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हेलो एल्केन और हेलो अरीन की जानकारी

हेलो एल्केन हेलो अरीन जब एक हैलोजन जुड़ जाता है एक एल्केन के साथ वी गेट अ हेलो एल्केन और जब वही हैलोजन जुड़ जाता है एक अरीन के साथ वी गेट अ हेलो अरीन हेलो एवरीवन मुझे उम्मीद है कि आप सभी अच्छे हैं और आज मैं लेकर आई हूं क्लास 12थ केमिस्ट्री ऑर्गेनिक केमिस्ट्री का वीडियो ऑन हेलो एल्केन एंड हेलो अरेंस सो आई एम प्रिटी श्यर कि सभी लोगों को बहुत ही ज्यादा बेसब्री से इंतजार था इस वीडियो का और हम आ गए हैं इस वीडियो के साथ सो आई एम प्रिटी श्यर कि इस पूरे वीडियो को देखने के बाद हेलो एल्केन एंड हेलो एरिस के कॉन्सेप्ट्स होंगे क्रिस्टल क्लियर तो मैं हूं रोशनी फ्रॉम लर्न हब द फ्री लर्निंग प्लेटफॉर्म जहां पर आप फिजिक्स केमिस्ट्री मैथ्स बायोलॉजी सब कुछ पढ़ सकते हो एब्सलूट फॉर फ्री एट लर्न hub.com सो तैयार है सभी लोग लेट्स गेट स्टार्टेड [संगीत] हेलो एल्केन क्या होते हैं ये नाम से ही पता चल रहा है जब एक हैलोजन एक एल्केन के साथ जुड़ जाए तो हमें मिलता है हैलो एल्केन तो भाई एल्केन जैसे कि मीथेन थेन प्रोपेन ब्यूटेन वगैरह वगैरह तो ये एल्केन मेरा एक सीधा-साधा भोला भला प्यारा सा एल्केन था लेकिन अचानक एक दिन क्या हुआ एक हैलोजन आया जैसे कि फ्लोरीन क्लोरीन ब्रोमीन आयोडीन और उसने हाइड्रोजन को हटा कर के कब्जा कर लिया उसकी जगह को और हमें मिल गया हैलो एल्केन एग्जांपल के तौर पर बात करते हैं हम थेन की थेन क्या है मेरा सीधा-साधा भोला भाला एल्केन एगजैक्टली सो थेन इज c2 ए6 लेकिन एक दिन हुआ कुछ यूं कि एक हैलोजन आया जैसे कि क्लोरीन और क्लोरीन ने आकर के एक हाइड्रोजन को वहां से भगाया और उसकी जगह ले ली तो हमें क्या मिला इथाइल क्लोराइड तो इथाइल क्लोराइड एक हैलो एल्केन है जिन्हे हम एल्काइन हैलाइड भी कहते हैं अब ठीक उसी तरीके से आपने गेस कर ही लिया होगा कि हैलो रींस क्या होते हैं बताओ जब एक हैलोजन ग्रुप अटैच हो जाते हैं एरिस यानी कि एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन एरोमेटिक क्या होते हैं रिंग वाले हाइड्रोकार्बन पहला रिंग जो दिमाग में आता है दैट इज बेंजीन अब्सोल्युटली तो रिंग के साथ जब एक हैलोजन अटैच रहता है जैसे कि ये वाला बेंजाइल क्लोराइड तो इस तरह के कंपाउंड्स को हम कहते हैं अराइल हेलाइड्स या फिर हेलो एरिन तो ये जो हमारा पूरा लेसन है दिस इज ऑल अबाउट हेलो एल्केन एंड हेलो रींस जिसके अंदर हम बात करेंगे इनके स्ट्रक्चर्स की इनके नोमेनक्लेच्योर कीज की ये किस तरह के रिएक्शंस ये खुद पार्टिसिपेट करते हैं अब मैम हेलो एल्केन हेलो एरियंस के बारे में हम पढ़ी क्यों रहे हैं क्या पढ़ना जरूरी है बिल्कुल ज जरूरी है यार हमारे आसपास ऐसे बहुत सारे हैलोजन कंटेनिंग कंपाउंड्स होते हैं जो हमारे डे टू डे लाइफ से जुड़ी हुई हैं बिल्कुल जुड़ी हुई है कुछ एग्जांपल्स दो चलो देती हूं पहला एग्जांपल है क्लोर फेनिक क्लोरा फेनिक यह कौन सी चीज है मैंने तो कभी नाम भी नहीं सुना नाम शायद नहीं सुना होगा बट यह आपको बहुत काम आती है स्पेशली तब जब आप बीमार पड़ते हो सो क्लोरा फेनिक जो है ये एक एंटीबायोटिक का नाम है अब तो मानोगे कि यह काम आती है कभी ना कभी ओके सो क्लोरा फेनिक नाम से पता चल रहा है कि इसके अंदर होता है एक हैलोजन कौन सा वाला हैलोजन क्लोरीन और ये बहुत इफेक्टिव होता है फॉर ट्रीटमेंट ऑफ टाइफाइड फीवर इतना ही नहीं बहुत सारे सिंथेटिक हैलोजन कंटेनिंग कंपाउंड सिंथेटिक बोले तो जिनको आर्टिफिशियल बनाया गया है जैसे कि क्लोरोक्सिलीनॉल की पहले जाने भी चली जाती थी इसको ट्रीट किया किसने क्लोरोक्सिलीनॉल प्रोड्यूस करती है एक ऐसी हार्मोन जिसके अंदर होता है एक हैलोजन कौन सा वाला हैलोजन आयोडीन बता सकते हो क्या नाम है उस हार्मोन का जिसमें आयोडीन होता है थायरोक्सिन स्पोट ऑन और थायरोक्सिन की कमी की वजह से बहुत से लोगों में एक बीमारी होती है जिसे हम कहते हैं गोइटर सो फिर थायरोक्सिन आल्सो प्लेज अ वेरी क्र क्रिटिकल रोल इनसाइड आवर बॉडी इसके अलावा अगर बात करें लोथे की ये एक एनेस्थेटिक की तरह यूज होता है ड्यूरिंग सर्जरी एनेस्थीसिया तो समझते हो सर्जरी जब होती है किसी भी इंसान की तो उसे पहले बेहोश कर दिया जाता है राइट क्योंकि जागते हुए इंसान के अगर भई हाथ पैर काटे जाएंगे तो क्या ही होगा है कि नहीं तो इसलिए सबसे पहले उन्हें बेहोश कर दिया जाता है और बेहोश करने के लिए उन्हें कुछ इंजेक्ट किया जाता है कुछ दवाइयां दी जाती है जिसे हम कहते हैं और इसी चीज को इस पूरे प्रोसेस को हम कहते हैं एनेस्थीसिया तो लोथे नाम से ही पता चल रहा है कि इसमें हैलोजन है लोथे एक एनेस्थेटिक की तरह काम करता है ड्यूरिंग सर्जरी इतना ही नहीं ये तो थे कुछ थोड़े बहुत एग्जांपल्स इसके अलावा बहुत सारे और ऑर्गेनिक कंपाउंड्स को बनाने के लिए जो हैलोजन कंटेनिंग कंपाउंड्स होते हैं ये स्टार्टिंग मटेरियल होते हैं इतना ही नहीं बहुत सारे कंपाउंड्स को डिजॉल्ड्रिंग डिटेल में तो हमने क्या सीखा हैलो एल्केन जिसे हम एल्काइन हैलाइड भी कहते हैं इसमें होता क्या है कि एक एलिफेटिक हाइड्रोकार्बन एलिफेटिक हाइड्रोकार्बन क्या होता है फटाफट याद दिलाती रहूंगी एलिफेटिक मतलब स्ट्रेट चेन जिसमें कोई भी रिंग स्ट्रक्चर ना हो मतलब एलिफेटिक मतलब स्ट्रेट चेन ब्रांच चेन कुछ भी चलेगा बस रिंग नहीं होना चाहिए सो दैट्ची ता है एक हैलो एल्केन एग्जांपल के तौर पर बात करते हैं हम मीथेन की मीथेन इज ch4 तो जैसे कि मेरे हाथ में ये जो स्ट्रक्चर दिख रहा है इसमें देखो ये जो ब्लैक वाला बॉल दिख रहा है बीच में दैट इज कार्बन जो कि चार हाइड्रोजन से जुड़ा हुआ है कुछ इस तरीके से एंड दैट्ची जगह ले लेगा तो अब ये क्या बन गया ये बन गया ch3cl जो कि एक हैलो एल्केन है एगजैक्टली क्योंकि देखो एल्केन के साथ जुड़ गया एक हैलोजन दैट्ची हुए हैं इस हाइड्रोजन को भी गायब कर सकते हैं इस हाइड्रोजन को भी गायब कर सकते हैं और इसको भी बट ये गायब जैसे-जैसे होते जाएंगे वैसे-वैसे वहां पर क्लोरीन जुड़ते चले जाएंगे जैसे कि ch2 cl2 जैसे कि chcl3 3 जैसे कि ccl4 यानी कि कार्बन टेट्रा क्लोराइड तो हमने क्या देखा एक-एक करके चारों के चारों हाइड्रोजन को रिप्लेस कर दिया किसने क्लोरीन ने और हमें क्या मिलते गए हमें मिलते गए एल्काइन लाइड्स राइट अब यहां पर एक और खास चीज है देखो अगर इस स्ट्रक्चर को देखो मीथेन के स्ट्रक्चर को तो यह जो कार्बन है जिसके साथ मेरा हैलोजन जुड़ा हुआ है इस कार्बन का हाइब्रिडाइज्ड क्या होता है बिल्कुल भी नहीं देखना है क्योंकि हाइब्रिडाइज्ड से इस वीडियो को देखो जिसके अंदर हमने हाइब्रिडाइज्ड है ये sp3 हाइब्रिड न है इसका शॉर्ट में अगर बोलना हो तो sp3 हाइब्रिडाइज्ड इइ जशन कितना है sp3 मतलब 1s और 3 p के ऑर्बिटल सब काम पे लगे हुए हैं बॉन्ड बनाने के लिए तो आप इसको यू याद रखो sp3 का मतलब है कि 1s और 3p यानी कि टोटल चार तो ये कार्बन जो है टोटल चार बंदों के साथ बॉन्ड बनाएगा जैसे यहां बनाया है देखो ये कार्बन एक दो तीन और चार एंड दैट इज व्हाई इस कार्बन का हाइब्रिडाइज्ड मप हमें हैलो एल्केन का कांसेप्ट काफी समझ में आ गया है ना तो चलो अब बात करते हैं हैलो अरंसबर्ग क्या है जैसे हेलो एल्केन के केस में हम बात कर रहे थे एक एलिफेटिक हाइड्रोकार्बन की यहां पर जो पूरी की पूरी कहानी है वो किसके अराउंड है एक एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन के अराउंड है एरोमेटिक बोले तो ये रिंग वाले जो हाइड्रोकार्बन होते होते हैं जैसे कि हमारा प्यारा सा बेंजीन का रिंग याद है सबको c6 h6 जिसमें छह कार्बन एटम होते हैं ये ब्लैक वाले बॉल्स कार्बन है इसके बीच में देखो अल्टरनेटली मैंने सिंगल और डबल बॉन्ड बना दिया है राइट याद है वो अंदर वाला सर्कल रेजोनेंस स्ट्रक्चर वगैरह जो सब कुछ हमने 11थ की केमिस्ट्री में पढ़ लिया है ठीक है तो यहां पर हम क्या बात करने वाले हैं अब यार ये जो एरिन होता है ना एरोमेटिक कंपाउंड जो होता है यहां पर भी इनके साथ भी हाइड्रोजन लगे होते हैं देखो हर कार्बन के साथ यहां पे एक हाइड्रोजन भी लगा हुआ है है ना तभी तो c6 h6 है अब मान लो घूमते घाम कोई क्लोरीन आ जाए जो इस हाइड्रोजन को यहां से गायब कर दे और उसकी जगह ले ले तो क्या होगा क्या होगा बन जाएगा हैलो एरिन राइट जैसे वहां पे हैलो एल्केन बन रहा था वैसे ही यहां पर हैलो अरीन बन जाएगा बट यहां पर एक खास बात ये है कि अगर इस स्ट्रक्चर पे फोकस करो और इस कार्बन को किसी भी कार्बन को उठा लो उस कार्बन का अगर हाइब्रिडाइज्ड हाइब्रिडाइज्ड नहीं होते हैं कौन सा वाला हाइब्रिडाइज्ड को लो इस ब्लैक वाले बॉल को लो ये इधर एक बंदे से अटैच है इधर एक बंदे से अटैच है और इधर एक बंदे से अटैच है तो ये एट अ टाइम तीन लोगों से ही अटैच है क्योंकि एक तरफ डबल बॉन्ड है राइट तो इसीलिए इसकी वैलेंसी जो है वो पूरी हो जा रही है बस ये अटैच कितने लोगों से हैं तीन ही लोगों से हैं यानी कि इसका हाइब्रिडाइज्ड तो यहां पर ये एक डिफरेंट चीज हमने देखी कि जब हम इस हैलो एरिन की बात कर रहे हैं तो यहां पर कार्बन का जो हाइब्रिडाइज्ड एंड नॉट sp3 तो बच्चों अब ये जो हैलो एल्केन और हैलो एरिन हैं इनको हम क्लासिफाई कर सकते हैं बेस्ड ऑन कि भाई उस कंपाउंड में कितने हैलोजन लगे हुए हैं राइट फॉर एग्जांपल अगर हम हैलो एल्केन की बात करें अगर उसमें उस स्ट्रक्चर में सिर्फ एक ही हैलोजन लगा हुआ है तो हम उसे कहेंगे मोनो हैलोजन मोनो हैलो एल्केन उसी तरह अगर दो लगे हुए हैं तो डाई हैलो एल्केन तीन लगे हुए हैं तो ट्राई हैलो एल्केन चार लगे हुए हैं तो टेट्रा हैलो एल्केन बहुत सारे लगे हुए हैं तो पॉली हैलोजन कंपाउंड्स भी हम इसे कह सकते हैं राइट ठीक उसी तरीके से अगर हम हैलो एरिन की बात करें तो वहां पर भी जो हमारा एरिन है जो एरोमेटिक कंपाउंड है जो रिंग है उसमें अगर एक हैलोजन लगा है तो मोनो हैलो एरिन दो हैलोजन लगे हैं तो डाई हैलो एरिन तीन हैलोजन लगे हैं तो ट्राई हैलो एरिन एंड सो ऑन तो ये जो स्ट्रक्चर्स आप देख रहे हो इन स्ट्रक्चर्स को देख करके आप बता सकते हो कि यह मोनो हैलो एल्केन है कि डाई हैलो एल्केन है कि ट्राई हैलो एल्केन है उसी तरह मोनो हैलो अरीन है डाई है ट्राई है टेट्रा है या फिर क्या है तो बच्चों अब हम ये देखेंगे कि ये जो मोनो हैलो कंपाउंड्स है चाहे मोनो हैलो एल्केन हो या मोनो हैलो एरिन हो इनको हम फर्द क्लासिफाई कर सकते हैं बेस्ड ऑन हाइब्रिडाइज्ड एटम कौन सा कार्बन एटम अरे यार वही कार्बन एटम जिससे हैलोजन जुड़ा हुआ है क्योंकि मैं बात कर रही हूं मोनो हैलो एल्केन या मोनो हैलो अरीन की यानी कि इन कंपाउंड्स में कितने हैलोजन हैं सिर्फ एक और यह सिर्फ एक वाला जो हैलोजन है यह जिस कार्बन एटम से अटैच है उस कार्बन का हाइब्रिडाइज्ड इइ जेशन अगर sp3 है तो इसके अंदर हमें तीन कैटेगरी मिलती हैं एल्काइन हैलाइड एलाइक लाइड्स एंड बेंजाइलिक हैलाइड इट्स दूसरी तरफ अगर कार्बन का हाइब्रिडाइज्ड एंड अराइल लाइड्स नॉट टू वरी हम ये जितने भी टाइप्स है चाहे अराइल हैलाइड है चाहे विनाइल लाइड्स है चाहे एलाइक लाइड्स है चाहे बेंजाइलिक लाइड्स है चाहे अल्काइनेस को हम डिटेल में डिस्कस करेंगे विद एग्जांपल्स तो चलो बच्चों सबसे पहले हम बात करेंगे एल्काइन हैलाइड की एल्काइन हैलाइड क्या होता है अल्काइनेस ड में एक हैलोजन अटैच होता है या बॉन्डेड होता है एक एल्काइन ग्रुप से ठीक है एल्काइन ग्रुप क्या होता है एक एल्केन जिसमें से एक हाइड्रोजन हटा दो तो क्या बन जाएगा एल्काइन ग्रुप है ना तो पहले भी मैंने वही बोला था राइट एक एल्केन में से एक हाइड्रोजन को हटा के उसकी जगह जब हैलोजन ले लेता है तो मुझे क्या मिलता है एल्काइन हैलाइड ठीक है सो दैट्ची करवाऊंगी क्योंकि मैंने ये बोला था कि एल्काइन हैलाइड उस कैटेगरी में फॉल करेगा जहां पर कार्बन का हाइब्रिडाइज्ड होगा sp3 ठीक है तो चलो इसको टेस्ट करते हैं कि भाई ये मैंने सही बोला था या नहीं तो यहां पर स्क्रीन पर आपको कुछ एग्जांपल्स दिख रहे हैं जैसे कि मिथाइल हैलाइड इथाइल हैलाइड प्रोपाल हैलाइड ब्यूटाइलिश में उस कार्बन पे फोकस करो जिस कार्बन के साथ हैलोजन ग्रुप अटैच है फोकस किया सारे कार्बन पे ओके अब चेक करो कि इस कार्बन का हाइब्रिडाइज्ड कितने और चीजों के साथ जुड़ा हुआ है देखो अगर बात करें हम मिथाइल हैलाइड की तो वहां पर जो कार्बन है वो एक हैलोजन और तीन हाइड्रोजन के साथ जुड़ा हुआ है राइट अगर हम किसी और एग्जांपल को देखें तो वहां हो सकता है कि वो एक हैलोजन और एक एल्काइन ग्रुप और बाकी दो हाइड्रोजन से अटैच है कहीं और ऐसा भी देख सकते हैं कि वो एक हैलोजन से दो एल्काइन ग्रुप से और एक हाइड्रोजन से अटैच है बट इन एनी केस इन सारे स्ट्रक्चर्स में हम क्या देखते हैं कि जो कार्बन है वो चार बंदों के साथ अटैच है यानी कि इसका हाइब्रिडाइज्ड राइट ओके अब एल्काइन लाइड्स को हम फर्द क्लासिफाई कर सकते हैं एज प्राइमरी सेकेंडरी और टर्श या फिर 1 डिग्री 2 डिग्री और 3 डिग्री बेस्ड ऑन कि जो मेरा हैलोजन है वो किस तरह के कार्बन से अटैच है इसका क्या मतलब हुआ फॉर एग्जांपल अगर मेरा हैलोजन एक ऐसे कार्बन से अटैच है जो वापस एक का कार्बन से अटैच है ठीक है मतलब हैलोजन एक कार्बन से अटैच है अब व जो कार्बन है वह एक और कार्बन से अटैच है तो इस तरह के कार्बन को हम क्या कहेंगे 1 डिग्री और इस तरह के एल्काइन हैलाइड को भी हम 1 डिग्री एल्काइन हैलाइड या फिर प्राइमरी एल्काइन हैलाइड कहेंगे वही अगर मेरा हैलोजन एक ऐसे कार्बन से अटैच है जो वापस दो और कार्बन से अटैच है तो हम उसे कहेंगे 2 डिग्री या फिर सेकेंडरी एल्काइन हैलाइड और अगर मेरा हैलोजन एक ऐसे कार्बन से अटैच है जो वापस तीन और कार्बन से अटैच है तो उस तरह के कार्बन को हम क्या कहेंगे 3 डिग्री या फिर टर्श एल्काइन हैलाइड सो आई थिंक विद दिस 1 डिग्री 2 डिग्री 3 डिग्री या फिर प्राइमरी सेकेंडरी टर्श भी क्लियर हो गया है तो स्ट्रक्चर्स को देखते हुए समझो सिर्फ जो मैं बोल रही हूं उसको नोट डाउन नहीं करो स्ट्रक्चर्स को देखो और उनकी पिक्चर बनाओ अपने दिमाग में सो दैट्ची लाइट्स का मतलब क्या होता है एलाइल एलाइल वर्ड का क्या मतलब है एलीज का मतलब क्या होता है दोस्ती राइट मतलब फ्रेंडशिप ठीक है अच्छे रिलेशंस दैट इज अलाइक ओके तो क्या अब एलाइल वर्ड से आप याद रखो कि इस यहां पर ना कार्बन कार्बन डबल बॉन्ड का कुछ रोल है क्या रोल है यू समझो कि कार्बन कार्बन डबल बॉन्ड का जो दोस्त है जो पड़ोसी है हम उस कार्बन की बात कर रहे हैं इनफैक्ट उस कार्बन को एलाइक कार्बन भी कहा जाता है तो जब कभी आपको एक ऐसा सिचुएशन दिखे जिसमें एक कार्बन कार्बन डबल बॉन्ड है बट इस कार्बन से जुड़ा हुआ एक और कार्बन है ठीक है तो ये क्या हो गया ये पड़ोसी कार्बन हो गया हुआ कि नहीं ये पड़ोसी है इसका तो इस कार्बन को हम क्या कहेंगे एलाइक कार्बन ठीक है ये कार्बन कार्बन डबल बॉन्ड का पड़ोसी है ओके ठीक है तो यहां पर हम बात कर रहे हैं एलाइक हैलाइड की यानी कि एलाइल हैलाइड में जो हैलोजन है वो किससे अटैच होगा एलाइक कार्बन से यानी कि वो इस कार्बन से अटैच होगा इससे क्यों अटैच होगा ये डायरेक्ट डबल बॉन्ड वाले से क्यों नहीं होगा क्योंकि एलाइक लाइड्स जो है ये भी किस कैटेगरी में फॉल करते हैं sp3 हाइब्रिडाइज्ड कार्बन वाली कैटेगरी में फॉल करते हैं और देखो जो एलाइक कार्बन है जो पड़ोसी कार्बन है ना इसका हाइब्रिडाइज्ड लालि कार्बन है अब यह तो एक दो तीन और चार चार लोगों के साथ कनेक्ट कर सकता है चार लोगों के साथ जहां कोई बॉन्ड बना सकता है यानी कि उसका हाइब्रिडाइज्ड इइ जड कार्बन है तो अगर मेरा हैलोजन आके इस वाले कार्बन से अगर मेरा हैलोजन आके इस वाले कार्बन से जुड़ जाए तो यह किस तरह का लाइड बनेगा एलाइक हैलाइड और ऐसा सिर्फ एलिफेटिक के केस में ही नहीं अगर रिंग स्ट्रक्चर में भी कभी ऐसा होता है कि जहां पे डबल बॉन्ड है उसके पड़ोसी वाले कार्बन के साथ अगर हैलोजन लगा हुआ हो तो उसे भी हम किस तरह का हैलाइड कहेंगे एलाइक हैलाइड जो तीसरा टाइप का हैलाइड है दैट इज बेंजाइलिक हैलाइड अब नाम से आप खुद गेस करो कि ये किस तरह का हैलाइड होगा बेंजाइलिक हैलाइड मतलब जो हैलोजन है वो बेंजीन रिंग से जुड़ेगा कहां पे जुड़ेगा किस कार्बन से जुड़े का जो sp3 हाइब्रिडाइज्ड कार्बन हो राइट तो sp3 हाइब्रिडाइज्ड कार्बन बेंजीन रिंग के अंदर तो नहीं हो सकता क्योंकि हमारा बेंजीन रिंग तो कुछ ऐसा दिखता है राइट जहां पे अल्टरनेटली डबल बॉन्ड्स होते हैं तो इनमें से कोई भी कार्बन sp3 हाइब्रिडाइज्ड तो है नहीं तो यानी कि बेंजाइलिक हैलाइड में मैं बात कर रही हूं एक ऐसे कार्बन की जो इस बेंजीन रिंग से अटैच है राइट मतलब अगर कभी भी एक हैलोजन एटम एक ऐसे sp3 हाइब्रिडाइज्ड कार्बन के साथ अटैच हो जो बेंजीन रिंग से अटैच है तो उसे हम कहेंगे बेंजाइलिक हैलाइड तो यहां पर आप मुझे बताओ कि अगर कहीं से उड़ता हुआ एक हैलोजन आ जाए तो यह हैलोजन आके कौन से कार्बन के साथ अटैच होगा ऑब् वियस इस वाले कार्बन के साथ राइट इस कार्बन के साथ अटैच होगा तो चलो बच्चों अब बात करेंगे हम sp2 हाइब्रिडाइज्ड कार्बन वाले कैटेगरी की तो इस कैटेगरी में आते हैं दो तरह के हेलाइड्स पहले बात करेंगे हम विनाइल लाइड्स के बारे में और उसके बाद बाद हम डिस्कस करेंगे अराइल लाइड्स ठीक है तो सबसे पहले बात करते हैं विनाइलिक लाइड्स ये क्या होते हैं जब मेरा हैलोजन जो है वो डायरेक्टली एक ऐसे कार्बन के साथ अटैच हो जाए जो c डबल बॉन्ड c का पार्ट है राइट तो यहां पर किस तरह का कार्बन है ये sp2 हाइब्रिडाइज्ड कार्बन है जैसे कि ये वाला यहां पर हम देख रहे हैं कि ये दो कार्बन के बीच में क्या है डबल बॉन्ड है राइट अगर ये इस कार्बन की हम बात करें चाहे इसकी बात करें चाहे इसकी बात करें फॉर डिस्टेंस अभी के लिए इसकी बात करते हैं तो इस कार्बन की अगर बात करें तो यह इधर डबल बॉन्ड से एक और कार्बन से जुड़ा हुआ है इधर यह किसी और से जुड़ सकता है और इधर नीचे भी ये किसी और से जुड़ सकता है यानी कि ये तीन चीजों के साथ जुड़ सकता है तो यानी कि इस कार्बन का हाइब्रिडाइज्ड इइइ जेशन है राइट तो अगर मेरा हैलोजन उड़ता उड़ता चला आए और इस कार्बन के साथ जुड़ जाए तो मुझे किस तरह का हैलाइड मिलेगा मुझे मिल जाएगा विनाइलिक हैलाइड राइट तो विनाइलिक हैलाइड में मेरा हैलोजन जो है वो sp2 हाइब्रिडाइज्ड कार्बन के साथ जुड़ता है और ये कौन सा कार्बन होता है जो कार्बन डबल बॉन्ड का ही पार्ट है ना कि उसका पड़ोसी तो फाइनली बचा हमारा आखिरी तरह का हैलाइड जो कि है अराइल हेलाइड्स अराइल हैलाइड नाम से पता चल रहा है अराइल मतलब एरोमेटिक रिंग तो एरोमेटिक रिंग के जो कार्बन होते हैं जो कि sp2 हाइब्रिडाइज्ड होते हैं जब मेरा हैलोजन डायरेक्टली इस कार्बन से अटैच हो जाए तो हमें मिलता है अराइल हैलाइड जैसे कि लेट्स टॉक अबाउट दिस रिंग तो ये जो रिंग है ये क्या है एक एरोमेटिक रिंग है जिसमें अल्टरनेटली डबल और सिंगल बॉन्ड्स हैं राइट तो इस रिंग पर लाई करने वाले जितने भी कार्बन हैं जितने भी ये ब्लैक बॉल्स हमें दिख रहे हैं ये सारे के सारे क्या है sp2 हाइब्रिडाइज्ड है राइट क्यों किसी को भी ले लो ये इधर से एक बंदे से जुड़ा हुआ है इधर एक बंदे से और यहां से एक और हाइड्रोजन यहां जुड़ सकता है फॉर एग्जांपल इसकी अगर मैं बात करूं इस वाले बॉल की तो ये इधर से डबल बॉन्ड से जुड़ा हुआ है एक कार्बन से इधर सिंगल बॉन्ड से एक कार्बन से और इधर यह किसी और से जुड़ सकता है राइट तो यानी कि ये एट अ टाइम तीन बंदों से जुड़ सकता है तो इसका हाइब्रिडाइज्ड इइ ज्ड कार्बन के साथ अगर जुड़ जाए मेरा हैलोजन तो इस तरह के हेलाइड्स को हम कहेंगे अराइल लाइड्स तो प्यारे बच्चों अब इससे पहले कि हम हैलो एल्किंस और हैलो एरिन के बारे में और कुछ जाने इनके बारे में और कुछ डिटेल में डिस्कस करें सबसे पहले करेंगे हम इनका नामकरण राइट वी विल टॉक अबाउट देयर नोमेनक्लेच्योर आप किसी नए क्लास में जाते हो जिस क्लास में लेट्स से 40 बच्चे हैं तो सबसे पहले टीचर जो है वो सबसे क्या पूछती है या फिर आप भी बाकी बच्चों से क्या पूछते हो सबसे पहले तो आप उनका नाम पूछते हो राइट पहले आप नाम जानोगे उसके बाद ही तो आप पूछोगे कि भाई तुम्हारी हॉबीज क्या है तुम्हें क्या खाना पसंद है तुम्हें क्या करना पसंद है वगैरह वगैरह राइट तो नाम सबसे पहले तो ठीक उसी तरीके से यहां पर भी हम हेलो एल्केन और हेलो एरिन का नामकरण कैसे करते हैं वह पहले सीखेंगे ताकि आगे जाकर जब हम इनके रिएक्शंस के बारे में पढ़े इनके प्रिपरेशन के बारे में पढ़े तो हमें एटलीस्ट पता हो कि भाई यह जो कंपाउंड बन रहा है इस कंपाउंड का नाम क्या है है ना तो अब नामकरण में भी केमिस्ट्री का नामकरण कैसा होता है दो तरह के नाम होते हैं जैसे आपके भी होते हैं एक स्कूल का अच्छा वाला नाम और एक घर का वो पिंटू चिंटू वाला निकनेम है ना तो इसी तरह हमारे जो यह कंपाउंड्स होते हैं केमिस्ट्री में इनके भी दो तरह के नाम होते हैं एक तो इनका ऑफिशियल नाम होता है जिन्हें हम आईयूपीएसी नेमिन कहते हैं तो हमारे पास एक सिस्टम होता है उस सिस्टम के बेसिस पर हम किसी भी कंपाउंड का नामकरण कर सकते हैं दूसरा होता है कॉमन नेम्स मतलब जिस नाम से वो जाने जाते हैं राइट जिस नाम से अधिकतर लोग उन्हें बुलाते हैं सो दैट्ची नेमिन और कॉमन नेम्स दोनों साथ-साथ डिस्कस करते चलेंगे अब आईयूपीएसी नोमेनक्लेच्योर रहे होंगे कि मैम बीच-बीच में ऐसा बोलती रहती है कि 11थ में कवर कर लिया था 11थ में कवर कर लिया था अब मैं क्या करूं जब आधी चीजें हमने 11थ में ऑलरेडी पढ़ रखी हैं और 12थ इज मोर लाइक अ कंटिन्यूएशन टू व्हाट वी हैव स्टडीड इन 11थ तो अगर बाय चांस आपने 11थ की केमिस्ट्री नहीं देखी है और अगर अब आपको देखने का मन है नोमेन क्लेचर का बेसिक्स तो फील फ्री टू वाच दिस वीडियो वीडियो ऑन नेमिन ऑर्गेनिक कंपाउंड्स हालांकि यहां पर भी मैं लगभग लगभग आपको सिखा दूंगी कि हेलो एल्किंस और हेलो रींस की नेमिन करते कैसे हैं तो चलो तैयार हो जाओ पेन पेपर के साथ और मेरे साथ-साथ कंपाउंड्स का करो नामकरण तो चलो बच्चों यहां पर हमारे पास हैं कुछ एग्जांपल्स इन सबके हम आईयूपीएसी नेमिस वेल एज कॉमन नेम्स दोनों करेंगे ठीक है तो सबसे पहले करेंगे आईयूपीएसी नेमिन क्योंकि आईयूपीएसी के रूल्स से हम सभी वाकिफ है नोमेनक्लेच्योर तो चलो देखते हैं पहला कंपाउंड क्या है हमारे पासस सो पहला कंपाउंड है ch3 ch2 ch2cl ठीक हम क्या करते हैं रूल के हिसाब से लांगेस्ट कार्बन चेन ढूंढते हैं उसकी नंबरिंग करते हैं ठीक है यहां पर साफ-साफ दिख रहा है 1 दोती 1 2 तीन तीन ही कार्बन है यहां पर तो यही कार्बन का लांगेस्ट चेन होगा इसकी नंबरिंग किधर से करेंगे जिधर सब्सीट्यूएंट्स लगे हुए हो उसे हम कम नंबर देंगे तो यानी कि नंबरिंग हम किस तरफ स्टार्ट करेंगे देखो इधर क्लोरीन लगा हुआ है तो इस वाले साइड से नंबरिंग शुरू करेंगे तो नंबरिंग हो जाएगी ट 3 ठीक है अब इसका नामकरण कैसे करेंगे वो भी आईयूपीएसी आईयूपीएसी के रूल के हिसाब से हम क्या कहेंगे वन वाले कार्बन पे लगा हुआ है क्लोरो राइट तो इसका नाम हो जाएगा वन क्लोरो और यह जो चेन है कितने कार्बन की चेन है तीन कार्बन की तीन कार्बन के लिए हम कौन सा वर्ड यूज करते हैं रूट वर्ड क्या होता है प्रॉप जैसे अगर एक कार्बन हो तो मिथ दो कार्बन हो तो इथ तीन कार्बन हो तो प्रॉप चार कार्बन हो तो ब्यूट एंड सो ऑन राइट तो प्रॉप हो जाएगा और यहां पे सारे सिंगल बॉन्ड्स है कोई डबल बॉन्ड नहीं है तो इसीलिए ए तो इस वाले स्ट्रक्चर का आईयूपीएसी नेम हो जाएगा वन क्लोरो प्रोप पेन ठीक है चलो आगे बढ़ते हैं पहले सबके हम क्या कर लेंगे आईयूपीएसी नेम ठीक है चलो अगला वाला देखते हैं ch3ch ch3 और बीच वाले कार्बन से लगा हुआ है ब्रोमीन यानी कि ब ठीक है यहां पर भी पहले तो कार्बन की चेन ढूंढो एक दो तीन तीन कार्बन है यहां पर एक दो तीन तो यही लांगेस्ट चेन है नंबरिंग किधर से करेंगे अब देखो चाहे मैं इधर से करूं 1 2 3 या फिर मैं इस साइड से करूं 1 2 3 बात तो एक ही है क्योंकि दोनों ही केस में ब्रोमीन मेरा दो नंबर पर आ रहा है राइट तो इसलिए जिधर से मर्जी हो उधर से कर लो नंबरिंग ठीक है तो इस नंबरिंग के हिसाब से दो नंबर कार्बन के ऊपर ब्रोमीन लगा हुआ है तो इसका नाम क्या हो जाएगा टू ब्रोमो कितने कार्बन का चेन है तीन तो यानी कि यहां पर भी रूट वर्ड होगा प्रॉप सारे सिंगल बंड्स है इसीलिए n तो इसका नाम हो जाएगा टू ब्रोमो प्रोपेन ठीक है तो शुरुआत तो हमेशा आसान आसान वाले से ही करेंगे धीरे-धीरे मुश्किल वाले भी देखेंगे ठीक है चलो अब देखते हैं तीसरा वाला एग्जांपल ch3ch ch2br और यहां पर भी एक ch3 लगा हुआ है ठीक है तो यहां पर टोटल कितने कार्बन है एक दो तीन और चार यहां पर चार कार्बन है ठीक है लेकिन मुझे लांगेस्ट चेन निकालनी है लांगेस्ट चेन क्या होती है जैसे एक लाइन में आना चाहिए वो ऐसा नहीं कि पहले आप ऊपर गए फिर वापस आए नीचे नहीं ऐसे नहीं जिधर भी जाना है दाएं बाएं ऊपर नीचे जा सकते हो बट वन शॉट में जाना है कुछ भी रास्ता आपको रिपीट नहीं करना है ठीक है तो इसका मतलब या तो आप ये वाली चेन ले सकते हो ठीक है या फिर आप यह वाली चेन ले सकते हो कार्बन की या फिर आप यह वाली चेन ले सकते हो कार्बन की राइट बट अगर आप सोचो कि नहीं मैम मैं तो ना ये चेन लूंगा ऐसे करके फिर वापस आके ऐसे करके नहीं वो पॉसिबल नहीं है क्योंकि आप वापस नहीं आ सकते आपको एक स्ट्रेट चेन लेना है ठीक है बात समझ में आई कूल तो उस हिसाब से मेरा लांगेस्ट चेन यहां पर चाहे मैं कोई सा भी ऑप्शन लेती हूं जो भी पॉसिबल है तो मेरा लांगेस्ट चेन तीन ही कार्बन का आएगा ठीक है तो तीन कार्बन में लांगेस्ट चेन कैसा लूंगी मैं जो चेन मेरे सब्सीट्यूएंट्स को प्रायोरिटी इज करें है कि नहीं तो मान लो मैं अगर इसे ऐसे नंबरिंग करूं वन 2 3 तो इस नंबरिंग के हिसाब से देखो जो ब्रोमो ग्रुप है वो एक नंबर कार्बन पर लगा हुआ है और जो मिथाइल ग्रुप है वह दो नंबर कार्बन पर लगा हुआ है करेक्ट क्योंकि मैंने चेन तो इस वाले को ले लिया यह मेरा चेन है दिस इज आवर चेन ठीक है ना बात समझ में आई तो फिर इसका जब हम नामकरण करेंगे तो हम कैसे लिखेंगे वन ब्रोमो क्योंकि वन पे ब्रोमो है टू पे क्या है मिथाइल है तो चलो लिखते हैं वन ब्रोमो ट मिथाइल जो मेन चेन है उसमें तीन कार्बन है तो रूट वर्ड विल बी प्रॉप सारे सिंगल बॉन्ड्स है तो ए तो यानी कि वन ब्रोमो टू मिथाइल प्रोपेन ये हो जाएगा इसका आईयूपीएसी नेम तो भाई तीनों गिवन कंपाउंड्स के हमने आईयूपीएसी नेम तो लिख डाले हैं अब है कॉमन नेम्स की तो चलो अब बात करते हैं कॉमन नेम्स की कॉमन नेम्स में ना नॉर्मली जैसे जो इस तरह के हैलो एल्केन होते हैं इसको कॉमन तौर पर हम एल्काइन हेलाइड्स कहते हैं इसीलिए इनका नाम भी हम एल्काइन हेलाइड्स के फॉर्मेट में ही करते हैं फॉर एग्जांपल यहां पर क्या है ये एल्काइन हैलाइड के तौर पे सोचो तो यह पूरा क्या है यह पूरा कौन सा वाला एल्काइन ग्रुप है तीन कार्बन वाला एल्काइन ग्रुप तीन मतलब प्रॉप प्रोपाल है राइट तो इसीलिए इसका कॉमन नेम जब हम लिखेंगे हम लिखेंगे प्रोपाल क्लोराइड ये हो जाएगा इसका कॉमन नेम तो इसका कॉमन नेम होता है प्रोपाल क्लोराइड अब चलते हैं सेकंड वाले पे यहां पे आप बोलोगे ठीक है तो यह भी तो प्रोपाल ग्रुप ही है तीन कार्बन वाला एल्काइन ग्रुप है और ब्रोम ब्रोमीन लगा हुआ है इसके साथ तो उस सेंस में इसका होना चाहिए प्रोपाल ब्रोमाइड आप ऐसा बोल सकते हो बट ऐसा है नहीं अब देखो ब्रोमीन अगर यह लास्ट में लगता राइट मतलब कि अगर वन ब्रोमो प्रोपेन होता उस केस में हम उसे प्रोपाल ब्रोमाइड कहते बट यहां पर जो ब्रोमीन है वो सेकंड पोजीशन पे है राइट तो यानी कि दोनों सेम चीज तो नहीं है तो अब कॉमन नेम में हम हर को प्रोपाल ब्रोमाइड तो नहीं कह सकते हैं राइट कुछ और कहेंगे क्या और कहेंगे तो यहां पर हम यूज करते हैं कुछ प्रीफिक्स ठीक है जैसे कि आइसो जैसे कि नियो इस तरह के हम प्रीफिक्स यूज़ करते हैं तो सबसे पहले समझते हैं कि इन प्रीफिक्स का मतलब क्या होता है आइसो का मतलब यह होता है कि जब सारे कार्बन एटम्स एक्सेप्ट वन एक कंटीन्यूअस चेन बनाता है तब उसके लिए हम आइसो का यूज करते हैं मतलब मतलब कुछ यूं जैसे पहला वाला एग्जांपल देखो पहले वाले एग्जांपल में जो तीनों कार्बन है वो एक कंटीन्यूअस चेन बना रहा था राइट एक कंटीन्यूअस लाइन में था ठीक है लेकिन वहीं अगर दूसरा वाला एग्जांपल पे फोकस करो तो उसमें क्या हो रहा है देखो दूसरे एग्जांपल में क्या हो रहा है ये ये ये ऐसे तो ये तीनों सेम चेन में है लेकिन चूंकि यहां पे ब्रोमीन आ जा रहा है राइट तो अगर ब्रोमीन के नजरिए से देखोगे तो भाई अगर ब्रोमीन देखेगा तो ब्रोमीन को लगेगा कि ये कार्बन और ये कार्बन जो है अगर साथ में है तो ये क्या है उल्टे डायरेक्शन में है उसी तरह अगर ब्रोमीन इस साइड देखेगा तो उसे लगेगा ये कार्बन और ये कार्बन कंटीन्यूअस चेन में है ये वाला साइड में है राइट ब्रोमीन के नजरिए से देखना पड़ेगा कि भाई ब्रोमीन कहां पर लगा हुआ है है ना तो ब्रोमीन के नजरिए से अगर यहां पर देखो सो तीन में से एक कार्बन जो है कंटिन्यूएशन चेन में नहीं है कंटीन्यूअस चेन का पार्ट नहीं है ठीक है तो ऐसे केसेस में हम यूज करते हैं आइसो तो इस इसे हम कह सकते हैं वन ऑल कार्बन एक्सेप्ट वन एक को छोड़ कर के बाकी सारे कार्बन जब कंटीन्यूअस चेन बनाते हैं ठीक है एग्जांपल देखते हैं लेट अस सपोज कुछ इस तरह का है ठीक है इसका मतलब है ये जितने भी डॉट्स है ना इन सारे डॉट्स पे एकएक कार्बन लगा हुआ है तो इस स्ट्रक्चर को अगर देखो तो देखो एक दो तीन चार ये चार कार्बन कंटीन्यूअस चेन में है लेकिन ये पांचवा वाला क्या है उस कंटीन्यूअस चेन का पार्ट नहीं है राइट तो यानी कि एक को छोड़ के बाकी सारे कंटीन्यूअस चेन में है तो यहां पर आइसो यूज़ होगा ऐसे केसेस में उसी तरह बहुत बार आपको इस तरह का देखने को मिलेगा जैसे मान लो एक कार्बन है इससे दो मिथाइल ग्रुप लगे हुए हैं और इधर जो है कुछ भी लगा हुआ है कुछ भी ग्रुप लगा हुआ है जैसे ये वाला केस यही वाला केस है देखो यहां पर अगर मान लो ब्रोमीन लगा होता तो ये वही पिक्चर है जो यहां पर है है कि नहीं तो यहां पर भी देखो इस ब्रोमीन के नजरिए से ये दो कार्बन अगर कंटीन्यूअस चेन का पार्ट है तो ये तीसरा वाला उसका पार्ट नहीं है तो अब इस नॉलेज के साथ आप मुझे बताओ कि इस वाले कंपाउंड का कॉमन नेम क्या होगा क्या होगा है तो प्रोपाल ग्रुप तो प्रोपाल तो होगा ही ब्रोमीन है तो ओबवियसली ब्रोमाइड भी होगा बस फर्क क्या होगा ब्रोमीन की पोजीशन को नजर में रखते हुए हम यहां पे डाल देंगे आइसो तो ये हो जाएगा आइसो प्रोपाल ब्रोमाइड ये इसका कॉमन नेम हो जाएगा ठीक है अब बात करते हैं तीसरे वाले एग्जांपल की तीसरे एग्जांपल में क्या हो रहा है देखो एल्काइन ग्रुप कौन सा है कितने कार्बन वाला एल्काइन ग्रुप है 1 दोती चार यानी कि ये ब्यूटाइलिश ये ऐसा होता अगर मान लो यह ऐसा होता एक दो तीन चार और इसी के साथ अगर ये लगा होता मतलब जैसे ये ch3 ch2 ch2 ch2 और ब अगर ये ऐसा होता तो उसका नाम होता बेशक उसका नाम होता ब्यूटाइलिश बट यहां पर ऐसा नहीं है यहां पर तो ब्रांचिंग है इसका मतलब सारे के सारे कार्बन जो है एक कंटीन्यूअस चेन नहीं बना रहे हैं तो यहां पर क्या हो जाएगा अब पहले देखो कि भाई कितने कार्बन ऐसे हैं जो इस चेन के कंटीन्यूअस जो इस कंटीन्यूअस चेन का पार्ट नहीं है चार में से एक जो है वो कंटीन्यूअस चेन का पार्ट नहीं है फॉर एग्जांपल अगर मैं कंटीन्यूअस चेन इसको मानू तो यह वाला चेन के बाहर है अगर मैं कंटीन्यूअस चेन इसको मानूं तो ये वाला चेन के बाहर है तो बोलने का मतलब है चाहे मैं कोई सा भी कंटीन्यूअस चेन मानूं एक कार्बन हमेशा उस चेन के बाहर है यानी कि यहां पर मैं कौन सा प्रीफिक्स लगाऊंगी आइसो तो इसका नाम हो जाएगा आइसो ब्यूटाइलिश [प्रशंसा] और कॉमन नेम्स भी लिखा अब चूंकि हम यहां पर प्रीफिक्सेस की बात कर रहे थे तो आइसो के बारे में मैंने बता दिया कई बार आप देखोगे कि नियो प्रीफिक्स यूज होता है राइट नियो नियो प्रीफिक्स का मतलब क्या होता है व्हेन ऑल कार्बन एटम्स एक्सेप्ट टू फॉर्म अ कंटीन्यूअस चेन मतलब जैसे यहां पर आइसो के केस में क्या होता है कि एक कार्बन को छोड़कर बाकी सब कंटीन्यूअस चेन बनाते हैं नियो के इस में दो कार्बन को छोड़कर बाकी सब कंटीन्यूअस चेन बनाते हैं जैसे एक एग्जांपल के तौर पर मान लो यहां पर कोई सा भी एक ग्रुप है ये कार्बन है अब यहां से लेट्स से तीन और कार्बन मिथाइल ग्रुप जुड़े हुए हैं इस तरीके से अब इस केस में आप देखोगे चाहे कोई सा भी चेन ले लो फॉर एग्जांपल अगर ये वाला चेन लोगे तो ये कार्बन और ये कार्बन चेन के बाहर है अगर ये वाला चेन लोगे तो ये दोनों चेन के बाहर होगा राइट मतलब किसी भी पॉइंट पे एक एट अ टाइम दो कार्बन उस कंटीन्यूअस चेन से बाहर होंगे तो वैसे केसेस में हम प्रीफिक्स यूज़ करेंगे नियो लेट मी आल्सो टेल यू ये आइसो नियो का यूज़ हम करते हैं कॉमन नेम्स में ही आईयूपीएसी नोमेनक्लेच्योर कंपाउंड्स के नामकरण किए जाए तो यहां पर हमें दिख रहे हैं ढेर सारे बेंजीन रिंग्स जिसके ऊपर क्लोरीन लगे हुए हैं यहां भी हम वही सेम स्ट्रेटजी अप्लाई करेंगे सबसे पहले हम करेंगे आईयूपीएस नेमिन क्योंकि इससे हम थोड़ा सा ज्यादा फैमिलियर हैं उसके बाद करेंगे हम कॉमन नेम्स ठीक है तो जहां आईयूपीएसी की बात आती है तो यह रिंग ये कौन सी रिंग है बेंजीन रिंग है बेंजीन रिंग में ये क्लोरो ग्रुप लगा हुआ है तो इस फ्लोरो ग्रुप के हिसाब से हम बेंजीन रिंग के ऊपर लगे कार्बन एटम्स की नंबरिंग करेंगे सच दैट क्लोरो ग्रुप को लोएस्ट नंबर मिले तो य यहां पर तो भाई एक क्लोरो ग्रुप है इसका मतलब क्लोरो ग्रुप जिस कार्बन से लगा है उसे हम पहला नंबर दे देते हैं दैट इज वन तो नंबरिंग यहीं से शुरू करेंगे 1 2 3 4 5 6 ठीक है इस तरीके से नंबरिंग हो जाएगी तो ये हो जाएगा वन क्लोरो बेंजीन अब चलते हैं दूसरे वाले कंपाउंड पे यहां पर दो क्लोरीन लगे हुए हैं तो नंबरिंग ऐसी होनी चाहिए कि वो दोनों ही क्लोरीन को जो भी मिनिमम पॉसिबल नंबर है वो असाइन हो एक ऑप्शन है कि मैं नंबरिंग ऐसे करूं 1 2 3 4 5 6 तो उस केस में एक क्लोरीन वन नंबर पे है और दूसरा फाइव नंबर पे है ठीक है दूसरी पॉसिबिलिटी है कि मैं नंबरिंग ऐसे करूं 1 2 3 4 5 सि इस केस में एक क्लोरीन वन नंबर पे है और दूसरा क्लोरीन तीन नंबर नबर पे है तो ओवरऑल कौन सा मिनिमम नंबरिंग है ओबवियसली यह वाला मिनिमम नंबरिंग है तो मैं इसी नंबरिंग को फॉलो करूंगी है कि नहीं तो मैंने इसी नंबरिंग को फॉलो किया इस नंबरिंग के हिसाब से वन पे इस नंबरिंग के हिसाब से वन पे एक क्लोरीन है और थ्री पे भी एक क्लोरीन है तो इसका मतलब इसे हम कैसे लिखेंगे इसे हम लिखेंगे वनमा 3 चूंकि दोनों में क्लोरो है तो हम लिखेंगे डाई क्लोरो न थी डाई क्लोरो बेंजीन तो ये हो जाएगा इसका आईयूपीएसी नेम ठीक है अब चलो चलते हैं तीसरे वाले पे तीसरे वाले में भी एक बेंजीन रिंग है बट अब इसमें तीन क्लोरीन लगे हुए हैं तो इसकी भी नंबरिंग देखनी पड़ेगी तो मान लो किसी एक क्लोरीन से हम नंबरिंग स्टार्ट करते हैं 1 2 3 4 5 6 यहां पर इंटरेस्टिंग बात ये है कि चाहे मैं नंबरिंग इस साइड से करूं या इस साइड से करूं दोनों ही तरफ मेरे क्लोरीन को वही नंबर्स मिलेंगे ठीक है चाहिए तो खुद करके देख लो तो अभी फिलहाल क्लोरीन किस किस नंबर पे है वन पे है थ्री पे है और फाइव पे है तो इसका जो आईयूपीएसी नेम होगा वो क्या हो जाएगा वो हो जाएगा 1 3 5 1 3 और 5 ये तीन पोजीशंस पे क्लोरीन है यानी कि ट्राई क्लोरो लिखेंगे हम इसे ट्राई क्लोरो बेंजीन तो इस तरीके से हो गई हमारी आईयूपीएसी नेमिन अब आते हैं कॉमन नेम्स पे कॉमन नेम्स की अगर बात करें तो जो पहला वाला है इसका कॉमन नेम भी क्लोरो बेंजीन ही होगा मतलब वन क्लोरो बेंजीन ठीक है तो इसका कॉमन नेम भी सेम होगा ठीक है दूसरे वाले पे चलते हैं इसका कॉमन नेम क्या होगा अब यहां पर आपने ऑर्थो मेे पारा वाला आइसोमर का वो सुना होगा सुना ही होगा राइट ऑर्थो बोले तो जैसे मान लो अगर यह बेंजीन रिंग है तो जब ये दो पोजीशंस की हम बात करते हैं दैट इज ऑर्थो जब इस पोजीशन की और इस पोजीशन की इनके रिलेटिव में बात करते हैं देन दैट इज मेटा और जब हम इस पोजीशन की बात करते हैं दैट इज पा प तो इसे हम ओ से डिनोट करते हैं ऑर्थो मेटा और पैरा ठीक है ये तीनों आइसोमर्स है एज्यूमंगा फार्मूला सेम है जस्ट इनके जो सब्सीट्यूएंट्स है ना उनकी पोजीशन अलग-अलग है यहां पर जो सब्सीट्यूएंट है इस पोजीशन में है यहां पर इस पोजीशन में है और यहां पर इस पोजीशन में है तो जैसे-जैसे इसकी पोजीशन चेंज होती है हम उसे ऑर्थो मेटा और परा आइसोमर का नाम दे देते हैं ठीक है ये समझ में आ गया ओके अब देखो इस स्ट्रक्चर को इस स्ट्रक्चर में एक क्लोरीन यहां पर है और दूसरा यहां पर है तो इससे अगर मैच करो तो यह कौन सा वाला फॉर्म है मेटा वाला फॉर्म है अब्सोल्युटली तो इसे हम क्या कहेंगे इसे हम कहेंगे मेटा डाई क्लोरो बेंजीन सिर्फ क्लोरो बेंजीन तो नहीं कह सकते क्योंकि दो क्लोरीन है राइट तो इसका जो कॉमन नेम है यह कॉमन नेम हो जाएगा मेटा डाई क्लोरो बेंजीन तो ये हो जाएगा इसका कॉमन नेम ठीक है सो वी आर डन विद दिस कंपाउंड अब देखते हैं तीसरे वाले को तीसरे वाले के केस में तीनों क्लोरीन लगे हुए हैं राइट तो इसे हम क्या कहेंगे ओबवियसली ट्राई क्लोरो बेंजीन तो कहेंगे ही बट उसके पहले हम लगा देंगे यहां पर सिमेट्री तो यहां पर ये जो हमने सिमेट्री लगा दिया ये हमें ये बता रहा है कि ये जो तीनों क्लोरो ग्रुप है ये सिमिट्रिकली प्लेस्पेस रिंग पर तो इस तरीके से हमने इन कंपाउंड्स का भी आईयूपीएसी और कॉमन नेम्स दोनों लिख डाला तो चलो एक दो और प्रैक्टिस कर लेते हैं थोड़ी सी नोमेनक्लेच्योर क्या है यहां पर चलो अब मैं एक्सपेक्ट करूंगी कि आप मेरे से पहले खुद से इनके नाम लिख डालो ठीक है मैं तो खैर स्टेप बाय स्टेप ही कराऊंगा यहां पे कितने कार्बन है ऐसे तो देखा जाए तो टोटल वन टोटल देखा जाए तो वन 2 3 4 5 ऐसे तो फाइव कार्बन है बट मुझे टोटल कार्बन से ज्यादा इंटरेस्ट किसमें है कार्बन के लांगेस्ट चेन में क्योंकि अभी फिलहाल मैं कर रही हूं आईयूपीएसी नोमेनक्लेच्योर ले लो या फिर ये वाली चेन ले लो या फिर ये वाली चेन ले लो बट कोई सी भी चेन लोगे तो जो लांगेस्ट चेन है वो सिर्फ तीन कार्बन का ही होगा तो हम कौन सा वाला चैन ले ओबवियसली हमें ऐसा चैन लेना पड़ेगा जिस चेन का पार्ट ब्रोमीन भी हो राइट तो इसीलिए मैंने लेट्स से मैंने यह वाला चैन लिया ये ठीक है यह चेन ले लिया अब इस चेन की नंबरिंग ऐसे करनी होगी ताकि ब्रोमीन को कम से कम नंबर मिले तो चलो एक काम करते हैं ब्रोमीन के साइड से नंबरिंग शुरू कर देते हैं टूथ ठीक है अब इस नंबरिंग के हिसाब से न नंबर कार्बन के ऊपर लगा हुआ है ब्रोमो ग्रुप और दो नंबर कार्बन के ऊपर लगा हुआ है एक मिथाइल एक और मिथाइल ठीक है मतलब इसका नाम क्या हो जाएगा वन ब्रोमो टू पे मिथाइल नहीं डाई मिथाइल क्योंकि दो मिथाइल ग्रुप्स लगे हुए हैं तो ये हो जाएगा टू डाई मिथाइल स्ट्रेट चेन कितने कार्बन का था तीन कार्बन का तीन कार्बन के लिए रूट वर्ड होता है प्रॉप सारे सिंगल बॉन्ड्स हैं तो इसीलिए प्रोपेन तो इसका आईयूपीएसी नेम हो जाएगा वन ब्रोमो टू डाई मिथाइल प्रोपेन ठीक है ओके अब चलते हैं दूसरे वाले कंपाउंड पे इस स्ट्रक्चर को देखो और इस स्ट्रक्चर को देख के बताओ कि कौन सा इसका स्ट्रेट चेन होगा काफी स्ट्रेट फॉरवर्ड है ऊपर में साफ-साफ दिख रहे हैं कि तीन कार्बन है अब नंबरिंग मैं चाहे इधर से करूं या उल्टे साइड से करूं क्लोरीन जो है वो हमेशा दो नंबर कार्बन पे ही आए है ना तो यहां पर साफ-साफ दिख रहा है कि दो नंबर कार्बन पे एक क्लोरो ग्रुप है तो इसका नाम हो जाएगा टू क्लोरो तीन कार्बन का चेन है तो ये भी हो जाएगा प्रॉप सारे सिंगल बॉन्ड्स हैं तो इन ये हो जाएगा टू क्लोरो प्रोपेन तो इस तरीके से हो गई हमारी आईयूपीएसी नेमिन चलो अब बात करेंगे हम कॉमन नेम्स की कॉमन नेम्स की अगर बात करें तो ध्यान से स्ट्रक्चर को देखो कितने टोटल कार्बन है इसमें 1 दोती 4 पा तो यानी कि पेंटाइल ब्रोमाइड ऐसा सा कुछ होना चाहिए इसका नाम लेकिन क्या यह पूरा पेंटाइल एक स्ट्रेट चेन में है नहीं है कितने कार्बन के अलावा बाकी सब स्ट्रेट चेन में है अगर कोई सा भी स्ट्रेट चेन लो तो ये एक स्ट्रेट चेन में तीन ही कार्बन आएंगे यानी कि ऑल कार्बन एक्सेप्ट टू आर पार्ट ऑफ द कंटीन्यूअस चेन तो ऐसे केस में हम कौन सा प्रीफिक्स लगाते हैं थोड़ी देर पहले डिस्कस किया था नियो एब्सलूट करेक्ट तो यहां पर हम एक प्रीफिक्स लगा देंगे नियो और उसके बाद तो हमें दिख ही रहा है कि यह पांच कार्बन वाला एल्काइन ग्रुप है सो दैट इज पेंटाइल और इसमें ब्रोमीन लगा हुआ है तो ब्रोमाइड इसका कॉमन नेम हो जाएगा नियो पेंटाइल ब्रोमाइड अब चलते हैं दूसरे वाले में दूसरे वाले में क्या हो रहा है ये एल्काइन ग्रुप कितने कार्बन का है 1 2 तीन यानी कि प्रोपाल ग्रुप है प्रोपाल क्लोराइड है लेकिन क्या ये प्रोपाल ग्रुप तीनों के तीनों कार्बन सेम चेन में है कंसीडरिंग फ्रॉम क्लोरीन का पर्सपेक्टिव क्लोरीन के पर्सपेक्टिव से देखो तो ये दो अगर स्टेट चेन में हैं तो यह वाला कार्बन उस चेन के बाहर है राइट यानी कि एक्सेप्ट वन कार्बन बाकी सब स्ट्रेट चेन में है ठीक है तो इसीलिए इसका नाम क्या हो जाएगा आइसो प्रोपाल क्लोराइड ठीक है बात समझ आई किस तरीके से कॉमन नेम्स भी हम लिखते हैं डिफरेंट डिफरेंट कंपाउंड्स के तो मुझे मेरे ख्याल से हमने काफी सारी चीजों को प्रैक्टिस किया हालांकि अभी खत्म नहीं हुआ है नोमेनक्लेच्योर देर और करेंगे थोड़े और डिफरेंट टाइप ऑफ कंपाउंड्स के साथ तो चलो बच्चों अब यहां पर हम बात करते हैं एक और टाइप के लाइड्स के बारे में जिन्हें हम कहते हैं एल्किन डाई हैलाइड तो बेसिकली हम यहां बात करने वाले हैं डाई हैलो एल्केन के बारे में जहां पर दो हैलोजन अटैच हो एक ही स्ट्रक्चर में ठीक है जैसे मान लो एक क्लोरीन अटैच है एक नहीं दो क्लोरीन है फ्लोरीन अटैच है एक नहीं दो ब्रोमीन अटैच है एक नहीं दो मतलब सेम टाइप का हैलोजन जब दो अटैच हो एक ही स्ट्रक्चर में तो उसे हम क्या कहते हैं डाई हैलाइड या फिर डाई हैलो एल्केन ठीक है अब इनको भी हम फर्द क्लासिफाई कर सकते हैं कई बार क्या होता है कि ये जो दोनों हैलोजन है ये सेम कार्बन पे ही अटैच है सेम कार्बन से लगे हुए हैं तो इस तरह के हेलाइड्स को हम कहते हैं जेमिन हेलाइड्स ये जेमिन वर्ड आया कहां से तो लैटिन वर्ड होता है जेमिना जिसका मतलब होता है ट्विंस ट्विंस मतलब ट्विंस जो है वो एक साथ ही आते हैं राइट एक जैसे होते हैं एक साथ आते हैं तो एक जैसे होते हैं दैट मींस तो दोनों हैलोजन है वो एक ही कार्बन से अटैच है बिल्कुल एक जैसे हैं ट्विंस की तरह तो इसीलिए उन्हें कहा जाता है जेमिन हेलाइड्स ठीक है अगर ये जो दो हैलोजन है ये दो अलग कार्बन से अटैच हो या फिर दो पड़ोसी कार्बन से अटैच हो तो उसे हम कहते हैं विसिनल हेलाइड्स विसिनल ये वर्ड कहां से आया विसिनिटी का मतलब क्या होता है आसपास नेबरहुड उसको हम विसिनिटी कहते हैं राइट तो उसी से समझ में आ रहा है नेबरहुड मतलब सेम कार्बन पे तो नहीं है लेकिन हां पड़ोस के कार्बन में लगा हुआ है राइट तो उसे हम कहते हैं विसिनल हेलाइड्स अब ये जो जेमिन हेलाइड्स विसिनल लाइड्स ये जो टर्म्स है ये कहां काम आएंगे कॉमन नेम में काम आएंगे क्योंकि आईयूपीएसी नोमेनक्लेच्योर के ट टर्म्स यूज होंगे चलो देखें कुछ एग्जांपल्स तो प्यारे बच्चों अब स्क्रीन पर है कुछ डबल बॉन्ड्स वाले कंपाउंड्स तो चलो इनका नामकरण कर लेते हैं ठीक है तो सबसे पहले शुरुआत करेंगे ch2 डबल बॉन्ड chcl3 डबल बॉन्ड chcl3 कार्बन की नंबरिंग कैसे करेंगे ताकि क्लोरीन को कम नंबर मिले यानी कि नटू तो ये हो जाएगा न क्लोरो प्राइमरी चेन में दो कार्बन है दो कार्बन का रूट वर्ड होता है इथ और यहां पर है डबल बॉन्ड इसीलिए हो जाएगा न एन जो है अब हट के न हो गया तो ये हो जाएगा वन क्लोरो एथीन ठीक बहुत बढ़िया अब देखते हैं हम इसका कॉमन नेम इसका कॉमन नेम क्या होगा अब हम कॉमन नेम और ये साथ-साथ करते चलेंगे ठीक है सो कॉमन नेम अगर नॉर्मली एल्काइन हैलाइड के केस में कैसा होता था इथाइल क्लोराइड इस तरह का होता था राइट यहां पर चूंकि डबल बॉन्ड है तो आईडियली ये होना क्या चाहिए थिनल तो आईडियली ये कुछ ऐसा होना चाहिए थिनल क्लोराइड बट कॉमन तौर पर थिनल के जगह थेनील समझ गए ना मतलब c डबल बॉन्ड सी वाला जो एल्काइन ग्रुप है सो कॉल्ड ये थिनल को हम कॉमनली कहते हैं विनाइल तो इसीलिए इस कंपाउंड का जो कॉमन नेम है वो हो जाएगा विनाइल क्लोराइड ठीक है विनाइल किसका नाम है विनाइल हम आमतौर पर थिनल को कहते हैं ठीक है ओके चलो अब हम देखते हैं दूसरे कंपाउंड को ch2 डबल बॉन्ड स ch2br ठीक है ये तीन कार्बन वाला चेन है 1 2 3 का है ठीक है अब इसकी नंबरिंग कैसे करेंगे अब देखो नंबरिंग में एक तरफ तो ब्रोमीन है और दूसरी तरफ यहां पर डबल बॉन्ड है अब डबल बॉन्ड और ब्रोमीन में ज्यादा प्रायोरिटी मिलती है डबल बॉन्ड को तो यानी कि नंबरिंग ऐसे डायरेक्शन से होनी चाहिए कि डबल बॉन्ड को सबसे कम नंबर मिले ठीक है तो हम डबल बॉन्ड की तरफ से नंबरिंग करेंगे नट थ तो ऐसे में देखो एक नंबर कार्बन पे डबल बॉन्ड है और तीन नंबर कार्बन पे ब्रोमीन है ठीक है तो इसका आईयूपीएसी नाम हो जाएगा थ्री ब्रोमो तीन कार्बन का चेन है यानी कि प्रॉप कितने पोजीशन पे इन है यानी कि डबल बॉन्ड है वन पोजीशन पे सो प्रॉप वन इन या फिर इसे हम प्रोपीन भी लिख सकते हैं तो ये हो गया थ्री ब्रोमो प्रोपीन ठीक है अब इसी का कॉमन नेम देखेंगे कॉमन नेम क्या हो जाएगा ये ब्रोमाइड है तो जो दिख रहा है भाई उसको तो लिख लेते हैं साफ-साफ ठीक है ये कौन सा वाला ग्रुप है यह प्रोपनामइड को कॉमन कॉमनली कहा जाता है एलाइल तो इसीलिए इसका कॉमन नेम होता है एलाइल ब्रोमाइड जैसे विनाइल हम कहते हैं थिनल को वैसे ही एलाइल हम कहते हैं प्रोपनील को ठीक है तो ये भी हो गया अब चलो चलते हैं तीसरे कंपाउंड पे च इज ch2 cl2 तो यहां पर कार्बन एक ही है एक ही कार्बन है तो भाई चेन ढूंढने की नंबरिंग का कोई लफड़ा ही नहीं है इसी कार्बन पे लगे हुए हैं कितने क्लोरीन दो क्लोरीन यानी कि डाई क्लोरो तो इसका नाम क्या हो जाएगा इसका आईयूपीएसी नेम हो जाएगा डाई क्लोरो एक कार्बन वाला कंपाउंड क्या होता है मिथ और यहां पर सिंगल बॉन्ड्स ही है तो यह हो जाएगा मीथेन तो ये हो गया डाई क्लोरो मिथेन इसी कंपाउंड का अगर हम कॉमन नेम देखें कॉमन नेम जैसे ही मैं पूछूंगी तो बहुत से बच्चे कहेंगे कि इसका नाम होगा मिथाइल क्लोराइड जो कि नहीं होगा मिथाइल क्लोराइड तब होता अगर यहां पर ch3cl होता तब वो मिथाइल ग्रुप होता और एक क्लोरीन था तो क्लोराइड होता इसका जो कॉमन नेम है दैट इज मिथिल क्लोराइड अब चलते हैं चौथे कंपाउंड पे देखो कई बार ना इतने छोटे से कंपाउंड्स होते हैं और बड़े-बड़े नोमेनक्लेच्योर ही गलती कर देते हैं ठीक है यहां पर भी देखो कितने कार्बन है एक ही कार्बन है तो चेन वेन का लफड़ा नहीं है एक ही कार्बन के साथ तीन क्लोरीन लगे हुए हैं तो यानी कि ये ट्राई क्लोरो है तो इसका आईयूपीएसी नेम हो जाएगा ट्राई क्लोरो एक कार्बन वाला कंपाउंड है सो मीथेन तो ये हो गया ट्राई क्लोरो मीथेन और इसका कॉमन नेम क्या है पता है किसी को कॉमनली पता है हम ट्राई क्लोरो मीथेन को क्या कहते हैं कॉमन नेम का मतलब ये होता है कि जिसके बहुत ज्यादा सेट रूल्स नहीं है तो यू कांट रियली आस्क व्हाई दिस नेम अब उस नेम को वही नाम रखा गया था उसका अब जैसे तुम्हारे निक नेम्स होते हैं अधिकतर निक नेम्स की कोई मीनिंग ही नहीं होती है राइट आजकल तो फिर भी लोग थोड़ा सोच समझ के निक नेम्स रखते हैं ब वन अदर वाइज तो कुछ भी निकनेम डाल देते हैं तो इट इज सम वट लाइक दिस तो chcl3 को हम आमतौर पर कहते हैं क्लोरोफॉर्म क्लोरोफॉर्म नाम तो सुना ही होगा राइट सो क्लोरोफॉर्म इज बेसिकली chcl3 व्हिच इज ट्राई क्लोरो मिथेन ठीक है तो बच्चों इतने सारे प्रैक्टिस के बाद क्या लग रहा है थोड़ा कॉन्फिडेंस आ रहा है नोमेन क्लेचर में कि हां ठीक है हेलो एल्केन हैलो एनस के नोमेनक्लेच्योर कुछ रिंग वाले कंपाउंड्स भी है इनकी भी थोड़ी अच्छी प्रैक्टिस रहनी चाहिए तो पहला कंपाउंड देखते हैं सबसे पहले बात करेंगे हम आईयूपी ए नोमेन क्लेचर की तो यहां पर हम फोकस किस पर करेंगे कार्बन चेन प राइट तो यहां पर देखो यह वाला जो कार्बन है इस कार्बन के साथ इधर लगा हुआ है एक क्लोरो ग्रुप और इधर लगा हुआ है यह पूरा रिंग राइट तो इसे इसका नामकरण अगर मुझे करना हो एस पर आईयूपीएसी तो मैं क्या कह सकती हूं क्लोरो फिनाइल मीथेन देखिए थोड़ा अटपटा सा लग रहा है बट दैट इज व्ट इट्स नेम इज आईयूपीएसी के हिसाब से हमारा फोकस किस पर रहेगा कार्बन चेन पे रहेगा उसके साथ क्या-क्या लगा हुआ है क्लोरो फिनाइल तो इसीलिए नाम हो गया क्लोरो फिनाइल मिथेन लेकिन वही अगर हम इसके कॉमन नेम की बात करें तो अगर इसके कॉमन नेम की बात करें तो कॉमन तौर पर ये जो रिंग है विथ सी टू अटैच टू इट इसको हम कहते हैं बेंजाइल ठीक है बेंजीन से आया है यह वर्ड बेंजाइल तो कॉमन नेम इसका हो जाएगा बेंजाइल क्लोराइड क्योंकि कॉमन नेम तो हम हमेशा एल्काइन क्लोराइड वाले फॉर्मेट में ही करने की कोशिश करते हैं तो उस फॉर्मेट के हिसाब से इसका कॉमन नेम है बेंजाइल क्लोराइड अब चलते हैं दूसरे वाले स्ट्रक्चर पे सबसे पहले बात करेंगे आईयूपीएसी की आईयूपीएसी में देखो यहां पर हम क्या करेंगे यह जो रिंग है इस रिंग के ऊपर जो कार्बन लगे हुए हैं उनका क्या करेंगे उनकी नंबरिंग करेंगे राइट तो चलो इस रिंग के ऊपर लगे कार्बन की नंबरिंग करते हैं कैसी होगी नंबरिंग इसकी देखो एक ऑप्शन ये है एक ऑप्शन ये है कि मैं नंबरिंग क्लोरो से स्टार्ट करूं दूसरा ऑप्शन ये है कि मैं नंबरिंग ch3 से स्टार्ट करूं अब सोचो मिथाइल ग्रुप और क्लोरो ग्रुप में कौन किसकी प्रायोरिटी ज्यादा है क्लोरो ग्रुप की हैलो ग्रुप की प्रायोरिटी ज्यादा होती है वो प्रायोरिटी लिस्ट याद है ना जो हमने 11थ की केमिस्ट्री में पढ़ी थी जब हम नोमेनक्लेच्योर से हम प्रायोरिटी देते हैं तो इसका मतलब यहां क्लोरो की प्रायोरिटी ज्यादा है तो भाई चलो नंबरिंग क्लोरो से शुरू करेंगे बट क्लोरो से शुरू करेंगे नंबरिंग ऐसे डायरेक्शन में करेंगे कि मिथाइल को जितना मिनिमम पॉसिबल नंबर हो उतना ही मिले तो अब देखो क्लोरो को अगर मैंने वन दिया मिथाइल को टू दे देते हैं दोनों खुश ठीक है ऐसे कर ली मैंने नंबरिंग तो इस नंबरिंग के हिसाब से ये हो जाएगा वन क्लोरो टू मिथाइल बेंजीन तो यह हो गया इसका आईयूपीएसी नोमेनक्लेच्योर जैसे ही बेंजीन रिंग के साथ हम ch3 लगा देते हैं तो वो बन जाता है टॉल्विन ऐसे ही एनलिन वगैरह वगैरह बहुत सारे कंपाउंड्स हैं जिनके कॉमन नेम्स हैं ये तो यहां पर देखो बेंजीन रिंग के साथ ch3 लगा हुआ है जिसे हम क्या कहते हैं टॉल्विन ठीक है तो कॉमन नेम के हिसा अगर कॉमन नेम की बात की जाए तो यहां पर मुझे क्या दिख रहा है मुझे टॉल्विन दिख रहा है लेकिन इस टॉल्विन में एक क्लोरो लगा हुआ है राइट तो इसका मतलब ये क्या है ये है क्लोरो टॉल्विन लेकिन कॉमन नेम में भी ये जरूरी है बताना कि भाई क्लोरो की पोजीशन क्या है कॉमन नेम में मैंने रिंग के ऊपर बताया था ऑर्थो मेटा पारा आइसोमर्स के बारे में अब देखो इस मिथाइल ग्रुप के हिसाब से जो क्लोरो का पोजीशन है बिल्कुल बगल वाला पोजीशन है ये यहां पे है तो ये यहां पे है तो यानी कि ये कौन सा वाला पोजीशन है ऑर्थो पोजीशन है तो इसका कॉमन नेम हो जाएगा ऑर्थो क्लोरो टॉल्विन ठीक चलो आगे बढ़े तो चलो इन तीन स्ट्रक्चर्स का नामकरण कर देते हैं अगर इन तीनों का हमने सही सही नामकरण कर दिया इसका मतलब भाई नोमेनक्लेच्योर हो चुका है क्रिस्टल क्लियर देखो क्योंकि तीनों का फ सिमिलर दिख रहा है अचानक से देखने पे लगेगा सेम चीजें बनी हुई है क्या बट एक्चुअली सेम चीजें है नहीं राइट तो चलो एक-एक करके तीनों का देखेंगे पहले आईयूपीएसी तो यहां पर हम बात करेंगे आईयूपीएसी नोमेनक्लेच्योर बन अब देखो इस तरह के स्ट्रक्चर्स में ये जितने भी जॉइंट्स होते हैं वहां पर छिपा होता है एक कार्बन तो तीन तो ये हो गए एक ये हो गया एक ये हो हो गया तो मतलब टोटल पांच कार्बन है यहां पर ठीक है सबसे पहले आइडेंटिफिकेशन भी इंक्लूडेड हो तो सब्सीट्यूएंट यहां पे ब्रोमीन है ठीक है लांगेस्ट चेन 1 2 3 4 पाच पांच कार्बन का ये चेन बन सकता है बिल्कुल बन सकता है प्रायोरिटी किसको मिलेगी इधर लगा हुआ है ब्रोमीन और यहां पर है डबल बॉन्ड अब डबल बॉन्ड और ब्रोमीन में प्रायोरिटी किसको मिलती है डबल बॉन्ड को तो इसीलिए इसकी नंबरिंग शुरू होगी इधर से नट 3 फर 5 ऐसे हो गई कार्बन की नंबरिंग अब देखो दो नंबर कार्बन पे क्या है डबल बॉन्ड और चार नंबर कार्बन पर क्या लगा हुआ है ब्रोमीन ठीक है तो चलो नामकरण करते हैं इसका यह हो जाएगा फोर ब्रोमो ये हो जाएगा फोर ब्रोमो पांच कार्बन के लिए रूट वर्ड होता है पेंट डबल बॉन्ड है दो नंबर कार्बन के ऊपर तो पेंट टू इन ये हो जाएगा इसका आयू पीएससी नेम फोर ब्रोमो पेंट टू इन ठीक है चलो अब देखते हैं दूसरा वाला कंपाउंड यहां पर क्या है यहां पर पहले तो कार्बन कहां-कहां है एक कार्बन यहां है एक कार्बन यहां है एक यहां है एक यहां है और एक यहां है ठीक है अब यहां पर भी मुझे लांगेस्ट चेन निकालनी है लांगेस्ट चेन कैसे निकालेंगे एक दोती च पांच का चैन यहां बन नहीं पाएगा देखो किसी भी हालत में यह पांचों कार्बन एक ही चैन के अंदर नहीं आ पाएंगे ठीक है तो मैंने यह वाला चेन कंसीडर किया यह चेन मैंने अजूम कर लिया अब इस चेन की नंबरिंग किधर से होगी टूथ 4 ऐसे होगी या टूथ 4 ऐसे होगी किसको प्रायोरिटी देंगे डबल बॉन्ड को तो इसीलिए ऊपर की साइड से नंबरिंग शुरू [संगीत] करेंगे वन 2 3 4 यह हमारी नंबरिंग हो जाएगी अब देखो क्या-क्या लगा हुआ है दो नंबर कार्बन पे यह डबल बॉन्ड है तो चलो अब देखते हैं दूसरे कंपाउंड को तो यहां पर कितने कार्बन है सबसे पहले ये देखो एक कार्बन यहां एक यहां एक यहां एक यहां और एक यहां ठीक है ऐसे तो पांच कार्बन है बट जब इसका हम लांगेस्ट चेन ढूंढेंगे तो पांचों कार्बन के साथ लांगेस्ट चेन हमें नहीं मिलेगा ठीक है तो लांगेस्ट चेन ऐसा होना चाहिए जिसके अंदर डबल बॉन्ड भी इंक्लूडेड हो और जिसके अंदर ब्रोमीन भी इंक्लूडेड हो तो यानी कि ये दोनों कार्बन का होना तो मस्ट है 1 दोती 4 यही चेन हमें लेना पड़ेगा ये वाला चेन ठीक है तो इसका मतलब इसकी नंबरिंग किधर से होगी एक ऑप्शन है 1 2 3 4 एक ऑप्शन है 1 2 3 4 नंबरिंग ऐसे करेंगे कि डबल बॉन्ड को ब्रोमीन से ज्यादा प्रायोरिटी मिले तो हम डबल बॉन्ड वाले साइड से नंबरिंग स्टार्ट करेंगे तो मेरी नंबरिंग कुछ ऐसे होगी 1 2 3 4 अब इस नंबरिंग के हिसाब से देखो दो नंबर कार्बन पर जुड़ा हुआ है मिथाइल ग्रुप तीन नंबर कार्बन पर जुड़ा हुआ है ब्रोमीन ग्रुप ठीक है तो अब इसका नामकरण कैसा होगा तो इसका नाम हो जाएगा थ्री ब्रोमो टू मिथाइल जो मेरा बेस चेन है उसमें कितने कार्बन है एक दोती च तो यानी कि ब्यूट कितने नंबर कार्बन पे डबल बॉन्ड है फर्स्ट नंबर कार्बन पे सो ब्यूट वन इन या फिर इसे ब्यूटी भी लिख सकते हैं तो इसका नाम हो जाएगा थ्री ब्रोमो टू मिथाइल ब्यूट वन इन अब देखो ये दोनों एक जैसे दिख रहे थे दूर से बट एक्चुअली सेम थे नहीं क्योंकि देखो इनके मिथाइल ग्रुप्स की पोजीशंस अलग थी है ना ओके अब चलते हैं तीसरे वाले पे तीसरे वाले पे पहले तो कार्बन आइडेंटिफिकेशन कार्बन है यहां एक कार्बन है यहां एक कार्बन है ठीक है टोटल छह कार्बन है बट हमारा फोकस किस पे है लॉन्ग चेन में लांगेस्ट चेन कौन सा होगा है कि नहीं तो लांगेस्ट चेन देखो कैसे बन सकता है 1 2 3 4 5 ये हमारा लांगेस्ट चेन बन सकता है बिल्कुल बन सकता है क्योंकि इस चेन के अंदर जो है ना आई एम टॉकिंग अबाउट दिस चेन इस चेन के अंदर देखो डबल बॉन्ड भी आ जा रहा है और जो ब्रोमीन ग्रुप है वो भी आ जा रहा है ठीक है ओके तो चलो इसी को चेन मान लेते हैं और इसकी नंबरिंग शुरू करते हैं नंबरिंग ऊपर से करेंगे ताकि डबल बंड को ज्यादा प्रायोरिटी मिले तो नंबरिंग हो जाएगी टूथ 4 फ ठीक है तो यहां पर अगर ध्यान से देखो सो तीन नंबर कार्बन पर एक मिथाइल ग्रुप लगा हुआ है चार नंबर कार्बन पर यह ब्रोमीन लगा हुआ है ठीक है तो इसका नाम क्या हो जाएगा इसका नाम हो जाएगा फोर [संगीत] ब्रोमो थ्री मिथाइल अब जो मेरा बेस है मतलब जो प्राइमरी चेन है दैट इज पांच कार्बन का चेन पांच के लिए हम यूज़ करते हैं पेंट डबल बॉन्ड कितने वाले कार्बन पे है दो नंबर कार्बन पे यानी कि पेंट टू इन तो इसका नाम हो गया फोर ब्रोमो थ्री मिथाइल पेंट टू इन तो आई एम श्यर ऑल ऑफ यू वुड अग्री कि ये जो एक्सरसाइज था ये जो तीन थे हमारे स्ट्रक्चर्स इनका आईयूपीएसी प्रैक्टिस करना वाज डेफिनेटली वर्थ इट एंड आई एम होपिन सभी मेरे साथ-साथ यह सारे आईयूपीएसी नेमिन कर रहे हो तो बच्चा पाटी अभी तक हमने जो भी चीजें पढ़ी उसके ऊपर कुछ क्वेश्चंस प्रैक्टिस करने के लिए हो तैयार फटाफट से बताओ क्या सभी लोग तैयार हो थोड़े बहुत क्वेश्चंस प्रैक्टिस करने के लिए अरे वाह तो देर किस बात कि चलो पेन और पेपर लेके तैयार रहो और लेट्स गेट स्टार्टेड विद सम क्वेश्चंस तो चलो बच्चों देखिए क्वेश्चन नंबर वन क्वेश्चन कह रहा है कि नेम द फॉलोइंग हेलाइड्स अकॉर्डिंग टू आईयूपीएसी सिस्टम इनका आईयूपीएसी नेम लिखना है हमें एंड क्लासि देम एज एल्काइन एलाइल बेंजाइल विनाइल और अराइल हेलाइड्स अभी-अभी हमने हर टाइप के हेलाइड्स की बातें की राइट तो अब हमें यहां पे पहले तो इनका आईयूपीएसी नाम लिखना है और फिर बताना है कि ये किस कैटेगरी का हैलाइड है एल्काइन हैलाइड है अराइल हैलाइड है बेंजाइल हैलाइड है कौन सा एलाइड है ठीक है तो चलो एक-एक करके तीनों ट्राई करेंगे सबसे पहले पहला वाला जभी भी इस तरह का स्ट्रक्चर आपको दिया हो चीजों को अपने लिए सिंपल बनाने के लिए इसका स्ट्रक्चर खुद एक बार फिर से बना लो ठीक है तो मैं वही करूंगी अभी ch3 सी डबल बॉन्ड सी उसके बाद देखो यहां पर ब्रैकेट में क्लोरीन लिखा हुआ है यानी कि इस सी के साथ क्लोरीन लगा हुआ है उसके बाद ch2 सी और फिर फिर सी के बाद देखो ch3 जो है व ब्रैकेट के अंदर है यानी कि इस स के साथ दो मिथाइल ग्रुप्स लगे हुए हैं ठीक है तो मुझे इसका नामकरण करना है कैसे करेंगे सबसे पहले क्या करेंगे लांगेस्ट कार्बन चेन ठीक है कार्बन चेन ऐसा होना चाहिए कि उसके अंदर डबल बॉन्ड भी आ जाए और उसके अंदर यह क्लोरीन वाला कार्बन भी मिस ना हो ठीक है ओके कैसे निकाल सकते हैं 1 2 3 4 5 6 अ या तो हम इसको इंक्लूड करेंगे या फिर हम यूं इसको इंक्लूड करेंगे बट एनीवेज हमारे पास छह कार्बन का लांगेस्ट चेन है अब इन कार्बन की नंबरिंग करनी है नंबरिंग ऐसे करनी है कि डबल बॉन्ड को प्रायोरिटी मिले सो कीपिंग दैट इन माइंड हम नंबरिंग इधर से करते हैं ट 3 4 5 6 तो इस नंबरिंग के हिसाब से दो नंबर कार्बन पर डबल बॉन्ड है तीन नंबर कार्बन पे क्लोरीन ग्रुप है और पांच नंबर कार्बन पे यह मिथाइल ग्रुप है ठीक है तो इसका नाम क्या हो जाएगा इसका नाम हो जाएगा थ्र क्लोरो फाइव मिथाइल जो मेन हमारा रूट है उसमें कितने कार्बन है छह कार्बन छह कार्बन के लिए हमारा रूट वर्ड क्या होता है हेक्स इन डबल बॉन्ड कितने नंबर कार्बन पे है दो नंबर कार्बन पे यानी कि हेक्स 2 इन ठीक है तो ये तो आईयूपीएसी नेम हो गया अब ये बताओ कि ये किस कैटेगरी का हैलाइड है अब ये है तो क्लोराइड हमें दिख रहा है राइट अब किसका क्लोराइड है अब देखो यहां पर डबल बॉन्ड है डबल बॉन्ड वाले एल्कीन का क्लोराइड है तो उसको हम कौन से कैटेगरी में फॉल करा सकते हैं बताओ इसको हम फॉल करा सकते हैं यहां पर जितने भी दिए हुए हैं इनमें से कौन से कैटेगरी में इसको फॉल करा सकते हैं हम चकि ये इन है डबल बंड वाला क्लोराइड है तो इसको हम फॉल करा सकते हैं विनाइल क्लोराइड के कैटेगरी में ठीक है तो ये किस तरह का हैलाइड है यह विनाइल हैलाइड है ठीक है तो यह तो हमारा पहला वाला हो गया सेकंड वाला ट्राई करते हैं सेकंड वाला कह रहा है पैरा स c64 c64 क्या होता है c64 रिंग बनाना पड़ेगा एब्सलूट c66 इ बेंजीन ठीक है तो चलो इसका रिंग बना लेते हैं रिंग बना लिया रिंग में क्या कहा जा रहा है पैरा पोजीशन पे है क्लोरीन और दूसरे वाले पैरा मतलब य है कि यह दोनों ऑपोजिट एंड्स दैट्ची पे क्या है ch2 स ch3 होट यानी कि दो ch3 के ग्रुप्स इस तरीके से लगे हुए हैं तो ये स्ट्रक्चर है अब इस स्ट्रक्चर का तुम्हें नेमिनाथ है तो नेमिली भी करते रिंग वाले स्ट्रक्चर में हम क्या करते हैं जितने भी कार्बन उस रिंग में है उनका नंबरिंग करते हैं नंबरिंग के लिए जानना जरूरी है कि किसकी प्रायोरिटी ज्यादा है तो यहां पर क्या-क्या चीजें हैं यहां पर एक तो इधर ये क्लोरो ग्रुप है और एक तो इधर ये वाला पूरा बड़ा सा एक एल्काइन ग्रुप है अब इन दोनों में से क्लोरो ग्रुप की प्रायोरिटी ज्यादा है तो इसीलिए नंबरिंग हम क्लोरो वाले साइड से स्टार्ट कर देते हैं सो लेट्स से दिस इज वन 2 3 4 5 6 ठीक है तो अब मुझे पता है कि वन पोजीशन पे क्लोरो है और फोर पोजीशन पे ये पूरा एक एल्काइन ग्रुप है ठीक है अब इस एल्काइन ग्रुप को हम कैसे बताएंगे कि भाई ये कौन सा ग्रुप है राइट तो इसके लिए इस छोटे से यूनिट को भी हमें अलग से कंसीडर करना पड़ेगा ठीक है अब इस अंदर वाले ग्रुप पे फोकस करो इस अंदर वाले ग्रुप पे ये कार्बन तो भाई मेरा एकदम हीरो कार्बन है क्योंकि ये डायरेक्टली रिंग से अटैच है तो इस कार्बन को कंसीडर करते हुए कौन सा लांगेस्ट चेन होगा अंदर अभी बाहर का भूल जाओ सिर्फ इस रेड वाले के अंदर फोकस करो ठीक है तो यहां पर अगर मैं कार्बन का लांगेस्ट चेन ढूंढू सो दिस इज वनट 3 तो उस केस में ये टू वाले पोजीशन पे यहां पर लगा हुआ है एक मिथाइल ग्रुप ठीक है तो मतलब ये जो मेरा एल्काइन चेन तीन कार्बन का है दैट इज प्रोपाल सो टू मिथाइल प्रोपाल ग्रुप है ये तो इस एल्काइन पता चल गया दिस इज टू मिथाइल प्रोपाल तो कभी भी ऐसा कॉम्प्लिकेटेड सा रहे अंदर तो वो अंदर वाले अल्काइनेस किया तो यह टू मिथाइल प्रोफाइल सिर्फ इसका नाम है ठीक है तो चलो अब इस पूरे कंपाउंड का नेम करते हैं अब पूरे कंपाउंड में मुझे दिख रहा है वन पोजीशन पे है क्लोरो और फोर पोजीशन पे है ये टू मिथाइल प्रोपाल ठीक है तो इसका नाम हो जाएगा वन क्लोरो फोर ब्रैकेट में डाल देंगे टू मिथाइल प्रोपाल और यह मेन रिंग क्या है बेंजीन तो ये हो जाएगा इसका आईयूपीएसी नेम वन क्लोरो फोर टू मिथाइल प्रोपाल बेंजीन ठीक है तो आईयूपीएसी नेमिन में हम बिल्कुल अपना जो प्रोसेस है उसी को फॉलो करेंगे अब बताओ ये किस कैटेगरी का हैलाइड है देखो ओबवियस सी बात है कि ये एल्काइन हैलाइड तो नहीं है ठीक है ये एलाइल हैलाइड भी नहीं है ये विनाइल हैलाइड तो नहीं है तो बचा ऑप्शन बेंजाइल हैलाइड का और अराइल हैलाइड का अराइल हैलाइड कौन सा वाला हैलाइड होता है जिसमें हैलोजन जो है वो बताओ वो ए टू हाइब्रिडाइज्ड कार्बन के साथ अटैच होता है ठीक है और बेंजाइल हैलाइड क्या होता है जिसमें हैलोजन जो है वो sp3 हाइब्रिडाइज्ड कार्बन के साथ अटैच होता है यहां पर देखो जो हैलोजन है मेरा क्लोरीन ये किसके साथ अटैच है क्लोरीन इस कार्बन के साथ अटैच है और यह वाला कार्बन इधर क्लोरीन से अटैच है इधर इस कार्बन से अटैच है इधर इस कार्बन से अटैच है चूंकि यहां डबल बॉन्ड बना रहा है तो कार्बन की वैलेंसी पूरी हो जा रही है तो कार्बन तीन बंद से जुड़ा हुआ है यानी कि इस कार्बन का जो हाइब्रिडाइज्ड इइ जड कार्बन से जुड़ा हुआ है यानी कि यह किस तरह का हैलाइड है यह अराइल हैलाइड है तो बच्चों अब बचा हमारा तीसरा वाला एग्जांपल सो डू यू थिंक दैट यू वुड लाइक टू ट्राई इट ऑन योर ओन इफ यस प्लीज गो अहेड एंड ट्राई तो ये तीसरा वाला जो एग्जांपल है इसको आप खुद से ट्राई करो दिस इज ऑर्थो ब्रोमीन c6 ए4 स ब्रैकेट में ch3 ch2 ch3 सबसे पहले खुद का स्ट्रक्चर बनाओ खुद का मतलब अपना नहीं इसका इसका स्ट्रक्चर आप खुद से बनाओ एंड देन इसका आईयूपीएसी नेमिन करो फिर फाइंड आउट करो कि जो एल्काइन ग्रुप है दैट इज ब्रोमीन इन दिस केस वो कौन से वाले कार्बन से अटैच है sp2 हाइब्रिडाइज्ड कार्बन या sp3 हाइब्रिडाइज्ड कार्बन बेस्ड ऑन दैट आप बता सकते हो कि वो बेंजाइल हैलाइड है या अराइल हैलाइड तो ये रहा आपका होमवर्क क्वेश्चन तो इसको आप खुद से ट्राई करो कमेंट सेक्शन में इसका आंसर भी बता सकते हो ठीक है तो चलो फिलहाल हम आगे बढ़ते हैं तो चलो बच्चों अब देखते हैं क्वेश्चन नंबर टू अब इस क्वेश्चन में थोड़ा सा चीजें उल उलट गई है अब तक क्या था कि हमारे पास एक स्ट्रक्चर दिया हुआ होता था हमें उसका नामकरण करना होता था अब हमें नाम दिया हुआ है और हमें वो स्ट्रक्चर बनाना है तो चलो देखते हैं इसे कैसे कर सकते हैं तो पहला कंपाउंड है टू क्लोरो थ्री मिथाइल पेंटेल तो जभी भी हमें स्ट्रक्चर बनाना होता है ना तो आप नाम के लास्ट वाले पार्ट पे ज्यादा फोकस करो पिटेन यानी कि ये जो स्ट्रक्चर है इसका जो बेस जो चेन है स्ट्रेट चेन वो पांच कार्बन का है जिसमें सारे सिंगल बॉन्ड्स हैं तभी तो पेंटे है राइट तो सबसे पहले वो बना लेंगे हम एक 2 3 4 5 पांच कार्बन का एक स्ट्रेट चेन पेंटे हो गया अब इस पेंटेल के अंदर क्या है टू क्लोरो थ्री मिथाइल यानी कि दो नंबर वाले कार्बन पे क्या है क्लोरो और तीन नंबर वाले कार्बन पे क्या है मिथाइल यहां तक बना लेंगे हम आसान है अब इसके बाद क्या करना है सिर्फ हाइड्रोजन लगाना है भाई कार्बन की जो है वैलेंसी कितनी होती है फोर ठीक है तो यहां कार्बन एक इस कार्बन के साथ बचा बना रहा है बाकी बचा तीन तो वो तीन हाइड्रोजन के साथ बनाएगा तो ch3 ये वाला कार्बन तीन ऑलरेडी बॉन्ड बना रहा है तो इसके साथ एक और बचा हुआ है जो वो h के साथ बनाएगा इस कार्बन की बात करें तो ये तीन के साथ बना रहा है एक बचा हुआ है जो के साथ बना लेगा इस कार्बन की बात करें तो दो बॉन्ड बना रहा है दो बचा हुआ है जो दो हाइड्रोजन के साथ बना लेगा फाइनली इस कार्बन का कितना बचा हुआ है एक ही बॉन्ड बना रहा है बाकी तीनों बचे हुए हैं तो यहां पे h3 हो जाएगा सो दिस विल बी द स्ट्रक्चर ऑफ टू क्लोरो 3 मिथाइल पेंटे ठीक है अब चलो देखते हैं दूसरा पैरा ब्रोमो क्लोरो बेंजीन इसका भी सबसे पहले लास्ट पे फोकस करो बेंजीन ठीक है बेंजीन है तो बेंजीन रिंग बना लेते हैं बेंजीन रिंगक बना लिया अब ये बोल रहा है पैरा यानी कि पैरा वाले पोजीशंस कौन-कौन से होते हैं अगर एक यहां पर है तो दूसरा यहां पे होगा पैरा पोजीशंस पे क्या-क्या है ब्रोमो क्लोरो मतलब अगर एक तरफ ब्रोमो है तो दूसरी तरफ क्लोरो है सो दिस इज द स्ट्रक्चर ऑफ पैरा ब्रोमो क्लोरो बेंजीन मुश्किल था बिल्कुल भी नहीं था इनफैक्ट नेमिन करने से ज्यादा आसान तो यही था राइट कि नाम दिया हुआ है और बस स्ट्रक्चर बनाना है तो चलो बच्चों अब बात करेंगे हम कार्बन हैलोजन बॉन्ड के बारे में ठीक है भाई हैलो एल्केन हैलो एरिन का स्ट्रक्चर तो मोर और लेस समझ में आ गया बट यहां पर एक बहुत इंपॉर्टेंट रोल प्ले करता है कार्बन और हैलोजन के बीच का जो बॉन्ड है व बॉन्ड ठीक है क्या अलग होता है इस बॉन्ड में यार देखो पहले तो क्या था कि कार्बन जो है कि हाइड्रोजन से बॉन्ड बना रहा था अब उस हाइड्रोजन को किक मार के भगा दिया गया और वो जगह ले लिया हैलोजन ने हमें पता है अगर हम पीरियोडिक टेबल को दिमाग में याद करें तो हमें ये पता है कि जो हैलोजन होते हैं वो बाय डिफॉल्ट कार्बन के मुकाबले ज्यादा इलेक्ट्रोनेगेटिव होते हैं इलेक्ट्रोनेगेटिव जो होता है वो क्या करता है इलेक्ट्रॉन को अपनी तरफ खींचता है ये तो हमारी बेसिक्स कहती है है ना याद है वो मैंने बताया था कि जब दो एटम्स एक दूसरे के साथ बॉन्ड बनाते हैं बॉन्ड क्यों बनाते हैं क्योंकि ये इलेक्ट्रॉन शेयर करते हैं एक दूसरे के साथ ठीक है लेकिन अगर इन दोनों में से एक ज्यादा पावरफुल हो तो वो क्या करेगा इलेक्ट्रॉन को अपनी तरफ खींच लेगा थोड़ा सा है ना तो वैसा ही कुछ यहां होता है एक कार्बन है दूसरा हैलोजन है हैलोजन ज्यादा इलेक्ट्रोनेगेटिव है तो इलेक्ट्रॉन को जो शेयर्ड इलेक्ट्रॉन है उनको कहीं ना कहीं अपनी तरफ खींच लेता है इलेक्ट्रॉन जैसे ही हैलोजन की तरफ जाता है इसका मतलब है हैलोजन में पार्शियल नेगेटिव चार्ज आ जाता है और कार्बन में पार्शियल पॉजिटिव चार्ज आ जाता है राइट अब जहां एक साइड ज्यादा पॉजिटिव एक साइड नेगेटिव तो वो बॉन्ड कैसा हो गया बॉन्ड पोलराइज्ड हो गया सो दैट इज द रीजन वी से कि कार्बन हैलोजन का जो बॉन्ड होता है दैट इज पोलराइज्ड इन नेचर अब बात करते हैं कि भाई ये जो हैलोजन हैलोजन हम बोल रहे हैं ये हैलोजन फ्लोरीन भी हो सकता है क्लोरीन भी हो सकता है ब्रोमीन भी हो सकता है आयोडीन भी हो सकता है राइट और हमें अगेन पीरियोडिक टेबल के कांसेप्ट से हमें क्या पता है जैसे-जैसे हम किसी भी ग्रुप में ऊपर से नीचे की तरफ जाते हैं तो क्या होता है साइज बढ़ता है तो जैसे-जैसे हम फ्लोरीन से क्लोरीन क्लोरीन से ब्रोमीन ब्रोमीन से आयोडीन तक जाते हैं तो साइज बढ़ेगा यानी कि फ्लोरीन का साइज सबसे छोटा और आयोडीन का साइज सबसे बड़ा राइट अब आप खुद इमेजिन करो कि अब मेरा जो कार्बन है वो जैसे-जैसे बड़े साइज के एटम के साथ बॉन्ड बनाएगा तो जो बॉन्ड का लेंथ है वो भी क्या होगा इंक्रीज होगा जाहिर सी बात है तो इसीलिए कार्बन फ्लोरीन का जो बॉन्ड लेंथ होता है और कार्बन आयोडीन का जो बॉन्ड लेंथ होता है जैसे-जैसे हम नीचे जाते हैं फ्लोरीन क्लोरीन ब्रोमीन आयोडीन में ये जो बॉन्ड लेंथ है ये इंक्रीज ीज होता जाता है इनफैक्ट अगर डाटा के साथ देखना है तो आप देख सकते हो इस टेबल में कि जो नंबर्स है जो बॉन्ड लेंथ डिनोट करती है वो जैसे-जैसे हम नीचे जा रहे हैं वो इंक्रीज हो रही है तो बच्चों अब हम देखेंगे कि हम हैलो एल्केन को प्रिपेयर कैसे कर सकते हैं कैसे बनाते हैं हम हैलो एल्केन ठीक है बहुत सारे प्रोसेसेस की बात करेंगे हम लेकिन सबसे पहले ये देखते हैं कि हैलो एल्केन को हम किस-किस चीज से बना सकते हैं हम एल्केन से बना सकते हैं एल्कीन से बना सकते हैं अल्कोहल से बना सकते हैं एल्काइन हैलाइड से बना सकते हैं राइट तो ये कुछ ऐसे मेथड्स हैं जो हम अभी डिस्कस करेंगे वन आफ्टर अनदर तो चलो देखें तो चलो बच्चों सबसे पहले देखते हैं कि एल्केन से कैसे बनाते हैं हम हैलो एल्केन तो इस प्रोसेस को हम कहते हैं हैलोजन देखो नाम से ही पता चल रहा है कि यहां पे होता क्या है तो बेसिकली हम एल्केन के साथ रिएक्ट करवाते हैं एक हैलोजन को ठीक है और वो हैलोजन क्या करता है एल्केन के साथ लगे हुए हाइड्रोजन को किक मार के भगाता है और उसकी जगह खुद ले लेता है एंड दैट्ची या फिर एल्काइन हैलाइड ओके अब यहां पर ना एक प्रॉब्लम होती है और वो प्रॉब्लम यह है कि यह जो हैलोजन का प्रोसेस है ना यह चलते ही रहता है मतलब हैलोजन जो है ये हाइड्रोजन को तब तक भगाते रहता है जब तक उस एल्केन में जितने हाइड्रोजन है वो सारे के सारे हैलोजन से रिप्लेस ना हो जाए नाउ दैट इज समथिंग वी डोंट वांट ठीक है जैसे मान लो कि कि मेरे पास लेट्स से मीथेन है मैंने मीथेन को हैलोजन से रिएक्ट कराया लेट्स से क्लोरीन से रिएक्ट कराया तो क्या हुआ क्लोरीन ने एक हाइड्रोजन को भगाया तो क्या बना दिया ch3cl ठीक है अब मुझे ch3cl ही चाहिए ठीक है लेकिन हो क्या रहा है और होते जा रहा है रिएक्शन मतलब स ने फिर से एक हाइड्रोजन को भगा दिया तो ch2 cl2 बन गया फिर से एक हाइड्रोजन को भगा दिया तो chcl3 बन गया फिर से एक को भगा दिया तो ccl4 बना गया लेकिन भाई मुझे इतने सारे सब्सीट्यूशन चाहिए ही नहीं मुझे तो ch3cl ही चाहिए था राइट तो इसीलिए ये जो फर्द सब्सीट्यूशंस हैं ये ना हो इनको अवॉइड करने के लिए क्या किया जाता है कि इस रिएक्शन के दौरान जो एल्केन हम लेते हैं वो एक्सेस में लेते हैं तो एल्केन खूब सारा होता है और हैलोजन उसके मुकाबले कम होता है इससे क्या होता है कि एक बार सब्सीट्यूट हो जाने के बाद मतलब मोनो सब्सीट्यूशन के बाद डाई ट्राइट टेट्रा वाला सिचुएशन नहीं आता है अब अगर हम हैलोजन रिएक्शन की बात करें तो ये रिएक्शन जो है कैटालिस्ट के प्रेजेंस में होता है या फिर सनलाइट में होता है अ अगर इस रिएक्शन को और बारीकी से देखें सो दिस इज अ फ्री रेडिकल रिएक्शन मतलब इस रिएक्शन का अगर आप मैकेनिज्म देखोगे कि भाई अंदर बारीकी से देखोगे कि क्या-क्या हो रहा है रिएक्शन के दौरान तो आप देखोगे कि यहां पर हम फ्री रेडिकल्स का फॉर्मेशन देखते हैं कैसे तो चलो इस रिएक्शन का मैकेनिज्म देखते हैं डिटेल में तो अब हम जैसा कि देख रहे हैं कि इस यह जो मैकेनिज्म है दिस इज अ फ्री रेडिकल हैलोजन मैकेनिज्म अब देखो इस मैकेनिज्म से अगर किसी भी रिएक्शन को होना है तो सबसे पहले हमें किस चीज की जरूरत है सबसे पहले हमें फ्री रेडिकल चाहिए फ्री रेडिकल कहां से आएगा यहां पर कौन सी चीज फ्री रेडिकल की तरह काम करेगा चलो देखें तो हमारा इस मैकेनिज्म का जो पहला स्टेप होगा जिसे हम अक्सर कहते हैं इनिशिएटिव पूरे रिएक्शन को इनिशिएटिव ठीक है तो इस इनीशिएशन वाले पार्ट में हम देखेंगे जो हमारा क्लोरीन है cl2 ठीक है cl2 जो है ये cl2 क्या करता है cl2 ये जो बना है कैसे बना है इस बॉन्ड में बेसिकली दो इलेक्ट्रॉन है एक इस क्लोरीन ने दिया है एक इस क्लोरीन ने दिया है लेकिन यही जब स्प्लिट कर जाते हैं जैसे वो नहीं होता है कि मान लो हम दो लोगों में दोस्ती हुई ठीक है राम और श्याम में दोस्ती हुई राम ने अपना एक हाथ बढ़ाया श्याम ने अपना एक हाथ बढ़ाया उनकी दोस्ती हुई अब जैसे ही कुछ ऐसे एडवर्स कंडीशंस आ गए कि भाई लड़ाई हो गई राम ने अपना हाथ वापस ले लिया श्याम ने भी अपना हाथ वापस ले लिया राइट तो वैसे कोई स्प्लिटिंग यहां पे हो रही है जब यह जो इलेक्ट्रॉन शेयर्ड थे ना ये दोनों अपने अपने इलेक्ट्रॉन लेकर के अलग हो गए तो ऐसे टाइम पर क्या बना क्लोरीन का फ्री रेडिकल बना राइट ये पॉजिटिवली चार्जड भी नहीं है ये नेगेटिवली चार्जड भी नहीं है इसीलिए यहां पर हम इलेक्ट्रोफिल न्यूक्लियोफिल की बात नहीं कर रहे यहां पर हम फ्री रेडिकल्स की बात कर रहे हैं ठीक है तो इस तरीके से हमारा इनीशिएशन हो रहा है ठीक है अब देखते हैं कि रिएक्शन में क्या होता है अब हैलोजन रिएक्शन के अंदर होता क्या है हम एक एल्केन लेते हैं एक हाइड्रोकार्बन लेते हैं और उसके साथ हम हैलोजन को रिएक्ट कराते हैं तो हैलोजन अभी यहां पर हमारा क्या है क्लोरीन है अब लेट्स से हम सेकंड स्टेप की बात करते हैं व्हिच इज प्रोपेगेशन अब यह टर्म्स आप याद रखो ना रखो ट इ नॉट इंपॉर्टेंट व्ट इ मोर इंपोर्टेंट आपको थोड़ा सा दिमाग में आईडिया लगे कि ये रिएक्शन हो कैसे रहा है इंटरनली ठीक है अब सेकंड स्टेप में क्या होगा कि भाई जो भी तुम्हारा हाइड्रोकार्बन है उसको पिक्चर में लेके आओ तो यहां पर एक सिंपल हाइड्रोकार्बन लेते हैं च इ मीथेन ठीक है तो मान लो हमने मीथेन लिया च इ ch4 ठीक है अब ये मीथेन के साथ जब ये क्लोरीन का फ्री रेडिकल आएगा तो यह क्या करता है इस मीथेन में से एक हाइड्रोजन को निकाल फेंकता है ठीक है ये खींच लेता है एक हाइड्रोजन को अपनी तरफ ठीक है उसकी वजह से यहां बनता क्या है तो यह जो हाइड्रोजन था यह हाइड्रोजन क्या किया यह अपना वाला इलेक्ट्रॉन लेकर निकल गया ठीक है तो क्लोरी ये कार्बन जो था इसके पास सिर्फ अपना वाला इलेक्ट्रॉन बचा ठीक है अच्छा ये अपना इलेक्ट्रॉन लेके निकल गया और फिर ये किसके साथ मिला [प्रशंसा] cl3 ने बोला मेरे पास भी एक इलेक्ट्रॉन है चलो बॉन्ड बना लेते हैं तो वो जो h और ये स था इन्होंने मिलकर के इधर बना लिया डिकल के अंदर जैसे-जैसे हम और क्लोरीन डालते चले जाते हैं तो क्या होते जाता है क्लोरीन का जो फ्री रेडिकल है वो इस फ्री रेडिकल के साथ जुड़ कर के क्या बना देता है क्लोरो मीथेन अब्सोल्युटली जब इसी के साथ हम जोड़ते चले जाएंगे और क्लोरीन ठीक है क्योंकि वो और क्लोरीन जो भी आप जोड़ो ग वो क्लोरीन भी ऐसे ही स्प्लिट होके क्लोरीन के फ्री रेडिकल्स बनाएंगे वो क्लोरीन का रेडिकल इस मिथाइल के रेडिकल के साथ मिला के हमें क्या दे देगा जो कि हमारा फाइनल प्रोडक्ट है दैट इज [प्रशंसा] ch3cl व्हिच इज मिथाइल क्लोराइड ठीक है इस तरीके से ये बनता है मोर और लेस अब मान लो जैसे हम स्टेप वाइज कर रहे हैं तो अब अगर हम थर्ड स्टेप की बात करें व्हिच इज नॉर्मली टर्मिनेशन मतलब भाई अब रिएक्शन इनिशिएटिव रिएक्शन हमेशा चलते तो नहीं रह सकता है तो टर्मिनेशन के दौरान होता कुछ यूं है जितने भी फ्री रेडिकल्स इस पूरे रिएक्शन के दौरान बन रहे होते हैं उनका कॉमिनेशन हो रहा होता है उनका र कॉमिनेशन हो रहा होता है ठीक है जैसे फॉर एग्जांपल जो क्लोरीन के रेडिकल्स बन रहे थे वह आपस में जुड़ कर के cl2 बना लेते हैं जो मिथाइल के रेडिकल्स बन रहे थे वो क्लोरीन के रेडिकल के साथ जुड़ कर के बना लेते हैं मिथाइल क्लोराइड इनफैक्ट कुछ मिथाइल क्लोराइड वाले जो रेडिकल्स है यह आपस में भी जुड़ कर के बना लेते हैं थेन अब आप बोलोगे कि ये तो कॉम्प्लिकेट हो रहा है अब ठीक है यह बनता है वो समझ में आता है क्योंकि यह हमारा मेन प्रोडक्ट होता है व्हिच इज मिथाइल क्लोराइड इस प्रोसेस के दौरान बट थेन वेल थेन जो है एक साइड प्रोडक्ट की तरह बनता है व्हिच इज इन द फॉर्म ऑफ इंप्योरिटी सो इसको हम इतना फोकस में लेके नहीं आते हैं ठीक है सो ओवरऑल कुछ इस तरीके से फ्री हैलोजन फ्री रेडिकल हैलोजन का मैकेनिज्म चलता रहता है ठीक है बट ओवरऑल इस पूरे प्रोसेस के दौरान जो मेरा नेट रिएक्शन होता है वो नेट रिएक्शन कैसा होता है तो अगर मैं नेट रिएक्शन की बात करूं तो नेट रिएक्शन कुछ ऐसा होता है मीथेन जो है इसके साथ जब हम cl2 ऐड करते हैं तो इसका क्लोरिनेशन हो रहा है राइट तो क्या होगा एक हाइड्रोजन को यहां से हटा करके उसकी जगह ले लेता है क्लोरीन और साथ में यहां निकल जाता है स्टेप में बताया राइट कि ये रेडिकल बना लेता है और जो दूसरा हाइड्रोजन निकला वो इधर हम हायर एल्केन के साथ हैलोजन करते हैं फॉर एग्जांपल हम बात करते हैं लेट्स से ब्यूटेन की ब्यूटेन में चार कार्बन होते हैं राइट तो ब्यूटेन के साथ जब हम क्लोरिनेशन या ब्रोमस करते हैं लेट्स सपोज अभी मैं क्लोरिनेशन की बात करती हूं तो मुझे एक मिक्सचर मिलता है जिसके अंदर वन क्लोरो ब्यूटेन भी होता है और टू क्लोरो ब्यूटेन भी होता है राइट तो मतलब इन दोनों चीजों का एक ऐसा मिक्सचर मिलता है जिन्हें सेपरेट करना भी पॉसिबल नहीं हो पाता है दे आर नॉट इजी टू बी सेपरेटेड ठीक है अगर आप देखो तो वन क्लोरो ब्यूटेन और टू क्लोरो ब्यूटेन ये क्या है दोनों का मॉलिक्यूलर फॉर्मूला सेम है लेकिन दोनों के स्ट्रक्चर्स अलग हैं सो बेसिकली दे आर आइसोमर्स ऑफ ईच अदर और ये जो है एक बहुत बड़ा चैलेंज होता है इस पूरे हैलोजन प्रोसेस के साथ कि हैलोजन ऑफ एल्केन से जो हमें हैलो एल्केन मिलते हैं हमें जनरली उनके आइसोमर्स का मिक्सचर मिलता है व्हिच आर नॉट वेरी इजी टू सेपरेट दूसरी दिक्कत इस प्रोसेस के साथ यह भी है कि चांसेस ऑफ पॉली लो जनेशन इज वेरी हाई जैसा कि मैंने पहले भी बताया था कि हालांकि हम कोशिश यही करते हैं कि भाई हम एल्केन को एक्सेस में ले ताकि पॉली हैलोजन को थोड़ा कम कर सके बट स्टिल वो रिस्क यहां पे रहता ही है और यह दो ऐसे यू कैन से कॉन्स है जिसकी वजह से एल्काइन हेलाइड्स के प्रिपरेशन के लिए हैलोजन का ये जो प्रोसेस है ऑफ एल्केन दैट इज नॉट वेरी मच प्रेफर्ड इन लेबोरेटरी तो बचा पाटी चलो अब देखते हैं कि हम एल्काइन लाइड्स कैसे बना सकते हैं फ्रॉम एल्किंस तो एल्किंस के हम दो डिफरेंट वेज को यहां पे डिस्कस करेंगे ठीक है पहला तरीका है एडिशन ऑफ हाइड्रोजन लाइड्स मतलब एल्कीन के साथ हम हाइड्रोजन हैलाइड ऐड कर देंगे यानी कि h एक यानी कि हाइड्रोजन क्लोराइड हाइड्रोजन ब्रोमाइड हाइड्रोजन आयोडाइड इनको ऐड कर देंगे हम एल्कीन के साथ दूसरा तरीका है एडिशन ऑफ हैलोजन डायरेक्टली हम इनके साथ क्लोरीन ब्रोमीन जैसे हैलोजन को डायरेक्टली ऐड कर देंगे ठीक है तो चलो दोनों मेथड्स को देखेंगे वन आफ्टर अनदर तो चलो सबसे पहले बात करते हैं रिएक्शन विद हाइड्रोजन हैलाइड अ यहां पे हम क्या करेंगे एक एल्कीन लेंगे तो चलो एक सबसे जो सिंपल एग्जांपल है उसी से शुरुआत करते हैं तो सबसे सिंपल जो एल्कीन है हमारे पास दैट इज थीन जिसके अंदर दो कार्बन है ठीक है c2h 4 ये हमारा सिंपलेस्ट एल्कीन है तो c2h 4 के साथ हम रिएक्ट करवा देंगे h एकस यानी कि हाइड्रोजन एलाइड ये हाइड्रोजन क्लोराइड हो सकता है हाइड्रोजन ब्रोमाइड हो सकता है हाइड्रोजन आयोडाइड भी हो सकता है ठीक है अब हम क्या देखते हैं कि यहां पे होता कुछ यूं है कि c डबल बॉन्ड c जो है वो डबल बॉन्ड खत्म हो जाता है और उस सी के साथ लग जाता है एक हैलोजन यानी कि x चाहे वो क्लोरीन हो या ब्रोमीन हो या आयोडीन हो तो इस तरीके से हमें एक एल्काइन हैलाइड मिल जाता है अब इस रिएक्शन को देख के आपको लग रहा होगा कि यार ये तो बड़ा सिंपल है बहुत ही सिंपल रिएक्शन है कोई कॉम्प्लिकेशन नहीं है बट सिचुएशन जो है ना इतना सिंपल नहीं रहता है जब हम एक हाईयर एल्कीन को लेते हैं ठीक है तो चलो कॉम्प्लेक्शन को भी तो समझना जरूरी है सो लेट्स लुक एट द एग्जांपल ऑफ द सेम रिएक्शन विद प्रोपीन यानी कि तीन कार्बन वाला एल्कीन तो बच्चों अब हम देखेंगे प्रोपीन का रिएक्शन ठीक है तो डिस्कशन हमारा वही चल रहा है एडिशन ऑफ हाइड्रोजन लाइड्स तो यहां पर जो एग्जांपल हम लेंगे उसमें हम लेते हैं हाइड्रोजन आयोडाइड ठीक है हाइड्रोजन एक कोई भी हाइड्रोजन हैलाइड लेना था मान लो हमने हाइड्रोजन आयोडाइड लिया और यहां पर हम देखेंगे किसका रिएक्शन प्रोपीन का रिएक्शन ठीक है तो रिएक्शन कुछ ऐसा होता है ये प्रोपीन है तीन कार्बन वाला विथ डबल बॉन्ड इसके साथ जब हम रिएक्ट कराते हैं हाइड्रोजन आयोडाइड को तो हमें कोई एक प्रोडक्ट नहीं मिलता है हमें मिक्सचर ऑफ टू थिंग्स मिलता है मतलब हमें बेसिकली दो चीजें मिलती हैं क्या-क्या मिलता है एक तो हमें मिलता है ch3 ch2 ch2 आ और दूसरा हमें मिलता है ch3 सी आ ch3 तो हमें ये दो चीजें मिलती है प्रोपीन के रिएक्शन के दौरान इसीलिए मैंने बोला था कि थीन वाला रिएक्शन वो सिंपलर बट प्रोपीन के केस में ना आयोडाइड ग्रुप जो है यह चाहे तो यह लास्ट वाले कार्बन पे भी जुड़ सकता है चाहे तो बीच वाले कार्बन पे भी जुड़ सकता है राइट बट यहां पर एक बहुत इंपॉर्टेंट कांसेप्ट है कांसेप्ट ये है कि ये जो दोनों चीजें मिलती है ऐसे तो दोनों चीजें मिलती है बट इसमें से एक मेजर प्रोडक्ट होता है दूसरा माइनर प्रोडक्ट होता है सवाल ये उठता है कि कौन बताएगा हमें कि कौन सा मेजर प्रोडक्ट है और कौन सा माइनर प्रोडक्ट है तो इसका जवाब है मार्कोनिक ऑफ रूल मार्कोनिक ऑफ रूल हमने क्लास 11थ की केमिस्ट्री में भी पढ़ा था घबराओ नहीं यहां पर भी समझाऊ ठीक है तो ये इसका जवाब देता है मार्कोनिक ऑफ रूल ठीक है तो कितने बच्चों को याद है व्हाट इज मार्कोनिक ऑफ रूल अगर याद है तो मतलब आई एम टोटली इंप्रेस्ड ठीक है याद नहीं है तब भी कोई बात नहीं देखो मार्कोनिक ऑफ रूल ये स्टेट करता था दैट नेगेटिव पार्ट ऑफ द एडेंडम एडेंडम मतलब एडिंग मॉलिक्यूल ठीक है गेट्स अटैच टू दैट कार्बन एटम व्हिच पोसेस लेसर नंबर ऑफ हाइड्रोजन एटम्स मतलब मार्कोनिक फ रूल ये बोलता था कि जो भी एडिंग मॉलिक्यूल है जैसे मान लो यहां पर h है h कैसे टूटता है h+ i माइनस ठीक है तो इसका जो नेगेटिव पार्ट है यानी कि आ माइनस ये आ जाके ऐसे कार्बन के साथ जुड़ना प्रेफर करेगा जिसके साथ कम नंबर ऑफ हाइड्रोजन एटम्स है ठीक है तो मतलब यहां पे देखो अगर पहला केस देखो तो यहां पर आयोडीन जो है ये इस कार्बन के साथ जुड़ा है इस कार्बन के साथ कितने हाइड्रोजन है दो हाइड्रोजन यह दूसरे वाले प्रोडक्ट में आयोडीन जिस कार्बन के साथ जुड़ा है उस कार्बन के साथ कितने हाइड्रोजन है एक हाइड्रोजन है तो मार्कोनिक रूल के हिसाब से कौन सा वाला प्रेफर्ड होगा ये एक कार्बन एक हाइड्रोजन वाला ही प्रेफर्ड होगा तो यानी कि मार्कोनिक रूल के हिसाब से यह हमारा मेजर प्रोडक्ट होगा और यह हमारा माइनर प्रोडक्ट होगा ठीक है बात समझ में आई तो यही इसी कॉम्प्लिकेशन की मैं बात कर रही थी अब यह तो समझ में आ गया कि भाई कौन सा मेजर प्रोडक्ट है और कौन सा माइनर प्रोडक्ट है लेकिन इसके पीछे का जो क्यों है वोह शायद अभी भी समझ में ना आया हो कि ऐसा क्यों हुआ ऐसा क्यों हुआ कि यह जो मार्कोनिक ने बोला कि भाई जिसके साथ लेसर नंबर ऑफ हाइड्रोजन एटम है वही वाला मेजर प्रोडक्ट होगा बट ऐसा क्यों तो चलो उस क्यों का भी आंसर देते हैं बाय अंडरस्टैंडिंग द मैकेनिज्म ऑफ दिस रिएक्शन तो बच्चों इस कहानी की शुरुआत हुई थी एचआई से ठीक है तो इस h से हमें मिलता है h+ हमें मिल सकता है i- अब ये जो h प्स है ये किसकी तरह बिहेव करता है यह बिहेव करता है एज एन इलेक्ट्रोफिल हमें ऑलरेडी पता है इलेक्ट्रोफिल क्या होता है इलेक्ट्रॉन लविंग जिसे इलेक्ट्रॉन पसंद है इलेक्ट्रॉन किसे पसंद होंगे क्योंकि इलेक्ट्रॉन नेगेटिवली चार्ज होते हैं ओबवियसली जो पॉजिटिव चार्ज होगा खुद उसे ही इलेक्ट्रॉन पसंद होंगे तो देखो h+ यहां पर इलेक्ट्रोफिल की तरह काम करता है ठीक है अब इसके बाद ये यह इलेक्ट्रोफिल जो है यह अटैक कर देगा इस प्रोपीन को तो यह इलेक्ट्रोफिल इसे अटैक कर देगा कहां पर अटैक करेगा देखो डबल बॉन्ड जहां पर है वहां पर क्या है पाई इलेक्ट्रॉन है राइट राइट तो जहां पर इलेक्ट्रॉन की डेंसिटी ज्यादा है ये इलेक्ट्रोफिल वहीं पे अ अटैक करेगा राइट क्योंकि उसे तो इलेक्ट्रॉन जहां ज्यादा है वहीं पर ज्यादा मजा आएगा तो इसलिए ये वहीं पर अटैक करेगा तो अटैक करने के बाद क्या होगा अब देखो दो पॉसिबिलिटीज हो सकती हैं ठीक है जब कभी भी एक इलेक्ट्रोफिल अटैक करता है इसको आप ऐसे याद रखो इस कांसेप्ट को कि ये h+ एक इलेक्ट्रोफिल है ये जब भी अटैक करेगा तो क्या होगा ये जो पाई बॉन्ड है ना मतलब जो डबल बॉन्ड है वो सिंगल बॉन्ड बन जाएगा ठीक है मतलब ये जो ch3ch जो डबल बॉन्ड था वो सिंगल बॉन्ड बन जाएगा ठीक है और ये जो h+ है ना क्या होगा एक कार्बन के साथ h चला जाएगा दूसरे कार्बन के साथ प्लस आ जाएगा ठीक है तो इसको ऐसे एक मेमोरी टिप की तरह याद कर लो इजी रहेगा जब कभी भी किसी भी रिएक्शन मैकेनिज्म में चले जाओ जहां पर भी इलेक्ट्रोफिलिक अटैक होता है जहां पर भी इलेक्ट्रोफिल अटैक करता है इलेक्ट्रोफिल हमेशा कहां अटैक करेगा जहां पर इलेक्ट्रॉन की डेंसिटी ज्यादा है इलेक्ट्रॉन की डेंसिटी ज्यादा कहां पे होगी जहां पर भी हमारे पाई इलेक्ट्रॉन घूम फिर रहे हैं वहां पर इलेक्ट्रॉन ज्यादा है यानी कि जहां पर भी आपको डबल बॉन्ड दिखे वहां पर वो अटैक करना चाहेगा तो डबल बॉन्ड गायब हो जाएगा जिन दोनों कार्बन के बीच में डबल बॉन्ड था एक के पास h चला जाएगा दूसरे के पास प्लस चला जाएगा ठीक है तो यहां पर एक पॉसिबिलिटी हो सकती है कि भाई इस वाले कार्बन के पास प्लस चला जाए और इस वाले कार्बन के पास एक और h आ जाए दिस इज वन पॉसिबिलिटी दूसरा पॉसिबिलिटी हो सकता है कि यार नहीं हो सकता है उल्टा हुआ हो यानी कि ऐसा भी तो हो सकता है कि इस वाले कार्बन के पास प्लस आ गया था और इस वाले कार्बन के पास इस वाले कार्बन के पास पहले दो हाइड्रोजन थे अब एक हाइड्रोजन और आ गया मतलब देखो ये दोनों पॉसिबिलिटीज हो सकती है राइट अब देखो ये क्या बना है कार्बन के ऊपर पॉजिटिव चार्ज है क्या बन गया है बन गया है कार्बो कटाय राइट कार्बो कटाय कार्बो एनायत हमने 11थ में पढ़ी थी अब पढ़ी थी तो बोलूंगी ही पढ़ी थी राइट अब सब कुछ तो दोबारा पढ़ा नहीं सकती 11थ की पूरी ऑर्गेनिक है ना बट ये चीजें हमने पढ़ी थी तो यह भी एक कार्बो कटाय है यह भी एक कार्बो कटाय है बट कौन सा वाला कितने डिग्री का कार्बो कटाय है अगर देखा जाए तो यह जो कार्बो कटाय है ना यह जो स प्स है यह दो कार्बन से जुड़ा हुआ है तो इसे हम कह सकते हैं यह है 2 डिग्री कार्बो कटाय ठीक उसी तरह यहां पर देखो यह जो कार्बन है यह एक ही कार्बन से जुड़ा हुआ है डायरेक्टली तो एक ही से अटैच है तो यह कौन सा डिग्री वाला है यह है 1 डिग्री कार्बो कटाय अब बच्चों मैं आपको लेके जाऊंगी कार्बो कटाय के कांसेप्ट प थोड़ी देर के लिए हमने सीखा था कि कार्बो कटाय के केस में 3 डिग्री सबसे ज्यादा स्टेबल होता है फिर 2 डिग्री फिर 1 डिग्री तो यानी कि इन दोनों में से ज्यादा स्टेबल कौन होगा यह ज्यादा स्टेबल है क्योंकि ये 2 डिग्री है अब भाई जो ज्यादा स्टेबल होगा वो जल्दी-जल्दी बनेगा राइट मतलब जैसे ये यह मेरा था प्रोपीन अब इसके पास पॉसिबिलिटी है कि यह 2 डिग्री भी बना सकता है ये 1 डिग्री भी बना सकता है लेकिन 2° बनाएगा तो वो ज्यादा स्टेबल है तो ये क्या बनाएगा जल्दी-जल्दी ये ज्यादा जल्दी-जल्दी 2 डिग्री बनाएगा तो यानी कि ये 2 डिग्री कार्बो कटाय बलते चले जाएंगे अब ये बनते चले जाएंगे तो यहां पर ये जो i माइनस था मेरा वो वेला थोड़ी ना बैठेगा इधर यह प्लस है इधर यह माइनस है यह क्या होगा यह जो है i माइ के साथ जुड़ कर के क्या बना देगा ये बना देगा ch3ch आ ch3 और यह क्या है यह हमारा यही मेजर प्रोडक्ट है देखो सेम चीज है एंड दैट्ची जन ये जो है हमारा मेजर प्रोडक्ट होता है इनफैक्ट ये जो एक्सप्लेनेशन थी ये जो रिएक्शन मैकेनिज्म थी ये एक्सप्लेन करता है मार्कोनिक फ्स रूल को कि मार्कोनिक ने ऐसा रूल क्यों बनाया मार्कोनिक ने तो हमारी लाइफ सिंपल करने के लिए एक स्टेटमेंट में बता दिया कि भाई जहां भी ऐसा कार्बन दिखे जिसके साथ कम हाइड्रोजन है तुम्हारा वो नेगेटिव पार्ट जो है जो आ माइनस है वो उसी के साथ जाके जुड़ जाएगा ठीक है तो हमारे लिए चीजें सिंपल हो गई वरना हमें हमेशा ये पूरा इलेक्ट्रोफिलिक अटैक करके देखना पड़ता है कि नहीं तो मार्कोनी कॉफ ने इसी बेसिस पर मार्कोनिक फ्स रूल दिया था तो चलो बच्चों अब देखते हैं दूसरा मेथड यानी कि एडिशन ऑफ हैलोजन एल्कीन के साथ अगर मैं डायरेक्टली हैलोजन को ही ऐड कर दूं जैसे मान लो मेरे पास थीन है थीन के साथ सीधा का सीधा ब्रोमीन br2 एज इट इज ऐड कर दिया इन प्रेजेंस ऑफ कार्बन टेट्राक्लोराइड दैट इज ccl4 तो क्या मिलता है हमें हमें मिलता है एल्काइन हैलाइड तो मिलता ही है हमें स्पेसिफिकली मिलता है विसिनल डाई हैलाइड मतलब देखो थीन का डबल बॉन्ड गायब हो चुका है और दोनों कार्बन में एक-एक ब्रोमीन लग गए हैं राइट तो यानी कि यहां यहां पर ब्रोमीन दो है सो दिस इज एन एग्जांपल ऑफ डाई हैलाइड तो यहां पर मुझे डाई हैलाइड मिल रहा है इनफैक्ट डाई ब्रोमाइड मिल रहा है टू बी मोर स्पेसिफिक किस तरह का डाई ब्रोमाइड मिल रहा है दोनों ब्रोमीन क्या सेम कार्बन पे लगे हैं नहीं दो पड़ोसी कार्बन पे लगे हैं यानी कि ये विसिनल डाई हैलाइड है है ना तो यहां पर मुझे क्या मिल गया मुझे विसिनल डाई ब्रोमाइड यहां पे मिल गया तो ये हमारा दूसरा तरीका हो गया अब आप सबसे एक सवाल है फटाफट से अपने दिमाग पे जोर डालो और सोचो कि ये वाला रिएक्शन तुमने पहले कहीं देखा था क्या देखा था तभी तो पूछ रही हूं सोचो कहां देखा था दैट इज व्हाट यू हैव टू थिंक सोचो सोचो सोचो सोचो याद आया कुछ नहीं आया कोई बात नहीं अगर याद आ गया बहुत अच्छी बात है तो याद है हम एक टेस्ट किया करते थे कि भाई अगर मेरे पास कोई भी मॉलिक्यूल दिया हुआ हो और मुझे बताना हो कि बताओ इस मॉलिक्यूल में डबल बॉन्ड है या नहीं है ये अनसैचुरेटेड कंपाउंड है कि नहीं है तो डबल बॉन्ड है या नहीं ये डिटेक्ट करने के लिए हम एक टेस्ट किया करते थे और वो टेस्ट यही रिएक्शन हुआ करता था तो जो भी गिवन कंपाउंड है उसके साथ अगर तुम ब्रोमीन को रिएक्ट करवाओ ग इन ccl4 तो तुम क्या देखोगे कि ब्रोमीन का जो रेडिश ब्राउन जो कलर होता है ना वो डीकलराइज हो जाता है अगर डीकलराइज हो गया इसका मतलब जो गिवन मॉलिक्यूल है उसमें डबल बॉन्ड है वो एल्कीन है क्योंकि ब्रोमीन एल्कीन के साथ जब रिएक्ट करता है इन प्रेजेंस ऑफ ccl4 तो ब्रोमीन ब्रोमीन रहता कहां है ब्रोमीन तो उस एल्कीन में लग के डाई ब्रोमाइड बनाने को चल जाता है इसीलिए ब्रोमीन का जो कलर रहता है वह कलर डीकलराइज हो जाता है तो बच्चों अब हम देखेंगे कि हम किस तरह से हैलो एल्किंस बनाते हैं फ्रॉम अल्कोहल यस अल्कोहल से भी हम इन्हें बना सकते हैं और कई सारे तरीके हैं एक्चुअली तो ओवरऑल हर तरीके में आप एक चीज कॉमन देखोगे कि अल्कोहल का जो ओ ग्रुप होता है वो ओ ग्रुप रिप्लेस हो जाता है विथ द हैलोजन ग्रुप मतलब ओ हट के वहां पे एक्स लग जाएगा एक्स बोले तो क्लोरीन या ब्रोमीन या आयोडीन जो भी है वो हैलोजन वाला ग्रुप लग जाएगा एंड दैट्ची अइल ग्रुप ये मिथाइल अल्कोहल हो सकता है इथाइल अल्कोहल हो सकता है प्रोपाल अल्कोहल हो सकता है कोई सा भी अल्कोहल हो सकता है तो इस अल्कोहल के साथ जब हम hclo2 तो क्या होता है ट के वहां लग जाता है पार्ट तो लग गया अल्कोहल में राइट और उसको बना दिया हैलो एल्केन बट h तो रह गया और उधर से रह गया था तो h और लके बना देता है h2o सिंपल राइट एक और एग्जांपल देखते हैं मान लो हमारे पास एक अल्कोहल है [संगीत] दैट्ची गया था इधर से h बच गया था तो एक तो h2o निकलेगा और साथ में nahso4 भी निकलेगा क्योंकि यहां पर हमने h2so 4 को भी तो ले रखा था है कि नहीं तो इस तरीके से रिएक्शन विद हैलोजन एसिड से हम अल्कोहल से हैलो एल्किंस बना सकते हैं दूसरा मेथड होता है रिएक्शन विद फास्फोरस हेलाइड्स फास्फोरस ट्राई हैलाइड फास्फोरस पेंटा हेलाइड्स दोनों के साथ हम रिएक्शंस देखेंगे सबसे पहले बात करेंगे फास्फोरस ट्राई हैलाइड की यानी कि px3 अब यहां पर यह जो x है यह क्लोराइड हो सकता है या ब्रोमाइड हो सकता है ठीक है एक एग्जांपल लेते हैं r मान लो हमारा एक अल्कोहल है इसके साथ हम रिएक्ट कराते हैं px3 को दैट इज़ फास्फोरस ट्राई हैलाइड क्या बनेगा रिप्लेस होके उसकी जगह ले लेगा x तो rxx100 ठीक है लेकिन मेरे पास फास्फोरस तो बचा हुआ है उधर से ता हुआ है तो एज अ रिजल्ट मुझे मिलेगा h3 po3 इसके साथ में ठीक है तो एंड दैट कंप्लीट द रिएक्शन ठीक तो ये तो फास्फोरस ट्राई हैलाइड की कहानी थी लेकिन फास्फोरस पेंटा हैलाइड की जब हम बात करते हैं तो वहां पे थोड़ा अलग होता है तो यहां पे चलो एग्जांपल लेते हैं pcl5 का अब आप पूछोगे कि pcl5 ही क्यों pbr5 या p5 क्यों नहीं क्योंकि p br5 या pi5 ये स्टेबल नहीं होते हैं इसीलिए ये जो पेंटा क्लोराइड वाला रिएक्शन है ये हमें जनरली एल्काइन क्लोराइड्स बनाने में ही मदद करता है ठीक है ओके यहां पे होता कुछ यूं है कि जब हम r यानी कि कोई अल्कोहल को pcl5 के साथ रिएक्ट कराते हैं तो ये जो pcl5 है ना ये अपने आप को pcl3 + cl2 में इंटरनली समझ लो तोड़ लेता है ठीक है अब इसका जो cl2 वाला पार्ट है ये r के साथ रिएक्ट करके बना देता है rc5 का 2cl तो यूज़ हो गया बचा क्या pcl3 राइट अब r में से भी देखो क्या बचा हुआ है o बचा हुआ है ऑक्सीजन अभी तक कुछ नहीं बनाया है तो इसीलिए एक साथ में क्या बन जाएगा pocl3 फास्फोरस का ऑक्सी क्लोराइड बन जाएगा pocl3 तो बच्चों यहां पर एक बहुत इंपॉर्टेंट ध्यान देने वाली बात यह है कि जब कभी भी ये कई बार आपके एग्जाम्स में भी पूछे जाते हैं इस तरह के रिएक्शन रिलेटेड क्वेश्चंस कि भाई pcl5 के साथ जब भी रिएक्ट कराते हैं तो साइड के प्रोडक्ट्स क्या निकलते हैं हर जगह एल्काइन हैलाइड तो बनता ही है साथ में क्या बनता है तो pcl5 के साथ हमेशा pocl3 बनता है साइड में लेकिन pcl3 के साथ साइड में क्या बनता है h3 po3 ऐसा क्यों हुआ वो मैंने समझा दिया ताकि यह आपका एक मेमोरी टिप की तरह रहे pcl5 में क्या होता है वह pac3200 उधर hclo3 बच जाता है और उधर से एक ऑक्सीजन बच जाता है बार आप गेस वर्क भी अच्छा कर पाओगे कि यहां पे अगर यह रिएक्टेंट्स है तो इसके प्रोडक्ट्स क्या बन सकते हैं सो यू विल बी इट विल बिकम इजियर फॉर यू टू गेस अब हम देखेंगे तीसरा प्रोसेस जिसे हम डार्जन प्रोसेस भी कहते हैं इस प्रोसेस के दौरान हम रिएक्शन करवाते हैं विद थायो निल क्लोराइड दैट इज socl2 अब आप बोलोगे कि मैम ये तो गलत बात है अभी आपने pcl5 के केस में भी सिर्फ pcl5 को लिया pbr5 pi5 को नहीं लिया बोला वो स्टेबल नहीं होते अब यहां पर भी आप सिर्फ soc2 की बात कर रहे हो sr2 क्यों नहीं so2 क्यों नहीं वेल दैट इज बिकॉज़ so2 भी जो है वो स्टेबल नहीं होता है और so2 जो है वो एजिस्ट ही नहीं करता है सो वी आर लेफ्ट विद socl2 व्हिच इज थायो निल क्लोराइड ठीक है नाउ बच्चों इस रिएक्शन पे बहुत ध्यान देना क्योंकि ये बहुत इंपॉर्टेंट रिएक्शन है इंपॉर्टेंट क्यों बताऊंगी अभी तो हम देखते हैं कि कोई भी अल्कोहल लेट्स से rh2 के साथ रिएक्ट करता है तो वो बनाता है क्या rclbeauty101 आ जाएगा तो rc-slider विद फास्फोरस लाइड्स और रिएक्शन विद थायो निल क्लोराइड इन तीनों में से सबसे ज्यादा प्रेफर्ड होता है थायो निल क्लोराइड पता है क्यों क्योंकि जब थायो निल क्लोराइड यानी कि so2 के साथ हम रिएक्ट कराते हैं उस समय एल्काइन हैलाइड के साथ जो साइड प्रोडक्ट्स बनते हैं वो दोनों ही स्केप बल गैसेस होते हैं so2 भी एक गैस है है तो यह एक बहुत बड़ा एडवांटेज होता है जिसकी वजह से थायल क्लोराइड वाला जो रिएक्शन है दिस इज ऑलवेज प्रेफर्ड फॉर प्रिपरेशन ऑफ एल्काइन हैलाइड फ्रॉम अल्कोहल तो बच्चों अभी-अभी हमने देखा कि हमने बनाया एल्काइन हैलाइड फ्रॉम अल्कोहल अब एक सवाल बहुतों के दिमाग में आ रहा होगा कि क्या हम ठीक इसी मेथड से अराइल हेलाइड्स भी बना सकते हैं अराइल हेलाइड्स अराइल लाइड्स बनाने के लिए हमें क्या चाहिए होगा एरोमेटिक रिंग में ओ लगा हुआ हो उस स्ट्रक्चर को क्या कहेंगे फेनॉल एब्सलूट तो क्या ठीक इसी मेथड से हम फेनॉल से अराइल हेलाइड्स बना सकते हैं तो आंसर होगा नो हम नहीं बना सकते हैं यानी कि यह जो अल्कोहल के अभी हमें अभी-अभी हमने तीन मेथड्स डिस्कस किए प्रिपरेशन के ये सिर्फ और सिर्फ हैलो एल्कीन बनाने के काम आते हैं हैलो एल्केन बनाने के काम आते हैं ना कि हेलो एरिन ऐसा क्यों ऐसा इसलिए क्योंकि जैसे ही हम फेनॉल के स्ट्रक्चर को देखते हैं तो बच्चों अगर स्ट्रक्चर पे ध्यान दोगे ना तो फेनॉल में कैसा होता है अल्टरनेटली सिंगल एंड डबल बॉन्ड होता है राइट बेंजीन रिंग में राइट अगर बॉन्ड के स्ट्रेंथ की भी बात करो तो ये जो बॉन्ड होते हैं ना इनका बॉन्ड लेंथ सिंगल बॉन्ड और डबल बॉन्ड के बीच में होता है मतलब इनमें पार्शियल डबल बॉन्ड वाला कैरेक्टर होता है ठीक है अब ऐसा क्यों होता है क्योंकि जो पाई इलेक्ट्रॉन होते हैं वो एक जगह शांत ही नहीं बैठते हैं वो डी लोकलाइज्ड होते हैं इधर से उधर कूदते रहते हैं यार राइट तो सारा जो घपला होता है ना बेंजीन रिंग के अंदर वो किसकी वजह से होता है डी लोकलाइज्ड पाई इलेक्ट्रॉन की वजह से है ना तो अब इस कारण से जो बेंजीन रिंग के साथ ओ लगा हुआ है तो वो कार्बन और ऑक्सीजन का जो बॉन्ड है ना उस बॉन्ड का भी जो स्ट्रेंथ है ना वो एक नॉर्मल सिंगल बॉन्ड से ज्यादा है मतलब वो स वाला जो बॉन्ड है उस बॉन्ड में भी पार्शियल डबल बॉन्ड कैरेक्टर है जिसकी वजह से उसे तोड़ना इतना आसान नहीं है करेक्ट एंड दैट इज द रीजन ये जितने भी मेथड्स हमने हैलो एल्केन बनाएं फ्रॉम अल्कोहल इन मेथड से हम हैलो एरिन नहीं बना सकते हैं फ्रॉम फिनोल तो चलो बच्चों अब हम ये देखेंगे कि कैसे हम एल्काइन लाइड्स बना सकते हैं फ्रॉम एल्काइन लाइड्स यस दैट्ची होगी कि अभी तक हमने जितने भी प्रिपरेशन के मेथड्स देखे सब जगह हम देख रहे थे एल्काइन क्लोराइड एल्काइन ब्रोमाइड बनाना काफी आसान था बट आयोडाइड्स फ्लोराइड कम जगह पे बन रहे थे राइट तो यहां पर अभी सबसे पहले हम डिस्कस करेंगे एक ऐसा रिएक्शन जिसमें हम एल्काइन आयोडाइड बनाएंगे फ्रॉम एल्काइन क्लोराइड या एल्काइन ब्रोमाइड ठीक है तो इसमें हम क्या करते हैं एल्काइन क्लोराइड या एल्काइन ब्रोमाइड जो मर्जी है वो ले लो उसके साथ रिएक्ट कराओ सोडियम आयोडाइड को क्योंकि कोई तो ऐसा चाहिए जो आयोडीन देगा तभी तो आयोडाइड बनेगा राइट तो सोडियम आयोडाइड के साथ रिएक्ट करेंगे इन प्रेजेंस ऑफ ड्राई एसिड मुझे क्या मिलेगा एल्काइन आयोडाइड और उसके साथ क्या मिलेगा सोडियम के साथ जुड़ जाएगा क्लोराइड या ब्रोमाइड राइट तो मुझे साथ में सोडियम क्लोराइड या सोडियम ब्रोमाइड मिलेगा ठीक है इस रिएक्शन का एक खास नाम दिया गया है एंड दैट इज फिंकल स्टिन रिएक्शन नाउ लेट मी आल्सो टेल यू ये जो रिएक्शंस है दे आर गोइंग टू बी वेरी इंपॉर्टेंट फ्रॉम योर एग्जाम पर्सपेक्टिव एग्जाम में भी इनके आसपास इर्दगिर्द क्वेश्चंस फॉर्म किए जाते हैं स्पेशली ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चंस में भी आपको इससे क्वेश्चंस आ सकते हैं ठीक है ओके ओके अब सोचने वाली बात यह है कि ड्राई एसीटोन को हमने यूज क्यों किया क्योंकि एस सच रिएक्टेंट्स और प्रोडक्ट्स को देखते हुए हमें ड्राई एसीटोन से डायरेक्टली कुछ बनता हुआ तो नहीं दिख रहा है बट ड्राई एसीटोन का एक बहुत इंपॉर्टेंट रोल था यहां पे पता है क्या अब देखो इस रिएक्शन में हम चाहते क्या है हम चाहते हैं कि यार यह रिएक्शन जो है यह फॉरवर्ड डायरेक्शन में चलता रहे ताकि आयोडाइड बनता रहे ठीक है जस्ट टू इंश्योर कि यह रिएक्शन फॉरवर्ड डायरेक्शन में ही चलता रहे हमने क्या किया यह ड्राई एसीटोन का यूज़ किया ताकि यह जो सोडियम क्लोराइड या सोडियम ब्रोमाइड बन रहा है उसको प्रेसिपिटेटर सके मतलब उसको जो है ना वो खत्म कर सके एक तरीके से तो अब प्रोडक्ट साइड से अगर बच्चों को ये लग रहा है कि ले टेलियस प्रिंसिपल क्या होता है मैम पूरा समझा दो यार अभी मैं ले टेलियस प्रिंसिपल में तो नहीं घुसूक किया था केमिकल इक्विलियम वाले लेसन में तो अगर नहीं देखा था तो जाके देख लेना फुर्सत में बट अभी के लिए ये कांसेप्ट समझो कि कोई भी रिएक्शन को अगर फॉरवर्ड डायरेक्शन में ही चलाते जाना है तो क्या करो प्रोडक्ट साइड से किसी चीज को खत्म करते चले जाओ कम करते चले जाओ तो क्या होगा वो रिएक्शन और बनता जाएगा और बनता जाएगा फॉरवर्ड डायरेक्शन में चलता जाएगा तो यहां पर ड्राई एसीटोन का एगजैक्टली यही काम है अब अभी-अभी मैंने बोला कि ये सारे रिएक्शंस काफी इंपॉर्टेंट है अब यहां पे इस रिएक्शन को आपने देखा होगा एक रिएक्शन का भारी भर का नाम है फिंकल स्टिन रिएक्शन इस रिएक्शन में एक स्पेसिफिक सी चीज बनती है व्हिच इज एल्काइन आयोडाइड बनता भी एक स्पेसिफिक चीज से है व्हिच इज़ एल्काइन क्लोराइड या एल्काइन ब्रोमाइड और इसमें हमें स्पेसिफिक चीजें ऐड करनी पड़ती है जैसे कि सोडियम आयोडाइड इन प्रेजेंस ऑफ ड्राई एसीटोन ठीक है अब ये सारी बातें अगर एक मेमोरी टिप के अंदर हम डाल दें तो याद रखना आसान होगा बिल्कुल आसान होगा ठीक है तो चलो एक ऐसे ही बनाया हुआ एक मेमोरी टिप शेयर करती हूं अगर आपका मन चाहे तो आप कुछ और मेमोरी टिप अपने एंड से सोच सकते हो हो सकता है आप और बढ़िया मेमोरी टिप ढूंढो और उसे कमेंट्स में शेयर भी कर सकते हो ताकि बाकी बच्चे भी उस मेमोरी टिप का फायदा उठा सके ठीक है तो फिलहाल मेरा मेमोरी टिप तो कुछ यूं है क्लियर ब्रो नहीं एसिड फेको ठीक है फिर से सुनो क्लियर ब्रो मतलब बात सम समझ आई क्लियर ब्रो नहीं एसिड फेको कैसे याद रखेंगे इसे क्लियर ब्रो यह हमें बता रहा है कि यहां पे हम किसको रिएक्ट कराएंगे क्लोराइड या ब्रोमाइड क्लोर क्लियर ब्रो मतलब या तो क्लोराइड ले लो या ब्रोमाइड ले लो ई मतलब ए आ सोडियम आयोडाइड इज नहीं दैट इज ए आ ए से रिएक्ट कराएंगे एसिड मतलब इन प्रेजेंस ऑफ ड्राई एसीटोन एसिड से एसीटोन याद आ जाएगा तो थोड़ा बहुत फेको से क्या याद आएगा इस रिएक्शन का नाम दैट इज फिंकल स्टिन फेको से थोड़ा बहुत याद आएगा ना फिंकल स्टिन फेको मतलब आप फिंकल स्टीन जैसे हजार नाम तो है नहीं आपके पास राइट अभी देखना आगे जाके ना मैं कुछ और रिएक्शंस के नाम बताऊंगी जिससे आप कंफ्यूज हो सकते हो है ना तो फे को याद रहेगा तो याद करोगे कि भाई फ से कौन से रिएक्शन है फिंकल स्टन हां ठीक है राइट सो दिस इज वन मेमोरी टिप जिससे आप इस रिएक्शन को याद रख सकते हो क्लियर ब्रो नहीं एसिड फेको तो चलो बच्चों तो अब देखते हैं एक और रिएक्शन जहां पर हम फिर से एल्काइन हैलाइड बनाएंगे फ्रॉम एल्काइन लाइड्स तो यहां पर हम बनाएंगे एल्काइन फ्लोराइड किससे बनाएंगे एल्काइन क्लोराइड या एल्काइन ब्रोमाइड ठीक है तो इस रिएक्शन का भी एक खास नाम है जो कि है स्वर्ट्स रिएक्शन ठीक है इसीलिए मैंने बोला था कि कई नाम आते हैं तो बच्चों के दिमाग में कंफ्यूजन रहता है कि कौन सा वाला आयोडाइड बनाने के लिए है और कौन सा वाला फ्लोराइड बनाने के लिए है ठीक है तो स्वर्ट्स रिएक्शन में क्या होता है आप अपनी मर्जी से अकाइट क्लोराइड या एल्काइन ब्रोमाइड ले लो उसको रिएक्ट कराओ किसी मेटलिक फ्लोराइड के साथ जैसे कि सिल्वर का फ्लोराइड जैसे कि कोबाल्ट का फ्लोराइड जैसे कि मरक्यूरी का फ्लोराइड राइट तो इस तरह से एक मेटलिक फ्लोराइड के साथ रिएक्ट करवाओ तो हमें क्या मिलेगा हमें मिलेगा एल्काइन फ्लोराइड और साथ में क्या मिलेगा जी जो था मान लो जैसे अगर हमने सिल्वर फ्लोराइड लिया तो साथ में साइड प्रोडक्ट क्या मिल जाएगा सिल्वर का क्लोराइड या सिल्वर का ब्रोमाइड बेस्ड ऑन हमने एल्काइन क्लोराइड लिया था या एल्काइन ब्रोमाइड लिया था ठीक है तो ये मेरा सिंपल सा सीधा-साधा सा स्वर्ट्स रिएक्शन है बट बात वहीं पे आके अटक जाती है कि इसे याद रखने का भी कोई मेमोरी टिप है क्या बिल्कुल है तो इसे याद रखने का इसे याद रखने का भी एक सिमिलर सा मेमरी टिप है क्लियर ब्रो मीठे फल स्वीट ठीक है क्लियर ब्रो यहां भी यही बताता है कि आप क्लोराइड या ब्रोमाइड ले सकते हो मीठे फल यह बताता है मेटलिक फ्लोराइड आपको यू यूज करना है आपको रिएक्ट किससे कराना है मेटलिक फ्लोराइड से स्वीट आपको बताता है कि इस रिएक्शन का नाम है स्वर्ट्स रिएक्शन राइट तो अब समझ में आया पीछे वाले पिछले वाले मेमोरी टिप में फेको से याद आएगा फिंकल स्टन यहां पर स्वीट से याद आएगा स्वर्ट्स तो इस तरीके से हम इन दोनों रिएक्शंस को याद रख सकते हैं और यह भी ध्यान रख सकते हैं कि इसमें बनता क्या है एक में आयोडाइड बनता है और दूस में दूसरे में फ्लोराइड बनता है ठीक है अब इन दोनों रिएक्शंस में एक कॉमन चीज हमने नोटिस की कि ओवरऑल रिएक्शन में हो क्या रहा था सोच के देखो क्या हो रहा था ओवरऑल हैलोजन एक्सचेंज हो रहा था राइट जैसे कि हमने क्लोराइड लिया एल्काइन क्लोराइड लिया उससे एल्काइन आयोडाइड बन गया एल्काइन ब्रोमाइड लिया उससे एल्काइन आयोडाइड बन गया एल्काइन ब्रोमाइड लिया उससे एल्काइन फ्लोराइड बन गया तो मतलब सिर्फ हैलोजन का ही तो हेराफेरी हो रहा था राइट जो हैलोजन मेटलिक फ्लोराइड के साथ लगा हुआ था वो जाके अइल ग्रुप के साथ लग जा रहा था जो एल्काइन ग्रुप के साथ लगा हुआ था वो मेटलिक वाले मेटल के साथ जाके लग जा रहा था राइट तो सिर्फ हैलोजन एक्सचेंज हो रहे थे तो इसीलिए ये जो दोनों मेथड्स हमने डिस्कस किए चाहे फिंकल स्टीन रिएक्शन हो चाहे स्वर्ट्स रिएक्शन हो इन दोनों में ही हमें देखने को मिलता है हैलोजन एक्सचेंज तो बच्चों अब हम डिस्कस करने वाले हैं हैलो एरिन के बारे में तो हैलो एल्केन के बारे में हमने काफी सारे प्रिपरेशन मेथड्स देखे तो अब देखना ये है कि हाउ कैन वी प्रिपेयर हेलो एरिन ऐसे तो हेलो रिनस को हम कई चीजों से बना सकते हैं बट यहां पर डिटेल में हम कुछ चीजों को डिस्कस करेंगे जैसे कि हेलो एरिस को हम एरिन से कैसे बनाते हैं हेलो एरिस को हम डायजो नियम सॉल्ट से कैसे बनाते हैं जिस रिएक्शन का एक खास नाम है सैंड मियर्स रिएक्शन ठीक है तो चलो कुछ मेथड्स को डिटेल में देखेंगे लेट्स सी तो चलो सबसे पहले देखते हैं प्रिपरेशन फ्रॉम एरिस अ एरिस का एक एग्जांपल लो लेट्स टॉक अबाउट टॉल्विन ठीक है बेंजीन रिंग के साथ एक मिथाइल ग्रुप अटैच हैट टॉल्विन तो देखो एरिन से टॉल्विन से अगर मुझे बनाना हो अराइल हेलाइड्स मतलब इसमें मुझे एक हैलोजन ग्रुप अटैच कराना है तो हम कैसे कर सकते हैं बाय इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन अचानक से इतना भारी भरकम सा वर्ड आ गया समझ में आएगा धीरे-धीरे हम क्या करेंगे टॉल्विन के साथ लगा देंगे रिएक्शन करा देंगे क्लोरीन या ब्रोमीन का इन प्रेजेंस ऑफ अ लुस एसिड कैटालिस्ट जैसे कि आयरन इन डार्क कंडी ठीक है तो हमें क्या मिलेगा ऑर्थो हेलो टॉल्विन पैरा हेलो टॉल्विन ठीक है इन ये दोनों चीजें हमें एज प्रोडक्ट मिलेंगी ठीक है अब बहुत सारे क्वेश्चंस दिमाग में आ रहे होंगे कि यह रिएक्शन ऐसा हुआ क्यों इस रिएक्शन में हमने आयरन का यूज क्यों किया इस रिएक्शन में हमने ये डार्क क्यों मेंशन किया यह डार्क में ही क्यों होगा एंड मोस्ट इंपॉर्टेंट ये ऑर्थो और पैरा दोनों प्रोडक्ट्स बने कैसे अब यार ये सारे क्वेश्चंस आंसर करने के लिए लिए तो हमें रिएक्शन का मैकेनिज्म देखना पड़ेगा फिलहाल तो मैं इतना ही बता सकती हूं कि इस रिएक्शन के मैकेनिज्म को अगर देखोगे तो इट शोज इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन मैकेनिज्म मतलब अंदर कोई इलेक्ट्रोफिल है जो अटैक कर रहा है जिसकी वजह से यह सारा रिएक्शन हो रहा है अब यार इतनी सारी चीजें मैं हिंट्स देती रहूंगी बट शायद आपको क्लियर नहीं होगा तो चलो लेट्स लुक एट द रिएक्शन मैकेनिज्म इन डिटेल इससे पहले कि हम इस रिएक्शन के मैकेनिज्म को डिस्कस करें सबसे पहले कुछ बेसिक सवाल जैसे कि यहां पर हमने इस काम क्या है तो इस क्लोरीन के साथ जब यह आयरन मिलता है तो यह बना देता है fecl3 ठीक है इसीलिए बहुत बार आयरन की जगह यहां पर fecl3 को भी डायरेक्टली यूज किया जाता है ठीक है fecl3 के साथ जब और क्लोरीन ऐड होता है तब यह बना देता है fe4 - + c+ ठीक है अब देखो ये c+ क्या है पॉजिटिव चार्ज है इसे किससे प्यार होगा इलेक्ट्रॉन से इलेक्ट्रॉन से जिसको अट्रैक्शन होता है जो जिसे इलेक्ट्रॉन प्यारे लगते हैं वो क्या होते हैं वो होते हैं इलेक्ट्रोफिल्स राइट तो इसका मतलब इस ए के प्रेजेंस की वजह से क्लोरीन से जो है हमें क्या मिला स प् मिल पाया आयरन था तभी ऐसा हो पाया राइट तो ये तो हमारा पहला क्वेश्चन आंसर हो गया अब देखो इसमें हम कई बार f यूज करते हैं कई बार fecl3 यूज करते हैं कई बार alcl3 यूज करते हैं और इन सबका परपस सेम होता है ठीक है दूसरा सवाल कि यहां पर हमने डार्क ऐसा क्यों लिखा हुआ है लाइट में क्या होता अगर इन प्रेजेंस ऑफ लाइट होता तो उस केस में जो मेरा क्लोरीन है ना cl2 ये टूट के फ्री रेडिकल्स बना देता थोड़ी देर पहले हमने वैसा एक रिएक्शन भी देखा था जहां पर क्लोरीन स cl2 जो है उसके जो दोनों स है वो स्प्लिट करके अपना-अपना इलेक्ट्रॉन लेके निकल जाते हैं राइट बट यहां पर मुझे फ्री रेडिकल्स नहीं चाहिए था मुझे क्या चाहिए था इलेक्ट्रोफिल चाहिए था तो इसीलिए इसका डार्क होना भी बहुत जरूरी है ठीक है तो पहले तो ये दो बेसिक सवाल हमारे आंसर हो गए तो अब चलो देखते हैं कि रिएक्शन में होता क्या है जाहिर सी बात है कि भाई जब इलेक्ट्रोफिल बन गया है तो अब नेक्स्ट स्टेप क्या होगा इलेक्ट्रोफिल का अटैक तो अब यह तो मैंने बोल दिया कि इलेक्ट्रोफिल अटैक करेगा दिमाग में क्वेश्चन आता है कि इलेक्ट्रोफिल अटैक कहां पर करेगा मैंने पहले भी बोला था राइट इलेक्ट्रोफिल ऐसी जगह पे अटैक करेगा जहां पर इलेक्ट्रॉन की डेंसिटी ज्यादा हो क्योंकि इलेक्ट्रोफिल को इलेक्ट्रॉन से प्यार है राइट इलेक्ट्रॉन की डेंसिटी ज्यादा कहां होगी बहुत अच्छे से सोचो बेंजीन की रिंग जैसे ही आ जाती है तो वहां पर क्या होता है पाई इलेक्ट्रॉन होते हैं जो डी लोकलाइज्ड होते हैं एक जगह बैठे नहीं होते हैं राइट हमें पता है तो इससे हम और कंफ्यूज हो जाते हैं कि यार फिर तो मतलब सभी जगह इलेक्ट्रॉन डेंसिटी लगभग बराबर है क्या इज इट नॉट रियली क्यों क्योंकि इस बेंजीन रिंग के साथ यहां पर जुड़ा हुआ है यह एल्काइन ग्रुप एल्काइन ग्रुप किस तरह का ग्रुप होता है इलेक्ट्रॉन डोनेटिंग ग्रुप होता है राइट दो तरह के ग्रुप होते हैं एक होती है इलेक्ट्रॉन डोनेटिंग ग्रुप दूसरे होते हैं इलेक्ट्रॉन विड्रॉइंग ग्रुप्स राइट तो एल्काइन जो है ये इलेक्ट्रॉन डोनेटिंग ग्रुप के कैटेगरी में आता है अगर आपके दिमाग में ये सवाल है कि ये सब हमने पढ़ा है क्या बिल्कुल पढ़ा है 11थ की केमिस्ट्री में ठीक है तो अभी जो काम की चीजें हैं वही बात करेंगे तो ये एक इलेक्ट्रॉन डोनेटिंग ग्रुप है यानी कि यह जो ग्रुप है ना ये इस रिंग में इलेक्ट्रॉन और देगा यानी कि इस इलेक्ट्रॉन डोनेटिंग ग्रुप के होने की वजह से मेरे रिंग के अंदर इलेक्ट्रॉन डेंसिटी बढ़ती है कहां पर बढ़ती है यह भी हमने पढ़ा था जभी भी एक रिंग में एक इलेक्ट्रॉन डोनेटिंग ग्रुप होता है तो ऑर्थो और पारा पोजीशंस में इलेक्ट्रॉन डेंसिटी बढ़ जाती है अब देखो मिथाइल ग्रुप यहां पे है इसका ऑर्थो पोजीशन यह वाला हो जाएगा जब यहां पे कोई चीज लगेगी तो वो हो जाएगा ऑर्थो तो यह जो है यह इसका ऑर्थो पोजीशन हो जाएगा और यह जो है बिल्कुल इसके अपोजिट यह जो है ये इसका पैरा पोजीशन हो जाएगा तो ऑर्थो और पैरा पोजीशन पर इसकी इलेक्ट्रॉन डेंसिटी अधिक होगी तो इसका मतलब मेरा इलेक्ट्रोफिल इसके ऑर्थो और पैरा पोजीशन पर ही अटैक करेगा अब समझ में आ रहा है कि क्यों यहां पर एक ऑर्थो और एक पैरा प्रोडक्ट मिलता है समझ में आ रहा है ओके तो अब चलो हम ऑर्थो वाले अटैक को अभी के लिए देखते हैं तो लेट अस सपोज इस इलेक्ट्रोफिल ने इस ऑर्थो पोजीशन पे अटैक कर दिया इस वाले पोजीशन पे ठीक है तो क्या होगा इलेक्ट्रोफिल जब भी अटैक करता है तो क्या होता है उस वाले पोजीशन के आसपास जो डबल बॉन्ड होता है वो बॉन्ड टूट जाता है जैसे यहां पर ऑर्थो पोजीशन के आसपास डबल बॉन्ड ये वाला है तो यह वाला बॉन्ड गायब हो जाएगा और यह बॉन्ड जिस दो कार्बन के बीच में था एक के ऊपर प्लस चार्ज आ जाएगा और दूसरे के ऊपर क्या आ जाएगा स यहां पे स प्स है इलेक्ट्रोफिल तो एक के पास स जुड़ जाएगा और एक के साथ प्लस जुड़ जाएगा ये ट्रिक मैंने पहले भी बताया था तो बस उसी ट्रिक को लगाओ तो इस अटैक के बाद कुछ ऐसा होगा यह डबल बॉन्ड गायब हो गया अब इस वाले जगह पे लेट अस से स जुड़ गया तो यहां पर प्लस आ जाएगा अब इस वाले कार्बन से ये एक h जुड़ा हुआ था ही ठीक है ये जो कार्बन है इसकी वैलेंसी तो फोर है भाई पूरा तो करना पड़ेगा उसको वो इधर एक कार्बन से जुड़ा हुआ है इधर एक कार्बन से यहां पे एक स आके जुड़ गया तो चौथा वाला h के साथ लगा हुआ है ठीक है अब ये जो स्ट्रक्चर बन गया डू यू थिंक दिस इज स्टेबल डेफिनेटली नॉट देखो ना भाई यहां पर ऐसे प्लस चार्ज भी लगा हुआ है सो दिस इज एब्सलूट अनस्टेबल तो अनस्टेबल कौन रहना चाहता है कोई भी नहीं रहना चाहता है सब लोग स्टेबिलिटी अटन करना चाहते हैं तो बेचारा ये भी तो वही चाहेगा तो स्टेबिलिटी अटन करने के लिए इसने बोला ठीक है एक काम करते हैं यह h+ जो है निकल जाएगा और यहां पर एक डबल बॉन्ड बन जाएगा ठीक है मतलब स्ट्रक्चर जो है वो कुछ यूं बन गया और ये h+ जो है ये अपना अलग निकल गए ठीक है निकल गए तो कहां गए यहीं पे गए गायब थोड़ी ना हो जाएंगे ये h+ ऐसे निकल गए अब इस h+ का क्या होगा अरे h+ की चिंता नहीं करो h+ का ध्यान रखने के लिए कोई तो है अब यह जो h+ है यह क्या करेगा यह h+ जो है कंबाइन कर जाएगा cl-cl प् निकला था वहां पर एक माइनस वाला नेगेटिव आयन भी था तो उसके साथ मिल कर के ये जो है अपने आप में क्या बना लेगा टॉल्विन राइट जो कि यहां पर हमने लिखा है ऑर्थो हेलो टॉल्विन पैरा कैसे बनेगा बिल्कुल इसी तरीके से जब इलेक्ट्रोफिल पैरा पोजीशन पे अटैक करेगा ठीक है बात समझ में आई तो विद दिस अब समझ में आ रहा है कि कैसे ऑर्थो और पैरा ये दोनों का दोनों ही मिल जाते हैं हमें प्रोडक्ट में ठीक है अब देखो ये दोनों का मिक्सचर तो मिलता है प्रोडक्ट में बट इनको सेपरेट करना आसान होता है बिकॉज दे हैव डिफरेंट मेल्टिंग पॉइंट्स तो आई मीन वी कैन इजली सेपरेट देम इन द लेबोरेटरी अब बच्चों यहां पर एक बहुत इंटरेस्टिंग चीज होती है यही सेम रिएक्शन अगर हम आयोडीन के साथ करें तो वहां पर ना एक इशू आती है इशू ये आता है कि जब हम आयोडीन के साथ ये रिएक्शन करते हैं तो हमें हाइड्रोजन आयोडाइड मिलता है राइट जैसे वहां पे यूज़ करके एरिन बना दे यानी कि एचआई का यही टेंडेंसी होता है कि रिएक्शन को रिवर्स डायरेक्शन में ले जाए बट हम तो ऐसा नहीं चाहते हैं हमें क्या चाहिए हमें तो अराइल हैलाइड चाहिए लेकिन एचआई चाहता है कि अराइल हैलाइड रिड्यूस होके एरिन बन जाए करेक्ट तो अब इस प्रॉब्लम से छुटकारा कैसे पा सकते हैं सोचो क्या कर सकते हैं हम कि हाइड्रोजन आयोडाइड जो है एआई जो है वो उसको जो है ना कोई और निपट ले उससे ताकि वह यह रिड्यूस कर ही ना सके इसी के लिए हम यूज करते हैं स्ट्रांग ऑक्सीडेंट्स जब हम इस रिएक्शन को आयोडीन के साथ करते हैं जैसे कि hno3 इसीलिए आप नोटिस करोगे कि जब ये सेम रिएक्शन ये सेम चीज जब हम आयोडीन के साथ करते हैं तो उस समय हम hno3 जैसे स्ट्रांग ऑक्सीडेंट का यूज़ करते हैं ताकि hno3 जो है इस h को ऑक्सीडेंट रिएक्शन जो है वो फॉरवर्ड डायरेक्शन में एज इट इज चलता रहे ठीक उसी तरीके से आपने नोटिस किया हमने अराइल हेलाइड्स की जो बातें की अभी तक उसमें हमने क्लोराइड कंपाउंड्स की बात की हमने ब्रोमाइड की बात की हमने आयोडाइड की भी बात की बट हमने फ्लोराइड की बात नहीं की क्यों क्योंकि फ्लोरो कंपाउंड्स को जो है हम इस मेथड से बना ही नहीं सकते हैं दैट इज़ बिकॉज़ फ्लोराइड इज़ एक्सट्रीमली रिएक्टिव मतलब ऑलमोस्ट एक्सप्लोसिव नेचर पे जाके रिएक्टिव है तो इसीलिए उसको हमारे पास हैंडल करने का भी कोई तरीका नहीं होता है एंड एज अ रिजल्ट फ्लोरो कंपाउंड्स आर नॉट प्रिपेयर्ड यूजिंग दिस मेथड तो चलो बच्चों अब हम ये देखते हैं कि हैलो एरिन जो है ये डाई एजोनिक्स या डाई एजोनिक्स ठीक है इस फ फॉर्मेट में होते हैं डा एजोनिक्स है सबसे पहले तो देखेंगे कि ये डाई एजोनिक्स जो हैं ये कैसे बनते हैं फिर हम देखेंगे कि वो फ्रेशलीशियस ही रहा है तो ये एक प्राइमरी एरोमेटिक एमीन है इसको जब हम रिएक्ट करवाते हैं nano2 + hx8 273 टू 278 केल्विन तब हमें मिलता है बेंजीन डाई एजोनिक्स हुआ कैसे मतलब यहां इस एमीन से यह डाई एजोनिक्स मैकेनिज्म को देखना पड़ेगा चलो देखते हैं ठीक है रिएक्शन मैकेनिज्म को देखेंगे सबसे पहले देखेंगे कि यहां पर क्या खिचड़ी पकी हमने nano2 और hx2 के अंदर क्या है no2 no2 ये रिएक्ट किया किसके साथ h एक के साथ अब h एक के अंदर क्या है यहां पर h+ है यहां पर ये o माइनस है तो जाहिर सी बात है कि ये दोनों एक दूसरे की तरफ खींचे चले आएंगे तो हमें क्या मिल जाएगा हमें मिल जाएगा ये ए कुछ ऐसा राइट यह ओ और ये h जो है साथ में हो गए अब जब इनके सा इनको और ज्यादा h प् मिल जाएगा और h प् जब इन्हे मिल जाएगा तो क्या होगा वो h प् भी यहां पर कहीं आ जाएगा कुछ ऐसा सा h+ आ गया था तो अगर इस वाले पोर्शन पे फोकस करो सो व्हाट इज दिस दिस इज हाइड्रोनियम आयन अब यह हैवी होने की वजह से यह क्या होगा यह निकल जाएगा बाहर ठीक है तो जब ये निकल जाएगा तो हमारे पास बचेगा क्या n डबल बॉन्ड o बचेगा हमारे पास तो ये हमारा पहला स्टेप है मतलब मैं यह दिखाना चाह रही हूं कि यह जो हमने यूज किया है यहां पर nano2 + h एक ये क्या काम करता है ठीक है अब मेन मुद्दे पर आते हैं अब हमने यहां पर क्या लिया था प्राइमरी एरोमेटिक अमीन जहां पर इस नाइट्रोजन के पास क्या है लोन पेयर ऑफ इलेक्ट्रॉन ठीक है अब इसके साथ रिएक्ट करेगा हमारा ए अब देखो यहां पर इसके पास है लोन पेयर इसके पास है प्लस तो क्या संभावना है इन दोनों के इन दोनों के साथ हो जाने की संभावना है राइट तो उस केस में हमें क्या मिलेगा यह जो मेरा बेंजीन रिंग था व वहां पर ये इस तरीके से nh2 था बट अब इस नाइट्रोजन के साथ इधर n डबल बॉन्ड o भी आ गया कुछ इस तरीके से मैं ये पूरा मैकेनिज्म बता रही हूं जस्ट टू हेल्प यू अंडरस्टैंड कि कैसे बन रहा है डा एजोनिक्स पास क्या बचता है हमारे पास बचता है n2 प् राइट अब इस n2 प के साथ जब हम x माइन को ऐड कर देते हैं क्योंकि कहानी की शुरुआत तो h एक से हुई थी अभी तक सारा काम किसने किया था h+ ने किया था बट एक x माइनस भी तो था पड़ा हुआ तो वो x माइनस अब पिक्चर में आ जाएगा और वो x माइनस इसके साथ जुड़ के क्या बना देगा डाई एजोनिक्स + x - दिस इज व्हाट इज डाई एजोनिक्स कराते हैं क्यूप्रोफिक्स वो ग्रुप रिप्लेस हो जाता है किससे क्लोराइड या ब्रोमाइड से एंड दैट्ची है अब यह सेम चीज हम आयोडीन के साथ भी कर सकते हैं कर सकते हैं वेल कर सकते हैं बट जैसा कि मैंने पहले भी बोला था कि आयोडीन जो है ना वो थोड़ा अलग है राइट तो इसीलिए यहां भी हम देखेंगे कि डा एजोनिक्स हैलाइड की जरूरत ही नहीं पड़ती है क्या जरूरत पड़ती है सिर्फ उसे शेक कर दो डाई एजोनिक्स यम आयोडाइड और तुम्हारा काम हो जाएगा राइट तो यहां पर हमें क्यूप हैलाइड की जरूरत ही नहीं पड़ती है सिर्फ शेकिंग इट विद पोटैशियम आयोडाइड इज इनफ टू रिप्लेस डा एजोनिक्स हैलो एल्केन और हैलो एरिन के प्रिपरेशन के बारे में काफी चीजें पढ़ ली हमने कुछ क्वेश्चंस प्रैक्टिस करें चलो देखें तो चलो भाई प्रैक्टिस टाइम है तो कुछ क्वेश्चंस देखना तो बनता है ये रहा हमारा पहला इक्वेशन इसमें है क्या इसमें यह रिंग बनी हुई है यह रिंग क्या है क्या यह बेंजीन की रिंग है फिनोल है नहीं है बिल्कुल नहीं है बेंजीन की रिंग होती तो अंदर हमें अल्टरनेटली डबल बॉन्ड्स दिखते राइट यहां पर ये क्या है ये साइक्लोहेक्सीन है हेक्सेस तो नहीं है इसमें ओ लगा हुआ है तो दिस इज साइक्लोहेक्सानोल राइट तो बेसिकली ये क्या है एक अल्कोहल है इसको हमने किसके साथ मिलाया socl2 व्हाट इज socl2 थायो निल क्लोराइड इसके बारे में डिस्कस किया था डार्जन प्रोसेस राइट तो जब हम अल्कोहल को थायो निल क्लोराइड के साथ रिएक्ट कराते हैं तो हमें क्या मिलता है एल्काइन हैलाइड मिलता है राइट तो यानी कि यहां पर भी वही होगा यह जो यह रिप्लेस हो जाएगा cl2 और [प्रशंसा] गैसेस उसी की वजह से अल्कोहल से जभी भी एल्काइन हैलाइड बनाना होता है सो थोनालू सा टिप देती हूं ठीक है बहुत से बच्चों को एक बार में लगा होगा कि यार ये जो है ना ये रिंग वाला स्ट्रक्चर है यहां तो अल्कोहल से एल्काइन बनता ही नहीं है और ये लिख देंगे नो रिएक्शन और उनका आंसर गलत हो जाएगा क्यों गलत हो जाएगा क्योंकि भाई मैंने जिसकी बात करी थी दैट वाज अबाउट अराइल हेलाइड्स जिसमें अंदर जो है बेंजीन के रिंग होगी बेंजीन के रिंग के साथ प्रॉब्लम क्या होता है कि अंदर चूंकि वो डी लोकलाइज्ड पाई इलेक्ट्रॉन होते हैं उनकी वजह से यह जो कार्बन और ऑक्सीजन ओ के का जो बॉन्ड होता है वो काफी स्ट्रांग होता है इसीलिए वो बॉन्ड आसानी से टूटता नहीं है दैट इज व्हाई उनके उनसे हम एल्काइन हैलाइड इन प्रोसेसेस से नहीं बना पाते हैं बट यहां पर ध्यान से देखो तो सही ये तो बेंजीन वाली रिंग है ही नहीं दिस इज जस्ट साइक्लोहेक्सानोल राइट तो यहां पर जो मेरा प्रोडक्ट बना है इसका ना नाम क्या होगा कौन बताएगा चलो फटाफट से कमेंट में लिखकर बताओ खुद से ठीक है इससे पहले कि मैं लिखूं तो एनीवेज आई विल आल्सो टेल यू सो दिस इज बेसिकली क्लोरो साइक्लो हेक्स तो यहां पर बन गया क्लोरो साइक्लोहेक्सीन ठीक है क्लियर है चलो दूसरा देखें चलो दूसरा रिएक्शन देखते हैं यहां पर हमें बेंजीन की रिंग दिख रही है जिसके साथ ओ लगा हुआ है दूसरी तरफ ch2oh लगा हुआ है इसको जब हम रिएक्ट कराते हैं यानी कि हाइड्रोजन हैलाइड हाइड्रोजन क्लोराइड के साथ रिएक्ट कराते हैं और हीट करते हैं तो हमें क्या मिलता है ठीक है सबसे पहले तो इससे पहले कि हम इस रिएक्शन के प्रोडक्ट के बारे में सोचे पहले तो बताओ कि ये इस कंपाउंड का नाम क्या है ठीक है इतनी नॉमिन क्लेचर करी है हमने तो ये तो पता होना ही चाहिए तो चलो देखते हैं इसका नाम क्या है अब देखो यहां पर है अल्कोहल का ग्रुप जिसको मिलनी चाहिए प्रायोरिटी ठीक है तो इसको प्रायोरिटी देते हुए नंबरिंग कुछ ऐसे होगी 1 2 3 4 5 स तो फोर नंबर पर क्या है यह एक कार्बन है और इधर ओ भी है ओ के लिए प्रीफिक्स में यूज करते हैं हाइड्रोक्सी सी2 के साथ है सो मिथाइल हाइड्रोक्सी तो इसका नाम हो जाएगा फोर मिथाइल हाइड्रोक्सी फेनॉल फनॉल क्यों बेंजीन के रिंग के साथ जैसे जब ch3 लग जाता है तो वो टॉल्विन हो जाता है जब ओ लग जाता है तो फिनोल हो जाता है राइट तो ये हो गया फोर मिथाइल हाइड्रोक्सी फिनोल इसको जब हम हीट करेंगे और बॉन्ड वाला कैरेक्टर वो कैरेक्टर पार्शियली इस बॉन्ड में है तो इस बॉन्ड को तोड़ना काफी मुश्किल होगा इसीलिए यह वाला ओ जैसा है ऐसा ही रहेगा कौन से वाले ओ को ये तोड़ पाएगा इस वाले ओ को क्योंकि ये वाला ओ इस कार्बन के साथ जुड़ा हुआ है जिसकी वजह से ये रिंग से दूर है राइट तो इस यह रिप्लेस कर देगा cl-cl से तो इसका नाम क्या हो जाएगा से भी नाम रहेगा बस हाइड्रोक्सी की जगह क्लोरो आ जाएगा राइट तो इसका नाम हो जाएगा फोर क्लोरो मिथाइल फिनोल अब बच्चों यहां पर एक छोटी सी गलती थी यह फोर मिथाइल हाइड्रोक्सी नहीं था फोर हाइड्रोक्सी मिथाइल था दैट इज हाउ वी राइट इन आईयूपीएसी नोमेनक्लेच्योर ब्रो नई एसिड फेंको याद आया मेमोरी टिव क्लियर ब्रो मतलब क्लोरीन क्लोराइड या ब्रोमाइड के साथ जब रिएक्ट कराते हैं नई एसिड मतलब ए सोडियम आयोडाइड जब रिएक्ट कराते हैं इन प्रेजेंस ऑफ ड्राई एसीटोन तो मुझे क्या मिलता है आयोडाइड मिलेगा ओबवियसली क्योंकि यहां पर यह जो आयोडीन है यह एक्सचेंज हो जाएगा आयोडीन इसके पोजीशन में चला जाएगा और ब्रोमीन इसके पोजीशन में आ जाएगा और इस रिएक्शन को हम क्या कहते हैं फिंकल स्टीन रिएक्शन अब्सोल्युटली तो यहां पर मेरा प्रोडक्ट हो जाएगा ch3 ch2 आ प् ए ब और यह रिएक्शन है फिंकल स्टीन रिएक्शन ठीक है क्लियर था ओके अब बचा आखरी वाला आखिरी वाला कह रहा है देखो यह कंपाउंड देखो साइक्लो कंपाउंड है एक एल्कीन डबल बॉन्ड भी है मिथाइल ग्रुप भी लगा हुआ है और इसको हम एई के साथ रिएक्ट करवा रहे हैं ठीक है एआई के साथ रिएक्ट करवाएंगे तो क्या होगा एई जो है अंदर ही अंदर h+ माइनस में टूट जाएगा अब यह i माइनस जाके कहां पे जुड़ेगा दैट्ची नंबर ऑफ हाइड्रोजन एटम है क्या वो इस मिथाइल ग्रुप के साथ जुड़ेगा नहीं जुड़ेगा क्योंकि इस कार्बन के साथ तो देखो ऑलरेडी तीन हाइड्रोजन है राइट बट अगर इस वाले कार्बन पे फोकस करो तो देखो इस वाले कार्बन के पास सबसे कम हाइड्रोजन एटम है बाकी सबके साथ चेक कर लो कितने सारे हैं जैसे मान लो फॉर एग्जांपल इस कार्बन की बात करो तो ये इधर एक कार्बन से जुड़ा हुआ है इधर एक कार्बन से जुड़ा हुआ है बाकी दो हाइड्रोजन है राइट बट यहां पर जो कार्बन है इस पोजीशन में देखो वो इधर डबल बॉन्ड से कार्बन के साथ जुड़ा हुआ है इधर एक कार्बन के साथ जुड़ा हुआ है इधर एक कार्बन के साथ जुड़ा हुआ है तो उसके पास हाइड्रोजन है ही नहीं तो यानी कि ये उस कार्बन के साथ जाके जुड़ जाएगा तो इस वजह से जो मेरा प्रोडक्ट बन जाएगा वह कुछ ऐसा बनेगा वह आ जो है व जाके इस कार्बन के साथ जुड़ जाएगा ठीक है तो इस तरीके से बच्चों अगर आपको हर रिएक्शन के पीछे का मैकेनिज्म का थोड़ा बहुत आईडिया है देखो ऐसा एग्जाम में कभी नहीं पूछा जाता है कि इस रिएक्शन का मैकेनिज्म लिखो लेकिन जब इस तरह के क्वेश्चंस आते हैं तो वहां पर थोड़ा हेल्पफुल रहता है अगर आपको मैकेनिज्म पता हो तो चलो ठीक है यह प्रैक्टिस तो हमारी अच्छी खासी रही अब बारी है देखने की हैलो एल्केन और हैलो एरिन की प्रॉपर्टीज की तो भाई हैलो एल्केन को प्रिपेयर तो कर लिया अब यह जानना जरूरी है कि हैलो एल्केन की प्रॉपर्टीज कैसी हैं क्योंकि जब तक हम हैलो एल्केन की प्रॉपर्टी से वाकिफ नहीं होंगे तब तक हमें कैसे समझ में आएगा कि हैलो एल्केन कैसे-कैसे रिएक्शंस में पार्टिसिपेट कर सकता है है कि नहीं तो सबसे पहले बात करेंगे हम हैलो एल्केन के फिजिकल प्रॉपर्टीज के बारे में फिजिकल प्रॉपर्टीज के अंदर अभी फिलहाल हम डिस्कस करेंगे चार चीजें फिजिकल स्टेट सॉल्युबिलिटी डेंसिटी एंड बॉयलिक वैसे तो एल्काइन हेलाइड्स कलरलेस होते हैं जब वो प्योर होते हैं हालांकि इसके एक्सेप्शन में है ब्रोमाइड्स और आयोडाइड्स जो कलर डेवलप करते हैं व्हेन एक्सपोज्ड टू लाइट बहुत सारे वो वोलेटाइल हैलोजन कंपाउंड्स में एक स्वीट स्मेल होता है तो मतलब हम ऐसा नहीं कह सकते कि यह कंपलीटली ऑर्डरलिज होते हैं अगर बात करें इनके स्टेट की तो हम देखते हैं जो लोअर मेंबर्स होते हैं जैसे कि मिथाइल क्लोराइड मिथाइल ब्रोमाइड इथाइल क्लोराइड वगैरह ये गैसेस फॉर्म में एजिस्ट करते हैं लेकिन जैसे-जैसे हम हायर मेंबर्स की तरफ जाते हैं वहां पे हम देखते हैं कि वो लिक्विड्स या सॉलिड्स के स्टेट में एजिस्ट करते हैं तो अब बात करेंगे हम बॉयलिक की तो बॉयलिक पॉइंट में हम यह देखते हैं कि बॉलिंग पॉइंट ऑफ क्लोराइड्स ब्रोमाइड्स आयोडाइड्स आर हायर दन द रिस्पेक्टिव हाइड्रोकार्बंस मतलब ये जो क्लोराइड ब्रोमाइड आयोडाइड बन रहे हैं ये जिस हाइड्रोकार्बन से बन रहा है उस हाइड्रोकार्बन से इनका जो बॉयलिक है ये काफी ज्यादा है ऐसा क्यों है दो चीजें देखो एक हाइड्रोकार्बन से जब हैलो एल्केन बन रहा है तो उस समय हो क्या रहा है एक तो एक हैलोजन की एंट्री हो जा रही है राइट और हमें क्या पता है कि हैलोजन का जो मास है वो एनीवे इससे काफी ज्यादा है मतलब जिस हाइड्रोजन को व रिप्लेस करके आ रहा है उसके मुकाबले इसका मास काफी ज्यादा है दूसरी तरफ हम क्या देख रहे हैं कि हैलोजन के आते ही हैलोजन चूंकि ज्यादा इलेक्ट्रोनेगेटिव है तो कार्बन हैलोजन का जो बॉन्ड है वो ज्यादा पोलराइज्ड है क्योंकि कार्बन में पार्शियल पॉजिटिव चार्ज आ जा रहा है हैलोजन में पार्शियल नेगेटिव चार्ज आ जा रहा है राइट तो ओवरऑल ये ज्यादा पोलराइज्ड है तो इन दो कारणों की वजह से क्या हो रहा है जो इंटरमॉलिक्युलर फोर्सेस हैं वो काफी स्ट्रांग हो जा रहे हैं राइट एक तरफ पॉजिटिव है दूसरी तरफ नेगेटिव है तो क्या होगा जैसे मान लो पॉजिटिव नेगेटिव फिर पॉजिटिव नेगेटिव पॉजिटिव नेगेटिव पॉजिटिव नेगेटिव तो इनके इन सारे मॉलिक्यूल के आपस में काफी स्ट्रांग अट्रैक्शन होगा ऑपोजिट्स अट्रैक्ट उस लॉजिक से राइट ऊपर से मास भी अधिक हो रहा है तो मास भी अधिक हो रहा है तो अंदर के जो फोर्सेस है वो भी तो बढ़ गए सो ओवरऑल मेरा जो फर्स है ना इंटरमॉलिक्युलर वो काफी बढ़ गया अब बॉयलिक का मतलब ही क्या होता है किसी सब्सटेंस को मैं बॉईल कर रही हूं मतलब उसको लिक्विड से वेपर स्टेट में ले जा रही हूं लिक्विड स्टेट में जितना उनके बीच में इंटरमॉलिक्युलर फोर्स है उस उसको ओवरकम करके उनके बीच की डिस्टेंस को और बढ़ा रही हूं उसे एक दूसरे से दूर लेके जा रही हूं तभी तो वो लिक्विड से गैस स्टेट में जाएगा राइट अब इस केस में क्या हो रहा है हैलोजन के एंट्री के साथ ही इनके आपस का जो अट्रैक्शन है वो बढ़ जा रहा है तो यानी कि उस अट्रैक्शन को ओवरकम करने के लिए मुझे उन्हें और हीट करना पड़ेगा करेक्ट उस उसको ओवरकम करने के लिए आई एम हीटिंग इट टू अ हायर टेंपरेचर दैट मींस उसका बॉयलिक पॉइंट जो है वो पहले से भी ज्यादा हो जाएगा एंड दैट्ची जन कि क्लोराइड ब्रोमाइड आयोडाइड्स के जो बॉयलिक है वो रिस्पेक्टिव हाइड्रोकार्बन से काफी ज्यादा है दूसरा इंपॉर्टेंट फैक्ट यहां पर ये है कि अगर हम आइसोमर्स की बात करें जैसे मान लो मेरे पास तीन हैलो एल्किंस दिए हुए हैं जिनमें से सबका मॉलिक्यूलर फार्मूला सेम है सिर्फ उनके स्ट्रक्चर्स अलग हैं तो ऐसे केसेस में हम देखेंगे कि जिसमें ज्यादा ब्रांचिंग है उसका बॉयलिक पॉइंट कम है तो बॉल पॉइंट डिक्रीज विद इंक्रीज इन ब्रांचिंग अगर हम बात करें ऑर्थो पैरा और मेटा आइसोमर्स की ऑर्थो मेटा पैरा क्या होता है ये तो बाय नाउ सबको पता ही है राइट इनके पोजीशंस रिंग में अगर पोजीशंस देखो ऑर्थो मतलब बिल्कुल बगल वाला पारा मतलब एकदम अपोजिट वाला राइट मेटा मतलब जो बीच वाला है ठीक है तो ये ऑर्थोमेट्रिक पॉइंट हाईयर होते हैं देन ऑर्थो एंड मेटा आइसोमर्स ऐसा क्यों ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप इन तीनों के स्ट्रक्चर को देखो तो जो पैरा आइसोमर का स्ट्रक्चर है दैट इज मोर सिमिट्रिकल जिसकी वजह से वो ज्यादा एक लैटिस के फॉर्मेट में फिट हो जाता है अब जिसका स्ट्रक्चर जितना ज्यादा सिमिट्रिकल और यू नो क्रिस्टल लैटिस में फिट होने वाला होगा उसकी स्टेबिलिटी उतनी ज्यादा होगी मतलब उसको तोड़ने के लिए तुम्हें क्या करना पड़ेगा और ज्यादा एनर्जी लगानी पड़ेगी राइट उसको अगर बॉईल भी करना है ना तो और हीट करना पड़ेगा तब जाके वो टूटेगा राइट सो दैट्ची जन जिसकी वजह से पैरा आइसोमर्स टिंग पॉइंट ज्यादा होते हैं एज कंपेयर टू ऑर्थो एंड मेटा आइसोमर्स अब बात करेंगे हम डेंसिटी के बारे में नोटिस ये किया जाता है कि ब्रोमो क्लोरो इवन पॉली क्लोरो डेरिवेटिव्स जो होते हैं हाइड्रोकार्बंस के वो ज्यादा हेवियस क्यों ज्यादा हैवी क्यों होते हैं यार याद करो डेंसिटी क्या होता है डेंसिटी इज मास बाय वॉल्यूम ठीक है तो जैसे-जैसे नंबर ऑफ कार्बन एटम्स बढ़ेंगे जैसे-जैसे नंबर ऑफ हैलोजन एटम्स बढ़ेंगे जैसे-जैसे मास ऑफ द हैलोजन एटम्स बढ़ेगा वैसे-वैसे डेंसिटी भी तो बढ़ेगा है कि नहीं वैसे-वैसे डेंसिटी बढ़ेगा अब इस टेबल में देखो बहुत सारे कंपाउंड्स लिस्टेड हैं अब आप देखोगे कि जैसे-जैसे कार्बन के नंबर ऑफ़ कार्बन एटम्स नंबर ऑफ़ हैलोजन एटम्स ये सारी चीजें जैसे-जैसे बढ़ रही हैं वैसे-वैसे डेंसिटी भी बढ़ रही है लेट्स टेक एन एग्जांपल लेट्स लुक एट टू कंपाउंड्स c3 h7 c c3 h7b देखो दोनों में नंबर ऑफ कार्बन एटम्स सेम है नंबर ऑफ़ हाइड्रोजन एटम सेम है फर्क सिर्फ हैलोजन में है एक में क्लोरीन है दूसरे में ब्रोमीन है एक क्लोरीन है एक ब्रोमीन है लेकिन अगर क्लोरीन और ब्रोमीन को कंपेयर करो पीरियोडिक टेबल पे चले जाओ क्या देखोगे किसका मास ज्यादा है ब्रोमीन का मास ज्यादा है चूंकि ब्रोमीन का मास ज्यादा है तो इसीलिए ये जो ब्रोमाइड है इसका ओवरऑल डेंसिटी क्या होगा ज्यादा होगा अब बारी है सॉल्युबिलिटी की तो भाई देखो बच्चों सॉल्युबिलिटी का तो एक ही फंडा है लाइक डिजॉल्वेशन पोलर है तो वो नॉन पोलर सॉल्वेंट में डिजॉल्ड्रिंग तो अब बात करते हैं हैलो एल्केन और हैलो एरिन की तो ये क्या है पोलर है नॉन पोलर है वेल ये स्लाइटली पोलर है क्योंकि हमने कार्बन हैलोजन बॉन्ड की पोलैरिटी के बारे में डिस्कस किया था राइट तो पोलर तो है बट बहुत स्लाइटली पोलर है चूंकि ये स्लाइटली पोलर है तो इसीलिए जो पोलर सॉल्वेंट्स हैं जैसे कि वाटर इनमें ये स्लाइटली सॉल्युबल होते हैं इजी राइट लेकिन जो नॉन पोलर सॉल्वेंट्स हैं जैसे कि अल्कोहल ईथर इनमें ये सॉल्युबल होते हैं हैलो एल्केन और हेलो रींस कैसे होते हैं यह तो हमने देख लिया लेकिन ये किससे रिएक्ट करते हैं कैसे रिएक्ट करते हैं यह सब देखना अभी बाकी है मेरे दोस्त अब बच्चों इससे पहले कि हम हैलो एल्केन और हैलो एरिन के केमिकल रिएक्शंस की बात करें सबसे पहले हमें डिस्कस करना होगा इनके केमिकल प्रॉपर्टीज के बारे में क्यों क्योंकि इनके केमिकल प्रॉपर्टीज ही हमें बताएंगे कि ये रिएक्ट कैसे करेंगे दूसरों के साथ तो इट इज लाइक मान लो दो बंदे हैं ठीक है अब ये जो दो बंदे हैं ये जब दोनों साथ में आते हैं तो इनके बीच का रिएक्शन कैसा होता है इनके बीच की केमिस्ट्री कैसी होती है ये किस पे डिपेंड करता है इन दोनों के प्रॉपर्टीज में इन दोनों के नेचर पे जैसे ये दोनों बंदे जब साथ में आते हैं तो इनके बीच में लड़ाई हो जाती है जब ये दोनों बंदे साथ में रहते हैं तो इनके बीच में बड़ी अच्छी बॉन्डिंग रहती है बिल्कुल ना ये घुलमिल जाते हैं एक दूसरे के साथ बड़े हैप्पी रहते हैं कई बार क्या होता है कि जब ये दो बंदे आते हैं तो ऐसा होता है कि एक बंदा एक्सप्लोइट होते रहता है और दूसरा बंदा ऐश करते रहता है राइट अब इन दो बंदों के साथ आने पे कैसा रिएक्शन होगा ये डिपेंड करता है कि इन बंदों का नेचर कैसा है राइट फॉर एग्जांपल लेट्स से दो बंदे हैं जिसमें से दोनों ही बहुत ज्यादा लड़ाकू हैं मतलब छोटी-छोटी बात पे ना दे स्टार्ट अ फाइट तो ऐसे केस में क्या होगा जब भी ये दोनों साथ में रहेंगे थोड़ी देर तो इनके बीच में लड़ाई हो जाने के चांसेस हैं राइट अगर मान लो ऐसा है कि एक बंदा सुपर लेजी उसको कुछ काम नहीं करना है और दूसरा बंदा वैसा है कि बिचारा टाइप का है मतलब कुछ बोलता नहीं है और वो सारा काम कर देता है तो ऐसे केस में क्या होगा एक बंदा तो ऐश मारेगा क्योंकि वह कुछ काम नहीं कर रहा है और जो दूसरा है वह एक्सप्लॉयड हो रहा है क्योंकि उसी को सब कुछ करना पड़ रहा है राइट अह तो इस तरह से हम क्या देखते हैं कि इनके जो नेचर है दोनों इंडिविजुअल्स के जो प्रॉपर्टीज हैं वह डिसाइड करते हैं कि भाई जब यह दोनों साथ में आएंगे तो इनके बीच का रिएक्शन कैसा होगा ठीक उसी तरीके से जब हम हैलो एल्केन या हैलो बरीन की बात करेंगे तो इनके केमिकल प्रॉपर्टीज पे डिपेंड करता है कि इनका केमिकल रिएक्शन कैसा होगा राइट कन्विंस्ड हो ओके तो अब चलो केमिकल प्रॉपर्टीज पे हम कुछ-कुछ छोटी-छोटी चीजों को डिस्कस करेंगे ठीक है सबसे पहले तो हम डिस्कस करेंगे बॉन्ड स्ट्रेंथ के बारे में ठीक है हैलोएल्केन या हैलो अरीन में क्या होता है हैलोजन होता है राइट हैलोजन बोले तो फ्लोरीन क्लोरीन ब्रोमीन आयोडीन राइट तो अब हैलो एल्केन की अगर हम बात करें तो हर हैलो एल्केन में हमें एक कार्बन हैलोजन बॉन्ड देखने को मिलता है है ना अब यह हैलोजन क्लोरीन हो सकता है फ्लोरीन हो सकता है ब्रोमीन हो सकता है आयोडीन हो सकता है कुछ भी हो सकता है ठीक है तो अगर इसके बॉन्ड स्ट्रेंथ की बात करें तो हम क्या नोटिस करते हैं कार्बन फ्लोरीन का जो बॉन्ड स्ट्रेंथ है वो सबसे स्ट्रांग है सबसे ज्यादा स्ट्रांग बॉन्ड है उससे कम है कार्बन क्लोरीन उससे कम है कार्बन ब्रोमीन और उससे कम है कार्बन आयोडीन मतलब फ्लोरीन क्लोरीन ब्रोमीन आयोडीन जैसे-जैसे जाते जा रहे हैं तो बॉन्ड स्ट्रेंथ क्या हो जा रहा है कम होता जा रहा है ऐसा क्यों हो रहा है क्यों हो रहा है याद करो पीरियोडिक टेबल फ्लोरीन क्लोरीन ब्रोमीन आयोडीन जैसे-जैसे नीचे की तरफ जाते हो तुम्हारा साइज बढ़ता है राइट मानते हो ओके अब खुद सोच के देखो जब दो एटम के बीच में बॉन्ड होता है राइट मान लो ये कार्बन है और ये हैलोजन है जैसे-जैसे इस हैलोजन का साइज बढ़ता जाएगा क्या होगा जो बॉन्ड लेंथ है वो बढ़ता जाएगा राइट तो मतलब जैसे-जैसे हम फ्लोरीन से लेकर आयोडीन की तरफ आएंगे तो मेरा बॉन्ड लेंथ बढ़ता जा रहा है बॉन्ड लेंथ जितना ज्यादा होगा बॉन्ड का स्ट्रेंथ उतना कम होगा क्यों अरे यार इस टिक से याद रखो अगर तुम्हारा बॉन्ड लेंथ बड़ा है अगर तुम्हारा स्टिक लंबा है इसको तोड़ना देखो कितना आसान है फट से तोड़ दिया मैंने राइट मुझे बहुत ज्यादा मेहनत नहीं लगी क्यों क्योंकि इसका बॉन्ड लेंथ ज्यादा था बट इसकी स्ट्रेंथ कम थी वही अगर मैं एक छोटा सा स्टिक का हिस्सा लूं देखो कितना छोटा है इसका बॉन्ड लेंथ कम है बट भाई इतनी आसानी से नहीं टूटेगा इसको तोड़ने के लिए मुझे काफी ज्यादा एनर्जी देनी पड़ेगी राइट तो ऐसे याद रहेगा कि बॉन्ड लेंथ अगर ज्यादा है तो बॉन्ड स्ट्रेंथ कम होगा बॉन्ड लेंथ अगर कम है तो बॉन्ड का स्ट्रेंथ ज्यादा होगा ठीक तो इस लॉजिक से अब सबको समझ में आ गया कि कार्बन फ्लोरीन का जो बॉन्ड है और कार्बन आयोडीन का जो बॉन्ड है वो क्या होते रहता है वो घटते जाता है तो कार्बन फ्लोरीन का बॉन्ड जो है सबसे ज्यादा स्ट्रांग है तो बॉन्ड स्ट्रेंथ उसका सबसे ज्यादा है ठीक अब बात करते हैं बॉन्ड रिएक्टिविटी की अब फिर से सोचो जिसका बॉन्ड स्ट्रेंथ बहुत ज्यादा है भाई कार्बन फ्लोरिन का बॉन्ड स्ट्रेंथ बहुत ही तगड़ा है चकि बहुत ही तगड़ा है तो कार्बन और फ्लोरिन एक दूसरे को जाने नहीं देगा कहीं भी कहीं भी भागने नहीं देगा भाई मेरी और तुम्हारी इतनी अच्छी दोस्ती है तो मैं तुम्हें कहीं जाने नहीं दूंगी राइट तो हम साथ-साथ रहेंगे तो जब मैं तुम्हें जाने नहीं दूंगी तो तुम कैसे निकल के किसी और से रिएक्ट करोगे जब भी रिएक्शन होता है तो क्या होता है पुराने ब बंड्स टूटते हैं नए बॉन्ड्स बनते हैं तभी तो जाके रिएक्शन होता है तभी तो रिएक्टेंट से प्रोडक्ट्स बनते हैं राइट लेकिन अगर कार्बन और फ्लोरिन का बॉन्ड इतना तगड़ा है कि कार्बन फ्लोरीन को जाने ही नहीं देगा तो उस केस में क्या हो जाएगा उसकी रिएक्टिविटी कम हो जाएगी अब्सोल्युटली तो इसी वजह से जो सीएफ वाले जो कंपाउंड्स है मतलब जो फ्लोराइड हैं उनकी रिएक्टिविटी सबसे कम है उससे ज्यादा रिएक्टिविटी क्लोराइड्स की है उससे ज्यादा रिएक्टिविटी ब्रोमाइड्स की है और सबसे ज्यादा रिएक्टिविटी किसकी है आयोडाइड्स की है ग्रेट तो अब यहां से हम बात करेंगे एक टर्म की व्हिच इज कॉल्ड लिविंग ग्रुप लिविंग ग्रुप मतलब नाम से क्या लग रहा है लिविंग ग्रुप एक ऐसा ग्रुप जो वहां से निकल जाता है राइट तो यहां पर हम देखते हैं जो हैलोजन होते हैं इनमें से कौन एक अच्छा लिविंग ग्रुप है कौन कम अच्छा लिविंग ग्रुप है लिविंग ग्रुप मतलब जो अपना बोरिया बिस्तर बांध के लीव कर लेता है निकल जाता है राइट तो कौन सा वाला हैलोजन है फ्लोरीन क्लोरीन ब्रोमीन आयोडीन में जो अपने इलेक्ट्रॉन को लेकर के जभी भी बॉन्ड का क्लीवेज होता है तो वो बेचारा अपना इलेक्ट्रॉन पैक करके और निकल जाता है वहां से ऐसा कौन है कौन सबसे अच्छा लिविंग ग्रुप है बताओ गेस करो अभी तक के डिस्कशन से अभी हमने क्या बोला कि फ्लोराइड जो है वो सबसे कम रिएक्टिव है तो क्या वो छोड़ के चले जाते हैं नहीं जाते हैं क्योंकि कार्बन और फ्लोरीन का जो बॉन्ड स्ट्रेंथ है वो बहुत ही तगड़ा है तो फ्लोरिन जो है वो आसानी से निकल के नहीं जाते हैं फ्लोरिन वहीं टिके रहते हैं तो क्या फ्लोरीन एक अच्छा लिविंग ग्रुप है बिल्कुल नहीं है फ्लोरीन से थोड़ा बेटर लिविंग ग्रुप क्लोरीन है क्लोरीन से थोड़ा बेटर लिविंग ग्रुप कौन है ब्रोमीन है ब्रोमीन से थोड़ा और बेटर लिविंग ग्रुप आयोडीन है तो यानी कि यहां पर जितने भी हैलोजन हैं इसमें से सबसे अच्छा लिविंग ग्रुप कौन है आयोडीन अब अच्छे लिविंग ग्रुप्स की खासियत क्या है जहां पर भी तुम्हें अच्छा लिविंग ग्रुप मिल जाएगा वहां पर फास्टर रिएक्ट होंगे राइट क्यों ऐसा होगा क्यों ऐसा होगा क्योंकि भैया जो ग्रुप है ना तुम्हारा जो तुम्हारा हैलोजन है वो कभी भी अपना बोरिया विस्तर बांध के निकलने को रेडी है चूंकि वो निकलने को रेडी है तो क्या हो रहा है बॉन्ड टूट रहे हैं बॉन्ड टूट रहे हैं तो कहीं ना कहीं बॉन्ड बनेंगे भी तो क्या होगा रिएक्शन होगा राइट मतलब जैसे ही एक भाई मेरा देखो अब देखो सारी चीजें लिंक्ड है मैंने क्या बोला था कि कार्बन आयोडीन का जो बॉन्ड स्ट्रेंथ है वो सबसे कम है इनके बॉन्ड का जो स्ट्रेंथ है इतना मजबूत नहीं है कम है तो इसीलिए मौका मिलते ही आयोडीन अपना निकल लेता है दैट्ची अमंग दीज हैलोजन क्योंकि वो अच्छा लीविंग ग्रुप है वो कभी भी निकल लेता है चूंकि वो निकल लेता है तो क्या होता है रिएक्शन होता है तो इसीलिए अच्छा लीविंग ग्रुप है मतलब फास्टर रिएक्शंस अच्छा यहां पर चूंकि हम लीविंग ग्रुप के बारे में डिस्कस कर रहे हैं एक छोटा सा ट्रिक डिस्कस करती हूं क्योंकि कई बार आपके स्पेशली कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स में ना कई बार इस तरह के क्वेश्चंस पूछ दिए जाते हैं हैं लिविंग ग्रुप से रिलेटेड कि भाई ये ये ये ये कुछ चीजें दी हुई है बताओ इसमें से कौन सबसे अच्छा लिविंग ग्रुप होगा तो यानी कि आपको यह पता होना चाहिए कि भाई लिविंग ग्रुप कौन होता है अच्छा तो इसका आंसर है कि जो वीकर बेसेस होते हैं जो वीक बेस होता है वो हमेशा एक अच्छा लीविंग ग्रुप होता है वीक बेस बोले तो सबसे पहले रिवाइज करेंगे पुराने कांसेप्ट एसिड और बेस क्या होता है एसिड वो होता है जो इलेक्ट्रॉन गेन करता है बेस वो होता है जो इलेक्ट्रॉन लूज करता है ठीक है अभी-अभी मैंने क्या बोला लिविंग ग्रुप वो होता है जो अपना इलेक्ट्रॉन लेकर के निकल लेता है ठीक है तो यानी कि यह जो लीविंग ग्रुप है यह क्या करेगा अपना इलेक्ट्रॉन लेके निकल जाएगा मतलब किसी भी हाल में ये लीविंग ग्रुप जो है ये इलेक्ट्रॉन देगा नहीं एंड गिविंग इलेक्ट्रॉन या फिर डोनेटिंग इलेक्ट्रॉन किसका कैरेक्टरिस्टिक होता है बेस का राइट तो इसका मतलब लिविंग ग्रुप वो होगा जो एक वीक बेस होगा जो इलेक्ट्रॉन देने का टेंडेंसी बहुत कम रखेगा ठीक है तो वो होगा हमारा एक अच्छा लीविंग ग्रुप तो जैसे यहीं पे हैलोजन की बात कर रहे थे ना हम फ्लोरीन क्लोरीन ब्रोमीन आयोडीन अगर देखोगे तो इनमें सबसे वीक बेस कौन है वीक बेस है यहां पर आयोडीन ये सब हमने पीरियोडिक क्लासिफिकेशन ऑफ एलिमेंट्स में पढ़ा था जैसे-जैसे हम ऊपर से नीचे की तरफ जाते हैं तो क्या हो रहा है बेसिक कैरेक्टर जो है वो डिक्रीज हो रहा है ठीक है तो सबसे वीक बेस है आयोडीन इसीलिए सबसे अच्छा लीविंग ग्रुप कौन है आयोडीन तो चलो थोड़ा बहुत तो हमें आईडिया मिल गया है अबाउट सम ऑफ द केमिकल प्रॉपर्टीज और यह सारी जो प्रॉपर्टीज है ना यह आपको आगे काम आएंगे रिएक्शन समझने के लिए तो भाई अब तो हम सब तैयार हैं रिएक्शंस देखने के लिए तो यहां पर हम तीन तरह के रिएक्शंस को डिटेल में डिस्कस करेंगे सबसे पहले डिस्कस करेंगे न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन उसके बाद डिस्कस करेंगे एलिमिनेशन रिएक्शन और फिर डिस्कस करेंगे रिएक्शन विद मेटल्स तो ये सारे रिएक्शन किसके साथ होंगे हैलो एल्केन के साथ न्यू न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन क्या लगता है आपको कि इसमें क्या होता होगा यहां पर जो मेन मतलब वो कहते हैं ना जैसे पिक्चर का जो लीड रोल प्ले करने वाला एक एक्टर होता है राइट तो उसी तरह यहां का लीड रोल प्ले करता है न्यूक्लियोफिल न्यूक्लियोफिल क्या होता है एक ऐसी चीज जिसको अट्रैक्शन होता है किसका जो किसकी तरफ अट्रैक्टेड होता है न्यूक्लियस की तरफ बोलने का मतलब है जो पॉजिटिव चार्ज की तरफ अट्रैक्टेड होता है दैट इज न्यूक्लियोफिल याद कैसे रहेगा कि न्यूक्लियोफिल किसकी तरफ अट्रैक्टेड होता है दो वर्ड है ना फाइल फिलिक से आया है व्हिच मींस अट्रैक्शन फोबिया का अपोजिट है ये जैसे फोबिक और फिलिक दो वर्ड्स होते हैं फोबिक मतलब फोबिया से आता है दैट इज डर जैसे पानी का डर है तो आप पानी से दूर भागोगे हाइट से डर लगता है तो पहाड़ से दूर भागोगे सो दैट्ची पॉजिटिव चार्ज दिखा वहां वो भागा चला जाता है सो दैट्ची ूश रिएक्शन में क्या होता है एक न्यूक्लियोफिल जो है वो अटैक करता है एक हैलो एल्केन को ठीक है अब जैसा कि मैंने बताया न्यूक्लियोफिल किस जगह पे अटैक करेगा जहां पर पॉजिटिव चार्ज होगा एक हैलो एल्केन के अंदर पॉजिटिव चार्ज कहां हो सकता है सोचो हैलो एल्केन के अंदर क्या होता है एक हैलोजन होता है और एक कार्बन हैलोजन बॉन्ड होता है हमने पहले भी डिस्कस किया था कि ये जो कार्बन हैलोजन बॉन्ड होता है ये पोलर होता है कार्बन के ऊपर स्लाइटली पॉजिटिव चार्ज हैलोजन के ऊपर स्लाइटली नेगेटिव चार्ज याद है डिस्कस किया था यस तो यानी कि जो मेरा न्यूक्लियोफिल है वो कहां अटैक करेगा कार्बन पे अटैक करेगा अब्सोल्युटली करेक्ट कार्बन पे अटैक करके वो न्यूक्लियोफिल क्या करेगा हैलोजन को वहां से भगा देगा और उसकी जगह ले लेगा तो क्या किया इसने सब्सीट्यूट कर लिया पहले जो हैलोजन की जगह थी वो हैलोजन को हटा के उसकी जगह ले ली न्यूक्लियोफिल ने सो दैट इज व्हाई दिस इज सब्सीट्यूशन ठीक है किसके अटैक से यह सब्सीट्यूशन हुआ न्यूक्लियोफिल के अटैक से इसीलिए इसे हम क्या कहते हैं न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन ठीक है तो इस रिएक्शन के दौरान दो चीजें हुई क्या हुआ एक न्यूक्लियोफिल आया वो किसको अटैक किया पॉजिटिवली चार्जड कार्बन को अटैक किया जो हैलोजन था वो वहां से निकल गया हैलोजन किसकी तरह काम कर रहा था एक लीविंग ग्रुप की तरह लीविंग ग्रुप डिस्कस किया था हमने राइट कौन होता है लिविंग ग्रुप जो एक वीक बेस होता है हैलोजन आर जनरली वीक बेसेस सो हैलोजन लिविंग ग्रुप्स की तरह काम करते हैं तो यहां पर भी हैलोजन अपना बोरिया बिस्तर बांध के वहां से निकल लेता है एंड दिस इज व्हाट हैपेंस इन न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन तो चलो फटाफट से देखते हैं कि एक हैलो एल्केन पे जब अलग-अलग न्यूक्लियोफिल्स अटैक करते हैं तो कैसे अलग-अलग प्रोडक्ट्स बनते हैं तो बच्चों हम ये नोटिस करते हैं कि जैसे-जैसे हमारा हैलो एल्केन अलग-अलग न्यूक्लियोफिल्स के साथ रिएक्ट करता है वैसे-वैसे हमें अलग-अलग प्रोडक्ट्स मिलते हैं जैसे यहां पर एक लंबी चौड़ी लिस्ट दिख रही है हमें जहां पर हम देख रहे हैं कि हमारा जो यह हैलो एल्केन है जिसे हमने r एक से डिनोट कर रखा है x इज द हैलोजन इट कुड बी क्लोरीन फ्लोरीन ब्रोमीन या आयोडीन जो भी और r क्या है एल्काइन ग्रुप है तो बन गया मेरा हैलो एल्केन जब ये रिएक्ट करता है फॉर एग्जांपल - के साथ ठीक है तो - क्या है उसके पास माइनस चार्ज है या यानी कि ये किसके प्रति अट्रैक्टेड होगा पॉजिटिव चार्जेस के प्रति यानी कि ये क्या है ये न्यूक्लियोफिल है इनफैक्ट आप देखोगे यहां पर जितनी ये लिस्ट है ना ये सारे लिस्ट में कोई ना कोई ऐसी चीज है जो न्यूक्लियोफिल की तरह काम करता है ठीक है तो य ये न्यूक्लियोफिल जो है जब इस पे अटैक करेगा तो ये क्या करेगा इस हैलोजन को रिप्लेस कर देगा मतलब x को रिप्लेस करके उसकी जगह ले लेगा तो देखो x की जगह यहां ओ आ गया तो मुझे क्या मिल गया ओ ग्रुप आ गया यानी कि मुझे क्या मिला अल्कोहल एगजैक्टली राइट ठीक उसी तरीके से देखो अलग-अलग न्यूक्लियोफिल्स के साथ अलग-अलग प्रोडक्ट्स अगर बात करें h2o की तो हम सभी को पता है h2o के अंदर क्या होता है h+ होता है oh-my-zsh वाले केस में देखें तो r ' o माइ यहां पर नेगेटिव साइन किसके ऊपर है देखो नेगेटिव साइन किसके ऊपर है o के ऊपर है राइट तो यानी कि यह किसके जैसा काम करेगा न्यूक्लियोफिल की तरह तो यह इसको अटैक कर देगा तो x की जगह कौन ले लेगा ड राइट तो देखो x की जगह ले ली है ड ने ठीक है तो इस तरीके से कोई सा भी एग्जांपल देखो अगर बात करो nh3 की तो nh3 को हम तोड़ने की कोशिश करें तो h+ और nh2 - होगा तो यानी कि nh2 - जो है वो इसको रिप्लेस करेगा तो x की जगह क्या आ गया है nh2 तो मुझे क्या मिल गया है एमीन मिल गया है rnh2 ठीक है तो समझ में आ रहा है कि कैसे अटैक होता है जो न्यूक्लियोफिल है वो अटैक करता है जो हैलोजन ग्रुप है जो हैलाइड है उसको रिप्लेस करके उसकी जगह ले लेता है तो जैसे ही वो रिप्लेस करके जगह ले लेता है तो हमें नई-नई चीजें मिलती हैं कभी आइसोसायनाइड तो कभी ईथर तो कभी अल्कोहल ऐसे अलग-अलग हमें प्रोडक्ट मिलते रहते हैं अब कुछ न्यूक्लियोफिल्स होते हैं एबड अब आप सोचोगे कि एबड न्यूक्लियोफिल बोले तो देखो अभी-अभी मैंने क्या बताया कि न्यूक्लियोफिल क्या होता है जिसे पॉजिटिव चार्ज से अट्रैक्शन होता है पॉजिटिव चार्ज देखते ही वो भागा चला जाता है राइट ऐसा क्यों होता होगा क्योंकि उस न्यूक्लियोफिल के अंदर कोई ना कोई एक ऐसा पॉइंट होता है जहां पर नेगेटिव चार्ज होता है तभी तो वो पॉजिटिव चार्ज देखते ही उसके पीछे भागा चला जाता है है कि नहीं अच्छा तो अब ये एंबेड न्यूक्लियोफिल जो होता है इनमें खास बात यह होती है कि इनके अंदर दो न्यूक्लियोफिलिक सेंटर्स होते हैं मतलब दो ऐसी जगह होती हैं जहां पर नेगेटिव चार्जेस होती हैं जहां से वो अटैक कर सकते हैं किसी भी पॉजिटिव चार्ज पे ठीक है तो उसे हम कहते हैं एंबेड न्यूक्लियोफिल्स एग्जांपल के तौर पर हम ले सकते हैं सायनाइडस को तो सायनाइड में जो कार्बन नेगेटिव कार्बन है उधर से भी न्यूक्लियोफिलिक अटैक हो सकता है जो नेगेटिव नाइट्रोजन है उधर से भी न्यूक्लियोफिलिक अटैक हो सकता है अगर अटैक कार्बन वाले एंड से होता है तो लिंकिंग भी कार्बन वाले एंड से होगी राइट मतलब अगर कार्बन मेरा न्यूक्लियोफिलिक सेंटर है और कार्बन वाले एंड से अटैक हो रहा है तो इसका मतलब जिस जिसके ऊपर भी ये अटैक हो रहा है उसके साथ जो बॉन्डिंग बन रही है जो लिंकेज बन रही है वो भी कार्बन वाले साइड से बन रही है तो ऐसे केस में मुझे क्या बनता हुआ दिखेगा मुझे बनता हुआ दिखेगा एल्काइन सायनाइडस लेकिन वही अगर लिंकिंग नाइट्रोजन वाले साइड से हो तो अगर नाइट्रोजन वाले साइड से लिंकिंग हो तो देखो कैसा सा बनेगा मेरा कंपाउंड cn2 न्यूक्लियोफिल का एग्जांपल है नाइट्राइट no2 यहां पर अगर नाइट्रोजन से लिंकिंग हो तो हमें मिलता है नाइट्रो एल्केन और वही अगर ऑक्सीजन से लिंकिंग हो यानी कि अगर ऑक्सीजन मेरा न्यूक्लियोफिलिक अटैक कर रहा हो तो उस केस में मुझे क्या मिलता है एल्काइन नाइट्राइट्स तो बच्चों न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन में हम दो तरह के रिएक्शंस डिस्कस करेंगे sn1 और sn2 तो सबसे पहले बात करेंगे sn1 रिएक्शंस की sn1 s और n का क्या फुल फॉर्म है वो तो पता ही है सब्सीट्यूशन न्यूक्लियोफिलिक वन क्या डिनोट करता है सो वन स्टैंड्स फॉर यूनि मॉलिक्यूलर यूनिमेक बोले तो यूनिमेक का मतलब यह होता है कि इस रिएक्शन का जो रेट है मतलब रिएक्शन कितनी तेजी से होगा किस स्पीड से रिएक्शन होगा वो डिपेंड करता है सिर्फ एक रिएक्टेंट पे मतलब सिर्फ एक मॉलिक्यूल पे डिपेंड करता है इस रिएक्शन का रेट इसीलिए ये क्या है यूनि मॉलिक्यूलर है एंड दैट इज व्हाई वी हैव द वन ठीक है अच्छा इन रिएक्शंस की ये खास बात होती है कि यह रिएक्शन हमेशा दो स्टेप में होते हैं टू स्टेप प्रोसेस होता है sn1 रि रिएक्शन अब यहां पर बहुत से बच्चे कंफ्यूज होते हैं sn1 है तो बहुत लोग सोचते हैं sn1 है तो वन स्टेप में होगा नहीं उल्टा होता है sn1 रिएक्शन टू स्टेप्स में होते हैं और sn2 रिएक्शंस वन स्टेप में होते हैं सो दिस इज समथिंग यू शुड नोट ठीक है तो sn1 रिएक्शन दो स्टेप में होते हैं क्या होता है दोनों स्टेप में तो सबसे पहले स्टेप में क्या होता है कि जो मेरा कार्बन हैलोजन पोलर बॉन्ड है राइट हमने पहले भी डिस्कस किया कि भाई कार्बन और हैलोजन के बीच का जो बॉन्ड होता है वो पोलर नेचर का होता है कार्बन में स्लाइटली पॉजिटिव चार्ज हैलोजन में स्लाइटली नेगेटिव चार्ज क्यों क्योंकि हैलोजन ज्यादा इलेक्ट्रोनेगेटिव होता है कार्बन के मुकाबले इसीलिए ये इलेक्ट्रॉन को थोड़ा सा अपनी तरफ खींच लेता है जिसकी वजह से इनके ऊपर एक स्लाइट नेगेटिव चार्ज आ जाता है ठीक है और ठीक उसी तरह कार्बन के ऊपर एक स्लाइट पॉजिटिव चार्ज आ जाता है ओके होता कुछ यूं है कि जो हमारा एल्काइन हैलाइड है या फिर हैलो एल्केन है कहानी की शुरुआत तो हैलो एल्केन से ही हो रही है ये हैलो एल्केन जो है ये एक क्लीवेज अंडरगो करता है जिसके दौरान जो मेरा हैलाइड आयन है वो एक लिविंग ग्रुप है तो वो अपना बोरिया बिस्तर बांध के निकल लेता है और बच जाता है क्या एक पॉजिटिवली चार्जड आयन यानी कि कार्बन के ऊपर एक पॉजिटिव चार्ज ऐसा एक आयन बन जाता है ऐसे आयन को हम क्या कहते हैं इनका एक नाम है कार्बो कटाय एगजैक्टली पॉजिटिवली चार्जड आयन इज कटाय कार्बन के ऊपर है ये पॉजिटिव चार्ज सो द नेम इज कार्बो कटाय ठीक है तो पहले स्टेप में क्या होता है कि मेरा हैलो एल्केन जो है यह टूट के एक कार्बो कटाय और एक हैलाइड आयन देता है ओके दूसरे स्टेप में स्टेप टू इसमें क्या होगा इसमें होता है एक्चुअल न्यूक्लियोफिलिक अटैक मतलब न्यूक्लियोफिल अटैक करता है किसको अटैक करेगा न्यूक्लियोफिल न्यूक्लियोफिल को किसके लिए प्यार होता है पॉजिटिव चार्ज के लिए पॉजिटिव चार्ज कहां पर है कार्बो कटाय पे है राइट कार्बन के ऊपर पॉजिटिव चार्ज है तो ये जो कार्बो कटाय स्टेप वन में बना था उस कार्बन कार्बो कटाय के ऊपर अटैक कर देता है न्यूक्लियोफिल और फिर बन जाता है हमारा फाइनल प्रोडक्ट तो ये होते हैं sn1 रिएक्शन अब एक बहुत ही लॉजिकल सा सवाल जो आपके दिमाग में आ रहा होगा कि ये जो रिएक्शन है ये दो स्टेप में क्यों हुआ एक स्टेप में भी तो हो सकता था क्योंकि हमें तो ऑलरेडी पता है कि कार्बन हैलोजन का जो बॉन्ड होता है वो पोलराइज्ड होता है वो पोलर होता है तो ऐसा क्यों नहीं हुआ कि जो न्यूक्लियोफिल है वो डायरेक्टली ही अटैक कर देता राइट य यह सोच दिमाग में आ रहा होगा मतलब अगर आप ध्यान से यह वीडियो देख रहे हो तो यह सोच आपके दिमाग में आना चाहिए कि यार ऐसी जरूरत क्यों पड़ी कि जो हैलो एल्केन है पहले वो टूट के कार्बो कटाय बनाया उसके बाद उस कार्बो कटाय के ऊपर जो है न्यूक्लियोफिल ने अटैक किया न्यूक्लियोफिल चाहता तो वो डायरेक्टली ही उस परे अटैक कर सकता था क्योंकि एनीवेज कार्बन और हैलोजन का जो बॉन्ड था वो तो पोलर ही था तो कार्बन में स्लाइटली पॉजिटिव चार्ज तो होगा ही है कि नहीं बट प्रॉब्लम कुछ यूं थी अब आप समझो एक स्टोरी से समझते हैं मान लो एक बहुत रिच बंदा है बहुत ही रिच ठीक है वो हमेशा मतलब कहीं भी जाता है ना तो उसके पास बिल्कुल सूटकेस में कैश वैश भरे होते हैं खूब सारी ज्वेलरी होती है इस टाइप का एक बंदा है अब ऐसे बंदे जब बाहर निकलते हैं घर से तो इनकी तरफ कौन अट्रैक्टेड होते हैं चोर राइट सो लेट्स से कि कोई चोर है तो वो चोर ऐसे इस फिराक में रहेगा राइट कि वो बंदा घर से निकले और मैं उसपे अटैक कर दो ठीक है अब मान लो वो बंदा घर से तो निकला बट उसको चारों तरफ से सिक्योरिटी गार्ड ने घेरा हुआ है चारों तरफ चार सिक्योरिटी गार्ड लगा हुआ है अब वो जो चोर है वो चोर अभी भी उसकी तरफ अट्रैक्टेड तो हो रहा है कि भाई मैं जाऊं उसके पास उसको लूट लूं लेकिन वहां पर चूंकि उसके चारों तरफ सिक्योरिटी गार्ड लगे हुए हैं तो वो उसके ऊपर अटैक कर नहीं पा रहा है राइट अब मान लो बाय चांस कोई ऐसी सिचुएशन आती है जब वो जो रिच बन है वो बोलता है एक सिक्योरिटी गार्ड को कि भाई तुम लोग थोड़ा साइड दो मुझे अकेले निकल के कहीं जाना है जैसे ही वो निकलेगा तो क्या होगा जो चोर था वो उसके ऊपर फटाक से अटैक करेगा स्टोरी समझ में आई और बिल्कुल वही चीज यहां पर हो रहा है जो हेलो एल्केन था राइट उस हेलो एल्केन में आपकी बात सही है कि कार्बन तो था बट वो जो कार्बन था ना वो सब चीजों से बाकी सारे ग्रुप्स से सबसे घिरा हुआ था तो इसीलिए उसके ऊपर वो एक्सपोज्ड नहीं नहीं था पॉजिटिवली चार्जड कार्बन इसीलिए उसके ऊपर न्यूक्लियोफिल डायरेक्टली अटैक नहीं कर पा रहा था लेकिन जब वो टूट गया टूट के उसने जब हैलाइड आयन अलग से दे दिया कार्बो कटयन अलग से दे दिया तो अब कार्बन विथ पॉजिटिव चार्ज बिल्कुल एक्सपोज्ड था तो ऐसे केस में न्यूक्लियोफिल का अटैक करना बिकम इजियर तो न्यूक्लियोफिल उसके ऊपर अटैक कर पाए सो दिस इज द रीजन कि sn1 रिएक्शंस जो हैं ये हमेशा दो स्टेप में होते हैं तो ये जो sn1 रिएक्शंस होते हैं ये जनरली पोलर प्रोटिक सॉल्वेंट्स में होते हैं ठीक है अब आप पूछोगे पोलर प्रोटिक सॉल्वेंट्स क्या होते हैं पोलर सॉल्वेंट क्या होता है ये तो सबको पता है पोलर सबको पता है राइट एक तरफ पॉजिटिव हो एक तरफ नेगेटिव हो जैसे वाटर है अल्कोहल है एसिटिक एसिड है ये सब पोलर है ओके प्रोटिक का मतलब क्या होता है जो प्रोटिक वर्ड है यह प्रोटोन से आया है तो कोई भी ऐसा सॉल्वेंट जो बड़ी आसानी से एक h+ डोनेट करते बड़ी ही आसानी से जैसे वाटर h2o को कभी भी मांगोगे वो नहीं करेगा आपको वो आसानी से h+ डोनेट कर देगा तो ये एक प्रोटिक सॉल्वेंट है ठीक है अब सबसे बड़ा सवाल यहां पे ये उठता है कि भाई sn1 रिएक्शन होने के लिए प्रोटिक सॉल्वेंट का क्या काम है मुझे प्रोटिक सॉल्वेंट की जरूरत क्यों पड़ती है इसका बहुत बड़ा रोल है अभी-अभी हमने क्या देखा कि sn1 रिएक्शन जो है ये टू स्टेप में होता है पहले स्टेप में क्या होता है पहले स्टेप में जो मेरा हेलो एल्केन है ये टूट जाता है इसका क्लीवेज हो जाता है और मुझे एक हैलाइड आयन और एक कार्बो कटाय मिल जाता है यह टूटने के लिए यह ब्रेकेज होने के लिए बहुत बड़ा रोल कर प्ले करता है प्रोटिक सॉल्वेंट क्योंकि प्रोटिक सॉल्वेंट हमें क्या देता है एक h+ देता है एक प्रोटॉन देता है और ये h+ जो है हैलाइड आयन को खींच के निकाल ला है समझ रहे हो ये जो x माइ निकल के जो आ रहा है हैलाइड आयन जो निकल के आ रहा है उसको कौन खींच रहा है उसको h+ खींच रहा है तो ये हैलाइड आयन h+ के साथ जाके अपना बना लेता है h एक करेक्ट तो इस प्रोटिक सॉल्वेंट की वजह से ही ये जो स्टेप वन में जो ब्रेकेज होता है स्टेप वन में जो क्लीवेज होता है जिसकी वजह से मुझे कार्बो कटाय मिलता है यह पॉसिबल हो पाता है तो चलो अब इस रिएक्शन के मैकेनिज्म को डिटेल में समझते हैं विद बोथ द टू स्टेप्स तो प्यारे बच्चों अगर हम न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन यानी कि यहां पर अगर हम sn1 रिएक्शन के स्टेप्स को थोड़ा सा बारीकी से दे देखें तो हमें कुछ बहुत इंपॉर्टेंट चीजें देखने को मिलती हैं अगर हम फोकस करें इसके स्टेप वन में फर्स्ट स्टेप में फर्स्ट स्टेप में क्या हो रहा है ये मेरा एल्काइन हैलाइड है या फिर हैलो एल्केन जो भी कह लो तो पहले स्टेप में क्या हो रहा है कार्बो कटाय बन रहा है ठीक है पहले स्टेप में क्या हो रहा है जो हैलोजन है वो अपना बोरिया बिस्तर बांध के लिविंग ग्रुप है वो वो अपना लीव कर रहा है वो अपना निकल जा रहा है तो हैलोजन ग्रुप देखो जैसे ही निकल गया ब माइन इधर निकल गया ये अपना अलग से बोरिया बिस्तर बांध के निकल गया तो बचा क्या बचा यह पूरा और यह पूरा क्या है यह है कार्बो कटाय कार्बो क्यों क्योंकि देखो कार्बन है ये सेंटर पे क्या है कार्बन है कार्बन के ऊपर पॉजिटिव चार्ज है यानी कि ये एक कटाय है तो मतलब फर्स्ट स्टेप में क्या बन रहा है मेरे मेरा बन रहा है एक कार्बो कटाय ठीक है ये हमारा पहला स्टेप होता है नाउ इंटरेस्टिंग ये जो पहला स्टेप होता है ना इस स्टेप की खासियत यह होती है कि दिस स्टेप इज स्लो एंड दिस स्टेप इज रिवर्सिबल यह जो स्टेप है यह स्लो एंड रिवर्सिबल है रिवर्सिबल है यह दोनों एरो से ही आपको पता चल रहा है है ना स्लो है ये स्टेप बहुत धीरे-धीरे होता है एज सच क्योंकि ये दो स्टेप का रिएक्शन है ऑल टूगेदर है ना तो दोनों स्टेप इसमें इवॉल्वड तो है लेकिन हमने पढ़ा था याद है जब हम लोग केमिकल काइनेट टक्स लेसन पढ़ते थे अ इसी क्लास में तो केमिकल काइनेटिक्स में हम क्या पढ़ते थे कि कोई भी रिएक्शन कितनी तेजी से होगा ये कौन बताता है रेट ऑफ द रिएक्शन और रेट ऑफ द रिएक्शन किस पे डिपेंड करता है अगर कोई रिएक्शन मल्टीपल स्टेप्स में हो रहा है पांच स्टेप में हो रहा है दो स्टेप में हो रहा है तीन स्टेप में हो रहा है तो उस केस में रेट डिटरमिनिंग स्टेप कौन सा होता है जो स्लोएस्ट स्टेप होता है जो स्टेप सबसे धीरे-धीरे हो रहा है वही रेट डिटरमिनिंग स्टेप होता है ठीक है यह हमने पढ़ा था अब उस लॉजिक के हिसाब से इस रिएक्शन में हालांकि दो स्टेप्स हो रहे हैं बट इस रिएक्शन का ओवरऑल रिएक्शन का रेट डिटरमाइंड करने वाला स्टेप कौन सा है स्टेप नंबर वन यह मेरा रेट डिटरमिनिंग स्टेप है क्यों क्योंकि यह स्लोएस्ट स्टेप है ठीक है ऐसा क्यों क्यों मतलब ये इसके पीछे लॉजिक क्या है ऐसा क्यों है कि जो स्लोएस्ट स्टेप होता है वही रेट डिटरमिनिंग स्टेप है इसको समझने के लिए एक कहानी सुनो लेट अस सपोज कि एक किसी संडे को किसी छुट्टी के दिन पे एक फैमिली रन का आयोजन किया गया है आपके सोसाइटी में या आपके नेबरहुड में या आपके सिटी में ठीक है अब ये फैमिली रन है ठीक है तो मतलब फैमिली में जितने भी लोग हैं मान लो आपकी फैमिली में आपके मम्मी पापा आप हो आपके ग्रैंडफादर हैं ठीक है चार लोग हो आप लोग ठीक है अब सब लोगों को दौड़ के जाना है मतलब एक रेस है लेट्स से कि या आपको 5 किमी दौड़ना है या चल के जाना है या व्हाट एवर अब आपका जो पूरा फैमिली है उस पूरे फैमिली का ओवरऑल स्पीड कितना होगा यह किस पे डिपेंड करेगा बताओ किस पे डिपेंड करेगा जो सबसे तेज दौड़ के पहले पहुंच जाएगा या फिर जो सबसे धीरे दौड़ेगा क्योंकि देखो जो लोग तेज दौड़ेंगे वो तो दौड़ के पहले ही पहुंच जाएंगे राइट लेकिन जो सबसे धीरे दौड़ने वाला बंदा है आपके पूरे फैमिली में ही विल एक्चुअली डिटरमाइंड कि ओवरऑल इस रिएक्शन का रेट कितना होगा समझ रहे हो मतलब अगर आपकी फैमिली में लेट्स से कि आप यंग हो अभी बहुत एनर्जेटिक हो तो आप बहुत जल्दी दौड़ के पहुंच गए ठीक है बट हो सकता है कि आपके ग्रैंडफादर धीरे-धीरे जाएंगे वो इतनी तेजी से नहीं भाग सकते सो इवन दो आपने वो पूरी रेस या वो पूरी जर्नी कवर कर ली 5 मिनट में बट दैट डजन मैटर आपके पूरे फैमिली का जो ओवरऑल रेट है वो कौन डिटरमाइंड करने वाला है है जो सबसे धीरे दौड़ने वाला है राइट तो इस लॉजिक के साथ यू कैन ऑलवेज रिमेंबर कि जो स्लोएस्ट स्टेप होता है वो हमेशा रेट डिटरमिनिंग स्टेप होता है ये क्लियर हुआ ओके तो अब देखो यहां पर खास बात क्या है चूंकि मेरा स्टेप वन जो है यह ओवरऑल रिएक्शन का रेट डिटरमाइंड करता है तो स्टेप वन में कौन इवॉल्वड है स्टेप वन में इवॉल्वड है एल्काइन हैलाइड ठीक है तो इसका मतलब एल्काइन हैलाइड का कंसंट्रेशन के ऊपर डिपेंड करेगा रिएक्शन का रेट क्लियर अब आप पूछोगे फिर स्टेप टू में हो क्या रहा है स्टेप टू में भी बहुत इंपॉर्टेंट चीजें हो रही है क्योंकि एक्चुअल न्यूक्लियोफिलिक अटैक तो स्टेप टू में हो रहा है राइट स्टेप टू में क्या हो रहा है ये जो स्टेप वन में कार्बो कटाय बना इसी कार्बो कटाय के साथ के ऊपर अटैक कर रहा है हमारा न्यूक्लियोफिल व्हिच इज ओ माइन न्यूक्लियोफिल क्या होता है जिसे न्यूक्लियस से प्यार हो जिससे पॉजिटिव चार्ज से प्यार हो अब - के पास ऑलरेडी माइनस है नेगेटिव चार्जेस हैं तो इससे किससे प्यार होगा ओबवियसली पॉजिटिव चार्ज से तो ये इसे अटैक कर देगा और देखो इस तरीके से यहां पर क्या बन जाएगा यहां पर बन जाएगा अल्कोहल ठीक है तो ये मेरा स्टेप टू था लेकिन स्टेप टू क्या है फास्ट है तो स्टेप टू जो है इस रिएक्शन को ओवरऑल रेट डिटरमाइंड नहीं करता है राइट तो इसीलिए जो sn1 रिएक्शन होते हैं मैंने पहले भी बताया था कि यूनि मॉलिक्यूलर होते हैं इसीलिए इनके साथ यह वन लगा हुआ होता है क्योंकि इन रिएक्शंस के जो रेट होते हैं वो सिर्फ एक ही रिएक्टेंट पे डिपेंड करता है एंड व्हाट इज दैट वन रिएक्टेंट दैट वन रिएक्टेंट इज एल्काइन हैलाइड यहां पर इन ये जो रिएक्शंस हैं sn1 रिएक्शन जो हैं इनको न्यूक्लियोफिल के कंसंट्रेशन से कोई मतलब नहीं होता क्योंकि न्यूक्लियोफिल पिक्चर में कब आता है स्टेप टू में और यहां पर स्टेप टू का कंसंट्रेशन मैटर ही नहीं करता है टू डिटरमाइंड द रेट ऑफ द रिएक्शन तो ये एक बहुत इंपॉर्टेंट कांसेप्ट है दिस इज द रीजन बिहाइंड द नेम sn1 दिस इज आल्सो द रीजन कि sn1 रिएक्शंस जो है ये यूनि मॉलिक्यूलर होते हैं या फिर कह सकते हो कि इनका रेट ऑफ रिएक्शन जो है वो सिर्फ एक रिएक्टेंट पे डिपेंड करता है अब बच्चों यह जो कार्बो कटाय बनता है इस कार्बो कटाय की स्टेबिलिटी जितनी ज्यादा होगी उतनी तेजी से वह कार्बो कटाय बन रहा होगा लॉजिक समझ में आया इट इज लाइक हम सभी हम सभी क्या चाहते हैं हम लाइफ में स्टेबल होना चाहते हैं राइट जैसे मान लो जैसे अभी आप लोग पढ़ाई कर रहे हो तो आप लोग सोचते हो कि यार अच्छे नंबर आ जाए कुछ अच्छे से हम क्लियर कर ले कुछ कुछ भी मतलब लाइफ में जो भी बनना है अगर आपको लेट्स से म्यूजिक का शौक है अगर आपको स्पोर्ट्स में इंटरेस्ट है तो आप सोचते हो कि यार मतलब इसमें कुछ बहुत अच्छा करके तरक्की करके हम स्टेबल हो जाए सेटल हो जाए राइट तो सभी लोग लाइफ में क्या चाहते हैं वो स्टेबल होना चाहते हैं अनस्टेबल तो कोई भी नहीं रहना चाहता है कि नहीं तो अब यहां पर क्या हो रहा है जो कार्बो कटाय ज्यादा स्टेबल है क्या होगा वो कार्बो कटाय और जल्दी-जल्दी बनता जाएगा बिकॉज़ एवरीबॉडी वांट्स टू बी स्टेबल है ना तो वही यहां भी होता है तो अगर कार्बो कटाय के स्टेबिलिटी की बात करें तो हमने ऑलरेडी हमारे बेसिस ऑर्गेनिक में पढ़ रखा है कि एक 3 डिग्री कार्बो कटाय जो है वो सबसे ज्यादा स्टेबल होता है फिर एक 2 डिग्री कार्बो कटाय और फिर एक 1 डिग्री कार्बो कटाय ठीक है तो चूंकि 3 डिग्री कार्बो कटाय सबसे ज्यादा स्टेबल होता है तो क्या होता है वो जल्दी-जल्दी बन देंगे राइट तो इसीलिए जो 3 डिग्री एल्काइन लाइड्स होंगे राइट 3 डिग्री एल्काइन लाइड्स बोले तो जिसमें हैलोजन जिस कार्बन एटम एटम से लगा हुआ है उसके साथ तीन और कार्बन जुड़े हुए हैं सो दैट इज अ 3 डिग्री एल्काइन हैलाइड ठीक है तो एक 3 डिग्री एल्काइन हैलाइड sn1 रिएक्शन को सबसे ज्यादा तेज तेज करेगा ठीक है सबसे ज्यादा रिएक्ट करेगा तेजी से रिएक्ट करेगा विद sn1 ठीक है और वही जो 1 डिग्री अल्का इल हैलाइड होगा उसका कंपैरेटिव कम होगा स्पीड तो मतलब जो कार्बो कटाय की स्टेबिलिटी का जो ऑर्डर है दैट इज 3° ग्रेटर दन 2° ग्रेटर द 1° ठीक उसी तरीके से जो एल्काइन हेलाइड्स हैं 3° एल्काइन हैलाइड 2 डिग्री एल्काइन हैलाइड 1 डिगी एल्काइन हैलाइड का sn1 रिएक्शन में रिएक्टिविटी की जो स्पीड है वो भी सेम ऑर्डर में होगा दैट इज 3° ग्रेटर दन 2° ग्रेटर दन 1° तो इसका मतलब 3° एल्काइन लाइड्स जो है ये sn1 रिएक्शन करते हैं वेरी वेरी फास्ट हम यह भी नोटिस करते हैं कि जो एलाइक हेलाइड्स और बेंजाइलिक हेलाइड्स होते हैं ये काफी हाई रिएक्टिविटी शो करते हैं टुवर्ड्स sn1 रिएक्शन अ सबसे पहले तो एलाइक लाइड्स क्या होते हैं एलाइक हैलाइड मतलब जो हैलोजन है वो जिस कार्बन से अटैच है वो कार्बन कार्बन कार्बन डबल बॉन्ड का पड़ोसी है सो दैट इज एलाइक हैलाइड ठीक है बेंजाइलिक हैलाइड मतलब जो हैलोजन जिस कार्बन से अटैच है वो कार्बन बेंजीन रिंग से अटैच है मतलब बेंजीन रिंग का कार्बन नहीं है बेंजीन रिंग के किसी कार्बन से जो कार्बन अटैच है उस कार्बन के साथ हैलोजन अटैच है तो उसे हम बेंजाइलिक हैलाइड कहेंगे अब ये जो दोनों कैटेगरी के हेलाइड्स हैं चाहे एलाइक लाइड्स है या बेंजाइलिक लाइड्स हैं ये sn1 रिएक्शन में बहुत हाई रिएक्टिविटी शो करते हैं ऐसा क्यों क्यों हो सकता है आप खुद सोचो sn1 रिएक्शन में सबसे पहले क्या होता है क्लीवेज होता है जिससे कार्बो कटाय बनता है राइट स्प्लिटिंग होती है जिससे कार्बो कटाय बनता है तो यहां पर दोनों ही केस में जो कार्बो कटाय बनते हैं वो एक्स्ट्रा स्टेबल होते हैं क्यों एक्स्ट्रा स्टेबल होते हैं बिकॉज ऑफ रेजोनेंस बेंजीन रिंग में रेजोनेंस का तो कांसेप्ट हमने पढ़ा है राइट रेजोनेंस के जो स्ट्रक्चर्स होते हैं हमारे जो कैनॉनिकल फॉर्म्स होते हैं उनकी वजह से उनका स्टेबिलिटी और ज्यादा होता है तो ये जो दोनों ही तरह के हेलाइड्स हैं चाहे अलाइक हेलाइड्स हो चाहे बेंजाइलिक हेलाइड्स हो यहां इन दोनों केस में जो कार्बो कटाय बनता है रेजोनेंस की वजह से वो कार्बो कटाय एक्स्ट्रा स्टेबल होते हैं और जो भी चीज एक्स्ट्रा स्टेबल होती है वो चीज बहुत जल्दी-जल्दी बनती है यानी कि इन इस तरह के जो हेलाइड्स होते हैं ये बहुत ही तेजी से sn1 रिएक्शन करेंगे दैट इज व्हाई दे शो हाई रिएक्टिविटी टुवर्ड्स sn1 रिएक्शन तो बच्चों अब बारी है sn2 रिएक्शन की अब s और n तो वही सब्सीट्यूशन और न्यूक्लि फिलिक के लिए यही स्टैंड करता है टू यहां पर क्या डिनोट करता है जिस तरह sn1 रिएक्शन में वन क्या डिनोट करता था कि जो रेट ऑफ़ द रिएक्शन है वो सिर्फ एक रिएक्टेंट के ऊपर डिपेंड करता है यहां पर sn2 रिएक्शन में जो रेट ऑफ द रिएक्शन है दैट डिपेंड्स ऑन टू रिएक्टेंट्स सिर्फ एक के ऊपर डिपेंड नहीं करता है जैसे sn1 के केस में हमने क्या देखा था कि सिर्फ एल्काइन हैलाइड के कंसंट्रेशन पे ही डिपेंड करता है रिएक्शन का रेट है ना वहां पर न्यूक्लियोफिल के कंसंट्रेशन से कोई लेना देना नहीं है बट sn2 रिएक्शन की जब हम बात करेंगे यहां पर हम क्या देखेंगे कि जो रेट ऑफ द रिएक्शन है ये दोनों रिएक्टेंट्स पे डिपेंड करता है कैसे चलो समझेंगे तो होता क्या है sn2 रिएक्शन में तो यहां पर भी एक न्यूक्लियोफिल का अटैक होता है किस पे अटैक होता है हैलो एल्केन पे हैलो एल्केन के कहां पर हैलो एल्केन के पॉजिटिव चार्ज जहां पर है उस वाले पॉइंट पे अटैक हो है राइट क्योंकि न्यूक्लियोफिल अटैक कर रहा है तो वो हमेशा पॉजिटिव चार्ज पे अटैक करेगा ठीक है तो पॉजिटिव चार्ज कहां होता है कार्बन पे होता है क्योंकि कार्बन हैलोजन का जो बॉन्ड होता है वो पोलराइज्ड होता है कार्बन में स्लाइटली पॉजिटिव चार्ज हैलोजन में स्लाइटली नेगेटिव चार्ज राइट तो यहां पर जो अटैक है न्यूक्लियोफिल आके डायरेक्ट यहां पे कार्बन पे अटैक कर देता है लेकिन ये अटैक पीछे से करता है बैक साइड से जैसे मान लो कार्बन है आगे की साइड से कार्बन किसके साथ जुड़ा हुआ है हैलोजन के साथ पीछे की साइड से न्यूक्लियोफिल आके उसी कार्बन के ऊपर अटैक कर देता है मतलब उसी कार्बन को पीछे की साइड से न्यूक्लियोफिल आके अटैक करके एक बॉन्ड बना लेता है और आगे की साइड से क्या होता है आगे की साइड से जो मेरा हैलोजन ग्रुप है जो हैलाइड है उसको रिप्लेस कर देता है मतलब कुछ यूं होता है कि भाई कार्बन यहां पर है पीछे से आके ये जुड़ गया और आगे से ये हैलोजन निकल गया एंड दैट्ची ग्रुप ठीक है क्योंकि व अपना बोरिया बिस्तर बांध के इधर से निकल गया ठीक तो ऐसा ही कुछ होता है sn2 रिएक्शन में तो अब देखो sn2 रिएक्शन जो है ये एक स्टेप में होता है वन स्टेप में यहां पर कोई स्टेप वन स्टेप टू का लॉजिक नहीं है देयर इज जस्ट वन सिंगल स्टेप एक ही सिंगल स्टेप में बैक साइड से न्यूक्लियोफिल अटैक करता है और रिप्लेस कर देता है हमारे हैलाइड आयन को व्हिच इज द लीविंग ग्रुप ठीक ओके अब चूंकि ये एक स्टेप इवॉल्वड है यहां पर तो यही हमारा रेट डिटरमिनिंग स्टेप है यही स्लो स्टेप है यही रेट डिटरमिनिंग स्टेप है है ना तो इसीलिए इस रिएक्शन के केस में जो रेट ऑफ द रिएक्शन है वो किस पर डिपेंड करता है बताओ इस एक स्टेप में कितने रिएक्टिंग स्पीशीज इवॉल्वड है इस एक स्टेप में दो रिएक्टिंग स्पीशीज इवॉल्वड है एक तो अटैकर अटैक कौन कर रहा है न्यूक्लियोफिल राइट और दूसरा एल्काइन हैलाइड जिसके ऊपर अटैक हो रहा है जो अटैक कर रहा है और जिसके ऊपर अटैक हो रहा है यह दोनों ही इस रेट डिटरमिनिंग स्टेप में इवॉल्वड है इसीलिए इन दोनों के कंसंट्रेशन पे डिपेंड करता है रेट ऑफ द रिएक्शन और इसीलिए इसे हम कहते हैं बाय मॉलिक्यूलर सब्सीट्यूशन रिएक्शन बाय मॉलिक्यूलर न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन और इसीलिए हम इसे लिखते हैं sn2 क्लियर हो गया यहां तक अमेजिंग अब इस sn2 रिएक्शन में एक और खास बात देखने को मिलती है चूंकि यहां पर न्यूक्लियोफिल का अटैक बैक साइड से होता है इसीलिए यहां हम नोटिस करते हैं एक नई चीज दैट इज इवर्स ऑफ कॉन्फिन मतलब मतलब नोटिस करो ये एल्काइन हैलाइड था मेरा ठीक है हैलोजन पे नोटिस करो हैलोजन किस साइड था कार्बन के साथ ब्रोमीन यूं आगे लगा हुआ था अब एक न्यूक्लियोफिल आया उसने कार्बन को पीछे से अटैक किया सामने से यह ब्रोमीन बाहर निकल गया तो जो प्रोडक्ट मुझे मिला उस प्रोडक्ट का कॉन्फ़िगरेशन देखो अब देखो कार्बन के साथ पीछे की साइड से लगा हुआ है हमारा ग्रुप ने अटैक किया था तो जो ओ है वो कार्बन के पीछे की तरफ लगा हुआ है अब देखो जो रिएक्टेंट था और जो प्रोडक्ट हमें मिला दोनों का अगर क कॉन्फ़िगरेशन देखो दोनों के स्ट्रक्चर को अगर देखो तो वो उलट गए हैं राइट देयर इज एन इंवर्जन और ये इंवर्जन किसकी वजह से हुआ बैक साइड अटैक की वजह से तो चलो देखिए sn2 रिएक्शंस के बारे में कुछ इंपॉर्टेंट बातें जैसे कि इस रिएक्शन को फेवर करता है एप्रोटो वेंट एप्रोटो h+ नहीं देते हैं तो देखो ना यहां पर h+ का कोई काम भी नहीं है क्योंकि ये रिएक्शन होता है सिर्फ एक ही स्टेप में तो उस एक ही स्टेप में जो है मेरा अटैक करने वाला जो न्यूक्लियोफिल है वो अटैक करके और हैलोजन को रिप्लेस भी कर देता है तो पूरा काम एक ही स्टेप में खत्म हो जाता है तो यहां पर मुझे प्रोटॉन या फिर h+ की कोई जरूरत भी नहीं है है ना इस रिएक्शन की दूसरी खास बात यह है कि य यहां पर रेट ऑफ रिएक्शन जो है वो दोनों चीजों पे डिपेंड करता है अटैकिंग रिएजेंट पे भी यानी कि जो अटैक कर रहा है जो हमारा न्यूक्लियोफिल है और दूसरा सबस्ट्रेट पे भी यानी कि जिसके ऊपर अटैक हो रहा है तो यहां पर एल्काइन हैलाइड और न्यूक्लियोफिल दोनों के कंसंट्रेशन पे डिपेंड करता है रिएक्शन का रेट इस तरह के रिएक्शन में sn2 रिएक्शन में एक स्ट्रांग न्यूक्लियोफिल का होना बहुत-बहुत जरूरी है ऐसा क्यों क्योंकि देखो इस रिएक्शन में क्या होता है ना एक ही स्टेप में उस न्यूक्लियोफिल को अटैक करके लीविंग ग्रुप को रिप्लेस कर देना है राइट तो इसीलिए वो जो न्यूक्लियोफिल है दैट हैज टू बी अ स्ट्रांग न्यूक्लियोफिल ताकि एक ही स्टेप में वो डायरेक्टली जाके उस पे अटैक कर सके डायरेक्टली जाके जो भी पॉजिटिव चार्ज वाला इलेक्ट्रोफिलिक सेंटर है उस एल्काइन हैलाइड का उसके ऊपर अटैक कर सके तो इसीलिए न्यूक्लियोफिल का स्ट्रांग होना बहुत जरूरी है लेकिन वही अगर हम इसे कंपेयर करें sn1 रिएक्शन में तो वहां पर न्यूक्लियोफिल अगर बहुत ज्यादा स्ट्रांग ना भी हो तब भी चलता है क्यों क्योंकि वहां पर रिएक्शन दो स्टेप में होता है तो पहले स्टेप में जो है ना अपने आप ही एल्काइन हैलाइड जो है हैलाइड को रिलीज कर देता है और हमें कार्बो कटाय एक्सपोज्ड कार्बो कटाय दे देता है तो उस कार्बो कटाय के ऊपर तो एनीवेज अगर बहुत स्ट्रांग न्यूक्लियोफिल ना भी हो तो वो भी अटैक कर लेगा इजंस यहां पर sn2 रिएक्शन में एक स्ट्रांग न्यूक्लियोफिल की बहुत ज्यादा जरूरत होती है नेक्स्ट इंपॉर्टेंट बात ये है कि यहां पर sn2 रिएक्शन में चूंकि न्यूक्लियोफिल पीछे से अटैक करता है उसकी वजह से हम क्या नोटिस करते हैं इंवर्जन इज नोटिसड कॉन्फ़िगरेशन इवर्स हो जाता है अब बारी है डिस्कस करने की रिएक्टिविटी ऑफ एल्काइन हैलाइड भाई जब हम sn1 रिएक्शन डिस्कस कर रहे थे तो हमने वहां पे देखा था कि जो टर्श हेलाइड्स होते हैं यानी कि 3 डिग्री हेलाइड्स होते हैं वो सबसे ज्यादा रिएक्ट करते हैं sn1 रिएक्शन में उससे कम 2 डिग्री हेलाइड्स और उससे कम 1 डिग्री हेलाइड्स इंट रेस्टिंग यहां पर हम नोटिस करेंगे यानी कि sn2 रिएक्शन के केस में यह ऑर्डर एगजैक्टली उल्टा होता है यानी कि जो प्राइमरी लाइड्स होते हैं वो सबसे ज्यादा फास्ट रिएक्ट करते हैं विद sn2 रिएक्शन उससे कम रिएक्ट करते हैं सेकेंडरी हेलाइड्स और उससे भी कम रिएक्ट करते हैं टर्श अरी हेलाइड्स ठीक है तो यहां पर मेरा ऑर्डर कुछ उल्टा है 1° इज ग्रेटर दन 2° इज ग्रेटर दन 3 डिग्री सवाल उठता है कि ऐसा क्यों ऐसा इसलिए क्योंकि यार यहां पर मेरा पूरा फंडा इसके ऊपर डिपेंडेंट है कि न्यूक्लियोफिल को एक ही स्टेप में अटैक करना है एल्काइन के इलेक्ट्रोफिलिक सेंटर को यानी कि एल्काइन हैलाइड का जो पॉजिटिव वाला कार्बन है उसको एक ही बार में अटैक कर देना है ठीक है अब आप खुद सोच के देखो प्राइमरी हैलाइड के केस में क्या होगा वो जो कार्बन है उसके साथ एक और कार्बन ही अटैच होगा ठीक है सेकेंडरी हैलाइड के केस में क्या होगा उस कार्बन के साथ दो और कार्बन अटैच होंगे टर्श अरी हैलाइड में क्या होगा कि उस कार्बन कान के साथ तीन और कार्बन अटैच होंगे राइट तो अब आप खुद बताओ कि कौन से केस में न्यूक्लियोफिल के लिए अटैक करना आसान है प्राइमरी हेलाइड के केस में क्योंकि वहां पर सिर्फ एक ही ग्रुप अटैच है इट इज लाइक कि वो जो रिच बंदे की स्टोरी मैंने बताई थी विद सिक्योरिटी गार्ड्स तो इट इज लाइक कि वो रिच बंदा है अगर उसके साथ सिर्फ एक सिक्योरिटी गार्ड है तो उस समय चोर के लिए उसको अटैक करना इजी होगा या फिर तब इजी होगा जब उसको चारों तरफ से तीन सिक्योरिटी गार्ड ने घेर रखा है आप खुद बताओ किस टाइम पे इजी होगा जब उसके पास एक ही सिक्योरिटी गार्ड है राइट सो दिस इज़ द रीज़न कि जब हम sn2 रिएक्शन की बात करते हैं तो वहां पर प्राइमरी हेलाइड्स जो हैं वो सबसे ज्यादा फास्ट रिएक्ट करते हैं sn2 रिएक्शन में राइट समझ में आ गया लेकिन sn1 रिएक्शन में कहानी ही कुछ और थी क्योंकि sn1 रिएक्शन का कांसेप्ट ही कुछ और था sn1 रिएक्शन में क्या हो रहा था सबसे पहले तो एल्काइन हैलाइड को टूट करके कार्बो कटाय बनाना था क्योंकि कार्बो कटाय का कांसेप्ट था वहां पे है ना कार्बो कटाय वहां पर एक इंटरमीडिएट था अब कार्बो कटाय में सबसे ज्यादा स्टेबल कार्बो कटाय होता है टर्श 3 डिग्री तो चूंकि 3 डिग्री कार्बो कटाय ज्यादा स्टेबल था तो 3° जल्दी बनेगा 3° जल्दी बनेगा तो जो 3 डिग्री एल्काइन लाइड्स है वो जल्दी रिएक्ट करेंगे ठीक है तो ये दोनों लॉजिक क्लियर हो गए बट अब इसको एक मेमोरी टिप की तरह याद कर लो कि अगर sn1 रिएक्शन की बात हो रही है तो फिर रिएक्टिविटी में 3डि इ ग्रेटर दन 2° इज ग्रेटर द 1° अगर sn2 रिएक्शन की बात हो रही है तो उस केस में 1° इज ग्रेटर द 2° इ > द 3° बट एक बात दोनों केस में सेम रहती है चाहे हम sn1 रिएक्शन की बात करें या sn2 रिएक्शन की बात करें दोनों ही केस में हम देखते हैं कि जो हमारे हेलाइड्स की रिएक्टिविटी है फॉर एग्जांपल इफ वी टॉक अबाउट आयोडाइड्स तो आयोडाइड सबसे ज्यादा रिएक्टिव होते हैं उसके बाद ब्रोमाइड्स उसके बाद क्लोराइड्स और उसके बाद फ्लोराइड ऐसा क्यों होता है बिल्कुल शुरुआत में डिस्कस किया था कि आयोडीन जो है वो क्या होता है बेस्ट लिविंग ग्रुप है इन चारों में से सबसे अच्छा लिविंग ग्रुप आयोडीन है और सबसे खराब लिविंग ग्रुप फ्लोरीन है अब चूंकि आयोडीन अच्छा लिविंग ग्रुप है तो क्या होगा वो फटाक से निकल जाएगा बोरिया विस्तर बांध के जैसे ही वो निकल गया तो मेरा रिएक्शन जल्दी होगा तो चाहे sn1 रिएक्शन हो या sn2 रिएक्शन हो आयोडाइड्स जो हैं वो सबसे तेजी से रिएक्ट करेंगे और फ्लोराइड जो हैं उस सबसे धीरे रिएक्ट करेंगे ओके तो बच्चों sn1 और sn2 रिएक्शन तो हमने पढ़ लिया और कुल मिला के हमें ये समझ में आया कि जब हम sn1 रिएक्शन की बात कर रहे थे वहां पर न्यूक्लियोफिल का स्ट्रेंथ इंपॉर्टेंट नहीं था कि न्यूक्लियोफिल कितना स्ट्रांग है या कितना वीक है ठीक है क्यों क्योंकि वहां पर एक इंटरमीडिएट कार्बो कटाय बन रहा था चूंकि कार्बो कटान बन रहा था तो भले अगर वीक न्यूक्लियोफिल भी उसको अटैक करेगा तब भी वो अटैक कर लेगा लेकिन वहीं अगर हम sn2 रिएक्शन की बात करें तो वहां पर हमें एक स्ट्रांग न्यूक्लियोफिल ही चाहिए क्योंकि वहां पर एक ही स्टेप में हमें अटैक करके और हैलाइड को रिप्लेस करना है राइट तो इसीलिए यहां पर एक स्ट्रांग न्यूक्लियोफिल चाहिए अगर बात करें लिविंग ग्रुप की तो चाहे sn1 रिएक्शन हो या sn2 रिएक्शन हो दोनों में ही एक अच्छे लीविंग ग्रुप की जरूरत है ताकि वो लिविंग ग्रुप चुपचाप एक गुड बॉय की तरह अपना बोरिया बिस्तर बांध के निकल जाए ठीक है अगर बात करें sn1 रिएक्शन की तो वहां पर हम में चाहिए होता है एक पोलर प्रोटिक सॉल्वेंट प्रोटिक सॉल्वेंट क्यों ताकि वो सॉल्वेंट h+ आयन आराम से दे दे और वही h+ आयन जो है वो हैलाइड आयन को खींच ले जैसे ही वो हैलाइड आयन को खींच लेगा तो हमारा sn1 रिएक्शन का जो पहला स्टेप है वो स्टेप हो जाएगा जिससे एक कार्बो कटाय बनेगा दूसरी तरफ अगर हम बात करें sn2 रिएक्शन की तो वहां पर उ इस तरह के रिएक्शंस को फेवर करता है एप्रोटो वेंट्स जैसे कि एसीटोन तो बच्चों तो sn1 और sn2 रिएक्शन का एक और नजरिया देखने के लिए कुछ और इनके छुपे हुए कांसेप्ट को देखने के लिए थोड़ी बहुत जानकारी होनी चाहिए स्टीरियो केमिस्ट्री की तो चलो स्टीरियो केमिस्ट्री के जो भी जरूरी जरूरी कांसेप्ट हैं उनको कवर कर लेते हैं स्टीरियो केमिस्ट्री होता क्या है स्टीरियो केमिस्ट्री केमिस्ट्री का एक ऐसा ब्रांच है जिसके अंदर हम पढ़ते हैं अबाउट स्पेशियल अरेंजमेंट ऑफ एटम्स या ग्रुप ऑफ एटम्स इन मॉलिक्यूल मतलब किसी भी मॉलिक्यूल के अंदर जो एटम एटम्स हैं उन एटम्स की अरेंजमेंट कैसी है उसके अरेंजमेंट के बारे में हम पढ़ते हैं अब आप यही सोच रहे होंगे कि यार एटम्स के अरेंजमेंट का sn1 sn2 रिएक्शन से क्या लेना देना लेना देना है तभी तो पढ़ रहे हैं राइट कैसे लेना देना है ये मैं बताती हूं लेट्स टॉक अबाउट से sn2 रिएक्शन अभी-अभी पढ़ा था sn2 रिएक्शन sn2 रिएक्शन में हमने क्या होते हुए देखा था अगर मैं सिर्फ एटम्स के स्पेशियल अरेंजमेंट की बात करूं मतलब एटम्स जिस तरह से अरेंज्ड थे अगर सिर्फ उसकी बात करूं तो एक sn2 रिएक्शन में हमने देखा था होते हुए इंवर्जन जिसे हम कहते हैं स्टीरियो केमिकल इवर्सन ठीक है ठीक उसी तरह अगर मैं sn1 रिएक्शन की बात करूं तो वहां पर होता है रेसमाइजेशन अब आप सोचोगे ये सब कैसे वर्ड्स है रेसमाइजेशन स्टीरियो केमिकल इंवर्जन वगैरह सो दैट इज व्हाट वी आर गोइंग टू लर्न अबाउट तो अभी थोड़ा सा टाइम स्पेंड करेंगे टू अंडरस्टैंड कि भाई रेसमाइजेशन क्या होता है स्टीरियो केमिकल इंवर्जन क्या होता है क्योंकि ये सब sn1 sn2 से लिंक्ड है ठीक है तो अब तो आप कन्विंस्ड हो कि भाई ये वाला सेक्शन पढ़ना जरूरी है है कि नहीं तो चलो पढ़ते हैं तो चलो बच्चों स्टीरियो केमिस्ट्री के कांसेप्ट की शुरुआत यहां पर हम करेंगे विद अ कांसेप्ट कॉल्ड कायरल अब कारेलिंग का ये कांसेप्ट किससे लिंक्ड है स्टीरियो आइसोमरिज्म से लिंक्ड है आइसोमर्स क्या होते हैं जब कभी भी हमारे पास दो ऐसी चीजें हो जिनका मॉलिक्यूलर फार्मूला सेम है लेकिन उनके स्ट्रक्चर्स अलग-अलग हैं मतलब उनके के जो एटम्स के अरेंजमेंट है वो अलग है तो हम उन्हें आइसोमर्स कहते हैं ठीक है तो इन्हें हम स्टीरियो आइसोमर्स कहते हैं जिन्हें हम ऑप्टिकल आइसोमर के कैटेगरी में भी फॉल कराते हैं तो चलो फिलहाल देखते हैं कि किस तरह के ऑब्जेक्ट्स को हम कायरल कहते हैं और किस तरह के ऑब्जेक्ट्स को हम ए काइरफोल सुपर इंपोसिबल होते हैं मतलब मान लो यह मेरा हाथ है दिस इज माय राइट हैंड ठीक है तो मैं अपने राइट हैंड का अगर मिरर इमेज देखो मिरर के सामने अगर मैं अपने राइट हैंड को ऐसे रखूं तो इसका मिरर इमेज कैसा दिखेगा कुछ कुछ ऐसा मेरे लेफ्ट हैंड के जैसा राइट हमारा राइट हैंड का जो मिरर इमेज दिखता है दैट इज जस्ट लाइक आवर लेफ्ट हैंड करेक्ट अब मुझे यह बताओ कि यह मेरा ऑब्जेक्ट है और यह मेरा इमेज है इसी ऑब्जेक्ट का मिरर इमेज है क्या क्या ये दोनों सुपर इंपोज बल है एक के ऊपर दूसरे को अगर हम रखें तो क्या यह एटली सुपर इंपोज कर रहे हैं नहीं देखो कहां कर रहा है एगजैक्टली सुपर इंपोज बिल्कुल नहीं कर रहा है राइट तो इस तरह के ऑब्जेक्ट को हम कहते हैं कायरल ऑब्जेक्ट्स ठीक है दूसरी तरफ मान लो मैं बात करती हूं इस कटोरी की ठीक है इसको अगर मैं मिरर के सामने रखूं तो इसका मिरर इमेज कैसा होगा कुछ ऐसा च इज लाइक एटली आइडेंट कल है ना तोर इन दोनों को मैं सुपर इंपोज करने की कोशिश करूं तो मैं क्या देखती हूं ये एगजैक्टली सुपर इंपोज हो जा रहे हैं राइट ये एगजैक्टली सुपर इंपोज हो रहा है तो यानी कि इस तरह के ऑब्जेक्ट्स के केस में जिनके मिरर इमेजेस सुपर इंपोज बल होते हैं उन्हें हम कहते हैं एयरल तो जब एक ऑब्जेक्ट अपने मिरर इमेज के साथ सुपर इंपोसिबल नहीं होता है उसे हम कहते हैं कायरल और इस प्रॉपर्टी को हम कहते हैं कारेलिंग तो चलो बच्चों अ कुछ एग्जांपल्स लेंगे कायरल और अकाल कंपाउंड्स की फ्रॉम केमिस्ट्री मतलब कुछ कंपाउंड्स देखते हैं जो कायरल हैं और जो ए आयरल है ठीक है तो चलो बात करते हैं मीथेन की जैसा कि हम सभी को पता है कि मीथेन का स्ट्रक्चर होता है कुछ ऐसा ch4 तो लेट्स से ये ब्लैक वाला कार्बन है और जो वाइट वाले दिख रहे हैं दे आर हाइड्रोजन ठीक है अब मीथेन का मिरर इमेज कैसा होगा तो लेट अस सपोज ये मेरा स्ट्रक्चर है मीथेन का अगर इसके सामने एक मिरर रख दिया जाए तो इसका मिरर इमेज कुछ ऐसा होगा राइट ओके तो अगर इसका मिरर इमेज कुछ ऐसा होगा सो डू यू थिंक कि ये दोनों सुपर इंपोज बल होंगे डू यू थिंक ये सुपर इंपोज बल होंगे सुपर इंपोज बल होंगे या नहीं यह पता करने के लिए हम क्या करेंगे सबसे पहले जो भी इसका मिरर इमेज है इसको 180° घुमा दो राइट तो यानी कि ये मिरर इमेज है 180° कैसे घुमाओ ग किसी भी एक लाइन को कंसीडर कर लो लेट्स से आई एम टॉकिंग अबाउट दिस लाइन इसको एगजैक्टली 180° घुमा दिया मैंने करेक्ट अब जो स्ट्रक्चर मिला इसको और इसको दोनों को सुपर इंपोज कर दो एक के ऊपर एक क्या ये सुपर इंपोज हो रहा है बिल्कुल हो रहा है बिल्कुल सुपर इंपोज हो रहा है तो यानी कि इसका मिरर इमेज ये एक ऐसा ऑब्जेक्ट है जिसका मिरर इमेज इसके सुपर इंपोज बल है तो इस तरह के ऑब्जेक्ट्स को हम क्या कहते हैं ए आयरल तो यानी कि मीथेन ए आयरल है अब लेते हैं एक दूसरा एग्जांपल लेट अस टॉक अबाउट दिस स्ट्रक्चर जिसमें बीच में है कार्बन एक तरफ लगा हुआ है हाइड्रोजन एक तरफ लगा हुआ है nh2 एक तरफ लगा हुआ है ch3 और यहां लगा हुआ है cooh-cooh के लिए कि क्या ये मिरर इमेज के साथ सुपर इंपोज बल है हम क्या करेंगे हम अपना वही ट्रिक लगाएंगे लेट्स सपोज अभी मिरर को हटा दिया बट उसको हटाने से पहले ये जो इमेज है इसको हमने 180° घुमा दिया कैसे घुमाएंगे 180° देखो ब्लू वाले बॉल पे फोकस करो तो जो वाइट वाला लाइन है जो ब्लू वाले बॉल को कनेक्ट कर रहा है उस लाइन को एगजैक्टली मैंने 180° घुमा दिया घुमा दिया ओके अब देखो क्या ये दोनों सुपर इंपोज हो रहे है तो अगर मैं सुपर इंपोज करना भी चाहूं ये हो नहीं रहे हैं क्यों क्योंकि देखो ब्लू बॉल वाइट के साथ टकरा रहा है वाइट येलो के साथ टकरा रहा है इधर येलो ब्लू के साथ टकरा रहा है तो ये एगजैक्टली सुपर इंपोज नहीं हो रहे हैं इसका क्या मतलब हुआ बताओ क्या मतलब हुआ इसका ये मतलब हुआ कि ये एक ऐसा ऑब्जेक्ट है जो अपने मिरर इमेज के साथ सुपर इंपोज बल नहीं है यानी कि दिस इज कारल तो बच्चों एगजैक्टली इसी जगह पे एक डाउट स्ट्राइक करता है दिमाग पे और वो डाउट यह है कि मैम हम यह 180° घुमा क्यों रहे हैं हमने तो यह बोला था कि भाई ऑब्जेक्ट और उसका मिरर इमेज ये सुपर इंपोज बल होना चाहिए है ना तो बच्चों ऑब्जेक्ट और उसके मिरर इमेज को सुपर इंपोज कराने के लिए एक दूसरे के ऊपर चढ़ाने के लिए ही हमें 180° घुमाना पड़ता है राइट कैसे देखो मैं हाथ वाला एग्जांपल लेती हूं क्योंकि बहुत से बच्चों को ऐसा लग रहा होगा कि जब आप मैम ने हैंड वाला एग्जांपल लिया था या कटोरी वाला एग्जांपल लिया था तब तो मैम ने 180° घुमाने की बात नहीं की थी उस समय मैंने नहीं की थी ताकि शुरुआत में ही बहुत कॉम्प्लिकेटेड ना हो जाए ठीक है अब मैं आपको ये प्रूफ करके दिखाती हूं कि जो हाथ वाला एग्जांपल है वहां पर भी अननोइंग्ली हम उसे 180 डिगी घुमा रहे हैं कैसे देखो ऐसे ठीक है बहुत ध्यान से देखना इस चीज को इनफैक्ट उसको खुद से भी करके देखना ठीक है जब मैंने ये बोला कि मैंने अपना राइट हैंड लिया इसको मिरर के सामने रखा ठीक है तो मिरर में मुझ मुझे इसका जो मिरर इमेज दिख रहा है वो एगजैक्टली मेरे लेफ्ट हैंड के जैसा है ठीक है और फिर मैंने बोला कि मैंने इन दोनों को सुपर इंपोज किया और यह सुपर इंपोज नहीं हुए ठीक है यही बोला था मैंने तो आप बोलोगे कि इसमें कहीं पर भी 180 डिग्री घुमाने की तो बात नहीं हुई क्यों नहीं हुई बात अब मैं समझाती हूं हाथ को मैंने ऐसे रखा तो यानी कि जाहिर सी बात है मेरा इमेज कहां पे है मेरा मिरर कहां पे है हाथ के सामने है राइट तो यहां पर जो मुझे मिरर इमेज दिख रहा है वो कैसा दिख रहा है वो कुछ ऐसा दिख रहा होगा राइट समझ रहे हो बात को क्योंकि मेरा हाथ यहां पे है मिरर यहां पे है अब मिरर यहां पे है तो मुझे इमेज कुछ ऐसा दिख रहा है राइट करेक्ट बट क्या मैंने ऐसे ही सुपर इंपोज करा दिया नहीं मैंने कैसे सुपर इंपोज कराया मैंने बोला कि मुझे ना कुछ ऐसा सा दिख रहा है और ये जो ऐसा सा दिख रहा है ये कैसा दिख रहा है मेरे इस हैंड के जैसा दिख रहा है तो देखो मैंने क्या किया ये ऐसा था इमेज उसको मैंने 180 डिग्री घुमा लिया अब मैंने सुपर इंपोज कराया सुपर इंपोज नहीं हुआ मैंने क्या बोला ह्यूमन हैंड्स जो है ये किसका एग्जांपल है कायरल का एग्जांपल है ये कायरल शो करता है ठीक है और अच्छे से समझाती हूं मान लो मैंने हाथ को यूं रखा ठीक है मैंने बोला कि मिरर यहां पर है ठीक है तो ऐसे केस में मेरा मिरर इमेज जो है इसका कुछ ऐसा दिखेगा ठीक है बट क्या मैं इसको ऐसे सुपर इंपोज करा दूंगी नहीं मैं क्या करूंगी इसको घुमाऊंगा माया तो ये ऐसा हो गया ठीक है अब दोनों को सुपर इंपोज कराओ क्या यह हो रहा है नहीं हो रहा है भाई सुपर इंपोज तो नहीं हो रहा है क्यों क्योंकि ह्यूमन हैंड्स आर कायरल दे शो कालि उसी तरह से आप कुछ भी चीजें ट्राई करके देखो फॉर एग्जांपल लेट्स से मैंने हैंड का ऐसा रखा मूवमेंट मिरर यहां पे है तो इसका मिरर इमेज कैसा दिखेगा ऐसा राइट इसको सुपर इंपोज कराने के लिए मैंने क्या किया 180° घुमा दिया अब देखो दोनों को सुपर इंपोज करो क्या ये हो रहा है नहीं हो रहा है यार देखो ना इधर लिटिल फिंगर आ रहा है तो इधर इसका थंब आ रहा है इस हाथ का इधर थंब आ रहा है तो इसका लिटिल फिंगर आ रहा है तो ये सुपर इंपोज नहीं हो रहा है क्यों ह्यूमन हैंड्स आर कारल राइट तो आई होप विद दिस इट इज क्लियर राइट तो आपको सिंपल सा सीधे-साधे शब्दों में आपको सिर्फ इतना याद रखना है जभी भी मिरर इमेज को सुपर इंपोज करने की बात होती है तो आप क्या करोगे जो भी आपका मॉलिक्यूल है या जो भी आपका ऑब्जेक्ट है उसको रखो उसका मिरर इमेज बनाओ मिरर इमेज लेटरली इनवर्टेड होते हैं ये हमने फिजिक्स में पढ़ा है उसका मिरर इमेज बनाओ उसको 180 डिग्री घुमा दो और फिर दोनों को ओवरलैप करके देखो कि क्या वो सुपर इंपोज कर रहे हैं अगर वह सुपर इंपोज कर रहे हैं तो वह ए कायरल है अगर वह सुपर इंपोज नहीं कर रहे हैं तो वह कायरल है तो बच्चों अब सवाल यह उठता है कि ऐसा क्यों होता है कि कुछ मॉलिक्यूल ऐसे होते हैं जो अपने मिरर इमेज के साथ सुपर इंपोज बल नहीं होते हैं मतलब यह जो कायरल मैटेरियल्स होते हैं वह ऐसे क्यों होते हैं राइट एंड दिस इज वेयर वी टॉक अबाउट ऑप्टिकल एक्टिविटी हम नोटिस करते हैं कि यह जो कायरल मैटेरियल्स है इनका लाइट के साथ इनफैक्ट प्लेन पोलराइज्ड लाइट के साथ एक अलग तरह का इंटरेक्शन होता है अब जैसे ही मैंने यह स्टेटमेंट बोला तो आप सोचोगे कि भाई कहां से कहां जा रहे हैं हम प्लेन पोलराइज लाइट क्या होता है धीरे-धीरे करके पूरा लिंक बैठा जाऊंगी मैं सबसे पहले समझेंगे एक-एक करके प्लेन पोलराइज्ड लाइट क्या होता है लाइट क्या होता है एक वेव होता है हमने पढ़ा था राइट एक ट्रांसवर्स वेव होता है एक लोंगिट्यूड वेव होता है ट्रांसवर्स वेव में क्या होता है कि वेव का ओसिन का जो डायरेक्शन है वो वेव के ओवरऑल मोशन के परपेंडिकुलर होता है मतलब अगर वेव इधर जा रहा है तो उसका ओसिन का डायरेक्शन ऐसा होगा सो दैट बोथ आर परपेंडिकुलर उन्हें हम ट्रांसवर्स वेव कहते हैं तो ट्रांसवर्स वेव्स जो है वो उन्हें पोलराइज किया जा सकता है कैसे क्या होता है पोलराइज्ड लाइट पोलराइज्ड लाइट का मतलब ही यह होता है कि वो जो लाइट है वो जो वेव है दैट इज वाइब्रेटिंग इन वन प्लेन और अनपोलराइज्ड लाइट या अनपोलराइज्ड वेव का मतलब होता है कि इट इज वाइब्रेटिंग इन मल्टी प्लेनस सवाल यह उठता है कि क्या हम अन पोलराइज लाइट को पोलराइज बना सकते हैं बिल्कुल बना सकते हैं ऑर्डिनरी लाइट को जो कि अनपोलराइज्ड है उसे अगर हम एक पोलराइजिंग फिल्टर के थ्रू पास करें तो वह पोलराइज्ड लाइट बन जाता है ठीक है अब यहां पर मुझे देखना है इस पोलराइज लाइट के साथ जब कायरल मैटेरियल्स इंटरेक्ट करते हैं मतलब जब हम यह प्लेन पोलराइज्ड लाइट को एक ऐसे सॉल्यूशन से पास करें जिसके अर अंदर कोई कायरल मटेरियल है मतलब कोई कायरल मटेरियल के सॉल्यूशन से अगर हम प्लेन पोलराइज लाइट को पास करें तो हम देखते हैं कि ये जो कंपाउंड्स होते हैं ना वो इस प्लेन पोलराइज्ड लाइट को रोटेट करने के कैपेबल होते हैं और इस तरह के कंपाउंड्स को हम कहते हैं ऑप्टिकली एक्टिव कंपाउंड्स ऑप्टिकली एक्टिव कंपाउंड्स क्या होते हैं ऐसे कंपाउंड्स जो कैपेबल होते हैं प्लेन पोलराइज्ड लाइट को रोटेट करने के उनको घुमा सकते हैं वो वो क्लॉक वाइज घुमा सकते या एंटीक्लॉक वाइज घुमा सकते हैं उन्हें हम कहते हैं ऑप्टिकली एक्टिव कंपाउंड्स ठीक है अगर प्लेन पोलराइज्ड लाइट को राइट की तरफ घुमाया राइट मतलब इधर मतलब क्लॉक वाइज डायरेक्शन में घुमाया तो उसे हम कहते हैं डेक्स्ट्रोमेथोर्फन साइड की तरफ घुमाया तो उसे हम कहते हैं लेवो रोटेटरी लेफ्ट से लेवो लेवो रोटेटरी या फिर एल फॉर्म या फिर इसे हम माइनस साइन या नेगेटिव साइन से भी डिनोट करते हैं ठीक है तो अब देखो क्या हुआ क्या फर्क हुआ फर्क सिर्फ इतना है कि कंपाउंड वही है बट एक जो है उसको राइट की तरफ ले जा रहा है दूसरा उसको लेफ्ट की तरफ ले जा रहा है व्हिच टेल्स अस कि यहां पर फर्क सिर्फ किस चीज का है ओरिएंटेशन का है तो ये जो डेक्स्ट्रोमेथोर्फन ईच अदर वो कंपाउंड तो सेम ही है बस उनका ओरिएंटेशन अलग है और इस तरह के आइसोमर्स को हम कहते हैं ऑप्टिकल आइसोमर्स तो ऑप्टिकल आइसोमर्स किसके होते हैं ऑप्टिकली एक्टिव कंपाउंड्स के होते हैं मतलब जो कंपाउंड्स प्लेन पोलराइज्ड लाइट को घुमा सकते हैं वैसे ही कंपाउंड्स के केस में हम उनके ऑप्टिकल आइसोमर्स की बात कर सकते हैं राइट तो अब वापस जाते हैं कायरल मैटेरियल्स के सिचुएशन में तो कायरल मैटेरियल्स के केस में हमने क्या देखा कि भाई चाहे हम उनको कैसे भी घुमा ले उसके मिरर इमेज को बट वो दोनों कभी भी एक दूसरे को ओवरलैप नहीं कर रहे थे क्यों नहीं कर रहे थे क्योंकि उनका जो ओरिएंटेशन है वो हर एंगल से घुमाने के बाद भी उनका जो ओरिएंटेशन है वो हमेशा अलग है दैट इज व्हाई दे वर नॉट ओवरलैपिंग क्यों क्योंकि वो दोनों जो है वो एक दूसरे के ऑप्टिकल आइसोमर्स हैं तो वो एक दूसरे के ऊपर एगजैक्टली ओवरलैप कभी भी नहीं करेंगे एक अगर डी फॉर्म है तो दूसरा एल फॉर्म है एक अगर एक्स्ट्रो रोटेटरी है तो दूसरा लेवोरोटेटरी है तो भाई कहानी वही चलती रही पहले पूछा गया कि भाई कलिटी का कारण क्या है तो बताया गया कि ऑप्टिकल एक्टिविटी जो कि अभी-अभी हमने देखा बट यार अभी भी वही कहानी चल रही है कि ऑप्टिकल एक्टिविटी का कारण क्या है ऐसा क्यों हो रहा है ये जो हमने पढ़ा ऑप्टिकल एक्टिविटी कि भाई प्लेन पोलराइज राइट को ये रोटेट कर देते हैं बट सवाल ये उठता है कि ये रोटेट कर क्यों देते हैं सो व्हाट इज द रीजन बिहाइंड ऑप्टिकल एक्टिविटी तो कुछ 18 24 के आसपास दो साइंटिस्ट एक डच साइंटिस्ट जिनका नाम था वंट हॉफ और एक फ्रेंच साइंटिस्ट दोनों ने मिलकर यह बताया कि ये जो ऑप्टिकल एक्टिविटी है इसके पीछे का कारण है एसिमेट्री जब कभी भी हम एक ऐसे मॉलिक्यूल की बात करते हैं जिसमें जो भी मेरा सेंट्रल एटम है फॉर एग्जांपल लेट्स से एक सेंट्रल कार्बन है अब उस कार्बन से जुड़े हुए जितने भी ग्रुप्स हैं अगर वो सारे ग्रुप्स अलग-अलग हैं सारे डिफरेंट ग्रुप्स हैं तो मेरा वो मॉलिक्यूल कैसा है वो एसिमिट्रिक है उसमें सिमेट्री नाम की कोई चीज है ही नहीं राइट जैसे कि ये यहां पर देखो ये ब्लैक वाला जो सेंटर है मेरा लेट्स से लेट अस सपोज कि ये कार्बन है कार्बन के एक तरफ coh2 लगा हुआ है एक तरफ h लगा हुआ है एक तरफ ch3 लगा हुआ है तो चारों तरफ चार डिफरेंट ग्रुप्स लगे हुए हैं तो क्या यहां पर सिमेट्री है किसी भी एंगल से नहीं है तो इस तरह के सेंटर वाले एटम को हम कहते हैं स्टीरियो सेंटर इस तरह के एसिमिट्रिक कार्बन को हम कहते हैं स्टीरियो सेंटर ठीक है तो जहां पर भी इस तरह की एसिमेट्री होती है वहां पर हमें क्या देखने को मिलता है कारेलिंग ऐसे केसेस में ऐसे स्ट्रक्चर्स के केस में इनके जो मिरर इमेजेस होंगे वो कभी भी इनसे सुपर इंपोज बल नहीं होंगे ठीक है अब वापस चलते हैं हम हमारे जेनरिक एग्जांपल्स पे लेट अस टॉक अबाउट द ह्यूमन हैंड हमने क्या देखा ह्यूमन हैंड्स कायरल होते हैं ये कारेलिंग शो करते हैं क्यों शो करते हैं बिकॉज इट इज एसिमिट्रिक देखो क्या ये सिमिट्रिक है नॉट रियली देखो ये अगर इस मिडिल फिंगर के अबाउट देखो तो इधर वाला फिंगर और इधर वाला फिंगर क्या ये बिल्कुल आईडेंटिकल है नहीं है इधर वाला और इधर वाला एकदम आइडेंट कल है नहीं है सो देयर इज नो सिमेट्री ये एसिमिट्रिक है चूंकि ये एसिमिट्रिक है इसीलिए ह्यूमन हैंड्स जो है ये कायरल शो करती है दूसरी तरफ अगर बात करूं मैं इस कटोरी की इसको अगर नोटिस करो सो अबाउट दिस एक्सिस देखो इज इट सिमेट्री वेल इट इज सिमेट्री इसमें सिमेट्री है इसीलिए जब हम इसके मिरर इमेज के साथ इसको सुपर इंपोज कराने की कोशिश करते हैं तो यह सुपर इंपोज हो जाता है तो इसमें सिमेट्री है इसीलिए दिस इज ए कायरल तो इसका यह मतलब हुआ अगर हमारे पास कोई सा भी स्ट्रक्चर दिया हुआ हो और अगर पूछा जाए कि भाई बताओ कि यह कायरल होगा या ए कायरल होगा तो हम आराम से इस टेस्ट के हेल्प से बता सकते हैं कि वो कायरल होगा या ए कायरल कैसे हम ये देखेंगे कि क्या वो एसिमिट्रिक है या नहीं एसिमेट्री बोले तो उसके सेंट्रल जो एटम है उसके उससे कनेक्टेड जितने भी ग्रुप्स है अगर वो सारे ग्रुप्स डिफरेंट हैं तो वो क्या होगा एसिमिट्रिक और अगर वो एसिमिट्रिक हुआ तो वो क्या होगा वो कायरल होगा तो चलो कुछ एग्जांपल्स ट्राई करते हैं तो चलो बच्चों पहला एग्जांपल लेते हैं प्रोपेन टू ऑल का ठीक है प्रॉप मतलब तीन कार्बन ऑल है मतलब इसमें एक अल्कोहल का ग्रुप लगा हुआ है दो नंबर कार्बन पे ठीक है तो इसका स्ट्रक्चर कुछ ऐसा दिख रहा है जिसमें देखो ये दो नंबर वाला कार्बन है ये एक ch3 है ये अगला वाला सी है और ये एक ch3 है तो इस दो नंबर वाले कार्बन के साथ ओ ग्रुप लगा हुआ है और ये इसी कार्बन के साथ लगा हुआ हाइड्रोजन है ठीक है तो ऐसा स्ट्रक्चर होगा प्रोपेन टू ऑल का ठीक है तो अब मान लो बिना मिरर लाए बिना मिरर इमेज को सुपर इंपोज कराए अगर तुम्हें सिर्फ टेस्ट के हेल्प से यह बताना हो कि क्या यह होगा या एक आयरल होगा तो कैसे बताओगे हम यह नोटिस करेंगे कि यार यह जो सेंट्रल एटम है ना इससे लगे हुए जो चारों ग्रुप्स हैं क्या ये आइडेंट है वेल चारों तो आइडेंट नहीं है बट इसमें से दो ग्रुप्स आइडेंट जरूर है ये भी ch3 ग्रुप है ये भी ch3 ग्रुप है राइट तो इसका मतलब ये वाला जो सेंटर है ये स्टीरियो सेंटर तो नहीं है राइट ये एसिमेट्री कार्बन तो नहीं है क्योंकि एसिमेट्री वही होता है जिसके चारों ग्रुप्स डिफरेंट होते हैं राइट अब अब चूंकि यहां पर ये एसिमिट्रिक नहीं है इसका मतलब है कि यह क्या होगा ये ए कायरल होगा दूसरा एग्जांपल लेते हैं ब्यूटेन टू ऑल का ब्यूटेन मतलब चार कार्बन दो नंबर वाले कार्बन पे लगा हुआ होगा ओ ठीक है तो इसका स्ट्रक्चर कुछ ऐसा दिखेगा ठीक है लेट्स से दिस इज दो नंबर वाला कार्बन इसके ऊपर लगा हुआ है ओ ठीक है इसी कार्बन के एक तरफ है c2h 5 और दूसरी तरफ है ch3 येलो वाला और पीछे ये है हाइड्रोजन ठीक है तो अब अगर मुझे बताना हो कि ये ए कायरल होगा ये कायरल तो कैसे बता सकती हूं मैं सेंट्रल कार्बन पे फोकस करो इसके चारों तरफ जो चार ग्रुप्स लगे हुए हैं वो चारों डिफरेंट है एक तरफ c2h 5 है एक तरफ ch3 है एक तरफ रफ h है तो यानी कि ये वाला जो सेंटर है दिस इज अ स्टीरियो सेंटर या फिर एसिमेट्री कार्बन ठीक है जहां पर एसिमेट्री है वहां पर वो क्या होगा कायरल व्हिच मींस ब्यूटेन टू ऑल इज कायरल ठीक है यह कायरल है इसको अगर आप चाहो तो मिरर इमेज के फॉर्म में प्रूफ भी कर सकते हो चलो करके देखते हैं अगर यह मेरा स्ट्रक्चर है अगर मैं इसके सामने एक मिरर रख दूं तो इसका मिरर इमेज कुछ ऐसा होगा मोर और लेस ऐसा दिखेगा मिरर इमेज इसका ओके अब यह दोनों सुपर इंपोज करते हैं कि नहीं वह देखने के लिए मैं क्या करूंगी इसे मैं रोटेट कर देती हूं मेरा इमेज को ठीक है मान लो मैंने रोटेट कर दिया अब रोटेट करने के बाद अगर अगर मैं इनको सुपर इंपोज करूं तो क्या ये सुपर इंपोज हो र है नहीं हो र है देखो इसका ग्रे है तो इसका वाइट है इसका वाइट है तो इसका ग्रे है तो ये सुपर इंपोज नहीं हो र है अगर मैं इसे फर्द और रोटेट भी कर दूं बट स्टिल देखो ग्रे के साथ येलो आ जा रहा है तो ये सुपर इंपोज तब भी नहीं हो रहा है सो नो मैटर व्हाट ये कभी भी सुपर इंपोज नहीं होंगे एंड दैट इज व्हाई दे आर कायरल तो बच्चों ऐसे स्टीरियो आइसोमर्स जो जो एक दूसरे से रिलेटेड होते हैं एज नॉन सुपर इंपोज बल मिरर इमेजेस मतलब वो दोनों एक दूसरे के मिरर इमेज होते हैं बट नॉन सुपर इंपोज बल ऐसे स्टीरियो आइसोमर्स को हम एक स्पेशल नाम देते हैं व्हिच इज एनेंशिमर्स एनेंशिमर्स की खास बात ये होती है कि इनके फिजिकल प्रॉपर्टीज सारे सेम होते हैं जैसे इनका बेल्टिंग पॉइंट सेम होता है बॉयलिक िव इंडेक्स सेम होता है फर्क सिर्फ एक ही होता है और वो होता है द डायरेक्शन ऑफ रोटेशन ऑफ प्लेन पोलराइज्ड लाइट अगर एक एनेंशिमर प्लेन पोलराइज्ड लाइट को राइट की तरफ रोटेट करेगा तो दूसरा वाला उसे लेफ्ट की तरफ रोटेट करेगा बोलने का मतलब है कि जो दो एनेंशिमर है उसमें से एक अगर डेक्स्ट्रोमेथोर्फन 1 या sn2 रिएक्शन में अब देखना यह है कि क्या होता है जब हम इन दोनों एनेंशिमर्स को इक्वल प्रोपोर्शन में मिला देते हैं मतलब जैसे कि मैंने बोला अगर दो एनेंशिमर्स है इसका मतलब है कि एक डेक्स्ट्रोमेथोर्फन फिर इसे रेसमिक मॉडिफिकेशन भी कहा जाता है अब इस रेसमिक मिक्सचर की खास बात यह होती है कि जैसे जो डेक्सो रोटेटरी होता है वो क्या करता है वो प्लेन पोलराइज लाइट को राइट की तरफ घुमाता है ठीक है जो लेबो रोटेटरी होता है वो क्या करता है वो प्लेन पोलराइज लाइट को लेफ्ट की तरफ ले जाता है अब अगर मान लो मैंने एक ऐसा मिक्सचर तैयार किया जिसमें जितना डेक्सो रोटेटरी है उतना ही लेबो रोटेटरी है तो उस मिक्सचर का ऑप्टिकल रोटेशन कितना होगा जीरो क्यों होगा जीरो क्योंकि अगर डेक्सो रोटेटरी वाला कंपोनेंट उसको अगर लेट्स से 10 डिग्री राइट घुमा भी दिया तो लेवो रोटेटरी वाला क्या करेगा वापस 10° लेफ्ट घुमा देगा तो ये वापस कहां आ पहुंचा जीरो पे तो इसीलिए एक रेसमिक मिक्सचर का जो ऑप्टिकल रोटेशन होता है वो हमेशा होता है जीरो ये जो प्रोसेस होता है ऑफ कन्वर्टिंग एन एनेंशिमर टू रेसमिक मिक्सचर इसे हम कहते हैं रेसमाइजेशन याद है जब हमने ये स्टीरियो केमिस्ट्री वाली डिस्कशन शुरू की थी तो तो वहां पर मैंने ये टर्म यूज़ किया था रेसमाइजेशन मैंने बोला था कि sn1 रिएक्शन में हमें देखने को मिलता है रेसमाइजेशन राइट वी सॉ दैट तो व यही होता है रेसमाइजेशन रेसमाइजेशन का मतलब होता है कि एक एनेंशिमर से हम बना दें एक रेसमिक मिक्सचर जिसमें जितना डी आइसोमर है उतना ही ए आइसोमर है दोनों का इक्वल प्रोपोर्शन में मिक्सचर ठीक है अब इनको डिनोट कैसे करते हैं लेट्स टॉक अबाउट ब्यूटेन टू ऑल तो अब ब्यूटेन टू ऑल का जो डी फॉर्म है उसको हम कैसे डिनोट करते हैं डी लिख देते हैं पहले या फिर प्लस सिंबल डाल देते हैं और फिर लिख देते हैं ब्यूटेन टू ऑल उसी तरह उसका जो लेवो रोटेटरी फॉर्म है या एल फॉर्म है उसको कैसे डिनोट करते हैं उसके नाम के आगे एल लिख देते हैं या फिर नेगेटिव साइन डाल देते हैं अगर मुझे रेसमिक मिक्सचर डिनोट करना हो तो हम क्या करते हैं तो हम ब्यूटेन टू ऑल से पहले डीएल लिख देते हैं डीएल मतलब या फिर हम ब्रैकेट के अंदर प्लस माइनस लिख देते हैं व्हिच मींस कि इसमें प्लस वाला फॉर्म भी है और माइनस वाला फॉर्म भी है एंड दैट्ची मिक्सचर अब देखना ये है कि ये रेसमाइजेशन का कांसेप्ट हमें sn1 रिएक्शन में एगजैक्टली कहां देखने को मिलता है तो फटाफट से रीकैप करो sn1 रिएक्शन में होता क्या है sn1 रिएक्शन दो स्टेप में होता है पहले स्टेप में क्या होता है पहले स्टेप में मेरे हैलो एल्केन से एक कार्बो कटाय बनता है दूसरे स्टेप में क्या होता है कार्बो कटाय को को अटैक करता है न्यूक्लियोफिल अब कार्बो कटाय को न्यूक्लियोफिल अगर राइट से अटैक करता है तो मुझे एक स्ट्रक्चर मिलता है कार्बो कटाय को अगर न्यूक्लियोफिल लेफ्ट से अटैक करता है तो मुझे एक और स्ट्रक्चर मिलता है और ये दोनों स्ट्रक्चर्स जो होते हैं ये क्या होते हैं दे आर आइसोमर्स ऑफ ईच अदर इनफैक्ट ये कैसे आइसोमर्स हैं दे आर ऑप्टिकल आइसोमर्स ऑफ ईच अदर मतलब ये आइसोमर्स तो है ही ये एक दूसरे के मिरर इमेज है जो कि नॉन सुपर इंपोज बल है वैसे वाले आइसोमर्स हैं ये ठीक है तो इसका एक फॉर्म क्या है डी फॉर्म है तो दूसरा क्या है एल फॉर्म है तो बेसिकली जो आउटपुट यहां पर मुझे मिलता है वो क्या मिलता है रेसमिक मिक्सचर यहां पर हमें रेसमाइजेशन देखने को मिलता है कि एक डी फॉर्म मिल रहा है तो दूसरा एल फॉर्म मिल रहा है राइट सो दिस इज हाउ sn1 रिएक्शन में हमें देखने को मिलता है रेसमाइजेशन तो बच्चों अब जब एक केमिकल रिएक्शन होता है तो वहां पर कई चीजें हो सकती है एक तो हो सकता है रिटेंशन ड्यूरिंग अ केमिकल रिएक्शन रिटें वर्ड का मतलब क्या होता है किसी चीज को रिटेन करके रखना राइट मतलब उस चीज को लूज ना होने देना ठीक है सो रिटेंशन ड्यूरिंग अ केमिकल रिएक्शन का मतलब होता है कि रिएक्शन होने के बाद भी जो मेरा स्टीरियो सेंटर था जो मेरा एसिमेट्री जो सेंटर था ना उस सेंटर के साथ बॉन्ड्स जैसे बने हुए थे जो भी स्पेशियल अरेंजमेंट था वो अरेंजमेंट अभी भी एज इट इज है भले ही जहां पर पहले x था वहां पर अब y आ गया है बट स्टिल जो ओवरऑल अरेंजमेंट है दैट इज स्टिल द सेम तो उसे हम कहते हैं रिटेंशन रिटेंशन क्यों कहते हैं क्योंकि जो स्पेशियल अरेंजमेंट था जो ओवरऑल कॉन्फ़िगरेशन था उसको इस रिएक्शन के दौरान रिटेन किया गया है दैट इज व्हाई दिस इज कॉल्ड रिटेंशन फॉर एग्जांपल लेट अस सपोज कि ये मेरा स्ट्रक्चर था ठीक है जहां पर लेट्स से कि ये मेरा x था ठीक है अब ये y के साथ रिएक्ट किया y ने आके क्या किया इस x को यहां से हटा दिया तो यह येलो वाला बॉल यहां से हट गया और इसके बदले में यहां पे ये ब्लू वाला बॉल आ गया ठीक है तो रिएक्शन के दौरान क्या चेंज हुआ ये येलो जो है ये चेंज हो के अब ब्लू हो गया मतलब x जो है ये बदल के y हो गया लेकिन जो ओवरऑल जो स्ट्रक्चर है ओवरऑल जो जनरल कॉन्फ़िगरेशन है दैट इज स्टिल द सेम अगर स्टीरियो सेंटर को देखा जाए ये ब्लैक वाले कार्बन को अगर देखो तो इसके साथ जिस तरीके से जिस अरेंजमेंट से चीजें लगी हुई थी अभी भी उसी अरेंजमेंट से चीजें लगी हुई हैं तो इसे हम कहेंगे रिटेंशन ड्यूरिंग अ केमिकल रिएक्शन एक दूसरे तरह का फंडा देखने को मिलता है केमिकल रिएक्शन के दौरान व्हिच इज इंवर्जन इंवर्जन ड्यूरिंग अ केमिकल रिएक्शन नाम से ही पता चल रहा है कि इस दौरान क्या होगा कि जैसे-जैसे रिएक्शन होगा जो मेरा स्टार्टिंग का जो मॉलिक्यूल था जो स्ट्रक्चर था वो स्ट्रक्चर इनवर्टेड हो जाएगा मतलब स्ट्रक्चर का जनरल कॉन्फ़िगरेशन विल नॉट रिमन द सेम फॉर एग्जांपल लेट अस से ये मेरा स्ट्रक्चर था पहले ठीक है सो दिस इज माय स्टीरियो सेंटर यह जो ब्लैक वाला सेंटर है दिस इज माय एसिमेट्री कार्बन और स्टीरियो सेंटर इससे जो है यह चार डिफरेंट ग्रुप्स अटैच है ठीक है मान लो दिस इज x ये ब्लू वाला x है अब ये पूरे मॉलिक्यूल ने लेट्स से y के साथ इंटरेक्ट किया y ने क्या किया x की जगह ले ली तो y ने आकर के x को यहां से हटाया और x की जगह ले ली बट रिएक्शन कुछ इस तरीके से हुआ कि इस ओवरऑल स्ट्रक्चर का जो मेरा प्रोडक्ट बना वो प्रोडक्ट कुछ ऐसा बना सो इफ यू रिमेंबर पहले जो x था वो कहां पे था x यहां पे था राइट अब मेरा जो y आया वो कहां चला गया वो यहां चला गया दैट मींस ओवरऑल जो मेरा स्ट्रक्चर है वो स्ट्रक्चर का ओरिएंटेशन क्या हुआ चेंज हो गया स्ट्रक्चर जो है ये इनवर्टेड हो गया राइट पहले अगर मेरा ब्लू वाला इधर था अब मेरा ब्लू वाला इधर चला गया राइट पहले वो फ्रंट की तरफ था अब वो बैक की तरफ चला गया है तो क्या हो गया है इंवर्जन हो गया है तो बच्चों क्या आप मुझे बता सकते हो कि अभी हमने जो भी sn1 sn2 रिएक्शंस डिस्कस किए थे कहां पर हमने इंवर्जन की बात की थी मैंने स्पेसिफिकली बोला था कि यहां पर स्टीरियो केमिकल इवर्सन देखने को मिलता है कुछ याद आया एब्सलूट करेक्ट sn2 रिएक्शंस में sn2 रिएक्शंस क्या होते हैं जो वन स्टेप में होते हैं sn2 रिएक्शन में एक ही स्टेप में एक न्यूक्लियोफिल अटैक करता है फ्रॉम बैक बक साइड बैक साइड से न्यूक्लियोफिल अटैक करता है और फ्रंट साइड से जो लीविंग ग्रुप है वो निकल जाता है तो एज अ रिजल्ट क्या होता है कि जो मुझे प्रोडक्ट मिलता है उसका जो कॉन्फिन होता है वो इनवर्टेड होता है राइट तो इसीलिए sn2 रिएक्शंस में हमें इंवर्जन देखने को मिलता है तो बच्चों अब अगर हम वापस से एक बार रेसमाइजेशन को डिस्कस करें तो हमें बेटर समझ में आएगा हमने क्या देखा रिटेंशन में क्या हुआ जो जनरल कॉन्फिन है वो रिटेन रहता है सिर्फ y जो है वो x की जगह ले लेता है इंवर्जन में क्या हुआ y ने x की जगह तो ली ही बट ओवरऑल कॉन्फ़िगरेशन इनवर्ट हो गया उलट गया ठीक है अब अगर कुछ ऐसा हो ड्यूरिंग अ केमिकल रिएक्शन जिसमें 50 पर रिटेंशन हो और 50 पर इंवर्जन हो मतलब अब जो हमें प्रोडक्ट मिले जैसे फॉर एग्जांपल रिटेंशन के केस में जो प्रोडक्ट मिला था इंवर्जन के केस में जो प्रोडक्ट मिला था इन दोनों का अगर हमें मिक्सचर मिले 50-50 मिले दोनों का तो उसे हम क्या कहेंगे उस प्रोसेस को हम कहेंगे रेसमाइजेशन राइट तो रेसमाइजेशन में देखो कैसा प्रोडक्ट मिलेगा हमें यहां पर हमें दो चीजों का मिक्सचर मिलेगा एक ऐसा स्ट्रक्चर जिसमें x ने सिर्फ y की जगह ले ली है दूसरा ऐसा स्ट्रक्चर जिसमें x ने y की जगह ले ली है और वो पूरा का पूरा इनवर्ट भी हो गया है तो इन दोनों का मिक्सचर मिला है हमें 50-50 रेशियो में एंड दिस इज रेसमाइजेशन अब आप मुझे बताओ रेसमाइजेशन हमें कहां देखने को मिलता है ऑफकोर्स sn1 रिएक्शन में क्यों देखने को मिलता है मैंने पहले ही डिस्कस किया था क्योंकि sn1 रिएक्शन में स्टेप वन में कार्बो कटाय बनता है स्टेप टू में जब कार्बो कटाय पे न्यूक्लियोफिल अटैक करता है तो जो न्यूक्लियोफिल का अटैक होता है वो दोनों साइड से होने की जो पॉसिबिलिटी रहती है उसकी वजह से हमें दोनों का मिक्सचर मिलता है ठीक है तो इस तरीके से हम देखते हैं कि sn1 रिएक्शन प्रोसीड्स विद रेसमाइजेशन तो प्यारे बच्चों अब हम देखेंगे हैलो एल्केन के एलिमिनेशन रिएक्शन एलिमिनेशन मतलब किसी को एलिमि ट कर देना किसी को भगा देना जब कोई छोड़ के चला जाता है दैट इज एलिमिनेशन रिएक्शन तो एलिमिनेशन रिएक्शन का जो कांसेप्ट है इसको हम समझेंगे हमेशा की तरह एक स्टोरी के साथ ठीक है मान लो एक पार्क में एक वो लंबी सी बेंच जो नहीं लगी होती है वैसी एक बेंच है उसपे चार फ्रेंड्स बैठे हैं ठीक है अब बाहर से कोई बंदा आया उसने कुछ पैसे का लालच दिया चार में से एक फ्रेंड जो है वो पैसे से बहुत अट्रैक्ट होके छोड़ के चला गया ठीक है तो वहां कितने बचे तीन अब उस फ्रेंड का जो चला गया उसका अब इन चारों में से एक ऐसा बंदा था जो उसका ज्यादा अच्छा दोस्त था एकदम जिगरी दोस्त था अब वो चला गया तो सम वट यह बंदा बोर होने लग गया तो यह भी बंदा अपना निकल गया ठीक है तो पहले थे चार और अब कितने बचे दो ही बचे जब ये दोनों निकल लिए तो क्या हुआ जो दो लोग बचे थे उन्होंने सोचा यार पहले हम चार दोस्त थे चारों में अच्छी खासी बॉन्डिंग थी दो तो निकल गए कहीं ऐसा ना हो कि हम में से भी कोई निकल जाए तो भाई चलो हम अपनी जो बॉन्डिंग है ना इसको और डबल बना लेते हैं तो जो बचे हुए दो दोस्त थे उन्होंने क्या किया उन्होंने अपनी जो बॉन्डिंग थी उसको डबल कर लिया उसको और मजबूत कर लिया ठीक तो ये कहानी थी अब इसी कहानी के हेल्प से हम समझेंगे एलिमिनेशन रिएक्शन में होता क्या है तो एलिमिनेशन में एलिमिनेशन रिएक्शन में ये जो दो दोस्त जो उठ के चले जाते हैं ये उठ के चले जाने वाले कौन-कौन होते हैं एक होता है हाइड्रोजन दूसरा होता है हैलोजन तो एक हाइड्रोजन निकल लेता है एक हैलोजन निकल लेता है यार हैलोजन तो वैसे ही आपको पता है लिविंग ग्रुप है हमेशा वो अपना बोरिया बिस्तर बांध के निकलने में लगा रहता है एक हाइड्रोजन और एक हैलोजन निकल लेता है हैलो एल्केन में से तो जो बचा हुआ जो दो कार्बन रहता है वो सोचता है कि यार हाइड्रोजन छोड़ के चला गया इधर हैलोजन भी छोड़ के चला गया कोई बात नहीं चलो हम अपनी बॉन्डिंग को स्ट्रांग कर लेते हैं तो वो अपने बीच में डबल बॉन्ड बना लेते हैं डबल बॉन्ड बना जैसे ही बन जाता है इसका मतलब क्या बन गया एल्कीन तो एलिमिनेशन रिएक्शन से क्या बनता है एल्कीन तो ये एलिमिनेशन रिएक्शन किसके साथ होता है शुरुआत होती है हैलो एल्केन से उसमें से एक हाइड्रोजन भागा एक हैलोजन भागा बन गया क्या एल्कीन एंड दिस इज योर एलिमिनेशन रिएक्शन अब भाई केमिस्ट्री है तो केमिस्ट्री की तरह बात करनी होगी राइट सिर्फ स्टोरी से थोड़ी चलेगा है ना तो चलो अब एलिमिनेशन रिएक्शन को समझते हैं विथ रिएक्शंस तो अभी हमने स्टोरी के हेल्प से समझा अब देखेंगे रिएक्शन को तो मान लो हमारे पास एक हैलो एल्केन है जिसमें एक बीटा हाइड्रोजन है अब आप बोलोगे बीटा हाइड्रोजन क्या होता है है कि नहीं तो देखो कोई भी हैलो एल्केन में हैलोजन जिस कार्बन से अटैच होता है उस कार्बन को हम कहते हैं अल्फा कार्बन उस कार्बन का जो पड़ोसी कार्बन होता है वो होता है बीटा कार्बन और बीटा कार्बन से जो हाइड्रोजन जुड़े होते हैं उन्हें हम कहते हैं बीटा हाइड डोजन ठीक है तो अब एलिमिनेशन रिएक्शन की बात हम ऐसे हेलो एल्केन के लिए करते हैं जिसके पास एक बीटा हाइड्रोजन प्रेजेंट हो ठीक है जब इस एलो एल्केन को हम ट्रीट करते हैं विद अल्कोहलिक सॉल्यूशन ऑफ k यानी कि पोटेशियम हाइड्रोक्साइड के साथ जब हम ट्रीट करते हैं मतलब अगर हम अपने स्टोरी से रिलेट करें तो यह पोटेशियम हाइड्रोक्साइड क्या है पैसा राइट पैसे की वजह से ही तो लोग छोड़ छोड़ के जाने लगे थे है ना सो जैसे ही इसको पोटेशियम हाइड्रोक्साइड के साथ ट्रीट किया तो क्या होता है जो हैलोजन है वह कट लेता है हैलोजन कौन से कार्बन पे है अल्फा कार्बन पे जो हैलोजन है वो कट लिया बीटा कार्बन पे जो हाइड्रोजन है वो कट लिया मैंने बोला था एक हाइड्रोजन और एक हैलोजन गायब हो जाता है तो हैलोजन गायब होता है अल्फा कार्बन से हाइड्रोजन गायब होता है बीटा कार्बन से ठीक है जैसे ये दोनों गायब हो जाते हैं तो डबल बॉन्ड किसके बीच में बन जाता है दोनों कार्बन के बीच बीच में तो मुझे क्या मिल गया एल्कीन अब ये तो हुई सीधी सधी बात अब थोड़ी सी टेढ़ी बात करेंगे अब मान लो कि ऐसी कोई सिचुएशन आ जाए जहां पर ये एलिमिनेशन तो हो रहा है बट जहां पर कुछ ऐसा कंफ्यूजन आ जाए कि भाई एक से अधिक एल्कीन बनने की पॉसिबिलिटी हो मतलब ऐसा कैसे हो सकता है क्यों नहीं हो सकता है क्योंकि ये एल्कीन बन कैसे रहा है एक हाइड्रोजन और एक हैलोजन के हट जाने से एलिमिनेट होने से से है ना अब मान लो कि मेरे पास कुछ ऐसा सा हैलो एल्केन हो जहां पर एक से अधिक बीटा हाइड्रोजन की पॉसिबिलिटी हो राइट ऐसा हो सकता है कि भाई जो मेरा अल्फा कार्बन है मतलब जिस कार्बन से हैलोजन अटैच है उसके इधर भी एक कार्बन है जिसके साथ हाइड्रोजन अटैच है और उसके इधर भी एक कार्बन है जिसके साथ हाइड्रोजन अटैच है हो सकता है ना भाई पड़ोसी तो दोनों तरफ हो सकते हैं तो उस केस में मेरे पास बीटा हाइड्रोजन की पॉसिबल टी दो हो गई तो यानी कि वैसे केस में एल्कीन भी दो बनने की पॉसिबिलिटी है तब क्या करेंगे कौन सा वाला एल्कीन मेरा मेजर प्रोडक्ट होगा तो यहां पर काम आता है एक रूल जिसे हम कहते हैं सेड जेप्स रूल ठीक है तो सेड जेप्स रूल ये कहता है कि जब कभी भी ऐसी पॉसिबिलिटी अराइज हो जाए जहां पर दो एल्कीन बनने की पॉसिबिलिटी हो ड्यू टू द प्रेजेंस ऑफ मोर दन वन बीटा हाइड्रोजन तो वहां पर ओनली वन एल्कीन इज मेजर प्रोडक्ट अब आप पूछोगे कौन सा वाला एल्कीन मेजर प्रोडक्ट होगा वो वाला एल्कीन मेजर प्रोडक्ट होगा जो ज्यादा स्टेबल है सो दोनों एल्कीन में से जो ज्यादा स्टेबल है वही मेजर प्रोडक्ट होगा क्यों वही स्टेबिलिटी की कहानी सबको स्टेबल होना है अब जो एल्कीन ज्यादा स्टेबल है वो ज्यादा तेजी से बनता जाएगा यानी कि वही ज्यादा बनेगा यहीं कि वही मेजर प्रोडक्ट होगा तो चलो अब एग्जांपल के साथ सेट जेप्स रूल को डिटेल में समझते हैं तो बच्चों सेट सेप्स रूल यह कहता है कि दोनों एल्कीन में से प्रेफर्ड प्रोडक्ट वो वाला एल्कीन होगा जिसमें जो कार्बन कार्बन डबल बॉन्ड है उसके साथ ज्यादा नंबर ऑफ एल्काइन ग्रुप्स होंगे तो सी डबल बॉन्ड सी के साथ ज्यादा नंबर ऑफ एल्काइन ग्रुप्स जहां पर होंगे वो मेरा प्रेफर्ड प्रोडक्ट होगा ठीक है एक एग्जांपल के साथ समझते हैं लेट अस टॉक अबाउट एलिमिनेशन रिएक्शन ऑफ टू ब्रोमो पेंटे ठीक है तो टू ब्रोमो पेंटे का जब एलिमिनेशन होगा तो ऑब् वियस जो ब्रोमीन है वो तो निकलेगा ही हैलोजन तो निकलता ही है साथ में एक हाइड्रोजन निकलेगा ठीक है तो यहां पर साफ-साफ दिख रहा है कि हाइड्रोजन जो है वो इधर वाला भी निकल सकता है हाइड्रोजन जो है वो उधर वाला भी निकल सकता है ठीक है तो यहां पर मेरे पास दो एल्कीन बनने की पॉसिबिलिटीज है ठीक है एक तो पेंट वन इन बन सकता है दूसरा पेंट टू इन बन सकता है ठीक है बट अकॉर्डिंग टू सेट जबस रूल इन दोनों में से प्रेफर्ड प्रोडक्ट कौन सा होगा कौन सा होगा मेजर प्रोडक्ट देखो ध्यान से अगर हम बात करें पेंट वन इन की ठीक है तो वहां पर सी डबल बॉन्ड सी को अगर फोकस करो तो उससे अटैच एक ही तरफ एल्काइन ग्रुप है ठीक है अब अगर हम पेंट टू इन की बात करें तो यहां पर अगर सी डबल बॉन्ड सी पे फोकस करो तो नंबर ऑफ एल्काइन ग्रुप्स ज्यादा है तो जहां पर नंबर ऑफ एल्काइन ग्रुप्स ज्यादा होगा वो मेरा प्रेफर्ड प्रोडक्ट होगा तो यानी कि यहां पर मेरा मेजर प्रोडक्ट क्या होगा पेंट टू इन और एक्सपेरिमेंटली ऐसा देखा गया है कि यह जो पेंट टू इन जो है दैट इज ऑलमोस्ट 81 पर ऑफ द प्रोडक्ट और दूसरी तरफ पेंट वन इन जो है दैट इज द रिमेनिंग 19 पर तो बच्चों अभी तक हमने कई तरह के रिएक्शंस पढ़े हमने sn1 रिएक्शन पढ़ा sn2 रिएक्शन पढ़ा एलिमिनेशन रिएक्शन पढ़ा एक सवाल जो दिमाग में आता है कि मतलब लेट्स से कि हमारे पास रिएक्टेंट्स दिए हुए हैं हाउ डू वी नो कि वहां पर sn1 रिएक्शन होगा कि sn2 होगा या एलिमिनेशन होगा राइट एक बहुत ही मतलब वैलिड और लॉजिकल सा सवाल है कि हमें कैसे पता चलेगा कि कब कौन सा रिएक्शन होगा अब देखो बहुत सारे फैक्टर्स हैं जो ये डिटरमाइंड करते हैं कि भैया रिएक्शन होगा कौन सा ठीक है जैसे यहां पर आपको स्क्रीन पे तीनों तरह के रिएक्शंस दिख रहे हैं जो पहला वाला रिएक्शन है जो पहला वाला रिएक्शन है दैट इज sn1 रिएक्शन जो कि दो दो स्टेप में हो रहा है क्या हो रहा है इसमें देखो हेलो एल्केन है सबसे पहले इसका कार्बो कटाय बन रहा है ठीक है उसके बाद इस कार्बो कटाय पे कौन अटैक कर रहा है ये न्यूक्लियोफिल अटैक कर रहा है एंड फाइनली वी गेट दिस प्रोडक्ट ठीक है तो ये क्या है मेरा sn1 रिएक्शन है जो दूसरा एग्जांपल यहां पे दिख रहा है दैट इज sn2 रिएक्शन जो कि एक सिंगल स्टेप में हो रहा है ठीक है इसमें क्या हो रहा है कि न्यूक्लियोफिल ऐसे डायरेक्टली आके पीछे से जुड़ जा रहा है कार्बन के साथ और आगे से ये हैलोजन निकल जा रहा है एंड दैट्ची है और जो तीसरा है दैट इज एलिमिनेशन उसमें क्या हो रहा है कि एक बेस जो है उसके इवॉल्वमेंट की वजह से मतलब जैसे पैसा दिखा के हमने दो बंदों को गायब कर दिया था चार दोस्तों के ग्रुप में से उसी तरह यहां बेस जो है ये क्या करता है एक हाइड्रोजन को खींच लेता है एक हैलोजन को भी भगा देता है तो एक हाइड्रोजन एक हैलोजन गायब हो जाता है और कार्बन के बीच में डबल बॉन्ड आ जाता है तो इस तरीके से एल्कीन बन जाता है ठीक है सो एंड दिस इज आवर एलिमिनेशन रिएक्शन तो यह तीनों तरह के रिएक्शंस हमने पढ़े तो बच्चों यह समझ लो कि किस टाइप का रिएक्शन होगा यह बहुत सारे फैक्टर्स पर डिपेंड करता है ठीक है जैसे कि सबसे पहला फैक्टर है नेचर ऑफ एल्काइन हैलाइड अब नेचर ऑफ एल्काइन हैलाइड बोले तो कि भाई 1 डिग्री एल्काइन हैलाइड है 2 डिग्री एल्काइन हैलाइड है या 3 डिग्री एल्काइन है उससे भी काफी सारी चीजें डिपेंड करती है उसके ऊपर भी राइट हमने देखा था कि भाई अगर sn1 रिएक्शन है तो क्या होता है sn1 रिएक्शन को अगर हम याद करें दिस इज sn1 रिएक्शन राइट sn1 रिएक्शन में हमारा एक इंटरमीडिएट बनता है व्हिच इज अ कार्बो कटाय है ना और कार्बो कटाय कौन सा वाला स्टेबल होता है 3° कार्बो कटाय ज्यादा स्टेबल होता है 1 डिग्री कार्बो कटाय कम स्टेबल होता है है ना हमने देखा था तो इसीलिए जब हम बात करते हैं sn1 रिएक्शन की तो हम क्या देखते हैं कि जो टर्श एल्काइन हैलाइड होते हैं जो 3 डिग्री एल्काइन हैलाइड होते हैं वो बहुत ज्यादा हाईली एक्टिव होते हैं फॉर sn1 रिएक्शन बहुत इंटरेस्टेड होते हैं वो sn1 रिएक्शन के लिए ठीक है लेकिन वहीं अगर हम बात करें 1 डिग्र एल्काइन हैलाइड की तो वो ज्यादा इंटरेस्टेड किसमें दिखते हैं वो ज्यादा इंटरेस्टेड दिखते हैं sn2 रिएक्शन में क्यों क्योंकि जब 1 डिग्री होता है ना कार्बन यहां पर ये हैलाइड में जब 1 डिग्री होता है तो न्यूक्लियोफिल के लिए ना अटैक करना बड़ा आसान होता है राइट तो इसका मतलब एल्काइन हैलाइड किस तरह का है उस पे डिपेंड करता है कि भाई इनमें से कौन सा रिएक्शन होगा ठीक दूसरा फैक्टर साइज ऑफ द न्यूक्लियोफिल और बेस साइज ऑफ द न्यूक्लियोफिल की अगर हम बात करें लेट अस सपोज जो न्यूक्लियोफिल है ना वो अपने आप में ही बहुत बल्की है बहुत ही बड़ा सारा कॉम्प्लिट टेड स्ट्रक्चर वाला न्यूक्लियोफिल है ठीक है तो ऐसा न्यूक्लियोफिल क्या प्रेफर करेगा आपको क्या लगता है कौन सा रिएक्शन प्रेफर करेगा बच्चों ऐसा न्यूक्लियोफिल जो है ना न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन इतना प्रेफर ही नहीं करेगा वो प्रेफर करेगा कि वो एक बेस की तरह काम करके चुपचाप एलिमिनेशन रिएक्शन करवा दे क्यों क्योंकि जो बल्की न्यूक्लियोफिल होगा आप खुद सोच के देखो सब्सीट्यूशन कराने के लिए न्यूक्लियोफिल को अटैक करना पड़ेगा है कि नहीं अब अगर न्यूक्लियोफिल खुद ही इतना बल्की है उसके आज बाजू इतनी सारी चीजें लगी हुई है तो उसका स्टेरिक हिंडरलैंड न्यूक्लियोफिल कितना स्ट्रांग है ठीक है जैसा कि हमने देखा था sn1 और sn2 की अगर हम बात करें तो sn1 रिएक्शन में क्या होता है मतलब रिएक्शन के होने का तरीका ही कुछ ऐसा है कि कार्बो कटाय सीधा-सीधा बन के आ जाता है तो मतलब जो पॉजिटिव चार्ज वाला कार्बन है ना वो बिल्कुल बना बनाया सा मिल जाता है तो यहां पर हमें इतने ज्यादा स्ट्रांग न्यूक्लियोफिल की जरूरत नहीं होती है थोड़ा सा वीक न्यूक्लियोफिल भी हो तभी भी काम चल जाता है लेकिन जहां हम sn2 रिएक्शन की बात करते हैं तो यहां पे देखो न्यूक्लियोफिल को डायरेक्टली अटैक करना पड़ता है है ना तो इसीलिए यहां पर न्यूक्लियोफिल का स्ट्रांग न्यूक्लियोफिल होना काफी जरूरी होता है तो इसीलिए जो भी न्यूक्लियोफिल का स्ट्रेंथ है वो डिसाइड करता है कि भाई वो कौन सा मैकेनिज्म फॉलो करने के लायक है sn1 या sn2 फाइनली लास्ट बट नॉट द लीस्ट दैट इज रिएक्शन कंडीशंस कि भाई रिएक्शन किस टेंपरेचर में हो रहा है किस कैटालिस्ट के प्रेजेंस में हो रहा है कितना प्रेशर में हो रहा है वगैरह वगैरह ठीक है तो हम क्या देखते हैं कि ये कई सारे फैक्टर्स हैं जो ऑल टुगेदर ये डि ड करते हैं कि sn1 होगा sn2 होगा या एलिमिनेशन रिएक्शन होगा तो बच्चों कुल मिला के हम ये नोटिस करते हैं कि अगर हमारे पास कोई एक ऐसी चीज हो जो एक बहुत स्ट्रांग न्यूक्लियोफिल है लेकिन बहुत वीक बेस है तो वैसे सिचुएशन में न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन होने की पॉसिबिलिटी ज्यादा होती है जैसे मान लो हमारे पास अगर कुछ तो यहां पर न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन होने के चांसेस हैं ठीक है दूसरी तरफ अगर बिल्कुल इसका अपोजिट हो फॉर एग्जांपल हमारे पास कोई ऐसी चीज हो जो बहुत स्ट्रांग बेस है लेकिन वीक न्यूक्लियोफिल है ठीक है तो वैसे सिचुएशन में एलिमिनेशन रिएक्शन होने के चांसेस ज्यादा होते हैं जैसे कि फास्फेजन जैसे कि डाई आइसोप्रो पाइल इथाइल एमीन तो ये कुछ ऐसी चीजें हैं जो बहुत स्ट्रांग बेस है लेकिन वीक न्यूक्लियोफिल है तो यह क्या करवाते हैं यह करवा आते हैं एलिमिनेशन रिएक्शंस तो बच्चों अब हम डिस्कस करेंगे रिएक्शन विद मेटल्स कि भाई एलो एल्केन जो है यह मेटल्स के साथ कैसे रिएक्ट करते हैं तो हम नोटिस करते हैं कि मोस्टली जो क्लोराइड्स ब्रोमाइड्स आयोडाइड्स हैं ये सभी मेटल्स के साथ रिएक्ट करके एक अलग क्लास ऑफ कंपाउंड्स बनाते हैं जिन्हें हम कहते हैं ऑर्गेनोमेटेलिक कंपाउंड्स इन कंपाउंड्स की खास बात यह होती है कि इसके अंदर हमें कार्बन मेटल बॉन्ड्स देखने को मिलते हैं ठीक है इसका एक बहुत ही मस्त एग्जांपल है ग्रिगनार्ड रिएजेंट अब आप सोचोगे कि बाप रे क्या भारी भरकम नाम है सो ग्रिगनार्ड रिएजेंट इज नेम आफ्टर विक्टर ग्रिगनार्ड जिन्होंने इस पूरे ऑर्गेनोमेटेलिक कंपाउंड्स को डिस्कवर किया था इन 1900 ठीक है तो ग्रिगनार्ड रिएजेंट का जो जनरल फार्मूला होता है दैट इज r एज एक जहां पर x इज हैलाइड व्हिच कुड बी क्लोराइड व्हिच कुड बी ब्रोमाइड व्हिच कुड बी आयोडाइड आर इज द एल्काइन ग्रुप तो यहां पे देखो कार्बन एल्का ग्रुप का जो कार्बन है और मैग्नीशियम वो जो बॉन्ड है दैट इज योर कार्बन मेटल बॉन्ड ठीक है अब ग्रिगनार्ड रेजन को अलग से डिस्कस कर रहे हैं तो ओबवियसली इंपोर्टेंट तो होगा ही है ना तो चलो सबसे पहले देखते हैं कि ग्रिगनार्ड रिएजेंट बनता कैसे है ठीक है तो हम लेते हैं एक एल्काइन हैलाइड या फिर हैलो एल्केन कुछ भी कह लो इसको रिएक्ट कराते हैं मैग्नीशियम के साथ व्हिच इज अ मेटल ठीक है तो यहां पर फॉर एग्जांपल हमने लिया है इथाइल ब्रोमाइड उसको रिएक्ट कराया मैग्नीशियम के साथ इन प्रेजेंस ऑफ ड्राई ईथर ठीक है तो मुझे क्या मिल गया मुझे मिल गया ग्रिगनार्ड रिएजेंट तो r एज एक में देखो x की जगह आ गया ब्रोमीन और r यानी कि एल्काइन ग्रुप की जगह आ गया इथाइल का ग्रुप ठीक है तो ये हो गया मेरा ग्रिगनार्ड रिएजेंट अब देखने वाली बात ये है कि यार हम इस ग्रिगनार्ड रिएजेंट को इतना मतलब ग्लोरिफाई कर रहे हैं मतलब इसको अलग नाम भी दिया गया है इसको एक रिएजेंट भी कहा जा रहा है तो मतलब क्या इंपॉर्टेंस है इसका तो चलो देखें तो बच्चों ग्रिगनार्ड रिएजेंट के स्ट्रक्चर को अगर हम देखें तो यहां पर एक खास बात देखने को मिलती है कि जो कार्बन मेटल का जो बॉन्ड है ना है तो कोवलेंको क्यों क्योंकि देखो मेटल जो होता है वो बाय डिफॉल्ट इलेक्ट्रो पॉजिटिव होता है जिसकी वजह से ये क्या करता है शेयर्ड इलेक्ट्रॉन को सम वट अपनी तरफ नहीं आने देता है ये इलेक्ट्रॉन को अपनी तरफ नहीं लाता है अपने से दूर भगाते रहता है तो एज अ रिजल्ट मैग्नीशियम के ऊपर एक डेल्टा प्लस चार्ज आ जाता है और एल्काइन ग्रुप का जो कार्बन है उसके ऊपर एक डेल्टा माइन आ जाता है एंड दैट्ची की बात करें तो ग्रिगनार्ड रिएजेंट्स आर वेरी हाईली रिएक्टिव मतलब ये इतने ज्यादा रिएक्टिव हैं कि इवन पानी अगर पानी के साथ भी इन्हें रिएक्ट करवाएं हम तो ये हमें एल्केसों को हम वाटर के साथ रिएक्ट कराएं सो वी गेट एन एल्केन क्यों नॉट जस्ट पानी एनीथिंग दैट गिव्स प्रोटॉन कोई भी ऐसा बंदा मिल जाए जो प्रोटॉन देने के लिए रेडी हो जैसे हमने देखा ना वाटर एल्कोहल ये सब प्रोटिक सॉल्वेंट्स होते हैं ये प्रोटॉन देते हैं तो कोई भी ऐसा मिल जाए जो h+ देने के लिए रेडी हो और ग्रिगनार्ड रिएजेंट भी रेडी रहता है कि भाई तू मुझे h+ दे और मैं तुम्हें एल्केन देता हूं मैं मतलब तुम्हें नहीं देता हूं मतलब मैं एल्केन बना दूंगा ठीक है इनफैक्ट दैट्ची तो बच्चों अब डिस्कस करने वाले हैं हम वूड्स रिएक्शन यार ठीक है मेटल्स के साथ रिएक्शन की बात चल रही थी तो मेटल में मैग्नीशियम इकलौता मेटल थोड़ना है और भी तो मेटल्स हैं बिल्कुल हैं तो वड्स रिएक्शन के अंदर हम बात करेंगे रिएक्शन विद सोडियम क्या रिएक्शन होता है सोडियम के साथ तो हम देखते हैं जब हम एल्काइन हैलाइड को सोडियम के साथ रिएक्ट करते हैं इन प्रेजेंस ऑफ ड्राई ईथर तो वहां भी हमें एक एल्केन मिलता है खास बात यह होती है कि यहां पर जो एल्केन बनता है हैज डबल द नंबर ऑफ कार्बन एटम्स दन इट वाज इन द हैलाइड मतलब हैलाइड में अगर दो कार्बन वाला हैलाइड था तो अभी जो एल्केन बना वो चार कार्बन वाला एल्केन बनता है राइक इट इज लाइक अगर मेरा जो हैलाइड था दैट वाज इथाइल हैलाइड तो अब जो एल्केन बना है दैट इज गोइंग टू बी ब्यूटेन ऑब् वियस राइट सो दैट्ची के कैसे हैलाइड से एल्केन बनता है तो बच्चों फाइनली हमने एलो एल्केन के तो सारे रिएक्शंस डिस्कस कर लिए अब हम वही चीजें डिस्कस करने वाले हैं फॉर हैलो अरीन यस तो हैलो अरंसबर्ग हम न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन से शुरू करें तो सबसे पहले तो एक बात आ जाता है सामने कि जो अराइल लाइड्स होते हैं ये न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन की तरफ बहुत ही लेस रिएक्टिव होते हैं ऐसा क्यों होता है हेलो एल्केन तो बड़े मजे से न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन कर रहे थे तो फिर अराइल लाइड्स को क्या दिक्कत आ गई अच्छा उससे पहले सबको याद तो है ना कि अराइल हैलाइड क्या होता है अराइल लाइड्स क्या होता है जिसमें हैलोजन जो है वो बेंजीन रिंग के कार्बन से डायरेक्टली अटैच होता है ओके तो क्या दिक्कत आती है यहां पर तो वेल यह लेस रिएक्टिव होने के पीछे चार कारण है पहला कारण तो है रेजोनेंस इफेक्ट दूसरा कारण है कार्बन हैलोजन बॉन्ड वाला जो कार्बन है उसका हाइब्रिडाइज्ड कटाय और चौथा कारण है पॉसिबल रिपल्शन अब सिर्फ कारण बताने से चलेगा क्या बिल्कुल नहीं समझना पड़ेगा ये एक-एक कारण को समझना पड़ेगा कि उस कारण की वजह से इसका रिएक्टिविटी इतना कम क्यों है टुवर्ड्स न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन तो चलो पहले फोकस करेंगे पहले कारण पे दैट इज रेजोनेंस इफेक्ट तो अराइल हैलाइड या फिर हैलो रींस की अगर हम बात करें तो हम देखते हैं जो हैलोजन के ऊपर जो इलेक्ट्रॉन पेयर्स होते हैं वो इलेक्ट्रॉन पेयर्स और बेंजीन रिंग के अंदर जो इलेक्ट्रॉन हैं ये सारे कॉन्जुलेरे सोनेट स्ट्रक्चर्स बनाते हैं जैसा कि हमें यहां दिख रहा है राइट तो अगर ये सारे रेजोनेंट क्चर पे फोकस करो तो एक चीज नोटिस करोगे कि जो कार्बन हैलोजन बॉन्ड है उसमें पार्शियल डबल बॉन्ड कैरेक्टर है कौन रिस्पांसिबल है इस पार्शियल डबल बॉन्ड कैरेक्टर के लिए रेजोनेंस रेजोनेंस किसकी वजह से हो रहा है क्योंकि यहां बेंजीन रिंग के अंदर क्या है डी लोकलाइज्ड बाय इलेक्ट्रॉन है राइट तो उसके वजह से रेजोनेंस हो रहा है रेजोनेंस की वजह से कार्बन हैलोजन बॉन्ड में पार्शियल डबल बॉन्ड कैरेक्टर आ रहा है उससे क्या हो रहा है यार हम सबको पता है कि जो डबल बॉन्ड होता है वोह सिंगल बॉन्ड से ज्यादा स्ट्रांग होता है सिंगल बॉन्ड को तोड़ना आसान होता है है डबल बॉन्ड उससे ज्यादा स्ट्रांग होता है तो उसको तोड़ना मुश्किल होता है एंड दैट इज़ द रीज़न यहां पर कार्बन हैलोजन का जो बॉन्ड है वो आसानी से टूट नहीं पाता है एंड दैट इज व्हाई दे आर लेस रिएक्टिव टुवर्ड्स न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन चलो देखिए रीजन नंबर टू रीज़न नंबर टू में हम फोकस करेंगे कि जो हमारा कार्बन हैलोजन बॉन्ड का कार्बन है वो sp2 हाइब्रिडाइज्ड है इन केस ऑफ हैलो एरिन बट कहानी कुछ और थी इन केस ऑफ हैलो एल्केन हैलो एल्केन को अगर हम देखें तो वहां पर जो मेरा कार्बन था जिससे हैलोजन अटैच था वो कार्बन sp3 हाइब्रिडाइज्ड था अब आप पूछोगे तो क्या हो गया मैम sp3 हाइब्रिडाइज्ड था यहां sp2 हाइब्रिडाइज्ड है उससे फर्क क्या पड़ता है फर्क पड़ता है हमने एक बात सीखी थी जब हमने यह हाइब्रिडाइज्ड ऑर्बिटल में जैसे-जैसे उसका ए कैरेक्टर ज्यादा होता है उसमें उसकी इलेक्ट्रोनेगेटिविटी भी ज्यादा होती है तो अब देखो को sp2 में और sp3 में से s कैरेक्टर किसका ज्यादा है अब आप बोलोगे दोनों में तो s एक ही है वैसे नहीं बोल रही हूं यहां पर s एक है p दो है मतलब टोटल तीन में से एक s है यहां पर s एक है p3 है मतलब टोटल चार में से s एक है तो परसेंटेज वाइज s का परसेंटेज ज्यादा कहां पे है sp2 में तो जहां पर परसेंटेज ऑफ s कैरेक्टर ज्यादा होता है वहां पे इलेक्ट्रोनेगेटिविटी ज्यादा होती है इसका मतलब जो कार्बन हैलोजन बॉन्ड है इन केस ऑफ हैलो एरिन उनकी इलेक्ट्रोनेगेटिविटी ज्यादा होने की वजह से वह बॉन्ड ज्यादा पोलराइज्ड है बॉन्ड की पोलैरिटी ज्यादा है अब बॉन्ड की पोलैरिटी जब ज्यादा होती है तो क्या होता है एक तरफ नेगेटिव है एक तरफ पॉजिटिव है तो दोनों के बीच का अट्रैक्शन भी ज्यादा होता है दैट मींस कार्बन हैलोजन का जो बॉन्ड है वो ज्यादा स्ट्रांग है ज्यादा स्ट्रांग है तो आसानी से टूटने वाला नहीं और इसीलिए इट इज लेस रिएक्टिव टुवर्ड्स न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन अब बात करेंगे रीज़न नंबर थ्री दैट इज इंस्टेबिलिटी ऑफ फिनाइल कटाय इससे क्या फर्क पड़ता है फर्क तो पड़ता है तभी हम डिस्कस कर रहे हैं राइट तो अगर हम हैलो एल्केन को याद करें तो लेट्स से हैलो एल्केन का लेट्स से sn1 सब्सीट्यूशन की बात करो तो sn1 के मैकेनिज्म को अगर हम देखें तो वहां पे क्या होता था जो हैलो एल्केन था वो स्प्लिट करके कार्बो कटाय बनाता था और फिर उस कार्बो कटाय को न्यूक्लियोफिल अटैक करता था ठीक है एक सेकंड के लिए मान लेते हैं कि चलो ठीक है जो हेलो अरीन है वो भी सेम प्रोसेस फॉलो करेगा चलो मान लेते हैं तो उस केस में हैलो एरिन को भी एक कार्बो कटाय बनाना पड़ेगा व्हिच विल बी फिनाइल कटाय ठीक है अब ये जो फिनाइल कटाय है इसको फर्द रिएक्शन करने के लिए दिस कटाय हैज टू बी स्टेबल राइट अगर ये कटाय स्टेबल होगा तभी तो वो बनेगा बट अनफॉर्चूनेटली जो फिनाइल कटाय है वो रेजोनेंस से स्टेबल नहीं होता है क्यों नहीं होता है क्योंकि फिनाइल कटाय की हालत देखो इसके स्ट्रक्चर को देखो इसके पास जो एक्स्ट्रा पॉजिटिव चार्ज है उस चार्ज को लेने के लिए कोई इलेक्ट्रॉन है ही नहीं इस पूरे स्ट्रक्चर में किसी के भी पास कोई एक्स्ट्रा इलेक्ट्रॉन नहीं है जो इस पॉजिटिव चार्ज को ले सके अब आप पूछोगे कि इलेक्ट्रॉन तो नहीं है मैम बट डबल बॉन्ड तो है तो वो डबल बॉन्ड वाले पाई इलेक्ट्रॉन नहीं ले सकते हैं क्या अब आप खुद सोचो अगर डबल बॉन्ड वाले पाई इलेक्ट्रॉन ही वहां से हट जाएं इस पॉजिटिव चार्ज के चक्कर में में तो क्या यह कंपाउंड एसेंशियली एरोमेटिक कंपाउंड रहेगा क्योंकि यह एरोमेटिक कंपाउंड है ही इसीलिए क्योंकि यहां पर अल्टरनेटली सिंगल और डबल बॉन्ड्स हैं राइट तो इसीलिए यहां पर फिनाइल कटाय में रेजोनेंट क्चर से इसका बन नहीं सकता है दैट मींस फिनाइल कै टायन इज नॉट स्टेबल अब जब वो स्टेबल ही नहीं है तो भाई ये sn1 का मैकेनिज्म चलेगा कैसे तो वो एनीवेज ही पॉसिबिलिटी रूल आउट हो जाती है फाइनली रीजन नंबर फोर दैट इज पॉसिबल रिपल्शन किके बीच का रिपल्शन वेल एरस की अगर हम बात करें तो वो ऑलरेडी इलेक्ट्रॉन रिच होते हैं उनमें इलेक्ट्रॉन काफी होते हैं कैसे अरे भाई पाई इलेक्ट्रॉन भी तो होते हैं उनके अंदर तो उनके पास काफी इलेक्ट्रॉन होते हैं और हम बात कर रहे हैं न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन की जिसके अंदर न्यूक्लियोफिल को अटैक करना है न्यूक्लियोफिल क्या होता है जिसे पॉजिटिव चार्ज से प्यार होता है न्यूक्लियस पॉजिटिव चार्ज से प्यार होता है है ना तो आप खुद सोच के बताओ एरिस जो इलेक्ट्रॉन है वो न्यूक्लियोफिल को अट्रैक्ट करेगा क्या नॉट रियली न्यूक्लियोफिल को एरस में कोई इंटरेस्ट नहीं होगा क्योंकि एरस में इलेक्ट्रॉन हैं बट न्यूक्लियोफिल को क्या चाहिए पॉजिटिव चार्ज चाहिए राइट क्योंकि न्यूक्लियोफिल तो खुद ही इलेक्ट्रॉन रिच है सो जब दो इलेक्ट्रॉन रिच स्पीशीज मिलेंगे तो उनके बीच में क्या होने के चांसेस होंगे रिपल्शन तो ये रिपल्शन भी एक पॉसिबल रीजन हो सकता है जिसके वजह से जो एरिन हैं जो अराइल हैलाइड से ये इतने लेस रिएक्टिव होते हैं टुवर्ड्स न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन तो चलो बच्चों अब एक बार फटाफट से लिस्ट देखते हैं कि कौन-कौन से रिएक्शंस के बारे में एगजैक्टली हम अभी बात करने वाले हैं तो सबसे पहले डिस्कस करेंगे हम न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन अब आप बोलोगे कि मैम अभी-अभी तो आपने बताया कि कौन-कौन से रीजन की वजह से अराइल लाइड्स न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन नहीं करते हैं बट केमिस्ट्री इज एक्सेप्शन कुछ ऐसे ड्रास्ट्रिंग घुमा फिरा देते हैं तो कभी-कभी न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शंस हो जाते हैं तो उन न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शंस को डिस्कस करेंगे उसके बाद बात करेंगे हम इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन के बारे में जिसके अंदर डिस्कस करेंगे हैलोजन सल्फोनेट नाइट्रे एंड फ्रिडल क्राफ्ट्स रिएक्शन उसके बाद डिस्कस करेंगे हम रिएक्शन विद मेटल्स जिसके अंदर डिस्कस करेंगे वुड्स फिटिंग रिएक्शन एंड फिटिक रिएक्शन तो ये सारे रिएक्शंस हैं अब हमारे सीक्वेंस में तो चलो शुरू करें तो ड्रास्ट्रिंग कंडीशन बोले तो जैसे कि 623 केल्विन का टेंपरेचर 300 एटमॉस्फियर्स का प्रेशर ऐसे टेंपरेचर और प्रेशर के अंडर ऐसा पॉसिबल है कि अराइल हैलाइड में से हम हैलोजन को रिप्लेस करके वहां पर ओ यानी कि हाइड्रोक्सी ग्रुप अटैच कर सके ठीक है तो जब हम अराइल हैलाइड के साथ रिएक्ट करवाते हैं na6 कंडीशंस दैट इज 623 केल्विन एंड 300 एटमॉस्फेरिक प्रेशर तब मुझे मिलता है फिनोल मतलब x जो है वो रिप्लेस हो जाता है विद ओ कौन सा वाला रिएक्शन होता है यहां पर न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन ठीक है ओके अब यहां पर हम इंटरेस्टिंग एक चीज नोट करते हैं कि अगर हम कुछ ऐसा करें कि जो हैलो अरीन है मेरा उसमें अगर हम इलेक्ट्रॉन विड्रॉइंग ग्रुप को लगा दें ठीक है मान लो जो मेरा हेलो अरीन है उसी के ऑर्थो या परा पोजीशन पे ऑर्थो या पैरा पोजीशन पे अगर हम कोई इलेक्ट्रॉन विड्रॉइंग ग्रुप लगा दें जैसे कि no2 no2 एक इलेक्ट्रॉन विड्रॉइंग ग्रुप है मतलब वो इलेक्ट्रॉन को खींच लेता है अपनी तरफ तो क्या हो सकता है सोचो थोड़ा सा अभी-अभी हमने डिस्कस किया था राइट कि यह जो अराइल लाइड्स हैं ये न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन इसलिए नहीं करते हैं क्योंकि ये ऑलरेडी इलेक्ट्रॉन रिच होते हैं राइट तो न्यूक्लियोफिल इनकी तरफ अटैक नहीं करता है क्योंकि न्यूक्लियोफिल्स भी इलेक्ट्रॉन रिच होते हैं तो व्हाट इफ हमने यहां पर एक यहां पे जादू कर दिया नॉट रियली जादू एक यहां पर जुगाड़ लगा दिया कि एक काम करते हैं ऑर्थो या पैरा पोजीशन पे जो है हम इलेक्ट्रॉन विड्रॉइंग ग्रुप्स लगा देते हैं तो वो ग्रुप्स क्या करेंगे उनके जो इलेक्ट्रॉन है ना उनको खींच लेंगे तो भाई कम से कम उनकी इलेक्ट्रॉन डेंसिटी कुछ तो कम हो जाएगी जब ऐसा होगा तो न्यूक्लियोफिल को लगेगा हां ठीक है चलो अटैक कर सकते हैं राइट तो थोड़ा सा न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन होने के चांसेस बढ़ जाएंगे ठीक है तो चलो देखते हैं क्या होता है अब देखो ये सेम रिएक्शन को हम करेंगे लेकिन हमने पैरा पोजीशन पे एक no2 लगा दिया है एक नाइट्रो ग्रुप लगा दिया है तब भी देखो क्या हो रहा है cl8 करो पहले अगर मुझे 623 केल्विन टेंपरेचर चाहिए होता था अब मुझे 443 केल्विन टेंपरेचर ही चाहिए मतलब अब थोड़ा सा कम टेंपरेचर में भी काम हो जा रहा है क्यों क्योंकि मैंने एक जुगाड़ लगाया है इलेक्ट्रॉन विड्रॉइंग ग्रुप लगा दिया है एट पैरा पोजीशन जिसने ऑलरेडी कुछ-कुछ चार्जेस को जो है कुछ-कुछ इलेक्ट्रॉन को विथड्रावल न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन थोड़ा सा आसान हो गया है ठीक अब हम एक स्टेप और आगे बढ़ेंगे अब हमने क्या किया कि ऑर्थो और पैरा दोनों पोजीशन पे हमने एक-एक नाइट्रो ग्रुप लगा दिया तो मतलब मैंने क्या किया इलेक्ट्रॉन विथ ड्रॉइंग ग्रुप्स को और बढ़ा दिया पहले एक ही इलेक्ट्रॉन विथ ड्रॉइंग ग्रुप था अब मैंने दो इलेक्ट्रॉन विड्रॉइंग ग्रुप्स लगा दिए तो देखो अभी भी मेरा रिएक्शन हो रहा है बट फिर से नोटिस करो अब मुझे टेंपरेचर और कम में मेरा काम हो जा रहा है 368 केल्विन इतने टेंपरेचर में ही मेरा काम हो जा रहा है राइट तो शुरू किया था हमने 623 केल्विन से एक नाइट्रो ग्रुप लगाया तो 443 केल्विन में ही काम हो गया एक और नाइट्रो ग्रुप लगाया तो 368 केल्विन में ही काम हो गया है ना चलो एक और नाइट्रो ग्रुप लगा के देख लेते हैं जब एक और नाइट्रो ग्रुप लगाया यानी कि अब तीन नाइट्रो ग्रुप्स हैं अब क्या हो रहा है अब तो अमेजिंग रिजल्ट है देखो अब बहुत हाइट टेंपरेचर की जरूरत ही नहीं है इनफैक्ट टेंपरेचर मेंशन भी नहीं किया है बस लिखा हुआ है वर्म मतलब हल्का सा टेंपरेचर बढ़ा दो हल्का सा राइट तो इतने कम टेंपरेचर में ही न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन हो गया ठीक है तो यहां पर एक बहुत इंपॉर्टेंट कांसेप्ट हमने पढ़ा क्या कि वैसे तो अराइल हेलाइड्स जो है वो न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन की तरफ बहुत लेस रिएक्टिव होते हैं बिकॉज़ ऑफ ऑल दोज रीजंस जो हमने डिस्कस किया था लेकिन हर चीज का जुगाड़ होता है राइट अगर हम कुछ तो करें जैसे अगर हम मतलब कंडीशंस के साथ प्ले अराउंड करें टेंपरेचर प्रेशर इनके साथ अगर प्ले अराउंड करें तो कभी-कभी न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन को करना पॉसिबल है अब जैसे एक और ट्रिक हमने लगा दिया कि इलेक्ट्रॉन विथ ड्रॉइंग ग्रुप्स लगा दिया उससे भी हमारा न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन आसानी से होने लगा अब यहां पर एक और इंटरेस्टिंग चीज हम नोट करते हैं कि यह जो हमने इलेक्ट्रॉन विड्रॉइंग ग्रुप लगाया उससे क्या हुआ अराइल हैलाइड की रिएक्टिविटी बढ़ गई टुवर्ड्स न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन बट द इंटरेस्टिंग थिंग इज दैट जब हम ये इलेक्ट्रॉन विथ ड्रॉइंग ग्रुप को ऑर्थो या पैरा पोजीशन पे लगाते हैं तभी ही हैलो एरिन के रिएक्टिविटी में फर्क आता है अगर इसी नाइट्रो ग्रुप को मैं मेटा पोजीशन पे लगा दूं तो देयर इज नो चेंज इन रिएक्टिविटी कुछ फर्क नहीं होगा समझ रहे हो मतलब यह जो अभी हमने इतने चेंजेज देखे कि भाई नाइट्रो ग्रुप मैं लगाती गई और मेरा रिएक्शन और आसानी से होता गया यह तब हुआ जब नाइट्रो ग्रुप को मैंने ऑर्थो या पैरा पोजीशन पर लगाया बट इसी नाइट्रो ग्रुप को अगर मैं मेटा पोजीशन प लगा दूं देयर इज एब्सलूट नो चेंज इन द रिएक्टिविटी ऑफ हेलो एरिन मतलब उस केस में हेलो एनस जो है न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन की तरफ नो रिस्पांस शो करेंगे दे विल बी वेरी लेस रिएक्टिव ऐसा क्यों तो इस क्यू को समझने के लिए लेट अस ट्राई टू अंडरस्टैंड द मैकेनिज्म तो प्यारे बच्चों इसको समझ ने के लिए हमें देखना पड़ेगा इनके रेसोनेट स्ट्रक्चर्स ठीक है तो अगर हम क्लोरो बेंजीन की बात करें फॉर एग्जांपल ठीक है तो क्लोरो बेंजीन बेंजीन के स्ट्रक्चर में ही क्या रहते हैं पाई इलेक्ट्रॉन रहते हैं जो डी लोकलाइज्ड होते हैं जो इधर-उधर घूमते रहते हैं उसी के वजह से पूरा का पूरा ये रेसोनेट स्ट्रक्चर्स हमें मिलते हैं ओके तो चलो क्लोरो बेंजीन की ही अगर हम बात कर ले तो यहां पर देखो क्या हो सकता है एक तो इधर क्लोरीन के पास भी इलेक्ट्रॉन बैठे हैं यहां पर ये जो डबल बॉन्ड है वहां पर भी पाई इलेक्ट्रॉन बैठे हैं जो कि देखो कैसे घूमते हैं अब अगर इन स्ट्रक्चर्स को हम ध्यान से देखें तो क्या हो रहा है देखो यह डबल बॉन्ड वाला इलेक्ट्रॉन जो है वह कूद के यहां पे आ गया ठीक है यह यहां पे क्यों आया क्योंकि क्लोरीन के जो ये थे फ्री इलेक्ट्रॉन क्लोरीन के पास जो इलेक्ट्रॉन पेयर्स थे वो कहां आ गए वो इधर आ गए क्लोरीन ने ऐसे दे दिया तो देखो ये ऐसे-ऐसे घूम रहा है सर्कल हो रहा है तो यहां पर जो नेगेटिव चार्ज है वो यहां पे आ रहा है इस पोजीशन पे आ रहा है ठीक है अब देखो उसके बाद जो अगला रेसोनेट स्ट्रक्चर है उसमें लेट्स से कि ये जो नेगेटिव चार्ज है लेट्स से कि वो यहां आ गया तो यहां पर डबल बॉन्ड बन गया और यह जो डबल बॉन्ड था इसका वाला इलेक्ट्रॉन यहां चला गया राइट तो देखो नेगेटिव चार्ज कहां पे आ गया अब यहां पर आ गया ठीक है उसके बाद क्या होगा यही वाला नेगेटिव चार्ज लेट्स से इधर चला गया तो यहां पे आ गया अब डबल बॉन्ड दिख रहा है ना यही नेगेटिव चार्ज इधर आ गया तो यहां डबल बॉन्ड आ गया और ये जो डबल बॉन्ड था इसका इलेक्ट्रॉन वापस यहां चला गया तो यूं गोल गोल गोल गोल हम घूम रहे हैं तो इलेक्ट्रॉन तो चलो घूम रहे हैं एक जगह पे स्थिर नहीं बैठे हैं बट इन सारे स्ट्रक्चर पे अगर हम एक चीज पे फोकस करें तो हम क्या देखते हैं कि जो नेगेटिव चार्ज है वो कुछ स्पेसिफिक पोजीशन में ही जमा हो रहे हैं कौन से पोजीशन है देखो यहां पर ये वाला पोजीशन है जो कि कौन सा पोजीशन है ऑर्थो पोजीशन है यहां पर ये वाला पोजीशन है जो कि कौन सा पोजीशन है पैरा पोजीशन है पैरा ही है ना ये क्लोरीन के मुकाबले ये पोजीशन इज पैरा उसी तरह यहां पर अगर हम देखें तो ये वापस से ऑर्थो पोजीशन है तो क्या नोटिस कर रहे हैं कि जो इलेक्ट्रॉन डेंसिटी है वो ऑर्थो एंड पैरा पोजीशंस में ज्यादा है इसका मतलब है कि अगर एक इलेक्ट्रॉन विथ ड्रॉइंग ग्रुप को चिपकाना है इस रिंग के साथ इलेक्ट्रॉन विड्रॉइंग ग्रुप क्या करेगा इलेक्ट्रॉन को खींच लेगा अपनी तरफ इलेक्ट्रॉन को विड्रॉ कर लेगा तो अगर एक ऐसे इलेक्ट्रॉन विड्रॉइंग ग्रुप को लगाना ही है तो ये ज्यादा इफेक्टिव कब होगा जब हम इसे ऑर्थो या पैरा पोजीशन पे लगाएं क्योंकि ऑर्थो पैरा पोजीशन पे इलेक्ट्रॉन डेंसिटी ज्यादा होती है तो अगर इसी ऑर्थो पोजीशन पे या पैरा पोजीशन पे एक no2 लगा देते हैं हम नाइट्रो ग्रुप जो कि इलेक्ट्रॉन विथ ड्राइंग ग्रुप है वो क्या करेगा उस इलेक्ट्रॉन को खींच लेगा राइट और जैसे ही वो उस इलेक्ट्रॉन को खींच लेगा तो इस रिंग की जो चार्ज डेंसिटी है वो कम हो जाएगी जिसकी वजह से ये रिएक्शंस की तरफ ज्यादा रिएक्टिव हो जाएंगे क्योंकि इसके ऊपर ये जो नेगेटिव चार्ज बैठा हुआ है उसी की वजह से क्या हो रहा है न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन इनका हो नहीं रहा है इतना ज्यादा राइट क्योंकि न्यूक्लि फाइल तो पॉजिटिव चार्जेस की तरफ अट्रैक्ट होता है और यहां तो वैसे ही ढेर सारे नेगेटिव चार्जेस हैं है कि नहीं तो बात समझ में आई और ठीक उसी वजह से अगर मेटा पोजीशन पर हम कोई इलेक्ट्रॉन विथ ड्राइंग ग्रुप डाल देते हैं उससे हमें कुछ खास फर्क नहीं दिखता है ऑन द ओवरऑल रिएक्टिविटी ऑफ हैलो एल्केन व्हाई इज दैट बिकॉज़ देखो ना यहां साफ-साफ दिख रहा है जो मेटा वाला जो पोजीशन है ना ये मेटा वाला पोजीशन है राइट देखो मेटा वाला जो पोजीशन है ना उसमें किसी भी सिचुएशन में चार्ज डेंसिटी ज्यादा नहीं हो रही है राइट तो इसीलिए जब मेटा पोजीशन पर हम कोई इलेक्ट्रॉन विड्रॉइंग ग्रुप लगा भी देते हैं बट स्टिल वी रियली डोंट नोटिस मच डिफरेंस इन द रिएक्टिविटी ऑफ द हैलो एल्केन तो चलो बच्चों अब हम डिस्कस करेंगे हैलो एरिस के इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शंस ठीक है अ इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन मतलब यहां पर सब्सीट्यूशन होगा क्यों होगा क्योंकि एक इलेक्ट्रोफिल आके अटैक करेगा ठीक है इलेक्ट्रोफिल क्या होता है ऐसी चीज जिसे इलेक्ट्रॉन से प्यार है फि मतलब प्यार इलेक्ट्रो मतलब इलेक्ट्रॉन से प्यार है ठीक है तो अगर एक इलेक्ट्रोफिल है जो एक हेलो एरिन को अटैक करेगा तो वो कहां पे अटैक करेगा सोचने वाली बात है कहां अटैक करेगा जहां पर नेगेटिव चार्ज की डेंसिटी ज्यादा हो नेगेटिव चार्ज की डेंसिटी ज्यादा कहां पर होगी यह मुझे बताएगा रेसोनेट स्ट्रक्चर्स तो अगर हम एक हेलो एरिन के रेसोनेट स्ट्रक्चर्स पर फोकस करें तो हम क्या नोटिस करते हैं देखो चार्ज की डेंसिटी कौन-कौन से पोजीशंस पर ज्यादा दिख रही है हमें ऑर्थो एंड पैरा पोजीशंस पर राइट तो इससे हमें ये पता चलता है कि एक हैलो अरीन में हैलोजन की प्रॉपर्टी के वजह से हैलोजन के होने की वजह से जो इलेक्ट्रॉन डेंसिटी है वो ऑर्थो पैरा पोजीशन में बढ़ जाती है तो हम कह सकते हैं कि हैलोजन जो होता है ये ऑर्थो पैरा डायरेक्टिंग होता है मतलब ऑर्थो पैरा पोजीशन पे ये इलेक्ट्रॉन डेंसिटी को बढ़ा देता है ठीक है इसीलिए हम नोटिस करेंगे अभी आगे चलके जब हम हेलो एरिस की इलेक्ट्रोफिलिक सब टशन रिएक्शंस देखेंगे तो हम देखेंगे प्रोडक्ट्स जो है वह हमेशा हमें ऑर्थो और पैरा वाले ही पोजीशन पे मिलते हैं मतलब ऑर्थो पैरा ही मेरे प्रोडक्ट्स होते हैं हमें मेटा पोजीशन पे कुछ भी जुड़ता हुआ नहीं दिखता है क्योंकि मेटा पोजीशन पे इलेक्ट्रॉन डेंसिटी कम होती है तो मेटा पोजीशन पे कभी भी इलेक्ट्रोफिल अटैक ही नहीं करता है ठीक है एक पॉइंट क्लियर हो गया दूसरा पॉइंट हम लोग ये भी नोटिस करते हैं कि जो हेलो एरियंस है इसकी जो रिएक्टिविटी है टुवर्ड्स इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन ये बेंजीन के मुकाबले कम है क्यों क्या फर्क है बेंजीन में और अराइल हैलाइड में उसी बेंजीन रिंग में बस एक हैलोजन लग गया है बट उस एक हैलोजन के लग जाने से क्या हुआ है हैलोजन क्या है एक इलेक्ट्रॉन विड्रॉइंग ग्रुप है ठीक है ये इलेक्ट्रॉन को अपनी तरफ खींच लेता है तो थोड़ा बहुत ये ओवरऑल रिंग को डीएक्टिवेट कर देता है मतलब रिंग के थोड़े बहुत इलेक्ट्रॉन को ये अपनी तरफ खींच लेता है तो मतलब रिंग का जो ओवरऑल चार्ज डेंसिटी है ये थोड़ा बहुत कम कर देता है कंपेयर टू बेंजीन तो जब इसके इलेक्ट्रॉन की चार्ज डेंसिटी थोड़ी कम हो जाती है तो इलेक्ट्रोफिल को भी अटैक करने का मन थोड़ा कम हो जाता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन ज्यादा इंटरेस्टेड तब रहता है जब उसे ज्यादा चार्ज दिखता है ज्यादा इलेक्ट्रॉन दिखता है तब वो ज्यादा अटैक करने के मूड में रहता है अब हैलोजन के प्रेजेंस की वजह से इसकी ओवरऑल चार्ज डेंसिटी कहीं ना कहीं थोड़ी कम हो जाती है राइट सो दैट्ची ूश होना जो है वो थोड़ा डिफिकल्ट होता है कंपेयर्ड टू बेंजीन ऐसा नहीं है कि इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशंस यहां होता नहीं है होता है बट थोड़े से ड्रास्ट्रिंग सब्सीट्यूशन रिएक्शंस देखते हैं तो चलो सबसे पहले बात करते हैं हैलोजन की हैलोजन मतलब ही होता है हैलोजन को हम ऐड कर रहे हैं लेट्स टॉक अबाउट क्लोरो बेंजीन क्लोरो बेंजीन हमारा हैलो एरिन है इसके साथ हम ऐड करते हैं लेट्स से cl2 व्हिच इज क्लोरीन हैलोजन है ठीक है इन प्रेजेंस ऑफ एनहाइड्रा fecl3 ठीक है अब हम क्या देखेंगे ये हैलोजन इसमें ऐड हो जाएगा कौन से पोजीशन में ऐड होगा याद है मैंने बोला था ऑर्थो एंड पैरा पोजीशन पे ही ऐड होंगे क्यों अभी बताया था ना इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन हो रहा है तो ऑर्थो और पैरा पोजीशन पे चार्ज डेंसिटी ज्यादा होती है चूंकि चार्ज डेंसिटी ज्यादा होती है तो वहीं पर इलेक्ट्रोफिल आके अटैक करते हैं राइट तो इसीलिए क्लोरीन वहीं पर आके जुड़ जाएंगे तो इसीलिए ये मेरे दो प्रोडक्ट्स बनेंगे 1 डाई क्लोरो बेंजीन एंड ट डाई क्लोरो बेंजीन और इन दोनों में से मेजर प्रोडक्ट कौन होगा जो पैरा वाला प्रोडक्ट है ऐसा क्यों क्योंकि देखो पैरा वाले केस में क्या है ना जो दोनों क्लोरिन है वो एक दूसरे के बिल्कुल अपोजिट है उनके पोजीशन जो है ना दूर-दूर है ऑर्थो वाले केस में दोनों बिल्कुल बगल बगल है जिसकी वजह से उनका हिंडरलैंड हैंस की वजह से जो पैरा प्रोडक्ट है वो प्रीड मिनेट कर जाएगा ओ द ऑर्थो प्रोडक्ट अब बात करेंगे नाइट्रे की नाइट्रे मतलब अगेन यहां पर भी लेट्स से क्लोरो बेंजीन लेते हैं नाइट्रे कर रहे हैं मतलब इसमें नाइट्रो ग्रुप डालना है नाइट्रो ग्रुप डालना है तो कुछ ऐसा ऐड करना पड़ेगा जिसमें नाइट्रो ग्रुप हो तो हमने ऐड किया लेट्स से नाइट्रिक एसिड hno3 ठीक है और मैंने पहले ही बताया था कि ये जितने भी अराइल हेलाइड्स का इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन होगा ये थोड़े से ड्रास्ट्रिंग करना पड़ता है जैसे फॉर एग्जांपल यहां पर हम hno3 से रिएक्ट कराएंगे बट इन प्रेजेंस ऑफ कंसंट्रेटेड h2so 4 ठीक है तो क्या होगा जो नाइट्रो ग्रुप है वो इसके ऑर्थो और पैरा पोजीशन में आके बैठ जाएगा एंड दैट्ची है अब प्रोडक्ट के नानाम तो मैं बता नहीं रही हूं क्योंकि नेमिन तो आपने ऑलरेडी सीख ली है तो नेमिस से ही कर लोगे आईयूपीएसी मशन के हिसाब से अब बात करेंगे हम सल्फोनेट की यहां भी शुरुआत करेंगे क्लोरो बेंजीन के साथ सल्फोनेट मतलब सल्फोनेट ग्रुप को ऐड कराना है इसमें so3h ऐड कराना है तो यानी कि क्लोरो बेंजीन को किसी ऐसे चीज के साथ रिएक्ट कराना पड़ेगा जो इसे so3h दे सके कुछ ऐसी चीज है आपके दिमाग में h2so 4 ऑफ कोर्स तो इसे हम रिएक्ट कराएंगे कंसंट्रेटेड h2so 4 के साथ तो हम क्या देखेंगे so3h जो है इसके ऑर्थो और इसके पैरा पोजीशन में जाके लग जाएगा और हमारा मेजर प्रोडक्ट कौन सा वाला होगा ओबवियसली जहां पर पैरा पोजीशन पे है so3h और इसकी नेमिन आप खुद से करो अब हमारा फोर्थ रिएक्शन है फ्रिडल क्राफ्ट रिएक्शन बड़े इंपॉर्टेंट रिएक्शंस हैं वैसे ये सारे क्योंकि एग्जाम्स में आपको कई बार पूछे जाते हैं इनफैक्ट एमसी क्यूज में भी पूछे जा सकते हैं कि भाई ये रिएक्टेंट है तो प्रोडक्ट क्या होगा प्रोडक्ट दिया हुआ है बताओ रिएक्टेंट क्या होगा राइट सो रिएक्शंस आर ऑलवेज इंपॉर्टेंट एनीवेज सो फ्रिडर कफ्स रिएक्शन जो है इसका नाम पड़ा है दो साइंटिस्ट्स के नाम पर चार्ल्स फ्रिडल एंड जेम्स क्राफ्ट तो फ्रिडल क्राफ्ट रिएक्शन के में दो कैटेगरी के रिएक्शन होते हैं एक होता है फ्रिडल क्राफ्ट एल्काइन एक होता है फ्रिडल क्राफ्ट अइले नाम पे हमेशा फोकस करना है यार केमिस्ट्री में एल्काइन मतलब ऐसा रिएक्शन जिसमें एल्काइन ग्रुप अटैच होता है अभी तक हम वही देख रहे हैं ना हैलोजन मतलब हैलोजन अटैच हो जाता है नाइट्रे मतलब नाइट्रो ग्रुप अटैच हो जाता है सल्फोनेट मतलब सल्फोनेट ग्रुप अटैच हो जाता है अब यहां पर एल्का लेशन मतलब एल्काइन ग्रुप अटैच हो जाएगा ठीक है तो जैसे कि इस रिएक्शन का एग्जांपल देखो लेट्स से क्लोरो बेंजीन को रिएक्ट कराया एल्काइन क्लोराइड के साथ क्योंकि कुछ ऐसी चीज लेनी पड़ेगी जिससे मुझे एल्काइन ग्रुप मिल सके इन प्रेजेंस ऑफ एनहाइड्रा alcl3 तो हमने क्या देखा ये एल्काइन ग्रुप जाके बैठ गया ऑर्थो एंड पैरा पोजीशन में एंड ओबवियसली पैरा पोजीशन वाला प्रोडक्ट जो है दैट इज द मेजर प्रोडक्ट ठीक है अब दूसरा टाइप का कैटेगरी होता है फ्रिडल क्राफ्ट एसाइल जहां पर एसाइल ग्रुप अटैच हो जाता है एसाइल बोले तो co3 एल्काइन नहीं है एसाइल है ठीक है तो यहां पर देखो हमने क्या किया यहां पर हमने क्लोरो बेंजीन के साथ रिएक्ट कराया ch3cocl को क्योंकि मुझे ch3co ये पूरा चाहिए अटैच कराने के लिए ठीक है तो इसको भी रिएक्ट कराया इन प्रेजेंस ऑफ़ एनहाइड्रा हमें क्या मिल गया एसाइल ग्रुप अटैच हो गया ऑर्थो एंड पैरा पोजीशन पे एंड ओबवियसली जो पैरा पोजीशन वाला है दैट इज आवर मेजर प्रोडक्ट ठीक है तो ये थे हमारे कुछ कुछ इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शंस फॉर हैलो एरिन तो प्यारे बच्चों अब हम डिस्कस करने वाले हैं रिएक्शन विथ मेटल्स मेटल्स के साथ ये कैसे रिएक्ट करते हैं अराइल हैलाइड ठीक है तो हम देखते हैं लेट्स टॉक अबाउट कौन सा मेटल ले लेट्स टॉक अबाउट सोडियम ठीक है तो अगर हम अराइल हैलाइड को सोडियम के साथ रिएक्ट कराते हैं इन प्रेजेंस ऑफ ड्राई ईथर और साथ में ले लेते हैं एक एल्काइन हैलाइड भी मतलब अराइल हैलाइड भी है एल्काइन हैलाइड भी है और सोडियम के साथ रिएक्ट कर लाया इन प्रेजेंस ऑफ ड्राई ईथर तो होता क्या है जो एल्काइन ग्रुप है वो जाके मेरे रिंग के साथ अटैच हो जाता है मतलब मुझे क्या मिलता है एल्काइन अरीन मिल जाता है ठीक है नाउ दीज आर अगेन इंपॉर्टेंट कैसे याद रखोगे मतलब बेसिक ट्रिक्स आप खुद से बना सकते हो जैसे अराइल हैलाइड है एक एल्काइन हैलाइड है साथ में ऐड कर दिया क्या सोडियम तो इस केस में आप खुद थोड़ा सा लॉजिकली सोचो जो एल्काइन एलाइड है ना उसमें क्या है एक एल्काइन ग्रुप है और एक हैलाइड है x माइ तो इस x माइ के साथ कौन रिएक्ट कर सकता है सोडियम कंबाइन कर सकता है na0 x - तो ये n एकना सकता है सोडियम का हैलाइड तो ये सोडियम का हैलाइड बना के साइड हो गया तो बचा क्या एल्काइन का ग्रुप बचा और मेरा रिंग बचा तो इसी रिंग में जाकर के लग गया एल्काइन ग्रुप और बन गया एल्काइन अरीन तो इस तरीके से ना मल्टीपल चॉइस क्वेश्चंस में स्पेशली आप थोड़ा सा गेस वर्क भी लगा सकते हो रिएक्शन को देखते अब अगर इसी कहानी में थोड़ा सा ट्विस्ट करते हैं जैसे कि एक अराइल हैलाइड और एक एल्काइन हैलाइड के बजाय अगर मैं दो अराइल हैलाइड ले लूं और उनको सोडियम से रिएक्ट कराऊं इन प्रेजेंस ऑफ़ ड्राई ईथर तब क्या होगा लगभग वही रिएक्शन है सिर्फ एल्काइन हैलाइड को मैंने एक अराइल हैलाइड से रिप्लेस कर दिया तो ऐसे केस में देखो क्या हो सकता है लेट्स टॉक अबाउट दिस अराइल हैलाइड प्लस अराइल हैलाइड प्लस सोडियम इन प्रेजेंस ऑफ़ ड्राई ईथर हम क्या देखते हैं यहां पर एनालॉग कंपाउंड्स बन जाते हैं मतलब दो रिंग मिल कर के वैसे वाले कंपाउंड बनते हैं जैसे कि यहां डाई फिनाइल बन गया दो रिंग जुड़ के डाई डाई फिनाइल बन गया ठीक है तो इस रिएक्शन का नाम है फिटिंग रिएक्शन मतलब इसको हम वुड्स फिटिंग नहीं कहते हैं इसको हम कहते हैं ओनली फिटिक रिएक्शन ठीक है तो इसी के साथ खत्म होता है हमारे हेलो एरिन के सारे रिएक्शन तो चलो मेरे प्यारे बच्चों अब हम आगे बढ़ेंगे और देखेंगे हमारा अगला टॉपिक जो कि है पॉली हैलोजन कंपाउंड्स नाम में क्या रखा है नाम में बहुत कुछ रखा है तो नाम पे फोकस करो पॉली हैलोजन पॉली बोले तो बहुत सारे मेनी हैलोजन मतलब ओबवियसली हैलोजन ग्रुप मतलब ऐसे ऑर्गेनिक कंपाउंड्स जिनमें एक से अधिक हैलोजन ग्रुप्स हो दो तीन चार एक से अधिक हैलोजन ग्रुप्स हो हैलोजन ग्रुप्स बोले तो जैसे कि क्लोरो ब्रोमो फ्लोरो आयोडो ये सारे हैं हैलो ग्रुप्स ठीक है अच्छा अब सोचने वाली बात यह है कि इस पूरे लेसन में हम लोग हैलो एल्केन और हैलो एरिन के बारे में पढ़ रहे हैं फिर पॉली हैलोजन कंपाउंड्स को ऐसे अलग से इतनी इंपॉर्टेंस क्यों दी जा रही है वो इसलिए क्योंकि जो पॉली हैलोजन कंपाउंड्स है ना ये काफी एक्सटेंसिवली एप्लीकेशंस इसके पाए जाते हैं एज इन एग्रीकल्चर और इंडस्ट्री में ये बहुत एक्सटेंसिवली यूज किए जाते हैं ठीक है तो यहां पर बच्चों हम लोग डिस्कस करने वाले हैं कुछ इंपॉर्टेंट पॉली हैलोजन कंपाउंड्स के बारे में जैसे कि जैसे कि डाई क्लोरो मिथेन ट्राई क्लोरो मिथेन ट्राई आयोडो मीथेन टेट्रा क्लोरो मिथेन डाई क्लोरो डाई फिनाइल ट्राई क्लोरो मिथेन अब जब मैंने यह सारे नाम बताए ना ऐसा कुछ भी नहीं लगा कि यार डे टू डे लाइफ में यूज होने लायक ऐसा तो कोई भी नाम नहीं है जो हमने अपने रोज की लाइफ में सुना हो रोज की लाइफ में नहीं भी तो ज जिस हिसाब से मैं बता रही थी कि भाई एग्रीकल्चर और इंडस्ट्री में बहुत यूज होता है बट इस तरह के नाम तो हमने तो नहीं सुने हैं राइट लेकिन ये जो नाम मैंने अभी बताए ये सारे इनके आईयूपीएसी नेम थे लेकिन जैसे ही मैं इनके कॉमन नेम्स बताऊंगी तो थोड़ा बहुत सुना सुना सा जाना जाना सा आपको लगने लगेगा जैसे कि मिथिल डाई क्लोराइड या फिर क्लोरोफॉर्म या फिर आयोडो फॉर्म या फिर डीडीटी राइट तो ये सारे नाम कंपैरेटिव थोड़े से जाने पचाने लग रहे हैं बिकॉज़ दे आर द कॉमन नेम्स ठीक है तो एक-एक करके हम इन सारे पॉली हैलोजन कंपाउंड्स को देखेंगे कि उनका यूज कहां पर किया जाता है ठीक है साथ ही साथ एक डिस्क्लेमर दे देती हूं कि ये जितने पॉली हैलोजन कंपाउंड्स है ना ये वैसे तो यूज़ किए जाते हैं इंडस्ट्रीज में एग्रीकल्चर में लेकिन ये जो कंपाउंड्स होते हैं ना मोस्ट ऑफ देम इनको हम डीकंपोज नहीं कर पाते हैं यानी कि ये हमारे एनवायरनमेंट में ही रह जाता है और कहीं ना कहीं हमारे एनवायरमेंट को नुकसान पहुंचाता है ठीक है तो इसीलिए आप जैसे जैसे हम एक-एक कंपाउंड को डिस्कस करते चलेंगे तो उनके यूजर्स तो देखेंगे ही साथ ही साथ ये भी देखेंगे कि वो हमें नुकसान कैसे पहुंचाते हैं तो चलो बच्चों शुरुआत करते हैं हमारे पहले पॉली हैलोजन कंपाउंड के साथ जो कि है मिथिल क्लोराइड जिसे हम कह कते हैं डाई क्लोरो मीथेन ठीक है डाई क्लोरो दो क्लोरो ग्रुप्स हैं इसमें प्रेजेंट ठीक है भाई तो अब देखते हैं कि इनको हम कहां-कहां यूज करते हैं सबसे पहले तो ये एक सॉल्वेंट की तरह यूज होता है ठीक है बहुत सारे वेरियस सिचुएशंस में बहुत सारे डिफरेंट प्रोसेसेस में सॉल्वेंट की तरह यूज होता है ये पेंट रिमूव करने के भी काम आता है तो यह एक अच्छा पेंट रिमूवर भी है ये एरोसोल में प्रोपेलेंट की तरह भी यूज होता है अब ये प्रोपेलेंट क्या होता है अ जैसे एक एग्जांपल देती हूं जैसे आपने देखा होगा डिड या फिर मिस्ट स्प्रे में जैसे ही आप स्प्रे करते हो तो उस कैन के अंदर प्रेजेंट जो सामान रहता है वह बाहर की तरफ फोर्सेबल बाहर आता है राइट तो प्रोप्लेट जो है प्रोप्लेट वो सब्सटेंस होता है जो कैन के अंदर वो प्रेशर क्रिएट करता है ताकि कैन के अंदर का जो कंटेंट है वो फोर्सेबल बाहर आए राइट तो ये जो हमारा मिथिलम क्लोराइड है ये एक प्रोपेलेंट की तरह भी यूज किया जाता है ठीक है इसे हम कई सारे ड्रग्स के मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में एक प्रोसेस प्र सॉल्वेंट की तरह यूज करते हैं प्रोसेस सॉल्वेंट बोले तो मतलब अब कोई ड्रग मैन्युफैक्चर करना है उस प्रोसेस के दौरान बहुत सारी चीजों को डाइल्यूट करना पड़ता है उसके लिए सॉल्वेंट चाहिए बहुत सारे अ चीजों को डिजॉल्वेशन क्लीनिंग और मेटल फिनिशिंग सॉल्वेंट की तरह भी काम आता है इसका मतलब क्या हुआ मेटल क्लीनिंग एंड फिनिशिंग सॉल्वेंट इसका मतलब ये हुआ कि क्या होता है कि बहुत बार जो मेटल्स है ना उनके ऊपर अ ग्रीज या फिर इंप्योरिटीज या फिर कंटेम प्रेजेंट होते हैं ठीक है ऑयल्स ग्रीज कंटेम प्रेजेंट होते हैं ठीक है तो इनको रिमूव करना मेटल्स के सरफेस से ठीक है उसके बाद मेटल्स को फिनिशिंग प्रोसेसेस के लिए तैयार करना फिनिशिंग प्रोसेसेस बोले तो जैसे कि मेटल्स की पॉलिशिंग पेंटिंग राइट प्लेटिंग जो मतलब एकदम लास्ट में फिनिशिंग देने के लिए की जाती है उन प्रोसेसेस के लिए मेटल्स को रेडी करना तो यह कैसे रेडी करते हैं तो जो मिथिलम क्लोराइड है ना ये जैसे कि मैंने बताया ये सॉल्वेंट की तरह बहुत जगह काम आता है राइट तो इसमें ये खास बात होती है कि ये जितनी भी इंप्योरिटीज है ना इसको ये अपने में डिजॉल्वेशन को कोई डैमेज नहीं पहुंचाता है राइट तो इस तरीके से बच्चों मिथिलम क्लोराइड जो है उसके काफी सारे यूजेस हैं तो मे बच्चों अब आप ये सोच रहे होंगे कि मैम मिथिलम क्लोराइड के यूजेस क्या होते हैं वो तो आपने बता दिया लेकिन आप ये भी तो बताओ कि इसके हार्मफुल इफेक्ट्स क्या-क्या हैं है ना तो भाई बच्चों इसके हार्मफुल इफेक्ट्स भी काफी सारे हैं जैसे कि अगर मिथिल क्लोराइड एयर में प्रेजेंट हो मतलब अगर लो लेवल में भी प्रेजेंट हो तो उससे भी जो है हमारी हियरिंग इंपैक्ट हो सकती है हमारा विजन इंपैक्ट हो सकता है सोच के देखो और अगर ये हायर लेवल्स में प्रेजेंट हो तो उस केस में डिजीनेस नोसिया यह सब तो हो ही सकता है साथ ही साथ हमारे फिंगर्स और टोज में नमने भी आ सकती है इतना ही नहीं यह हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम को डैमेज कर सकता है सोच के देखो यार सेंट्रल नर्वस सिस्टम डैमेज हो सकता है अगर हमारे स्किन के कांटेक्ट में आता है तो इससे स्किन में रेडनेस आ सकती है अगर हमारे आइज के डायरेक्ट कांटेक्ट में आता है तो हमारा कॉर्निया खराब हो सकता है तो बेसिकली समझ में ये आ रहा है कि ओवरऑल जो है ना मिथिलम क्लोराइड का ह्यूमन बॉडी को अगर एक्सपोजर मिले तो वो हमारे स्किन आइज इयर्स सेंट्रल नर्वस सिस्टम किसी के लिए भी अच्छा नहीं है तो चलो भाई आगे बढ़ते हैं और देखते हैं हमारा अगला पॉली हैलोजन कंपाउंड जो कि है क्लोरोफॉर्म बो तो ट्राई क्लोरो मिथेन एगजैक्टली यानी कि मीथेन के जो चार हाइड्रोजन थे ना उसमें से तीन हाइड्रोजन की जगह ले चुके हैं आप क्लोरीन ने राइट सो इट इज ट्राई क्लोरो मीथेन ठीक है तो इसके यूजेस की अगर हम बात करें तो सबसे पहला यूज तो है कि ये भी एक काफी पॉपुलर सॉल्वेंट है सॉल्वेंट की तरह कई जगह यूज किया जाता है दूसरा इसका यूज है कि ये फ्रियोन रेफ्रिजरेंट के मैन्युफैक्चर में काम आता है अब आप पूछोगे ये फ्री ऑन रेफ्रिजरेंट क्या है सो भाई ऐसे समझ लो कि जो रेफ्रिजरेंट जो चीज है ना ये एयर कंडीशनिंग सिस्टम्स हीट पंप्स रेफ्रिजरेटर्स इन चीजों में ये पाया जाता है अब ये इन चीजों में जो चीज पाई जाती है जो कि फ्रियोन है उसको मैन्युफैक्चर करने में जो है हमें क्लोरोफॉर्म की जरूरत पड़ती है इनफैक्ट पहले के दिनों में क्लोरोफॉर्म को जो है ना एक जनरल एनेस्थेटिक की तरह यूज़ किया जाता था एनेस्थेटिक तो सभी समझते होंगे जब किसी इंसान की सर्जरी होती है कोई राइट तो सबसे पहले उसको बेहोश किया जाता है जिसके लिए उसे एनेस्थीसिया दिया जाता है राइट तो पहले के दिनों में जो है इसे ही क्लोरोफॉर्म को ही एक एनेस्थेटिक की तरह यूज किया जाता था लेकिन बाद में धीरे-धीरे पता चला कि भाई इसके काफी हार्मफुल इफेक्ट्स भी हैं तो ये काफी टॉक्सिक है इस वजह से और सेफर अल्टरनेटिव्स और लेसर टॉक्सिक अल्टरनेटिव्स बाद में निकाले गए तो चलो भाई अब देखते हैं कि क्लोरोफॉर्म के हार्मफुल इफेक्ट्स क्या हैं ठीक है तो क्लोरोफॉर्म को अगर हम इन्हेल कर लें मतलब अगर क्लोरोफॉर्म एयर में प्रेजेंट हो और अगर हम उसे इन्हेल कर लें तो इससे हमारा सेंट्रल नर्वस सिस्टम जो है वो डिप्रेसो जाता है इनफैक्ट दैट इज आल्सो वन ऑफ द रीजन कि पहले जो है ना इसे एनेस्थीसिया की तरह यूज किया जाता था बिकॉज़ यह हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम को क्या कर देता था डिप्रेसेंट के टर्म्स में बात करूं तो अगर एयर में लेट अस से 900 पीपीएम ऑफ क्लोरोफॉर्म प्रेजेंट हो पीपीएम बोले तो पार्ट्स पर मिलियन 1 मिलियन में अगर 900 पार्ट्स हो 1 मिलियन बोलो तो 10 लाख 10 लाख में से अगर 900 पार्ट्स क्लोरोफॉर्म फॉर्म हो इस कंसंट्रेशन में अगर वो प्रेजेंट हो और अगर उसे शॉर्ट टाइम के लिए भी अगर हम उस एयर को ब्रीद करते हैं तो इससे हमें हेडेक नोसिया फैटी जैसी चीजें तुरंत होने लग जाती है राइट इतना ही नहीं क्लोरोफॉर्म के साथ एक बहुत बड़ा रिस्की फैक्टर ये होता है कि एयर में जो ऑक्सीजन प्रेजेंट है उस ऑक्सीजन के साथ ये बहुत ही तुरंत रिएक्ट कर लेता है लाइट के प्रेजेंस में और बना देता है एक एक्सट्रीमली पॉइजन अस गैस जिसे हम कहते हैं फॉस जीन सो फॉस जीन इज बेसिकली कार्बोन क्लोराइड cocl2 इनफैक्ट यही कारण है कि क्लोरोफॉर्म को हम कभी भी ओपन में नहीं रखते हैं क्योंकि ओपन में रखा तो भाई चारों तरफ एयर है एयर में ऑक्सीजन है लाइट का एक्सपोजर है तो भाई फॉस जीन बनता रहेगा और ये हमारे लिए जानलेवा हो जाएगा राइट तो इसी वजह से इसको कैसे स्टोर किया जाता है इसे डार्क बॉटल में स्टोर किया जाता है ताकि लाइट इसके पास ना आए और इसे कंप्लीट फिल करके रखा जाता है ताकि उसमें एयर भी ना रहे सो बेसिकली इसे एयर और लाइट से दूर रखा जाता है ठीक है अगर क्लोरोफॉर्म का क्रोनिक एक्सपोजर हो जाए किसी को तो उस केस में तो भाई लिवर किडनी ये सारी चीजें डैमेज हो सकती हैं तो चलो अब बात करते हैं हम हमारे अगले पॉली हैलोजन कंपाउंड के बारे में जो कि है आयोडो फॉर्म एगजैक्टली क्लोरोफॉर्म का भाई आयोडोफोर जहां पर क्लोरीन के बदले में प्रेजेंट है आयोडीन दैट इज ट्राई आयोडो मीथेन एगजैक्टली तो ये जो आयोडो फॉर्म है ना पहले ये एक एंटीसेप्टिक की तरह यूज किया जाता था अब आप सोच रहे होगे कि सब कुछ पहले ही यूज किया जाता था है ना क्लोरोफॉर्म के केस में भी मैंने बताया था कि पहले ये एनेस्थेटिक की तरह यूज किया जाता था अब आयोडोफोर में मैं बता रही हूं कि पहले ये एंटीसेप्टिक की तरह यूज किया जाता था तो बेसिकली वही है कि इन सारी चीजों के साथ ना इनके हार्मफुल इफेक्ट्स भी अटैच हैं तो इसीलिए पहले यूज किया जाता था बाद में जब हार्मफुल इफेक्ट सामने आए तो भाई कुछ ना कुछ और अल्टरनेटिव्स निकाल लिए गए कुछ ऐसी कहानी हो गई सबके साथ है ना तो अब देखो इसके साथ क्या हुआ तो जो ट्राई आयोडो मीथेन था ना पहले एंटीसेप्टिक की तरह यूज किया जाता था लेकिन पता यह चला कि यार इसकी जो एंटीसेप्टिक की जो प्रॉपर्टीज है ना वो इस कंपाउंड के वजह से नहीं है वो बेसिकली आयोडीन के वजह से है इन द सेंस जब हम ट्राई आयोडो मीथेन को स्किन के कांटेक्ट में लाते हैं तो ये फ्री आयोडीन रिलीज करता है और ये जो फ्री आयोडीन होता है ना उसमें एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टीज होती है राइट तो अब ये सोचा गया कि यार ये जो ट्राई आयोडो मीथेन है ना इसका स्मेल बिल्कुल भी अच्छा नहीं है तो ठीक है जब सारी प्रॉपर्टीज आयोडीन में है तो कुछ बेटर अल्टरनेटिव्स यूज कर लेते हैं जिनमें आयोडीन प्रेजेंट हो राइट तो आयोडीन प्रेजेंट होगा तो उसमें एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टीज होंगी तो इस तरीके से आयोडो फॉर्म जो है अब एंटीसेप्टिक की तरह इतना यूज नहीं किया जाता है तो आगे बढ़ेंगे और देखेंगे हमारा अगला पॉली हैलोजन कंपाउंड जो कि है ccl4 कार्बन टेट्रा क्लोराइड जिसे हम टेट्रा क्लोरो मीथेन भी कहते हैं ठीक है तो इस कंपाउंड को जो है ना काफी लार्ज क्वांटिटीज में प्रोड्यूस किया जाता है क्यों क्योंकि यह जो है प्रोपेलेंट्स और अ रेफ रेफ्रिजरेंट्स इनके मैन्युफैक्चर में मदद करता है ठीक है इनफैक्ट ये जो है क्लोरोफ्लोरोकार्बंस के सिंथेसिस में भी एक रॉ मटेरियल होता है और क्लोरोफ्लोरोकार्बंस जो है वो भी रेफ्रिजरेंट और एरोसोल स्प्रेज में जो प्रोपेलेंट्स होते हैं वहां पर उसका एप्लीकेशन होता है ठीक है तो मेनली इसका यूज यहीं पे होता है हालांकि यहां पर भी एक पुराने टाइम की कहानी है कि पहले के दिनों में मतलब समझ लो 1960 से पहले के टाइम की बात है जब ccl4 यानी कि कार्बन क्लोराइड को इंडस्ट्रीज में एक क्लीनिंग फ्लूइड की तरह यूज़ किया जाता था एक क्लीनिंग एजेंट की तरह यूज किया जाता था इनफैक्ट घरों में एक फायर एक्सटिंग्विशर की तरह यूज किया जाता था लेकिन ये सारे यूसेज को रिस्ट्रिक्टर दिए गए क्यों इसके हार्मफुल इफेक्ट्स की वजह से एगजैक्टली तो चलो अब ये देखते हैं कि भाई कार्बन टेट्राक्लोराइड के हार्मफुल इफेक्ट्स क्या होते हैं तो ये ह्यूमंस में लिवर कैंसर कॉज कर सकता है इनफैक्ट ये नर्व सेल्स को परमानेंटली डैमेज करने की कैपेबिलिटी भी रखता है इतना ही नहीं इसके एक्सपोजर से हार्ट बीट इरेगुलर हो सकती है और स्टॉप भी हो सकती है लिटरली हार्ट बीट स्टॉप भी हो सकती है अगर ये हमारे आइज के कांटेक्ट में आए तो आइज में इरिटेशन हो सकती है इनफैक्ट अगर ये एक्सपोज्ड टू द सराउंडिंग्स हो जाए मतलब अगर ये एटमॉस्फेयर में चले जाएं तो भी इनमें कैपेबिलिटी होती है कि ये हमारे ओजोन लेयर को डिप्लीट कर सकता है राइट और ओजोन लेयर का काम क्या होता है ये हमें सन के हार्मफुल अल्ट्रावायलेट रेडिएशन से बचाते हैं राइट तो अब अगर ओजोन लेयर डिप्लीट होने लग जाए तो क्या होगा हम जो है हार्मफुल अल्ट्रावायलेट रेडिएशन से एक्सपोज हो जाएंगे जिससे हमारे स्किन में तरह-तरह की बीमारियां हो सकती है इंक्लूडिंग स्किन कैंसर तो चलो भाई आगे बढ़ते हैं और देखते हैं हमारा अगला पॉली हैलोजन कंपाउंड जो कि है फ्रिंस फ्रिंस होते क्या हैं ये क्लोरोफ्लोरोकार्बन कंपाउंड्स होते हैं मीथेन और थेन के अब इनमें खासियत क्या होती है मतलब व्हाट एगजैक्टली आर दे अ तो इनमें इ इस तरह के कंपाउंड्स में ना कुछ खास बातें होती है जैसे कि ये एक्सट्रीमली स्टेबल होते हैं अनरिएक्टिव होते हैं रिएक्ट नहीं करते हैं नॉन टॉक्सिक होते हैं नॉन कोरोसिव होते हैं और इजली लिक्वेफिएबल गैसेस होते हैं तो देखो ये जो पांचों ऐसी क्वालिटीज है जिनको सुन के ही दिल खुश हो गया राइट सो दे आर एक्सट्रीमली पॉपुलर पॉपुलर क्यों है कहां पे यूज़ किए जाते हैं ये ये एरोसोल प्रोपेलेंट्स की तरह यूज़ किए जाते हैं एयर कंडीशनिंग सिस्टम्स में यूज़ किए जाते हैं रेफ्रिजरेशन में यूज किए जाते हैं तो यू नो एप्लीकेशंस भी काफी वाइड है ठीक है तो अब सवाल आता है कि फ्रिंस को हम बनाते कैसे हैं तो भाई फ्रिंस में से अब फ्रिंस भी कई सारे होते हैं जिसमें से जो मोस्ट कॉमनली इंडस्ट्रियल पर्पसस में यूज किया जाता है वो होता है फ्रियोन 12 जो कि होता है ccl2 f2 ठीक है इसे हम बनाते हैं ccl4 से कार्बन टेट्रा क्लोराइड से इसीलिए जब हम कार्बन टेट्रा क्लोराइड डिस्कस कर रहे थे तो वहां पर हम कह भी रहे थे कि उसकी यूज ये होती है कि वो फ्रिंस के मैन्युफैक्चर में एक रॉ मटेरियल की तरह यूज होता है राइट इनफैक्ट कार्बन टेट्रा क्लोराइड से फ्री ऑन 12 को बनाने का जो ये रिएक्शन है इसे हम कहते हैं स्वर्ट्स रिएक्शन जहां पर एंटीमनी पेंटा क्लोराइड जो है एक कैटालिस्ट की तरह काम करता है तो चलो मेरे प्यारे बच्चों अब हम लोग देखने वाले हैं हमारा आखिरी पॉली हैलोजन कंपाउंड जो कि है डीडीटी डीडीटी का फुल फॉर्म है डाई क्लोरो डाई फिनाइल ट्राई क्लोरो एथेन एगजैक्टली इनफैक्ट अगर इसके नोमेनक्लेच्योर आपको पी प ड दिख रहा होगा और ये पी डिनोट करता है पैरा पोजीशन को इनफैक्ट इसके स्ट्रक्चर को अगर ध्यान से देखो तो ये जो डाई क्लोरो है जो दो क्लोरो ग्रुप हैं ये प्लेस्क द पैरा पोजीशंस ठीक है अच्छा तो ये तो हो गई इसकी स्ट्रक्चर की बात अब डीडीटी है क्या ये एक काफी पॉपुलर इंसेक्टिसाइड हुआ करता था कुछ सालों पहले अगेन सब कुछ पहले की ही बातें हो रही है तो वेल एक टाइम ऐसा था जब डीडीटी एक काफी पॉपुलर इंसेक्टिसाइड था जिससे जिससे इंसेक्ट्स को मारा जाता था इसी वजह से ये एग्रीकल्चर में काफी एक्सटेंसिवली यूज किया जाता था लेकिन समय के साथ-साथ धीरे-धीरे धीरे-धीरे एक ऐसा टाइम आया जब डीडीटी के एक्सटेंसिव यूसेज के हार्मफुल इफेक्ट्स दिखने लगे जैसे कि अब डीडीटी जो है बाय इट्स ओन नेचर ये डीकंपोजेबल नहीं है तो इसकी वजह से क्या होता है कि भाई ये कहीं ना कहीं हमारे एनवायरमेंट में ही रह जाता है और उसे नुकसान पहुंचाता है तो ऐसा देखा गया कि काफी स्पीशीज ऑफ इंसेक्ट्स जो है ये डीडीटी रेजिस्टेंट हो चुके थे मतलब उन पर डीडीटी का अब कोई असर नहीं हो रहा था तो बेसिकली डीडीटी का जो मेन पर्पस था वही फुलफिल नहीं हो रहा था साथ ही साथ डीडीटी जो है वो क्या हो रहा था अब जैसे ही वो क्रॉप्स में डाले जा रहे थे फिर कहीं ना कहीं वो सोइल तक पहुंच रहे थे और फिर उस सॉइल के थ्रू नियर बाई वाटर बॉडीज में पहुंच रहे थे उन वाटर बॉडीज में रहने वाले फिशेज को टॉक्सिक बना रहे थे राइट और अब ये फिशेज को कंज्यूम कर रहे थे बिगर फिशेज कंज्यूम कर रहे थे कुछ और ऑर्गेनिस्ट मस और इस तरीके से जो ये डीडीटी की जो टॉक्सिन में एंटर करके और भी ढेर सारे ऑर्गेनिस्ट मस को हार्म पहुंचा रही थी राइट तो जब धीरे-धीरे करके डीडीटी का यह जो नेगेटिव इंपैक्ट सामने आने लगा तो फाइनली इसके यूसेज पे काफी ज्यादा रिस्ट्रिक्शंस लगाई गई इनफैक्ट 1973 में यूनाइटेड स्टेट्स ने डीडीटी के यूसेज को बैन कर दिया कंप्लीट बैन कर दिया हालांकि आज भी अ पूरे विश्व में कई ऐसी जगहों में डीडीटी का यूज अभी भी किया जाता है बट अब डीडीटी उतना एक्सटेंसिवली यूज नहीं किया जाता है कंसीडरिंग जितना एनवायरमेंटल डैमेज ये करता है लनो हब एक ऐसा फ्री लर्निंग प्लेटफार्म जहां पर आपको मिलते हैं वीडियोस नोट्स एनसीआरटी सॉल्यूशंस सैंपल पेपर्स एंड ऑनलाइन टेस्ट्स एब्सलूट फ्री ऑफ कॉस्ट इतना ही नहीं लर्न हब क्लास 11 12 youtube1 क्लास 11थ के बच्चों के लिए अथर्व बैच मंडे टू फ्राइडे एट 4:30 पीएम और क्लास 12थ के बच्चों के लिए अनंत बैच मंडे टू फ्राइडे एट 6 पए अगर आप या आपके जान पहचान का कोई तैयारी कर रहा है नीट या जेई का तो हमारे youtube2 जीत जेई पे जीत का कंप्लीट कोर्स अब्सोल्युटली फॉर फ्री इनमें चैप्टर्स की डिटेल एक्सप्लेनेशन लाइव क्लासेस ढेर सारे क्वेश्चंस और प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस डिटेल में कवर्ड हैं और तोड यू कैन आस्क ऑल योर डाउट्स एब्सलूट फॉर फ्री एट आस्क क्वेश्चन सेक्शन ऑफ लर्न हब हमारा एंड एप भी है आप वन ऑन वन क्लास लेना चाहते हो तो है लर्न हब स्वयं एट अ वेरी अफोर्डेबल प्राइस लर्न हब फ्री है पर बेस्ट है तो बच्चा पाटी इसी के साथ हम आ पहुंचे हैं इस वीडियो के एंड तक और इस लेसन के एंड तक भी तो मुझे पूरी उम्मीद है कि इन पूरे वीडियोस को देखने के बाद हेलो एल्केन एंड हेलो रींस के कॉन्सेप्ट्स हुए होंगे आपके क्रिस्टल क्लियर और अगर ऐसा हुआ है तो कमेंट्स में जरूर लिख के बताना कि कांसेप्ट हुआ क्रिस्टल क्लियर मैं आपको जल्दी ही मिलती हूं एक नए वीडियो के साथ एक नए टॉपिक के साथ तब तक के लिए स्टे होम स्टे सेफ टेक केयर बाय बाय