हेलो हेलो मैंने रेस्टोरेंट्स वेलकम टू माय चैनल फ्रेंड्स मैं हूं आपकी साइकोलॉजिकल टेस्ट सलोनी पांडे एंड आज के हमारे इस लेख में हम करने जा रहे हैं चैप्टर नंबर वन का कंप्लीट लिमिट यहां 11:00 साइकोलॉजी हम स्टार्ट किया है और इसका जो चैप्टर नंबर वन है व्हाट इज साइकिल रेसिंग यह हमने कर लिया है पूरी तरह से कंप्लीट यानि कि चैप्टर के हर एक टॉपिक का डिटेल में डिस्कशन हम कर चुके हैं बहुत इन हिंदी चैप्टर था इसके अंदर बड़ा पर बेसिक बहुत ज्यादा खबरों में तो मैं तब इसमें आपको यह बताया गया था कि साइकोलॉजी का मीनिंग क्या होता है साइकोलॉजी इवॉल्व कैसे हो रहा है साइकोलॉजी इंडिया में कैसे डेवलप होता है वेस्टर्न कंट्रीज में कैसे साइकोलॉजिकल डेवलपमेंट होता है साइकोलॉजिस्ट्स रिलेटिड कितनी सारी थीम है यह सब कुछ हमने इस चैप्टर के अंदर डिटेल में डिस्कस किया और बहुत ही सिंपल लैंग्वेज में बहुत ही इजी फॉर्म में मैंने आपको हर एक कंसेप्ट को एक्सप्लेन किया था को क्योंकि हम ना अभी 11th क्लास में आए हैं अभी साइकोलॉजी को पढ़ना हमने इस टाइट किया है तो जितना ज्यादा इजी करके जितना ज्यादा कांसेप्ट इंग्लिश लैंग्वेज में समझोगे उतना अच्छे से कांसेप्ट क्लीयर होगा क्योंकि आपका बेस क्लियर होना बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है और जैसे कि मैंने आपको पहले भी बोला है कि इलेवेंथ जो है वह आपका बेस है ट्वेल्थ क्लास के लिए तो वह आपका बिल्कुल क्रिस्टल क्लियर होना चाहिए इन्हीं वह आई होप सो कि मैंने चैप्टर नंबर वन आपको बहुत अच्छे से एक्सप्लेन किया है और साथ ही साथ में आप सभी ने एक चैप्टर कंप्लीट कर लिया होगा मतलब ठीक हर एक टॉपिक जो हमने डिटेल में डिस्कशन किया वह आपका पूरी तरह से कंप्लीट होगा और आपने हर एक वीडियो लेक्चर को अच्छे से पढ़ लिया होगा अच्छे से समझ लिया होगा और इतना ही नहीं इस चैप्टर के एनसीईआरटी सलूशन सी यानी कि एक गिलास अवधि चैप्टर जो क्वेश्चन आपसे पूछे गए थे उन क्वेश्चंस को भी हमने आंसर कर लिया है यह चैप्टर कंप्लीट है चैप्टर क्वेश्चन आंसर भी हो चुके हैं अब वैसे तो हमको सेकंड चैप्टर पान आना चाहिए था पाइप हमको रिवीजन करना बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट हमने जो भी सारी चीजें पड़ी उसको जब हम एक बार रिवाइज करेंगे तो और ज्यादा हमको चैप्टर अच्छे से समझ में भी आएगा और अपने साथ में याद रहेगा मगर जब चैप्टर वन के बाद में चैप्टर टू पर सर्च करोगे तो ऐसा नहीं कि आप चैप्टर की सारी चीजें भूल जाऊं वह सब कुछ आपको याद रहना चाहिए और वह कब रहेगा जब रिवाइज करोगे रिवीजन जो है वह बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट होता है इसीलिए हमारे आज के इस लेक्चर में चैप्टर नंबर वन का करने वाले हैं कंप्लीट रिलेशन सारे टॉपिक्स को सारे कंसेप्ट को बिल्कुल एकदम से रहना मिला के और अच्छे से पूरे चैप्टर का रिवीजन करेंगे क्या-क्या सारी चीजें हमने पड़ी क्या उसके अंदर हमने सब कुछ बड़ा बांध डिटेल्स में नहीं जाएंगे क्योंकि डिटेल्स में मैं आपको जप टॉपिक्स प्रिंट करती हूं तब हर एक चीज बिल्कुल बहुत ही अदर डिटेल बताती हूं वह बट आप यहां पर जस्ते के अधिवेशन हम करेंगे ठीक है तो फटाफट सारे कंसेप्ट को देखेंगे कि आपने पढ़ा था सब कुछ इक्वल करेंगे रिवीजन करना बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है एग्जाम में भी बहुत ज्यादा जो हेल्प करता है और साथ ही साथ में रिवीजन के थ्रू क्या होता है कि एक बार हम चैप्टर को गो थ्रू कर लेते हैं एक बार सारे कंसर्ट्स को जो है अच्छे से समझ में अभी तक तो क्यों पट थे टॉपिक करके बैठे थे आप बिल्कुल पूरा एक साथ जो है कंबाइंड विद छात्र को करेंगे रिवाइस्ता थिस कंप्लेंट चैप्टर ब्रिटिश सा यह उस आपको चैप्टर क्लियर होगा हो गया है तो हमसे कमेंट सेक्शन में बताओ और कोई डाउट है तो वह मुझे बता दिया करो और इसके बाद मैं अब बिल्कुल रेडी हो चैप्टर को रिवाइज करने के लिए रैडी होना स्टार्ट करते हैं सबसे पहले एक ओवरव्यू देखेंगे हम कि आपने चैप्टर के अंदर की सारी चीजें पड़ी हुई थी तो और अच्छे से आपको आगे बढ़ने में हेल्प होगी सबसे पहले हमने किया था चैप्टर का एक छोटा सा इंट्रोडक्शन देखा था उस इंट्रोडक्शन में थोड़ा साइकोलॉजी के बारे में समझा इलेवेंथ ट्वेल्थ में जाए साइकोलॉजी लेते हैं तो क्यों लेते हैं 10th क्लास में साइकोलॉजी लेते हैं बहुत सारे स्मज क्या मन में टीजर रहती है साइकोलॉजी को लेकर यह सब कुछ डिटेल में डिस्कस किया अंदर भी के * मीनिंग आफ साइकोलॉजी एक्जेक्टली साइकोलॉजी का मीनिंग क्या होता है तो हमने देखा कि यह तो जो है और टर्म दो ग्रीक वर्ड से बना हुआ है अभी आगे इसको भी हम दिल करेंगे फिर उसके बाद में अंडरस्टैंडिंग माइंड एंड बिहेवियर जिंदगी हमने यह चीज देखी थी कि साइकोलॉजी जो है वह तीन प्रोसेस कोई स्टडी करता है एक तो मेंटल प्रोसेस को ए मेंटल प्रोसेस हम कहीं जा माइंड को सेकेंड्ली आपके अपने एक्सपीरियंस इसको एंड थर्ड आपके अपने बिहेवियर को इन चीजों को जो है साइकोलॉजी में स्टडी किया जाता है जब माइंड को स्टडी किया जाता है और माइंड जो भी सारी चीजें फील करते हो तो वह मेंटल प्रोसेस के थ्रू होती है तो यह माइनर एक्सपीरियंस इसको हम एक ही वर्ष में बोलते मेंटल प्रोसेस और बिहेवियर तो माइंड को और बिहेवियर को हमने जो है इसे टीम के अंदर समझा था मतलब यह जो तीनों चीजें है वह हम यहां पर डिस्कस करेंगे और फिर उसके बाद में माइंड और बिहेवियर इन दोनों के बीच में एक क्या रिलेशनशिप पोती इस हमने डिटेल में डिस्कस किया था नेक्स्ट हमारा पोलूशन के अभिलेख साधना डिसिप्लिन ऑफ साइकोलॉजी साइकोलॉजी को लेकर जनरल परसेप्शन क्या होते हैं यह सारी चीजें कही जाती है जब बिलीव्स को है बट एक्जेक्टली व्हाट इज साइकोलॉजी यह आपको यहां पर पता चलेगा मतलब कहा क्या जाता है साइकोलॉजी के लिए कि साइकिल और यह साइकोलॉजी में यह चीज होती होंगी साइकोलॉजी के अकॉर्डिंग ऐसा होता है बट एक्जेक्टली क्या होता है वह एक Difference आपको यहां पर जो है क्लियर हो जाएगा डा डेफिनेशन आफ साइकोलॉजी आफ साइकोलॉजी कैश विड्रॉल हुआ आज अगर हम सभी जो है साइकोलॉजी को पढ़ रहे हैं तो उसका रिवॉल्यूशन कहां से होता है कैसे यह साइकोलॉजिकल वर्ड होता है यह हम यहां पर डिस्कस करेंगे डन हम सभी इंडिया में है तो इंडिया के अंदर कैसे साइकोलॉजी का डेवलपमेंट हुआ व हमने इसे एक टीम के अंदर डिस्कस किया नेक्स्ट हमारा डिफरेंट ब्रांचेस आफ साइकोलॉजी साइकोलॉजी की ढेर सारी ब्रांच इस होती है और मतलब यहां इस चैप्टर के अंदर तो आप समझो कि हम सिर्फ और सिर्फ शायद 10th 20% चार्जेस कोई कवर कर पाए उसके अलावा साइकोलॉजिकल तो इसको है ना वह बहुत ही वाइट है यह बहुत ही वाइड रेंज ऑफ़ नाम ना कुछ है स्टडी करता मतलब इंच और हम ऐसे बोल देते हैं कि साइकोलॉजी के अंदर एक इंडिविजुअल को भी स्टडी किया जाता है साथ में डिवाइड डिवाइड एक मतलब जो दो लोगों का ग्रुप है उस को स्टडी किया जाता है और फिर नाइजेशन किसी लॉर्ड विष्णु इन सारी चीजों को स्टडी किया जाता है तो यह हम वह तो बोल रहे हैं कि बहुत ही लार जरिए इंसाफ मिलना है उस बहुत ही लार रेंज अफसरों ने को हम यहां पर क्रॉस के अंदर कन्फाइंड कर दिया बट अपार्ट वृत्त साइकोलॉजी का जिसको है साइकोलॉजिस्ट डिसिप्लिन है वह बहुत ही ज्यादा वाइट है तो उसकी कितनी सारी ब्रांच से होती है जैसे यह साइकोलोजी अगर एक स्त्री की तरह हम समझिए कि साइकोलॉजी तो मेन जो है वह ट्री है बट इस्त्री कि बहुत सारी ब्रांच इस है ठीक है तो वह सारी ब्रांच इस कौन-कौन सी है वह सारा कुछ हमको यहां ब्रांचेस आफ साइकोलॉजी के अंदर पढ़ने को मिलेगा देना पर 300 रिसर्च एंड एप्लीकेशन कौन-कौन से रिसर्च एप्लीकेशन की थीम सोती हैं रेगुलर जिम्मेदारी किया जाता है और दूसरी चीजों को स्टडी किया जाता है कि सलमान को अब स्टडी करें भी यह मैसेज करें एक्सपीरियंस इसको हम इस रेडी कर रहे हैं तो यह हमारी स्टडी है यह हमने रिसर्च कंडक्टेड हुई है तो इसमें क्या सारी फैंस होती है यह हम यहां पर डिस्कस करेंगे बैंक साइकोलॉजिकल एंड अदर डिपेंड साइकोलॉजी का जो बाकी दूसरे डिफ्रेंस होता है सुपरहिट सैंपल आपकी सोशलॉजी आपकी कॉमिक्स ए पॉलीटिकल साइंस स्लो है क्रिमिनोलॉजी हेल्प है मेडिसिन है तो यह डिफरेंट डिफरेंट ब्रांचेस के साथ में जो है और यह डिफरेंट डिफरेंट संघ के साथ में साइकोलॉजिकल लाइक रिलेशनशिप है वह हमको डिटेल यहां पर हमने पड़ा इन साइकोलॉजिस्ट वॉल इन साइकोलॉजी इन एवरीडे लाइफ जो भी साइकोलॉजिस्ट काम कर रहे हैं मतलब नेटवर्क है उनके बारे में यहां पर जाएंगे जाएंगे तो हमने से काउंसलर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट साइकैटरिस्ट यह सारी डिफरेंस इसको भी यहां पर जो है समझा हुआ है एंड साइकोलॉजी इन एवरीडे लाइफ हमारी day-to-day लाइफ में कैसे साइकोलॉजी के साथ में डील करते हैं कैसे साइकोलॉजी को पढ़ते हैं यह सब कुछ हमने यहां पर डिस्कस किया था तो मैंने आपसे कहा कि चैप्टर बहुत ही ज्यादा झंडे था जिसके अंदर हमने बहुत ही सारे टॉपिक्स को कवर किया बट हम इन टॉपिक्स की डिटेल्स में नहीं गए थे मतलब यहां से हम को एक जनरल आइडिया मिला था क्योंकि जैसे मैंने आपको कहा कि अभी साइकोलॉजी पढ़ना स्टार्ट किया एक जनरल आईडिया आपको सब्जेक्ट्स रिलेटेड होना चाहिए उसके अंदर क्या सारी चीजें होती लेकिन जब आप चैप्टर टू पर जाओगे तो आपको और डिफरेंट चीजों के बारे में जानने को मिलेगा शायद ऐसी चीज है जो आपने सुनी नहीं होंगी तो बेसिक वही है कि अभी तक हम साइकोलॉजिक उस क्या समझते थे बैकवॉटर्स साइकोलोजी यह आपको यहां इस चैप्टर के अंदर कि बेसिक इंट्रोडक्शन था वह मिल गया तो मैं यही कहूंगी कि इस चैप्टर को ऐसा इंट्रोडक्शन देखो बट बहुत ही इंपोर्टेंट चैप्टर है तो इसके मत करना क्योंकि बार-बार वही बोलती हूं कि इलेवंथ क्लास बेसरा घर बेस क्लियर नहीं होंगे तो ट्वेल्थ क्लास में कितना भी प्रयोग ना समझ में है कायन आगे भी कॉलेज लेवल पर भी जाओगे पढ़ोगे तो क्लियर नहीं होगा तो देश को जो है वह बहुत अच्छे से क्लियर रखो बहुत अच्छे से समझो तो आगे जो भी सारे चैप्टर पढ़ोगे और अच्छे से क्लियर होंगे यहां तक सारी चीज़ें हो क्लियर होंगी प्रॉब्लम आप इसे जो है डिवीजन पर आ जाते हैं फटाफट से सारी चीजों का होम रिवाइज करें Mera देखो अब बहुत है जल्दी नहीं करेंगे कि बहुत ज्यादा जो है वह चैप्टर पढ़ा है तो जल्दी से सब्सक्राइब कर लें ऐसे रिवाइज करेंगे कि एग्जेक्ट कि आपका रिवीजन हो आपको चीजे समझ में आए और हम बहुत ज्यादा डिटेल्स में पीना चाहिए ओके सब्सक्राइब करें सबसे पहले हम देखते मीनिंग आफ साइकोलॉजी सामने देखा कि यह जो टॉम है साइकोलॉजी यह दो ग्रीक वर्ड से डिवाइड हो तो मतलब जो है वह ड्राई होता है एक सबसे पहले साइकिल जिसका मतलब होता है शोल्डर एंड दूसरा है लोगों से इसका मतलब होता है साइंस या इसका बेवफा सब्जेक्ट तो मतलब यहां पर साइकोलॉजिकल नंबर फर्क सेट कर दें तो यह दो टॉम से बना है सिक्वेंस लैस को कैसे समय सेक्टर कैसे इसको ले सकते हो वरना आपको यह टॉपिक एक्सप्लेन करते हुए बताया था कि सबसे पहली चीज पर एक काम करो जो भी मेरे साथ में पढ़ते हो तो मेरा ऐसा मतलब एडवाइस है आपके लिए एक नोट बुक का पेन जरूर रखा करो मैं बहुत बार ऐसे पढ़ाते-पढ़ाते बहुत सारे नोट बनवाते हुए चलते हंसा के ग्राम के लिए बहुत ज्यादा हेल्प रहेंगे अगर अभी भी लेकिन यह तो दोस्तों पिछली वीडियो पहुंच करो ऑफ अटैक्स जाओ और जो है अपना नोट बुक और पहले कराओ और साथ में नोट करना चाहिए या डिवीजन के साथ-साथ में चैप्टर नोट भी बन जाएंगे साफ करें अब देखो यहां पर मैं आपसे कहा कि दो व्हाट्सएप बना हुआ है साइकोलॉजिक तो सबसे पहले आप ऐसे लिखो कि साइकोलॉजी जो है यहां ब्रैकेट में लिख लो ग्रीक वर्ड्स यह सिर्फ ग्रीन लीफ लोगे तो भी आपको समझ में आएगा और यह आपने ऐसे किया एक वेबसाइट की जिसका मतलब क्या होता है शोल्ड एंड प्लस लोग उस तुम लोगों का मतलब क्या होता है इस स्टडी ऑफर सब्जेक्ट मिस्टर डिप ऑफर सब्जेक्ट रहा हम किसी चीज को स्टडी कर रहे होते तो जब साईं की ओर सौल दोनों मिल गए तो साइकोलॉजी का मतलब क्या हो गया इस स्टडी टर्न ऑफ माइंड या सोशल स्टडी ऑफ थे माइंड या 16000 से रिमाइंड कहां से आ गए तो माइंड का जो कैंसर है वह साइकोलॉजी में बाद में ऐड और हुआ है यह जब हमने पढ़ा हुआ था अंडरस्टैंडिंग माइंड एंड बिहेवियर तब हमने इसे चीज को डिस्कस है तो बेसिकली अगर माइंड को यहां पर नहीं मिली करो तो इट इज द स्टडी ऑफ सोल यह आपने यहां पर लिखा है दैट इज द मीनिंग ऑफ साइकोलॉजी यह सबसे सिंपलीफाइड लैंग्वेज में मतलब यहां पर हमने इसको नोट ऑन कर लिया आप हमेशा कभी भी साइकोलॉजी कपड़े कभी भी किसी गलतियों को समझेंगे तो बहुत ही इजली आपको यह चीज़ ध्यान में रहेगी ना अब साइकोलॉजी इसलिए क्या है इस स्टडी फोल्ड या फिर मैं अब आज के टाइम में साइकोलॉजिकल डिपेंडेंस आफ साइंटिफिक डिफरेंट रिसर्च प्रोजेक्ट्स अंडर लाइन ह्यूमन एक्सपीरियंस एंड बिहेवियर्स लेकिन यह तो एक बिल्कुल डेफिनेशन होगी साइकोलॉजी के कि साइकिल प्लस लोगो यहां पर हम स्टडी करते हैं माइंड को यह सूर्य को बट आज के टाइम में साइकोलॉजिकल डेफिनेशन क्या है तो साइकोलॉजी एक ऐसा साइंटिफिक डिसीप्लिन है साइकोलॉजी क्या है एक साइंटिफिक डिसीप्लिन है जिसमें हम डिफरेंट डिफरेंट प्रोसेस को जो है मतलब जिनके साथ में ही करते हैं जैसे कि मेंटल प्रोसेस यू एक्सपीरियंस और BJP यह जो आपने यहां पर नोट करा एक साइकोलॉजी का जंगल मीनिंग इसी के साथ में एक और चीज नोट कर लो की प्रेजेंटेशन ऐसे लिख लो प्रेसिडेंट मतलब यह बहुत ही आप अपने लैंग्वेज में नोट बना सकते हो कि सिंपल लैंग्वेज में अपना लक्ष्य मैं जब नोट बनाती हूं तो मतलब जब मैं पढ़ती थी और जब मैं नोट्स बनाते थी तो मैं ऐसे लिखी थी अपनी वॉइस में जो मुझे सबसे ज्यादा इजी वे में लगता था उसमें आपने नोट्स बना लेती थी ताकि मैं आगे करूं तो मुझे इतनी समझ में आना चाहिए किसी और को समझ में आता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह मेरे नोट से मुझे समझ में घृणा से कहा कि आज के टाइम है सोशल साइकोलॉजी को कैसे डिफाइन करोगे तो आपने लिखने की प्रेजेंट थे डेफिनेशन और फिर आपने लिखा है कि साइकोलॉजी क्या है इसको शॉर्ट में ऐसे लेकर तो प्लीज वाली इफेक्टिव साइकोलॉजी क्या है एक ऐसा साइंटिफिक डिसीप्लिन एक ऐसा साइंटिफिक रिसर्च डिसिप्लिन जिसमें हम क्या करते हैं जिसमें हम डिलीट कर देंगे इसके साथ मिडिंग करते हैं एक मेंटल प्रोसेस ह्यूमन एक्सपीरियंस यू मैं भी अभी मैंने शॉट मिलकर क्योंकि मुझे याद है लेकिन अगर जैसा आपको याद नहीं और आपको यह चीज आप बार-बार भूल जाते तो फिर उसका पूरा-पूरा मेंटल प्रोसेस लिखो पूरा ह्यूमन एक्सपीरियंस देखिए यहां पर यह बीजेपी वालों को तो यह प्रेजेंट डेफिनेशन होगी आपकी साइकिल साइकिल साइकिल साइकिल उसे क्या है एक ऐसा साइंटिफिक डिसीप्लिन जो कि दिल करता है मेंटल प्रोसेस यूनिक प्रिंसेस और ह्यूमन बिहेवियर के साथ में क्लियर है यह भी आ गए यहां पर समय में तो यह बेसिक डेफिनेशन होगी आपकी साइकोलॉजी की पिछली साइकोलॉजी क्या है उसका मीनिंग क्या होता है नेक्स्ट स्टडीज रेंजेस फ्रॉम इनर स्पिरिट आफ ओवर सेवरल सुच इंडिविजुअल्स एंड ग्रुप्स एंड ऑर्गेनाइजेशनल अभी मैंने आपको बताया कि एक बहुत ही वाइड रेंज फिनोमिना को जो है कवर करता है जिसके अंदर इंडिविजुअल डाइटिंग ऑर्गेनाइजेशन सफेद अब एक छोटी सी रोटा इंडिविजुअल इसी के साथ में बहुत छोटा सा ग्रुप दो लोगों का ग्रुप और इसी के साथ में एक बहुत बड़ी ऑर्गेनाइजेशन यह सारी चीजों को ही स्टडी किया जाता है इसके अंदर साइकोलॉजिकल डिफरेंसेस आफ तमिल नाडु है साइकोलॉजी का वह बहुत ही वाइटहेड्स लेबल्स आल्सो बॉयोलॉजिकल एस वेल एस सोशल बेसिस साइकोलॉजी यूज मेथड आफ बायोलॉजिकल साइंस सोशल साइंस हिस्ट्री ऑफ टाइम डाटा सिस्टेमेटिक लिए भी मैंने उससे कहा कि साइकोलॉजी क्या है देखो अभी हमने यहां पर डिस्कस किया कि साइकोलॉजिस्ट स्टडीज आफ थिस सब्जेक्ट सब सैक्रिफिस वास थे चीफ - मतलब जहां पर क्या की जा रही है जहां पर किसी तरह की कोई स्टडी की जोड़ी जमा किसी चीज पर स्टडी करते तो उसको क्या बोलते हैं कि आप उसके बारे में पड़ रहा है उसके बारे में जानना चाहते हैं उसके बारे में नॉलेज गेम करना चाहते हो तो यहां पर भी जैसे कोई भी फिल्म बना है जिसके बारे में हम पढ़ रहे हैं तो उसे फॉर एग्जांपल फॉर एग्जांपल हम यह इंडिविजुअल है इसे इंडिविजुअल को सफल रहे हैं इसके बारे में स्टडी कर रहे हैं इसके स्वरूप को समझने की कोशिश करें यदि एक्जेक्टली क्या है इसका माइलेज कैसे काम करता है तो हम यहां पर उसके बायलॉजिकल और सोशल बेसिस को मतलब ध्यान में रखेंगे हमारा बेस क्या हो गया कि पूरा इसका बायोलॉजिकल कंपोजिशन किसी तरीके का है और साथ में यह एक ऐसे एनवायरनमेंट में रहते इंवॉल्वमेंट इन थिस साइंस सोशल एनवायरमेंट इसकी सोसायटी कैसी है कैसे कल्चरल मतलब हर चीज के आसपास है मैं उसको ध्यान में रखते हुए फिर हम इससे रिलेटिड जो भी डेटा होगा बेटा मतलब जो भी इन्फॉर्मेशन हमको मिलती इसे पर्सन से रिलेटेड उसको हम ऑब्टेन करेंगे सुधर टर्म्स यूज्ड एंड डेफिनेशन आफ साइकोलॉजी मेंटल प्रोसेस एक्सप्लेनेशन बिहेवियर एक्सप्लेन ब्लूटूथ किस तरह से साइकोलॉजिकल जो है मतलब साइकोलॉजी में स्टडीज की जाती हैं अब इसमें हमने अभी तीन मतलब ऐसे टर्म्स करना है यह तीन प्रोसेस की बात करेंगे एक मेंटल प्रोसेस कि एक ह्यूमर एक्सपीरियंस एक ह्यूमंस हैव थिस मेंटल प्रसिद्ध एक्सपीरियंस और बेबी को शॉर्ट में एक बार देख लेते हैं यह तीनों चीजें और तो सबसे पहले साइकोलॉजी आफ थे स्टडी आफ मेंटल प्रोसेस नाउ यू आर मेंटल प्रोसेस इन व्हिच थिंग और ट्राइड टो सॉल्व प्रोबलम टो नो ऑल रिमेंबर समथिंग अब हम क्या करते हैं हम जनरली हमारे मन को यूज करते हैं जब हम किसी चीज को सोच रहे कभी इस किसी चीज को ध्यान में रख यह भी चीज को याद करने की कोशिश कर रहे हैं तब वह मुझे जंगल यहां पर सुनो दिमाग पर जोर दो अब यह जो है माइंड के ऊपर बहुत ज्यादा मतलब जो है उस पर ज्यादा जोर दो उस पर ज्यादा ध्यान दो टॉप को चीजें ध्यान में कभी आपको इसीलिए आप एग्जाम हॉल में हो आप आंसर लिख रहे हो लेकिन आपको आंसर की आगे जो है ज्यादा ताव बहुत ही ज्यादा अपने दिमाग को स्लाइस करते अरे भाई सोच अपने यहां तो करा था अब क्यों नहीं याद आ रहा है तो वह जो आप थिंकिंग करते हो जहां सारी चीजों को समझ पाते हुए आपको पहाड़ियों से उस पर होना इसके बाद में अंडरस्टैंडिंग करें उसके बाद में आप यह चीज को रिमेंबर कर यह सारी चीजें होती है माइंड इट है अब आप बोलोगे ड्रेन भी तो होता है तो ब्रेन एक डिफरेंट एंटिटीज है और रॉय डिफरेंट एंटिटीज है बैंक ने अपनी एक फिजिकल स्ट्रक्चर है अपनी क्वेश्चन आपसे बोलेंगे कि ब्रेन कहां पर है माइंड में बात बताऊं कि पर एंड यहां पर उसको किस तरह बनाया जाता था उसका डायग्राम बनाकर देखा लेकिन मैं आपसे बोलो रिमाइंड है क्या माइंड के बारे में बताओ तो हम के जनरली करते हैं कि माइंड को और प्रेम को दोनों को रिलेट करके समझ गए दोनों एक ही चीज है मतलब हमारा ब्रेन यह रिमाइंड हमारा है हमारा ब्रेड है बट इंग्लिश किस साइकोलॉजी में आपको बताया जाता है आपका माइंड अलग है और आप तब चैनल है क्योंकि जैसे ब्रांकाइटिस ट्रैक्टर है उसकी अपनी लोकेशन है माइंड की कोई स्ट्रक्चर या कोई लोकेशन नहीं होता है रिमाइंड का कोई अपना फिजिकल स्ट्रक्चर या लोकेशन नहीं होती है तो अब यह जो मैं आपको नोट बनवारी इस मार्किंग नेक्स्ट लाइन यह ऐड रहनी चाहिए कि माइंड की कोई फिजिकल स्ट्रक्चर नहीं है और मेन का कोई भी लोकेशन नहीं होता है जैसा कि ब्रेन का होता है दिन माई नेम इज़ इन वॉइस आफ इंटरेक्शन सैनिक पिंपल तो बेनिफिट्स प्रोवाइड इंपोर्टेंट रूंस इनटू हाउ आर माइंड फंक्शन अब माइंड कैसे अमर उजाला प्रेम तो हेल्प रिमाइंड कहां से आ गया कलेक्टिव कैसे बनेंगे तो माय चैनल यह आपके अपने एक्सपीरियंस के थ्रू डेवलप होता है जैसे-जैसे आप चीजों को अलर्ट करते हुए आप चीजों को सीखने लग जाते हैं जैसे आप चीजों को एक्सपीरियंस काटेंगे इसे फॉर एग्जांपल फॉर एग्जांपल टो मदर बहुत सारे एग्जांपल बस अपडेट करूंगा ज्यादा एग्जांपल अगर में जाऊंगी तो यह जो हमारा लेकर भी बहुत ज्यादा लंबा हो जाएगा जहां पर हमको रिवीजन करना तो वैसे के लिए रिमाइंड जो है वह आपके इंट्रैक्शन से तो मैं जो आपके कदम पर दर्द कि आप जो भी अपने सराउंडिंग में चीजों को देखते हो चीजों को समझते हो उस के थ्रू आपका माइंड जो है वह वॉल्व होता है जहां पर आप चीजों को सीख सकते हैं यहां पर आप सोच सकते हो तो बैटरी महीने अकॉर्डिंग टो साइकोलॉजिकल और ब्रेन एक्टिविटी यूज होती है वह इंपोर्टेंट प्रोवाइड करती है रिमाइंड फंक्शन कैसे करेगा जैसे मैं आपके पिंपल्स रही थी कि सपोच फॉर एग्जांपल जब हम छोटे बच्चों पर हम को नहीं पता था मतलब हम तो रहते हैं रहे थे छोटे बच्चे बट अभी भी आप देखोगे कि छोटे बच्चे होते हैं उनको जनरली जैसे कोई गर्म चीज रखी हुई है कोई ऐसा हॉट पहन रखा हुआ तो उसे दो आ जाता है क्यों क्योंकि उन्हें नहीं पता कि इसको टच करेंगे तो वह जो है मतलब उनका हाथ जल जाएगा बट जनरली क्या होता है जैसे बच्चे अगर कोई गर्म चीज हुई है या उसने टच किया तो उसको पता कि मुझे लगी उसको फील होगा ना तो यह जनरली फील कैसे हुआ उसके ब्रेन के थ्रू क्योंकि रेंज है वह सारे सिग्नल दे कर दिया अब आपने कोई बैलेंस इसलिए आपको हाथ में जो है चोट लगी है इस तरह से Bigg Boss रोहित का तो प्रिंस क्या है कर रहा है आपको हेल्प पर आपको सिग्नल दे रहा है लेकिन इसके बाद में आपने एक चीज समझ रही है कि अब गर्म चीज को नहीं सुना अगर छोड़ोगे तो वापिस से जो है आपका हाथ जल जाएगा तो यह गिफ्ट डेवेलपर्स मतलब यह जो चीज आपने एक ठीक है यह जो आपने लॉग इन करें जिसको यह आपके माइंड के थ्रू रहा है तो बेसिकली इस तरह से माइंड और Range है वह अनशन करते हैं दोनों सेपरेट है बहन के अपनी लोकेशन है सच सबसे इंपोर्टेंट यह इसमें लेकिन रिमाइंड करना है कोई फिजिकल स्ट्रक्चर है ना ही कोई लोकेशन है - हमारे इंटरेक्शंस हमारे जो एक्सपीरियंस है उनके थ्रू इवॉल्व होता है और रेन हमारे माइंड को हेल्प करता रहता है अपने उसके फंक्शंस में बैठक हुई इसमें जो अ ऑल टेंशन मेंटल प्रोसेस आर्म स्मूद रिन्यूवल और बेनिफिट्स इन थे रिसेंट एक्टिविटीज को तो यहां पर यह कहा जा रहा है कि हमारे अपने एक्सपीरियंस इसकी जो क्वेश्चसं होती है वह ज्यादा इंपोर्टेंट होती है जो मतलब ग्रीन सिग्नल देता है उससे भी जाता मतलब प्रैंक तो हमको सारी सिगरेट देता है ब्रांडों को हेल्प करता है यह सारे काम करने में सारे हमको जो है फ्रेंड्स में हर एक चीज मैं आपको पता कि बैंक के बाद लॉजिकल फंक्शंस क्या होते हैं तो बहन हमको हेल्प करता है बट उससे भी ज्यादा माइंड का जो है वह बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है अमाउंट हमको को नैचुरल बनाता है हमारे एक्सपीरियंस के थ्रू हमारे मेंटल प्रोसेस के थ्रू इसी लिए और जब हम अब रात जाती तो बैंक ने बताया कि भाई सो जाओ आप जब वह थक चुके हैं दिन भर में काम करते थे वह जल संचय थक चुके हो अब आपको रिश्तों की जरूरत है अब सो जाओ आप सोते लेकिन आप ग्रीन सेट करें तो वह ड्रीम्स आफ इसकी वजह से देखते हुए अपने आप इसकी वजह से देखते हैं क्योंकि आपका जो - बजाय मेंटल प्रोसेस है वह वर्क करते रहते हैं वहीं सो सकता है रिमाइंड मी सोएगा माइंड की ही वजह से आप ग्रीन भी देखता आप चीजों को सोचते वोट बैंक तरह तो जर्नी एस तरह-तरह की टीम के सपने होते हैं जो हम सोचते हैं जो चीजों को हम दिन भर में देखते हैं जिनके बारे में हम ध्यान करते कभी भी चीज हमको सपने में आ जाती हैं तो बेसिकली क्या चीज है यहां पर अकॉर्डिंग साइकोलॉजी कि आप जो है मतलब जो कि आपने अपने एक्सपीरियंस इसके पूर्व अपने कॉन्शसनेस के थ्रू सीखा है समझा है वही चीज आपको सपनों की थी तो इसी लिए माइंड सो जाता है लेकिन प्रिंस प्रिंस हो जाता है लेकिन जब लाइन है वह नहीं सोता और इसीलिए जब हम नींद में होता है तब हम सपने देख सकते हैं और मेंटल प्रोसेस जैसे कि रिमेंबर करना और मतलब कैसे आप चीजों को रिमेंबर कर पाते याद कर पाते के साथ चीजों को सीखते हो आप कैसे चीजों को समझ पाते हो आप कैसे चीजों को फील कर पाते हो परसेप्शन कर पाते हो और यह सारी चीजें जो है मतलब यह सारे मेंटल प्रोसेस जो है साइकोलॉजी में बहुत ही ज्यादा इंट्रस्टिंग होते हैं और साइकिल ध्यान जरूर पड़ता है मतलब इनके बारे में हमेशा जो है इस सटीक किया करते थे स्टडी आफ प्रसेंस ट्राइड टो अंडरस्टैंड हाउ द माइंड रॉक्स एंड हेल्प उस इंप्रूव बे यूज्ड एंड एप्लीकेशन फॉर्म डिस्मेंटल प्रसिद्ध साइकोलॉजी में माइंड को क्यों पड़ जाता है ताकि हम इसे चीज को समझ पाए कि माइंड वर्क कैसे करता है और साथ ही साथ यह हमारे इन सारे मेंटल प्रोसेस को कैसे अपनी लाइफ में यूज कर सकते हैं कैसे उसको अप्लाई कर सकते हैं और यह आपके मेंटल प्रोसेस आफ मेंटल कैपेसिटी स्क्रू बनी है तो जो भी आप चीजों को मतलब समझ जाते हैं जरिए आपका माइंड व करता है वैसे-वैसे आपके मेंटल प्रोसेस डिवेलप जाते हैं मेंटल प्रोसेस क्या है लर्निंग नोइंग अंडरस्टैंडिंग पर अश्विन फीलिंग एकता एकता क्लियर है आइए अब हम इसमें की साइकिल कैसे मेंटेन प्रोसेस को पढ़ा जाता है नेक्स्ट आपका साइकोलॉजी है इस साइड इफेक्ट अपीरियंस आफ पीपल साइकोलॉजी में ह्यूमन एक्सपीरियंस इसको भी बढ़ जाता है जो भी चीजों का एक्सपीरियंस करते हैं उसको साइकोलॉजिकल न पढ़ा जाता है ना एक्सपीरियंस 1000 सब्जेक्टिव नहीं चाहिए आपकी जो मतलब नोट है उसमें यह लाइन आपकी नोट रहनी चाहिए एक्सपीरियंस जो होते हैं वह सब्जेक्ट होते हैं आप कैसे सब्जेक्ट होते हैं एक्सपीरियंस एस तो जनरली आप जो भी एक्सपीरियंस करोगे उस रिफ़िल कर सकते हो कोई और पर्सन उसको फिर नहीं कर सकता जैसे कि फॉर एग्जांपल जयपुर में के दाम पर आपको चैप्टर के टाइम पर भी दिया था वह मैं एक्सांपल थोड़े से मतलब आपको भी रख सकते हैं बट जंगल यह चीज है क्या हमारी रियल लाइफ के साथ में रिलेट कर सकते इसलिए आप सब बताती हूं कि जब बच्चा गिर गए आपको चोट लगे अब चोट का दर्द कौन सी कर सकता है फिर कर सकते हैं सामने वाला आपको को सांत्वना दे सकता है वह आपके साथ में एक जो है सिंपैथी दिखा सकता है कि हां यार भाई तुझे बहुत दर्द हो रहा है कोई बात नहीं यह जो पॉइंट में लगा लो यह लो थोड़ी सी दवाई ले लो तो आप ठीक हो जाओगे बटन चकली को पहन कैसे हो रहा है उसको एक्सपीरियंस काम करता है सिर्फ और सिर्फ आप एक्सपीरियंस कर पाए क्योंकि वह चीज आपके साथ में हुई है तो जनरली जो भी सारे एक्स्पेंसेस जाते हैं वह सब्जेक्ट होते हैं तब एक्टिव का मतलब क्या है कि इस प्रश्न के साथ में हुआ है बस उस वही पर्सन उसको पिंच कर सकता है तो हम किसी भी चीज को ऑब्जर्व नहीं रखना एक्सपीरियंस इसको हम जल्द देख सकते हैं समझ सकते हैं बट हम उस चीज को फील नहीं कर सकते उन्हें एक्सपीरियंसिंग ए पर्सन कैन बे अवेयर और खांसी आफ हिस ओर हेर एक्सपीरियंस एक्सपीरियंस आफ स्टेट्स विद अवेयरनेस एंड कंटेंटमेंट है तो जो भी पर्सन अबीर है जो भी वर्शन कॉन्शियस है ठीक है सारी चीजों के बारे में समझता है और वही उस चीज को एक्सपीरियंस कर सकता है जो भी आपके साथ में विटामिन अभियान को कहा कि चोट लगे हैं तो उसमें कितना दर्द हो रहा है वह सिर्फ उसी पर्सन को पता होता है कि भाई मुझे इतना दर्द हो रहा है आपकी सिंपैथी ओके हैं अच्छी बाद आप मेरे साथ में बट प्लीज मुझे यह क्रश है तो हर दर्द हो रहा है तो जनरली यह जो एक्सपीरियंस एस होते हैं यह उसी परसेंट हो सके जो अभी अगले सफर एग्जांपल फॉर एग्जांपल मानो कोई ऐसा पर्सन है जिसको किसी तरह की कोई सुविधा नहीं है मतलब जो भिक्षु है या मान लो फॉर एग्जांपल वह कोमा में जा चुका है अब उसको नहीं करा क्या चल रहा है वहां जस्ट एक मतलब ऐसा बोला जाता है ना कि बस कोई ऐसे ही है बस रह रहा है उसके अंदर ना जान है ना समझो कुछ नहीं समझ में आ रहा और उसको मान लो फॉर एग्जांपल उसको कोई चीज लग गई और फिर वह में लगे तो वह उसको आप फील नहीं कर पाएगा उसे जिसको जो भी मतलब उसके साथ हुआ है उसको फिर नहीं कर पाया क्योंकि वह वैध नहीं है वह कौन सी एस नहीं है तो जो पर्सन कैन ए पर्सन व्हो वेयर ए पर्सन फील कर सकता है अपने मित्र वही एक्सपीरियंस इसको भी समझ सकता है एक्सपीरियंस अवेंजर्स और अश्लील से 28 होते हैं जो एक्सपीरियंस करोगे वापिस अभी कर सकते हो जवाब अवेयर हो जब आप कौन सी एस हो साइकिल देंगे इस पर फोकस किया जाता है दोनों तरह के एक्सपीरियंस पर नेगेटिव एक्सपीरियंस इस पॉजिटिव एंड नेगेटिव का मतलब जो कि थोड़े नेगेटिव सेंटेंस में ए प्रिज्म पल कि आपको किसी तरह का कोई आपसे दूर चला गया है तो आपको इसका कोई बहुत ज्यादा दुख है आपको किसी तरह की कोई चोट लगे हैं आपका दिमाग काम नहीं करता है तो आपके तरह का फिल करो ब्रिंग करो ना बहुत अच्छा नहीं लगेगा आपको अ बहुत साइड रहोगे तो इसी तरह के एक्सपीरियंस इसको भी साइकोलॉजी में पड़ जाता है और दूसरी तरफ ऐसे एक्सपीरियंस से जो हमको पॉजिटिव फीलिंग देते हैं जो हमको पॉजिटिव फील करवाते हैं उन्हें भी साइकोलॉजी के अंदर पढ़ा जाता है जैसे की प्रॉब्लम पर और जब को योगी होता है जो योगी है तपस्या में लीन है और तो वह मतलब किस किसी तरह के बहुत ही अच्छी मतलब उन्हें बहुत ही एडिटिंग बहुत ही अच्छी फीलिंग होती है और बहुत ही अलग सा वह में लग जाता है जिसको इस स्टोरी एक्सपीरियंस भी कहा जाता है तो उसे भी साइकोलॉजी के अंदर पड़ जाता है कि कैसे कोई योगी जो है कोई तपस्वी जो है वह ना कुछ जाता है ना कुछ पीता है बस एक अपनी तपस्या में लीन रहता है सिर्फ अपना जो है मतलब योग में जो भी हो कर रहा है उसे चीन रहता है और उसके बाद में उसको यह बहुत ही और मतलब अलग तरह की फीलिंग होती है जो फीलिंग उसके लिए बहुत ही सिंपल है सरल है इसके बाद में और ऐसे इससे जैसे कोई ड्रग एडिक्ट है तो ड्रग एडिक्ट अपने आपको ही रखने के लिए और कितने तारिक अंजुम कर सकते हैं भले उसकी हेल्प के लिए हम फूल है बट स्टिल यू चीज करता है तो ऐसे कौन-कौन से इससे आपको बहुत ही पॉजिटिव फिर करवाते हैं तो यह जो सारी चीजें हैं इसको भी साइकोलॉजी में पड़ जाता है इसके बाद में और नेचर आफ एक्सपीरियंस इन थे इंटरनल एंड एक्सटर्नल कंडीशंस ऑफ द एक्सपीरियंस आपके जो भी सारे एक्सपीरियंस होंगे वह आपकी इंटरनल एक्सीलेंट कंडीशन स्कोर भी लेकर होंगी मतलब जो भी एक्सपीरियंस करते हो और वह आप किस तरह की कंडीशन में हो और कैसा उस पर प्रेस करें इस पर एग्जांपल अगर आप बहुत ही ज्यादा गर्मी में किसी बहुत ही भरी यह बस के अंदर ट्रेवल कर रहे हो और आपको मतलब कि के से दूसरी जगह जाना है घर वालों ने फुटकर है वह जान नहीं पड़ेगा तो आपको बड़ा बुरा लगेगा कि क्या यार इतनी गर्मी पड़ रही थी मुझे बस के अंदर जो है बिठाकर भेज दिया गया है मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा दूसरी तरफ वहीं अगर आप पिकनिक पर जा रहा अपने फ्रेंड्स के साथ में उतनी ही गर्मी हो तो यह दर्द भरे हुए था बड़ा अच्छा फील करो क्यों भाई घूमने को मिलेगा दोस्तों के साथ मस्ती करने को मिलेगी तो आपके अपने जो भी अंदर और जो भी आप एक्सटर्नल कंडीशन इंटरनल क्या होगी कि एक तो आप किसी मतलब पहले वाले कंडीशन जो है कि घरवालों ने किसी काम से बाजार भरी दुपहरी है और बहुत ही ज्यादा गर्मी पड़ी उनको समर सीजन चल रहा है और उसके बाद मैं आपको बोल दिया कि जाओ और जो है काम करके और बिलकुल पास जो है बहुत ही ज्यादा खचाखच भरी हुई है क्राउडेड बस है तो आपको बहुत ज्यादा जो है अच्छा खेलने वाली यह आपका इंटरनल कंडीशन लेकिन वही आपने देखा कि भाई बाहर जो है मतलब इतने सारे लोग हैं बट स्टिल मुझे पिकनिक पर जाने का मिला है तो वह आपके अपने एक सिलिकॉन इससे थोड़ा अच्छा भी क्लिक कर सकते हो तो एक्सपीरियंस जो होते हैं उन्हें आप अपने इंटरनल एक्सपेरिमेंट करने से उसके साथ में रिलेट कर के भी घुमत सकते हो क्लियर यह भी आ गए यहां पर समय डर इसके बाद में आपका साइकिल और यह सिस्टम डेट ऑफ बिर्थ आप कैसे साइकोलॉजी के अंदर हम बिहेवियर स्टडी करते हैं जनरली बिहार रिस्पोंस मेड बाय असर एक्टिविटीज इन व्हिच वी आर इंग्लिश टू बिहेवियरल क्या है वह सारी एक्टिविटीज वह सारे मतलब स्कूल और हम किसी और को ए रिएक्शन और प्रस्ताव संख्या को अगर आपको दिखा इंटरनेट और उसको कैसे डिफाइन कर सकते हो कि किसी तरह का कोई रिएक्शन या रिस्पांस जो आपने किसी एक्टिविटी में भला कोई काम आप कर रहे हो और उसको कैसे करते हैं किस तरह से म्यूट करो कैसे रिस्पोंस वहां पर बिहेवियर को शो करता है अब यह वैभव आदि सिंपल भी हो सकता है कंप्लीट भी हो सकता है बहुत लंबे समय तक भी हो सकता है बहुत ही कम समय के लिए हो सकता है अब लंबे समय कम समय के लिए कैसे होगा यह सारे एग्जांपल के तौर पर समझा हुआ है तो बेसिकली आप जैसे भी रिएक्ट करते थे सिर्फ एग्जाम पर आप बहुत ही ज्यादा दुखी हो तो आप दुखी क्यों हो जैसा पोस्ट फॉर एग्जामपल आप अपने पेरेंट्स से दूर हो आप उस घर में रहते हो तो आपको बहुत अच्छा नहीं लगता और आप बहुत चिड़चिड़े हो चुके हो तो कोई भी आपसे कुछ भी बोलता है तो आप बड़े ही रूढ उनके साथ में जो है मतलब आप रिएक्ट करते हो रिस्पांस देते हो तो वह आपका एक लोंग लास्टिंग यह हो गया और उसके पीछे गया था कि आप अपनी फैमिली से दूध हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हो तो यह एक लोंग लास्टिंग ढिंगरा या किसी इसलिए स्टार्ट हो सकता है और जो है सिंपल जो सकता है कांटैक्टम्यूजिक के मुताबिक उसे इंग्लिश मत कि इस पर समय ऐसा रिएक्ट क्यों किया कभी भारत का कुछ भी हो सके कि हमको समझ में आ गया यह प्रश्न है से रिपीट क्यों कर रहा है बोल ना क्या पैसे क्यों रिपीट कर रहे हो कुछ समझ में नहीं आता तो जल्दी बिहेवियर जो हैं वह इस तरह के होते हैं ना लिए कैंडी ओवर एंट्री करनी को बट ऑल ओवर कैसे हो गया तो वह सारे लिए जो ओपन है जिसको हम देख सकते हैं जिनको हम सेंस कर सकते हैं हम इन द सेंस कि जो भी अवसर है जो भी बिहेवियर पर स्टडी कर रहा है वह अगर वह ओपन बिहेवियर है उबर है तो उसको स्टडी कट था उसको अवसर कर सकते लेकिन कुछ भी ये को व भी होते हैं इंटरनेट होते हैं लीडर होते जो पर्सन दिखाता नहीं है बट उसके मतलब उसके काम के थ्रू उसके एक्टिविटी जैविक वह कर है उससे समझ में आ जाता है तो जनरली और भी ये सिद्ध रॉबर्ट और को बढ़ा रशिया एंड विच सोम सॉर्ट आफ इस्टैबलिश्ड इन थे और चेंजेस डाइट पर इंटरनल ओर एक्सटर्नल इन सभी तरह के बिहेवियर चाहे वह बट हुई चाहे वह व हो जाने की तरह उसको धोया है वह ओपन झुक सभी को जो है कुछ ना कुछ एनवायरनमेंट में जो भी आप इस टियर्स विल प्रेजेंट है और साथ ही साथ में आपके इंटरनल एक्ट्रेस जो भी चेंजेस है उससे पेड़ होता है अब जैसे बेहद करते हो डिपेंड करता है कि आपके अंदर कैश सारी चीजें चल रहे हैं और आपके आस-पास का एनवायरनमेंट कैसा है तो उसके अकॉर्डिंग इन सारी चीजों को रिलेट करते हुए ही फिर जो है आप रिएक्ट करते हुए रिस्पांस करते हो चीजों को सबस्क्राइब किसी भी तरह का बिहेवियर उसको साइकोलॉजी में स्टडी किया जाता है और सभी बिहेवियर से कम 15 साइकोलॉजिस्ट ही वे टो स्टडी करते हैं तो वह उसमें स्टिमुलस और रिस्पांस दोनों का ध्यान रखें कि उसके इंटरनेशनल के सारी चीजें होनी और इसे इसी बीच में क्या सारी चीजें प्रेग्नेंट है मतलब एनवायरनमेंट में और उसके बाद है वह कैसे रिएक्ट या रिस्पॉन्स करता है तो दोनों को ही इंटरनल एक्सटर्नली साइकोलॉजी में स्टडी किया जाता है सुबह सैक्रिफिस ओं थम ओं ठेर मेंटल प्रोसेस यूनिक अपीरियंसेज एंड ह्यूमन बिहेवियर जो अभी हमने यहां पर इसे चीज के अंदर देखा कि प्रेजेंट डेफिनेशन क्या है साइकोलॉजी की साइकोलॉजी एक साइंटिफिक डिफरेंट है जिसमें दिल किया जाता है मेंटल प्रोसेस ह्यूमन एक्सपीरियंस और ह्यूमन बिहेवियर के साथ में क्लियर है यहां तक इतना समझ में तो इसके भी ढेर सारी ग्राम पर हमने जो है प्लेन के अंदर आपके डिस्कस नेट यह आपका बेसिक इंट्रोडक्शन और मीनिंग था अब इसके बाद अगर हम डिस्कस करें साइकोलॉजी अदरक डिसिप्लिन तो उसके बारे में जानते कि साइकोलॉजी एक्जेक्टली क्या है बहुत से लोगों को यह चीज है कि साइकोलॉजी साइंस है या साइकोलॉजी एक आर्ट है तो बेसिकली साइकोलॉजी वैसे तो अभी यहां पर पढ़ोगे और अच्छे से भी क्लियर होंगी बर्थडे साइकोलॉजी 18 भी है और 1 साइंस है साइकोलॉजिकल साइंस के अंदर भी स्टडी किया जाता है साइकोलॉजिकल जो है आज के अंदर ही मांग की इसके अंदर भी स्टडी के तहत इसके लिए आपको स्टूडेंट्स और से कनफ्यूज हो जाते हैं अ जरनल जैसे कोई पूछ रहा है कि क्या इसको आठ में पड़ जाता है तो उस अ जो आपकी 10th के बाद में लेमन जूस में आप इसको ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम के अंदर पढ़ते हो और बाकी आप एंड एडीशनल सब्जेक्ट ले सकते अगर आप साइंस पढ़ रहे हो या आपको वश में हो तो एडीशनल सब्जेक्ट ले सकते हैं बट जनरली यह मानती इस टीम के अंदर ही आता है और उसका दें जब ग्रेजुएशन पोस्ट ग्रेजुएशन पर होते हो तो साइंस फैकल्टी के अंदर भी साइकोलॉजी को पढ़ा जाता है ठीक है तो यह जो बेसिक कंफ्यूजन होता है आए हो यह क्लियर हो गई होंगी आप डिसिप्लिन पर हमारे साइकोलॉजी में बे डिस्प्लेसमेंट क्वेश्चसं को बड़ा जाता है एंड सीक टो अंडरस्टैंड एंड एक्सप्लेन हाउ द माइंड वर्क्स एंड हाउ डिफरेंट प्रोसेसेस रिजल्ट इन डिफरेंट बीपीएल बेसिकली साइकोलॉजी के अंदर क्या पढ़ा जाता है रिमाइंड कैसे काम करता है मतलब यह एक छोटे से टाइम यह देखिए कैसे साइकोलॉजी धीरे-धीरे करके डिवेलप का तो सैलरी पहले सिर्फ और सिर्फ माइंड टो स्टडी कहना था कि माइंड कैसे वर्क करता है और साथ ही साथ में डिफरेंट डिफरेंट मेंटल प्रोसेस में अपना रिमेंबरिंग लर्निंग लेंगे सारी चीज़े आती हैं तो इन चीजों के थ्रू आप कैसे जो है ब्रेड करते हो या आपके मेंटल प्रोसेस कैसे आपके बेवकूफ करते हैं तो फॉर एग्जामपल व्यंग्य ऑफ सरदार इस अकाउंट पर्सन आरोन प्वाइंट आफ व्यू आफ इंर्पोटेंस आफ इंटरप्रिटेशन आफ बिहेवियर एंड क्लींस अब दिल्ली जैसे क्या होता है कि जैसे फॉर एग्जांपल साइकोलॉजी में तो माइंड डिस्टर्ब करना मेंटल प्रोसेस कोई ठिकाना पर जनरली होता क्या है जैसे हम किसी तरह के कोई ह्यूमन बिहेवियर एक्सपीरियंस को देख रहे थे जैसा कि मैंने आपको एग्जांपल दिया कि हम ऐसा सोचते हैं कि जैसे फॉर एग्जामपल आप हॉस्टल में रहते हो आप अपनी फैमिली से बहुत ज्यादा दूर हो तो इसीलिए आप बहुत ही ज्यादा हफ्ते यह आपको बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था बहुत ही बुरा फील करते थे तब और चिड़चिड़े हो चुके हैं और रूटीन जो है वह आपके बेबी के अंदर आ चुकी है तो यह हमारा कॉमन जो है मतलब हमारा कॉमन सेंस ऐसा प्लानेट पर ऐसा लगता है कि यह चीज देखकर हमारा अपना पॉइंट ऑफ व्यू है कि वह बस ऐसा बिहेव करता है इतना जरूर है तो उसके पीछे यह रिएक्शन रहा होगा तो यह कहीं ना कहीं थोड़ी सी डायरेक्टर ने जहां पर हम क्या कर रहे हैं कि हम अपने कॉमन सेंस को इसमें ऐड करें कि वह बस ऐसा करता होगा क्या पता क्या पता कि एक चीज यह है कि हॉस्टल में उसको शायद बोली किया जाता हूं या के साथ में हाथों से स्टेट में नहीं होता होगा या उसका पढ़ाई में मन नहीं है या उसकी कोई और हो भी है जिसे वह चल के अंदर है तो है पूरी नहीं कर पा रहा है जिसकी वजह से वह बहुत ही ज्यादा चिड़चिड़ा हो चुका है यह कोई चीज है जिसे बार-बार परेशान कर रही है और मुजफ्फरनगर टो इश्यू ही ना हो इसके अंदर तो एग्जैक्टली रियालिटी क्या है उसे साइकोलॉजिकल एंड स्टडी के साइकोलॉजिस्ट राइट मिनीमाइज़ अदरवाइज यह एक्सप्लैनेशन आफ बिहेवियर एंड एक्सपीरियंस इन थिस है कि बैकुंठ आप बिहेवियर आपके एक्सपीरियंस स्किन सारी चीजों की वजह से हो रही है उस पर साइकोलॉजी में एक्सप्लेन किया जाता है जिसके अंदर common sense को कंजर्वेशन में नहीं लिया जाता तो साइकोलॉजी अगर डिसिप्लिन कि अगर हम बात करें तो यहां पर भी कुछ पॉइंट्स है जिसको आई डोंट कर लो जिसको जो है मतलब ब्लूटूथ ऑन करो यहां पर की साइकोलॉजी के अंदर क्या सारी चीजों को पड़ जाता है तो सबसे पहले साइकोलॉजी ए एस अक्षर डिसिप्लिन अ और क्या क्या पड़ता हम इसमें हाउ माइंड वर्क्स ऑफलाइन कैसे काम करता है डिफरेंट डिफरेंट मेंटल प्रोसेस के बारे में और इस मेंटल प्रोसेस के प्रोसेस के अंदर आपकी क्या-क्या गए आपके इन ह्यूमन एक्सपीरियंस इस और human being इसी के साथ-साथ में जो है मतलब चीजों की बारिश एक्सप्लेनेशन नहीं करता कॉमन सेंस को यूज नहीं करता कि हमारा एक इंटरव्यू के घ्र ना तो एक्सप्लेनेशन होती है नार्मल एक्सप्लैनेशन ओं मैं इसको जो है यूज नहीं करता कॉमन सेंस कल एक्सप्लैनेशंस कोई यूज नहीं करता है बल्कि कई चीज करता है अदरवाइज एक्सप्लैनेशन इन थे ईस्ट एक्सप्लेनेशन जहां पर एजुकेशन हो रही है उसको एक्सप्लेन किया जाता है साइकोलॉजी के अंदर क्लियर इसलिए आपके थे प्वाइंट सो गए 1234 तो ऐसा करने से होगा क्या कि असली नोट बनाने से क्या होगा कि एक तो यह चीज है कि जब भी आपको एग्जाम के लिए पढ़ना है तो आपके पास में नोट से पूरा चैप्टर पढ़ने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह पहली पर चुपचाप रिवीजन भी कर चुके हो एक्जाम टाइम आया छोटे-मोटे दर्द देना चाहिए इससे रिलेटिड फटाफट जो है पिंपल टेक बाद जो है इसे नजर मान लें और सारा कुछ भी हो जाता है तो इसलिए नोट बनाना चाहिए इसके बाद में असम दूसरा ए सेकंड टर्म इन केरला आईएस ए साइंटिफिक एंड ऑब्जेक्टिव अब हम को जो है साइकोलॉजिकल एंड फिजिकल रिलेशन देनी है जहां पर हमारा अपना फॉर इंटरव्यू ना हो बल्कि पिछले रियालिटी को जो है हम यहां पर बताए कि क्या सारी चीजें हो रही हैं तो कुछ साइकोलॉजिस्ट या कुछ जो भी मतलब इसमें रिसर्च स्टडी करोगे वह क्या यह है कि साइंटिफिक और ऑब्जेक्टिव एनालिसिस करते हैं मतलब चीजों को साइंटिफिक स्टडी करना फैक्ट वगैरह इन सारी चीजों के बारे में जानना और अब एक्टिवली स्टेडियम तक चीजों को ऑब्जर्व करके फिर उसके बारे में जो है एक्सप्लेनेशन देना आदर्श एक्सप्लेंड अवे फ्रॉम थे प्वाइंट आफ व्यू आफ एक्सपीरियंस इन पर्सन विकेट सब्जेक्टिविटी एनिवर्सरी आफ स्पिरिट ऑफ़ ह्यूमन एक्सपीरियंस और कुछ क्या करते हैं कैसे साइकोलॉजिकल टिप्स को यह न कोई या फिर ह्यूमन एक्सपीरियंस पेंट करते हैं वह बोलते हैं कि ह्यूमन एक्सपीरियंस इसको यार ह्यूमन के बिहेवियर को हम उसके सब्जेक्टिविटी से ही समझ सकते हैं सब्जेक्टिविटी का मतलब जो भी पर्सन उसको एक्सपीरियंस कर रहा है सिर्फ वही हमको बता सका और उसकी बातों को सुन के फिर हम जो है किसी तरह का कोई एक परमिशन दे सकते हैं क्योंकि सब्जेक्टिविटी ह्यूमन एक्सपीरियंस है बहुत इंपोर्टेंट स्पेस है जबकि आपको एक एग्जांपल दिया कि अगर आपको चोट लगी है तो उसका दर्द सिर्फ और सिर्फ आप ही फील कर सकते हो क्योंकि आपको चोट लगी है तो यह क्या हो गई सब्जेक्टिविटी होगी और ऑब्जेक्टिविटी जहां पर हम चीजों को अब जरूर करके देख कर क्विक फिर अपनी जो भी स्टडी है उसमें डाटा कलेक्ट करने हैं तो दो तरह से जो है साइकोलॉजी में एसिड की जाती है एक या दो आफ साइंटिफिक और ऑब्जेक्टिवली करो यह दूसरी आप सब्जेक्टिव नहीं करो तो इस तरह से चीजों को इस तरीके से जॉइंट भेजो यहां पर अनवाइज एक्सप्लेनेशन पड़ा इसको आप दो तरह से लिख लो पैसे से लिखो कि एक हो गया साइंटिफिक साइंटिफिक एंड ऑब्जेक्टिव एक इस तरह से जो है अनवाइज एक्सप्लेनेशन किया जाता है और दूसरा सब्जेक्टिविटी को ध्यान में रखकर दूसरा किसको सब्जेक्टिविटी को ध्यान में रखे क्लियर ऐसे करके जो है एक पूरा चार्ज नालुए करके अपने नोट्स बनाते चलो अब इसके बाद अगर हम बात करें इंडियन ट्रेडीशन में तो इंडियन ट्रेडीशन में साइकोलॉजी में अगर हम चीजों को समझ रहे हैं साइकोलॉजिकल अंडरस्टैंडिंग करें किसी कंसेप्ट कि कैसे इमोशनल कि तो हम सिर्फ इलेक्शन और कॉन्शियस एक्सपीरियंस को ध्यान में रखते हैं कि वह पर्सन क्वेश्चसं और साथ ही साथ में जब हम चीजों का यूज कर रहे हैं तो हम जो है मतलब क्वांटिटी सकते हैं इसका बिजनेस को ध्यान में रखें और दूसरी तरफ मैं सिर्फ रिप्लिकेशन होना चाहिए तो सिर्फ रिएक्शन हो और साथ ही साथ में हमारी अपने क्वेश्चसं एक्सपीरियंस हो इन दोनों चीजों को ध्यान में रखकर हम साइकोलॉजिकल अनुसार नहीं करते थे इंडियन ट्रेडीशन में किसी चीज को self-reflection और कॉन्शियस एक्सपीरियंस इसको ध्यान में रखते हुए सेलिब्रेशन जहां पर आपके अपने आइडियाज भी मतलब एकदम यह फोल्ड है कि अनवाइज एक्सप्लेनेशन होना चाहिए आपके अपने प्वाइंट आफ व्यूज आपके अंडरस्टैंडिंग उसके अंदर नहीं आने चाहिए दूसरी तरफ इंडिया के गर्म होते थे इंडिया में जब साइकोलॉजिकल अंडरस्टैंड नहीं की जाती है तो उसमें क्या चीजों का ध्यान रखा जाता है यह सबसे पहले तो आप एक सर्विस प्रिपरेशन देखोगे सबसे पहले आप चीजों को कैसे समझें और फिर उसके बाद में जो भी कौन सी एक्सपीरियंस रहे हैं पर्सन के उन चीजों को समझो ओवरऑल हर एक चीज पर ध्यान दी जाती थी और अब इंडिया में ऐसा होने लगा जब हम सिर्फ कलेक्शन और कौन सी एक्सपीरियंस इसको ध्यान रखिए स्टडी करते थे तो बहुत से वेस्टर्न साइकोलॉजिस्ट जरूरत है उन्होंने भी self-reflection और सिर्फ नॉलेज को ह्यूमन बिहेवियर ऑब्जेक्टिव्स को पढ़ने में मतलब जो है ध्यान में रखा कि जैसे पिंपल्स जैसा आज हम किसी पर्सन व्हो स्टडी कर रहे हैं इसके बारे में जान रहे हैं इसके एक्सपीरियंस के बेर को पढ़ रहे हैं तो इसके साथ-साथ में हमारे अपने self-reflection हमारा अपना सिर्फ नॉलेज भी हमको यूज करना चाहिए क्योंकि हम भी तो ह्यूमन सी हैं तो यह इंडिया के मतलब इंडियन ट्रेडीशन से हमको साइकोलॉजी में एक और न्यू पॉइंट ऐड होता हुआ दिख रहा है समझ में आ रहा है ना तेरा डिफरेंसेस इन द वे साइकोलॉजिस्ट गो अबाउट थे स्टडी आफ बिहेवियर मेंटल प्रोसेस एंड एक्सपीरियंस डिफिकल्ट टो अंडरस्टैंड एंड एक्सप्लेन एक्सप्लेन थम इन ए सिस्टमैटिक एंड वेरीफिएबल मिनट तो बहुत सारी डिफरेंसेस अरे पॉइंट ऑफ व्यू है कि कैसे आप बिहेवियर को एक्सपीरियंस इसको माइंड को स्टडी करोगे बट सभी साइकोलॉजिस्ट की अपनी-अपनी डेफिनेशन अपना-अपना तरीका है जिसके थ्रू वह सिस्टेमेटिक और वेरीफिएबल मिनट में साइकोलॉजी में दिए गए उन्होंने को स्टडी करते हैं आइए जानते हैं जो मैं आपको यहां पर पड़ा रही थी कि साइकोलॉजी है डिफरेंट तो उसमें सबसे पहले माइंड कैसे ऊपर करता है सेकंडरी मेंटल प्रोसेस पर सेलेक्ट करना है इसके अंदर हम ह्यूमन बिहेवियर विक्टिम्स कि स्टडी कर रहे हैं कि थर्ड टिप्स हमारा एक्सप्लैनेशन बाय ढूंढना चाहिए इसमें हम यहां तो साइंटिफिकली और ऑब्जेक्टिवली स्टडी कर सकते हैं या चाहे हम सब्जेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए स्टडी कर सकते हैं इसी के साथ में इंडिया के रिलेशन में या इंडियन ट्रेडीशन में ए सेल्फ रेगुलेशन कि self-reflection कर दो है और इसी के साथ में कौन सी एस ए कि एक्सपीरियंस या कौन से टिप्स यह बहुत ही ज्यादा इंपोर्टेंट होता है जिसकी वजह से हमको साइकोलॉजी में कौन नहीं थी मारपीट होती हुई दिख रही है तो सभी की अपनी-अपनी डेफिनेशन है बट जो भी स्टडी हो जो भी सर्दी हो डाइट मस्ट भी वेरीफिएबल वह स्टडी कैसी होनी चाहिए वेरीफिएबल होने चाहिए और साथ ही साथ में सिस्टेमेटिक मन में कंडक्ट की जानी चाहिए वेरीफिएबल एंड सिस्टम जो भी स्टडी कर रहा हूं साइकोलॉजिकल अंदर क्योंकि साइकोलॉजिकल डिपेंडेंस इसके अंदर स्टडी किया जाता है माय इंडिया शोल्ड को तो और जो भी आप इस विडियो को सिस्टेमेटिक में हो और इसी के साथ-साथ में वेरीफिएबल हो ऐसा ना हो आपने स्टडी कर लिया आपने कन्फ्यूजन बना दिया बटन चकली वह रियालिटी में ही नहीं चीज तो वेरीफाई आप उसको करो कि आप मतलब एग्जेक्ट रियालिटी है या नहीं और दूसरी तरफ वह सिस्टेमेटिक मैनर में होनी चाहिए तो इस तरह से साइकोलॉजी आफ थे डिफरेंट है वह धीरे-धीरे इक्वल होता है उसमें डिफरेंट डिफरेंट साइकोलॉजिस्ट अपना-अपना फॉर इंटरव्यू देखेंगे कैसे हमको स्टडी करनी है नेक्स्ट साइकिल एडवाइजर्स बुद्ध हम साइंस और आर्ट वाली चीज पर आ रहे थे तो साइकोलॉजी क्या है एक यंग साइंस यह हमने लिया किसके साइकोलॉजिस्ट Audi वगैरह की जाती है कौन-कौन सी चीजों को हम इस तरीके से हम साइकोलॉजिकल साइंस है तो इस मतलब और एक बहुत ही पुराना नॉलेज डिसिप्लिन ए वेरी ओल्ड इन ऑल इट्स डिफरेंट और मतलब हम ढ़क्कन लगा सकते कि 80 सबसे पहली लैबोरेट्री लिप्सिंग में साइकोलॉजी की ओपन होती है तो मतलब यह बहुत ही ओल्ड नॉलेज डिसिप्लिन है और साइकोलॉजिकल साइंस भी है बट किस तरह के साइंस से इसको लेकर हमेशा से बीट सोच रहे हैं कि साइकिल हम बोलते हैं कि टेक्नोलॉजी साइंस से पढ़ रहे हुआ नेटिव्स कैन बट एक्जेक्टली किस तरह की साइंस है यह साइकोलॉजी तो साइकिल आफ थे जनरल यह दो तरह से कट ब्लाउस की जाती है एक साइकोलॉजिकल सोशल साइंस का जाता है एक साइकोलॉजी को नेचुरल साइंस कहा जाता है कि लॉजिक है कि एक आपके नेचुरल साइंस अट और एक जो साइकोलॉजी है वह आपकी सोशल साइंस ठीक है आप इसको फॉर्म निकले ना कि साइकोलॉजी जनरली दो तरह से पढ़ी जाती है अब हम यहां डिटेल में पढेंगे मतलब डिटेल इन द सेंस के अलग से एक टीम के अंदर डिस्कस करेंगे नेचुरल साइंस सोशल साइंस अपने चैप्टर में पड़ा था यहां पर इस बार रिवाइज कर देंगे तो इस तरह से 2 पार्ट्स में साइकोलॉजिकल डिवाइड किया जाता है अगर हम बात करें सबसे पहले साइंस की तो इंडिया में पोस्ट ग्रेजुएट और ग्रैजुएशन लेवल पर अंडर ग्रेजुएशन लेवल पर और पोस्ट ग्रेजुएट लेवल पर ऑफ साइंस की फैकल्टी के अंदर साइकोलॉजी को चढ़ाया जाता है बहुत सारे ऐसे सब्जेक्ट में इसके साथ में साइकोलॉजी को बनाया जाता है जैसे हम न्यूरोसाइंस कंप्यूटर साइंस की बात करें तो इन सभी मैं आपके पास में साइकोलॉजिकल नॉलेज होना चाहिए और साइकोलॉजी की ही वजह से न्यूरोसाइंस और कंप्यूटर साइंस जैसे और जो सब्जेक्ट साइंस डिफ्रेंस है वही वॉल्वो पाए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में साइकोलॉजी का बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट रोल यह बात करें आईटीईएस में तो ह्यूमन कंप्यूटर के इंटरेक्शन के थ्रू आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फ्रूट्स साइकोलॉजिकल नॉलेज और दश लगे थे आज के टाइम हम रोबोट देखते हैं जो इंसानों की तरह काम करते हैं बैठे रहते हैं कंप्यूटर वायरस इंसानों की ही तरह काम करता है जो मेरे प्ले स्टोर कर सकते हैं प्रोसेस कर सकते हैं डाटा को ही प्रॉसेस कर सकते हैं डाटा कलेक्ट कर सकते हैं हर एक चीज को सीख सकते हैं चीजों को प्रॉसेस कर सकते हैं तो वैसे ही ह्यूमन की तरह भर कर रहे हैं और यह सारी चीजें कैसे पॉसिबल ओपन दसवीं का जल्दी नॉलेज आफ साइकोलॉजी और इस साइकोलॉजिकल नॉलेज के थ्रू ही कुंठित प्रोसेस भी स्टेडियम अब हम जो है मतलब इसमें भी डेवलपमेंट हो पाए कॉग्निटिव प्रोसेसेस फॉर मिशन को आगे देखते हैं अच्छा वैसे चीज बताओ कि जो भी अभी तक बढ़ रहे हो जो कि सारा कुछ मजा पड़ा हुआ है चैप्टर ही अच्छे से समझा हुआ है तो हर एक टॉपिक समझ में आ रहा है जो भी मैं आपको बता रही हूं जो भी आपको बताने जा रही हूं वह हर एक चीज समझ में आ रही है या नहीं समझ में आ रही है मुझे यह बताओ क्योंकि मुझे यह जानी है कि मैं जैसे मैं आपको बताती हूं जो कि आपको एक्सप्लेन करती हूं क्योंकि बिल्कुल एक नया सब्जेक्ट एक बिल्कुल नया डिसिप्लिन है तो आपको समझना बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है तो आपको समझ में आनी चाहिए कि हम जो भी चीज पहले लाइनर कोआर्डिनेशन कहा है तो पेंशन किन चीजों से रिलेटिड वह पढ़ चुके टॉपिक के अंदर अगर अभी तक नहीं पड़ा तो जल्दी से जाओ पड़ गया उसके बाद रिवीजन करना है तो जैसे बाल नीचे मैंने कहा था आपको याद होना चाहिए कमीशन किसी दूसरे रिलेटेड है लर्निंग रिलेटेड है नवीन से रिलेटेड है अंडरस्टैंडिंग से रिलेटेड है तो वह टांग आपको पता होना चाहिए टाइम्स का मीनिंग आपको बताऊंगा कि जरनल क्या होता है यह चैप्टर वन पढ़ाया मैडम ने पढ़ लिया समझ में आ गया चैप्टर नंबर टू पर चलूंगा बट अगर मान लो मैं आप सभी पूछूंगी को निरीक्षण किया है या आप मेरे को बताओ कि साइकोलॉजिकल साइंस के समझो आप एक्सप्लेन कर बताओ आप उसमें डांस बताओ आप इसे न्यूरोसाइंस यह बताओ आप उसे सिक्वेंस बताओ यह सारे क्वेश्चंस अपने पड़े हुए हैं पिछली आपको इंटेंस का मीनिंग पता होना चाहिए आपको यह सारी चीजें ध्यान में नहीं चाहिए नोट्स बनाते हैं नोट्स बनाते हैं जनरल आईडिया के लिए बटन चकली जो आपके करियर को है ना उसमें आप टांग भी लिखते होंगे इस सिस्टम का यह मीनिंग होता है तब आप बिल्कुल परफेक्ट होगी किसी चैप्टर में किसी सब्जेक्ट में किसी भी चीज में इसको भी स्टडी कर रहे हो तो यहां भी इन सारी चीजों को ध्यान रखना ठीक है टुडे हस टू पर ललित ट्रेंस विच अरे आज के टाइम में साइकोलॉजी में धुंध अब जो है पिंपल कि भाई जो मैंने उसे कहा कि एक नेचुरल साइंस सोशल साइंस आईएस ए फिजिकल और बायोलॉजिकल साइंस बैंगलोर बायोलॉजिकल साइंस इन चीजों को लेकर है कि आपकी पूरी बॉडी और आपके जितना भी पूरा उसके अंदर बायोलॉजिकल जो भी सारा कंपोजिशन है तो उसको लेकर उसे इस तरह की साइंस है यूज किया जाता है साइकोलॉजी के अंदर साइकोलॉजी क्या करता है कि आपके बायोलॉजिकल प्रिंसिपल पर बहुत ज्यादा फोकस करता है कि आपके डीएसपी तरह से आपका पूरा इलॉजिकल कंपोजिशन आफ कि जैसे भी बॉडी तो यह बनी हुई है आपके बॉडी में सारा काम चलता है नर्वस सिस्टम काम करता है ग्रीन काम करता है सारे जितने भी आपकी मदद जितने भी और उनसे सारे काम करते हैं ना तो आपके जो यह पूरे बायोलॉजिकल प्रिंसिपल्स है यह आपके बिहेवियर को किस तरह से फिट कर दें यह तस्वीर उस बैड और बिहेवियर चुनाव न हैडक्वाटर्स विच कैन बे डिस्कवर्ड ए बीट एंड कलेक्टेड सिस्टेमेटिक के लिए अंडर कंट्रोल थे कंडीशन आफ ए ग्रेट सर्विस टो नो थे कॉज एंड इफेक्ट रिलेशनशिप्स द प्रोटेक्शन ऑब्जर्व्ड इन थे वे कैन बे कंट्रोल्ड एक नीडेड यहां पर यह चीज कई जरूरी है कि रिसर्च का काम कि आप जैसे किसी भी तरह से बेग करो जिसमें यह करूंगी वेट कर रहे हो तो आप रोली बेबी क्यों करो उसका क्या कारण है और आपके जरूर भी हेल्प करने से क्या आपकी बॉडी पर फिट होने वाला है जैसे कि के लिए कहा जाता है कि मैं ज्यादा गुस्सा मत करो बहुत ज्यादा चिड़चिड़ा हिम्मत नहीं तो आपकी मतलब आप ऐसे हो जाओगे आपको छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आने लगेगा आपके मतलब है आपकी बॉडी के लिए यह चीज अच्छी नहीं है वैसे भी मिशंस को कहा जाता है यह गुस्सा मत करो नहीं तो बीपी हाई हो जाएगा भी ही हो जाएगा तो हो सकता है पहाड़ देखा जाए तो इसलिए आपके लिए यह चीज अच्छी नहीं है तो आप किसी तरह से बीएड कर दूसरी क्या रीजंस है और उसका क्या इफेक्ट होने वाला उसका वजन इफेक्ट रिलेशनशिप को रिसर्च और को यहां पर पता करना है रिसर्चर का नाम क्या है स्कार्स एंड रिलेशनशिप को पहचाने ताकि हम उस बिहेवियर को प्रिंट कर पाएंगे इसलिए बिहेवियर क्यों हो रहा है और इस बिहेवियर को हम कैसे कंट्रोल कर सकते हैं तो वह आपके फिजिकल और बॉयोलॉजिकल चीजों को यूज करके उस डाटा को कलेक्ट कर किया जाता कि आपकी बॉडी को ध्यान रखें आपके फिजिकल करैक्टेरिस्टिक्स को ध्यान रखिए कि हम बात करें सोशल साइंस की तो साइकोलॉजी में जो है सोशल कल्चरल साइंस को भी यूज किया जाता है इसके अंदर हम साइकोलॉजिकल यह सोशल सुना कुछ चड्डी करते हैं मतलब हम किसी भी चीज़ की स्टडी कर रहे हैं तो उसमें उसकी सोसायटी उसके कल्चर इन सारी चीजों में कई इंपोर्टेंट रोल प्ले किया इसको हम ध्यान रहे थे अभी हम फिजिकल बायोलॉजिकल कंपोजिशन के बाद करके जैसे पर एग्जामपल आप मुझे स्टडी कर रहे हो आप एक साइकोलॉजिस्ट हो आप मुझे स्टडी कर रहे हो तो आप कैसे मेरे बॉडी कंपोजिशन को मेरे फिजिकल करैक्टेरिस्टिक्स इन चीजों को ध्यान में रखकर फिर आप स्टडी करोगे दूसरी तरफ सोशल साइंस में क्या कहते हैं कि मुझे आप स्टडी कर रहे हैं वह तो मैं किस तरह के एनवायरनमेंट में रहती हूं किस तरह की सोसाइटी में रहती हूं वह सोसायटी के चीजें मुझे कैसे फिट करते हैं उसी चीज को इस अतिशीघ्र सोशल एंड कल्चरल साइंटिस्ट नोट साइकोलॉजी आफ सोशल साइंस क्लास एस्से ऑन हाउ बिहेवियर सुना कैन एक्सप्लेन इन टर्म्स आफ इंटरेक्शन दैट एक्सप्रेस बिटवीन पर्सन एंड socio-cultural घंटे by-pass कि एक बिहेवियर सुनाई जजमेंट हाफ मल्टीपल को सिस्टर यहां पर हमने स्टडी करते हैं किसी भी संभावना को कहा मुकेश शुक्ल धन टेस्ट को ध्यान रखें कि कैसी सोसाइटी में कैसे कलेक्टर का वह पार्ट है और इसी के साथ-साथ में उसके लिए चुनाव में आपको फिर अजीम किया जाता है कि वह ऐसा बिहेव कर रहा है तो उसके पीछे मतलब ऐश्वर्या कैसा रिस्पॉन्स करा तो उसके पीछे उसकी सुसाइड उसके कल्चर का क्या एक इंपोर्टेंट रोल रहा है क्लियर है यह यहां पर समझ में संयुक्त जितना अभी यहां तक कि है वह क्लियर हो गया होगा अगर हम मतलब अलग अलग से पड़े एक साइकोलॉजी जर्नल साइंस साइकोलॉजी 10 सोशल साइंस को तो इस चीज को यहां पर क्लिक कर के अमेज़न नेचुरल साइंस की बात करें तो जो मॉडर्न साइकोलोजी है धीरे-धीरे साइकोलॉजिकल साइंस में उपलब्ध होती है तो साइकोलॉजी में जो एक आपकी मॉडर्न साइकोलॉजी का कंसेप्ट यह डिसिप्लिन है यह कैसे वॉल्व होता है कैसे आ जाऊं मॉड इन साइकोलॉजी की बात करती क्योंकि हमने साइकोलॉजी में साइंटिफिक मेथड को यूज कर दिया अभी तक हम क्या कर रहे थे जैसे देखिए यहां पर मैंने आपको एक्सप्लेन किया कि यह सबसे पहले से गर्म बात करें तो साइकोलॉजी जनरली क्या है इस स्टडी आफ माइंड आईएस पेंडिंग बिफोर बट धीरे-धीरे करके हमने इस स्टडी आफ माइंड स्टडी फूल में साइंटिफिक चीजों को आई डोंट कर लिया साइंटिफिक प्रिंसिपल्स को आई डोंट कर दिया तो अब हम माइंड को तो पड़ते हैं ताकि साथ में हम एक्सपीरियंस इस और बिहेवियर को भी स्टडी करते हैं तो जब हमने साइकोलॉजी के अंदर साइंस को आई डोंट कर दिया था वह मॉडल साइकोलोजी बनकर एंड साइकोलॉजी सबसे पहले कहां से स्टार्ट होती है तो साइकोलॉजी जर्नल साइंस का अगर हमें पूरी जरिए देखें तो जो ड्रेस काट सकते हैं डेस कार्ड्स और फिर बाद में फिजिक्स में जो सारे डेवलपमेंट हुए तो उसके थ्रू एक छोड़ी जाती है एक मॉडल आता है दैट इज हाइपोथेटिकल डिडक्टिव मॉडल ओं थिस वेरी इंपॉर्टेंट मॉडल यह आपको एग्जाम में पूछा जा सकता है कि पिछली हाइब्रिड प्रोडक्टिव मॉडल क्या है तो इसको अच्छे से समझो इसके एग्जांपल को अच्छे से समझाओ एग्जांपल की रूह इसको आपको इस प्लेन करना है थे तो बेसिकली हाइपोथेटिकल डिडक्टिव मॉडल तो है वह धीरे-धीरे टाइम पर साथ में डेवलप होता है और यह मॉडल यह कहता है कि साइंटिफिक एडवांसमेंट तभी हो सकती है जब हम किसी छोरी को एक्सप्लेन जबकि सियोल में आपको एक्सप्लेन करने के लिए हमारे पास में कोई छोरी है इस मॉडल सजग साइंटिफिक एडवांसमेंट कैन टेक प्लेस इफ यू हाव अच्छी तो एक्सप्लेन आफ नॉमिनल जिसे फॉर एग्जांपल x0x बिना बुना है इससे ना तो एक्सप्लेन करने के लिए आपके पास में कोई एक छोर है अब बता सकते हैं नेक्स्ट9 एक्टिवेटिड अब मैं इसमें कहा था कि एक ही बताओ तो एक्स की वैल्यू बताने के लिए आप पूरी वह जो एक मतलब सारे एग्जांपल सारे फॉर ग्लास यूज करते हो फिर उसके बाद में इन सारी चीजों को अप्लाई करते हैं उसके बारे में आज आपकी जो एक्स की वृद्धि होती है वह निकलकर आ जाती है ठीक है यह करते हो ना मैं इसमें एक चीज करता हूं कि जैसे आपको दे कि फाइंड एक्स एक्स किया व्यवसाय की क्या वैल्यू है उसको अपॉइंट कर तो आप क्या करते हो पुरे थ्योरम्स लगाते हो पूरे फॉर्म लाज लगाते हो फिर उसके बाद पूरा उसको खोलकर फाइनल एक्टिवेट हो जाती है तो हम यहां पर यह कहा जाए कि यह किसी भी फिल्म बना तो एक्सप्लेन उपयोग तो उसको एक्सप्लेन करने के लिए आपके पास में ओर होनी चाहिए इसकी वैल्यू को सेंड करें कि आपके पास में कोई एक छोर व होता है ना फॉर्मूला सिंह में यहां पर एक चोरी होनी चाहिए जब आप किसी छोरी के थ्रू किसी बिना कोई एक्सप्लेन करोगे तब आप साइंटिफिक एडवांसमेंट कर सकते हो तो आप साइकोलॉजिकल साइंस को भी एप्लाई कर सकते थे साइट फॉर एग्जांपल बिग बैंग थ्योरी बिग बैंग थ्योरी को जो है एक्सप्लेन किया गया और मतलब बिग बैंग थ्योरी तो किसी चीज के लिए मना करी थी तो यूनिवर्स में है यहां पर यूनिवर्स कैसे यूनिवर्स में ना जाने कितनी सारी चीजें हैं तो यह पूरा इतना बड़ा यूनिवर्सिटी से पहले से ही करता था तो इस फिल्म को करने के लिए धीरे-धीरे करके डेवलपमेंट कैसे पूरी प्रोसेस और उसके बाद में यह यूनिवर्सिटी ए बिग बैंक थ्योरी को डिटेल में नहीं एक्सप्लेन करें क्योंकि चैप्टर के अंदर जब डिटेल में टॉपिक प्रेम किया था मैंने आपको बताया था तो इसीलिए मेरा आप सभी ने बिग बैंग थ्योरी क्लास सिक्स्थ सेवंथ से ही पड़ी हुई है तो वह आपको इतना पता होगा कि बैंक चोरी जो है वह कैसे बनाते हैं यूनिवर्सिटी डिस्टेंस में आया तो अब हमारे पास में बिग बैंक थ्योरी है जिसमें वह बताया कि यूनिवर्सिटी डिस्टेंस में आया तो जब हमने बिग बैंक थ्योरी को पढ़ा तो हमको संघ के अच्छा यह सारी चीजें हुई आज अपने चेहरे को पढ़ लिया था वो समझ में कि भाई क्योंकि छोड़ी बनी हुई है क्योंकि चीज को बताया था वह इसलिए कि साइंटिफिक है ना हम इस पर क्लिक कर सकते हैं तो जब यहां पर इस एक चीज से यह बता रहा है बताया जा रहा है पत्थर डिडक्टिव मॉडल से कि जैसे एग्जांपल मैंने आपसे कहा कि यूनिवर्स कैसे डिस्टेंस में या आपको इस प्लेन करना है तो आपने बिग बैंक थ्योरी बनाती बिग बैंग थ्योरी बनाती बताती है कि यूनिवर्स ऐसे करके जो एक्जिस्टेंस में आता है एक मतलब बहुत बड़ी एंट्री होती है फिर वह इससे अलग होता है ऐसे करके पूरा जो है उसको एक्सप्लेन किया भी बैंक थ्योरी को आप देखेंगे चोरी के बाद मैं जब भी थोड़ी बन गई तो आज हम सब पढ़ते भैंस चोरी के बाद बारे में आज हमारे स्कूल में पढ़ते हैं अब हमने इस थ्योरी को पढ़ा तो हमको इसे चीज पर यकीन हो गया कि हां यार यूनिवर्स इसीलिए एडिशन आया इसके पीछे पूरी जो है चोरी तो साइंटिस्ट ने क्या किया एक हाइपोथेसिस बनाया हाइपोथिसिस क्या है यह कि कैसे यूनिवर्सिटी डिस्टेंस में और उसके लिए एक चीज को एक्सप्लेन किया जाएगा अब इस चीज को सब्सक्राइब नहीं पड़ते हैं क्योंकि यह बिल्कुल सही है और इसे सब्सक्राइब बटन पर क्लिक करते हैं तो आप इस पत्ते को के लिए में किसी तरह की कोई करें जैसे किसी के भी किसी पर्सन है उसके छोटे-छोटे एग्जांपल्स फॉर एग्जांपल मैं बता रही हूं पिता भी समझ में नहीं आएगा तो रूट भी यह सुना है परसेंट रूट क्योंकि यह करते हैं तो एग्जांपल यह जो है हम इस चीज को लेते हैं कि भाई लोग रूट क्यों जाते हैं क्यों बहुत ही चिड़चिड़ा सा भी शेयर करते हैं क्या इसके रिजल्ट होते हैं तो यह चीज पर स्टडी करें अब यह फैसला होना है इस पर हम को इस तरीके से हमने स्टडी करें और फिर अपने सारे जूस निकाल हमने ऐसा यह मतलब पूछी तो उसने निकाले कि जैसे परीक्षा पर कोई पर्सन को बहुत बार फिर अ जो है मतलब हाथ लग रही है प्रैक्टिस हाथ में नहीं आ रही है बहुत सारे अलार्म्स करें बहुत ज्यादा मेहनत खराब बट हर बार फेल हो जाता है और लोग उसको बहुत ही बुरा भला बोलते हैं और इन चीजों की वजह से वह बिल्कुल भी अच्छा फील नहीं करता तो इसको बहुत ही अच्छा फील नहीं होता है तो और क्योंकि उसने कभी भी किसी तरह का मतलब किसी उसको कोई अच्छी चीज नहीं बोली और हमेशा सिंह नेगेटिव चीजों को भी फेस किया और और बार-बार फेल है उसकी लाइफ में आ रहा है तो इन चीज़ों की वजह से वह बहुत ज्यादा परेशान हो गया और उसे कोई बात करता है वहीं रुक भी रिएक्ट करता बहुत ही रूट विशेषज्ञ मैं आपको छोड़ दे दी अभी थोड़ी एक्जेक्टली सही है भी नहीं क्या सच में ऐसा होता है कि अगर आप बहुत बधाई अच्छा लग रहा है बहुत बार फेल हो रहा है तो आप रोग हो जाते हो और यह सारी चीजें मतलब रिलेटिड होती हैं तो आप इस क्रिया आपको इस प्लेन करना है दोनों हाउसेस कंस्ट्रक्टेड रही है अब इस आयत इसको प्रूफ करने के लिए चीज होती है या नहीं होती है तो आप इस पत्ते को प्रूव किया जाएगा टेस्ट किया जाएगा कि क्या यह चीज होती तो हम सर्वे कंटेंट करेंगे बहुत सारे लोगों से सर्वे कंटेंट करेंगे कि आप रोड का भी है कि आपको चिड़चिड़ा कब फील होता है तो अब जब हमने बहुत सारे लोगों से सर्वे के अभी हम यहां पर सिर्फ और सिर्फ एक्सप्रेशन के ऊपर जैसा पोल सर्वे कर रहे थे यह परसेंट क्योंकि है पता है अब हम को पता चला कि हमारे पास में एक ग्रुप था जब हमारे पास में ग्रुप का टाइम लुका हमने दलों से पूछा कि आप रुठ कर दिए बचे लोगों ने बताया जब मुझे कोई और मतलब बहुत बुरा पूरा बोलता है या मुझे बहुत ही जब उदास रहता हूं और मुझे कोई बुरा भला बोल तो मैं बहुत रूट है प्रथम यहां पर हम यह देखिए परसेंट बहुत बार फेल हो रहा था बहुत ज्यादा अपनी जिंदगी से परेशान था वह लोग बाहर आकर विचारों को लेकर आते रहते थे तो इसलिए वह हमेशा रूप दिए तथा तो 10:00 मैसेज हमारे पास में गर्ल्स फॉर एग्जांपल इन लोगों ने अगर ऐसा बोला है यह लोगों ने ऐसा बोला है कि हां हम रोड इसीलिए अब हां यही सारे पेशंट होते हैं तो हमारे हाइपोथेसिस सही हो जाएगी कि एग्जैक्टिंग यही चीज होती है इसीलिए लोग जो है वह रूट बिहेव करते हैं और यह घटना इन लोगों से टाइम लोगों से हमने इन्फॉर्मेशन कलेक्ट कर ली थी यह हमारा डाटा हो गया तो जो भी डेटा हमने कलेक्ट कर है जो भी हाइपोथिसिस हमने बिल्ड अप करिए उसको टेस्ट करो एक्सपेरिमेंट करो उसके बारे में जानो और समझो और फिर अगर आपकी छोड़िए अगर मान लो यह जो प्रतिशत गलत साबित हो जाता है - मैं सिर्फ एक लोग बोले कि हम रूट कबीर करते थे हमें कोई परेशान करता है या बाकी लोग ऐसा बोलते हैं कि जब हमारी लाइफ में मेरा कोई भी लंस अब हमें अच्छा फील नहीं होता है तब हम ढूंढते को फॉलो कोई भी चीज आप की हाइपोथेसिस गलत हो गई ताबूत चाय पत्ती इसको फिर से डिवाइस करोगे फिर से अपडेट कर ले करोगे फिर से जो है आप सारी चीजों में मतलब सारी चीजों के बारे में जानने के सबसे बडे से क्या होता है कि आपने कोई इमोशनल लिया उसके लिए आपने कोई थ्योरी बनाई उस चोरी से रिलेटेड आपने डाटा कलेक्ट किया हाइपोथेसिस बिल्ड अप करें हाइपोथेसिस अगर आपकी सही हो जाती है ट्रू मतलब उसको अप्रूव कर दिया जाता है तो फिर आपकी रिसर्च ज्यादा उसे डायरेक्शन आफ रिसर्च का तो उसके बारे में जानता है फाइनली आप करेक्शन करते हो तो सेम वे में जो है ऐसे ही रिसर्च की जाती प्रशंसा इसमें कोई एक्सपेरिमेंट करते हैं तो जब हम साइंस एक्सपेरिमेंट ऐसी तो करते हैं जब हम फैट्स को कलेक्ट करते हैं जब हम ऑब्जर्वेशन करते हैं जब हम एक्सपेरिमेंट करते हैं तब हमारी कोई रिसर्च पूरी हो पाती है तो साइकोलॉजी में जब रिसर्च कर रहे हो तो आपके पास में ओर होनी चाहिए आपके पास में एक फिल्मों में ना होना चाहिए फिर उसके बारे में आप डाटा कलेक्ट करो डाटा कलेक्ट करो हाइपोथिसिस बनाए उसके बाद में फाइनली आप के रिसर्च जो है उसके बारे में धारणा को समझो जानो सारा उसके बारे में लिखो और फाइनली आप के रिसर्च फिर कंप्लीट होती है तो इस तरह से साइकोलॉजी भी एक नेचुरल साइंस है जहां पर साइंस की ही तरह रिसर्च कंडक्टेड की जाती है तो वह थिस सिंपल मैं आपको इस साड़ी में बताया कि इस सांप के अंदर बहुत ही बेसिक चीज आपको बताई गई हैं आपको सिर्फ इतना एक जनरल आइडिया आपके दिमाग में होना चाहिए फिर जैसे-जैसे चैप्टर पढ़ोगे चाहिए और क्लियर होती मिल जाएंगे अ हैं नेक्स्ट 9 न्यूज इंटरनेशनल साइंस अप्रोच अब इसे एक अप्रोच को यूज करते हुए साइकोलॉजिस्ट क्या करते हैं लर्निंग मेमोरी अटेंशन परसेप्शन मोटिवेशन इन मोशन इन सारी चीजों के बारे में जानते हैं कि कोई पसंद ज्यादा इमोशनल है तो उसकी मोशन होने के पीछे क्या रिएक्शन है कोई वर्शन बहुत ही ज्यादा मोटिवेटेड रहता है तो उसके पीछे क्या सारा निशान है तो इसमें हम जो है इस स्टडी कंडक्ट किया करते थे इंटिरिम प्रेसिडेंट मोहग्रस्त इन साइकोलॉजी फॉलो थिस एप यूजेस आज तक साइकोलॉजी में ऐसी बहुत सारी रिसर्च है जो इसे के अप्रोच को ही फॉलो किया करती है कि कैसे मतलब इसी तरह से जो है साइकोलॉजी में और रिसर्च की जाती है कि पहले डाटा कलेक्ट करना और उसके बारे में जैम मतलब हाइपोथेसिस बनाना फ्रॉम में ना होना और तभी हम रिसर्च कनेक्ट कर पाएंगे मां की बहुत सारे ऐसे चैप्टर पढेंगे इसमें रिसर्च कैसे की जाती है उसको भी पड़ेगा रिसर्च से कैसे की गई इन सारी चीजों को भी डिटेल मिक्स करें तो इन जनरल id आपके पास में होना बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है नेक्स्ट से आपका साइकोलॉजी है 10 सोशल साइंस साइकोलॉजी क्वेश्चंस कैसे हैं तो को साइकिल ऑफिसर रिकॉग्नाइज्ड मोरल एंड सोशल साइंस बिग बॉस क्वेश्चन इज द वेदर ऑफ ह्यूमन बीइंग इन थे सोशियो कल्चरल कॉन्टेक्स्ट अगस्त साइकोलॉजिकल सोशल साइंस इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें हम ह्यूमन बींस को थे स्टडी करते हैं ह्यूमन बिहेवियर को डिसाइड करें व्हाट्सएप में जान लेते हैं उसके सोचो कल्चरल कॉन्टेक्स्ट को और इसी लिए सोशल साइंस एक ऐसा डिवेलप सोशल साइंस की तरह साइकोलॉजी कैसे डिसिप्लिन है जिसमें ह्यूमन को एप्स सोशल बींस भी स्टडी किया जाता है और इस तरह से साइकोलॉजिकल है जो साइड है और एक सोशल साइंस की है क्लियर निपटान तिथि डूइंग माइंड एंड ए ग्रेट अभी तक हमने एक मीनिंग इंट्रोडक्शन देख लिया मेंटल प्रोसेस यूनिक प्रिंस ह्यूमन बिहेवियर की समस्या साइकोलॉजी है डिसिप्लिन समझ लिया जिसमें हम यह देखा कि साइकोलॉजिकल साइंस कैसे और साथ इस आधुनिक सोशल साइंस कैसे होती है तो जनरल जनरल बस चलते चलें बट स्टिल क्योंकि जैसा बना को चैप्टर बहुत लंबी है तो जल्दी जल्दी से फटाफट से सारी चीजें परिवेश करें ब्लैक पेप्पर नेशन इन माइंड एंड एल्सव्हेयर 12 साइकोलॉजी को पहले तो है मतलब सांसद रिमाइंड कहा जाता है इसलिए अपने माइंड साइंस अपडेट लाइफ बिफोर बहुत पहले के टाइम मतलब जैसे लाल धारीवाल हो रहा था तो फिर मैंने डिटरमाइंड मिनट आप इन साइकोलॉजी विकसित कन्नौट बे डिफाइंड एंड कंट्रीब्यूटेड टो ओं सर्विस सिलेक्शन बोर्ड में इंडिकेट पहले कहा था कि साइकोलॉजी को माइंड से रिलेट नहीं किया था या माइंड है वह साइकोलॉजी में एक टैबू की तरह था मतलब साइकोलॉजी साइंस डिमांड थी कि इसमें हम इनको करते हैं बट माइंड एक टैबू था जिसमें क्योंकि साइकोलॉजिस्ट को यही नहीं पता था कि पिछली माइंड कि भाई कोई कांग्रेस डेफिनेशन है इसी के साथ-साथ में माइंड का कोई लोकेशन है कोई भी थर्ड टर्म्स माइंड को इस डिफाइन नहीं करता है कोई स्पेसिफिक स्ट्रक्चर नहीं है माइकल एडम्स को कैसे सेट करते हैं साइकोलॉजी के अंदर और दिन बाद में यह होता है कि इस पेरी एक न्यूरोसाइंटिस्ट एंड्रॉएड सिस्टम रहते हैं यह माइंड को साइकोलॉजी में लेकर आते मतलब माइंड टॉम है उसको साइकोलॉजिस्ट से असोसिएट करते हैं और यह बताते हैं कि साइंटिस्ट ऑफ मिनिस्टर्स इंक्लूडिंग साइकोलॉजी थिंग्स दैट यूनिफाइड मोदी - पॉसिबल बट एस स्टिल्स फॉर उन्होंने सोचा कि हमारे को डिफ़ाल्ट कर सकते हुआ इनके बारे में पढ़ सकते हैं माइंड को समझ सकते हैं फिर धीरे-धीरे करके माइंड जो है वह साइकोलॉजी के अंदर आता है मतलब इसमें हम साइकोलॉजिकल लाइन को मिडिंग करते हैं बट इस तेल आज तक भी हम माइंड को लेकर कोई एक ऐसी मतलब प्रॉपर डेफिनेशन नहीं ला पाए हैं एक्जेक्टली व्हाट इज माय जिससे बोलूं कि आप माइंड को डिफाइन करोगे तो आप उस पर डिफाइन नहीं कर पाए लेकिन अगर मैं आपसे कहूं कि इसका मीनिंग मुझे बताओ से उस पर क्विंटल बता इग्नोर किया है तो अभी बता दूंगी कि हां एक मदर एक ऐसी एंटी जो हमारी बॉडी के अंदर है जिसकी कोई स्पेसिफिक लोकेशन है इस क्वेश्चन है बट उसके थ्रू हम थिंग कर पा रहे अरे मेंबर कर पाएंगे तो समझ पा रहे हैं यस टाइम में कर पा रहे हैं नोइंग हमारी अंदर हो पा रही है तो यह सारी चीजें माइंड के थ्रू होती है ऐसे करके धीरे-धीरे साइकोलॉजी में भी जो है माइंड का यूज जाता है बट स्थित माइंस जो है उसके लिए कोई प्रॉपर डेफिनेशन है ना माइंड कन्नौट एक्जिस्ट विदाउट ब्रेन बट स्टिल माइंड्स आफ सेपरेट एंटिटीज अब एक होता है आपका फैन और दूसरा होता है आप थे माइंड माइंड आफ ब्रेन का रेफ्रेंस आपको समझ में आए एक लोकेशन को लेकर एक स्ट्रक्चर को लेकर कि दोनों में क्या डिफरेंस है उसके बाद में माइंड के अपने फंक्शंस मेंब्रेन के अपने फंक्शंस है लेकिन दोनों अलग नहीं रह सकते जैसे कि हमने साड़ी में पढ़ा कि बैंगन जो है वह माइंड के फंक्शंस में या माइंड जो भी एक्टिविटीज कर रहा है उसमें उसकी हेल्प करता है उसमें उसके साथ में ही रहता तो माइंड अब इन दोनों साथ में ही रहते हैं बट इस्त्री रिमाइंडर सेट एंटी हम दोनों को एक ही नहीं हो सकी दोनों एक ही रिमाइंडर लगा है ग्रीन अलग है दोनों इंटररिलेटेड है बट माइंड टो सेपरेट एंटिटी दोनों क्या है inter-related दोनों सेम नहीं है और दूसरी तरफ माइंड गया है माइंड है एक आपकी सर प्रेसिडेंट यह आपको पता होना चाहिए ना गैरेज मिनी केसेस विच एक्सप्लेंस थे रिलेशनशिप बिटवीन माइंड एंड यू विल बे अमेज्ड यहां पर माइंड और ह्यूमन के बिहेवियर की रिलेशनशिप को समझाता कि आपका रिमाइंड है और साथ मुझे तरह से बिहेव कर रहे हो उसे रिलेशनशिप को समझा जाता है तो बहुत सारे ऐसे कट पर कैसे अनुसार ऐसे एक्सप्लेनेशन है जैसे कि ग्राम पल ए पेशेंट से दिन की हॉस्पिटल रोज बोलते हैं जिसके थ्रू हम देखते हैं जिसके थ्रू हमारा बैंगन जो है वह अच्छा रहता है उनको सर्जिकली हटा दिया गया बट स्टिल वह लोग चीजों को लेकर के लिए रिस्पोंड कर पाए लोकेशन जो है इन सारी चीजों को समझ पा रहे थे देख पा रहे थे देखने भारत में फील कर पा रहे थे क्योंकि फिर उसके बाद में देख नहीं सकते हैं तो वह प्रॉपरली मतलब पोर्स में ऐसे यहां पर ऐसे में आप मुझे कुछ भी नहीं दिख रहा है अब मुझे यह नहीं पता कि मुझे नहीं मुझे नहीं पता तो मैं यहां पर जाऊंगी मुझे कुछ अच्छे से जो है मतलब चीजों को कर रहे थे तो ऐसा क्यों ऐसे क्यों चाहिए कि कुछ ऐसे भी मतलब पर क्वेश्चन का कि देखते हुए दाम नहीं है बट स्टिल वह चीजों को रिस्पोंड कर पा रहे हैं तो ऐसा क्यों पा रहा है क्योंकि पर्सन का ब्रेन का जो पार्ट है वह डैमेज हो गया क्योंकि इसमें आपको कहा कि बैंगन जो है वह मिशंस प्रोवाइड करता है वह हमें यह बताता है कि जैसे मैंने आपको कभी एग्जांपल यह है कि अगर आप हॉट पैंट करोगे तो आपको वह जो है कि चीनी सेकेंड के अंदर आपको बहुत ही गरम है लगेगा और आपके चरित्र अपने हाथ को पीछे ऐसे जो यह हटा लेंगे क्योंकि आपके बहन आपको समझ गया कि वह गर्म है भाई आपको चोट लग रही है यहां पर तो यहां पर आप का ब्रेन आपको सिंगल देर ऐसे ही वे में आपके हॉस्पिटल लॉर्ड जो है उसको हटा दिया गया जिसके थ्रू आप देख पा जो और हमारी बॉडी में जो कि सारे शेयर करें लाइक अगर मैं इस पॉइंट को मूवी कर रही हूं तो यह बीच लेकर पड़ेगी अरे मेरा जो है मतलब मेरे गेम समोसे चीज को कनेक्ट करता हूं यह चीज बड़ी है ना यह हम हमारी बॉडी में जितने भी सारी चीजें होती है तो उनकी सिगरेट जो है वह गेम तक पहुंचते हैं तभी हम काम करता है और यह जितने कम मतलब इतने कम नैनो सैकंड में हो जाती हैं कि मतलब यह कुछ सेकंड भी नहीं हुआ और मैं अपने हाथों से मुक्त कर पा रहे हैं हम तर्पण तो इसके लिए यहां पर जिस पर संघ के हॉस्पिटल रोक हटा दी हैं जिसकी वजह से वह देख पाता था अब देखने बड़ा कि बैंकों सिग्नल नहीं मिल रहा है क्योंकि हॉस्पिटल नोएडा थी जिसके थ्रू हम देख सकते थे तो ब्रेन का एक पार्ट यहां पर डैमेज हुआ है बट माइंड अभी भी इंटैक्ट है माइंड भी काम कर पा रहा था जिसमें आप एग्जांपल दिया था कि रात में ब्रिंग्स सो जाओ सो जाओ थक चुके हो दिनभर से बहुत ही गरम हो गया है अब सजा अपनी की जरूरत है बट स्टिल आप स्वप्न देख सपने क्यों देखता है क्योंकि मैं इंटैक्ट है तो माइंड जो है और ब्रेन जो है दोनों एक दूसरे के साथ में ही चलते हैं मतलब दोनों अलग-अलग नहीं है बट माइंड सेपरेट एंटिटी रिमाइंडर अपने फंक्शन समरीन अपने फंक्शन शहद दोनों इंटररिलेटेड जरूर है इसके अलावा और एक्सांपल दे सकते हैं जैसे पहले साइंटिस्ट ऐसा मानते थे कि माइंड और बॉडी के बीच में कोई रिलेशन नहीं होता मतलब रिमाइंडर बिहेवियर में रिलेशनशिप है कि थी कि आप जैसा समझो गे जैसे आप सोचोगे उस अकॉर्डिंग अपडेट करने वाले रिजेक्ट करने वाले हो तो माइंड आफ बिहेवियर में रिलेशनशिप लेकिन पहले ऐसा माना जाता था कि रिमाइंडर बॉडी में भी कोई रिलेशनशिप जो है वह नहीं होती है माइंड व्यक्ति चीज कभी हमें संसार रिमाइंडर बॉडी की मदद से रिलेशनशिप है उसको ऐसा माना जाता था कि इसके बीच में कोई रिलेशनशिप रिमाइंडर बॉडी के दूसरे से बिल्कुल भी कनेक्शन है माइंड अलग है वह अपने फंक्शंस अलग करती है मतलब दोनों पैदल चलते रहते हैं दोनों रिलेटिड नहीं है बट इसके बाद में बहुत सी ऐसी स्टडीज हुई जो कुछ न्यूरोसाइंटिस्ट ने करेंगे जो यह बताती है कि माइंड और बिहेवियर में रिलेशनशिप रिमाइंडर बॉडी में भी रिलेशनशिप है और इसके लिए जो है मतलब ऐसे पॉजिटिव विजुअलाइजिंग टेक्नीक ज़रिए मैंने इसमें आपकी मदद से एग्जांपल दिया था कि आपने अपनी इंग्लिश की बुक में कि स्टोरी पढ़ी होंगी द लास्ट लीफ करके जिसमें जो है अगर आप पॉजिटिव रहते हो आप पॉजिटिव विजुअलाइजिंग टेक्नीक जिसके थ्रू आप अपने बॉडी लिए चेंजेस लेकर आ सकता आप अपने बॉडी प्रोसेस में भी चेंजेस ला सकते हो जैसे कि यहां पर हम कुछ एग्जांपल्स रखें कि और जो है उन्होंने को स्टडीज करें पेशेंट के ऊपर जिसके थ्रू उन्होंने माइंड और बॉडी के रिलेशनशिप है तो उन्होंने यह कहा कि एक ऐड करेंगे इसमें एक प्रश्न था उसकी एंट्री जो है वह बिल्कुल जाति मतलब आर्टिस्ट में रोकी जा सके आ जाते हैं तो उसकी वजह से ब्लड का फ्लो अच्छे कि जब विपक्ष उस पर्सन को पता चल गया कि मेरी आर्टरीज में ब्लॉकेज है तो इस वजह से मेरे बॉडी में ब्लड का जो सर्कुलेशन अच्छे से नहीं चल पा रहा क्या पता है कितने टाइम तक जी पाऊंगा मैं ठीक हूं यह नहीं हो पाऊंगा तो उस कैसे टेंशन हो जाती है तो डॉक्टर क्या करते हैं कुछ टेक्निक्स के थ्रू उसको यह दिखा देते हैं उसको एक मतलब इमेजेस वीडियोस में यह दिखा देता हूं कि देखो आपकी हाईट इसका जो बॉक्स था वह हट चुका है और आपके लेट्यूस बहुत अच्छे से काम करिए दोस्तों इसको दिखा दिया जाता है ताकि हम थोड़ा सा पॉजिटिव है थोड़ा सा मोटिवेटेड रहे तो जैसे उसको यह दिखाया था कि आपकी हाईट इसका बॉक्स है वह धीरे-धीरे हट रहा है और आप ठीक हो रहे हो तब वह वसंत के अंदर ऐसा जातक हां यार मैं ठीक हूं वह जल्दी ठीक हो जाऊंगा जितने भी बॉक्स है ना वह धीरे-धीरे करके कम हो जाए तो उसके अंदर एक यह मोटिवेशन रहती है एक चीज इसके अंदर आ जाती है कि हां मतलब नीरज और इसका बॉक्स है अब वह कम है तो मैं ठीक हो सकता हूं बस एक चीज उसको दिखाना हुआ और धीरे-धीरे करके हमने देखा कि भाई वह परसेंट होता हुआ चला जा रहा है और धीरे-धीरे इसकी आदत इसका बॉक्स जो है वह ठीक हो रहा है क्यों क्योंकि उसने अपने माइंड में से चीज बना लें कि हमें ठीक हो सकता हूं इसकी वजह से उसकी बॉडी प्रोसेस में चीन के गाने स्टार्ट होते हैं तो अगर आप माइंड और बॉडी दोनों का रिलेशनशिप वह उस पर निगम पर कितना समझाया कि अगर आप पॉजिटिव रहते हो आपका पॉइंट पॉजिटिव है तो आपके बॉडी प्रोसेस में चेंजेस जा सकते हैं बहुत बार ऐसी इमेजेस वगैरह जनरेट करके मैंने कितने मैसेज सेंड करके बहुत सारे फोबियस को भी चोर किया गया फोबिया स्कोर की ओर मतलब कि जैसे लोगों को डर बैठ जाता है ना कुछ चीजों का के पानी का डर है खाए का डर है ऊंचाई पर अगर आप वह और आप नीचे देखता आपको डर लगने लग जाता है तो यह जो आपके डर है यह आपके फोबिया है इनको भी खत्म किया गया है आपके माइंड में चेंजेस ना करें तो इस तरह से रिमाइंड और बिहेवियर दोनों एक दूसरे से रिलेटेड होते हैं और माइंड के थ्रू आप बॉडी प्रोसेस में भी चेंजेस ला सकते हो यह डार्क नेक्स्ट थी मैं पॉपुलर नोशंस अबाउट थे रिसिपिएंट आफ सिकोलॉजी सिकोलॉजी को लेकर कुछ जो पॉपुलर नोशंस है जो जनरल बीएस माने जाते हैं निकली मोटरसाइकल रोज इस चीज को पसंद आएंगे तो देखो मोस्ट आफ थे पीपल हैव डेवलप्ड देर ओंटेरियो शिव मंदिर में जनरली जब मैं आपको बताओ एक कॉमन सेंस क्लॉक एक्सप्लैनेशंस इसमें हम कॉमन सेंस की बात करते हैं कि अक्सर हम जो है मतलब हमारे कॉमन सेंस के ताकि और कोई भी चीज हो रही है तो वह क्रॉस लगता है हमारा कॉमन सेंस ऐसा करता है मतलब हमारा एक अपना परसेप्शन होता है चीजों को लेकर हमारी एक अपनी डालनी होती है हमारी अपनी एक चोरी होती है ह्यूमन बिहेवियर को लेकर जैसे मैंने भी आपको कहा वह इस स्टार्टिंग से रोड वाले एक्सांपल्स रहा है कोई पर्सन ढूंढ को क्यों कर रहा है तो हम को ऐसा लगता है कि वह प्रसन्न हॉस्टल में रह रहा है अपनी उंगली से दूर मतलब ऑप्शन हॉस्टल में रहता और बहुत ही रूप दिए करता है तो वह प्रसन्न हॉस्टल में रहता है अपनी आंखों से बहुत दूर है उसे मिल नहीं पाता और उसको हॉस्टल में बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता कि वह इस साइड रहता है जिसमें से रूट भी से भरा है तो यह हमारा अपनी हमारी अधूरी है उसके बिहेवियर को लेकर बट कॉमन सेंस के एक्सप्लैनेशंस आफ ह्यूमन बिहेवियर बेस्ट वन हैंड साइड एंड एक्सप्लेन वैरी लिटिल लेकिन जो कॉमन सेंस कल एक्सप्लेनेशन होती है वहीं साइट पर बेस होती है और वह बहुत ही कम एक्सप्लेन कर पाती क्योंकि यहां हम एक जनरल लगा रहे हैं यहां ऐसा हो सकता है या वह पसंद ऐसे बिहेव करा एडिट कर रहा है तो उसके पीछे यह रिसर्च हो सकते हैं और हम कब अच्छा बोलते हैं कब हमने कॉमन सेंस को यूज करें जब कोई चीज हो जाती है जब कोई चीज हो गई जैसे वो पर्सन हॉस्टल में आ गया स्टूडेंट हॉस्टल में रहने लगे आप जब उसने रूट लिप बिहेव करा तब हमने बताया कि हां शायद इसलिए ऐसा भूलकर रहा है तो जंगली वह एक हमारा कॉमन सेंस करते हैं बट साइकोलॉजी में हम कॉमन सेंस दूर रहते हैं हम साइकोलॉजिक अंदर कांफ्रेंस को यूज नहीं करते अब जैसे प्रॉब्लम कॉमन सेंस की बात करें तो जैसे इसमें हमने एक एग्जांपल आफ चैप्टर अंदर पड़ा इधर सब और आपका कोई फ्रेंड आपको कोई बेस्ट फ्रेंड था बट और आपने एक साथ रहते थे एक ही स्कूल में पढ़ते थे और एक ही कॉलोनी में रहते थे तो आप दोनों को इंग्लिश के साथ रहना बहुत अच्छा लगता था दोनों साथ में खेलते थे स्कूल जाते थे और अच्छा जिम्मेदार फन लविंग टाइम आपके अपने अपने फ्रेंड के साथ में इस पेंट किया बटर सपोच कि आपका जो फ्रेंड था उसके पैरेंट्स का कहीं दूसरे स्टेट में या किसी दूसरे डिस्ट्रिक्ट में ट्रांसफर हो जाता है अब फ्रेंड आपसे दूर चला गया अब आप उसे रोज नहीं मिल पाते और उस आप उसे बाद भी नहीं कर पाते महीनों में कभी आपके उससे बात होती है और बहुत ज्यादा कांटेक्ट नहीं रह गया उस पर्सन दिशा में दोनों चीजें हो सकती हैं कि एक हाउ टो उस साइड आफ माइंड वो आपका जो फ्रेंड था वह आपसे दूर चला गया तो वो धीरे-धीरे आपके दिमाग से भी हट जाएगा क्योंकि अब आपके सामने नहीं है तो आपके बारे में ज्यादा सोचो कि नहीं और जितनी भी सारी आपकी मेमोरी है उसके साथ में एक धीरे-धीरे करके खत्म हो जाएंगे तो एक-एक चीज हो सकती है दूसरा यह भी हो सकता है कि डिस्टेंस मेगा हर्ट्ज ग्रो और भी ज्यादा फोन डक्ट मतलब कि अब उसे दूर हो तो आपको इसके और जब याद आती हैं और आप मतलब कि वे एक दूसरे से दूर चले जाते हो ताकि बीच का रिलेशन और ज्यादा जो है मतलब स्ट्रोंग हो जाता है क्योंकि जब वह आपके पास में लिए तब आपको इसकी वैल्यू जो है वह समझ में आती है तो दो चीजें हो सकती हैं अब यह डिपेंड करता है कि देकर एग्जांपल आपका कोई नया फ्रेंड बन गया तो फिर यह वाला कैसे होगा कि आउट आफ साइट आउट आफ माइंड लेकिन अगर आपका कोई भी नया फ्रेंड नहीं बना है तो यह वाला कैसे होगा कि आपको और ज्यादा उसकी अदायगी और और यह उसकी अदायगी तो आपकी जो एक उस अपने फ्रेंड्स के साथ में फ्रेंडशिप है वह और ज्यादा स्ट्रोंग हो जाएगी तो यह एक कॉमन सेंस करता और यह हमको तब पता चलेगा जब आपका नया फ्रेंड बनेगा यह नया फ्रेंड नहीं बनेगा अगर आपका नया फ्रेंड बन गया तो तो साइड और टॉप में अगर आपका कोई फ्रेंड नहीं बना तो इसमें का हार्ट ग्रो फौंदर तो यह दो कैसे दो सकते हैं और यह दोनों कैसे इसका होंगे मतलब और इंसाफ बिहेवियर पर डिपेंड करती हैं आप कैसा बीएफ करोगे कैसे होंगी तब हम बता पाएंगे कि आपके फ्रेंड्स के साथ में आपके जो फ्रेंडशिप रिलेशनशिप रही वह किस तरह से होने वाली है मेडिसिन जनरल और कॉमन सेंस साइकोलॉजिकल साइंस उस पर पेटर्न्स आफ बिहेवियर विच कैन बे क्रीटेड एंड एक्सप्लेंड फिर दहेज़ लेकिन वहीं साइकोलोजी में हम जो भी webpage को प्रिंट करते हैं हम मतलब माइंड को पढ़कर मेंटल प्रोसेस पर स्टडी करते करके किसी पर्सन के इमोशन को उसके बिहेवियर को उसके एक्सपीरियंस को उसकी लर्निंग प्रोसेस को उसके रिमेंबरिंग प्रोसेस को इन सारी चीजों के ऊपर रिसर्च फ्रंट की जाती इन सारी चीजों को समझा जाता है कि ऐसे सरकमस्टेंसस में पर्संस ऐसे बिहेव करते हैं एक प्रेडिक्शन लगाया जाता है और इन प्रीडिक्शन पर ही बेस्ड होती है साइकिल आदि साइकोलॉजी ऐसा नहीं है कि कोई चीज हो गई अब उसके बाद में हम उस पर स्टडी करने बैठ कि ऐसा क्यों हुआ था बल्कि हम पहले यह बता दे कि इस मतलब एक कंडीशन के अंदर इसे किनारों के अंदर ऐसी चीज होने वाली है डाइट प्रेडिक्शन तो साइकोलॉजी और कॉमन सेंस इस तरह एक दूसरे से बहुत लगे कि कॉमन सेंस हैंड साइड पर बेस्ट होता है लेकिन जब के साइकोलॉजी है वह प्रिडिक्शंस पर बहस होती है यहां पर हम प्रिंट करते हैं हम पैटर्न सॉफ्टवेयर को अपडेट कर देती कि ऐसा होने वाला है इसे कंडीशन में पर्सन इस तरह से बिहेव करता है और ऐसा हम कब बता पाते हैं जब हमको यह नजर हम इन चीजों पर रिसर्च कर देते हैं तो आलिया डोंट बिलीव इन संकल्प दस डोमिनार मोर इंटेलीजेंट मैन ओर वूमेन फ्रॉम और एक्सीडेंट मिनिमम जैसे पहले कढ़ाई में ऐसा माना जाता था ऐसा इसलिए किया जाता था कि मेन जो होता है वह इससे ज्यादा इंटेलिजेंट होते हैं और वह उनकी वजह से मैं उनकी लाइफ में बहुत सारी मतलब एक्सीडेंट होते हैं और बहुत सारी चीजें जाती थी जिसमें सिर्फ और सिर्फ वूमेन होती हैं अब यह एक चीज मानी जाती थी यह जो है मतलब पॉपुलर नोशन रहा है अब मैन ओर वूमेन के रिलेशनशिप को लेकर एंपिरिकल स्टडीज हैव शोन ठाट बोथ आफ विच अरे नॉट ट्रू ए कॉमन सेंस दैट वास नॉट एबल टो गिव वेस्ट अफेयर्स क्विज मास्टर भंवरलाल और इंच लेकिन जब हमने विकल्प ट्रेडिंग करें जब हमें इन चीजों के बारे में जाना जवान रिसर्च कांटेक्ट करें साइकोलॉजिकल रिसर्च करें तब उनको पता चला कि यह चीजें सही नहीं है यह सब कुछ गलत बोला गया है ऐसा नहीं कि मैं हमेशा ह्यूमन से इंटेलीजेंट हो गई इन थे इंटेलीजेंट है मैंने इसे और उसके अलावा और भी ऐसे ढेर सारे कैसे थे लाइक अगर बात करें और हंस की तो कॉमन सेंस यह बोलता है कि जब आप बहुत ज्यादा लोगों के सामने किसी तरह की कोई परेशानी है तो बतला जोड़ ऑडियंस है अगर आपके सामने बैठी हुई है तो आप बहुत ही ज्यादा नरम हो जाओगे और आप अपना बेस्ट नहीं दे पाओगे बट अगेन साइकोलॉजिकल रिसर्च कहती है जब साइकोलॉजी इन सारी चीजों को स्टडी किया गया तो यह बताया गया कि जब कोई पर्सन बहुत लार्जर ऑडियंस के सामने परफॉर्म करता है तो वह बहुत अच्छे से परफॉर्म कर सकते हैं क्योंकि वह ऑडियंस वहां पर उसको चीयर अप कर रही होती है तो जब उसके अंदर और ज्यादा कांफिडेंट फील होता है तब वह और ज्यादा अच्छे से जो है परफॉर्म कर पाता है तो यहां कॉमन सेंस किन चीज़ों की बातें कर रहा है कि हम को ऐसा लगता है तरह का बिहेवियर हो सकता यह तरह की वृद्धि होती है बट पिछली साइकोलॉजिस्ट वर्ल्ड इट्स ऑलवेज ऑन रिसर्च ऑन स्टडीज कि जब हम रिसर्च करेंगे इस स्टडी करेंगे उसके बाद में हम जो भी मतलब प्रिडिक्शंस गए लेकिन लगाएंगे तो यह पॉपुलर मतलब जनरल बिलीव्स है साइकोलॉजी को लेकर कॉमन सेंस को लेकर और यह बेसिक डिस्टिंक्शन है कि साइकोलॉजी में ऐसे माना जाता है बट एक्जेक्टली रियालिटी क्या है इसमें स्टडी भी जो है हमने बड़ी मीणा व्यक्ति ने से स्टडी करी थी 1975 में इसने जो है 2030 ग्रुफ मतलब इस ग्रुप के स्टूडेंट्स बनाए रखना एक ग्रुप बनाया दोनों ट्वेंटी-20 स्टूडेंट्स थे और यहां पर स्टडी कंडक्टेड गई थी कि बहुत जल्दी गेम आफ स्टूडेंट्स क्यों कर देते हैं तो उसमें यह देखिए अगर आप स्टूडेंट होंगे वह बाहर बार फेल होते रहेंगे तो वह बहुत जल्दी चिपक कर सकते हैं वहीं दूसरी तरफ होनी चाहिए चीज देखिए कि अगर स्टूडेंट्स को यह बताया जाएगा कि आपको सिंपल और टॉप हर तरह के मतलब प्रॉब्लम्स मिलेंगे और उन्हें दोनों तरफ से दिन करने की अंदरूनी अगर वह बहुत अच्छे से प्रेस करेंगे तो वह बहुत जल्दी जो है वह मतलब जो मुश्किल सारी जो भी शैटर प्रॉब्लम होगी उनको उनको भी नहीं कर पाएंगे यानी फ्रूट जो था वह बेसिकली एक चीज को लेकर था कि स्टूडेंट्स व हैं अगर उन्हें सिंपल सिंपल जैसे करने की आदत होती है लेकिन एक बार अगर आपको ऑप्शन दे दो तो वह बहुत जल्दी पक जाते हैं लेकिन दूसरी तरफ को यह चीज खाया क्या अगर आप ऐड करते रहोगे तो आप बहुत जल्दी चिपक नहीं करोगे तो बैक यह जो पूरी स्टडी थी यह इसी चीज पर 20 बेस्ट थी कि मतलब साइकोलॉजी में कैसे आप मदर परफॉर्मेंस को भी अच्छे से इंप्रूव कर सकते हो और एंड साइंटिफिक नॉलेज जेनरेटेड फॉर साइकोलॉजी आफ फन रन अगेंस्ट कमेंट साइकोलॉजी में जो है मतलब इस तरह से हम साइंस को यूज करते हैं यह साइंटिफिक और इसको यूज करते हैं तो इसे चीज से हम यह मदर बोलते हैं कि कॉमन सेंस है उसका साइकोलॉजी में किसी तरह का कोई भी जूस नहीं है तभी तक जो आपने कब्ज एक्सप्लेनेशन देखिए कि मतलब यह सारी चीजें होती है इंटरनेट और साइकोलॉजी में जब हम साइंटिफिक नॉलेज यूज करते हैं तो वह मन से बिल्कुल डिफरेंट होती है तो बैक की स्टडी फॉर डिटेल में से एक्सप्लेन कर दी थी तो इसलिए वापिस है उसको साद एक्सप्रेशन अपने दोस्त एक बार निकल कर लेना एक बार रीड कर लेना ओके खनिक टॉपिक है आपका इवोल्यूशन आफ साइकोलॉजी इसी 1 मिनट माइक्रो चैप्टर के अंदर आयोग अभी तक जितना भी पढ़ाया वह क्लियर हो गया होगा नाम साइकोलॉजी इनफ्लुएंस्ड बाय लस्ट डेवलप्स इनटू ए लार्ज एक्सटेंट बहुत मतलब एक लास्ट लेवल तक साइकिल रेसिंग जो है वह वेस्टर्न डेवलपमेंट के थ्रू एंट्रेंस होती है मतलब वेस्टर्न कंट्रीज में इसी तरह से साइकोलॉजी डेवलप हो रही थी वैसे धीरे-धीरे करके इंडिया में भी साइकोलॉजी जो है वह टेबल स्पून चाट होती बल्कि पूरे वर्ल्ड में बट ठे गिव आउट आफ इंडियन फिलॉसफी कंसीडरेशंस आफ साइकोलॉजिकल सिग्निफिकेंट बेसिक जो एक ओरिजिन रही है साइकोलॉजी की बुराई है इंडियन फिलॉसफी से और यह ट्रॉफी इंडिया के अंदर भी हुआ करती थी जहां पर हम चीजों को स्टडी करते थे यहां पर हम ह्यूमन बॉडी को स्टडी करते थे और उसी वन बॉडी टो स्टडी करके हम उसके मन में क्या सारी चीजें चल रही हैं सारी चीजों को भी पढ़ा करते थे तो मतलब टेंशन फिलॉसफी जो थी इसी के थ्रू साइकोलोजी डेवलप होती है साइकोलॉजिकल जो वर्ड है वह इस इंडियन फिलॉसफी सही होता है जो दोनों आपस में बहुत ज्यादा रिलेटेड है फॉर फाल्गुनी अगर बात करें साइकोलॉजी की तो वह 30 * लिप्सिंग में फसलें बैटरी Star Plus होती है साइकोलॉजिकल लेकर और बाद में उसके बाद में ढेर सारे प्रोसेस आने लगते हैं साइकोलॉजिकल लेकिन बहुत सारे सर्चस होते हैं बहुत सारे डिफरेंट पर्सपेक्टिव्स होता है साइकोलॉजी को लेकर जिसके थ्रू धीरे-धीरे करके साइकोलॉजिकल होती डिलीवरी के साइकोलॉजी डेवलप होती तो इसके अंदर जितने भी सारे अप्रोच थे उन्हें अप्रोच इसको हम यहां पर एक-एक करके ऐड करेंगे आपको जिस क्या करना है आपको यह डालनी है वाउचर और साइकोलॉजिकल उसके बाद में जितने भी प्रोसेस फ्रॉम हिस्ट्री करेंगे जैसे देखो यह आपने लिखा है यहां बस तू ए क्वालीफिकेशन टर्न ऑफ साइकोलॉजी ठीक है यह आप अपनी नोटबुक में हैडिंग डाली सेंटर में और फिर उसके बाद में एक ऐसे चार्ट हम करेंगे यहां पर और बहुत ही सिंपल टर्म्स में लिखेंगे क्योंकि चैप्टर में आपने अच्छे से पढ़ा हुआ है इस चीज को डिटेल में तो जस्टिस डिनाइड है मतलब एक बार वापिस सारी चीजों को रिवाइज करते हुए चले जाएंगे अब जैसे सबसे पहले इस प्रकार लिस्ट अप्रोच है सबसे पहले इस ट्रोली स्टेप रोसय्या स्ट्रक्चरल एप्रोच है इस स्ट्रक्चरल एंड इंट्रोस्पेक्शन है जिसे कहा जाता है इस स्ट्रक्चरल एंड इंट्रोस्पेक्शन अब इसे एप्रोच को किसने दिया इसे एप्रोच को दिया विलियम जोंस ने और मैंने जो आपको यह चैप्टर पटवा था तब भी मैंने आप से मतलब बोला था कि आप मेरे साथ में नोट बनाना और उसे टाइम पर भी नोट बनवाए गए थे बट अगर अभी तक नहीं बना है तो कोई दिक्कत नहीं है अभी यहां पर जब रिवाइज करें मैं चैप्टर को तो भी आप कर सकते हैं ठीक है तो सबसे पहले इसमें है वह जैनेट स्ट्रक्चरल लिस्ट और इंट्रोस्पेक्शन अप्रोच और इसे एप्रोच को विलियम बर्ंस ने जो है दिया हुआ है सभी जितने भी सारे प्रोसेस हैं उन्हें अपनी अपनी स्ट्रेंथ अपने बेस रेट सिस्टम ड्यूरिंग डिफरेंट यूजेस थे जिन्होंने अपने-अपने यह एंट्री हमको सभी को करना है और फिर यह सारे कंबाइंड ओके कैसे साइकोलॉजिकली बोलकर मैं इसको समझना है तो बिलियन क्या बोलते हैं कि हमको माइंड के स्ट्रक्चर का बढ़ना चाहिए स्ट्रक्चरल ईस्ट से आप समझ सकते हो कि हम कि हमको जो है रिमाइंड के स्ट्रक्चर को समझना है माइक्रोस्ट्रक्चर कैसा होता है उसको समझना है और उसे हम इंट्रोस्पेक्शन के थ्रू समझेंगे इंट्रोस्पेक्शन जहां पर हम क्या चीज करने वाले हैं कि जो भी परसेंटेज परसेंटेज माइंड को हम स्टडी करनी चाहिए भृंगराज पर यह प्रश्न है इसके माइंड को अमृतसर करना चाहिए था हम इसमें यह क्वेश्चन पोचिंग यह बताएगा कि कैसा फील करता है कैसे इसको पलट कर पाता है क्या सारी चीज इसके अंदर चलते हैं सब्जेक्टिविटी होगी वह बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट होगी और उसके बाद में हम इस प्रश्न से सारी इन्फॉर्मेशन लेंगे और फिर उस अकॉर्डिंग हम देखेंगे रिमाइंड कैसा होता है रिमाइंडर कैसे हटाएंगे सेवर करता है तो इससे रिलेटिड हमको माइंड की इंफॉर्मेशन दीजिए जैसे अभी हमने थोड़ी देर पहले अपडेट्स के ना कि पहले माइंड जो है वह एक टैबू की तरह साइकोलॉजिकल लेकिन बाद में धीरे-धीरे जो इस पर मतलब जो इस तरीके से आप है और पैनल्स ओं थे उन्होंने फिर दिखाई रिमाइंड को हमको साइकोलॉजिकल लेकर आना है तो आप माइंड आगे साइकोलॉजिकल लेकिन वांट टो स्टडी कैसे करेंगे तो विलियम बर्ंस ने सबसे पहले अप्रोच दिया और उन्होंने यह कहा कि सबसे पहले हम को माइंड के स्ट्रक्चर को पढ़ना है और उसका हम इंट्रोस्पेक्शन के थ्रू करेंगे तो इट वास कंसीडर्ड ए साइंटिफिक एविडेंस टो रिस्पेक्टिव रिपोर्ट कन्नौट बे वेरीफाइड बाय आउटसाइड आफ थे अब जैसे पिंपल जैसा पोज आप रिसर्चर हो और आप मेरे पर रिसर्च कर रहे हो तो आपने मुझे बोला कि आप कमेंट कैसे भर करता है आप कैसे यकीन करूं तो मैंने आपको बताया कि मैं ऐड करती हूं मुझे यह सारी चीजें फील होती है लाइक फॉर एग्जांपल मैं बहुत ज्यादा इमोशनल हूं मैं जो है अपनी फैमिली के बारे में बहुत ज्यादा सोचती हूं मैं जब भी मेरी फैमिली पर कोई खतरा दर्द बहुत ज्यादा डर जाती हूं या फिर मतलब मैं या फिर मैं यहां तक कि मैं बहुत मोटिवेटेड रहती हूं मैं हमेशा सेल्फ मोटिवेशन रखती हूं जिसके थ्रू मैं अपनी लाइफ में वर्कर पाती हूं मैं तुझे कोई कैसे करते हैं कैसे चीजों का एक्सपीरियंस से हुआ तो मैंने आपको अपने बारे में ढक तरह से मैंने आपको अपनी पूरी मतलब लाइफ के बारे में दिया कि मैं कैसे कैसे जो है इतनी बड़ी हुई हूं तो मैंने क्या सारी चीजें प्लेस करें कैसा रि मैंने देखा समझा यह सब कुछ मैंने आपको बता दिया अगर आपने सारी चीजें सुन ली तो उसमें से आपके जो तिलक मोटिवेशन इमोशन और आपका अपना अफेयर यह सारी चीजों को अपने नॉन करा और इनको आपने समझा और फिर उसके बाद में आधुनिक अलग-अलग रिमाइंड इन जनरल इसी तरह से वर्क करता है जैसे पिंपल्स सपोच आपने तीन चार लौंग के ऊपर ऐसे ही स्टडी या कंडक्ट मतलब ऐसा जाए ठंडक करें और उनके जो भी स्टेटमेंट से उसमें जो भी को मंजूरी दी थी उसको लेकर अपने-अपने थ्री एक अपना जनरल परसेप्शन बताया माइंड को लेकर बट ऐसा दूसरे जो मतलब और जोड़ दूसरे विसर्जन स्थलों का यह कहना था कि यह जो इंट्रोस्पेक्शन की मेथड है बड़ईलस साइंटिफिक है क्योंकि यहां पर जैसे भर जहां पर आप मेरे ऊपर रिसर्च खड़े हो तो जो मैं आपको बता रही हूं आपको बस उतनी ही चीजों पर क्लिक करना क्या पता मैं कुछ इन्फॉर्मेशन छुपा लूं मैं कुछ बात है पर साथ में शेयर है ना करूं और मैं आपको सभी बता रही हूं या गलत बता रही हूं इसका भी को किसी तरह का कोई विवाद नहीं है यहां पर आप उसको वेरीफाई नहीं कर सकते हो तो इसलिए यह थोड़ी सी प्लस साइंटिफिक है और इसलिए धीरे-धीरे करके एक न्यू अप्रोच जाए साइकोलॉजिकल डेवलप होता है डस्ट फंक्शनल स्टेप रूप से कंट्रोल आपका क्या हो गया फंक्शन एप्रोच से यहां पर नॉट डन कर लिया यह हो गया था आपका स्ट्रक्चरल लिस्ट और यह सेकंड हो गया फंक्शन लिस्ट फंक्शन लिस्ट अप्रोच है वह किसने दिया है वह दिया आपके विलियम्स ने तो यहां पर आपने नीचे लिख लिया आप विलियम्स एक अमेरिकन जो है थे जिन्होंने यह वाला मलहम एप्रोच दिया था एंडर्स विलियम जेम्स अब इसके बाद में एक और चीज भी कर सकते हो यहां पर नीचे लिख जैसे इस प्रकार चौर स्पेशलिस्ट और इंट्रोस्पेक्शन है तो यह नीचे लिख लो रिमाइंड के स्ट्रक्चर को स्टडी किया जाता है इसका रिमाइंडर स्ट्रक्चर ऐसे करके मतलब लैंग्वेज में अपना सकते आपके प्रिंट से फिर विलियम्स ने जो कहा वह उसके नीचे लिख लेना तो ऐसे एक पूरी चार जो है वह आपकी प्रिपेयर हो जाएंगे यहां से शेयर अब यह जो है यह अनसुलझे सवालों की बात करते थे ह्यूमर माइंड जो है उसके इस प्रकार से ज्यादा human वर्क कैसे करता है इसके ऊपर हम को ध्यान देना चाहिए तो उन्होंने कहा कि स्ट्रक्चर पर ज्यादा फोकस मत करो बल्कि माइंड कैसे काम करता है माइंड कैसे हमारे बिहेवियर को इंच मींस करता है किस तरह से हमारे इंवॉल्वमेंट हमारे साफ आंवले में जो की सारी चीजें हैं उसके साथ में शुरू करते हैं इसे जानना बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है ना कि मिक्सचर को पढ़ना और विलियम्स जो है इसमें क्वेश्चसं की बात करते हैं कि माइंड कैसे व करता है माइंड कैसे हमारे लिए को इन्फ्रेंस करता है कि हमारे इंवॉल्वमेंट से आप एक होते हैं यह सारी चीजों को हम तभी समझ सकते हैं जब हम क्वेश्चसं को समझेंगे कि ह्यूमन माइंड कितने सदा कांटेक्ट रहता है कितने ज्यादा अवेयर रहता है और इसी के थ्रू मतलब जब हम क्वेश्चसं को और साथ में एनवायरनमेंट को ध्यान में रखेंगे कि से फॉर एग्जामपल आप मेरे ऊपर स्टडी कर रहे हो तो मेरा माइंड किस तरह से वर्क करता है और मेरे माइंड को फंक्शन करने में मेरा अपना जो मतलब मेरी अपनी जो कॉन्शसनेस है कि मैं कितनी ज्यादा सचेत रहती हूं मैं कैसे सोचती हूं मेरा माइंड किस तरह का है और इसके साथ-साथ में मेरे आस-पास में जो भी सराउंडिंग है लाइफ में कि से इंवॉल्वमेंट में रहती हूं मैं किस तरह के socio-cultural बिना बुना के अंदर हूं उन सारी चीजों को जब हम ध्यान में रखते हैं तब कोर आफ क्लोजिंग फॉर्म होती है तो विलियम्स के अकॉर्डिंग साइकोलॉजी की कोर क्या है कोर ऑफ साइकोलॉजी क्या है कि सदर टेस्ट थे कॉन्शसनेस थे कॉन्शसनेस प्लस इंवॉल्वमेंट इन गवर्नमेंट बोलो या इस टेंपर्ड ग्लास टीम ने इसके बारे में अभी हमने थोड़ी देर पहले यहां पर डिस्कसिंग थे इस्टैबलिश्ड एंड इंवॉल्वमेंट तो जब यह दोनों चीजें इंटरेस्ट करती हैं तब को ऑफ साइकोलॉजी फॉर्म होती तो क्वेश्चसं का भी बहुत इंपोर्टेंट रोल है मेंटल process को समझने में और इसके बाद में जॉन डीवी भी होते हैं एक कॉटन के होते हैं जो यह बोलते हैं कि ह्यूमन बींस अपने एनवायरनमेंट में किस तरह से फंक्शन करते हैं यह जाना हमारे लिए बहुत ही इंपोर्टेंट है तो जहां इस प्रकार लिस्ट जो है वह इस प्रकार ऑफ माइंड पर ज्यादा फोकस करते हैं वहीं जो फंक्शन में लिप्त है वहीं के फंक्शन पर फोकस करें यह फंक्शनिंग आफ माइंड पर फोकस करते हैं कि है और फंक्शनिंग आफ माइन के साथ में उन्होंने क्वेश्चसं का यह कांसेप्ट दिया तो जैसे यहां पर हम देखेंगे कि स्ट्रक्चरल लिस्ट जो फिर उन्होंने माइंड स्ट्रक्चर और साथ में सब्जेक्टिविटी की बात करें तो में सेकंडरी जो विलियम ट्रेन से उन्होंने माइंड के फंक्शन और कॉन्शसनेस की बात करें अब इसके बाद में जो थर्ड है वह गैस कांड साइकिल होती थी अब गैस साइड साइकोलॉजी कैसे चीज से रिलेटिड परसैप्शन से रिलेटेड है ठीक है यह जो चीज है यह परसेप्शन से रिलेटेड कि आप कैसे चीजों को पर असीम कृपा कि आप कैसे फील कर पा सकें तो कर पाते हो आप चीजों को महसूस कर पाते हो तो वे स्टाइल साइकोलॉजी रिलेटेड टू परसेप्शन अब ट्वेंटीएथ सेंचुरी में जो है एक न्यू पर्सपेक्टिव बाद इसे इंस्टॉल साइकोलॉजी बोलते हैं जर्मनी में यह मर होता है और यह जो निलंबन का स्ट्रक्चरलिज्म था उसके आगे इसमें आता है तो वह यह बोलते हैं कि माइंड के कंपोनेंट्स पर ध्यान देने से बेहतर है कि हम इसे जिसको देखिए कि एक्सपीरियंस जो होते हैं डे आर द यार मोड ऑन इंटरेस्ट रिसीव्ड फ्रॉम हेर इंवॉल्वमेंट हम जो भी एक्सपीरियंस करते हैं हम जो भी फील करते हैं वह ज्यादा इंपोर्टेंट है रिस्पेक्ट आफ इंवॉल्वमेंट कि हमारे आस-पास में क्या सारी चीजें हो रही हैं या हमारे बैंक स्ट्रक्चर क्या है हमारे एक्सपीरियंस इस ह्यूमन एक्सपीरियंस इस और या फिर पर सेक्शुअल एक्सपीरियंस इस वह स्वदेश लौटते समय चीजों को फील कर सकते हैं उन्होंने एक्सपीरियंस की तरह बात नहीं कही उन्होंने पर सच्चे एक्सपीरियंस की बात करके ऐसे एक्सपीरियंस जिन्हें हम किसी तरह की कोई चीज को फील कर पाएंगे इस परिणाम पर कोई पर्सन हमसे सेपरेट जाता जैसे मैंने आपको एग्जाम तो दिया फ्रेंडशिप का कि कोई हमारा फ्रेंड था जो हमारे साथ में और हमारे स्किन बहुत अच्छी फ्रेंडशिप थी लेकिन अब हम से दूर चला गया है तो हम उसे सेपरेट हो चुके हैं तो वह एक सेपरेशन के अंदर हमें एक जो मतलब प्रेग्नेंट का पेन फील करते हैं एक्सपीरियंस करते हैं उन चीजों को हमको इसको Dr करना चाहिए साइकोलॉजी के अंतर्गत मींस कि हम को पर स्पिरिचुअल एक्सपीरियंस इसको इस तरह करना चाहिए ऐसा कहना था कि इसका यह टाइट साइकोलॉजी का थर्ड प्ले करो यहां पर गेस्ट साइकोलॉजी ब्रैकेट में जर्मनी लिख लो और फिर उसके बाद में मतलब जर्मनी लास्ट में लिखा फिर उसके बाद में पर सबसे एक्सपीरियंस लिख लो तो यह आपको ध्यान में रखना कि गेस्ट साइकोलॉजी किसी चीज रिलेटिव थी नेक्स्ट बिहेवियरिज्म आता है जो है वह अच्छी तरह के बिहेवियर पर तो अभी तक ह्यूमन का स्ट्रक्चर एंड फंक्शनिंग इन स्लीव्स तादाद में सब्जेक्टिविटी ऑब्जेक्टिविटी और उसके बाद में हमने पर सर्च एक्सपीरियंस की तरफ बढता तो ह्यूमन बिहेवियर को स्टडी किया जाता है आपके साइकोलॉजी के अंदर और 90 के आसपास में क्या होता है जॉन व्हाट्सएप होते हैं और वह माइंडनेस नरसिम्हा रेड्डी क्लिक कर देंगे ठीक है माइंड है माइंड व करता है कौन से सन् में भी होती है यह सारी चीजें होती है बट इससे भी ज्यादा अगर कोई चीज बहुत इंपोर्टेंट है सुबह टेस्ट अनकॉन्शियस माइंड और यहां पर क्या बोलते हैं रिमाइंडर नॉट ऑब्जर्व एंड इंट्रोस्पेक्शन सब्जेक्टिव 24 कैरेट कन्नौट बे वेरीफाइड बाय अनदर आब्जर्वर नजर उनका है यह रिमाइंडर है वह डबल है उसको आप ऑब्जर्व कर सकते हो लेकिन जब हम इंट्रोस्पेक्शन की बात करें तो वह तो सब्जेक्टिव है उसे चीज को हम वेरीफाई नहीं कर सकते कोई और उसको वेरीफाई नहीं कर सकता तो इसलिए यह बोलते हैं कि साइकोलोजी ऐसी होनी चाहिए जो अवसर भी हो और जो वेरीफिएबल भी हो जहां पर हम किसी फिल्मों में ना को ऑब्जर्व्ड भी कर सकते हैं और साथ में वेरीफाई भी कर सकते हैं तो जब हम अफसर भी कर पाएंगे वेरीफाई भी कर पाएंगे तभी तो हम अधिकतर फिल्मों में आपको एथलेटिक बता पाएंगे तो वह बोलते हैं कि साइकोलॉजी स्टडी है बिहेवियर की जो भी ये जो कि इस पॉइंट से साफ करते हो और जब हम उन बिहेवियर उस रिस्पोंस को स्टडी कर सकते हैं साइंटिफिक मैनर में और उस बिहेवियर को हम वेरीफाई भी कर सकते हैं क्योंकि वह हमने ऑब्जेक्टिवली ऑब्जर्व किया हुआ है तब जो है हम साइकोलॉजी में बिहेवियर को स्टडी करते हैं और फिर उसके बाद में यह बिहेवियरल बिहेवियरिज्म से रिलेटेड ढेर सारे साइकोलॉजिस्ट आते हैं जो वीरम पर अपनी-अपनी पॉइंट है जिसमें सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट है सीमेंट का उपयोग जो मतलब उनके आइडियास बड़ी मेडिकल होते हैं और बहुत सारे चेंजेस लेकर आते हैं वर्ल्ड में जैसे उन्होंने कहा कि ह्यूमन बिहेवियर जो है वह डायनेमिक प्रेजेंटेशन है अनक्वेंसिेबल डिजायर्स एंड कनफ्लिक्ट्स का तो सबसे पहले आपने क्या किया यहां जॉब चार्ट बना रहे थे इस मैं यहां पर आपने किसकी बात करें गेस्ट साइबर लॉ जाएगी फिर आप यहां पर बिहेवियरिज्म बताओ और बिहेवियरिज्म में आप जॉन वॉटसन के बारे में बताया कि जॉन वाटसन ने जो है ह्यूमन बिहेवियर ऊपर ज्यादा हो कर के अमेज़न के ही बहुत सारे अप्रोच दें तो आपने यहां व्यक्तिगत फ्रूट्स और सिगमंड फ्रायड अनक्वेंसिेबल डिजायर्स की बात करते हैं या अनकॉन्शियस माइंड की बात करते हैं कि हम अभी तक और चीज की बात कर रहे थे कि जब हम कौन से होते हैं दबंग सच्चे होते हैं तो उन चीजों को बहुत अच्छे से एक्सपीरियंस कर पाते हैं तभी मेंटल प्रोसेस को स्टडी भी कर सकते हैं बट यहां पर जो सेगमेंट है उन्होंने कहा कि हमारा अनकॉन्शियस माइंड भी बहुत इंपोर्टेंट है मतलब जब हम क्वेश्चसं नहीं होते हैं और उसे टाइम पर हम जो भी एक्टिविटीज करते हैं वह हमारे मेंटल प्रोसेस से ही रिलेटिड होती है तो यहां पर उन्होंने अनकॉन्शियस माइंड के बारे में ज्यादा इंपोर्टेंट बताइए इसके बाद में उन्होंने psycho-analysis एक जो फील है इसको फोन किया और इसमें हम क्या कर सकते थे जो भी साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर्स थे उस पर चढ़ कर सकते थे साइकोलॉजिकल उन्होंने को अच्छे से इलाज कर सकते थे इसके बाद में कार्ल रॉजर्स और इब्राहिम मैस्लो है जो ह्यूमन इस ट्रिक एप्रोच लेकर आते हैं साइकोलॉजिकल है कि जहां पर हम साइकोलॉजी में ह्यूमन नेचर को और अच्छे से स्टडी कर सकते हैं तो उनका यह था कि जब ह्यूमन को फ्री लिए छोड़ दोगे मतलब दुश्मन को आप फ्री कर दोगे उसके एनवायरनमेंट में कि वह आराम से अच्छी तरह सारी चीजों को कर सकता है जैसे जिस को भी ऐड करना है वैसे हर एक चीज कर सकता है तब उसका बिहेवियर और ज्यादा अच्छे से हम को देखने को मिलेगा तब और ज्यादा चतुर नाइट क्रिसमस करेगा क्योंकि अगर आप और बिहेवियर को कन्फाइंड कर दोगे कि आप मदर आप उसको पर किसी के रिस्ट्रिक्शंस लगा दोगे तो वह ह्यूमन जो है वह खुल के बाहर नहीं आ पाएगा तो इसलिए हमको ह्यूमन बिहेवियर पर भी ध्यान देना है ऐसा और भी डिफरेंट डिफरेंट जो है थ्री मतलब जो रिसर्च से साइकोलॉजिस्ट से उन्होंने का प्लेयर यह बिहेवियर अमेज़न से रिलेटिड और भी ढेर सारे पॉइंट्स एक दिन इसके बाद में जाकर नेक्स्ट है डिस्क्रिमिनेटिव पर्सपेक्टिव आफ साइकोलॉजिकल अब कॉग्निशन कि हम बात कर रहे थे तो पोजीशन क्या है प्रोसेस आफ मीट जहां आप चीजों को समझते हुए इसके अंदर थिंकिंग अंडरस्टैंडिंग परसीविंग मेमोराइजिंग problem-solving हर एक चीज आती तो मैंने आपसे कल कल को कोई कोऑर्डिनेशन का मीनिंग उसे नोटिफिकेशन आपको पता होना चाहिए उसके एक प्रॉपर डेफिनेशन कुनैक्शन जहां चीजों को समझते हो सोच सकते हो अंडरस्टैंड कर सकते हो याद कर सकते हो समझ सकते चीजों को पर सेव कर सकते हो फील कर सकते हो मैं इस कर सकते हो ध्यान कर सकते हो और प्रॉब्लम सॉल्व ठीक कर सकते हो मैथमेटिक्स की प्रॉब्लम सॉल्व कर दूंगा दिमाग को यूज करते हुए हम अभी तक 10th क्लास में करते हुए होंगे तो वह सारी चीजें आपके कोंबिनेशन प्रोसेस के थ्रू हो रही है तो बेसिकली डिफ़ाल्ट इज द कॉस्ट ऑफ फंडामेंटल प्रोसेस बाय विच ऑल नॉलेज शोल्ड डिवेलप एंड मेकस अवेलेबल टो डील विद इंवॉल्वमेंट इन स्पेसिफिक लिए नॉमिनेशन क्या है यह मेंटल प्रोसेस का एक होता है जिसके अंदर हमारा जो भी नॉलेज है वर्ल्ड को लेकर वह धीरे-धीरे डेवलप होता है जहां पर हम चीजों को ग्रहण करते हैं यहां पर हम चीजों को सीख सकते हैं और यह सारी चीजें हमारे इंवॉल्वमेंट से रिलेटेड होती है तो हम क्वाइट ए साइकोलॉजिस्ट विद ह्यूमन Manager इन्फॉर्मेशन पर सिस्टम कैलेंडर कंप्यूटर और कुछ ऐसे भी साइकिल रेस में कुंठित साइकोलॉजिस्ट हैं जो ह्यूमन माइंड को कंप्यूटर से रेट करने कि जैसे कंप्यूटर सारा काम कर सकता है सेम उसी तरह से जो ह्यूमन माइंड है वह काम करता है लाइक प्रोसेस करना डाटा स्टोर करना इन्फॉर्मेशन प्रॉसेस करना यह सारी चीजें ऑग्मेंटेशन जो है वह ह्यूमन माइंड से रिलेटेड है जिसमें हम कंप्यूटर के साथ बुलेट करके देखते हैं तो यह जो सारा पूरा इवोल्यूशन साइकोलॉजी का यह मतलब स्नान जितने भी सारी डिफरेंट ब्रांचेस की स्टडी किया एबी क्लियर हुई होंगी मैंने ज्यादा डिटेल्स में टोनी क्योंकि आलरेडी हम पढ़ चुके हैं सारा कुछ दृष्टि डिवाइस करना है एक रिकॉर्ड करना है सारी चीजों को हटाएं और समझ में आ रहा होगा next अकॉर्डिंग टू द गिवर - लेकर कंप्यूटर एंड एग्रेसिव प्रोसेस ट्रांसफरड टो सेंड थे इनफॉरमेशन आई समझ में कि इस अकॉर्डिंग कोंबिनेशन के अकॉर्डिंग माइंड क्या है एक कंप्यूटर की तरह है जिसके अंदर इन्फॉर्मेशन रिसीव की जाती है प्रोसेस की जाती है ट्रांसफर की जाती है इस टो की जाती है सेम में हमारा मन हमें तो चीजों को ब्लेंड करवाते हैं हमारे बारे में इंफॉर्मेशन आती है फिर उसके बारे में हम सोचते हैं विचार करते हैं फिर उसके बाद में जो आईडिया हमारी लाइफ में आते हैं तो उसे में ह्यूमन कंप्यूटर की तरह काम करता है कंप्यूटर ह्यूमन राइट की तरह काम करता है एंड मॉडर्न कॉग्निटिव साइकोलॉजी है उसमें ह्यूमन बींस को ऐसे देखा जाता है कि देर एक्टिव इन कंस्ट्रक्टिंग एयर लाइंस स्थित एक्सप्रेशन इन टू द फिजिकल एंड सोशल और उनका साफ कहना है कि आज के टाइम में जो कि टिप्स साइकोलॉजी है उसके अंदर ह्यूमंस अपने माइंड को खुद से कलेक्ट करते हैं जहां पर उनके वर्ल्ड मतलब पूरे वर्ल्ड में जो भी सारी चीजें हो रही है उसको एक्सप्लोर करना फिजिकल वर्ल्ड को समझना और धीरे-धीरे ऐसे करके उनका जो यह कोंबिनेशन है यह ड्रोस एंड स्किमिंग यह बढ़ता हुआ चला जाता है व्यू रिसेंट टाइम्स कॉर्ड कंस्ट्रक्टिविज्म और इसी चीज को कंस्ट्रक्टिविज्म कहा जाता कोंबिनेशन क्या है प्रोसेस आफ नाइन और उस प्रोसेस के रूप जब और यह चीजों को समझते जवाब और चीजों को जानते हो वर्ल्ड के बारे में आपको ही प्रशिक्षण बनता है यदि आप मेमोराइज करते चले जाते हो आप चीजों को सीखते वहां अपने माइंड को कंस्ट्रक्ट करते डिटेल्स कोल्ड कंस्ट्रक्ट ए बेटर कल सर्टिफिकेट पिया गर्ल्स व्यू आफ चाइल्ड डेवलपमेंट इस कंसीडर्ड एस कंस्ट्रक्टिविस्ट थ्योरी ऑफ डेवलपमेंट आफ विमेन इसमें प्यार मिर्च का भी एक व्यूअर है जहां हम चाइल्ड डेवलपमेंट की बात करते हैं कि चाइल्ड जैसे डेवलपर कपल एक बहुत छोटा सा बच्चा होता है फिर धीरे-धीरे धीरे-धीरे करके बड़ा होता है ओल्ड तक जाता और अभी ओल्डेस्ट जाते जाते हैं वह चीजों को सकता है बहुत सी चीजों को लर्न करता है मतलब ऐसा बोल देना कि वह तो बुजुर्ग लोग होते हैं वहां थे एक्सपीरियंस होता है क्यों होते हेलो फ्रेंड्स क्योंकि उन्होंने बहुत सी चीजों को सीखा है सब्जेक्ट कंस्ट्रक्टिविज्म तो उन्होंने ऐसे जो चाइल्ड डेवलपमेंट का पूरा कंसेप्ट है उसको भी कंस्ट्रक्टिविज्म से ही डिलीट करके बताया है इसमें एक और जो है लक्षण साइकोलॉजिस्ट टेंटेटिव वाइगोत्स्की यह सजेस्टेड ए ह्यूमन माइंड डेवलप्ड थ्रू सोशल एंड कल्चरल प्रोविडेंट की कोशिश करते हैं जो ह्यूमन माइंड है वह बहुत सारे सोशल एंड कल्चरल प्रोसेस के थ्रू धीरे-धीरे करके डेवलप होता है यानी कि ह्यूमन माइंड को डेवलप होने में उसकी सुसाइड उनका करियर बहुत ज्यादा हेल्प करते हैं सही से इज दैट इन थिस माइंड इस व्यूअर्स कल ट्रोली कंस्ट्रक्टेड थ्रू जॉइंट इंटरेक्शन बिटवीन एडल्ट्स एंड चिल्ड्रन तो यह बोलते हैं कि जब अडल्ट और चिल्ड्रन है दोनों एक दूसरे के साथ में ड्रायर करते हैं तब माइंड जो है वह कल ट्रोली कंस्ट्रक्ट होता है क्योंकि जब एडल्ट्स एंड चिल्ड्रन के बीच में इंफेक्शन होता है तो उन्हें जो है कैसा कल्चर है कैसे सोसायटी है यह बातें सारी सिखाई जाती हैं और ऐसे करते करते जो ह्यूमन माइंड है व हाइड्रोलिक कंस्ट्रक्ट होता जाता है तो जहां हमने टारगेट कपड़ा कृपया क्या बोलते हैं कि जो चाइल्ड डेवलपमेंट होगा हुआ था उसमें तो चिल्ड्रन होंगे वह एग्री अपने माइंड को कंस्ट्रक्ट खुद से करने वाले हैं लेकिन वह Bigg Boss कि क्या कहना है कि माइंड जो है वह जॉइंट कल्चरल कंस्ट्रक्शन है जो एडवेंचर चिल्ड्रन के बीच में एक मतलब है और इंटरेक्शन हो रहा है उसके प्रूफ माइंड कंस्ट्रक्ट हो रहा है लेकिन प्योर घी ऐड कर क्या कहना है कि चिल्ड्रन जब वह खुद मतलब धीरे-धीरे जैसे वह बड़े होते जैसे चाइल्ड डेवलपमेंट होता है वैसे-वैसे उनके माइंड का भी डेवलपमेंट होता जाता है और इसमें जो साहित्य है जो कल्चर है वह एक बहुत ही ज्यादा इंपोर्टेंट रोल प्ले करता है क्लियर है यह शांत असल में सुजॉग ट्यूशन ऑफ साइकोलॉजी और धीरे-धीरे सी गलती कर दी डिफरेंट डिफरेंट साथी के जैसे इसमें ह्यूमन माइंड के स्ट्रक्चर की बात हुई फिर ह्यूमन माइंड के फंक्शन की बात है फिर बिहेवियर की बाद में फिर एक्सपीरियंस इसके बाद हुई परसैप्शन की बात हुई फिर उसके बाद में जो है कैसे डेवलपमेंट होता है डेवलपमेंट कैसे साइकोलॉजिकल डेवलपमेंट का मतलब जब एक चाइल्ड डेवलपमेंट होता तो उसमें साइकोलॉजिकल डेवलपमेंट कैसे होता है और कंस्ट्रक्टिविज्म क्या होता है और यह जो का कोंबिनेशन है और अपने साथ में आपके अपने क्वेश्चसं आपको अपना अनकॉन्शियस माइंड यह सारे जितने भी सारे कंसर्ट्स आज हम करते हैं साइकोलॉजी में यह धीरे-धीरे ऐसे करके वॉल्व होते हैं और उसमें डिफरेंट डिफरेंट जो भी सारे साइकोलॉजिस्ट है यह जो भी फर्स्ट है उनका क्या कॉन्ट्रिब्यूशन रहा वह हम यहां पर एक-एक करके जो है सारा कुछ डिस्कस कर लिया है अब बारी आ जाती है डेवलपमेंट आफ साइकोलॉजी इन इंडिया मतलब कि अभी आपने यह देखा कि पूरे वर्ल्ड में साइकोलॉजिकल रिवॉल्यूशन कैसे हुआ और उसमें कौन-कौन सी आई डी एस होते हैं अब जब इंडिया में साइकोलॉजी डेवलप होती है तो वह कैसे डेवलपमेंट होता है उसको हमको यहां पर समस्या है तो बेसिकली ए डेवलपमेंटल साइकोलॉजी है तो बेसिकली इन इंडिया कंटिन्यूज टो बे डोमिनेटेड बाय वेस्टर्न साइकोलॉजिस्ट इंडिया में जो साइकोलॉजिकल डेवलपमेंट स्टार्ट होता है तो उसमें वेस्टर्न साइकोलॉजिस्ट जो है उसका रोल बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है तो मतलब इंडिया में बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जिनका डेवलपमेंट वेस्टर्न कंट्रीज के जो भी सारे डेवलपमेंट है उससे related रहा है मतलब क्योंकि हमारे यहां पर यह तो कॉलोनियलिज्म था और फिर उसके बाद में जैसे हमने वेस्टर्न कंट्रीज आईडियाज और सारी चीजों को जानना मैं चार्ट किया तो उसका एक इंश्योरेंस इंडियन सोसायटी पर बहुत जल्दी देखो मैं था बट इसका मतलब यह नहीं है कि इंडिया का अपना कोई गद्दार ऐसा दुबई नहीं था जहां से इंडिया डिवेलप हुआ इसका मतलब यह नहीं है बट बहुत सारी चीजें इनफ्लुएंस है वेस्टर्न डेवलपमेंट से तो वैसे ही साइकोलॉजी जो है वह भी वेस्टर्न साइकोलॉजिस्ट से बहुत ज्यादा एंट्रेंस है और डेवलपमेंटल साइकोलॉजी इन इंडिया इन थे लोअर केस्ट डेवलपमेंट है उसको हम पड़ी तो सबसे पहले जो मॉडर्न एरा है इंडियन साइकोलॉजी की वेस्ट होती है और हमारे यहां पर साइकोलॉजी यूनिवर्सिट्यूनिवर्सिटी चिन्ह से हम स्टार्ट करते हैं तो सबसे पहले क्या होता है कि जैसे पूरे वर्ल्ड में साइकोलॉजी तो चल रही है और जैसा हमने अभी पोलूशन ही पड़ा की एडिशन फिलॉसफी हो रही है उसका बहुत ही मेजर कंट्रीब्यूशन राहत साइकोलॉजी के अंदर तो सेम वे में इंडिया में भी जो पूरा पेंशन और सारी टेंशन साइकोलॉजी इन फिजियोलॉजी तो यह फिजियोलॉजी था डिफरेंस आप इस फिजियोलॉजी के थ्रू साइकोलॉजी डेवलप होता है अरे मैं क्या बोल रही हूं फिजूलखर्ची फिलॉसफी के सभासद सारे के सारे मिर्जा तुझे इन फिलॉसफी था उस मैं ऑफिस साइकोलोजी डेवलप होता है साइकोलॉजी है वह इमेज नष्ट करता है और इसी के साथ में यह तो फिलॉसफी यह बहुत इंपोर्टेंट रोल प्ले करता है साइकोलॉजिक डेवलपमेंट में से में फिलॉसफी इंडिया के अंदर हुआ था इंडिया में भी मतलब जैसे हिंदी में कृष्ण कहां करते हैं मतलब दार्शनिक दार्शनिक को हैं जो प्रयासों पर सोते हैं तो वह क्या करते हैं ह्यूमन भाई मां और जो बॉडी है ह्यूमन वाइन जो है वह सारी चीजें कैसे वर्क करती हैं उनके पर ज्यादा फोकस किया करते थे फिर धीरे-धीरे यह फिलॉसफी ही डेवलप हुआ और यह साइकोलॉजिकल है मतलब आज फिलॉसफी साइकोलॉजी दोनों डिफरेंट ब्रांचेस है बट कहीं ना कहीं फ्लॉर ही साइकोलॉजी का इमरजेंसी रहा है तो सही में इंडिया में भी खुलासा हुआ करता था और वहां से ही जो यह पूरा साइकोलॉजिकल डेवलपमेंट है कोई स्टार्ट होता है बट यू कि हमारे यहां पर मतलब जैसे कि मैंने आपको बताया कि हिस्ट्री को बहुत मतलब इतना ज्यादा इंडिया के ऊपर फोकस नहीं किया गया पहले से विदा ऐसा लगता था कि इंडिया बहुत ही ज्यादा जो है मतलब है कि केंद्र खुद तो कुछ था ही नहीं इंडिया के तो कोई हिस्ट्री ही नहीं रही है बट एक्जेक्टली इंडिया की बहुत टेस्टी रही वन कॉलोनियल रूल के पहले इंड तो था मतलब इंडिया के बहुत ही डिफरेंट कंट्रीज के साथ में रिलेशनशिप्स भी हुआ करते थे इंडिया कंट्री एंड इकोनामिक खान के साथ में पॉजिटिव उसका अपना कल्चर उसके अपनी सोसाइटी बहुत ज्यादा डेवलप्ड थी लेकिन उन चीजों को नजरअंदाज कर दिया और कब से किया जब से कॉलोनियल कंट्री जाए क्योंकि ब्रिटिशर्स में जब इंडिया में को आए थे तो उनका एक बेसिक यह सारी चीजें थी कि हमको जो है इंडिया के सारे रिसोर्सेस लेकर जाना है और सारा कुछ जो है ब्रिटेन मतलब उसको पूरा इनवेस्ट करना है इस मतलब रेनोवेशन जो आपने पढ़ा हुआ है कि सारा का सारा इंडिया से वेल्थ लिया उसको ब्रिटेन में लगा है वहां पर सारा प्रॉफिट किया किसने ब्रिटिशर्स में तो कहीं ना कहीं यह जो सारी चीजें थी मतलब ब्रिटिश उसका एक पूरा आइडिया था वह इंडिया को एक्सप्लोइट करने का ही था और इसलिए उन्होंने अपनी वेस्टर्न कंट्रीज को भरता था बढ़ा-चढ़ाकर ऑल इंडिया को कुछ भी नहीं तो इस वजह से इंडिया का जो अपना पासवर्ड है वह कहीं न कहीं दबा दबा सा रह गया तो इसीलिए जो हमारे यह फिलॉसफी वगैरह हुआ करती थी हमने उसके ऊपर तन ध्यान नहीं दिया और हमारे यहां पर साइकोलॉजिकल डेवलपमेंट वेस्टर्न डेवलपमेंट से ही इन्फ्रेंस वाह होता है बट इंडिया में जो है मधु जो है फिलॉसफी को बहुत ज्यादा वेटेज देने लगे बहुत ज्यादा उसके इंपॉर्टेंट समझने लगे हैं और धीरे-धीरे यह जो पूरा साइकोलॉजिकल डेवलपमेंट है इंडिया के अंदर यह आपकी यूनिवर्सिटीज के थ्रू स्टार्ट होता तो सबसे पहले क्या करते 1962 में एक डिपार्टमेंट ऑफ फिलॉसफी होता है कलकत्ता यूनिवर्सिटी में और यहां से ही इस डिपार्टमेंट ऑफ फिलॉसफी से ही साइकोलॉजी के जरिए इंडिया के अंदर स्टार्ट होती है मॉडर्न साइकोलॉजी ओके एंड है द फर्स्ट सिलेबल आफ एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी बस इंट्रोड्यूस अंदर फर्स्ट साइकोलॉजी लैबोरेट्री फॉर सस्टेनेबिलिटी इन 1958 यहां पर कहते हैं सबसे पहले 1958 में पहली लैबोरेट्री बनती है साइकोलॉजी के लिए और यहां से साइकोलॉजी का जो सिलसिला वह साइड है मतलब डिपार्टमेंट ऑफ फिलॉसफी के अंदर रहते हुए हैं जो कलकत्ता यूनिवर्सिटी में थी यहां से ही जो है वह साइकोलॉजी को पढ़ाना स्टार्ट करते हैं साइकोलॉजी के लिए सबसे पहली लैबोरेट्री ओपन होती है कहां और मतलब कोलकाता यूनिवर्सिटी में 1915 के अंदर तो यह जो हम डेवलपमेंट लिखना है ना इसको नोट करते हुए चलो कैसे जैसे आपने 18 शौचालय आपने यहां पर लिखा डेवलपमेंट आफ साइकोलॉजी इन इंडिया शॉर्ट में लिख लो क्योंकि हम हमारी नोट बना रहे हैं न भावै हमका टीचर से चेक तो करवाना नहीं है तो शर्ट में लिख लो डेवलपमेंटल साइकोलॉजी इन इंडिया इंडिया सबसे पहले आपने लिखा कलकत्ता यूनिवर्सिटी और कलकत्ता यूनिवर्सिटी में में यह जो आपका डिपार्टमेंट ऑफ फिलॉसफी हुआ करता था ठीक है यह की टीम का मतलब क्या होता है डिपार्टमेंट अभी डिपार्टमेंट ऑफ फिलॉसफी है तो यहां पर क्या होता है सबसे इंपोर्टेंट है कि 1950 में फर्स्ट लैबोरेट्री ओपन की जाती है फॉर साइकोलॉजी तो यहां से आप ऐसे करके अपने शॉर्ट नोट बना लिया अब इसके बाद में सेकंड जो चीज में उसको यहां पर नोट ऑन करना है जो थर्ड में हुआ वह यहां पर न्यूटन करना तो ऐसे करके क्या होगा कैसे-कैसे डेवलपमेंट है इसके नोट बन जाएंगे ठीक है तो यहां पर रिवीजन करते-करते साथ में नोट भी बनते हुए चल रहे हैं तो इस चीज का भी ध्यान रख देंगे इसके बाद में कलकत्ता यूनिवर्सिटी इस साइड अफेयर्स डिपार्मेंट आफ साइकोलॉजी 1916 अनुसार डिपार्टमेंट ऑफ एप्लाइड साइकोलॉजी 1938 यह देखिए कि इसके बाद में पहला डिपार्टमेंट ऑफ साइकोलॉजी ओपन होता है 1968 में ऑफिस दूसरा डिपार्टमेंट जो है एप्लाइड साइकोलॉजी का जहां पर साइकोलॉजी को एप्लाई किया जाता है हमने बेसिस वर्सेस एप्लाइड साइकोलॉजी पड़ा हुआ है इससे क्वार्टर ठीक है जब हमने थीम्स आफ रिसर्च इन साइकोलॉजी पड़ा हुआ था ना 300 रिसेंट एप्लीकेशन बार हमने अप्लाइड साइकोलॉजी पड़ा था जो एप्लाइड साइकोलॉजी होती है जहां पर हम साइकोलॉजी में हमने जो भी सारे कुछ रिसर्च गया है उसको इन रियलिटी इंप्लीमेंट कर सकते हैं अप्लाई कर सकते हैं यदि यह अप्लाइड साइकोलॉजी तो इसका एक से डिपार्टमेंट 19038 में ओपन किया जाता है और यह दोनों डिपार्टमेंट कहां पर ओपन हुए कलकत्ता यूनिवर्सिटी रीवा का सेकंडों जाना चाहिए इसका आपको ऐसे भी लिख सकते हो कि जैसे यहां पर आपने लिखा है कलकत्ता यूनिवर्सिटी थे इसी दौरान जैसे कि या फिर आपने लिखा कि डिपार्टमेंट ऑफ साइकोलॉजी और यह का ओपन हुआ 1968 में फिर इधर ही कलकत्ता यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ एप्लाइड साइकोलॉजी अपने लिखा डिपार्टमेंट ऑफ यह एप्लाइड साइकोलॉजी आप अपने हिसाब से लिख लेना और यह 1938 में ओपन हुआ और एक बार यह जो डाटा है इसको प्रोस्टेट करो वह के साथ में के रूप में भी यह सारी चीजें हुई है क्योंकि बहुत बार ऐसा भी होता है कभी-कभी ना कुछ अलग डूबा रहता है तो उसको कभी क्रॉस चेक कर लिया करो ठीक है अभी हो गया फिर उसके बाद में द बिगिनिंग ऑफ मॉडर्न एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी एंड कलकत्ता यूनिवर्सिटी ग्रेटर इन प्लेस व्हेयर इंडियन साइकोलॉजिस्ट डॉ एंड सेन गुप्ता व स्ट्रैन्यूअस एंड एक्सपेरिमेंटल एडिशन टो 1518 के जो पूरा मतलब एक स्ट्रक्चरलिज्म वगैरह जो उनका पूरा और थाना जो थ्योरी अब हमने पड़ी इंट्रोस्पेक्शन इंटर और यहां पर स्ट्रक्चरलिज्म तो वह सारी चीजों में ट्रेन ढूंढ डॉक्टर एंड सेनगुप्ता तो यह क्या करते हैं यह भी मॉडर्न एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी जो है कलकत्ता यूनिवर्सिटी में स्टार्ट करते हैं मदद स्टार्ट होती है उसमें इनका भी बहुत इंपोर्टेंट कॉन्ट्रिब्यूशन रहता है फिर प्रोफेसर जीरो होते हैं वह युरिन psycho-analysis में ट्रेन होते हैं जो हमने पढ़ा हुआ था सीमेंट का psycho-analysis का कंसेप्ट उसको जो है इन्होंने पड़ा हुआ था तो यह क्या करते हैं यह इंडियन साइकोलॉजिकल सफर इस आपको एडिटर एसोसिएशन 1922 में ओपन करते हैं तो यह आप खुद ही देख रहे होंगे कि इसमें कितनी सारी चीज़ें हो रही है हैं और बहुत बढ़िया कन्फ्यूजिंग भी होता है कि सबसे पहले क्या हुआ था उसके बाद में क्या हुआ था तो वह क्रोनोलॉजी आपको जो है मतलब लिखना बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है ना क्रोनोलॉजिकल समझिए और उसके बाद में यहां पर जो है लिखिए कि इसके बाद में क्या होता है कि जो है इंडियन साइबर आर्मी मेडिकल एसोसिएशन 1922 में ओपन हुई और किसने करी प्रोफेसर जार्ज बुश ने डॉक्टर एंड सेनगुप्ता उन्होंने भी इसमें यह जो कलकत्ता यूनिवर्सिटी में सारा कुछ चल रहा है साइकोलॉजी से रिलेटेड उसमें इंर्पोटेंट कंट्रीब्यूशंस दिए इसके बाद में डिपार्मेंट आफ साइकोलॉजी जो है वह यूनिवर्सिटी आफ मैसूर में ओपन होती है एंड पटना व अली सेंटेंस ऑफ टीचिंग एंड रिसर्च इन साइकोलॉजी फिर पटना में मैसूर में यहां पर भी जो है साइकोलॉजिकल डिपार्टमेंट बनाना स्टार्ट होते तो जो मैं आपको बोल रही थी कि यूनिवर्सिटी टीचिंग हमारे स्टार्ट होते यूनिवर्सिटी इसमें हम साइकोलॉजी के डिपार्टमेंट्स ओपन करने स्टार्ट करते हैं साइकोलॉजी पढ़ाना स्टार्ट करते हैं तो धीरे-धीरे जब बच्चे पढ़ने लग जाते साइकोलॉजी के बारे में तो उनको समझ में आने लगता है कि साइकोलॉजिक क्या है और ऐसे करके साइकोलॉजी की ग्रोथ इंडिया के अंदर होती है डेवलपमेंट इंडिया के अंदर होता है और दो सेंटर्स आफ एक्सीलेंस कॉलेज में यह अधिक है एक यूजीसी मतलब यूजीसी के है यह दोनों सेंटर एक है उत्कल यूनिवर्सिटी और एक और भुवनेश उत्कल यूनिवर्सिटी भुवनेश्वर और जो दूसरी है वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ इलाहाबाद यह दो यूनिवर्सिटी जो यूजीसी सपोर्टेड है मतलब यह होता है ना वहां से इसको सपोर्ट किया जाता है तो मतलब साइकोलॉजिक यह दो मेजर डिपार्टमेंट वर्क करते हैं और इन यूनिवर्सिटीज के अंदर और अट प्रेजेंट करीब सेवेंटी प्लस यूनिवर्सिटीज में इसको साइकोलॉजी की कोर्स को जो है पढ़ाया जाता है क्लियर है आइए यहां पर समझ में तो मैं आपको दौड़ना के जो है पूरा ऐसे लिखी चलो पूरे क्रोनोलॉजी बना लो कि कौन सी चीज का होती है और उसमें किसने अपना कॉन्ट्रिब्यूशन दिया जैसे कलकत्ता यूनिवर्सिटी फिर कलकत्ता यूनिवर्सिटी के आगे लिखा 1968 जो भी सारी चीजें उसको सामने लिख लो तो ऐसे क्या होगा अच्छे से याद होगा यह चीज ध्यान में भी रहेंगी सबसे पहले क्या हुआ था कि इसलिए मिशन नोट नोट बोल के देखो बहुत बार ऐसा भी होता है कि कुछ स्टूडेंट्स करते हैं अपनी बुक में ही हाईलाइट कर लेते तो अगर आपको उसे याद आ जाता है तो आप चाहें तो मुझे नहीं पता था उस याद व्यक्ति नहीं थी तब तक मुझे सारी तेरी याद नहीं होती तो इसलिए आपने देखा मैं बोर्ड पर भी बहुत इजी लिखती रहती हूं हाईलाइट करते रहते हैं यह जो मतलब मेरा हाथ है यह लिखने के लिए चलता ही रहता है तो इसलिए जिग्नेश दादा आप लिखने कि आपके हबीब मियां तो उससे तो आंसर राइटिंग पर फर्क पड़ता है और दूसरा आपको याद भी रहती तो इसलिए जो बार-बार इवन सौगंध रही हूं कि शॉर्ट नोट्स बनाओ तो उस वह सच में बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है उसको जरूर बनाओ और अगर नहीं बनाओगे तो एग्जाम में उसकी कमी तो है वह आपको बहुत ज्यादा महसूस होने वाली है ओके अब नहीं कि आपका पेजेस ऑफ मॉडर्न साइकोलॉजिकल डेवलपमेंट अब यह तो हमारे आई साइकोलॉजी की जर्नी कैसे स्टार्ट होती है यूनिवर्सिटी के थ्रू यह हमने देखा आपके दुर्गानंद सुना है वह उनके बुक रहती है साइकोलॉजी इन थर्ड वर्ल्ड कंट्री साइकोलॉजी इन थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज दुर्गानंद सेना की बुक होती है द इंडियन एक्सप्रेस में एक्सपीरियंस करके कि इसमें तो क्या कहते हैं और इसमें मॉड इन साइकोलॉजी को ऐसे सोशल साइंस इंडिया में बताया था और उसके फैसले को हैं मतलब कि दूध आनंद सिन्हा की जो बुक है साइकोलॉजी इन थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज व्हेयर इंडियन एक्सपीरियंस पूरी उसका नाम है उसका नाम नोट कर लेना ठीक है दुर्गादास ने लिखने ना रुकणा देख लेना क्योंकि ऐसे योग और ज्योतिष में पूछ लेते हैं यह सारी चीजें कि जब वो आपसे क्वेश्चन आ गया कि यह जो भूख है इसको किसने लिखा है यह आ गया ठीक है यह दुर्गंध सुना कि कौन से मुक्ति यह दिया है तो इसमें आपको पता होना चाहिए यह तक इस भूपेंद्र उन्हें क्या चीज बता थिस बुक अंदर में क्या बताया कि 1998 में पब्लिश होती है एंड प्रेस द हिस्ट्री ऑफ मॉडर्न साइकोलॉजिकल साइंस सोशल साइंस इन इंडिया इन फॉर थिस फॉर फैंस के अंदर मॉडर्न साइकोलॉजी के हिस्ट्री को इंडिया में देखा जाता तो वह फैंस को यहां पर एक-एक करके डिस्कस करेंगे जब मैं फर्स्ट पेज में क्या कहा जाता है कि 10 पिमेंटल इंडिपेंडेंस एंड डिवेलप एस विद टेंपरेचर्स एंड एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी मेडिकल एंड साइकोलॉजिकल टेस्टिंग रिसर्च एक टाइम रिलेटेड डेवलपमेंट और डिसिप्लिन इन वेस्टर्न कंट्रीज मगर यहां पर आपको यह बता दें कि मॉडर्न साइकोलॉजी डेवलप हुई है तो यह धीरे-धीरे डेवलप हुई तो यह कैसे इसमें सारा जो है मतलब कैसे स्टार्ट हुई तो इसको फेस में डिवाइड किया है पहला फेज है इंडिपेंडेंस पर नगर जब हम इंडिपेंडेंट मतलब हुए हैं 1947 से पहले तक का टाइम इंडियन 1947 डिफरेंट हो जाता है इससे पहले तक का ग्रहण करेंगे ब्रिटिशर्स का रोल हमारे यहां पर अब ऐसे टाइम में हम एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी इन इलेक्ट्रिकल और साइकोलॉजिकल टेस्टिंग इस पर ज्यादा फोकस करते हैं मतलब यहां पर हम साइकोलॉजिकल स्नान उसको एनालाइज कर सके रिसर्च कर सके टेस्ट कर सकें जो भी हम रिसर्च करें उसको एक्सपेरिमेंट अगर हम कर सकते हैं साइंटिफिक वे में जो हमारे रिसर्च चल रही थी और यहां पर जो है मतलब वेस्टर्न कंट्रीज कान्फ्रेंस बहुत था यह बता रहे हैं कि इंडिया में साइकोलॉजी डेवलप हो रही है 1947 के पहले तो वह कुछ इस तरह से डेवलप हुई जिसमें अपने एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी साइकोलॉजिकल टेस्टिंग वगैरह है उसके थ्रू साइकोलॉजिकल डेवलप किया और यहां पर जो हमारे इंडिया में साइकोलॉजी डिवैलप हो रही थी उसमें वेस्टर्न कंट्रीज का इनफ्लुएंस ओवर था वह जाता था फिर उसके बाद में मैं आपका सेकंड है अब यह जो सेकंड फेस है डिस्प्लेसमेंट एंड द 1968 यह जूस पी रहा यह 1950 तक गार्लिक को इसके लिए भी बहुत अच्छा तरीका है कैसे इसको लेकर कैसे नोट बना सकते हो यह को यहां पर यह में रखकर हूं ठीक है यह दुर्गा नंद सिंह झाला है और फिर इसके बाद में कि आपने लिखा उनकी बुक का नाम ठीक है यहां पर उसके लिए उनकी उसका नाम लिख दो क्या है उसका नाम अब हम यहां पर देखा कि आपको फर्स्ट यहां पर थोड़ा सा है और सिगरेट पीना थर्ड वर्ल्ड कंट्री द इंडियन एक्सप्रेस यह आपने उसका नाम यहां पर लिख दिया कि साइकोलॉजी मैं वेबसाइट मिली वहां इन थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज ऑफिस के बाद में द इंडियन एक्सपीरियंस आप अपने लैंग्वेज विडियो शॉर्ट में लिख सकते हैं और 1968 में लिख लो 9860 यह देखो क्या हो गया हम यहां पर उसका नाम दिया गया दोनों सेना ने लिखी थी वह दिया गया 1965 निषेधज्ञा अब इसके बाद में उन्होंने क्या बताया इन्होने बताया है ऑफिस में में आ मॉडल थे साइकोलॉजी इन इंडिया अरे कैसे डेवलपमेंट है इसे 21 कि यहां पर बाद रहिए इग्नोर माय दिस राइटिंग थोड़ी सी ठीक है फिर यहां पर यह आपने ऐसे करके एक साथ बनाया यह आपने यहां पर स्टार्ट में सबसे पहले लिखा फर्स्ट प्लेस फॉर जॉब वर्स्ट फीयर्स है हमारा वह कब तक है वह हमारा टेस्ट 1947 और इसे एक प्लेट में हमने क्या देखा कि आप एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी एडिटिंग और साइकोलॉजिकल टेस्टिंग रिसर्च पर बहुत ज्यादा फोकस कर रहे हो और वेस्टर्न कंट्रीज सके जो आईडिया से डिफरेंट है साइकोलॉजी का वह थोड़े भर यहां पर सेलेक्ट करते हैं तो आप इसको ब्रैकेट में लिख सकते अमेरिका एक्सपेरिमेंटल साइकिल इलेक्ट्रिकल एंड साइकोलॉजिकल टेस्टिंग प्लस वेस्टर्न साइड आईएस और ऐसे पूरा एक ड्राफ्ट बनाकर यहां पर जो है नीचे शॉर्ट में लिख सकते हो सके जो फेस है अब यहां पर हम सेकंड फेस पर रहे थे सेकंड फेज जो है हमारा वह ऐड तिल 1968 अब इसे एक प्लेट में क्या सारी चीजें ही वह अपने यहां पर लिख या फिर आपने ली यहां पर थर्ड फेस फीट पर जब तक चलेगा वह आप लिख लो और मेहनत में क्या था वह अपने लिखिए फिर उसके बाद यहां पर अपने लिखवा ऑफिस है मैं ऑफिस स्पेस में जो सारी चीजें थी वह यहां पर नोडल ऑफिसर तो यह यह छोटे-छोटे नोट्स नोट्स के तो आपको टॉपिक भी आ जाएंगे उसमें जो भी सारा कंटेंट आपने पढ़ा है वह भी सारा कुछ याद हो जाएगा तो अच्छे से समझ पाओगे कंसेप्ट को अब देखो यह 1965 तक सेकंड फेस चलता है और इसमें इंडिया और के अंदर साइकोलॉजिस्ट डिफरेंट डिफरेंट ब्रांच इसके अंदर ग्रो कर रहा था मतलब कि इंडिया में ही जो डिफरेंट ब्रांच इसके अंदर बहुत सारे से डिफेंस के अंदर हम साइकोलॉजिकल लेकर आए थे और इसे फेस के अंदर इंडिया और डिफरेंट मतलब डांस इसके अंदर हाथ जो वो डेवलपमेंट होता है और इंडियन साइकोलॉजी शोल्डर टो शोल्डर डिजायर टो हैव इन इंडियन आईडेंटिटी बाय सीकिंग टो लैंग्विश इन साइकोलॉजी टू इंडियन कॉन्टेक्स्ट होने के कारण यह बोला कि इंडिया में जो डेवलपमेंट हो रहा है साइकोलॉजी का तो उसमें थोड़ा सा इंडियन कॉन्टेक्स्ट मेन रहे और उसमें वेस्टर्न कंट्रीज का थोड़ा-बहुत टच होना चाहिए मतलब वेस्टर्न आईडिया जो है यह वेस्टर्न साइकोलॉजिस्ट जो है वह थोड़ा सा उसके साथ में रिलेटिड रहे मैडम को एक इंडियन साइकोलॉजी को जो है डेवलप करना है सनद हो कि इन साइकोलॉजी सिर्फ और सिर्फ मिस्टर साइकिल भी सही इन फैक्ट ऐसा ही है तो फिर थक जाता है थर्ड ए पोस्ट 1968 का फेस और इसमें हम क्या करते हैं प्रॉब्लम ओरिएंटल रिसर्च करते हैं मतलब इंडिया में जो भी सारी प्रॉब्लम्स जैसे फॉर एग्जांपल पावर्टी के अगर हम बात करें तो पावर्टी का एक पूरा साइकोलॉजिकल सुना क्या है कैसे हम पार्वती को खत्म कर सकते हैं और पार्वती को खत्म करने में साइकोलॉजी कैसे हमारी हेल्प करने वाली है और पावर्टी के क्या सारे रीजंस है हम इन सारी चीजों पर ज्यादा फोकस करना है इस साइड करते और हम यह बोलते हैं कि अब हम वेस्टर्न कंट्रीज का जो या वेस्टर्न साइकोलॉजिस्ट जो है उसको बहुत ज्यादा उसके ऊपर डिपेंड नहीं रह सकते हैं क्योंकि इंडिया के अपनी इससे पावर्टी है तो इंडिया में पावर टिगरिस अलग है वेस्टर्न कंट्रीज में पावर्टी है तो उसकी डिटेल्स अलग है तो इंडियन सोसायटी अपने आप में बहुत यूनिक है उसमें हम वेस्टर्न कंट्रीज एडिडास को या वेस्टर्न साइकोलॉजी कुंडली में नहीं कर सकते तो अब हम को थोड़ा सा वेस्टर्न साइकोलॉजिस्ट से जो है हटना होगा और इंडिया के इशूज को इंडियन साइकोलॉजी के साथ में हमको Dr करना वह यह एक पेज है यहां पर हम इंडिया है और जो भी सारे इशू सोते हैं प्रॉब्लम हो रही एंट्रीज है इंडिया के अंदर हम करना स्टार्ट कर देते हैं फिर इसके बाद में आता है लास्ट आफ का फोर्थ फेस तो फोर्थ फैंस है लेट 1970 इसका टाइम पीरियड और यहां पर क्या है इन टियर्स इन आइज स्टेशन का फैसले से कहा जाता है इंडिआनाइजेशन का सैस इसको क्यों कहा जाता है क्योंकि यहां पर हम बिलकुल जो है मतलब सिर्फ और सिर्फ इंडियन साइकोलॉजी पर फोकस करें देखो इस कटिंग से कैसे हो रहा जिसे फर्स्ट पेज है तो फर्स्ट फेज में वेस्टर्न साइकोलॉजिस्ट का इनफ्लुएंस है सेकंड फेज में हमने एक देखा कि वेस्टर्न साइकोलॉजिस्ट प्लस इंडियन साइकोलॉजिस्ट थर्ड फेज में हमने क्या चीज देखी की इंडियन साइकोलॉजी हम यूज करेंगे इंडियन प्रॉब्लम्स के लिए इंडियन साइकोलॉजी हम यूज करेंगे इंडियन प्रॉब्लम्स को आंसर करने के लिए इसमें रिसर्च करने के लिए और फिर जब का फैसला आ गया वह सिर्फ और सिर्फ इंडियन साइकोलॉजी को लेकर हैं इंडिआनाइजेशन को लेकर है यहां पर हमको यह सच है कि वेस्टर्न साइकोलॉजिस्ट के ऊपर अकेला रेस्ट नहीं कर सकते हैं इंडियन को भी साथ में लेना होगा और यहां इंडिया को हमने ज्यादा फोकस खराब मतलब इंडिया साइकोलॉजी जो है इसके ऊपर हमने ज्यादा फोकस करना चाहिए क्योंकि इंडियन प्रॉब्लम्स फॉर इंडियन साइकोलॉजी ही निकल कर सकता है और ऐसे में धीरे-धीरे जब हमने साइकोलॉजी में मतलब जैसे क्या होता है कि साइकोलॉजिकल बहुत सारे पहना सकते हैं बट इंडियन साइकोलॉजी यह वेस्टर्न साइकोलॉजिस्ट का मतलब यहां पर क्या है कि वेस्टइंडीज में जो साइकोलॉजी डिवेलप है उसका एक पूरा हमने रेवल्यूशन अभी यहां पर डिस्कस किया था तो मैंने देखा कि कैसे धीरे-धीरे आईडिया जाते हैं और वह जो सारे आइडिया में ऑफ इसलिए हमारे जो भी सोसाइटी में जो कि हमारे इंवॉल्वमेंट में चीजें चल रही है उसके थ्रू ही हम चीजों को समझ पा रहे हैं और फिर हम साइकोलॉजी को डेवलप कर पा रहे हैं इंडिया में सीमेंट जैसी इंडियन सोसायटी होगी हमको अकॉर्डिंग साइकोलॉजिकल प्रेम करना होगा उस अकॉर्डिंग हम को जो भी सारी प्रॉब्लम से उनको सॉल्व करना होगा यह हमको थर्ड फेज में रिलाइज होता है और फर्स्ट पेज में हम इंडियन हाइड्रेशन पर आ जाते हैं यहां पर हम जो है सिर्फ और सिर्फ इंडिया में मतलब साइकिल ऑफ इन साइकोलॉजी की इंडिया के अंदर न्यू आईडी बनाना स्टार्ट करते हैं और यहां पर हम वेस्ट प्रेम व को अच्छी तरह से रिजेक्ट कर देते हैं और इंडियन साइकोलॉजिस्ट के ऊपर ज्यादा फोकस करना इंडियन साइकोलॉजिस्ट ज्यादा अच्छे से इंडिया की प्रॉब्लम को इंडिया की सिचुएशन को समझ पाते हैं कल ट्रोली भी और सोशली भी और इसी के साथ-साथ में इंडीज इन साइकोलॉजी का डेवलपमेंट होता है इंडिया के अंदर जिसके अंदर इंडियन कल्चर और उसकी सुसाइटी बहुत ही ज्यादा एलिमेंट हैं क्लियर यह हमने पढ़ा हुआ तो यह सारी डिटेल में डिस्कस कई मतलब आलरेडी हमने क्रीम है तो जस्टिन जल्दी-जल्दी ए पूरा गुरु कर लेते हैं दादा ने तो लेंगे चैप्टर है हमारा लेकर भी मदद हो जाएगा न एक्ट आफ थे डिपार्मेंट आफ साइकोलॉजी इन इंडिया के अंदर ही प्रेजेंट कॉन्टेक्स्ट आफ साइकोलॉजी इन इंडिया आप यह हमें देखने की कैसे इंडियन साइकोलॉजिस्ट तो यूनिवर्सिटी टीचिंग फिर कैसे डिफरेंट पेजेस में साइकोलॉजी डेवलप हुई तो इस मामले में दुर्गंध सेना के बारे में पढ़ा आप प्रेजेंटली साइकोलॉजी का क्या स्ट्रक्चर है यह प्रिंट एक है साइकोलॉजिकल इंडिया के अंदर तो बेसिकली साइकोलॉजी इंडिया में जो है वह बहुत ही सिग्निफिकेंट कॉन्ट्रिब्यूशन देर है वह पूरे वर्ल्ड में साइकोलॉजी में इंडिया साइकोलॉजी भी जो है मतलब या इंडिया की जो पूरी साइकोलॉजिकल सिनेरियो है वह भी बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है कि रेलवे इन है और एंड विक्रम और कॉन्टैक्ट विल बे एंपासाइज्ड थे नीड फॉर डेवलपिंग साइकोलॉजिकल प्रिंसिपल्स न्यू रिसर्च स्टडीज इंवाल्विंग इंटरफेस विद न्यूरोबायोलॉजिकल एंड साइनिफिकेंस आईएस बीइंग केरिड आउट इन साइकोलॉजी इन इंडिया हस नॉट बीन अप्लाइड इन डायवर्स प्रोफेशनल लिया तो यह बोल रहे हैं कि आज के टाइम में तो साइकोलॉजी है इंडिया में साइकोलॉजी है उसमें हमने जो है कॉन्टैक्ट विद चीजों पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया वहीं उसके कंडक्टर के ऊपर उसके अंदर हम क्या सारी चीजों पर रिसर्च करते हैं तो न्यू रिसर्च करना हमने स्टार्ट किया है जिसके अंदर हम न्यूरोबायोलॉजी साथ में हेल्थ साइंस मेडिसिंस इन सारी चीजों का रेफ्रेंस लेते हैं इसके बाद में इंडिया में जो साइकोलॉजी है उसको आज़म एप्लाई भी कर सकें मतलब ऐसा नहीं है कि सिर्फ और सिर्फ हमने रिसर्च की और बस हो गया रिसर्च करने के बाद में जो भी साफ हम हमको पता चला है जो कि साइकोलॉजिकल प्रिंसिपल समय डेवलप करें हैं उन प्रिंसिपल्स को भी हम क्या कर सकते हैं अप्लाई कर सकते हैं तो इससे अप्लाइड साइकोलॉजी भिजवा इंडिया के अंदर मतलब आज के टाइम पॉसिबल हो चुका है ना साइकोलॉजिस्ट वाकिंग विद चिल्ड्रन हैव इन स्पेशल प्रॉब्लम्स आधे लेंप्लाइट इन हॉस्पिटल्स आफ क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट एंड वैरीयस फील्ड्स सुच एस कॉरपोरेट ऑर्गेनाइजेशंस ह्यूमन रिसोर्स एडवरटाइजिंग डिपार्टमेंट स्पोर्ट्स डायरेक्टर रिसर्च डेवलपमेंट सेक्टर एंड आईटी इंडस्ट्री तो अब जो है हमने बहुत सारी साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम्स यह चिल्ड्रंस रिलेटिड होता है अडल्ट से रिलेटिड हो सभी को आंसर करने स्टॉक सभी को सॉल्व करने से आपके इसलिए हमारे पास में आज के टाइम में बहुत सारी क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट भी हैं राजस्थान में काउंसलर साइकैटरिस्ट है जो वैरीयस फील्ड्स में काम कर रहे हैं चाय-कॉफी प्रिंट और विदेश में हो या ड्यूटी में हो जाए आईटी इंडस्ट्री में हो ह्यूमन रिसोर्स में हो मेडिसिन में हेल्थ में हो हर एक सिस्टम हमारे पास में डिफरेंट साइकोलॉजिस्ट है जो बहुत ही अच्छे अपने वह को कर रहे हैं तो इस तरह से यह प्रेजेंट सिनेरियो है साइकोलॉजिकल इंडिया में और बहुत अच्छे से साइकोलॉजी इंडिया के अंदर भी डेवलप हो रहा है अ यहां पर समझ में तो इवोल्यूशन आफ साइकोलॉजी होने पर लिए डेवलपमेंटल साइकोलॉजी इन इंडिया हमने पर लिया अब इसके बाद में डिफरेंट ब्रांचेस आफ साइकोलॉजिकल हम वॉच शॉर्ट में डिस्कस करेंगे और डिटेल में आपको बढ़ाया है मैं इस आपको कुछ चीजें हमलों के दिखाओ नोड इन सब है आपको सब पढ़ना आपको सारा घुस रीड करना है कि आप रीड भी कर सकते हैं और सारा कुछ अच्छे से पढ़ भी सकते हो बट जस्ट एक बार रिकार्ड हमको गाना सारी चीजों का इजहार अच्छे से हम को जो है रिवाइज कर लेना है जो भी हमने पढ़ा हुआ कोई चीज हम सबमिट नहीं होनी चाहिए मैं बहुत ज्यादा डिटेल्स मिल जाएंगी बस मैं आपको फटाफट से सारी चीजें बता दूंगी ठीक है तो डिफरेंट फ्रांसिस में साइकोलॉजी की और इसके लिए हमने बहुत अच्छे ग्राम पर बना हुआ था तो यहां पर आप उसको बना सकते हो मतलब मेरे लीफ ड्राइंग बहुत ज्यादा अच्छी है नहीं और राइटिंग भी आप इन्हें देखी नहीं है तो बेसिकली जिसकी मतलब ड्राइंग अच्छी वह चीज बना सकूं क्या करो एक टीम बनाओ एक ऐसी टीम बनाओ और मैं तो मतलब ऐसे बहुत छोटे से ऐसा ही दूरी बना रही हूं तो मैं अभी हां ऐसा ही बना रही हूं ठीक है अब यह जो आपने पहले बनाया है ना तो इसका यह जो पूरा ब्रांच है इसमें क्या लिखो मतलब यह इसकी मेन रूट्स के जो यह पूरा गांव हुआ है यहां पर लिखो साइकोलोजी यहां पर क्या लिखो साइकोलॉजिस्ट और फिर अब इस यह जो ट्री है इसकी बहुत सारी ब्रांच इस है तो जैसे एक तभी हम यहां पर बैलेंस डिस्कस करेंगे तो आप ऐसे यह समझों कि यह जो प्रिंसेस है यह क्रीम से बाहर आ रही है ठीक है मतलब समझ रहे हो ना सब जाओ अब यह ब्रांच इससे बाहर आ रही हैं तो यह कौन सी ब्रांच इस होती है साइकोलॉजी की ऐसे करके यहां पर सारे नाम लिखे ना भी मैं आपको सारे नाम बताऊंगा कि करके तो सारे ऐसे लिख लेना और अगर आप मतलब आपके पास में तो बहुत ही बड़ा सा प्ले होगा ना तो उस पर और भी जो भी सारी छोटी-छोटी पॉइंट बताऊंगी इसको नोट ऑन कर लेना है यह हमने मतलब लाइक शेयर बहुत अच्छे से पढ़ा था जब डिटेल में टॉपिक को इस टॉपिक मैंने एक्सप्लेन योर दर आंसर्स आफ साइकोलॉजी को तब हमने बहुत डिटेल में से चीज को डिस्कस करा था ठीक है तो सबसे पहले कॉग्निटिव साइकोलॉजी कॉग्निटिव जो कोंबिनेशन से रिलेटेड रिकॉग्निशन केसेस रिलेटेड है प्रिंटिंग से साथ-साथ में आप कपड़े से साफ नोइंग रिमेंबरिंग अंडरस्टैंडिंग इन सारी चीजों से कोंबिनेशन रिलेटेड है अब यहां पर डाइट इन्वेस्टिगेट्स मेंटल प्रोसेसेस इंवॉल्वड इन एक्शन स्टोरेज मैनिपुलेशन एंड ट्रांसफॉरमेशन आफ थे इनफॉरमेशन रिसीवड फ्रॉम थे इंवॉल्वमेंट अलांग विद जूज एंड एप्लीकेशन देखो अब एडमिशन के बारे में पढ़ा कॉर्पोरेशन प्रोसेस आफ नोइंग है जहां पर हम चेहरे को जॉइंट करते हैं समझते हुए मेंबर कर सकते हैं हम सोच सकते हैं हम थिंग कर सकते हैं यह सारी चीजों से कोंबिनेशन रिलेटेड है और कॉग्निशन साइकोलॉजिस्ट जो है मतलब जो अभिनित फिल्म में साइकोलॉजिस्ट है वह इस माइंड को ह्यूमन माइंड को कंप्यूटर के साथ में रिलेट करते हैं कि जैसा ह्यूमन माइंड वक्ता सेंटर में कंप्यूटर्स भी वर्क करते हैं जहां पर आपको और जो भी इन्फॉर्मेशन इसको स्टोर कर सकते हो मैंने प्लेट कर सकते हो बस कर सकते हो ट्रांसफार्म कर सकते हो रिसीव कर सकते हो तो से वे में जो हमारे मेंटल प्रोसेस है उन यह सारी चीजें होती हैं और जो मेजर कॉग्निटिव प्रोसेस होता है जैसे अटेंशन है परसेप्शन है मेमोरी है रीजनिंग प्रोबलम सॉल्विंग एंड डिसीजन मेकिंग है लैंग्वेज है तो इन सारी फील्ड में भी रिसर्च की जाती है कि इसके अंदर साइकोलॉजिकल ब्रांड इन ऑर्डर टो स्टडीज कॉग्निटिव प्रोसेसेस साइकोलॉजिस्ट कंडक्टर एक्सपेरिमेंट इन लैबोरेट्री सेटिंग लेबल आईएस ट्रांसफरड एंड इकोलॉजिकल अप्रोच एंड ए साइकोलॉजिस्ट ऑफ कैलीबरेट विथ न्यूरोसाइंटिस्ट एंड कंप्यूटर साइंटिस्ट अब दक्षिण अफ्रीका की ह्यूमन माइंड है कि वह कंप्यूटर की ही तरह कांग्रेस तो कंप्यूटर जैसे काम करने कंप्यूटर साइंटिस्ट जो होते हैं और ह्यूमन माइंड जो है वह उसमें बॉडी भी ये सारी चीज रिलेटिव होती है तो हमको न्यूरोसाइंस के बीच जरूरत है तो न्यूरोसाइंटिस्ट जय हो गए कंप्यूटर साइंटिस्ट जो हो गए जाति साथ में आपके बॉयोलॉजिस्ट जो गए इन सारी चीजों इन सभी के साथ में रिलेट करके हम कॉग्निटिव साइकोलॉजी स्टार्स होते हैं वह रिसर्च करते हैं वह सारे फिल्मों में जो अब हम यहां पर डिस्कस के जरिए जनता के साथ में आपका ह्यूमन माइंड आपकी थिंकिंग रिमेंबरिंग रीजन इन सारी चीजों को और बहुत बार क्या होता है कि यह जो कॉग्निटिव मतलब जो साइकोलॉजिस्ट होते हैं जब भी वह किसी पर रिसर्च कर रहे होते हैं तो वह लवरेटरी के अंदर भी कर सकते हैं और लेबोरेट्री के बाहर भी कर सकते किसी पर्सन को लाभ मिला है उसके ऊपर पूरे वर्ष भी किया जा सकता है या उसके इंवॉल्वमेंट में उसकी इकलौती में रखकर भी उसके ऊपर स्टडी की जा सकती है तो कॉग्निटिव साइकोलॉजी बेसिकली क्या है किन चीज़ों से रिलेटेड सबसे पहले तो इन सारी चीजों से रिलेटेड टेंशन परसेप्शन मेमोरीज इन प्रॉब्लम्स आधुनिकता और इसमें रिसर्च कैसे कर एक तो आप या तो लाभ के अंदर उससे पर रिसर्च कर लो यार चाहो तो अपनी उसके इन थिस क्लॉज जी में भी आप उसको ऑब्जर्व कर सकते हो और यह रिसर्च कैसे होने वाली है ऑब्जेक्टिव एंड सब्जेक्टिव अगर आप लवरेटरी सेटिंग्स में करो प एक्टिव और सब्जेक्टिविटी दोनों तरफ से कर सकते हो और अगर आप इकोलॉजिकल एप्रोच यूज कर रहे हैं तो आपको ऑब्जेक्टिवली ऑब्जर्व करते हुए उसे पर्सन को फिर उसके ऊपर रिसर्च करनी पड़ेगी तो इस तरह से जो है आपकी कॉग्निटिव साइकोलॉजी वर्क करती है यह आपकी ब्रांच होंगे साइकोलॉजिकल तो जो मैं आपको यह स्क्रीन की ब्राइटनेस बढ़ाइए जिसमें आप यहां पर लिख सकते हो कॉग्निटिव साइड को लांच क्लियर है आइए इस मंत्र कैसे आपको सारी चीज लिखनी है नेक्स्ट आपका बायलॉजिकल साइकोलॉजी बायलॉजिकल साइकोलॉजी जो है वह हमारे बिहेवियर और हमारे फिजिकल सिस्टम के बीच का एक जो इंटरेक्शन है रिलेशनशिप उसको स्ट्रैट ठीक करती है कि देखो बायलॉज जिससे कि आपको समझ में आ रहा है कि पूरा जो हमारा बॉयोलॉजिकल कंजम्शन है जो हमारा पूरा फिजिकल सिस्टम है हमारा अपने नर्वस सिस्टम है प्लेन है हमारी जो भी सारी एंट्रीज है हमारे पास इतने सारे ऑर्गंस है यह सारी चीजें है और यह सब कुछ कैसे हम मैं जो है कहीं ना कहीं थोड़ा इंश्योरेंस करती है और हमारे माइंड पर हमारे मेंटल प्रोसेस पर हमारे बिहेवियर पॉकेट करती हैं यह सारा कुछ पॉजिटिव साइकोलॉजी के अंदर पढ़ा जाता है इंक्लूड्स रेंजर्स दिनो बाद सिस्टम इम्यून सिस्टम को क्या होगा आपका पूरा नर्वस सिस्टम का पूरा सिस्टम सिस्टम और बहुत लॉजिकल साइकोलॉजिस्ट होते हैं न्यूरोसाइंटिस्ट जूलॉजी के साथ में मतलब है कि करके फिर चाहिए न्यूरोसाइकोलॉजी न्यूरोसाइकोलॉजी एक फील्डर जिसके अंदर साइकोलॉजिस्ट है और जो न्यूरोसाइंटिस्ट साथ में काम करते हैं जो नर्वस सिस्टम को और इन दोनों को ले करके जैसे मैं आपको कि आपका पूरा फिजिकल सिस्टम घृत यह सारी चीजें कैसे आप अपने पूरा बॉडी कंपोजिशन है वह कैसे आप के बिहेवियर में रेगुलेटर होता है यह सारी चीजें यहां पर बधाई दी तो बहुत बड़े से साइकोलॉजिकल चिन्ह के बारे में सुनते पढ़ते रहते हैं जहां पर यह क्या कहा जाता है कि उसका थोड़ा बॉडी में जो है इस तरह का एकदम पोजीशन है यह उसका नर्वस सिस्टम को इस तरह का है याद टाइम यूं समझिए कुछ इस तरीके का है जिसकी वजह से वह कभी ऐसा रिस्पोंस करता कभी ऐसा रिएक्ट करता है बहुत लेस ही रहता हार्ट डिजीज फील करता है उसका इम्यून सिस्टम बहुत ज्यादा भी ठीक है तो यह सारी चीजें मतलब ऐसा आपके बॉडी कंपोजिशन जो है आपके बिहेवियर को इफेक्ट करता है इसको बायोलॉजिकल साइकोलॉजिकल कपड़ा जाता है नेक्स्ट आपका डेवलपमेंटल साइकोलॉजी डेवलपमेंटल साइकोलॉजी और यह इमेज बस कोई ध्यान में रखो और जहां पर धीरे-धीरे डेवलपमेंट थोड़ा बहुत छोटे से बच्चे से थोड़े से बड़े होते आपको फाइव टू टेन इयर्स बॉयज में आते हो फिर फिफ्टीन ईयर्स वाली है इसमें आते हो फिर आपको इंटीरियर्स वाली है इसमें तो फिर आप 25281 है जाते हो फिर धीरे-धीरे धीरे-धीरे आपके शुरू होती है फेस के यह फाइनली हंड्रेड ईयर्स कि इस मुद्दे तो यह जो आपका डेवलपमेंट ओर है पूरा जहां पर चोट कि इससे मतलब अच्छे से बिलकुल एडल्ट हो जाते हो तो यह जो आपका पूरा डेवलपमेंट हुआ इसमें कौन-कौन सी स्टेज यह आपने क्या किया सारी चीजों को एक्सपीरियंस कि आपका पूरा लाइफ इस पॉइंट आपका फिजिकल सोशल साइकोलॉजिकल चेंजेस क्या हुए इसे पूरे टाइम पीरियड में आपकी बॉडी में क्या सारे चेंजेस होते हैं आपके साइकोलॉजिकल सुना में क्या सारी चेंजेस होते आपके मेंटल प्रोसेस में क्या चेंजेस होते हैं आपके एक्सपीरियंस में के सारे चेंजेस होते हैं इन सारी चीजों के स्टडी किया जाता है डेवलपमेंटल साइकोलॉजी के अंदर साइकोलॉजिस्ट फोकस अंदर बायलॉजिकल सोशल कल्चरल एंड मेंटल प्रैक्टिस डिफ्रेंस साइकोलॉजिकल कैरेक्टर्स इंटेलिजेंस कोंबिनेशन इमोशन टेंपरामेंट्स फॉर ऑल बीटी एंड सोशल रिलेशनशिप्स यहां पर साइकोलॉजिस्ट क्या करते हैं आपके भैरो जी आपके अपनी सोसाइटी आप अपना कल्चर आपका अपना एनवायरनमेंट जैसे इंवॉल्वमेंट में तरह हॉट में रहते टेंपलेट में रहते हो बहुत ही ज्यादा जो है कोल्ड क्लाइमेट में आप रहते हो किस तरह के एनवायरमेंटल फैक्टर्स आपके आसपास में है क्या वहां पर बहुत ज्यादा लैंडस्लाइड होता है क्या वहां पर मतलब नॉरमल लाइफ जी रहे हो आपकी सोसायटी कैसे आपका कल से किसी भी तरीके का है कि आपका अपना बॉडी लिए आपको अपना बायोलॉजिकल कंपोजिशन कैसा है यह सारी चीजें आपके डेवलपमेंट में किस तरह से चेंजेस होती है जैसे आप अपना इंटेलीजेंसेस हम बोलते हैं जब छोटा बच्चा होता है तो हो सकते कुछ बच्चे बहुत ज्यादा इंटेलिजेंट हर चीज को बहुत जल्दी जो है क्रैश पायलट बहुत जल्दी समझ लेता है सवा छोटे बच्चे जो हैं बहुत बार वह बहुत जल्दी चीजों को ग्रहण करते क्योंकि उनकी उम्र भर सदा चार होती है बहुत बार ऐसा होता है कि स्टार्टिंग में बच्चे इतनी जल्दी नहीं समझ पाते हैं चीजों को लेकिन जैसे-जैसे बड़े होते हैं बहुत ज्यादा इंटेलिजेंट हो जाते हैं मेमोरी कि हम बात करें मोरालिटी कि हम बात करें तो बहुत बार ऐसा होता है कि आपको बचपन से यह चीज सिखाई जाती तो आपके बिहेवियर में मोरालिटी आ जाती है तो यह सारी चीजें कैसे होती है इनके ऊपर रिसर्च की जाती है आपकी डेवलपमेंटल साइकोलॉजी इन करेंगे नेक्स्ट स्टेप के सोशल साइकोलॉजी और वे सीधे में यह सारी चीजें नाम से जजेस करें कुछ अलग नहीं है इसमें तो सोशल साइकोलॉजी बहुत ज्यादा फास्ट तो नहीं हो रहा है ना आराम से ही बता रही हूं वैसे तो मैं बस जल्दी-जल्दी मैं आपको इसलिए बता रही हूं नहीं तो आगे के जो सारी चीजें है ना वह चीज रिवाइज नहीं हो पाएंगे तो इसलिए थोड़ा सा ठीक है अब सोशल साइकोलॉजी है अब इसलिए सोसायटी से रिलेट तुम्हारी हम थे सोसायटी के अंदर रहते हैं उस सोसायटी का हम पार्ट है तो हमारा जो यह पूरा सोशल एनवायरमेंट है वह कैसे हम को इंप्रूव करता है कैसे हमें इन्फ्रेंस करता है कैसे हमारी थिंकिंग को इन्फ्रेंस करता है कैसे हमारे साइकोलॉजिकल सुना स्प्रिंग बैलेंस करता है यह सोशल साइकोलॉजी के अंदर पढ़ा जाता है और सोशल साइकोलॉजिस्ट इन टॉपिक में भजन धुन हजार इंटरेस्ट हुए आपका अपना ऐप एटीट्यूड आप अपना कंफर्म मिट्टी आपका अपना अथॉरिटी को लेकर वूडू साथ जैसे जिसमें सोसायटी का पार्ट हो तो उसमें ऑर्गेनाइजेशन भी होगी उसमें नीचे से भी होंगे इसमें पॉलीटिकल इकोनामिक खरीद तरह चीज होने वाली है तो जो भी अथॉरिटी है आप उसे अथॉरिटी को मानते और उसको लेकर वह भी डिलीट हो या नहीं हो आप अपना इंटरपर्सनल इंस्ट्रक्शन कैसा है अब अगले से वह आपके अपनी सोशल मोटिवेशन कैसे आप उस पूरी इंटर ग्रुप में आपके रिलेशनशिप कैसे हैं इन सारे प्रोसेस को जो है सोशल साइकोलॉजी के अंदर पढ़ा जाता है इसके बाद मैं आपका cross-cultural यह कल्चरल साइकोलॉजिस्ट तो इसमें कर को जो है फोकस में रखा जाता है यहां पर जो रोल है कल्चर का वो मैं कल उसके ऊपर ज्यादा फोकस किया जाता है कि कल सर कैसे हमारे बिहेवियर को हमारे थॉट्स को हमारे इमोशंस को प्रेम करता है यहां कल्चर के थ्रू कैसे इंच मींस होते हैं जैसे ह्यूमन बिहेवियर है तो ह्यूमन का बिहेवियर सिर्फ और सिर्फ उसके बायलॉजिकल पोटेंशियल के थ्रू ही नहीं होता है कि जैसा भी उसका बायोलॉजिकल कंपोजिशन है यह इस बीच सोशल एनवायरमेंट में रहता है बल्कि साथ में उसका अपना कल्चर उसे क्या सारी चीजें दिया पंक्चर के अंदर क्या सबको जाता है कैरेक्टर इस व्हाट्सएप इमो डिलीट कल्चर को कैसे डिफाइन करोगे तो कल से रिसाव यह क्या है कल स.अ. कि कल सर इज द वे ऑफ लाइफ जहां पर आप अपनी लाइफ स्टाइल आपका अपना जो एक मतलब आप अपनी है वैसा कितनी फूड हैबिट्स आफ किडनी नॉर्म्स आपके यज्ञ जो की सारी वैल्यूज होती है जल्दी प्रिंसिपल्स पर आप चलते हो यह सारी चीजें आपके कल्चर का ही पार्ट होते हैं आपका कल्चर आपके संस्कृति आपको क्या सारी चीजें दिखाती क्या बातें आपको सिखा कि आप कौन सी लैंग्वेज यूज करते हो आप किस तरह के कपड़े पहनता की तरह का खाना खाते हो आपकी किस तरह की एक जो है सोच मतलब आपके कल्चर के अंदर आपकी बनाई जाती है कि आपको कैसे रहना आपको बादाम और रहना है या को अपने करियर को प्रसन्न करने के लिए घातक वैसे भी हो जाना है तो यह जो आपका कल से आपको दिखाता है यह ह्यूमन के बिहेवियर को भी बहुत ज्यादा इंटरेस्ट तो कहीं ना कहीं जैसे मोरालिटी की बात कर रहे हैं तो वह रिलेटिव आपके खर्चे से ही आपको सिखाई जाती है तो सिर्फ और सिर्फ का योग बायोलॉजिकल पोटेंशियल ही नहीं बल्कि आपका कल से भी बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट रोल प्ले करता है साइकोलॉजी के अंदर अ थे प्रिंस आफ मेंटल साइकोलॉजी अगेन इन थे रिलेटिड हम कैसे इंवॉल्वमेंट में रहते हैं और टेंपरेट इन वन में है ह्यूमन में है पॉजिटिव में नेचुरल डिजास्टर्स में है किस तरह के अनुसार रहते थे सफरिंग फ्रॉम पर्ल हम जहां भी रहते हैं बहुत ज्यादा पोलूशन होती है तो उस पोलूशन के लिए हम एक कमर हेल्थ अच्छी नहीं रहेगी और हेल्थ अच्छी तरह रिमाइंड अच्छा नहीं लगा बहुत चिड़चिड़े हो जाएंगे तो वह इंवॉल्वमेंट इन साइकोलॉजी के अंदर ऐसे फ्रॉम ग्लास को स्टडी किया जाता है फिर हम आपकी हेल्थ साइकोलॉजी जहां पर साइकोलॉजिकल फैक्टर्स जिससे स्ट्रेस हो गया एंग्जाइटी हो गया यह कैसे बहुत ही ज्यादा इंपोर्टेंट रोल प्ले करते हैं डेवलपमेंट प्रीवेंशन एंड ट्रीटमेंट आफ इलनेस में आपके जो भी साइकोलॉजिकल फैक्टर्स ने वह कैसे आपके लिए बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है आपकी हेल्थ से रिलेटिड जैसे यहां पर हेल्थ साइकोलॉजिस्ट केसेस में रिसर्च करते हैं कि कोई पर्सन को इस प्रेस है कि प्रश्न को कूपन है और किसी तरह की साइकोलॉजिकल फैक्टर्स जो उसकी हेल्प को फिट करें इसे आफ्टर किसी पर्सन वह इस ड्रेस है कोई असहमत थे डिफरेंस रहता है तो उसकी वजह से उसकी हालत अच्छी नहीं है क्योंकि कोई पर अयोध्या स्प्रेक्ट्रम किसी तरह इसको कोई चिंता जैमन उसके सता रही है बिल्कुल तो हो सकता है वह खाना नहीं खाएगा खाना खाएगा बट अच्छा नहीं लगेगा तो हो सकता है उसको किसी तरह की कोई बीमारी हो जाए कुछ उसके हेल्थ पर फिट होने लगता है तो वह एक चीज हल साइकोलॉजिकल टेस्ट अधिकारी इसमें पेशंट डॉक्टर रिलेशनशिप भी आती है कि कैसे जो डॉक्टर सेट वह अपने पेशेंट को मोटिवेटेड रखेंगे उनके साइकोलॉजिकल फैक्टर्स को समझते हैं कैसे उनके मेंटल प्रोसेस को समझते हैं और फिर जब वह उनके माइंड में चेंजेस लेकर आते हैं तो ओबीसी उनकी बॉडी नहीं चेंजेस भी आने लगते हैं जैसे हमने यहां पर एक आर्टरीज में ब्लॉकेज एग्जांपल बड़ा था कि आर्टरीज में ब्लॉकेज तो वो पर्सन को भी ज्यादा टेंशन हो गया लेकिन अगर डॉक्टर नहीं किया डॉक्टर यह doctor-patient रिलेशनशिप है कि जहां उसने अपने पेशेंट को यह बताया कि यह देखो आपकी हाईट इसका बॉक्स कम होता जा रहा है आपकी कार्टिज में फ्लॉर जो है वह बढ़ रहा है बहुत जल्दी ठीक हो जाओगे भले ऐसा हुआ नहीं था बट डॉक्टर ने ऐसा किया और ऐसा करने से वह प्रसन्न बहुत जल्दी रिकवर होने लग गया तो यह डॉक्टर पेशेंट लें इससे भी आपके हेल्थ साइकोलॉजी के अंदर आती है और यह दो साइकोलॉजी में अपनी सारी चीजों घड़ी किया जाता है इसके बाद आपका क्लीनिकल और काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट दोनों डिफरेंट हैं क्लीनिकल अलग होता है काउंसलिंग अलग होता है तो बेसिकली जो यह आपकी किलोमीटर काउंसलिंग साइकोलॉजी इसके अंदर क्या होता है कि डिफरेंट डिफरेंट साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसे आपको एक्साइटेड है आपको डिप्रेशन है आपको सेटिंग्स और डर से आपको खाना भी प्रचलन में आ जाएगा तो आपको वह मीटिंग हो जाती हैं तो जनरली ऐसा कुछ मतलब आपके पेट में कोई समस्या नहीं है आपके शरीर में आपकी हेल्प में किसी तरह की कोई प्रॉब्लम नहीं है बट फिर भी अगर आपको ऐसा बार-बार होता है आपको टेंस रहते हो तो कहीं न कहीं कि आपके साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर को बता तो जनरली दुख होता क्या है मतलब एकादशी व्रत हम पड़ी हैं और बहुत बार जैसे साइकोलॉजिकल सुना कि हम बात करते हैं हम इस प्रेस की बात करते हैं हम इक्साइटेड बात करते हैं यह कोई भी प्रश्न आपके साथ में कभी ऐसे शेयर कर आपको कोई फ्रेंड है अगर आपको बता यार मुझे बहुत स्ट्रेस रहता है यार मैं बहुत पढ़ पढ़ करना बहुत ही परेशान हो चुका हूं यार मैं भर डिप्रेस जो था हुआ चला जा रहा हूं मेरे खाने में मन नहीं लगता मुझे खाना खाना अच्छा नहीं लगता अगर फ्रेंड आपका कभी आपके साथ में इस तरह की कोई चीज करें कोई बात बताए तो क्या करूं उसको क्यों क्योंकि अ बहुत बार साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर से होते ना तो प्रश्न यह बहुत अच्छा अकेला भी फील करने लगेगी भर ऐसी भी चीज होती हैं कोई होते हैं जिनको दूसरों के साथ में रहना अच्छा नहीं लगता लोग साथ में रहना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता वह बिल्कुल मतलब इंट्रोवर्ट टाइप रहना स्टार्ट कर देते हैं तो बहुत बार ऐसा होता इन जनरल यह चीज मानी जाती है यहां पर की साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसा कुछ नहीं होता अरे इससे जैसा कुछ नहीं था डिप्रेशन कुछ नहीं तो पागल है तेरे को पता नहीं मुझे क्या हो रहा है तो समझ में नहीं आ रहा है तू फालतू में टेंशन ले रहा है से कुछ होने वाला यह जनरल बातें करते हैं अपने अपने फ्रेंड्स के साथ में कि नहीं साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर कुछ नहीं होता टेक्नोलॉजिकल उन्होंने कुछ नहीं होता है स्पेस वेस्टेज जो यह सारी चीजें कुछ नहीं होती है यह सब फालतू की बातें हैं ऐसा कहा जाता है बट इसलिए इसे नहीं है मतलब ऐसा होता है इसलिए होता इंसान को एंग्जाइटी होती है डिप्रेशन भी होता है आपके एग्जाम टाइम आपको इस नहीं होता क्या तो अभी आपके भी छोटे-बड़े खिलाफ स्पेस होता नहीं टाइम में सेम में जब बड़े हो जाता ना लोग मतलब एडवांटेज में आ जाते हैं अपने और ज्यादा फैमिली जब वह जो मतलब उनकी फैमिली जपिए हो जाती है तो बहुत सारी टेंशन होते हैं हरेक प्रसन्न होते हैं तो साइकोलॉजिक क्वार्टर को समझना चाहिए उस चीज को समझो कैसे आप उसको सॉल्व कर सकते अगर आप नहीं कर सकते तो साइकोलॉजिस्ट के पास जाओ काउंसलर के पास में साइकायट्रिस्ट तक के पास में जाओ बट अट लीस्ट उन चीजों को जो है ना क्या करो कि रिसॉर्ट करने की कोशिश करो क्योंकि यह चीजें होती हैं इसमें फालतू कुछ भी नहीं है इसमें कोई पर्सन पागल भी नहीं है साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर्स होते हैं तो उन चीजों को समझना बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट और कभी आपका कोई फ्रेंड है कोई रिलेटिव आपके साथ मैसेजेस शेयर कर रहा है तो इस चीज को समझो उसको यह मत बोलो कि अरे भाई तू तो छा गए फिल्मों समझ में नहीं आ रहा तो फालतू की बात कर रहा है ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए आपको समझ में ही न कभी तो फ्रेंड वगैरह होते ना तभी आपके अपने सभी साथ में अच्छे रिलेशन सोते हैं रिलेशनशिप में होता है फैमिली के साथ में अपनी सेविंग के साथ में हो तो इन चीजों का ध्यान में रखो नजर में पड़ा रह बीच में आ गया तो मैंने आपको बता दिया कि ऐसी चीजों को हम को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए ओके अब वापिस आ जाओ अपने टॉपिक पर क्लिनिकल काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट पर तो जो आर्म होल है कि जैसे साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर से स्टेट्स एंड सिटीज डिप्रेशन है तो इन सारी चीजों के क्या करें क्वेश्चन है जब Bigg Boss और राम है राम के नाम पर मुझे बहुत ही ज्यादा जाते समय और वेसे ही सारे एग्जांपल तो जरिए राम मैं तो राम को मानो स्टेशन अब मैं इसको स्ट्रेच है तो इसको इस प्रेस क्यों है क्या कारण है इससे स्ट्रेस होने का और अगर इसको स्ट्रेच है बी तो हम कैसे क्रिएट कर सकते हैं कैसे हम इसके इस ड्रेस को प्रिवेंट कर सकते हैं कैसे हम इस प्रश्न को वापिस जो है ठीक कर सकते हैं तो यह जो सारी चीजें हैं यह सारी चीजों को काउंसलिंग अ क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट में स्टडी किया जाता है काउंसलिंग दिन अली का एक चीज की ज्योति से कुछ छोटे-मोटे मतलब धो लें सीरियस इश्यूज को हैं उसके लिए काउंसलिंग होती है मैंने आपको काउंसलिंग क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट साइकायट्रिस्ट और साइकोलॉजिस्ट इन सभी के बीच का एक जो डिफ्रेंस है न वह बहुत अच्छे से इस पेन के है मैं आपको जब एनसीआरटी सोल्यूशंस है तब आपको यह चीज बताई थी जब तक चैप्टर में अपने बड़ा सा तभी से इस चीज का मेडिकल हुआ था और मैंने आपसे कभी कहा था कि यह चीज बहुत इंपोर्टेंट है तो उसको अच्छे से समझोगे काउंसलर कौन है साइकायट्रिस्ट कौन है क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट कौन है इन सभी के बीच में एप्स है तो उन रेफ्रेंस इसको अच्छे से पढ़ो अब काउंसलर कौन है यह काउंसलिंग उसे चीज होती है कि आपके एवरीडे फंक्शनिंग में जो भी आपकी सारी प्रॉब्लम होती हैं आपके छोटे-मोटे चीजों की वजह से हम कभी-कभी वह ज्यादा परेशान हो जाते हैं जैसे-जैसे एग्जांपल देती हूं कि आप कोई फ्रेंड है अभी एग्जाम होने वाली है सपोच कोई बोर्ड एग्जाम से आपके टेंथ का बोर्ड एग्जाम सोएं तो आपने जो है वह जरा किसी पर्सन बहुत स्ट्रेस लिया और उसने इतना ज्यादा एक्सप्रेस ले लिया उसने इतना ज्यादा एक्जाम के स्पेस ले लिया कि वह उससे स्ट्रेस की वजह से एग्जाम में अच्छे से नहीं परफॉर्म कर पाया उसको सबको जाता था बट स्टिल वे अच्छे से परफॉर्म नहीं कर पाया और बेचारे को सप्लिमेंट्री गई ठीक है मानो ऐसा हो जाता है किसी स्टूडेंट के साथ में कि वह बंदा था बहुत ही मतलब होना हर स्टूडेंट था बट उसने इतना ज्यादा ऑस्ट्रेलिया बोर्ड एग्जाम तो उसमें अच्छा लगा कि अरे यार बोर्ड एग्जाम सारे में कैसे करूंगा मुझसे नहीं हो पाएगा ऐसे करके उसमें बाजार इस फैसले लिया और वह जो है बेचारे को सप्लिमेंट त्यागी ठीक है टेंशन जो है अच्छे से एक बार में उसकी क्लियर नहीं हो पाई तो अब यह जो पर्सन को इस प्रेस हो गया मुझे यह बहुत ज्यादा वक्त ऐसा नहीं है कि विडियो शीघ्र ही उसको जो है दिक्कत आती लेकिन वह प्रसन्न कर सकता वो काउंसलर के पास में जा सकते हैं उसके बारे में क्या कर सकते हैं उसको काउंसलर के पास में लेकर जा सकते हैं उस टाइम पर डेट पर भी लेकर जा सकते थे जब उनका टेंथ का एग्जाम होने वाला था और जब वह ने ज्यादा स्ट्रेस फील कर रहा था अगर वह किसी के साथ शेयर करता कि मुझे बाद स्पेस है तो हो सकता है कि को उसकी हेल्प कर पाता वह सकता है कि वह जो स्टूडेंट उसका एनकाउंटर के पास में लेकर जा सका उस लगाया था उसको बता उसको नॉर्मल आप इस करता है कि देखो यह चीज नॉर्मल है इस पर इतना ज्यादा जो है मतलब आप स्ट्रेच मत लोग यह चीज हो सकती है इट्स ओके आपका एग्जाम है तो ठीक है आप अच्छे से पढ़ोगे अच्छे से पढ़ाई लिखाई करोगे तो सब कुछ ओके हो जाएगा अगर आप काउंसलर के पास इसको ले जाओ तो वह उसको क्या करेगा उसको यह सारी प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने में हेल्प करने वाला है तो बेसिकली जो काउंसलर होते हैं वह छोटे ले सीरियस इश्यूज के लिए होते हैं और उन सारी प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने के लिए होते हैं बैंक दवा का क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डिफॉम्ड एकाउंटिंग साइकोलॉजिस्ट ऑल द्वार काउंसलिंग साइकोलॉजी एंड पेपर उठाकर ले सीरियस प्रॉब्लम क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और काउंसलिंग साइकोलॉजी स्टोर है दोनों पीस में बहुत ज्यादा डिफरेंस क्यों नहीं है दोनों ही साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर्स को जो है मतलब कलेक्ट करने के लिए प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए उसके साथ में बेल करते हैं बस थोड़ा सा एक रिमाइंडर डिफरेंस है यह है कि जो काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट होते हैं वह सीरियस इश्यूज के साथ में दिए गए हैं जो क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट हैं वह थोड़े से और जो ग्रेड सीरियस इश्यूज होते हैं उनके साथ में डील करते हैं इसके बाद में जो काउंसलिंग साइकोलॉजी इसको हैं वह स्टूडेंट वगैरह के साथ में काम करना personal problems करियर प्लानिंग यह सारी चीजों के लिए वह करते हैं और क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट होते हैं वह साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर्स कॉज्ड ट्रीटमेंट और उसके प्रिवेंशन के लिए भर कटिंग यह जो है इन दोनों के बीच में डिफरेंस और काउंसलर और क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट के बीच का डिफरेंस यह है और सारी फिर उसके बाद मैं आपके साइकायट्रिस्ट साइकायट्रिस्ट से होते हैं वह भी साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर्स के साथ में ही डील करते हैं और उसको कैसे हमको पेमेंट करना फॉर्म को डिलीट करना है इन सारी चीजों में स्वागत है अब एक तरह से क्लीनिकल और साईट इसका काम है कि योग ए क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट हो या चाहे साइकायट्रिस्ट होगा दोनों ही साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर्स के कॉस्ट treatment ऑपरेशन के लिए व करें अब इन दोनों के बीच का बेसिक डिफरेंस क्या है तो इन दोनों के बीच का डिफरेंस यह है कि जब साइकोलॉजिस्ट है जो क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट होता है उसकी डिग्री साइकोलॉजी में होती है वहीं DJ का साइकायट्रिस्ट होता है उसकी मेडिकल डिग्री होती है क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट जो है वह पीपल को ट्रीट करने के लिए ट्रेनिंग वगैरह लेता है लेकिन वहीं जो साइकायट्रिस्ट है वह स्पेशलाइज्ड ट्रेंनिंग लेता है मतलब क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट कि नॉर्मल ट्रेनिंग होती है और साइकायट्रिस्ट की स्पेशलाइज्ड ट्रेंनिंग होती है और यह जो बेसिक डिफरेंस है कि इसके पास में मेडिकल डिग्री है लेकिन जो क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट उसके पास में साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर डिग्री है और इसके साथ में सबसे नीचे डिस्क्रिप्शन है वह यह है कि जो साइकायट्रिस्ट है वह मेडिकेशन दे सकता है मेडिसिन पर सकता है इलेक्ट्रिक शॉक्स भी दे सकता है लेकिन जो क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट यह सारी चीजें नहीं दे सकता तो जो एक बेसिक डिफरेंस है क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट साइकैटरिस्ट में आने के साथ-साथ में काउंसलिंग साइकोलॉजी चीफ काउंसलर इन तीनों के बीच का डिफरेंस आपको बहुत-बहुत बहुत अच्छे से पता होना चाहिए बस उस समय में भी आया होगा नहीं बताया तो मैं को कमेंट सेक्शन में बताएं एक बर वापिस हम जाएंगे काउंसलर कौन है जो लेस सीरियस इश्यूज के साथ में बेल करता है जिससे स्ट्रेस हो गया एंग्जाइटी वह मेनली जो फैमिली भी प्रॉब्लम होगी करियर प्लानिंग प्रॉब्लम होगी इसके बाद में स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम होगी उसके साथ में काम उस लेडी करता है क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और साइकैटरिस्ट साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर्स होते हैं सीरियस इश्यूज होते हैं उसके साथ में बेल करते हैं और यह उसके कॉल्स क्या कारण है उसका क्या स्टेटमेंट होना चाहिए कैसे उसको पेमेंट कर सकते इसमें काम करते हैं इन दोनों में बेसिक डिफरेंस है जिसके पास में साइकोलॉजी की डिग्री है और इसके पास में मेडिकल की डिग्री है इसके पास में नार्मल ट्रेनिंग हुई है इसके पास में स्पेशलाइज्ड ट्रेंनिंग हुई है यह आपको मेडिसिन भी दे सकता है आपको इलेक्ट्रिक शॉक ट्रीटमेंट भी दे सकता है जो है प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए तो यह बेसिक डिफरेंस इन तीनों के बीच का है बार-बार बोल रही हूं इसको ध्यान रखना इसको याद रखना सिर्फ एग्जाम पॉइंट ऑफ व्यू से ही नहीं बट इसके बाद में आप आगे भी जैसे पढ़ाई है दोनों साइकोलॉजी में तो यह बेसिक डिफरेंस बहुत बड़ा आता है तो वह आपको पता होना चाहिए और इसके बाद मैं आपको इंडस्ट्रियल ऑर्गेनाइजेशन आफ साइकोलॉजी तो जो भी वर्कप्लेस पर वर्क करते हैं मतलब जो भी वर्कप्लेस में है जो भी सारे वर्कर्स वगैरह काम करें जो भी सारा मैनेजमेंट है तो वर्कर्स और एंपलॉयर्स जो है इनके बीच का इधर रिलेशनशिप है वह कैसे वर्कप्लेस बिहेवियर को डिसाइड करता है तो इंचार्ज इंडस्ट्रियल ऑर्गेनाइजेशन साइकोलॉजी है वह वर्कर्स और वर्कर्स का किस तरह का एक पूरा मन प्रोसेस है वह किस तरह से भी सेट करते हैं और साथ ही साथ में वर्कप्लेस में वर्कर्स और एंपलॉयर्स के बीच में किस तरह की रिलेशनशिप सभी के ऊपर जाएं इसमें फोकस किया जाता है और यहां पर एंप्लाइज को ट्रेन करना व कंडिशंस को इंप्रूव करना एंप्लाइज को कैसे सेलेक्ट करना है उसके सारे क्राइटेरियास को बनाए रखने यह सब कुछ इंडस्ट्रियल या ऑर्गेनाइजेशनल साइकोलॉजी के अंदर किया जाता है ठीक है तो यहां पर रिसर्च है इंडस्ट्रियल ऑर्गेनाइजेशन से रिलेटेड होंगी बट यहां हम प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग पर ज्यादा फोकस नहीं करें बट वर्कर्स एंड वॉर्स इन सारी चीजों पर फोकस करें हैं नेक्स्ट एजुकेशन साइकोलॉजी तू सभी डिफरेंट डिफरेंट ABS के पीपल कैसे चीजों को लर्न करते हैं यह एजुकेशनल साइकोलॉजी में फोकस किया जाता है और किन कौन-कौन सी इंस्ट्रक्शनल मेथड इसमें क्या मटीरियल को यूज करके एजुकेशनल या वर्क सेटिंग्स में हम लोगों को सिखा सकते हैं ट्रेन कर सकते हैं बढ़ा सकते हैं नॉलेज प्रोवाइड कर सकते हैं इन चीजों पर फोकस किया जाता है एजुकेशनल साइकोलॉजी में स्कूल साइकोलॉजी स्कूल से रिलेटेड होती है कि स्कूल में किस तरह से जो है पूरा मैदा इंटलेक्चुअल सोशल इमोशनल डेवलपमेंट स्टूडेंट का होने वाला है क्या सारे एक पूरा हाई स्कूल का पूरा सेटअप कैसा होने वाला है कैसे उसमें एडमिशन होगा कौन-कौन से हम उसमें प्लानिंग पॉलिसीज लेकर आएंगे टीचर स्टूडेंट के बीच का रिलेशन शिप किस तरीके का रहेगा इन सारी चीजों को फोकस किया जाता है और यह सारे नॉलेज को हम स्कूल सेटिंग में एप्लाई कर देते हैं साइकोलॉजिकल मॉडल स्कूल सेटिंग में अप्लाई कर देते हैं डेढ-डेढ स्कूल साइकोलॉजी सपोर्ट साइकोलॉजी होती है इसमें हम जो पूरे प्लेयर्स हो हमारे सारे कटलेट सोते हैं उसमें किस तरीके से जो है साइकोलॉजिकल परफॉर्म जो है उनकी कैसे फिट होती है या कैसे इनफ्लुएंस होती है कैसे वह मोटिवेटेड हैं कैसे कभी-कभी वह बहुत अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाते हैं इन सारी चीजों को सपोर्ट साइकोलॉजी के अंदर पढ़ा जाता है एंड रिलेटिवली न्यू फिल्म बट इसलिए एक्सेप्टेंस वर्ल्डवाइड यह बहुत ही न्यूफील्ड पहले इसको साइकोलॉजी रिलेशनशिप्स नहीं का पर जैसे-जैसे साइकोलॉजी का डेवलपमेंट होता जाता है वैसे-वैसे उसकी ब्रांच इस और ज्यादा वाइट होती जाती हैं और इसलिए इसको साइकोलॉजी का कांसेप्ट न्यूज़ जरूर है बट पूरे वर्ल्ड में इसको एक्सेप्ट किया जा रहा है इसके साथ-साथ में और डिफरेंट डिफरेंट डिफरेंट हैं जहां पर साइकोलॉजी में रिसर्च एप्लीकेशन की जाती है जैसे कि एडिशन साइकोलॉजी मिलिट्री साइकोलॉजी रूरल साइकोलॉजी मैनेजरियल साइकोलॉजी साइकोलॉजी आफ वूमंस और भी ढेर सारे एंड नंबर आफ इमरान से ज़्यादा हो गया फॉरेंसिक है इंजीनियरिंग है कम्यूनिटी है पॉलिटिकल है बहुत ही वाइड रेंज साफ मना है साइकोलॉजी का ढेर सारी ब्रांच इन साइकिल कि आपको कुछ यहां पर जो है डिसाइड ठीक है और कुछ नहीं की गई है तो जिनके बारे में आ गया आने वाली लेटेस्ट में यह क्लास ट्वेल्थ में डिस्कस करेंगे हम अच्छे से पढेंगे क्लियर है यहां पर समझने के लिए इंडिपेंडेंस ऑफ साइकोलॉजी कौन-कौन सी हैं नेक्स्ट आपका थीम्स आफ रिसर्च एंड एप्लीकेशन अब जो भी हम सर्विस सर्च करते हैं उसको हम कैसे करते हैं कैसे उसमें एप्लीकेशन किया जाता है कौन-कौन सी फीमेल्स उसमें होती है वह यहां पर बताया गया है सुनहरा और समाधि थीम विच प्रोवाइड डायरेक्शन टो रिसर्च एप्लीकेशन ऑफ साइकोलॉजी एंड डीसार कुछ भी हमसे जो रिसेप्शन एप्लीकेशन में हमारी हेल्प करती है साइकोलॉजी में अब कौन सी टीम से वह यहां पर डिस्कस की गई तो सबसे पहले थीम वन साइकोलॉजिकल साइंस अटेम्प्ट्स टो डिवेलप प्रिंसिपल जसबीर विड ऊ इन साइकोलॉजी में जब हम डिसाइड करते हैं तो उसमें जो डिफरेंट डिफरेंट दूसरे और भी साइंस होती हैं उससे सारा कुछ मतलब प्रिंसिपल आफ बिहेवियर और मेंटल प्रोसेस को हम फ्रेंड कर पाते हैं मतलब कि साइकोलॉजी जैसे बाकी अदर साइंस होती है घाघरे सोशल साइंस तो यह डिफरेंट साइंस एक्सपेरिमेंट किया जाता है और फिर कुछ प्रिंसिपल्स आफ ग्रेविटी से रिलेटेड प्रिंसिपल की जाती है तो उसमें बिहेवियर और प्रोसेस को लेकर प्रिंसिपल तो जैसे यहां पर संघ के को सबस्क्राइब करता है घृणा करता है अब हम यहां पर पड़ा हुआ था हाय क्विड टॉप मॉडल खैर रिसर्च देखेंगे कि कैसे जाती है तो जैसे एग्जांपल हमको किसी भी चीज पर लेकर रिसर्च करनी है तो हम जनरली क्या करते हैं कोई भी फिल्म बना के बारे में आपको जाना है कोई भी ऐड करें दोस्तों आपको कोई एसाइनमेंट ही मिला हुआ है आपको असाइनमेंट मिला हुआ है कि इस टॉपिक पर का टॉपिक है दशकों से एनवायरमेंटल डिजास्टर्स हो रहे हैं यह फॉर एग्जांपल फॉर एग्जांपल यह हिमाचल प्रदेश में किसी तरह का कोई नेचुरल डिजास्टर हो गया आपको इसको पर सर्च करनी है तो सबसे पहले क्या करोगे सबसे पहले हिमाचल प्रदेश में कौन सा डिजास्टर हुआ है उसके बारे में पढ़ोगे उस चीज को समझो कि क्या हुआ है फिर वहां पर एग्जेक्ट लेकर पूरा से नारी उद्धार किया था विक्रम स्थान से किस तरह से बीटा टेस्टर होता है उसको लेकर इन्फॉर्मेशन कलेक्ट करोगे जो इन्फॉर्मेशन क्या क्या लाएगी डाटा ओं है तो सबसे पहले इन्फॉर्मेशन कलेक्ट करोगे फिर वह डिजास्टर सबसे पहला क्वेश्चन तो यह घटना के डिजास्टर हुआ तो हुआ कैसे जो डिजास्टर हुआ तो वहां पर क्यों हो पाया क्या उसके सारे रिश्ते कैसे वह सारी चीज़ें हो प्रिंटर सबसे पहले यह हमारे पास में क्वेश्चन है अब इस क्वेश्चन का आंसर देना है तो उसके लिए हम यह अक्सर मधुमेह हाइपरटेंशन बनाएंगे क्योंकि वह जो है मतलब हिली एरियाज के अंदर आता है वहां पर लाइंस लाइंस वगैरह होना यह थोड़ा सा इजी मतलब यह चीज ए कॉमन हो जाती है तो लेकिन फिर भी क्या ऐसे सारे चीन से मांग की कि तरक्की ज्योग्राफिकल कंडीशन है जिसकी वजह से ऐसा हो पाया तो हमने कि हमने डाटा कलेक्ट किया अब आपने डाटा कलेक्ट किया फिर उस डाटा पर आप स्टडी करोगे कि हां यह सारी चीजें थी और फाइनली जब आपका डाटा आपके हाथ में होगा जो आपने पूरा रिसर्च कर लिया होगा टॉपिक कंक्लुजन बनाओगे यह सारे कारणों की वजह से हिमाचल प्रदेश में यह वाले डिजास्टर हुआ ठीक है तो इस तरह से आप ने एक आपको साइन इन दिया था उसके ऊपर आपने इसे डिग्री से में जब हम साइकोलॉजी में रिसर्च करते हैं तो हम डाटा कलेक्ट करते हैं जैसे फॉर एग्जांपल हमको पढ़ना है कि स्टूडेंट्स एग्जाम के टाइम कांग्रेस क्यों लेते हैं जैसा कि हमारा क्वेश्चन है तो हम वेट करेंगे हम स्टूडेंट्स जाएंगे तो सब हमारे पास में फटी स्टूडेंट्स है तो इन पार्टी स्टूडेंट से हम बात करेंगे कि आपको एग्जाम में मिस्ट्रेस होता है तो फिर हमको कुछ अलग जो है व्यू प्वाइंट मिलेंगे जिसके एग्जांपल अगर कोई स्टूडेंट को सुलझाने में सफलता कि नहीं मैंने तो एग्जाम के लिए सारा कुछ पहले ही पढ़ रखा है मेरे सारे कंसेप्ट्स क्लियर है मुझे जस्ट रिवीजन करना है तो मुझे ज्यादा स्पेस पर यह थोड़ा वह बहुत ज्यादा नहीं है किसी स्टूडेंट को नहीं पढ़ा तो उसको क्या रहेगा कि नहीं मैंने तो कुछ भी नहीं था मुझे बहुत डर लग रहा पता नहीं था में कैसा परफॉर्म कर पाऊंगा कोई स्टूडेंट बट स्टिल रहते हैं यह भी लाइक कि हां हमने साल भर कुछ नहीं पड़ा बट स्टिल हमें टेंशन नहीं हम पढ़ लेंगे अभी 2010 है हमारे पास में और हम अच्छे अंक मिलेंगे कुछ स्टूडेंट बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेते थे ऐसे जो हमने f-18 स्टूडेंट्स ने उनसे सभी सा को डिफरेंट डिफरेंट मीटिंग है और कोई तो ऐसा भी अपॉइंट होगा तो बहुत कॉमन होगा जैसे कि कुछ कम से कम इस पार्टी में इसे फांसी स्टूडेंट्स पैसा बोलेंगे कि अगर हमने पहले से पकाकर रखा है तो उनको इस नहीं होगा और हो सकता है 2010 से भोले पड़ा तो था बट याद नहीं रहता तो थोड़ा सा डर तो लगता है थोड़ा से स्ट्रेच तो हो ही जाता है तो इसीलिए हम को अच्छे से और ज्यादा मेहनत करने बैठे हो सकता कुछ स्टूडेंट्स ने भी बोलेंगे कि कुछ भी नहीं पड़ा इस बहुत ज्यादा स्पेस हो रहा है तो हम एक मैच्योरिटी का व्यू प्वाइंट लेंगे उस डाटा को पूरा समझेंगे पढेंगे फिर उसमें हम कंफ्यूजन बनाएंगे यह जो मेजॉरिटी जो मेरे पास में भी पॉइंट आता है कि स्ट्रेस जो है वह स्टूडेंट इसलिए लेते हैं क्योंकि उन्होंने साल भर नहीं बड़ा दिल स्टूडेंट्स ने साल भर पड़ा था उन्हें कोई स्पेस नहीं है तो इस तरह से हम क्या करते हैं कॉल उस बनाते जो डाटा के थ्रू सपोर्टेड होता है और फिर सारे एक्सपैरिमेंट होते हैं और जो भी मतलब जैसे ही करनी है उसके अंदर फिर जो है हम साइकोलॉजिकल सेनाओं में आपको समझ पाते हैं और इस तरह से फिर जो है बिहेवियर मेंटल प्रोसेस को लेकर भी स्टडीज की जाती है ढेर सारी रिसर्च की जाती है और फिर जब हमारे पास में डाटा कलेक्ट होता है उसको जब हम कंपलीट करते हैं तो कुछ प्रिंसिपल्स हमारे पास में बंद हैं जो जनरल होते हैं जो सभी के लिए बिल होते हैं अनअपोज्ड टो डिवेलप जनरल प्रिंसिपल्स बुड्ढी मेंटल प्रोसेस तो जैसे यहां पर ऐड करेंगे डेढ प्रोसेस को लेकर तो जब हमारे विशेष कंप्लीट होगी जब हम कन्फ्यूजन बना देंगे तो हमारे सामने कुछ तो ऐसे ही मैं जब मैं ऑफिस स्पेस की बात कही कि इस रेस को लेकर हमारे पास में एक जंगल ID आ जाएगा कि अगर बच्चे साल भर नहीं पड़ते हैं तो उनका योगदान टाइम एंड स्पेस होता तो यह जनरल प्रिंसिपल बन गया तो से में रिसर्च में बिहेवियर और मेंटल प्रोसेस को लेकर कुछ प्रिंसिपल बन जाएंगे और यह जो प्रिंसिपल होंगी यूनिवर्सल होंगे यह सभी जगह पर ऐसे ही होते हुए क्योंकि हमने इसको पर पूरा रिसर्च किया हुआ है ओके आई विल समझ में नेक्स्ट हमारी टीम दत्त * ह्यूमन बिहेवियर फंक्शन ऑफ द अटरीब्यूट्स आफ वर्ड्स एंड कमेंट ह्यूमन का बिहेवियर उसके एनवायरनमेंट से और जिन लोगों के साथ में वह रहता है उससे बहुत ज्यादा फैट होता है तो इसमें को डीएम ने एक जो है फेमस इक्वेशन दिया था जिस बीच रिक्वेस्ट ऊ हैव इन्वेस्टेड पिए तो यहां पर इसका फुल फॉर्म क्या है भी अ मतलब क्या है बिहेवियर ऐप का मतलब क्या है आपका फंक्शन और इसके बाद में पी क्या है आपका पर्सनल और यह क्या है आपका इन थे तो आप जैसे भी लोगों के साथ में करते हो आज भी पूरे एनवायरनमेंट में रहते हो आपका सोशल कल्चरल बॉयोलॉजिकल दादी साथ में आपका जो पूरा है कि एनवायरनमेंट जो इकोलॉजी है यह जब दोनों चीजें एक-दूसरे के साथ में आती हैं जब यह पर्सन और इंवॉल्वमेंट मल्टीप्लाई होते हैं तो यह किस तरह से फंक्शन करती है जिस तरह से फंक्शन के लिए डूबी कांग्रेस भी है पेट तो बिहेवियर जो है वह आपके मतलब है वह वर्शन और इंवॉल्वमेंट के अटरीब्यूट्स के थ्रू जो है मतलब हम को समझ में आता है यह मिलिए जो है वह इन चीजों से बहुत ज्यादा आप एक रहता है इसका मतलब यह है कि ह्यूमन का जो बिहेवियर है वह बहुत ज्यादा उसमें वेरिएशंस आती हैं जरूर डिफरेंट लोगों के साथ में मिलता है जब वह डिफरेंट एंडॉमेंट बताइए इसी लिए क्योंकि सबके जनेटिक एबिलिटीज जो है वह डिफरेंट डिफरेंट है सबके अपने-अपने ड्राइवर सेक्टीरियन सब अलग अलग इनवेस्टमेंट के अंदर रहते हैं तो इसीलिए जब हम उनके साथ में डिवाइड कर दें तो हमारा ये जो हमारा अध्यक्ष संजय महाराज पाचपोर है वह थोड़ा सा चेंज भी होता है उसमें वेरिएशन भी आते हैं और इस पर्सन एंड गवर्नमेंट के इंटरेक्शन के थ्रू हम यह इनके बिहेवियर को भी समझ सकते हैं कि डिफरेंट सरकमस्टेंसस में हे बिहेव्ड करता है तो यह कुछ जनरल प्रिंसिपल्स है कुछ चीन से आपके साइकोलॉजी के अंदर थर्ड जूनियर स्कूल ह्यूमन किसी भी तरह से बिहेव करें उसके हरेक बिहेवियर हरेक रिएक्शन हरेक रिस्पोंस का कुछ ना कुछ कारण होता है तो इसलिए वह बोले कि ये जो है वह कॉस्ट है हर तरह का ह्यूमन बिहेवियर हो चाहे इंटरनल हो चाहे एक्सटर्नल हो किसी भी चीज के लिए कर हो लेकिन उसके कुछ कारण होते हैं कोई भी ऐसा भी एलियन है जिसका कोई कारण ही ना हो जो बिना किसी कॉल के भ्रष्ट हो गया ऐसा नहीं होता आप भी कुछ भी ऐड करते अगर आप भी चढ़ाते हैं वह अभी बहुत खुश रहते हो कभी आप बहुत ही हाईली मोटिवेटेड रहते हो तो यह जो आपके रिएक्शन से यह आपके रिस्पोंस है और व्यक्ति उसके पीछे कोई न कोई चीज है जो काम करेंगे इस तरह से इनवेस्टमेंट में व्यवसाय आपके इंटरनल ईएस जो आपके बिहेवियर को फिट कर रहा है या अब उसकी वजह से अंबेडकर रहे हो तो किसी भी तरह का ह्यूमन बिहेवियर है उसके ढेर सारे कॉर्ड्स होते हैं और साइकोलॉजिस्ट जो है वह किस तरह के मतलब जो भी मेज़ उन्हें उन सारी चीजों एक्सप्लेन करते हैं बिहेवियर टो एक्सप्लेन करने के लिए कि तुम्हारे यहां पर कोई एडिट कर रहा है कोई प्रसन्न बहुत ज्यादा खुश है तो उसके घर छोड़ने के पीछे बहुत सारे लिए क्या कार्य वेतन से क्या सारे बेर यह बजे के बीच आज बहुत ही ज्यादा हैप्पी फील कर रहा है यह रिएक्ट करता है यह फॉर एग्जांपल कोई पर्सन बाथरूम भी हेल्प करता है तो उसे रुपये के पीछे क्या सारे मिशंस काफी जो मैं आपके स्टार्टिंग से ढेर सारे से एग्जांपल्स बताते हुए आ रही हूं वह सभी इसके अंदर आप मतलब समझ सकते हो ठीक है फिर वन कॉल्स मे इत्सेल्फ बिकॉज हैं अनअदर वेरिफिकेशन कर विकास व समाधान तो वहीं एक तरफ कोई बिहेवियर हुआ है उसी को यह कारण था फिर उसे एक लिए के पीछे भी कोई कारण था तू बहुत सारे ऐसे कोशिश होते हैं जिसकी वजह से यह न किसी तरह से बिहेव करते हैं थीम फॉर है आपकी अंडरस्टैंडिंग आफ ह्यूमन बिहेवियर स्कल्पचरल कंस्ट्रक्टेड ए ह्यूमन का बिहेवियर होगा उसको अगर आपको समझना है तो आप यह देखना होगा कि वह लाइटली कंस्ट्रक्टेड ए कल्चर विच कंसिस्टेड आफ कि मैंने आपको बताया कि जो आपके कल से इनफ्लुएंस आफ फिजिकल सर में होते हुए भी कल्चर का पार्ट होते हो वह कल से आपके बिहेवियर को कंस्ट्रक्ट करता है तो अगर आपको ह्यूमन बेबी को समझना था पुष्टि कल्चर को समझना होगा आपको कि सोसाइटी को भी सोचना होगा और यह तो कल ले कंस्ट्रक्टेड पॉलिथीन है यह बहुत ही रिसेंटली मर्जड यह पहले यह इतनी ज्यादा मतलब एलिमेंट नहीं हुआ करती थी ना ही इसके बारे में ज्यादा फोकस किया जाता था बट धीरे-धीरे करके साइकोलॉजिस्ट नहीं एक चीज देखी कि बहुत सारे ऐसे साइकोलॉजिकल थ्रिलर है बहुत सारे ऐसे मॉडल्स है जो जनरली यूरो अमेरिकन है नेचर में मतलब कि यूरोपियन कंट्रीज ने अमेरिकन जो मतलब अमेरिका जो है जो वेस्टर्न कंट्रीज है उन्होंने जो आइडिया दे उसके ऊपर साइकोलॉजी जो है बेस्ट है या उसके ऊपर साइकोलॉजी चल रही है बट यह चीज पॉसिबल नहीं हो सकती इंडिया में क्योंकि इंडिया के अपनी इससे इंडिया के अपनी प्रॉब्लम से इंडिया का अपना कल्चर इंडिया के अपनी सोसाइटी है जो ऑल इंडिया के पीपल के साइकोलॉजिकल उन्होंने को सौंप देती है तो इसीलिए हम को जो है और बिहेवियर को समझने में हर एक तरह की कसरत सेटिंग को समझना होगा और इंडियन पीपल के अगर हम बीजेपी को समझना चाहते थे हमको इंडियन कल्चर को भी समझना होगा एंड साइकोलॉजिस्ट फ्रॉम एशिया अफ्रीका और लैटिन अमेरिका हस बीन क्रिटिकल आफ यू रामायण आप रोजगार प्रॉफिट एंड यूनिवर्स है अरे से मेरा पेट इसमें बाय सामने और सेम क्रेडिट मिनट भी करती हैं तो यह बोलती है कि साइकोलॉजी को पढ़ने में या साइकोलॉजिकल रिसर्च में हमेशा मेल पर फैक्टर को ध्यान में रखा जाता है वहीं के पास पटरियों को ध्यान में नहीं रखा जाता तो हमको साइकोलॉजिकल कुछ इस तरह से भी डेवलप करना है जिसके अंदर हम कल शब सोसायटी और फीमेल हर एक परफेक्ट को ध्यान में रखें तो यह आपकी थीम फॉर हो जाती है फिर आप इधर थीम फॉर है वह बोल रही है कि ह्यूमन बिहेवियर कैन बे कंट्रोल्ड एंड मोडिफाइड थोड़ा एप्लीकेशन ऑफ साइकोलॉजिकल प्रिंसिपल्स ट्यूमर का जो बिहेवियर है उसको हम कंट्रोल भी कर सकते हैं उसको हम मॉडिफाई भी कर सकते हैं और कम चेंज भी कर सकते हैं और इसके लिए जस्ट हमको साइकोलॉजिकल प्रिंसिपल्स को एप्लाई करना होगा तो यहां पर बाद आती आपकी एप्लाइड साइकोलॉजी कि अ यह किस चीज की एप्लाइड साइकोलॉजी यहां पर जो भी सारे साइकोलॉजिकल इन्होंने हम अभी तक पढ़ रहे थे उसको हम एप्लाई भी कर सकेंगे साइंटिस्ट लाइक और टो नो हाउ सेटिंग्स फिजिकल साइकोलॉजिकल इवेंट्स कैन बे कंट्रोल्ड ध्यान सनराइज फ्रॉम डिजायर टो डिवेलप टेक्निक्स और मेथड ठाट विल इंप्रूव थे क्वालिटी आफ ह्यूमन लाइफ में जनरली देखो कोई भी डिसिप्लिन हो वह हमेशा क्या जाता है क्वालिटी आफ लाइफ इन सभी व्यूअर्स को इंस्टॉल कर सकें तो साइकोलॉजी में भी जो भी क्वालिटी ऑफ लाइफ है हम्म उसको सभी ह्यूमन कंट्रोल करता है तो उसके लिए हमको साइकोलॉजिकल सुनना को समझना होगा साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर्स को दूर करना होगा तो बहुत से ऐसे साइंटिस्ट यह जानना चाहते कि कैसे हम साइकोलॉजिकल लिया फिजिकल इवेंट्स को कंट्रोल कर सकते हैं तो यह जो है मतलब इसके लिए हम क्या करें क्योंकि हम क्वालिटी अप्लाई देनी है सभी क्वालिटी आफ लाइफ इनस्टॉल करनी है तो दिस ऑफर रिक्वेस्ट रिमूवल आफ ठेर डिफिकल्टीज और एडम्स कंडीशन वेस्ट इंडीज एक्सपीरियंस इन थे फील्ड आफ लाइफ एंड कंसीक्वेंटली साइकिल हस मेड ए सर्टेन इनफॉरमेशन सेंटर्स पेमेंट रिलीज होता साइकोलॉजिस्ट लोग हैं वह जो भी नीडी पीपल हैं उनकी लाइफ में अपने से ही खुद ही इनिशिएटिव लेते हैं आगे बढ़ते हैं और जो भी साड़ियों की प्रॉब्लम होती है उनको सॉल्व करते हैं और इसके लिए जो भी साइकोलॉजिकल रिसर्च उन्होंने किया हुआ है उसको वह एप्लाई भी करते हैं लोगों की लाइफ में जिसके थ्रू वह क्वालिटी आफ लाइन जो है उसको इंप्रूव कर पाएं तो इसलिए यह कहा जाता है कि साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर से आप जो भी सारे फेनोमेना है उसको कंट्रोल कर सकते हैं ह्यूमन बिहेवियर को भी हम कंट्रोल कर सकते हैं अगर हम उसमें हमारे साइकोलॉजिकल प्रिंसिपल्स वेयर मेड थ्रू जाना है समझा है उसको अप्लाई कर दें तो एंड यस एप्लाइड रोल और साइकोलॉजिस्ट्स ब्रॉदर सब्जेक्ट प्रोजेक्ट विल आफ थे पीपल इन थे लिमिट्स आफ भी एप्लीकेबिलिटी आफ इट्स प्रिंसिपल्स अब यह जो एप्लाइड रोल है साइकोलॉजिस्ट का मतलब इसमें हम साइकोलॉजिकल कमा को एप्लाई भी कर सकते हैं इससे क्या होगा कि साइकोलॉजिकल सब्जेक्ट और ज्यादा पे क्लिक क्लोज आ जाता है जहां पर उनको यह है कि जो भी सारे रिसर्च में घिरा हुआ है उस एक मतलब वह सारे नॉलेज को अब हमारे ऊपर एप्लाई किया जा रहा है जैसे क्वालिटी आफ है वह इंप्रूव हो सकती है और इसकी वजह से साइकोलॉजी बहुत ज्यादा है जब सब्जेक्ट पोलराइज ही पूरा हो पाया है तो सेवरल इंसीडेंट्स आफ साइकोलॉजी है पर मौजूद और इसी के साथ में बहुत सारी फ्रांसिस है सिकुड़ के मर जाती है वहीं शॉट यह जो आपने सारी चीज को डिस्कस किया उसने अपनी यह देखा कि सबसे पहले तो यहां पर हम को सबसे पहले कुछ जनरल प्रिंसिपल्स बनाने हैं जो कि यूनिवर्सल होंगे जैसे साइंस में एक्सपेरिमेंट करते हैं फिर कुछ प्रिंसिपल बंद हैं जैसे कि न्यूटन लॉ आफ ग्रेविटी को लेकर तो से में साइकोलॉजी के अपने प्रिंसिपल सोने से उस जगह एप्लीकेबल फॉर सबसे पहले यह चीज पर फोकस करना है ह्यूमन बिहेवियर कैसे कौन होता है उस चीज को जानना है ह्यूमन बिहेवियर के पीछे कल्चर का क्या इंपोर्टेंट रोल है उसे एक चीज को समझना है एंड सेकंड थीम जो हमने यहां पर डिस्कस करूं सेकंड थीम क्या थी आपकी की ह्यूमन बिहेवियर जिसमें पर्सन और एनवायरनमेंट है वह बहुत इंपोर्टेंट रोल प्ले करते हैं और यह जो सारी चीजों को जब हम स्टडी करेंगे तो इसके फ्रूट एक हमारा जनरल मतलब एक कुछ प्रिंसिपल्स क्रिएट होंगे साइकोलॉजिस्ट रिलेटेड टो जनरल आईडिया एक जनरल नॉलेज हमारे लिए क्रिएट हुआ साइकोलॉजी रिलेटिड उसको हमको टाइट करना हों पर अप्लाई करना है क्वालिटी ऑफ लाइफ इंप्रूव करने के लिए जो हमने थिक पाइप के अंदर डिस्कस किया ठीक है यह यहां पर समझ में आ इसके बाद में है कुछ आपकी ब्रांच और साइकोलॉजिस्ट ढेर सारी गर्म चीज जो है साइकोलॉजी कीमत होती चली जाती हैं जिसमें हम साइकोलॉजिकल थी और इस प्रिंसिपल्स को यूज करते हैं प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए और उसमें आपके इंडस्ट्रियल ऑर्गेनाइजेशनल क्लीनिकल एजुकेशन इन थे वर्ल्ड कम्युनिटी डेवलपमेंट हर एक तरह की मतलब सारी चीजें इसके अंदर जो है डिस्कस करूं जाती थी अभी तक आपने जैसे ढेर सारे अलार्म्स ऑफ साइकोलॉजी को पढ़ा आपने थीम्स आफ साइकोलॉजिकल रिसर्च को पढ़ा और कैसे रिसर्च एप्लीकेशन किया जाता है और यह सारे रिसर्च कैसे हम डिफरेंट ब्रांचेस में इसके नॉलेज के अप्लाई करते हैं यह सब कुछ यहां तक जो है कवर कर लिया गया है और सारा कुछ रिवाइज भी हो चुका है अब आपके कुछ 2432 चैप्टर से जैसे कि साइकोलॉजी एंड डिस्टेंस थे साइकोलॉजी और जो बाकी दूसरे डिफरेंस है उनका क्या ए रिलेशनशिप व हम यहां पर संजय अगेन हॉटस्पॉट में समझेंगे तो साइकिल ध्यान से डिसिप्लिन जो ग्रुप है तो उसमें वह पीपल के साथ में भी दूर करता है और इससे मतलब इसे डिसिप्लिन में हम डर एलिमेंट्स आफ नॉलेज साइकोलॉजिकल यूज करते हैं मतलब कि जो भी साइकोलॉजिकल नॉलेज है वह हमारा बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है वह किसलिए इंपोर्टेंट है ताकि हम जो है बहुत सारे ह्यूमन कि जो भी सारी प्रॉब्लम शुरू की उसको डिसोल्व कर पाएं ह्यूमन बिहेवियर कि हम समझ पाए मेंटल प्रोसेस कौन समझ पाए और इस के थ्रू यह साइकोलॉजी जो है डिफेंस के साथ में रिलेटेड है तो उसमें से कुछ मेड ए डिफरेंस को हम यहां पर डिस्कस करेंगे जैसे सबसे पहले आ सकती है तो मैं आपको बताउंगी फ्रिल ऑफिस यह साइकोलॉजी का वर्ड होता है और नाइनटीन सेंचुरी के एंड तक ट्रॉफी ही था जो इन सारे चौकोर टॉपिक्स के साथ में डाल रहा था जैसे कि माइंड का या नेचर है यूनुस को कैसे समझ सकते हैं यह उनके लिए फिर को कैसे समझ सकते हैं उनके लिए मोटिवेटेड अपील करता है कैसे उसके अंदर इमोशंस होते हैं अब इन सारी चीजों को फिलॉसफी के अंदर डिप कहा जाता था जिसे आज हम साइकोलॉजी में पढ़ते हैं और नाइनटींथ सेंचरी में आगे आते-आते जो वर्ड और बाकी दूसरे साइकोलॉजिस्ट होते हैं वहीं टॉपिक के ऊपर रिसर्च करते हैं और इधर ऐसे करके साइकोलॉजी जो है वह डिवेलप उन्हें सेट करते तो साइकिल आदि फिलॉसफी से बहुत ज्यादा रिलेटेड है साइकोलॉजी भी एक साइंस लैब और इसके अंदर भी फिलॉसफी के जो डिफरेंट फ्रॉम इंसान जैसा कि मैं थर्ड आफ नोइंग एंड वैरीयस टर्म्स ऑफ़ ह्यूमन नेचर वह सभी आपस में एक दूसरे से रिलेटेड है तो फिलॉसफी और साइकोलॉजी एक दूसरे से बहुत ज्यादा रिलेटेड है फिर उसके बाद में हम मेडिसिन की बात करें तो यह एग्जाम है कि हेल्दी बॉडी रिक्वायर्स सा हल्दी माइंड अगर आपको एक हेल्दी बॉडी से यह तो आपका मन भी बहुत ज्यादा हल्दी राय रहना चाहिए चीज पर आज डॉक्टर्स बहुत ज्यादा मतलब एक मैगजीन को वजन एक्सेप्ट करते हैं कि और बहुत सारे हॉस्पिटल्स में साइकोलॉजिस्ट को भी जो है एम्पलाई किया जाता हूं को रखा जाता है ताकि वह जो भी सारे मतलब पेशंस है उनके अनुसार ए साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर्स ने उन सभी को सॉल्व करना है जिसके थ्रू ह्यूमन के जो भी साड़ियों के डिजाइन जॉब्स की सारी प्रॉब्लम्स फ्री हैंड प्रॉब्लम्स उन सभी को हम और अच्छे से टेक्नो कर पाई क्योंकि हर एक चीज सिर्फ और सिर्फ दवाइयों से ठीक नहीं हो सकती ना तो आपका माइंड भी जो है अच्छा होना चाहिए इसलिए मेडिसिन की फीट से भी साइकोलॉजी रिलेटेड है और बहुत सारे आज के टाइम में डॉक्टर्स हॉस्पिटल्स है जहां पर साइकोलॉजिस्ट को रखा जाता है और मेडिसिन और साइकोलॉजिस्ट जो है वह हेल्थ हजार्ड्स जो भी सारे से चीज होती है जो अल्टीमेटली पीपल की हेल्थ को फिट करती हैं इन चीजों को क्लियर करने के लिए साथ में आती है तो इस तरह से मेडिसिन और साइकोलॉजी का रोल जो है वह ऐसे स्टार्ट होता है मतलब दोनों का जो रिलेशनशिप को इस तरह से स्टार्ट होता है अब साइकिल राजे इकोनामिक पॉलीटिकल साइंस और सोशल कॉज से कैसे रिलेटेड है तो इन्हें क्या कहा जाता है इन कहा जाता है सिस्टम डिस्टर्बेंस है अरे यह कौन है यह सिस्टम डिस्टर्बेंस सब आपस में एक दूसरे से रिलेटेड है और कैसे साइकोलॉजी इन सभी से रिलेटेड है वह हमको यहां पर समझना है तो जनरली साइकोलॉजी जब इकोनॉमिक्स के साथ में डालकर है तो वह किसी चीज की मदद की कंजूमर का क्या डेढ है इकोनामिक बिहेवियर कैसा है और कैसे जो भी कंजूमर है वह किसी तरह का कोई डिसीजन लेता है कैसे वह प्रोडक्ट की परचेसिंग करता है कैसे बुक सेविंग भी करता है तो वह इकोनॉमिक्स रिलेटेड है पॉलीटिकल साइंस में जब हम आ जाते हैं तो जैसे जो भी पॉलीटिकल लीडर है जो भी पावर में है जो भी अथॉरिटी है जो भी सारे पॉलिटिकल कनफ्लिक्ट्स होते हैं जो कि सारे पॉलीटिकल इश्यूज होते हैं उन सभी में ह्यूमंस का जो एक पूरा साइकोलॉजिकल सुनाओ ना है वह कैसे रिलेटिड होता है मतलब पॉलीटिकल साइंस में हम जो भी सारी डिफरेंट डिफरेंट इश्यूज होते हैं और कैसे हम उनको रिचार्ज कर सकते हैं वोटिंग ये कैसा है मतलब कि फॉर एग्जांपल जो सपोर्ट चुनाव होने वाले हैं वोटिंग होने वाली इलेक्शन होने वाले हैं और उसमें कौन सा लीडर होगा जैसे अक्सर आपने देखा होगा इस न्यूज़ में अनलिमिटेड होता रहता है कि इन केजी होने के चांसेस बहुत ज्यादा है क्यों क्यों कि उन्हें किस तरह से ह्यूमन माइंड को जो है मैंने प्लेट क्या है यह मैंने प्लेट करें या उनकी बातों से किस तरह से जो वोटर्स है वहीं फैंस को चुके हैं तो कैसे वह साइकोलॉजी वहां पर ही इंपोर्टेंट रोल प्ले करती है वह हम पॉलीटिकल साइंस के अंदर पड़ते हैं सोशलॉजी और साइकोलॉजी जब साथ में आते हैं तो वहीं पड़े न कि इंडिविजुअल का बिहेवियर उसके अपने सारे एक्सपीरियंस ए socio-cultural कांटेक्ट में कैसे फ्रेम होते हैं या ह्यूमन जो है वह कैसे अपनी सोसाइटी में अपने कल्चर में रहते हुए इनफ्लुएंस होते हैं या उनके सुसाइड उनका करियर कैसे उनके बिहेवियर को इन्फ्रेंस करता है तो जो भी ऐसे इशूज होते हैं जैसे सोशलाइजेशन कैसे होगा कैसे गुरु पर कलेक्टिव लिए इंटरव्यू कंस्ट्रक्शन सभी को कॉल करना है यह सारी चीजों को सोशल ऑडिट और साइकोलॉजी दोनों आपस में साथ में मिलकर जो है रिजल्ट करते हैं इसके बाद आपका कंप्यूटर साइंस तो स्टार्टिंग में अपनी एक चीज पढ़ी कि ह्यूमन माइंड भी कंप्यूटर की ही तरह काम करता है और बीगिनिंग ही मतलब यह सारे ऐड से कि कंप्यूटर साइंस जो है वह ह्यूमन माइंड की ही तरह व करता है या कंप्यूटर है वह मैन की तरह काम करता है तो इस तरह से वैकेंसी 10वीं आपके ससुराल कंप्यूटर इस मेमोरी ऑर्गेनाइजेशन साइन इन टेस्ट प्रोसेसिंग ऑफ इन्फॉर्मेशन तो जिस तरह से कंप्यूटर में इन्फॉर्मेशन को रिसीव किया जाता है इसको किया जाता है मगर इस किया जाता है उसको प्रोसेस किया जाता है सर्वे में ह्यूमन माइंड में भी यह सारी चीजें होती हैं तो मतलब या ह्यूमन माइंड में ही यह सारी चीजें होती है और यह रिमाइंड की तरह हमने कंप्यूटर का बनाया हुआ है तो कंप्यूटर साइंटिस्ट और जो इंजीनियर होते हैं वह कंप्यूटर्स को सिर्फ और से बहुत ज्यादा इंटेलिजेंट नहीं बनाना चाहते हैं बल्कि ऐसी मशीन बनाना चाहते हैं जिनकी अंदर इमोशंस कर सकते हैं दो चीजों को फील कर सकते हैं तो उसके लिए हमको ह्यूमन माइंड को समझना होगा तो इसीलिए साइकोलॉजी और कंप्यूटर साइंस जो है वह आपस में साथ में आते हैं और इसकी वजह से कॉग्निटिव साइंस में बहुत ज्यादा एडवांस मिनट में जहां पर हम प्रोसेस आफ यू इन थिंकिंग रिमेंबरिंग रिजल्ट अटेंशन इन सारी चीजों पर फोकस करते हैं प्लेयर नेक्स्ट आपका लॉ एंड टर्मिनोलॉजी एक लॉयर के लिए और साथ में जो भी और क्रिमिनल केसेस के साथ में डाल कर रहे हैं तो उनको साइकोलॉजिकल नॉलेज होना बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है जो कोई लावै अलावा पर है वह किसी मतलब केस जो है किसी भी आपकी जो भी वहां पर विक्टिम है या जो भी है अगर वह उसको किसी तरह से क्वेश्चनिंग कर रहा है तो उसको मतलब कैसे जो भी वहां पर है प्रसन्न जिसके भी साथ में लॉयर है दिल कर रहा है या उसे क्वेश्चन पूछा है तो उसको पता होना चाहिए कि मैं कौन सा क्वेश्चन पूछ लूंगा यार मैं कैसे क्वेश्चन पूछ लूंगा तो यह प्रश्न उठा तरह से आंसर करेगा तो आपको ह्यूमन माइंड मेंटल प्रोसेस इसका प्रॉपर नॉलेज होना चाहिए क्रिमिनल केसेस में डाल कर रहे हैं तो जो भी क्रिमिनल है वह सिर्फ मैं सच में कैसे क्राइम किया कैसे सारी चीजें हुई उससे सच हम को बाहर निकलवाया है तो उसके लिए हमको साइकोलॉजिकल नॉलेज होना बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है तो लॉ एंड टर्मिनोलॉजी में भी जो है साइकोलॉजिस्ट इन्वॉल्व होते हैं बहुत सारी इसमें साइकोलॉजिकल नॉलेज उनके लिए भी बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट होता है और इसकी वजह से कंट्री का जो लीगल सिस्टम है वह और ज्यादा डेवलप होगा मास कम्युनिकेशन की बात करें तो जैसे आपका मीडिया हो गया प्रिंट मीडिया हो गया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो गया इन सभी का एक बहुत ही मेजर इनफ्लुएंस होता है कि हम किस तरह से सोचते हैं हमारे अपने एटीट्यूड के ऊपर हमारे अपने इमोशंस के ऊपर तो यह मास कम्युनिकेशन में साइकोलॉजिकल सुनने में बहुत इंपोर्टेंट रोल प्ले करता है जहां पर जो मीडिया होती है वह अपनी बातों से अपनी सारी न्यूज़ रिपोर्टिंग के थ्रू हमारे माइंड को अ इंश्योरेंस करें वह हमारी फिटिंग को हमारे ट्यूसडे को हमारे इमोशंस को इनक्रीस करें होती है या शेप दे रही होती है तो टाइम पर कदम मीडिया अंदर फॉर्मेशन ऑफ इंस्टीट्यूट ऑफ चिल्ड्रन अंडर डेविड एरिया व्हेयर बोथ इन रिस्पांस टो कम टुगेदर तो मीडिया जो है वह मतलब जो इन फैक्ट है मीडिया का अब बच्चों के ऊपर साथ में बिहेवियर के ऊपर यह सारी चीजें इस साइकोलॉजिकल डिफरेंट को और ज्यादा मतलब जो हम आगे बढ़ाकर तो इस तरह से साइकोलॉजिकल मास कम्यूनिकेशन आपस में आते हैं और दोनों डिफरेंस के बीच में इसे ढककर रिलेशनशिप होता है साइकिल आईटी अलसो हेल्प्स इन डेवलपिंग स्ट्रैटेजिस फॉर बेटर एंड इफेक्टिव कम्युनिकेशन और साइकोलॉजी के थ्रू और मीडिया को यह मतलब जैसे मीडिया में लोग हैं जनरलिस्ट वगैरह है उनको पता है कि किस तरह से हमें ह्यूमन को मिली कर हम किस तरह की रिकॉर्डिंग करेंगे तो हमारे रिपोर्टिंग ज्यादा इफेक्टिव होगी यह मैच के लिए तो इसीलिए साइकोलॉजी की वजह से जो है वह सारी स्ट्रैटेजिस भी डेवलप हुई इफेक्टिव का क्वेश्चन दिए म्यूजिक एंड फाइन अधिकतम म्यूजिक यूज की जाती है बहुत सारे हेल्थ रिलेटेड प्रोबलम यह फिजिकल एेलमेंट्स को करेक्ट करने के लिए सारी प्रॉब्लम्स को जो है ठीक करने के लिए म्यूजिक थेरेपी भी कहते हैं तो आपके में मिशंस वगैरह जो है वह बहुत म्यूजिक थेरेपी के साथ में एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं जहां पर हम म्यूजिक को यूज करके आप का किसी तरह का कोई साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर है तो उसको ठीक कर सकते हैं तो इस तरह से म्यूजिक फाइनल जो है वह साइकोलॉजी से रिलेटेड होते हैं आर्किटेक्चर में इंजीनियरिंग में तुझे आर्किटेक्ट होगा यह इंजीनियर होगा उसको एक चीज का नॉलेज होना चाहिए कि किस तरह का डिजाइन उसका जो कस्टम मतलब जो भी उसके सामने उसका क्लाइंट है वह चाहता है तो वह को का पता चलेगा जब इसको थोड़ा बहुत साइकोलॉजी का नॉलेज होगा जब थोड़ा-बहुत ह्यूमर रिमाइंड है मेंटल प्रोसेस को समझता होगा वैसे तो सभी ह्यूमन सहित सभी एक दूसरे को जानते हैं समझते हैं बढ़ेंगे उसके जब आप अपनी प्रोफेशनल लाइफ में आ गया वह सब आर्किटेक्चर हो और आप अपने क्लाइंट के रस में जाते और आप वह बताते हैं यह कुछ इस तरह का डिजाइन सोच रहे हैं तो अगर आप उनकी बात समझ ही नहीं पाते हो तो आप मतलब एक ज्यादा सक्सेसफुल नहीं हो पाओगे तो अगर आपको अपने क्लाइंट की जो भी सारी उसकी मतलब चॉइस है जिसका सारा टैक्स को समझना है फिर साइकोलॉजिकल एंड स्किमिंग आपके अंदर होना चाहिए वह आपका आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग से रिलेटेड है तो इस तरह से डिफरेंट डिफरेंट डिफरेंट के साथ में जो है साइकोलॉजी रिलेटेड है और उसकी ढेर सारी इंचेस बस मतलब बहुत सिंपल से करते हैं आप नाम से ही चीजों को समझ सकते हैं क्योंकि डिटेल में बढ़ा दिया था तो ज्यादा अभी मैं नहीं जा रही हूं इज्जत एक जल्दी से फटाफट जो है सारी चीजों का रिवीजन हम करेंगे बट एक चीज अभी चाहूंगी कि चैप्टर को रीड करना चैप्टर कंप्लीट कल्याण टॉपिक वाइज हर चीज समझ में क्वेश्चन आंसर भी हो गया रिवीजन भी कर लिया बट एक बार खुद से चैप्टर को रीड करना हो सकता है बहुत सी चीजें आप जख्म रीड करो आप और अच्छे से क्लियर हो जाए प्लेयर यह यहां पर समझ में नेक्स्ट आपका साइकोलॉजी आर्ट वर्क और फिर उसके बाद में साइकोलॉजी इन एवरीडे लाइफ तो किस तरह से जो भी साइकोलॉजिस्ट वह काम करते तो क्या उनके सारे मतलब क्या उनका रोल होता है और उसके बाद में हमारी एवरीडे लाइफ में साइकोलॉजिकल कितना यूज करते थे वहां छोटे-छोटे से टॉपिक है इसको भी फटाफट से रिवाइज कर लेते हैं अधिक है मिश्रा जी आज के टाइम में तो साइकोलॉजिस्ट होते हैं वह सारी डिफरेंट फील्ड्स में काम करेंगे अब हमने देखा कि कितना वाइड रेंज ऑफ़ इन्होंने जो है बोलो कवर करते हैं तो इस तरह से मतलब बहुत ही वैरायटी आफ जिसमें वह आपके जेवर करें जो भी साइकोलॉजिस्ट हैं एंड एप्लाइड साइकोलॉजिकल प्रिंसिपल्स फॉर ट्रेंनिंग एंड टीचिंग पीपल इन ऑर्डर टो सॉल्व थे प्रॉब्लम्स अब जो भी सारे साइकोलॉजिस्ट होते हैं वह अपने जो भी का साइकोलॉजिकल कॉलेज होता है जो भी उन्हें अपने मतलब अपने पूरे इस डिग्री को अटेंड करने में जो भी सारी चीजें सीखी हुई है तो उसको वह ट्रेनिंग और लोगों को यह चीज खाने में कि कैसे वह अपने साइकोलॉजिकल जो भी सारी प्रॉब्लम से जुड़ी सारी डिसऑर्डर से उनको सॉर्ट आउट कर सकते हैं उसमें हेल्प करते हैं इसको ह्यूमन सर्विस एरियाज भी कहा जाता है ठीक है ट्यूमर सर्विस एरियाज क्योंकि जो भी साइकोलॉजी में साइकोलॉजिस्ट ने पड़ा है जो भी सारी चीजें समझे हैं जिसमें तरह से रिसर्च किया है अब वह इसको अप्लाई करने वाले हैं अब वह वूमंस की प्रॉब्लम को सॉल्व करने में उनको क्वालिटी अप्लाई इंप्रूव करने भेजो हेल्प करने वाले थे इसलिए उसको ह्यूमन सर्विस एरिया भी कहा जाता है जहां पर हमने को सब्सक्राइब करें हैं तो इसमें जनरली ओरिया जाते हैं एक आपका क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट एक काउंसलिंग साइकोलॉजी एक कम्युनिटी स्कूल एंड ऑर्गेनाइजेशनल साइकोलॉजी तो इस कूलर का ऑर्गेनाइजेशनल कौन साथ में देखने वाले हैं अगले निकल काउंसलिंग और साइकैटरिस्ट का डिफरेंस अभी आपने समझा और अब किस तरह से साइकोलॉजिस्ट वर्क करते हैं तो उसमें यह डिफरेंट स्पीशीज फ्रॉम यहां पर डिस्कस करेंगे एक-एक करके और बहुत जल्दी जल्दी से ठीक है क्योंकि क्लीनिकल काउंसलिंग यह सारी चीजें आप आलरेडी समझ सकते हो बस एक बार वर्क कैसे करते हैं इन चीजों को देख लेते तो जो भी हाईलाइट करूं जो भी पॉइंट बताऊं इसको नोट करते हुए उतरना है सबसे पहले आप के क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट सॉगडू दे स्पेशलाइज इन हेल्पिंग प्लान स्मिथ बिहेवियरल प्रॉब्लम्स माइक्रो वेडिंग थेरेपी फॉर वैरीयस मेंटल डिसऑर्डर्स एंड साइंटिफिक असिस्टेंट कोई भी उनका अपना पेशंट इसको किसी तरह का कोई स्ट्रेस है कोई एक्साइटेड किसी तरह का कोई अफेयर है कोई मीटिंग शोल्डर है तो इन सारी चीजों में थेरेपी प्रोवाइड करना और जो भी इसकी वजह से जैसे किसी पर्सन कोई स्ट्रेस और है उसके बिहेवियर में भी तो चेंजेस हैं तो उन सारी चीजों में कैसे हमारी लाइव स्कोर हेल्प कर सकते हैं कैसे उनके इन इशूज को रिकार्ड कर सकते हैं उसमें कि जो क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट होते हैं वह हेल्प करते हुए जैसे मैंने भी क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट के बारे में पता कि इनके डिग्री किसमें होती है साइकोलॉजी में ही होती है और साथ ही साथ में किसी भी तरह के डिसऑर्डर को प्रिवेंट करना उसके कॉर्ड्स बताना उसका ट्रीटमेंट हुए करना इसमें क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट अपना इंपोर्टेंट रोल प्ले करते हैं तो वह प्राइवेट प्रैक्टिस मैच की तरह काम करते मतलब हॉस्पिटल्स में सोचा लेकिन इसमें रिबन मेंटल इंस्टीट्यूशंस में भी आपको क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट मिलेंगे जो पीपल के यह जो सारी प्रॉब्लम्स यह सारे साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर से इनको सॉर्ट आउट करने में हेल्प करते हैं फिर इसके बाद में और जैसे वह बहुत सारे इंटरव्यू स्पेसिफिक एग्जांपल और कोई क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट जब मैं क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट को अभी मेरे पास में कोई पेशंट आया है उसको इस प्रेस कीजिए अब उसके बाद है स्ट्रेस रहने लगा है और उससे स्ट्रेस की वजह से इसको धीरे-धीरे करके उसको है डिग्री होने लग जाता है और वह बहुत परेशान रहता है इसी वजह से वह अच्छे से खाना भी नहीं खा पाता अब मेरे पास में तो मैं उसको पहले उसके साथ में थोड़ी सी बात शेयर करूंगी इंटरव्यू उसका कि भाई क्या सारी दिक्कत हो रही थी किस तरह से मतलब आप स्पेस में आए हो तो कि बहुत सारी सुविधाएं जैसे मैंने देखा कि ह्यूमन बिहेवियर स्कूल्स ट्यून किसी भी तरह से बेकार तो उसके पीछे बहुत सारे रिसर्च अगर इसको स्ट्रेस हुआ है तो उसके पीछे रिजल्ट होंगे कुछ कारण होंगे तो उन सारी चीजों को जानना उसकी प्रॉब्लम को डायग्नोस करना साइकोलॉजिकल जितने भी टेस्ट रिक्वेस्ट है वह सारी चीजें करना और कैसे आउट हूं मदर उसको कैसे हमको Dr करना कैसे इस प्रॉब्लम को हमको खत्म करना है कैसे उसके इस ड्रेस को हम को खत्म करना है और इसके बाद में हम्म उसको रिहैबिलिटेशन भी प्रोवाइड कर सकते हैं तो इसके लिए बहुत सारे सेंटेंस भी होते हैं जब तक क्लोजिंग एवरी डे लाइफ में एक चीज को डिस्कस करोगे तो स्टूडेंट्स को हैं जो प्रपोजिंग क्लिक साइकोलॉजी अट्रैक्ट टू द स्पीड ऑफ साइकोलॉजी तो इसमें फसल है मतलब जो पॉजिटिव होते हैं क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट के लिए भी नेक्स्ट स्टेप के काउंटिंग साइकोलॉजिस्ट काउंसलर्स होते हैं यस सीरियस प्रॉब्लम्स के लिए होते हैं वह भी मतलब और साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर से है बट जो ले सीरियस होती है जिससे आपकी day-to-day लाइफ में आपको कोई प्रॉब्लम नहीं आपकी फैमिली में और किसी तरह का कोई झगड़ा हो गया ठीक है दोस्तों वह अजहर के बीच में किसी तरह का कोई झगड़ा हो गया और उसके बाद में जो है और उसमें किसी तरह से कोई अच्छी चीज नहीं हो पाती मतलब सिर हमेशा लड़ते रहते हैं जिसकी वजह से बच्चे वह परेशान हो गए कोट 1 ए चल रहा है तो आपको भी काउंसलर की नियुक्ति बैठो अपनी सारी चीजों को कॉल करो वह आपकी हेल्प करेगा सारी चीजों को खत्म करने में मतलब जो कि आपकी सारी प्रॉब्लम से उसको खत्म करने में तो उसमें जो भी सारे लेती उनको हैं उसके लिए एकाउंटिंग साइकोलॉजिस्ट होते हैं और यह जो भी पर्सन मोटिवेशनल यही वो क्षण प्रॉब्लम के साथ में बेल करें मैं सफल रहे हैं उसको उनके सारी प्रॉब्लम्स को सॉल्व करते हैं ले सीरियस इश्यूज यह आपको यहां पर डाल दिया और यह कह सकते हैं वह यस्मिन रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम चला सकते हैं और इसके साथ-साथ में जो भी डिफिकल्ट की प्रॉब्लम से लाइफ प्रॉब्लम है उसको आंसर कर सकते हैं इसके बाद में यह पब्लिकेशंस इसमें काम करते हैं जैसे मेंटल हेल्थ सेंटर हो गए हॉस्पिटल सो गए स्कूल सो गए कॉलेजेस यूनिवर्सिटीज में उन सभी में काउंटर साथ किराए में रखा जाए तो अभी आपने साइकोलॉजी का कितना तो इसको है कितना व्यूज आफ नो उस चीज को डिस्कस किया है तो इन सभी जगह पर काउंसलर्स भी होते हैं जो मतलब यह जो सारी प्रॉब्लम्स आती ढेर सारी प्रॉब्लम्स आती है उसको कॉल करने में हेल्प करते हैं फिर हो गए आपके कम्युनिटी साइकोलॉजिस्ट तो कम्युनिटी लेवल पर अगर हम बात करें तो जैसे कि कि जो भी सारी कम्युनिटी से रिलेटेड प्रॉब्लम्स अधिकतम मिनट का मतलब जैसे यहां अभी हम का असली की बात करें मैं क्लीनिकल की बात करें तो हम किसी इंडिविजुअल पर्सन की बात करें लेकिन जब हम ऑर्गनाइजेशन की बात करने लग जाते हैं या एक कम्युनिटी की बात कर ले जाते हैं जहां पर कहीं ना कहीं वह इस सोसाइटी वाला काम निपटा जाता है कि जहां सभी जो है साथ में रहते हैं एक पूरी कम्यूनिटी से रिलेटेड कोई प्रॉब्लम होगी जिसमें बाद लाज पिंपल या एक बहुत ही बड़े ग्रुप कि हम बात करें ठीक है तो जो भी कम्युनिटी से रिलेटेड प्रॉब्लम्स सकते हैं उसके लिए कम्युनिटी साइकोलॉजिस्ट होते हैं जैसे कि ऑफ मेंटल हेल्थ एजेंसीज हैं स्टेट गवर्नमेंट होती हैं अब प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशंस होती हैं यहां पर कमेटी साइकोलॉजिस्ट वर्क कर रहे होते हैं और यह जो भी फिजिकल मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स आती है उसके साथ मिडिंग करते हैं जैसे फॉर एग्जांपल रूरल एरिया से तो रूरल एरियाज में जो भी मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स लूंगी अर्बन एरियाज थे अर्बन एरियाज में ट्रक रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम सुनिए तो जैसे इंस्टॉल मतलब एक एग्जांपल से समझा देती हूं कि जैसे अर्बन एरियाज में ड्रग एडिक्शन की प्रॉब्लम हो जाता है कि अर्बन एरियाज में जो लोग है इस स्पेशली जो यूं है वह बहुत ज्यादा ड्रग एडिक्ट हो चुकी है वह अदरक अंजूम करती है मैंने क्या होगा कि उसके लिए जो स्टेट गवर्नमेंट है वह प्लांट पॉलिथीन लेकर आ रही है या प्लानिंग करनी पड़ी है तो जरूर कमेंट साइकोलॉजिस्ट हैं उनको वह जगह-जगह पर जो है रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम के थ्रू भेजती है और अर्बन एरियाज में जो भी ड्रग एडिक्ट्स लोग हैं वह उनको हेल्प करना कैसे वह ड्रग एडिक्शन से बाहर आ सकते हैं इन सारी चीजों हेल्प करती तो वह जाते हैं आपके कम्यूनिटी साइकोलॉजिस्ट के जो एक कम्युनिटी लेवल पर वर्क करते हैं जो किसी लार्ज एरिया है मतलब ग्रुप के लिए लाइज इन थे सोसायटी है पूरी कम्युनिटी है उसके लिए वहां पर जो लोग हैं उनकी क्वालिटी ऑफ लाइफ को इंप्रूव करने के लिए हेल्प करें जैसे रूरल एरियाज में तो रूरल एरियाज में भी बहुत सारी प्रॉब्लम्स आती है तो वह उन उसके लिए रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम सो रहे थे रात में जब यह सारे डिटेल में डिस्कस किया हुआ था नेक्स्ट आपका स्कूल साइकोलॉजिस्ट तो स्कूल में जो भी स्टूडेंट्स आते हैं तो जो भी पुरानी कार्य क्रिसमस सिस्टम है कि इस तरह से हम एडमिशन करते हैं बच्चों का किस तरह से टीचर पेरेंट्स का एक कम्युनिकेशन होता है टीचर स्टूडेंट रिलेशनशिप कैसा है कौन-कौन सी को करिकुलर एक्टिविटीज हम जो है बच्चों के लिए करवाएं जिससे उनका ओवरऑल डेवलपमेंट हो रहा है या नहीं हो हैं तो इन सारी चीजों के लिए स्कूल साइकोलॉजिस्ट सोते थे स्कूल लेवल पर वर्क करते हैं स्कूल की पॉलिसीज वगैराह बनाते हैं वह आपके स्कूल साइकोलॉजिस्ट हैं नेक्स्ट यह आपके ऑर्गेनाइजेशन साइकोलॉजिस्ट जो ऑर्गेनाइजेशंस में बरकत जैसे अभी हम यहां पर डिस्कस किया था इंडस्ट्रियल या ऑर्गेनाइजेशनल साइकोलॉजिस्ट तो से मेरे जो आपके इंडस्ट्रीज में ऑर्गनाइजेशन में एंटरप्राइसेस में जो एग्जिक्यूटिव है मैनेजर ने वर्कर से उनके जो सारी प्रॉब्लम्स ऑन सारी प्रॉब्लम्स के साथ में टैकल करते हैं ठीक है और जो भी मतलब जो भी सारी प्रॉब्लम्स आती हैं उनको सॉर्ट आउट करना जो भी सारी प्रिवेंट से उनको रिसॉर्ट करना और इसके लिए यह कंसलटेंसी सर्विसेज भी प्रोवाइड करते हैं ट्रेंनिंग प्रोग्राम्स भी चलाते हैं यहां पर हमको किस तरह से वर्कर्स को भी ट्रेन करना है कैश सुकून का वर्क जो है वह पूरा एक्सप्लेन करना है कैसे एंपलॉयर्स के बीच में वर्कर्स के बीच में रिलेशनशिप रहेगी और इन सारी चीजों में किसी तरह की कोई प्रॉब्लम तो नहीं है को इशू तो नहीं हो रहा है मतलब बहुत बार ऐसा यह एंटरप्राइजेज में ऑर्गेनाइजेशंस विच वर्क्स काम करते हैं उनके बीच में किसी तरह का कोई वजह कोई प्रॉब्लम है कोई लड़ाई झगड़ा हो गया किसी तरह का कोई जो है बागी मिनट हो गया इसकी वजह से वर्क पर अभी थोड़ा है तो उन चीजों को भी जो है मतलब कैसे हम को डिलीट करना है कैसे इसको टाइप करना है कैश हम सारी सब्जियों की सारी प्रॉब्लम्स को खत्म करना है उसमें आपके ऑर्गेनाइजेशनल साइकोलॉजिस्ट जो होते हैं वह आप करते हैं और यह कहां कहां पर गौर करें तो जैसे ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट में और बाकी जो अभी नई नेशनल डेवलपमेंट और चेंज मैनेजमेंट प्रोग्राम्स रूंस व ग्रहण करती है प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशंस एंड करती हैं उसमें यह सभी वर्क करते हैं तो डिफरेंट डिफरेंट फील एरियाज में डिफरेंट डिफरेंट साइकोलॉजिस्ट हैं वह कहते हैं यहां पर हमने फैब्रिक को डिस्कस करा और जो सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट जो एक डिस्टिंक्शन हम पढ़ते हैं आपके काउंसलर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और साइकायट्रिस्ट के बीच का वह आपको अच्छे से समझ कर रखा है और कम्युनिटी साइकोलॉजिस्ट का ठीक है इस गेट यह चारों का जो डिस्टिंक्शन है यह बहुत इंपोर्टेंट है लास्ट टॉपिक पर आज मैं आपके चेहरे के जरिए साइकोलॉजी इन एवरीडे लाइफ तो day-to-day लाइफ में हमारी केकरा से साइकोलॉजिस्ट जो है वह व करती है यह कैसे महिला करती है या किस तरह से साइकिल और यह मैंने यूज होती है वह सारा को एक बार फटाफट से देखेंगे जल्दी से तो साइकिल आईएस नॉट ओनली ए सब्जेक्ट सेटिस्फाई थम अवे फ्रॉम सिटीज आफ माइंड अबाउट यू क्विड ऑल शौक सब्जेक्ट कवर्स और द किंग ऑफ सलूशन स्टोर वैरायटी आफ प्रॉब्लम्स ओर जहां से हमारा चैप्टर नंबर वन स्टाइल किए थे इंट्रोडक्शन से कि बहुत सारे स्टूडेंट साइकोलॉजी क्यों लेते हैं कि क्वालिटी साथ में कि हमको ह्यूमन वाइन के बारे में जानने को मिलेगा लोग क्या सोचते इन सारी चीजों के बारे में जानने को मिलेगा बट एक्जेक्टली साइकोलॉजी इससे भी और बहुत ज्यादा वाइट है उसका रेंज अपना और भी ज्यादा हाइट है जहां हम सिर्फ ह्यूमन माइंड को ही नहीं जानते हैं बल्कि साथ में जो भी सारी डिफरेंट डिफरेंट वैरायटी आफ प्रॉब्लम्स है उसको भी हम सॉल्व कर सकते हैं उसके लिए ढेर सारे सलूशन ऑफ कर सकते हैं साइकोलॉजी में और बहुत सारी ऐसी प्रॉब्लम्स आती है साइकोलॉजिकल नीचे कि जैसे अनहैल्दी थिंग है या नेगेटिव एटीट्यूड है लोगों की तरफ लेकर सिर्फ और अंधेरे में पैटर्न चाहिए तो इसकी वजह से भी बहुत सारे प्रॉब्लम्स एंड सोसायटी में अपने आप ग्रो करते हैं तो उन प्रॉब्लम्स थोड़े कम करने में भी हम साइकोलॉजी के हेल्प लेते हैं अ साइकोलॉजिकल एनालिसिस आफ थिस प्रोबलम हे वास बोथ इन हेविंग डीप अंडरस्टैंडिंग आफ प्रॉब्लम्स एंड आफ विंटर इफेक्टिव Services तो यह दो सारी प्रॉब्लम्स है यहां पर हम मतलब एक जो जनरल यहां पर एग्जांपल लें क्योंकि मैं आपको पहले का यह चैप्टर वन है यह जस्ट आपको एक बेसिक आइडिया देता है साइकोलॉजी को लेकर तो जैसे हम स्ट्रेस एंजायटी इन सारी चीजों की बात करते हैं और कोई पर्सन है उसका पति नेगेटिव एटीट्यूड कोई फ्रूट है तो यह जो सारी चीजें एक इंडिविजुअल के अंदर हो चाहे किसी ग्रुप के अंदर हो डैडी के अंदर हो या किसी ऑर्गेनाइजेशन के अंदर हो तो कैसे हम इन सारी प्रॉब्लम्स को सॉल्व कर सकते हैं कैसे उन प्रॉब्लम्स के लिए एक इफेक्टिव सलूशन ले सकते तो वह सारी चीज आपको कहां मिलेंगे साइकोलॉजी के अंदर अब जैसे इसमें आपको day-to-day लाइफ में दो एग्जांपल दिया है एक मीडिया का एक्सांपल दिया गया है एक डिफेंस का एक्सांपल दिया गया तो जैसे मीडिया कैसे हमारी डे टो डे प्रॉब्लम्स को सॉल्व एक तो मीडिया जैसा कि हम यहां पर डिस्कस या मास कम्यूनिकेशन के अंदर की मीडिया क्या करती है आपकी थिंकिंग को आपके जो भी आप इस तरह से सोच रहे हो कि इस तरह से आपको सोसायटी के बारे में सारी बातें बताती है कि क्या चल रहा है क्या सारी चीजें हो रही हैं आपको अरे इन्फॉर्मेशन प्रोवाइड करती और मीडिया अपने या मास कम्युनिकेशन में जब साइकोलॉजिकल नॉलेज को हम जो है ऐड ऑन कर दे हुआ है तो जो आपका मीडिया होता है जाकर वहां से एप्लीकेशन होता है वह कैसे आपको इंश्योरेंस करेगा यह ऐसे कौन से रिपोर्ट दे जिसके थ्रू आप का थोड़ा-बहुत बीनू हो जाए तो जैसे यहां पर मीडिया है तो मीडिया के करती है जो भी आपके day-to-day लाइफ में या सपोर्ट फॉर एग्जांपल इंडिया के अंदर जो भी सारी प्रॉब्लम्स सेटिंगस पावर्टी है तो पावर्टी को रिड्यूस करने के लिए या पावर्टी बहुत ज्यादा इंडिया के अंदर बढ़ रही है तो वहां से के शव को बहुत ज्यादा हाइट करेंगे बहुत ज्यादा हाइट करेंगे हम समय तक उस आएगी बदलाव आप टीवी में इन सारी चीजों को देखोगे आपके इस पर में करोगे आप मोबाइल फोंस में भी आप देखोगे कि मीडिया जो है पावर डिक्रिस को ज्यादा हाईलाइट कर रही है तो अब वह जोन मतलब जो एक पूरा पार्टी का इशू है जब लाइफ में आ गया तो कैसे हमको उसको खत्म करना है कैसे उनको सारी चीजों को खत्म करना उस पावर्टी की जो प्रॉब्लम है उसके लिए क्या सारे सलूशन सो सकते हैं उसमें मीडिया का एक बहुत इंपोर्टेंट रोल रहेगा जहां पर वह गवर्नमेंट कभी टेंशन है इसे टिशु पर लेकर आएंगे और जो भी सारे common people हैं उनको भी से निचे की तरफ मतलब जो है लेकर आएगी कैसे पावडर इंडिया के अंदर बढ़ती हुई चली जा रही है है और फिर इसके बाद में जो भी काउंसलर होंगे जो भी सारे थैरेपिस्ट होंगे मतलब यह तो वह पावर देता हूं तो मैं आपको एग्जाम पर दिया था फिर जो भी सारी इसको मीडिया फ्लैट कर दी तो उसमें टेलिविजन हो गया कंट्रोलर हो गए थे रेपिस्ट होंगे वह भी ढेर सारी प्रॉब्लम्स Play Services लिखा है कि जैसे चाहे बिना को लेकर प्रॉब्लम है डेलूशंस को लेकर फॉर एडल्ट्स को लेकर मल्टीपल को लेकर हो तो दे अनलाइज़ वाटर सोशल प्रॉब्लम्स रिलेटेड टो सोशल चेंज एंड डेवलपमेंट पापुलेशन पावर्टी इंटरपर्सनल और इंटरव्यू बैलेंस एंड एनवायरमेंटल डिग्रेडेशन तो वह क्या करते हैं सारी जो की सारी सोशल प्रॉब्लम्स होती हैं उसको ऐनालाइज करना उसमें हम क्या सारी चीजें कर सकते हैं कैसे उन प्रॉब्लम्स के साथ मीटिंग कर सकते हैं उनको खत्म कर सकते हैं इसके सलूशन समय यह तो मीडिया करो यहां पर इसलिए बताया है कि मीडिया ऐसे इशूज को अक्सर हाईलाइट करती रहती है और उसमें हम को उन सारे प्रॉब्लम्स को कैसे आंसर इधर कैसे सर्विस फोल्ड करना है उसके लिए जो भी सारे साइकोलॉजिस्ट वगैरह होते थैरेपिस्ट जो होते हैं वह इस परीक्षण में वर्क करते रहते हैं है नेक्स्ट आपका जो है डिफरेंसेस बिहेवियर एंड इंपॉर्टेंस ऑफ साइकोलॉजी इन एवरीडे लाइफ व बहुत बार ऐसा होता है कि बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो यह सोचते हैं कि हम बिल्कुल परफेक्ट है हमारे लिए किसी तरह की कोई भी विकेट नहीं है और अपने आप पर मतलब बहुत ही ज्यादा जो है हर चीज को सोचने यहां हम बिल्कुल ठीक है महेंद्र किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है बल्कि लोगों को चेंज होना चाहिए हमें चेंज होने की जरूरत है तो जनरली फ्रॉम पीपल डाइड वैरी हाई फॉर कैंसर्स एंड फीडबैक डॉ0 इनवार्ड एंड रिस्पेक्टेड टीचर्स डे इंग्लिश इन डिफिआंसे मैं अपने जाता है और मुझे किसी और नई चीज को जानने की जरूरत नहीं है क्योंकि मैं चीज के बारे में मालूम है और मुझे पता है कि मुझे अपनी लाइफ में घृत किसी और की जरूरत नहीं है लेकिन उन को घ्ररना बहुत ही ज्यादा अपने आप को बहुत बड़ा हो और तुम्हारे अंदर से इसको ठीक करना चाहिए बट मैं उस पर्सन के इस ओपिनियन को की एडवांस को बिल्कुल ऐड नहीं करता है बल्कि उसी को बोल देती हूं कि तुम जाओ और तुमको खुद को भी बहुत सारी चीजें ठीक करने की जरूरत है तुमको कुछ बहुत कुछ सीखने की जरूरत है मुझे एडवांस मत दो तो यहां पर भले ही वह पर्सन मेरे लिए अच्छे के लिए बोला था मैंने उसकी बात को नहीं माना तो कहीं ना कहीं यह आपका बेबी होता है जहां पर आप अपने आप को ही सब कुछ समझ यार आप ऐसे सोचते हो कि मुझे सबको जाता है और मुझे किसी की एडवाइज कि किसी के ओपिनियन की जरूरत है जो कहीं ना कहीं आप एक Difference बिहेवियर में आ जाते हो फैंस समाधान कैसे स्पोर्ट्स कंपलेक्स वास हेल्ड ओं प्रोविडेंस इस बोध कंडीशन विल नॉट परमिटेड टो ग्रो और बहुत बार कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो यह सोचते हैं कि यार मैं बिल्कुल बेवकूफ मुझे कुछ भी नहीं आता मैं तो बिल्कुल स्टूपिड हूं मेरे अंदर ना कोई नॉलेज है ना कुछ है तो दोनों ही भी है जहां पर आप अपने आपको बहुत ही ज्यादा मतलब एडवांस समझ रहे हो और कहीं जहां पर आप अपने आपको बहुत ही ज्यादा रिलैक्स फील करेंगे दोनों ही तरह के बिहेवियर में हम गुरु नहीं कर पाते क्योंकि एक तरफ जहां हम कुछ भी सीखने जाते और 1 लाख लगता कि हमको क्विक एक बहुत ही ज्यादा स्टुअर्ट है तो दोनों ही बिहेवियर हमको क्या करें हम को ग्रो नहीं होने दे रहे हैं आज भी नहीं तो हैव पॉजिटिव एंड बैलेंस अंडरस्टैंडिंग आफ ऑल थे तो इसीलिए हम मैं अपने आप को लेकर एक बहुत ही बैलेंस अंडरस्टैंडिंग होने चाहिए जहां पर अगर हमको कुछ नई चीजें सीखने को मिलती है हमको इसको भी लड़ करना चाहिए और हमें हमारी अपनी एक ब्रिटिश कंपनी समय आप इसको भी डेवलप करते हुए रहना चाहिए जब यह बैलेंस हम अपनी लाइफ में मेंटेन करके रखेंगे तो हमारा सेल्फ डेवलपमेंट होगा और साइकोलॉजी में जहां हमने मतलब स्टाइल कहता है कि सबसे इंपोर्टेंट क्या चीज है कि हम ह्यूमन मन को समझेंगे मेंटल प्रोसेस को समझेंगे एक्सपीरियंस को समझेंगे ह्यूमन बिहेवियर को हम समझ पाएंगे उससे भी ज्यादा इंपोर्टेंट है कि सबसे पहले हम खुद को समझ पाएं सबसे पहले अगर जैसे पर यहां पर आप सभी स्टूडेंट्स आप सभी साइकोलॉजी पढ़ रहे हो तो साइकोलोजी को पढ़कर जो भी सारी चीजें समझोगे फिर आप जो भी रिसर्च करोगे उससे ज्यादा इंपोर्टेंट के सबसे पहले अपने ऊपर रिसर्च करो सबसे पहले अपने आपको जानो कि आप किस तरह के वह आपके अंदर क्या सारी क्वालिटीज है आपके अंदर किसी डर का कोई साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर है क्या कि आप हर चीज में दवा कैसे समझते इंसान जो हमने चैप्टर पढ़ा हुआ तो था सुंदर दास नॉलेज आफ साइकोलॉजी क्वाइट यूजफुल इन एवरीडे लाइफ एंड ट्रैवलिंग फ्रॉम पर्सनल एस वेल एस सोशल पॉइंट और यस तो यह एक जो मीडिया का एक्सांपल और एक जो डिफ्रेंस के लिए एग्जांपल आपको यहां पर दिया है यह दोनों चीजों में एक चीज बताई गई कि एक तो सबसे पहले साइकोलॉजी को अभी आने पर ड्यूटी के चैप्टर में पूरा कंपलीट हो गया उनमें रिवीजन भी कर लें इस चीज का तो सबसे पहले चीज तो जब साइकोलॉजी को पढ़ते हो साइकोलॉजिकल समझते हो जो भी सारी चीजें अपने साइकोलॉजी के अंदर पड़ी कि हम साइकोलॉजी में क्या करते हैं रिसर्च कंडक्ट करते हैं हम साइकोलॉजिकल फ्रॉम वन आफ थे स्टडी करते हैं और उसकी इतनी सारी बहस होती हैं यह सब कुछ अब साइकोलॉजी के बारे में आपको पता है तो सबसे पहले तो उसे अपने पर्सनल इश्यूज को रिसीव करने में उस साइकोलॉजिकल नॉलेज की हेल्प लोग दूसरी तरफ आप जिस आईटी में रहते हो अब जैसे साइटिका पार्ट हो अब जैसे इंवॉल्वमेंट मेज़ इसका टेक्सचर का आप पार्ट हो उन सारी चीजों में जो भी सारी प्रॉब्लम्स से उनको रिसॉर्ट करने में सक्षम और स्कैल्प रोग क्लियर यहां पर मैंने तो यह था आपका साइकोलॉजी इन एवरीडे लाइफ यहां हमारा चैप्टर नंबर वन जो है MS Word ए साइकोलॉजिस्ट व होता है पूरी तरह से कंप्लीट जिसमें हमने हर एक टॉपिक कार्ड डिटेल में डिस्कशन भी किया और इसके बाद में पूरे चौक जो आपका चैप्टर है उसको रिवाइज कर लिया और एनसीआरटी सलूशन भी के लिए आई हॉप चैप्टर आपको बहुत अच्छे से क्लियर हो गया होगा और अभी इस सांप के अंदर कोई भी डोंट नहीं होगा कोई विदाउट है तो कमेंट सेक्शन में बता सकते हो यह आपका अलग से कुछ सजेशन है कुछ एडवाइजर रिलेटेड टो चैप्टर यहां पर अपना सब्जेक्ट साइकिल होती तो वह मुझे कमेंट सेक्शन बताओ वहां भी हम उन सारी चीजों का आंसर करेंगे सिगरेट अब इसके बाद और भी रिलेटेड कई सारी चीजें होनी चाहिए चैप्टर वन से जो इंपॉर्टेंट टर्म होंगे उस पर भी कुछ कंसेप्चुअल वीडियोस में आएंगे जो आपको सारी चीजें और अगर आपको कोई भी आउट होंगे तो वह सब पूरे क्लियर हो जाएंगे क्लियर है आई हॉप सारी चीज़े होंगे और फिर भी बहुत अच्छे से समझ में आ गया होगा तो अब हम मिलेंगे हमारे नेक्स्ट वीडियो लेकर में बस जाते जाते एक छोटी सी चीज कि आपको मैग्नेट प्रिंस की वेबसाइट को कैसे सर्च करना है तो बहुत ही सिंपल प्रोसेस है आपको जस्ट Google पर जाना है एंटर करना है www.com देसी घी ऐड करूंगी यह मैग्नेट एजुकेशन फ्रॉम थिस ओपन हो जाएगा 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