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Overview of Accounting Theory Basics

सो हेलो माय डियर कम्स कैसे हैं आप सब मुझे उम्मीद है की मत सो गए jhagaaj होंगे जैसे हमेशा ही रहते हैं तो चलिए फिर निक्कू भैया है इस बार क्या लेकर आए हैं तो इस बार मैं आपके लिए लेकर आया हूं थ्योरी बेस ऑफ अकाउंटिंग यानी की हम यहां पे अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स के बारे में इंडिया के बारे में अस के बारे में इन सब चीजों के बारे में जानेंगे ये चैप्टर थ्योरी बेस है दिमाग कहेगा अरे यार थ्योरी लेकिन आपको ध्यान रखना है क्योंकि ये इंपॉर्टेंट है फ्यूचर एस्पेक्ट्स के हिसाब से पुरी जेनरेशन जो फाइनेंशियल अकाउंटिंग में इंवॉल्व होती है या फाइनेंशियल रिपोर्टिंग कहेंगे जब आप से यह फाइल में आएंगे तो आपको यही नाम सुनाई देगा वो सब इन्हीं चीजों के ऊपर डिस्कस करते इन्हीं चीजों की रिसर्च होती है तो ये इंपॉर्टेंट है आपके फ्यूचर एस्पेक्ट के हिसाब से अगर आप इसी में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो चलिए अब स्टार्ट करते हैं आज की क्लास आर यू रेडी मुझे उम्मीद है आप कहोगे हान जी हान जी हान जी तो देखिए अकाउंटिंग प्रिंसिपल हम पढ़ेंगे फंडामेंटल ejumptions ऑफ अकाउंटिंग के बारे में जानेंगे दें आदर अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स के बारे में जानेंगे अस एंड इंडियाज के बारे में जानेंगे आईएफआरएस के बारे में भी जानेंगे तो इन सब चीजों के बारे में हम पढ़ने वाले हैं तो चलो फिर शुरू करते हैं तो देखिए सबसे पहले इंट्रोडक्शन इसमें हमें क्या ध्यान रखना है अब देखिए खूब सारे लोग द खूब सारे मेहनत करते द तो एक आदमी हमारे पास इंडो भैया कौन है इंडो भैया इंडो भैया ने अकाउंटिंग स्टार्ट की ठीक है इंडो भैया ने क्या किया अकाउंटिंग स्टार्ट कर दी ठीक है ये अपने बुक्स बुक्स में कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ करते द ठीक है अब इन्होंने सोचा की यार हम अपने बिजनेस को ना बात करेंगे भाई सिर्फ इंडिया में क्यों रहे हैं हम विदेश में भी जाएंगे कहां जाएंगे विदेश में एवी विदेश में जाएंगे तो यह चले गए विदेश में अब यहां की अकाउंटिंग नॉलेज से इन्होंने ले ली यहां की अकाउंटिंग नॉलेज तो इन्होंने ले ली ठीक है अकाउंटिंग नॉलेज अब यहां पर वो अकाउंटिंग बुक स्टार्ट की उन्होंने बनानी तो जाहिर सी बात इंडो भैया ने जो पढ़ा हुआ था अपने यहां उसी के हिसाब से बनाना स्टार्ट किया टिक टिक टिक टिक टिक टिक टिक टिक टिक टिक टिक अब यहां पे एक विदेशी भैया द क्या द यहां पर एक विदेशी भैया विदेशों भैया जी अब विदेशी भैया जी ने क्या कहा अरे इंडो भैया यह क्या बना दिया आपने ये सब बकवास है यह तो नियम यहां चलता ही नहीं है क्या बना रहे हो यार किसी को कुछ का रहे हो किसी को कुछ का रहा है आपको पता ही नहीं चाहिए किसे कहते हैं रेवेन्यू एक्सपेंडिचर किसे कहते हैं आपको कुछ समझ में नहीं ए रहा है क्या है ये उन्होंने गुस्से में आंखें लाल करके कहा है सब बेकार है अब इंदु भैया बेचारे हो गए दुखी अब इनकी आंखें बना देता हूं मैं दुखी सी आंखें कितनी मेहनत की सब कुछ तो सही है यह बेकार है पर यहां पर एक द हमारे इंटेल भैया कौन द इंटेल भैया कौन द इंटेल भैया इन्होंने देखा की इंदु भैया गलत तो नहीं है पर यह कहां से हैं इंडिया से है यह कहां से हैं इंडिया से हैं और videshu भैया लेट्स एग्जांपल ठीक है अकाउंटिंग यह भी करते हैं अकाउंटिंग यह भी करते हैं अब इन्होंने इंदु भैया ने जो चीज बनाई वह इंडिया के हिसाब से तो बिल्कुल सही है पर अमेरिका के हिसाब से गड़बड़ हो गई तो इंटेल ओ भैया ने अपना दिमाग लगाया इन्होंने कहा की यार ऐसा क्यों हुआ तो इनको पता चला की भाई दो देश हैं अलग-अलग सोच है अलग-अलग हिसाब से चल रहे हैं जैसे लैंग्वेज अलग है वैसे ही इन्होंने अलग-अलग अकाउंटिंग कर राखी है इनके सारी चीज अलग है काउंटिंग के मान्यताएं अलग हैं इनके अकाउंटिंग की मान्यताएं अलग हैं अब क्या करें तो फिर इंटेल ओ भैया ने सोचा की यार ऐसा कैसे चलेगा ये साइंस वालों के जो प्रिंसिपल्स हैं इक्वल एंड अपोजिट रिएक्शन ये तो हमेशा कॉमन है चाहे अमेरिका में पढ़ो चाहे इंडिया में पढ़ो चाहे अफ़ग़ानिस्तान चले जाओ चाहे ब्राज़ील चले जाओ कहीं भी चले जाओ वहां तो सब जगह से है ये हमारी अकाउंटिंग के साथ ऐसा क्यों होता है इन्होंने झंडा उदय रे अब हम अकाउंटिंग को मिलेंगे यानी की इन्होंने डिसाइड किया यह मैं एग्जांपल के इंटिलो भैया बोला हुआ है बहुत सारे लोगों ने मिलकर डिसाइड किया की अकाउंटिंग के भी प्रिंसिपल्स जो की अप्लाई होने वाले हैं बेसिक प्रिंसिपल्स वो कॉमन होने चाहिए यानी की इन्होंने इन दोनों से कहा अरे गुस्सा नहीं करते गुस्सा नहीं करते गुस्सा को गुस्सा को और कुछ कम पॉइंट्स बनाए क्या बनाए कॉमन पॉइंट्स मैं इनको कोई नाम क्यों नहीं बोल रहा हूं क्योंकि अभी हम समझेंगे कॉमन पॉइंट्स यानी की इन्होंने बोला की कुछ अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स होने चाहिए क्या अब वर्ड आएगा कॉमन पॉइंट में इन्होंने क्या बोला कुछ अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स होने चाहिए जो की हर जगह पर अप्लाई हो ठीक है कुछ हमारे कन्वेंशंस होते हैं कुछ कॉन्सेप्ट्स होते हैं तो इन्होंने इन सब चीजों पर कम करना शुरू किया फिर ज़ाहिर सी बात है वर्ल्ड इतना सारा है तो जैसे टो वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन होता है हो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन होता है ऐसे ही इन्होंने हमारे लिए भी कुछ अकाउंटिंग लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने डिसाइड किया की भाई साहब अब हम क्या करेंगे अब हम अकाउंटिंग की दुनिया को इकट्ठा करेंगे और कुछ रूल्स होंगे जो सभी पे से अप्लाई होंगे ठीक है सभी को उसे मानना होगा कुछ-कुछ चेंज हो सकते हैं उनके अपने डेमोग्राफिक या उनके अपनी मान्यताओं के हिसाब से पर मोस्ट ऑफ डी चीज है एक्सेप्टेबल होंगी सभी से बातें की सभी के representatively और वो करिए और फिर उन्होंने कुछ बिजनेस लेकर आए तो इस तरीके से हमारा ये चैप्टर बना हुआ है तो यहां पर अब कुछ प्रिंसिपल्स है कुछ आपके कन्वेंशंस होंगे कुछ आपके कॉन्सेप्ट्स होंगे इन सब में थोड़ा डिफरेंस है तो इसी पर हमारा यह चैप्टर है ठीक है वो मोस्टली हर जगह पर से ही अप्लाई होते हैं से ही तरीके से लागू होते हैं ठीक है समझ गए क्यों जरूरत पड़ी इन सब चीजों की मुझे उम्मीद है समझ गए होंगे सिंपल सा पॉइंट की अलग-अलग लोग हैं अलग-अलग मान्यताएं हैं तो भाई अलग-अलग जगह पर अलग-अलग अकाउंटिंग होगी तो एक आदमी तो कभी दूसरे देश में जाके कम ही नहीं कर पाएगा है ना तो इसलिए वही शुड ऑलवेज साइंस स्टूडेंट्स हैव ऑल दी फैन तो कांग्रेस ने भी इसको इक्वल कर दिया चलिए ठीक है भैया जी समझ में तो ए गया अब इसको एक-एक करके समझते हैं तो सबसे पहले जर्नली एक्सेप्टेड अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स यानी की भैया जी ऐसे प्रिंसिपल के द्वारा एक्सेप्टेड हूं प्रिंसिपल क्या होंगे सेट ऑफ रूल्स होगा तो देखिए गैप बोलते हैं इसको शॉर्ट में मैं हेडिंग पे लिख देता हूं गैप गैप जनरली एक्सेप्टेड अकाउंटिंग प्रिंसिपल अडॉप्टेड फॉर रिकॉर्डिंग ऑफ बिजनेस ट्रांजैक्शंस यानी कुछ सेट ऑफ रूल्स होंगे रूल्स हालांकि अभी तक पढ़ा हुआ था आपको पता ही है एवरी डेबिट है एन इक्वल एंड अपोजिट क्रेडिट से वैसे ही जैसे एवरी है एक्शन इक्विवेलेंट अपोजिट रिएक्शन से वैसा ही है ठीक है कुछ सेट ऑफ रूल्स होंगे कुछ गाइडलाइंस होंगी रूल्स तो भाई रूल्स हैं वो तो आगे इट इसे रहेंगे गाइडलाइंस में आपके ऊपर होता है की आप माने या ना माने तो कुछ चीज गाइडलाइंस के अंदर आएंगे ठीक तो कोई भी रूल गाइडलाइन जो अडॉप्ट किया जाता है रिकॉर्डिंग ऑफ बिजनेस ट्रांजैक्शंस ये ध्यान रखिएगा घर के ट्रांजैक्शन नहीं बिजनेस ट्रांजैक्शन यूनिफॉर्म एंड प्रेजेंटेशन ऑफ फाइनेंशियल स्टेटमेंट हम बिजनेस ट्रांजैक्शन बनाते ही क्यों हैं ताकि अल्टीमेट गोल हमारा क्या होता है फाइनेंशियल स्टेटमेंट को बनाना है ना प्रॉफिट निकलना बैलेंस शीट यानी फाइनेंशियल पोजीशन को जानना तो जब हम यहां रहे या वहां रहे कम से कम मोस्ट ऑफ डी प्रिंसिपल हमारे से होने चाहिए थोड़ा बहुत ऊपर नीचे सभी चीजों में हो जाता है तो यहां पर यूनिफॉर्म टी ठीक है बस तो फिर यहां पर यह कम खत्म हो गया ओके इंप्लीमेंट की जाएंगी सभी के द्वारा जनरली एक्सेप्टेड अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स होंगे ताकि हम हमारे फाइनेंशियल स्टेटमेंट को प्रिपेयर प्रेजेंट कर सकें ठीक है बस इसी को बोलते हैं बाकी तो इसके अंदर थ्योरी बहुत सारी है बेसिक पॉइंट ये है अब बारी आती है मीनिंग एंड नेचर ऑफ अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स सेट ऑफ रूल्स यानी कुछ ना कुछ प्रिंसिपल्स बनाए गए तो सबसे पहले जानेंगे भैया होता क्या है तो प्रिंसिपल्स ऑफ अकाउंटिंग आर जर्नल लॉ एक तरीके के लॉ ही हो गई है और रूल अडॉप्टेड और प्रपोज ऑफ कंडक्ट और रूल्स जिन्हें अडॉप्ट किया गया है प्रपोज किया गया है किसी ने अपनाया है किसी को बताया गया है ऐसा गाइड तू एक्शन किसका एक्शन की बिजनेस ट्रांजैक्शंस को आप कैसे रिकॉर्ड करेंगे कैसे प्रेजेंट करेंगे वो चीज बताई गई है ताकि आप ग्राउंड और बेसिस ऑफ कंडक्ट और प्रैक्टिस यानी की जब आप अकाउंटिंग एंट्रीज करते हैं या अकाउंटिंग वर्ल्ड में रहते हैं कुछ भी करते हैं बिजनेस ट्रांजैक्शंस को रिकॉर्ड करते हैं तो वो किस तरीके से होंगे तो बेसिक पॉइंट वही है की जनरल लॉ या रूल यहां पे गाइडलाइन नहीं उसे किया गया है ध्यान रखिएगा ठीक है ये किसने बताया तो भैया जी अमेरिका एंड इंस्टिट्यूट ऑफ सर्टिफाइड पब्लिक के हिसाब से अकाउंटिंग प्रिंसिपल का मतलब ये होता है ठीक है सिंपल सा भाषा में समझे तो भाई जैसे साइंस के कुछ नियम है वैसे ही हमारे भी कुछ प्रिंसिपल्स हैं ठीक है वो हर जगह से अप्लाई होंगे क्योंकि वो ऐसा रूल ले गए ऐसा लॉ ले गए हैं ठीक है ओके भैया जी नौ अकाउंटिंग प्रिंसिपल आर क्लासिफाइड इन तू कैटिगरीज जो हमारे अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स हैं इसमें दो बातें आती हैं दो बातें क्या है उसको देखिए अकाउंट इन कॉन्सेप्ट्स कॉन्सेप्ट्स आपको बोलते हैं ना कॉन्सेप्ट्स हिल लेनी चाहिए भैया जी कौन से ऐप्स एकदम तगड़े रखो है ना तो कॉन्सेप्ट्स यानी की जो ऐसी चीज जो थोड़ी सी स्टैटिक होती है डीज आर डी बेसिक ससुम्पटीशन और फंडामेंटल प्रोपोर्शंस विद इन विच अकाउंटिंग ऑपरेट्स दे आर जनरली एक्सेप्टेड अकाउंटिंग रूल्स बेस्ड ऑन विच ट्रांजैक्शंस आर रिकॉर्ड एंड फाइनेंशियल स्टेटमेंट आर प्रीपेड इन्हीं के बेस पर ट्रांजैक्शंस रिकॉर्ड होते हैं फाइनेंशियल स्टेटमेंट बनाई जाती है इट इस इंपॉर्टेंट तू फॉलो डी अकाउंटिंग कॉन्सेप्ट बिकॉज इट हेल्प्स यूजर्स ऑफ फाइनेंस स्टेटमेंट तू बटोर अंडरस्टैंड एंड दें इन डी से एंड आगे इट इसे प्रेजेंट ये ज्यादा इंपॉर्टेंट है आपको अपनी फाइनेंशियल स्टेटमेंट को इन्हीं रूस के हिसाब से बनाना है ताकि कोई विदेशी यानी कोई नया विदेशी आए आपकी कंपनी में पैसा लगाना चाहे तो उसको भी वो चीज समझ में आए अब ऐसा ना हो की भाई मैं पैसा लगा रहा हूं उससे पहले चार सी ये लोगों से मिल रहा हूं समझ रहा हूं भैया आप क्या कौन-कौन से नियम चलते जरा बताना क्या बोलते हैं इसको अच्छा इसको सिलेक्स में नहीं होते हैं अरे हमारे यहां तो renewsment जो बोलते हैं है ना ऐसा नहीं होना चाहिए यहां पर क्लेरिटी ऑफ थॉट्स होने चाहिए ताकि कोई नया आदमी भी उसको आप फिनिशिंग स्टेटमेंट दिखाओ देखते ही कहते हैं अच्छा अच्छा ठीक है चलो पैसे दे देते हैं ठीक है तो इसीलिए हम यहां पर अकाउंटिंग कॉन्सेप्ट लेकर आए फिर आता है काउंटिंग कन्वेंशंस ठीक है ध्यान रखिएगा ये प्रिंसिपल्स के ही पार्ट है एक कॉन्सेप्ट है एक कन्वेंशंस है कन्वेंशन थोड़े से लिबरल होते हैं अकाउंटिंग कन्वेंशंस आर दी आउटकम ऑफ अकाउंटिंग प्रैक्टिस ऑफ प्रिंसिपल्स बीइंग फॉलोज बाय दी एंटरप्राइज ओवर अन पीरियड ऑफ टाइम कन्वेंशंस में अंडरगो चेंज वे टाइम तू ब्रिंग अबाउट इंप्रूवमेंट इन डी क्वालिटी ऑफ अकाउंटिंग इनफॉरमेशन यानी की ये आपका आउटकम है प्रिंसिपल अप्लाई करने के बाद क्या आउट कमाया इसके अंदर थोड़ा-बहुत चेंज जा सकते हैं पर थोड़े बहुत है ना यह स्टेट तू स्टेट इन फैक्ट कंट्री तू कंट्री डिपेंड करता है तो इसे हम बोलते हैं कन्वेंशंस यानी ऐसे कोई प्रिंसिपल्स या कोई ऐसी चीज है जिसका जो रिजल्ट आया उसपे आपने उसका निष्कर्ष निकाला जो की ओवर डी टाइम चेंज भी हो सकता है उसके इफेक्ट उसके इंपैक्ट से पता चलता है और उसके हिसाब से आप ऊपर नीचे भी कर सकते हो तो उसको हम बोलेंगे अकाउंटिंग कन्वेंशंस ओके जो स्टैटिक है की भाई ऐसे ही फॉलो होने हैं ठीक है थोड़ा बहुत भी नहीं मैंने थोड़ा बहुत तो वैसे सब जगह हो जाता है लेकिन फिर भी स्टैटिक का ज्यादा चांस यहां पर होता है तो वो कॉन्सेप्ट्स है जो रिजल्ट के बाद या सिचुएशन चेंज होने के बाद चेंज हो सकता है तो वो कन्वेंशंस के अंदर आते हैं ठीक है भैया अब फीचर्स ऑफ अकाउंटिंग प्रिंसिपल सबसे पहला अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स आर मैन मेड सी बात है ये इंसानों के द्वारा ही बनाए गए हैं आपके मेरे जैसे जो हमसे पहले ए गए इसीलिए मैं आप सभी से कहता हूं की अगर आप रिसर्चर करना चाहते हैं तो ऐसा नहीं रिसर्च साइंस वाले बनते हैं हम भी बन सकते हैं पीएसजी कीजिए उसमें रिसर्च कीजिए है ना बस यही की उसमें अकाउंटिंग टर्म्स के बारे में आपको जानना होगा समझना होगा कोई नई सी बात खोजनी होगी ठीक है तो अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स आर मैन मेड एंड देयर फॉर दे आर बेस्ट पोल सजेशन बेस्ड ऑन प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस दे आर रिकमेंड फॉर उसे बाई ऑल एंटरप्राइज तू एश्योर ये शब्द याद रखिएगा यूनीफामिटी जब आप ये शब्द लिखते हैं एंड अंडरस्टैंड बिल्टी तो एग्जामिनर को लगता है की बच्चा थोड़ा अभाव ए रहा है जैसे अपने बीच में भी होता है आप अपने आप को भी देख लीजिए बाकियों को छोड़िए कोई आया और इंग्लिश में करके बोलो यार कुछ तो लग रहा है तगड़ा बांदा है इंग्लिश अच्छी बोलता है फरहत जा रहा है इंटेलिजेंट होगा नॉर्मल यही है ये क्या कहता है आप इसको नॉर्मल मैन लेता है का सकते हैं की भाई अगर कोई इंग्लिश में बोल रहा है तो भाई वो इंटेलिजेंट है ये तो एकदम handsfruit हो जाता हूं भाई इंग्लिश बोल रहा है इंटेलिजेंट है ना जबकि ऐसा होता नहीं है तो बस वैसा ही कैसे यहां पे भी है यहां पर अगर आपने ये शब्द लगाए यह शब्द लिखे प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस वर्ड लिख दिया इनसे क्या होता है की भैया एग्जामिनर को लगता है कुछ तो इंटेलिजेंट हो भाई ऐसे शब्द उसे कर रहा है बताओ है ना तो ये कुछ-कुछ शब्द को आपको ध्यान रखना तो ये मैन मेड होता है दें अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स आर नॉट स्टैटिक बट फ्लिक्स अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स वैसे तो स्टैटिक नहीं होते बट कुछ चीजों में होते हैं नॉर्मली ये फ्लेक्सिबल होते हैं यानी थोड़ा बहुत चेंज में अलाउ है अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स आर नॉट परमानेंट बट चेंज विद टाइम एस दे डिवेलप ओवरऑल लॉन्ग पीरियड ऑफ टाइम ऑन डी बेसिस ऑफ फास्ट एक्सपीरियंस ठीक है तो जो कन्वेंशन के अंदर आते हैं वो इस पॉइंट में कवर होते हैं adervise कुछ चीज तो कॉमन है वो तो बदलेंगे नहीं एवरी डेबिट हैज एन इक्वल एंड अपोजिट क्रेडिट या नहीं बदलने वाला है ठीक है तो ये उसके हिसाब से तो ये भी ध्यान रखना वर्ण कहो की यार भैया ये तो कुछ गलत बोल गया नॉट सेटिंग बट फ्लेक्सिबल यानी की कुछ ऐसी चीज है जो की फ्लेक्सिबल भी होती हैं व्हाइट कलर ए जाओ भैया जी अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स आज जनरली एक्सेप्टेड अकाउंटिंग प्रिंसिपल यानी की अकाउंटिंग प्रिंसिपल नॉर्मली सभी के द्वारा एक्सेप्टेड होते हैं ठीक है नौ दिस आर दी गाइडलाइंस फॉर अकाउंटिंग एंड journalli अडॉप्टेड एक्सेप्टेड ड्यू तू डीज पॉइंट्स कौन से पॉइंट्स जिसकी वजह से इसको सब एक्सेप्ट कर ही लेते हैं उनको समझिए सबसे पहली चीज रैली विंस इन सब प्रिंसिपल का रेलीवेंस है यानी की दे आर reliment इफ डी रिजल्ट इन इनफॉरमेशन डेट इस यूजफुल तू डी यूजर्स ऑफ अकाउंटिंग इनफॉरमेशन अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स रेलीवेंट तभी माने जाएंगे ना जब जो यूजर्स है यूजर्स हम पढ़ चुके हैं ना शेयर होल्डर्स हैं या फिर हमारा मैनेजमेंट है या फिर जो हमें लोन दे रहे हैं फाइनेंशियल स्टेटमेंट है उनको कोई इनफॉरमेशन चाहिए है ना तो इनफॉरमेशन कैसे मिलेगी जब हमारे बीच में यूनिफॉर्म टी होगी तभी तो अमेरिका का बांदा हम में पैसा लगाएगा या कोई विदेश का आदमी आपको उधर देने के लिए तैयार होगा तो यूनीफामिटी होना जरूरी है तो ये रेलीवेंट है इसलिए अभी लोग इसको एक्सेप्ट करते हैं दूसरा ऑब्जेक्टिविटी अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स आर ऑब्जेक्टिव इफ दे आर नॉट इन्फ्लुएंस बाय डी पर्सनल बायर्स ऑफ डी पर्सन prepening दी अकाउंटिंग इनफॉरमेशन एंड सपोर्टेड विद डी एविडेंस डेट इस वेरी fueable यानी इनकी ऑब्जेक्टिविटी है ऐसा नहीं है की कल किसी का माना है किसी ने कुछ कर दिया कल किसी का माना है कुछ कर दिया हान पर्सनल इसकी चांस होते हैं तो अगर इसमें पर्सनल biseless ना हो तो इनका ऑब्जेक्टिव इनका गोल भी बहुत सही रहता है तो ये भी हमें इसलिए भी चाहिए फीजिबिलिटी दे risable इफ दे कैन बी अप्लाइड विदाउट अंडरवियर परिसर डिजाइन कॉस्ट ये fizible भी होते हैं विजिबिलिटी का मतलब क्या होता है भैया यानी की आपका रिकॉर्ड भी मेंटेन हो गया और कॉस्ट कम लगी ठीक है कम कोस में सही रिकॉर्ड मेंटेनर उससे आपको सही रिजल्ट मिला सही रिजल्ट से आपने सही डिसीजंस लिए सही डिसीजन से अपने फॉर्म को आगे लेकर गए तो अगर आप अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स अप्लाई करेंगे सही से है ना जो जो जैसे-जैसे कहा गया है तो आपको रिजल्ट भी दिखेगा की हान यार ये बात सही है हान ऐसे वक्त करने से ज्यादा फायदा हो रहा है अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स को फॉलो कर रहे हैं तो लोन भी मिल जा रहा है बैंक भी का रहा बॉक्स ऑफ अकाउंट सही है इनकी ठीक है और हमें और भी लोगों से पैसा भी मिल जा रहा है इन्वेस्टर भी देख रहा है का रहा फाइनेंशियल स्टेटमेंट तो सही लग रही है साउंड लग रही है हान सब सही है तो यानी की इसके यूजेस हैं इसीलिए लोगों ने इसे एक्सेप्ट किया है ठीक है तो ये इसका क्या था हमारे पास फीचर्स है काउंटिंग प्रिंसिपल का एक जिसके अंतर्गत हमने पढ़ा अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स आज जनरली एक्सेप्टेड अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स होते हैं क्यों होते हैं बिकॉज ऑफ थ्री रीजंस रेलीवेंस ऑब्जेक्टिविटी ठीक है ओके भैया जी आगे बढ़ते हैं फिर फंडामेंटल अकाउंटिंग ejumptions इसको थोड़ा मैं टिक कर देता हूं यह बहुत सारे टीचर्स भी भूल जाते हैं यहां पर देखिए फंडामेंटल अकाउंट से पूछे फंडामेंटल अकाउंटिंग असुंप्शन बताना जरा अकाउंटिंग है अच्छा मटेरियल टी कंजरवेटिव नहीं फंडामेंटल में तीन ही बातें बोली गई है गोइंग कंसर्न दें उसके बाद एक्रूअल और कंसिस्टेंसी ठीक है ये तीन ही बातें हैं ये तीन नियम जो है आपके फंडामेंटल अकाउंटिंग ejumptions के अंतर्गत आते हैं तो आपसे क्वेश्चन अगर डायरेक्ट पूछ रहा है की राइट फंडामेंटल अकाउंटेंट तो यही तीन लिखने हैं इसके अलावा कुछ भी लिखोगे मार्क्स नहीं मिलने है ठीक है तो ये छोटी सी बात ध्यान रखिएगा इसलिए मैंने स्टार मार दिया है तो फंडामेंटल अकाउंटिंग ससुम्पटीशन में है क्या सबसे पहली बात की अगर आप बिजनेस कर रहे हैं तो इस उम्मीद से करेंगे की भाई हम हमेशा बिजनेस करते रहेंगे इस उम्मीद से नहीं की कल ही बंद होने वाला है वर्ण उनकी अकाउंटिंग्स अलग होती है ठीक है तो हमेशा उम्मीद क्या रखना है हमारा बिजनेस चलता रहेगा ठीक है असम डेट इन दिस इट इस असम डेट बिजनेस सेल कंटिन्यू फॉर अन लॉन्ग पीरियड ऑफ टाइम एंड देयर इस नो इंटेंशन तू क्लोज नो इंटेंशन तू क्लोज डी बिजनेस और स्किल डाउन इट्स ऑपरेशन साइनिफिकेंटली यानी सबसे पहला तो आप बिजनेस शुरू कर रहे हैं तो पहले अपने आप को समझाइए की भैया जी लंबे समय तक के लिए आए हैं लंबी रेस की घोड़े हम ये नहीं की कल ही बंद कर देंगे तो सबसे पहला तो ये होगा हालांकि जब बड़ी क्लास में जाएंगे आपको पता चलेगा की अगर ये ajmption फॉलो नहीं हो रहा है यानी की अगर मैन लो कोई कंपनी डूबने वाली है उनको लग रहा है की हम डूबने वाले हैं तो ऐसा तो है नहीं क्या हम तो डूबेंगे सर हम लेकिन सबसे कहेंगे नहीं बच जाएंगे वाला कम नहीं है अगर डूबेंगे तो उसके अपने नियम है जो की आप बड़ी क्लासेस में जाओगे तो आपको समझ में आएंगे वहां बताए भी जाएंगे समझ में तो आएंगे जब बताए जाएंगे ठीक है अभी फिलहाल इतना है की आपको ये असुंप्शन लगाना है की भाई हम लंगर पीरियड तक बिजनेस करते रहेंगे दूसरा कंसिस्टेंसी इसका मतलब है की अगर आप कोई पॉलिसी अपना रहे हैं कोई प्रिंसिपल अपना रहे हैं उसको कंटीन्यूअसली अपना है सबसे बेस्ट एग्जांपल है इसका भाई अगर आपने एक मेथड अपना lipitation में स्लम स्ट्रेट लाइन मेथड तो आपको continuisali उसी को अपनाना है तो क्या भैया कंटीन्यूअसली बनाना है कांस्टेंट है तो क्या हम बदल ही नहीं सकते बदल सकते हैं यह भी प्रोविजंस ऐसी बात नहीं तभी तो वहां बोला भी गया की नॉट स्टैटिक जहां पे मैथर्ड है वहां पे आप बदल सकते हो पर उसके इफेक्ट को बताना जरूरी है उसके रीजन को बताना भी जरूरी होता है ठीक है बट कोशिश ये कीजिए की ना बदले तो ये भी आपका फंडामेंटलिज्म के अंदर का आता है क्या है इसके अंदर इन दिस अकाउंटिंग प्रैक्टिस वैन सिलेक्टेड एंड अडॉप्टेड शुड बी अप्लाइड कंसिस्टेंसी ईयर आफ्टर ईयर डी कॉन्सेप्ट हेल्थ अंडरस्टैंडिंग ऑफ अकाउंटिंग इनफॉरमेशन एंड मेक इट कंपयरेबल फॉर इंट्रा एंड interfam कंपैरिजन डेट सी बात है तभी तो आप अपना कंपैरिजन अपने प्रीवियस ईयर से कर पाओगे या फिर अपना कंपेरिजन अपने किसी कंपीटीटर से कर पाओगे या से इंडस्ट्री के एवरेज निकल कर चेक कर पाओगे ठीक है सीधा सा पॉइंट है फॉर एग्जांपल तू मैथर्ड ऑफ चार्जिंग डिप्रेशन पहला रिटर्न डाउन वैल्यू मेथड दूसरा स्ट्रेट लाइन मेथड तो आपको कोशिश ये करनी है की अगर आपने एक अप्लाई किया है तो उसी को अप्लाई करते रहे ठीक है तो ये इस असुंप्शन के अंतर्गत आता है ये भी फंडामेंटल ejumption में है तीसरा जो हमारे पास इंपॉर्टेंट है acuration ये अब हमें पता है क्योंकि हम डबल अकाउंटिंग सिस्टम फॉलो करते हैं तो ट्रांजेक्शन को आपको तभी रिकॉर्ड करना है जब वो ओकर हो जाए इस बात पे ध्यान नहीं दे रहा की पैसे आए या गए ट्रांजैक्शन अगर हुआ है तो कल ना परसों तो पैसे का पेमेंट लेनदेन होगा ही होगा ट्रांजेक्शन आज अगर हुआ है तुरंत पाक एंट्री करने की है ठीक है चलिए तो हिंदी ट्रांजैक्शन इस रिकॉर्ड इन डी बुक्स ऑफ अकाउंट ऐड डी टाइम व्हेन इट इस एंटर्ड जैसे ही ट्रांजैक्शन अंदर हुआ ट्रक से एंट्री कर देने का है ठीक है इन और नोट इन एन नोट व्हेन डी सेटलमेंट टेक प्लेस सेटलमेंट यानी की तब का वेट नहीं कर अरे भैया क्या पता अभी तो यह समान उधर पर लेकर गया पैसे देगा की नहीं जब देगा तब एंटी करेंगे अरे भाई समान तो उधर पर ले गया भाई एंट्री कर रही तभी तो याद रहेगा है ना सिंपल सा पॉइंट तो जैसे ही ट्रांजैक्शन टेक प्लेस हुआ आपको एंट्री करनी है पैसे का लेन-देन सेटलमेंट हुआ या नहीं इसको आप बाद में देखेंगे ठीक है ये एक्रूअल कॉन्सेप्ट कहलाता है इसी वजह से डबल एंट्री बुक कीपिंग सिस्टम आया है adervise तो फिर क्या जरूरत थी पुराने मुंशी गिरी वाला ही सिस्टम चल ही रहा था ठीक है 10 रेवेन्यू इस रिकॉग्नाइज्ड व्हेन इट इस रिलाइज डेट इसे व्हेन सेल इस कंप्लीटेड ऑफ सर्विस कर दिया इट इसे इमैटेरियल वेदर कोश इस रिसीवड और नॉट पैसा मिला या नहीं मिला ये बात की बात है जैसे ही ट्रांजैक्शन हुआ है रिकॉर्ड करो इसको सिमिलरली एक्सपेंसेस और रिकॉग्नाइज्ड आगे एक्सपी अकाउंटिंग पीरियड इन विच रेवेन्यू इस रिलेटेड तू डी रिकॉग्नाइज्ड वेदर पेड़ इन कैश और नॉट फॉर एग्जांपल जैसे अगर हमने एक एग्जांपल ही ले लिया की मैन लीजिए आपने किसी ने आपके लिए कम किया ठीक है एम्पलाई ने आपके लिए क्या किया वर्क किया आपके बिजनेस के लिए ठीक है वर्क किया अब वक्त तो इसने किया यानी इसने अपना वर्क दे दिया तो आपको सैलरी पे करना चाहिए तो सैलरी एक एक्सपेंस है सैलरी क्या है एक एक्सपेंस है तो आपको इसकी एंट्री रिकॉर्ड करनी पड़ेगी एंट्री आपको सैलरी की रिकॉर्ड करनी पड़ेगी अभी तक तो शायद अगर आपने एक बार भी पढ़ लिया होगा तो आपको पता ही होगा आउटस्टैंडिंग बोल दीजिए लेकिन सैलरी को रिकॉर्ड करना जरूरी है आप ये नहीं कहेंगे की भाई अभी तक भाई अभी तक मैंने यहां से यहां कैश ट्रांसफर तो किया ही नहीं तो एंट्री नहीं करूंगा नहीं है एंट्री तो आपको करनी चाहिए क्योंकि उसने तो कम कर दिया ना भाई आपके लिए उसने तो अपना कम कर दिया ना तो आज नहीं तो कल तो आपको पेमेंट करनी पड़ेगी ना ठीक है तो सैलरी की एंट्री जरूर कीजिए आज एन एक्सपेंस ठीक है फिर जाहिर सी बात है जनरल एंट्री के पार्ट में हम जाएंगे तो समझ ही जाएंगे आउटस्टैंडिंग सैलरी क्या होता है अभी मैंने आपको ध्यान रखने के लिए मोटा-मोटी बता दिया की ट्रांजैक्शंस हैं की जैसे ही ट्रांजैक्शन टेक प्लेस हुआ पेमेंट दिया या दिया वाला कोई भी केस है वो हुआ या नहीं हुआ वो imteral है उसको करो साइड भैया अभी थोड़ा सा साइड हटने का ठीक है ओके तो ये तीन आपके अकाउंटिंग ससुम्पटीशन हैं प्लीज इन्हें याद रखिएगा बड़े-बड़े लोग भी भूल जाते हैं जैसे ही बात होती है तो कुछ प्रिंसिपल बोलने लगा तो यही भूल जाते हैं फंडामेंटल अकाउंटेंट assump इसका मतलब है की अकाउंटिंग करने से पहले तीन बातें एकदम ध्यान रखिएगा ये का में जरूरी है ऑडिट पूरा एक चैप्टर मतलब पूरा एक सब्जेक्ट है इंटरमीडिएट में वहां तक में भी ये है बेसिक ajmpetions है गोइंग कंसर्न कंसिस्टेंसी और एक्रूअल ठीक है चलो अब आगे बढ़ते हैं अब अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स तो क्या से भी ये तीन है नहीं है वैसे टोटल 14 है तीन हमारे फंडामेंटल है 11 अब हमारे अब पढ़ेंगे अपन ठीक है चलो भैया जी तो एक-एक करके इसको भी खत्म करें अकाउंटिंग एंटी ऑफ बिजनेस एंटी ये तो हम जानते ही हैं क्या यहां पर बिजनेस अलग ओनर अलग दोनों को सटक से अलग रखना है ठीक है यहां पे बच्चे मोस्टली जो कंफ्यूज होते हैं वो ये कहते हैं की भैया मेरा ही बिजनेस है मैं ही चला रहा हूं मैं ही बैठा हूं तो फिर तो मैं हमेशा ये कहता हूं की भाई ये सिर्फ आपकी बात नहीं हो रही है जब बड़े लोग बात करते हैं तो पूरे ब्रह्मांड की बात करते हैं सिर्फ आपकी बात नहीं है अगर आप सॉल्व प्रोपराइटर में देखेंगे तो आप उसको अलग नहीं कर सकते पॉइंट सही है की भाई ओनर है ओनर बिजनेस करने ए रहा है कुछ लेकर जा रहा है है कुछ लेकर ए रहा है उसका मिलीभगत होती है पर क्या हम अगर ये कॉन्सेप्ट ही ना बनाएं तो फिर ये पूरे वर्ल्ड ऐसा होल वर्ल्ड ऐसा होल के लिए कॉन्सेप्ट्स बनाए जाते हैं तो ये उनको देखकर बनाया गया है की जब कंपनी के ओनर अलग होते हैं उनका मैनेजमेंट अलग होता है है ना तो मैनेजमेंट डिसीजंस लेता है ओनर के पास शेयर्स के राइट्स होते हैं ना जैसे शेरहोल्डर्स हैं हमने किसी कंपनी का शेयर खरीद लिया तो इसका मतलब ये थोड़ी की हम अपनी अपनी चलाएंगे हमारे पास मीटिंग में वोट करने का अधिकार जरूर है लेकिन मैन लो अगर हजार लोग हैं हजार लोग हजार रहे हैं तो फिर क्या कहेंगे इसीलिए कॉन्सेप्ट लाया गया है की ये दोनों अलग-अलग हैं ठीक है ना आज दिस प्रिंसिपल अन बिजनेस इस कंसीडर्ड बिजनेस को माना जाता है तू बी सेपरेट एंटी डिस्टिक फ्रॉम इट्स ओनर ओनर से अलग है बिजनेस ट्रांजैक्शंस आर रिकॉर्ड इन डी बुक्स ऑफ अकाउंट फ्रॉम डी बिजनेस पॉइंट ऑफ व्यू एंड नॉट फ्रॉम डेट ऑनर्स और इस पर्सनल ट्रांजैक्शंस यानी की यहां पर अगर आपके ऑनर्स के पर्सनल ट्रांजैक्शंस को नहीं देखना है या उनके पॉइंट ऑफ व्यू को नहीं देखना है आगे अन होल बात करनी है बिजनेस में विच आर नॉट फ्रॉम बिजनेस आर केप्ट सेपरेट ठीक है यानी की सीधा सा पॉइंट है एंड नॉट फ्रॉम डी ओनर एंड हिज पर्सनल ट्रांजैक्शन विच आर नॉट फॉर्म्ड बिजनेस आर सेपरेट यानी की ओनर अपने कुछ पर्सनल ट्रांजैक्शंस कर रहा है तो उसको अलग हटाइए बिजनेस से रिलेटेड ट्रांजैक्शन कर रहा है तो उसको तो रिकॉर्ड हम बिजनेस में करते हैं भले ही ड्राइंग के रूप में कर रहे हैं या फिर जब वो कैपिटल लेकर आते हैं तो हम उसको कैपिटल इंटरव्यूज कहते हैं ठीक है तो इस कॉन्सेप्ट के अंतर्गत क्या आता है की ओनर और आपका बिजनेस अलग-अलग है मोस्ट जो कंफ्यूज होते हैं वो इसी चीज पे होते हैं की अगर सोल प्रोपराइटर है भैया तो फिर वही तो मैनेजमेंट भी है वही तो होना भी है तो भाई यहां तो अब अलग नहीं कर सकते सीधा सा पॉइंट है यहां पर पर रूल सबके लिए लगाया जाता है ठीक है ओके चलो आगे बढ़ते हैं वह 7 पॉइंट्स ही राम है वह 7 पॉइंट्स आपको याद है अगर आप थोड़ा भी इंटेलेक्चुअल सोच पाते हैं या थोड़ा सा आपका क्या विजनरी है तो आप उन सब चीजों को रिलेट कर पाएंगे ठीक है जाहिर सी बात है फिर 7 पॉइंट में जो जहां पे जर्नल है उसको भी पढ़ेंगे सबसे ही बुक्स हैं उसको भी पढ़ेंगे लेजर को भी पढ़ेंगे तो वो और थोड़ा सा विस्तृत रूप है पर बेसिक वो सात पॉइंट के अंदर ही तो है सब कुछ ठीक है तो इसमें क्या है भैया मणि सीमेंट होना चाहिए तो सीधी सी बात है इन दिस प्रिंसिपल ट्रांजैक्शंस एंड इवेंट्स डेट कैन बी मेजर्ड इन मणि आउट इन मणि टर्म्स आर रिकॉर्ड इन डी बुक्स ऑफ अकाउंट ऑफ दी एंटरप्राइज एग्जांपल गुड्स परचेज इन कैश फॉर रुपीस 25000 अब जो ट्रांजैक्शन मणि में काउंट ही नहीं हो सकता आप उसको रिकॉर्ड कैसे करोगे लेट्स सपोस एक एग्जांपल है एक ट्रांजैक्शन है मैन लो हालांकि फनी लाइए लेकिन हवा हवा रिसीवड हमने बिजनेस की अब ए रही है हवा में रिसीव हो रही है ठीक है तो हवा अकाउंट डेबिट क्योंकि वो हमारे लिए एसेट है इसको इनकम नहीं कहेंगे हमेशा इसी होती है और वो हमारे लंग्स के लिए सही होती है तो हवा अकाउंट डेबिट तू नेचर से मिल रही तो नेचर हमारे लिए लायबिलिटी हो गया इसीलिए हालांकि ये ट्रांजेक्शन की बताई क्या आपको एक सिख देने के लिए बताया गया की हवा के लिए एक एसेट है तो नेचर आपके लिए लायबिलिटी यानी आपका दायित्व बनता है क्या दायित्व बनता है की नेचर का केयर करें क्या करें केयर करें हमारे प्लास्टिक के उसे इसको कम कीजिए है ना जितना हो सके जो भी हमारा कार्बन एनीमेशन और इस टाइप की चीज हैं कम कीजिए अपने हिस्से में प्लीज ये मत बोलिए उसने यह उसने यह हम जितनी कोशिश कर सकते हैं पेड़ लगाइए है ना और जितना कम गंदी हो सके उतनी कम गंदगी कीजिए अगर आसपास बॉक्स से जा सकते हैं तो जाइए हर दो-चार मिनट के लिए पापा स्कूटी करने के लिए मत जाइए चलो ये तो ज्ञान की बात हो गई इसके साथ पर यहां जो ध्यान दे रहा है उसमें क्या है अब ये एंट्री तो हमने कर दी पर क्या बता सकते हैं की नीचे से जो हवा मिल रही है उसकी क्वांटिफिकेशन क्या है यहां पर कितना अमाउंट लिखूं यहां पर कितना अमाउंट लिखूं बताओ जरा नहीं लिख सकते तो इसीलिए इसको बिजनेस ट्रांजैक्शन नहीं का सकते नो बिजनेस ट्रांजैक्शन पर इसको क्या का सकते हैं नो बिजनेस ट्रांजैक्शन पर इसको क्या का सकते हैं जल्दी से बताइए क्या का सकते हैं इसको इसको का सकते हैं ये तो नो हो गया लेकिन लाइव ट्रांजैक्शन लाइफ के लिए जरूरी है फ्यूचर के लिए जरूरी है हमारे आगे आने वाली जेनरेशन के लिए जरूरी है है तो हमेशा ध्यान रखिए नेचर का हमें केयर करना है नेचर तो हमसे यह भी नहीं की भाई मेरी हवा मुझे वापस करो वो बस ये का रही है की हमारा ख्याल रखो हम आपका ख्याल रखेंगे इतना सा पॉइंट अलग से डलवानी है ना ध्यान रखना इस बात का कॉमर्स बोले तो दुनिया हर जगह कांग्रेस दिखती है चलो अब आगे बढ़ते हैं अब ज़ाहिर सी बात है मैं काउंटिंग कर रहे हैं तो भैया अकाउंटिंग करते जाओ अकाउंटिंग स्टार्ट की है चल रही है चल रही है चल रही है चल रही है चल रही है चल रही है चल रही है आपको ये तो बता दो मुनाफा क्या हुआ अगर अकाउंटिंग चल रही है रुको रुको चलते रहे तो चलते रहे तो चलते रहने दो चलते रहने दो चलते रहते चलते रहने दो ऐसे कैसे होगा अरे भाई रुक जा प्रॉफिट बताएं कितना हो गया वो का रहा अरे रुको अकाउंटिंग चल रही है तो ऐसा नहीं आपको अकाउंटिंग पीरियड भी डिसाइड करना होता है ठीक है तो क्या डिसाइड करना है अकाउंटिंग पीरियड अगर आपने ये बताया ही नहीं की कितने साल का अकाउंटिंग बना रहे हैं तो फिर एंट्री करता जा रहा है किसी को कुछ पता नहीं चल का रहा है तो अकाउंटिंग पीरियड जरूरी है journalli जो अकाउंटिंग पीरियड्स होते हैं वह 1 ईयर के होते हैं ठीक है अब 1 ईयर में दो प्रकार के होते हैं नॉर्मली तो बट आप क्वेश्चंस तो कभी भी हो सकता है इसीलिए अकाउंटिंग पीरियड आप ध्यान रखिएगा वैन ईयर का होता है अब अगर आप पहली बार बिजनेस स्टार्ट कर रहे हैं पहली बार जब आप बिजनेस स्टार्ट कर रहे हैं तब आपका अकाउंटिंग पीरियड 1 ईयर का हो भी सकता है नहीं भी हो सकता अगर आपने स्टार्ट किया तो फिर अब लेकिन अगर मैन लीजिए आपका नहीं होता है तो फर्स्ट ईयर में नहीं हो सकता है अकाउंटिंग पीरियड 1 ईयर है ना जैसे lordosapos मैं पहले आपको अकाउंट में पीरियड के बारे में बताता हूं तो एक होता है हमारा फाइनेंशियल अकाउंटिंग पीरियड फाइनेंशियल अकाउंटिंग पीरियड जो की आप चलता है फर्स्ट अप्रैल से और नेक्स्ट ईयर के 31 मार्च तक दिसंबर चल रहा है नॉर्मली हमारे यही दो चलते हैं ठीक है तो बेसिक पॉइंट यह है की ये एक साल का होना चाहिए अगर आप ginenge एग्जामिनेशन 31 नंबर 1 साल है 1 अप्रैल से 31 मार्च एक साल है ठीक है अब जब आप पहली बार बिजनेस स्टार्ट करेंगे तो जरूरी नहीं है की आप ये वाला फॉलो करने वाला एक जनवरी से स्टार्ट करें आप 10 जनवरी से कर सकते हैं 15 फरवरी से कर सकते हैं या 28 मार्च से कर सकते हैं है ना कर सकते हैं तो इसलिए यहां पर फर्स्ट ईयर कुछ भी हो सकता है और जो आपका आखिरी ईयर होगा वहां भी आपका कुछ भी हो सकता है कंपनी बंद हो जाए नहीं पता है ना तो उसको छोड़ कर नॉर्मल जो केस है अकाउंटिंग पीरियड आपको 1 ईयर का मेंटेन करना है ताकि एक साल में लेट सपोज अगर ये 1 साल है तो यहां पर प्रॉफिट पता चल गया भैया जी तभी तो फिर आप नई रणनीतियां बनाओगे प्रॉफिट यहां फाइनेंशियल स्टेटमेंट बोलते हैं प्रॉफिट अकेले में बोलने में थोड़ा सा छोटा टर्म है फाइनेंशियल स्टेटमेंट भैया यह क्या होता है बता रखा है मैंने अब तो पूछना ही नहीं है बिल्कुल भी नहीं तो कान पकड़े जाएंगे क्या की ट्रेडिंग और प्रॉफिट एंड लॉस एंड बैलेंस शीट 12th क्लास में जाओगे आप तो ट्रेडिंग वर्ड आपको कब मिलेगा स्टेटमेंट ऑफ प्रॉफिट एंड लॉस वर्ड मिलेगा पर वो तो 12th क्लास की बात है अभी के हिसाब से ट्रेडिंग एंड प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट और बैलेंस शीट दोनों को मिला के आपका फाइनेंशियल स्टेटमेंट बनता है अभी के हिसाब से बना तो उसमें बहुत सारी चीज कैश फ्लो स्टेटमेंट भी आता है नोट्स पे अकाउंट पे आते हैं ओके ठीक है भैया जी अब इस साल आपको कुछ भी पता चला लेट सपोज आपको प्रॉफिट हो गया आप खुश हो गया अगले साल पॉलिसी इसको मेंटेन रखेंगे हान जहां-जहां कुछ कुछ कमियां आई होंगी उसको चेंज करेंगे पर कब कर का रहे हैं जब आपको एक अकाउंटिंग पीरियड में आपको रिजल्ट मिल रहा है तभी तो आप कुछ नई चीज कर का रहे हैं कुछ नया सोच का रहे हैं तो आपको यहां पर इन चीजों का ध्यान रखना है तो ये वैन ईयर होता है देख लीजिए इन दिस प्रिंसिपल डी लाइफ ऑफ एन एंटरप्राइज इस ब्रोकर इन स्मॉलर पीरियड उसे वाली ठीक है विच इस टर्म्ड आज दी अकाउंटिंग पीरियड इसी को आप अकाउंटिंग पीरियड कहते हैं फिर उसी पीरियड में आपकी बुक्स बंद होती हैं फिर अगला साल चालू होता है जब बुक्स बंद होती है आप उसको एनालाइज करते हैं और नई पॉलिसीज बनाते हैं नई स्ट्रैटेजिस बनाते हैं ठीक है चलो आगे बढ़ते हैं फोर्थ फुल disclosop प्रिंसिपल यानी पुरी तरीके से डिस्क्लोज करके रखे अपनी हर चीज इन दिस मिस कॉल फुल डिस्क्लोजर देयर शुड बी कंप्लीट एंड अंडरस्टैंडेबल रिपोर्टिंग ऑन डी फाइनेंशियल स्टेटमेंट ऑफ ऑल सिग्निफिकेंट इनफॉरमेशन रिलेटिव तू इकोनॉमिक अफेयर्स ऑफ डी एंटी दिस क्लोजर्स एंड शो डी फाइनेंशियल स्टेटमेंट गिव ट्रू एंड फेर व्यू इस वर्ड को भी मार्क करके रखिए भैया जी यह वर्ड तो बार-बार सुनेंगे अब ट्रू एंड फेर व्यू ट्रू एंड फेर व्यू यानी की आपके फिनिश स्टेटमेंट में जो भी सिग्निफिकेंट मैटर्स हैं वो बातें फाइनेंशियल स्टेटमेंट में इंक्लूड होनी चाहिए दिखी होनी चाहिए जैसे एक एग्जांपल के लिए बता दे रहा हूं मैं आपको हालांकि जो आप बड़े होंगे तो समझ ही जाएंगे पढ़ेंगे तो एग्जांपल के लिए की अगर आपने कोई एक्सपें किया है ठीक है जो 1 लाख का एक्सपेंस अगर आप अर्बन की बिजनेस करते द अलग बात है लेकिन 10 लाख का करते हैं तो उसमें 1 लाख का एक्सप्रेस कितना हो गया 10% हो गया कितना हो गया 10 लाख अगर आपका टोटल एक्सपेंसेस उसमें से एक लाख एक्सप्रेशन तो ये तो 10% हो गया ना तो इसको अलग से दिखाया जाना चाहिए ताकि यूजर्स यूं देखे हैं अरे एक एक्सपेंसेस इतना बड़ा तो वो थोड़ा समझे अपने हिसाब से इसको एनालाइज करें तो यानी की इसी को कहते हैं फुल डिस्क्लोजर की जहां पर भी आपने कोई भी ससुम्पटीशन उसे किया कुछ भी चीज उसे की उसको भी डिस्कस करना है और कोई ऐसी चीज है जो बहुत ज्यादा सिग्निफिकेंट है तो वो भी इस तरीके से होनी चाहिए की वो डिस्क्लोज हो हिडन नहीं करना है उसको कहीं कौन सी में लिख दिया की भाई कोई ऊपर से पढ़ने वाला यूजर होगा ऊपर से पढ़-पढ़ के आगे भाग जाएगा नहीं उसको आपको दिखाना है इस तरीके से बनानी है आपको कौन सी चीज फाइनेंशियल स्टेटमेंट ठीक है तो वो फुल डिस्क्लोजर के अंदर का दादा नाम से समझ में ए रहा है सारी बातें आपको डिस्क्लोज करनी है जो भी सिग्निफिकेंट मैटर्स हैं ताकि यूजर्स उसको देख पाए ठीक है ओके और ये भी ताकि वह ट्रू एंड फेर व्यू से दिखे क्या फाइनेंशियल स्टेटमेंट मटेरियल टिप प्रिंसिपल भैया इसको तो करो सवाल आता है तो यहां से बहुत बार ए जाता है ठीक है नौ इसका मतलब क्या है नाम से समझ में ए रहा मटेरियल जो भी चीज मटेरियल है भैया जी वो बात रिवील करो दिस प्रिंसिपल रेफर्स तू डी प्रिंसिपल रेफर्स तू डी रिलेटिव इंपॉर्टेंट अकॉर्डिंग तू डी अमेरिकन इंस्टिट्यूट अकाउंटिंग एसोसिएशन कोई भी ऐसी बात जो की आपके मॉनिटर टर्म्स के अंदर है वो चीज इन्फ्लुएंस समझ सकती है किसको इन्वेस्टर्स को या फिर क्रेडिटर्स को या फिर लैंडर्स को यानी की यूजर्स ऑफ फाइनेंशियल इनफॉरमेशन को वो बार डिस्क्लोज होनी चाहिए ठीक है जैसे लेट्स सपोस एक एग्जांपल है की आप फायर लग गया तो ये बात पता होनी चाहिए बुक्स में कहीं ना कहीं दिखाएं तो यह भी बात पता होनी चाहिए इनफेक्ट मैं एक बार बैंक ऑडिट में गया था तो वहां पर वह का रहे हैं ये तो बहुत छोटा अमाउंट है बात छोटे बड़े अमाउंट के लिए बात ये है की बैंक में चोरी हुई है यह बड़ी बात है बैंक में सिक्योरिटी होती है बैंक है थोड़ी सी छोटी हो गया लेकिन ये बात इंपॉर्टेंट है चोरी हो रही है दादा तो मटेरियल टी कॉन्सेप्ट है इसके अंतर्गत आना चाहिए क्योंकि हो सकता है समझे की भाई चोरी कैसे हो गई यार इतनी सिक्योरिटी के बाद भी ठीक है ऑफ कोर्स रेलीवेंट इनफॉरमेशन है ये बताना चाहिए तो मटेरियल टी कॉन्सेप्ट के अंदर का आता है की कोई भी ऐसी रेलीवेंट इनफॉरमेशन जो की इंपॉर्टेंट है संदर्भ samjhiega जो की इंपॉर्टेंट है जो की इन्फ्लुएंस कर सकती है किसके डिसीजन को इन्वेस्टर के डिसीजन को या यूजर्स ऑफ अकाउंटिंग इनफॉरमेशन को तो वो बात वहां होनी चाहिए वो वहां पर देखनी चाहिए ठीक है ये मैटेरियल्स का कंस इसमें एक खास बात बताता हूं जब हम कभी इंटरव्यू लेते हैं ना तो मैं ये दोनों डाल जरूर पूछता हूं हालांकि अब तो मैं वीडियो में भी बोलने लग गया हूं बोलना नहीं चाहिए और मेरा राज निकल जाएंगे की भैया क्या होता है बोलो कुछ कुछ बताते हैं फिर कंजरवेटिज्म क्या होता है वो कुछ-कुछ बताते हैं मैंने भाई ये दोनों से होते हैं और जो लोग लाइव में ए रहे हैं उनको तो पता ही पोपट होता है तो ऐसे ही होता है ध्यान रखिएगा अगर फूड्स का रहा है कंजरवेटिव का रहा है ये से बात है है ना इसका मीनिंग से है तो आपको से ही लिखना है दोनों अलग-अलग चीज नहीं है तो देयर इसे अन फ्रेश ये होता क्या है तो ये लाइन जो आपने सुनी हुई होगी डू नॉट एंटीसिपेट अन प्रॉफिट बट प्रोवाइड फुल पॉसिबल लॉसेस इट मिंस डेट एंटीसिपेटेड एक्सपेंस एंड लॉसेस शुड बी अकाउंटेड शुड बी अकाउंट एंड एंटीसिपेटेड प्रॉफिट शुड बी रिकॉर्ड व्हेन इट इसे रिलाइज यानी की अगर आपको लगता है शब्द suniyega लगता है की खर्चा होने वाला है तो उसका प्रोविजन बना लीजिए भले ही अगर आपको लग रहा है इनकम भी मिलने वाली है उसका मतलब ये जब तक वो मिल ही ना जाए लेकिन अगर आपको लग रहा है की लॉस होने वाला है तो वो जरूर दिखाइए जो की इसमें एग्जांपल आएगा जब ज्यादा एंट्री चैप्टर में जाएंगे तब भी समझ में आएगा एक होता है बेड डेप्थ अगर आपको लग रहा है की जो हमारा डाटा है बर्प कौन था जब हम किसी को उधर पर समान बेचते हैं तो जब हमने उसको समान उधर पर बेचा तो वो कभी ना कभी हमें पैसे लौट आएगा तुम हमारे लिए डाटा बन जाते हैं ठीक है तो अब वो डाटा है तो कभी ना कभी समान लौट आएगा भाई नियत फिसल गई या का लो हालत में नहीं रहा कुछ भी हो गया तो इस वजह से फिर क्या होगा वो हमें पैसे नहीं दे पाएगा तो फिर वर्ड आता है अब हमें अगर समझ में ए गया की भाई मैंने ₹10000 का उधर दिया था ठीक है और ₹1000 मेरे गए तो आपको यहां पे बुक में माइंस करना 1000 रुपए यानी की आपको बुक में ₹9000 रखना है deterra की फाइनल वैल्यू को ठीक अंतर्गत हम एक्सपेंसेस को रिकॉर्ड करते हैं जैसे ही हमें पता चल जाता है लेकिन हम रेवेन्यू को तब रिकॉर्ड करते हैं जब वो रिलीज हो जाते हैं ठीक है सिंपल सा वर्ड है ये वर्ड बहुत बड़ा आता है डू नॉट एंटीसिपेट अन प्रॉफिट बट प्रोवाइड फॉर ऑल पॉसिबल लॉसेस व्हाट डू यू मिन बाय दिस तो दिस इसे कॉम अंडर conservitas और प्रूडेंस कॉन्सेप्ट और इसके अंतर्गत हम लॉसेस को बुक कर लेते हैं प्रॉफिट को बुक कर लेते हैं लेकिन रेवेन्यू को हम तभी लेते हैं जब वो हमें रिलाइज्ड हो जाती है तो ये भी एक कॉन्सेप्ट है हमने कहा ओके भैया जी आगे कॉस्ट कॉन्सेप्ट और हिस्टोरिकल कॉन्सेप्ट प्रिंसिपल ये तो हम सबको पता ही है इन दिस कॉन्सेप्ट फिर भी एंड एसेट इस रिकॉर्ड इन डी बुक्स ऑफ अकाउंट आते डी प्राइस पेड़ तू एक्वायर इट एंड डी कॉस्ट इसे डी बेसिक फॉर ऑल सब्जेक्ट एंड अकाउंटिंग ऑफ डी एसेट डी एसेट इस रिकॉर्ड आते कॉस्ट आते डी टाइम ऑफ इट्स परचेज इस सिस्टमैटिकली रिड्यूस्ड बाय चार्जिंग डिप्रेशन इसका मतलब यह है की जब भी हम किसी एसेट की कंस लेते हैं तो हम परचेज प्राइस पे लेते हैं या परचेज प्राइस नाभि बोले परचेज प्राइस में फिर वो शॉर्ट टर्म हो जाता है क्योंकि परचेज प्राइस नहीं पुट तू उसे तक की वैल्यू आती है उसमें यानी की लेट सपोज मैंने इसी खरीद लिया पर एक खरीदने के बाद मैंने भाई एक को फिट करने वाले को भी पैसे अलग से दिए फिर एक दुकान से मेरे घर तक आया उसके भी पैसे अलग से लगे फ्रेट ठीक है या किराए या फिर मैंने कोई और भी खर्चा कर दिया उसके इंस्टॉलेशन इंस्टॉलेशन में तो वो सारे खर्चे जुड़कर आते हैं ठीक है तो परचेज प्राइस ना लिख के एक्वायरिंग प्राइस लिख लेते हैं ठीक है 25 पैसे की परचेज बट उसमें पूरा कॉस्ट इंक्लूड होता है ठीक है अब मैंने जब एसिड को किया तो एग्जांपल के लिए मैं यहां बोल रहा हूं परचेज प्राइस ओके तो ध्यान रखिएगा ये छोटा कॉन्सेप्ट है परचेज प्राइस नहीं इसमें आदर एक्सपेंस भी आते हैं जब तक की पुट तू उसे ना हो लो ब्रैकेट में ये भी लिख रहा हूं पुट तू उसे पुट तू उसे जब तक आप उसको उसे करने के लिए तैयार बिल्कुल नहीं बना देते तब तक के जो भी खर्चे वो इसी में आते हैं ठीक है अब मैंने ये कर तो दिया ठीक है अब मैंने लगा दिया आई थी 6 महीने बाद सिक्स मंथ था आफ्टर सिक्स मंथ मैंने जो चीज खरीदी थी वह मैन लीजिए उतनी अब वैल्यू की नहीं रही इतनी वैल्यू की नहीं रही उतनी वैल्यू की नहीं रही यानी न्यू वैल्यू हो गई पर क्या मैं अपनी बुक्स में न्यू वैल्यू लिखता हूं नहीं मैं अपने बुक्स में इसी को बेस लेकर चलता हूं यही है मेरा बेस हान एक कॉन्सेप्ट होता है किसी भी वजह से कुछ चीज होती है जिसकी वजह से एसिड की वैल्यू रिड्यूस हो जाती है तो आप टाइम तू टाइम इस बेस में से माइंस करते रहते हैं डिप्रेशन सिस्टमैटिकली यानी इसके अपने रूल्स रेगुलेशंस होते हैं जो की डिप्रेशन में हम पढ़ेंगे की कैसे डिप्रेशन लगता है ठीक है तो यह हमारे पास क्या कहलाता है यह हमारा कॉन्सेप्ट क्या होता है कॉस्ट कॉन्सेप्ट क्या हिस्टोरिकल कॉस्ट प्रिंसिपल इसके अंतर्गत हम जिस प्राइस पे खरीद रहे हैं और जो जो एक्स्ट्रा कॉस्ट तू उसे किया है हम उसी प्राइस पे अपनी अकाउंटिंग को करते रहते हैं वो हम जरूर माइंस करते हैं जैसे डिप्रेशन हम उसमें से माइंस कर देते हैं पर लेट्स सपोज एग्जांपल के लिए मैन लीजिए ये ₹1 लाख की थी इसमें डिप्रेशन लग गया ₹10000 का तो कितना बचा 90000 बचा दिख रहा है ये नहीं दिखाते हैं आगे बढ़ते हैं मैचिंग कॉन्सेप्ट और मैचिंग प्रिंसिपल इसको भी भैया जी स्टार लगाइए ये भी कई बार आता है भैया जी यह क्या है हालांकि कई बार आता है का मतलब यह मत करना की जहां पे मैंने लिखा कई बार पढ़ रहा है पढ़ना सारा है भैया जी सिर्फ हम एक्सपीरियंस से बता सकते हैं आदर वाइस ये नहीं आए कुछ और ए गया तो फिर आप बस आजकल के बच्चे वैसे भी दूसरे पर गलती डालने के लिए तैयार बैठे रहते हैं अपनी गलती से दिखती नहीं है भैया इनने चार्ट कर दे इसमें तो नहीं आया ये बेकार है ठीक है ऐसा नहीं है पढ़ना आपको सारा इंपॉर्टेंट यानी जो ज्यादा चांसेस होते हैं जिनके आने के हम उसकी बात करते हैं ठीक है नौ देखिए एन इंपॉर्टेंट ऑब्जेक्टिव ये भैया जी बहुत इंपॉर्टेंट है एंड इंपॉर्टेंट ऑब्जेक्टिव ऑफ बिजनेस इंस्टिट्यूट डिटरमिन प्रॉफिट प्रिडिकली हम हमेशा चाहते हैं की प्रॉफिट पीरियड पता चलता रहे है ना अभी हमने निकाला था ना अकाउंटिंग पीरियड वाला कॉन्सेप्ट वो लाया ही इसीलिए गया था ताकि ओनर जो भी हमारी यूजर्स है उनको टाइम तू टाइम पता भी चलता रहे हमारी इनफॉरमेशन के बारे में जो भी फाइनेंशियल स्टेटमेंट से रिलेटेड है सो इट इसे इंपॉर्टेंट तू मैच रेवेन्यू ऑफ डी पीरियड विथ दी एक्सपेंस ऑफ डेट पीरियड तू डिटरमिन ट्रू प्रॉफिट और लॉस फॉर डी अकाउंटिंग पीरियड इट इस नॉट रेलीवेंट इट इसे नॉट रेलीवेंट व्हेन दी पेमेंट वाज मेड और रिसीवड डी कॉन्सेप्ट शुड बी फॉलोज विले प्रिपेयरिंग विले प्रिपेयरिंग फाइनेंशियल स्टेटमेंट तू हैव अन ट्रू एंड फेर व्यू देखो ये बार-बार सुनोगे आप ऑफ डी प्रॉफिट एबिलिटी एंड फाइनेंशियल पोजीशन ऑफ अन बिजनेस फॉर्म इसका मतलब क्या है भैया जी इसमें वो ये का रहे हैं की अगर आपने 2021 में कोई सेल किया तो इससे रिलेटेड जो भी परचेज किया वो इसी ईयर का होना चाहिए ये आपस में मैच होने चाहिए तो जो भी आप रेवेन्यू ऑन कर रहे हैं भले ही आपने पेमेंट दिया या नहीं दिया ये मटेरियल है मतलब ये नहीं की पेमेंट चाहिए ही नहीं चाहिए पर जब आप ट्रांजैक्शंस रिकॉर्ड करेंगे तो आपको रिकॉर्ड करना है जब वो ओकर हो गए ठीक है और क्रिमिनल कॉन्सेप्ट में भी हमने पढ़ा हुआ है और वो से पीरियड के होने चाहिए जब भी ट्रांजैक्शन हो रहा है रिकॉर्ड कीजिए पैसा लेना देना मटेरियल मतलब की ऐसा नहीं की बिल्कुल नहीं लेना है लेना है लेकिन आपको ट्रांजिशन रिकॉर्ड करते समय उसे बात को इग्नोर करना है पैसे बाद में भी मिल जाएंगे ट्रांजेक्शन हुआ है तो उसको रिकॉर्ड कीजिए फिर अकाउंटिंग पीरियड का कॉन्सेप्ट ए गया की जिस साल के हैं उसी साल के रेवेन्यू भी होनी चाहिए उसी साल के एक्सपेंस भी होनी चाहिए ऐसा ना हो की एक्सपेंस कभी और का है और रेवेन्यू का भी और का है तो ईयर मैच होने चाहिए आंखों के भैया कैसी बात कर रहे हो ऐसा कैसे हो सकता है क्या पागल समझ रखा है आपने ऐसा नहीं है पर वो बना सकते हैं आपको पागल है ना ऐसा हो सकता है इसीलिए भैया कॉन्सेप्ट ही रख दिया ठीक है ताकि कोई ऐसा करेगी भैया लिखा है जैसे होता है ना आपसे कोई पूछ ले की भाई जैसे लेट्स सपोस आपने का दिया की ये चीज हुई है हान अच्छा ठप्पा कहां लगे कहां लिखा है जरा बताना कौन सी किताब में लिखा है फिर आप उसको दिखाते हैं ये देखिए किताब में लिखा हुआ था अरे यार लिखा हुआ है अच्छा ठीक है तो यह यहां पर मैचिंग कॉन्सेप्ट है की रेवेन्यू और एक्सपेंस से पीरियड के होने चाहिए तब आप एंट्री रिकॉर्ड करोगे नहीं ट्रांजैक्शन अगर हो चुका है तो वो एक दूसरे से मैच होनी चाहिए यहां पर accurable और अकाउंटिंग पीरियड वाले कॉन्सेप्ट्स को मिला करिए बनाया गया है प्रॉफिटेबिलिटी का भी और फाइनेंशियल पोजीशन का भी ठीक है बेसिक पॉइंट तो वही है ट्रू एंड फेर व्यू मिले किसका फाइनेंशियल स्टेटमेंट का जिसमें सबसे ट्रेडिंग प्रॉफिट एंड लॉस जहां से प्रॉफिटेबिलिटी निकलती हैं फाइनेंशियल पोजीशन यानी की बैलेंस शीट ठीक है ओके ड्यूल एस्पेक्ट और ड्यूलित प्रिंसिपल एंड अपोजिट रिएक्शन हमारे पास है एवरी डेबिट है एन इक्वल एंड अपोजिट क्रेडिट अकॉर्डिंग तू डू एस्पेक्ट कॉन्सेप्ट एवरी ट्रांजैक्शंस एंड तू बाय एन एंटरप्राइज हज तू एस्पेक्ट्स अन डेबिट एंड अन क्रेडिट इक्वल अमाउंट ठीक है सिंपली स्टेटेड फॉर एवरी डेबिट देयर इस अन क्रेडिट ऑफ इक्वल अमाउंट वैन और मोर अकाउंट यानी की असेट्स = कैपिटल + लायबिलिटी अब यहां पे कुछ बातें ध्यान देनी है इक्वल अमाउंट का मतलब ये नहीं होता है की अगर कोई चीज डेबिट में प्लस हुई है तो वो क्रेडिट में भी प्लस होगी नहीं कई बार ऐसा हो सकता है की यह डेविड में भी प्लस हो रही है क्रेडिट में भी प्लस हो रही है ठीक है या फिर यह डेबिट में माइंस हो के डेबिट में ही प्लस हो रही है या फिर ये लायबिलिटी में माइंस हो गया लायबिलिटी में प्लस हो रही है या इसका अपोजिट इसका मतलब क्या हुआ उसको समझता हूं एक नॉर्मल सी बात है अभी तो आपने जर्नल एंट्री नहीं पढ़ा तो थोड़ा सा डिफिकल्ट हो सकता है पर प्लीज समझने की कोशिश कीजिएगा देखिए क्या है हर्जन ने पढ़ रखा है उनको तो समझ में ए ही जाएगा अब मैंने क्या किया फर्नीचर परचेज किया क्या किया फर्नीचर परचेज किया है मैंने उधर पर लिया होगा ठीक है अब मेरा पद गया यानी की मेरा क्रेडिट प्लस हो गया वेरी सिंपल 10000 ठीक है अब यहां क्या हुआ अब यहां पर फर्नीचर परचेसिंग कैश में फर्नीचर तो मेरे पास आया यह मेरा एसेट है प्लस होगा लेकिन कैश कैश मेरे पास से गया जब मैंने फर्नीचर परचेज किया फर्नीचर मेरे पास ए गया कैश मेरी जेब से चला गया तो कैश मेरे पास से गया यानी की कैश मेरा क्रेडिट तो जाएगा ये डेबिट पर है पर माइंस होगा ठीक है और ये एसेट है यानी की माइंस हो रहा तो यहां पर कई बार क्या होगा की एक ही चीज प्लस होगी एक ही चीज माइंस होगी आपके एसेट में ठीक है तो जरूरी ऐसा नहीं है की अगर एसिड बढ़ा है तो लायबिलिटी भी बढ़ेगी एसिड घटाएं तो लायबिलिटी भी घटेगा नहीं ऐसा भी हो सकता है की ऐसे ही बड़े और दूसरा एसिड घाट जाए बात ये है की डेबिट और क्रेडिट आपके बराबर होंगे ठीक है बस यही ड्यूल हॉस्पिटल में कहा गया है ठीक है अन डेबिट एंड क्रेडिट ऑफ इक्वल अमाउंट सिंपल सा पॉइंट ये है की ड्यूल एस्पेक्ट्स है यहां पर डेबिट और क्रेडिट के ठीक है कोई दिक्कत नहीं है ना मेरे पास इक्वल अपोजिट रिएक्शन का कॉन्सेप्ट तुम्हारे पास क्या है मेरे पास भाई मेरे पास है ठीक है फिर आगे बढ़ गए ठीक है चले फिर आगे बढ़ते हैं रेवेन्यू रिकॉग्निशन कॉन्सेप्ट यह क्या कहता है इन दिस कॉन्सेप्ट रिवन यू हज बिन रिलाइज्ड व्हेन ए ट्रांजैक्शन तू रिसीव डी अमाउंट इसे टैबलेट इट इस तू बी नॉटेड डेट रिकॉग्नाइज रेवेन्यू एंड रिसिप्ट ऑफ एन अमाउंट आर तू सेपरेट एस्पेक्ट्स यानी की अगर आपके पास रेवेन्यू आपको कब रिकॉर्ड करना है जब हज बिन रिलाइज्ड या फिर व्हेन अन ट्रांजैक्शन हज बिन टेकन प्लेस इन तू एंड ऑब्लिगेशन तू रिसीव यानी की अगर आपके पास ऑब्लिगेशन ए गया हक ए गया है की भाई आपको पैसे मिलेंगे कॉन्ट्रैक्ट इंटर हो गया है तो फिर आपको रेवेन्यू रिकॉग्नाइज्ड कर लेना है हालांकि एक्रूअल कॉन्सेप्ट के हिसाब से आपको सीधी सी बात है अगर आपने गुड्स गुड्स सोल्ड इन क्रेडिट ठीक ठीक है वैसे आप धीरे-धीरे अगर आप जानते होंगे तो आपको पता ही होगा अगर परचेज करते तो मैंने समान खरीदा तो सामने वाले को पैसे चुकाना है ठीक है तो लिखते तो क्रेडिट है पर वो हमारे लिए क्रिएटर होता है पर जब समान बेचता हूं मैंने समान बेचा सामने वाले से पैसे मुझे चाहिए तो उसने उधर पर लिया है इसलिए हर क्रेडिट कार्ड न्यूज़ है पर उसको मैं बोलता हूं क्या बोलता हूं ठीक है तो मेरा सेल्स बड़ा मेरा डाटा बड़ा पर क्या मेरे पास पैसे ए गए क्या मेरे पास पैसे ए गए नहीं मगर मेरे पास एक एप्लीकेशन है मतलब अब इस पर्सन के ऊपर साइन लाइन हो जाता है तो यानी यह पे तो करेगा पे तो करेगा आप कल करेगा की नहीं वो एक अलग बात है भैया बोल दिया और ना करें तो ना कहे तो अभी तो हमने बेड पे क्या कॉन्सेप्ट था ना वो इनके ऊपर तो पढ़ा था डेटर जी के ऊपर मगर एक ऑब्लिगेशन तो है इनके ऊपर यानी मेरे पास एक क्या ए गया हजबंद टेकन एंड दी ऑब्लिगेशन तू रिसीव डी अमाउंट इस इस्टैबलिश्ड ऑब्लिगेशन तो की मेरे पास पैसा आएगा ये पसंद तैयार है पैसे देने के लिए ये तो एस्टेब्लिश हो गया ना तो आप रेवेन्यू रिकॉग्नाइज्ड कर सकते हैं रिकॉग्नाइज्ड करने का मतलब है की सेल की एंट्री करेंगे ठीक है ओके आगे बढ़ते हैं फिर वेरीफाई ऑब्जेक्टिव कॉन्सेप्ट ये हमारा आखिरी है ज़ाहिर सी बात है हम इतना सारा ट्रांजेक्शन कर रहे हैं लेकिन ट्रांजेक्शन सही है गलत है कैसे पता तो साथ में उसके रखिए सो उसे डॉक्यूमेंट या फिर वाउचर ठीक है तो दिस कॉन्सेप्ट होल्ड्स डेट अकाउंटिंग शुड बी फ्री फ्रॉम पर्सनल बायर्स मेजरमेंट शुड बी सपोर्टेड बाय verifyable एविडेंस और वाउचर यानी की आपके अकाउंटिंग पर्सनल बिजनेस से चीटिंग से फ्रॉड से दूर होनी चाहिए ठीक है अब अगर वो दूर होनी चाहिए तो कैसे पता दूर होगी क्योंकि आपने जो भी ट्रांजैक्शन किया है उसका डॉक्यूमेंट की सपोर्टिव डॉक्यूमेंट ठीक है जिसे वाउचर बोलते हैं सोच डॉक्यूमेंट सो फॉर एग्जांपल इन केस ऑफ परचेज इन कैश देयर शुड बी कैश मेमो है ना कैश मेमो होगा इनके सॉफ्ट क्रेडिट परचेज देयर शुड बी इनवॉइस एंड डिलीवरी चलन ये सारे आपके पास होने चाहिए अगर आपके पास है तो कोई चेक करने आएगा अच्छा ठीक है 10 लाख लिखा है यहां भी 10 लाख के हान ठीक है टैक्स कुछ लगा हुआ अच्छा यहां भी लगा हुआ है ठीक है तो आपके पास थ्रू होना चाहिए वो जो ठप्पा होता है ना ठप्पा यानी बिल होना चाहिए और आपने देखा ही होगा जब भी आप एंट्री करते हालांकि नॉर्मल लोगन तो नहीं देखा होगा क्योंकि हमारा जो छोटे मोटे दुकानदार से होते हैं वो ये सब चीज नहीं करते कागज फाड़ के लिख देंगे लेकिन जो थोड़ी जो ऑथेंटिक होते हैं यहां लिखा होता ना उधर मांग कर हमें शर्मिंदा ना करें या फिर लिखा जाता है फिक्स्ड प्राइस रखते हैं एक बेल रखेंगे उसके नीचे कार्बन रखेंगे फिर ऊपर लिखेंगे जब भी कुछ हो तो ये बिल दिखा देना ठीक है तो यानी की वेरी फेबल भी होना चाहिए तो ये भी कॉन्सेप्ट है तो टोटल हमारे पास 14 कॉन्सेप्ट है 11 ये है और तीन हमारे पास फंडामेंटल अकाउंटिंग असुंप्शन है उनको याद का जो इंपॉर्टेंट है वो भी मैंने आपको बता ही दिया बाकी आपको ये नाम से भी समझ में ए रहा है तो अगर नॉर्मल इंग्लिश भी आपकी अच्छी है तो आप उसको लिख लेंगे प्लीज मैं हमेशा ही कहता हूं की आपको नॉर्मल इंग्लिश को तो समझना है ताकि आप क्योंकि कई बार पता है की हम सबके मैन में तो होता है हम कमियों से हमारे मैन में तो ए जाता है हान यार ये लिखना है पर लिखना कैसे है या उसकी इंग्लिश हम ऐसे लिखते हैं की लिखना ये है और लिख के मतलब ये निकल गया तो वहां गड़बड़ हो जाती तो प्लीज थोड़ा सा इंग्लिश में भी वर्क जरूर कीजिए यह बार-बार भी बोलता रहता हूं ताकि लोग इस बात को समझे ना बेसिस ऑफ अकाउंटिंग अभी हमने एक्रूअल कॉन्सेप्ट पढ़ा तो हमें ये लगा की भाई एक्रूअल कॉन्सेप्ट है यानी की जब भी उधर का भी ट्रांजैक्शन हो रहा है ट्रांजेक्शन हो रहा है तो रिकॉर्ड कीजिए है ना पर ऐसा नहीं है अब हमारी दुनिया है बहुत बड़ी दुनिया है कुछ लोगों के पास अकाउंटेंट रखने का टाइम है पैसा है सब कुछ है लेकिन कुछ लोगों के पास नहीं है तो क्या वो अकाउंटिंग ना करें तो इसीलिए हमारे यहां तू टाइप्स ऑफ अकाउंटिंग चलती है ठीक है तो बेस ऑफ अकाउंटिंग में सबसे पहला है कैश अकाउंट नाम से समझ में ए रहा होगा यहां पर जब कैश आएगा तो एंट्री होगी कैश जाएगा तो एंट्री होगी नहीं ए रहा तो भाड़ में जाओ ऐसा है दूसरा है हमारे पास एक्रूअल कॉन्सेप्ट ठीक है तो एक्रूअल बेस ऑफ अकाउंटिंग है ठीक है अब भैया अगर आप ऐसा का रहे हो और प्रिंसिपल्स में वो accurable कॉन्सेप्ट भी बता रखा है आपने तो फिर तो ये वायलेट हो गया नहीं हमने ये बोला है जनरल एक्सेप्टेड अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स के हिसाब से ये आपको करना चाहिए पर अब किसी का पैसे ही नहीं है भाई तो वो कैसे पर मंथ किसी को ₹5000 दे ₹3000 दे है ना तो वो नहीं कर सकता तो ये अभी भी चल रहा है लेकिन वो फिर विदेश भी नहीं जाएगा क्योंकि विदेशी क्लाइंट आएंगे वो तो कहेंगे भैया पुरी अच्छे से करो तो समझ रहे हो इसका मतलब की ये अंदर की बात हो गई है हालांकि बहुत ही कम जगह रहेगा छोटी-मोटी जो जिनका मतलब स्केल बहुत बड़ा नहीं होता वही इसको फॉलो करते हैं आदर वाइस सब लोग एक्चुअल कॉन्सेप्ट ही फॉलो करते हैं फॉलो करते हैं ठीक है चलिए अब एक-एक करके इनको देख लेते हैं तो कैश बेसिस ऑफ अकाउंटिंग का मतलब क्या हुआ वैन कैश रिसीवड तो एंट्री करो भैया सेकंड वैन कैश पेड तो एंट्री करो भैया परचेज इन क्रेडिट तो ऐसे कैसे यहां पर एंट्री डबल एंट्री नहीं हो पाएगी ठीक है ऑलमोस्ट ऑल ट्रांजैक्शंस आर रिकॉर्ड ऑन कैश बेसिस जो कैश पर ही कम करते हैं दिहाड़ी वाले कम जो है नो एडजेस्टमेंट फॉर आउटस्टैंडिंग और प्रीपेड एक्सपेंसेस रिक्वायर्ड सिमिलरली नो एडजेस्टमेंट फॉर एक्रूड इनकम एंड इनकम रिसीवड इन एडवांस इस मेड डी मेथड इसे नॉट अफेक्टेड बाय पर्सनल बॉयसनेस ऑफ डी अकाउंटेंट और मैनेजमेंट ये पर्सनल बैच में होगा ही नहीं क्योंकि भैया क्या पैसा आया तो जेब में है गया तो भैया हमारी जेब से चला गया तो यहां पर कुछ डुप्लीकेट या कोई फर्जी एंट्री का डालने का मौका नहीं रहता है ठीक है मतलब कम रहता है रहने के लिए कोई कुछ भी फर्जी दल ही सकता है है ना ठीक है आगे बढ़ते हैं इसके डिसएडवांटेजेस क्या है कैश बेसिस ऑफ अकाउंटिंग इस नॉट बेस्ड ऑन प्रिंसिपल ऑफ मैचिंग कॉन्सेप्ट सो ऑल इनकम एंड एक्सपेंसेस आर शोन में नॉट रिलेट तू डी से अकाउंटिंग पीरियड है ना हो सकता है की भैया जी परचेज तो हमसे कभी ले गया था फर्नीचर लेट्स सपोस कोई 28 मार्च को हम से लेकर गया 31 मार्च तक खत्म हो रहा था तो 28 मार्च में एंट्री होनी थी फर्नीचर लेकर क्या लेकिन वो पे कर रहा है हमें मैन लो 6 अप्रैल को तो मैं तो 6 अप्रैल को एंट्री डालूंगा तो ट्रांजेक्शन कभी और हुआ एंट्री कभी और हुई तो मैचिंग प्रिंसिपल फॉलो नहीं हो रहा है फिर नो डिस्टिंक्शंस इस मेड बिटवीन कैपिटल एंड रेवेन्यू आइटम सो डी प्रॉफिट और लॉस आर नॉट कंपेयर्ड ओवर पीरियड ऑफ टाइम अब यहां पर कोई फर्क ही नहीं पड़ता कैपिटल नीचे का ट्रांजैक्शन है या फिर रेवेन्यू नेचर का ट्रांजैक्शन है आप फर्नीचर परचेज कर रहे हो लेकिन क्रेडिट पे कर रहे हो तो एंट्री नहीं हो रही है फर्नीचर परचेज करके कैश दे रहे हो एंट्री तो कैश बेसिस पर हो रही है तो आप रेवेन्यू और जो हमारा कैपिटल नेचर के एक्सपेंडिचर होता है इसमें उतना समझ में नहीं आता है रेवेन्यू कैपिटल नेचर का पढ़ चुके हैं प्रीवियस वीडियो में है ना वैन शॉट जो आया था सिस्टम इस नॉट साइंटिफिक भैया साइंटिफिक तो वैसे भी नहीं हो सकता सो प्रॉफिट एंड लॉस एक्जीबिट्स कैन बी इजीली मैनिपुलेटेड एस पेमेंट ऑफ एक्सपेंसेस और इनकम में बी डिफर्ड तू शो रोंग पिक्चर ऑफ दी एंटी मैंने बताया था ना उसमें लास्ट पॉइंट तो उन्होंने बोला था की पर्सनल biseless नहीं है लेकिन झूठ तो यहां भी बोला जा सकता है ठीक है यहां पे भी ट्रांजैक्शंस कभी और करेंगे पेमेंट कभी और होगी झूठा दिखाया जा सकता है फिर दिस सिस्टम इंडियन कंपनी एक्ट के अंतर्गत तो ये है ही नहीं है ठीक है इंडियन कंपनी एक्ट 2013 चलता विच इस सब्जेक्ट तो ऑडरर्ड की द इंडिपेंडेंट ऑडिटर हो मस्ट बे प्रैक्टिसिंग चार्टर्ड अकाउंटेंट्स जाहिर सी बात भाई जो अकाउंटेंट नॉर्मली ये थोड़ा बहुत तो खुद ही कर लेते हैं या कोई छोटा मोटा बच्चा हो तो जो ऑफिस का भी कम करता है और ये भी कर लेता है आदर वाइस यहां पे हो ही नहीं पाएगा क्योंकि भाई यहां पर एक प्रॉपर एक एंड अकाउंटिंग सिस्टम वाले नॉलेज पर्सन को वह नहीं रख का रहे तो वहां छठ अकाउंट्स ऑडिट कैसे करवाएंगे ठीक है तो ये तो यहां पर हो नहीं पता है डी सिस्टम ऑफ कैश बेसिस अकाउंटिंग देस नॉट देस नॉट रिवील ट्रू एंड फेर व्यू ऑफ प्रॉफिट एंड लॉस या फिर फाइनेंशियल पोजीशन ऑफ एनटीटी जाहिर सी बात है ये ट्रू एंड फेर व्यू दे ही नहीं पाएगा क्योंकि आपका एंट्री कभी हुई है मतलब आपका ट्रांजैक्शन कभी हुआ है पेमेंट कभी हुई है पेमेंट के हिसाब से आप रिकॉर्डिंग कर रहे हो तो ट्रांजेक्शन किसी और ईयर का है पेमेंट किसी और ईयर का है तो पूरा भोजपुरी खिचड़ी बन जाएगी ठीक है तो ये इसके डिसएडवांटेजेस हैं फिर आती है यानी की क्रेडिट की एंट्री अभी आएगी यानी की आउटस्टैंडिंग की एंट्री भी आएगी आपने सामने वाले ने आपके लिए कम कर दिया आपने पेमेंट नहीं की है ऐसे ही एक्रूड इनकम यानी की आपने किसी के लिए कम कर दिया है उन्होंने अभी पैसे नहीं दिए हैं ठीक है तो इस टाइप की सारी एंट्रीज कवर होती है ऑल एंट्री सीधी सी बात ये है और एंट्रीज कवर्ड पर कब व्हेन ट्रांजैक्शन टेक प्लेस ट्रांजैक्शन भी कैसा होना चाहिए बिजनेस का होना चाहिए तो एडवांटेज इट इस बेस्ड ऑन डबल एंट्री सिस्टम ऑफ अकाउंटिंग विच इसे मोस्ट साइंटिफिक सिस्टम ऑफ अकाउंटिंग डियर फॉर दिस इसे सैम इस प्रेफर एंड फॉलोज इन डी वर्ल्ड बाय डी अकाउंटेंट्स इसीलिए इस सिस्टम को फॉलो भी किया जाता है और वर्ल्ड के सारे अकाउंटेंट्स को मानते भी हैं इट फॉलोज प्रिंसिपल ऑफ रिकॉग्निशन एंड प्रिंसिपल ऑफ मैचिंग कॉन्सेप्ट सो इट इस क्लोज करेक्ट एंड ट्रू प्रॉफिट ऑफ अकाउंटिंग पीरियड इट मेंस शोस ट्रू एंड फेर व्यू ऑफ फाइनेंशियल पोजीशन ऑफ अन एंटरप्राइज यानी जो उसके डिसएडवांटेज है वो यहां पर इसके एडवांटेज बन गए सिंपल सा पॉइंट है डी सिस्टम मेंटेन डिस्टिंक्शन बिटवीन कैपिटल एंड रेवेन्यू इसमें कैपिटल नेचर और रेवेन्यू नेचर अलग-अलग आता है है ना कैपिटल नेचर की चीज आपकी बैलेंस शीट में जाती है रेवेन्यू नेचर की आइटम आपकी ट्रेनिंग में आते हैं 10 सिस्टम शोस तू एंड फेर व्यू ऑफ प्रॉफिट एंड लॉस तो बैलेंस शीट का ही नहीं प्रॉफिट एंड लॉस भी इसका सही दिखता है डी सिस्टम ऑफ अकाउंटिंग मैक्स दी स्कॉर्पियो एंड इंटरफ़ॉर्म इंटरफ़ॉर्म कंपैरिजन पॉसिबल सो इट इसे मोस्टली अकाउंटेंट ऑल ओवर दी वर्ल्ड मोर एवर सिस्टम इस बेस्ड ऑन जनरली एक्सेप्टेड अकाउंटिंग प्रिंसिपल यह सिस्टम आपका गैप को भी फॉलो करता है इसीलिए मोस्ट ऑफ डी अकाउंटेंट्स इसी को फॉलो करते हैं सिंपल सी बात है कैश वैसे भी मजबूरी में ही किया जाता है आप अपने आसपास देखेंगे पर किसी भी कंपनी में ऐसा नहीं होता है है ना एक्रूअल कॉन्सेप्ट ही फॉलो किया जाता है अकाउंटेंट रखते हैं प्रॉपर सिस्टम है वहां पर नौ अब इसके डिसएडवांटेज क्या है सबसे पहला डिसएडवांटेज क्या होगा बताइए नोट एस सिंपल एस डी कैश बेसिस कैश आया क्या रिकॉर्ड कर दिया नहीं उधर की भी एंट्री करो और भी सारी एंट्रियां करते रहो तो यहां पर थोड़ा सा ये उससे ज्यादा सिंपल नहीं हो पता है थोड़ा सा परिसर चाहिए डी सिस्टम इस बेस्ड ऑन मैचिंग कॉन्सेप्ट एंड एक्रूअल बेसिस सो एडजेस्टमेंट फॉर आउटस्टैंडिंग एक्सपेंस प्रीपेड एक्सपेंस एक्रूड एंड इनकम आर तू बी मेड तो यहां पर वो होता है जिसमें सिस्टम कॉम्प्लिकेटेड पानी से स्टेटमेंट नहीं बना पाते टाइम लगता है सब चीजों का फिर डी सिस्टम रिक्वायर्स पर्सनल जजमेंट यहां पर फिर पर्सनल जजमेंट भी आता है प्रोविजन बनाना है तो भाई कितने परसेंटेज है जो आपको पैसे नहीं दे पाएंगे बताओ जरा तो ये अपना व्यू पॉइंट होता है अपने हिसाब से किया जाता है तो यहां पर भी प्रॉब्लम हो गई ठीक है नौ इन रिस्पेक्ट ऑफ वैल्यूएशन ऑफ स्टॉक डायरेक्शन ऑफ मेथड ऑफ चार्जिंग डिप्रेशन क्रिएशन ऑफ प्रोविजन फॉर डाउटफुल लाइफ जो मैंने आपको एक एग्जांपल भी दे दिया है 10 तू प्रॉफिट में भी assertant ड्यू तू पर्सनल नोट में बी नॉट बी assetted तू यू तू पर्सनल बॉयसनेस यानी की अगर कोई पर्सनल बैलेंस है कुछ अपने हिसाब से ये फाइनेंशियल स्टेटमेंट को दिखाना चाहता है तो अब ये पॉसिबल नहीं हो पता है पैसे भी नहीं होंगे तब भी ये पॉसिबल नहीं हो पता तो स्लो जो स्लो का रहा हूं मैं सॉरी सॉरी मतलब की जो हमारे मीडियम फॉर्म्स होती हैं जो बहुत छोटी फॉर्म्स होती है जिनका पैसा बहुत ज्यादा नहीं होता डेट-वे ट्रांजेक्शन कर रही हूं मीडियम फॉर्म भी नहीं बोलना चाहिए वैसे तो हम स्मॉल बिजनेस ऑर्गेनाइजेशंस बोल सकते हैं ना तो वहां पर ये थोड़ा सा कम नहीं कर पाते हैं क्योंकि आप पैसे भी ज्यादा लगते हैं ठीक है अब आता है हमारे पास अकाउंटिंग स्टैंडर्ड यानी की हमने अकाउंटिंग प्रिंसिपल समझ लिया हमने ये भी समझ लिया की कौन सी बस अकाउंटिंग होते हैं अब बारी है अकाउंटिंग स्टैंडर्ड और इसको समझने की तो चलो इनको भी समझते हैं खत्म करते हैं तो सबसे पहली बात तो अकाउंटिंग स्टैंडर्ड है क्या तो इसके बारे में आपको बता देता हूं स्टैंडर्ड का मतलब स्टैंडर्ड अपना कुछ स्टैंडर्ड मेंटेन करेंगे वास ऐसे करते हैं अपन अपना स्टैंडर्ड है भाई तो वैसे ही अकाउंटिंग के भी स्टैंडर्ड हैं स्टैंडर्ड कहने का मतलब है की आइटम्स को कैसे ट्रीट करना है ये बताया जाता है ये समझाया जाता है तो उसी को खोलते हैं हम अकाउंटिंग स्टैंडर्ड ठीक है अब ये कौन देता है ज़ाहिर सी बात है जानकर खुशी होगी जितने भी का करने के इच्छुक है की ये हमारी इंस्टिट्यूट से ही पहले जाता है उसके बाद लंबी प्रक्रिया है लेकिन पहले आईसीआईसीआई उसको इंट्रोड्यूस करता है उसमें ऊपर रिसर्च करता है और फिर बताता है तो डी इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया सेटअप डी अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड इन अप्रैल 1977 इन्होंने अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड सेट किया तो आईडेंटिफाई द एरियाज ऑफ अकाउंटिंग वेयर अल्टरनेटिव और डायवर्स प्रैक्टिस फॉर फॉलोज जहां पे भी अल्टरनेटिव या डायवोर्स प्रेक्टिस होती थी उन्होंने उसे पर रिसर्च किया एएसपी वाज देयर फॉर अस तू ड्रा अकाउंटिंग स्टैंडर्ड इन व्यू ऑफ लीगल प्रोविजंस ऑफ दी कंट्री अकाउंटिंग स्टैंडर्ड पोर्ट सबमिट द ड्राफ्ट काउंटिंग स्टैंडर्ड तू इंस्टिट्यूट ऑफ चार्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया अप तू फर्स्ट अप्रैल 2020 देयर आर 32 स्टैंडर्ड टोटल अभी तक इन्होंने कितने दे दिए हैं 32 स्टैंडर्ड हमको प्रोवाइड कर दिए हैं यानी की एसबी अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने सेटअप किया उनसे बोला की भाई जरा देखो क्या-क्या चल रहा है पूरे देश में और उसके हिसाब से स्टैंडर्ड बनाओ और अब तक 32 स्टैंडर्ड हमको मिल चुके हैं हालांकि अब ये फर्स्ट अप्रैल 2010 तक की बात की गई है उसके बाद भी कुछ इंट्रोड्यूस हो गए होंगे तो और भी बड़े होंगे ठीक है तो अभी फिलहाल तो यही इनफॉरमेशन हमारे पास है ठीक है तो आप समझ गए अकाउंटिंग स्टैंडर्ड का वालों के लिए यानी की अगर आप भी का करते हैं रिसचर्स बनते हैं तो यहां पर आप भी हो सकते हैं ठीक है चलिए आगे बढ़ते हैं फिर अकाउंटिंग स्टैंडर्ड का मीनिंग क्या है इसको समझ लीजिए बेसिक तो पॉइंट आप समझ ही गए होंगे अकाउंटिंग स्टैंडर्ड और रिटर्न स्टेटमेंट है ना उसमें लिखा हुआ रहता है ओरल ही नहीं है ऑफ यूनिफॉर्म अकाउंटिंग रूल्स एंड गाइडलाइंस यानी की रूल्स और गाइडलाइंस इश्यूड बाय अकाउंटिंग बॉडी ऑफ दी कंट्री इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया तू बी फॉलोज विले प्रिपेयरिंग एंड प्रेजेंटिंग दी फाइनेंशियल स्टेटमेंट यानी एकदम गैप की तरह है यूनिफॉर्म होने चाहिए चार्टर्ड अकाउंटेंट्स जो हमारे इंस्टिट्यूट है वो देता है और ये ऑल ओवर इंडिया ही अप्लाई किया जाता है कब जावा फाइनेंशियल स्टेटमेंट बना रहे होते हैं बस डीज अकाउंटिंग रूल्स एंड प्रोसीजर्स रिलेटेड तू यह मेजरमेंट से रिलेटेड है वैल्यूएशन से रिलेटेड है डिस्क्लोजर से रिलेटेड है ठीक है ऑफ अकाउंटिंग इनफॉरमेशन एंड आर इन फाइनेंशियल स्टेटमेंट एंड आर दी फाइनेंशियल स्टेटमेंट यानी की ये मेजरमेंट कैसे होगा उससे भी है वैल्यूएशन कैसे करनी है उससे भी ये क्या किया dislos करना उससे भी रिलेटेड है यानी की आपके अकाउंटिंग स्टैंडर्ड में सब कुछ है जो भी अकाउंटिंग से रिलेटेड है है ना और और भी चीज आती जाएंगी सब कुछ कहना तो ये नहीं है की अब तक सब कुछ ए जाएगा कुछ बदलेगा ही नहीं धीरे-धीरे भी चेंज होती हैं तो बेसिक पॉइंट यह है की अकाउंटिंग स्टैंडर्ड का मतलब है यूनिफॉर्म अकाउंटिंग रूल्स जो की आईसीआईसीआई देता है पुरी कंट्री को एनालाइज कर कर उसके हिसाब से बनाता है ताकि हम हमारे फाइनेंस स्टेटमेंट को अच्छे से प्रेजेंट कर सके ठीक है फाइनेंशियल स्टेटमेंट में दो बातें आती हैं प्रॉफिटेबिलिटी यानी की इनकम स्टेटमेंट और दूसरा पोजीशन स्टेट में यानी की बैलेंस शीट ठीक है नौ अस पर जी इन्होंने क्या कहा है अकाउंटिंग स्टैंडर्ड आर कोड ऑफ कंडक्ट इंपोज्ड ऑन अकाउंटेंट बाय कस्टम लॉ एंड प्रोफेशनल बॉडी जैसा आप स्कूल में जाते हैं तो कुछ कोड ऑफ कंडक्ट होते हैं ऑफिस में जाते हैं तो कुछ कोड ऑफ कंडक्ट होते हैं ऐसे ही अगर आप अकाउंटिंग की दुनिया में आएंगे अकाउंटिंग करना चाहते हैं तो अकाउंटिंग स्टैंडर्ड ही वो कोड ऑफ कंडक्ट है जो की आपको फॉलो करने जो किसी बॉडी से प्रोफेशनल बॉडी से या कुछ कस्टम या लॉक के हिसाब से बना कर दिए जाते हैं ठीक है तो उनको अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बेसिक पॉइंट यह कौन सी आइटम कैसे ट्रीट होगा क्या वैल्यू लेनी है ये उन सब में लिखा होता है ओके चलो अकाउंटिंग स्टैंडर्ड नेचर एंड ऑब्जेक्टिव सबसे पहले अकाउंटिंग स्टैंडर्ड आर गाइडलाइंस तू डी अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स सो आगे व्हेन हेस दी रिलायबिलिटी ऑफ फाइनेंशियल स्टेटमेंट अमाउंट यूजर ये गाइडलाइंस है जो की जो भी अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स हैं वो उसको इस्तेमाल करेंगे उसी हिसाब से अपनी कंपनी की रिपोर्ट तैयार करेंगे ताकि यूजर्स को सही से समझ में ए जाए ऐसा ना हो की रिलायंस की कंपनी खोलें अरे यहां कुछ और है टाटा जी की खोलें अरे यहां कुछ और है तो कुछ और है अब भैया जी अदानी जी अलग अंबानी जी अलग टाटा जी अलग अरे भाई किसमें लगाया यार ये तो सब अलग-अलग है तो सबके रूल्स हैं कम से कम वो तो से होता है की हम एनालाइज सही से कर पाएं ठीक है ऑब्जेक्टिव ऑफ अकाउंटिंग स्टैंडर्ड आगे तू ब्रिंग यूनिफॉर्म दी इन दी अकाउंटिंग प्रैक्टिस एंड तू एश्योर कंसल्टेंसी एंड कंपलायबिलिटी हिंदी फाइनेंशियल स्टेटमेंट ओवर इंटर पीरियड फिर आदर से मिला फॉर्म्स ठीक है तो बेसिक ऑब्जेक्टिव क्या है की अकाउंटिंग स्टैंडर्ड यूनिफॉर्म टीला पाए ताकि हम किसी और से अपने आप को कंपेयर कर पाए या फिर हम अपने प्रीवियस ईयर से खुद को भी कंपेयर कर पाएं ठीक है डीज अकाउंटिंग स्टैंडर्ड आर मैंडेटरी नेचर ये मैंडेटरी है अगर आपने इनको फॉलो नहीं किया तो भैया जी करवाई होती है नौ विद डी चेंज इन इकोनॉमिक एनवायरनमेंट एंड लॉ ऑफ दी नेशन अकाउंटिंग स्टैंडर्ड आर अलसो सब्जेक्ट तू चेंज फ्रॉम टाइम तू टाइम बट इन डी बट इन नो केस दे विल ओवर राइट डी प्रोविजन ऑफ लॉ यानी की अगर मैन लीजिए लॉ में पार्लियामेंट में कोई रूल पास हो गया उसके बीच में अगर अकाउंटिंग स्टैंडर्ड ए रहा है यानी कई ऐसे रूल्स होते हैं जिसमें मैन लीजिए वहां कुछ का दिया गया है अब यहां पर अकाउंटिंग स्टैंडर्ड उससे डिफर कर रहा है तो आप किसको फॉलो करोगे बताओ देश की संसद सर्वप्रथम है तो उनको फॉलो करोगे यानी की काउंटिंग स्टैंडर्ड कभी भी बट इन नो केस दे विल ओवर राइट डी प्रोविजंस ऑफ लॉ यानी एक काउंटिंग स्टार्टेड कभी भी लॉ के प्रोविजन के ऊपर नहीं अप्लाई हो सकते लॉ सर्वर प्रथम है संसद सर्वप्रथम है तो वहां से अगर कोई रूल बांके ए गया है और वो अकाउंटिंग स्टैंडर्ड को कनफ्लिक्ट कर रहा है तो रूल मैन है अकाउंटिंग स्टैंडर्ड को थोड़ा सा भी पीछे कर देते हैं ठीक है ये इसका पॉइंट है ओके भैया जी आगे बढ़ते हैं फिर वेयर अल्टरनेटिव अकाउंटिंग प्रैक्टिस आर अवेलेबल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड प्रिसक्राइब अन प्रेफर्ड अकाउंटिंग प्रैक्टिस होवर मैनेजमेंट इस फ्री तू उसे अन्य अकाउंटिंग प्रैक्टिस बाय गिविंग सूटेबल डिस्क्लोजर इफ मैनेजमेंट प्रेफर्स तू चेंज डी एक्जिस्टिंग अकाउंटिंग प्रैक्टिसेज डी चेंज इन प्रैक्टिस मस्ट बी डिस्क्लोज अलांग विथ इट्स फाइनेंशियल इंपैक्ट एग्जांपल चेंज इन दी मेथड ऑफ चार्जिंग डिप्रेशन यानी की देखिए अकाउंटिंग स्टैंडर्ड में बहुत सारी बातें कही है और कुछ चीजों में बहुत सारे मैथर्ड भी हैं अब मैन लीजिए किसी चीज में हमें चार मेथड बोल दिया अब मैं कौन सा अप्लाई कर रहा हूं दूसरा कौन सा कर रहा है तीसरा गलत नहीं है क्योंकि चार मेथड अगर अकाउंटिंग स्ट्रक्चर्स ने हमें दिया है तो हम चारों में से कोई भी अप्लाई कर सकते हैं लेकिन अगर मैन लीजिए हमने एक अप्लाई किया उसके बाद हम दो तीन साल बाद बदल रहे हैं तो फिर आपको उसका इंपैक्ट बताना जरूरी है उसे बात को डिस्क्लोज करना भी जरूरी है ठीक है तो ये भी उसके नीचे के अंदर आता है यानी की अल्टरनेटिव अकाउंटिंग प्रैक्टिस भी अवेलेबल है आप उसे भी कर सकते हैं पर एक अगर आपने कोई चूज और अब कुछ और चूज करना चाहते तो उसका इंपैक्ट चेंज का इंपैक्ट भी बताना है और इस बात को डिस्क्लोज भी करना है फुल डिस्क्लोज का कॉन्सेप्ट भी हम पढ़ चुके हैं उसके अंतर्गत तो ये आता ही है ठीक है एग्जांपल के लिए इन्होंने दे दिया की अगर आप मैथर्ड का चेंज करते हो जो मैंने आपको दिया की स्लम से डीबी में आप जा रहा हूं तो उसका इंपैक्ट भी पता होगा और जा रहा हूं ये बात भी बताओगे ताकि यूजर्स को पता रहे नौ अकाउंटिंग स्टैंडर्ड यूटिलिटी आखिर इसकी जरूरत क्यों है भाई तो देखिए अकाउंटिंग स्टैंडर्ड प्रोवाइड अकाउंटिंग रूल्स एंड गाइडलाइंस फॉर दी प्रिपरेशन ऑफ फाइनेंशियल स्टेटमेंट यह एक रूल्स एंड गाइडलाइंस की तरह है तो अगर आपको फाइनेंशियल स्टेटमेंट बनाना है तो भाई कैसे बनाएं घर की खेती लगाने मतलब जो मैन में ए रहा है वो करें नहीं एक रूल बना हुआ है उससे गाइडलाइंस को देखिए लीजिए समझिए और उसे हिसाब से काउंटिंग कर लीजिए आप चेंज कर सकते हो बट उसका इंपैक्ट बता सकते हो यूनिफॉर्म टी प्रोवाइड करते हैं हिंदी फाइनेंशियल स्टेटमेंट कर सकते हो या आप अपना किसी कंप्यूटर से या से इंडस्ट्री का जो एवरेज है उसकी हिसाब से कंपेयर कर सकते हो ठीक है नौ डी अकाउंटिंग स्टैंडर्ड आर मैंडेटरी नेचर सो ऑडिटर हज तू एंड शो डी कंप्लायंस ये कुछ एटम मैंडेटरी उनको तो आप बदल नहीं सकते जो स्टैटिक है तो वहां पर आपको से तू से अप्लाई करना पड़ता है इससे क्या होता है एनहांस डी रिलायबिलिटी ऑफ फिनिश्ड स्टेटमेंट अमोंग वेरियस यूजर्स ऑफ अकाउंटिंग सर्विसेज यानी की अगर आप उसको वैसे ही लगाओगे तो फिर ये आपके लिए रिलायबिलिटी भी बढ़ता है तो बात ध्यान रखिएगा यहां चेंज का मतलब ये नहीं की आप हर चीज चेंज कर सकते हो नहीं कुछ ऐसे स्टैंडर्ड से जिसमें तीन-चार चीज बता दी गई हैं तो आप उन तीन चार में से कुछ भी उसे कर सकते हो है ना ये नहीं की अपने छठी अपनी ही कुछ बना के निकल रहे हो तो ये उसे पॉइंट से रिलेटेड है वर्ण आप कंफ्यूज हो गए भैया कहीं तो का रहे हो की मैंडेटरी है तो यानी आगे इट चलेंगे कभी का रहे हो की नहीं गाइडलाइन है कुछ ऐसे होते हैं जहां पे गाइडलाइंस के रूप में आता है कुछ ऐसा होता जो ये तो स्टडी का अब मैन लीजिए असेट्स को डेबिट होना ही है इंक्रीस होने पर तो डायबिटीज होगा बस वो ही चीज कर सकते हैं आप यानी आज मेरा मैन कर रहा है क्रेडिट करते हैं भाई ने ऐसा का नहीं सकते भाई आज तो भाई ऐसे इसको डेविड मैंने क्रेडिट में करेगा ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना है वैसे भी इस टाइप के पदार्थ पीने भी नहीं है ठीक है नौ डी मैंडेटरी नेचर ऑफ अकाउंटिंग स्टैंडर्ड एश्योर्स कंप्लीट डिस्क्लोजर ऑफ अकाउंटिंग पॉलिसीज अकाउंटिंग स्टैंडर्ड या एश्योर करते हैं की आप कंप्लीट इनफॉरमेशन प्रोवाइड कारण फुल डिस्क्लोज डी कॉन्सेप्ट भी तो है प्रैक्टिसेज 10 रिलायबिलिटी ऑफ फाइनेंस स्टेटमेंट इस फरदार एंड हंस क्योंकि ये कंप्लीट पिक्चर आप दोगे तो इससे reability और बढ़ेगी तो तभी तो यूजर्स देखेंगे आपकी कंपनी में इंटरेस्ट लेंगे इन्वेस्टमेंट करने के बारे में सोचेंगे है ना ठीक है तो ये इसके क्या है यूटिलिटी है दें अकाउंटिंग स्टैंडर्ड नंबर्स तो नंबर्स वैसे मैंने आपको बता ही दिया है 32 हो गए अब नौ डी काउंसिल ऑफ इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स नंबर के हिसाब से इंडिया है इश्यूड 32 अकाउंटिंग स्टैंडर्ड ठीक है इसमें से तीन शायद है भी गए हैं तो ये टाइम तू टाइम ऊपर नीचे होते रहते हैं सो फार बट एस कंपनी अकाउंटिंग स्टैंडर्ड रूल 2006 नोटिफाइड तिल 31 अगस्त 2011 ये यहां पे बताया हुए हैं किसी ऑफ कंपनी एक्ट 1956 एंड सेक्शन 129 ऑफ कंपनी एक्ट 2013 है अस आई को उन्होंने वीडियो कर लिया है ठीक है तो आप यहां से देख सकते हैं तो यहां पे S8 नहीं है 29 के बाद 31 30 31 और 32 भी है बट वो भी अभी जो बेसिक जो कम करते हैं वो यही वाले हैं डी कंप्लायंस ऑफ ऑपरेटिंग अकाउंटिंग स्टैंडर्ड इसे मैंडेटरी ठीक है तो इन अकाउंटिंग स्टैंडर्ड को ऑपरेट करना भी में डेट है इनका कंप्लेंट्स भी करना चाहिए इसके अंदर अगर तीन-चार मेथड है तो उसमें आपके पास फ्लैक्सिबिलिटी है और वो भी एक बार चूज करने के बाद अगर आप दूसरा चीज कर रहे हैं तो उसका रीजन उसका इंपैक्ट बताना भी जरूरी है और उसको फुल्ली डिस्क्लोज करना भी जरूरी है ठीक है तो ये था हमारा असर रिलेटेड अब आगे बढ़ते हैं और अब बारी आती है इसके लिमिटेशंस से सबसे पहला यानी रिगिड नेचर का मतलब क्या की भाई यह मैंडेटरी हो गए हैं तो जैसा इसमें कहा गया है वैसा ही होगा भले ही वो आपके लिए यूजफुल है या नहीं आपके लिए फीजिबल है या नहीं अगर आप का दिया गया है तो आपको यही फॉलो करना है तो ये rigidin नेचर होता है अब कहेंगे भैया यार ये इसके लिमिटेशन हान एक चीज दिमाग बहुत खेलता है भैया यार ये लिमिटेशन भी है यही एडवांटेज भी है अगर मैन लो से ना रहे तो दिक्कत है से है तो दिक्कत है नहीं देखिए यहां पे पॉइंट ऑफ व्यू का अंतर होता है जब हम एडवांटेज की बात करेंगे यूटिलिटी की बात करेंगे तो हम उसी पॉइंट का पॉजिटिव बताएंगे जैसे ही हम नेगेटिव पे जाएंगे तो हमें उसे पॉइंट का नेगेटिव बताना है जैसे की एक गिलास आधा खा लिए अब आपसे बोलेंगे भाई आप पॉजिटिव माइंड सेट में ए जाओ आप कहोगे अरे आधा भरा हुआ है मेरी प्यास bujhaegi अगर आपसे बोला जाए नेगेटिव पॉइंट ऑफ व्यू है अभी आधा खाली क्यों है आधा खाली गिलास कौन देता है बस यही पॉइंट है यहां पर की आपको ये ध्यान रखना है की अगर आपको लिमिटेशन बोलना है तो आपको थोड़ा सा नेगेटिव माइंडसेट लाकर बोलना है तो रिगिड इन नेचर पर सच तो ये है की भाई होना ही चाहिए वर्ण तो कोई अपनी दुकान चलाएगा ठीक है नौ रिस्टिक इनीशिएटिव यानी की अगर यहां पर मैन लीजिए कोई रिसचर्स ने कुछ लिख दिया ठीक है अब वो एप्लीकेबल हो गया अब लेट्स सपोस किसी को लग रहा है की नहीं ए रही है इतना सही है तो उसको पूरा प्रक्रिया ऑफ फॉलो करना पड़ता है पहले ए एस बी यानी अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड में अपनी एनर्जी लगाएगा अपनी बात रखिएगा उनको समझाएगा वो मरेंगे फिर वो आईसीआईसीआई के पास जाएंगे आईसीआईसीआई समझेगा समझाएगा मनाएगा मनाएगा फिर वो आगे बाद पहुंचाएगी फिर आगे से बात पार्लियामेंट मेंबर से पहुंचेगी मेंबर्स पार्लियामेंट में पास-पास कराएंगे बहुत बड़ा एक एक सिस्टम है है ना तो अगर मैन लीजिए कोई नया पॉइंट आया तो उसको इंप्लीमेंट होने में भी बहुत टाइम लग जाता है तो थोड़ा सा इनीशिएटिव ये कम देता है हिस्टोरिकल इन नेचर इन्होंने ही बोल रखा है की आपको कॉस्ट पर लिखना है तो ये क्या हो गया हिस्टोरिकल इन नेचर हो गया अब देखिए 2010 के बाद से कुछ बने ही नहीं है तो कितनी कम से कम 12 साल के आसपास का पूरा अंतर हो गया है पुरानी बात हो गई है फिर ऑब्स्ट्रक्ट जजमेंट ऑफ ऑडिटर यहां पे कई बार ऑडिटर का जजमेंट भी इंवॉल्व होता है लेकिन ऑडिट कहा गया भाई साहब आपको अकाउंटिंग स्टैंडर्ड पढ़ाया गए द चुपचाप उसी के हिसाब से कीजिए आपका खुद का थिंकिंग क्या कहता है ये आप ही इंप्लीमेंट नहीं कर सकते ऑल दो ऑल दो ऑडिट जब आप पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा की मैं ऑडिटर के पास कुछ चीज हैं जहां पर वो बता सकता है की भाई मुझे ऐसा फुल ए रहा है लेकिन नॉर्मली ऐसा होता है की भाई किसी लिख दिया ना बहुत बड़ी बात हो जाती है ये किसी की फाइनेंशियल स्टेटमेंट चेक करते हो आप यह ही बात लिख दे की भाई पता है मुझे ऐसा लग रहा है ऐसा नहीं होता है तो वहां पे ऑडिटर के पास कुछ स्कोप है लेकिन मोस्टली अकाउंटिंग स्टैंडर्ड जी उनको फॉलो कराए जाते हैं तो किताब के हिसाब से साफ-साफ है आप ऑडिट करने आए हैं अकाउंटिंग के जो स्टैंडर्ड है पढ़ा दिए गए हैं का का ला रहे हैं यानी पास भी हुए ही होंगे है ना तो आपको उसी हिसाब से कम करना है तो यहां पर जो एडिटर का पर्सनल जजमेंट है वो कहीं ना कहीं एब्स्ट्रेक्ट हो जाता है तो ये इसके लिमिटेशंस हो गए अब बढ़ते हैं आगे और पहुंचने हैं इंडिया में अब इसकी जरूरत क्यों हुई तो देखिए हमने अस बनाए है ना हमने एस बनाए पर क्या लाइन लिखी गई थी अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड को बोला गया इंडिया में घूमो और देखो और इनके बीच में यूनिफॉर्म tilav ठीक है तो अस बनाएगा बट बट वर्ल्ड तो यहां पर है तो बहुत बार ऐसी चीज होती हैं बहुत बार ऐसी चीज होती हैं जो वर्ल्ड से थोड़ी सी अलग थी ऑफ कोर्स जो मैंने पहली कहानी सुनाई थी तो ले गए द ताकि भाई हम वर्ल्ड से मिल पाए पर बहुत ज्यादा नहीं मिल पाए हैं ना हमने बहुत कोशिश की तो 14-15 प्रिंसिपल्स पे तो हम ठीक द लेकिन कई चीजों में हमारे लिए थोड़ी बहुत दिक्कत आई तो फिर हमारे रिसचर्स ने कहा की यार एक कम करते हैं की इंडिया बनाते हैं ठीक है जो इसके मैचिंग का हो जाए हालांकि अभी भी 100% मैचिंग नहीं है बट कोशिश यह की गई की इसके भैया क्यों नहीं 100% मैचिंग क्योंकि अपने यहां कस्टम शुरू से अलग है किसी और के यहां कुछ रूल्स अलग है तो उसका थोड़ा बहुत तो डिफरेंस रहता है बट कोशिश ये की गई की ए एस से इसके बीच का जो डिफरेंस है वो क्या है ज्यादा है कैसे लगाऊं मैं हाथ इस साइड लगाओ ज्यादा है ठीक है कोशिश ये की गई की इन दोनों के बीच का जो डिफरेंस है वो कम हो मैं कम लिख रहा हूं क्योंकि साइन में दिक्कत आएगी यहां ज्यादा लिखता हूं साइन लगाने से बटोर है ज्यादा लिख डन आपको ध्यान रहेगा| ठीक है है तो इंडिया क्या मी ने बनाए हैं बस कोशिश इसमें यह है की हम वर्ल्ड के साथ जुड़ पाए उनके जो अकाउंटिंग स्टैंडर्ड हैं एग्जांपल के लिए उनके साथ हम ज्यादा से ज्यादा हमारी कंपनी कॉर्पोरेट कर पाए क्योंकि अब आपको पता ही है ग्लोबलाइजेशन का जमाना है ना तो ये कंपनी इधर होगी ये कंपनी उधर होगी उनको आपस में डील करना है तो अगर बहुत ज्यादा डिफरेंस होंगे तो अकाउंटिंग का आधा माता पक्षी तो इन्हीं सब चीजों में निकल जाएगा ठीक है और जो विदेश में जाती है एमएनसी होती हैं ग्लोबल कंपनी होती हैं तो उनका तो भैया जी टमटम बहुत ज्यादा होता है तो इसीलिए फिर ये कोशिश की गई की अब इंडिया से लेकर आते हैं ठीक है अब अगर आप का करेंगे तो का के फाइनल में आप इन देस को ही पढ़ेंगे ठीक है ओके अब आप समझ गए होंगे की इंडिया का बेसिक क्या है बाकी कम तो वही सिस्टम में ज्यादा कुछ है नहीं ये जैसा ये तो इंडिया और इंडिया और अकाउंटिंग स्टैंडर्ड आर इंडिआनाइज्ड वर्जन ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड ठीक है इंटरनेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग सिस्टम का इंडियन इंजन है एक तरीके से ठीक है सेट ऑफ अकाउंटिंग स्टैंडर्ड डेवलप्ड बाय इंटरनेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड आईएएस बी ऑन दी बेस ऑफ विच फाइनेंशियल स्टेटमेंट ऑफ एंटरप्राइज आर प्रिपेयर्ड एंड प्रोजेक्ट फॉर डू इट्स यूजर्स ठीक है तो जाहिर सी बात है वर्ल्ड आईएफआरएस फॉलो करता है हम अस फॉलो कर रहे द इसमें थोड़ा सा डिफरेंस जो था वो ज्यादा था क्या था डिफरेंस थोड़ा सा ज्यादा था तो काफी सारी डिकत है ए रही थी तो हमने इसके डिफरेंस को क्या कर दिया कम करने के लिए इंडिया स्कोर याद किया गया है ठीक है ओके भैया जी करैक्टेरिस्टिक्स ऑफ साइलेंट फीचर्स ऑफ इंडिया सबसे पहला आर मोडिफाइड वर्जन ऑफ आईएफआरएस ठीक है आईएफआरएस का मोडिफाइड वर्जन है दूसरा इंडिया सर कंप्रिहेंसिव एंड कवर वाइड एरिया कॉम्प्रोमाइजिंग रेवेन्यू एक्सपेंस लॉस असेट्स लायबिलिटी एंड इक्विटी यानी इसमें ये सारे एस्पेक्ट्स को कवर किया गया है इसका स्कोप थोड़ा ज्यादा बड़ा है इंडिया स्टार प्रिंसिपल बेस्ड एंड अंडर इंडियाज आइटम्स आर शोन इन डी बैलेंस शीट दी प्रिंसिपल्स एसोसिएटेड विद इ आइटम इंडिया जो है वह प्रिंसिपल भेज प्रिंसिपल उसमें ज्यादा चलते हैं ठीक है और ये जो इंडिया आइटम्स है वो बैलेंस शीट में जब शो होते हैं तो हर प्रिंसिपल के हिसाब से ही शो होते हैं जो भी उसके साथ प्रिंसिपल रिलेटेड है उसी के हिसाब से आइटम टर्म्स आते हैं इंडिया ले mfacis ऑन ट्रांसपेरेंसी एंड अकाउंटेबिलिटी ऑफ फिनिश्ड स्टेटमेंट ये थोड़ा ज्यादा transfferbility की ओर झुकाव है यानी ट्रांसफर अब की ज्यादा से ज्यादा होनी चाहिए डिस्क्लोज आपके ज्यादा से ज्यादा होने चाहिए दिखने चाहिए ताकि कोई भी झोलमाल ना लगे तो इंडिया थोड़ा सा ज्यादा वाइड है इसको प्ले कर आया थोड़ा सा ज्यादा डिस्क्रिप्टिव है ये है ना ओके भैया जी नौ ऑब्जेक्टिव्स ऑफ इंडिया में ऑब्जेक्टिव तो वही है क्या है तू एश्योर यूनीफामिटी इन दी प्रिपरेशन एंड प्रेजेंटेशन ऑफ फाइनेंशियल स्टेटमेंट सबसे पहली बात तो यूनीफामिटी होनी चाहिए वर्ल्ड के साथ एस भी लाया इसी के लिए गया था बट टाइम तू टाइम पता चला की अभी भी बहुत सारे डिफरेंस हैं तो अब उसको पॉप करने के लिए इंडिया से लाया गया है ठीक है तू प्रोव इनफॉरमेशन तू डी यूजर्स अबाउट डी पॉलिसीज अडॉप्टेड इन डी प्रिपरेशन ऑफ फाइनेंशियल स्टेटमेंट इसमें जो पॉलिसी अडॉप्टेड है वो भी बताया जाता है ठीक है हालांकि वहां भी बताया जाता था और चेंज होता था तो उसका इंपैक्ट भी बताया जाता था नौ तू रिमूव डी इफेक्ट ऑफ डायवर्स अकाउंटिंग पॉलिसीज एंड प्रैक्टिस यहां पर जो अकाउंटिंग स्टैंडर्ड में एक ही चीज के लिए तीन-चार चीज बता दी गई थी उसको भी रिमूव करने की कोशिश की गई है यानी की आपको अगर प्रिंसिपल है तो एक ही रहेगा तो आपके पास ऑप्शन के लिए चार फॉलो कर लो ठीक है तो ये भी यहां पर है फिर तू एश्योर कंसिस्टेंसी ट्रांसपेरेंसी कंपलायबिलिटी ऑफ डी फाइनेंशियल स्टेटमेंट अगर आप देखोगे तो कंसिस्टेंसी और comparelli आप अस में भी पढ़ रहे द नया वर्ड क्या है ट्रांसपेरेंसी अगर मैन लीजिए इंडिया से वैसे चांसेस बहुत कम होते हैं क्वेश्चन आने का अगर आएगा तो आपको याद रखना है की यहां पे एक चीज अलग है वो है ट्रांसपेरेंसी ठीक है नौ तू इंप्रूव डी रिलायबिलिटी एंड क्रेडिबिलिटी ऑफ फिनिश्ड स्टेटमेंट इंडिया इसलिए भी ले गए द की आपकी रिलायबिलिटी और कंपैटिबिलिटी आपकी इंप्रूव हो सके ठीक है क्रिएटिविटी आपकी इंप्रूव हो सके बेसिकली पॉइंट यह है की यह ज्यादातर ना जो कंपनी विदेश के साथ डील करती हैं तो उनको आईएफआरएस को देखना है भाई वहां तो उनकी चलेगी ना आप अगर यहां से वहां जाना चाहते तो उनकी चलेगी अगर वो आपके आना चाहते तो आपकी चलेगी है ना तो ये सब चीजों को ध्यान में रखकर ग्लोबलाइजेशन में ऐसा ग्लोब को ध्यान में रखकर इंडिया इसको लाया गया है तो जाहिर सी बात है क्रेडिबिलिटी भी बढ़ती है और रिलायबिलिटी भी बढ़ती है ठीक है ओके भैया जी अब मेरिटस ऑफ इंडिया क्या-क्या है भैया जी तो जाहिर सी बात है हमने जो चाहा था वो अचीव हो गया इसलिए मेरिटस है दे हैव बिन फ्रेम सच्चा विद डेट दे आर मोस्ट सूटेबल फॉर इंडियन कंडीशंस इसमें इंडियन कंडीशंस को भी ध्यान में रखकर ही बनाया गया है तो ये ज्यादा फायदेमंद है क्लियर गाइडलाइंस है यहां पर यहां पर क्लियर गाइडलाइंस है इंडियाज प्रोवाइड है फ्रेमवर्क इन विच क्लियर गाइडलाइंस rgivan ऑफ फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अंडर दी फ्रेमवर्क प्रोवाइडेड बाय इंडिया असेट्स लायबिलिटी एंड इक्विटी आर वाइड डिफाइंड ठीक है यहां पर अच्छे से इनको समझाया गया इनके हिसाब से ज्यादा एक्सप्लेन बताए भी गए हैं है ना और ज्यादा खोज-पॉच नहीं है मतलब ऐसा नहीं है की ये भी कर लो वो भी कर लो अच्छा ऐसा भी कर अच्छा नहीं चलो वो भी कर सकते हो ऐसा नहीं है भाई ये करना है तो ये ज्यादा क्लियर गाइडलाइंस प्रेजेंट करते हैं यूनिफॉर्म तीन फाइनेंशियल दे एडॉप्शन ऑफ इंडिया इसे ब्रिंग्स यूनिफॉर्म टी यह तो वहां भी पॉइंट था वह यूनिफॉर्म हो जाएंगे comparel टी कंपेयर करना आसान है एंड ट्रांसपेरेंसी वाला पॉइंट याद रखना है हिंदी फाइनेंशियल स्टेटमेंट इट इंप्रूव्स दी स्टैंडर्ड एंड क्वालिटी ऑफ फाइनेंशियल रिपोर्टिंग ठीक है तो यहां पर फाइनेंशियल रिपोर्टिंग इक्वलिटी भी इंप्रूव हो गई एंड हंस हो गई इंडिया इसके आने के बाद हेल्पफुल तू इन्वेस्टर्स के बाद जब इतना अच्छा हो रहा है तो विदेशी इन्वेस्टर्स के लिए भी है मददगार है हालांकि इन्वेस्टर कोई किसी भी प्रकार का हो या अच्छा ही है तो इन्वेस्टर्स रिक्वायर हाई क्वालिटी रेलीवेंट रिलायबल ट्रांसपेरेंट एंड कंपैरिजन इन फाइनेंशियल स्टेटमेंट इन ऑर्डर तू मेक इकोनॉमिक डिसीजंस ठीक इकोनॉमिक डिसीजंस के लिए उन्हें रिलायबिलिटी चाहिए है ना comparelti चाहिए ट्रांसपेरेंसी चाहिए तो ये सब कुछ देता है फिर वो फाइनेंशियल स्टेटमेंट को अच्छे से देख रहे हैं समझ रहे हैं सब कुछ ट्रांसपेरेंट है सारी इनफॉरमेशन उन तक प्रोवाइड कराई गई है कुछ भी इधर-उधर की चीज नहीं है तो वो इन्वेस्ट करेंगे तो ये इंडिया इसके क्या है मेरिटस है ठीक है अब आती है हमारी आईएफ आई एफ आर एस यानी की इंटरनेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड नाम से लव आय कुछ बड़ा सा ए रहा है तो ये क्या है तो देखिए ये कमेटी है इंटरनेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड कमेटी iastablished इन 1973 थ्रू अन एग्रीमेंट बाय प्रोफेशनल अकाउंटिंग बॉडीज फ्रॉम यूके उस कनाडा फ्रांस जर्मनी जापान ऑस्ट्रेलिया सारे बड़े देश हैं ना मेक्सिको नीदरलैंड इसमें है चीन नहीं होगा बस एंड आयरलैंड ठीक है इन सब ने मिलकर बना है चीन हमेशा से ही अलग है ये उसका कम है जो दूसरे का हम नहीं करेंगे ना देखिए यहां पे चलो मजाक की बात अलग है बेसिक पॉइंट ये है की इन कंट्रीज के अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स कठे हुए उन्होंने गौर से खूब सारी मीटिंग की ठीक है तो 1973 में ये बनाया गया था एक एग्रीमेंट के थ्रू जहां पर यह प्रोफेशनल्स लोग मिले ठीक है एंड डी इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ज्वाइन आईएएस की अज़ान एसोसिएट मेंबर इन 1974 हमने 1974 में इनको आज एन एसोसिएट मेंबर ज्वाइन किया था 1973 में एस्टेब्लिश हुआ था एंड ज्वाइन डी बोर्ड इन 1993 1993 में हमने पुरी तरीके से ज्वाइन किया आईएएस इश्यूड 41 अकाउंटिंग स्टैंडर्ड नॉन आज इंटरनेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड इन्हें आईएएस कहा जाता था वैन द यह ठीक है फिर इंटरनेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड आईएएस बी एंड इंटरनेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड आईएफआरएस इन डी ईयर 2001 आईएससी है वाज रिप्लेसिड विद इंटरनेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड ठीक है फिर इनको हमने इंटरनेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड से चेंज किया आईएएस भी रिव्यू ऑल दी 41 आईएएस एंड स्क्रिप्ट 12 आईएएस सो इफेक्ट इफेक्टिव इस आर 29 नौ तो अब आईएएस जो है वो 29 है दी अकाउंटिंग स्टैंडर्ड इश्यूड बाय आईएएस भी आर टर्म्ड अस इंटरनेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड ठीक है तो यही लोग आई या फिर इशू करते हैं 41 है और अब 29 बचे हैं ठीक है यानी जब जिसकी उसे नहीं लगती हटा दिया किसी का नया उसे लगा बना दिया ठीक है तो अब यही इसको बनाते हैं ये कमेटी का नाम क्या था इंटरनेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड कमेटी था अब इसको बोलते हैं इंटरनेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड और वो जब भी कोई स्टैंडर्ड लेट हैं तो उसको बोलते हैं इंटरनेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड आईएफआर की कहानी है नौ ऑब्जेक्टिव ऑफ आईएफआरएस क्या है तू डिवेलप सिंगल सेट ऑफ हाई क्वालिटी ग्लोबल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड रिक्वायरिंग ट्रांसपेरेंसी देखिए बार-बार ये वर्ड ए रहा है प्लस और आई फिर इसमें ट्रांसपेरेंसी वर्ल्ड एंड comparel टी इन दी फाइनेंशियल स्टेटमेंट एंड फाइनेंशियल रिपोर्ट टिंग यानी की यहां पर सिर्फ फाइनेंशियल स्टेटमेंट वर्ड नहीं किया गया उसकी रिपोर्टिंग पर भी जोर दिया गया है तो आपके लिए सबसे हाई क्वालिटी ग्लोबल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड जो है वो ifferras में ही बताए गए हैं जहां पर सिर्फ आपको फिनिश स्टेटमेंट बनाना नहीं सिखा रहे वो आपको ये भी बता रहे हैं की भाई इस स्टेटमेंट को बनाने में रिपोर्टिंग भी सही होनी चाहिए ठीक है ट्रांसपेरेंसी वर्ड कंपैटिबिलिटी वर्ड रिलायबिलिटी वर्ड तो वहां भी था ट्रांसपेरेंट नया है और यहां पे फाइनेंशियल रिपोर्टिंग भी जुड़ गई है यानी जो आप रिपोर्ट तैयार करोगे सही होनी चाहिए तू प्रमोट डी उसे ऑफ अकाउंटिंग स्टैंडर्ड ठीक है यह अकाउंटिंग स्टैंडर्ड को प्रमोट करने के लिए आए हैं एंड तू ब्रिंग अबाउट कन्वर्जेंस ऑफ नेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड एंड इंटरनेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड तू हाई क्वालिटी लेवल्स यानी की जो नेशन के जो अलग-अलग कंट्रीज है उनके जो भी स्टैंडर्ड हैं उनको मिलना ठीक है उनसे मिलना होना चाहिए मतलब मैच करने चाहिए इंटरनेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड ताकि आपकी हाई क्वालिटी मेंटेन हो सके ठीक है उनको देखकर इनको मिलाया जाता है ताकि हाई क्वालिटी उसको रख सके ओके तू ब्रिंग अबाउट डी कन्वर्जेंस ऑफ नेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड एंड इंटरनेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड तू हाई क्वालिटी लेवल्स यानी की यह जो नेशनल यानी अलग-अलग देशों में जो चल रहा है उसको एवरेज के साथ मिलाकर एक हाई स्टैंडर्ड आपको दे सकें अकाउंटिंग के बारे में उसको कैसे रिपोर्ट करना है फाइनेंस स्टेटमेंट को कैसे दिखाना है ठीक है तो ये हमारे पास क्या द ऑब्जेक्टिव ऑफ आईएफआरएस द अब आगे बढ़ते हैं नौ आई एफ एल एस बेस फाइनेंशियल स्टेटमेंट इंक्लूड यानी की अगर अभी तक आपने 11th में जो हम आगे बढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा की 11th में सिर्फ ट्रेडिंग एंड प्रॉफिट एंड लॉस और बैलेंस शीट को बोला गया है फिर हम इंडिया जब पढ़ेंगे या और चीज पढ़ते हैं इंडिया में आपको बताया गया है या आप 12th क्लास में जब आएंगे तो आपको बताया जाएगा की भैया जी इनकम स्टेटमेंट यानी की सिर्फ ट्रेडिंग एंड प्रॉफिट एंड लॉस नहीं कंपनी की इसमें से स्टेटमेंट ऑफ प्रॉफिट एंड लॉस बोलते हैं फिर बैलेंस शीट उसके बाद कैश फ्लो स्टेटमेंट फिर नोट्स और इक्विटी का भी स्टेटमेंट आता है तो ये सारी चीज मिलाकर पानी से स्टेटमेंट होती है पर आई फिर इसके लिए देखिए स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल पोजीशन यानी बैलेंस शीट फिर स्टेटमेंट ऑफ कंप्रिहेंसिव इनकम इनकम स्टेटमेंट एंड स्टेटमेंट ऑफ कंप्रिहेंसिव इनकम इसको अलग से बनाया जाता है दें उसके बाद थर्ड स्टेटमेंट ऑफ चेंज इन इक्विटी ये बनाया जाता है इसीलिए यानी की कब कितना क्या चेंज हुआ फिर स्टेटमेंट ऑफ कैश फ्लो फिर नोट्स एंड सिग्निफिकेंट अकाउंटिंग पॉलिसीज ये सारा बनाया जाता है ये पंच पॉइंट्स और 5 पॉइंट्स में आप पढ़ेंगे तो ये तो आपके पास है ये जो एक है ये एक नया है और ये तो अब अपने पास भी ए गया है तो देखा जाए तो बेसिकली ये एक जो चीज है ये थोड़ी अलग है बाकी सब अलग-अलग हमारे पास भी हैं हान अभी नहीं है 11th में नहीं है आपको 12th में भी नहीं दिखेगा ये तो 12th में कहीं पे अगर आपको दिख जाएगा तो कोई padhaayega तो आदर वाइस आगे चल के चेंज इन इक्विटी का मतलब है शेयर होल्डर्स की कुछ भी उसमें चेंज आता है तो वो भी आपको दिखाना है ताकि पता तो चले भाई कौन किसका ले रहा है ना ये भी पता चलते रहना चाहिए बेनिफिट्स ऑफ आईएफआरएस जैसा भी छोटा सा अगर आपको एग्जांपल डन पता नहीं आप न्यूज़ में कितना वो है की नहीं है एनडीटीवी वहां पे अदानी जी ने अपना चेक ले लिया तो एक बड़ी इनफॉरमेशन है उसके बाद काफी हलचल हुई है तो वो पता होना चाहिए ना यूजर्स को भी तो ये वाले पॉइंट्स हैं ठीक है नौ बेनिफिट्स ऑफ आई पर इसके आए तो सबसे पहले इन्वेस्टर के लिए क्या है फाइनेंशियल स्टेटमेंट अरे प्रिपेयर्ड एस पर आई फिर से इकोनॉमिक्स स्टैंडर्ड सेल बी बटोर इन रिलेशन तू फाइनेंशियल स्टेटमेंट प्रिपेयर्ड अंडर अकाउंटिंग स्टैंडर्ड ऑफ स्पेसिफिक कंट्री investos कैन टेक बटोर फाइनेंशियल डिसीजंस इफ के बाद स्पेस है यहां पर है ना इफ बेस्ड अकाउंटिंग स्टैंडर्ड आर फॉलोज ज़ाहिर सी बात है अगर आप किसी भी कंट्री की बात करेंगे तो वहां पे जो अकाउंटिंग स्टैंडर्ड हैं और जो आईएफआरएस है वो ज्यादा अच्छा है तो अगर किसी कंट्री में आया फिर उसको फॉलो किया जाता है तो इन्वेस्टर्स की नजर उसे पर ज्यादा होती है उनको उन फिनिशिंग स्टेटमेंट पे या उनकी फाइनेंशियल रिपोर्टिंग पे ज्यादा भरोसा होता है ठीक है तो ये भाई इसके लिए बेनिफिट फिर रेसिंग लोन ग्लोबल लोन रेस करना चाहते तो भाई ग्लोबल के स्टैंडर्ड भी तो फॉलो करोगे तो यह भी एडवांटेज है इफ दे फाइनेंशियल स्टेटमेंट ऑफ आई वर्ष कंप्लेंट कंपनी कैन रेज लोन फ्रॉम एब्रॉड आते डी चिपर रेट ऑफ इंटरेस्ट यार सी बात है अगर हाई रेट ऑफ इंटरेस्ट होगा तो वहां जाओगे नहीं आपका कोई भाई हमारी देसी अच्छा यहीं से ले लेते हैं तो अगर आप विदेश में जा रहे हो तो जाहिर सी बात हमारी इंटरेस्ट रेट चीप होगा तभी आप वहां से लोन लेना चाहते हो पर वहां जाओगे लोन लोग तो वो कहेंगे भैया लिए पर कहां है पहले उसे टाइप से बैलेंस शीट बनाई है पहले उसे टाइप से इनकम स्टेटमेंट बनाई है उसे टाइप से सारी रिपोर्टिंग कीजिए फिर हमारे पास लिए ठीक है तो ये उसके बेनिफिट्स है अगर आपने इफ से बना रखा है तो ठीक है अब डिफरेंस बिटवीन ये हमारा आखिरी टॉपिक है तो देखते हैं क्या है डिफरेंस बिटवीन आईएफआरएस एंड अकाउंटिंग स्टैंडर्ड क्या है तो देखिए डिफरेंस सबसे पहले आर प्रिंसिपल बेस्ड अकाउंटिंग ये क्या है प्रिंसिपल बेस्ड अकाउंट में इसलिए इंडिया भी प्रिंसिपल बेस्ड अकाउंटिंग स्टैंडर्ड से विले इंडिया अकाउंट इंडियन गैप आज जर्नल एक्सेप्ट [संगीत] अकाउंटिंग स्टैंडर्ड यह रूल बेस्ड है यह प्रिंसिपल बेस्ड है दूसरा आईएफआरएस डू नॉट प्रिसक्राइब अन्य फॉर्मेट ऑफ बैलेंस शीट वेल इंडियन लॉस प्रिसक्राइब अन स्पेसिफिक फॉर्मेट ऑफ बैलेंस शीट एंड स्टेटमेंट ऑफ प्रॉफिट एंड लॉस आय हैव फारिस कोई प्रिसक्राइब नहीं करते बैलेंस शीट का एग्जैक्ट फॉर्मेट फिर आई फिर आर बेस्ड ऑन फेर वैल्यू कॉन्सेप्ट यहां पर फेर वैल्यू कॉन्सेप्ट चलता है यानी की हमने जो पड़ता है ना हिस्टोरिकल कॉस्ट वो नहीं चलता फेर वैल्यू चलता विले इंडियन अकाउंटिंग स्टैंडर्ड आर बेस्ड ऑन हिस्टोरिकल कॉस्ट कॉन्सेप्ट ये हमने पढ़ा हुआ है अब ये फेर वैल्यू चलता है भैया फेर वैल्यू का मतलब क्या हुआ यानी की प्रेजेंट में जो वैल्यू है आपको उसके हिसाब से अपने अकाउंटिंग करनी है ठीक है नौ बेसाइड्स डीज वेरियस डिफरेंसेस अलसो इमर्ज ऑन ट्रीटमेंट ऑफ वेरियस आइटम्स अन वेरियस अरे यूजफुल ऑफ टेजिबल असेट्स प्रेयर पीरियड आइटम एक्स्ट्राऑर्डिनरी आइटम्स इंपैक्ट ऑफ फिक्स असेट्स एंड सो ऑन यानी की इनके बीच में बहुत सारे आइटम्स में भी डिफरेंसेस हैं फिर जस्टिस पे क्या ट्रीटमेंट होगा टेजिबल की लाइफ क्या होगी है ना अभी तो शायद आप समझ का रहे होंगे यह डिप्रेशन चैप्टर आपने पढ़ लिया तो आप देख रहे होंगे की वहां बताया जाता है की भाई इस एसेट की पंच साल की लाइफ में कैसे पता तो अकाउंटिंग स्टैंडर्ड अलग फॉलो होते हैं आया फर्श अलग फल होते हो सकता है यहां पर 5 साल है किसी चीज की बात वही चीज आईएफआरएस में छह सात साल हो जाएगी तो डिप्रेशन के अमाउंट में अंतर जाएगा तो ये बहुत टाइप की हमारे पास डिफरेंस है प्रायर पीरियड आइटम्स को या एक्स्ट्रा या आइटम्स को कैसे ट्रीट करना है क्या है तो इन सब चीजों में बहुत सारे डिफरेंस इस हैं अस और इसमें तभी बीच में इंडिया इसको लाया गया है इसीलिए इंडियाज भी प्रिंसिपल बेस्ड माना जाता है ठीक है तो मुझे उम्मीद है की आप आप सब समझ गए होंगे तो ये हमारे पास और अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स दे अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स आपको पक्के से याद रखने क्योंकि एग्जाम में आते हैं इंडिया से शायद अगर टीचर का मैन हो मौज लेने का तो पूछ लें adervise मोस्टली नहीं आते हैं फिर अब जब सी एल आई बॉल में जाएंगे तो ए एस आपको इंटरमीडिएट में पड़ेगा फिर इंडिया से आपको फाइनल में पड़ेगा जब आप अच्छे से ये बन जाएंगे ग्लोबल में मैं तो चाहूंगा की आप अच्छी अच्छी कंपनी में जाएं तो फिर वहां पर सभी पढ़ेंगे थोड़ा बहुत तो का में भी बता ही दिया जाता है बट बहुत थोड़ा सा ये ठीक है तो यह आपकी 11th क्लास की जर्नी जिसमें थ्योरी पार्ट था इसके बाद हम पढ़ेंगे जर्नल क्योंकि मैं मानता हूं की जर्नल ज्यादा इंपॉर्टेंट है उसके बाद अकाउंटिंग इक्वेशंस इजी भी लगती है और फिर उसको हम एक साथ ही कंप्लीट कर लेंगे ठीक है तो मिलेंगे नेक्स्ट वीडियो में पर जो लास्ट में कहते हैं इनको यहां क्या कहते हैं थैंक यू आप सबका प्यार मिलता है अच्छा लगता है कोई विदाउट है कमेंट में जरूर पूछ सकते हैं फिर जो हमारा मोटो है हैव ए स्माइल क्योंकि स्माइल में गजब की पॉजिटिव होती है और जब भी आप किसी को मुस्कुराता हुआ देखते हैं आपका दिल अपने आप ही मुस्कुरा जाता है एड कीप स्माइलिंग बिकॉज दिस इस डी बिगेस्ट गिफ्ट यू कैन गिव तू योर लव्ड वंस ओके एंड टाटा बाय बाय