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Economy of India Post-Independence

अजय को कर दो कर दो वैज्ञानिक हाय एवरीवन दिस इज मुकेश कुमार असिस्टेंट प्रोफेसरों की नौ मिक्स आज का जो मघ्य फाइनल ईयर के 60 यह हमारा फर्स्ट यूनिट आफ इंडियन इंडिपेंडेंस डे एक अदद Vivo इंडिपेंडेंस 1947 में इंडिया के इकोनॉमी की क्या हालत थी हम उसके बारे में बात करने वाले हैं तो देखिए इसके बारे में जानने से पहले इंडियन इकोनामी फीचर्स को जानने से पहले हमें थोड़ा प्रेगनेंसी के चलते यहां पर बात करने की थे ब्रिटिश राज के यहां पर बात करेंगे क्योंकि इंडिया में कुनिका 1947 मुहाल था उसके लिए जो एक रियल इंडिया में वह बहुत ज्यादा जिम्मेदार है बच्चों के सामने रखना चाहूंगा कि अगर बात करें तो सोने की चिड़िया सोने की चिड़िया बोला जाता था और हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री सब्सक्राइब बनाने वाले थे वह बहुत ज्यादा फेमस सब्सक्राइब [संगीत] सब्सक्राइब तब तक नियुक्त और आप यकीन नहीं करोगे तो कि बोर्ड की टीमें इंडिया का जो प्रजेंटेशन शेयर था कि 25 पर सेंट तथा मतलब अगर ₹100 और डिप्टी मेयर है तो 25 उसका नियुक्ति तो उसके आगे चलते हैं बच्चों 1757 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने पर कंट्रोल कर लिया सब्सक्राइब पर कंट्रोल कर लिया और उस टाइम पर बंगाल हुआ करता था वह सब्सक्राइब तो सब्सक्राइब में कि इस्ट इंडिया कंपनी में कंट्रोल कर लिया था और इस कंट्रोल कंट्रोल हो गया था इस कंट्रोल के कारण क्या हो गया था 1757 के बाद जो ब्रिटेन का इंडिया के साथ रिलेशन हो गया था सब्सक्राइब करने तथा कैसे होता था कि युवकों को सपोर्ट करता था कि युद्ध था उस टाइम पर अफीम की खेती की ओर से नियुक्त है है तो उसकी फाइनेंस ने कहां से होती थी उसकी फाइनल आफ ब जो बंगाल को विनय हमारा वहां से को मिलता था ब्रिटेन को उसी से वह क्या करते थे चैनल को सब्सक्राइब करें चैनल को सबस्क्राइब कहां पर गया कि ब्रिटेन गया तो इस तरीके से आप देखिए कि इंडिया में जु टैक्स रिवेन्यू कलेक्ट करते ब्रिटेन वह सारा का सारा क्या होता था ब्रिटेन के काम आता तो इंडिया के यहां पर कुछ भी नहीं लगता था कि आप समझ गए होंगे तो अब आपको आसानी होगी सब्सक्राइब अपने नेक्स्ट पॉइंट पर चलते-चलते 1947 [संगीत] सब्सक्राइब कैसे मतलब अर्थव्यवस्था है और फिर अर्थव्यवस्था क्या होती है फिर अर्थव्यवस्था एंट्री का मतलब होता है कि को नियुक्त करना बिल्कुल भी ना तो इतनी कि Bigg Boss से लेकर 1947 मतलब लगभग सोशल मिडिया पर बिल्कुल थोड़ी सी तो मैं यहां पर मैंने यह 1919 सब्सक्राइब यहां पर छह की टीम एक लाख 25 हजार रुपए प्रति एक लाख 25 हजार टो लर्न पर कैपिटा इनकम पर कैपिटा इनकम आपको टोटल टोटल सब्सक्रिप्शंस क्वाइट कर दें तो हमारा क्या निकल जाएगा पर कैपिटा जीडीपी निकल जाएगा तो उस समय प्रति व्यक्ति आय कितनी थी 533 डालर प्रति व्यक्ति आय थी और आप इसको अगर साल बाद कंवर्ट करते हैं 1947 में आप देखोगे 1947 मतलब स्कूल 13016 नियुक्त जब स्कूल मतलब तो सब्सक्राइब स्टैग्नेंट नियुक्ति सब्सक्राइब नियुक्ति मतलब स्कूल का नामोनिशान नहीं था नेक्स्ट पॉइंट पर हम चलते हैं बच्चों को कि पिछड़ी अर्थव्यवस्था तो उसके कुछ फीचर्स होते हैं वह आपके सामने रखना चाहूंगा आ जो बैक वेटिकन में होती है वह बैकअप कहलाएगी उसकी पर कैपिटा इनकम बिल्कुल लो होगी जब एग्रीकलचर का को मीडिया में प्रॉमिनेंस होगा तो एग्रीकल्चर प्रोडक्ट मतलब कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में अगर एग्रीकल्चरल एक्टिविटीज रिलेटेड एक्टिविटीज लगी हुई है तो सब्सक्राइब कर रखे हैं में आ गया अनइंप्लॉयमेंट तो जब भारत आजाद हुआ तो अनइंप्लॉयमेंट मतलब विरुद्ध बहुत ज्यादा थी विशेषकर डिफिशिएंसी आफ कैपिटल तो इसका मतलब है कि नियुक्ति मतलब हम इसे बड़े-बड़े उद्योग खड़े कर सकें सब्सक्राइब होता था ब्रिटेन को भारत से वह सारा का सारा इंडिया में लगाने की बजाय वहां पर लेकर चले जाते थे तो इतना पैसा नहीं था कि सब्सक्राइब पूर्व इंस्पेक्टर को सबस्क्राइब सब्सक्राइब यहां पर गांव पावर जेनरेशन नियुक्त नहीं तो यह सब्सक्रिप्शंस उन्होंने की थी तो हम कह सकते हैं कि इंडियन कोणीय वेग कि बैकुंठी बैकवर्ड कोण में थी तो इस तरीके से यह पॉइंट हम कर सकते हैं तो हमने यहां पर चलते हैं तो एग्रीकल्चर एग्रीकल्चर का पिछड़ापन तो हम उसको दो तरीके से देख सकते हैं कि कितने लोग लगे हुए थे उस टाइम पर और दूसरा लोक नृत्य करते थे खेती करते थे तो उसमें की कोशिश करें गांव की जनसंख्या नियुद्ध तो यहां पर 1947 की बात करते हैं तो यहां पर मतलब स्कूल करते थे एग्रीकल्चरल एक्टिविटीज में लगे हुए थे तु किस किस के साथ जुड़े थे एग्रीकल्चर के साथ जुड़े हुए थे इंडस्ट्री थी ना सर्विस सेक्टर था ठीक है और दूसरा पॉइंट हमारा क्या है प्रोडक्टिविटी प्रोडक्टिविटी के है कि प्रोडक्टिविटी पर हेक्टेयर की पर हेक्टेयर हमें कितनी प्रोडक्टिविटी उस टाइम पर मिलती थी तो देखिए बच्चों इन इंडिया बैकेम इंडिपेंडेंट इंडिपेंडेंस ओर व्हेन इंडिया बैकेम इंडिपेंडेंट 1947 1947 में हुआ था तो इंडिया 64 लाख उत्पादन हो रहा था यह उत्पादन हो रहा था और प्रोडक्टिविटी पैक एब्स किलो फकीर व् अगर उसको आज के टाइम पर हम कंपेयर करेंगे इसको रिलेट कर सको 2019 प्रोडक्शन 1076 टर्न यह देखिए कहां पर 64 लाख टन है और कहां पर 1076 लाख का नेतृत्व मतलब आप कह सकते हो कि लगभग 15 * इंडिया की प्रोडक्टिविटी बड़ी अगर पर हेक्टेयर की बात है कि प्रति एकड़ कितना पैदावार होता है अब इंडिया में तो वहां 307 किलो प्रति हेक्टेयर पैदावार इंडिया में होती है तो आप इसको कर सकते हो सब्सक्राइब करें यह सिंचाई के साधन नहीं थे टेक्निक थी करने की सब्सक्राइब करें तो चलिए यहां पर हम देखेंगे इंडस्ट्री में है कि जो उद्योग विकसित पिछड़ापन था वह हुआ था या नहीं था अब इसके बारे में जानेंगे तो देखिए इसके लिए जो पहला पॉइंट है वह इंडस्ट्रियल बैकवर्ड डेबिट द टाइम आफ इंडिपेंडेंस आफ नियुक्त मतलब जो पैसा कमाता था वहां पर होता है कि दूसरे स्थान पर चले एक्टिविटी सब्सक्राइब कर लें एक्टिविटी में सब्सक्राइब ब्रिटेन की तरफ मतलब है ब्रिटिश एंपायर यहां पर में कर रहा था उसका सारा का सारा पैसा कहां जा रहा था तो इंडिया यहां पर थी वह बिल्कुल खत्म कर ली थी यहां से लेकर यहां पर सबस्क्राइब मैं इंडिया से शरीर इंडिया से कच्चा माल वह कहां पर लेकर जाते थे कि ब्रिटेन में लेकर जाते थे और वहां पर इस माल को क्या करते थे वह मैन्युफैक्चरिंग करते तो वापिस किस में बेचते थे इंडिया में बेचते तो इंडिया का माल इंडिया में बेचते थे मैन्युफैक्चरिंग करके उस सकते ने खरीदते थे बच्चों और महंगे में बेचते थे तो आप देख रहे हो यहां से शीघ्र वह बिल्कुल बिल्कुल इस पर है और यह बहुत ही महंगे दामों पर बेच रहे थे तो यहां पर कर रहे थे तो सब्सक्राइब नहीं हो रहा था प्रेम का कारण यह था कि सब्सक्राइब ऐसे तो वह कम हो गई क्यों इंडिया अगर पैसा ही नहीं रहेगा तो यहां पर कैपिटल पर हम कैसे खर्च करेंगे और दूसरा लैक आफ हेवी इंडस्ट्री अब लाइफ इंडस्ट्री टो हैव इन्वेस्टेड कौन लगाएगा जिसके पास पैसा होगा अब जो इंडिया के लोग थे उनके पास पैसा ही नहीं था कि सारा पैसा इंग्लैंड जा रहा था तो यहां पर हेवी इंडस्ट्री की कमी तो अब स्कूल कि अब दूसरा सब्सक्राइब किसी टाइम पर यह सम्मान कि यूरोप में अफ्रीका में मिडल ईस्ट की जो कंट्री है सऊदी अरेबिया इरान इराक तो यह सारी कंट्री है यहां पर जाता था युद्ध बहुत ही फेमस बहुत ही महंगा सामान के हथकरघा उद्योग के व्यापारी थे वह थे लोगों को सब्सक्राइब करना बिल्कुल खत्म कर दिया और यहां पर मैंने सब्सक्राइब करें तथा वह सकते हैं यहां पर नियुक्त इंडस्ट्री खत्म हो गई तो यह सब्सक्राइब कर दीजिए और यहां पर लगा तो सब्सक्राइब सब्सक्राइब है तो इंफ्रास्ट्रक्चर की जब बात करते हैं तो तीन पॉइंट्स को हम देखेंगे वहीं पॉइंट कौन-कौन से है हम पावर जेनरेशन देखेंगे कि इलेक्ट्रिसिटी कितनी पैदावार हो रही थी उस टाइम पर हम यह देखेंगे कि युद्धे सब्सक्राइब और भी कई चीजों जोड़ सकते हैं आपके सामने रख रहा हूं पावर जेनरेशन टो जेनरेशन 1947 सब्सक्राइब टो कि 1947 में पे्रस को 62 मेगा वाट इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूस्ड हो रही थी पिंपल टू 4 लाख 48 हजार 600 1362 1947 में चार लाख 48 हजार सब्सक्राइब कम होता था वहां पर कितना पैसा ही नहीं करने के लिए कैपिटल की जरूरत पड़ती है घृत थी तो अब बात करते हैं रेलवे रेलवे सब्सक्राइब किलोमीटर तो इसके पीछे रेलवे डेवलपमेंट आफ कि जो इंडिया से रो मटेरियल जो कच्चा माल था इंग्लैंड को अपने देश पहुंचाना होता था वह दूरदराज के क्षेत्रों से में आ पुस्तक लेकर आना होता समुद्री किनारों तक लेकर आना होता था तो इसके लिए बच्चों तैयार किया इंग्लैंड ने अपनी सुविधा के लिए यहां पर रेलवे लाइन बिछाई तो इसलिए आप देखोगे कि 1947 में 53 हजार 596 किलोमीटर कि रेलवे लाइंस थी और यह उन्होंने अंग्रेजों ने अपने ही इसको नियुद्ध मीणा सब्सक्राइब करें कि किलोमीटर रेलवे रेलवे लाइन की 1947 ठीक है तो आप यहां पर कंपेयर करके देख सकते हो अब रोडवेज की बात करें तो में कई बच्चों ने इसको बोलते हैं जैसे हम आज के समय में है 36 कुछ ऐसे सुनते हैं ना तो वह नेशनल हाईवे ठीक है स्टेट हाईवे होते हैं ठीक है रूरल ग्रामीण इलाकों से ठीक है इस तरीके से बहुत सारी मैंने आपके लिए यहां पर सिर्फ नेशनल हाईवे नेशनल हाईवे नेशनल हाइवे के प्रमुख शहर है उनको जोड़ तो मैंने यहां पर आपके सामने तो आप 1947 में बच्चों 1947 नेशनल हाईवे 19800 किलोमीटर सब्सक्राइब कि 2019 में एक लाख को 14,500 58 किलोमीटर तो हम कह सकते हैं कि नियर अबाउट 8 से 9 गुना ज्यादा आज के समय में नेशनल हाईवे लिया है कंपेयर टू 9 4 6 7 तो आप देख सकते हो कि उस टाइम का इंफ्रास्ट्रक्चर अब हम क्वालिटी बोल सकते तो यह हमारे ट्रांसफर यह हमारा सब्सक्राइब बच्चों यह हमारा सब्सक्राइब कोई प्रॉब्लम अगर आती है तो आप मेरे से व्हाट्सएप पर बात कर सकते हो तो आज का हमारा यहीं पर खत्म करते हैं और आपको में तब तक के लिए थैंक्स