया। जीडीपी यानी कि क्या है? कैन एनीवन टेल मी जीडीपी इज़ व्हाट इन जस्ट टू लेटर्स कैन यू टेल मी? जीडीपी का मतलब क्या है? तो अगर हम कंपेयर करें जीडीपी ऑफ़ डिफरेंट कंट्रीज? परचेसिंग पैरिटी का मतलब होता है कि एक बास्केट ऑफ़ गुड्स लिया। उसे हमने इंडिया में सेल किया। यही बास्केट ऑफ गुड्स हमने फॉरेन कंट्री में सेल किया। इंडिया में लेट्स से यह $100 का सेल हुआ। फॉरेन कंट्रीज में $2 का सेल हुआ। तो ऐसे केस में ये बास्केट ऑफ़ गुड्स के बेसिस पर वी कैन से $2 = $100 दैट मींस $1 इक्वल टू हाउ मेनी? कैन यू जस्ट टेल मी इन द चैट बॉक्स कि $1 का वैल्यू कितना होगा? इस तरीके से एक एक्सचेंज रेट को एस्टैब्लिश करके हम कंपनीज़ के जीडीपी को कम कंट्रीज के जीडीपी को कंपेयर करते हैं। इन इंडिया वाज़ थर्ड इन दैट। ठीक है? ये चीज आपको याद रखनी है। अपार्ट फ्रॉम दैट इंडिया का पर कैपिटा इनकम 2019 में $891 था। नाउ व्हाट इज में बाय पर कैपिटा इनकम? एक्चुअली अगर हम देखें किसी भी कंट्री के जीडीपी को लेट अस से देयर इज़ अ कंट्री जहां पर 10,000 जो है ये कंट्री वाले कमा रहे हैं। 1000 पीपल आर देयर इन दिस कंट्री। तो ऐसे केस में इस कंट्री का जीडीपी पर कैपिटा अगर कैलकुलेट करना है तो जीडीपी जितना भी है दैट हैज़ टू बी डिवाइडेड बाय दिस 1000 पीपल। तो कितना आएगा जीडीपी पर कैपिटा इनकम इस पर्टिकुलर कंट्री का कैन यू जस्ट टेल मी इन द चैट बॉक्स नाउ पर कैपिटा इनकम ऐसे ही कि पर हेड इनकम कितना है उस पर्टिकुलर कंट्री का टोटल इनकम डिवाइडेड बाय द नंबर ऑफ पीपल तो ये जब कैलकुलेट किया गया $91 इंडिया का निकल कर आया एंड लेट मी टेल यू कि वर्ल्ड बैंक सारे इकॉनमीज़ को क्लासिफाई करता है बेस्ड अपॉन दिस पर कैपिटा इनकम तो ऐसे केस में डिफरेंट कंट्रीज वी कैन है ना अलग-अलग कंट्रीज है उनका इनकम लेवल अलग-अलग है। एक तो लो इनकम है, लोअर मिडिल इनकम, अप्पर मिडिल इनकम एंड हाई इनकम। ऐसे करके चार जो है इनकम लेवल्स में वर्ल्ड बैंक नाम का ये इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन सारे कंट्रीज को क्लासिफाई करता है। ठीक है? कितने कैटेगरीज में? चार कैटेगरीज। लो इनकम कंट्रीज हो सकते हैं। लोअर, मिडिल, अप्पर, मिडिल, हाई इनकम। इंडिया कहां फॉल कर रहा है? इंडिया फॉल कर रहा है इन द लोअर, मिडिल इनकम। बिकॉज़ $96 टू$3895 ये लिमिट है। और इंडिया का कितना है? है पर कैपिटा इनकम $891 है। ओके? एंड इफ यू सी फाइनली द कंट्रीब्यूशन ऑफ़ सर्विस सेक्टर इस तरीके से इंक्रीस हुआ है टू 52% एंड नंबर वन कंट्रीब्यूशन अगर हमारे इकॉनमी में कोई सेक्टर दे रहा है तो दैट इज़ अ सर्विस सेक्टर। कैन यू जस्ट आंसर दिस क्वेश्चन? द टर्म हिंदू रेट ऑफ़ ग्रोथ वाज़ कॉइ बाय डैश। दिस इज़ अ रैपिड फायर क्वेश्चन। एकदम फटाफट आपको आंसर करना पड़ेगा। ए प्रोफेसर राजकृष्णन, बी अमर्तसेन, सी जगदीश भगवती या डी कौशिक बसू? तो इनमें से कौन सा सही जवाब है? नोबडी द पॉइंट इज गोइंग टू मी ओनली इज इट कैन यू जस्ट क्विकली आंसर दिस क्वेश्चन? द टर्म हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ वास पॉइंट बाय डैश। ठीक है? तो जो क्वेश्चंस बीच में आ रहे हैं यू हैव टू आंसर। राइट? यस। सो ए इज़ द राइट आंसर। प्रोफेसर राजन, बादशाह जी, देवभद्र जी, सुमित जी का भी आंसर एकदम सही है। वंडरफुल। नाउ व्हाट आर द चेंजेस ड्यूरिंग द कोविड टाइम? तो कोविड के टाइम पर हमने देखा एग्रीकल्चर सेक्टर पे तो खास इफेक्ट नहीं हुआ। यहां पे ग्रोथ चल ही रहा था। प्राइमरी सेक्टर जिसे कहा जाता है। नाउ सेकेंडरी सेक्टर यानी कि इंडस्ट्रीज में डाउनफॉल देखा गया था। एंड दिस वास बिकॉज़ पीपल वेंट आउट ऑफ द इंडस्ट्रीज। कोविड के वजह से वो घर चले गए थे। बट सेकंड वेव के बाद इंडस्ट्रियल सेक्टर में भी ग्रोथ देखा गया है। यस अबब्सोलुटली करेक्ट। ऋषि जी, शुभा जी, श्रीजीत जी, प्रसन्न जी, शॉर्ट वीडियोस, गोपाल राज एवरीबडी द आंसर इज़ अबब्सोलुटली करेक्ट। ओके? ए इज़ एब्सोलुटली द राइट आंसर। एंड व्हाट अबाउट द सर्विस सेक्टर? तो सर्विसेस में देयर वाज़ अ डायवर्जेंस जहां पर हमने देखा होटल्स एंड जो डिफरेंट टूरिज्म रिलेटेड सर्विज है उनमें तो डाउनफॉल देखा गया। लेकिन ऐसे सर्विज लाइक यूपीआई एंड टी ऑनलाइन टीचिंग वगैरह ये सब में ग्रोथ देखा गया है। इफ यू सी एनी प्रॉपर कंट्री तो उसका ट्रांजैक्शन कैसे हुआ है? सबसे हाईएस्ट कंट्रीब्यूशन एग्रीकल्चर या प्राइमरी सेक्टर के द्वारा दिया जाता है टू द जीडीपी इन द फर्स्ट स्टेज। तो इंडिया में भी यही ट्रांजैक्शन है ना। इफ यू सी हियर इफ यू सी सबसे हाईएस्ट कंट्रीब्यूशन इनिशियल स्टेज में एग्रीकल्चर सेक्टर का है टू द जीडीपी यानी कि नेशनल इनकम को सबसे हाईएस्ट कंट्रीब्यूशन एग्रीकल्चर सेक्टर देता है। अब नेक्स्ट स्टेज में होना ये चाहिए कि द हाईएस्ट कंट्रीब्यूशन शुड बी गिवेन बाय द सेकेंडरी सेक्टर। सेकेंडरी सेक्टर कहा जाता है इंडस्ट्रियल सेक्टर को। बट एंड द थर्ड स्टेज में सर्विस सेक्टर के द्वारा हाईएस्ट कंट्रीब्यूशन जीडीपी को दिया जाना चाहिए। बट इंडिया के केस में एग्रीकल्चर ने सीधा सर्विस सेक्टर पे हमने जंप कर दिया। ठीक है? तो दिस वाज़ द वेरिएशन इन इंडिया। आई होप दिस इज़ वेरी क्लियर। दिस इज़ व्हाट वी हैव सीन। पहले एग्रीकल्चर सेक्टर 50% से ज्यादा नेशनल इनकम को कंट्रीब्यूट कर रहा था। अब सर्विस सेक्टर कर रहा है। दिस हैज़ बीन द ट्रेंड चेंज इन इंडिया। एंड लेट मी टेल यू अगर हम आरबीआई की बात देखें तो आरबीआई के हिसाब से जो चेंजेस आए हमारे इंडियन इकॉनमी में कोविड के टाइम पे उन चेंजेस को रिवर्स करने के लिए फिसिकल स्टिमुलस यानी कि गवर्नमेंट का हेल्प मॉनिटरी लूजिंग यानी कि आरबीआई का हेल्प प्राइवेट एंटिटीज का हेल्प सब कुछ चाहिए एंड जितना भी इकोनमिक लॉस हमें हुआ है वो सब रिकवर करते-करते 203435 ईयर आ जाएगा ओके कौन सा ईयर आ जाएगा 203435 ओके तो दिस कैन बी आस्क्ड इन एग्जाम प्लीज डू रिमेंबर। नाउ मूविंग टू चैप्टर टू सेक्टर्स ऑफ द इंडियन इकोनमी। ओके? अगर हम इंडियन इकोनमी के वेरियस एक्टिविटीज को कंसीडर करें तो इन एक्टिविटीज को हम डिवाइड कर सकते हैं इनू डिफरेंट टाइप्स। उसी के बेसिस पे हम सेक्टर्स को क्लासिफाई करते हैं। तो लेट अस सी व्हाट आर द क्लासिफिकेशन ऑफ़ द सेक्टर्स ऑन द बेसिस ऑफ़ इकोनॉमिक एक्टिविटीज़। ओके? तो स्टार्टिंग विद द सेम एग्जांपल ऑफ़ ब्रेड मेकिंग। ओके? ब्रेड के लिए हमें क्या चाहिए? फर्स्ट यू नीड वीट। इस वीट को हम प्रोसेस करेंगे एंड उससे फिर सेल करेंगे इन द बेकरी। इजंट इट? तो यह वीट जो हमने प्रोड्यूस किया दैट इज़ पार्ट ऑफ द एग्रीकल्चर सेक्टर या प्राइमरी सेक्टर जहां पर आपको बेसिक रिसोर्सेज प्रोवाइड किए जा रहे हैं विद रिस्पेक्ट टू द पर्टिकुलर सेक्टर। ठीक है? प्राइमरी सेक्टर का पार्ट है बेसिक रिसोर्सेज। यू हैव टू रिमेंबर द फ्रेज़ विद ईच ऑफ़ दीज़ थिंग्स। तो सबसे पहले एग्रीकल्चर एक्टिविटी क्या किया जा रहा है? रिसोर्सेज को प्रोड्यूस किया जा रहा है। तो दैट इज पार्ट ऑफ द प्राइमरी सेक्टर। विल यू बी एबल टू रिमेंबर दिस फ्रेज़? प्राइमरी सेक्टर के साथ कौन सा लाइन जुड़ा हुआ है? द प्रोडक्शन ऑफ बेसिक रिसोर्सेज। ओके? दिस इज द थिंग। अब वीट प्रोड्यूस करने के बाद हमने क्या किया? उसे प्रोसेस किया। उसे इंडस्ट्री में जो है प्रोसेस करके आटा बनाया हमने। ठीक है? वीट फ्लोर बनाया। तो व्हाट इज दैट? कॉल्ड द सेकेंडरी सेक्टर। सेकंड स्टेज ऑफ वर्किंग ऑन द प्राइमरी रिसोर्स वो किया जाता है। तो अब सेकंड स्टेज में होता क्या है? प्रोसेसिंग ऑफ नेचुरल रिसोर्सेज किया जाता है। ओके? इज दैट क्लियर? अब थर्ड स्टेज में क्या होता है? टर्शरी सेक्टर। तो यहां पर आपको इन दोनों सेक्टर से रिलेटेड सर्विज प्रोवाइड की जाती है। थर्ड स्टेज में हमने क्या किया? उस ब्रेड को बेकरी में बेचना शुरू कर दिया। और फिर किसी पर्टिकुलर हीरो हीरोइन अगर वो खाते हैं तो देन वी विल बी ईटिंग। तो एडवर्टाइजमेंट भी किया। अब टर्शरी सेक्टर में क्या आ जाता है? टर्शरी इज अ थर्ड सेक्टर व्हिच इज द सर्विस सेक्टर। अब यहां पर कुछ ऐसे सर्विज हैं व्हिच आर वेरी मचेंट इन द इकॉनमी। लाइक इंटेलेक्चुअल रिसर्च एंड डेवलपमेंट सर्विसेस लाइक आई एम प्रोवाइडिंग, आई एम टीचिंग यू। सो दिस कम्स अंडर द क्वार्टनरी सेक्टर व्हिच इज़ वेरी इंपॉर्टेंट सेक्टर। ठीक है? टेरिशरी सेक्टर इज़ ऑल अबाउट सर्विसेस। अब इन सर्विसेस में कुछ ऐसे सर्विज हैं लाइक रिसर्च एंड डेवलपमेंट। आई एम टीचिंग यू ऑल ऑफ़ दीज़ आर वेरीेंट तो इनको अलग से ही एक नाम दे दिया गया है। एंड दैट इज़ कॉल्ड द क्वार्टनरी सेक्टर। नाउ कैन यू टेल मी ऐसा सेक्टर क्वीनरी सेक्टर का पार्ट अब बन जाते हैं। टॉप डिसीजन मेकिंग एक्टिविटीज। तो इंडिया में टॉप डिसीजंस कौन लेते हैं? प्राइम मिनिस्टर, चीफ मिनिस्टर, ब्यूरोक्रेट्स, आईएएस ऑफिसर्स ये सब लेते हैं। ओके? सो दे कम अंडर द क्वीनरी सेक्टर। एंड कैन यू जस्ट टेल मी कि हमारे पूरे बॉडी में कौन सा ऐसा पार्ट है व्हिच एक्चुअली कंट्रोल्स द एंटायर बॉडी। ठीक है? सारे बॉडी में सारा कुछ कंट्रोल कौन सा पार्ट करता है? आप ये मत कहिएगा मेरा दिल। ठीक है? तो कौन करता है ये कंट्रोल? नाउ टर्शरी सेक्टर में ही क्वार्टनरी सेक्टर भी आ जाता है एज अ सब सेक्टर ऑफ़ टर्शरी सेक्टर। यानी कि ये सारे सर्विसेस ही हैं। हमारा क्लासिफिकेशन बस यहां तक है। बट कुछ ऐसे सर्विज हैं व्हिच आर वेरी मचेंट। एंड दे आर कॉल्ड अ सब सेक्टर्स ऑफ़ द टर्शरी सेक्टर। और आप उनको यहां पर देख सकते हैं। क्वार्टनरी में क्या-क्या आ जाता है? रिसर्च एंड डेवलपमेंट, टीचिंग ऐसे इंटेलेक्चुअल सेक्टर्स। क्वीनरी सेक्टर में टॉप डिसीजन मेकिंग से रिलेटेड एक्टिविटीज आ जाते हैं। सो दैट इज़ अ क्वीनरी सेक्टर। ओके? तो टॉप डिसिशन पीएम, सीएम, आईएएस ऑफिसर्स वगैरह लेते हैं। तो, हमारे बॉडी में सबसे टॉप डिसीजन विद रिस्पेक्ट टू द फंक्शनिंग ऑफ़ द बॉडीज़ टेकन बाय द ब्रेन। दैट इज़ व्हाई क्वीनरी सेक्टर को ब्रेन ऑफ़ द इकॉनमी भी कहा जाता है। विल यू रिमेंबर इससे रिलेटेड क्वेश्चन आया एग्जाम में। व्हाट इज़ क्वीनरी सेक्टर? कॉल्ड ब्रेन ऑफ़ द इकॉनमी। नाउ देयर आर टू अदर सेक्टर्स व्हिच आर कॉल्ड ऑर्गेनाइज्ड एंड अनऑर्गेनाइज़्ड सेक्टर। ऑर्गेनाइज़्ड सेक्टर में क्या है? आपको पीएफ मिलता है। आपको लीव ट्राइविंग अलाउंस मिलता है। आपका जो सैलरी है वो इनफ्लेशन के हिसाब से ऊपर नीचे होता है। एवरीथिंग एव्री फैसिलिटी इज़ गिवन। आपको बंगला, गाड़ी सब कुछ मिल रहा है मोस्ट ऑफ़ द केसेस में। अब अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में क्या है? आपको ना तो कोई पीएफ मिल रहा है, ना तो कोई लीव ट्रेवलिंग अलाउंस ना तो कोई प्रॉपर रजिस्ट्रेशन ऑफ द कंपनी इन व्हिच यू आर वर्किंग वो भी कंपलसरी नहीं है। सो दैट इज़ अ अनऑर्गेनाइज़्ड सेक्टर। तो जॉब टर्म्स एंड सिक्योरिटी के बेसिस पे वी कैन कल कह क्लासिफाई इट इन दिस मैन। द क्वीनरी सेक्टर इज़ एक्चुअली कॉल्ड द ब्रेन ऑफ़ द इंडियन इकॉनमी। यस एब्सोलुटली करेक्ट। प्रसन्न नायक जी एंड बादशाह जी करेक्ट। ठीक है? एंड देन पोटेंशियल के बेसिस पे सनराइज़ एंड सनसेट सेक्टर है। नाउ कैन यू टेल मी ऐसा एक सेक्टर व्हिच इज़ ऑन द ग्रोथ नाउ डज़ व्हिच कैन ईट अप द जॉब्स ऑफ़ मेनी पीपल। बहुत सारे लोग का जॉब शो खा सकता है। ऐसा कोई सेक्टर आपको पता है? तो सनराइज़ सेक्टर इज़ एक्चुअली सच सेक्टर जहां पर ग्रोथ का हाई पोटेंशियल है। सनसेट सेक्टर जहां पर ग्रोथ पहले था। बट नाउ देयर इज़ नो ग्रोथ लाइक सीडी, डीबीडी। तो ऐसा एक सेक्टर जो कि सनराइज़ सेक्टर कहला सकता है। दैट इज़ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। इट कैन ईट अप ऑल द अह जॉब्स ऑफ़ पीपल चैट जेपीटी कौन नहीं जानता सनराइज़ सेक्टर का और एग्जांपल्स आपको कोई दे सकता है क्या इन द चैट बॉक्स सनराइज़ सेक्टर इज़ दैट सेक्टर जहां पर ग्रोथ का हाई पोटेंशियल है इट कैन ग्रो इन द फ्यूचर अभी तो ग्रो नहीं कर रहा बट फ्यूचर में ग्रो कर सकता है तो ऐसा कोई सेक्टर आपको पता है यू कैन टेल मी इन द चैट बॉक्स इफ यू नो अबाउट इट ठीक है आईटी सेक्टर यस अब्सोलुटली करेक्ट इवन इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का जो सेक्टर है दैट इज़ आल्सो पार्ट ऑफ़ द सनराइज़ सेक्टर ओके नाउ लेट अस जस्ट क्विकली सी द मोस्टेंट एग्जांपल्स ऑफ़ प्राइमरी सेक्टर एग्रीकल्चर फॉरेस्ट्री फिशिंग मिनरल्स इंडस्ट्रीज मैन्युफैक्चरिंग अब टेरिशियरी सेक्टर में देखिए आई हैव डन सम कलरिंग ओवर हियर ठीक है तो हेल्थ केयर बैंकिंग कम्युनिकेशन बैंकिंग कौन से सेक्टर में आता है यस फinटेक कैन आल्सो ग्रो वंडरफुल भाषा जी सनराइज सेक्टर में फिनटेक भी आता है बहुत बढ़िया हेल्थ केयर बैंकिंग एंड कम्युनिकेशन ये तीनों आपके टर्शरी सेक्टर में आते हैं अब बायोगैस यस गोपाल जी राइट एजुकेशन एंड रिसर्च एंड डेवलपमेंट ब्यूरोक्रेसी टॉप लीडरशिप भी आता है। बट आई हैव कलर्ड इट इन अ डिफरेंट मैनर। ओके? व्हाई कैन यू जस्ट टेल मी व्हाई आई हैव कलर्ड इट इन अ डिफरेंट मैनर? तो टेरिशरी सेक्टर का सब सेक्टर है हमारा क्वार्टनरी सेक्टर जिसमें एजुकेशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट आ जाता है। दैट इज़ व्हाई आई हैव कवर्ड इट इन अ डिफरेंट मैनर बिकॉज़ दे आर पार्ट ऑफ़ टर्शरी सेक्टर आल्सो। एंड ये जो है एक्चुअली क्वार्टनरी सेक्टर इज़ अ सब सेक्टर ऑफ़ टर्शरी सेक्टर। एंड। सो ये दोनों जो है क्वार्टनरी सेक्टर में आ जाते हैं। अब ये पर्पल वाले कहां पे आ जाएंगे? दे विल बी पार्ट ऑफ द क्वीनरी सेक्टर ब्यूरोक्रेसी एंड टॉप लीडरशिप। कैन यू जस्ट ट्राई टू आंसर दिस क्वेश्चन वेरी क्विकली व्हिच अमोंग द फॉलोइंग सेक्टर्स ऑफ़ द इंडियन इकोनॉमिक्स फॉर द ब्रेन बिहाइंड एंड इकोनमिक सोशियो इकोनॉमिक परफॉर्मेंस? कैन यू जस्ट क्विकली टेल मी? प्राइमरी, टेरिशरी, क्वीनरी, क्वार्टनरी सेक्टर में से कौन सा सही जवाब होगा यहां पर? कैन यू जस्ट वेरी क्विकली टेल मी? ओके? व्हिच इज़ कॉल्ड द ब्रेन ऑफ़ द इंडियन इकॉनमी? किसी एक का भी आंसर आ गया। सो आई विल मूव ऑन। आई रिक्वेस्ट एवरीवन टू स्टे विद दिस सेशन। यहां पर आपके दो चैप्टर कंप्लीट होने वाले हैं मोशन टॉपिक्स के। वी हैव 10 चैप्टर्स। यस अब्सोलुटली सी क्वीनरी सेक्टर इज द राइट आंसर। बहुत बढ़िया। अमित जी, सुमित जी, अमित, सुमित सागर जी का सही है। बहुत ही बढ़िया। नाउ मूविंग टू द क्लासिफिकेशन ऑन द बेसिस ऑफ़ पोटेंशियल शॉर्ट वीडियोस। गोपाल जी सभी का सही है। सनराइज़ एंड सनसेट सेक्टर के हम अब बात कर रहे हैं। लेट अस सी सम फीचर्स ऑफ़ दिस बिकॉज़ सनराइज़ सेक्टर बार-बार एग्जाम में आता है। तो ग्रीन एनर्जी, आईटी, Fintech, फार्मा, ऑटोमोबाइल, सनसेट सेक्टर में पोस्टल इंडस्ट्री, सीडी, डीडीवीडी ये सब आ जाते हैं। अब सनराइज़ सेक्टर में पोटेंशियल फॉर हाई ग्रोथ है। बट सनसेट सेक्टर में देयर इज़ वेरी लो पोटेंशियल फॉर ग्रोथ। आगे सीडीवीडी में ग्रोथ क्या होगा? वी आर नॉट यूजिंग सीडीवीडी। आजकल हम क्लाउड यूज़ कर रहे हैं। इजंट इट टू स्टोर एवरीथिंग बाय सीडीवीडी? हाई इनोवेशन रहता है इन द सनराइज सेक्टर हाई पब्लिक अवेयरनेस होता है इन द सनराइज सेक्टर ठीक है इनोवेशन भी बहुत हाई रहेगा लाइक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में इतना इनोवेट हो रहा है डेली कुछ नया निकल के आ रहा है गिबली एवरीथिंग ठीक है तो हाई पब्लिक अवेयरनेस है यहां पर पीपल आर वेरी मच अवेयर गिबली मेजर्स का कौन नहीं जानता यहां पर ना कोई इनोवेशन सीडी डीवीडी में क्या इनोवेशन होगा पब्लिक का इंटरेस्ट ही नहीं है सीडी डीवीडी की बात करो पेनड्राइव की बात करो पीपल आर नॉट इंटरेस्टेड व्हाट आर यू टॉकिंग मैन आजकल तो क्लाउड है क्लाउड का जमाना है इट इट अट्रैक्ट्स द इन्वेस्टर्स। यस अबब्सोलुटली लॉन्ग टर्म ग्रोथ यहां पर पॉसिबल है। यहां पर कोई इन्वेस्टर अट्रैक्ट नहीं हो रहा। वंस देयर वाज़ लॉन्ग टर्म ग्रोथ। कैन यू जस्ट क्विकली आंसर दिस क्वेश्चन? व्हिच अमंग द फॉलोइंग इज़ द करेक्ट डेफिनेशन ऑफ़ सनराइज़ सेक्टर मे 2023 का ये क्वेश्चन है। इट इज़ अ सेक्टर व्हिच इंक्लूड्स ऑल दोज़ एक्टिविटीज़ द एंड पर्पस ऑफ़ व्हिच कंसिस्ट ऑफ़ एक्सप्लइटिंग नेचुरल रिसोर्सेज़। सेक्टर व्हिच कवर्स ऑल दोज़ एक्टिविटीज़ कंसिस्टिंग इन वेरिंग डिग्रीज़ ऑफ़ प्रोसेसिंग ऑफ़ नेचुरल रॉ मटेरियल्स। इट इंक्लूड्स ऑल दो एक्टिविटी वि एन इंडस्ट्री दैट एक्सिस्टेड फॉर अ लॉन्ग टर्म दैट इज लेस सक्सेसफुल मेकिंग लेस प्रॉफिट नाउ इट इज वन दैट इज़ स्टिल इन इट्स इनफेंसी बट हैज़ अ पोटेंशियल फॉर सिग्निफिकेंट ग्रोथ इनमें से कौन सा सही जवाब होगा यहां पर वेरी क्विकली यू कैन जस्ट आंसर इन द चैट बॉक्स आई एम वेटिंग फॉर योर आंसर्स सो सनराइज सेक्टर का यहां पर पूछा गया है क्विकली एवरीबडी कैन आंसर दिस क्वेश्चन तो सबसे पहला अगर हम देखें यस वंडरफुल अमित जी राइट आंसर सर बहुत बढ़िया। सबसे पहले अमित पठानिया जी का आंसर आया है। बहुत ही बढ़िया। इट इज़ स्टिल इन इट्स इनफेंसी बट देयर इज़ हाई पोटेंशियल फॉर ग्रोथ। इट इज़ अ सेक्टर व्हिच इंक्लूड्स ऑल दोज़ एक्टिविटीज़ एंड पर्पस ऑफ़ व्हिच कंसिस्ट ऑफ़ एक्सप्लइटिंग नेचुरल रिसोर्सेज। ये क्या है? प्राइमरी सेक्टर की बात कर रहे हैं हम। एकदम फर्स्ट सेक्टर दैट इज़ प्राइमरी। अब प्रोसेस कहां पर होता है? रॉ मटेरियल्स एंड नेचुरल रिसोर्सेज का इन द सेकेंडरी सेक्टर। ओके? यस। तो शुभा जी का भी आंसर एकदम सही है। मेकिंग लेस प्रॉफिट नाउ। व्हाट इज दिस? दिस इज द सनसेट सेक्टर एंड द फोर्थ वन इज़ द सनराइज सेक्टर। सो डी विल बी द राइट आंसर। शॉर्ट वीडियोस आपका भी एकदम सही है। नाउ एग्रीकल्चरल जो प्रोडक्शन है, रेवोलशंस के बारे में हम यहां पर बात कर रहे हैं। वेयर देयर वाज़ अ हज चेंज इन द वेरियस एक्टिविटीज़ वर कैरिड आउट इन द प्राइमरी सेक्टर। स्पेसिफिकली एग्रीकल्चर रिलेटेड जो प्रोडक्ट्स हैं उनमें काफी ज्यादा वेरिएशन करके उस प्रोडक्शन को बढ़ाने की कोशिश की गई है। सबसे पहला है ग्रीन रेवोल्यूशन। ये ग्रीन रेवोल्यूशन मींस ऑल द एक्टिविटीज टेकन केयर विद रिस्पेक्ट टू द एग्रीकल्चर सेक्टर जिससे इस सेक्टर का ग्रोथ हमने जो है करने का कोशिश किया है। रमेश जी अर्चना जी अब्सोलुटली राइट आंसर। अब एमएस स्वामीनाथन जी इज़ कॉल्ड द फादर ऑफ दिस पर्टिकुलर ग्रीन रेवोल्यूशन। इनके द्वारा इस एग्रीकल्चर सेक्टर में बहुत ही ज्यादा वर्क किया गया है। ग्रीन रेवोल्यूशन लाया गया है। अब ग्रीन रेवोल्यूशन इन एग्रीकल्चर मींस व्हाट? हाई ईल्डिंग वैरायटी के सीड्स को यूज़ करना। पहले 100 ग्रेंस आप प्रोड्यूस कर पा रहे थे इन द सेम टाइम एंड द एरिया। नाउ वी आर एबल टू प्रोड्यूस थाउजेंड ग्रेंस। ठीक है? आल्सो गोइंग फॉर द पेस्टिसाइड्स, फर्टिलाइज़र्स इनको यूज़ करना। सो दैट प्रोडक्शन हमारा बढ़ सके। इरीगेशन फैसिलिटीज़ यूज़ करना। ये सब हमने ग्रीन रेवोल्यूशन का पार्ट बनाया। एक्टिविटीज में थोड़े चेंजेस लाकर हम प्रोडक्शन को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। देन वाइट रेवोल्यूशन ऑपरेशन फ्लड जिसके थ्रू मिल्क या डेयरी प्रोडक्ट मिस्टर वर्गिस कुरियन इसके जो है बहुत ही बड़े सेनानी रह चुके हैं। तो वर्गिस पुरियन को फादर ऑफ रेवोल्यूशन कहा जाता है। तो ऐसे ही आप इस स्लाइड को देख सकते हैं। यहां पर ऑल द रेवोल्यूशन से रिलेटेड दिया हुआ है। मोस्टली एग्जाम में वो रेवोल्यूशन का नाम देकर दे विल बी आस्किंग यू कौन से फील्ड में है। एंड फादर कौन है? तो क्विकली लेट अस सी येलो रेवोल्यूशन ऑयल सीड्स ऑयल इज़ येलो इन कलर एंड मिस्टर सैम पित रोडा इसके जो है फादर है ब्लू रेवोल्यूशन फिश एंड एक्वाकल्चर डॉ अरुण कृष्णन इसके फादर हैं ब्लू रेवोल्यूशन बी एंड अरुण कृष्णन ए इस तरीके से आप याद रख सकते हैं गोल्डन रेवोल्यूशन फ्रूट हनी हनी गोल्ड कलर में होता है ना हॉर्टिकल्चर निरपाक टूटे जी यहां पर है गोल्डन फाइबर कौन सा होता है जूट सिल्वर रेवोल्यूशन एग्स फादर कह लो मदर कह लो मिसेज इंदिरा गांधी जी इज़ द फादर ऑफ़ दिस रेवोल्यूशन सिल्वर रेवोल्यूशन कॉटन से रिलेटेड है। पिंक रेवोल्यूशन फार्मासटिकल प्रों्स ऑनियन इनका जो प्रोडक्शन है उसको ग्रो करने से रिलेटेड है। मिस्टर दुर्गेश पटेल के द्वारा ये किया गया है। पिंक रेवोल्यूशन पी फार्मासटिकल पी प्रों्स पी ऑनियन पिंक इन कलर एंड मिस्टर दुर्गेश पटेल पी। ऐसे आप याद रख सकते हैं। हु इज़ द फादर ऑफ़ दिस पर्टिकुलर रेवोल्यूशन? ब्राउन रेवोल्यूशन मिस्टर हीरालाल चौधरी लेदर को नॉन कन्वेंशनल एनर्जी से रिलेटेड रेड रेवोल्यूशन मीट टोमेटो विशाल तिवारी ग्रे रेवोल्यूशन फर्टिलाइजर एवरन रेवोल्यूशन ओवरऑल प्रोडक्शन ऑफ़ एग्रीकल्चर एमएस स्वामीनाथन जी ब्लैक रेवोल्यूशन ब्लैक रेवोल्यूशन पेट्रोलियम राउंड रेवोल्यूशन पोटैटो प्रोटीन एग्रीकल्चर से रिलेटेड ये रेवोल्यूशन था कि एग्रीकल्चरल प्रोडक्शन हमें बना बढ़ाना है एंड ये टर्म नरेंद्र मोदी जी के द्वारा कॉइन किया गया है। नाउ अगर हम सेकेंडरी सेक्टर देखें तो इसमें अह टोटल एंप्लॉयमेंट 24% तो हाईएस्ट एंप्लॉयमेंट आपको पता है कौन से सेक्टर में होता है? सबसे ज्यादा लोग कहां पर एंप्लॉयड हैं? दे आर एंप्लॉयड इन द प्राइमरी सेक्टर एंड स्पेसिफिकली एग्रीकल्चर सेक्टर में सबसे ज्यादा लोग एंप्लॉयड हैं। एंड दिस इज़ अराउंड 40% या उससे ज्यादा पीपल आर एंप्लॉयड इन द एग्रीकल्चर सेक्टर। ठीक है? तो टोटल एंप्लॉयमेंट 24% मैन्युफैक्चरिंग। टोटल एंप्लॉयमेंट अगर हम सेकेंडरी सेक्टर में देखें प्राइमरी में तो 40% है। सेकेंडरी में कितना है? 24% के आसपास है। मैन्युफैक्चरिंग में 12% है। कंस्ट्रक्शन में 8% है। ओके? तो दीज़ आर द डिफरेंट अ जो प्रोडक्शन जो एंप्लॉयमेंट रिलेटेड डेटा। ठीक है? तो यू नीड नॉट रिमेंबर ऑल ऑफ़ दिस बट 40% इन द एग्रीकल्चर सेक्टर एटलीस्ट ये आप याद रख सकते हैं। यस एब्सोलुटली गोपाल जी। नाउ देयर इज दिस इंडेक्स जिससे आपको पता चलता है कि इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में क्या वेरिएशन है। अगर 100 प्रोडक्ट्स बन रहे हैं इन अ ईयर देन इन द नेक्स्ट ईयर आर वी हैविंग 200 प्रोडक्ट्स इस तरीके से देखा जाता है। तो इंडेक्स ऑफ़ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इज़ द नेक्स्ट थिंग। ठीक है? ठीक है? इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन ये एक इंडेक्स है जिसमें इंडस्ट्री में प्रोडक्शन किस तरीके से ग्रो हो रहा है। इस तरीके से आप ये चीज आपको पता चलती है। द चेंजेस इन द वॉल्यूम ऑफ़ प्रोडक्शन एंड इसमें बेस ईयर 2010-1 का है। एंड मैन्युफैक्चरिंग माइनिंग इलेक्ट्रिसिटी ये तीन इंपॉर्टेंट ऐसे इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के पैराटर्स हैं जिनको अगर आप देखो तो यू विल बी गेटिंग एन आईडिया कि इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन कितना हुआ है। तो मैन्युफैक्चरिंग यानी कि मैन्युफैक्चरिंग डिफरेंट प्रोडक्ट्स का मैन्युफैक्चरिंग किस तरीके से हुआ? माइनिंग इज द नेक्स्ट वन जहां पर जो डिफरेंट अ रॉ मिनरल्स है उनको निकाला जाता है। इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर इज़ दैट जहां पर हम इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन को और भी ज्यादा बढ़ावा दे रहे हैं। ठीक है? तो माइनिंग सेक्टर अह इलेक्ट्रिसिटी इज़ समथिंग दैट इज़ रिक्वायर्ड फॉर द ऑल काइंड ऑफ़ प्रोडक्शन एक्टिविटीज़। इजंट इट? तो माइनिंग सेक्टर इस पर्टिकुलर इंडेक्स में 14% का कंट्रीब्यूशन देता है। मैन्युफैक्चरिंग 77 इलेक्ट्रिसिटी 7% का कंट्रीब्यूशन देता है। ओके? तो इस तरीके से हम देख सकते हैं इस इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में ये सारे कंट्रीबशंस इस के थ्रू हमें पता चलता है कि कितना प्रोडक्शन पिछले साल हुआ था। इस साल कितना हुआ। एंड वी कैन कंपेयर बोथ ऑफ़ दोज़। ठीक है? तो हाईएस्ट वेटेज इसमें किसका है? मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स का सबसे हाईएस्ट वेटेज है ये। एनएसओ के द्वारा कैलकुलेट किया जाता है। प्राइमरी सेक्टर के एग्जांपल्स हमने देख लिए। सेकेंडरी सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स, स्माल स्केल यूनिट्स, मेजर एंटरप्राइजज़ ये सब आ जाते हैं। टर्शरी सेक्टर में बैंकिंग, इंश्योरेंस, कम्युनिकेशन आ जाता है व्हिच वी हैव ऑलरेडी सीन। और एग्रीकल्चर रिलेटेड इसे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी कहा जाता है। इसे सर्विस सेक्टर भी कहा जाता है टर्शरी सेक्टर को। प्रोवाइड्स रॉ मटेरियल्स। जो भी रॉ मटेरियल्स है यहां पे ट्रांसफॉर्म प्रोसेस किया जाता है। यहां पर उन चीजों को जो है सर्विज उससे रिलेटेड प्रोवाइड किए जाते हैं। प्राइमरी सेक्टर मोस्टली अनऑर्गेनाइज्ड लाइक एग्रीकल्चर में क्या ऑर्गेनाइज्ड कुछ भी नहीं है। उनके जॉब टर्म्स भी फिक्स नहीं है। कभी काम किया कभी नहीं किया। इस तरीके से होता है। बट सेकेंडरी सेक्टर इज़ ऑर्गेनाइज्ड। एंड यहां पर मोर एफिशिएंट प्रोडक्शन मेथड्स को यूज़ किया जाता है। टर्शरी सेक्टर इज़ अह वेल ऑर्गेनाइज़्ड। लाइक आप बैंक्स में जाते हैं। बैंकिंग में क्या है? बहुत ही अच्छा पूरा सेटअप रहेगा। आपके कंप्यूटरटर्स पूरा केबिंस बने हुए हैं। एवरीथिंग तो वेल ऑर्गेनाइज्ड होता है। मोस्ट डेवलपिंग कंट्री सच एज इंडिया सेक्टर में सबसे हाईएस्ट लार्ज प्रोपोर्शन ऑफ द पीपल आर वर्किंग इन द प्राइमरी सेक्टर। लाइक 40% या उससे ज्यादा के लोग जो है प्राइमरी सेक्टर में वर्क करते हैं। ओके? सो दिस इज़ ऑल अबाउट द चैप्टर नंबर टू। नाउ मूविंग टू चैप्टर नंबर थ्री इकोनॉमिक प्लानिंग इन इंडिया एंड नीति आयोग। ठीक है? चैप्टर टू से भी काफी क्वेश्चंस आते हैं। एंड आई हैव गिवेन ऑल द आईडिया टू यू कि कहां-कहां से क्वेश्चन आते हैं। एंड वी हैव सीन दोज़ थिंग्स। अब थर्ड चैप्टर में हम देखते हैं कि किस तरीके से इंडियन इकॉनमी को प्लान किया गया था। ठीक है? तो यहां चैप्टर नंबर टू तक किसी के कोई डाउट्स है इफ यू हैव एनीथिंग टू आस्क यू कैन जस्ट लेट मी नो इन द चैट बॉक्स। यू कैन से यस व्हाई एंड उसके बाद आप अपना क्वेश्चन जो भी है पूछ सकते हैं। नाउ चैप्टर थ्री इकोनॉमिक प्लानिंग इन इंडिया नीति आयोग। तो इकोनमिक प्लानिंग इंडिया में किस तरीके की थी? नीति आयोग क्या है? इसको क्यों एस्टैब्लिश किया गया? ये सब हम देखेंगे वेरी क्विकली। लेट अस सी। तो किसी भी कंट्री में इकोनॉमिक प्लानिंग जो किया जाता है, वो क्यों किया जाता है? व्हाट आर द ऑब्जेक्टिव्स? इकोनॉमिक ग्रोथ लाने के लिए, पॉवर्टी कम करने के लिए, एंप्लॉयमेंट बढ़ाने के लिए। इजंट इट? देयर आर डिफरेंट काइंड्स ऑफ इकोनमिक प्लानिंग दैट कैन बी डन। अब अगर आप देखो इंडिया में नॉर्थ ईस्ट से रिलेटेड प्लानिंग अलग होगी। बिकॉज़ वहां पर ट्राइबल एंड इंडजीनस जो एक्टिविटीज है एंड कल्चर है वो बहुत ज्यादा है। बट इफ यू सी साउथ साउथ इंडिया तो इट हैज़ वेरी क्लोज लिंक्स विद अदर कंट्रीज बिकॉज़ वो कोस्टल एरिया में आता है। तो प्लानिंग अलग होगी डिफरेंट रीजंस की इन इंडिया। नेशनल प्लानिंग इज़ टोटली डिफरेंट। पॉलिटिकल सेटअप जो है यहां पर अलग है। फेडरल स्टेट और लोकल सेटअप यहां पर है। ओके? तो पॉलिटिकल सेटअप यहां पर पॉलिटिकल जो प्लानिंग है वो भी अलग होगा। फेडरल मतलब पूरे इंडिया का स्टेट मतलब स्टेट्स का लोकल मतलब लोकल प्लानिंग। ठीक है? अलग-अलग होगा। इजंट इट? किसी सिटी का प्लानिंग पुणे का प्लानिंग एकदम अलग है कंपेयरिंग टू तिरुपति कंपेयरिंग टू एनी अदर एनी अदर सिटी लाइक दिल्ली। टोटली डिफरेंट इजंट इट? दिल्ली के लिए तो अलग ही प्लानिंग होगी। अब पार्टिसिपेशन के बेसिस पर प्लानिंग दो टाइप्स की है। ऐसी प्लानिंग जो टॉप से सारे डिसीजंस आते हैं। लाइक सेंट्रल गवर्नमेंट विल डिसाइड स्टेट गवर्नमेंट्स एंड डिस्ट्रिक्ट सिटीज दे विल बी इंप्लीमेंटिंग दैट पर्टिकुलर प्लान। तो दिस इज़ अ सेंट्रलाइज्ड प्लानिंग। डिसेंट्रलाइज्ड प्लानिंग जहां पर हम डिफरेंट डिस्ट्रिक्ट्स, विलेजेस इन सभी से कंसल्टेशन करके देन वी विल बी डिसाइडिंग वेदर दैट इज़ अ व्हाट इज़ टू बी इंप्लीमेंटेड। ठीक है? तो दैट इज़ व्हाई दिस सेंट्रलाइज़्ड प्लानिंग इज़ कॉल्ड द टॉप डाउन अप्रोच वेयर ऐज़ द डिसेंट्रलाइज़्ड प्लानिंग इज़ कॉल्ड द बॉटम अप्रोच। ठीक है? इस तरीके से इसे देखा जाता है। नाउ अपार्ट फ्रॉम दैट वी हैव टेंपरल प्लानिंग यानी कि लॉन्ग या शॉर्ट टर्म प्लानिंग यहां पर है। अपार्ट फ्रॉम दैट वी हैव द प्लानिंग वेयर गवर्नमेंट का रोल कहीं पे ज्यादा है, कहीं पे कम है। ओके? सो अगर हम बैंकिंग सेक्टर की बात करें तो आरबीआई मेक्स ऑल डिसिशनंस एंड उन्हें बैंक्स को मोस्टली इंप्लीमेंट करना होता है। तो इंपपरेटिव प्लानिंग इज़ कि ये करो ये करो ये करो। ऐसे कोई आपको बताता है दैट इज़ कॉल्ड इंपरेटिव बिहेवियर। इंडिकेटिव मतलब बस इंडिकेट कर रहे हैं। आप ये भी कर सकते हैं। आप ये भी कर सकते हैं। यू कैन चूज़ योर ऑप्शंस। ये इंडिकेटिव प्लानिंग है। ठीक है? तो दीज़ आर द वेरियस टाइप्स ऑफ़ प्लानिंग। एनी डाउट यू कैन जस्ट टेल मी इन द चैट बॉक्स। नाउ अपार्ट फ्रॉम दैट वी हैव ये प्लानिंग। कोई भी प्लान को इंप्लीमेंट करने के लिए आपको चाहिए क्या? व्हाट डू यू एक्सक्टली नीड? यू नीड पैसा इजंट इट? सो द रिसोर्सेज दैट आर रिक्वायर्ड आर द मनी कहां-कहां से आ रहा है इन प्लांस को इंप्लीमेंट करने के लिए? ये हमारा मेन कंसर्न है। तो डोमेस्टिक बजट यानी कि हमारे बजट से जो इनकम हो रहा है, दैट इज़ द फर्स्ट थिंग इट। एंड अपार्ट फ्रॉम दैट जब भी गवर्नमेंट के पास मनी की कमी होती है, देन गवर्नमेंट हैज़ द डेफिसिट। डेफिसिट का मतलब क्या है? व्हनेवर द गवर्नमेंट लेट से गवर्नमेंट का जो एक्सपेंडिचर है दैट इज ₹100 बट व्हाटएवर द गवर्नमेंट इज अर्निंग इनकम ऑफ द गवर्नमेंट इज ₹5000 ठीक है तो इन दोनों का जो गैप है दैट इज कॉल्ड द डेफिसिट गैप कितना है ₹10000 में से ₹5000 तो हमने कमा लिया बट वी हैव टू स्टिल अर्न ₹5000 ये पैसा कहां से आएगा इदर यू विल बोरो या फिर अपने बैंक बैलेंस से निकालोगे तो गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया का बैंक बैलेंस कहां पर होगा? कैन यू जस्ट टेल मी इन द चैट बॉक्स वेरी क्विकली? तो ये जो डेफिसिट है उसे फाइनेंस करने की जरूरत है, पैसा लाने की जरूरत है। तो वो पैसा आएगा कहां से? इदर द गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया इज़ गोइंग टू बोरो या फिर इट इज़ गोइंग टू टेक द मनी फ्रॉम द आरबीआई। इजंट इट? आरबीआई लोन में भी देता है। एंड आरबीआई के पास जो गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का अकाउंट है वहां से भी आपको पैसा मिलता है। नाउ अपार्ट फ्रॉम दैट फॉरेन असिस्टेंस ऐसा भी हो सकता है ना कि कोई और कंट्री से लोन ले रहे हैं या फिर फॉर एग्जांपल कोविड के टाइम पे इंडिया ने क्या किया था? बहुत सारे कंट्रीज को फ्री में वैक्सीनंस प्रोवाइड किए जा किए थे। दैट इज कॉल्ड द फॉरेन असिस्टेंस। ठीक है? आर यू फॉलोइंग? यू कैन जस्ट टेल मी इन द चैट बॉक्स। यस। व्हाई जो भी है आप टाइप करके मुझे बता सकते हैं। आप फॉलो कर रहे हैं कि नहीं? वो तो क्वेश्चंस से को आंसर करके तो पता चल ही जाएगा। इजंट इट? यस एक्सटर्नल फाइनेंसिंग इज़ आल्सो देयर। अब्सोलुटली करेक्ट। दैट इज़ व्हाट इज द फॉरेन असिस्टेंस पार्ट। नाउ वनेंट थिंग दैट आई वांट टू टेल यू कि इन तीनों में से वन टू एंड थ्री। सबसे ज्यादा मनी पैसा कहां से आता है? सबसे ज्यादा पैसा आता है डोमेस्टिक बजटरी सोर्सेस से। यानी कि गवर्नमेंट का जो इनकम है, इनकम कहां-कहां से आता है गवर्नमेंट को? टैक्स, नॉन टैक्स इनकम। ठीक है? डिफरेंट टाइप्स ऑफ़ टैक्सेस वी आर पेइंग इनकम टैक्स जीएसटी ऑल ऑफ़ दैट नॉन टैक्स इनकम इज़ गवर्नमेंट इज़ अर्निंग फ्रॉम डिफरेंट सोर्सेस आरबीआई का जो आप भी बैंक्स में काम कर रहे हैं पब्लिक सेक्टर बैंक्स में तो उनका भी यस थैंक यू सो मच सुमित जी गोपाल जी थैंक यू तो आप बैंक्स में काम कर रहे उनका जो रेवेन्यू है वो डिविडेंड के फॉर्म में गवर्नमेंट के पास जाता है तो दैट डिविडेंड इज़ आल्सो सम सॉर्ट ऑफ़ इनकम नाउ वेरी क्विकली लेट अस डिस्कस ऑल द फाइव ईयर प्लान्स दैट आर देयर तो इसके लिए मैंने आपके लिए एक टेबल बनाया है यहां पर क्विकली उसके जो मोस्टेंट फैक्ट्स है उनको डिस्कस करने के लिए। तो यू कैन सी ओवर हियर द फर्स्ट फाइव ईयर प्लान वास बेस्ड ऑन समथिंग कॉल्ड द हैरो दोमार मॉडल। तो हैरो दोमार मॉडल इज दैट मॉडल जहां पर हैरोदन डोमर नाम के जो ये इकोनॉमिस्ट उन्होंने ये कहा कि व्हनेवर वी आर प्लानिंग वी शुड हैव वन फोकस एरिया एंड साथ के साथ हमारा जो सेविंग्स है इंडिया के वो इन्वेस्टमेंट उसको हम इन्वेस्ट करेंगे। फिर कैपिटल एक्यूमुलेट होगा। का प्रॉफिट्स आएंगे एंड आउटपुट एंड इनकम हमें मिलेगा। 1951 टू 56 है दोमान मॉडल वाज़ अह समथिंग बिक व्हिच विथ व्हिच द फाइव ईयर प्लानिंग स्टार्टेड। ठीक है? तो मैंने आपको ऑलरेडी बताया था कि फाइव इयर्स के लिए हम प्लानिंग कर रहे हैं। एंड ये चीज 1951 से स्टार्ट की गई थी इंडिया में व्हिच वर द मेजर प्ल्स दैट वर टेकन अप। अब ईच प्लान में हमारा एक फोकस एरिया रहेगा। यह भी मैंने आपको कहा था। तो सबसे पहले प्लान में फोकस एरिया का कौन सा अह जो फील्ड है इसमें स्कोप है। तो एग्रीकल्चर सेक्टर में फोकस करने का सबसे ज्यादा रिक्वायरमेंट था। बिकॉज़ वी डिड नॉट इवन हैड मनी टू फीड आवर ओन पीपल। देन सेकंड फाइव ईयर प्लान में नेहरू महलनोबिस प्लान जो है इसे कहा जाता था। बिकॉज़ यहां पर हो ये रहा है कि नेहरू जी का विज़न टू इंडस्ट्रियलाइज द कंट्री दैट वाज़ कमिंग अप क्विक। ठीक है? ठीक है? तो 1956 के बाद फाइव इयर्स के लिए हमने ये प्लान को इंप्लीमेंट किया। ऑब्वियसली बिकॉज़ दिस इज़ बिकॉज़ ऑफ़ व्हिच इट इज़ कॉल्ड द फाइव ईयर प्लान। तो नेहरू एंड वे महलन ओोबिस कौन है? महलन ओोबिस वाज़ द फादर ऑफ इंडियन स्टैटिस्टिक्स। तो आज भी इन्हें फादर ऑफ़ इंडियन स्टैटिस्टिक्स कहा जाता है। इन दोनों ने मिलके ये प्लानिंग किया था। जहां पे हैवी इंडस्ट्रियलाइजेशन से रिलेटेड ये पूरा प्लान था कि इंडस्ट्रीज इंडिया में ग्रो करेंगे। अब नेक्स्ट थर्ड फाइव ईयर प्लान आप देख सकते हैं। सेल्फ रिलायंट एंड सेल्फ जनरेटिंग इकॉनमी का था। जहां हमारा हमने 1961 टू 66 ये प्लान को इंप्लीमेंट किया था। स्टेट इलेक्ट्रिसिटी एंड एजुकेशन बोर्ड्स को इस्टैब्लिश किया। हमारा ऐ तो था कि हम 5.6% जीडीपी नेशनल इनकम का ग्रोथ रेट अचीव करेंगे। बट वी अचीव्ड ओनली 2.8%? कैन यू जस्ट टेल मी व्हाट इज़ द रीज़न फॉर दैट? क्या रीजन रहा होगा कि हमें 1961 से 66 के बीच थर्ड फाइव ईयर प्लान के टाइम पर बहुत ज्यादा जो है अर्निंग नहीं कर पाए। व्हाट इज द रीज़न फॉर दिस? तो द मेन रीज़ वाज़ आर वेरी देयर नेबर्स जो आज तक हमें परेशान करते हैं। उन्होंने वॉर डिक्लेअ कर दिया था इंडिया के साथ। ओके? तो इंडो चाइना वॉर इन 1962, इंडोपाकि वॉर इन 1965। वॉर के टाइम पे पता है ना पैसे सारे आपके कहां जाते हैं डिफेंस को इंप्रूव करने के लिए। तो वी ट्राइव्ड फॉर इंप्रूविंग द डिफेंस इन इंडिया एंड 19 66 के बाद मल्टीपल वॉारर्स। यस अमित जी अब्सोलुटली करेक्ट। बहुत बढ़िया अमित जी। बहुत बढ़िया सुमित जी। ठीक है अबब्सोलुटली करेक्ट। तो 66 के बाद हमने थोड़ी सी जो है वी स्टेप्ड बैक एंड वी सेड कि फाइव ईयर प्लान अब इंप्लीमेंट नहीं होगा। सो वी वेंट फॉर अ प्लान हॉलिडे जस्ट लाइक मिस्टर बीन गोज़ टू हॉलिडे। हम प्लान हॉलिडे पे गए जिसे हम रोलिंग प्लान भी कहते हैं। यानी कि फाइव इयर्स का प्लानिंग नहीं किया हमने। वी डीड ओनली वन ईयर का प्लानिंग 1966 टू 69। कितने वन ईयर प्लांस हमने यहां पर लेकर आए? थ्री वन ईयर प्लान। ठीक है? एट दैट टाइम फ़ूड एंड वाटर का शॉर्टेज तो नेचुरल है। होना ही है। अब फोर्थ फाइव ईयर प्लान 1969 में फिर से हमने हिम्मत बांध दिया। एंड वी स्टार्टेड 1969 टू 74। फोर्थ फाइव ईयर प्लान। ग्रोथ स्टेबिलिटी सेल्फ रिलायंस वास समथिंग दैट वी वर फोकसिंग ऑन एंड यहां पर फैमिली प्लानिंग 14 बैंक्स को नेशनलाइज किया गया जो आप मॉड्यूल सी के डिस्कशन में परसों देखेंगे एंड यहां पर एक ये सारे प्लांस को इंप्लीमेंट करने के लिए देयर वाज़ वन बॉडी दैट वाज़ फॉर्म्ड व्हिच इज़ कॉल्ड द प्लानिंग कमीशन। तो इस प्लानिंग कमीशन के द्वारा ये सारे प्लांस को इंप्लीमेंट किया जा रहा था। बट ये प्लान सही तरीके से इंप्लीमेंट हो नहीं रहे थे। और कई बार जो फंड्स एलोकेशन है फॉर एग्जांपल इफ आई आस्क यू अ कितना किसको कितना ज्यादा फंड्स मिलने चाहिए गोवा को ज्यादा फंड्स मिलने चाहिए टू इंप्लीमेंट द प्लान या फिर यूपी को ज्यादा फंड्स मिलने चाहिए टू इंप्लीमेंट द प्लान व्हाट डू यू थिंक व्हाट वुड बी द राइट थिंग टू डू ओवर हियर ओके तो ऑब्वियसली ज्यादा फंड्स यूपी को मिलने चाहिए बट प्लानिंग कमीशन वाज़ नॉट डूइंग दीज़ थिंग्स इन द प्रॉपर वे तो दैट इज़ व्हाई डॉक्टर डी आर गदगिल नाम के व्यक्ति को लाया गया एंड उन्होंने एक फार्मूला दिया कि भाई प्लानिंग कमीशन ये फार्मूला यूज़ करो एंड देन गो फॉर एलोकेटिंग द रिसोर्सेज। तो गदगिल फार्मूला केम इन द फोर्थ फाइव ईयर प्लान 1969 टू 74। अब फिफ्थ फाइव ईयर प्लान में आ गए थे हमारे इंदिरा गांधी जी। और इनके टाइम पीरियड में हमें पता है कि इंडिया में इमरजेंसी लगी थी। तो दैट वाज़ अ टाइम ऑफ़ 1974 टू 79 के बीच। एंड इमरजेंसी के बाद द गवर्नमेंट चेंज डता गवर्नमेंट आई। दैट इज़ व्हाई टू इयर्स का फिर से हमने मिस्टर बीन प्लान सॉरी रोलिंग प्लान जो है वो लेकर आए यानी कि प्लान हॉलिडे पे हम गए जस्ट लाइक मिस्टर बन गोज़ टू हॉलिडे वी आल्सो वेंट फॉर द प्लान हॉलिडे अब सिक्स्थ फाइव ईयर प्लान के टाइम पर फिर से इंदिरा गांधी जी आ गए एंड इस टाइम पे इन्होंने कहा गरीबी हटाओ वुड बी माय नारा टू विन द इलेक्शंस तो इन्होंने ये किया 1980 85 उनका जो है फाइव ईयर प्लान का जो थॉट प्रोसेस था वो सब चला अब सेवंथ फाइव ईयर प्लान के टाइम पर करप्शन वन ऑफ द मेन प्रॉब्लम्स। यस अब्सोल्यूटली राइट एट दैट टाइम वी आर नॉट डिबेटिंग ऑन व्हाट हैपेंड बट आवर पर्सपेक्टिव इज़ इकोनॉमिक नॉट द पॉलिटिकल इकोनॉमिक्स डिस्कस करते हैं इससे रिलेटेड। राइट? तो फूड वर्क एंड प्रोडक्टिविटी 1985 टू 90 के टाइम पर हमने ये इसमें ग्रोथ करने की कोशिश की। बट हमारा एक ग्रोथ तो हो ही नहीं रहा था। नाउ इफ यू सी द रेट ऑफ ग्रोथ दैट वाज़ अचीव्ड बाय दी डिफरेंट एट दिस एट द डिफरेंट टाइम्स व्हाट इज़ द रेट ऑफ़ ग्रोथ दैट इज़ अचीव्ड ओवर हियर व्हाट कैन वी से 3.6% 4.3 *8% 3.3% ये सारा 3.5 से 4% के आसपास नहीं है। सो दैट इज़ व्हाई हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ टर्म वाज़ कॉइ बाय हुम। आप थ्री लेटर्स में मुझे बता सकते हैं क्या हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ किसके द्वारा? कॉइन किया गया था। प्रोफेसर डश कृष्णन कैन यू जस्ट टेल मी इन द चैट बॉक्स वेरी क्विक। तो हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ इंडिया का कैरेक्टरिस्टिक रेट ऑफ ग्रोथ है। वो हमने प्रूव भी कर दिया। थ्री से फोर के बीच ही अटका हुआ है। बट 1980 के बाद ये थोड़ा ग्रो होना शुरू हुआ। 5.76% एंड अगेन इन 1992 वी केम अप विद टू रोलिंग प्लांस। प्लान हॉलिडे लेकर आए। अब 1990 से 1992 के बीच में इंडिया में बैलेंस ऑफ़ पेमेंट क्राइसिस यानी कि डॉलर्स वाला क्राइसिस हुआ था। बिकॉज़ ऑफ़ व्हिच वी कुड नॉट कम अप विद फाइव ईयर प्लान। ठीक है? दैट इज द थिंग वी कैन से ओवर हियर। यस राज कृष्णन प्रोफेसर राजन एब्सोलुटली करेक्ट। स्वर्ण लता जी का आंसर एकदम सही है। बाकी लोग भी प्लीज आंसर कर सकते हैं। राज सर यस अबब्सोलुटली गोपाल जी। नाउ एथ फाइव ईयर प्लान वो था जब हमने यह जो रोलिंग प्लान है 1990 से 92 के बीच इंडिया में क्या होता है रामकृष्णन नहीं राजन ठीक है प्रोफेसर राजन ठीक है राज नाम तो सुना होगा राइट रोलिंग प्लान टू इयर्स के लिए हम लेकर आए 199291 बिकॉज़ इंडिया में गवर्नमेंट अनस्टेबिलिटी थी और हम फाइनशियल इमरजेंसी के तरफ आगे बढ़ रहे थे बट गए नहीं फाइनेंसियल क्राइसिस में ही वो रुक गया ओके आफ्टर दैट वी इंप्लीमेंटेड व्हिच रिफॉर्म्स कैन यू टेल मी इन थ्री लेटर्स कि कौन सा रिफॉर्म्स हमने इंप्लीमेंट किया आफ्टर द 1991 क्राइसिस? तो यहां पर गदगिल मुखर्जी फार्मूला तो गदगिल फार्मूला जो दिया गया था ना उसे मॉडिफाई किया गया। एंड ये मुखर्जी उसमें ऐड हो गए जिन्होंने मिलकर ये फार्मूला दिया। अब ये मुखर्जी कौन है वो भी आप बता सकते हैं क्या ये पिक्चर देख के? तो ग्रोथ रेट वाज़ 6.8 काफी हाई ग्रोथ। सोशल जस्टिस नाइंथ फाइव ईयर प्लान का यहां पर है यस राज सर। तो सोशल जस्टिस नाइन फाइव ईयर प्लान का हमारा मेन एम था वेयर वी थॉट कि एटलीस्ट बेसिक मिनिमम सर्विज तो मिलने ही चाहिए। स्वर्णलता जी अमित जी अबब्सोलटली करेक्ट आंसर्स वंडरफुल। ठीक है? तो अब ये मिनिमम सर्विज इंक्लूडिंग ड्रिंकिंग वाटर प्राइमरी हेल्थ न्यूट्रिशन सपोर्ट एजुकेशन पब्लिक हाउस एंड कनेक्टिविटी पीडीएस ऑल ऑफ़ दिस आर समथिंग दैट वी वांटेड टू प्रोवाइड टू पीपल। 5.6 4% का ग्रोथ जो है हम यहां पर यस प्रणव मुखर्जी वंडरफुल वंडरफुल वंडरफुल प्रणव दा ओके लेट प्रणव दा और ये जो है हमारे इंडिया के प्रेसिडेंट रह चुके हैं अबब्सोलुटली सुमित जी राइट आंसर एलपीजी इज़ आल्सो द राइट आंसर वी केम विद द एलपीजी रिफॉर्म्स वंडरफुल देन 10थ फाइव ईयर प्लान के बाद मॉनिटरेबल टारगेट्स हम लेकर आए कि हां जो हमने किया वो एटलीस्ट मॉनिटर तो करें एंड गवर्नेंस हमारा जो है मोस्टेंट फीचर था हमारे हमारे 10थ फाइव ईयर प्लान के गवर्नमेंट के जो एक्टिविटीज़ है वो सही तरीके से है या नहीं 2002 टू 7 एंड 8% ग्रोथ वी अह एम्ड बट वी अचीव्ड 7.6 11 फाइव ईयर प्लान में इंक्लूसिव ग्रोथ इंक्लूजन मींस इकोनमी लिविंग कंडीशंस पीपल का इक्वलिटी एनवायरमेंट सब चीजों को साथ में लेकर चलना दैट इज़ कॉल्ड इंक्लूसिविटी तो इस टाइम पे 9% ग्रोथ एम किया हमने 8% अचीव किया 12th फाइव ईयर प्लान के बाद हमने कहा नमस्कार भाई अब हम ये फाइव ईयर प्लानिंग करना नहीं है तो 2015 में आती है एक वेरी वाइब्रेंट ऑर्गेनाइजेशन ेशन ऑन फर्स्ट जनवरी एंड दिस वाइब्रेंट ऑर्गेनाइजेशन का नाम पता है आपको? इट इज़ कॉल्ड द नीति आयोग व्हिच हैज़ रिप्लेस्ड द प्लानिंग कमीशन। जिस जिसने ये सारे प्लांस को इंप्लीमेंट किया। उस प्लानिंग कमीशन को नीति आयोग ने रिप्लेस कर दिया। कब आई थी नीति आयोग? फर्स्ट जनवरी 2015। विल यू बी एबल टू रिमेंबर एंड द ग्रोथ रेट दैट वी अचीव्ड वाज़ 8%। नाउ नीति आयोग डिज़िंग पॉलिसी एंड प्रोग्राम फ्रेमवर्क इसका मेन ऐ है मॉनिटर इवैल्यूएट भी करना। थिंक टैंक यानी कि यहां पे एक्सपर्ट्स है हु विल बी हेल्पिंग डिज़ द पॉलिसी। ठीक है? नीति आयोग कुछ भी इंप्लीमेंटेशन नहीं करेगा प्लानिंग कमीशन की तरह। इट विल बी ओनली हेल्पिंग टू डिजाइन द पॉलिसीज एंड गिव रिकमेंडेशंस एंड सजेशंस टू द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एंड अदर गवर्नमेंट्स कि कैसे उन्हें इन पॉलिसीज को इंप्लीमेंट करना है। आल्सो यंग माइंड्स को जो है द साइंटिफिक टेंपरामेंट उनमें ग्रो करने के लिए अटल टिंकरिंग लैब्स जैसे इंपॉर्टेंट इनिशिएटिव्स भी ये लेकर आए हैं। आल्सो फ़स्टरिंग कोऑपरेटिव फेडरलिज्म इज़ समथिंग दैट इज़ देंट पार्ट ऑफ़ नीति आयोग। कोऑपरेटिव फेडरलिज्म मींस जो स्टेट्स एंड स्टेट्स के बीच का रिलेशनशिप है, सेंटर एंड स्टेट्स के बीच का रिलेशनशिप है, इसे और बेटर बनाना है। अपार्ट फ्रॉम दैट वी हैव द कंपोज़िशन ऑफ़ द नीति आयोग जहां पर हम ये कह सकते हैं नीति आयोग के जो हेड हैं, चेयर पर्सन है वो कौन है? प्राइम मिनिस्टर ऑफ़ इंडिया। ओके? विल यू बी एबल टू रिमेंबर। अब नीति आयोग देखिए इसमें टॉप डाउन अप्रोच है या बॉटम अप्रोच है। वी हैव आलरेडी डिस्कस दिस थिंग। टॉप डाउन मीन सेंटर विल डिसाइड ऑल विल इंप्लीमेंट। ये प्लानिंग कमीशन का पार्ट था। ओके? बॉटम अप में और ऑल द नीचे के जो यूनिट्स है लाइक डिस्ट्रिक्ट स्टेट्स दे ऑल विल बी आस्क्ड एंड देन एट द टॉप द इंप्लीमेंटेशन ऑफ़ दैट थिंग इज़ वन डाउट नेगेटिव मार्किंग नहीं है। क्वेश्चंस अटेम्प्ट करना सही रहेगा। यस। नेगेटिव मार्किंग अभी भी नहीं है। तो सारे क्वेश्चंस अटेम्प्ट करना सही रहेगा। 100 आउट ऑफ़ 100 सारे क्वेश्चंस अटेम्प्ट करिए। ठीक है सागर जी। ना इस यह चीज कैसे इंश्योर किया जा रहा है? यस प्राइम मिनिस्टर ये नीति आयोग में इंश्योर किया जा रहा है थ्रू अ गवर्निंग काउंसिल ऑल द स्टेट्स के चीफ मिनिस्टर्स एंड लेफ्टिनेंट गवर्नर्स ऑफ़ ऑल द यूनियन टेरिटरीज उन्हें डिसीजन मेकिंग का पार्ट बनाया जा रहा है बिकॉज़ गवर्निंग काउंसिल इज़ द टॉप डिसीजन मेकिंग बॉडी इन देन नीति आयोग रीजनल काउंसिल्स भी है लाइक नॉर्थ ईस्ट के लिए अलग साउथ सदर्न स्टेट्स के लिए अलग बॉटम अप्रोच वंडरफुल सुमित जी एंड अदर्स आल्सो आई थिंक यू हैव अंडरस्टुड कि ये बॉटम अप्रोच है नीति आयोग का मेंबर्स फुल टाइम मेंबर्स पार्ट टाइम मेंबर्स एंड एक्स ऑफिशियल मेंबर्स लाइक फोर काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स लाइक हेल जो होम मिनिस्टर है, फाइनेंस मिनिस्टर ये सब मेन काउंसिल ऑफ़ मिनिस्टर्स हैं प्राइम मिनिस्टर के। तो उन सभी को इस नीति आयोग का पार्ट बनाया गया है। स्पेशल एक्सपर्ट्स, सीईओ ऑल ऑफ़ दीज़ आर आल्सो पार्ट ऑफ़ द नीति आयोग। कैन यू जस्ट क्विकली टेल मी द आंसर फॉर दिस रैपिड फायर। लेट्स सी हु आंसर्स इट राइट? हु अमंग द फॉलोइंग वाज़ द पर्सन ऑफ़ नीति आयोग? व्हेन इट चेयर पर्सन ऑफ नीति आयोग व्हेन इट वास एस्टैब्लिश। ठीक है? राइट, व्हाट विल बी द आंसर फॉर दिस? आई एम वेटिंग फॉर योर आंसर माय डियर फ्रेंड्स। ओके? यस। सो द करेक्ट आंसर ओवर हियर इज बी प्राइम मिनिस्टर एंड रैपिड फायर के विनर अगेंस्ट सुमित एंड अमित जी हैं। उनको हराइए कोई। ठीक है? नाउ मूविंग अहेड देयर इज़ अ स्ट्रेटजी डॉक्यूमेंट। इंडिया जब 75 इयर्स का हुआ था ऑन 2018 इंडिया वाज़ इंडिया के किस तरीके से आगे बढ़ेगा इससे रिलेटेड ये डॉक्यूमेंट लाया गया था। व्हिच इज़ कॉल्ड स्ट्रेटजी डॉक्यूमेंट फॉर न्यू इंडिया एट 75 गिवेन बनी थी। आयोग 41 एरियाज़ को आइडेंटिफाई किया गया। एंड फोर मेन पिलर्स के थ्रू इंडिया आगे बढ़ेगा। इस तरीके से कहा गया था। फोर मेन थिंग्स वी हैव टू कीप इन माइंड। ड्राइवर्स क्या चीजें इंडिया के इकॉनमी को ड्राइव कर रहे हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर कैसे डेवलप किया जा सकता है? कैसे सबको सबका साथ सबका विकास किया जा सकता है? एंड गवर्नमेंट किस तरीके से इन एक्टिविटीज को और बेटर तरीके से कर सकती है गवर्नेंस के थ्रू। दीज़ आर द फोर पिलर्स एंड 41 एरियाज इसमें आइडेंटिफाई किए गए। नाउ प्लीज टेल मी अभी का जो टाइम पीरियड है 2018 से लेके 2047 के बीच इसे हम क्या कह रहे हैं एस पर द इंडियन गवर्नमेंट कौन सा काल कह रहे हैं कैन यू जस्ट टेल मी इन द चैट बॉक्स दिस कैन बी आस्क्ड इन द एग्जाम सो 2018 से 2047 के बीच का टाइम पीरियड को हम क्या कह रहे हैं 2018 में इंडिया बिकम 75 इयर्स एंड47 में इंडिया विल बी 100 इयर्स फ्रॉम इंडिपेंडेंस ओके तो इस पर्टिकुलर टाइम पीरियड को हम क्या कह रहे हैं टेल मी इन द चैट बॉक्स मूविंग टू चैप्टर फोर रोल ऑफ़ प्रायोरिटी सेक्टर एंड एमएसएमईस। तो प्रायोरिटी सेक्टर का मतलब क्या है? अगर हम बैंक्स की बात करें तो बैंक्स को बोला गया है कि आपको कुछ ऐसे एंटिटीज है जिनको लोन देना ही देना होगा और इससे रिलेटेड हम आपको टारगेट दे रहे हैं। यस अब्सोलुटली दिस इज़ कॉल्ड द अमृतकाल। ओके ओनली अमित जी व्हाट अबाउट अदर्स? प्लीज आंसर द क्वेश्चंस। तो अमृतकाल कहा जा रहा है? तो ये प्रायोरिटी सेक्टर का रोल बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट है। प्रायोरिटी सेक्टर का एक एग्जांपल होगा एग्रीकल्चर। तो ये ऐसा सेक्टर है जिसको बैंक जनरली लोन देना नहीं चाहिए। चाहते हैं। ओके? लोन देना नहीं चाहते हैं। एंड डेफिनेटली डिस्क्रिप्शन में होना चाहिए स्वर्णा जी। वी विल जस्ट चेक इट इफ इट इज़ नॉट देयर। इट विल बी देयर। आई विल चेक इट राइट नाउ। ओके? तो प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस का यस पीवाईक्यू इंपॉर्टेंट टॉपिक्स एंड एमसीक्यूस करके होगा तो वो लिंक आप देख सकते हैं डिस्क्रिप्शन में है स्वर्णा जी प्लीज चेक दैट थिंग ओके स्वर्णलता जी ओके तो प्रायोरिटी सेक्टर इज़ लाइक एग्रीकल्चर जिसको लोनस की बहुत ज्यादा जरूरत है बट जनरली बैंक्स डू नॉट गिव ड्यू टू डिफॉल्ट का डर से ठीक है स्वर्णलता जी इज दैट ओके प्लीज टेल मी एंड देन एमएसएमई आर द ड्राइवर्स ऑफ ग्रोथ इन इंडिया। ठीक है? माइक्रोस्मॉल मीडियम एंटरप्राइज। अब ये प्रायोरिटी सेक्टर इंडिया में कौन-कौन से हैं? अब समझ गए? ऐसे सेक्टर्स जिसमें बहुत ज्यादा लोग एंप्लॉयड हैं। बहुत ज्यादा इकोनमी में स्टेक इनका है। बट जनरली बैंक्स उनको सही अमाउंट ऑफ लोन जो है दे नहीं सकते। दे नहीं पाते बिकॉज़ ऑफ़ द फियर ऑफ डिफॉल्ट या फिर कुछ और। तो इंडियन गवर्नमेंट एंड आरबीआई ने मिलकर कुछ सेक्टर्स को आइडेंटिफाई किया गया किया है जिनको लोन देना बहुत ज्यादा अनिवार्य है। कंपल्शन है। तो ये कौन से सेक्टर्स हैं एंड इनसे रिलेटेड टारगेट्स क्या है लोन देने के? लेट अस क्विकली डिस्कस। द फर्स्ट वन इज़ अ एग्रीकल्चर देन एमएसएमई माइक्रोस्मॉल मीडियम एंटरप्राइजेस। देन देयर इज़ एक्सपोर्ट रिलेटेड क्रेडिट। जो भी एक्सपोर्ट का बिजनेस कर रहे हैं उनको भी लोन देना जरूरी है। देन एजुकेशन हाउसिंग सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर जो कि हेल्थ एजुकेशन सेंटर्स हो गए सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर रिन्यूएबल एनर्जी कौन सा कोल एंड पेट्रोलियम है क्या रिन्यूएबल एनर्जी नहीं विंड सोलार इससे रिलेटेड कोई भी एक्टिविटी कर रहा है तो उसे भी लोन देना प्रायोरिटी सेक्टर लैंडिंग का पार्ट है देन वीकर सेक्शंस को लोन देना है प्रायोरिटी सेक्टर में स्टार्टअप्स भी आ जाते हैं। सोलर पावर प्लांट्स भी आ जाते हैं। कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट्स भी आ जाते हैं। तो इस तरीके से ये सारे सेक्टर्स को जो लोन दिया जा रहा है तो उसे हम कहते हैं प्रायोरिटी सेक्टर को लोन दिया जा रहा है। नाउ लेट अस क्विकली सी कि व्हाट आर द टारगेट्स विद रिस्पेक्ट टू प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग। तो ये टारगेट कैसे होता है? लेट अस से दिस इज़ अ बैंक। ठीक है? मेरा बैंक है। लेट्स से इस बैंक को लोन देना है एंड ₹100 का लोन इसने दिया। ठीक है? देना नहीं लेना बैंक है। लेट से यह तो ऐसे केस में इसने इसको ₹100 का लोन देना है। तो ऐसे केस में ₹100 का लोन देते हुए इट विल बी कीपिंग इन इट्स माइंड कि एटलीस्ट एटलीस्ट एटलीस्ट आपका जो टारगेट है फॉर एग्जांपल इट इज़ अ डोमेस्टिक कमर्शियल बैंक। तो 40% ऑफ़ दैट लोन अमाउंट शुड गो टू द प्रायोरिटी सेक्टर जो सेक्टर्स मैंने बताए हैं। इन सभी सेक्टर्स में जो डिफरेंट कंपनीज़ हैं, इंडिविजुअल्स हैं, एंटिटीज़ हैं, उनको ही ये लोन जाना चाहिए। इस तरीके से टारगेट दिया हुआ है। तो डोमेस्टिक कमर्शियल बैंक्स फॉरेन बैंक्स विद 20 ब्रांचेस एंड अबव अगर हम देखें कैन यू नेम एनी फॉरेन ब्रांच दैट इज़ देयर इन इंडिया तो फॉरेन ब्रांच 20 ब्रांचेस एंड फॉरेन बैंक्स जो कि 20 ब्रांचेस एंड अबव इंडिया में हैं। इनके लिए टारगेट है कि 40% ऑफ़ योर लोन पोर्टफोलियो व्हिच इज़ आल्सो कॉल्ड एनबीसी एडजस्ट इन नेट बैंक क्रेडिट एंड सीओबी व्हिच इज़ अ क्रेडिट इक्विवेलेंट ऑफ़ ऑफ़ बैलेंस शीट एक्सपोज़र। यह इंडिकेशन है कि लोन अमाउंट या इन्वेस्टमेंट कितना एक पर्टिकुलर कंट्री कर रहा है। तो 40% ऑफ़ दिस एटलीस्ट शुड गो टू दीज़ प्रायोरिटी सेक्टर जिसमें से 18% एग्रीकल्चर को जाएगा। एंड एग्रीकल्चर में भी 40% देखिए टोटल टारगेट है कि ₹100 अगर लोन दे रहे हैं उसमें से एटलीस्ट ₹40 शुड गो टू दिस पर्टिकुलर ऑल द प्रायोरिटी सेक्टर। अब यह 40 में सब टारगेट्स दिए हुए हैं। एग्रीकल्चर को 18 है। उसमें से 10% स्मॉल एंड मार्जिनल फार्मर्स को जाएगा एंड 8% जो है बाकी सबको जाएगा। नाउ माइक्रो एंटरप्राइजेस को 7.5% जाएगा एंड वीकर सेक्शंस को 12% जाएगा। ठीक है? इज दैट क्लियर? माइक्रो एंटरप्राइजेस आर व्हाट? स्मॉल कंपनीज़। वेरी स्मॉल कंपनीज़। हम आगे डिस्कस करेंगे इसका ऑफिशियल डेफिनेशन। वीकर सेक्शंस आर दोस जिसमें वीकर सेक्शंस लाइक वुमेन हो गए, एससी एसटी हो गए। ऐसे ही पुअर इकोनॉमिकली वीकर सेशंस ये सब उसमें एंप्लॉयड हैं। तो उनको 12% एटलीस्ट सारा लोन में पोर्टफोलियो में से जाना चाहिए। आर यू क्लियर विद दिस? 40% ओवरऑल, 18% एग्रीकल्चर, 7.5 टू माइक्रो एंड 12% टू वेकर सेशंस। एग्रीकल्चर में 10 एंड 8 इस तरीके से फर्दर क्लासिफिकेशन है। अभी 10% स्मॉल एंड मार्जिनल फार्मर्स। अब लार्ज फार्मर्स होते हैं, मीडियम फार्मर्स होते हैं। तो छोटा लैंड है। अब स्मॉल फार्मर्स हैव स्मॉलर लैंड एंड मार्जिनल फार्मर्स हैव स्मॉल। उससे भी छोटा लैंड जो है उनके पास लैंड एरिया उनके पास होता है। राइट? तो दैट इज़ व्हाट इज़ द क्लासिफिकेशन। अब फॉरेन बैंक जिनके 20 ब्रांचेस से लेस हैं। आपको कोई फॉरेन बैंक का नाम याद नहीं है? राइट? तो सिटी बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, BNB परिबास ये सब है। इजंट इट? तो दीज़ आर द डिफरेंट बैंक्स इन इंडिया। आई आस्क्ड यू फॉर दिस ना? किसी ने आंसर नहीं किया। फॉरेन बैंक्स विद लेस दैन 20 ब्रांचेस कौन से हैं? उन ब्रांचेस के लिए 40% का ओवरऑल टारगेट है। ठीक है? बट 32% शुड गो टू द एक्सपोर्ट्स एंड 8% बाकी प्रायोरिटी सेक्टर्स में जाने चाहिए। एंड इनका कोई एग्रीकल्चर, माइक्रो एंटरप्राइज वीकर सेक्शन से रिलेटेड सब टारगेट नहीं है। अब रीजनल रूरल बैंक्स एंड स्मॉल फाइनेंस बैंक्स ऐसे ही प्रायोरिटी सेक्टर्स जहां पर बहुत ज्यादा ऐसे एरियाज में फंक्शन करते हैं। रीजनल रूरल बैंक्स के लिए 75% का टारगेट है कि पोर्टल बैंक का जो लोन पोर्टफोलियो है उसमें से 75% शुड गो टू दिस मेलनेशिया वंडरफुल एचएसबीसी वंडरफुल सागर जी रमेश जी गोपाल जी राइट आंसर अदर्स कैन आल्सो प्लीज कीप आंसरिंग तो 75% शुड गो टू द रीजन शुड गो टू द प्रायोरिटी सेक्टर अह एस पार्ट ऑफ़ द टारगेट ऑफ़ रीजनल रूरल बैंक्स एंड इवन स्मॉल फाइनेंस बैंक्स के लिए नाम से देखिए पता चल रहा है आरआरबी इज़ द रीजनल रूरल बैंक्स इन द रूरल एरियाज। ऐसे रूरल एरियाज में ज्यादा लोग होंगे जो कि वीकर सेक्शंस माइक्रो एंटरप्राइज वगैरह ये सब बहुत ज्यादा होगा। तो उनका टारगेट ही हाई रखा गया। अब 75 में से एटलीस्ट 15% जो है वो सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर रिन्यूएबल एनर्जी मीडियम एंटरप्राइज़ वगैरह में दे सकते हैं। ठीक है? आर्यव्थ बैंक। ओके। यस वंडरफुल सागर जी। ठीक है। नाइस। तो यस आपको और भी बहुत सारे बैंक्स के नाम है। बहुत बढ़िया। ठीक है? इन सभी सेक्टर्स में 75 में से सब टारगेट दिया हुआ है कि 15% इन दिन में जाना है। इसी तरीके से एग्रीकल्चर का टारगेट सेम है तीनों में। देखिए 18% एंड 10% टू द स्मॉल एंड मार्जिनल फार्मर्स। सिमिलरली माइक्रो एंटरप्राइजज़ का भी टारगेट सेम है। 7.5 7.5 एंड 7.5 बट वीकर सेक्शंस के लिए डोमेस्टिक कमर्शियल बैंक्स एंड फॉरेन बैंक्स 20 से ज्यादा ब्रांचेस उनका टारगेट 12% है। स्मॉल फाइनेंस बैंक का टारगेट 12% है। बट रीजनल रूरल बैंक्स का 15% है। बिकॉज़ रूरल एरियाज में वीकर सेक्शंस के लोग ज्यादा होंगे। स्मॉल फाइनेंस बैंक का क्या मतलब है? ऐसे बैंक्स जिनका फाइनेंस यानी कि पैसा जो वो दे रहे हैं, लोन दे रहे हैं, उसका पोर्टफोलियो का 50% से ज्यादा लोन जो 25 लाख से कम अमाउंट के होंगे। यानी कि स्मालस्मॉल फाइनेंस दे विल बी प्रोवाइडिंग। ओके? सो आर दिस प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग टारगेट्स क्लियर? तो कमर्शियल बैंक्स एंड फॉरेन बैंक्स के लिए 40% का टारगेट है। सब टारगेट कमर्शियल बैंक्स एंड फॉरेन बैंक्स विद मोर दन 20 ब्रांचेस जो है उनके लिए 18 10 फॉर स्मॉल एंड मार्जिनल फार्मर्स 7.5 फॉर माइक्रो एंड 12% फॉर वीकर सेक्शंस। अब फॉरेन बैंक्स के लिए 32% एक्सपोर्ट्स के लिए यही एक्सेप्ट टारगेट है। इन रीजनल रूरल बैंक्स के लिए 75% का टारगेट है जिसमें 15% जो है वो मीडियम एंटरप्राइजज़ सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर रिन्यूएबल एनर्जी रिलेटेड सेक्टर्स में भी जाएगा। 18% जो है एग्रीकल्चर एंड 10% विल गो टू द स्मॉल एंड मार्जिनल फार्मर्स। 7.5% माइक्रो एंटरप्राइजज़ एंड वीकर सेक्शंस को 15% जो है जाएगा। अब अपार्ट फ्रॉम दैट स्मॉल फाइनेंस बैंक्स के लिए अगर हम देखें 75% का टारगेट है एंड 18 एंड 10% एंड 7.5 एंड 12% यहां पर बाकी टारगेट्स हैं। ओके? तो दिस इज़ द थिंग एज़ वी हैव सीन ओवरऑल प्रायोरिटी सेक्टर लैंडिंग टारगेट ऑफ़ फॉरेन बैंक्स विद मोर देन 40 ब्रांचेस इन इंडिया। वो क्या है? यहां पर पूछा जा रहा है। ओके? ओवरऑल प्रायोरिटी सेक्टर लैंडिंग टारगेट क्या है? कैन यू जस्ट टेल मी द आंसर फॉर दिस? रियली क्विक अगेन। रैपिड फायर क्वेश्चन है ये। यस अबब्सोलुटली करेक्ट प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग टारगेट फॉर फॉरेन बैंक्स विद 40 और मोर ब्रांचेस वो 40% का टारगेट है इसमें ठीक है तो ए इज़ द राइट आंसर राइट नाउ मूविंग अहेड इफ वी सी अह एमएसएमई की के बारे में हम डिस्कस कर रहे हैं प्रायोरिटी सेक्टर हो गया नेक्स्ट इज़ एमएसएमई ठीक है एमएसएमई क्या होता है माइक्रोस्मॉल मीडियम एंटरप्राइजज़ अब्सोलुटली अमित जी देवभद्र जी सुमित जी भास्कर चंद्र जी गोपाल जी भारती जी अब्सोलुटली राइट आंसर एमएसएमई की क्लासिफिकेशन हम देख रहे हैं एमएसएमई इज़ नथिंग बट द माइक्रो स्मॉल मीडियम एंटरप्राइजेस अब इसमें अगर हम देखें माइक्रो एंटरप्राइजेस यानी कि ऐसे एंटरप्राइजेस जो कि स्मॉल साइज के हैं। मीडियम इससे थोड़ा बड़ा होगा। सॉरी स्मॉल इससे थोड़ा बड़ा होगा। मीडियम उससे और भी बड़ा होगा। एंड देयर विल बी सम एंटरप्राइजेस व्हिच आर कॉल्ड द लार्ज एंटरप्राइजेस जिनका बहुत ही लार्ज साइज होगा। अब ये साइज का मतलब क्या है? हाउ इज़ इट डिसाइडेड? तो मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्विस एंटरप्राइज के लिए पहले जो क्राइटेरिया था वो अलग था क्योंकि ये क्राइटेरिया गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के द्वारा दिया जाता है। एंड इसमें वी कैन से अच्छे से क्लासिफाई किया जाता है एंटरप्राइजेस को कंपनीज़ को। अब माइक्रो एंटरप्राइज की बात करें तो इन्वेस्टमेंट के बेसिस पर इसे क्लासिफाई किया जाता है मैन्युफैक्चरिंग एंटरप्राइजेस जो माइक्रो एंटरप्राइजेस है उनको मैन्युफैक्चरिंग एंटरप्राइजेस यानी कि मैन्युफैक्चरिंग कंपनीज़ में तो खर्चा ज्यादा होगा इन्वेस्टमेंट ज्यादा लगेगा इजंट इट मैन्युफैक्चरिंग एंटरप्राइजज़ का इन्वेस्टमेंट कितना है ₹25 लाख है इससे कम रहेगा तो दे विल बी कॉल्ड द माइक्रो एंटरप्राइज ठीक है ₹25 लाख से कम का इन्वेस्टमेंट अगर जा रहा है इन द मैन्युफैक्चरिंग एंटिटीज़ तो दैट विल बी कॉल्ड द माइक्रो एंटरप्राइज स्मॉल एंटरप्राइज होगा अगर 5 करोड़ से कम का इन्वेस्टमेंट जा रहा है मीडियम होगा अगर 10 करोड़ से कम का यानी कि यह इसको एस्टैब्लिश करने के लिए 25 लाख से कम अमाउंट लगा है तो दैट विल बी अ माइक्रो एंटरप्राइज इन द मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर एंड सर्विसेस में 10 लाख है ये 2 करोड़ है एंड ये 5 करोड़ है ठीक है स्मॉल एंड मीडियम ये तो पहले का क्राइटेरिया है अब 2019 के बाद क्राइटेरिया चेंज हो चुका है सो यू हैव टू रिमेंबर दिस वन ओनली ठीक है अब ये माइक्रोस्मॉल मीडियम एंटरप्राइजज़ इसके लिए क्या क्राइटेरिया है? माइक्रो स्मॉल मीडियम। यह इन्वेस्टमेंट एज वेल एज टर्नओवर यानी कि एक साल के बाद प्रॉफिट कितना हो रहा है उसके बेसिस पे। तो मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्विस एंटरप्राइजेस का अब कंपोजिट क्राइटेरिया दोनों के लिए सेम क्राइटेरिया है। सेम जो है यहां पर क्राइटेरिया दे दिया गया है। अब द फर्स्ट थिंग ओवर हियर इज़ कि मैन्युफैक्चरिंग एंटिटीज़ के लिए जो मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्विस एंटिटीज़ हैं, सर्विस एंटरप्राइजेस है उनके लिए उन्हें माइक्रो कब कहा जाएगा? व्हेन द इन्वेस्टमेंट यू हैव जस्ट हैव टू रिमेंबर द इन्वेस्टमेंट वैल्यूज़ ओवर हियर। ठीक है? व्हेन द इन्वेस्टमेंट विल बी 1 करोड़ या फिर 10 करोड़ या फिर 50 करोड़। ठीक है? एंड द टर्नओवर ओवर हियर वुड बी मोर देन दैट व्हिच इज़ अ फाइव टाइम्स ऑफ़ दिस जनरली टर्नओवर आ रहा है कि नहीं वो देखा जाए। टर्नओवर मींस एक साल के बाद कितना आपको जो है टर्नओवर प्रोवाइड किया जा रहा है। 1 साल के बाद प्रॉफिट कितना आ रहा है? तो दैट इज़ 5 करोड़। यहां पर कितना है? 50 करोड़। एंड यहां पे कितना है? 250 करोड़। ओके? तो दिस इज व्हाट इज द क्राइटेरिया फॉर द माइक्रो स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइज। इसका मतलब क्या है? ये माइक्रो एंटरप्राइज को एस्टैब्लिश करने के लिए इन्वेस्टमेंट आपका कितना लगा है? 1 करोड़। स्मॉल एंटरप्राइज को एस्टैब्लिश करने के लिए इन्वेस्टमेंट कितना लगा है? 10 करोड़ से कम। एंड मीडियम एंटरप्राइज कब होगा? व्हेन योर इन्वेस्टमेंट टू एस्टैब्लिश दैट इज़ लेस दन 50 करोड़। ओके? अब इसका जो टर्नओवर है यानी कि एक साल के एक साल के बाद जो प्रॉफिट हो रहा है दैट इज़ जस्ट द फाइव टाइम। देखिए यहां पे देखिए क्या रिलेशनशिप है। 1 करोड़ * 5, 10 करोड़ * 5 एंड 50 करोड़ * 5 दिस इज़ व्हाट इज द वैल्यू फॉर द टर्नओवर एंड द एक्सपेक्टेड प्रॉफिट आफ्टर वन ईयर। ओके? फाइव टाइम्स एटलीस्ट प्रॉफिट हो। ये चीज़ हम एक्सपेक्ट कर रहे हैं फ्रॉम दीज़ एंटरप्राइज़। इज़ दैट क्लियर? तो दिस इज़ द क्राइटेरिया। अगर 1 करोड़ का इन्वेस्टमेंट 1 करोड़ से कम का इन्वेस्टमेंट है तो माइक्रो। 10 करोड़ से कम का इन्वेस्टमेंट है तो स्मॉल एंड 50 करोड़ से कम का इन्वेस्टमेंट है तो इसे हम मीडियम कहते हैं। सो दिस इज़ द क्राइटेरिया दैट यू नीड टू रिमेंबर बट इन द बजट रीसेंट बजट ऑफ़ 2025 ऑलदो ये फरवरी में आया है दे शुड नॉट बी आस्क्ड इन द एग्जाम बिकॉज़ दिसंबर 24 के बाद नहीं पूछेंगे बट इफ एट ऑल दे आस्क कि दिसंबर सॉरी फरवरी 2025 में जो बजट आया है उसके हिसाब से बताइए स्पेसिफिकली अगर क्वेश्चन आ गया देन यू शुड गो फॉर दिस पर्टिकुलर रिवाइज्ड वैल्यूस इन्वेस्टमेंट का वैल्यू 2.5 टाइम्स रिवाइज हो गया है एंड द टर्म टर्नओवर का वैल्यू जो है टू टाइम्स यहां पर रिवाइज किया गया है। ओके? फाइव से ये इंक्रीस ये जो है रिवाइज किया गया है ट्वाइस। राइट? तो दैट इज़ द थिंग। अब यहां पर क्या हो गया? माइक्रो एंटरप्राइजेस में इन्वेस्टमेंट अगर 2.5 करोड़ है एंड टर्नओवर फोर टाइम्स है। 10 करोड़। ठीक है? स्मॉल एंटरप्राइज़ज़ में इन्वेस्टमेंट 25 करोड़ तक हो रहा है। एंड द टर्नओवर इज 100 करोड़। एंड मीडियम एंटरप्राइजेस में इफ द इन्वेस्टमेंट इज हैपनिंग अ दैट इज 125 करोड़ एंड द टर्नओवर इज़ 500 करोड़ दैट इज़ फोर टाइम्स दिस थिंग। तो ऐसे केस में वी विल बी कॉलिंग दिस टू बी द मीडियम एंटरप्राइज़। ठीक है? समझ में आया आप सभी को? माइक्रो स्मॉल मीडियम एंटरप्राइजज़ का क्लासिफिकेशन अह किस तरीके से किया जा रहा है? एंड उनका इन्वेस्टमेंट एंड टर्नओवर के वैल्यूज़ क्या है? याद रहेगा? यू जस्ट नीड टू रिमेंबर द इन्वेस्टमेंट 2.5 25 125 ये लेटेस्ट डेफिनेशन के हिसाब से एंड इसको फोर टाइम्स मल्टीप्लाई करेंगे तो यू विल बी गेटिंग द वैल्यू ऑफ़ द टर्नओवर ठीक है यहां पे क्या था फाइव टाइम्स मल्टीप्लाई यहां पे क्या था फोर टाइम्स मल्टीप्लाई इन द न्यू क्लासिफिकेशन ऑफ़ 2025 बजट क्लियर है विल यू एबल टू रिमेंबर जस्ट व्हाई इन द चैट बॉक्स वेरीेंट टॉपिक नाउ मूविंग टू द एडवांटेजेस क्या है एमएसएमईस कि ये स्मॉल इंडस्ट्रीज़ है स्मालस्मॉल कंपनी स्माल फ़ैक्टर्स है डोमेस्टिक प्रोडक्शन बढ़ रहा है इनके वजह से इन्वेस्ट मेंट रिक्वायरमेंट उतना नहीं है। इंपोर्ट्स भी ये बहुत ज्यादा नहीं करते। जो चीज इंडिया में मिल रहा है उसको ही यूज़ करके सामान बना लेते हैं। दे मेक द प्रोडक्ट्स। एक्सपोर्ट अर्निंग्स आर वेरी हाई। एक्सपोर्ट जो किया जा रहा है उसका अर्निंग्स बहुत हाई है। इंडजीनस टेक्नोलॉजी है यहां पे। उसको यूसेज करते हैं। इंपोर्ट को सब्स्टट्यूट करने में काफी हेल्पफुल है। लाइक चाइना से बकेट्स आ रहे हैं। तो ये ये बकेट्स सिमिलर क्वालिटी का इंडिया में एमएसएमईस भी बनाते हैं। तो बहुत अच्छा कंपटीशन ये चाइनीस बकेट्स को ये देते हैं। तो उन इंपोर्ट्स को चाइना से लाने की जरूरत ही नहीं है। बिकॉज़ इंडिया में खुद ही एमएसएमई बना रहे हैं। तो इंपोर्ट्स आर गेटिंग सब्स्टट्यूटेड। ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी जहां पर आप एक प्रोडक्ट बना रहे थे। लेट्स से मग बना रहे थे प्लास्टिक मग। नाउ यू विल मेक द प्लास्टिक बकेट। ठीक है? तो यह वेरीरी ईजीली चेंज किया जा सकता है। एक जगह से दूसरे जगह आप उसे लोकेशन वाइज जो है शिफ्ट भी इजीली कर सकते हैं। सो दीज़ आर द वेरियस एडवांटेजेस ऑफ़ एमएसएम। सो एमएसएमई सेक्टर हैज़ हेल्प द कंट्री टू अचीव व्हिच अमंग द फॉलोइंग ऑब्जेक्टिव्स। ये चीज़ कही जा रही है। तो यहां पे आप देखिए देयर इज़ हाई कंट्रीब्यूशन टू द डोमेस्टिक प्रोडक्शन, सिग्निफिकेंट एक्सपोर्ट अर्निंग्स, लो इन्वेस्टमेंट रिक्वायरमेंट्स, ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी, लोकेशन वाइज़ मोबिलिटी। तो ऐसे लें्थी क्वेश्चन जो एग्जाम में आते हैं। यू शुड बी प्रिपयर्ड फॉर इट अक्टूबर 2024 का। यह जो क्वेश्चन है, कैन यू क्विकली आंसर दिस पर्टिकुलर क्वेश्चन व्हिच ऑफ़ दीज़ इज़ करेक्ट? यस। सो ऑल द ऑप्शंस आर करेक्ट। डोमेस्टिक प्रोडक्शन को हाई कंट्रीब्यूशन एंड सबसे पहले यहां पे रैपिड फायर में किसने आंसर दिया है? देवभवत्र जी ने आंसर दिया है। देव देवव्रत जी ने। ओके आई होप आई एम प्रोनाउंसिंग इट राइट। बहुत बढ़िया सुमित जी। सेकंड नंबर पे हैं। भास्कर जी थर्ड नंबर पे हैं। शॉर्ट वीडियो फोर्थ नंबर। अब्सोलुटली ऑल फोर आर द राइट आंसर। अभी-अभी हमने डिस्कस किया तो 1 2 3 4 एंड फाइव इज़ द राइट आंसर। सागर जी बहुत बढ़िया। नाउ व्हाट आर द फैसिलिटीज दैट एमएसएमईस नीड? सबसे पहले तो क्रेडिट या लोन चाहिए उनको तो उद्यमी मित्र पोर्टल के थ्रू ये क्रेडिट या लोन प्रोवाइड किया जा रहा है। उद्यमी मित्र पोर्टल पे एमएसएमईस को बैंक से कनेक्ट किया जाता है। यह पोर्टल लाया गया है बाय द स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया सिडबी। कैन यू जस्ट आंसर दिस क्वेश्चन रियली क्विक अमित जी लास्ट आ गया इस बार। व्हिच अमोंग द फॉलोइंग इनिशिएटिव हैज़ बीन लॉन्च बाय सिडबी टू इंप्रूव एक्सेसिबिलिटी ऑफ़ क्रेडिट एंड हैंड होल्डिंग सर्विसेस टू एमएसएमई? यस वरुणता जी राइट आंसर। सर कैन यू जस्ट क्विकली आंसर दिस क्वेश्चन अगेन रैपिड फायर लेट्स सी हु आंसर्स इट फर्स्ट उद्यमी मित्र पोर्टल एमएसएमई संबंध स्कीम ऑफ़ फंड फॉर रीजनरेशन ऑफ़ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ इनोवेशन रूरल इंडस्ट्रीज एंड एंटरप्रेन्योरशिप एस्पायर स्कीम इनमें से कौन सा सही जवाब है? कैन यू जस्ट क्विकली आंसर? आई वुड रिक्वेस्ट ऑल द पीपल हु आर वाचिंग दिस सेशन टू प्लीज़ आंसर द क्वेश्चन दैट यू कैन सी ऑन फ्रंट ऑफ़ योर स्क्रीन। अगेन देवत जी का, सुमित जी का, सत्यम जी अब्सोलुटली करेक्ट। यह हमारे टॉप थ्री है। ए इज़ द राइट आंसर ऑफ़ द मित्र पोर्टल। नाउ द नेक्स्ट थिंग है इसकी इन्हें क्रेडिट लिंक द कैपिटल सब्सिडी स्कीम। यानी कि अगर आप अपने अमसमई में माइक्रोस्मॉल एंटप्राइज में टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करना चाहते हैं, तो ऐसे केस में द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया विल प्रोवाइड यू अ सब्सिडी। यानी कि लोन नहीं है। यह सब्सिडी है। यानी कि आपको रिटर्न करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। ऐसी ऐसा मनी आपको प्रोवाइड करेगी। एंड टिल ₹1 करोड़ तक का ऐसा पैसा या फिर जितना भी आप खर्च कर रहे हो उसका 15% व्हिच एवर इज द हायर उस चीज को प्रोवाइड करेंगे। यस कुमारी मिश्रा जी अब्सोलुटली करेक्ट। गोपाल जी का राइट आंसर अमित जी सागर जी अबब्सोलुटली करेक्ट आंसर्स। ठीक है? वंडरफुल। तो कितने 51 सेक्टर्स में ये जो स्कीम है चल रहा है? क्या है ये? क्रेडिट लिंक कैपिटल सब्सिडी स्कीम। आप अगर कोई कैपिटल यानी कि पैसा खर्च कर रहे हैं तो सब्सिडी गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया आपको देगी। इस तरीके से कैन यू जस्ट ट्राई टू आंसर दिस क्वेश्चन? व्हिच अमोंग द फॉलोइंग इज़ एम ऑफ़ द क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी स्कीम सीएलएसएस प्रोवाइडिंग बिज़नेस ओपोरर्चुनिटीज़ टू वुमेन एससी एसटी क्रिएटिंग न्यू जॉब्स, ऑर्गेनाइजिंग ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज अपग्रेडेशन ऑफ़ टेक्नोलॉजी फॉर द एमएसएमई। व्हाट इज़ द राइट आंसर टू दिस? लेट्स सी हु आर अ टॉप थ्री इन दिस क्वेश्चन? फटाफट से मुझे बता सकते हैं चैट बॉक्स में। द आंसर टू दिस क्वेश्चन एंड कीप नोटिंग डाउन कि आप कितने क्वेश्चन सही जवाब दे रहे हैं। ऑल ऑफ दी आर द प्रीवियस ईयर क्वेश्चन। तो क्रेडिट लिंक कैपिटल सब्सिडी स्कीम का मेन एम क्या है? सुमित जी अब्सोलुटली करेक्ट। बहुत बढ़िया। यस इसमें आपका आएगा। देखिए कैपिटल सब्सिडी स्कीम में टेक्नोलॉजी अपग्रेड करने से रिलेटेड है। अपग्रेडेशन ऑफ़ टेक्नोलॉजी। डी इज़ द राइट आंसर। अजय जी सेकंड है। एंड थर्ड इज़ द थर्ड इज़ भास्कर चंद्र जी का एकदम सही जवाब है। बहुत बढ़िया। नेक्स्ट इनिशिएटिव इज़ मेक इन इंडिया। इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज को पुकारता हुआ ये स्कीम है कि इंडिया में प्रोडक्शन करो। ऐसे करके इसके फोर पिलर्स हैं। न्यू प्रोसेस, न्यू इंफ्रास्ट्रक्चर, न्यू सेक्टर, न्यू माइंडसेट। ठीक है? प्रोसेस, न्यू न्यू इन न्यू प्रोसेस होगा तो न्यू इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए। न्यू सेटअप भी चाहिए हमें। नए सेक्टर्स यानी कि ऐसे सेक्टर जिनमें प्राइवेट एंटिटीज एंड फॉरेन कंपनीज को भी हम अलव करेंगे। फॉर एग्जांपल रेलवेेज पहले ओनली गवर्नमेंट के अंडर था। बट आज के डेट में दिस इज़ बीइंग टेकन केयर ऑफ बाय द प्राइवेट एंटटीज़ आल्सो। ठीक है? एंड फाइनली वी हैव द न्यू माइंडसेट। यानी कि गवर्नमेंट ऑफ इंडिया नए माइंडसेट के साथ आगे बढ़ेगी। व्हिच इज़ द नया माइंडसेट होगा कि सारे प्राइवेट एंटिटीज एंड इवन द फॉरेन एंटिटीज़ को हमें अलव करना है। यस अजय गुप्ता जी अर्चना जी अबब्सोलुटली करेक्ट। नाउ प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम इज़ द नेक्स्ट वन। अगर आप प्रोडक्शन को बढ़ा रहे हैं तो आपको इंसेंटिव मिलेगा। ये चीज 2020 यानी कि कोविड के टाइम पे गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने ल्च किया था। कौन से सेक्टर्स में अगर आप मोबाइल्स का प्रोडक्शन बढ़ा रहे हैं। पिछले साल 100 बनाए थे। इस साल 100 टू 50 मोबाइल्स अगर आप बना रहे हैं तो यू विल गेट इंसेंटिव। इंसेंटिव मींस सम कैश मनी यू विल बी गेटिंग फ्रॉम द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया कि वेरी गुड प्रोडक्शन बढ़ाया आपने। ऐसा फार्मास्यूटिकल मेडिकल डिवाइस बैटरीज टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मासटिकल ड्रग्स, टेलीकॉम नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स, टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स, फूड प्रोडक्ट्स, हाई एफिशिएंसी, सोलर, पीवी मॉड्यूल्स, वाइट गुड, स्पेशलिटी स्टील, ड्रोन एंड ड्रोन कॉमोनेंट्स ये सारे आपके जो हैं डिफरेंट यू कैन से सेक्टर जिनमें यह स्कीम चल रहा है। नेक्स्ट इज स्टैंड अप इंडिया स्कीम। स्टैंड अप हु विल स्टैंड अप? नॉट यू जो पीपल एक्चुअली एंटरप्रेन्योरशिप करना चाहते हैं उनको खड़ा करने में हेल्प करने वाला स्कीम है। ये एटलीस्ट ₹1 लाख टू ₹1 करोड़ का लोन एससी एसटी या वुमेन बोरोअर्स को कंपलसरीली स्कीम के थ्रू द बैंक्स हैव टू गिव। ओके? कैन यू जस्ट आंसर दिस क्वेश्चन रियली क्विक। लेट्स सी हु इज़ द टॉप थ्री ईयर वुमेन एंड पीपल बिलोंगिंग टू एससी एसटी कैटेगरी आर गिवन स्पेशल लोंस रेंजिंग फ्रॉम डैश एट लो इंटरेस्ट रेट अंडरस्टैंड अप इंडिया स्कीम कितना से कितना अमाउंट का लोन मिल रहा है 10 लाख टू 1 करोड़ 15 लाख टू 1 करोड़ 5 लाख टू 50 लाख 10 लाख टू 50 करोड़ व्हाट विल बी द राइट आंसर टू दिस क्वेश्चन ठीक है स्वर्णलता जी सबसे पहले आंसर कर रहे हैं वंडरफुल नंबर वन पे स्वर्णलता जी हैं सेकंड नंबर नंबर पे कौन है? आई थिंक मैं खुद ही हूं। संजीव जी अबब्सोलुटली करेक्ट। गोपाल जी अब्सोलुटली करेक्ट। ठीक है? 10 लै टू 100 लैक्स इज़ द राइट आंसर। एंड फाइनली इनोवेशन एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना है। 2016 में स्टार्टअप इंडिया स्कीम को लाया गया फॉर इंडिविजुअल्स एंड बिज़नेसेस। जहां पे स्टार्टअप्स यानी कि सिंपलीफाइड वे में नए कंपनीज़ को प्रोसेस जो है उनका सिंपलीफाइड होगा। फंडिंग उनको प्रोवाइड किया जाएगा। लोंस एंड ऑल एंड इनक्यूबेशन उनके आईडिया को प्रोडक्ट में कन्वर्ट करने के लिए हेल्प प्रोवाइड की जाएगी। एंड फाइनली वी हैव द स्फूर्ति स्कीम जो ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज को प्रमोट करने के लिए है। कैन यू जस्ट नोट दिस स्कीम ऑफ़ फंड फॉर रीजेनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज 2005 में मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो स्मॉल मीडियम एंटरप्राइजेस के द्वारा एमएसएम मिनिस्ट्री के द्वारा ये लाया गया था। अब ये स्कीम का मेन ऐ है क्लस्टर डेवलपमेंट। क्लस्टर मतलब ऐसे ग्रुप्स को डेवलप करना जहां पर लेट्स से सब ट्रेडिशनल एक्टिविटी लाइक बहुत सारे लोग हैं जो बास्केट मेकिंग कर रहे हैं ट्रेडिशनल बास्केट्स बना रहे हैं तो उन सभी के ग्रुप बना के उस ग्रुप के द्वारा प्रोडक्ट्स को बनाना एंड उन्हें सेल करना दिस इज़ द मेन एम ओके ऑफ दिस पूर्ति स्कीम विल यू बी एबल टू रिमेंबर व्हिच स्कीम फॉर ट्रेडिशनल इंडस्ट्री स्फूर्ति स्कीम ठीक है मूविंग टू चैप्टर फाइव बहुत ही इंपॉर्टेंट फोर्थ चैप्टर हमने कवर किया फिफ्थ चैप्टर इंफ्रास्ट्रक्चर विद सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर इज़ समथिंग दैट वी आर डिस्कसिंग। नाउ व्हाट इज इंफ्रास्ट्रक्चर? हमारे बॉडी का जो बैकबोन है इसके बिना क्या हम चल सकते हैं? वैसे ही कोई इकॉनमी इंफ्रास्ट्रक्चर के बिना नहीं चल सकता। इट कैन नॉट रन विदाउट द इंफ्रास्ट्रक्चर। द रोड्स, रेलवेेज, हाईवेज एंड द एंटायर सेटअप ऑफ द बिल्डिंग्स, एवरीथिंग इज़ पार्ट ऑफ़ द इंफ्रास्ट्रक्चर। नाउ, टॉकिंग अबाउट द टाइप्स ऑफ़ इंफ्रास्ट्रक्चर, सबसे पहला अगर हम देखें कैपिटल इन्वेस्टमेंट के बेसिस पर इंफ्रास्ट्रक्चर कैन बी क्लासिफाइड इंटू टू टाइप्स। दैट इज इकोनॉमिक एंड सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर और इकोनमिक इंफ्रास्ट्रक्चर इज दैट जहां पर आपका कैपिटल इन्वेस्टमेंट बहुत ही ज्यादा लग रहा है। बट इफ यू सी दिस इज़ इकोनॉमिक इंफ्रास्ट्रक्चर। एग्जांपल इसमें मैं दूंगा अभी दूंगा आपको एग्जांपल। ठीक है? इट इज़ द मेट्रो ट्रेन अगर आप एस्टैब्लिश कर रहे हैं। दैट इज़ पार्ट ऑफ़ द इकोनॉमिक इंफ्रास्ट्रक्चर। समझ में आया? नाउ द अदर इज़ द सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर। इसमें कैपिटल इन्वेस्टमेंट ज्यादा नहीं है। फॉर एग्जांपल यू हैव स्कूल्स, कॉलेजेस बहुत ज्यादा नहीं है। इसके कंपैरिजन में तो कम ही है। आई हैव सीन एक फ्लाई ओवर बनाया जा रहा है। फ्लाई ओवर क्या? ब्रिज वी कैन से इन द नॉर्थ वेस्टर्न पार्ट ऑफ इंडिया। पूरा आपको जो है नीचे चंडीगढ़ से लेके पूरा ऊपर हिमाचल एंड उत्तराखंड उस साइड में ब्रिजेस जो है बनाए जा रहे हैं। तो कितना स्माल स्ट्रेच ऑफ ब्रिज के लिए कितना खर्चा होता होगा? बिकॉज़ दे दोज़ आर हिल्ली एरियाज कंप्लीटली। तो दिस इज कॉल्ड इंफ्रास्ट्रक्चर एंड दैट इज़ द इकोनॉमिक इंफ्रास्ट्रक्चर। इज दैट क्लियर? तो इकोनॉमिक इंफ्रास्ट्रक्चर से वेलफेयर तो कम होगा। यानी कि लोगों का भला बहुत ज्यादा होगा। तो नहीं वो होगा सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर से। स्कूल्स कॉलेजेस एस्टैब्लिश करेंगे तो वेलफेयर ज्यादा होगा। बट सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर में द इन्वेस्टमेंट इज़ लेस। ठीक है? एग्जांपल इज़ स्कूल्स, कॉलेजेस इकोनॉमिक इंफ्रास्ट्रक्चर के एग्जांपल क्या है? मेट्रो, ट्रेन, एक्सट्रा। रन लोकेशन के बेसिस पर अर्बन एंड रूरल एरियाज में इंफ्रास्ट्रक्चर है। विल यू विल बी फैसनेटेड टू नो कि 1/3 ऑफ़ द पीपल ऑफ़ इंडिया अर्बन एरियाज में रहते हैं। एंड 2/3 कंट्री का जीडीपी या इनकम में कंट्रीब्यूशन देते हैं। नाउ बेस्ड अपॉन द काइंड ऑफ़ द नेटवर्क द इंफ्रास्ट्रक्चर इज़ क्लासिफाइड। द फर्स्ट टाइप इज़ द हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर जहां पर जो फिजिकल नेटवर्क से एक प्लेस से दूसरे प्लेस को कनेक्ट करने वाले जो नेटवर्क हैं उनको एस्टैब्लिश किया जाता है एज़ पार्ट ऑफ़ दिस हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर। देन वी हैव द सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर वेयर वी कैन से कि इस हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर को सपोर्ट करता हुआ इंफ्रास्ट्रक्चर लाया गया है। अब ये हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर कौन सा है? एग्जांपल दो प्लेसेस को कौन सा चीजें कनेक्ट करती हैं? रोड रेलवे हाईवेज। ठीक है? नेशनल हाईवेज हो गए। देन अदर ट्रांसपोर्टेशन लाइक एरोप्लेनस हो गए। देन मराइन ट्रांसपोर्ट हो गया। ये सब हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर का पार्ट है। फिजिकल नेटवर्क जो आप देख सकते हैं। देन सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर इज़ सपोर्टिव इन नेचर। हेल्थ केयर हो गया एंड पुलिस हो गया, लॉ एनफोर्समेंट एजेंसीज हो गए, एजुकेशन सेंटर्स हो गया। ऑल ऑफ़ दिस पार्ट ऑफ़ द सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर। ठीक है? तो काइंड ऑफ़ नेटवर्क के बेसिस पर यह क्लासिफिकेशन की गई है। अपार्ट फ्रॉम दैट वी हैव ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर वेयर इन वी हैव द अ अगर हम देखें ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर में द ट्रीज़ प्लांट्स ये सब को बोटेनिकल गार्डन्स में ग्रो किया जाता है। अपार्ट फ्रॉम दैट वी आल्सो हैव द ज़ नेशनल पार्कक्स ये सब भी हैं। ठीक है? पोर्ट यस अनिल शर्मा जी अब्सोलुटली राइट आंसर। द पोर्ट इज़ अ वेरी गुड एग्जांपल ऑफ़ द हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर। ठीक है? नाउ इफ आई आस्क यू इफ नेशनल हाईवे इज़ एन एग्जांपल ऑफ़ ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर यस और नो राइट? कैन यू टेल मी कौन से इंफ्रास्ट्रक्चर का पार्ट है ये नेशनल हाईवे? कैन एनीवन टेल मी इन द चैट बॉक्स रियली क्विक। ओके? आई एम वेटिंग फॉर योर आंसर। सो दीज़ आर द टाइप्स ऑफ़ इंफ्रास्ट्रक्चर एंड आल्सो प्लीज डू आंसर दिस क्वेश्चन? लेट्स सी व्हाट द टॉप थ्री इन दिस? व्हिच अमोंग द फॉलोइंग इज़ नॉट एन एग्जांपल ऑफ़ हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर? रैपिड फायर क्वेश्चन है। एकदम देरी नहीं करनी है। ठीक है? क्लास के एंड तक रुकेंगे एंड देखेंगे कि किस तरीके से यस इट इज़ नॉट पार्ट नो नो नो अब्सोलुटली देव जी अनिल जी देवव्रत जी बहुत बढ़िया हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर का पार्ट है अनिल शर्मा जी अब्सोलुटली करेक्ट आल्सो डू आंसर दिस क्वेश्चन व्हिच ऑफ़ दीज़ इज़ नॉट एन एग्जांपल ऑफ़ हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर संजीव जी राइट चरणप्रीत जी का सबसे पहले जवाब आया देवत जी संजीव जी आर अ टॉप थ्री हियर डी इज़ द राइट आंसर हेल्थ केयर जो है वो सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का पार्ट है हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं। सो दैट इज़ द राइट आंसर। नाउ इकोनॉमिक इंफ्रास्ट्रक्चर अगर हम देखें सबसे पहला एनर्जी ठीक है? नेचुरल गैस एंड द पेट्रोलियम पाइपलाइन फॉसिल फ्यूल रिन्यूएबल एनर्जी ये सब। अब इंडिया थर्ड नंबर पर है इन रिन्यूएबल एनर्जी इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन। यस अमित जी, अजय जी अब्सोलुटली राइट आंसर। बहुत बढ़िया। थर्ड नंबर पर है इन रिन्यूएबल एनर्जी प्रोडक्शन। दैट इज़ इंडिया जो भी इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूस करता है फ्रॉम द रिन्यूएबल एनर्जी। व्हाट इज़ रिन्यूएबल एनर्जी? दिस इज़ द एनर्जी जो कि सोलर विंड यहां से प्रोड्यूस किया जाता है। तो उसमें इंडिया थर्ड नंबर पे है। अपार्ट फ्रॉम दैट विंड एनर्जी में फोर्थ नंबर पे एंड सोलर एनर्जी पे फिफ्थ नंबर पे है इन द एंटायर वर्ल्ड हर कंट्री से कंपैरिजन करने पे। विल यू एबल टू रिमेंबर। ठीक है? थर्ड नंबर पे रिन्यूएबल एनर्जी में है। विंड में फोर्थ एंड सोलर में फिफ्थ फाइव और एस एक जैसा लिखा जाता है ना? विल यू एबल टू रिमेंबर दिस? यस आई गेस डेफिनेटली। वाटर रिलेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर में ड्रिंकिंग वाटर, वेस्ट वाटर, इरीगेशन सिस्टम ये सब आ जाता है। एंड कम्युनिकेशन में पोस्ट, टेलीफोन, टेलीविज़ ये सब एफडीआई कैप टेलीकॉम जो सेक्टर है, टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर में 100% फॉरेन कंट्रीज से इन्वेस्टमेंट उस पर्टिकुलर सेक्टर में आता है। भारत नेट इनिशिएटिव के थ्रू इंटरनेट सर्विज हर एक पंचायत इन इंडिया वहां पर प्रोवाइड किया जा रहा है। देन तरंग संचार पोर्टल इंफॉर्मेशन प्रोवाइड करता है ऑन द मोबाइल टावर। देखिए क्या नाम है इसका? तरंग संचार। तरंग संचार से रिलेटेड इनफेशन आपको मिल रही है। देन क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर इज़ द नेक्स्ट पार्ट जहां पर इलेक्ट्रिसिटी। ठीक है? तो ये ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर है जिसके बिना कुछ भी नहीं चलेगा इकॉनमी में। ठीक है? कोई भी इंडस्ट्री रन होनी है तो इलेक्ट्रिसिटी चाहिए। गैस चाहिए। कम्युनिकेशन टेली टेलीफोन टेली जो मोबाइल सर्विज है वो सब चाहिए। फाइनेंसियल सर्विज ट्रांजैक्शंस बहुत सारे होते हैं। ट्रांसपोर्टेशन होता है। सिक्योरिटी से रिलेटेड सर्विज भी प्रोवाइड कर। नहीं। इस सब के बिना कोई भी इकोनॉमिक एक्टिविटी इम इकोनमी जो है चल नहीं पाएगा। द नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क एक इनिशिएटिव है इसमें जहां पर पूरे इंडिया में ऑप्टिकल फाइबर के थ्रू इंटरनेट को प्रोवाइड किया जा रहा है। अपार्ट फ्रॉम दैट वी हैव द ट्रांसपोर्ट सेक्टर एंड स्मार्ट सिटीज मिशन है। 100 सिटीज को इंडिया में डेवलप किया जा रहा है। एंड अमृत मिशन इंडिया में चलाया जा रहा है। अटल मिशन फॉर रिजनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन। तो नाम से ही पता चल रहा है अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन मींस अर्बन सिटीज का इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने से रिलेटेड ये सेटअप है। देन वी हैव द ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर जहां पर रेल रोड एिएशन ब्रिज टनल ये सब इसमें वन स्टेशन ईच स्टेशन पर जो इंपॉर्टेंट प्रोडक्ट है लाइक अगर मैं पूछूं कि नागपुर में सबसे इंपॉर्टेंट फूड प्रोडक्ट क्या है जो आप देख सकते हैं बहुत ही फेमस फूड प्रोडक्ट्स नागपुर का क्या है तो उन्हें सेल किया जाएगा इन वन स्टेशन वन प्रोडक्ट स्टोर ठीक है एक शॉप एव्री स्टेशन में ओपन करके उस स्टेशन का सबसे इंपॉर्टेंट प्रोडक्ट को सेल किया जाएगा नागपुर मींस वि प्रोडक्ट कैन एनीवन टेल मी देन वी हैव द पीएम गतिशक्ति इनिशिएटिव नेशनल प्लान फॉर मल्टीमोडल कनेक्टिविटी। एनीबडी हैज़ गॉन टू न्यू दिल्ली। तो न्यू दिल्ली में आपको पता है कि ट्रेन से उतरो फिर एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट पकड़ने के लिए यू कैन जस्ट कैच द एयरपोर्ट मेट्रो एंड गो टू एयरपोर्ट। इमीडिएटली आईएसबीटी है। वहां से बस पकड़ सकते हैं। बस एक रह गया। मराइन ट्रांसपोर्ट शिप नहीं पकड़ सकते। ठीक है? तो इस तरीके से पीएम गतिशक्ति इनिशिएटिव इस तरह के मल्टीमोडल सेंटर्स को एंड उनके बीच कनेक्टिविटी एस्टैब्लिश करने का काम कर रहा है। यस अब्सोलुटली अनिल जी, देवव्रत जी, संजीव जी, ऑरेंज इज़ द राइट आंसर। एंड पीएम गतिशक्ति इनिशिएटिव में मेन हैवी इंफ्रास्ट्रक्चर हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने से रिलेटेड है। अब इंडिया में रोड्स डेवलप करने के इनिशिएटिव को हम भारत माला इनिशिएटिव कहते हैं। जो इंडिया पूरे इंडिया में माला यानी कि पूरे इंडिया में इस पर्टिकुलर रोड्स और डेवलपमेंट से रिलेटेड एक इनिशिएटिव है। तो भारतमाला इनिशिएटिव रोड्स रिलेटेड है। एंड देन सागरमाला इनिशिएटिव इज द नेक्स्ट वन जिसमें इंडिया में हम पो्स को डेवलप करेंगे। ठीक है? श्री अ श्री श्रीगंगानगर ऑरेंजेस। ओके वंडरफुल। पर्वतमाला रोपवे को डेवलप करने से रिलेटेड इनिशिएटिव है। ओके। सो कैन यू जस्ट क्विकली आंसर दिस क्वेश्चन? व्हिच अमंग द फॉलोइंग इज़ द एम ऑफ़ लॉन्चिंग द तरंग संचार पोर्टल? वेरी रीसेंट क्वेश्चन। अक्टूबर 2024 का ये क्वेश्चन है। कैन यू क्विकली आंसर दिस क्वेश्चन? दिस इज़ अ रैपिड फायर क्वेश्चन वंस अगेन। प्लीज टू आंसर इट रियली क्विक। ठीक है? यस। पर्वतमाला इज़ रिलेटेड टू डेवलपिंग रोपवेज़। नौ तरंग संचार पोर्टल जो है वो किसके लिए है? यस। इन ऑन मोबाइल टावर्स एंड ईएमएफ एमिशन कंप्लायंसेस सी इज़ द राइट आंसर आर टॉप थ्री यार अमित जी फिर से अपने पोजीशन पे आते हुए अनिल जी संजीव जी आर अ टॉप थ्री बहुत बढ़िया एवरीबडी एल्स इज़ आल्सो राइट अ पीएम गतिशक्ति इनिशिएटिव का पार्ट कौन-कौन से इनिशिएटिव्स यहां पर फर्दर हैं रोड ट्रांसपोर्ट को डेवलप करना इज़ पार्ट ऑफ़ फिट नेशनल हाईवेज़ नेटवर्क मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क यानी कि गुड्स को अह एक जगह से दूसरे जगह ले जाने से रिलेटेड यह लॉजिस्टिक पार्क का पूरा नेटवर्क एंड रेल्वेज को डेवलप करने का अभी पूरा जो है पीएम गतिशक्ति इनिशिएटिव का पार्ट है। जहां पर वन स्टेशन वन प्रोडक्ट इनिशिएटिव व्हिच वी हैव ऑलरेडी सीन कवच इनिशिएटिव एंड वी हैव द वंदे भारत ट्रेंस एंड बुलेट ट्रेंस आल्सो डेवलप्ड एज़ पार्ट ऑफ़ दिस इनिशिएटिव। देन वी हैव द नेशनल रोपवेज डेवलपमेंट प्रोग्राम दैट इज़ द पर्वतमाला इनिशिएटिव आल्सो पार्ट ऑफ़ दिस पर्टिकुलर थिंग। ठीक है? अब ये तो हो गया इकोनॉमिक इंफ्रास्ट्रक्चर। और अब सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर का डिस्कशन कर लेते हैं। हेल्थ रिलेटेड नेशनल हेल्थ पॉलिसी ऑफ़ 2017 आया था। जहां पर टू 2.5% ऑफ़ जीडीपी बाय 2025 हम खर्च करेंगे ऑन हेल्थ रिलेटेड इनिशिएटिव्स। तो हेल्थ रिलेटेड इनिशिएटिव्स पे अगर ₹100 इंडिया नेशनल इनकम कमा रहा है तो उसमें से नॉट इवन ₹2.5 हेल्थ पे खर्च कर रहे हैं। तो बाय 2025 वी विल स्पेंड दिस मच अमाउंट ये चीज हमारा ऐ था। बट डड वी रियली अचीव दिस दैट इज समथिंग वि इज अ क्वेश्चन मार्क। तो यूनियन बजट 202122 में हमने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत योजना को लेकर आए थे। देन एजुकेशन में 3.1% ऑफ़ जीडीपी खर्च हो रहा है। यानी कि टोटल इनकम अगर इंडिया का 100 है तो उसमें से तो 3.1 एटलीस्ट एजुकेशन में खर्च हो रहा है। एंड इसी से रिलेटेड जो है हमारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 में लाया गया था। जिसमें इस खर्चे को ये जो स्पेंडिंग है उसे और बढ़ाएंगे। ये चीज हमारा एम था 6% तक। ठीक है? 3.1 से कितना? 6% तक बढ़ाएंगे। एंड आल्सो अ इंडिया में जो एनरोलमेंट रेशियो वगैरह है वो सब भी इंक्रीस करेंगे। एंड आल्सो द पिलर्स ऑफ़ दिस पर्टिकुलर इनिशिएटिव नेशनल एजुकेशन पॉलिसी वो एग्जाम में पूछा हुआ है। व्हाट आर द पिलर्स? एक्सेसबिलिटी, इक्विटी, क्वालिटी, अकाउंटेबिलिटी। ठीक है? एई क्यू है। ठीक है? एक्सेसबिलिटी इक्विटी एक्सेसबिलिटी इज कि एजुकेशन को एक्सेसबिलिटी मिलनी चाहिए। एवरीबडी शुड हैव एक्सेस टू एजुकेशन। इट इज़ नॉट दैट कि समबडी इज़ नॉट गेटिंग द एजुकेशन बिकॉज़ ऑफ़ व्हिच बिकॉज़ ऑफ़ हज़ डिसेबिलिटी या फिर बिकॉज़ ऑफ़ हज़ कास्ट ऐसी चीज़ ना आए। बीच में जेंडर सबको एक्सेसबल होना चाहिए। इक्विटी यानी कि एवरीबडी शुड बी प्रोवाइडेड फैसिलिटीज़ टू गो फॉर द एजुकेशन। लाइक जिसको रिजर्वेशन चाहिए उसको प्रोवाइड करो। जिसको नहीं चाहिए मत दो। इस तरीके से होना चाहिए। क्वालिटी बेस्ट होना चाहिए। एंड अकाउंटेबिलिटी लाइक मेनी गवर्नमेंट स्कूल्स में टीचर्स भी नहीं आते तो दे शुड बी अकाउंटेबल दे शुड कम टू टीच एंड ऑल ऑफ़ दीज़ थिंग शुड बी हैपनिंग इजंट इट एंड द अदर सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर इज़ लाइक वुमेन एंपावरमेंट को बढ़ावा देना है फैमिली वेलफेयर इंडिया में 1952 में स्टार्ट हुआ था एक प्रोग्राम व्हिच इज़ कॉल्ड द नेशनल प्रोग्राम फॉर फैमिली प्लानिंग इंडिया बिकम द फर्स्ट कंट्री टू इंप्लीमेंट दिस थिंग द एम इज़ टू मैनेज द पपुलेशन सोशल हार्मोनी भी इंडिया में डिफरेंट सेक्टर्स में होना चाहिए एंड स्पेस स्पेसिफिकली कॉर्पोरेट्स यानी कि कंपनीज़ को अपने अपने कंपनी के अंदर एंड उस कंपनी का रिलेशनशिप वि अदर मेंबर्स ऑफ़ द सोसाइटी वो एस्टैब्लिश करना है। तो कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी इज़ अ मेजर थिंग सीएसआर। ठीक है? कॉर्पोरेट्स यानी कि कंपनीज का एक सोशल रिस्पांसिबिलिटी यहां पर एस्टैब्लिश किया जा रहा है कि उनका सोसाइटी की तरफ भी कुछ रिस्पांसिबिलिटी है। तो कॉर्पोरेट्स यानी कि कंपनीज़ को एव्री थ्री इयर्स का जो भी उनका अ जो भी उन्होंने कमाया है जो प्रॉफिट है उसका 2% दे हैव टू स्पेंड ऑन द सर्टेन एक्टिविटीज़ व्हिच आर अह हेल्पिंग द सोसाइटी। लाइक कोफ्रेंडली एक्टिविटीज स्कूल्स, कॉलेजेस, रोड्स, ब्रिजेस वगैरह को डेवलप करने से रिलेटेड उनको खर्च करना है। कितना? पिछले 3 साल का एवरेज निकाल के एवरेज इनकम प्रॉफिट जो है वो निकाल के उसका 2% दे हैव टू स्पेंड ऑन द सीएसआर एक्टिविटीज़। अगर यह नहीं करेंगे तो पहले यह क्रिमिनल रॉन्ग था। यानी कि आपको जेएल प्लस पेनाल्टी मनी पेनाल्टी दोनों देना पड़ता था। बट नाउ इट इज़ अ सिविल रॉन्ग वेयर जेएल इज़ नॉट देयर बट मनी पेनाल्टी यू हैव टू गिव। नाउ हाउ मच मनी पेनल्टी यू हैव टू गिव एटलीस्ट ₹1 करोड़ बाय द डिफॉल्टिंग ऑफ जो डिफॉल्टिंग कंपनी है वो ₹1 करोड़ तक एटलीस्ट पैसा देगा एंड ₹ लाख बाय द डिफॉल्टिंग ऑफिसर किसी पर्सन की वजह से हुआ तो ₹2 लाख एटलीस्ट दे विल पे कॉर्पोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी अगर फॉलो नहीं कर रहे हैं या प्रॉफिट का पैसा नहीं दे रहे हैं देन एव्री जो कंपनी है उसको एनवायरमेंट सोशल एंड गवर्नेंस इन तीन पैराटर्स पे जज किया जाएगा कि वेदर दिस पर्टिकुलर अह कंपनी इज़ गुड फॉर इन्वेस्टिंग ऑ नॉट। यस अब्सोलुटली अनिल शर्मा जी अबब्सोलुटली राइट आंसर्स ईएसजी के लिए इन जनरली ये होता है कि 2 लाख पर ऑफिसर नॉट 2 करोड़। ओके अमित जी 2 लाख होगा ना। आई थिंक आप टाइप गलत किए बट यू नो द आंसर। ठीक है? ईएसजी एनवायरमेंटल सोशल एंड गवर्नेंस इस तरीके से है जहां पर एनवायरमेंटल इज़ द अह वेदर एक कंपनी में आप अगर इन्वेस्ट कर रहे हैं तो व्हाट यू विल चेक कि ये इकोनॉमिकली प्रॉफिट कमा रहा है या नहीं। नॉट जस्ट दैट कंपनी शुड चेक ईएसजी आल्सो दैट इज़ एनवायरमेंटल। एनवायरमेंटल ये पेड़ काट काट के अपना कंपनी को ग्रो तो नहीं कर रहे हैं। ये सोशल जो जो वेरियस थिंग्स टू द सोसाइटी सोसाइटी का नुकसान पहुंचा के तो नहीं कर रहे हैं एक्टिविटीज। गवर्नेंस उसका इंटरनल एक्सटर्नल कैसा है? ये चीज चेक करना जरूरी है कंपनीज़ में इन्वेस्ट करने से पहले। तो इन्वेस्टर्स चेक द ईएसजी क्राइटेरिया एंड आल्सो अनटचेबिलिटी चीज़ इंडिया से चली जानी चाहिए। नाउ कैन यू जस्ट ट्राई टू आंसर दिस क्वेश्चन रियली क्विक। व्हिच अमंग द फॉलोइंग स्टेटमेंट इज करेक्ट विद रिस्पेक्ट टू एनवायरमेंट सोशल एंड गवर्नेंस सोशली रिससिबल इन्वेस्टर्स यूज क्राइटेरिया टू स्क्रीन द इन्वेस्टमेंट्स विद द कॉर्पोरेट गवर्नेंस सिस्टम इन बैंक्स द बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स एंड एग्जीक्यूटिव्स एक्ट इन द बेस्ट इंटरेस्ट ऑफ इट्स शॉर्ट टर्म शेयर होल्डर्स। ठीक है? तो ये क्राइटेरिया को स्क्रीन की इन्वेस्टमेंट्स को स्क्रीन करने के लिए यस यूज़ किया जाता है। बट कॉर्पोरेट गवर्नेंस सिस्टम के साथ बैंक्स जो है लॉन्ग टर्म शेयर होल्डर्स। यू आल्सो वांट अ लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप और शॉर्ट टर्म? लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप इज़ अ बेटर थिंग। बैंक्स आल्सो वांट अ लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप विथ द कस्टमर्स। तो लॉन्ग टर्म शेयर होल्डर्स के बेस्ट इंटरेस्ट में वो काम करते हैं। नॉट शॉर्ट टर्म। दैट इज़ व्हाई द करेक्ट आंसर ओवर हियर वुड बी ए वन ओनली। यस पवन जी राइट। अमित जी राइट। ठीक है? ए वन ओनली इज़ द राइट आंसर। नाउ मूविंग टू चैप्टर सिक्स। ग्लोबलाइज़ेशन एंड इट्स इंपैक्ट ऑन इंडिया। ठीक है? तो ग्लोबलाइज़ेशन इज़ वन टॉपिक दैट वी विल बी डिस्कसिंग। एंड उसका इंडिया पे क्या इंपैक्ट है? तो ग्लोबलाइजेशन सबसे पहले इसका मीनिंग क्या है? वह आपको पता होना चाहिए। ग्लोबलाइजेशन मीन्स अ कनेक्शन बिटवीन डिफरेंट कंट्रीज एंड व्हाई डिड कंट्रीज गेट कनेक्टेड विथ ईच अदर एट द इनिशियल प्लेस? कैन यू जस्ट गेस ट्रेड के लिए। इजंट इट? इकोनमिक इंटीग्रेशन इन कंट्रीज के बीच था व्हिच वाज़ द मेन रीज़। यस। सो टॉप थ्री हमारे हैं। पवन जी, देवव्रत जी एंड ओके देवव्रत जी का, अमित जी एंड अनिल जी आर टॉप थ्री इन दिस क्वेश्चन। वंडरफुल। तो वेरियस कंट्रीज कनेक्टेड विथ ईच अदर। सोश टू इंटीग्रेट इकोनॉमिकली। ठीक है? और ये ग्लोबलाइजेशन जो वर्ड है 18थ सेंचुरी से ये बहुत ही ज्यादा फेमस हो गया है। पॉपुलराइज किया गया है मिड 1980 के बाद। ठीक है? मिड 1980 के बाद ओईसीडी नाम का एक संस्था था ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट जहां पर मेनली यूरोपियन कंट्रीज एंड आर अह जो यूरोपियन कंट्रीज एंड यूएसए दीज़ आर द कंट्रीज़ दैट आर पार्ट ऑफ़ इट। ठीक है? तो, यह ग्लोबलाइजेशन को लाया गया था। एंड यह ग्लोबलाइजेशन जो टर्म है, यह टर्म इकोनॉमिकली इंटीग्रेट करने से रिलेटेड एक कांसेप्ट है। इट इज़ नॉट कंट्रीज के बीच इकोनमिक रिलेशनशिप को एस्टैब्लिश करता है ग्लोबलाइजेशन। इट इज़ नॉट एनी अ पॉलिटिकल रिलेशनशिप या कल्चरल रिलेशनशिप नहीं है। ट्रेड रिलेटेड इकोनमिक रिलेशनशिप से ये स्टार्ट हुआ। और इंडिया में ग्लोबलाइजेशन कहां से फेमस हुआ? एलपीजी लिबरलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन एंड द जी ओवर हियर इज़ द ग्लोबलाइजेशन। ओके? नाउ लेट मी आल्सो तो इंडिया में 1991 92 के बाद यह स्टार्ट हुआ। सो दिस इज़ अ क्वेश्चन फॉर यू? कैन यू जस्ट क्विकली आंसर ग्लोबलाइजेशन इज़ डिफाइंड ऐज़ अ राइज़िंग डैश अमंग द नेशज़? इकोनॉमिक इंटीग्रेशन, पॉलिटिकल इंटीग्रेशन, स्पिरिचुअल इंटीग्रेशन एंड इंटेलेक्चुअल इंटीग्रेशन। ओके। इनमें से कौन सा सही जवाब होगा? लेट्स सी हु इज द टॉप थ्री इन दिस क्वेश्चन। राइट व्हाट इज द आंसर टू दिस? यहां पर सही जवाब होगा ग्लोबलाइजेशन इज डिफाइंड एज अ राइज इन डश अमोंग द नेशंस यस वंडरफुल एवरीबॉडी हैज़ आंसर्ड इट राइट एंड सबसे पहले ओके सिन्हा सुरेंद्रन जी ओके यू हैव माय नेम आल्सो इन योर नेम बहुत ही बढ़िया आई लव योर नेम सिंशा सिंशा सुरेंद्र जी सुरेंद्रन जी ओके ग्लोबलाइजेशन इज इकोनमिक इंटीग्रेशन ठीक है बहुत ही बढ़िया कवि जी यस संजीवनी जी वेलकम टू द सेशन ओके नाउ यू कैन सी दिस इमेज ओवर हियर ग्लोबलाइजेशन मतलब इकोनमिक इंटीग्रेशन इकोनमिक बेनिफिट के लिए प्रॉफिट के लिए कंट्रीज एक दूसरे के साथ डील करते हैं बट देयर वाज़ अ टाइम जब अफ्रीकन जो स्लेव्स थे अफ्रीकन पीपल को स्लेव बनाकर इंडिया से बाहर अफ्रीका से बाहर ले जाया जाता था इन शिप्स उनको गुड्स की तरह पैसेंजर्स की तरह ट्रीट नहीं किया जाता था सामान की तरह ट्रीट करके ले जाते थे जस्ट लाइक गुड्स दे वर ट्रीटेड एंड दे वर टेकन फ्रॉम अफ्रीका फॉर इकोनमिक बेनिफिट। तो दिस इज़ आल्सो ग्लोबलाइज़ेशन ओनली ना। यहां पर इकोनमिक बेनिफिट तो मिल ही रहा है। इकोनमिक इंटीग्रेशन तो हो ही रहा है। इट इज़ आल्सो ग्लोबलाइज़ेशन। यू कैन सी इन द पिक्चर बट इज़ इट फेयर ग्लोबलाइज़ेशन? दैट इज़ द क्वेश्चन। फेयर मींस इज़ इट करेक्ट वे टू डू द इकोनमिक इंटीग्रेशन। एब्सोलुटली नो। बिकॉज़ यहां पर ये जो पर्सन है, इसके ह्यूमन राइट्स वायलेट हो रहे हैं। तो, दिस इज़ नॉट अ फेयर ग्लोबलाइज़ेशन। बट द अदर वन दैट यू कैन सी ओवर दिस पर्सन इज़ टाइपिंग टाइपिंग टाइपिंग लेकिन यह पर्सन ऑलदो खुश लग नहीं रहा है बट ये खुश है बिकॉज़ ये एमएसी कंपनी के लिए काम कर रहा है। सो ही हज़ वर्क ही इज़ एक्चुअली रिप्रेजेंटेटिव ऑफ़ ग्लोबलाइज़ेशन एंड आल्सो ही इज़ गेटिंग द पे एंड ऑल द बेनिफिट्स फॉर दैट। दैट इज़ व्हाई इट इज़ फेयर ग्लोबलाइज़ेशन आल्सो। सो व्हाट इज़ द मीनिंग ऑफ़ फेयर ग्लोबलाइज़ेशन? सभी के लिए अपॉर्चुनिटीज़ हो। सभी के साथ अपॉर्चुनिटीज़ इक्वली शेयर हो। एंड डायवर्सिटी या डिफरेंसेस जो पीपल के बीच है वो एकनॉलेज किए जाए। फॉर एग्जांपल ये जो अफ्रीकंस है दे आर डिफरेंट फ्रॉम द ब्रिटिशर्स अमेरिकनंस जो इन्हें स्लेव्स बनाकर ले गए थे। बट अफ्रीकंस डिफरेंट होते हुए भी उनका इंडीजीनस कल्चर ये सब को अगर हम रेस्पेक्ट देते हैं तो एक्चुअली उन्हें स्लेव्स बनाकर नहीं लाते। तो डायवर्सिटी यानी कि डिफरेंसेस जो है उन्हें रिस्पेक्ट देना बहुत ज्यादा जरूरी है। आल्सो गवर्नमेंट मेजर्स यहां पर लिए गए टू सेफ गार्ड ऑल द इंटरेस्ट ऑफ एवरीवन। ठीक है? गवर्नमेंट के गवर्नमेंट कुछ मेजर्स लेगा। सो दैट एवरीबॉडीस इंटरेस्ट आर सेफ गार्ड सेफ गार्डेड। तो इसका मतलब क्या है? फेयर ग्लोबलाइजेशन में वो हम आगे के स्लाइड में देखते हैं। ओके? तो ग्लोबलाइजेशन तो हो गया। फेयर ग्लोबलाइजेशन भी हो गया। अब डीग्लोबलाइजेशन की बारी है। यानी कि कंट्रीज को डिसइीग्रेट करने के बारी है। इंटीग्रेट तो कर लिया। अब डिसइीग्रेट करने की बारी है। लाइक चाइना और इंडिया का एग्जांपल ले लेते हैं। ठीक है? सो दिस एग्जांपल विल ट्राई टू अंडरस्टैंड द कांसेप्ट ऑफ़ डीग्लोबलाइजेशन एंड प्रोटेक्शनिज़्म फॉर दैट सेक। ओके? सो, आर यू रेडी फॉर दिस? तो चाइना इज़ एक्चुअली सेंडिंग गुड्स इनू इंडिया। एंड हमने चाइना बाजार तो देखा ही होगा। चाइना बाजार में ऑल द प्लास्टिक्स आर देयर दैट आर कमिंग फ्रॉम आउटसाइड इंडिया। नाउ इंडियन एमएसएमईस आर आल्सो गोइंग टू मेक द प्लास्टिक। आई ऑलरेडी टोल्ड यू। तो एमएसएम जो प्लास्टिक बना रहे हैं लेट्स से एक बकेट का कॉस्ट इनका 60 है बट चाइनीस बकेट का कॉस्ट 50 है। तो व्हाट कैन वी डू? यहां पर इफ आई आस्क यू व्हिच बकेट यू विल बी बाइंग चाइनीस बकेट या इंडियन बकेट? अगर मैं आपसे पूछूं आप क्या जवाब दोगे? तो इवन माय आंसर वुड विल बी आल्सो ऑलमोस्ट सिमिलर कि आई विल बी बाइंग द चाइनीस बकेट ओनली सर। ठीक है? इंडियन बकेट तो नहीं खरीदूंगा। तो ऐसे केस में जो चाइनीस बकेट है ये इसका जो है सेल ज्यादा होगा बट इंडियन बकेट कोई नहीं खरीदेगा कंपटीशन में। इंडिया इंडियन बकेट जो है वो कहीं भी अ आपको देखने को नहीं मिलेगा। बट यहां पर अगर हम देखें इस चीज में व्हाट कैन द गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया डू टू प्रोटेक्ट दिस पर्टिकुलर पर्सन? दैट इज़ कॉल्ड द प्रोटेक्शनिज़्म। ठीक है? इसको प्रोटेक्ट भी करना है। इसका इनकम जो है होना चाहिए। इसको चाइनीज़ बकेट की वजह से नहीं हो रहा है। तो क्या कर सकती है गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया? तीन में से एक चीज कर सकती है। ऐसा एक इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन दैट इज़ डब्ल्यूटीओ वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन कहता है। द फर्स्ट थिंग इज़ द टेरिफ यानी कि इस पे टैक्स लगा सकती है। लेट्स से ₹15 का टैक्स लगा दिया। नाउ इट इज़ 65। नाउ व्हाट यू विल बाय? यू विल बी बाइंग दिस इंडियन बकेट ओनली। इज़ंट इट? लगा दिया। यानी कि 15 बकेट से ज्यादा इंडिया में नहीं आएंगे। चाइनीस बकेट बस फिक्स्ड तो कोटा अब नॉन टैब बैरियर इज कि यहां पर जो बकेट्स आ रहे हैं इनके क्वालिटी ही अच्छा नहीं है। ओके तो दीज़ आर द थ्री थिंग्स दैट द गवर्नमेंट्स कैन डू एंड डब्ल्यूटीओ ने ये गवर्नमेंट्स को टूल्स दिए हुए हैं जिससे वो इंडियन जो भी कंट्री के जो पीपल हैं उनको उनके प्रोडक्ट्स को जो है प्रोटेक्ट कर सकती है। ठीक है? व्हाट आर द थ्री वेज़? टेरिफ वि इज टैक्स ₹1 का एक्स्ट्रा टैक्स कोटा 15 बकेट से आएंगे इंडिया में जस्ट गिविंग एन एग्जांपल नंबर्स के साथ मत जाना नॉन टेरिफ बैरियर इज़ कि ये बकेट का क्वालिटी अच्छा नहीं है इंडिया में नहीं ला सकते ऐसा ठीक है तो ये इसे हम डीग्लोबलाइजेशन या डिसइीग्रेशन कहते हैं। ठीक है? इकोनॉमिक इंटीग्रेशन को रिड्यूस करना कोविड के टाइम पे जिस तरीके से चाइना को बॉयकॉट किया गया था कि भाई हमने चाइना से तो सामान इंपोर्ट करना था। हमने कोविड भी इंपोर्ट कर लिया तो चाइना वाज़ बायपॉटेड भी है। ऐसे कंट्री से हमें कोई ट्रेड नहीं करना। इसके अलावा एक बुक लिखी गई है द लेवलिंग व्स नेक्स्ट ऑफ ग्लोबलाइजेशन माइकल सुलवन के द्वारा। तो ये बुक का जो है मेन शीर्षक ही है डीग्लोबलाइजेशन। ओके? तो बुक्स एंड ऑथर्स एग्जाम में आता है बार-बार। तो यू कैन रिमेंबर दिस द लेवलिंग व्हाट्स नेक्स्ट डॉ. ग्लोबलाइजेशन माइक्रोसवन के द्वारा यह बुक लिखी गई है। कैन यू जस्ट टेल मी द आंसर टू दिस? प्रोटेक्शन डज नॉट टेक वि अमोंग द फॉलोइंग फॉर्म। तो लेटेस्ट क्वेश्चन मैं आपके सामने ला रहा हूं। अक्टूबर 204 में क्वेश्चन आया था। व्हाट इज द आंसर टू दिस? ओके। कौन सा इसमें प्रोटेक्शनिज्म नहीं है? टेरिफ, इंपोर्ट कोटा, नॉन टैफ बैरियर या जीएसटी? ऑब्वियसली यस द करेक्ट आंसर इज़ दिस डी जीएसटी बिकॉज़ कोटा टेरिफ कोटा एंड नॉन टैफ़ बैरियर। ये तीनों प्रोटेक्शनिज़्म के फॉर्म्स है। ये हमने यहां पे देखा ना। तो ऑल ऑफ़ दीज़ आर देयर बट जीएसटी इज़ नॉट पार्ट ऑफ़ द नॉन टैरिफ़ बैरियर। अमित जी एक्चुअली डी वुड बी द राइट आंसर। बिकॉज़ कोटा तो यहां पे लिस्ट में है ही। ओके इज दैट राइट इज दैट ओके टू आर द टॉप थ्री हियर देवव्रत जी सुमित जी एंड अजय जी आर द टॉप थ्री वंडरफुल शष जी राइट सत्यम जी का भी आंसर सही है सत्यम राजपूत जी गोपाल जी ऋषि पवन अर्चना राइट ठीक है नाउ मूविंग टू चैप्टर सेवन इकोनॉमिक रिफॉर्म्स ओके तो जो चेंजेस इंडिया में किए गए थे इंडिया 1991 92 के टाइम पर इंडिया में इंटरनली एंड एक्सटर्नली बहुत सारे इशज़ चल रहे थे इंटरनली इंडिया का जो फिसिकल डेफिसिट है यानी कि गवर्नमेंट के द्वारा जो एक्सपेंडिचर किया जाना है इफ इट इज़ 10,000 तो गवर्नमेंट का इनकम बस 5000 था। ऐसा चल रहा था। ठीक है? बहुत कम पैसे थे। अब एक्सटर्नली भी अगर हम देखें तो इंडिया में करंट अकाउंट डेफिसिट चल रहा था। यानी कि हमारे एक्सपोर्ट्स की अर्निंग बहुत कम हो गई थी। बिकॉज़ 1991 के टाइम पे यूएसएसआर के साथ हमारे ऑल द एक्सपोर्ट रिलेशनशिप्स थे। बट यूएसएस आर टोटली कोलैप्स्ड एट दैट टाइम एंड उसके बाद कौन सा कंट्री आया? यूएसएसआर से सबसे बड़ा कंट्री कौन सा आया? कैन एनीवन टेल मी जिसके साथ हमारे ट्रेड रिलेशनशिप्स एक्सपोर्ट रिलेशनशिप्स थे मेजर। अब इंपोर्ट जो हो रहा है उस पर भी हमें काफी ज्यादा जो है खर्च करना पड़ रहा था। बिकॉज़ गल्फ वॉर चल रहा था एट द ऑयल प्राइसेस फॉर इंक्रीस एंड समथिंग दैट वी कैन नॉट लिव विदाउट इज़ ऑयल जो हमें इंपोर्ट करना ही है। तो बहुत हाई कॉस्ट आ रहा था उसका। तो इसे हम करंट अकाउंट डेफिसिट कहते हैं। जहां पर एक्सपोर्ट्स और इंपोर्ट्स का जो है बैलेंस नहीं बैठता। इंपोर्ट जो किया जा रहा है दैट एंड एक्सपोर्ट जो है वो बहुत ही लो है। एंड इंपोर्ट्स आर रियली हाई। तो इन सिचुएशन की वजह से इंडिया के पास डॉलर्स बचे ही नहीं थे। सो हैज़ टू स्पेंड एंड दैट इज़ व्हाई इंडिया एक्चुअली वेंट टू आईएमएफ टू गेट दीज़ डॉलर्स। ठीक है? तो इकोनॉमिक रिफॉर्म्स 199192 के टाइम पे लाए गए थे। एंड हमारे इंडिया में एक इकोनॉमिस्ट है हुस नेम इज डॉक्टर जगदीश भगवती जी हु एक्चुअली गिव्स द रीज़ंस फॉर दीज़ इकोनॉमिक क्राइसिस दैट केम इन 199192 ठीक है तो देख रहे हैं इकोनमिक हिस्ट्री पूरा लिंक्ड है फ्रॉम द फर्स्ट चैप्टर इटसेल्फ यहां तक ठीक है क्या रीज़ंस दिए इन्होंने स्ट्रांग ब्यूरोक्रेटिक कंट्रोल यानी कि सब कुछ जो है इंडिया का गवर्नमेंट एंड ब्यूरोक्रेसी कंट्रोल कर रहा है तो प्राइवेट सेक्टर एंड फॉरेन एंट्रीज को मौका ही कब मिलेगा तो ग्रो कैसे करें इकॉनमी यू कैन नॉट एक्सपेक्ट इनवर्ड लुकिंग ट्रेड है। इंडिया में जो ट्रेड किया जा रहा है वो इनवर्ड लुकिंग है। यानी कि हम बाहर कंट्रीज के साथ खास ट्रेड कर ही नहीं रहे। ओनली यूएसएसआर रशिया के साथ ट्रेड करोगे तो काफी रहेगा क्या? देन इनफिशिएंट पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज फंक्शनिंग पब्लिक सेक्टर जो इंडिया में है वो भी अच्छे से फंक्शन नहीं कर पा रहे हैं। तो ऑब्वियसली देयर विल बी अ डिक्लाइन ओनली। इजंट इट? नाउ इफ यू सी दिस पर्टिकुलर क्वेश्चन कैन यू जस्ट ट्राई टू आंसर इट? यहां पे क्या पूछा गया है? है व्हिच अमंग द फॉलोइंग इज़ वन ऑफ़ द कैटेगरीज़ ऑफ़ इंडियास इकोनॉमिक फेलर अंडरलाइन बाय इकोनॉमिस्ट जगदीश भगवती। ठीक है? कौन से ऐसे कैटेगरीज़ हैं? तो फर्स्ट वन इकोनॉमिक फेलर इंक्रीज़्ड इंटरनेशनल ट्रेड की वजह से तो होगा नहीं। इंटरनेशनल ट्रेड बढ़ रहा है तो इकोनमिक फेलर होगा। नहीं स्ट्रांग ब्यूरोक्रेटिक कंट्रोल। यस। इसके वजह से होगा। इनवर्ड लुकिंग ट्रेड यस। इनफिशिएंट पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज। यस। ये तीन रीज़ंस जगदीश भगवती जी के द्वारा दिए गए थे। अक्टूबर 2023 24 दोनों में भी यह पूछा गया है। सो 2 3 एंड फोर यस सबसे पहले भास्कर जी का आ रहा है। देवव्रत जी का आंसर सो बी वुड बी द राइट आंसर। बहुत बढ़िया। रैपिड फायर के तीन विनर्स है। भास्कर जी, देवव्रत जी एंड सुमित जी वंडरफुल। ठीक है। संजीवनी जी इज़ द आंसर क्लियर। है ना? नाउ नेक्स्ट वी हैव द बैंकिंग सेक्टर रिफॉर्म जो इंडिया में लाए गए थे एक्चुअली वह नरसिमन कमेट नरसिमन नाम के जो व्यक्ति हैं दिस पर्सन वान ऑफ द आरबीआई गवर्नर्स आल्सो प्रीवियसली तो इनके द्वारा ये कमेटी बनाई गई थी व्हिच इज़ कॉल्ड द नरसिमन कमिटी दो बार बनाई गई थी कि भाई ये जो सिचुएशन हुआ है जहां पर इकोनमिक क्राइसिस इंडिया में आ गया अब इकोनमिक इमरजेंसी आने का लगाने का टाइम आ रहा था तो ऐसे केस में व्हाट कैन बी डन इन फ्यूचर कि यह सब ना हो तो नरसिमन कमिटी ने रिकमेंडेशंस दिए एंड सम ऑफ़ द रिकमेंडेशंस वर रिलेटेड मेनली टू द बैंक्स। ठीक है? तो फाइनेंसियल सेक्टर बैंक्स से रिलेटेड क्या रेमेंडेशन दिए गए हैं वो हम यहां पे डिस्कस करेंगे। यस अजय जी, संजीवनी जी एब्सोलुटली राइट आंसर। बहुत बढ़िया। तो बैंक को कहा गया कि आप आपको अपने डिपॉजिट्स को बढ़ाना है। एंड कौन से डिपॉजिट को बढ़ाना ज्यादा बेटर रहेगा बैंक के लिए? करंट अकाउंट, सेविंग्स अकाउंट या फिर एफडीआरडी। कैन यू जस्ट टेल मी इन द चैट बॉक्स? यू नो इट बेटर? व्हिच डिपॉजिट शुड बी इंक्रीज़्ड बाय द बैंक्स फर्स्ट। ठीक है? नाउ अपार्ट फ्रॉम दैट एडिक्वेट कैपिटल जो कि हमारे रिस्कटेड एसेट्स हैं। हमें पता है कि हमने लोन दिया है बट वो लोन का जो मनी है वो हमें रिटर्न होगा कि नहीं। वी आर नॉट श्योर इतना परसेंटेज तक हमें पता है कि वो आएगा नहीं आएगा पता नहीं। तो ये सबको कैलकुलेट करके वी कैन से ₹100 का हमारा रिस्क वेटेड एसेट बन रहा है। तो इस पर एटलीस्ट 8 टू 9% वी हैव टू मेंटेन द अ रिस्क वेटेड एसेट्स के ऊपर कैपिटल। तो दैट इज़ अ कैपिटल एडक्वसी। देन रिडक्शन ऑफ़ द रिजर्व्स जो भी रिजर्व्स हैं उनको रिड्यूस करने की जरूरत है। कौन से रिजर्व्स बैंक्स मेंटेन करते हैं? कैन यू जस्ट टेल मी इन द चैट बॉक्स? तो डिपॉजिट्स को ग्रो करना है। करंट अकाउंट, सेविंग्स अकाउंट, रिजर्व्स जो मेंटेन किए जा रहे हैं। तो कौन से रिजर्व्स हैं यह? राइट? तो इनको रिड्यूस करना है बिकॉज़ बहुत हाई अमाउंट ऑफ रिजर्व्स एक्चुअली मेंटेन किए जाते हैं। तो दिस हैज़ टू बी रिड्यूस्ड। ठीक है? तो, इस तरीके से। अ नाउ अपार्ट फ्रॉम दैट द फोर्थ वन इज़ कि डीरेगुलेट करना है हमें लेंडिंग रेट्स को। जो भी लेंडिंग किया जा रहा है यानी कि लोनस दिए जा रहे हैं उन्हें डीरेगुलेट करना है। हमें ये करना है कि जो लेंडिंग रेट्स है वो बैंक्स खुद ही डिसाइड करें। क्रेडिट डिलीवरी सपोर्ट एंड क्रेडिट जो प्रोवाइड किया जा रहा है लोंस प्रोवाइड किए जा रहे हैं उन्हें अच्छे से डिलीवर किया जाए। सुपरवाइजरी सिस्टम स्ट्रांग हो इंडिया का। हमारा आरबीआई जो है रेगुलेटरी सिस्टम बहुत स्ट्रांग रखता है। बट सुपरविजन यानी कि बिफोर रेगुलेशन यू हैव टू टेल देम कि भाई यह चीज करनी है। ऐसे आपको सही कर सकते हैं। रेगुलेशन मींस डंडा करना यानी कि बताना कि ये गलत है, ये गलत है। इसको ऐसे सही करो। ये तो हमारी सजा है। दैट इज कॉल्ड रेगुलेशन। वी हैव टू सुपरवाइज फर्स्ट। देन एंट्री ऑफ़ न्यू प्राइवेट बैंक। जहां पर नए जो बैंक्स हैं उनको एंट्री दी गई है इंटू द इंडियन एरीना। ठीक है? न्यू प्राइवेट बैंक्स यानी कि प्राइवेट बैंक्स तो इंडिया में बहुत पहले से थे। बट 1969 एंड 1980 में बहुत सारे प्राइवेट बैंक्स को नेशनलाइज किया गया था। यानी कि दे वर मेड पब्लिक सेक्टर बैंक्स। एंड ये पब्लिक सेक्टर बैंक्स एक्चुअली आगे जाकर मर्ज करके। आज के डेट में कितने पब्लिक सेक्टर बैंक्स हैं? यू कैन टेल मी। तो इस 1969 के बाद प्राइवेट बैंक्स पर विश्वास ही नहीं किया गया आरबीआई के द्वारा। सो इट डिड नॉट गिव एनी लाइसेंस। एंड आफ्टर 25 इयर्स इन 1994 इट टूक द हिम्मत मिला आरबीआई को लाइसेंस देने का। तो ICICI को इसने फर्स्ट न्यू प्राइवेट बैंक बनाया। तो इससे पहले जो बैंक्स थे काफी प्राइवेट बैंक्स को पब्लिक सेक्टर बनाया गया था। एंड कुछ को जो नहीं बनाया गया था दे वर कॉल्ड द ओल्ड प्राइवेट बैंक्स। नाउ सम यस। ठीक है? नाउ वी हैव 14। ओके। तो नाउ आई थिंक वी हैव 12 इफ आई एम नॉट रोंग। तो ICICI को न्यू प्राइवेट बैंक यानी कि प्राइवेट बैंक्स को लाइसेंस ही नहीं दिया जा रहा था। 94 में इसको दिया गया तो इट वास कॉल्ड द न्यू प्राइवेट बैंक। ठीक है? अब मर्जर एमल्गमेशन वगैरह करके अ कई सारे बैंक्स को जो है लाया गया इनू द पिक्चर। नाउ हियर वेरियस कमिटीज़ वर फॉर्म्ड ऑन डिफरेंट थिंग्स इन द इंडियन इकॉनमी। चक्रवर्ती कमिटी ऑन मॉनिटरी पॉलिसी। पद्मनाभन कमिटी बैंक सुपरविज़ को रिव्यु करने के लिए वर्मा कमेटी ऑन वीक बैंक्स एंड आरएच कमिटी आरएच खान कमिटी ऑन द रोल ऑफ़ फाइनेंसियल इंस्टिट्यूशन एंड बैंक्स। तो ये चीज़ थोड़ा सा आपको याद रखना होगा। राइट? यू कैन जस्ट यूज़ एनी न्यूमोनिक्स टू रिमेंबर। द सेकंड कमिटी नरसिमन कमिटी बैठी थी। 1998 में। इसका रिपोर्ट आया था बैंकिंग सेक्टर से रिलेटेड। और यह जो रिपोर्ट है इसमें बताया गया था कि हमें क्रेडेंशियल यानी कि बैंक्स एंड बाकी सारे स्टेक होल्डर्स से रिलेटेड जो चीजें हैं वो सब सही लाइन में रहें। इस तरीके से बैंक्स को एक्ट करना होगा। सुपरविज़न सही तरीके से हो एंड मार्केट एंड इंस्टीट्यूशनल लीगल टेक्नोलॉजी रिलेटेड जो रिफॉर्म्स के बारे में इसने कहा था। नाउ व्हाट आर द व्हाट इज़ द आंसर टू दिस क्वेश्चन? व्हिच अमंग द फॉलोइंग इज़ ऑफ़ द रिकमेंडेशंस ऑफ़ द नरसीमन कमिटी वन फॉर्म इन 1992 एडिक्वेट कैपिटल मेंटेन करना है एंड रिजर्व्स का जो मैंने बात किया था दैट इज़ सीआरआर एंड एसएलआर तो रिजर्व्स को हमें रिड्यूस करना है ऐसा एंड लेंडिंग रेट्स बैंक्स खुद ही खुद ही डिसाइड करेंगे डीरेगुलेट हो जाएगा क्रेडिट डिलीवरी रिलेटेड भी चाहिए हमें सपोर्ट इज़ंट इट तो दैट तो नाउ वी एक्चुअली हैव यस संजीवनी जी 12 इज़ द राइट आंसर क्रेडिट डिलीवरी यानी क्रेडिट लोंस प्रोवाइड करने से रिलेटेड पूरा सेटअप भी हमें एस्टैब्लिश करना है। व्हिच ऑफ़ दीज़ इज़ राइट? यहां पे यस वंडरफुल देवत जी हमारे जो है रैपिड फायर के नंबर वन शॉर्ट वीडियोस राइट आंसर। सुमित जी आल्सो राइट आंसर। चारों ही चीजें हैं यहां पे। बी क्यों आंसर कर रहे हैं? क्रेडिट डिलीवरी भी है ना? देखिए क्रेडिट डिलीवरी सपोर्ट यानी कि लोन से रिलेटेड सपोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर, वेबसाइट्स ये सब भी डेवलप करने हैं। तो डी इज़ द राइट आंसर। क्लियर है? अब बैंकिंग सेक्टर में जो रिफॉर्म सजेस्ट किए गए थे उनमें से वन ऑफ देम इज़ अ सुपरवाइज़री रिफॉर्म। सो आरबीआई बैंक फॉर फाइनेंसियल सुपरविज़न बीएफएस को एस्टैब्लिश करता है जिसका गवर्नर इज़ द हेड ऑफ़ दैट पर्टिकुलर ऑर्गेनाइजेशन। डिफरेंट मेंबर्स यहां पर एंड आल्सो एनपीएस से रिलेटेड ये रेकमेंडेशंस देता है। ओके देवत जी शॉर्ट वीडियो सुमित जी अजय जी अब्सोलुटली करेक्ट भास्कर जी डी इज़ एक्चुअली द राइट आंसर। ठीक है? एंड आल्सो द रिकमेंडेशन विद रिस्पेक्ट टू अ रेटिंग सिस्टम लिया गया था जिसे इंप्लीमेंट भी किया गया है। और यह रेटिंग सिस्टम को हम कैमल्स रेटिंग सिस्टम कहते हैं फॉर द बैंक्स। बैंक को अलग-अलग पैराटर्स इंक्लूडिंग सी फॉर कैपिटल एडिक्वसी, ए फॉर एसेट क्वालिटी, एम फॉर मैनेजमेंट क्वालिटी, ई फॉर अर्निंग, एल फॉर लिक्विडिटी एंड एस फॉर सेंसिटिविटी इन पैराटर्स पे कंपेयर किया जाता है बैंक्स को एंड उनकी रैंकिंग की जाती है। दैट इज़ कॉल्ड द कैमल्स रेटिंग सिस्टम। ओके? तो सी यह रेटिंग कौन से पैराटर्स पर कि एडिक्वेट कैपिटल बैंक मेंटेन कर रहा है कि नहीं? एसेट क्वालिटी कैसा है? एनपीए ज्यादा तो नहीं है। मैनेजमेंट क्वालिटी एम अर्निंग्स ई जो है यहां पर एंड लिक्विडिटी एल एंड सेंसिटिविटी एस ऑल ऑफ दीज़ आर द रेटिंग सिस्टम। ठीक है? इन पैराटर्स को देखा जाता है। सेंसिटिव है कस्टमर के तरफ लिक्विड मनी बैंक के पास मेंटेंड है या नहीं? अर्निंग्स उसके अच्छे हैं या नहीं? ये सब तो कैमल्स रेटिंग सिस्टम सी फॉर कैपिटल एड्रेसी ए फॉर एसेट क्वालिटी एम फॉर मैनेजमेंट क्वालिटी ई फॉर अर्निंग्स एल फॉर लिक्विडिटी एंड एस फॉर सेंसिटिविटी दीज़ आर द डिफरेंट पैरामीटर्स ऑन व्हिच बैंक्स आर कंपयर्ड याद रहेगा जिसका मैचिंग आया है एग्जाम में आल्सो ऑडिटिंग गवर्नेंस रिलेटेड भी रिफॉर्म सजेस्ट किए गए थे ओके सो दोज़ वर योर सेवन चैप्टर्स नाउ मूविंग टू चैप्टर नंबर एट फॉरेन ट्रेड पॉलिसी फॉरेन इन्वेस्टमेंट इकोनॉमिक डेवलपमेंट थ्री टॉपिक्स यहां पर है तो सबसे पहले फॉरेन ट्रेड पॉलिसी 2023 का लेटेस्ट जो पॉलिसी है उससे रिलेटेड एग्जाम में क्वेश्चन आता है। इससे पहले फाइव फाइव इयर्स का फॉरेन ट्रेड पॉलिसी आया था। 2020 में लास्ट पॉलिसी था। एंड आफ्टर दैट वी केम अप वि द पॉलिसी इन 2023 बिकॉज़ ऑफ़ कोविड। ओके? अब 2023 का जो ये पॉलिसी है इस पॉलिसी में इंडिया जो एक्सपोर्ट्स है उसको 2 ट्रिलियन यूएस डॉलर तक बढ़ाएगा। बाय 20130 ये कहा गया है। एंड दिस पॉलिसी हैज़ फोर पिलर्स रेमिशन यानी कि इंडिया में जो पैसा आता है फ्रॉम आउटर कंट्रीज। लेट अस से आपका कोई जान पहचान का व्यक्ति सम पर्सन दैट यू नो हैज़ गॉन टू कतार एंड फ्रॉम देयर दिस पर्सन इज़ सेंडिंग यू मनी दैट इज़ कॉल्ड रेमिटेंस मेनली इनवर्ड रेमिटेंस। तो इस रेमिटेंस में इंडिया इज़ अ नंबर व्हेन यू विल बी फैसनेटेड टू नो एंड वी हैव टू इंक्रीज़ दिस रेमिटेंस इज़ समथिंग दैट इज़ द फर्स्ट पिलर ऑफ़ दिस पर्टिकुलर फॉरेन ट्रेड पॉलिसी। ठीक है? ठीक है? रेमिटेंस इंक्रीस करने का मेन एम यहां पर है। देन एक्सपोर्ट प्रमोशन थ्रू कोलैबोरेशन ये भी हमारा इंपॉर्टेंट एम है जहां पर हम एक्सपोर्ट्स को प्रमोट करना चाहते हैं। ठीक है? कोलैबोरेट करके तो सबसे पहली चीज जो हमारा प्लस पॉइंट है उसे और बेटर करना एंड एक्सपोर्ट्स को प्रमोट करना एक्सपोर्टर, स्टेट, डिस्ट्रिक्ट, इंडियन मिशनंस इन सभी के कोलैबोरेशन के थ्रू। आल्सो गोइंग फॉर ई ऑफ डूइंग बिजनेस यानी कि ट्रेड बिजनेस और भी ज्यादा एक्सपोर्ट्स इंपोर्ट्स ये सब और बेटर ईजी कैसे हो सकते हैं बाय कमिंग अप विद डिजिटल इनिशिएटिव्स ठीक है कॉस्ट को रिडक्शन रिड्यूस करना ई इनिशिएटिव्स लेकर आना एंड सर्टेन इमर्जिंग एरियाज लाइक ई-कॉमर्स डिस्ट्रिक्ट्स को एक्सपोर्ट हब्स बनाना डिफरेंट डिस्ट्रिक्ट्स लाइक कोस्टल डिस्ट्रिक्ट जो है वहां से बहुत ज्यादा एक्सपोर्ट किया जा सकता है तो इन्हें एक्सपोर्ट हब बनाना बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है आल्सो सर्टेन आइटम्स लाइक एसइओ एमटी स्पेशल केमिकल्स ऑर्गेनिज्म्स मटेरियल्स इक्विपमेंट एंड टेक्नोलॉजीस इनको एक्सपोर्ट इंपोर्ट एंड ट्रेड बिनेस में और भी ज्यादाेंस मिल सकता है। सो दैट्स कॉल्ड द एसइओ एमटी पॉलिसी। ठीक है? तो इस तरीके से एक दो तीन चार पिलर जो है इस फॉरेन ट्रेड पॉलिसी 2023 का यहां पर लाया गया है। इन चार पिलर्स के थ्रू ये चीज की जा रही है। ओके? सो दैट इज द थिंग। ये चार पिलर्स फॉरेन ट्रेड पॉलिसी 2023 के हैं। ओके? व्हाट आर दोज़? फर्स्ट हमारा प्लस पॉइंट को और भी बढ़ावा देना। दैट इज रेमिशन इंडिया में जो पैसा आ रहा है फ्रॉम डिफरेंट कंट्रीज जो भी इंडियन पीपल इंडिया से बाहर है वो भेजते हैं। तो दैट इज़ इंडिया इज़ ऑन नंबर वन ऑन दिस। तो इसको और भी बढ़ावा देना, कोलैबोरेट करना और ई ऑफ़ डूइंग बिज़नेस बेटर करना थ्रू ई इनिशिएटिव एंड ट्रांजैक्शन कॉस्ट रिड्यूस करके। एंड ई-कॉमर्स। ठीक है? यू बाय द अह थ्रू द Amazon, Flipkart एंड ऑल। तो दैट इज़ ई-कॉमर्स। उसे और भी बढ़ावा देना है। कैन यू जस्ट आंसर दिस क्वेश्चन? अक्टूबर 2024 लेटेस्ट क्वेश्चन है यह दैट हैज़ कम इन द एग्ज़ाम व्हिच अमंग द फॉलोइंग इज़ वन ऑफ़ द पिलर्स ऑफ़ द फॉरेन ट्रेड पॉलिसी 2023। सो व्हाट विल बी द आंसर फॉर दिस? इंसेंटिव टू रेमिशन एक्सपोर्ट प्रमोशन थ्रू कोलबेशन ऑफ डूइंग बिजनेस ई कॉमर्स डेवलपिंग डिस्ट्रिक्ट एज एक्सपोर्ट हब्स यस ऑल द फोर आर द पिलर्स वन टू थ्री एंड फोर डी विल बी द राइट आंसर देव देवव्रत जी भास्कर जी शॉर्ट वीडियोस आर ऑन नंबर आर ऑन द टॉप थ्री ओवर हियर ओके तो नेक्स्ट वन इज़ फॉरेन इन्वेस्टमेंट इसमें एफडीआई एंड एफआईआई का डिस्क्रिप्शन है तो एफडीआई इज़ अ फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट एफआई इज़ अ फॉरेन इंस्टीट्यूशन शनल इन्वेस्टमेंट इन दोनों के बीच का डिफरेंस इज़ वेरी वेरीेंट इवन टू थ्री मार्क्स फोर मार्क्स भी एग्जाम में आ जाता है फ्रॉम दिस पर्टिकुलर टॉपिक ओके तो अगर लेट अस ट्राई टू अंडरस्टैंड दीज़ टू थ्रू द हेल्प ऑफ़ द एग्जांपल ओके सो एफडीआई ऑन वन साइड एंड एफआईआई ऑन द अदर साइड तो शैल वी डू अ डील यहां पर एफडीआई के सारे पॉइंट्स मैं बताऊंगा एफआईआई के सारे पॉइंट्स आप बताओगे आर यू रेडी फॉर दिस लेट अस क्विकली बिगिन ओके तो एफडी एफडीआई एंड एफआई का मेजर जो इनिशियल डिफरेंस है वो हम देख लेते हैं। इफ एट ऑल दिस इज़ जेठालाल जी। जेठालाल जी की यहां पर गड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स की फैक्ट्री अब बन गई है। तो स्टोर से उन्होंने फैक्ट्री खोल दिया है। ही इज़ मेकिंग इलेक्ट्रॉनिक्स। सो ये फैक्ट्री जब इन्होंने खोल दी इस फैक्ट्री में ही वांट्स टू गेट द इन्वेस्टमेंट फ्रॉम फॉरेनर। और आपको पता है कौन सा फॉरेनर अभी-अभी आपने देखा फॉरेन कंट्री से इन्वेस्टमेंट आ रहा है। तो दैट फॉरेनर इज़ एक्चुअली टॉम क्रूज़ जिससे यह इन्वेस्टमेंट ले रहे हैं अपने फैक्ट्री में। तो टॉम क्रूज़ जेठालाल जी के फैक्ट्री में दो तरीके से इन्वेस्ट कर सकते हैं। एनी वन ऑफ़ द वे टॉम क्रूस कैन इन्वेस्ट। द फर्स्ट वे इज़ कि जेठालाल जी की फैक्ट्री में मशीनंस को इन्होंने टॉम क्रूस ने कंप्लीटली इंस्टॉल कर दिया। दैट इज़ द फर्स्ट वे। एंड। द सेकंड वे इज़ कि जेठालाल जी की जो फ़ैक्ट्री है उसका कुछ ना कुछ कंपनी का नाम होगा ना गड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स तो गड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स का जो शेयर्स है उसमें इन्वेस्ट किया अब आप बताइए इन दोनों में से लॉन्ग टर्म के लिए कहां पे इन्वेस्ट किया जा रहा है? फैक्ट्री के मशीनंस में इन्वेस्ट कर दिया या फिर फैक्ट्री के बस शेयर्स में इन्वेस्ट करके छोड़ दिया। तो व्हिच वन इज़ अ लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट आउट ऑफ़ बोथ ऑफ़ दीज़? इफ आई आस्क यू यस अबब्सोल्यूटली यहां पर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट होगा एफडीआई बिकॉज़ यहां पर आप देख रहे हैं मशीनंस में इन्वेस्ट कर रहे हैं तो ऐसा तो नहीं है कि आज मशीनंस में इन्वेस्ट किया कल फिर पैसा मांग रहे हैं कि वापस करो मेरा मशीनंस ऐसे करके आप मांग नहीं सकते। दिस इज़ फॉर लॉन्ग टर्म दैट यू हैव इन्वेस्टेड बट शेयर्स में इन्वेस्ट किया इमीडिएटली शेयर्स को किसी और को सेल करो या कंपनी को वापस सेल करो निकलो। ठीक है? यू कैन वेरी क्विकली लीव फ्रॉम दैट पर्टिकुलर शेयर्स। इजंट इट? तो एफडीआई का फर्स्ट पॉइंट इज इन्वेस्टमेंट इन द मशीनंस। दिस इज एन एग्जांपल। लॉन्ग टर्म पर्सेक्टिव के थ्रू ये हो रहा है। इट इज नॉट कंपलसरी कि मशीनंस में इन्वेस्ट करना है। बट मेजर कैपिटल इन्वेस्टमेंट जो है इन कंपनीज़ में किया जा रहा है। इन फैक्ट्रीज़ में किया जा रहा है। मेजर इन्वेस्टमेंट कैसे किया जाएगा? यहां पर जो कंपनी का को एस्टैब्लिश करने के लिए लेट से ₹100 रिक्वायर्ड है। तो ₹100 में से एटलीस्ट जो अ ₹50 या उससे ज्यादा हाई अमाउंट ऑफ़ इन्वेस्टमेंट ₹10 से ज्यादा यानी कि 10% से ज्यादा का इन्वेस्टमेंट इसमें किया जाता है। तो दैट इज़ कॉल्ड द अह मेजर इन्वेस्टमेंट दैट इज़ एफडीआई। यस वंडरफुल अर्चना जी। एफडीआई इज़ ऑफ़ द लॉन्ग टर्म पर्सपेक्टिव। बहुत बढ़िया। अब जीडीपी को कंट्रीब्यूट यह करता है एफडीआई। जी हां, नेशनल इनकम का पार्ट है। बहुत लार्ज अमाउंट ऑफ इन्वेस्टमेंट इससे आता है। यह स्टेबल है। यानी कि एकदम स्थिर तरीके से होता है। तो आपने एक बार जो इन्वेस्टमेंट कर दिया, कमिटमेंट कर दी तो कर दी। ठीक है? स्टेबल है। इसमें बहुत ज्यादा वेरिएशंस नहीं आते हैं। ठीक है? वेरिएशंस आते कहां है? एफआईआई में व्हिच वी विल सी। इट डिपेंड्स अपॉन द माइक्रोइकोनमिक प्रोफाइल। किसी भी कंट्री के माइक्रोइकोनमिक प्रोफाइल पे ये डिपेंड करता है। एंड डिफरेंट रूट्स के थ्रू ये जो है एफडीआई आता है इनू इंडिया। वन इज़ अ ग्रीन फील्ड, ब्राउन फील्ड, जॉइंट वेंचर ये सब। तो डिफरेंट रूट्स यहां पर जो हैं ये है अ जिनके बारे में हम डिस्कस करेंगे। फॉर एग्जांपल यू हैव अ गन मेकिंग फैक्ट्री। ठीक है? गन मेकिंग फैक्ट्री में कोई एनिमी कंट्री जो है हमारी उससे मेजर इन्वेस्टमेंट आ रहा है। तो इसको तो चेक करना पड़ेगा ना गवर्नमेंट को कि यह सही सही जगह से आ रहा है। किस लिए आ रहा है इतना इन्वेस्टमेंट गन मेकिंग फैक्ट्री में तो दैट हैज़ टू बी चेक्ड थरोली। तो ये गवर्नमेंट रूट से इन्वेस्टमेंट आएगा। अब कई बार लेट्स से देयर इज़ अ बिस्किट मेकिंग फैक्ट्री जिसमें यूएसए से इन्वेस्टमेंट आ रहा है। तो दिस इज़ नॉट एनीथिंग व्हिच रिक्वायरर्स मेजर चेकिंग। तो इसमें कोई चेकिंग नहीं की जाएगी खास। दैट इज़ कमिंग थ्रू द ऑटोमेटिक रूट। ठीक है? टू डिफरेंट रूट्स एंड टाइप्स हम देखेंगे आगे के स्लाइड में थ्रू एग्जांपल्स। ग्रीन फील्ड, ब्राउन फील्ड एंड जॉइंट वेंचर। सो, आर यू रेडी टू आंसर एफआईआई फॉरेन इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टमेंट में क्या-क्या पॉइंट्स आएंगे? फर्स्ट यहां पर क्या है? इन्वेस्टमेंट इन द मशीनंस इन एफडीआई। एफआईआई में क्या आएगा इसी के सामने? कैन यू टेल मी इन द चैट बॉक्स? यस। सो द फर्स्ट पॉइंट इज कि एफआईआई में शॉर्ट टर्म शेयर्स हैच फंड सिक्योरिटीज में यहां पर जो है इन्वेस्टमेंट किया जा रहा है इन द फॉरेन इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टमेंट ये तो लॉन्ग टर्म के लिए है एफडीआई एफआईआई किसके लिए लॉन्ग टर्म के लिए है मीडियम टर्म के लिए शॉर्ट टर्म के लिए तो फॉरेन इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टमेंट जनरली लेस दैन 10% का इन्वेस्टमेंट इसमें जो है होता है एंड दिस विल बी यस शेयर्स में इन्वेस्टमेंट बहुत बढ़िया देवत जी सेकंड पॉइंट क्या है शॉर्ट शॉर्ट टर्म पर्सेक्टिव से इसे लाया जा रहा है। तो ये एफडीआई कंट्रीब्यूशन जीडीपी में करता है। एफआईआई करता है। एफआईआई मेजर कंट्रीब्यूशन नहीं करता। शेयर्स में कितना इन्वेस्ट कर लोगे आप? ₹100 ₹200 इतना ही कर पाओगे। इजंट इट? यस वंडरफुल देवत जी। अदर्स आल्सो कैन प्लीज आंसर ये जो पॉइंट्स है यहां पे जीडीपी में कंट्रीब्यूशन नहीं है। ये तो स्टेबल है बट ये वोलेटाइल है। शेयर्स में आप पैसे डालते क्यों हो? फटाफट बेचो निकलो। इसी के लिए है ना प्रॉफिट कमा के निकलो। तो इट इज़ वेरी वोलेटाइल। कभी पैसा आ रहा है, कभी जा रहा है, कभी कुछ हो रहा है। ऐसे डिपेंड्स अपॉन द हैेजिंग। यानी कि कोई अपना लॉस कम करना चाहता है, प्रॉफ़िट बढ़ाना चाहता है, देन दे विल बी यूज़िंग एफआईआई एंड एफआई इज़ आल्सो कॉल्ड हॉट मनी। बिकॉज़ ये मनी इवापोरेट होते जाता है, चेंज होते रहता है, इंक्रीज़ डिक्रीज होते रहता है पीरियडिकली। सो, इट इज़ कॉल्ड द हॉट मनी। नाउ, कैन यू जस्ट आंसर दिस क्वेश्चन? व्हिच अमंग द फॉलोइंग स्टेटमेंट इज़ अ करेक्ट विद रिस्पेक्ट टू द फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स? तो, वह 204 का क्वेश्चन है। क्विकली आंसर इट? यस अर्चना जी वेरी गुड इट गोज़ इंटू द हैच फंड्स शॉर्ट टर्म इक्विटीज़ एंड सिक्योरिटीज़ पहला पॉइंट है सेकंड पॉइंट इट हैज़ शॉर्ट टर्म पर्सेक्टिव थर्ड पॉइंट एफआईआर गोज़ इंटू द प्रोडक्शन एक्टिविटीज़ सॉरी काफी प्यास लग रही है। ओके बढ़िया बहुत बढ़िया यू हैव आइडेंटिफाइड इट एब्सोल्यूटली वेल प्रोडक्शन एक्टिविटीज़ में तो जाता नहीं है ये मशीन एस्टैब्लिश करना दिस इज़ अ प्रोडक्शन एक्टिविटी ये डेफिनेटली शेयर्स में जाता है पैसा बहुत ही बढ़िया दिस वाज़ अ स्लाइटली डिफिकल्ट क्वेश्चन बट इवन देन भास्कर जी देवत जी अजय जी ने एकदम सही जवाब दिया ए इज़ अब्सोलुटली द राइट आंसर बहुत बढ़िया नाउ मूविंग िंग टू द नेक्स्ट पार्ट। ठीक है? यस सुमित जी, अर्चना जी अब्सोलुटली करेक्ट। एफडीआई जो है डिफरेंट सेक्टर्स में जाता है। एंड ये सेक्टर्स की पूरी लिस्टिंग आपको यहां पे दे दी गई है। तो आई वुड से आप थोड़ा सा पीडीएफ से ये सारा लिस्ट पढ़ लीजिएगा। बट हमारे लिए इंपॉर्टेंट है टू डिस्कस टू सेक्टर्स जिसमें एफडीआई जाता है। अगर कोई कंपनी है जिसमें 50% से ज्यादा फॉरेन कंट्री का इन्वेस्टमेंट आ रहा है तो ये इंडियन कंपनी से फॉरेन कंपनी बन जाएगी। ओके? तो दैट इज़ व्हाई 50% से ज्यादा जनरली अलव नहीं किया जाता। किया भी जाता है। तो नॉट इन ऑल द सेक्टर्स। हमारे लिए इंपॉर्टेंट है यहां पे डिस्कस करना है। बैंकिंग प्राइवेट सेक्टर जिसमें 74% तक का इन्वेस्टमेंट फॉरेन कंट्रीज से अलाउड है। दैट टू 49% ऑटोमेटिक रूट विदाउट चेकिंग। 49 टू 74 गवर्नमेंट रूट से आएगा विद चेकिंग। ठीक है? अब बैंकिंग पब्लिक सेक्टर दिस इज़ अनदर वन जो एग्जाम में आता है बार-बार। इसमें 20% खाली अलाउड है। ठीक है? कोई भी बैंक है जो पब्लिक सेक्टर है इसको एस्टैब्लिश करने में ₹100 लगे हैं। इसमें से ₹20 खाली बाहर कंट्री से आ सकता है। एंड दैट टू थ्रू द गवर्नमेंट रूट ये जो है बाहर कंट्रीज से आता है। ओके तो दीज़ आर द थिंग्स वि व्हिच आर वेरीेंट एफडीआई के पर्सेक्टिव से। नाउ इफ यू सी एफडीआई लिमिट अलाउड इन इंडिया इन प्राइवेट बैंकिंग सेक्टर इज डश ओके। व्हाट विल बी द आंसर फॉर दिस यस 74% ए इज़ एब्सोलुटली द राइट आंसर। ओके बहुत बढ़िया। मूविंग टू द नेक्स्ट पार्ट कि डिफरेंट टाइप्स ऑफ़ एफडीआई अब क्या है? तो यहां पर सबसे पहले आई थिंक संजीवनी जी, देवव्रत जी, रूपेंद्र जी का आंसर एकदम सही है। सबसे पहले जवाब दे रहे हैं। हरीश जी, सुमित जी, ऋषि जी, भास्कर जी सभी का आंसर सही है। बहुत बढ़िया। नाउ मूविंग टू द टाइप्स ऑफ़ एफडीआई। तो सबसे पहला है ग्रीन फील्ड एफडीआई। तो ग्रीन फील्ड एफडीआई एकदम स्क्रैच से एक्टिविटी स्टार्ट करने लाइक। McDonals ने अपना बर्गर में आलू टिक्की बर्गर लेकर आए इंडिया में ही। ठीक है? बिकॉज़ डिफरेंट टाइप्स ऑफ़ जो मीट है वो इंडिया में अलाउड नहीं है। द ग्रीन फील्ड इज़ एकदम स्क्रैच से स्टार्ट करना। एवरीथिंग स्टार्टिंग फ्रॉम स्क्रैच इन्वेस्टमेंट। अब ब्राउन फील्ड इज़ डचीस नाम की जापानीज़ कंपनी ने रनबक्सी नाम की इंडियन फार्मासटिकल कंपनी को कंप्लीटली एक्वायर किया। तो ऑलरेडी एकज़िस्टिंग कंपनी को एक्वायर करना। तो दैट इज़ कॉल्ड द ब्राउन फील्ड। द फील्ड इज़ ब्राउन मींस घास कट चुके है। ग्रीन फील्ड मींस एकदम स्क्रैच है। कट द ग्रास देन ब्राउन फील्ड आएगा। तो उसको फिर डिग करो। फिर उस पे जो है बिल्डिंग बनाओ तो ग्रीन फील्ड एकदम स्क्रैच से स्टार्ट करना बट ब्राउन फील्ड ऑलरेडी एस्टैब्लिश्ड कंपनी को एक्वायर करना दैट इज़ ब्राउन फील्ड जॉइंट वेंचर इज़ टू शेयर द रिसोर्सेज बस लाइक Hero Honda था। ठीक है? यस रूपेंद्र जी अब्सोलुटली Hero Honda में क्या है? Hero इज़ अ इंडियन कंपनी एंड Honda ऐज़ अ जापानीज़ कंपनी। दोनों ने अपने रिसोर्सेज को शेयर किया एंड प्रॉफिट्स को शेयर किया। जब वो प्रॉफिट्स आए। तो दिस इज़ कॉल्ड अ जॉइंट वेंचर। Hero एंड Honda अब अलग हो चुके हैं। दैट इज़ अ डिफरेंट थिंग। अब एफडीआई कुछ सेक्टर्स में प्रोहिबिटेड है इन इंडिया कि यहां पर आप फॉरेन कंट्रीज से इन्वेस्टमेंट नहीं ला सकते। सो व्हाट आर दीज़? लॉटरी बिनेस, गैंबलिंग, बेटिंग, चिट फंड्स, रियलस्टेट, फार्म हाउस कंस्ट्रक्शन, सिगार सिगरेट्स का मैन्युफैक्चरिंग और ये सेक्टर्स प्राइवेट सेक्टर को ओपन जो प्राइवेट सेक्टर के लिए आज के डेट में ओपन नहीं है। लाइक एटॉमिक एनर्जी, न्यूक्लियर एनर्जी ये सब प्राइवेट सेक्टर उसमें काम नहीं कर सकते। तो ये सब में फॉरेन एंटटीज भी अपना इन्वेस्टमेंट नहीं डाल सकते रेलवेज में एंड ऑल कैन यू जस्ट ट्राई टू आंसर दिस एन इन्वेस्टमेंट इन व्हिच अ मल्टीीनेशनल कॉरपोरेशन बाय स्टॉक इन एन एस्टैब्लिश्ड फर्म इन द होस्ट कंट्री इज़ कॉल्ड डैश व्हाट इज़ द आंसर टू दिस रैपिड फायर अगेन एस्टैब्लिश्ड फर्म इन द होस्ट कंट्री उसमें पैसे लगा रही है तो ग्रीन फील्ड एफडीआई ब्राउन फील्ड जॉइंट वेंच्योर या होल्ली ओन सब्सिडरी तो इसमें से कौन सा सही जवाब होगा रूपेंद्र जी ने पहले सही जवाब दे दिया है क्या? ओके। तो इसमें से ऑलरेडी एस्टैब्लिश्ड यस राइट आंसर देवव्रत जी। द आंसर इज़ ब्राउन फील्ड एफडीआई। ठीक है? ऑलरेडी एस्टैब्लिश्ड सब्सिडरी में ये पैसे लगाने हैं। एंड द लास्ट बट वन टॉपिक इन चैप्टर एट इज़ इकोनमिक ग्रोथ वर्सेस डेवलपमेंट। तो इकोनमिक ग्रोथ की एंड डेवलपमेंट की डिस्कशन करेंगे। जहां पर हम मैं आपको ग्रोथ का बताऊंगा। और आपको मुझे डेवलपमेंट का बताना है। रूपेंद्र जी एक्चुअली दिस इज़ ब्राउन फील्ड बिकॉज़ एस्टैब्लिश्ड फर्म है ऑलरेडी। रनबक्स ही एस्टैब्लिश्ड फर्म है एंड उसमें जो है इन्वेस्टमेंट आ रहा है। तो दैट इज़ अ ब्राउन फील्ड इन्वेस्टमेंट। क्लियर है? इकोनमिक ग्रोथ एंड डेवलपमेंट की हम यहां पे बात कर रहे हैं। ओके? इकोनमिक ग्रोथ क्या है? डेवलपमेंट क्या है? अगर इंडिया में 100 से 200 जो हमारा नेशनल इनकम है वो हो जाएगा। तो ऐसे केस में दिस विल बी कॉल्ड इकोनमिक ग्रोथ क्वांटिटेटिव टर्म्स में बस ये बट ये 100 से 200 जो इनकम हुआ है उसमें रिच पीपल का कितना इनकम ग्रोथ है पुअर पीपल का कितना इनकम ग्रोथ है कितना पैसा एजुकेशन सेक्टर में यूज़ किया जा रहा है हेल्थ में यूज़ किया जा रहा है लोगों का स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग कैसे बेटर किया जा रहा है ये सब की बात तो हो ही नहीं रही ओनली वन सेक्टर ओनली वन थिंग दैट वी आर टॉकिंग अबाउट ओवर हियर इज़ इंक्रीस इन द नेशनल इनकम इसके अलावा और कुछ भी हम डिस्कस नहीं कर रहे हैं ग्रोथ में। ठीक है? दैट इज़ व्हाई इसके जो ये अ फिगर्स है इससे आपको समझ में आ जाएगा। तो दिस इज़ द ग्रोथ। ठीक है? ग्रोथ में ये आप देख सकते हैं इनकम में राइज़। एंड डेवलपमेंट में दिस इज़ द थिंग। डेवलपमेंट में पीपल की हैप्पीनेस, उनका वेल बीइंग, ऑल ऑफ़ दीज़ थिंग्स आर आल्सो टेकन केयर ऑफ़। ओके? तो, दैट इज़ द थिंग। नाउ ग्रोथ के पॉइंट्स अगर हम डिस्कस कर लें तो ग्रोथ में अमाउंट ऑफ गुड्स एंड सर्विज जो प्रोड्यूस किए जा रहे हैं वो हम कंसीडर करते हैं। इनक्रीस इन द नेशनल इनकम ये सब तो है। ये सब इकोनॉमिक्स के बड़ी-बड़ी चीजें तो हम डिस्कस करते हैं। बट लोगों का भला कितना हुआ? वेलफेयर कितना हुआ? पॉवर्टी कितना कम हुआ, एंप्लॉयमेंट कितना बढ़ा, एजुकेशन कितना बढ़ा इससे रिलेटेड कोई डिस्कशन नहीं है। तो ग्रोथ के पॉइंट्स मैं आपको बताऊंगा। डेवलपमेंट के पॉइंट्स आपको मुझे बताने हैं। ओके? रेडी फॉर दैट? डील डन प्रोडक्शन ऑफ गुड्स एंड सर्विज जो है ग्रोथ में होता है। बट यह गुड्स एंड सर्विज प्रोड्यूस हां 100 प्रोडक्ट्स पर बने। ठीक है? 200 इज ठीक है। बट कितना डिस्ट्रीब्यूट हो रहा है इसके बारे में कोई भी इनेशन यहां पे नहीं मिल रही है। ठीक है? प्रोडक्शन ऑफ़ गुड्स एंड सर्विज डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ़ गुड्स एंड सर्विसेस तो कोई इनेशन नहीं कि पुअर पीपल को 200 में मिल रहा है। रिच पीपल को मिल रहा है। इसमें से किसको मिल रहा है। तो दैट इनेशन इज़ नॉट देयर। और ग्रोथ जो है सिंगल डायमेंशनल है। यानी कि एक पर्टिकुलर डायमेंशन खाली यहां पर दिखता है। दैट इज इनकम। इनकम रिलेटेड खाली यू कैन अंडरस्टैंड एंड गेट द इनेशन। ठीक है? सिंगल डायमेंशन एंड इट फोकसेस ओनली ऑन द इनकम। सिर्फ इनकम पे ये फोकस करता है। एंड ये इकोनॉमिक डेवलपमेंट का प्रीकर्सर है। यानी कि इकोनॉमिक डेवलपमेंट होने से पहले इकोनॉमिक ग्रोथ हो जाना चाहिए। राइट? तो दैट इज द थिंग। नाउ अपार्ट फ्रॉम दैट देयर आर डिफरेंट इंडिकेटर्स ओवर हियर जीडीपी पर कैपिटा इनकम यह सारे ग्रोथ के इंडिकेटर्स हैं। राइट? कि नंबर के टर्म्स में इनकम बढ़ा है। पर कैपिटा इनकम का मतलब क्या है? एज पर्सन का इनकम कितना है? वो इंक्रीस हुआ है या नहीं? ये चीज इंडिकेट करने वाले इंडिकेटर्स ग्रोथ से रिलेटेड इंडिकेटर्स हैं। ठीक है? खाली नंबर्स बता रहे हैं और कुछ नहीं। इज़ ओनली क्वांटिटेटिव इंक्रीस इन प्रोडक्शन बट प्रोडक्शन तो बढ़ गया 100 से 200 बट पीपल का प्रोडक्टिविटी कैसे बढ़ा उसके बारे में कुछ डिस्कशन नहीं है। ये नैरो कांसेप्ट है। ग्रोथ डेवलपमेंट जो है ब्रॉड कांसेप्ट है। सबके बारे में सब चीजों के बारे में सोचता है। एंड ग्रोथ जो है डेवलप्ड कंट्रीज लाइक यूएसए, यूरोपियन, यूनियन उनके लिए काफी अच्छा एक डिस्कशन का टॉपिक है। बिकॉज़ वहां पर डेवलपमेंट तो पहले ही हो चुकी है। पॉवर्टी वैसे ही कम हो चुका है। एंप्लॉयमेंट वैसे ही बढ़ चुका है। एजुकेशन वैसे ही बेटर है। ठीक है? तो ऑल ऑफ़ दीज़ आर ऑलरेडी डन। ठीक है? आर यू रेडी टू टेल मी द पॉइंट्स फॉर डेवलपमेंट? राइट? ग्रोथ का तो हमने देख लिया। उसके सामने डेवलपमेंट का पॉइंट क्या आएगा? दिस इज़ इंक्रीज़ इन द अमाउंट ऑफ़ गुड्स एंड सर्विसेस। सो, डेवलपमेंट इज़ द यस, बेटरमेंट ऑफ़ पॉवर्टी, अ अनइंप्लॉयमेंट ये कम हो रहा है कि नहीं? स्टैंडर्ड ऑफ़ लिविंग बेटर हो रहा है कि नहीं? इससे रिलेटेड डिस्कशन। यहां पे नेशनल इनकम का इंक्रीस है। बस। यहां पे क्वालिटी ऑफ़ लाइफ, लिटरेसी, हेल्थ केयर ये सब बेटर हो रहा है कि नहीं? से रिलेटेड डिस्कशन है। यहां पे सिर्फ प्रोडक्शन ऑफ़ गुड्स एंड सर्विसेस की बात चलती है। यहां पे डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ़ गुड्स एंड सर्विज की बात चल रही है। सो दैट इज़ अ डेवलपमेंट पार्ट। ग्रोथ सिंगल डायमेंशनल इन नेचर है। एंड डेवलपमेंट मल्टीडमेंशनल है। एंड ये इनकम एंड लिविंग स्टैंडर्ड्स पे फोकस करता है। इज़ंट इट? ग्रोथ सिर्फ एक ही डायमेंशन है। इनकम इंक्रीस हो रहा है कि नहीं? बट डेवलपमेंट इज़ मल्टीडाइमेंशनल। आर एबल टू अंडरस्टैंड? कैन यू जस्ट टेल मी इन द चैट बॉक्स? अगर सभी को समझ में आ रहा है यू कैन प्लीज कीप आंसरिंग इसके जो सामने पॉइंट्स आएंगे या फिर यू कैन जस्ट टाइप वाई इन द चैट बॉक्स यस इन द चैट बॉक्स थम्स अप कुछ भी दे सकते हैं और ग्रोथ पहले हो गया यानी कि अगर आपको यस वंडरफुल सुनील जी अगर आपको देखना है कि अगर इफ यू वांट टू हेल्प द पुअर पीपल यू शुड योरसेल्फ हैव द इनकम ना तो ग्रोथ पहले होगा ठीक है फर्स्ट ग्रोथ विल हैपन एंड देन इकोनमिक डेवलपमेंट विल हैपन इजंट इट देन यू कैन गो फॉर इंक्रीजिंग द एंप्लॉयमेंट डिक्रीजिंग पॉवर्टी अनइंप्लॉयमेंट ये सब ठीक है इंडिकेटर्स इसके ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स एचडीआई है गिनी कोिशिएंट से आपको डिफरेंस इन द इनकम लेवल्स ऑफ़ डिफरेंट पीपल ये पता चलता है ओके गिनी कोफिशिएंट के थ्रू एंड सेवंथ वन वी डेवलपमेंट इज़ बोथ क्वांटिटेटिव एज़ वेल ऐज़ क्वालिटेटिव इन नेचर राइट डेवलपमेंट में आपको अह इट इज़ क्वांटिटेटिव एज़ वेल ऐज़ क्वालिटेटिव बिकॉज़ अह क्वांटिटी टर्म्स में 100 से 200 हो रहा है कि नहीं। एंड क्वालिटी टर्म्स में यह इंडिया का इंडियन इकॉनमी का क्वालिटी बताता है कि इसमें पॉवर्टी कम है कि नहीं। इनका एजुकेशन बढ़ रहा है कि नहीं। इट आल्सो टेल्स अबाउट इंक्रीस इन द प्रोडक्टिविटी। नॉट जस्ट इंक्रीस इन द प्रोडक्शन। प्रोडक्शन यानी कि 100 से 200 गुड्स हमने बनाए। बहुत बढ़िया जी। बट पीपल का प्रोडक्शन बढ़ा। पीपल की प्रोडक्टिविटी बढ़ी। लोगों का स्किल सेट बढ़ा। उनका एजुकेशन लेवल बढ़ा। नो टॉक अबाउट दैट इन ग्रोथ। डेवलपमेंट में उसकी भी बात करते हैं। सो ब्रॉड कासेप्ट है यह। एंड डेवलपमेंट डेवलपिंग कंट्रीज के लिए रेलेवेंट है। ठीक है? बहुत बढ़िया। ओनली सुमित जी ने आंसर किया है। बाकी सब भी कर सकते थे। नाउ मूविंग टू दिस क्वेश्चन जून 204 का। व्हिच अमंग द फॉलोइंग इज़ आर द इंडिकेटर्स ऑफ़ डेवलपिंग कंट्रीज? ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स, ह्यूमन पॉवर्टी इंडेक्स, गिनी कोफिशिएंट या ग्रॉस नेशनल इंडेक्स? ग्रॉस नेशनल इंडेक्स एक इनकम का इंडेक्स है। तो कैन प्लीज़ टेल मी इन द चैट बॉक्स व्हाट वुड बी द राइट आंसर टु दिस पर्टिकुलर क्वेश्चन। आई एम वेटिंग फॉर योर आंसर्स। ओके? डेवलपिंग ये देखिए थोड़ा सा ट्विस्टेड क्वेश्चन है। डेवलपिंग कंट्रीज के इंडिकेटर्स का मतलब क्या होता है? यह सारे इंडिकेटर्स एक्चुअली यस देवत जी ओके ए कह रहा है डेवलपिंग कंट्रीज के इंडिकेटर्स डेवलपमेंट के इंडिकेटर्स हैं। ओके? डेवलपमेंट के इंडिकेटर्स हैं। डिफरेंट आंसर्स। सो लेट मी टेल यू द राइट आंसर। एक्चुअली इट इज़ यस। सुमित जी का आंसर एकदम सही है। सुमित जी राइट। ठीक है। एक्चुअली इट इज़ बी वन टू एंड थ्री ओनली। ग्रॉस नेशनल इंडेक्स जो है ये ग्रोथ का इंडिकेटर है। नो प्रॉब्लम। ये क्वेश्चन थोड़ा डिफिकल्ट है तो कोई बात नहीं। ये ग्रोथ का इंडिकेटर है। इनकम के बारे में सिर्फ बताता है। ओके? ओके ग्रोथ में सिर्फ इनकम की डिस्कशन है बट डेवलपमेंट ह्यूमन का डेवलपमेंट पॉवर्टी इंडेक्स गिनी कोशिश ये सारी चीजें जो है डेवलपिंग कंट्रीज के इंडिकेटर्स हैं यानी कि डेवलपमेंट रिलेटेड इंडिकेटर्स है। सो बी वुड बी द राइट आंसर। द फाइनल टॉपिक इकोनमिक परफॉर्मेंस इंडिकेटर्स। यहां पर आप देख सकते हैं जीडीपी ग्रोथ रेट ये किसी भी कंट्री का परफॉर्मेंस बताता है। ठीक है? जीडीपी पर कैपिटा डिफरेंट कंट्रीज को कंपेयर करने के लिए हेल्प करता है। ठीक है? यानी कि यूरोप जैसे स्विट्जरलैंड एंड इंडिया को कंपेयर करना है तो पर हेड इनकम आपको निकालना होगा। बिकॉज़ पॉपुलेशन इन्फ्लुएंस करता है इनकम को तो पर हेड इनकम निकालना होगा। कंपनसेशन एंप्लाइजज़ पर वर्क ये लेबर कॉस्ट को इंडिकेट करता है कि ईच एंड एव्री लेबर को कितना पैसा मिल रहा है। कंपनसेशन ऑफ़ एंप्लाइजज़ बाय ग्रॉस वैल्यू एडेड यानी कि ग्रॉस ग्रॉस वैल्यू एडेड एक तरीके का जीडीपी का कैलकुलेशन जो हम आगे देखेंगे। तो एंप्लाइजज़ का इनकम कितना है? आउट ऑफ द जीडीपी इनकम। ठीक है? ठीक है? जीडीपी इज़ नेशनल इनकम। नेशनल इनकम में से एम्प्लाइजस का इनकम कितना है? ये बताता है। इनकम शेयर ऑफ एंप्लाइजज़ इन जीडीपी। ऑपरेटिंग सरप्लस बाय ग्रॉस वैल्यू एडेड। यानी कि कंपनीज़ का इनकम कितना है इन द जीडीपी? वो बताता है। ठीक है? व्हाट इज़ द इंडिकेट इंडिकेटर? व्हाट डज़ इट इंडिकेट एंड इंटरप्रिटेशन क्या है इसका? वो यहां पे बताया जा रहा है। ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन बाय जीडीपी व्हिच इज़ इन्वेस्टमेंट। शेयर ऑफ़ इन्वेस्टमेंट एंड द कैपिटल गुड्स इन जीडीपी कितना है? ये चीज़ यहां पे बताई जा रही है। ओके? कि इन्वेस्टमेंट कितना किया जा रहा है कैपिटल गुड्स में इन द जीडीपी यह चीज यहां पर बताया जा रहा है एंड सेविंग्स बाय जीडीपी इज द सेविंग रेट ऑफ द नेशन ठीक है यानी कि ईच नेशन कितना जीडीपी यानी कि इनकम में से कितना सेव कर रहा है सेविंग्स बाय ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन डोमेस्टिक फंडिंग ऑफ द इन्वेस्टमेंट ठीक है तो डोमेस्टिक फंडिंग यानी कि सेविंग्स जो भी एक कंट्री कर रहा है उसमें से ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन का मतलब होता है इन्वेस्टमेंट एक ग्रॉस मतलब टोटल फिक्स्ड कैपिटल यानी कि ऐसा इंपॉर्टेंट इन्वेस्टमेंट करना इन द कैपिटल गुड्स ऑफ द कंट्री। अब फॉर्मेशन का मतलब है कि यहां पर जो प्रॉफिट मिल रहा है इस पर्टिकुलर इन्वेस्टमेंट से लाइक मशीनंस में अगर इन्वेस्ट किया गया है तो उससे प्रॉफिट कितना मिल रहा है? ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन, डोमेस्टिक फंडिंग ऑफ़ द इन्वेस्टमेंट। सेविंग ऑफ़ एन इंस्टीट्यूशनल सेक्टर बाय टोटल सेविंग। तो ईच सेक्टर कितना जो है टोटल सेविंग्स में कंट्रीब्यूट कर रहा है? सेविंग्स ऑफ़ हाउसहोल्ड बाय डिस्पोजेबल इनकम ऑफ़ द हाउसहोल्ड। ठीक है? सेविंग रेट ऑफ़ द हाउसहोल्ड ये चीज को इंडिकेट कर रहा है। यानी कि हाउसहोल्ड्स पीपल जो है कितना सेविंग्स कर रहे हैं आउट ऑफ देयर इनकम दैट दे आर गेटिंग सेविंग्स रेट ऑफ़ द हाउसहोल्ड। ठीक है? तो दिस वाज़ अ चैप्टर नंबर एट। नाउ क्विकली मूविंग टू चैप्टर नाइन स्वीट नाइस शॉर्ट चैप्टर। फटाफट से हम इसको डिस्कस करते हैं। इंटरनेशनल इकोनॉमिक ऑर्गेनाइजेशनंस। ओनली थ्री ऑर्गेनाइजेशनंस के बारे में यहां पे डिस्कस करेंगे। एंड वी विल बी डन विद दिस देन वी विल मूव टू डिस्कसिंग चैप्टर 10 रियली क्विकली। ठीक है? तो यहां पे इकोनमिक डेवलपमेंट रिलेटेड ऑर्गेनाइजेशन ट्रेड एंड इंटरनेशनल कोऑपरेशन। बिफोर मूविंग इंटू द चैप्टर लेट अस सी अ वेरी गुड सीनरी। आर यू रेडी? यस। ये देखिए ये होटल आपको दिख रहा है। अरे होटल नहीं पीछे जो माउंटेन है उसको आप देख रहे हैं। इजंट इट? तो दिस इज़ कॉल्ड द माउंट वाशिंगटन। एंड इसके सामने जो होटल इट इज़ कॉल्ड द माउंट वाशिंगटन होटल। मतलब यहां पर एक कॉन्फ्रेंस किया गया था इंटरनेशनलली व्हिच इज़ कॉल्ड द यूनाइटेड नेशंस मॉन्ट्रेंट फाइनेंसियल कॉन्फ्रेंस। ये जो माउंट वाशिंगटन होटल है दिस इज़ इन ब्रिटन वुड्स नाम का जगह न्यू हैमशायर यूएसए में। तो इस इस में जो कॉन्फ्रेंस किया गया था होटल में ये कॉन्फ्रेंस में दो इंस्टीटशंस को एस्टैब्लिश किया गया था। एंड डू यू नो ये कॉन्फ्रेंस कब किया गया था? 1944 के टाइम पे। दिस इज़ अ टाइम व्हेन सेकंड वर्ल्ड वॉर चल रहा था। ओके? सेकंड वर्ल्ड वॉर के टाइम पे यह हुआ था। एंड सेकंड वर्ल्ड वॉर अह के बाद देयर वर सम कंट्रीज जो एकदम क्षतिग्रस्त थे। खत्म थे। ओके? सो दोज़ वर द वेस्टर्न यूरोपियन कंट्रीज। एंड डू यू नो दिस कंट्री विथ द फर्स्ट लेटर जी व्हिच इज़ द वेस्टर्न यूरोपियन कंट्री? कोई बता सकता है मुझे जिसका वर्ल्ड वॉर टू के बाद काफी डिस्ट्रक्शन हुआ था। तो ऐसे कंट्रीज को हेल्प करने के लिए, रिकंस्ट्रक्ट करने के लिए एंड कई सारे कंट्रीज लाइक इंडिया 1944 में इंडिया को इंडिपेंडेंस मिला था या नहीं मिला था? सॉरी। तो यू नो कि 1944 में इंडिया को इंडिपेंडेंस तो नहीं मिला था। ओके? सो दैट इज व्हाट वी कैन से कि ये सब कुछ हम कह सकते हैं इस पार्ट ऑफ द ऑल ऑफ दिस इज़ पार्ट ऑफ द अ डेवलपमेंट इंडिया को इंडिपेंडेंस प्रोवाइड करना जरूरी है। 1944 में इंडिया को इंडिपेंडेंस नहीं मिला। तो इस सबको डेवलप करना है ऐसे कंट्रीज लाइक इंडिया को। तो व्हाट आर द टू एम्स? एक तो रिकंस्ट्रक्शन का एम है ऑफ़ द वेस्टर्न यूरोप। नोबडी आल्सो नेम ऑफ़ दिस कंट्री विद जी जर्मनी। ठीक है? जर्मनी इज़ द कंट्रीज नेम। तो ये इनका रिकंस्ट्रक्शन करना है एंड इंडिया जैसे कंट्रीज को डेवलप करना है। दिस वाज़ द मेन एम। तो आईबीआरडी इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट इसे लाया गया व्हिच लेटर ऑन बिकम पार्ट ऑफ़ द वर्ल्ड बैंक। ग्रुप एंड आईएमएफ इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड को लाया गया। ये आईएमएफ सुना-सुना सा क्यों लग रहा है? इजंट इट? तो द मेन एम वाज़ द ग्लोबल इंटीग्रेशन। सो लेट अस डिस्कस अबाउट दीज़ ऑर्गेनाइजेशनंस। फर्स्ट ऑफ़ ऑल टॉकिंग अबाउट आईएमएफ। अब यहां पे देखिए ये दो जो एंटटीज हैं आईबीआरडी जो लेटर ऑन वर्ल्ड बैंक बन गया तो वर्ल्ड बैंक एंड आईएमएफ को हम अ ब्रिटन वुड्स ट्विंस कहते हैं। क्या कहते हैं? ट्विंस ट्विन ऑर्गेनाइजेशंस। ओके? इज दैट क्लियर? सो दिस वाज़ द थिंग। अब आईएमएफ वर्ल्ड का सबसे लार्जेस्ट पब्लिक लेंडर है। यानी कि लोंस देने के लिए आईएमएफ इज़ फेमस। इसकी मेंबरशिप कोई भी कंट्री ले सकते हैं बाय प्रोवाइडिंग कोटा सब्सक्रिप्शन। यानी कि कोई भी कंट्री अगर आईएमएफ को पैसे देगी। कि लेट से इंडिया रुपीस में पैसे देगी तो आईएमएफ विल बी प्रोवाइडिंग टू थिंग्स। एक तो कोटा इन द फॉर्म ऑफ़ एसडीआर। ठीक है? एसडीआर इज़ लाइक अ वाउचर ओपन टाइप का है। अब इसको आप एक्सचेंज कर सकते हैं विथ डॉलर्स। नंबर ऑफ़ डॉलर्स वन एसडीआर इक्वल टू $10। या आप एक्सचेंज कर सकते हैं इसको विद सम अदर करेंसी या चाइनीस रेमन भी अलग-अलग करेंसीज में इसे कन्वर्ट कर सकते हैं। तो ऐसा एक वाउचर जो है हमारा आईएमएफ हमें देता है। सो दैट यू कैन एक्सचेंज इट फॉर डिफरेंट करेंसीज। ओके? साथ के साथ आईएमएफ हमें कुछ वोटिंग राइट्स भी देता है। इज़ दैट क्लियर? एसडीआर इज़ द स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स। विल यू बी एबल टू रिमेंबर दिस एसडीआर। ठीक है? तो आईएमएफ का पूरा जो फंक्शनिंग है वो एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स देखरेख करता है इस पूरे फंक्शनिंग का। तो देयर आर मेनी पीपल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स। एंड ये बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स को एक्चुअली बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स कहा जाता है आईएमएफ में। तो एव्री कंट्री से एक रिप्रेजेंटेटिव को उस बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स का एक गवर्नर के फॉर्म में भेजा जाता है। एंड दैट गवर्नर विल बी कोलैबोरेटिंग वि अदर गवर्नर्स एंड टेकिंग देंट डिसिशन विद रिस्पेक्ट टू आईएमएफ फंक्शनिंग इयरली वंस इनकी जो है मीटिंग होती है। एंड डू यू नो इंडिया के साइड से कौन है गवर्नर? तो फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ इंडिया एक्चुअली द गवर्नर टू दिस बोर्ड ऑफ गवर्नर्स एंड अल्टरनेट गवर्नर यहां पर है हु इज द आरबीआई का चेयरमैन ठीक है आरबीआई का जो गवर्नर है ही विल बी द अल्टरनेट गवर्नर क्योंकि कई बार जो मेन पर्सन है वो बीमार होगा तो अदर वन विल टेक केयर तो आरबीआई का ग व्हेन फाइनेंस मिनिस्टर बीमार है तो ऐसे केस में आरबीआई गवर्नर विल टेक ओवर ठीक है तो अल्टरनेट गवर्नर इज़ देयर अपार्ट फ्रॉम दैट वी हैव द एग्जीक्यूटिव बोर्ड व्हिच टेक्स केयर ऑफ़ द डे टू डे एक्टिविटीज़। ठीक है? तो यहां पर तो ये बोर्ड ऑफ़ गवर्नेंस तो साल में एक बार मिलते हैं। तो आईएमएफ के डेली एक्टिविटीज़ कौन देखता है? तो दैट इज़ टेकन केयर ऑफ़ बाय द एग्जीक्यूटिव बोर्ड। डे टू डे बिज़नेस ऑफ़ आईएमएफ ये देखरेख करते हैं। इसमें 24 डायरेक्टर्स हैं। ये सारे जो है मेंबर कंट्रीज के द्वारा इेड हैं। एंड हियर वी कैन से आईएमएफ एंड इंडिया के क्या रिलेशनशिप है वो हम यहां पे देख सकते हैं। ओके? कि इंडिया किस तरीके से आईएमएफ के साथ एक रिलेशनशिप रखता है। तो जब यह मीटिंग हुई थी ना 1944 में तब इंडिया वाज़ आल्सो पार्ट ऑफ इट। सो इंडिया एक्चुअली अ फाउंडिंग मेंबर ऑफ़ आईएमएफ। जब इंडिया आईएमएफ को बनाया गया था तो इंडिया वाज़ प्रेजेंट इन दैट मीटिंग। सो इट इज़ कॉल्ड अ फाउंडिंग मेंबर ऑफ़ आईएमएफ। ठीक है? अब इसके अलावा इंडिया से फाइनेंस मिनिस्टर जो है गवर्नर बनके यहां पे जाते हैं। एंड इंडिया से गवर्नर ऑफ़ आरबीआई अल्टरनेट गवर्नर उनके बदले फाइनेंस मिनिस्टर कभी बीमार है तो अल्टरनेट गवर्नर विल गो। ठीक है? और इंडिया को काफी सारे एसडीआर्स मिले हुए हैं। स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स। ठीक है? अब ये एसडीआर का वैल्यू यूएस डॉलर, यूरो, चाइनीज़ रेमन भी, यन एंड पाउंड, स्टर्लिंग पे डिपेंड करता है। अब ये चीज मैं डिस्कस कर चुका हूं ऑलरेडी। नाउ लेट अस सी कि आईएमएफ के फंक्शनंस क्या है? तो हमने देखा आईएमएफ ने इंडिया को हेल्प किया था। कौन से ईयर में हेल्प किया था? कैन एनीवन टेल मी? व्हेन डिड आईएमएफ हेल्प इंडिया? कैन यू टेल मी? तो आईएमएफ का काम है मेंबर कंट्रीज के इकोनमिक पॉलिसीज का सर्वेलेंस करना। और टेंपरेरी बैलेंस ऑफ़ पेमेंट नीड। जैसे इंडिया को बैलेंस ऑफ़ पेमेंट नीड आया था। हमें डॉलर्स की रिक्वायरमेंट थी। तो आईएमएफ इज़ द वन व्हिच विल बी हेल्पिंग अस। प्लीज आंसर द क्वेश्चंस दैट आर बीइंग आस्क्ड इन द सेशन। ऐसे मूदर्शक मत बनिए। राइट? प्लीज ट्राई टू आंसर दैट आई हैव आस्क्ड। ठीक है? इंडिया को कब आईएमएफ ने हेल्प किया था? कैन यू जस्ट टेल मी इन द चैट बॉक्स? राइट? बैलेंस ऑफ़ पेमेंट नीड्स में हेल्प करना। लो इनकम कंट्रीज को भी पॉवर्टी से बाहर निकलने के लिए हेल्प करना। यस वंडरफुल। ऋषि जी का आंसर एकदम सही है। सबसे पहले कि 1991 में सर आईएमएफ ने इंडिया को हेल्प किया था। याद रखिएगा ये ईयर बहुत इंपॉर्टेंट है। पॉवर्टी लो इनकम कंट्रीज में कॉम्बैट करना और एक्सटर्नल फाइनेंसिंग बाहर अगर लेट्स से यस 91 सुमित जी राइट लेट्स से अ ये जो लो इनकम कंट्री है उसको लोन देने के लिए आईएमएफ के पास पैसा नहीं है तो किसी और से मांग के पैसा देगा। दैट इज़ कॉल्ड फाइनेंसिंग। ठीक है? एक्सटर्नल फाइनेंसिंग। यूएसए से मांग के देगा। लेट्स से इंटरनेशनल मॉनिटरी सिस्टम को स्ट्रांग बनाना। ग्लोबल सप्लाई ऑफ़ रिजर्व्स दैट इज़ एसडीआर को सप्लाई करना एंड टेक्निकल असिस्टेंस इनेशन एंड ऑल प्रोवाइड करना। दिस इज़ ऑल द फंक्शनंस ऑफ़ आईएमएफ। नाउ टॉकिंग अबाउट द नेक्स्ट ऑर्गेनाइजेशन दैट इज़ द वर्ल्ड बैंक। इसे 1945 में इस्टैब्लिश किया गया था आईबीआरडी के फॉर्म में। तो आईबीआरडी आज के डेट में भी लोंस देता है। ए केजी अबब्सोलुटली करेक्ट। 1991 इज़ द राइट आंसर। नाउ 1956 में अनदर इंस्टीट्यूशन को बनाया गया था अंडर द वर्ल्ड बैंक। सो वर्ल्ड बैंक टुडे इज़ एक्चुअली अ ग्रुप ऑफ़ फाइव इंस्टीटशंस। डू यू नो द सेकंड इंस्टीट्यूशन पहला तो आईबीआरडीआई इंटरनेशनल बैंक फॉर अ रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट। व्हाट इज़ द सेकंड इंस्टीट्यूशन? आईबीआरडी को जब बनाया गया था इंडिया वाज़ पार्ट ऑफ इट द फाउंडिंग मीटिंग। तो इंडिया इज़ एक्चुअली कॉल्ड अ फाउंडिंग मेंबर ऑफ़ आईबीआरडी। क्लियर है ये चीज़? अब सेकंड इंस्टीट्यूशन 1956 में आया था प्राइवेट सेक्टर को लोंस वगैरह प्रोवाइड करने के लिए। दैट इज़ अ इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन आईएफसी। इंडिया इसका भी फाउंडिंग मेंबर है। ठीक है? एंड अपार्ट फ्रॉम दैट आईडिया इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन 1960 में लाया गया था। ये पुअर नेशंस को हेल्प करता है। लॉन्ग टर्म लोंस देता है। एंड ये इसको डोनेशंस मिलते हैं। एंड इट वर्क्स इन दैट वे। 19 इसका भी इंडिया जो है फाउंडिंग मेंबर है। ठीक है? इंडिया इज़ फाउंडिंग मेंबर ऑफ़ दिस वन आल्सो। 1966 में आईसीएसआईडी को लाया गया था इंटरनेशनल सेंटर फॉर सेटलमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट डिस्प्यूट से। ठीक है? ठीक है? आईसीएसआईडी को ये एक इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट एंड ये क्या है? डिस्प्यूट जो इन्वेस्टमेंट रिलेटेड आते हैं उनको सेटल करने के लिए आईसीएसआईडी को लाया गया था। नाउ 1970 में रिकंस्ट्रक्शन का जो एम है इससे इस रिकंस्ट्रक्शन के एम को हटाया गया। बिकॉज़ 1970 के टाइम तक यूरोप तो पूरा डेवलप हो चुका था। अब वर्ल्ड बैंक को रिकंस्ट्रक्शन का ऐ रखने की जरूरत ही नहीं सो इट्स एम नाउ इज़ टू एंड द पॉवर्टी। 1988 में मेगा मल्टीलटरल इन्वेस्टमेंट गारंटी एसोसिएशन नाम का ये एसोसिएशन लाया गया था। तो इंडिया लेट मी टेल यू इज़ नॉट अ मेंबर ऑफ़ ICICI ना फाउंडिंग मेंबर ना अभी भी मेंबर है। मेगा जो है इंडिया इसका मेंबर है। ओके? मेगा मल्टीलटरल इन्वेस्टमेंट गारंटी एजेंसी इंडिया इसका मेंबर है बट फाउंडिंग मेंबर नहीं है। ठीक है? जब इसको मेगा को बनाया गया था तब इंडिया वाज़ नॉट पार्ट ऑफ़ दैट पर्टिकुलर मीटिंग। राइट? तो 1945, 56, 1960 ये सारे इंपॉर्टेंट डेट्स हैं। तो आईबीआरडी का इंडिया फाउंडिंग मेंबर है। आईडीआई का इंडिया फाउंडिंग मेंबर है। आईएफसी इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन का भी इंडिया फाउंडिंग मेंबर है। ओके? सो दीज़ आर द थिंग्स। नाउ अपार्ट फ्रॉम दैट इफ वी सी दी इंडिया इज मेंबर ऑफ व्हिच अमंग द फॉलोइंग एजेंसीज व्हाट विल यू से व्हाट विल बी द राइट आंसर फॉर दिस कैन यू जस्ट क्विकली टेल मी ओके फ्यू मोर थिंग्स एंड वी विल एंड द सेशन आई होप आप सभी को मजा आया होगा एट नाइन चैप्टर्स इतने कम टाइम में पढ़ लेंगे आपको लगा था क्या इससे पहले डीड यू एवर फील दैट यू विल बी एबल टू डू दिस राइट इंडिया इज़ अ मेंबर ऑफ़ व्हिच अमंग द फॉलोइंग एजेंसीज ऑफ द वर्ल्ड बैंक ग्रुप इनमें से किसका इंडिया जो है मेंबर है ये चीज पूछा जा रहा है। वेरी गुड भास्कर चंद्र जी का एकदम सही जवाब है। तो आईबीआरटी का तो मेंबर है। आईडीआई का है। आईएफसी का भी इंडिया मेंबर है। मेगा का भी इंडिया मेंबर है। ठीक है? आईसीएसआईडी का इंडिया मेंबर नहीं है। यह मैंने आपको बताया था। नाउ अपार्ट फ्रॉम दैट मेगा का एक्चुअली फाउंडिंग मेंबर नहीं है। ये चीज भी हम जानते हैं। ओके सुमित जी एक्चुअली बी इज द राइट आंसर बिकॉज़ क्वेश्चन में मेंबर खाली पूछा हुआ है। इंडिया इन तीनों का तो फाउंडिंग मेंबर है बट मेघा का सिर्फ मेंबर है। नॉट अ फाउंडिंग मेंबर। सो बी वुड बी द राइट आंसर। गोपाल जी राइट आंसर ए के जी बी वुड बी द राइट आंसर। ठीक है? आईसीएसआईटी का वैसे भी मेंबर नहीं है। तो दैट इज़ व्हाई बी इज़ द राइट आंसर ओवर हियर। नाउ मूविंग टू द थर्ड ऑर्गेनाइजेशन वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन याद है आपको वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन कब पढ़ा था हमने जब चाइना बाजार की बात की थी तो देयर वर थ्री थिंग्स व्हिच वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन सेज़ कंट्रीज कैन यूज़ सो एज़ टू प्रोटेक्ट देयर गुड्स दैट इज़ टेरिफ कोटा नॉन टेरिफ बैरियर अब इसमें हम कह सकते हैं कि ये तीनों चीजें क्या हम किसी भी लिमिट में कर सकते हैं? लेट्स से चाइनीस बकेट 50, इंडियन बकेट 60 है। तो क्या इस पर ₹1 का टैक्स लगाया जा सकता है? तो दिस विल बी अकॉर्डिंग टू द इंटरनेशनल एग्रीमेंट्स अंडर द प्लेटफार्म ऑफ़ डब्ल्यूटीओ जो डिफरेंट कंट्रीज करते हैं कि आप यह पर्टिकुलर एक्टिविटी कर सकते हैं या नहीं? ठीक है? टेरिफ लगा सकते हैं नहीं, कोटा लगा सकते हैं या नहीं? नॉन टेरिफ बैरियर यानी कि क्वालिटी सही है या नहीं? कैसे बताओगे? क्वालिटी के स्टैंडर्ड्स होने चाहिए ना? तो वो एग्रीमेंट्स में दिया हुआ है। यस अर्चना जी, ऋषि जी, संजीवनी जी सॉरी अबब्सोलटली राइट आंसर्स। ठीक है? अब डब्ल्यूटीओ से पहले एक जो है एग्रीमेंट किया गया था व्हिच इज़ कॉल्ड अ जनरल एग्रीमेंट ऑन टेरिफ एंड ट्रे 1948 में। तो इंडिया उस 1948 में जो एग्रीमेंट किया गया था, इंडिया वाज़ फाउंडिंग मेंबर ऑफ़ इट। नाउ अपार्ट फ्रॉम द डब्ल्यूटीओ को 1995 में एस्टैब्लिश किया गया था। तो इंडिया इज़ फाउंडिंग मेंबर ऑफ़ डब्ल्यूटीओ। आल्सो जब डब्ल्यूटीओ का एस्टैब्लिश किया गया था इंडिया उस मीटिंग का पार्ट था। 1948 में पहले एक एग्रीमेंट जो किया गया था इंडिया वाज़ पार्ट ऑफ़ दैट एग्रीमेंट आल्सो। तो इंडियाज़ फाउंडिंग मेंबर ऑफ़ जीएटीटी जनरल एग्रीमेंट ऑन टेरिफ एंड ट्रेड एंड डब्ल्यूटीओ का भी पार्ट है। ओके? वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन। तो इसमें डिफरेंट जो अ एग्रीमेंट्स किए गए हैं अपार्ट फ्रॉम दिस। तो वह इस तरीके से है। तो हमने देखा कि टेरिफ के लिए यू नीड सम एग्रीमेंट कि कितना टैक्स लगा सकते हैं। कोटा के लिए एग्रीमेंट चाहिए नॉन टैफ बैरियर के लिए कि कितना हम जो है कह सकते हैं कब कह सकते हैं कि इट इज़ नॉट अ गुड क्वालिटी। सो उससे रिलेटेड ये रिडक्शन ऑफ़ टैिफ एंड ट्रेड नॉन टैफ़ बैरियर्स। ये चीज़ जो है मेन ऐ है डब्ल्यूटीओ का। ट्रेड रिलेटेड इन्वेस्टमेंट मेज़र्स ट्रिम्स इनिशिएटिव को लाया गया था एस पार्ट ऑफ़ डब्ल्यूटीओ मेज़र्स। नाउ अपार्ट फ्रॉम द ट्रिप्स इनिशिएटिव ट्रिप्स ये दो तीनों चीजें क्या है? एग्रीमेंट्स हैं। इस एग्रीमेंट में दिया हुआ है कि ट्रेड से रिलेटेड क्या-क्या चीज़ है इंटरनेशनलली। अब ट्रेड रिलेटेड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट। स्ट्रिप्स एग्रीमेंट भी डब्ल्यूटीओ के अंडर ही किया गया है। इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी मतलब लेट अस से देयर इज़ अ सॉन्ग दैट यूएसए में कहीं पे बनाया गया है। यू आर कॉपींग दैट सॉन्ग एंड उसके लिरिक्स कॉपी करके इंडिया में कमर्शियली आप उसे चला रहे हो। तो दैट इज़ नॉट समथिंग व्हिच इज़ राइट। यू हैव टू कंपनसेेट फॉर इट। दैट इज़ अ ट्रिप्स एग्रीमेंट एग्री एग्रीमेंट ऑन एग्रीकल्चर सैनिटरी एंड फाइटोसरी मेज़र्स रिलेटेड एग्रीमेंट यानी कि इसका क्वालिटी अच्छा नहीं है। कब कह सकते हैं आप किसी इंपोर्ट पे इस एग्रीमेंट के थ्रू? ठीक है? इस एग्रीमेंट को देखना होगा। देन ओनली यू कैन से मल्टीफाइबर एग्रीमेंट इज़ रिलेटेड टू द अ इंटरनेट सर्विसेस। सो दीज़ वर योर डिफरेंट टॉपिक्स ऑफ़ नाइन चैप्टर एंड क्विकली वी विल डिस्कस चैप्टर नंबर 10 क्लाइमेट चेंज सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स। ठीक है? ये हमारा मेन ऐ है। तो क्लाइमेट चेंज क्या है? हम में से आप में से कितने लोग कोस्टल एरियाज में रहते हैं? यू कैन टेल मी इन द चैट बॉक्स। तो क्लाइमेट चेंज आपने ज्यादा नोटिस किया होगा। कोई हिली एरियाज में दे हैव मस्ट हैव नोटिस। तो इवन इन द इंटीरियर्स कि पहले इतनी गर्मी नहीं पड़ती थी। अब बहुत गर्मी पड़ती है। पहले इतनी ठंड नहीं पड़ती थी। अब बहुत ठंड पड़ती है। तो द क्लाइमेट हैज़ चेंज्ड कंप्लीटली। द मेन थिंग इज़ कि जो गैसेस रिलीज़ किए जाते हैं कार्बन डाइऑक्साइड एंड ऑल इंटू द एटमॉस्फियर दीज़ गैसेस एक्चुअली मेक द एटमॉस्फयर टोटली क्या बना देते हैं एटमॉस्फयर को अ गैस भर जाते हैं इस एटमॉस्फियर में। एंड इससे क्या होता है? जो हीट एक्चुअली अर्थ को रिफ्लेक्ट कर देना था इंटू द आउटर स्पेस वो सब हीट को अब्सॉर्ब कर लेते हैं ये गैसेस। अभी हीट को अब्सॉर्ब करने के बाद दीज़ गैसेस एक्चुअली हीट अप एंड पूरे एटमॉस्फियर को एंड अर्थ को हीट कर देते हैं। तो दैट इज़ द क्लाइमेट चेंज एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स का पूरा थी। अब क्लाइमेट चेंज के कई सारे सॉलशंस हैं। एंड वन ऑफ़ द सॉल्यूशन इज़ टू कम अप टू द सस्टेनेबल डेवलपमेंट। और इसमें 1972 में एक कॉन्फ्रेंस किया गया था। यूएन कॉन्फ्रेंस ऑन द ह्यूमन एनवायरमेंट। और स्टॉकहोम में यह कॉन्फ्रेंस किया गया था। सबसे पहले सस्टेनेबल डेवलपमेंट नाम के इस टर्म को लाया गया। ठीक है? तो क्लाइमेट चेंजेस बहुत गैसेस रिलीज़ करना, पोल्यूशन करना ये सब चीजों की वजह से हो रहा है। तो उसको रिवर्स करना जरूरी है या फिर उसको कम करना, रिड्यूस करना जरूरी है। तो सस्टेनेबल डेवलपमेंट इज़ कि आप आज जो भी रिसोर्सेज यूज़ कर रहे हैं। यू शुड यूज़ इट इन सच अ मैनर कि फ्यूचर जनरेशंस के लिए भी वो अवेलेबल रहे। ओके? बहुत ज्यादा पोल्यूशन ये सारी चीज़ आपको नहीं करनी है। ठीक है? द यूएन कॉन्फ्रेंस ऑन द ह्यूमन एनवायरमेंट स्टॉकहोम में यह 1972 में किया गया। देन सस्टेनेबल डेवलपमेंट को सबसे पहली बार डिफाइन किया गया। फिर 20 इयर्स के बाद एक और इंपॉर्टेंट कॉन्फ्रेंस किया गया। इसके बीच में भी किया गया। बट दिस इज़ इंपॉर्टेंट 1992 में कॉन्फ्रेंस ऑन एनवायरमेंट एंड डेवलपमेंट यूएनसीडी रियोडी जेनेरो 2012 में। यूएन कॉन्फ्रेंस ऑन सस्टेनेबल डेवलपमेंट ये किया गया। एंड 2015 में किया गया था। पेरिस क्लाइमेट एग्रीमेंट ऑफ़ 2015। अब पेरिस क्लाइमेट एग्रीमेंट के तहत 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को हमने अडॉप किया। दिस इज अ वेरी इंपॉर्टेंट एग्रीमेंट। ठीक है? इसमें हमने 17 गोल्स को अडॉप्ट किया इंटरनेशनल कि हम इन गोल्स को अचीव करेंगे क्लाइमेट चेंज के खिलाफ लड़ेंगे हम अच्छे तरीके से। जैसे हम लड़ रहे हैं टाइम के खिलाफ जैब का सिलेबस पढ़ने के लिए। इजंट इट? मोस्टेंट सिलेबस को पढ़ने के लिए। तो 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स विद 169 टारगेट्स यहां पर लाए गए। तो ये 17 गोल्स क्या है वो हम आगे देखेंगे। एंड इन गोल्स को हम 2030 तक अचीव करेंगे। इस तरीके से हमने कहा। तो लेट्स से हमें जैब क्लियर करना है। ये हमारा गोल है। तो आई शुड वर्क हार्ड एंड हु एल्स शुड वर्क हार्ड। यू आल्सो शुड वर्क हार्ड। इजंट इट? तो ईच वन हैव टू कंट्रीब्यूट योर देयर? हां, मुझे पढ़ाना है। आपको पढ़ना है। यह चीज तो है ना? तो दी गोल्स एक्चुअली आर टू बी अचीव्ड बाय ऑल द कंट्रीज टुगेदर। तो ईच कंट्री हैज़ टू गिव सम नेशनली डिटरमाइंड कंट्रीब्यूशन जो वो कंट्री करेगा टू अचीव दैट पर्टिकुलर गोल एंड इंडिया हैज़ आल्सो गिवेन दिस कंट्रीब्यूशन जो हम आगे डिस्कस करेंगे। 2023 में भी यह मीटिंग्स किए गए थे। नाउ द इंपॉर्टेंट पार्ट इज़ कि इंडिया ने क्या किया इस मीटिंग में वो हम आगे देखेंगे। इट इज़ अ सस्पेंस। अब सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोज़ 17 है। ये सारे 17 आपके स्क्रीन के सामने हैं। ओ सारा कुछ पढ़ना है क्या? नहीं। ठीक है? वी विल सी व्हाट टू रीड। नाउ ये सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को 2015 में लाया गया था कि इन गोल्स को हम अचीव करेंगे 2030 तक 15 सालों में। ठीक है? और ये यूनाइटेड नेशंस के जनरल असेंबली के प्लेटफार्म के थ्रू लाया गया था। यू मस्ट हैव सीन दोज़ हीटेड डिबेट्स बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान के रिप्रेजेंटेटिव वो सब यूनाइटेड नेशंस का जनरल असेंबली के सीन्स हैं। ठीक है? तो यहां फर्स्ट जो गोल है दैट इज़ नो पॉवर्टी सेकंड जीरो हंगर गुड हेल्थ वेल बीइंग थर्ड फोर्थ क्वालिटी एजुकेशन। फिफ्थ इज़ जेंडर इक्वलिटी एंड 13थ वी हैव क्लाइमेट व्हिच इज़ द गोल। राइट? तो यहां पे ये पांच गोल्स तो थोड़ा याद रखिए। बाकी सब भी याद रख सकते तो बहुत बढ़िया। बट एक गोल तो आपको पक्का पक्का याद करना है। दैट इज क्लाइमेट एक्शन गोल नंबर 13। ओके? सो इज़ दैट क्लियर? कैन यू जस्ट आंसर दिस क्वेश्चन रियली क्विक? मे 2023 का क्वेश्चन। सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स फॉर अनाउंस इन सितंबर 2015 बाय व्हिच अमोंग द फॉलोइंग? यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑ्गेनाइजेशन यूएनडीपी या इंडियन गवर्नमेंट नो वन आई एम गेटिंग द पॉइंट ठीक है यहां पर सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल 2015 में यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली के प्लेटफार्म के थ्रू अनाउंस किया गया था। ओके यस वंडरफुल ए इज़ द राइट आंसर। भास्कर जी एकदम सही। हु आर अ टॉप थ्री। भास्कर जी, गोपाल जी, सुमित जी आर अ टॉप थ्री। बहुत बढ़िया। अब इंडिया ने क्या किया? स्टॉकहोम के कॉन्फ्रेंस में देखिए इंदिरा गांधी जी गई हैं। तो 1972, 1922, 2012 तीनों में हमने पार्टिसिपेट जरूर किया। अब 2015 में जो नेशनलली डिटरमाइंड कंट्रीब्यूशन इंडिया को देना था वो भी हमने दिया कि एमिशंस 33 से 35% तक रिड्यूस करेंगे। 40% हम विंड सोलार एस नॉन फॉसिल फ्यूल से इलेक्ट्रिसिटी को जनरेट करेंगे। एंड 2.5 टू 3 बिलियन टन्स ऑफ कार्बन डाइऑक्साइड इक्विवेलेंट को हम जो है उसका सिंक बनाएंगे। कार्बन सिंक मतलब जो कार्बन डाइऑक्साइड हम रिलीज़ कर रहे हैं। डू यू नो ट्रीज़ उस कार्बन डाइऑक्साइड को अब्सॉर्ब कर सकते हैं। तो हम ऐसे ट्रीज़ को प्लांट करेंगे एंड इस कार्बन डाइऑक्साइड को अब्सॉर्ब करने का पूरा का पूरा कोशिश करेंगे। सो दैट वाज़ द कंट्रीब्यूशन दैट वी गव कि हम ये कंट्रीब्यूट करेंगे टू अचीव द 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स। और ये कंट्रीब्यूशनंस की तरफ हम कितना आगे बढ़ रहे हैं। इस चीज़ को ट्रैक करने के लिए एसटीजे इंडिया इंडेक्स लाया गया मेंटेंड बाय द नीति आयोग। कौन यह इंडेक्स देखता है नीति आयोग के डिफरेंट स्टेट्स किस तरीके से परफॉर्म कर रहे हैं एसडीजीस को अचीव करने के लिए तो इंप्रूवमेंट एंड क्लीन वाटर सैनिटेशन क्लीन एनर्जी ये सब यूएनजीए यस ऋषि जी अब्सोलुटली करेक्ट आंसर वंडरफुल ये सब में हम काफी इंप्रूव करे हैं एंड केरला हैज़ बीन वन ऑफ द हाईएस्ट परफॉर्मिंग स्टेट्स इन दिस पर्टिकुलर इंडेक्स। ठीक है? अब 2021 में हमने कई इनिशिएटिव्स जो है इंटरनेशनलली ल्च किए हैं। हमने कहा पंचामृत जिसके बारे में हम नेक्स्ट स्लाइड में देखेंगे। वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रेड पूरा दुनिया एक है। सूरज एक है। तो सारे कंट्रीज को अपना इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई लाइंस को कनेक्ट कर देना चाहिए ताकि जिस भी कंट्री पे सन का हीट पड़ रहा है। जैसे अभी यहां पे तो रात है। तो सन का हीट जहां पे पड़ रहा है वहां से इंडिया में इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई किया जा सके। फॉर दैट ऑल द ग्रिड्स द इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई लाइंस हैव टू बी कनेक्टेड इजंट इट प्लास्टिक एगाथोन जिसके थ्रू सिंगल यूज प्लास्टिक को हम रिड्यूस करेंगे। लाइफ अपनी लाइफ ऐसी जिएंगे कि हम जब भी वाशरूम में जाए ब्रश करते समय नल नहीं खुला होगा। हम जब भी किसी रूम से निकले तो सारे लाइट स्पैन सब ऑफ करेंगे। तो वी विल लिव अ लाइफ वेयर वी आर सस्टेनिंग फॉर द फ्यूचर जनरेशंस। 2022 का जो यह इजिप्ट में मीटिंग हुआ था उसमें थ्री फोल्ड इनक्रीस इन द न्यूक्लियर एनर्जी हम करेंगे बाय 2032 यह हमने प्रॉमिस किया था अपने आप से इथेनॉल ब्लेंडिंग 20% तक करेंगे यानी कि आज की डेट में हम व्हीकल्स में पेट्रोल कंप्लीटली यूज़ करते हैं। बट एटलीस्ट 20% इथेनॉल को हम यहां पे ब्लेंड करेंगे। एंड E20 फ्यूल बाय 2025 वी विल बी अ डूइंग दिस। ये हमने कहा। एंड 2017 तक हम नेट ज़ीरो बन जाएंगे। यानी कि जितना हम एमिट कर रहे हैं लेट्स से 10 यूनिट्स ऑफ़ कार्बन डाइऑक्साइड हम रिलीज़ कर रहे हैं टोटली इंडिया में। वो 10 यूनिट्स को अब्सॉर्ब करने से रिलेटेड हम पूरा एफर्ट लगाएंगे। एंड ये क्या हो गया? +10 एंड -10 तो नेट ज़ीरो हो गया इंडिया में। इज़ंट इट? तो इस तरीके से हम इंफ्रास्ट्रक्चर एंड एवरीथिंग ट्रीज़ वगैरह को प्लांट करेंगे। तो व्हाट इज़ द मेन गोल ऑफ़ ओएसओwओजी इनिशिएटिव ऑफ़ द इंडियन गवर्नमेंट हारनेसिंग सोलर एनर्जी एंड इंश्योरिंग दैट जनरेटेड इलेक्ट्रिसिटी गेट्स टू प्लेसेस दैट नीडेड द मोस्ट प्रोवाइडिंग विंड एनर्जी फिलिप टू इंडियाज़ एनर्जी मिक्स कोलैबोरेटिंग इंटरनेशनलली इन द प्रोडक्शन ऑफ़ न्यूक्लियर एनर्जी कोलबेटिंग इंटरनेशनल टू प्रमोट एथनिक ग्रुप्स अराउंड द वर्ल्ड। व्हाट इज़ द राइट आंसर टू दिस क्वेश्चन? दिस वाज़ हैज़्ड इन द वेरी रीसेंट एग्जाम अक्टूबर 2024 तो रीसेंट एग्जाम के क्वेश्चंस मैं आपको दिखा रहा हूं एंड इफ यू नीड मोर पीवाईक्यूज़ यू कैन डाउनलोड फ्रॉम आवर वेबसाइट लिंक डिस्क्रिप्शन में है adutin ठीक है हु इज़ आंसरिंग दिस क्वेश्चन नो वन आई एम गेटिंग द पॉइंट तो यस द करेक्ट आंसर फॉर दिस वुड बी ए हारनेसिंग सोलर एनर्जी एंड एनश्योरिंग दैट द इलेक्ट्रिसिटी जनरेटर गेट्स टू प्लेसेस दैट नीडेड इट मोस्ट तो भास्कर जी सुमित जी अबब्सोलुटली राइट आंसर यू आर द टॉप टू टॉप थ्री कौन बन रहा है? नॉट हॉरिजॉन गेमर्स। बहुत बढ़िया। राइट? आपका भी आंसर एकदम सही है। तो ए इज़ द राइट आंसर। नाउ हमने पंचामृत में क्या कहा? हमने इंटरनेशनलली नेशनलली डिटरमाइंड कंट्रीब्यूशन दिया था कि हम जो है ये ये चीज अचीव करेंगे। तो पंचामृत में हमने उसे मॉडिफाई कर दिया फर्दर। जो एमिशन है 33 टू 35% रिड्यूस करेंगे। 40% नॉन फॉसिल फ्यूल यानी कि विंड एंड सोलर एनर्जी से हम इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करेंगे। 2.5 टू 3 बिलियन टन्स ऑफ़ कार्बन डाइऑक्साइड इक्विवेलेंट भी हम अब्सॉर्ब करेंगे। ऐसा हमने कहा। अब इसको हमने एनहांस कर दिया। 500 गीगावाट नॉन फॉसिल फ्यूल यानी कि 50% हमारी जो इलेक्ट्रिसिटी है नॉन फॉसिल फ्यूल से आएगी। 1 बिलियन टन्स ऑफ़ कार्बन डाइऑक्साइड एक्सेस में हम रिलीज़ करेंगे। एंड 45% ऑफ़ अह जो यहां 33 से 35% कार्बन एमिशन जो है रिड्यूस करेंगे। हमने कहा था उसे 45% हम कर रहे हैं। एंड नेट ज़ीरो एमिशन 2070 तक हम नेट ज़ीरो एमिशन बन जाएंगे। ऐसा हमने कहा। एंड फाइनली व्हाट इज़ द रोल ऑफ़ बैंक? सस्टेनेबल फाइनेंसिंग बैंक्स को करना ये चीज़ एक मेन थिंग है। एंड फाइनेंसियल सर्विज टास्क फ़ोर्स करके इंडिया में है। तो उसने सस्टेनेबल मार्केट इनिशिएटिव लेकर आया कि टॉप जो मार्केट में कंपनीज़ है दे शुड बी सस्टेनेबल। यानी कि उनके एक्टिविटीज़ ऐसे होने चाहिए कि इकोनॉमिक ग्रोथ तो है ही है। बट एनवायरमेंटल डेवलपमेंट भी उसको भी प्रमोट करें। सोशल सोसाइटी का डेवलपमेंट खुद का अंदर गवर्नेंस जो है वह सब भी सही रहे उस पर्टिकुलर कंपनी का। एंड वेरीेंट फ्रॉम द एग्जाम पॉइंट ऑफ व्यू इज़ द कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी ऑलरेडी हमने डिस्कस करा है ना यस चैप्टर नंबर कौन सा आई थिंक सेवन या फाइव में हमने डिस्कस किया फाइव में डिस्कस किया तो अब 10थ चैप्टर में ये हम डिस्कस कर रहे हैं सीएसआर कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटीज़ जो भी कंपनीज़ एस्टैब्लिश हो रहे हैं एज़ पर द कंपनीज़ एक्ट दे हैव टू फॉलो दिस नॉर्म्स ऑफ़ कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी कंपनीज़ एक्ट के सेक्शन 135 में दिए हुए हैं। ये रूल्स एंड नॉर्म्स से रिलेटेड है। कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी एंड इसका जो शेड्यूल सेवन है उसमें आप देखेंगे ऐसे एक्टिविटीज जो कि कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी से रिलेटेड है। यानी कि कंपनीज़ एंड एक्टिविटीज को करने से रिलेटेड हम कह सकते हैं कि अ इंप्लीमेंट करने से रिलेटेड अ स्टेप्स लेंगे। ठीक है? तो 135 में दिया है कि कंपनीज़ अ ये कॉर्पोरेट सोर्स रिस्पांसिबिलिटी को इंप्लीमेंट करेंगे। अब इंप्लीमेंट करने का मतलब क्या है? कंपनी का लास्ट थ्री इयर्स का प्रॉफिट का एवरेज उसका 2% खर्च किया जाएगा। ऑन द एक्टिविटीज़ व्हिच आर मेंशंड इन द सेवंथ शेड्यूल ऑफ़ द कंपनीज़ एक्ट। ठीक है? के सेवन शेड्यूल में सब मेंशंड है कि इकोफ्रेंटली इनिशिएटिव्स, हेल्थ, एजुकेशन वगैरह में कंपनी को पैसे डालने हैं। अब ये 2% यहां पे नहीं डालेंगे तो प्रीवियसली इट वाज़ क्रिमिनल एक्ट और आपको जेल प्लस पेनाल्टी मॉनिटरी पेनाल्टी हो सकती है। अभी एक सिविल एक्ट है जहां पर आपको जेल तो नहीं होगी बट मॉनिटरी पेनाल्टी जरूर देना है। ओके? तो इस तरीके से यह सीएसआर है और अगर आपने मॉनिटरी पेनाल्टी ठीक है वह कितना देना है पेनल्टी देना है ₹1 करोड़ बाय द डिफॉल्टिंग कंपनीज़ एंड ₹2 लाख एटलीस्ट बाय द डिफॉल्टिंग ऑफिसर ये पूरा एवरीथिंग है विद रिस्पेक्ट टू सीएसआर एंड सीएसआर के एक्टिविटीज़ करने से एसडीजीस को भी प्रमोट किया जा रहा है। ओके? सो दीज़ आर द थिंग्स एंड एवरीथिंग आई हैव एक्सप्लेन व्हाट इज़ द प्रोग्रेस इन द डिफरेंट चैलेंजेस? क्या है इस चीज में? प्रोग्रेस ये हुआ कि ग्रीन बॉन्ड्स को लाया गया। यानी कि ग्रीन इको फ्रेंडली इनिशिएटिव्स को प्रमोट करने के लिए ग्रीन बॉन्ड्स है। बॉन्ड मतलब यू आर गिविंग लोन टू समवन। तो दे आर गिविंग यू दिस बॉन्ड पेपर कि ठीक है आपने लोन दिया। आपको इतना प्रॉफ़िट होगा। ऐसे पेपर में लिख के आपको दे देते हैं। इट इज़ कॉल्ड बॉन्ड। 2015 अ में ये ग्रीन बॉन्ड्स आए फाइव टू 10 इयर्स का मैच्योरिटी यानी कि इको फ्रेंडली इनिशिएटिव्स में ये पैसा जाएगा फाइव टू 10 इयर्स के लिए 2015 में फेम इनिशिएटिव लाया गया फास्टर अडप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ़ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिसिटी फेम इनिशिएटिव। ठीक है? अब यहां पर अक्टूबर 2024 में यह क्वेश्चन आया था। द प्राइमरी रोल ऑफ़ द सस्टेनेबल फाइनेंस ग्रुप इन द डिपार्टमेंट आउटफ रेगुलेशन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इज़ डैश। ठीक है? सस्टेनेबल फाइनेंस ग्रुप का मेन रोल क्या होता है? स्ट्रेटजीज़ दैट कुड बी अडॉप्टेड टू प्रोपगेट सस्टेनेबल प्रैक्टिससेस। ऑलदो अह डीपली हमने ये चीज़ डिस्कस नहीं की है। बट थ्रू दिस क्वेश्चन वी आर ट्राइंग टू डिस्कस दिस पर्टिकुलर थिंग। जस्ट ट्राई टू आंसर दिस क्वेश्चन। थोड़ा सा सोचिए अगर एग्जाम में ये क्वेश्चन आया होता तो आप क्या आंसर करते इसका? ओके? तो द लास्ट टॉपिक इज़ लेफ्ट एंड वी विल एंड द सेशन। तो ऑब्वियसली सस्टेनेबल प्रैक्टिस को कैरी आउट करने के लिए यहां पर इसे लाया जा रहा है। सो ए इज द राइट आंसर। फाइनली सीएसआर लास्ट थ्री इयर्स का एवरेज जो भी आपका इनकम है उसका 2% आपको खर्च करना है ऑन दिस एक्टिविटीज़। नहीं करेंगे तो ₹1 करोड़ डिफ़ॉल्टिंग कंपनी ₹2 लाख इज़ डिफ़ॉल्टिंग ऑफिसर पे करेगा। अभी ये सिविल रॉन्ग है। सो ओनली पेनल्टी, नो जेल टर्म, नो पॉवर्टी, जीरो हंगर, गुड हेल्थ वेल बीइंग, क्लीन वाटर सैनिटेशन। ये सारे एचडीजी सीएसआर एक्टिविटीज़ को फुलफिल करके इंप्लीमेंट करके आप अचीव कर सकते हैं। नाउ हु इज़ गोइंग टू आंसर दिस क्वेश्चन फर्स्ट टू मी। लेट अस सी प्लीज रीड द क्वेश्चन एंड लेट मी नो द आंसर। यस गोपाल सा जी ए सही है। अब इस क्वेश्चन को आंसर करिए फटाफट से। इतनी बार रट चुका हूं अब तो आपको याद हो गया होगा सीएसआर तो मैंने रट ही रट दिया तीनचार बार बता दिया इस सेशन में यस वंडरफुल सुमित जी लोक मुद्रा जी एकदम सही जवाब है एंड व्हाट अबाउट अदर्स हु इज़ द थर्ड वन यस गोपाल साह जी जो है हमारे नंबर थ्री पे है। सो दीज़ व योर 10 चैप्टर्स एंड कंप्लीटली आपका जो मोस्टेंट टॉपिक्स ऑफ़ मॉड्यूल ए कवर्ड। लेट मी टेल यू। इससे भी बढ़िया तरीके से हम जेआईबी 2025 की प्रिपरेशन कर सकते हैं। जस्ट बिफोर द एग्जाम वी आर हैविंग द सुपर क्रैश कोर्स। तो आज की जो एक्सप्लेनेशंस अगर आपको अच्छी लगे, पसंद आए तो वी आर गोइंग टू हैव सिमिलर एक्सप्लेनेशन इन द सुपर क्रैश कोर्स। यू कैन अटेंड दिस सुपर क्रैश कोर्स। चारों कॉम्पोनेंट से रिलेटेड जस्ट बिफोर द एग्जाम जो वीक है उसमें आपको अगर आपने प्रिपरेशन कर लिया है तो रिवीजन के लिए एंड अगर आपने नहीं की है तो आपको इससे काफी ज्यादा हेल्प मिलेगी विद रिस्पेक्ट टू द प्रिपरेशन बिफोर द एग्जाम द फाइनल फाइट लाइक वी आर फाइटिंग इन द सेशन देयर आल्सो वी विल बी स्टडिंग तो यू कैन बी पार्ट ऑफ़ दिस लाइव क्लासेस के थ्रू सिक्स लाइव क्लासेस जो है आई एंड आईएफएस के पीपीवी के फाइव एफएम आरबीडब्ल्यूएम सिक्स लाइक लाइव क्लासेस के थ्रू आपको पढ़ाया जा रहा ईच एंड एव्री चैप्टर के शॉर्ट नोट्स भी हैं। टेस्ट सीरीज भी आपको प्रोवाइड किए जा रहे हैं। चैप्टर वाइज़ एंड फुल लेंथ मॉक टेस्ट। ठीक है? अपार्ट फ्रॉम दैट वी हैव आवर बैंकर्स कैप्सूल कोर्स। कंप्लीट मॉड्यूल जो है सिंगल सिंगल वीडियोस में कवर किए गए हैं। यू कैन बी पार्ट ऑफ़ दिस बैंकर्स कैप्सूल कोर्स जिसमें मॉड्यूल वाइज़ सिलेबस के मोस्टेंट टॉपिक्स 14,000 प्लस प्रैक्टिस एमसीक्यूस चैप्टर वाइज़ शॉर्ट नोट्स और प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस मे 2023 से क्लियर क्रिस क्वालिटी कंटेंट आपको प्रोवाइड किया जा रहा है। एंड ईच एंड एव्री कॉम्पोनेंट से रिलेटेड भी आपको यह कैप्सूल कोर्स प्रोवाइड किया जा रहा है। यू कैन विजिट आवर वेबसाइट बाय क्लिकिंग द लिंक गिवेन इन द डिस्क्रिप्शन एंड जॉइन दिस पर्टिकुलर कोर्सेज। ओके? तो लाइव क्लास जॉइ करना है तो आप सुपर क्रैश कोर्स एंड रिकॉर्डेड में आपको देखना है तो यू कैन जॉइन दिस बैंकर्स कैप्सूल कोर्स। ओके? सो विशिंग यू ऑल द बेस्ट। एंड आई होप यू लाइक दिस सेशन। इफ यू डिड लाइक लास्ट में एक बढ़िया सा कमेंट तो बनता ही है। यू कैन गेट द पीडीएफ ऑफ़ दिस क्लास बाय जॉइनिंग अ Telegram चैनल। Telegram चैनल का लिंक आपको डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा। एंड इफ यू हैव एनी अदर क्वेरीज़ यू कैन कॉल अस ऑन दिस नंबर 8146207241 हेलो.co.in पर आप हमें मेल भी कर सकते हैं। सो दिस वाज़ द एंटायर मोस्टेंट टॉपिक्स ऑफ़ मॉड्यूल ए। टुमारो वी विल बी डिस्कसिंग मॉड्यूल बी। ठीक है? तो आप में से कितने लोग रेडी हैं इसके लिए? एंड डड यू इफ यू डिड लाइक द सेशन यू कैन जस्ट लेट अस नो इन द कमेंट सेक्शन ओके सो विशिंग यू ऑल द बेस्ट फॉर द प्रिपरेशन ऑफ़ द एग्जाम थैंक यू सो मच ऋषि जी भास्कर जी संजीवनी जी गोपाल जी लोक मुद्रा जी सुमित जी ए के जी नॉर्थ हॉरिजॉन गेमर्स एंड संजीवनी जी अर्चना जी आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद संजीव जी देवप्रवत जी रूपेंद्र जी फॉर कमिंग टू दिस सेशन अजय जी बहुत बढ़िया ओके एंड आई होप यू डिड लाइक द सेशन इफ यू डिड यू कैन लेट अस नो इन द कमेंट सेक्शन कि आपको ये सेशन कैसा लगा एंड लेट मी टेल यू डू नॉट वरी सारे ऑप्शंस आपके सामने हैं। लाइव क्लासेस के लिए आप ये सुपर क्रैश कोर्स ऑप्ट कर सकते हैं। बहुत ही कम समय में मोस्टेंट टॉपिक्स आपको पढ़ाए जा रहे हैं। एंड रिकॉर्डेड लेक्चर्स इसी तरह के जो हैं उनके लिए यू कैन गो फॉर द बैंकर्स कैप्सूल कोर्स। ओके? सो विशिंग यू ऑल द बेस्ट। थैंक यू सो मच एंड लेट अस मीट टुमारो। थैंक्स अ लॉट।