प्राचीन भारत के अध्ययन के स्रोत
विषय - ऐतिहासिक निर्माण और स्रोतों की प्रकृति
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मुख्य पुस्तकें: आर एस शर्मा जी की बुक 'अंडसिएंट इंडिया'
- प्राचीन भारत का अध्ययन
- एनसीईआरटी भी रेफर कर सकते हैं
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महत्वपूर्ण सवाल: कॉइन और इन्स्क्रिप्शन का महत्व
- यूपीएससी सवाल (
- गुप्त काल पे) - इतिहास और समाज का अध्ययन कैसे हुआ?
विभिन्न स्रोतों का महत्व
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मटेरियल स्रोत (पुरातत्व संबंधी) Source)
- खुदाई (आर्टिफैक्ट्स): पॉटरी, बेंगल्स, घर, हड्डियाँ, कब्रें
- दो भाग: जहाँ राइटिंग मिलती है (इतिहास), और जहाँ नहीं: प्री-हिस्ट्री (लिथिक एजेज)
- सिंधु घाटी सभ्यता और प्रोटो-इतिहास
- आर्कियोलॉजिकल साक्ष्य विश्वसनीय, वास्तविक
- कार्बन डेटिंग: सी14 का उपयोग
- पॉलिन एनालिसिस: पौधों और जन्तुओं की डोमेस्टिकेशन
- मेटल केमिकल एनालिसिस
- जलवायु, मृदा, जीवविज्ञान का महत्व
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न्यूमैटिक्स (सिक्का विज्ञान)
- सिक्कों की एतिहासिक साक्ष्य
- मेटल (कॉपर, सिल्वर, गोल्ड)
- जीर्ण प्रकार सिक्के: पण, मौर्य सिक्के
- यूनिट सिस्टम, गिल्ड मिंटिंग सिस्टम
- राजा-महाराजाओं के सिक्के: सम्राट गुप्त
- समाज, अर्थव्यवस्था, प्रशासन और तकनीक की जानकारी
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शिलालेख (इन्स्क्रिप्शंस)
- राजा के आदेश, सोसाइटी, धर्म, शासन, दान, और जमीन की जानकारी
- प्रमुख इन्स्क्रिप्शंस: अशोक का शिलालेख, प्रयाग प्रशस्ति
- अपग्राफी और पालेअग्राफी
- स्टोन इंसक्रिप्शन, कॉपर प्लेट्स, ब्रिक, दीवारें: पिलर इन्स्क्रिप्शंस
- ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी
साहित्यिक स्रोत (लिटरेरी सोर्सेस)
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वैदिक साहित्य
- ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद
- ब्राह्मण, अरण्यक, उपनिषद
- वेदांग: शिक्षा, कल्प, व्याकरण (पाणिनि की अ ष्टाध्यायी, पतंजलि की महाभाष्य)
- श्रोता सूत्र, गृह सूत्र, शुल्व सूत्र
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बुद्धिस्ट और जैन साहित्य
- बौद्ध ग्रंथ: त्रिपिटक (विनय पिटक, सुत्त पिटक, अभिधम्म पिटक)
- जातक कथाएँ
- जैन ग्रंथ: अंग, उपांग, कालिक सूत्र, कल्पसूत्र
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सेक्युलर साहित्य
- धर्मसूत्र, स्मृति, अर्थशास्त्र
- संगम साहित्य: तमिलनाडु के कवि सम्मेलनों का संग्रह
- गुप्त कालीन साहित्य: कालिदास की कृतियाँ
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फॉरेन अकाउंट्स
- यूनानी और रोमन लेखकों के वर्णन
- मेगस्थनीज, फाह्यान, ह्वेनसांग
- विदेशी यात्रियों के अकाउंट्स, भारत पर दृष्टिकोण
ऐतिहासिक समझ
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टाइमलाइन पर संदर्भ
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पूराण
- एनसाइक्लोपीडिया: वंशावली, त्रेता, द्वापर, कलयुग
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जैन और बुद्ध हिस्ट्री
- प्रकृत, पाली भाषा में लेखन
निष्कर्ष:
- ऐतिहासिक जानकारी को संशोधित किया जाता है
- विभिन्न स्रोतों का मिश्रण आवश् यक है
- आर्कियोलॉजी, बायोलॉजी, पत्र, सिक्का, शिलालेख का संयुक्त अध्ययन
एक मजबूत ऐतिहासिक समझ बनाने के लिए सभी स्रोतों का समावेश आवश्यक है।