हेलो प्यारे प्यारे नन्य मन्य बच्चे लोग क्या हाल चाल है आप सभी लोग के मैं हूँ आलोक चौबे आपका फिजिक्स मेंटर आपका दोस्त और मैं पढ़ाने वाला हूँ आप सभी लोग को फिजिक्स तो भाई आज अपनी पहली क्लास है क्लास सेवन्थ जुनून के अंदर कहाँ पर क्लास में जाके पता चलेगा पर उससे पहले मैं आपको अपने एक दोस्त से मिलवाना चाता हूँ इनसे मिलिये ये है पिंटू हेलो दोस्तों मैं पिंटू हूँ अच्छा पिंटू ये बताओ कि हम लोग विंटर्स में किस टाइप के कपड़े पहनते हैं भाईया वुलन क्लॉट्स पहनते हैं बिल्कुल सही जवाब है और समर्स में किस टाइप के कपड़े पहनते हैं भाईया कॉटन क्लॉट्स पहनते हैं पर क्या तुम ये बता सकते हो कि आखिर हम ऐसे कपड़े क्यों पहनते हैं बहिया क्योंकि winters में ठंडी लगती है और summers में गर्मी लगती है अच्छा मतलब तुम कहना चाहते हो कि winters में ठंडी होती है और summers में गर्मी होती है पर तुम्हें कैसे पता कि winters में ठंडी होती है और summers में गर्मी होती है बहिया क्योंकि हमारी body को ठंडी लगती है winters में और गर्मी लगती है summers में तुम्हारी body को ठंडी लगती है तो तुम कह रहे हो ठंडी है और गर्मी लग रही है तो गर्मी है इसका मतलब हम touch करके बता सकते हैं कोई चीज गरम है या ठंडी है है ना ऐसा ही कहना चाह रहे हो हाँ भईया यही कहना चाहता हूँ तो चले बचलोग चलते हैं classroom में सौंगत है आप सभी का आपके अपने प्यारे से channel PW Little Champ पर मैं हूँ आपका physics mentor आपका दोस्त आलोक चौबे अरे फिजिक्स पढ़ाने वाला हूँ और आज है अमारा चैप्टर कौन सा? वन फिजिक्स का और आपके साइंस का चैप्टर फोर जिसका नाम है हीट तो आज हम हीट के बारे में सारी चीज़े पढ़ेंगे सब कुछ जितना भी आपको जानना जरूरी है वो सारी इंफर्मेशन हम आज की क्लास में लेंगे तो प्यारे प्यारे नन्य मुन्ने बचलोग कॉपी पेन लेके बैट जाएगा मेरे उपर मेरी बातों को ध्यान से सुनना है समझना है और कुछ important लगता है तो उसको note down करते रहना है notes की चिंता ना कीजिएगा notes आपको मिल जाएगा pw app पर तो पूरा focus सुनने पर लगाईएगा चलिए फिर बता देता हूँ मैं कि आज की class में हम क्या क्या पढ़ने वाले हैं तो हम पूरा chapter ही cover करेंगे जिनमें हमारे कुछ important topics होंगे heat and temperature heat and temperature के बारे में हम बात करेंगे हम measuring temperature देखेंगे temperature को कैसे measure किया जाता है और हम करके भी देखेंगे घबराईएगा नहीं फिर हम बात करेंगे transfer of heat की और हम फिर देखेंगे kind of clothes यानि हम किस टाइप के कपड़े पहनते हैं यानि आप और मैं किस टाइप के कपड़े पहनते हैं ये भी हम देखेंगे ठीके तो चलिए बढ़ते हैं आगे ठीके भाई पिंटू चलो फिर हमारे पास तुम्हारे लिए एक task है आराम से देखना है और करना है उस task को तो पहले समझ लो हम क्या कहना चाहते हैं हमने उसको बता दिया कि ये ठंडा है अब कैसे बताया ये हमारे उपर है अब हम तुमसे पूछ रहे हैं कि कुछ और चीजे हैं उनको बताना है कि वो गरम है या ठंडी है जैसे कि इस चाय के कप में रखी हुई एक चम्मच गरम होगी या ठंडी होगी जो जूस है फ्रूट जूस वो गरम होगा या ठंडा होगा इसका जो हेंडल है ये गरम होगा या ठंडा होगा ये तुमको बताना है तो जल्दी से आओ और टिक लगा के जाओ पूने ना टी कप, टी कप, टी कप, गरम होता है, गरम होता है, गरम होता है, इसका आंसर तो ये वाला होगा, फ्रूट जूस, फ्रूट जूस ठड़ा होता है, और इसका आंसर होगा, हेंडल अफ ए फ्राइंग पैन, हेंडल तो गरम होता है, अरे वायार पिंटू तुमने तो एकदम सही सही आंसर कर दिये हैं मतलब तुम कह सकते हो कि कौन सी चीज गरम है कौन सी चीज ठंडी है बस टच करके पर कोई बात नहीं अभी मौका आएगा हम तुमसे कुछ और करवाएंगे क्योंकि उसके अंदर है heat अब ये heat क्या होता है तो heat energy का एक form होता है जो कि हमें sense करवाता है कि कोई चीज गरम है या ठंडी है यानि heat is a form of energy which produce the sensation of warmth and flow when there is a temperature difference between two bodies अब temperature क्या है? temperature की अभी हम बात करेंगे कि temperature क्या होता है? बट हम अभी heat की बात करेंगे, ये एक energy का form है, जैसे light energy है, जैसे sound energy है, उसी तरीके से heat energy है. अब आपके घरों में खाना बनता होगा, तो gas में जो chemical भरा हुआ है, वो convert होता है heat energy में, और उससे हमारा खाना पकता है, तो ये तो आप लोगों ने देखा हुआ है, तो वही बात कर रहे है heat की, कुछ अलग heat नहीं है.
अब एक और चीज, energy के बारे में, वो ये है कि energy neither be created nor be destroyed ना तो हम energy को create कर सकते हैं ना ही destroy कर सकते हैं मतलब इस universe में इस ब्रह्माण में जो total energy है वो हमेशा conserve रहने वाली है फिर हम क्या कर सकते है energy के साथ हम बस energy को एक form से दूसरे form में convert कर सकते हैं यानि heat energy can be converted to other forms of energy और कैसे convert कर सकते हैं तो जरा देखिए ये heat energy है अब आप लोगों ने बाइक देखी होगी, आप लोगों ने कार देखी होगी, वो कैसे वर्क करते हैं? तो उन में पेट्रोल और डीजल डाला जाता है, पेट्रोल डीजल बर्न हो रहे हैं, हीट प्रोडूज हो रही है, और वही हीट हमारे बाइक और कार को चला रही है, energy का conversion हो रहा है, energy हम create नहीं कर रहे है, ना ही destroy कर रहे है, बस उसे एक form से दूसरे form में convert कर रहे है, अब भाई Pintu जैसा कि तुमने कहा था, हम touch करके बता सकते हैं कोई चीज़ गरम है या ठंडी, तो चलो तुमारे लिए हमारे पास एक बड़ी ही मज़दार सी activity है, आओ और आ जिसमें गरम पानी है, hot water है, और container C, जिसमें थंडा प्लस गरम, दोनों पानी है, hot प्लस cold water है, ठीक है? अब तुमको करना क्या है? तुमको आना है, इसमें अपना left hand डालना है, इसमें अपना right hand डालना है, और इसमें दोनों hand डालना है, left प्लस right, तो, आओ!
यहाँ पर इसमें अपना left hand डालो, इसमें right hand डालो, एक-दो मिनट के लिए छोड़ दो, और फिर दोनों हाथ को इस पानी में डालो, और फिर मुझे बताना कि तुम्हें ये वाला जो पानी है, वो कैसा feel हो रहा है, तो जल्दी से आजाओ यहाँ पर पिंटू, और ये करके अब इसको डाल के रखते हैं थोड़ी देर तक, जैसा कि सर ने बोला था, अब दोनों हैंड को ले जाके इसमें डाल देता हूँ मैं, इसमें डाल दिया, लेफ्ट हैंड, राइट हैंड दोनों को डाल दिया, अब लेफ्ट हैंड को ये पानी गरम लग रहा है, राइट हैं� आप ही बता दो ना हाँ तो प्यारे प्यारे नन्ने मन्ने बचलोग आप लोगों ने देखा कि हमारे दोस्ट पिंटू तो बिचारे खुद ही परिशान थे क्योंकि उनके एक हाथ को गरम फील हो रहा था ये पानी और दूसरे हाथ को ठंडा फील हो रहा था मतलब खुद ही confusion में है इसका मतलब human touch एक reliable measure नहीं होता है ये बताने के लिए कि कोई body गरम है या ठंडी है फिर आखिर हमें पता कैसे चलता है कि गरम क्या है ठंडा क्या है तो उसके लिए एक चीज होती है जो की correctly बताती है कि कौन सी body गरम होगी, कौन सी थंडी होगी और उस चीज़ को हम कहते है temperature यानि temperature is a reliable measure of hotness or coldness of an object कोई body कितनी गरम है, कोई body कितनी थंडी है ये हमें बता दिता है temperature और ये एक reliable measure है, यानि इस पर हम भरोसा कर सकते हैं जैसे आप लोग P.W. Littlechamp पर कर रहे हैं चलिए, फिर आगे बढ़ते हैं temperature is the degree of hotness or coldness of a body temperature हमें बताएगा कि कोई body कितनी ज़ादा गरम है कितनी ज़ादा थंडी है चलिए अब ये तो बात हो गई temperature के बारे में हमने heat देख लिया अब कोई body है अगर उसका temperature high है इसका मतलब क्या है a high temperature of an object tell us that the body is very hot whereas a low temperature of the object tell us that it is quite cold यानि अगर temperature जादा है तो हम कहे देंगे कि body बहुत गरम है और temperature थंडा है तो हम कहे देंगे body बहुत थंडी है जैसे हमने अभी दो example लिये थे पीछे तो जो frying pan था temperature जादा तो वो बहुत गरम था उसको हम touch नहीं कर सकते touch करेंगे तो हम गए हाम हो जाएगा वही आइस क्रीम टेंपरेचर बहुत कम था थंडा था उसे हम टच करेंगे तो हाम नहीं होगा पर हमारे जो स्किन है उसमें जनजना हाट सी होगी होगी ना क्योंकि टेंपरेचर कम है क्लियर है सारी चीजें हाँ सर सब कुछ क्लियर है और ये देखिए टें� क्या है answer? बताएंगे हम, पर उससे पहले हम देख लेते हैं relation between heat and temperature. heat और temperature में relation क्या होता है? तो देखिए, heat and temperature.
अब जैसे जैसे हम किसी body की heat को बढ़ाते जाएंगे, यानि increase करते जाएंगे, वैसे वैसे उस body का temperature है, वो भी increase करता जाएगा. से heat को घटा रहे हैं यानि remove कर रहे हैं तो temperature घटेगा यानि simple सा है इसको हम एक single line में define करें तो हम ये कह सकते हैं कि जब heat add होगी जब heat add होगी किसी body में तो उस body का temperature increase हो जाएगा जब किसी body में heat को हम add करेंगे तो उस body का temperature increase हो जाएगा वही अगर हम किसी body में से heat को remove करते हैं heat को remove करते हैं तो उस body का temperature घट जाएगा simple सा पंडा है समझ में आ गया होगा आपको heat को add कीजिए temperature बढ़ेगा heat को निकाल लीजिए temperature घट जाएगा ये दो relation होता है heat and temperature में अब relation तो हो गया तो differences भी होते होंगे क्या होते है differences तो देखो जाला ध्यान से heat क्या है heat energy का एक form है और temperature हमें बताता है degree of hotness और coldness यानि body कितनी गरम है कितनी ठंडी है ये ये बताएगा अब heat जो है बचा लोग वो किसी body में कितनी heat है हमारे पास direct ऐसा measure करने के लिए कोई instrument नहीं है जो कि हम measure करके बता दे कि इस body के अंदर इतनी heat है याने it is not determined directly by an instrument but हम temperature को directly determine कर ��कते हैं कि किसी body का temperature कितना है किसी instrument से आ गया, क्यों भाई, पिंटू और प्यारे प्यारे बच्चलोग, समझ में आया की नहीं? हाँ, समझ में तो आ गया, पर भाईया, वो instrument क्या होता है? अरे वाया पिंटू, तुम तो बहुत चलाक हो और mind भी तुमारा बहुत तीट चलता है, तुमने देखा instrument और हमसे पूछ लिया वो कौन सा होता है?
तो चलो, अब तुम्हारे दिमाग में ये सवाल आया है, तो प्यारे प्यारे बच्चों के दिमाग में भी ये question जरूर आया होगा, तो चलिए फिर हम answer कर ही देते हैं, देखे जरा ध्यान से. तो temperature को measure करने के लिए एक instrument यूज़ किया जाता है, एक device यूज़ किया जाता है, उसको हम कहते है thermometer, यानि temperature is measured using a device called thermometer, अब दिखता कैसा है, क्या आप लोगोंने कभी देखा है, नहीं देखा तो देखे, हम दिखाते हैं, कुछ इस कदर का दिखता है thermometer, अब इसके बारे में हम detail बताईए अगर देखा है तो हम बता रहे हैं कहां देखा होगा किसी की तबियत खराब हो गई तो उसको डॉक्टर के पास लेके गए तो डॉक्टर क्या करता है हमारी बॉडी का टेंपरेचर मेजर करता है थर्मामीटर की हेल्प से और हमारी बॉडी का थर्मामीटर की हेल्प से टेंपरेचर मेजर किया जाता है और उस थर्मामीटर को हम कहते हैं क्लिनिकल थर्मामीटर यानि थर्मामीटर देखने के लिए बॉडी का टेंपरेचर की हेल्प से टेंपरेचर मेजर किया जाता है और आप लोगों ने देखा होगा आजकल इस ताइप का भी एक थर्मामीटर देखने को मिलता है जिससे कहा जाता है डिजिटल थर्मामीटर यानि इसमें आप बस जहां भी मॉजर करना है बॉडी टेंपरेचर यानि टंग के नीचे रखे उसको बाहर निकालेंगे तो यहा� कि चलिए भाई क्लिनिकल थर्मोमीटर की बात करते हैं तो क्लिनिकल थर्मोमीटर को कुछ इस तरीके से डिजाइन किया जाता है कि यह सिर्फ और सिर्फ यूमन बॉडी के टेंप्रेचर को ही मेजर कर सकता है ठीक है तिर्फ और सिर्फ यूमन बॉडी के टेंप्रेचर को मेजर कर सकता है अब यह वाला जो सीन है यह तो आप लोगों से छुपा नहीं होगा आप लोगों ने इस सीन को बहुत ज्यादा देखा है बहुत ज्यादा देखा है क्योंकि हम लोग पूविड एरा से बचके बाहर आ रहे हैं तो कभी भी आप लोग बाहर जाते थे तो देखते थे मास्क लगा है हमारी बॉडी का टेंपरेचर मिजर कर रहे हैं योगन जैसा रहता था और यहाँ पर हमारी बॉडी का टेंपरे और एक limit से कम है तो आप जाएए अपना काम करके आएए तो ये भी क्या है एक digital thermometer है ये हमारी body से निकलने वाले radiation को sense करके हमारी body का temperature बता रहा है तो ये चीज तो आप लोगे ने देखी होगी familiar होंगे आप से अब देखो एक जो clinical thermometer होता है उसमें क्या क्या चीज होती है तो a clinical thermometer consists of a long narrow uniform glass tube it has a bulb at one end this bulb contains mercury आप लोगों के मन में curiosity आ रहा होगा कि सर clinical thermometer के बारे में इतनी बाते हो गई थोड़ा सा दिखा दीजिये और ये भी बता दीजिये कि read कैसे करते हैं तो चलिए दिखाते हैं clinical thermometer को वो कुछ इस कदर का दिखाई देता है clinical thermometer अब देखिये clinical thermometer के कुछ parts होते हैं ये जो लंबी सी white color की long narrow tube दिख रही है ना इसको कहा जाता है capillary tube capillary tube कहा जाता है इसमें एक एंड पर बल्ब होता है और इस बल्ब में क्या होता है? मर्क्यूरी भरा होता है मर्क्यूरी भरा होता है इस पे एक किंक होता है और इसकी जो रेंज होती है वो होती है 35 degree centigrade to 42 degree centigrade आप कोई भी clinical thermometer उठा के देखें उसकी रेंज यही मिलेगी क्यों मिलेगी?
क्योंकि हमारी body का temperature यानि आपकी body का temperature है वो 35 degree centigrade से 42 degree centigrade के बीच में ही vary करता है इसी वज़े से इस thermometer को कुछ इस कदर बनाया जाता है ताकि ये दोनों range के temperature को measure कर सके अब generally हमारी body का temperature इससे कम नहीं होता है इससे जादा नहीं होता है इसी range में भूमता फेता रहता है तो इसका इस्तिमाल किया जाता है अब देखो यहाँ पर हर एक part का हम आपको बताते है काम क्या होता है सबसे पहली बात भाई mercury mercury क्यों भरा जाता है सवाल है न मरकरी क्यों लिया जाता है एक question है तो इसका answer हम करेंगे हम बता रहे हैं चलिए सुनिये मरकरी एक liquid होता है अब मरकरी liquid तो है इसमें कौन सी बड़ी बात है बड़ी बात यह है कि यह temperature sensitive होता है यानि अगर temperature में छोटा सा variation होगा तो यह mercury उसको sense करके और क्या करेगा expand होने लगेगा इस capillary tube में और expand होगा तो यह उपर की ओर बढ़ेगा उपर की ओर बढ़ेगा तो हम देख लेंगे कि mercury का level कहां तक पहुँचा है and then हम measure कर लेंगे कि हमारी body का temperature कितना है तो ये highly sensitive होता है temperature के लिए इस वज़े से mercury का इस्तमाल किया जाता है thermometer में ok sir mercury का समझ में आ गया काम अच्छा kink का काम क्या होता है अब माल लो doctor ने आपको thermometer दिया और डॉक्टर उस थर्मामीटर को निकाल के और ऐसे रीड कर रहा है तब तक ये मरकरी का लेवल जो उपर चड़ा है अगर वो नीचे गिर गया तो अगर नीचे गिर गया तो बॉडी का टेंपरेचर एक्यूरेटली मेजर तो हो ही नहीं पाएगा तो इसी वज़े से इस किंक का and उसके according फिर it treatment करेगा तो इस kink का काम होता है mercury के return flow को रोकना पर sir अगर ये mercury return flow ही नहीं हुआ तो फिर वापस ही उपर चड़ता जाएगा चड़ता जाएगा तो temperature तो बढ़ता ही जाएगा है ना दिमाग में सवाल आ रहा होगा पर ऐसा नहीं है जब हम अगली वार thermometer को use करते हैं ये जो mercury उपर आया है इस kink से होते हुए वापस स्टूर हो जाता है तो उसको झटकते हैं एंड वापस उसका हम इस्तेमाल करते हैं तो यह होती है बात क्लिनिकल थर्मामीटर की समझ में आ गया क्या होता है क्लिनिकल थर्मामीटर क्यों भाई पिंटू तुमको समझ में आया कि नहीं बताओ जल्दी हाँ भाईया आ गया सम� माल लो अगर digital thermometer नहीं है यही thermometer है तो कभी अगर हमको reading करने को बोल दिया जाए तो हम कैसे करेंगे तो देखो कैसे करेंगे यहाँ पर भाई यह एक bulb है और इस bulb में क्या है इस bulb में है mercury और mercury क्यों है तो अभी आपको बता दिये है क्योंकि यह temperature sensitive होता है temperature में अगर थोड़ा सा भी variation होगा तो यह उपर की ओर बढ़ने लगेगा expand होने लगेगा clinical thermometer है देखेगा ज़रध्यान से इसकी range कहां से कहां है 35 से 42 अब यह मरकरी जब ऊपर की ओर जा रहा है जा रहा है जा रहा है तो जहां तक पहुंचेगा वहां पर आपको देखेगा एक रेड कलर का मार्क और नहीं भी दिख रहा है तो आप उसको नोट डाउन कर लीजिए कि कहां तक वो पहुंचा है कौन मरकरी और फिर उसके बाद ह यहां तक mercury का level पहुँच चुका है, mercury का level यहां तक पहुँच चुका है, ठीक है, अब हम देखेंगे, 36, यह रहा 36, और यह रहा 37, यह रहा, यहां पर है, यह है 36, यह है 37, अच्छा 36 और 37 के बीच में कितने चोटी-चोटी डन्या है, तो देखते हैं कितने parts में divide किया गया है 5, 6, 7, 8, 9 और एक यही पार्ट हो जाएगा 10 यानि इसको टोटल 10 पार्ट में डिवाइड किया गया है यानि 36 to 37 एक डिग्री का डिफरेंस है एक डिग्री सेंटिग्रेट का डिफरेंस है और इस एक डिग्री सेंटिग्रेट को भी 10 छोटे छोटे हिस्सों में डिवाइड किया गया है यानि 1 डिग्री को 10 पार्ट में यानि एक पार्ट बराबर कितना होगा एक पार्ट बराबर होगा 0.1 degree centigrade अरे degree centigrade क्या है सर? अरे नहीं पता क्या? अरे degree centigrade temperature को measure करने की unit है भाई temperature को measure कैसे करेंगे? तो temperature को measure हम करेंगे degree centigrade में जैसे हम लोग mass को measure करते हैं केजी में आप market जाते हैं दुकान वाले से कहते हैं भाईया 2 kg आम देजिये मास को measure करने की unit, उसी तरीके से temperature को measure करने की unit होती है degree centigrade, तो अब 1 degree centigrade के अंदर 10 division है, 10 division है, मतलब 1 division हमको show कर रहा है 0.1 degree centigrade, अब देखेगा, कहाँ पर है ये, ये marking यहाँ पर है, ये रही, अच्छा गिनते हैं यहाँ से, ये तो हो गया 36, यहाँ पर हो गया 36, तो 36 हमने लिख 2, 3, 4, 5, 6 यहनी 6 है 6 part, 6 part यहनी 0.6 यहनी 36.6 degree centigrade यहाँ पर जो temperature show हो रहा है वो कितना है 36.6 degree centigrade और हमने बड़ी ही आसानी से इसको read कर लिया कैसे किया एक बार फिर से बताता हूँ देखो जब हम इस bulb को अपने mouth में रखेंगे तो क्या होगा temperature चेंज होने की वज़े से ये मरकरी का लेबल उपर बढ़ेगा और ये इस ट्यूब में उपर बढ़ता जाएगा। तो माल लिजे हमने रखा और ये मरकरी यहां तक बढ़के आ गया है। अब हमें इसकी रीडिंग करना है। तो क्या करेंगे हम देखेंगे कि ये जो रीडिंग है किसके बीच में है तो 36 और 37 के बीच में है यानि एक डिग्री का डिफरेंस है दोनों में और इस एक डिग्री को भी 10 इक्वल पार्ट में डिवाइड किया गया है मतलब 1 पार्ट इस इ तो यहां तक हो गया 36, इसके आगे का काउंट कर लीजे, 1, 2, 3, 4, 5, 6, यानि 36.6 degree centigrade, और यह क्या है, तो यह है किंक, किंक का काम आपको बता दिया है मैंने, मरकरी के reverse flow को रोकना, तो समझ में आ गया, समझ में आ गया न, कैसे थर्मामीटर की reading की जाती है, अब आ गया है, तो चलो फिर, आगे बढ़ते हैं, और क्या देखते हैं, तो laboratory thermometer, जो थर्मामीटर है वो सिर्फ 42 डिग्री सेंटीग्रेट का टेंपरेचर मीजर कर सकता है भाई ऐसा तो है नहीं कि सिर्फ 42 डिग्री तक ही टेंपरेचर होता है बहुत सारी चीज़े होती हैं जिनका अलग-अलग टेंपरेचर होता है और इसी लिए अलग-अलग टाइप के थर्मामीटर भी यूज किये जाते हैं जैसे हम यू बात कर रहे हैं लेबोरेटरी थर्मामीटर की माइनस 10 डिग्री सेंटिग्रेट से 110 डिग्री सेंटिग्रेट और वो कुछ इस कदर दिखता है जिसमें सबसे lowest rating कितनी है minus 10 degree centigrade और maximum temperature कितना measure कर सकता है 110 degree centigrade इसमें इतने division होते है अब यह जो laboratory thermometer होता है इसको measure करने के लिए कुछ चीजों को follow करना होता है कुछ laws होते हैं हम कहेंगे कुछ नियम्स होते हैं और वो क्या होते है कि इस laboratory thermometer को हमेशा up right रखा जाता है अगर आप इसको tilt करेंगे तो ये accurate temperature नहीं बताएगा तो इसलिए इसको सीधा रखा जाता है अब इसके अलावा इसको किस तरीके से measure किया जाता है तो जब कभी भी आप laboratory thermometer का use करें तो आप जिस भी चीज का temperature measure कर रहे हो उसके अंदर इसके bulb को रखना है इसका bulb उस liquid से, उस gas से, उस solid से चारों साइट से surrounded हो कि ये bulb उस container से touch ना हो जिसमें हमारा material रखा हो क्योंकि अगर container से touch होगा, तो वो container के temperature को भी measure कर लेगा, तो ये चीज़े हमें ध्यान में रखनी है, यानि its bulb should be surrounded from all side by the substance, and should not touch the surface of the container, तो अगर ये हम, चीजों को फॉलो करेंगे तो लेबोरेटरी थर्मामीटर भी एक्यूरेट टेंप्रेचर मीजर करके हम लोगों को दे देगा समझ में आ गई यहां तक बात टेंप्रेचर मेजरमेंट कैसे किया जाता है अब टेंप्रेचर मेजरमेंट हो गया है तो अब आपके लिए मेरे पास एक छोटा सा प्यारा सा सवाल है और क्या है वो देखे ज़रा ध्यान से अब ही आप लोगों को बताया था रिलेशन बिट्वीन हीट एंड टेंप्रेचर में कह रहा है heat को remove किया जा रहा है किसी substance से तो उसका temperature क्या होगा? options A, B, C, D A, B, C, D जल्दी से सोचिए सही answer टिक किजिए comment करके बताइए सही answer क्या होगा?
कर दिया? चलो मैं बताता हूँ देखो ये रही एक body अब इस body में से heat remove हो रही है पाहर जा रही है और heat remove होती है तो हमने पढ़ाता कि heat के removal से temperature जो होता है body का वो decrease हो जाता है temperature decrease होगा यानि कौन सा option सही है b वाला option सही है b वाला सही है temperature decrease होगा on the removal of heat from a substance आप लोगों ने कर दिया होगा चलिए फिर आगे बढ़ते हैं और अगला topic देखते हैं और ये इस chapter का सबसे interesting topic है transfer of heat हमने बात कर ली heat क्या होता है energy का form है और ये energy का form है convert कर रहे हैं किसमें दूसरे form of energy में but heat का transfer भी होता है एक जगे से दूसरे जगे heat को हम transfer भी कर सकते हैं और कैसे कर सकते हैं तो जड़ा देखिये ध्यान से क्या क्या condition होनी चाहिए सबसे पहली बात तो condition क्या होनी चाहिए heat transfer की तो भाई देखो दो body चाहिए एक body को हम कहते है source ये रहा source मान लेते है ये body है एक और एक दूसरी body चाहिए जिसे हम कह रहे हैं sink और इस body का नाम हमने दे दिया है B अब इस body का temperature मान लेते हैं T1 है और इस body का temperature है T2 तो ये condition होनी चाहिए पहली condition दो body चाहिए अब दो body तो चाहिए और दूसरी सबसे important condition ये है कि उनके temperature में difference होना चाहिए अगर temperature में difference है तब ही heat flow होगा और कहां से कहां flow होगा तो hot body to cold body यहां हम कहें कि higher temperature से lower temperature पर heat flow होगा यह देखिए source का temperature T1 है जो की जादा है sink के temperature से तो heat का flow कहां से कहां होगा A से B की ओर होगा यानि body A से body B तक heat transfer होगी तो यह तो चीज़े समझ में आ गई हमको अब इसकी processes भी होती है वो भी हम पढ़ेंगे पर पहले हम conditions देख रहे थे क्या condition है यह हमने आपको बता दी heat always flow from hot body to cold body और अगर temperature same हो तो अगर two bodies रखी है और उनका temperature same हो जाए तो फिर heat flow नहीं होगा क्योंकि condition में बताया मैंने आपको कि दोनो bodies के बीच में temperature का difference होना must है must है must है तो अगर bodies same temperature पर है अगर bodies same temperature पर है तो उनमे heat transfer नहीं होगा heat will not be transferred if the two objects having सेम टेंपरेचर तो ये कंडीशन भाई नहीं होगी ठीक है तो हमेशा याद रखना है पहली चीज दो बॉडी चाहिए दूसरी चीज टेंपरेचर डिफरेंस चाहिए और अगर होगा तो हीट ट्रांसफर इजली हो जाएगा पर कौन कौन सी प्रोसेस से हीट ट्रांसफर होता है तो चलिए स्टार्ट करते हैं हम सबसे पहली प्रोसेस और उस प्रोसेस को कहा जाता है कंडक्शन कंडक्शन क्या होता है कंडक्शन तो देखिए कंडक्शन मैं आपको बताता हूं डेफिनेशन की बात कर लेते हैं पहले इट इस द प्रोसेस बाय विच हीट फ्लो फ्रॉम द हॉटर एंड टू द कूलर एंड इन द सॉलिट नहीं समझ में आया कोई बात नहीं flame generate हो रही है जो कि इस rod के पास जा रही है ये flames generate हो रही है, flames generate हो रही है तो ये iron की rod गरम हो रही है अब गरम हो रही है तो आप कभी इसके end 2 को माल लेते हैं ये वाला end कौन सा है 1 और ये वाला end 2 है अगर ये flame generate हो रही है यहाँ पर heat जा रही है अगर मैं कहूँ कि आप second end को touch करके बताईए कि वो कैसा है तो आप क्या कहेंगे जल्दी से बताईए आप लोग कहेंगे कि सर, second वाला end भी गरम हो रहा है धीरे धीरे, गरम हो रहा है न धीरे धीरे, पर बच्चा लोग कैसे हो रहा है, हम तो इस वाले end को energy दे रहा है, दूसरा वाला end गरम कैसे हो रहा है? क्योंकि ये है एक solid body, ये है एक solid body और इस solid body में क्या होंगे, numbers of atom, number of atoms होंगे, हर एक चीज एटम से मिलके बनी है, यहाँ पर भी ये एटम से मिलके बनी होई है, अब क्या होगा, ये जो सबसे पहला वाला एटम होगा, इसको हम energy दे रहे हैं, energy दे रहे हैं, energy दे रहे हैं, बह पहले वाले molecule के पास अब ये क्या करेगा अपनी energy को कम करना चाहेगा क्यों करना चाहेगा क्योंकि भाई जीवन में चाहे आप हो चाहे हम हो चाहे कोई भी हो जीवन में सबको चाहिए stability सब लोग चाहते हैं stable होना stable होना चाहते हैं मतलब अगर हमारी capacity से जादा तो क्या होगा हमको दिक्कत होगी न हमको जादा खिला दिया हमारी capacity से तो उसी तरीके से हमने इन सारे molecules को energy दे दी उनकी capacity से जादा तो अब वो चाहेंगे कि उस energy को निकाले, excess energy को और वापस stable condition में आएं, तब ये क्या करेगा, ये जो atom है, ये अपने पास वाले को कुछ energy दे देगा, कैसे जाके उससे टक्राएगा, जाके उससे बार बार टक्राएगा, और टक्राएगा तो friction के form में, heat के form में कुछ energy remove हो जा और इस तरीके से energy का transfer होगा एक molecule से दूसरे molecule तक और energy transfer होते होते कहां तक पहुँच जाएगी दूसरे end तक कौन से तो cooler end तक अब यहाँ पर एक चीज़ देखने वाली यह है यहाँ पर जो particles हैं वो particles अपनी जगे नहीं बदल रहे हैं वो जहाँ पर थे वही पर हैं बस energy ले रहे हैं और पीछे पास कर रहे हैं energy ले रहे हैं पीछे पास कर रहे हैं यानि यहाँ पर energy का transfer हो रहा है without the act एक्ट्रॉल मूमेंट ऑफ द पार्टिकल ऑफ मीडियम देखिए कुछ इस कदर यह फ्लेम है इसके पास में हमने एक रॉड रख दी अब यह रॉड रख दी तो देखिए सबसे पास वाले जो मॉलिक्यूल से उनको सबसे अधार एनर्जी मिली तो वो देखिए एकदम रेड हो गए हैं धीरे धीरे जैसे जैसे हम दूर जा रहे हैं एनर्जी क्या हो रही है ट्रांसफर होती जा रही है इस वाले एंड से इस व सबसे ज़्यादा ठंडा ये वाला part होगा क्योंकि जैसे जैसे हम source से जैसे जैसे हम source से दूर जाते जाएंगे जो temperature है वो कम होता जाएगा क्योंकि जितना ज़्यादा दूर जाएंगे उतनी कम energy वहाँ पर transfer हुई है और इसी वाइसे temperature वहाँ पर कम होगा heat transfer through without the actual moment of the particle यानि conduction में जो heat transfer होता है वो particles के actual moment के बिना ही होता है क्योंकि यहाँ पर देख सकते हैं आप particle actual में motion नहीं कर रहे हैं वो जहाँ पर थे वहीं पर हैं अपनी position पर हैं अपनी position change नहीं कर रहे हैं actual movement का मतलब है position को change करना पर वो position change नहीं कर रहे हैं जहाँ पर थे वहीं पर हैं पर फिर भी heat का transfer कर रहे हैं और conduction से heat का transfer कहाँ पर होता है तो conduction से heat का transfer होता है solid bodies में solid bodies में अगर heat transfer हो रही है तो आँख बंद कीजिए और answer टिक कर दीजिए conduction अब conduction समझ में आ गया, तो question ये है कि क्या सारी bodies ऐसी हैं जिन में से heat transfer हो सकती है? क्या सारी bodies ऐसी हैं जिन में से heat transfer हो सकती है?
तो इसका answer होगा नहीं, कुछ ही ऐसी bodies हैं जिन में से heat transfer हो सकती है solid form में और उन bodies को क्या कहा जाता है? तो उन्हें कहा जाता है conductor यानि the material which allows थे इस टू पास थोड़े इजली आर कॉल्ड गुड कंडक्टर ठीक है गुड कंडक्टर आफ इट ऑल मेटल्स आर गुड कंडक्टर आफ इट ठीक है यह बातें समझ में आगे यानि कुछ ही चुनिंदा ऐसे मटेरियल है जो अपने अंदर से ही को इजली पास होने देते हैं और उन्हें हम कहते हैं गुड कंडक्टर जैसे कि मेटल्स अब मेटल्स में भी क्या-क्या तो जितने भी wires उते हैं वो सारे metal के बने होते हैं, क्यों? क्योंकि वो good conductor होते हैं, अगर बरतन good conductor नहीं हो तो खाना बनेगा कैसे? खाना ही नहीं पकेगा, तो इसलिए good conductor का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि होते हैं metal, कौन-कौन से हो सकते हैं, तो example देखिए, aluminium, iron, iron एक good conductor है क्यो अब समझ में आया कि नहीं पिंटू जल्दी बताओ हाँ भिया आ गया समझ पर क्या ऐसे मटेरियल भी होते हैं जो अपने अंदर से हीट फ्लो नहीं होने देत अरे बहुत अच्छा सवाल है पिंटू, बिल्कुल साही बात है, अब कोई ऐसे material हैं जो अपने अंदर से heat flow करवा रहे हैं, तो कुछ ऐसे भी होंगे जो अपने अंदर से heat flow नहीं करवा रहे हैं, और उन्हें हम कहते हैं insulator, यानि the material which do not allow heat to pass through them easily are poor conductor of heat, poor conductor are also known as insulator, समझ में आ प्लास्टिक एक पूर कंडक्टर होता है इसी वजह से आप देख सकते हैं यहाँ पर हमारे घरों में जो वायर्स इस्तेमाल किया जाते हैं उनके ऊपर रबर की कवरिंग की जाती है लेरिंग की जाती है ताकि कभी हम उसको टच कर लें तो हमें करेंट ना लगे तो प्लास्टिक क्या होता है बैड कंडक्टर यहां हम कहें पूर कंडक्टर और फीट इसके अलावा लकडी वूड भी क्या है पूर कंडक्टर और फीट है यहां से भी करेंट फ्लो नहीं होता है तो यह तो बात हो गई कंडक्टर की यह तो बात हो गई इंसुलेट transfer of heat हमने process देखे conduction जो की solid में होती है अच्छा solid में होती है तो question ये आ रहा होगा दिमाग में सर liquid और gas में heat कैसे transfer होती है तो चलिए वो भी बताता हूँ उस process को कहा जाता है क्या उस process को कहा जाता है convection पर उससे पहले आप लोगों के सामने मेरे पास एक छोटू सा सवाल आ गया है तो देखे जरा सवाल heat flows from a body at ये रहे options A, B, C, D आराम से पढ़िये और सही answer टिक लगाईए क्या होगा सही answer तो देखिये हम बढ़ा रहे हैं heat कहां से कहां flow होता है हमने पढ़ाता कि heat always flow from higher temperature to lower temperature यानि A वाला option बिल्कुल सही है A वाला correct हो जाएगा यही वाला correct होगा और देखते हैं convection जो हमने बताया था कि liquids में कंडक्शन के थूब हीट ट्रांसफर होती है अब यहां पर एक वर्ड आएगा फ्लूड पहले वह बता देते हैं आपको क्या होता है फ्लूड फ्लूड का मतलब होता है लिक्विड प्लस गैस यानि कॉमन रूप से लिक्विड और गैस को कॉमन रूप से हम कहते हैं फ्लू� One part of a fluid to another part by the actual moment of the particle of fluid is called convection.
वहाँ पर particles का actual moment नहीं हो रहा था, बट यहाँ पर particles का actual moment होगा. अब कैसे होगा, तो चलिए समझाता हूँ. देखिये का ज़रुद्ध्यान से. क्या हो रहा है, गैस पर हमने एक बर्तन रखा है, उसमें पानी रखा है और ये पानी गरम हो रहा है. प्यार से तो देखो यहां से यह जो heat है यह जा रही है heat जा रही है heat जा रही है तो जो बर्तन है वो गरम हो रहा है यानि बर्तन का जो lower part है बर्तन का जो lower part है वो गरम हो रहा है गरम हो रहा है और इसमें भरा हुआ है पानी तो इस lower part के contact में जो पानी आ रहा है जो water आ रहा है अब यहाँ पर जो particles हैं जिन्नोंने energy ली है वो हो गए हैं हलके अब जो भी चीज हलकी होती है वो क्या करती है उपर की ओर जाती है तो यहाँ पर water molecules energy लेके हलके होंगे और ये उपर की ओर जाएंगे तो ये देखिये ये उपर जा रहे हैं और उपर जो water molecules हैं वो तो अभी भी ठंडे हैं ना और ठंडे हैं तो वो भारी हैं जो नीचे खाली जगे बनी हुई है उस जगे को भरने के लिए अब वो नीचे जा रहे हैं अब वो नीचे जा रहे हैं खाली जगे को भरने के लिए अब उपर से ठंडे वाले वाटर मॉलिकूल नीचे गए नीचे गए तो उनको फिर से एनर्जी मिल गी वापस उनने एनर् थंडियों के टाइम पर जब नाते दोते हैं गरम पानी से तो जब पानी गरम होता है तो उसने बुलबुले बनते हैं और वो उपर आते जाते हैं उपर आते जाते हैं क्योंकि वो गरम पानी है गरम पानी हलका हो गया भाई वो उपर आ रहा है और उपर से भारी पानी नीच यहाँ पर आप देख सकते हैं कि जो particle है किसके इस medium के उनका actual moment हो रहा है यानि यहाँ पर जो particle था उसने energy ली और यह उपर चला गया यहाँ पर जो particle था, वो नीचे चला गया energy लेने के, यहाँ पर particle का actual moment हो रहा है, तो convection क्या होती है, एक process होती है, जिसके थूँ heat transfer होता है, fluids में, यानि liquid और gas में, किसके थूँ, तो by the actual moment of the particle, समझ में आ गया, सारी बाते clear है, I hope कि आप सभी प्यारे प्यारे नन्हे मुने बच अब मेरे पास convection पर ही based दो बहुत ही प्यारे प्यारे natural phenomenon है, वो बताता हूँ, और वो क्या है, तो वो है sea bridge, sea bridge क्या होता है, अरे नहीं, नहीं, समंदर पे कोई bridge नहीं बनाया है बाई, sea bridge मतलब बहुत simple, क्या है बहुत simple, तो देखे जरा, sea bridge का मतलब क्या है, तो देखो, coastal area, अब दिन के समय क्या होता है जब sun से light आ रही है, sun से light आ रही है तो जो land है वो जल्दी से गरम हो जाता है, land जल्दी से गरम हो जाता है तो ये देखिए, ये है land और इसके बाजु में क्या है sea, समंदर है, समंदर है या कोई भी water body बोल सकते हैं आप, कोई भी water body बोल सकते हैं, जो पानी है वो ठंडा रहता है अब ऐसा होगा तो ये गरम हुआ तो इसके contact में जो air आएगी किसके land के contact में इस जमीन के contact में जो air आएगी वो क्या करेगी जमीन से heat लेगी जमीन से energy लेगी तो वो air भी गरम होगी अब air गरम होगी तो गरम हुई तो यहाँ पर जो air थी जिसने energy ली किस से इस land से अब energy लेने अलकी हो गई है तो यहाँ पर void बन गया यहाँ पर खाली जगे बन गई अब खाली जगे बन गई यानि पर pressure कम हो गया यहाँ पर pressure कम हो गया अब उसी समय समंदर में जो पानी है वो पानी ठंडा है ठंडा है तो वहाँ पर जो air है वो कैसी है वो भारी है और यहाँ पर pressure जा� समंदर से थंडी हवाई इस खाली जगे को भरने के लिए कहाँ आएंगी सी से लैंड के ओर आएंगी और यहाँ से गरम हवाई उठेंगी और वो कहाँ जाएंगी सी के ओर लैंड से सी के ओर तो इसी तरीके से साइकल कम्प्लीट होगा और जमीन से समंदर में गरम हवाई जाएंगी और समंदर से जमीन पर थंडी हवाई आएंगी कब दिन के समय, डे टाइम में तो दिन के समय जो समंदर से ठंडी ठंडी हवाए आ रही है दिन के समय, उन्ही ठंडी ठंडी हवाओं को कहा जाता है sea breeze.
यानि जो लोग कहा पर रहते हैं समंदर किनारे रहते हैं उन लोगों को दिन में बड़ा ही आनन्द आता है, बड़ा ही मज़ा आता है क्योंकि उनको ठंडी ठंडी हवाए मिलती हैं समंदर की. तो समझ में आ गया sea breeze क्या होता है? चलिए अब वही चीज लिख के बता देते हैं जो आपको समझाया है.
हम कहना जा रहे थे during the day. दिन के समय जो लेंड है वो जल्दी से हीट हो जा रहा है as compared to water the air over the land become hotter and rises up एर जो थी वो गरम हुई वो उपर उठी अब उपर उठी तो क्या हुआ the cooler air from the sea जो cooler air थी उसने बहने लगी कहां land के ओर बहने लगी और जो हवाएं यहां से उठी है उनकी जगे ले ली the warm air on the land moves toward the sea to complete the cycle and this air from the sea is called the sea bridge, यानि sea से आने वाली जो ठंडी अवाए हैं उनको कहा जाता है sea bridge, और ये दिन के समय होता है, अब sir sir sir sir एक बात बताईए, आप दिन के समय बोल रहे हैं, मतलब रात के समय भी कुछ होता होगा, अरे हाँ भाई हाँ होता है, तब ही तो कह रहे हैं, क्या होता है रात के समय, तो देखिये जरा, उल्टा मतलब जो land है वो जल्दी से ठंडा हो जाता है, यानि ये वाला जो part है, land का वो जल्दी से ठंडा हो जाता है, ठीक है, भाई land जो है वो ठंडा हो गया, cooler हो गया, वहीं अगर हम बात करें जो water body है, water body तो ठंडी ही रहेगी, ठंडी क्यों रहेगी? हम जब कह रहे हैं कि लैंड रात के समय जल्दी से ठंडा हो गया पर वाटर बॉडी अभी भी गरम है। वाटर बॉडी गरम है तो वाटर बॉडी के उपर जो एर आएग गरम होगी, गरम होने के बाद वो हल्की होगी, तो वो उपर उठ जाएगी, एर आ रही है, गरम हो रही है, गरम होने के बाद वो उपर उठ रही है, उपर उठ रही है, तो यहाँ पर void बन रहा है, यहाँ पर खाली जगे बन रही है, यहाँ पर खाली जगे बन रही है, अब क्योंकि यहां से हवाई उपर उठ गई है, हवाई उपर उठ गई, यहां पर हवाई क्या है, यहीं पर है, और वो भारी है, तो इसी वज़े से प्रेशर डिफरेंस क्रिएट हुआ, तो अब एयर क्या करेगी, यहां से लैंड से, एयर कहां जाएगी, समंदर की ओर, रात के स land पर गरम हवाई आती हैं और land से समंदर पर थंडी हवाई जाती हैं समझ में आ गया तो यहाँ पर रात के समय जो जमीन से हवाई जा रही है समंदर में वो कैसी होगी थंडी और यहाँ से जो आ रही है वो गरम है तो इनी हवाओं को कहा जाता है land breeze समझ में आ गया during the night the land gets cooler faster than the sea the air over the sea becomes hotter and rises up The cooler air from the land rushes in towards the sea to take its place.
The warm air over the sea move towards the land to complete the cycle. And this air from the land is called the land breeze. यानि यहां से जो ठंडी हवाई जा रही है समंदर में, वो क्या होती है? Land breeze कहलाती है.
तो भाई, जो लोग coastal areas में रहते हैं, उनमें क्या हो रहा है? दिन के समय उनको ठंडा ठंडा लग रहा है और रात के समय उन्हें गरम गरम लग रहा है. तो फाइदा है कि नहीं? फाइदा तो...
है, पर ये कैसे हो रहा था? ये हो रहा था, एक natural phenomenon है, heat transfer का जिसे कहा जाता है, convection, समझ में आ गया? convection क्या होता है?
conduction क्या होता है? क्यों भाई पिंटू, तुमको land bridge और sea bridge समझ में आया कि नहीं आया? हा भिया, समझ में आ गया और अब तो मैं भी छुट्टियों में coastal areas में घूमने जाओंगा? अच्छा, बहुत अच्छी बात है, समझ में आ गया और तुम घूमने जाओगे coastal areas में पर छुट्टियों में?
छुट्टी मिलेगी तब तो जाओगे ना, तो पहले पढ़ाई करो, जब छुट्टी मिले तब जाना आराम से, चलो फिर, आगे बढ़ते हैं, और आपके लिए एक छोटा सा प्यारा सा सवाल आ गया है, पहले बढ़ते हैं, यह बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहु बढ़े जाएगा वर्डी का टेंप्रेचर बढ़े जाएगा हीट को एड करेंगे तो टेंप्रेचर बढ़ेगा बिल्कुल बढ़ेगा तो आंसर कौन सा हो जाएगा टेंप्रेचर इंक्रीज वे निटीज एडिट इन सब्सक्राइब टेंप्रेचर इंक्रीज वाला ऑप्शन जो है बिल्कुल सही हो जाएगा समझ में आ रहा है कि नहीं आ रहा है प्यारे-प्यारे नण्य-मुण्य बच्चा लोग बताइए आ रहा है ना समझ है अरे अच्छी बात है सर समझ में आ रहा है तो चलिए फिर आगे बढ़ते हैं और आगे देखते हैं अ radiation पर उससे पहले एक छोटा सा सवाल है मेरा आप लोगों से क्या है वो छोटा सवाल कि how does the heat from sun reaches us यानि सूरज चाचू से जो क्या heat है वो हम तक कैसे आ रही है तो आप लोग कहेंगे सर sunlight के form में आ रही है बहुत अच्छा जवाब है पर जो आ रही है sunlight के form में उस process को क्या कहा जाता है सूरज चाचू से जो heat आ रही है धरती पर उससे हम कहते है radiation यानि sun से जो energy आती है earth पर वो radiation के form में आती है और radiation क्या है heat transfer की एक और method जैसे conduction होते हैं जैसे convection होते हैं उसी तरीके से radiation होते हैं और radiation की खास बात क्या होती है तो the process of transfer of heat from one place to another without heating the intervening medium is known as radiation सिंपल सा बात यह है कि यह जिस medium से pass होगा उस medium को कोई effect नहीं करेगा, अगर कोई effect नहीं कर रहा है मतलब यह बिना medium के भी flow हो सकता है, हम अभी देख क्या है, जो conduction है, वो किस में हो रहा है, solids में, convection किस में हो रहा है, liquid and gas जिसे हम fluids बोल रहे हैं, but radiation कहाँ पर हो रहा है, यह vacuum मे जरूरत नहीं है और यही कारण है कि संसे अर्थ तक जो हीट आती है वह रेडिएशन के फॉर्म में आती है क्योंकि बीच में क्या है सिर्फ और सिर्फ वैक्यूम है तो क्लियर है बातें समझ में आ गया क्या होता है रेडिएशन चलो फिर देखो जरूर धियां से आपने ये तो किया ही होगा रे किया होगा ना विंटर्स के टाइम में जब बहुत ज़्यादा ठंडी लगती है तो क्या करते हैं लकडी को जलाते हैं और आग ताप रहे हैं मतलब हमने हाथ को ऐसे रखा और हमारे हाथों में गर्माहट महसूस होती है गर्माहट महसूस होती है पर जो बीच का environment है बीच का जो medium है वो गरम नहीं हो रहा है उसको बिना गरम किये बिना उसके temperature को बढ़ाए वो energy आ रही है हमारे हाथों तक और वो किस के थुरू आ रही है तो वो आ रही है radiation के थुरू वो आ रही है radiation के थुरू ठीक है समझ में आ गया radiation क्या होता है और important बात यह है कि जो radiation है वो heat transfer की fastest method है यानि इस process से जो heat transfer है वो सबसे ज़ादा तेजी से होता है सबसे ज़ादा तेजी से heat transfer होता है radiation के थुरू clear है सारी बाते समझ में आ गई आ गई है तो चलिए फिर आगे बढ़ते हैं और देखते हैं हम kind of clothes हम लोग किस टाइप के कपड़े पहनते हैं अब किस टाइप के कपड़े पहनते हैं तो देखिए सिंपल सी बात है अगर कौन सा दिन है summer है summer यानि गर्मिया है तो भाई packing करते हैं साइम आप लोग किन किन चीजों का ध्यान रखते हैं कि जो कपड़े हो हमारे वो cotton के हो कपडे हो हमारे वो light color के हो आखिर ऐसा क्यों करते हैं आप क्योंकि summer के time बहुत ज़्यादा गर्मी लग रही है यानि outside temperature बहुत ज़्यादा है और अगर हम मोटे कपडे पहनेंगे हम light color के कपडे ना पहनेंगे dark color के कपडे पहनेंगे तो क्या होगा और heat absorb होगी और हमारी body का temperature जबकि winter में हमें थंडी लगती है तो हमारे अपनी body को गरम रखना है गरम रखना है तो इस वेज़े हम dark color के कपड़े पहनते हैं अब ऐसा क्यों होता है क्योंकि light color का जो कपड़ा होता है ना वो हमारी body पर जितनी light आ रही है कौन से sun वाली light जो sunlight आ रही है उस light को reflect back कर देता है light color का कपड़ा तो sun से heat आई वो reflect back हो गई यानि body ने heat absorb भी नहीं की तो body का temperature भी नहीं बड़ा और हमें गर्मी नहीं लगेगी और इसी वज़े से cotton के कबड़े भी use किया जाते हैं summer के time पे पर बात करें winters में तो भाई winter में तो ठंडी लग रही है ना body को गरम रखना है तो हमें कुछ इस प्रकार कबड़े पहनने हैं जिससे कि जादा से जादा heat हमारी body में आए तो हम dark color के कबड़े पहनते हैं जिससे कि heat हमारी body में आती है absorb हो जाती है और हमारी body को गरम रखती है इसके अलावा woolen clothes भी पहनते हैं वूलन क्लॉब्स क्यों पहनते हैं? क्योंकि वूलन क्लॉब्स पूर कंडक्टर आफ हीट होते हैं और उनमें छोटे छोटे से छोटे छोटे से पोर्स होते हैं जिनमें एयर होती हैं और एयर बैड कंडक्टर आफ हीट है यानि वो हीट को फ्लो नहीं होने देगी अपने में पर हमारी बॉडी का temperature ज्यादा है तो heat हमारी बॉडी से surrounding के ओर flow होगी अगर ऐसा हो रहा है heat flow हो रही है तो हमें भाई बहुत खंडी लगेगी तो हमें इस heat flow को रोकना है इस वज़े से हम लोग पहनते हैं sweater हम लोग पहनते हैं jackets हम लोग पहनते हैं क्या अरे woolen clothes क्योंकि वो लोग bad conductor of heat होते हैं वो heat को flow नहीं होने देते हैं वो इस heat को बचाए रखते हैं और इसी heat का इस्तिमाल करते हैं गरम करने के लिए तो उनका काम होता है सिर्फ इस heat transfer को रोकना clear है क्या होता है woolen cloths क्या होता है jacket और क्यों हम पहनते हैं dark color के कपड़े winter में और light color के कपड़े summers में clear है ना तो ये भाई देखिए ये light color के कपड़े हम पहनते हैं और dark color के generally आप लोगे ने देखा होगा school में जो dress होती है winter में जो sweaters होते हैं वो black color के होते हैं क्योंकि black color light को absorb कर रहा है ज़ादा से ज़ादा light absorb कर रहा है body को गरम कर रहा है तो इस कलर के कपड़े इस्तेमाल किया जाते हैं समझ में आ गया चलिए बात करते हैं dark surface तो वही हमने बताया absorb more heat and therefore we feel comfortable with dark color clothes in the winter वही अगर हम बात करें तो light color clothes reflect most of the heat that fall on them and therefore we feel more comfortable wearing them in the summer तो यह होता है कारण इस ताइप के sweater पहनते हैं उनके बीच में air है जो की poor conductor of heat है वो heat को flow होने से रोक रही है तो ये सारी चीजे थी तो भाईया इस चैप्टर में अगर हम बात करें कि heat वाले चैप्टर में ये सारी चीजे थी जो हमको पढ़ना थी और हम लोगों ने पढ़ ली बड़े ही अच्छे तरीके से अब जाते जाते आप लोगे लिए एक सुन्दर सा सवाल छोड़ के जा रहे हैं क्या है वो सवाल हीट बहुत अच्छे तरीके से कर लिया है हम लोगों ने खतम तो अब क्या करना है मिलेंगे बहुत जल्द अगली क्लास में अगले चाप्टर के साथ तब तक पढ़ते रहें मस्ती करते रहें अपना ख्याल रखें टाटा बाइ बाइ एंड थैंक यू