एक बहुत बहतरीन टॉपिक राजस्तान की हस्त कला यहां से प्रशन आना पक्का है फिर आएगा चित्र क्लासे प्रशन और हस्त क्लासे प्रशन मतलब यह वह टॉपिक है अभी जैसे अपने मंदिर कंप्लीट किया मतलब यह वह टॉपिक है जहां से प्रशन को आना ही आना पड़ता है ठीक है बिलकुल बहतरीन टॉपिक स्टा कि सभी को प्रणाम वेरी गुड इवनिंग गॉड ब्लेस यू जंडे गार देंगे भी देखो एक छोटा इसमें देता ह� राजस्तान की एक कला है हस्तकला एक पढ़ेंगे वह चित्रकला वह भी आज ही पढ़ेंगे हस्तकला की मैं अगर बात करूं तो अगर छोटा प्रश्न आता है कि हस्तकला का तिर्थ किसे कहते हैं तो भाई जयपुर ठीक है ना मतलब यह अपने हैं 25000 30,000 40,000 प्रमोट करने के लिए भी हस्तकला के अंदर पूछे तो बोरानाडा जोधपुर और हस्तकला के आत्मा यह मिना कारी कहां की प्रसिद्ध है बस अभी को भी मुझे ध्यान से सुन लेना हाथ तो हाथ याद हो जाएगा ठीक है तो यह तो कोई छोटी बात ही कोई वन मार्क्स एक्वेशन आए तो आ जाए एक देखते हैं गोटा किनारी जानते हैं गोटा लेडिस लगाती है जो अपने होती ना लेडिस ओडनी और थी है चुनरी और नहीं उसके गोटा होती है तो गोटा किनारी लगाते हैं उसके गोटा किनारी के प्रकार बहुत-बहुत बार पूछे गए हैं गोटे किनारी के प्रकार तो लंपा लंपी किरण और बांखड़ी यह गोटा के प्रकार है गोटा जानते हो ना सब गांव के बच्चे सब जानते हैं सिटी वाले भी जानते हैं जो ओडनी होती उसके गोटा लगाए जाता है किनारी पर ठीक है खंडेला सीकर की गोटा किनारी प्रसिद्ध है जगह विशेष याद कर लेना गोटा किनारी का प्रसिद्ध खंडेला सीकर पेचवर्क जानते हो अलग-अलग रंग के कपड़ों को काटकर आपस में सिलना पेचवर्क कहलता है शेघावाटी का पेचवर्क वेरी फैमस है बात करते हैं गलिचे छपेगा अ छपेगा गलिचे कहां के प्रशिद है भाई देखो गलिचे एक्चुरी क्या होता है जो दरी होती ना उस दरी का एक छोटा सा रूप है ठीक है बिलकुल गलिचे तो गलिचे जो है वैसे तो प्रशिद तो टॉक के हैं लेकिन बीका नेरवेज जेपुर की जेल में भी गल जाते हैं जो केदी होते हैं केदी से काम करवाई जाता है ठीक है ना गलीचे बनाता है बहुत शांदार और केदी आराम से बेटे-बेटे नोटर इन्शन काम करते हैं ठीक है तो बीका नेरव जैपुर की जेल में सुंदर गलीचे नहीं जाते हैं वैसे प्रसिद्ध है ना वह ज्यादार जैपुर के प्रशिद्ध है और टॉक के भी प्रशिद्ध गलीचे वैसे टॉक के भी जो ना गलिचे प्रशिद है और बीका नेर व जैपुर की जेल में भी जो गलिचे बनाए जाते हर तरह से प्रशिश कैसा भी आए आपको पोछकर आएगा छपेगा भाई छपेगा ठीक है दरियां कांग की फेमस है दरी जानते हैं बीचे बिछाने वाली बिल्कुल दरी भाई टांकला जगह पड़ती है नागोर में दियान रखे टांकला नागोर के दरियां प्रशिश और सालावास जोतपुर के दरियां प्रशिश और लवान दोसा तीनु जगें इतने इंपोर्टेंट है प्रशन आएगा दरियां कहां की प्रशिद्ध है ऑप्शन रहेंगे सीधा अंसर नमदे टॉक के प्रशिद्ध है ध्यान रख लेना देखो कि यहां में बात करूं तो गलीचे जिप्पुर के प्रशिद्ध है एक विशेष जगह देखी जाए तो दरियां तीनों की प्रशिद्ध है नमदे टॉक के प्रशिद्ध है नमदे एक्ट्रूली दरी और गलीचे के बीच का सोर्स है ना तो अपने उसको कहेंगे दरी और ना अपने कहेंगे गलीचा इन दोनों के बीच के पॉइंटर थोड़ा-थोड़ा मिक्स करके वह होता है नमदा होता है भी बिचाने की काम आता है यह दियान रखें टॉक के उन्हें होते हैं आपको बताएं उन्हें खूब होती है टॉक में तो इसलिए नमदेवा के प्रशिद्ध है ना क्योंकि वहां पर आपको बता अंभिगापुर के अंदर अपना बैड़ वह भी केंद्र बना हुआ है जरीवे गोटा अगर बात करें तो फिर अपने पेश के लिए था कि गोटा तो खंड़ेला सिक्र का प्रशिद्ध है वही है लेकिन जयपुर और बिनाय अज पर में और वैसे देखा जाए तो अगर नई जिले के हिसाब से तो कोई दिक्कतवाली बात नहीं है व्यावर वगैरह भी हो जाएगा लेकिन वह व्यावर या जिम्मेन जब भी कोई जगह आते हैं उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा यह तो आपको पता कि पड़ चित्रण की बात पड़ तो शाहपुरा भील में जोशी परिवार पड़ चित्रण जाना जाता है लालवे हरे रंग का परियोग करते हैं पड़ चित्रण में देवी देवताओं के चित्रण जानते होंगे एक पड़दा होता है पड़ या फड़ मान लीजिए उस पड़दे पर देवी देवताओं के डाइग्राम अगर बनाया होते हैं वो उसे बोला जाता कि प्रशिद्ध शाहापुरा आलांकि शाहापुरा खुद जिला बन गया अब इसलिए अलग से बीलवड़ा नहीं आएगा शाहापुरा जिला आएगा ठीक है तो शाहापुरा जिला में है जोशी परिवार ठीक है लाल और हरे रंग का परियोग करके देवी देवताओं तो पिछवाईयां कहां की प्रशिद सीधे फेक्ट है घौट के पीजाना दंग से लिख लेना ठीक है ना बिल्कुल जंडे गार दोगे शाबाश तो पिछवाईयां नात दुआरा राजसमंद की भाई ठीक है पिछवाईयां होता क्या है बगवान कृष्ण की लिल पर उतारा जाता है ठीक है ना लेकिन उतना सब नहीं एक इफेक्ट आएगा पिछवा��यां कहां की प्रशिद्ध है नात द्वारा राजसंबंध और मांडना जानते हो दो लेडी बनाती है आजकल पहले जो उस पर भर्षव दिवारों पर चित्रगारी की जाती है मानना अभी भी गर्यमणी प्रवेश्व महाराई संस्कृति और कल्चर देखने को मिल सकता है आलागिला जानते होंगे बीका नेरव शेकावाटी में दिवारी होती है ना तो उनको लीपते हैं गोबर से तो थोड़ी गीली हो जाती है उसे बोला जाता आलागिला तो बीका नेरव शेकावाटी मे कि मथरण बीकानेर यह आकरशक बीतिचित्र होते हैं देवी देवताओं के बीतिचित्र का मतलब है दिवारों पर देवी देवताओं की चित्र बनाना मथरण कहा था है लेकिन आपसे प्रसंद यह है का मथरण कला कहां की प्रशिद्ध है तो मथरण कला बीकानेर की प्रशिद्ध है इतने देवतों नॉर्मल क्योशन थे इस वाले क्योशन को आना पड़ेगा कि इस वाले प्रशन को आना ही पड़ेगा छपेगा और मैंने इसको और ज्यादा अपने भी कर दिया है पहली बात तो यह प्रशन आएगा कि थेवाकला क्या करें भाई जोतपुर्ण महान दिया रही है बात तो सही है लेकिन क्या करें तो डेट प्रशन करो एना शाबाश वेरी गुड अ तो मैं यह कह रहा था कि थेवा कला जो है थेवा कला के परवर्थक है ना तुझे सोनी पहली बात हो यह प्रशन आएगा कि थेवा कला कहां की प्रशिद है तो आप लिखेंगे पर्थाब गड़गी देखो कितने प्रशन आएगी थेवा कला कहां की प्रशिद है प्रशिद्ध प्रताबगढ़गी थेवा के लागे परवर्त कोन है ना तुझी सोनी फिर क्या है एक पर ना तुझी सोनी है और इसी सोनी परिवार ने आगे थेवा कलों को बढ़ाया है प्रश्न आ चुका है सोनी परिवार का समंध किस किला से हैं तो सोनी परिवार का समन थेवा क्लास हैं परताबगड और 8% देखा जाए तो थोड़े दिन पर 2014 में पदम श्री मिल चुका है महेश राज सोनी को वैरी इंपोर्टेंट फैक्ट है ये करंट का फैक्ट है ठीक है न इसको भी ध्यान लखना बहुत बैतरीन प्रशन आ� हां बिल्कुल रखेंगे आज इतियाजी सीरीज रही की राजस्तान जी केगी टॉप उसमें सारे प्रश्न बता देता हूं पहले पढ़कर आ जाना मंदिर से प्रश्न लेने वाला हूं यहां से भी प्रश्न लेने है ओके इसमें रंगों का प्रयोग वैसे ज्यादा हरे रंगा प्रयोग किया जाता है बट नीले लागरंगों का भी प्रयोग इसमें थोड़ा-थोड़ा किया जाता है ब्लू पोट्री की मैं बात करूं तो ब्लू पोट्री का दूसरा नाम काम चीनी कि क्वाट जो चीनी मिट्टी के बर्तनी से बनाई जाते हैं हालांकि चीनी मिट्टी के बर्तन ज्यादा बनाएं चिक्कनी मिट्टी होती है ना जैसे कप जैसे बनते हैं वह वाले और ब्लू पोट्टरी का मैंने कहीं था और इस जिन्हां उपव कहां से वाला था तो इरान परशिया या फर कि एक बच्चा कल बार-बार कमेंट करता पता नहीं कहां से पड़कर आया है मान सिंह अरे मैंने कार्य राम सिंह दिद्धि ठीक है तो वापस उसको क्लियर कर लेना उस बच्चे के डाउट क्लियर हो जाएगा राम सिंह दिद्धि के समय तो है ना यह हमारे ब्लू पोर्टरी विक्षित हुई यह ब्लू पोर्टरी का स्वन काल माना जाता है राम सिंह दिद्धि ठीक है और कि इसके कलाकार ब्लू पोट्री के कृपाल सिंह शेखावत साहब इनको पदमश्री मिल चुका है 1974 में आलांकि स्वरगी नाथी बाई का भी नाम आता है वह स्वरगी है वह चले गए हैं और वर्तमान में गौपाल सेनिक अच्छे इसके कलाकार इसके बाद में राम सिंह जी इंपोर्टेंट है और जयपुर इंपोर्टेंट है बस ठीक है लेकिन इसके साथ में एक और लिखना ब्लू पोट्री और ब्लेक पोट्री कोटा की प्रशिद है ब्लू पोट्री जैपूर ब्लेक पोट्री कोटा वहां पर क्या किया जाता है फूलदानु प्लेटू और मटकों के लिए प्रशिद है वाली पोट्री ठीक है ना बहुत इंपोर्टेंट है मीनाकारी की में अगर बात तो सोने चांदी वे क्लात्मक वस्तों पर मीना चढ़ानी किला है मनी मीना बदल मनी चढ़ा जाता है मनी जानते हो ना लेकिन में चीज मीनाकारी जैपुर की मुख्य सेंटर जैपुर लेकिन सबसे इंपोर्टेंट बात है मैंने पुल अपडेट कर दिया है सरदार कुदरत सिंग जी को पदमश्री मिल चुका है मीना कारी में 288 SWIMMING प्रशन आएगा कि सरदार कुद्रत सिंह का समन्न है मीनाकारी से ठीक है न ध्यान रखें लाहोर से 16 सदी में मान सिंह प्रथम जयपुर के जो राज्यासवाई मान सिंह उनके द्वारा लाई गई थी मीनाकारी कला को फिर मैं बात करता हूं भाई टेराकोटा टेरीकोटा की बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है मल मोलेला गाउन नाक्ष द्वारा राजसमन छपेगा बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट टेराकोटा टेरीकोटा कांग की प्रशिद्ध है मोलेला गाउन कि नाथ द्वारा राजसंबंध इसके अलावा मैंने अलावा कि सारे एक साल लिख दिया हुए इसलिए मेरे साथ समझो पहली बात ही है टेराकोटा कांग की प्रशिद्ध है मोलेला गाउन नाथ द्वारा समझ एक प्रशन फिर आएगा मोहनलाल जी कुमावत साहब ठीक है ना क्योंकि देखिए इस टेराकोटा में क्या मटके वगैरह होते हैं मिट्टी के वह बनाए जाते हैं मोहनलाल जी कुमावत को पदमश्री मिल चुका है बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट टेराकोटा के लिए मोहनलाल कुमावत पदमश्री मिल चुका है है ओके इसके अलावा यह तो चलो टेराकोटा टो कंप्लीट है इसके अलावा मिट्टी के बर्तन खिलोनों की मैं अगर बात करूं तो बसी चितोड़ लेकिन सबसे इंपोर्टेंट फैक्ट है बू यह बू गांव है अ कि यह बूजाव बई कहां पर बू नरावता ऑनली फॉर भू भी लिखाता है बू नरावता नागोर जिले में गांव पड़ता है ध्यान कर लेना सिर्फ भू भी लिखा आता है ऑनली बू तो बू नरावता नागोर जिले में मिट्टी के बर्तनवे खिलोने बनाए जाते हैं बस्ति चितोड़ में भी और बू गांव नरावता नागोर में भी बहत्री इन फैक्ट इसके अलावा एक पैक्ट यह रहा है कि यह क्या है यह हनुमानगड़ में जगह पड़ती है उसका नाम है बड़ोपल ठीक है बड़ोपल हनुमानगड़ यहां से प्राचीन टेरीकोटा प्राप्त हुई है मतलब प्राचीन पेड़ टेरीकोटा के बर्तन वगैरह मिले हैं ओके फिर प्रश्न आता है का आग दिप्तेरा कोटा कहां की प्रशीद है आंसरों का अलवर और यह छप गया क्या छपा यह सुनेंगे मामा जी के गोड़े बिल्कुल देवताओं के लिए के लिए मिट्टी के गोड़े बनाई जाते हैं हर जी गाउं में हर जी गाउं पर ताइट जालोर में छप गया कितनी बार छप चुका है बहुत बेहतरीन हर जी गाउं जालोर ध्यान रखें देवताओं के मिट्टी के गोड़े बनाई जाते हैं जिनको मामा जी के गोड़े भी कहते हैं छप गया ठीक है तो यह बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट पेज है कम से कम 10 फैक्ट होंगे उसमें तारकशी जानते हो क्या चांदी के बारिक तारू से कलात्मक व्यक्ति बनाई जाती है तारकशी कहां की प्रशिद है तार को कस के नात दुआरा राजसमंद अब सुनो मेरी बात नात दुआरा राजसमंद की दो बहुत बहतरीन जगें हो गई टेरा कोटा मोलेला गाउन नात दुआरा समंद और टेरा कोटा के साथ में तारकशी भी नात दुआरा समंद प्रवाइज जट कत्राई जट तो जानते होंगे उपर के बाल ऊंट के जो जट होती है ऊंट और बकरी की भी होती है लेकिन यह जट कत्राई है वो ऊंटूं के बालूं की कलात्मक डंग से काट कर और आकरति उकेरना राई का एरेवारी जाती है लोग करते हैं देखा हूंगा बीकानेर साइड में जो उंट होता है बीकानेर जैसलमेर बाडमेर क्या डिजाइन मिलाते हैं उनकी कटिंग करकर के शांदार बहुत सुन्दर उंट दिखते हैं बिल्कुल राई का रेबारी जाती के दुबार आपको पता है उंट पालक जाती कड़ाई जानते हो कड़ाई मान लो चाहिए कशिदाकारी मान लो शैकावाटी की प्रशिद्ध है सूती कपड़े पर छोटे-छोटे बिंदी लगा-लगा कड़ाई की जाती है जिसको बोलते हैं मुकेश कड़ाई छापेगा मुकेश बोलते हैं इसको मुकेश किसका नाम नहीं है इस कड़ाई का नाम है मुकेश ठीक है जो कड़ाई की जाती है बहुत बिंदी लगा-लगा के बिंदी पौपौ कैसे पौधेते रस्ते में उसे कहा जाता है और एक भाई थोड़ा level civil services का रखा है इस वाले फक्ट में यह क्या फेक्ट है यह भरत सूप हुरमजी आरी आदी शब्द कड़ाई वे पेच वरक से समझनी कभी के प्रशन आ जाता है आलांकि आपके नहीं आएगा कोई बात लेकिन देख लेना एक बार कि भरत सूप हुरम� प्रशन आएगा अजर छपाई करने वालों को छीपे कहते हैं ठीक है न जो कपड़े पर करते हैं छपाई प्रशन आएगा अजरक प्रिंट देखो अजरक प्रिंट वैसे बालोतरा जिला बनी है लेकिन मैंने बाड़मेर भी लिखा है क्योंकि ऐसी चीजों में हो सकता है कि जगह पुरानी वाली आ जाए तो अजरक प्रिंट में बाड़मेर या बालोतरा जो भी दोनों से आए नीला वे लाल रंग का परियोग किया जाता है जामित या लंगकारों का परियोग के जैसे वह जो मेट्री के लिए आज रख प्रेंट कि बालोतरा या बादमेर मलिर प्रिंट बादमेर आजम प्रिंट बहुत बढ़िया इंपोर्टेंट आकोला चितोड़गड़ जाजम भी चितोड़गड़ लेहरिया तो आपको पता है जैपुर का प्रसीज़ प्रशिद है लेहरिया जैपुर और पाली दोनों जुगें प्रशिद है ज्यादा जैपुर का प्रशिद है हालांकि लेहरिया उसमें समुद्र लेहर लेहरिया और राजशाही लेहरिया कि दो नामों से ज्यादा बिकता है कि कौन सा लेहरिया लेना है अब आपको राजशाही लेहरिया या समुद्र लेहर लेहरिया ठीक है और चूनड़ी का चाहिए साफ हो चाहिए चूनड़ी हो वह तो ज्यादा पुर्विध है ठीक है ना बेहतरीन इसके बाद में बात करते हैं सांगानेरी प्रिंट छपेगा अ बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट सांगैनरी प्रिंट सांगैनरी जगह पड़ती है जैपूर में बजनलाल जी जहां से जित के हैं सी एम राजस्तान रंग की कोई बात नहीं में चीज है मुन्नालाल गोहिल ने इसे अंतराष्ट्रीय स्थर पर यह जिसने भी नाम है सीधा प्रश्न आता है कि मुन्नालाल गोहिल का समंध किस से है तो आपका डाइट अंतर सांगैनरी प्रिंट से ठीक है बंदेज प्रिंट यह जैपुर वैसे मुख्य सेंटर है लेकिन ज्योधपुर शाहवार्टी का भी नाम आता है कि इसे टाइएंड डाई भी कहते हैं बंदेज प्रिंट टाइएंड टाइ� जाते हो ना ऐसे थप्पे में जैसे चुनरी वगैरह पर दबाकर उस पर डिजाइन निकाल लेना ठीक है वह है और बग्रू जो के पड़ते हैं जैपुर में तो वहां के जैसे सांगानेरी प्रिंट जैपुर में तो सांगानेरी की प्रशिद्ध है बग्रू जैपुर में ठीक है ना प्राकृति नैचुरल नंगमा प्रयोग किया जाता है प्रश्न यह आएगा ऐसी कौन सी प्रिंट है तो जिसमें फूल पत्ती या बेल बूंटे का अधिक प्रयोग किया जाता है वह बग्रू प्रिंट जैपुर ठीक है और अ आपने कभी जो ग्रामीन परवेश के वो समझ पा रहे होंगे गेहूं का बिंदन जानते हो क्या ऊपर से नॉर्मल हल्केली छिलके उतार देना गेहूं और जोके उसे बिंदन बन जाता है तो गेहूं के बिंदन का दाबू के लिए बगरू में प्रियोक्या जाता है जाता है तो बग्रू में किया जाता है बाकि सांगनेरी जो है ना वह अंतराश्य जिस तरफ को फेमस किया था मुनानाल जी दे और सांगनेरी प्रिंट आपको बताई जिप्पुर मिनियेचर पैंटिंग यह जो हाती दांत होते हैं ना हाती दांत और छोटी वस्तों पर शुक्षम चित्रांगन किया जाता छोटे-छोटा वह है जोधपुर जैपुर किशनगढ़ी फेमस है ठीक कुंदन आपको बताइए सोने के आबूशनों में कीमती पत्तर जड़ना जेपुर में कुंदन प्रशिद है कॉप्था गिरी बहुत बार प्रशिशन आया वह कॉप्था खाया होगा कॉप्था बिल्कुल हतियार जो होते हैं वह पहले के हतियार मान लीजिए उन पहले के हतियारों पर हतियारों को अलंकृत करने के लिए के कला है यह अत्यारों को उसमें क्या है कि पेज कार्य कॉप्तगरी फैमस है आलांकि दमिश पंजाब से राजस्थान में लाई गई थी पंजाब से राजस्थान में यह कला आई थी आपको इतना से याद ने कॉप्तगरी कांगे फैमस है जयपूर अलवर क्या होती है कॉप्तगरी हतियारों पर डिजाइन मिलाई जाती है एक मुरादाबादी काम है भाई पीतल के बर्तुनों में खुदाई करके बनाई जाता है ठीक है ना जयपुर अलवर यह भी जयपुर अलवर है और उस्ता कला तो अपने पढ़ लिया था जब अपने छह गंटे क्लास पढ़ी थी और उसमें जब बीकानेर का अतिहास पढ़ा था बिलकुल अनूप सिंग्ज लिए डिजाइन की जाती है अनूब सिंह जो राजा थे उजाय बीका ने रखे उनके समय बहुत ज्यादा लोकप्री हुए आज भी लोकप्री है उस तक कला के लिए अनूब सिंह जी ने द्यान निकना अनूब सिंह जी ने उस तक कला के लिए अल्ली रज्जा वे रुकनोदीन को लाहोर से लाए थे ल पाकिस्तान वहां पर यह बहुत डिजाइन करने वाले थे अनुभव से जिनका हमारे भी उंट बहुत होते हैं यार डिजाइन बड़ी शानदार करते हैं तुम उन दोनों कार्यकरुगों बुलाई यहां पर अपने वहां पर दरबार में और यह कला को यहां बाताकार का क्या नाम है तो वह नाम हिसामुदिन उस्ता ठीक है ना हिसामुदिन उस्ता का मतलब उस्ताद होता है उस्ताद कलाकार कारीगर कुछ ही मान लीजिए और हमारे सरकार ने उस्ताद कलाकार विकास के लिए उस्ताद केमल हाइड के अंदर की भी स्तापना की है 1975 में बीका नेर में प्रशन एक बार नहीं हजारूं बार ये सारे प्रशन आए हुए हैं एक भी वर्ड मिस मत कर देना छपेगा ठीक है ना क्या होगा छपेगा पेपर मेशी या कुट्टी बनाते हैं ना कुट्टी देखा होगा अरे पहले के जमाने में वो छोटा सा बर्तन बनाई जाता था कागज की लुगदी बना के यहां मजबूत होता है काफी दोप में सुका लिया जाता है और उसमें खाना भी रख सकते हैं ऐसा होता है वो ठीक तो आप सिल्ट देखा होगा कुछ सारे कपड़े डिजाइन पेंटी लेडी उन पर छोटे-छोटे डिजाइन ऐसे छोटे-छोटे ऐसे लगाए होते हैं ना काच होते हैं वह किसी कपड़े पर भी हो सकते हैं सूट पर भी हो सकते हैं और नहीं पर भी हो सकते हैं जैसल मेर पश्चिम राजस्तान ज्यादा जैसल मेर का नाम आता है पश्चिम राजस्तान का मिर्य रक्त बहुत पहले मेरा का बहुत पहले बस आगे देखते हैं पर रतना बुषण रतना जड़ना तो जैपुर विश्व में प्रशिद्ध पूरे संसार इसार में प्रशिद रतनाबुशन के लिए जैपुर बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट फैक्ट है क्योंकि जो चीज विश्व में प्रशिद है उसको बढ़ना बहुत जरूरी है मुल्यवान पत्रों पर सोने चांदी से रतनाबुशन का परियोग जड़े जाते हैं पन्ना जो है एक साथ दो तीन प्रक्षाद है रतनाबुशन के लिए पूरे विश्व प्रशिद को ने जैपुर पन्ने की मंडी राजस्तान में में कहां पर है जयपुर अब लकडी के कलातमस्तु भी बहुत फेमस है लकडी के खिलोने का आंगे प्रशिद है उदेपूर सवाई महदोपूर लकडी से कहीं कपाटू का मंदिर बनाते हैं जो कावड यात्रा भी होती है बड़ी शानदार डिजाइन बनाकर बस्ती चितोडगड के कावड बहुत फ फिर नकासीदार फर्नीचर बिकाने बोल दो चाहिए बालोतरा बोल दो बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट फैक्टर नकासीदार फर्नीचर डिजाइन मिलाते ना जैसे पहले की जमाने पर आपने देखेंगे जो चारपाई होती थी उसको देखना जो उसके नीचे पागे गोड़ी मान लीजिए बना जो पर मानते हैं कि भगवान के देव विमान है ठीक है विमान उसे बेवान कहते हैं बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है कि बेवान क्या है तो बेवान लकड़ी के बने हुए देव विमान ठीक है ना बहुत बेहतरीन प्रशन है लकड़ी की कलात्मस्तुम आपको याद हो गई मूर्ति कला के लिए तो बहुत फैमस है भाई छपेगा प्रशन मूर्ति कला के लिए बहुत ज्यादा फैमस जगह आपको बताइए जैपुर में एक्ट्री सपेद संगमर्बर मतलब जो वाइट मार्बर मकरणा वाला वह उस मार्बल से लगभग मकराना की लोग देखना आप जैपुर में आते हैं वाइट मार्बल देने के लिए मूर्ति कला बहुत जबरदस्त बनाते हैं जैपुर में तो सफेद संगमर्मर से मूर्ति कला के अंदर नंबर वन पर जैपुर है डूंगरपुर बासवाड़ा में काले संगमर्मर की मूर्तिया बनाई जाती है जबकि अलोर जिम्जी जिसमें जगह पड़ती है थानागा जी यहां पर लाल पत्थर की मूर्तियां बनाई जाती है और यहां जो बांसवाड़ा नहीं है अपना बिल्कुल वेरी इंपोर्टेंट है यहां पर एक प्रश्न आया है भाई सौंपुरा जाती तलवाड़ा गांव की मूर्तिय ने स्वांपुरा जाती के तलवाड़ा गांव में वह भी मूर्तियां बनाते हैं किसकी वह बनाते हैं आपके काले संगमर्मर की मूर्तियां ठीक है बाद थानागा जी अलूर लाल पत्र की मूर��ति बनाते हैं ठीक है और अर्जुन लाल पर्जापत जी को बहुत इंपोर्टेंट है अर्जुन लाल पर्जापत को मूर्ति कला के शत्र में पदमश्री मिल चुका है छपेगा ठीक है और मूर्ति कला के जो भी कलकार होते सुनना कभी आप आपने सुना होगा उन्हें सिलावट कहा जाता है क्या कहा जाता है सिलावट प्रशन आ सकता है सिलावट क्या है मूर्ति कला केला कार सिलावट केलाते हैं और जस्ते की मूर्तियों तो आपको पता है जोतपुर में चाहिए जस्ते के बड़े जो बादले होते हैं ना जो ठंडे पाने की जो रखा जाता है बोतल में चारों और कपड़ा लपेट के वो ज और भाई यह तो सुनकाव का मौजडी पेरों में जूती मौजडी की बहुत सुन्दर लगती है चमड़े की कलात्मक जूती होती है जौतपूर की मौजडी बहुत फैमस है जरूर पेरना मज़ा आ जाएगा बा कि बात करता मैं जोधपुर में यह जिंक से बनी बोतलों पर कपड़े का कलात्मक आवरण ताकि पान ठंडा रेस्ट के लोंग टाइम तक ऐसा मान लीजिए कि गाउं का फ्रीज है फ्रीज बोटल होती है जिंकी होती है वो उसके चारों और कपड़े को लपेट लेते हैं चाहिए मस्त तरीके इस वो ठंडी देती है बहुत ज्यादा और एवं कभी-कभी वोटल एसिया इसको बाहर से भी गोने और गूमते रहो उठके भी बांध-बांध के उंट पालक ले जाते हैं लगी थंडी थंडर रहता है पानी बहुत शांदार उसे बोलते बादला बहुत बार प्रश्न कि लाख का काम तो भाई जेपुर में होता है लाख जानते लाख की चूड़ी होती है ठीक है तो लाख का काम जेपुर में लाएंगे कौन वह रामसिंह जी का कल्चर में बहुत बड़ा योगदान है अपने रामसिंह दीत्य को पड़ा भी था ठीक है तो लाख काम के स्वण काल माना जाता रामसिंह दीत्य का काल स्वण काल का तीर कमान तो जानते हैं तीर बाले कमान आलांकि आजकल तो कम हो गए यह चंदुजी का गड़ा अ बोडो गाम ठीक है ना बहुत इंपोर्टेंट है चंदू जी का गड़ावे बोडो काम में बहुत ज्यादा फेमस है तीर कमान आवेट दक्षी नाजस्तान महासवार डुंगनपूर में जगे पड़ती है बहुत बैतरीन है तीर कमान का काम कि कृषि ओजार जो ट्रैक्टर के होते हैं ना हल यह जितने भी जो सामान होता है वह नागोर का बहुत फैमस है पूरे राजस्थान में और स्पोर्ट का सामान हनुमानगड़ का प्रशिद्ध भाई खेसले जानते हो कि गर्मी सर्दी में जोड़ते हैं खेसले यार खेसला ओड़ लिया गर्मी नहीं सर्दी नहीं लगेगी लेटा जगह पड़ती है जालोर में आना कोई और बई तलवार तो सुन भी रखाओगा तलवार शिरोई की प्रशिद्ध है तो तलवार है वह शिरोई की बहुत फैमस है तलवार शिरोई के राजा मांद सिंह के समय तलवार शिरोई के तलवार प्रशिद्ध हुई थी और आज भी शिरोई की तलवार बहुत प्रशिद्ध है आरातारी मलो कपड़े पर डिजाइन की जाती है पहली बात तो यह प्रशिद्ध है कि आरातारी क्या है कपड़े पर डिजाइन चाप लेना इसको रमकड़ा उद्योग क्या है पत्थर के खिलोने पत्थर से काम करना रमकड़ा उद्योग कहां का प्रशिद है पत्थर के खिलोने गल्या कोट दुंगरपुर के प्रशिद है इसे इस उद्योग को इस खिलोने बनाने के उद्योग को रमकड़ा उद्योग बोला जाता है बीडी जानते हो ना बिलकुल टॉक की बीडी प्रशिद है बाई बीडी तेंदु क�� पत्तु से बनाई जा आजस्थान का ठीक है बिल्कुल कोटा डोरिया हिट जबरदस्त प्रशन हिट प्रशन है केथून कोटा और मांगरोल 12 दो जगह हैं कोटा डोरिया की प्रशन आएगा कोटा डोरिया कहां का प्रशिद है केथून कोटा और मांगरोल 12 इसे मनसूरिया कला भी कहते हैं ठीक है न आपको पता कोटा के राजावे जालिम सिंह जहला बिल्कुल जहला साहब ने मंसूर यह कारिगर इस कला का उसको बुलाया था नाम मंसूर तो इसलिए इसको मंसूर या कला भी कह देते हैं आलांकि मुख्य कार्य जो है वह मांगरोल के महिला है श्रीमति जैनब ठीक है ना मांगरोल 12 की रहने वाली है श्रीमति जैनब कोटा डोरिया के लिए फैमस कारिगर कि अब कुछ पैक्ट और है क्या है कि लाख का उद्योग कहां पर फैमेस है जपर उद्यपुर में छाता टीवी रेडियो छाता जानते हो बिल्कुल बारेशिंग बिगने से बसने के लिए दूप से बसने के लिए और टीवी और रेडियो तीनों ठीक है हवाला शिल्प ग्राम उदेपुर पाल शिल्प ग्राम जोधपुर जवार शिल्प ग्राम यह तीन ग्राम है उदेपुर जोधपुर जवार गाउं के लोग सब जानते हैं बड़ी मज़ेदार चीज होती है सर्दी में बचने का सब तकड़ा इलाज है बड़ी या बड़ी जैसल मेहर की बहुत प्रशिद्ध है महंदी सोजत पाली की पता है ना महंदी राचनी कां की है सोजत पाली की महंदी बहुत ज्यादा राचनी होती है बहुत परफेक्ट होती है दो बातें लिखी मैंने बेहतरीन वील और हीड़ कि बिल्कुल नया नाम आपके अपडेट है ग्रामिड शेत्र में मिट्टी की बहुत महल नुमाकरती बनाती जैसे महिलाएं जैसे मेरा में मेकवाल जाती की मिलाती है विवन उसमें कुछ सामान भी देती है छोटा-मोटा ठीक है ना तो विल क्या है ग्रामिन शेत्र में मिट्टी से बनाती है मिट्टी से महल जैसी आकर यह बनाती है कहां की प्रशिद इस्तान विषय पूछे तो जैसलमेहर का भी थोड़ा पश्चिमी ज्यादा भाग है बिल्कुल वह मेगवाल जाते की महिला बनाती है एक हीड यह मिट्टी का बर्तन होता है जो दिवारी के टाइम पर बनाई जाता है हीड ठीक है ना यह हीड यह भाई हीड दिख रहा होगा साफ-साफ बिल्कुल अ थोड़े से फैक्ट और है कि उंठ के बच्चे या तोल्डिया उंठ के बच्चे क्या कहते हैं टोल्डियो या टोल्डियो उसके मुलाईम बालू को सूत के धागे मिलाकर एक बहुत बढ़िया कपड़ा त्यार किया जाता है उसको बाखला कहते हैं भाई जानना सिर्फ जो उंठ का बच्चा होता है टोल्डिया उस टोल्डिया के बाल थोड़े सॉफ्ट होते हैं और सॉफ्ट बालू से बाखला बनाए जाता है पावरजाई जानते हुए कि जैपुर की कहते हैं कि आओ वजन कम होता है दाइसो ग्राम वजन 500 ग्राम वजन लेकिन गर्म बहुत ज्यादा गर्म होती है जयपुर जटपटी जानते होंगे जटपटी जिसमें उंट के बाल हटाई जाते हैं जसोल गाउं बाडमेर में जटपटी ठीक है जटपटी बकरी के बालों से बनती है लेकिन वह उंट वाली थी यह जटपटी जसोल गाउं बाडमेर जटपटी बकरी के बालों से बनती है आलांकि इसके अन्य नाम भी है जिरोही भागला गंधा ठीक है ना ओके और मोती भरत यह पारंपरी एक फैक्ट और जुड़ा कि कपड़े पर मौम की परद चड़ाकर जो चित्र बना जाते हैं उनको क्या बोलते हैं वार्तिक या बातिक छपेगा ठीक है ना कहां का प्रशिद्ध बातिक या वार्तिक खंडेला सिखकर कोई प्रशिद्ध चित्रकारी भी क्या बिल्कुल है उमेश चंदर शर्मा साहब का नाम आता है वार्तिक या बातिक में ठीक है ना बहुत ज्यादा बेहतरी ने भाई तो बहुत ही ज्यादा छोटा सा टॉपिक है प्योर याद करने वाला है लेकिन कसम खानी है प्रोमिश करना है मेरे से अभी का अभी याद करना है कि ये जो टॉपिक है दोनू इन टॉपिकों मैंने अभी इसलिए करा दिया है कि कोई सब एकजाम हो यहां से प्रशन बहुत जादा आते हैं लेकिन इसमें क्या है याद करने का मेटर जादा है ठीक है तो नमबर हेडिंग लगाओ राजस्तानी व और राजस्तानी वेशविष्वा में भी सबसे पहले लगाओ पुरुषों के वस्तर ठीक है तो सबसे पहले पुरुषों के वस्तर क्योंकि पहले जो है ना पहले आपको पता है राजा महाराज्य टाइम पर पुरुष प्रदान एक तरीके समाज कह सकते हैं अपने प� लगभग महिलाओं वाले कपड़े पैना करते लगता है महिलाओं के कपड़े आज की आज के सेंस में जैसे फ्रॉग टाइप बहुत गगरी टाइप गागरी टाइप बड़े-बड़े होते अक्दम ठीक है ना जैसे आज के लिए अनारकली वगैर ड्रेस के नाम होते हैं इसे वाले कपड़े लोग पहले राज्यमार्जा पैना करते दें अभी बात करेंगे तो इसलिए ज्यादा कपड़े पुरुषों पुरुषों के वस्तर में सबसे पहले सम्मान का प्रतीक पगडी बहुत बड़ी पगडी का बहुत बड़ा सम्मान होता है अपने राजस्थान के अंदर पगडी को अलग बाशा में नाम दे सकते हैं पाग के सकते हैं पाग या साफा के सकते हैं ठीक है पगडी के सकते हैं डिफरेंट नाम होते हैं तो प्रति अच्छा यह प्रश्न भी आ चुका चार ऑप्शन थे उसमें यह था कि नियुक्त में से कौन गोरव प्रतिष्ठा का प्रतिष्ठा है कौन एक इज्जत एक सम्मान एक प्रतिष्ठा गोरव का प्रतिष्ठा है तो वह पगड़ी जानते हो जो सिर्फ प्रवड़ी जाती है बिल्कुल पहनी जाती है अब एक चीज और है पगड़ी के डिफरेंट नाम भी है यह भी प्रश्न एक्जाम में आए हुआ है क्या जैसे पांग तो चलो पगड़ी से बनाए वैसे एक ठेड पर शीमिरायस्तान के लिए पर पर्शिद है थोड़ा इसमें मोटा छोड़ा होता है पाग पकड़ी से थोड़ा ऐसा छोड़ा तो पकड़ी में तो क्या कि डिफरेंट रिवेंट रेक्टर चुनिया लगा कि शांता बनाई जाती है लेकिन वह एक ही बात है पकड़ी का रूप पर पाग है पेंचा है फैटो है सेलो है लपेटो सिरसूत बागा और फालियो अब जैसे देखो पाग सुनावा है है और यह आपको फेटो सेलो लपेटो लपेटना यह सब इजी लगेंगे बागा फालियो यह सब पगड़ी के नाम है बस करना क्या है कि आट दस बार उनको पढ़ना है पढ़ते ही आतो जाएगा कोई बड़ी चीज नहीं है फिर बात आती है पगड़ी के प्रकारों की वेरी इंपोर्टेंट है और वेरी इंपोर्टेंट क्या वेरी इंपोर्टेंट है सेविल सर्विसेज कि लहरिया पगडी लेहरिया पगड़ी मोठड़े की पगड़ी जैसे इतना साएगा मोठड़ा मोठड़े की पगड़ी कब पहनी जाती है तो विवाय के उत्साओं पर मोठड़े की पगड़ी पहनी जाती है ये क्या है मदील की पगड़ी ये दशेरा जवाता न तब पहनी जाती है मतलब पहल था ऐसा समान था पहले ठीक है फूल पत्ती की छाप वाली या सफेद या पीली पगड़ी वह होली पर पहनी जाती है और हरी या कसुमल पगड़ी या मल्यागरी पड़ी रेड कलर के एकदम वह कलर होता है इसका यह बारिश के रितुमें पहनी जाती है और कैसर या पगड़ी या बहरी का मतलब है जो बहुत बतिले रंगीलू से रंगू ठीक है और लेहरिया साउन की तीज पर पहनी जाती है तो यह ध्यान रखें यह सब क्या है जैसे एग्जाम आएगा मदील क्या है आया हुआ है आ जाएगा नहीं बहुत बार रिपीट है मदील क्या है सापपगड़ी का एक प्रकार कर दो एक आप उशन एक इस तरीका बुशन नाक आप उशन ऐसे बढ़ा जाते हैं तो मदील क्या है मदील एक पगड़ी का प्रकार है फिर आज आएगा मोठ डा किया तो मोठ डा एक पगड़ी का प्रकार भी इस तरीका प्रकार में पड़ेंगे पन और कसुमल क्या है तो कसुमल एक पगडी का प्रकार है इसलिए नाम मत बूल जाना लहरिया मोठडे मदील फूलपत्ती की चाप वाली सफेद तो कह समझ जाओ कि पिली सफेद जो है ना वैसे होली के त्यौहर पे पेनते हैं वैसे शोक या दुख पड़ जाता है तो भी आपने पर पहनी जाती है और सफेद पगड़ी तो खेर मैंने आपको बताई दिया यह शोक के अवसर पर पहनाई जाती है यह पगड़ी के परकार सारे कंप्लीट हो गए इनको एक बार अच्छा ढंग से लिख लेना लिखोगे तो याद हो जाएगी अब है कुछ नोट लेकिन कुछ फैक्ट है जो पगड़ी से समंधी फैक्ट है आपको पता है कि खिड़किया पाग बहुत बार पूछा गया प्रशन है खिड़किया पाग कहां का प्रशिद्ध है तो जोधपुर के साफ़े को जिन्होंने कि जस्वन सिंह सेकंड ने फैमस किया था वह जोधपुर जोतपुर का साफा चुनडडी वाला साफा आज भी बहुत प्रशिद है साधी शादी विहाँ के अंदर बहुत पैना जाता है जोतपुर का साफा यानि कि खिड़किया पाग उसका नाम क्या है खिड़किया पाग वह फैमस है चुनडडी साफा भी बोलते हैं उसको जस्मन सिंह दित्य को इसको प्रशिद करने का श्रेज आता है ठीक है इन्होंने इसको प्रशिदी दिलाई थी यह भी जान रखें फैमस किया था इन्होंने ठीक है ना तो यह आपको जान रखना है खिड़किया पाग अ कि यह प्रश्न भी आया हुआ है कि रिपाग का समंध है जोतपूरी साफ़े से जोतपूर से दूसरी बात खिड़किया साथ वापिस राजा ने खिड़किया पाक को या जोतपूरी साफ़े को प्रश्नी दिलाई तो राजा जस्वन सिंह दिवती है ठीक ह बहुत शानदार पगड़ी होती है और जैपुर के रंग रेज कोन होते हैं जो पगड़ी को रंग देते हैं जो रंग रखते हैं जो पगड़ी बनाते हैं समाल लीजिए ठीक है ना तो जयपुर की जो रंग्रेज है और राजशाही पगड़ी अब प्रशन आ जाए राजशाही पगड़ी कांग यह जयपुर की है ठीक है वह बनाते हैं और मद्दे काल में खंगा यह लिख लेना है फैक्ट यह फैक्ट है यह सिद्ध फैक्ट है आयो प्रशन है और आने की चांस भी है कि खंगा क्या यह एक वर्ड यह बहुत इंपोर्टेंट प्रशन आया हुआ है वेरी इंपोर्टेंट प्रशन आया हुआ है और लाइट प्रेसन ले भी लूंगा में कि छावदार क्या है तो मेवाड के महाराणा उद्धेवपुर की पगड़ी बहुत फैमस अब बड़ी शानदार पगड़ी होती थी तो छावदार मेवाड के महाराणा पहनते थे तो मेवाड के महाराणा को जब पगड़ी बानते थे छावदार कोई पेन पगड़ी का नाम नहीं है तैयान रखना छावदार है मेवाड महाराणा के पगड़ी बानने वाला व्यक्ति है जो मेवाड के महाराणा से दिसी बात प्रशिद्ध पगड़ी पहनते थे तो उनको पहनाने वाला बंदा होता था छाबदार ठीक है तो मेवाड महराणा को पगड़ी पहनाने वाले व्यक्ति को क्या कहते हैं छाबदार कामबा साफा यह साफे का यह प्रकार है साबा नसंस की पगड़ी यह जब शादी ब्याह होती है तो पीटी करते हैं ना वह हल्दी का बनाकर गेमें वगैरह तो वह कि उस टाइम कामा साफा पहना जाता है शुभ माना जाता है चीरा और फेंटा यह भी ध्यान रखना चीरा और फेंटा मैंने भी कहा भी था कि फेंटा पगड़िया प्रकार है यह सिर्फ वही पगड़ी का प्रकार है जो पैसे वाली या धनी वेक्ति होते थे ठीक है ना उच्छे धनी वर्क के वेक्ति पहले फेंटाया चीरा पहना करते थे पगड़ी तो जैसा ही है ये भी तो वो ये ध्यान रखे ना कभी प्रश्न आ जाते हैं आलांकि ज्यादा इंपोर्टें कि यह ध्यान देना है फिर मैं बात करता हूं पगड़ी के शेलियों की पगड़ी की पूरी पेज़ बी करने वाले पर नस्चे करेंगे पगड़ी की शेलियों भी वेरी इंपोर्टेंट है ठीक है ना भाई शेलियों का मतलब क्या जाता है कि पगड़ी कहां की पगड� पगड़ी बनाने के तरीके मान लीजिए तो उदेश शाही अभी यह प्रश्न तीन-चार बार आ चुका है उदेश शाही अमर शाही विजय शाही शा नाम है ना वह लगभग राजा के अपने नाम से ही वह पगड़ी चला दिया करता है पगड़ी का प्रकार हो गया कि इस डिफरेंट जैसे कि जयपुर की पगड़ी अलग हो गई ठीक है वैसे उदयपुर की पगड़ी अलग हो गई वह अमर शाहित मतलब अपने नाम से पगड़ी क उदेशाही अमरशाही विजेशाही शाह जश्णी चुड़ावत शाही जश्वन्त शाही भीम शाही राठोड़ी पगड़ी हमीर शाही अटपती बखरमा अब जैसे ये डिफरेंट नाम है अटपती बखरमा और मंडब शाही मान बाकी सब में शाही है ये जो तीन नाम थे इन तीन नाम को तो ते स्पेशल देखना है क्योंकि इनमें आगे शाही नहीं है वैसे तापको पता चल जाएगा कि जिसमें भी शाही लगावा है वह सब पगड़ी की शेलियां है ठीक है लेकिन कुछ नाम जो जितने में टिक की है ना वह जो टिक की है वहां से नाम प्रश्न आ चुका है कि शाह जश्नी या फिर आपके यह कैनम अटपटी और बखरमा क्या है तो यह पगड़ी के पगड़ी शेलियां है यह ध्यान रखना है ना तो यह सब पढ़ लेना महानशाहि वगैरह और मांडवशाहि हो गया राजशाहि जैपुर की है और एक यह है वह वर्ड इसी से लेटेड वर्ड है बालाबंध क्या होता है पगड़ी दार्शी धारण करने वाला एक जरीदार वस्त्र होता है ठीक है ना यह धारण पगड़ी पर धारण पगड़ी ऊपर धारण किया जाता है जरी जरी मूटी का बनाया होता है वह उसको बोलते हैं बालाबंद लिख लेना इसी के रिलेटेड इफेक्ट है तो सारे इफेक्ट एक हो जाएंगे तो यह थी वह पगड़ी से समझने सारे प्रश्न आपके कंप्लीट हो जाएंगे यह पगड़ी पूरी डिटेल है आराम प्रश्न आपको ऐसे कैसे उतार दिया है कि सेकंड पुरुषों के अगर मैं बात करूं वस्त्रों की या इनकी तो वह अंग रखी ठीक है ना बिल्कुल अंग रखी वेरी इंपोर्टेंट है आ जाएगा कि अंग रखी पहना जाता है पुरुषों के द्वारा ठीक है ना तो पुरुषों का है पैनावा है रुषों के वस्तर है ये कैसा दिखता है कि शरीर की ऊपरी भाग पर ऊपरी मतलब जहां पर शर्ट पहनते हैं टीशर्ट पहनते हैं ऊपरी भाग में पहनते हैं जिसकी लंबाई जहंग तक आती जहंग मतलब है अपने थाईज तक पूरे गुटनों तक नहीं ग कि इसके नाम वेरी इंपोर्टेंट है तनसुक अंग्रखी का ही एक प्रकार है तनसुक तन को सुख देने वाला अंग्रखी ठीक है गाबा तो वैसे भी पश्चिम राजस्तान में कपड़ों को गाबा ही कहते हैं गाबा दूतैई मिर्जाई डोड़ी कानो अच्छन अंग्रखी तो खेर अंग्रखी तो नाम भी लिखते तो याद हो जाता गदर डगला और बगतरी ठीक है यह वेरी इंपोर्टेंट चीज है अंग्र की वैसे एक बक्तरी होती थी बताओ मैं आपको आलाग यह तो सर्दी के टाइम पहनी जाती है वैसे एक सूती कपड़े की पतली बक्तरी पहनी जाती थी पश्टिम राजस्तान के अंदर जो शायद आज भी अपने दादा जी पर दादा जी कभी पहनते हैं बनियान जैसी होती है बक्तरी उसके बीच में यहाँ पर जेब होती है पोकेट होती है पेट के शायद यहाँ पर उसे भी बक्तरी बोलते हैं हालांकि गर्मियों की जरूरत नहीं है अपने दादा जी वगेरा जो पुराने आदमी है आजकल तो केर बंद कर दिया वरना पहले ऐसे कहते हैं कि शर्ट के अंदर भी बनियान वैसी पहनते थे उसमें पोकेट होती थी सामने में रहता तो जल्दी से सब कुछ ये सब ऐसा एक्शूस भी हो देते हैं ये सारे अंग्रक्षी अंग्रक्षी के नाम है ठीक है ओके जो शरीर के अच्छा प्रश्न आ सकता है कि जो पुरुषों का मतलब कि पहनावा अंग्रक्षी नहीं इसको पुरुष कहां पहनते हैं गुटने के नीचे कमर पर ध्यान रखें यह शरीर के ऊपरी पता चला है पैजामा तो यह पैजामा जैसा ही है बिल्कुल तो शरीर के ऊपरी लेकिन प्रॉब्लम हो गई एक ये जामा पजामा जैसा लगता है लेकिन पजामा नहीं है ये फ्रोक जैसा है मैंने कहने का मतलब यह था पजामा के दिया सोरी जामा फ्रोक जैसा लड़कियां फ्रोक पेनती हैं ना फ्रोक मतलब जो बिलकुल गुटनु तक आती है एक सीधी उपर से नीचे तक होती है वो फ्रोक होती है ठीक है काफी गुमार घेर वाली तो शरीर के उपरी भाग में पेनते हैं जिसकी लंबाई गुटनु तक होती है है और इसको भी सोचो आदि पहनते थे और शादी ब्याद धरवार आदि जब भी लगता था जिस दरबार लग रहा है ऐसे विशेष आवश्यों पर पहन की जाते थे ठीक है आदि आवश्यों पहनते थे अच्छा जब यह शादी ब्याद धरवार वगैरह पहन की जात इसको कभी-कभी कचोटी जामा भी कह देते हैं तो बात वही लास्त में जामा लिखा हुआ है लेकिन आज आए कचोटी जामा क्यों यह क्यों आ जाए क्योंकि अबुलफजल ने इसका अलग नाम दिया था अकबर ने इसको अलग नाम दिया था यह तो दोनु ही प्रशन वेरी इंपोर्टेंट है क् कि कल्चर में क्या है कि पूरा डिप पूछते तो पूरा कल्चर याद करो आप अब उन फजल ने से टकूचिया कहा था तक उनके देश टकूचिया क्या है तो टकूचिया जामा है जामा का मतलब उरुश्यों का परिधान है ठीक है अब उन फजल ने इसको टकूचि जामा कहा था शर्बागति क्या कहा था शर्बागति और मैंने नोट लिख दिया नहीं रहा कि जामा है वो फ्रॉक जैसा होता है लिख लेना साइड में क्या है कि याद इजी होता है अच्छा फ्रॉक जैसा होता है तो फ्रॉक जैसा होगा तो सिदी सी बात है शरीर की उपर आगे है चोगा अच्छा चोगा या चुगा दोनों नाम आते हैं चुगा भी लिखा आ चुका है चोगा भी लिखा आ चुका है यह अंग्रकी के ऊपर पहनते हैं द्यान नहीं है चोगा या चुगा क्या करते हैं अंग्रकी पहन लिए अंग्रकी ऊपर पहना जाता है लेकिन वेरी इंपोर्टेंट सवाई लगावा तो जियापुर के राजा है सिद्धिस्य बात सवाई जिसके भी लगावा है वह सब जियापुर के राजा है तो माराजा सवाई मादो सिंह फर्स्ट का चोगा ने सिर्फ भारत में बल्कि पुरे विश्व में सबसे बड़ा चोगा या गाउन है अब गाउन महिलाई पेनती है गाउन समझ गए तो गाउन ये ऐसा पेनावा पहले महिलाई जैसा पेनावा भी होगा अपन राजा माराज पहले पैना करते थे और यह गाउन या चोगा चुगा जो माधो सिंह प्रथम का है जैपुर में सिटी पेलेस म्यूजियम है ना बिल्कुल कभी व्लॉग बनाऊंगा दिखाऊंगा आपको उस सिटी पेलेस म्यूजियम में बिल्कुल प्रदर्शनी के रूप में लिखा दिखा रखा है जैसे अपना हावा मेल परताप सिंह का पैनाव पूरा देखा था वैसे ही सिटी पेलेस म्यूजियम जैपुर में डिस्प्ले है डिस्प्ले का मतलब परदर्शित है ठीक है तो वेरी इंपोर्टेंट है सवाई माधोश सिंह प्रथम को मत भूल जाना कि चोगा पुरुषों का एक परिदान है लेकिन किस राजा का किस महाराजा का चोगा विश्व प्रशिद्ध है तो स्वाई माद्व सिंह कहां के राजा थे जयपुर के वेरी गुड अगला है टेल पेंट पेंट छोटी पेंट होती जिसको अपने ऐसा मान सकते हैं हाफ पैंट निकर जैसा ठीक है पगड़ी के साथ पहनते हैं बताओ ऐसा लगेगा छोटी पेंट है और गुटने से तक आती है मतलब केपरी मान लीजिए आज के जमाने की केपरी छोटी पेंट या पगड़ी साथ पहनते हैं जामा जैसी होती है जामा भी ऐसा ही है देखो जामा कहा था गुटनु तक आता था ना जामा यह गुटनु तो निच आता था जामा तो गुटनु तक आता था तो जामा गुटनु तक आता था तो छोटी पेंडी गुटनु तक आती है आजकल के प्रियेट कि आप याद करने के लिए साइड में लिख सकते हो टेल के आगे लिख सकते हो केपरी ताकि ना तो शोर्ट्स है भाई शोर्ट निकर भी नहीं है शॉट भी नहीं है वह शॉट नीचे गुटने भी ना दिखे ठीक है ना तो यह टेल यानि कि कैपरी हो गई अब दातिया है आज के लिए बेड़ का जमाना है बेड़ में अच्छा भी नहीं लगता बेड़ सेट करने के लिए पहले राजा माराजा बहुत लंबी दाड़ी रखा करते थे ठीक है तो अब लंबी दाड़ी रखा है लेकिन उनके क्या कि राजा माराज रहने वाले व्यक्ति होते थे तो दाड़ी ठोड़ी पर दाड़ी सेट रहने है तो वैसे सरदार जी वगैरह होते हैं ना सरदार जी विश्वक दर्म सरदार जी होते हैं लंबी दाड़ी रखते हो भी दाड़ी सेट करने के लिए देखने यह पतला धागा मजबूत दर्द ताकि दाड़ी हिले नहीं मजबूत रहे इधर हवासे बिखरे नहीं बाल सेट रहे तो दाड़ी को ठोड़ी पर दाड़ी सेट करने के लिए यह दाड़ी यह होता था बस याद आपको रखना है एक ब्रिचेस या बिर्जस ठीक है ना यह चूड़ीदार पजामा होता था यह सब अपने जो पड़े यह अपने एज लाइक के ऊपर के अब तो अब नीचे आ गए हम टेल से लेकर नीचे आ गए हैं चूड़ीदार पाइजाम पेरु से गुटनु तक टाइट पेरु से गुटनु तक तो था टाइट ठीक है मतलब नीचे से ऊपर गुटनु तक टाइट ऊपर गुटनें के ऊपर कमर तक बिल्कुल धिला ठीक है लड़कियों का पजामा नहीं होता वैसा गुटनु से कमर तक घेरदार चोड़ा होत बेसिकली ये जो राजा पहन देते शिकार पर जब जाते थे न उस टाइम पर पहना करते थे लेकिन आजगल तो ब्रिचेस या ब्रिजेस को उसमें पहनने लग गए तो ध्यान रखें राजा जब शिकार पर जाते थे तो क्या पहनते थे आगे आपरेशन आया हुआ है कि जब राजा शिकार पर जाते थे तो क्या पहनते थे ब्रिचेस या बिर्जस वेरी इंपोर्टेंट है चूड़ी दार पैजा कि अब सिर्फ पाईजामा या सूथन आ जाएगी सूथन या पाईजामा क्या है तो यह अंग्रखी चूगा और जामे इन तीनों ध्यान अंग्रखी पढ़ लिया चूगा या चोगा एक ही बात है चूगा बोलो चाहे चोगा बोलो बात एक ही है और जामा इनके नीचे पहनते थे पाईजामा अ क्योंकि वो तीनों ही फ्रॉक जैसे ही हैं एक तो भाई गुटनों से उपर है गुटनों के नीचे है ठीक है तो तीनों ही फ्रॉक जैसे ही है नीचे पैनेंगे पाइजामा वो पाइजामा ही सुतन होता था जो गुटने से नीचे तक ढिला और चूड़ी दार होता था ठीक है बाकि धोति और लूंगी तो क्या ही बताना धोति शादी बया के अवसर पर हर कोई पहनता है वैसे भी नॉमल अपने दादा जी वगैरह पहनते हैं तो धोति कमर पर पहनी जाती है प्राय मॉस्टली सफेद कलर की होती है लूंगी तो कोई लिपेट लो ठीक है कमर पर अधोवस्तर वैसे यह भी अधोवस्तर है यह भी अधोवस्तर जो आधिश्रव को डड़ते हो दो वस्तर में आते हैं तो लूंगी कमर पर और एक है आमवा अ कि अच्छा आमोआ भी पहना जाता था यह शिकार करते टाइम पहना जाता था यह भी कहते हैं लेदर जैसा ऊपर पूरा कवर होता था मजबूत वगैरह तो खेर आमोआ समझ लेना कि आमोआ पुरुषों का प्रेदान शिकार के टाइम पहना जाता था वे सामो आपक वस्त पुरुषों का परिदान याद रखना शिकार के टाइम पर तो ज्यादा क्योक्षन ब्रिचेस या ब्रिजस से आया है यह आपको याद रखना है एक है मलिये ग्री बूरे रंग में रंगावा वस्तर जो लमे समय तक सुगंधी देता था खुश्बू आती थी कोई क कोई कपड़ा ऐसा होता है आप नोटिस करना कोई कपड़ा ऐसा आ जाता है जिसमें बेसिकली वेसर तो अच्छे कपड़ा आते हैं कुछ जो अपने स्पोर्ट का सामान लेकर आते हैं रणिंग वेर एक्साइज के टाइम पर तो कुछ कपड़े साथ स्मिल आता करते हैं ठीक है लेकिन मलेगरी भूरे रंग का होता था जो लंबे समय तक सुगंधित रहता था यह याद रखना ठीक है और कुल मिलाकर सुगंधित रहे ना रहे अपने याद रखना कि पुरुष पहनते क्या थे बस फिर कमर बंदा या पटका कमर के ऊपर बांधने वाला समझ तो गए होंगे कमर पर जिसमें कटार तलवार खंजर आदि ठूसे रहते थे क्योंकि पहले क्या था शिकार करने का टाइम था और लड़ाई जगड़ूं का तो था ही था कि जो ताकत वह लड़ लो काट लो कोई कंस्टिटूशन या पर कोई डेमोक्रेसियल थी नहीं तो असीधी सी बात कमर पर जिसमें कटार तलवार खंजर आदि ठूसा रहता था वह कमर बंदा यह पटका इश्र के ऊपर रखते थे पैन के कि आत्मसुख जो आत्मा को सुख दे सर्दियों में पहनते थे जयपुर के महाराजा माधो सिंह का आत्मसुख माधो सिंह जी बड़े रंगले रंगिन मिजाज के आदमी है पहना बहुत शानदार करते हैं कल्चरल व्यक्ति है तो जयपुर के महाराजा माधो सिंह का आत्मसुख अर्मिना फर से बनावा था अर्मिना फर समझते हो फर का मतलब है रूई जैसा फर मतलब जो जैसे हैं वह किसी भेड़ वगैरह की होती है तो उससे बनावा था तो अर्मिना फर से बनावा था अपने इतना से देखना प्रसिद्ध हां बस वही बात है कि आत्मसुख कौन से राजा पहना करते थे तो मादोश सिंह जी और मादोश सिंह जी का ही नाम अपने मैंने आपको यहां पर भी लिखा दिया है चोगा में भी विश्व प्रशित चोगा आत्मसुख भी उन्ही कार्ड चोगा भी नहीं का अब note लिखा है मैंने एक very important है जो बहुत बार पूछा जाता है बही शोल होता है सर्दी के टाइम पर शोल ओडते हैं ना शोल ओडने जो होता है या पर चदर चादर भी कूब सारे लोग कहते हैं अलग बाशा है द्यान लगना आपको चादर ही लगेगा जिसे बेड़ चीज बेड़ जाती है लेकिन लोगों की भाषा है तो पच्चेवड़ा क्या है पच्चेवड़ा उन ही शोल है एक उन का बना उसको पच्चेवड़ा कहा जाता है वस्तर है जो ओड़ा जाता है शोल जैसा गुगी कामली या कामली बोल दो चादरा देख लो मैंने कहा ना चादरा खोलप आदी सर्दी में उपर से ओड़े जाने वाले वस्तर हैं जो मोटे सूती कपड़े के होते हैं जो बैसेकली कि यह पच्चेवड़ा से प्रश्न बहुत बार आया है पच्चेवड़ा क्या है एक सूती मोटे मोटा सूती व चादरा खौल पर ये क्या है? ये सर्दी में उपर जो शोल ओडते थे उनको कहा जाता है ये हो गए बाई अपने पुरुषों के जितने भी थे वो अब इस्तरियों के वस्तर की पर अगर बात करें तो स्तरियां सिद्धिसी बात है ओडनिया ओडेगी, लूडिया ओडेगी, साडी पेनेगी सब बात करेंगे सबसे पहले दामनी, दामनी वेरी इंपोर्टेंट है बहुत बार प्रशन आ चुका है मारवाड शेतर में स्तरियों द्वारा लगते हैं लाल रंग की ओडणी है तो पहली बात तो ये कि दामनी मैं चाहता था इसके साथ में भी लिखा सकता था लेकिन दामनी थोड़ा अलग से पढ़ लेते हैं मारवाड चेतर में ओड़ी जाने वाले ओड़नी ठीक है ओड़नी जानते हो उपर जोड़ी जाती है महिलाओं के द् कि दामनी भी ओडनीय लूगडी है फिर भी ओडनीय लूगडी कुछ फैमस भी है जैसे कि पिला पौमचा जबरदस्त प्रशन आ चुका है पहले पड़ बी चुके पौमचा है लहरिया है मोठड़ा अब ध्यान लखना मोठड़ा पगड़ी का भी प्रकार है पहली और मोठड़ा मैंने उस ताम पर खाता है कि मोठड़ा इस तरीके में पड़ेंगे अपन यह वेरी इंपोर्टेंट प्रशन है यह ऐसे क्योक्शन क्या जाते हैं कि यह बोत एंड बी में आ जाते हैं कि मोठड़ा है कि इस तरह का वस्तर पुरुषों का वस्तर बोल दें पगड़ी नहीं बोलकर वस्तर बोल देंगे तो भी सही है तो इस तरह का पुरुषों का दोनों में आता है मोठड़ा की पगड़ी पहनते हैं वेरी इंपोर्टेंट है तो ध्यान रखें पॉमचा यह बच्चे के जनम पर प्रशुता मतलब जो बच्चे की महा होती है उसके दौरा पिला पॉमचा वेरी फेमस है ठीक है ना तो पगड़ी भी वेरी इंपोर्टेंट लेहरिया में बैजाती है और मौत्रणा पिरे पच्चे पचरंगा और चूनड़ी पचरंगा देखा होगा ओडणी होती है बड़ी सी भारी शैकावाईटी साइड में ओड़ी जाती है जिम्मी धनक और चंदरकला ये आठ और मैं कहता हूँ दामनी भी कर लेना नो के नो ओडणी के ही परकार है जो महिलाओं की ओडणी बोल दो चाहे लूगडी बोल दो चाहे चूनडरी बोल दो ठीक है अब थोड़ी जिम्मी के बारे में पढ़ लेते हैं जिम्मी वेरी इंपोर्टेंट है और ये प्रशन भी आ चुका है क्या कि फेरे साथ फेरे होते हैं इसलिए सब्तपदी कहते हैं फेरे अथवा सब्तपदी के समय मामा द्वारा दी गई ओडणी जिसें वदू ओड़ती है उसको जिम्मी कहा जाता है ठीक है ना वेरी इंपोर्टेंट है यह ओड़नी कौन ओड़ती है व फिर इस तरीयां साडी पेनती है बिलकुल आगे पन गहागरा की बात करेंगे ठीक है साडी की मैं अगर बात करूँ तो साडी में दो साडीयां वेरी फेमस है फूल की साडी और सूट की साडी यह प्रशन वेरी इंपोर्टेंट है फूल की साड़ी जोबनेर पड़ता है जैपुर ग्रामेण के अंदर बिल्कुल जैपुर से 40-45 किलोमेटर दूर है 50 होगा जोबनेर जैपुर ग्रामेण के अंदर है और सूट की साड़ी सवाई माधोपूर की प्रसिद है तो फूल क जोबनर जेप्रोग्रामन की प्रसिद है और सूट की साड़ी सवाई मादोपूर की प्रसिद है लागि साड़ी के और भी प्रकार है अभी दो ही लिखे है मैंने ये देखो साड़ी के कुछ और भी नाम है आप प्रकार बोल दो चाहिए नाम बोल दो जैसे की चोल निचोल साड़ी के प्रकार स्तुरी के परिदान चीर पटोरी चोरसो दोरावाली पटू दूकुल पूछा गया है अन्सुक्त वसन वेरी इंपोर्टेंट है ये साडियों के ही नाम है जो स्तरियां पहनती हैं समझ में आ गई क्या चोल निचोल चोर पटोरी चोरसो अब चोचोचो से याद हो जाएगी चोल निचोल याद हो गया चोर पटोरी हो गया और चोर सो याद हो गया धोरांवाली पटू दुकुल अनसुकर वसन ये सब वसन तो वैसे आपको बता वस्तर का क्या बोलते हैं प्रयावची है तो ये सब साड़ियो के नाम है आपको डंग से याद करना है फिर है पैसवाज अब एक जाम प्रश्न जाएगा पैसवाज क्या है इस तरीयों का परिदान इस तरीयों के वस्तर या पुरुषों के इस तरीयों के पैसवाज क्या है ये शरीर को उपर से नीचे तक धखती हुई पूर्ण पोशाक है पूरा पैसवाज ठीक है ना complete एक ही कुर्ति कांचली यह एक तरीके से पूरी पोषाक हो गई ठीक है तो साड़ी वाइट कुछ महिलें साड़ी पहनती है कुछ महिलें घागरा कुर्ति कांचली पहनती है ठीक है जिसको पर राजपुति पोषाक भी बोल देते हैं आजकल तो यह सभी पहनते नई लड़कियां जितनी भी है वह खुब घागरा कुर्ति कांचली खुब पहनती है तो अब गागरा भी वो आपने गाना सुनाओगा असी कड़ी रुमारे गागरों से लादे बिल्कुल तो गागरे में असी कड़ी वाला गागरा प्रसिद्ध है असी कड़ी का मतलब है गागरे गोल होता है गागरा उसमें जब सिलाई होती है उसकी तो जैसे यूँ सलवटें डाल के यूँ फिर टांका दे देंगे यूँ फिर के टांका दे देंगे तो ये असी कलियां हो जाती है मतलब उसमें ऐसा मान लिजिये कि असी तरह की लाइनिंग हो जाती है गागरे में जब वो गोल मट� उसको गागरे लेहंगा भी कह सकते हैं ठीक है और कुर्ति अब कुर्ति सीधी सपाट होती देखना पर एकदम कुर्ति ऐसी होती है और यहां जो उताने उसका यह दोनों यह एकदम कुर्ति जो होती है वह बाजू नहीं होती कुर्ति क्योंकि फिर यह कांचली होती है ना कि कांचली कुर्ति के ऊपर पहनी जाती है फिर का पहनी जाती है तो उस कांचली के बाएं होती है कांचली के बाजू होती है इसलिए कुर्ती के नहीं होती कांचली के बाजू होती है तो यह पूरा तीन का एक सेट है ठीक है न यह तीन का क्या एक सेट है और उपर ओड़ी जाती है चोनर या लोगडी बहुत प्यारी पशाक है तो ध्यान लखें गागरा कुर्ती कांचली य यह विद्वा स्तरीयों जो होती है ना वो उड़ती है सफेद रंग की भी हो सकती है सालू स्तरीयों के उड़ने का सुन्दर्व कीमती एक वस्तर आता है डिफरेंट तरह का जिसको कुछ लोग तो बैल बोटम टाइप हो नाम देते हैं उसका अलग अब इस्तरियों के कपड़े कम्प्लीट हो चुके वैसे दस प्रकार कुछ नाम और भी है जो राजा महाराजों के टाइम से पर्चलित है ये इस्तरियों के कपड़ों के परकार है जैसे जमादानी, किमखाव, टसर, छीट, मलमल ये कपड़ों के परकार है रहे कि छीट का कपड़ा है जैसे यह अपने फेमस छीट का मलमल का कपड़ा है ना सुनाओगा आपने इसके बाद में इलाईची कपड़ा भी लाइची बहुत चला था उसको इलाईची बोलते हैं अपने पश्चिम रस्तान में राज्य हो गया ठीक है और मर्रू है चिक है, मीरे बादल है, बादला बोलते हैं, मीरे बादल तो पूरा लिखा होना, बादला वाला कपड़ा भी कहते हैं इसको, नौरंग साई भी काफी फेमस वा था, भादूर शाई, फारुक शाई, बाप था, भौम जामा, गंग आजड़ी, ये तो आपने नाम सुन भी र� बहुत ही अच्छे डंग से पढ़ लिये ठीक है जरूर ध्यान रखना किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए यहां से अपने शुरू किया इस तरह के दामनी क्या है इस तरह के वस्तर है ओडणी लूगडी एक सुका जाता है दामनी हो जिम्मी को डंग से पढ़ लेना वेरी इंपोर्टेंट है मोठडा और लेहरिया डंग से पढ़ लेना क्योंकि यह दोनों अ पुरुषों के पगडी का भी परकार है यह जो दोनों है यह पुरुषों के पगडी का भी परकार है तो यह इस्तरियों के वस्तुर में भी आते हैं यह प्रशन तो पक्के आते हैं मैं आपको बार कह रहा हूं जोर देके कह रहा हूं या तो आप हाइलाइटर रखा करो सिर्फ underline करो जो specific word हो. कि जैसे यह तो ऐसा जैसे मैंने आपके बनाया ऐसा बनाकर यह से लिख दो कि भाई यह जो है इंपोर्टेंट है मतलब यह पगड़ी में भी है तो आप साइड में लिख सकते हो कि ऑफ पगड़ी भी है और यह जो है ओडणी या इस तरह का बस्तव साडी में फूल की साडी जोबने जप्रु ग्रामन की वेरी फैमस है सूट की साडी स्वाय महदवपूर की फैमस है वाकि ये सब भी साडीयों के नाम है जिसमें चीर पटोरी वेरी इंपोर्टेंट है दकुल है अंसुक वसन ये सब याद रखना है पैसवात सलवार्या इजर पर कंप्लेट अब बात करेंगे आदिवासियों के वस्तर भी है आदिवासियों के पुरुषों के अलग है और आदिवासी लोग अधिवासी पुरुषों के वस्तर के वापस अंग्रखिया बक्तरी वो इनके भी है अंग रखा या अंग रखी एकी बात है बगतरी ये एक्चुली क्या काले रंग का वस्तर होता है जिस पर सफेद धागे से कड़ाई की होती है अच्छा ऐसा नहीं कि पूरे को सफेद बीच-बीच में इसे फूल बना दी है कोई लाइनिंग कर दी डिजा� लेकिन वह सफेद धागे से कड़ाई की जाती है और इसके साथ में धोती भी पहनी जाती है फिर नीचे धोती पहनते हैं यह ऊपर से बकते तो आपको बताया गुटने तक हो रहती है फिर ऊपर पर नीचे क्या पहनते हैं नीचे धोती भी यह पहनते हैं कि यह तो चलो ठीक है कि अंगरखय भक्तरी आदिवाशी प्रोश्चिप पहनते हैं और वैसे नॉमल प्रोश्चिप लेकिन जो प्रश्न आएगा वह यह है वेरी इंपोर्टेंट बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है यह आपको ध्यान देना है ठीक है ना इंपोर्ट है कि एक सेकेंट यह इंपोर्टेंट इसलिए हो जाता है इसमें पूछा कि बेल जनजाती के पुरुष मैंने हेडिंग तो लिखी है इतनी सी अब तीन बातें एक साहते एक तीर तीन निशाने बेल जनजाती के पुरुष एक तंग धोती पेंते हैं जिसें धेपाडा कहते हैं धेपाडा वेरी इंपोर्टेंट है घोटके पी जाना तीनु प्रशन आ चुके हैं आते ही रहेंगे कि नजाने कितनी बार आ चुके हैं क्या कि धेपाड़ा क्या है बेल जनजाति के पुरुषों द्वारा पहने गई धोती या फिर आदिवासियों के द्वारा पहना गया वस्तर आदिवासियों पहने गई धोती पुरुषों का वस्तर के साथ भी प्रश्न ना जाए तो यह धोती पहनते तो से डेपाड़ा कहते थे कमर पर लंगोटी बानते थे कौन सा वह भीली भील से निकलेगा ना भील जाती है पुरुष कमर पर लंगोटी बानते हैं जिससे खोईतू कहते है खोईतू और पगड़ी के स्तान पर मोटा वस्तर बानते थे यूँ पगड़ी की जगह मोटा वस्तर उसे कहते हैं पोति ओ वेरी इंपोर्टेंट है तीनु छपेवे प्रशन शीदे बता रहा हूं मैं तीनु के तीनु छपेवे प्रशन है यह आदिवासी जो लोग है उनके पुरुष के वस्तर है वैसे भील जनजाती जो है उनके द्वारा पहने जाती है फिर है शहरिय जनजाति, हालांकि जनजाति वो टोपिक कराने वाला हूँ जल्दी, शहरिय जनजाति के पुरुष जो पहनते हैं, वो पहनते हैं दोती, अब जैसे भील जनजाति के दोरा जो दोती पहने जाती थी, देखो, ये भील जनजाति के दोरा दोती पहने जाती द शहरिया जनजाती जो पहने जाती थी वो पंच्छा अब भील जनजाती की जो लो पहनते थे पगड़ी उसे बोलते हैं पोतियो लेकिन शहरिया जो पगड़ी आप पहनते हैं वो बोलते हैं खप्टा और ये पहनते हैं अंगरकी शहरिया अंगरकी पहनते हैं जबकि ये भी तो शहर या जनजाती के दुआरा पहना जाने वाल पेने जाने वास्तर या पुरुषों के द्वारा पेने जाने वास्तर अंगरखी ठीक है तो ध्यान रखें शहर या जनजाती के द्वारा धोती जो पेने जाती है उसको पंचा का जाता है शहर या जनजाती के पुरुषों द्वारा साफा या पगडी पेने जाती है उसको ख बहुत बार आ चुकी है कट की बहुत बार प्रश्न आ चुका है वेरी इंपोर्टेंट है यह जो नव विवाहित युवतियां है लड़कियां है वह इसे पहनती है उनकी ओड़नी है पहनती मतलब यह ओड़नी है कट की इसमें छपने वाले अलंकरण को पावली पाव जानते हो ना वन फोर्थ पावली इसलिए इसको पावली भाथ भी कहते हैं वैसे भाथ लगते समझ जाना आप बात तेरे को ट्रिक बता रहा हूं यह बहुत जबरदस्त ट्रिक है हालांकि आगे लिख दूंगा कि जहां पर भी आपको बात दिख जाए ना बात का मतलब है कि वह आदिवाशी महिलों की ओडणी है ओडणी ठीक है ना चुनरी ओडणी है वह अभी पढ़ाऊंगा तो इस ओडणी पर चूनरी पर छपने वाले अलंकरण को पावली या पूरी की चूनरी को पावली भाथ का जाता है वो भी ध्यान रखेंगे ने कटकी कोई कहते हैं ये आदिवासी महिलाओं का एक वस्तर हुआ अब ये दोगे मैंने कहता है भाथ जहां भी आपको भाथ दिख जाए वो क्या है वो आदिवासी महिलाओं की ओडणिया है तीक है ना तो हेडिंग लगाओ आदिवासी महिलाओं की ओडणियों के के प्रकार जवार भाथ की ओडणी केरी भाथ की ओडणी लहर भाथ की ओडणी और तारा भाथ की ओडणी तारा भाथ जवार भाथ इतनी बार आया है कि ताराभात और जवारभात क्या है ये एक ओडणियों के परकार है आदिवासी महिलाओं की ओडणियों के परकार है ठीक है ना जान रखना जवार, केरी, लहर, केरी का मतलब ये सब जो नाम है ना वो वैसी उनके पर डिजाइन की हुई है जैसे केरी बनाई होती है उसके ऊपर यह सब ध्यान रखना तारे बनाई होते हैं लेहर या तो खेर होता है उस पर डिजाइन होती है जो मतलब ऐसे के लिए सिंजारे वगैरह प्रतीज पहने जाता है तो यह सब जो नाम है ओडणी क्या है आदिवासी महिलाओं की ओडणी है चुनड़ तो जानते हैं चुनड़ चुनड़ी वह तो खेर ओडणी का यह प्रकार है यह आहड उदेपुर है ना आहारो देवरम पड़ती है जगे उसके बेलू की चुनड़ी और ओडनी है जिसमें सफेद रंग की बिंदिया होती है चुनड़ी का रंग कथई या काला होता है बड़ी खतरनाग है ना कथई या काले रंग की में सफेद बिंदिया बहुत ही शानदार यह चुनड़े आहारिया उदेपुर्ख में बेलों की महिलाओं के द्वारा बेलों की चुनड़ी है अब है जाम साइज साड़ी क्या है कि जो आदिवासी स्त्रियां है वो विवा शादी विवा क्या होता है पर पहनती है लाल रंग की जिस पर फूलपतियों की बेल होती है यह लाल रंग की होती है जामसाई शादी बाहर में पहनेंगे तो वैसे रेड कलर शुभ माना जाता है तो लाल रंग की चुनड़ी पहनते हैं और नहीं औरते हैं उस पर फूलपतियों की बेल बनाई होती है बेल तो जानते होंगे बेल होती है नहीं ऐसे बेल बनाते हैं वह बेल है वेरी इंपोर्टेंट है ध्यान रखें जामसाई साडी एक है नांदना है प्राचीन वस्तर है अब यह भी ध्यान रखना प्राचीन का मतलब है यह एंस यह प्रक्षन में आ सकता है कि आदिवासियों का सबसे महिलों का पुराचीन प्राचीन वस्त्र कौन सा नादना है नीले रंग की छीट यह चीट जानते हो कपड़े का प्रकार है दाबू पद्दति हालांकि पड़ेंगे अपने पद्दतियां दाबू का बसलब है कपड़े के ऊपर दबा के चिपका वह कोई चीज को छापना ठीक है छह फूल छह पतियां वाला पोधा इसके ऊपर दाबू पद्दति से छापते हैं छह फूल छह पतियां वाला छोटे-छोटे चतुर कोण वाले ऐसे डिजाइन उसके पर दिए है वह नाधना वैसे यह रेंड साही इनका लेहंगा है अदिवासियों के महिलाओं के दौरा पहना जाता है रेंड साही कच्छाबू इतनी बार आ चुका है आपने भी किसी ने अगर दिये होंगे competitive exam तो कच्छाबू बहुत पुछा होगा ये गुटन तक का गागरा है जो कमर पर पहना जाता है इनके द्वारा आदिवासी महीलाओं के द्वारा ठीक है और फूदड़ी यह तारा भाथ इसके ऊपर तारा भाथ की डिजाइन की जाती है एक तरीके की ओडणी है ठीक है यह ध्यान लगे वेरी इंपोर्टेंट बहुत बार आदिवाशियों से प्रश्न आ चुके हैं बेसिकली महिलाओं से और पुरुष्यों दोनों से कट की क्या है आदिवाशी महिलाओं की ओडनी है ज्वारभात केरीबात देरभात ताराबात यह भी आदिवाशीय महिलाओं की ओडनी है चुनड़ आदिवाशी अहार उद्देपुर की प्रसिद्ध है जाम साइड साडी विवाह के अवसर पर अदिवाशीय महिलाओं की पेनती है नांदडा इनका प्राचीन वस्तर है जो दाबु पदती के अंदर छापा गया एक तरीके ओडनी है छह फूल छह पतियां चतुरकोंड जैसा लेंगा ही है कच्छाबू गुटनु तक का आदिवाशी महिलों के द्वारा पहना चाहे वाला गागरा या लेंगा है फूंदडी एक तरीके ताराबांध के आलंकरण इसके ऊपर ताराबांध के डिजाइन मना रखी है तारे बनाए हुए तो मतलब तरीके ओडनी है तो जोतपुरी कोटपेंट राष्ट्रीय लेवल पर हिट हो गया है प्रशिद्ध जोतपुरी कोटपेंट को राष्ट्रीय पोषाग गोशित किया जा चुका है ठीक है ना बिल्कुल अवोचन अभी कुछ स्पेसिफिक वर्ड जान सीधे प्रशिद्ध आ जाते हैं अवोचन क्या है औरतों के सिर्फ पर जो पर्दा जैसा होता था पहले राजपुत्तों में पर्दा सिस्टम था ठीक है तो और तो इसे गुली बंद रखते हैं ना वैसे गुली बंद कोई भी रख सकता है सर्दी में का मफला रही है तो सर्दी के बचाव के लिए कान के ऊपर जो मफला रखा जाता है गुली बंद है ताकि चोटे बच्चों का सिर ढखने के लिए दोटी दो पटियों का वस्तर या चादर है कोरणियो वेरी इंपोर्टेंट है कोरणियो बहुत इंपोर्टेंट है वेरी इंपोर्टेंट कोरणियो ठीक है ना यह भी मां जिल्ली की तरह यह भी मामा जी लेकर आते हैं वदु को मामा की ओर से जाने वाली पोषाक है वह तो ओडनी थी और यह क्या है यह पोषाक कोरणियो वेरी इंपोर्टेंट है तर मायरों बराना था रखो नहीं लगा वाला ठीक सुनाओगा सौंग यह बहुत इंपोर्टेंट है फिर आट बंध है दुले की लाल पगड़ी पर कि बांधा जाने वाला सफेद वस्तर आड़ बंध यह स्पेसिफिक वर्ड है बहुत स्लैक छाट की जैसे चार बजे चाय वाली चर्चा पर स्कूल लाते न पर यह चीज मैंने यहीं लगे आप लिखी कि लिखना साइड में कॉपिन यह सन्यासी जो लोग होते हैं सन्यासी बावासाल सन्यासी के द्वारा पहना जाने वाला वस्तर कॉपिन होता है फिर पॉवरी यह दुल्हन द्वारा पहनी जाने वाले लाल या गुलाबी और नहीं पॉवरी खेलाती है एक नाम लिखा है मैंने श्री राम किशोर छीपा यह बग्रु के रहने वाले हैं बग्रु के प्रशिद्ध दाबू छपाई वैसे तो मैं नाम लिखता आगे कहीं लिख देता है चित्रकलावल टॉपिक में लिख देता है लेकिन अभी दाबू प्रिंट अपने पड़ी थी इसलिए मैंने लिख दिया साइड में याद रहे ये दाबू छपाई के कलाकार है जिनको वर्ष 2009 में बारसर का द्वारा पद्मश्री मिल चुका है ठीक है ना ये लिख लेना सा� बाकि राजस्तानी वेशपुषा का टॉपिक अपने कंप्लीट है राजस्तानी वेशपुषा में ज्यादातर रेड रंग का परियोग किया जाता है और जो जमीन होती जमीन का मतलब कपड़ा तो बैसेकली भूरे रंग का उसमें परियोगे ज्यादा किया जाता है लीजिए भाई राजस्तानी वेश पुषा जबर्दस्त तरीके से सोपर लूपर तरीके से कंप्लीट कर लिए तो इस तरीके आप उशन सबसे पहले आप उशन में वेडिंग लगाओ इस तरीके आप उशन औरनामेंट्स इंग्लिश में सबसे पहले महिलेएं शिर के जो अब उशन है बस याद भी ऐसे करना है वैसे देखो मैं चाहूं तो वैसे तो एक साथ भी पढ़ सकते हैं आप शिर और मस्तक्ष इनको आप एक साथ भी पढ़ लेना बदलें कोई बात नहीं क्योंकि यह सिर यह मस्तक्ष यह एक ही साथ पहने जाते हैं है तो जो आपको आते हैं उनको अंडलाइन मत करना होता आपको याद सबको पता है यह बोर या बोरला क्या होता है यह पहना जाता है जाना बड़ी जाती है ना वह पिर मोड़िया रखड़ी सेट यह सारे यह पहना पर रखड़ी रकडी सेट पर कराया है मोडिया रकडी सेट जुमका शीषपुल वैसे नाम से पता चला शीष के ऊपर शीषपुल मेमंद टिकडा वैसे या टीडीबल बहुत इंपोर्टेंट है बहुत बार टीडीबल को पूछा जा चुका है गेडी और गोफ़ण यह दोनों नए नाम है वेरी इंपोर्टेंट है यह कुछ एक दो नाम याद करना पड़ेगा बाकी बार-बार प्रैक्टिस करो और खूब सारी लड़कियां जिन्होंने नाम सुन रखे हो तो उससे काफी एजी बन जाएगा मस्तक्स पर भी है मोली फूल बोरला यहां पर भी तब ही तो मैंने कहा ना दोनों को एक साथ पढ़ लो आप तो इनको एक साथ ही पढ़ लो बस क्योंकि यह टिका वैसे मांग जहां पर भी आ रहा है ना वो सब सिर्के ही है तो मांग पहले आए चाहे मांग बाद में आए तावीत बिंदिया सब इजी है बिंदिया टिका तो एक ही बात है दामनी सांकली खेंचा हालरो या दिवासी महिलाई पेनती है सेलडो सोहली सारा सरी काच कि एक इलाज बार-बार प्रैक्टिस करो और कुछ जो इजी उनको मत याद गरो तो वैसे पता आपको सबको पता है कि भाई बिंदिया क्या होती है टी क्या होती है यह बोरलाएबोर क्या होता है सांकड़ क्या होती है रखड़ी क्या होती है सब पता है वह बजे से अंदर जैसे कि मेम्मण्ध है ऐसा कुछ डिफरेंट नाम याद कर लो बाकि शिष्पुल वगैरह सब याद है क्योंकि शिष्पुल शिर्पे पहने जाते हैं मुशुर्मांग समंद्र जितने भी वह सब शिर्पे पहने जाते हैं कोई पांच साथ देने पड़ेंगे बागी स� कान के, very important कान के, इसमें करन फूल है, पीपल पन्ना है, फूल जुमका है, अंगोट्या है, जहला है, गुर्दो है, लटकन है, बाली, टॉप्स, पत्ती, सुरलिया, है ना, बिलकुल शुरुलिया की त्यारा सुर बहुत अच्छा कानू से सुना जाता है सुरुलिया बहुत बार पूछा गया सुरुलिया तो सुर का पता कानू से चलता है सुनेंगे जब ठीक है कानू से कणफूल पिपलपना फूलपना वेरी इंपोर्टेंट है जैला जानते होंगे मोर फवर ऐसा मान लोगी मोर बहुत सुंदर गाता है मोर तो मोर और सुर सब एक है जाले बारेट एरेन और अंगटिया एरेन का मतलब रेन यह पूछा गया था रेन का मतलब बारिश होती है कि महरेजन का मतलब बारिश होती है और बारिश जब होती है तभी तो मोर बोलता है तभी तो उसका सूर्व प्यारा लगता है ठीक है यह सब बात है और अंगनिया है कुंडला है लूंग जानते होंगे पूजी है टॉट्टी पूछा गया था बहुत इंपोर्टेंट टॉट्टी ठीक है तान ने तान टॉट्टी आज इसका लेना कैसे करके और बूजली बचूरिया पाटी सुलिया जमेला जूठना स्वरंगपत्ता वेरी इंपोर्टेंट है क्लास और माकड़ी यह सब कान में लटकन तो वैसे आप कान में लटकाई जाती है यह सब बातें हैं जनकी प बाली लड़का ने वेले टॉप्स पहनती लड़कियां पूल पत्तियां फूल जुमका ये सब एक जैसे ही है कोई मेरे साथ से जहले वगरा जहले में बोल दो चाहे वो क्या बोलते हैं जहला बोल दो ये तो एक ही बात है तो ये वैसे ही आपको याद हो जाएंगे मेरे साथ बारी भोगली नत वेरी इजी है ���ारी कांटा जानते हैं छोटा सा बोल कांटा कराया है मैंने लड़कियां सब समझती है वेरी इजी पड़ेगा उनके चुनी लूंग बुलाका वेरी इंपोर्टेंट है चॉप वेरी इंपोर्टेंट है अब यहां समझना एक तो च� यह नाक में पहनी जाती है बलनी लटकन यहां पर भी है और लटकन कान में भी लटके जाती है नाक में भी लटकन होती है वेरी इंपोर्टेंट दोनों द्यान रखना प्रश्न आ सकते हैं और यह ऐसे ही प्रश्न अब आने आते हैं कि भाई लटकन पहनी जाती है नाक में कान में नाक वे कान दोनों में तो नाक वे कान दोनों में सही होगा ठीक है द्यान रखें बेस्तर कोको खीवन भवरियो वैन भलको देखो यहां पर था अपने उठीड़ी बल्को काम वहां पड़ा था वह मेरे साथ मस्तक्ष पड़ा होगा और यह टीडी बल्को सिर्या मस्तक्ष पर है और यहां पर ऑनली फॉर बल्को है यह नाक में ठीक है कुछ इस सिमिलर वर्ड जो है ना प्रश्न यहीं से आते हैं मतलब उनका काम है क्योंकि फिर दांत के तो 100% घोट के पी जाना यही मैं कहना चाहा था कि वो चौंप है वहाँ पर क्या था यहाँ पर देखो यहाँ पर नॉर्मल चौंप है चौंप जबकि यहाँ पर क्या है यहाँ पर चौंप है चौंप तो चौंप क्योंकि दांत में भी चंदर बिंदु या बिंदु है दांत कैसे लिखते हैं बिंदी दांत में खूब सारी पहले महिलाई पहनती थी तो वह एक तो रखन वेरी इंपोर्टेंट है चौंप चंपू यह तो एक ही नाम है चौंप ही फेमस है यह तो मिलते जो दिन आप पूछ ले गए दो बार इसलिए तिन्हों लिख दिए एक दांस ठीक है और में यह सारी बातें जान रखन चौंप दांस में चार यह दांत के कि नजाने कितनी बार प्रश्न आ चुका है दांतु में पहना जाता है स्त्रीयों के दौरा ए प्रेक्ट कंट थमडियो थेड़ियो थेड़ियो यह तीनु बातें पूछी गई है वेरी इंपोर्टेंट है यह थेड़ियो पेड़ियो थमडियो ड्यो ने जितने भी ड्यो यह सब कंठ में पहने जाते पर है ठीक है आट जानते होंगे आट पर नहीं जाती कंट या गला एक ही बात है भाई इनको भी एक साथ पढ़ा जा सकता है कंट यह गलार यह छाति पूरा एक ही जगह पहने जा सकते हैं एक ही चीज है छटा साथ वहां भी एक ही साथ है पढ़ सकते हो आप फिर हैं मुठ्या जालरा हालरा खांटड़ा ठुसी जानते होंगे ठुसी सुनावड़े कि अब गले चाती में पहना जाता है यह बहुत ज्यादा है वैसे एक ही बात है पूरे के पूरे एक साथ याद कर लेना हमेल खंगवारी मादलिया देखो मादलिया एक ही बात है चीज रामनामी आगे भी आएगा तुलसी बजट्टी वेरी इंपोर्टेंट बजट्टी पूछा गया है वेरी इंपोर्टेंट है क्योंकि शहरीय जनजाति की स्तरियां पहनती है बजट्टी ध्यान रखें बजट्टी क्या है इस तरहों के द्वारा पहना जाने वाला शहरीय जनजाति इस तरह पहने जाने वाला फिर आएगा कि बजटी कहां पहना जाता है गला, छाती या पर कंट में तिनों ही सही है ठीक है यह दियान रखना हांसली भी यही पहने जाती है तिमनियां तार तिमनियां गड़वाई दी वही थी बस एक कंट यह छातिये पौत चंद्रहार कंट हार यह हार वाले तो वैसे याद हो जाएंगे क्योंकि हार तो सारे यहीं पहने जाते हैं राणी हार अब यह हार तो याद भी नहीं करना देखो यहीं तो मैंने यह सब एक भी याद नहीं करना सब में हार लगावा है तुम वैसे समझ जाओगे ठीक है हांकर का मतलब सांकर यह हांकर भी सांकर जैसी है हो गया याद सरी जंजीर भी वही है जंजीर हांकर हो गई ठीक है फिर पंच लड़ी खूब बुंगाली कंट माल हो गया, कंटे पेन जाती कंटी हो गई, जालरो हार हो गई, तीके न महरन कंट सरी हो जाएगी चोकी भी गले में पहने जाती है भाई चोकी कराकर ठीक है जुगावली थामनिया तिमनिया यह की बात है ठीक है नीबोरी मटर माला जितनी भी माला हैं सब कि सब कहां पहनोगे गले में मंडली और गलपटन भी हो गया मतलब मैं जितने गोले बना दिए माधरिया यह तो सब मैंने बना दिए हैं पीछे वो सब जितना भी हार है सब गले या कंटे पहने जाते हैं जितने भी मालाएं हैं कंटे गले पहने जाती है चोकी माला मतलब सब कुछ वेरी इजी है कोई आर दस मुश्किल से याद करना है ज़्यादा जोर नहीं आएगा ठीक है ना बस तब ही तो मैंने कहा ना कि आप पहले मेरा तजूर्बा जैसे मैं हम लोग याद करते हैं वैसे आप मेरी थोड़ी मेहनत को सुन लो उसके बाद नोट्स बना ताकि इजी पड़े क्योंकि याद भी तो करना है मैं ठीक है एक बार इसलिए सुना करो पहले नेक्स की बात करूं तो वह बाजू ब बाजू में जो पहने जाती है तो बाजू में ठडड़ा तड़ा आरत अनत तकमा बाजू बंद याद करने कोई जरूरत नहीं है याद हो गया चुड़ला भी पहनेंगे बाजू में पहनेंगे गजरा ठीक है हारपान नाउरतन बट्टा जानना जाना टडडा बट्टा दोनों टेटर्ट आदा टेट है और आदा अधर इसमें टेट होते एक जैसे है याद कर लेना अब एक कलाई या हाथ एक ही बात है कलाई वैसे दोनों यह भी एक साथ पड़े जा सकते हैं पूरे कलाई से लेकिन हाथ पहने जाते हैं यह अब सिर्फ चूड़ियां पहने जाती है बंद पछली पट फूदना माकड़ी कंकण नोगरी चूड़ा हतपूल हतपान यह तो हाथें पहनेंगे गोखरू बंगड़ी गजराथ में पहना जाता है पाटला पाउंची कंगन हाथ में पहने जाते हैं चूड़ी कड़ा सब हाथ में जाते हैं बल्या हाथ में जाता है पंचिया यह मतलब काफी सारे नाम आपको याद है कुछ ही याद करने है बाकी ज्यादा मुश्किल नहीं है यह बाजु हाथ या कलाई पर पहने जाने वाले जो आप उश्वन है महिलाओं के द्वारा अ कमर तो हमेशा तगडी होती है मैलों की ठीक है ना शुरू में जब शादी तक नहीं होती है जब तक तो फिर भी fit and fine उसके बाद तो समझी कि आप कमर का कमरा बना लेते हैं तो कमर होती है तगडी और ये तगडी very important है बहुत बार प्रशन आ चुका है कमर हमेशा क्या तकड़ी अच्छा तकड़ी तो एक ही बात है कह रही है तो लिख दे ली दे कोई बात नहीं सक्टा कंदीरा जालोरा और साउली ये सब कमर के आबुशन है महिलाओं के फिर है पेर में पाईजे पेनती है पेंजनिया पेनती है छलकड़ा अनवट टनका क बहुत बार पूछा गया है क्योंकि पेपर सेटर भी अपने जैसे ही लोग होते मज़ा आता है कुछ प्रश्ने से पोचने में कमर होती है तगड़ी और पेर होते हैं टनके मतलब पेर अगर टनके हैं मजबूत टनका मारवडी वर्ष वर्ड है कि बाद में बड़ा टनका है मतलब मजबूत हटा-कटा है तो पेह होने चाहिए टनके और कमर होनी चाहिए तगड़ी ठीक है ना चाहिए किसी को पसंद आए नाए कमर तो तगड़ी होगी हीरा हीरानमेन लचने लंगर ठीक है लंगर है कि आज तो वहां पर लंगा है पैरों से चलकर जाओगे छोड़ों नहीं तांका छड़ गुंगरू पैड़ में बानते हैं तेदधड़ आवणा कड़ा जोड़ सुनाओगा आवणा कड़े ठीक है आवणा कड़े हाथ में पहनते हैं तो कड़े पैर में पहनते हैं नेवरी, नुपूर, जहर, पायल, जहंजर, तनका जीवी तो रिपीट है, तोड़ा छोड़ा, पेरों से पैन के जाओगे तो, कंकनी है, माटली है, भांक है, चीका है, ये सब जो है, वो पेर में है, पेर में चीक पेर से निकलती है, जब कहीं चलते हैं तो, दर्द होता है, आप महिलाओं के पेर की अंगोली के बड़े अलग से पेना हुआ हैं बिछ्चिया पेनती है बिछ्चिया गोर, पगपान, फोलरी, माचली, वेटी, चुटकी, अंगू थड़ो, अंगू थड़ो कि अनवट गोल्या यह सब पेर की अंगुली में पहने जाने वाले बताओ लड़कियों के बड़े कमाल है तभी तो इनको जो है यह सोना चांदी यह इनके प्रिय है डाइमंड ठीक है ना योगी बहुत पसंद है इनको इसलिए नहीं कि ज्यादा बनाएं हाथ की अंगुली में छल्ला अंगुटी मूंदडी बीटी दामणा हतपान छड़ा छाप अरसी अंगुटे यह सब पवितरी यह सब हाथ की अंगुली में पेर की अंगुली में नजाने पूरे पूरे इनका आप उश्वन है ठीक है ना हर पुरुषों के ज्यादा नहीं है आबुशन अपने कम ही है वस्तर अच्छे थे इनके पुरुषों के आबुशन कम ही है तो सिर पर पगडी जो पहनते है नहीं है तो पगडी को सेट करने के लिए पगडी के उपर बड़े शानदार सजाते हैं ये सरपेच तुराकलंगी है शांगी माला बंद डुगडुगी सुन रखाओगा खरपोष छल्ला मोत्यक्षत यह सिर पर पगड़ी के ऊपर पहने जाते हैं ठीक है ना ओके अंगुली में तो बस अपने बील्टी पहन लो और मुद्डिये पहन लो यही है बस कलाई पर कड� करना या कनकना एक ही बात है वो कान में लोंग पेंड लेंगे लोंग या लोंग कर लो एक ही बात है लोंग या मुर्कियां काना में पेंड लेंगे मुर्कियां जाले बालियां छेड़कडी बरीबली माधिक कड़कम मौती चोकड़ा है और वैसे पुरुषों से आते भी कम है महिलाओं के महिलों के ज्यादा थे गले में चैन वे पेंडल पहन लेते हैं मादलिया मैंने आप मादलिया आता है और रामनों में मैं दोनों आपको टिक कराए थे मादलिया और रामनों में महिलाओं के महिला भी पहनती है तो यह भी पहनते दोनों गले के हैं ठीक है ताबीज है जंतर है ताबीज जंतर तक एक ही बात हो गई बलेवडा गोप और गलसर यह इनके हो जाएंगे एक चोथ भी है वह साइड मिले चोथ यह सीने कमर और पेट पर लपेट कर पेनते हैं उसे बोलते हैं चोथ ये नोट करके लिख लेना अलग से ये कोई बड़े एक्जाम आया प्रश्न था मैं लिख दिया साइड में क्या पता कभी अपने एक ओर आ जाए तो लिख लेना ये वाला चीज भी चोथ कमर पर केर वापस वह आ गया च कि बच्चों के सबसे इंपोर्टेंट बच्चों में था कणकती छोटे बच्चों को आपको पता जो अपन छोटे थे मेरी मम्मी तो चांदी के छोटे-छोटे पेरों के अलग-अलग बहुत सुंदर लगते हैं इतने छोटे-छोटे अब तो लगते हैं जाता है कि इतने छोटे देगा पर है ना तो बिल्कुल तो बच्चों के आप उसने जो कंट में पहनी जाती हांसली कंट बच्चों को पहना थे हांसली और हाथ पेरों में कड़ूले हाथ पेरों में दोनों में कड़ूले पेरों की छोटे आदम के छोटे कड़ूले पेड़े होते हैं या फिर पेंजणी या ज्जंजड़िया भी होते हैं यह पतली सांख जैसे गुंगरू लगे होते हैं छोटे बच्चे के पहना देते हैं ताकि चले जब टंड चमचम की आवाज है जो बच्चा ज्यादा चलता है जब चलना शुरू होता है शाद महीने का तब उसके पतली से पहनाते हैं यह आप सब ने पहने होगी चांदी की मौसली होती है ठीक है जो ने वने की तो नहीं पहनाते अपने को सस्ताएं भरते हैं चांदी की पहनाते हैं कानु में मोती अलूम आ कि पैना सकते हैं और कमर पर कनकती वेरी इंपोर्टेंट है यह किसी की हो सकती है सूति उसके रस्ती की को जो होता है धागा उसकी बना देते हैं कनकती पेट के ऊपर ऐसे कमर पर बांधी जाती है कनकती होती है वेरी इंपोर्टेंट कनकती पंदोरों बच्चों की कमर पर बांधी जाती है जिसको पर और कमर पर सांकली तगड़ी बांधे कमर तो मैंने का तगड़ी जाती है तो तगड़ी ऐसा अंकली भी जो है बच्चों के बांधी जाती है हो गए कंप्लीट अब थोड़ा आप उसने उंट के भी आप उसने लिख लेते हैं हैं क्योंकि और तो फिर किसी का बूशन फैमस नहीं है बस जो है वह अपने यही थे गोरबंद यह ऊंठ के गले का बूशन है और मोरखा तंग और मोहरा यह ऊंठ के मुहे का बूशन है यह तो उनके गले का बूशन है गोरबंद और मोरखा तंग और मोहरा यह ऊंठ के मुहे जो तन मुंह के ऊपर पहना है जाता है और एक परचनी यह ऊंठ की पूंच को सजाए जाता है तीन ऊंठ के हैं गोरबंद मोरखा तंग या मोहरा या परचनी यह ऊंठ को श्रिंगार करते हैं तब उंट का किया जाता है तब उंट के भी आबुशन है अब उंट पर आप बैठे होंगे उंट की पीट थोड़ी उबड़ खाबड़ होती है अपने उस पर बैठ नहीं सकते हैं लेकिन बैठने के लिए बड़ा शांदार गदीदार सीट बनाई जाती है ताकि वो अपने तो थोड़ी चुबे नहीं हो अपने उस पर बैठ सकें ज पूट के पीठ के ऊपर बंदी जाती है तो यह चीजें ध्यान लगनी है वेरी इंपोर्टेंट है कैसा लगा सेशन जरूर बताना बहुत सुपर डूपर है आप उसने इनको आपको थोड़ा ढंग से प्रैक्टिस करनी है ठीक है ना आप उसनों की क्योंकि आप उसने जो है इसमें ये completely learn करने वाले जाता है, learn ही learn करना पड़ेगा, याद करना है, इसकी एक ही तरीका है, कम से कम 10 से 20 बार पढ़ लो मैं तो यही कहूँगा, 10 to 20 times पढ़ सकते हो तो पढ़ लो, बार रिवाइज करो आज के सेशन से तीन से चार क्वेश्चन आने पक्के हैं हर कंपटिटिव एकजाम है चाहिए किसी भी गॉर्वर्मेंट जॉब के लिए आप किसी एकजाम के त्यारी कर लो तीन से चार प्रशन आएंगे पक्की बात है