Hello everyone and welcome back to my channel Learner's Hub तो आज जो हम लोग पोयम डिसकस करने जा रहे हैं उसका नाम है Freedom's Dawn ये Dawn of Freedom जो की एक पाकिस्तानी पोयेट फैज अहमद फैज के द्वारा लिखा गया है तो अब देखिए इस पोयम को actually येर 1947 में यानि जब भारत देश अंग्रेजों के गुलामी से आजाद हुआ और जब उसे दो हिस्सों में partition के वेश से अलग कर दिया गया तो तब उस समय इस पोयम को लिखा गया था और फिर 49 years के बाद यानि year 1996 में इसे पाकिस्तान में पब्लिश किया गया था तो अब देखिये हमेशा की तरह मैं इस poem को directly शुरू करने से पहले मैं आप लोगों को इस poem से related कुछ basic facts या बाते बता देना चाता हूँ ताकि आगे चलकर आप लोगों कोई confusion न हो और ये poem आप लोगों को अच्छे से समझ में आ जाए तो देखिये सबसे पहली बात तो ये है कि फैस जैमत फैस की जो ये poem है न freedom's dawn तो ये असल में एक उर्दू में लिखी गई poem है जिसे की बाद में कई सारे scholars के दौरा इसे English language में translate किया गया था तो वैसे तो इस poem के कई सारे English versions available हैं बट आज हम इस वीडियो में हम आगाः शाहिद अली के द्वारा translate किये गए versions को ही discuss करेंगे जो कि सबसे ज़दा popular और recommended version माना जाता है फिर इस poem का दूसरा important fact यहाँ पर यह है कि इस poem को जो title है ना freedom's dawn तो इस poem का सिर्फ यही एक एकलोता title नहीं है बलकि इस poem के और भी कई सारे नाम या टाइटल अवेलिबल हैं जैसे कि उर्दू में इसे सुबह आजादी कहा जाता है फिर इंग्लिश में इसे Dawn of Independence, Morning of Freedom और Dawn of Freedom के नाम से भी रेफर किया आता है और अब इस पोयम का तीसरा इंपोर्टेंट फैक्ट ये है कि फैस अमत फैस जो है ना तो वो हमें इस पोयम के थूँ वो हमें ये बताने की कोशिश करते हैं कि कैसे भारत देश के आजादी के बाद उस समय जो हालत क्रियेट हुए और जो पार्टिशन के एफेक्स हमें देखने के मिले वो कितने भयानक थे और कैसे जो मुस्लिम लोगों के एक्सपेक्टेशन्स थे एक इंडिपेंडन नेशन स्टेट को क्रियेट करने का वो कैसे एक सैड रियालिटी में बदल गया क्योंकि पोयट के हिसाब से आजादी का मतलब सिर्फ एक सेपरेट फिजिकल बॉर्डर को ही क्रियेट करना नहीं था बलकि उनके हिसाब से आजादी का मतलब था उन स्ट्रगल से उन संघर्षों से मुक्ती पाना और एक पीसफूल नेशन स्टेट को क्रियेट करना जहांपर सभी लोग शांती से रह सके बट पार्टिशन के बाद जो खून खराबा हमें देखने को मिला और उसके जो हमें नेगटिव एफेक्ट्स देखने को मिले तो इस चीज को आज इतिहास के पन्नों में ब्लडी चैप्टर के नाम से रेफर किया आता है तो उनहीं शहीदों को और इतिहास के उस ब्लडी चैप्टर को ट्रिब्यूट देते हुए फैज अहमद फैज ने इस पोयम को लिखा है तो इसके first stanza की शुरुवात कुछ इस तरह से होती है कि तो इन lines में tarnished race से इनका मतलब है dull or blackish race फिर smudged से इनका मतलब है something which is muddy or blurry फिर ravished से इनका मतलब है captivated or fascinated और sheer से इनका मतलब है total or complete तो इन lines में poet एक दुख के साथ या एक lament के साथ वो हमसे ये कहते हैं कि ये वो सवेरा तो नहीं जिसका हम अपने पूरे दिल से या तहे दिल से इंदिजार कर रहे थे क्योंकि आजादी के बाद भी इस नई सुबा की रोशनी में एक dullness है एक blackishness है और अभी भी इस रोशनी में वो चमक नहीं है वो brightness नहीं है यानि आजादी के बाद भी इस नई सुबा की रोश्णी में और उसकी किर्णों में रात का अन्हेरापन अभी भी मौजूद है और ये नई सुबा की रोश्णी थोड़ी मड़ी है या धुनली है तो ये नई सुबा की रोश्णी में और उसकी किर्णों में रात का अभी भी मौजूद है तो इन lines में desert से इनका मतलब है poet के native country का miserable condition फिर harbour, haven और port ये तीनों ही जो यहाँ पर word है ना तो इसका मतलब है एक किनारा जैसे कि समुदर या जील में एक safe place या किनारा होता है ना जहाँ पर ship या जहाज आकर shelter लेते हैं वो फिर Vagrant Wave से इनका मतलब है वो Migrants या वो Refugees जो यहां वहां भटक रहे थे और Rocked का मतलब है Shake तो इन लाइंस में पोयट हमसे ये कहते हैं कि ये वो सवेरा तो नहीं जिसकी उमीद में हम अपने सफर पर निकले थे और इतने लंबे समय से इंतिजार कर रहे थे तो इन लाइंस में पोयट यहाँ पर काफी शियोर हैं और उन्हें एक उमीद है कि कभी न कभी तो उन्हें इस रेगिस्तान जैसे खाली आकाश में उन्हें उनके सितारों का मन्जिल या फाइनल डेसिनेशन जरूर मिलेगा और भले ही अगर पोयट को उनके फ्रीडम मुवमेंट में कोई सक्सेस ना भी मिले तो पोयट इस बात के लिए तो बिलकुल श्यौर है कि उनके लोगों को उनके दुखों से मुक्ती या राहज जरूर मिलेगी। तो पोयट को यहाँ पर एक उमीद है या एक होप है कि वो माइग्रेंट्स या वो रिफ्यूजीज जो बिना किसी मंजिल के यूही अंधेरे में भटक रहे हैं तो उन्हें उनकी मंजिल जरूर मिलेगी। तो इन lines में enticing, beguiling और beckoning ये तीनों ही जो यहाँ पर word है ना तो इसका मतलब है something which is very attractive और तेम्टिंग यानि कोई ऐसी चीज जो हमें अपनी ओर खीचता हो फिर वांडरेस चेंबर से इनका मतलब है वो प्रोस्टिटूट या वो वैश्याओं के कमरे जो लोगों को अपनी ओर खीचता हो और मुसलिन अफ ट्रांसपरेंट लाइट से इनका मतलब है कि पोयट का तो इन लाइन्स में पोयट हमसे ये कहते हैं कि पोयट जब अपने साथियों के साथ वो एक रहस्समई रास्ते या रोड के तरफ आगे बढ़े जो की नौजवान लोगों के खून से लहु लहान था तो उस रास्ते पर जब वो आगे बढ़े तो कई लोगों ने उनके कपड उन्हें रोकने की कोशिश की क्योंकि वो रहस्तमाई रास्ता नौजवान लोगों के खून से लिप्टा हुआ था बट पोयर्ट और उनके साथियों की निगाहें या नजरे उस फाइनल डेस्टिनेशन या इंडिपेंडेंस पर ही टिका हुआ था और वो उन्हें अपनी ओर खीच रहा था यानि जिस तरह से एक आहम आदमी रेड लाइट एरिया के तरफ या प्रोस्टिटूर्ट लोगों के कमरे के तरफ उनके बुलाने पर खीचा चला रहता है तो ठीक उसी तरह से पोयट और उनके साथी भी वो अपने देश के जमीन के लिए और उस गोल के लिए वो उसके तरफ खीचे चले जा रहे थे और वो लोग अपने उस गोल या destination के इतने करीब पहुँच गये थे कि उन्हें उस चमकते हुए सवीरा का face यानि चेहरा और कपड़े भी दिखने लगे थे और अब उन्हें कोई भी चीज उनके रास्ते से या उनके मंजिल से पीछे नहीं खीच सकता था फिर इसके next stanza में पोयट ये लिखते है Now listen to the terrible rampant lie Light has forever been served from the dark our feet तो इन lines में rampant lie सेंद का मतलब है एक अधूरा सच जो की related है dawn of freedom या आजादी के सवेरे से फिर beloved सेंद का मतलब है poet का native land और outlawed का मतलब है no active law यानि कोई नियम कानून ना मौजूद होना तो अब इस थर्ट स्थान्जा में पोयट हमसे ये कहते हैं कि पोयट और उनके साथी लोग जब अपने मनजिल के बहुत ही करीब थे और वो बस पहुची गय थे तभी उन लोगों को एक अधूरा सच सुनने को मिला और वो सच ये था कि आजादी की रोशनी अब पूरी तरह से रात के अंधिरे से अलग हो चुकी है और उनके लोगों का जो इतना लंबा सफर था उनका अब अंध हो चुका है यानि उनके लोगों ने अपने destination को या अपने मंजिल को हासिल कर लिया है और उनके सफर का और उनके मंजिल का अब मिलन हो चुका है बट पोयट जब आजादी के उस नए सवेरे के रोशनी को देखते हैं तो उन्हें ये पता चलता है कि उनके लोगों का जो suffering था ना उसका बस nature बदल चुका है बट उनके suffering का अभी अंत नहीं हुआ है क्योंकि पहले हम अंग्रेजों की वज़े से सफर कर रहे थे बट अब हम अपने ही लोगों के वज़े से सफर करने लगे तो यहाँ पर पोयट पार्टिशन के उस ब्लडी चैप्टर की बात करते हैं जब एक ही देश के लोग अलग होने के बाद एक दूसरे को मार काट रहे थे और हमारे देश के लीडर अपने रवये या बिहेवियर को बदल लेते हैं तो पोयट का यहाँ पर ये कहना है कि उन्हें और उनके लोगों को जो मन्जिल मिला वो तो होली था, पवितर था या जॉयफूल था बट वो अलग होने का दुख, वो गुस्सा और जो टॉर्चर था उसे भी छिपाया नहीं जा सकता कि वो कितना अन्होली और घिनाउना था पोयट ये लिखते हैं तो इन lines में पोयट हमसे ये कहते हैं कि उनके लोगों के अंदर अभी भी जो उनकी spirit थी वो जल रही थी उनके आखों में जो passion था वो अभी भी उनके आखों में चमक रहा था और उनके दिल में जो आग थी वो अभी भी जल रही थी अपने real goal के लिए अपने native land के लिए और उस सुबह की रोशनी के लिए जहां पर सब लोग peacefully रह सके तो उनके अंदर अभी भी ये क्योंकि उस नए सुबह की हवाएं कब आई और कब कहां चली गई किसी को पता ही नहीं चला और रोड के बगल में जो lamp या लालतन रखा हुआ था उसे भी इस सुबा की हवाओं का कुछ खबरी नहीं था तो देखिये यहाँ पर हवाएं या ब्रीज से इनका मतलब है उस पार्टिशन से रिलेटेड कोई अपडेट या न्यूज जिसके लिए लोग खड़े होकर इंतिजार कर रहे थे बट जब सवेरा हुआ तो उसकी खुशी की हवाएं कब आई और किधर चली गई किसी को पता ही नहीं चला क्योंकि पार्टिशन के बाद जो खुशी होना चाहिए था एक पीसफूल नेशन स्टेट को पाने के बाद वो गम में बदल गया दंगी फसाद में बदल गये इसलिए पोयट यहाँ पर ये कहते हैं कि अंधेरे का भार जो है ना वो अभी भी उतरा नहीं है या कम नहीं हुआ है और वो अभी भी हमारे उपर ही है जिसका दर्द या पेन लिमिटलेस है इसलिए पोयट अपने सातियों से यह कहते हैं कि ये वो रोशनी नहीं जिसकी हम तलाश कर रहे थे ये एक नकली रोशनी है और हमें अभी भी अपने मंजिल को पाना बाकी है तो पोयट ये कहना चाहते हैं कि पार्टिशन के बाद हर जगा शांती हो जाने चाहिए थी क्योंकि सभी लोगों के खुआईशे पूरे हो गये थे बट जो ब्लडी मैसिकर पोयट को और हम सभी लोगों को देखने को मिला तो इससे पूरे देश का दिल दहल उठा था और पोयट ये कहते हैं कि ये वो सवेरा नहीं जिसका हम इंतिजार कर रहे थे अभी भी जो असली उजाला है वो देखना हमें बाकी है इसलिए मेरे साथियों अभी हमें वो लक्ष पाना बाकी है तो इस तरह से ये पोयम खतम होता है लाइक करें, शेयर करें अपने दोस्तों के साथ और आप