की जय हिंद चलें इस वीडियो में हम समझते हैं कि जीडीपी क्या होता है और जीडीपी को कैसे निकाला जाता है और कैसे पता चलता है कि किस की जीडीपी कितनी परसेंट बढ़ रही है और इंडिया जीडीपी के मामले में कहां पर खड़ा है और जीडीपी के बाद आता है एनडीटीवी आती है जीवन पी आता है एंटी अ पैक यह सब चीजें क्या होती है और इकनॉमिक्स पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है और चाइना जो है वह जीडीपी में कितने नंबर पर ऑल इंडिया जीडीपी में कितने नंबर पर अगर हम जीडीपी की बात करें तो हम लोग छठ में आप में नंबर पर आते हैं लेकिन पीपीपी के मामले पर हम 3 में तीसरे नंबर पर चल जाते हैं तो इसमें क्या अंतर है इसे समझते हम लोग पहले तो आप जीडीपी की परिभाषा समझ एक जीडीपी में चार चीजों का ही ध्यान रखा जाता है सबसे पहला होता है राजनीतिक सीमा है यानी आपको अपने सीमा में रहकर ही आपको जीडीपी निकालना है जैसे कोई चीज अगर राजस्थान में बन रही है तो उसे आप मध्य प्रदेश के जीडीपी में शामिल नहीं कर सकते हैं वह राजस्थान के जीडीपी में जाएगी वैसे ही अगर कोई चीज इंडिया में बन रही है तो उसे आप चाइना की जीडीपी में नहीं शामिल कर सकते हैं जैसे चाइना की कि कंपनी मान लीजिए क्योंकि नाम की एक कंपनी एक हु ओर तु इंडिया में आकर घड़ी बना रही है सपोच कि यहां पर तो वह घड़ी इंडिया में बन रहा है बने चाइना की कंपनी बना रही है तो वह इंडिया की जीडीपी में आएगा तो जो भी जीडीपी होती है वह एक राजनीतिक सीमा के अंदर में ही आती है जीडीपी और 1 साल के लिए अमूमन जीडीपी को निकाला जाता है इसमें दो जगह आदमी फंसता है वस्तु एवं सेवाओं को शामिल किया जाता है और उनका अंतिम यह मिलती है लगता है तो सबसे पहले हम अंतिम मौर्य समझते है किसी चीज के अंतिम व्यक्ति आता है फिर वस्तु और सेवा समिति के फिर राजनीतिक सीमा समझेंगे हम तीनों ने उसे कहते हैं यह लास्ट कॉस्ट जो लास्ट प्राइस जो जिसका हम पैसे देते हैं कोई भी चीज कई कंप्लेंट से मिलकर बनी होती है जिसे हम पहली दूसरी तीसरी चीज करते हैं लेकिन लाख जिसको हम पेमेंट देते हुए अंतिम न करते जैसे है आपको इन लैपटॉप खरीदते हैं फिर लैपटॉप ऐसा थोड़ी होता है इस लैपटॉप के अंदर सबसे महंगी जो था इसका प्रोसेसर होता है कितना फास्ट काम करेगा अब ज्यादातर लैपटॉप में आपको इंटेल कंपनी का एक प्रोसेसर मिलेगा तो आप यह क्या प्रोसेसर खरीदने जाते हैं आप तो लैपटॉप या कंप्यूटर खरीदने जाते लेकिन इसमें प्रोसेसर रहती है पहली वस्तु अ आप इसमें आपको विंडो सॉफ्टवेयर मिलेगा और Windows किसका है माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का है प्रोसेसर इंटेल कंपनी का है लैपटॉप कम लिए डेल कंपनी का है तो आप जाते हैं खरीद नेता आप इसका फाइनल पेमेंट देते हैं अंतिम वस्तु का है डे लिए थोड़ी करते की वजह तुम 10,000 प्रोसेसर का दे दो 2000 रिंगटोंस का दे दो बाकी हमको दे दो वह सारा का सारा चीज इसमें इंक्लूड रहता है इसी को ऑन करते अंतिम वस्तु दिए पहली या दूसरी योग्य अंतिम इसको और एक ज्ञापन में समझिए कि कोई भी बिल्डिंग वगैरह बनता है तो उसमें इनका लगता है सीमेंट लदी मजदूरी लगती है 6 लगता बहुत से चीज है लगता इन सबको मिलाकर एक बिल्डिंग बनती है आप कोई बिल्डिंग में फ्लैट खरीदने जाते हैं तो आपसे लास्ट कॉस्ट बता देता आन टीमों ने बोला जाता कितना हमको मिल जाएगी 50 लाख काम कोई घर यह वह इसमें रेट है इसमें अलग-अलग वस्तुओं का रेट शामिल हुआ था थोड़ी जाएगा जिसमें दूल्हा का लगा है आपको एक हवाई सफर दोनों कम कर दिया ठीक नहीं निकल सकते हैं बैठी बिल्डिंग तुम्हारी गुर्जर की सीमेंट निकाल देती यह सब नहीं होता है उसमें हरी मिर्ची को इनपुट किया जाता है तो हमेशा जो जीडीपी अकाउंट किया जाता है वह अंतिम वस्तु पर अकाउंट के रहता है जैसे आप एकदम छोटा एग्जांपल समझिए कि समोसा है तो समोसा में आपका उसमें क्या आलू का चोखा भरेगा उसमें उसमें कुछ मसाला वगैरह डालेगा मैदान उसको लपेटे फिर तेल में फ्राई करेंगे तब ना समोसा होगा समोसा जाते हैं खरीदने तक क्या खाता है कि ₹1 मैदा का दुरुपयोग आलू का गठन आप तेल का उसमें से चटनी दिए उसका मिर्च और उसका सब अलग कोण करता है कभी नहीं करेगा आपसे सात आठ चौके लगाकर कि यह एक समोसा का अंतिम हमले तो कभी भी हम पेमेंट कि इसके बदले देते क्या पहली वस्तु का पेमेंट देते हैं ना दूसरी वस्तु कर देते हैं हम पेमेंट देते हैं अंतिम वस्तु का पेमेंट देते हैं कहीं भी हमको पेमेंट करना था अंतिम वस्तु का थे जीडीपी का जो अंतिम अपने आप समझ गए हम समझते हैं वस्तुओं और सेवाओं किसे कहा जाता है कि वस्तु से करते हैं कि जिस कहा जब पैसे के बदले हमें कोई सामान मिलता है जिसे हम छू के देख सकते हैं उसे वस्तु करते हैं और पैसे के बदले जब हमें कोई सामान मम्मी ने तो हम उसे कहते हैं सेवा जैसे आप हमसे पढ़ने आते हैं तो पैसा देकर क्लास में बैठते हैं और पढ़कर चले आते हैं आपको हाथ में उठाकर ले जाने के लिए कोई सम्मान नहीं मिलता है सीधे दिमाग में चला गया है तो उसे कहते हैं सेवा तो जब कभी पेमेंट के बदले कुछ ना मिले बल्कि आपको फील हो कि नहीं हमें मिल गया तो उसे कहते हैं सेवा और अगर सामान मिल गया तो इसे हम क्या कहते हैं वस्तु जैसे आप होटल में खाना खाने जाते हैं तो जो मैंने जल को पैसे देते हैं वह आप पैसे उस वस्तु के बदले दिए जो उसने आपको खाने के लिए दिया लेकिन जो वेटर को टीप देते हैं ₹90 वह क्या है वह सेवा के बदले दिए कि वे तब आपको लिया कि रखा नहीं तो खुद जाकर आपको ले आना पड़ता तुम हो गई अपनी सेवा इंडिया में अलग टाइप की वस्तुओं का निर्माण होता है यह सरकार वगैरह का निर्माण इलेक्ट्रिक सामानों का निर्माण हो गया बिजली घर कोयला सीमेंट फैक्ट्री हो गया मोबाइल बनते हैं कैमरा बनता हर एक चीज के बनते हैं सब आपके बिल्डिंग में पुजारियों और मन ढककर नहीं बस में सब चीज बनते हैं यहां पर यह जितनी चीजें बनाई जिसे हॉस्पिटल इक्यूपमेंट हो गया उसका ऑक्सीजन सिलेंडर बनेगा तो आपका बेटा बनता है वेंटिलेटर बनता लाइट्स बनते हैं यह आपका जो खेती के इक्विपमेंट होता है यह कहीं ना कहीं फैक्ट्री में बढ़ रहे होते हैं सब यह दूध बन रहा होता है कोल्ड ड्रिंक पेप्सी यह सब जितनी चीजें हैं यह सब क्या है सभी यह गुड है कप सामान है जिसका उत्पादन इंडिया में हो रहा है जैसे कपड़ा का उत्पादन हो गया खेलने वाली चीजों का उत्पादन हो गए यह सब क्या इजाजत है सबको डिसूजा पैसा अब हिंदुस्तान में करोड़ों चीजें बनती है सब इसका ही हिसाब रख लेना जीडीपी का लाता है तो जीडीपी में हम केवल वस्तुओं को शामिल करते हैं साथ ही साथ हम सेवाओं को भी शामिल कर देते हैं सेवा में देखेंगे तो जितना भी ट्रांसपोर्ट है वह सेवा को कपडा पैसा लेता है हमें कुछ देता थोड़ी एयर इंडिया के जवाब में कही कि क्या जिया दे देगा मैं दिल्ली से हूं ताकि आपको लखनऊ छोड़ देगा कि पूरे दिन लगेगा ट्रेन हो गया बस हो गया कोई भी ट्रांसपोर्ट हो गया वह क्या है से वापस लेकर बदले में हमें यहां से वहां पहुंचा देता बैंकिंग LIC क्या इसे वापस स्कूल कोचिंग यह सब की सब क्या है सर्विस सकता है सबसे वाटर चीजों कि आपका जितने भी टेलिकॉम कंपनियां जो है आप कहते हैं लोग तो आपको क्या पहुंचा देता है यहां से आप केवल आपकी आवाज को पहुंचा देता है आपके काम को आसान कर देता है हालांकि हम पर ट्रैक्टर्स पर एक अलग वीडियो बनाएं हैं कि कितने सेक्टर के इंडस्ट्री होते हैं तो यह भी सेवा सत्कार होता है ब्यूटी पार्लर में भी देखते ना यहां पर कोई चमगादर घुसती है परिवहन के निकल जाती है तो यह क्या करता है सेवा बंद कर देता हूं उसका एकदम बढ़िया से इसका कलर बदल देता है खूब मेकअप करके सैलून में क्या है बस सेवा है जिम में क्या है सेवा है तो जीडीपी में आप अंतिम बात तो समझ गए हमें किस चीज का प्राइस जोड़ना है अंतिम वस्तु का आप किस किस चीज का तो वस्तु और सेवा का अब आप सोचिए कि अकेले जीरो कितना करोड़ कमाया एयरटेल कितना कमाया अमूल दूध वाला सुधा दूध वाला शो कि कंपनी वाला अवधि कितनी कंपनियां कितना पैसा कमा रही हूं सारे के सारे को जोड़ेगा तो आपको क्या आएगा इंडिया की जीडीपी निकलती है अब और कुछ है जीडीपी में आप समझते राजनीतिक सीमाएं एक साल तो समझ में आई हेव कई साल किसे कहा जाता है राजनीति में क्या होता है देखिए यह जो नक्शा दिख रहा है यह हमारा भौगोलिक सीमा है भूगोल के हिसाब से लेकिन इकोनॉमिक्स इस भूगोल के सीमा से भी बड़े सीमा को मानता वह कहता हमको पॉलिटिकली बॉडी चाहिए राजनीतिक सीमा है जैसे कोई यहां पर मछली पकड़ने चलाया तो यह इसकी राजनीतिक सीमा फैमिली यहां से कोई पेट्रोल निकालना है मछली पकड़ने वाला क्या हो गया राजनीति वह राजनीति माप को यहां समुद्र से पेट्रोल निकाल रहा है तो यह हमारी भौगोलिक सीमाओं में नहीं है लेकिन हमें राजनीतिक सीमा के वजह से भी यह हमारी ही जुड़ी पर आएंगे मैं आएगा अब इसे एयर इंडिया का जहाज है अब वह इंडिया से गया किसी को दुबई छोड़कर आया है तो इंडिया तो क्रॉस करके दुबई चला गया आप कहेंगे कि आप बताए थे जीडीपी में हमारी अपनी सीमा होनी चाहिए तब भौगोलिक सीमा आधुनिक सिनेमा वह भले दुबई गया है दिल्ली से गया लेकिन उस पर राजनीतिक रूप से भारत का कारण एयर इंडिया की सारी की सारी हमारे जो दूतावास है पाकिस्तान में इंग्लैंड में वह दूध और वह वहां पर किसी का काम करता है जिससे किसी का पासपोर्ट खत्म हो तो यहां पर मैं खत्म हो तो वह होती है कि हमारे देश की राजनीति में भी चली जाती है तो यह चाहिए क्वालिटी की समझाने के लिए तो बेसिकली हो गया तो जीडीपी में क्या वक्त है तो राजनीतिक सीमा के अंतर्गत एक साल में उत्पादित होने वाली सभी बूट्स यानि वस्तु है एवं सर्विस एनी सेवाओं का अंतिम मून अप शामिल कर लेते हैं तो उसी को जीडीपी कहते हैं मोदी जी ने कहा कि हमें अपनी जीडीपी को पांच ट्रिलियम बनाना है हालांकि अब हम लोग 2.8 मत लगभग तीन प्रीमियम पर हम लोग हैं हमें जाना कहां है पांच ट्रिलियम पर जाना है अब जीडी भी अकाउंट फॉर थे ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट ग्राहक का मतलब होता है सकल सकल का मतलब है टोटल टोटल मतलब समझ में आगे टोटल कितना अपने उत्पादक की उत्पादित किया है तो ग्रॉस डॉमेस्टिक बता अपने घर में यानि अपने देश अपनी सीमा के अंतर्गत आपने कितना उत्पादन किया इसी को कहते हैं सकल घरेलू उत्पाद यानी टोटल आपके घर में कितना उत्पादन हुआ उसी पंक्तियां करेंगे जीडीपी सपोच कर लीजिए यह हमारा इंडिया है एक अपनी हम ऐसे हम जाती है यहां पर यहां पर हमारी इंडिया की कई कंपन कि हम एक ही कंपनी को भी कंप्यूटर करते हैं ताकि कैलकुलेशन में टाटा कंपनी ने मान लिया कि ₹100 का माल बनाया यहां पर और एलजी कंपनी जो कि देश की कंपनी है जिसने यहां पर पचास रुपए का माल बनाया तो हमारी जो जीडीपी हो गई वह कितनी हो गई डेढ़ सौ रुपये होगी और मान लिया कि इंडिया का एक आदमी है जिसका नाम है रमेश यह रमेश नाम का व्यक्ति ही सऊदी अरब में काम करने गया है वहां जाकर यह ₹10 का नाम लिया तो आप टाइम है कि जीडीपी कितनी मित्र देश के जीडीपी में हम अपनी सीमा के बाहर नहीं जाते हैं तो हमारी जो जीडीपी हो गई ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट यहां डोमेस्टिक सब ध्यान दीजिएगा कि घरेलू उत्पाद हमारे घर में कितना हुआ है तो यह घरेलू उत्पाद कितना हो जाएगा जीडीए की हमारा 50 और यह सब डेढ़ सौ हो जाएगा जबकि रमेश की आय को हम नहीं शामिल करेंगे क्योंकि व सीमा के बाहर चला गया भले हमारा है तो क्या हुआ हमारी सीमा के बाहर गया हम उसे शामिल नहीं करते हैं तो जीडीपी जो और है यह अच्छा भी और खराबी है जीडीपी से हमें यह पता चलता है कि हमारे यहां किस चीज का उत्पादन कितना हो रहा है अगर जीडीपी ज्यादा है तो आपके हम उत्पादन ज्यादा हो रहा है इसका मतलब आपके हम लोगों को रोजगार ज्यादा मिलेगा सरकार को टैक्स ज्यादा मिलेगा और विदेशी कंपनियां भी इसको अच्छा मानती है कि उत्पादन ज्यादा हो रहा है इसका मतलब वहां उत्पादन करने की क्षमता जाते हैं कभी तो उत्पादन ज्यादा हो रहा है क्या रेगिस्तान में कभी बगीचे का उत्पादन हो सकता है वहीं हो सकता है जहां हरी-भरी फसल उग रहे हैं मतलब है कि जिन्हें चाहिए तो जीडीपी अच्छा मतलब आपका लेख अच्छा अ जीडीपी चौपट मतलब आपका देश का जो अ होना फिक्स है लेकिन जीडीपी का मतलब यह हरगिज नहीं कि यह सारा का सारा पैसा आपको आने वाला है यह अलग बात है कि एलजी कंपनी हमें रोजगार देगी एलजी कंपनी भारत सरकार को टैक्स देगी लेकिन एलजी कंपनी अपना टोटल मुनाफा अपने देश में ले कर जाएगी और यह रमेश जो है यह ₹10 भले भारत के बाहर कमा रहा है लेकिन यह भारत को भेजेगा तो जीडीपी जो है वह ग्राफ यानि टोटल डॉमेस्टिक प्रोडक्ट को दिखा रहा है आपके घरेलू उत्पाद को दिखा रहा है लेकिन यह आपके अपने प्रोडक्ट को नहीं दिखा रहा होता है लेकिन अगर हम आपको क्या देख कि यह जीडीपी आपके नेशनल प्रोडक्ट है आपका राष्ट्रीय उत्पाद है तो गलत है यह राष्ट्रीय उत्पाद नहीं है यह हमारे घरेलू एरिया में उत्पादित हो रहा है लेकिन हंड्रेड परसेंट यह हमारा नहीं है इससे यही दिखता है कि सरकार को टैक्स ज्यादा मिलेगा रोजगार होगा और उद्देश का उत्पादन क्षमता बढ़ेगा इसे देखकर विदेशी कंपनियां भारत में आएंगी तो आप बात कर लेते हैं वह पैसे का जो भारत के काम में आने वाला है यानि जो हमारे राष्ट्र का पैसा है नेशनल इनकम एक्ट तू से करते हुए ग्राफ देखिए मैथ में टोटल चीजों कौन टोटल करते लेकिन इकोनॉमिक्स में हम टोटल न करके ग्रास कहते हैं तो ग्रॉस नेशनल प्रोडक्ट सकल राष्ट्रीय उत्पाद विकसित वह घरेलू ध्यान हमारे घर में हो रहा था और यह हमारे राष्ट्र का पैसा है तो इसलिए फाल्गुनी पाठक में GN पी कहते हैं अब आप इसे कहते हैं जीवन PNB राष्ट्र का पैसा कैसे निकालेंगे आप इस जीडीपी में सही जो इस बाउंड्री के अंदर है इसमें से आप यह विदेशी वाला पैसा निकाल दीजिए और यह जो बाहर है रमेश इसको जोड़ दीजिए तो यह क्या बन जाएगा आपका GN पी बन जाएगा तो हम यह लिख सकते हैं कि जीवन की बराबर जो जीडीपी है इसी जीडीपी में हम रमेश के पैसे को जोड़ दें और यह एलजी का पैसा घटा दें तो हमें क्या मिल जाएगा जीवन की मिल जाएगा तो इसी को कहते हैं प्लस है एक्स माइनस हवाई यहां हम एक्स किसको मान लिए हैं रमेश के पैसा को मैक्सिमम लिए हैं और जो एलजी का पैसा उसे हम वाइट मान लिया है तो इसे को कहते हैं हम GN पीठ यहां जयंती कितना हो गया भाई तांबे के जीडीपी यहां पर यह ₹100 हमारा क्या है इन टाटा इंडिका ईवी2 रमेश्वर दास जोड़ दीजिए 110 हमारा क्या जाएगा जिन थी तो यह आप निकाल सकते हैं यह अपना देख लीजिए बाहर वाला देख लीजिए अ नहीं अगर आप फॉर्मूला के हिसाब से निकालेंगे तब पहले जीडीपी निकालिए फिर इसमें रमेश वाला जोड़कर इसको घटाई शान सब तो सेम आने वाला है तो यहां देखिए आपको यहां लिख देते जीडीपी कितना है डेढ़ सौ आप इसमें प्लस करते हैं रमेश का इनकम रमेश का इनकम यानि एक्स ₹10 है - करते हम यहां एलजी का कितना है 50 चाहिए होंगे आपका 160 - 50 कितना आ गया 110 है तो यह एक ₹10 हमारा जीवन पी हो गया अब आप बताइए हमारा जीडीपी ज्यादा दिख रहा था लेकिन जो हमारे काम लाइट है GN कि वह तो कम हो गया तो अमूमन जो देखा जाता है वह जीडीपी बड़ा होता है और ईपी खट्टा होता है लेकिन एक अर्थ व्यवस्था होती है एक इकोनामी होती जिसे कहते क्लोज कॉल अमित को निकम्मी कम करते बंद अर्थव्यवस्था उसमें ना आया हो सकता है मैं निर्यात हो सकता है तो जब आयात नहीं होगा निर्यात नहीं होगा तो इस पर भला के हिसाब से देखिए ना टैक्स और कि यह दोनों नहीं रहेंगे तो उस कंडीशन में जीडीपी और जीवन पी के हो जाएंगे बराबर हो जाएंगे यह और कंडीशन में जीडीपी और जीवन पी के बराबर होने का वह क्या है कि जितनी मात्रा में मान लीजिए एलजी ने कमाया उतनी ही मात्रा में अगर सुरेश भी कमा लें तो भी जीडीपी जीडीपी के बराबर हो जाएगा यानी बंद अर्थव्यवस्था में या निर्यात और आयात यानि एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बराबर हो जाने की स्थिति में ईपी और एनपी बराबर हो जाते हैं अभी जो कंडीशन देख रहे हैं इसमें जीडीपी ज्यादा है और जीएनपी कम है इसका मतलब है कि विदेश वाला आपके यहां घुस के ज्यादा कमा ले रहा है दिग्गज इन थी घट गया तो इसका मतलब यह हुआ कि विदेश वाला आपके यहां से कमाकर ज्यादा चला गया इसलिए ईपी घट गया है ईपी को ज्यादा रहना चाहिए अगर आपको ज्यादा फायदा चाहिए तब लेकिन ऐसा नहीं यह जीडीपी से भी फायदा होता हम लोग हम लोग को टैक्स जो मिल जाते होते तो जीडीपी और ज्ञानपीठ आप समझ में आ गया जैसे आप पिंपल देते हैं आप बताएंगे जो एनजीओ है रिलायंस जिओ यह जो जितने चीज सर्विस का उत्पादन कर रहा है वह किस में जाएगा वह इधर से तो जीडीपी में जाएगा ही जाएगा साथ ही साथ वह जीएनपी में भी आएगा क्योंकि यह इंडिया का नेशनल चीज है लेकिन अगर आप Vodafone की बात करेंगे तो Vodafone हमारी जीडीपी में जाएगा लेकिन वह हमारे जीवन पी में नहीं आएगा तो जीडीपी जीडीपी में आप खुद से डिसाइड कीजिएगा कि कौन सी कंपनी जीरी पर जीडीपी में तो जितनी कंपनियां दुनिया में देख ऐसा है जो इंडियन होंगी दूध GST में आ जाएंगे सब अब इसमें एक नया की जाता है आप जीडीपी में देखेंगे तो इससे भी आप आए के इंडिकेट और ईपी में तक यह तो इसमें भी सफेद कि यह दोनों चीजों के पहला अक्षर जी को हटाकर वहां इन लगा दिया जाता है यह नेट पर ₹1 होती है तो देखिए निरीक्षक को कहा जाता है जैसे मान लिया कि हमने हमने किस चीज का उत्पादन किया जिसे LED बल्ब का उत्पादन किया बेस्ट फ्रेंड बंद का आह्वान किया है लेकिन उसमें से एक एलईडी बल्ब फ्यूज निकल गया और एक एलइडी बल्ब कहीं गिर कर टूट गया है यानी दो मेरा बर्बाद हो गया तो इसे हम डिप्रेशन कहते हैं तो दोस्तों जो बर्बाद हो गया यह हमारी तो हमारा जो ग्राफ प्रोडक्शन था टोटल उत्पादन था है वह तो था 10 एलईडी बल्ब का लेकिन टूट-फूट हो गया दूर होगा तो नेट प्रोडक्ट नहीं है अब हमको नेट मेरी बहू आएगी केवल आठ एलईडी बल्ब के बराबर देखिए अब हुए डब्लू कैसे निकालते हैं जैसे यहां जी कि है पे ग्रो फॉर इंडियन टोटल नेट ढूंढ निकालने के लिए जी हटाकर माय लिखना पड़ेगा तो एनडीपी क्या होता है नुस्खे नेट डॉमेस्टिक प्रोडक्ट तो यहां मान लीजिए कि टाटा ने बनाया था यहां पर आपका ₹100 का सामान और एलजी ने बनाया था ₹50 का टोटल की जीडीपी हुई थी ₹10 की और पता चला इसमें ₹10 का सामान टूट-फूट गया है तो आप यहां पर इसमें से ₹10 - करिएगा तो आपकी टोटल एनडीपी कितनी हो गई देर ₹10 आपको - करना पड़ेगा दी कि भाई उस तो जीडीपी थी आपकी डेढ़ सौ ₹10 का सम्मान टूट गया आज की एनडीटी कितनी हो गई भाई आपकी एनडीपी हो गई 140 रुपए कि आप इसमें से भी देखेगा तो ऐसा भी तो हो सकता है कि Tata का आठ रुपए का सामान टूटा होगा और एलजी के ₹2 का सामान में टूट-फूट या मशीनों में गिरावट आई होगी तो टोटल हमने दी कि वह लुक इतनी लगाई थी ₹10 तो यहां पर आप बताइए जीडीपी तो देर शाम था लेकिन एनडीपी जो टूट-फूट निकालने के बाद नेट भाई हुआ है था एक प्रसिद्ध है घरेलू उत्पाद नेटवर्क हैं शुद्ध वह कितना आ गया 140 और अगर हम यही इधर कह दे कि नहीं इधर भी बताइए ईपी में भी टूट-फूट निकाल कट नेट चालू निकालिए तो नेटवर्क हुए हम क्या करते हैं वह राजघाट आदत यानी डिप्रेशन है अब आप बताइए इसमें क्या किए थे कि हमने जीडीपी में से हमने इसको निकाल दिया तक एसजीएनपी कैसे निकाला जाता है टोटल अपना वाले इन इटावा निकाल दिया और रमेश वाला है अब देखिए टाटा का यहां पर इन टर्म कितना दवाई सिर्फ ₹100 तो Tata का दा शौक और रमेश का कितना था 10th टोटल हमारा जीवन भी कितना आ गया 110 लेकिन रमेश वाले में तो किसी भी प्रकार का मूल्य ह्रास यानी डिप्रेशन टूट-फूट नहीं हुआ लेकिन टाटा का सामान कितने का टूट गया था आ चुका है तो फिर यहां पर डी के भाई तू कितनी आ गई है आठ तय यह जीवन भी कितना है 110 और आर्ट है या नहीं यहां पर कितना आगे आपका ईपी 109 ₹10 आ गए यहां पर तो यह मूल्यह्रास यानी डिप्रेशन अगर आप घटा देते हैं कि हम शुद्ध भावना या नेट चालू कहते हैं यह दोनों में दूध निकाला जाता है जीडीपी साइड से भी और जीवन की साइड से निकाला जाता है दोनों के लिए फॉर्मूला-1 की टूट-फूट घटाइए यहां हमने ₹10 टूट-फूट को हटाया क्योंकि ₹2 के टूटे-फूटे जी में हुआ था और Tata ने हुआ था लेकिन यहां हम केवल आठ रुपए ही लगाएं क्योंकि यह जीवन पीएम नेशनल प्रोडक्ट में हम तो एलजी वाले को शामिल नहीं किया तो उसके टूट तो क्यों शामिल करेंगे तो आप यह समझ गए कि कितने अत्याचार चीज आप समझिए जीडीपी जीएनपी अब दोनों का शुद्ध वैल्यू यानि एनडीपीएल और एनपी को आप समझे चारों टाइप को अगर आप भारत की जीडीपी की बात करेंगे तो ट्रिलियम में होगा ट्रिलियम का से धोकर ध्यान से अंग्रेज जो अ जॉब मैं इंग्लिश प्रगति होती हम लोग बाहर 220 फॉलो करते हैं वह अलग 000 को फॉलो करते हैं अभी 3 फुट जीरो आप बना दिया यहां पर तो आप समझ गए कि यह थाउजेंड माइंड में 300 और लिखिए तो यह थाउजेंड के बाद देखिए पर किस में चला जाता है मिलियन में आ हीरो कर दीजिएगा 30 चला जाएगा बिलियन और तीन युवक कर देगा यह चला जाएगा ट्रिलियम में यह ट्रिलियम होता है इतना ही अब हम को अपनी डीपी कितनी करनी है भाई तो हमको डीपी करनी है पांच ट्रिलियम करनी है पांच ट्रिलियम तब 5 मिलियन डॉलर जीडीपी करने में भी बहुत ज्यादा टाइम लग जाएगा ताकि यह देखिए हम लोग कि जीडीपी आगे रखी है वह छठे या सातवें स्थान पर आती है जो क्योंकि दोनों में ज्यादा काम करना है हमसे थोड़ा सा नीचे यथार्थ कभी फ्रॉम था कि चला है तो कभी हम पीछे चले जाते हैं अभी फ्रॉम से थोड़ा सा आगे निकल गया है जीडीपी के मामले में अब उसके कई नियम थे जो जीती मैं आगे निकल गया लेकिन इस जीडीपी में हम लोग हैं जो यह आपकी जीडीपी आपको दिख रहा है लगभग तीन क्रीम डालने की तो यह जो जीडीपी में आप भी बताइए जितने चीजों का आप यूज कर रहे हैं वह कहीं ना कहीं बनी हो गया और जीडीपी में जुड़ गया होगा उसकी वैल्यूज उड़ गई होगी अगर आप यह बात करेंगे तो हमें इस बोर्ड पर पड़ा रहिए भी उत्पादन हुआ होगा यह भी जीडीपी में आया है कैमरा भी जीडीपी में हमारा कपड़ा बीजेपी माइक भी जीडीपी में हॉल चीज जीडीपी अच्छा होगा ना कहीं ना कहीं से हर चीज जीडीपी में जुड़ा होता है हम्म दूर रहते थे स्वास्थ्य वह भी तो जीडीपी में आएगा तो वह सब को जोड़े वह कितना आया होगा हमारी जीडीपी थी वह पांचवें नंबर पर पहुंच गई थी एकदम समझ यह ने ब्रिटेन को पीछे करते हुए लेकिन कुछ गलत स्टेप हो गया किस वजह है कि जब हम लोगों ने जो नोटबंदी किया तो वह नोटबंदी का जो एक सपना था कि हम लोग बहुत ज्यादा करप्शन कम हो जाएगा काला धन आ जाएगा वह पूरा नहीं हो पाया है और यह नोट बंदी का नतीजा यह हुआ कि जितने भी MS Word नहीं उद्योग थे इस एमएसएमई बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते अगर हमसे कोई करें कि भारत को बर्बाद कैसे करना है तो एंबेसी में को बर्बाद कर दो और भारत को आप कैसे करना है तो एमएसएन कर बात कर दो इसलिए मोदी जी अभी सुनो अभी हाल ही में निर्मला सीतारमण ने हमेशा नहीं के लिए अलग से घोषणा किया था तो यह एमएसएमई छोटे व्यापार को कहा जाता है जिसमें छोटे-मोटे उद्योग का तेजी से कई कलम बन रहा है कॉपी बन रहा है इस क्रीम कुरकुरे है यह सब मांस बनता है छोटे मोटे कपड़े का उपयोग ज्यादातर एमएसएन जिसका ही यू पेज में छोटे-मोटे चीज होता है वह मेष मीन इंडस्ट्रीज के अंतर्गत आते हैं जिसे हम लोग कहते हैं इस माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम इसका फेवरेट वीडियो एंड डिस्क्रिप्शन में लिंक दे देंगे इसको आप जरूर देखिएगा मेल मैसेजेस को तो नोटबंदी के वजह से यह मेल सेंड उद्योग पूरी तरह से बर्बाद हो गया क्योंकि ज्यादातर बिजनेस में करते थे और जैसे नोटबंदी हुआ था नवंबर में तो चार पांच मिनट तक पर पूरी तरह गैस की कमी आ गई थी अब यह लोग जैसे अपने को थोड़ा बहुत सुधार से बेचारे इनमें से मिलने की तब तक ठोक दिया लोगों ने जीएसटी और जीएसटी की जो चार प्रकार है सीजीएसटी एसजीएसटी यु टी जी एस टी और आईजीएसटी या भी ही गवर्नमेंट अच्छे से समझाई नहीं है और गवर्नमेंट यह समझाने के लिए व्यक्ति पक चुके थे टीचर भेज देती है कि जीएसटी के संघर्ष पर मामूली चीज है जिसने हमारे हिसाब से 15 मिनट में GST उसको भी समझ में आ जाएगा जो 80 साल के उम्र का है और जीवन में कभी स्कूल नहीं दिया है तो वह J2 नार्मल चीज आप समझाने का तरीका होना चाहिए तो जीडीपी का आपको हैं जैसे जीडीपी खत्म होगा आपको जीएसटी के बारे में बताएंगे तो एमएसएमई को लूट चाणक्य नहीं रहता है तब तक GST आ गया उनकी और कमर तोड़ के रख दिया है इस वजह से हमारा बहुत बड़ा उद्योग गिर गया और हमारी जीडीपी धड़धड़ाते गई और ऑटो कुंवर मैंने थोड़ी सी लापरवाही कर दी तो हमारा ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए है एक्चुअली जो था इंजन की जो कैटेगिरी होती है जैसे फेर के बाद देखिए पर बेसिक आ रहा है बी एस का मतलब भारत स्टेट तो जितनी भी स्टेज आगे बढ़ते हैं तो उसी इंजन से धुआं बहुत कम निकलता है वह बहुत अच्छे क्वालिटी की यूनियन होते हैं जिससे बीएस-3 में ज्यादा धुआं निकलता कभी S4 में कम निकलता है बीएमसी चौक कम निकलेगा तो गवर्नमेंट ने पहले ही ऐलान कर दिया कि हम दिए फैलाने वाले हैं तो वह लोग नाम है कार खरीदने छोड़ दिए गए यह विकेट फॉर क्या खरीदेंगे B.Ed खरीदेंगे उस पर से गवर्नमेंट ने भी ऐलान कर दिया तो 2 साल पहले यह हम क्या है इलेक्ट्रिक कार को ले आने वाले हैं तो उन लोगों ने इंतजार करने लगा छोड़ो यार डीजल-पेट्रोल वाले इलेक्ट्रिक वाला है लेकिन बाद आपको लाना आप अचानक यह गाना पहले हुआ क्यों कर देते इन का रोजगार चला जाता है तो हमारा जो ऑटोमोबाइल सेक्टर था वह लिया है और ऑटोमोबाइल सेक्टर बैठेगा उत्पादन होगा तू उत्पादन की ही तो घर में क्या कहलाता है कि सकल घरेलू उत्पाद ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट प्रोडक्शन रुकेगा तो प्रोडक्ट रूक जाएगा ताकि जीडीपी गिर है तो दो-चार मध्य से जीडीपी गिर गई दूसरा हमारी जो करेंसी है अखरोट करती रहती हैं जो फ्लोटिंग करेंसी है जबकि इंडिया की जो करेंसी होनी चाहिए उसे कॉलिंग पर करना चाहिए था मगर डॉलर और रुपए इतना ज्यादा फ्लकचुएट होता है जिसमें इस हमारी जीडीपी पर भी बहुत ज्यादा इफेक्ट पड़ता है यह तो आप समझिए कि जीडीपी होता क्या है लेकिन जीडीपी को निकाला कैसे जाता है तो आप जीडीपी को निकालने का तरीका देखेंगे तो पांच तो तरीका मिलेगा आपको एक हो गया आपका की नॉमिनल जीडीपी क्या होती है फिर रियल जीडीपी क्या होती है तो यह हो गया आपका जो तरीका और रियल जीडीपी के बाद आपको एक पी जी डी पी मिलेगी अगर आप पीडीपी की बात करेंगे परचेसिंग और पेनिट्रेट और तीसरे नंबर पर चले आते हैं में का जीडीपी को मार्केट प्राइस पर निकालना है कि फैक्टर कॉस्ट पर निकलना है यह जीडीपी होती है और इन सबमें सबसे बड़ा महसूस कर देता है आपका अगर आप पीपीपी के पंच इधर करेंगे तो इंडिया की करेंसी और डॉलर की करेंसी में क्या मतलब रिलेशन हमने फ्री फ्लर्टिंग पर छोड़ दिया है जबकि वियतनाम की तरह गरम लकवा लिंग पर करते हैं तो हम लोग भी चाइना की तरह आज हम मैन्युफैक्चरिंग हब हो सकते थे तो यह कैसे डॉलर और रुपया को कैसे बैलेंस का 9th क्यों है आगे पीछे पड़ जाता है सेंसेक्स और निफ्टी शेयर बाजार कैसे घट बढ़ जाते हैं तो यह जीडीपी का जो निकालने की पांच तरीके है यह भी समझना है तो आप ही आप समझ गए कि जीडीपी क्या है और दिए ठीक है और एनडीपी और एंटी क्या है नेक्स्ट वीडियो में हम इन सब चीज़ों के बारे में समझा देंगे तब तक के लिए जय हिंद