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Node.js आर्किटेक्चर की समझ
Oct 17, 2024
Node.js का आर्किटेक्चर
परिचय
Node.js का आर्किटेक्चर कैसे काम करता है।
वीडिय ो का उद्देश्य: Node.js की आंतरिक कार्यप्रणाली को समझना।
Node.js आर्किटेक्चर का फ्लो
क्लाइंट
: क्लाइंट (जैसे हम) सर्वर को रिक्वेस्ट भेजता है।
सर्वर
: Node.js पर चलता है।
रिक्वेस्ट प्रोसेसिंग
:
सभी रिक्वेस्ट
इवेंट क्यू
में कतारबद्ध होती हैं।
इवेंट लूप
क्यू की निगरानी करता है और FIFO (First In First Out) के आधार पर रिक्वेस्ट उठाता है।
ऑपरेशन्स
दो प्रकार की ऑपरेशन्स:
ब्लॉकिंग ऑपरेशन्स
(Synchronous)
नॉन-ब्लॉकिंग ऑपरेशन्स
(Asynchronous)
ब्लॉकिंग ऑपरेशन
:
थ्रेड पूल से थ्रेड (वर्कर) असाइन किया जाता है।
थ्रेड कार्य पूर्ण करने के बाद परिणाम लौटाता है।
लिमिटेड थ्रेड, जिससे स्केलेबिलिटी समस्या आती है।
नॉन-ब्लॉकिंग ऑपरेशन
:
तुरंत प्रोसेस होता है और यूजर को रिस्पांस भेज दिया जाता है।
थ्रेड पूल
डिफ़ॉल्ट थ्रेड साइज 4 होता है।
इसे मशीन की सीपीयू कोर के अनुसार बढ़ाया जा सकता है।
os
मॉड्यूल का उपयोग करके सीपीयू क ोर की संख्या जानी जा सकती है।
कोड उदाहरण
Blocking Request
:
fs.readFileSync()
का उपयोग।
Non-Blocking Request
:
fs.readFile()
का उपयोग, जो कॉलबैक फ़ंक्शन का उपयोग करता है।
महत्वपूर्ण सीख
ब्लॉकिंग ऑपरेशन्स से बचना चाहिए क्योंकि वे थ्रेड्स को ब्लॉक करते हैं और स्केलेबिलिटी प्रभावित करते हैं।
हमेशा नॉन-ब्लॉकिंग ऑपरेशन्स को प्रायोरिटी देनी चाहिए।
निष्कर्ष
वीडियो का उद्देश्य नॉन-ब्लॉकिंग और ब्लॉकिंग रिक्वेस्ट को समझना था।
Node.js आर्किटेक्चर का ओवरव्यू और इसके ऑपरेशन्स को अ च्छे से समझने की ज़रूरत है।
सुझाव
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