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Decision of the Government of India on Illegal Immigrants

स्टडी आईक्यू आईएस आपका सिलेक्शन हमारा मिशन। नमस्कार दोस्तों। दोस्तों, फाइनली भारत सरकार ने एक बड़ा कदम लिया है इललीगल इमीग्रेंट्स को लेकर। देखिए यहां पर जो मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स है, उन्होंने 30 दिन का डेडलाइन दे दिया है सभी राज्य और यूनियन टेरिटरीज को कि आप काउंट कर लीजिए, अच्छे से जांच कर लीजिए। देख लीजिए कि आपके डिस्ट्रिक्ट में आपके राज्य के अंदर कितने इललीगल इमीग्रेंट्स हैं और इमीडिएट बेसिस पर 30 दिन के डेडलाइन के बाद उनको डिपोर्ट करने की तैयारी कर लीजिए। आप देख सकते हो खबर एमएचए सेट्स 30 डे लिमिट टू वेरीफाई क्रेडेंशियल्स ऑफ इललीगल इमीग्रेंट्स फ्रॉम बांग्लादेश एंड म्यांमार। तो इसको थोड़ा सा डिटेल में समझेंगे कि आखिरकार ये ऑर्डर क्या है? इसमें क्या-क्या चीजें की जाएंगी? और इसका इंप्लिकेशन क्या होगा? काफी कुछ जानने को है। चलिए आगे बढ़ते हैं। लेकिन उससे पहले आप सबको बता दूं आप में से जो भी लोग यूपीएससी की प्रिपरेशन कर रहे हैं, हमारे जो फाउंडेशन बैचेस हैं, उसको अेल कर सकते हैं। जिसके अंदर आपको कंप्लीट प्रिपरेशन कराई जाती है। 2026 की यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, तो यह जो बैच है आपके लिए परफेक्ट होगा। लिंक दिया है कमेंट सेक्शन में। यूज़ करना है आपको यह कोड अंकित लाइव ताकि आप मैक्सिमम जो डिस्काउंट है वो ले सकें। चलिए शुरुआत करते हैं। देखिए सबसे पहले मैं आपको बता दूं अमित शाह जी जो कि मिनिस्टर हैं होम अफेयर्स के उनके द्वारा इशू किया गया है डायरेक्टिव। किसको? सभी राज्यों को और यूनियन टेरिटरीज को 30 दिन का डेडलाइन दिया गया है कि आपके राज्य के अंदर जितने भी इललीगल इमीग्रेंट्स हैं बांग्लादेश से हो या फिर म्यांमार से हो और जो लोग क्लेम करते हैं कि वो भारतीय नागरिक हैं उनका प्रॉपर वेरिफिकेशन होना चाहिए 30 दिन के अंदर-अंदर। तो कहीं ना कहीं ये जो स्टेप लिया गया है शायद पहली बार आपको देखने को मिलेगा कि एक डेडलाइन सेट किया गया है और ये भारत के इंटरनल सिक्योरिटी और इमीग्रेशन पॉलिसी में एक नया फेज आपको देखने को मिल सकता है। खैर इसके पहले मैं आपको थोड़ा सा एक बैकग्राउंड बताता हूं। देखिए भारत में अगर आप देखोगे कॉम्प्लेक्स माइग्रेशन डायनामिक्स है। बेसिकली बांग्लादेश और म्यांमार के साथ जो हमारा बॉर्डर है अगर आप यहां पर देखोगे बांग्लादेश के साथ तो सबसे बड़ा बॉर्डर है। यहां पर आप देख सकते हैं मतलब कई सारे राज्य पूरा का पूरा ये जो नॉर्थ ईस्ट आप देख सकते हो आसाम हो गया, मेघालय हो गया, त्रिपुरा हो गया, मिजोरम हो गया और इसके अलावा वेस्ट बंगाल का तो पूरा एरिया है ही है। फिर इसके अलावा म्यांमार के साथ आप देखिए तो मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश। तो स्पेशली क्या है कि म्यांमार से बहुत सारे जो रेफ्यूजीस हैं वो आपका मिजोरम में आ रहे हैं। फिर इसके अलावा मणिपुर में भी आपने देखा होगा काफी आरोप लग रहा है कि यहां पर जो हिंसा की जा रही है उसके पीछे काफी ज्यादा जो इललीगल इमीग्रेंट्स हैं उनके द्वारा किया गया है। फिर बाकी जगहों पर चाहे आसाम हो, वेस्ट बंगाल हो इसको लेकर लगातार शिकायतें आती रहती हैं। तो स्पेशली म्यांमार में जो रोहिंग्या क्राइसिस हुआ था उसकी वजह से नर्दन जो नॉर्थ ईस्टर्न वाला पूरा एरिया है यहां पर और ईस्टर्न वाला पूरा एरिया बताया जाता है कि बड़ी संख्या में रोहिंग्याज आए हैं और सिर्फ यहीं पर नहीं कई जगह तो बताया जाता है जैसे जैसे दिल्ली हो गया बेंगलुरु हो गया ऊपर आपका जम्मू कश्मीर हो गया कई जगह ये रोहिंग्याज़ जा चुके हैं। फिर इसके अलावा बांग्लादेश से तो कई दशकों से अगर आप देखिए चाहे वो जो बांग्लादेश नया क्रिएशन हुआ था उसके पहले और उसके बाद में भी अगर आप देखोगे तो बहुत ज्यादा आपका इललीगल इमीग्रेशन हुआ है। बांग्लादेश से बहुत से लोग भारत के अंदर एंटर किए हैं। चाहे वो इकोनॉमिक को लेकर हो चाहे वो बाकी चीजों को लेकर हो। फिर इसके अलावा एथनिक और जो कम्युनल सेंसिटिविटीज है बॉर्डर एरियाज में आसाम, वेस्ट बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम में तो इसको लेकर भी चिंताएं बढ़ जाती हैं। तो ये जो पूरा ट्रेंड है ना ये कहीं ना कहीं भारत के लिए कंसर्न इसलिए है क्योंकि यहां पर डायरेक्ट आरोप लगा लगता रहता है डेमोग्राफिक चेंजेस का। स्पेशली आसाम में मैं अक्सर देखता हूं वहां पर अक्सर ये कंप्लेन आती है कि जो लोकल पॉपुलेशन की संख्या है वो आपका कम होते जा रही है इन कंपैरिजन टू जो इललीगल इमीग्रेंट्स वहां पर आकर बसने लग गए हैं। फिर इसके अलावा नेशनल सिक्योरिटी का चैलेंज है। रिसोर्स का प्रेशर होता है कि अभी हमारे देश में ही इतनी पॉपुलेशन है कि उनका ही पूर्ति करना मुश्किल है और बाहर से लोग अगर आकर उस रिसोर्स का फायदा लेने लगेंगे तो क्या यहां पर जो गवर्नमेंट के वेलफेयर स्कीम्स हैं उसका मिसयूज किया जाता है। तो, यह सारे बैकग्राउंड के तहत आपको यह समझना होगा कि यहां पर भारत में जो है स्पेशली बांग्लादेश के साथ और जो म्यांमार के साथ बॉर्डर सड़ता है। यहां पर इललीगल इमीग्रेशन की समस्या सबसे ज्यादा आती है। और इसीलिए अगर आप देखेंगे तो यहां पर मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने जो डायरेक्टिव्स दिया है सभी राज्यों को वो एक्चुअली इन्हीं दोनों बॉर्डर एरियाज से रिलेटेड है। तो यहां पर डायरेक्शन जो दिया गया है उसके बारे में चार पांच इंपॉर्टेंट पॉइंट है वो समझ लेते हैं कि एग्जैक्टली क्या कहा गया है। सबसे पहला 30 दिन का डेडलाइन। बेसिकली सभी राज्यों को और यूनियन टेरिटरीज को बोला गया है। मतलब ऐसा नहीं है कि वही राज्य जो बॉर्डर एरियाज में है। मतलब पूरे देश की हम बात कर रहे हैं। क्योंकि यहां पर रोहिंग्याज हो चाहे बांग्लादेश हो इललीगल तरीके से वो पूरे देश भर में आपको देखने को मिलेंगे। तो यहां पर जितने भी राज्य और यूनियन टेरिटरीज हैं देश के अंदर उनको वेरीफाई करना होगा। का ऑथेंसिटी ऑफ डॉक्यूमेंट जो भी यहां पर इललीगल इमीग्रेंट्स हैं जिनके ऊपर सस्प आपका सस्पेक्ट है कि ये गलत तरीके से भारत में आए हैं लेकिन वो लोग कहते हैं कि हम भारतीय नागरिक हैं तो 30 दिन के अंदर-अंदर उनका डॉक्यूमेंट्स वेरीफाई कर लीजिए और अगर कोई इंडिविजुअल पाया जाता है कि वो इंडियन सिटीजनशिप नहीं है। इंडियन सिटीजन नहीं है तो उनको यहां पर डिक्लेअ कर दिया जाएगा इललीगल इमीग्रेंट्स और उसको इमीडिएट बेसिस पर डिपोर्टेशन करने की कोशिश की जाएगी। फिर दूसरा यहां पर यह बोला गया है सरकार के द्वारा मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के द्वारा क्रिएशन ऑफ डिटेंशन सेंटर मतलब हर एक डिस्ट्रिक्ट के अंदर ध्यान से समझिएगा देश में हर एक डिस्ट्रिक्ट के अंदर एक डेजिग्नेट डिटेंशन सेंटर होना चाहिए फॉर टेंपरेरी होल्डिंग ऑफ इललीगल इमीग्रेंट मतलब मान लो अगर दो भी इललीगल इमीग्रेंट आपके डिस्ट्रिक्ट में पाए गए तो उनको रखने के लिए कोई टेंपरेरी जगह तो होनी चाहिए तो आपको एक डेजिग्नेटेड डिटेंशन सेंटर बनाना होगा जब तक उनको भारत से डिपोर्ट नहीं कर दिया जाता। उनके देश वापस नहीं भेज दिया जाता। और यह जो आपका सेंटर होंगे, डिटेंशन सेंटर होंगे, उनको बेसिक ह्यूमैनिटेरियन स्टैंडर्ड फॉलो करना होगा एस पर सुप्रीम कोर्ट गाइडलाइन। तो दूसरा यह हो गया। तीसरा यहां पर डिस्ट्रिक्ट लेवल टास्क फोर्स बनाया जाएगा। मतलब एक स्पेशल डिस्ट्रिक्ट लेवल टास्क फ़ोर्स होगा जिसको पुलिस हेड करेगी। और उनका काम क्या होगा? आइडेंटिफाई लीगल इमीग्रेंट्स। इन्वेस्टिगेट उनका डॉक्यूमेंट्स इन्वेस्टिगेट करना। उनको स्टेटस को देखना। यहां पर जो लीगल प्रोसीडिंग्स हैं उसको इनिशिएट करना डिपोर्टेशन के लिए। तो ये आपका टास्क फोर्स का काम होगा। फिर नेक्स्ट यहां पर जो इंपॉर्टेंट चीज है वो है मंथली रिपोर्टिंग। मतलब सभी राज्यों को हर महीने 15th ऑफ एव्री मंथ मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स को रिपोर्ट करना होगा। एक मंथली रिपोर्ट बनाकर देनी होगी कि आखिरकार पिछले एक महीने में कितने इंडिविजुअल्स उन्होंने वेरीफाई किए। कितने इंडिविजुअल्स का डिपोर्टेशन इनिशिएट किया गया और कितने एक्चुअल में लोगों को डिपोर्ट के लिए भेजा गया? जो बॉर्डर फोर्सेस हैं और जो कोस्ट गार्ड हैं उनको सौंपा गया। तो ये आपका एक इंपॉर्टेंट डायरेक्टिव दिया गया है। और लास्ट में एक और चीज है वो है इंटीग्रेशन विद नेशनल डेटाबेस। मतलब एक बार इंडिविजुअल को डिपोर्ट कर दिया गया उसके देश भेज दिया गया तो उस केस में एक सेंट्रल डिपोर्टी पोर्टल होगा। एक वेबसाइट होगा जहां पर उसका अपलोड किया जाएगा कि किसको हमने भारत से बाहर भेजा है और उन सभी के जो आपके डिटेल्स हैं वो भारत के अलग-अलग एजेंसीज के साथ शेयर किए जाएंगे। जैसे आधार का हो गया यूआईडीआई इलेक्शन कमीशन को भेजा जाएगा। मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स को भेजा जाएगा। क्यों भेजा जाएगा? मान लो अगर उस इललीगल इमीग्रेंट ने आधार बना रखा है। गलत तरीके से वोटर आईडी बना रखा है। पासपोर्ट बना रखा है। तो उसको एक प्रकार से रद्द किया जाए। क्योंकि अभी रिसेंटली मैंने एक वीडियो भी बनाया था और आपको बताया था जब आपको याद होगा भारतपाकि का युद्ध चल रहा था। उसके पहले भारत सरकार ने एक कदम लिया था जिसमें सभी पाकिस्तानी नेशंस को बोला गया कि आप 24 घंटे के अंदर-अंदर भारत छोड़कर चले जाइए। मतलब एक पर्टिकुलर डेट दे दिया गया। टाइमलाइन दे दिया गया और तब पता चलता है कुछ ऐसे पाकिस्तानी नेशनल्स हैं जिनके पास आधार भी है। वोटर आईडी भी है। उन्होंने कहा है कि हमने वोट भी किया है इलेक्शन में। सोचिए पाकिस्तानी नेशनल्स ने भारत में वोट भी किया है। तो इस तरह की चीजें सामने निकल कर आने लग गई। तो यहां पर जितने भी लोगों को भेजा जा रहा है उसका डाटा जो है इन एजेंसीज को भेजा जाएगा ताकि अगर उनका कोई भी आईडी है तो उसको कैंसिल कर दिया जाए। अच्छा अभी तक इसको लेकर क्या इंप्लीमेंटेशन स्टार्ट हुआ है? कुछ चीजें हुई अलग-अलग राज्यों में क्योंकि कुछ-कुछ खबरें आ रही थी। तो मैं आपको बता दूं राजस्थान में अगर आप देखोगे तो रिसेंटली 148 इललीगल बांग्लादेशी इमीग्रेंट्स को डिपोर्ट किया जा चुका है। जी हां वाया वेस्ट बंगाल इनको ऑलरेडी भेजा जा चुका है। गुजरात में अगर आप देखोगे तो करीब 6500 बांग्लादेशी जो इललीगली रह रहे थे सूरत और अहमदाबाद में उनको अभी के लिए डिटेन किया गया है। उनको भी भेजने की तैयारी है। मिजोरम में अगर आप देखिए तो देखो मिजोरम में थोड़ा सा मामला पेचीदा है क्योंकि यहां पर जो म्यांमार से रेफ्यूजीस आए हैं हम उनकी बात कर रहे हैं और जिस तरह से म्यांमार में अभी रिसेंटली आपको याद होगा पिछले दो-तीन वर्षों से लड़ाई चल रही है आर्मी ने टेकओवर कर रखा है जिसकी वजह से वहां से बहुत सारे लोग जो है जो चीन ट्राइब आपने सुना होगा तो वो आपका म्यांमार में आते हैं। तो उनका काफी रिलेशंस भी है भारत में। तो यहां पर 33,000 रेफ्यूजीस ऑलरेडी चीन और जो ज़ोमी कम्युनिटी के हैं वो आपका म्यांमार में आ रखे हैं। तो यहां पर क्या है ना कि अभी उनको डायरेक्टली भेजना वो भी शायद संभव नहीं लग रहा है। हो सकता है आगे चलकर भेजा जाए जब सिचुएशन नॉर्मल हो जाए म्यांमार में। लेकिन यहां पर एट लीस्ट हमें पता तो होना चाहिए। डॉक्यूमेंटेड तो होना चाहिए कि कितने लोग भारत में आए हैं। अगर वह हम नहीं करेंगे तो कल के डेट में वो और बड़ा प्रॉब्लम क्रिएट हो जाएगा। तो यहां पर कोशिश यही हो रही है क्योंकि बोला गया था कि उनका एक पोर्टल में एक पोर्टल डिजाइन किया गया है जिसमें उनका डॉक्यूमेंटेशन होना चाहिए। लेकिन अभी तक उसमें कुछ गड़बड़ी हो गई थी लेकिन उसको वापस से अभी स्टार्ट किया जा रहा है। तो ये सारे एक्शंस अभी तक लिए गए हैं। अच्छा भारत सरकार ये जो कदम ले रही है क्या इसके पीछे कोई लीगल बेसिस है? देखो यहां पर सरकार का कहना है कि हमारे पास कोई अलग से रेफ्यूजीस के ले लेकर कानून नहीं है। लेकिन हां फॉरेनर्स एक्ट 1946 है जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि सरकार के पास पावर है कि वो किसी भी इललीगल इमीग्रेंट को डिटेक्ट कर सकती है, डिटेन कर सकती है और डिपोर्ट कर सकती है। उसके बेसिस पर किया जा रहा है। फिर इसके अलावा सिटीजनशिप एक्ट 1955 सिटीजनशिप उन्हीं को मिल सकता है दे कैन बी ग्रांटेड ओनली अंडर वेल डिफाइंड लीगल प्रोविज़ंस। नो स्पेशल स्टेटस फॉर रोहिंग्याज और इकोनॉमिक माइग्रेंट्स। वह नहीं दिया जाएगा। तो, यह साफ-साफ सिटीजनशिप एक्ट कहता है। और फाइनली यहां पर सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट्स भी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कहा है, इट इज़ सोवरन राइट ऑफ इंडिया टू डिपोर्ट इललीगल इमीग्रेंट्स। अगर कोई सही तरीके से आ रहा होता, वैलिड तरीके से आ रहा होता, तो आपको कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन अगर आप इललीगल इमीग्रेंट्स हो तो यहां पर भारत सरकार के पास हक है कि वो आपको भेज सकता है। हां यहां पर बेसिक ह्यूमन राइट्स का जहां तक सवाल है वो मेंटेन किया जाएगा इन डिटेंशन सेंटर। अच्छा यहां पर मैंने कल एक वीडियो भी बनाया था जिसमें अगेन इस चीज को सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कह दिया। एक्चुअली एक मामला था 2015 का। 2015 में एक श्रीलंकन जो है उसको अरेस्ट किया गया था और 2018 में उसको उसको कन्विक्ट भी कर दिया गया। 10 साल की सजा हुई फिर उसको रिड्यूस करके 7 साल किया गया। तो अब क्या है कि उसका सजा खत्म हो रहा है। तो वो चाहता है कि उसको वापस श्रीलंका ना भेजा जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया कि नहीं यहां पर उसको भेजा जाएगा। कोई एक्सेप्शन नहीं होगा। इनफैक्ट वो पर्सन ने ये भी कह दिया था कि मेरी वाइफ बच्चे यहीं रह रहे हैं इंडिया में। तो अगर आप ऐसा भेजते हो तो ये ह्यूमैनिटेरियन ग्राउंड से सही नहीं होगा। लेकिन फिर भी सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कहा है कि नहीं इस मामले में कोई भी सुनवाई नहीं होगी। भारत कोई धर्मशाला नहीं है। ऑलरेडी यहां पर 140 करोड़ लोग हैं। तो ये आपको समझना होगा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ-साफ चीजें क्लियर कर दी हैं। अच्छा जहां तक सवाल है इसका डिप्लोमेटिक और जियोपॉलिटिकल इंप्लिकेशन क्या हो सकता है? देखो अगर हम बांग्लादेश के पर्सपेक्टिव से बात करें तो भले ही भारत ने क्लेम किया है कि हम यहां पर सभी इललीगल बांग्लादेशियों को चुनेंगे यहां पर डिपोर्ट करना चाहेंगे लेकिन बांग्लादेश बार-बार इस चीज को डिनाई करता है। बांग्लादेश ये कहता है कि हम अपने टर्म्स में वेरीफाई करेंगे कि वो जो पर्सन है वो बांग्लादेशी है कि नहीं। तो इसको लेकर भी थोड़ा सा प्रॉब्लम है और स्पेशली क्योंकि अभी शेख हसीना पावर में नहीं है। यहां पर मोहम्मद यूनुस है। तो यहां पर रिलेशंस ऑलरेडी खराब हैं। तो वो देखना होगा कि आखिरकार ये जो 30 दिन का डेडलाइन दिया गया है उसके बाद जो है सरकार कैसे इन लोगों को बांग्लादेश वापस भेज पाएगी और म्यांमार में तो ऑलरेडी आपको पता है यहां पर ऑलरेडी बहुत सारे प्रॉब्लम्स चल रहे हैं। रोहिंग्या रेफ्यूजीस का इशू चल ही रहा है। तो भारत को यहां पर डर है कि यहां पर अनवेिरिफाइड जो इनफ्लोस है और इललीगल इमीग्रेंट्स जो है वो लगातार म्यांमार से आते ना रहें। क्योंकि जैसे ही यहां पर आर्मी के द्वारा जो है क्रैकडाउन किया जाता है और ज्यादा इमीग्रेंट्स जो हैं वो भारत की तरफ आने लगते हैं। तो कई सारे सवाल हैं, कई सारी चीजें हैं। बट आई होप कि ये जो लेटेस्ट डायरेक्टिव आया था मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की तरफ से 30 दिन का डेडलाइन वो आपको समझ में आया होगा और जाने से पहले एक इंटरेस्टिंग क्वेश्चन। क्या आप बता सकते हो व्हिच ऑफ द फॉलोइंग पार्ट ऑफ इंडियास ऑफिशियल इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट फेंसिंग एंड सिक्योरिटी स्ट्रेंथनिंग इनिशिएटिव। इनमें से कौन-कौन सा बॉर्डर जो है वो भारत का जो ऑफिशियल इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट फेंसिंग का पार्ट है? है यह आपको बताना है और इसका जो राइट आंसर है आप सब जानते हैं मेरे Instagram पर तो मिलेगा ही वहां पर अगर आप नहीं हो कोई बात नहीं tlegram से ले सकते हैं इसका सही उत्तर और जैसा मैंने आपको बताया अगर आप यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं कोई भी बैच चाहते हैं यू कैन यूज़ दिस कोड अंकित लाइव टू गेट मैक्सिमम डिस्काउंट दोस्तों चाहे आप यूपीएससी की तैयारी शुरू कर रहे हो या फिर प्लान बना रहे हो मेरे पास है एक जबरदस्त ओपोरर्चुनिटी स्टडी आईक्यू का यूपीएससी फाउंडेशन कोर्स सोचिए एक ऐसा ऑल इन वन प्रोग्राम जहां मिलेगा आपको सॉलिड तैयारी 1000 प्लस आवर्स की लाइव क्लासेस टॉप एजुकेटर्स के साथ पर्सनलाइज्ड मेंटरशिप, हैंड रिटन नोट्स और पीआरपी, एमआरपी जैसे फोकस्ड रिवीजन मॉड्यूल्स स्कॉलरशिप भी हैं दोस्तों। प्रीलिम्स क्लियर करो पूरा फीस रिफंड लो। हर मंथ टॉप परफॉर्मर्स को मिलेंगे ₹1,000 के कैश रिवॉर्ड। इकोनॉमिकली वीकर स्टूडेंट्स के लिए है उड़ान स्कॉलरशिप ताकि पैसा कभी रुकावट ना बने। गोल्ड, प्लैटिनम या डायमंड। जो प्लान आपके लिए बेस्ट हो उसे चूज़ कीजिए। और सबसे खास बात आपको गाइड करेंगे खुद एक्स सेक्रेटरी अनिल स्वरूप सर जिन्होंने यूपीएससी सिस्टम को अंदर से देखा है। स्टडी आईक्यू पर भरोसा किया है 2 करोड़ से ज्यादा इंडियंस ने और अब आपका नंबर है यूपीएससी फाउंडेशंस कोर्स के साथ अपना आईएस ड्रीम सर्च करने का। अब करना क्या है? बस स्टडी आईक्यू के ऐप पर जाइए या फिर कमेंट सेक्शन में दिए गए लिंक पर क्लिक करिए। यूपीएससी फाउंडेशंस कोर्स ढूंढिए। बाय नाउ पर क्लिक करने के बाद डिस्काउंट कोड के सेक्शन में लिखिए ए एन के आई टी एल आई वी ई अंकित लाइव और पाइए सबसे लोएस्ट प्राइस। योर आईएस जर्नी स्टार्ट्स नाउ। [संगीत]