हेलो दोस्तों आप सबका बहुत-बहुत स्वागत है आई होप आप सबके नेट के एग्जाम अच्छे हुए होंगे काफी अच्छा स्कोर आपका आएगा ऐसी हम उम्मीद करते हैं लेकिन यहां पर जिनकी हो सकता है तैयारी अच्छी ना हो या फिर पेपर जो है कुछ ज्यादा कठिन आ गया हो एक्सपेक्टेशन से तो ओबवियसली उनका पेपर उतना अच्छा नहीं हुआ होगा और ऐसे में बहुत जरूरी है कि अब की बार बिना समय गवाए हम लोग अपनी तैयारी को स्टार्ट कर दें तो इसलिए आज हम जो है क्लास कर रहे हैं और आज से ही हम लोग सीरियस पढ़ाई को स्टार्ट कर रहे हैं है ना तो यहां पे कोई भी इस चैनल पे आपको ऐसा कोई व्यूज वाला या फालतू वीडियो नहीं दिखाई देगा कि भाई अब क्या करें कट ऑफ कब आएगी रिजल्ट कब आएगा ये सब वीडियोस बनते रहेंगे बनाते रहेंगे लेकिन हम लोग यहां आ रहे हैं स्ट्रेट टू द स्टडीज है ना तो अब की बार अगली बार कोई मिस्टेक ना हो हम घबराएं ना एग्जाम में जाकर के उसके लिए एक ही चीज है और वो यह है कि भाई जितना जल्दी हो सके अब अगली बार की तैयारी अगली बार की प्रैक्टिस शुरू कर दो तो अगर आप मेरे चैनल प नए हैं तो मैं आपको बता दूं कि ऑलरेडी मैंने सारी प्लेलिस्ट बनाई हुई है मोस्ट इंपॉर्टेंट टॉपिक्स क्या है रिसर्च एप्टीट्यूड टीचिंग एप्टीट्यूड और जितने भी सेक्शंस होते हैं आईसीटी वगैरह की जिसे कि आप चेक आउट कर सकते हैं और वो लेटेस्ट सिलेबस पे बेस्ड है इस बार जो पेपर हुए हैं जैसे ही वो रिलीज होंगे उन प्लेलिस्ट को भी अपडेट कर दिया जाएगा और जो नए कांसेप्ट आए हैं वो उसमें ऐड कर दिए जाएंगे तो इस चैनल पे हम लोग केवल पढ़ाई की बातें करते हैं और टू द पॉइंट स्टडी की बातें करते हैं और सेम वही चीज हमारी प की साथ साथ भी है तो काफी बच्चे मैसेज कर रहे हैं पूछ रहे हैं कि भाई जो है कोर्सेस कब आएंगे कब आएंगे तो भाई यहां पे मैं आपको बता दूं कि कोर्सेस जो है वो लॉन्च हो चुके हैं हमारी वेबसाइट पे अगले बार के पेपर वन के लिए ये कोर्सेस टू द पॉइंट और बहुत ही सिस्टमिकली स्ट्रक्चर्ड है यानी कि कुछ भी एक्स्ट्रा आपको नहीं पढ़ना और पीडीएफ का कूड़ा आपको नहीं दिया जाता है यहां पे जो कांसेप्ट जरूरी है वही आपको दिए जाता है तो जैसा कि आप यहां पे दो कोर्सेस देख सकते हैं एक कोर्सेस जो डेडिकेटेड होगा थेरी वाले चैप्टर्स को जैसे कि रिसर्च एप्टीट्यूड कम्युनिकेशन पीपल एनवायरमेंट वगैरह वहीं जो दूसरा ऊपर यहां पे जो कोर्स दिया है यहां पे सारी लॉजिकल चीजों की बात की जाएगी तो जिसमें भी आप कमजोर हैं आप उस कोर्स को जवाइन कर सकते हैं और जवाइन करने से पहले ढेर सारा फ्री मटेरियल फ्री लेक्चर भी आपको मिलेंगे उन्हें भी आप चेक आउट कर सकते हैं तो अगर अभी तक आप नहीं डाउनलोड कि है कुमार एजुकेशन नेट सीटेट पप को जरूर से डाउनलोड कर लें ठीक है ओके वापस आते हैं अपने पढ़ाई पे आज हम लोग का पहला दिन है रिसर्च एप्टीट्यूड के लेक्चर का क्योंकि रिसर्च एप्टीट्यूड मैं आप लोग को पढ़ा नहीं पाया बहुत ही जल्दी में मुझे नया चैनल स्टार्ट करना पड़ा और जो बच्चे पहले से जुड़े हैं उनको पता होगा कि क्या चीजें चल रही थी जिसकी वजह से मैं जो है मुझे अपना पर्सनल चैनल खोलना पड़ा तो चैनल बहुत न्यू है सपोर्ट की आप सबकी जरूरत है और आज से हम लोग यहां रिसर्च एप्टीट्यूड को पढ़ने जा रहे हैं रिसर्च एप्टीट्यूड में आज का जो हमारा पहला चटर चैप्टर है वो डेफिनेशंस एंड कैरेक्टरिस्टिक के लिए है और जिनको लग रहा है कि अरे ये तो बेसिक चीज है से क्वेश्चंस नहीं आते तो भाई मैं आपको बता दूं कि रिसर्च में लेटेस्ट अभी प्रीवियस ईयर पेपर्स भी जो हैं उसमें भी काफी सारे क्वेश्चन नॉर्मल डेफिनेशन और कैरेक्टरिस्टिक से आए हैं तो इसको हम थोड़ा अच्छे से देख लेते हैं और जो जो क्वेश्चंस आए हैं उनको भी हम थोड़ा आज के लेक्चर में स्टडी कर लेते हैं है ना तो भाई यहां पे जो रिसर्च एप्टीट्यूड का कोर्स है वो भी अवेलेबल रहेगा लिंक डिस्क्रिप्शन में दिया है प्लस प जो मैंने आपको बताई उस परे भी चेक आउट कर सकते हो और पढ़ने का हमारा क्या तरीका है कि भाई यहां पे टू द पॉइंट लेक्चर होते हैं बहुत बड़े-बड़े लाइव लेक्चर नहीं होते जिसमें टाइम खराब होता है एक घंटे की चीज 15 मिनट में हो जाती है नोट्स आपको रीडेबल नीचे दिख जाते हैं हिंदी इंग्लिश वो दोनों में होते हैं और सबसे बड़ी बात कि हर लेक्चर के नीचे टॉपिक वाइज आपको प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस भी लगाने को मिल जाते हैं तो सारे लिंक डिस्क्रिप्शन में दिए हुए हैं और whatsapp-web ऑफ न्यू नॉलेज एंड द यूज ऑफ एसिस्टिंग नॉलेज इन अ न्यू और क्रिएटिव वे तो भाई दो चीजें इसके अंदर आ गई सबसे पहले रिसर्च का मतलब है नई जानकारी को निकालना और जो जानकारी से जो जानकारी पहले से एजिस्ट करती है पहले से हमारे पास है उसको क्रिएटिव वे में यूज करना कभी-कभी कुछ चीजें हमें ऑलरेडी पता है लेकिन हम उनका प्रयोग जो है नए तरीके से नहीं कर पा रहे तो किसी पहले से मौजूद जानकारी को भी और बेहतर तरीके से सोचना या फिर और और बेहतर तरीकों से उसका प्रयोग करना भी रिसर्च के अंदर आता है बहुत सिंपल सी बात है हालांकि पुरानी डेफिनेशन आप यह भी कह सकते हो रिसर्च दो शब्दों से बना है री और सर्च री मतलब फिर से सर्च मतलब नई जानकारी खोजना है ना वो भी सही है बट थोड़ा सा ही हमें य जानना है कोई इससे बहुत डेप्थ में क्वेश्चंस नहीं आते हैं तो बात आती है कि आखिर क्वेश्चंस कहां से आते हैं तो ये आपके सामने जो चैप्टर है या जो चीजें लिखी हुई है इनसे आपके बहुत ज्यादा क्वेश्चन जो है वो बन करके आते हैं तो यहां पे अब हम बात करने वाले हैं रिसर्च के कैरेक्टरिस्टिक यानी कि रिसर्च के क्या लक्षण होते हैं किस एक्टिविटी को हम रिसर्च बोलेंगे है ना नई जानकारी जो हम लाते हैं रिसर्च की जैसे हमने डेफिनेशन देखी जो नई जानकारी आ रही है वो उसमें कौन-कौन से नियम लग रहे हैं कौन-कौन सी उसमें तथ्य या बातें हैं जो जुड़ी हो तभी हम उसको बोलेंगे कि ये नई जानकारी रिसर्च से निकल कर के आई है तो ये लक्षण है इनको हम एक-एक करके देख लेते हैं सबसे पहले लिखा है द रिसर्च शुड बी सिस्टमैटिक यानी एक सिस्टम होना चाहिए कुछ नियम रूल्स एंड रेगुलेशंस को फॉलो किया हुआ होना चाहिए ऐसा नहीं है कि कुछ भी मन में जो आया और हमें लगा अरे ये तो नई जानकारी है और वो रिसर्च हो गई नहीं रिसर्च के अपने फॉर्मल स्ट्रक्चर होते हैं अपने फॉर्मल सिस्टम होते हैं और उनके थ्रू ही हम हमें जो जानकारी मिलती है उसे हम रिसर्च के द्वारा मिली हुई जानकारी मानते हैं अगला पॉइंट बहुत इंपॉर्टेंट है इसको ध्यान से समझ लेना यहां पे लिखा है रिसर्च शुड बी ऑब्जेक्टिव तो ऑब्जेक्टिव का उल्टा होता है सब्जेक्टिव अब ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव का मतलब क्या होता है सबसे पहले तो सुने सुनाए टर्म्स है हमने इंग्लिश ग्रामर में टर्म्स सुने हैं एक होता है सब्जेक्ट फिर आता है वर्ब और फिर आता है ऑब्जेक्ट यहां पे उन सब्जेक्ट और ऑब्जेक्ट की बात नहीं हो रही यहां पे इनका मतलब कुछ और है सब्जेक्टिव होने का मतलब होता है जब हमारा ध्यान का एक केंद्र हो है ना यानी कि हम किसी वस्तु व्यक्ति का पक्ष लेके उसके हिसाब से जब हम कोई काम करें तो इसको हम कहते हैं कि हम सब्जेक्टिव हो रहे हैं इसका ठीक उलट ऑब्जेक्टिव होने का मतलब है कि जब हम किसी भी वस्तु व्यक्ति या स्थान का पक्ष लिए बिना निष्पक्ष रूप से कोई काम करें तो उसको हम ऑब्जेक्टिव होना कहते हैं तो रिसर्च करने के लिए बहुत जरूरी है कि हम निष्पक्ष या अन बायस होकर के चीजों की रिसर्च करें डेटा को कलेक्ट करें डाटा का एनालिसिस करें अगर हमारे दिमाग में हम किसी सर्टेन चीज को व्यक्ति को रिलीजन को है ना कोई नेचुरल फिनोम को ज्यादा प्रेफरेंस दे रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि उसके हिसाब से हम रिसर्च करें तो वो रिसर्च गलत हो जाएगी तो सरल शब्दों में हम यह भी कह सकते हैं कि रिसर्च जो है वो निष्पक्ष होनी चाहिए या ऑब्जेक्टिव होनी चाहिए या अन बायड होनी चाहिए इन सभी का मतलब क्या है ऑब्जेक्टिव होनी चाहिए आई होप आपको समझ में आ गया और सब्जेक्टिव का मतलब है जब हम बायस होने लगते हैं ओके अगला है हमारा पॉइंट कि रिसर्च शुड बी लॉजिकल तो लॉजिक होना चाहिए सेंसिबल होनी चाहिए उसके बाद है रिसर्च शुड बी रिडक्टिव रिडक्टिव का मतलब है रिडक्शन करना कमी करते जाना है ना जैसे मान लीजिए कि मैं आपको कोई बात समझाऊ और उस बात को समझाने के लिए आपको 1000 नियम दे दूं और उन 1000 नियमों में 500 नियम लगभग एक जैसे ही हो तो क्या आप इस ये जो 1000 मैंने आपको दिए क्या आप इसको साइंटिफिक एंड लॉजिकल मानोगे नहीं मानोगे क्योंकि फालतू बातें अगर किसी भी किसी भी कांसेप्ट के अंदर है तो हम बोलेंगे कि यार मतलब ये इतना ज्यादा क्यों कर दिया है इसको तो रिसर्च जो होती है वह चीजों को रिडक्ट कर रिड्यूस करने की यानी कि कम से कम करने की कोशिश करती है मतलब एक सूत्र में कैसे हम एक कांसेप्ट को एक बात को समझा सकते हैं यह रिसर्च का प्रयोजन होता है है ना इसलिए आप देखते हो कम्युनिकेशन में भी हम लोग कम्युनिकेशन मॉडल्स पढ़ते हैं तो मॉडल्स भी ऐसे डिजाइन होते हैं कि कम से कम चीजों में जो रिसर्चर है वह अपनी बात को समझा पाए कि आखिर कम्युनिकेशन क्या होता है तो रिडक्टिव होती है कम से कम में आप कैसे चीजों को अ डिलीवर करते हो यह रिसर्च का एम होता है जैसे हमारे कोर्सेस भी हैं तो इसमें भी हम ऐसा नहीं करते कि ये लो पीडीएफ ये लो पीडीएफ 1000 पीडीएफ 2000 पन्नों का पीडीएफ ये क्या हो गया इसमें रिडक्शनिस्म नहीं फॉलो हो रहा है इसमें वही जानकारी बार-बार और अननेसेसरी जानकारी है तो एक साइंटिफिक और सिस्टमिक चीज नहीं कहलाए गी है ना तो रिसर्च जो है वो हमेशा रिडक्टिव होनी चाहिए यानी कि उसमें उतनी ही चीजें होनी चाहिए जितनी जरूरी है एक सूत्र होना चाहिए जिसको पढ़ के और समझ के हम कई चीजें बना पाए लेकिन खुद में वो बहुत छोटा होना चाहिए अगला बहुत इंपॉर्टेंट पॉइंट है रिसर्च शुड बी रेप्ट केबल रेप्ट केबल का मतलब होता है कि रिसर्च से जो कंक्लूजन निकलता है उसे दूसरे स्टडीज पे दूसरे एनवायरमेंट में या दूसरी सिचुएशंस में भी अप्लाई किए जाने लायक होना चाहिए यानी कि एक रिसर्च एक आइडियल रिसर्च तब कहलाए गी जब उसकी रेप्ट केबिल पॉसिबल हो जैसे मान लीजिए कोई रिसर्च हुई है है ना मान लीजिए कोई रिसर्च हुई है जिसमें किसी मेडिसिन को बनाया गया है एक मेडिसिन का फार्मूला हमें मिला है अब यही मेडिसिन मान लीजिए हम किसी दूसरे एरिया दूसरे कंट्री या दूसरे रीजन के लोगों के लिए बनाएं और अगर यह मेडिसिन दूसरे रीजन के लोगों पर काम ना करें तो हम बोलेंगे कि भाई इस रिसर्च से जो फार्मूला मेडिसिन का निकल के आया ये रेप्ट केबल नहीं है मतलब कि किसी सर्टेन सिचुएशन में तो मेडिसिन काम करती है लेकिन किसी दूसरे सिचुएशन में जाते ही ये मेडिसिन काम नहीं करती है है ना तो अब ये भी कह सकते हैं कि रिसर्च जो है वो थोड़ी यूनिवर्सल टाइप की होनी चाहिए यानी कि जो सिद्धांत जो आउटकम उस रिसर्च से निकल के आया है वो ज्यादा से ज्यादा जगह अप्लाई होने लायक होना होना चाहिए तो रेप्ट केबिल एक रिसर्च को हम किसी दूसरी सिचुएशन में कैसे फिर से दोहरा सकते हैं है ना तो दोहराया जाना भी आप इसको कह सकते हो दोहराया जाना कोई रिसर्च को अगर आप दूसरी सिचुएशन में नहीं दोहरा सकते यानी कि दूसरी सिचुएशन में उस रिसर्च को करने कंडक्ट कराने पे वो उसी प्रकार के आउटकम नहीं निकल के आ रहे अलग ही निकल के आ रहे तो हम बोलेंगे कि वो सही आउटकम नहीं निकल पाया तो रेप्ट केबिल यानी कि दोहराया जाना पॉसिबल होना चाहिए रिसर्च को और फाइनल पॉइंट है जनरलाइज्ड आउटकम जनरलाइज्ड का मतलब होता है एक ऐसा आउटकम जो यूनिवर्सल नेचर का हो मतलब कि इस रिसर्च से यदि ये आउटकम निकला तो वो जो आउटकम निकल रहा है वो जो नतीजा निकल रहा है वो सब पे हर जगह पे बराबरी से अप्लाई होने वाला होना चाहिए तो जनरलाइजेशन जो है हम यह जो टर्म एक और जगह पढ़ते हैं अगर आप थोड़ा सा दिमाग पर जोर डालो तो जो डिडक्टिव रीजनिंग होती है वो जनरलाइज्ड इन नेचर होती है रिसर्च भी जो हम करते हैं तो हम कोशिश करते हैं एक सूत्र एक ऐसा फार्मूला निकल कर के आए जो हर जगह बराबरी से लागू होता हो है ना तो जनरलाइज मतलब जैसे मैंने आपको बताया जैसे मेडिसिन है तो वो हर जगह एप्लीकेबल होगी या ये रिसर्च हर जगह ए एप्लीकेबल होगी या इस मेडिसिन को हम देश दुनिया कहीं किसी भी सिचुएशन में अप्लाई करके बीमारी को ठीक कर पाएंगे तो हम कह सकते हैं कि हां भाई ये जो मेडिसिन है ये जनरलाइज्ड आउटकम दे रही है जैसे कोरोना की वैक्सीन आप सबको पता है बनने में बहुत टाइम लगा क्यों कोरोना की वैक्सीन को बनने में टाइम लगा क्योंकि ये चेक किया जाना था कि यह वैक्सीन कुछ ही लोगों पे काम कर रही है या सब पे काम कर रही है या इसका कोई साइड इफेक्ट तो नहीं आ रहा है जब तक ये मेक श्यर नहीं हुआ उस तब तक ये नहीं माना गया कि इसका कोई जनरलाइज्ड आउटकम आ रहा है एक बार कोरोना की वैक्सीन बन गई तो वो जो कोरोना की वैक्सीन का फार्मूला है अब वो क्या है वो एक जनरलाइज्ड फार्मूला है मतलब आप किसी को को कभी भी किसी सिचुएशन में अगर वो वैक्सीन देंगे तो वो कोरोना पे काम करेगा यानी कि हर तरीके से वर्किंग जो चीज होती है उसको हम कहते हैं जनरलाइज्ड आउटकम आई होप आपको ये बातें समझ में आ गई और ये जो बातें हैं ये केवल एक थोरी मात्र नहीं है या केवल जो है हर हर सेक्शन के शुरुआत में जो बच्चों वाली बेसिक्स की बातें होती हैं वो नहीं है इनसे लिटरली क्वेश्चंस जो है वो बनते हैं तो मैं जो भी आपको पढ़ाता हूं वो बिना किसी प्रूफ के नहीं पढ़ाता हूं कि बस टा पास करना है एक घंटे की क्लास बनानी है तो उसको पढ़ा दिया है ना वैसे भी हमारी क्लास एक घंटे की नहीं होती है एक घंटे की चीज हम लोग 15 मिनट में कर लेते हैं तो आइए कुछ क्वेश्चन जो है इससे जुड़े हुए हम लोग देख लेते हैं जो हमारे लेटेस्ट प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस है है ना जैसे अब यहां पे पहला क्वेश्चन देखो यहां पे है साइंटिफिक रिसर्च इज तो एक जो साइंटिफिक रिसर्च है उसमें कौन-कौन से गुण होने चाहिए कौन-कौन सी क्वालिटीज जो है वो होनी चाहिए तो सबसे पहला कहता है वो डेटा ड्रिवन होनी चाहिए मतलब उसमें डेटा होना चाहिए बिना डाटा के रिसर्च नहीं हो सकती दूसरा उसमें रेप्ट केबिल होनी चाहिए मतलब कि जो रिसर्च का डिजाइन है वह ऐसा होना चाहिए कि हम दूसरे एनवायरमेंट में भी उसको ट्राई कर पाए टेस्ट कर पाए उसके बाद है वेरीफाइबिलिटी स्पन कर पाए और फाइनल है कि रिसर्च जो है वो सब्जेक्टिव होनी चाहिए है ना तो इसमें से कुछ पॉइंट आप देख रहे हो मैंने आपको नहीं बताए हैं क्योंकि ऐसे अगर कैरेक्टरिस्टिक की रिसर्च में बात करो तो वो बहुत सारे हो जाएंगे और उन वो टर्म्स ऐसे हैं कि अंडरस्टूड है है ना जैसे भाई डाटा होना चाहिए तो जाहिर सी बात है रिसर्च में डेटा होना चाहिए अभी हम लोग आगे बढ़ेंगे तो डेटा वगैरह की बहुत बात होगी तो आप लोग के लिए भी अंडरस्टूड हो जाएगा उसमें वेरीफाइबिलिटी होनी चाहिए है ना यानी कि उसका सत्यापन कर एंड सो ऑन तो ये चीजें हमने नहीं पढ़ी क्योंकि फिर ऐसे 50 60 पॉइंट हो जाएंगे रिसर्च के कैरेक्टरिस्टिक के हमने जो टर्म्स पढ़े बहुत इंपॉर्टेंट है और उससे आपके सारे क्वेश्चंस बन जाएंगे जैसे फॉर एग्जांपल आपको अभी तक पता चल गया होगा यहां पे लिखा है कि रिसर्च सब्जेक्टिव होनी चाहिए हमने अभी-अभी ऊपर देखा कि रिसर्च सब्जेक्टिव नहीं ऑब्जेक्टिव होनी चाहिए सब्जेक्टिव का मतलब जब हम अपनी आइडेंटिटी को किसी चीज से एसोसिएट कर देते हैं और हमारे दिमाग उसी वे में चलने लगता है मतलब हम बायस हो जाते हैं और रिसर्च बायससनेट हमारे दिमाग में आ गई एस अ रिसर्चर तो हमारी करंट रिसर्च को वो हार्म कर सकती है है ना क्योंकि हम उस हिसाब से सोचने ही लगेंगे हमें वही चीजें दिखने लगेंगी तो हो सकता है कि डाटा की एनालिसिस करने में भी हम गलती कर दें तो सब्जेक्टिविटी बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए निष्पक्ष होनी चाहिए रिसर्च और अन बायस होनी चाहिए तो केवल डी पॉइंट गलत हो जाएगा और ए बी सी सही हो जाएगा अगला क्वेश्चन देखते हैं व्हेन नॉलेज बिकम रेप्ट केबल एंड वेरीफाइबिलिटी एप्लीकेबल हो जाती है रेप्ट केबल का मतलब अगेन वही जो हमने रेप्ट केबिल को ऊपर पढ़ा और वो वेरीफाई करने लायक हो जाती है तो हम ऐसी जानकारी को ऐसी नॉलेज को क्या बोलते हैं अब आप समझ पा रहे हो कि कैरेक्टरिस्टिक ऑफ रिसर्च जो है वो अंधा दुं आपको नहीं पढ़ना है मिलेगा आपको हर जगह पे हर किताब वगैरह में होगा लेकिन जो कुछ शब्द हैं जनरलाइज्ड आउटकम एप्लीकेबिलिटी ऑब्जेक्टिविटी होना इन शब्दों को आपको बहुत अच्छे से पढ़ना है क्योंकि घुमा फिरा के इन पे क्वेश्चन बनते तो ऐसी नॉलेज को क्या बोलेंगे भाई ऐसी नॉलेज को हम बोलेंगे साइंटिफिक नॉलेज है ना तो साइंटिफिक नॉलेज मतलब क्या रिसर्च से जो आउटकम निकल के आ रहा है वो साइंटिफिक है लॉजिकल है सिस्टमैटिक है यह सारी की सारी चीजें इस जो टर्मिनोलॉजी है वो एक साथ जुड़ी हुई है अगला क्वेश्चन देखते हैं अ चाइल्ड फर्स्टली लर्न्स अ चाइल्ड फर्स्टली लर्न्स टू डिफरेंशियल एनिमल्स बर्ड्स एंड लेटर ऑन ही शी यूनिफाइज दीस डिफरेंशिएबल कांसेप्ट इज कॉल्ड तो अभी के जो पेपर हुए रिसेंट में बच्चों ने कहा अरे भाई बड़े खतरनाक क्वेश्चन आ रहे हैं और लैंग्वेज ऐसी पूछ रहे हैं कि कोई आईडिया नहीं है देखो भाई इस बार जो पेपर हुआ है उससे पहले के ये क्वेश्चन है अभी इस बार जो लेटेस्ट पेपर हुआ है वो तो अभी रिलीज भी नहीं हुए हैं है ना क्वेश्चन पेपर्स यह बहुत सालों से हो रहा है अभी से नहीं हो रहा है और मैं आपको हमेशा कहता हूं कि भाई आपको कांसेप्ट पे फोकस करना है केवल पी वाई क्यूज लगा के भी चले जाओगे और यह सोचोगे कि यार मैंने तो इतने क्वेश्चन लगाए हैं और उसमें से कुछ आ जाएगा हमने सबके आंसर याद कर लिए हैं तब भी काम नहीं बनेगा यूजीसी नेट आपके हायर एजुकेशन को जांचने का कॉम्पिटेटिव एग्जाम है ये आपके रेक्टिफिकेशन को जांचने का कॉम्पिटेटिव एग्जाम नहीं है रेक्टिफिकेशन तो कोई भी कर लेता है भाई सड़क पे आप देखते हो कि जो ट्रैवलर्स होते हैं वो जाते हैं बहुत सारे टूरिस्टी एरियाज में में तो वहां वो छोटे-छोटे बच्चे जो हैं उनकी भाषा को रट करके बैठे होते हैं है ना इटालियन आएगा इटालियन से बोलेंगे जर्मन आएगा जर्मन से बोलेंगे तो क्या उनको उनकी भाषा आती है उनको भाषा नहीं आती है वो उस कॉन्टेक्स्ट में जो जो टूरिस्ट एक्सपेक्ट करते हैं कि हमें जानकारी मिले बस उनको उतना बोलने आता है तो उसको आप ये थोड़ी बोलेंगे कि इनको भाषा आती है ठीक उसी तरीके से यूजीसी नेट में भी अगर आपने क्वेश्चंस को ही रट लिया है तो वो भी काम नहीं करेगा जैसे मैं आपको कहता हूं पी वाई क्यूज लगाओ पी वाई क्यूज लगाओ तो कुछ बच्चे इसका ये मतलब ले लेते हैं कि प्रस यर क्वेश्चन रट लेंगे हम घोल के पी जाएंगे तो हमारा नेट का पेपर हो जाएगा नहीं भाई आपको ये पढ़ना पड़ेगा समझना पड़ेगा कांसेप्ट मैंने आपको ऑलरेडी बता दिया है और कैसे आप इसको ठीक करेंगे जब तक आप बार-बार प्रीविस यर क्वेश्चन नहीं लगाएंगे समझने की कोशिश नहीं करेंगे कि क्या लिखा है क्या बोला है रटने से फिर काम अभी तो मैं आपको आंसर बता ही दूंगा लेकिन उस आंसर का आप क्या करोगे जब आपको कांसेप्ट नहीं समझ में आया कि इसमें क्या पूछा जा रहा है तो अच्छे से पढ़ते हैं और कांसेप्ट समझते हैं इसीलिए मैं आपको जो भी प्रीवियस ईयर क्वेश्चन कराता हूं मैं खुद से पढ़ता हूं और पढ़ के राइट आंसर बता के आगे नहीं निकल जाता कोशिश करता हूं कि आपको एक-एक शब्द समझ में आ जाए तो चलिए देखते हैं सबसे पहले लिखा है एक बच्चा एक चाइल्ड सबसे पहले कई अलग-अलग चीजों में भेद करना सीखता है डिफरेंशिएबल क्या होते हैं बर्ड क्या होते हैं इनको व अलग-अलग कैटेगरी में देखना सीखता है एंड लेटर ऑन ही और शी यूनिफाइज दीज जब वो ये अलग-अलग चीजों को देखता है तो इन सबको देख के वोह समझ लेता है कि इनमें कॉमन पैटर्न क्या है मतलब उनका एक जनरलाइज्ड फॉर्म वो समझ लेता है है ना मैन हो या वमन हो सबकी दो आंखें हैं एनिमल की भी दो आंखें बर्ड की भी दो आंखें तो इन सबको पहले वो अलग-अलग तरीके से देखता है और उसके बाद वो समझ जाता है कि हां भाई ये एक कॉमन एक ग्रुप का पार्ट है तो सारे कांसेप्ट को यूनिफाई कर देता है इसको क्या बोलेंगे आप ये जो उसने कर उस आप क्या बोलेंगे सो दिस इज कॉल्ड जनरलाइजेशन है ना कि जनरल चीज क्या है जैसे रिसर्च में भी हमने बात की लास्ट का जो पॉइंट था कि रिसर्च शुड बी जनरलाइज्ड तो जनरलाइज्ड का मतलब होता है कि भाई यह जो इतने सारा हम हमको डाटा मिला हमें डाटा में यह भी मिला यह भी मिला यह भी मिला यह भी मिला लेकिन जब हमने उसकी एनालिसिस करी तो हमने पाया कि भाई इन सभी डाटा में यह निकल करके आ रहा है है ना शुरुआत में क्या हुआ डाटा हमने बहुत कलेक्ट करा लेकिन एनालिसिस करके हमने उसको रिड्यूस कर दिया है ना रिडक्शनिस्म का सिद्धांत लगा और एक सूत्र के रूप में वो चीज हमको मिल गई तो इसको हम कहते हैं किसी चीज को जनरलाइज करना डिडक्टिव रीजनिंग से जुड़ी हुई यह बात है और लॉजिकल रीजनिंग में हमने ऑलरेडी पढ़ी है इस चैनल पे हमने अभी तक लॉजिकल रीजनिंग नहीं करा है जब करेंगे तो डिडक्टिव रीजनिंग को भी देखेंगे सब्सक्राइब नहीं किया चैनल को सब्सक्राइब कर लेना अभी तक आपको एक्सप्लेनेशन समझ में आया तो जरूर से वीडियो को लाइक भी कर देना है ना तो जनरलाइजेशन मतलब एक तरी तरीके से डिडक्टिव रीजनिंग ओके सो गाइस आई होप को आई होप आपको लेक्चर अच्छा लगा आज हमने छोटा लेक्चर किया करा है ताकि थोड़ा हम लोग स्लो चल रहे हैं आराम से धीरे-धीरे हम लोग अपने लेक्चर को थोड़ा कॉम्प्लिकेटेड और थोड़ा बड़ा करते जाएंगे आई होप जितना हमने पढ़ा वो आपको समझ में आया लिंक डिस्क्रिप्शन में है रिसर्च एप्ट का पूरा कोर्स अगर आपको जवाइन करना है तो हमारी ऐप और वेबसाइट प मिल जाएगा प्लस ये हमारा प्ले स्टोर से है ना और इसके अलावा यह दो को फुल कोर्सेस भी लॉन्च हो गए हैं एक कोर्सेस में आपको सारे लॉजिकल चीजें मिलेंगी जिसमें न्यूमेरिकल और जो ज्यादा कठिन होती हैं और एक कोर्स है जिसमें आपको थ्योरिया मिलेंगी और जैसे ही नए क्वेश्चन पेपर्स आ जाएंगे इन कोर्सेस को उसके हिसाब से अपडेट कर दिया जाएगा और न्यू टॉपिक्स को ऐड कर दिया जाएगा ठीक है तो चलिए गाइ आज के लिए इतना है मिलते हैं अगले वीडियो में तब तक के लिए सभी को बाय और टेक केयर