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लाइट और मिरर की अवधारणाएँ

सो हाय एवरीवन मैं हूं आप सबका अपना प्रशांत भैया और लेकर आ गया हूं रैपिड रिवीजन का अगला चैप्टर जो कि है लाइट ये जो लाइट है ना ये बहुत बड़ा चैप्टर है न्यूमेरिकल्स तुमसे सॉल्व हो नहीं पाते थ्योरी समझ नहीं आती रे डायग्राम समझ नहीं आते चलो आज फटाफट से सारी चीजें 15 से 20 मिनट के अंदर रिवाइज कर लेते हैं बट उससे पहले अगर आपको इस चैप्टर को डिटेल में पढ़ना है बहुत सारे न्यूमेरिकल प्रैक्टिस करने है तो एक डिटेल वन शॉट वीडियो है लिंक डिस्क्रिप्शन में दूंगा फटाफट से उसे पढ़ लेना बट आज का जो लेक्चर है वो 15 से 20 मिनट का होने वाला है जिसमें हम रिवीजन कर रहे हैं तो चलिए स्टार्ट करते और एक चीज और बता देता हूं इसके अंदर हम न्यूमेरिकल्स की भी प्रैक्टिस करेंगे कि न्यूमेरिकल्स कैसे हमें सॉल्व करने होते हैं सारी चीजें इस रिवीजन के अंदर कवर कर रहा हूंगा विदाउट टाइम वेस्टिंग स्टार्ट कर रहे हैं सबसे पहले लाइट क्या होती है लाइट की एक प्रॉपर्टी याद रखना कि लाइट हमेशा सीधी चलती है स्ट्रेट लाइट जाती है उसके अलावा लाइट की स्पीड क्या होती है 3 * 10 रेट पावर 8 मीटर पर सेकंड अब सुनो मेन टॉपिक के ऊपर बढ़ते हैं जो कि है रिफ्लेक्शन भाई रिफ्लेक्शन क्या है बाउंसिंग बैक ऑफ लाइट याद रखना रिफ्लेक्शन क्या है बाउंसिंग बैक ऑफ लाइट फ्रॉम एनी शाइनी सरफेस जब लाइट बास बैक करती है तो वो क्या कहलाता है रिफ्लेक्शन अब लॉज ऑफ रिफ्लेक्शन क्या है तो बेसिकली दो लॉज होते हैं रिफ्लेक्शन के सबसे पहले इंसीडेंट रे रिफ्लेक्टेड रे एंड नॉर्मल ऑल लाई ऑन दी सेम प्लेन यानी अगर आप इस डायग्राम को ध्यान से देखो तो आप देख सकते हो ये है इंसीडेंट रे ये है रिफ्लेक्टेड रे ये है परपेंडिकुलर जिसको हम बोलते हैं नॉर्मल ये तो हो गया हमारी पहली स्टेटमेंट कि ये तीनों जो होते हैं एक प्लेन पे ला करते हैं अगला लॉ क्या है सेकंड लॉ ये बोलता है दोस्त कि जो एंगल ऑफ इंसीडेंस दिख रहा है ना ये जो दिख पा रहा है तुझे यहां से लेकर यहां तक का ये जो एंगल ऑफ इंसीडेंस है ये एंगल ऑफ रिफ्लेक्शन के बेटा बराबर होगा ये और ये ये दोनों क्या होते हैं बराबर होते हैं तो यही दो जो लॉ होते हैं वो होते हैं आपके किसके रिफ्लेक्शन के अब बढ़ते हैं हम प्लेन मिरर की तरफ प्लेन मिरर क्या होता है जब तुम सुबह-सुबह स्कूल जा रहे होते हो अपना चेहरा देख के जाते हो ना कि स्मार्ट लग रहा हूं नहीं लग रहा सुंदर लग रही हूं नहीं लग रही वही तो वो जो प्लेन मिरर होता है उसकी क्या प्रॉपर्टीज होती हैं तो प्रॉपर्टी बताने की जरूरत नहीं है बट आपको खुद ब खुद आती है जैसे कि पहली प्रॉपर्टी क्या है ऑलवेज वर्चुअल एंड इरेक्ट यानी इमेज एक तो वर्चुअल है देखो दो टाइप की इमेज होती है एक रियल असली इमेज नकली इमेज को वर्चुअल बोलते हैं और दो टाइप की इमेजेस भी होती है इरेक्ट इरेक्ट यानी सीधी इमेज और इनवर्टेड यानी उल्टी इमेज अब तुम सोचो तुम सुबह जा रहे हो शीशे में देखने तो कैसा दिखता है तुम सीधे हो तो इमेज भी तो सीधी दिखती है यानी इरेक्ट अगर किसी दिन बेटा आपको इनवर्टेड दिख जाए तो फिर कुछ दिक्कत वाली बात है ठीक है तो ये पहली प्रॉपर्टी है उसके अलावा अगली प्रॉपर्टी क्या है साइज ऑफ द इमेज इज इक्वल जितने आप हो उतने ही मिरर के अंदर दिखो बड़े छोटे तो नहीं हो जाओगे उसके अलावा क्या है इमेज फॉर्म्ड इज एज फार बिहाइंड द मिरर एज द ऑब्जेक्ट इन फ्रंट ऑफ इट जितनी दूर तुम मिरर से खड़े होगे उतना ही दूर मिरर तुम्हें डिस्टेंस दिखाएगा उसके अलावा क्या है इमेज इज लेटरली इनवर्टेड बहुत इंपॉर्टेंट पॉइंट है सवाल आता है व्हाट इज लेटरल इंवर्जन लेटरल इंवर्जन क्या होता है मिरर में जाओ राइट हैंड अप करो मिरर में आपका लेफ्ट हैंड अप होगा ट्राई करके देखना है ना तो उसी प्रोसेस को हम क्या बोलते हैं लेटरल इंवर्जन आगे बढ़ते हैं अब हम बढ़ते हैं स्फेरिकल मिरर की तरफ देखो स्फेरिकल मिरर होती है बेटा दो टाइप की एक होता है कॉनकेव एक होता है कॉन्वेक्स अगर याद नहीं हो पाता तो एक डायग्राम याद रख लेना एक ट्रिक से याद कर लो केव कैसी दिखती है केव ऐसी दिखती है ना गुफा तो याद रखना कॉनकेव मिरर हमेशा ऐसा होगा जिसमें रिफ्लेक्टिंग सरफेस ये होगा और पीछे वाला नहीं होगा रिफ्लेक्टिंग सरफेस और कॉन्वेक्स कैसा होगा कॉन्वेक्स ऐसा होगा और रिफ्लेक्टिंग सरफेस उसमें ये होगा ये उसमें रिफ्लेक्टिंग सरफेस होने वाला है चलिए अब कॉनकेव कॉन्वेक्स के बारे में तो पता चल गया है कुछ चीजों के बारे में जान लेते हैं कि क्या-क्या चीजें होती हैं सबसे पहली चीज है पोल पोल क्या होता है एक डायग्राम को मैं आपको डायग्राम को थोड़ा जूम करता हूं आपको समझाता हूं ये कॉनकेव मिरर है आप देख सकते हो तो ये जो आप देख पा रहे हो ना यहां पर ये जो पॉइंट है ये जो पॉइंट है इसको हम क्या बोलते हैं बेटा ये होता है हमारा पोल ठीक है ये जो लाइन आप देख पा रहे हो इसको बोलते हैं प्रिंसिपल एक्सेस ठीक है उसके अलावा क्या होता है मिरर के पास एक चीज होती है जिसको हम बोलते हैं क्या रेडियस r यानी ध्यान से समझना ध्यान से समझना इधर से लेकर इस पॉइंट तक का डिस्टेंस इस पॉइंट को हम बेसिकली बोलते हैं सेंटर ऑफ कर्वेचर यानी c इस पॉइंट से लेकर का इस पॉइंट का जो डिस्टेंस है उसको हम बोलते हैं रेडियस ऑफ कर्वेचर और ये जो पॉइंट है इसको हम बोलेंगे क्या सेंटर ऑफ कर्वेचर ठीक है अगला पॉइंट समझो अब यहां से लेकर यहां तक का एक मिड पॉइंट होता है इन दोनों का एक मिड पॉइंट होता है बीच वाली चीज होती है जिसको हम बोलते हैं क्या जिसको हम बोलते हैं फोकस ठीक है और पोल से फोकस तक के डिस्टेंस को हम बोलते हैं क्या फोकल लेंथ ये सारी चीज आपको ऑलरेडी पता होंगी उसके अलावा एक चीज और समझ लो जो कि होती है अपरचर्स बेटा कुछ नहीं होता ये जो रिफ्लेक्टिंग सरफेस अब देख पा रहे हो ना यहां से लेकर यहां तक का जो डिस्टेंस है ना यहां से लेकर यहां तक का जो डिस्टेंस है ये ओवरऑल डिस्टेंस हमारा कहलाता है अर्चल ठीक है नोट्स आपको बेटा डिस्क्रिप्शन में मिल जाएंगे या फिर तो हमेशा फोकस से पास करेगी याद कर लो ठीक है लाइट पैरेलल आई हमेशा फोकस से पास करेगी ठीक है सेम कॉन्वेक्स के केस में भी सेम ही होगा जैसे कि देखो लाइट आ तो पैरेलल ही थी बट याद रखना कॉनकेव मिरर इज कन्वर्जिंग कॉन्वेक्स कैसा है डायवर्जिंग तो ये डावर्स तो कर देगा बट अगर हम पीछे से ट्रैक करेंगे तो कहां पर मिलेगी लाइट रे फोकस प मिलेगी तो ये हमारी पहली प्रॉपर्टी है अगली प्रॉपर्टी देखो इसकी एकदम अपोजिट अगली प्रॉपर्टी ये बोलती है अगर लाइट रे फोकस से पास करेगी तो पैरेलल से जाएगी मतलब उल्टा देखो अब एक लाइट रे फोकस से पास कर रही है देख पा रहे हो कहां से निकल रही है बेटा पैरेलल पैरेलल जा रही है है ना अगली अगली प्रॉपर्टी की तरफ बढ़ते हैं अगली प्रॉपर्टी बहुत सिंपल प्रॉपर्टी है सेंटर ऑफ कर्वेचर देखो सेंटर कर्वेचर होता है गुंडा ठीक है गुंडा बोलता है कि जो भी लाइट रे मुझसे निकलेगी तो वापस भी मेरे से ही निकलना पड़ेगा तो जो भी लाइट रे सेंटर ऑफ कर्वेचर से जाती है वो वापस भी यहीं से आती है उसके पास कोई और रास्ता नहीं होता है ना सिमिलरली कॉन्वेक्स के केस में भी होता है कॉन्वेक्स में देखो एक लाइट रे जा रही है कहां पर सेंटर ऑफ कर्वेचर की तरफ और वापस भी यहां से निकल जा रही है अब एक लास्ट रूल सम समझ लेना रास रूल क्या होता है कि जब भी एक लाइट रे आएगी और पोल पे टकराए गी तो ये जो एंगल बनाएगी ना ये एंगल क्या होगा बराबर होगा जिस एंगल से रिफ्लेक्ट होगी यानी ये एंगल और ये एंगल बराबर होगा ठीक है ये प्रॉपर्टीज हैं चार रूल्स हैं इन चार रूल्स आपको पता होना चाहिए अब फटाफट से हम आगे बढ़ते हैं और अब हम देखते हैं कॉनकेव और कॉन्वेक्स मिरर के रे डायग्राम्स बहुत इंपॉर्टेंट है सवाल आएगा 100% एक सवाल तुम्हारे पेपर के अंदर दिखने वाला है अब ये इतने सारे हैं इनकी ट्रिक क्या है भैया कोई ट्रिक बता दो आप तो हमेशा ट्रिक बताता हूं चलो तुम्हारे लिए एक खतरनाक ट्रिक लेकर आता हूं देखो इमेजिन करो ये है हमारा क्या ये मान लेते हैं हमारा कॉनकेव मिरर ठीक है अब कॉनकेव मिरर का एक रूल बता रहा हूं सबसे पहले क्या करो यहां पर बना दो f यहां पर बना दो क्या यहां पर बना दो आपका सेंटर ऑफ कर्वेचर ठीक है अब क्या करो पॉइंटर से बनाना स्टार्ट करो यहां पर बनाओ वन यहां पर बनाओ टू यहां पर बनाओ थ्री अब इन दोनों के बीच में बनाओ चार इस पे बनाओ पांच और इस पे बनाओ आगे सिक्स ठीक है ठीक है अब यही पॉइंट्स उल्टे बनाओ यहां पर बनाओ एक इन दोनों के बीच में बनाओ दो इस पे बनाओ तीन इधर बनाओ चार पीछे बनाओ पांच और जो छठा होगा वो कहीं मतलब वो आप इस तरफ बनाओ सिक्सथ होगा ये अब भैया ये सब क्या बनवाया है ये ट्रिक टू रिमेंबर है ये ऐसी ट्रिक है जो कि किसी ने youtube2 पोजीशन यानी बहुत दूर यानी इंफाइटिंग तो इमेज कहां बनेगी नीचे से फर्स्ट पोजीशन पे यानी ये कहां पर है फोकस पे तो याद रखना ना जब भी इंफाइटिंग इमेज बनेगी देखो यहां पर इस जगह पर यानी इमेज बनेगी सी एंड एफ के बीच में थर्ड देखो जब भी आपके थर्ड पे होगी थर्ड मतलब सेंटर ऑफ कर्वेचर पे तो इमेज कहां बनेगी इमेज बनेगी सेंटर ऑफ कर्वेचर पे ठीक है उसके अलावा फोर्थ यानी जब आपकी इमेज और आगे आ गया ऑब्जेक्ट और आगे आ गया सी एंड एफ के बीच में आ गया तो आपकी इमेज कहां बन रही है देख पा रहे हो कितना मस्त है और जब आपकी ऑब्जेक्ट आ गया है फाइव नंबर पे तो आपकी इमेज बनेगी यहां और एक लास्ट केस होता है जब आपका जो ऑब्जेक्ट है वो बहुत इंपोर्टेंट केस है दिखा भी दूंगा जब आपका ऑब्जेक्ट फोकस और कहां पर पोल के बीच में होता है तो जो इमेज बनती है बेटा वो वर्चुअल बनती है और वो इस तरफ बनती है ठीक है जैसे कि मैं आपको एक बार दिखा भी देता हूं ये सारे के सारे केसेस आप देख सकते हो है ना जो मैंने अभी आपको ट्रिक से बताया अब आप ऐसे भी याद कर सकते हो तो जो आखिरी केस है वो बहुत इंपॉर्टेंट है क्योंकि आखिरी केस में क्या होता है आप देख सकते हो जब आपका ऑब्जेक्ट फोकस और पोल के बीच में आ जाता है तो कोई भी रियल इमेज नहीं बनती इमेज बनती है इस तरफ इमेज बनती है इस तरफ हाईली इनलार्ज इमेज बनती है और कैसी बनती है वर्चुअल बनती है एक ट्रिक और याद रख लेना बेटा ट्रिक क्या है जब भी मिरर को आप देखो एक मिरर को देखो जब भी आपकी इमेज लेफ्ट साइड में बन रही है तो समझ लेना इमेज क्या है रियल और रियल का बड़ा भाई इनवर्टेड और जब भी राइट साइड में बने तो समझ लेना क्या वर्चुअल वर्चुअल का बड़ा भाई इरेक्ट वर्चुअल इरेक्ट हमेशा साथ में आएंगे रियल इनवर्टेड हमेशा साथ में आएंगे तो ये सारे के सारे रे डायग्राम हो गए कॉनकेव मिरर के तो अगर अगर याद नहीं भी होते थे अब तुम याद कर लोगे एक पॉइंट याद रखना हमेशा एक केस बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है जो कि है सेंटर ऑफ कर्वेचर का याद रखना जब भी आपका ऑब्जेक्ट सेंटर ऑफ कर्वेचर पे होगा ना तो जो इमेज बनेगी वो भी सेंटर ऑफ कर्वेचर पे बनेगी और सेम साइज की बनेगी जितना आपका ऑब्जेक्ट होगा उतना इमेज होगा ये बहुत इंपॉर्टेंट केस होता है इसमें सवाल आते हैं चलिए अब देखते हैं हम कॉन्वेक्स को तो कॉन्वेक्स के दो ही केस हैं है ना कॉन्वेक्स के दो ही केस हैं पहला केस ऑब्जेक्ट इज एट इंफाइटिंग पे होगा तो इमेज कहां बनेगी आपको पता है फोकस पे बनेगी है ना बट एक चीज याद रखना जो कॉन्वेक्स मिरर होता है वो हमेशा कैसी इमेज बनाता है बेटा वर्चुअल वर्चुअल का बड़ा भाई इरेक्ट बहुत बढ़िया है ना दूसरा केस क्या है दूसरा केस ये है जब आपका जो ऑब्जेक्ट है वो इंफाइटिंग कहां पर पोल और फोकस के बीच में पोल और फोकस के बीच में इमेज बनेगी छोटी इमेज बनती है ठीक है तो ये रे डायग्राम बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है इनको तो आप याद करके ही जाना क्योंकि इनके बिना पेपर में नहीं हो पाएगा ठीक है ट्रिक से भी आप याद कर सकते हो वो ट्रिक भी आपके काम आ जाएगी अब इसमें एक दो पॉइंट और याद रखना मैं आपको आगे टेबल की मदद से वो पॉइंट्स बता देता हूं अब देखो ये जो एनसीआरटी की टेबल है इसकी मदद से आप बहुत आसानी से और चीजों को सीख सकते हो जैसे कि इसमें लिखा हुआ है कि जितने भी कॉनकेव मिरर के केस हैं उसमें सारे केसेस रियल इमेज बन रही है बट एक ऐसा केस है जो कि होता है हमारा लास्ट नंबर का केस जब भी ऑब्जेक्ट p एंड f के बीच में है तो याद रखना इमेज हमेशा कहां बनेगी इमेज बनेगी वर्चुअल और इरेक्ट है ना और बहुत बड़ी इमेज भी बनती है ठीक है तो ये टेबल है आप इससे याद रख सकते हो अब यूसेज देख देख लेते हैं कॉनकेव मिरर के यूसेज क्या है सिंपल से यूसेज हैं इमेज को बड़ा करना है कॉनकेव क्या है कन्वर्जिंग मिरर यानी इमेज को बड़ा कर देगा तो जैसे ही आपकी टॉर्चस होती हैं है ना इन सबके अंदर क्या होता है आपकी ये वाली मिरर यूज होती है इसके अलावा आपके डेंटिस्ट के जो मिरर होता है शेविंग मिरर होता है उन सब जगहों पे उसके अलावा कॉन्वेक्स मिरर के क्या यूसेज है ये इमेज को बेटा छोटा करता है तो आपके जो गाड़ी के रियर व्यू मिरर होते हैं साइड वाले होते हैं उनके अंदर कौन सा लगता है कॉन्वेक्स मिरर लगता है ठीक है तो जितने भी इमेजेस हमें जब छोटी करनी होती है तो हम किसका काम लेते हैं हम कॉन्वेक्स मिरर का मेज ली यूज लेते हैं ठीक है कॉन्वेक्स और कॉनकेव के यूज समझ आ गए सारी चीजें क्लियर है अब फटाफट से बढ़ते हैं क्या एक साइन कन्वेंशन के ऊपर बेटा साइन कन्वेंशन बहुत इंपोर्टेंट है ध्यान से समझना एक साइन कन्वेंशन समझाऊ और ये जो साइन कन्वेंशन है ये आपके लिए लेंस के लिए भी सेम है मिरर के लिए भी सेम है दोनों के लिए सेम है तो अभी समझ लो देखो एक चीज याद रखना जैसे ये मिरर है आपके कोई भी चीज अगर लेफ्ट साइड में है तो वो हमेशा कैसी होगी नेगेटिव होगी कोई भी चीज लेफ्ट साइड में नेगेटिव होगी कोई भी चीज राइट साइड में पॉजिटिव होगी अगर ऑब्जेक्ट आपका ऊपर है यानी ऐसे है ऊपर है इस लाइन से ऊपर है ऑब्जेक्ट तो कैसा होगा ऑब्जेक्ट पॉजिटिव माना जाएगा और अगर नीचे है तो कैसा माना जाएगा नेगेटिव माना जाएगा ये साइन कन्वेंशन रूल्स है मिरर और लेंस का सेम रहेगा अब भैया क्यों बता रहे हो क्योंकि देखो याद रखना आपका ऑब्जेक्ट जिसको हम u से रिप्रेजेंट करते हैं और v से किसको करते हैं इमेज के डिस्टेंस को तो देखो जो आपका ऑब्जेक्ट होगा हमेशा लेफ्ट साइड में होगा यानी मेरी u की वैल्यू हमेशा नेगेटिव होगी सा कन्वेंशन समझ पाए समझ पाए अच्छा एक क्वेश्चन मैं आपसे और पूछता हूं ये हमारा कौन सा मिरर है कॉनकेव मिरर अब कॉनकेव मिरर की फोकल लेंथ कैसी होगी हमेशा पॉजिटिव या नेगेटिव बताओ मुझे अरे भाई फोकल लेंथ हमेशा इस तरफ होती है कॉनकेव मिरर की यानी इसकी फोकल लेंथ हमेशा नेगेटिव होगी और और कॉन्वेक्स मिरर की कैसी होगी तो कॉन्वेक्स मिरर की बेटा कैसी होगी कॉन्वेक्स मिरर ऐसा होता है और उसकी फोकल लेंथ इस तरफ होती है यानी राइट साइड और जैसे ही हमें इस तरफ दिख जाए तो समझ लेना कि इसकी कैसी होगी पॉजिटिव तो याद रखना नोट भी कर सकते हो कॉनकेव की नेगेटिव कॉन्वेक्स की पॉजिटिव बहुत बढ़िया ये हमारे थे साइन कन्वेंशन के कुछ रूल जो कि आपको याद रखने हैं अब देखते हैं कुछ इंपॉर्टेंट फॉर्मूला सबसे पहला फार्मूला है मिरर फॉर्मूला अब याद हो भी गया होगा तुम्हें 1 / v + 1 / u = 1 / f अब ये सारी चीजें आपको पता है u क्या होता है ऑब्जेक्ट ये इमेज और ये फोकल लेंथ अब साइन कन्वेंशन बहुत इंपोर्टेंट है उसके बिना क्वेश्चन नहीं होंगे अब मैग्नीफिकेशन क्या होता है बेटा मैग्नीफिकेशन इज बेसिकली रेशो ऑफ दी हाइट ऑफ इमेज टू हाइट ऑफ ऑब्जेक्ट इमेज और ऑब्जेक्ट की जो हाइट का रेशो है उसको हम m से रिप्रेजेंट करते हैं मैग्निशियम फॉर्मूला होता है - v / u इन दी केस ऑफ मिरर मिरर के केस में है फार्मूला लेंस में मत लगा देना - v / u आ गया समझ फॉर्मूले क्लियर हो गए चलो अब फटाफट से देखते हैं क्वेश्चन किस टाइप के आते हैं और कैसे हम सॉल्व करने वाले हैं क्वेश्चन में तीन भागों में मैं डिवाइड कर रहा हूं मिरर का क्वेश्चन इसी से आएगा इससे बाहर एक भी सवाल नहीं आएगा आपको क्या होगा आपको कोई भी दो चीजें गिवन होंगी जैसे कि इमेजिन कर लो आपको गिवन है फोकल लेंथ और आपको गिवन है ऑब्जेक्ट की डिस्टेंस यानी u गिवन है आपको बोलेगा v फाइंड करो तो v फाइंड कैसे करोगे अरे भाई मिरर फॉर्मूले की मदद से फाइंड करोगे ना 1 / v + 1 / u = 1 / f कर लोगे अब साइन कन्वेंशन याद रखना जैसे कि अगर कॉनकेव मिरर गिवन है तो याद रखना कॉनकेव मिरर की फोकल लेंथ बेटा हमेशा क्या होगी नेगेटिव होगी बट अगर कॉन्वेक्स मिरर है तो फोकल लेंथ हमेशा पॉजिटिव लेना एक चीज याद रखना जो u होगा वो हर केस में नेगेटिव होगा क्योंकि जो ऑब्जेक्ट होता है ना वो हमेशा लेफ्ट में रखा जाता है तो ऑब्जेक्ट तो हमेशा क्या होगा नेगेटिव होगा दोनों के केस में अब इस फॉर्मूले को अप्लाई करके एक सही साइन कन्वेंशन से आप क्या करोगे v की वैल्यू निकाल लोगे अब आपके पास v की वैल्यू है u की वैल्यू है और फोकल लेंथ है अब आपसे क्या बोलेगा मैग्नीफिकेशन निकाल तो मैग्नीफिकेशन कैसे निकालो मैग्नीफिकेशन का फार्मूला अभी आपको बताया है ना मैग्नीफिकेशन का फार्मूला लगा देना m = - v / u वो फॉर्मूला लगाया मैग्नीफिकेशन आपने उससे निकाल लिया अब सवाल ये उठता है कि कभी कभार क्वेश्चन में पूछता है फाइंड दी नेचर ऑफ दी इमेज नेचर ऑफ दी इमेज कैसे पता चलेगी याद रखना एक ट्रिक बता रहा हूं ध्यान से सुन लो अगर आपकी मैग्नीफिकेशन की वैल्यू पॉजिटिव में आई है पॉजिटिव में आई है यानी इमेज कैसी है वर्चुअल और इरेक्ट और अगर आपकी अगर आपकी m की वैल्यू मैग्नीफिकेशन की वैल्यू नेगेटिव में आए तो पकड़ लेना और बोल देना इमेज इज रियल एंड इनवर्टेड तो ऐसे आप नेचर भी बता सकते हो मैग्नीफिकेशन की मदद से यही यही तीन चीजें आपसे पूछेगा इसके बाहर कोई सवाल नहीं आते दो चीजें गिवन होंगी फिर आपको बोलेगा कि पहले v निकालो v निकालने के बाद आपको ये बोलेगा कि भाई मैग्नीफिकेशन से नेचर बताओ तो नेचर आप बता देना इसके अलावा एक टाइप के क्वेश्चन और आ जाते हैं जो कि है हाइट ऑफ इमेज हाइट ऑफ ऑब्जेक्ट तो आपको पता है अगर आपको मैग्नीफिकेशन मिल चुका है मैग्नीफिकेशन की वैल्यू आपके पास है तो मैग्नीफिकेशन का फार्मूला होता है हाइट ऑफ इमेज बाय हाइट ऑफ ऑब्जेक्ट ये फार्मूला लगाओ और आंसर को निकाल दो ठीक है ऐसे आप क्वेश्चन को सॉल्व कर सकते हो तो इस प्रकार के आपके मिरर के क्वेश्चन आने वाले हैं अब आगे बढ़ते हैं हम रिफ्रैक्ट के ऊपर बहुत इंपोर्टेंट टॉपिक देखो बेसिकली रिफ्रैक्ट क्या होता है कुछ नहीं होता बेंडिंग ऑफ लाइट होता है ध्यान से नोट कर लेना फिनोमिना ऑफ चेंज इन डायरेक्शन ऑफ लाइट व्हेन इट पासेस फ्रॉम वन मीडियम टू अनदर जब दो मीडियम में ट्रेवल करती है ना लाइट तो लाइट हल्की सी बेंड हो जाती है और उसी फिनोम को हम बोल देते हैं क्या रिफ्रैक्ट ऑफ लाइट अब याद रखना रिफ्रैक्ट के भी लॉज हैं जैसे रिफ्लेक्शन के थे अब इसके लॉज क्या है पहला लॉ तो वही है क्या है इंसीडेंट रे रिफ्रैक्टेड रे एंड नॉर्मल ऑल लाई ऑन दी सेम प्लेन सेम प्लेन के अंदर होते हैं ये तो सेम है यार जैसे पहला था अब इसका दूसरा लॉ बहुत खतरनाक है बेटा ध्यान से सुनना जिसको हम बोलते हैं स्नेल्स लॉ स्नेल्स लॉ क्या बोलता है साइन ऑफ ट्रिग्नोमेट्री पढ़ी है साइन क थीटा हां वही सब तो साइन ऑफ एंगल ऑफ इंसीडेंस डिवाइड बाय साइन ऑफ एंगल ऑफ री फ्रैक्शन इज इक्वल्स टू कांस्टेंट और कांस्टेंट की वैल्यू किसके बराबर होती है रिफ्रैक्टिव इंडेक्स ऑफ दी मीडियम अब तुम्हारे मन में इतनी सारी चीजें आ गई भैया रिफ्रैक्टिव इंडेक्स क्या है रिफ्रैक्टिव इंडेक्स क्या होता है रिफ्रैक्टिव इंडेक्स इज बेसिकली पावर ऑफ दी मीडियम टू बेंड दी लाइट जैसे कि मेरी कितनी ताकत है है ना तुम मुझसे पंजा लड़ा होगे तो शायद मैं तुम्हें हरा दूं शायद मैं तुम्हें ना हरा पाऊं वो मेरी पावर है उसी प्रकार से मीडियम की कितनी पावर है लाइट को बेंड करने की उसको हम क्या बोलते हैं हम बोलते हैं उसका रिफ्रैक्टिव इंडेक्स रिफ्रैक्टिव इंडेक्स क्या है मीडियम की पावर है कि वो लाइट को कितना बेंड कर कर पाएगा जितना ज्यादा रिफ्रैक्टिव इंडेक्स उतनी ज्यादा बेंडिंग ऑफ लाइट ठीक है अब यहां पर एक डायग्राम बेटा बहुत इंपॉर्टेंट है ये ग्लास स्लैब वाला डायग्राम बहुत इंपोर्टेंट है इसको ध्यान से देखना और ये इसका सवाल आ भी सकता है डायग्राम डायरेक्टली बनाने को आता है क्यों क्योंकि इसमें दो बार रिफ्रैक्ट होता है पहले लाइट आई पहले लाइट आई ठीक है अब लाइट बेंड हो गई अब एक चीज और याद रखना ये है एयर और ये है ग्लास तो रेयरर मीडियम कौन सा रेयरर मीडियम है एयर ग्लास क्या है डेंसर मीडियम जब भी रेयरर से डेंसर में लाइट मूव कर ती है तो टुवर्ड्स दी नॉर्मल मूव करती है एक ट्रिक भी बता देता हूं आर डी शर्मा ऐसे याद कर लो आर डी शर्मा को नॉर्मल पसंद है आरडी शर्मा को नॉर्मल पसंद है तो नॉर्मल की तरफ मुड़ जाएगी बट जब लाइट आगे गई और लाइट जब बाहर निकल रही है तो अब ये डेंसर है ये रेयरर है तो अब इस ट्रिक से याद कर लो कि डॉक्टर को डीआर यानी डॉक्टर जी को नॉर्मल पसंद नहीं है तो यानी वो नॉर्मल से दूर भागेगी नॉर्मल से कैसे भागेगी दूर की तरफ भागेगी ठीक है तो आप देख सकते हो पहले क्या हुई थोड़ी सी इस तरफ बेंड हुई दूसरी बार क्या हुई थोड़ी सी बाहर की तरफ बेंड हुई ये डायग्राम बहुत इंपॉर्टेंट है है ना तो ये क्या होता है ये अपना एंगल ऑफ इंसीडेंस था ये एंगल ऑफ रिफ्रैक्ट हुआ और जो लास्ट जो एंगल है जिससे बाहर निकली उसको हम बोलते हैं एंगल ऑफ इमरजेंस जिसको हम e से रिप्रेजेंट करते हैं एंगल ऑफ इमरजेंस ठीक है इसमें एक चीज और इंपॉर्टेंट है देखो अगर बीच में ग्लास स्लैब नहीं आता तो लाइट सीधी जाती बट अब लाइट ऐसे जा रही है तो ये जो बीच का जो डिस्टेंस है ना ये जो डिस्टेंस है अगर बीच में ग्लास स्लेम नहीं आता तो लाइट ऐसे जाती बट अब ऐसे जा रही है तो जो बीच का जो डिस्टेंस है ना ये जो डिस्टेंस कहलाता है इस इसको हम नाम देते हैं लेटरल डिस्प्लेसमेंट क्या बोलते हैं लेटरल डिस्प्लेसमेंट ठीक है तो ये डायग्राम इंपोर्टेंट है इसकी एक बार प्रैक्टिस कर लेना अब आगे बढ़ते हैं देखो हम रिफ्रैक्टिव इंडेक्स के बारे में बात कर रहे थे एक दो पॉइंट रिफ्रैक्टिव इंडेक्स के आप याद रख लो अगर आपको बोले किसी भी मीडियम का रिफ्रैक्टिव इंडेक्स निकालो एक फार्मूला बता देता हूं फार्मूला है c / v c / v यानी c / v यानी स्पीड ऑफ लाइट इन एयर डिवाइड बाय स्पीड ऑफ लाइट इन दैट मीडियम एयर में कितनी होती है शुरू में बताया 3 * 10 रेट पावर 8 बहुत बढ़िया और उस मीडियम में कितनी स्पीड है वो आपको होगी तो उससे आप किसी भी मीडियम का क्या कर सकते हो रिफ्रैक्टिव इंडेक्स निकाल सकते हो इस फार्मूला से c / v एक चीज और याद रखना देखो रिफ्रैक्टिव इंडेक्स इज इन्वर्सली प्रोपोर्शनल टू स्पीड ऑफ लाइट यानी जिस मीडियम का जितना ज्यादा रिफ्रैक्टिव इंडेक्स होगा उसमें स्पीड ऑफ लाइट उतनी धीरे-धीरे धीरे-धीरे आएगी है ना जितना ज्यादा रिफ्रैक्टिव इंडेक्स लाइट की स्पीड उतनी कम हो गई बस इतना याद कर लो ठीक है चलिए बेटा आगे बढ़ते हैं अब बात करते हैं लेंसेशन है है ना लेंसेक्स और कॉनकेव बट यहां पर थोड़ा सा उल्टा है वहां पर कॉनकेव क्या होता था कन्वर्जिंग यहां पर कॉन्वेक्स होता है कन्वर्जिंग और कॉनकेव होता है डाइवर्जंस रखना है ये दोनों डायग्राम भी आपने देखे ही होंगे अभी तक है ना रिवीजन करने आए इतना तो पता ही होगा ठीक है ये क्या है कॉन्वेक्स और ये क्या है कॉनकेव अब यहां पर आप एक चीज याद रखना यहां पर होते हैं बेटा क्या दो फोकस दो फोकस होते हैं यहां पर वहां पर क्या हो रहा था मिरर में एक ही फोकस था यहां पर दो फोकस होते हैं जैसे कि ये f1 है और इस तरफ क्या है इस तरफ है f2 यानी लेफ्ट साइड में f1 होता है और ये होता है f2 जैसे वहां पर सेंटर ऑफ कर्वेचर था ना बेटा उसी प्रकार से यहां पर क्या होता है यहां पर होता है 2f 1 और 2f 2 तो सेंटर ऑफ कर्वेचर को रिप्लेस करके यहां पर बस 2 f1 और 2 f2 लिख देते हैं वही सारी सेम चीज है सारी प्रॉपर्टीज वही है लेंसेक्स कर रहा है और ये होता है आपका क्या कर रहा है ये डाइवर्जंस दिख रहा है इसको हम बोलते हैं ऑप्टिकल सेंटर इसको हम क्या बोलते हैं बेटा ऑप्टिकल सेंटर चलो अब इनके भी रूल्स जान लेते हैं मिरर के चार रूल थे इसमें तीन ही रूल हैं और दो रूल तो एकदम सेम है जैसे कि जैसे कि पहला रूल क्या है जब भी कोई चीज पैरेलल जाएगी तो हमेशा फोकस से निकलेगी सेम है सेम है कोई चीज पैरेलल तो फोकस से निकलेगी और दूसरा रूल भी सेम है जब कोई चीज फोकस से जाएगी तो पैरेलल निकलेगी जब कोई चीज फोकस से जाएगी तो पैरेलल निकलेगी तो दो रूल तो सेम है एक आखिरी रूल जो सेम नहीं है वो ये है जब भी लाइट ऑप्टिकल सेंटर से बेटा पास करेगी तो वो इधर-उधर नहीं देखेगी एकदम सीधी जाएगी स्ट्रेट जाएगी इधर-उधर नहीं देखती जब भी ऑप्टिकल सेंटर से जाएगी तो हमेशा सीधी लाइट जाती है नहीं होती ठीक है ये तीन रूल याद रहेंगे चलिए अब स्टार्ट करते हैं कॉन्वेक्स लेंस और कॉनकेव लेंस का भी अपना रे डायग्राम अब ये रे डायग्राम बिल्कुल सेम है जैसे हमने मिरर में पढ़े थे वैसे लेंस में तो इसको भी आप वही ट्रिक से वो जो मैंने आपको ट्रिक नहीं बताई थी बेटा वो ट्रिक आप यहां पर भी अप्लाई कर सकते हो वो एकदम सेम ट्रिक यहां पे भी काम कर जाएगी क्या करो यहां पर बनाओ f1 यहां पर बनाओ 2 f1 है ना अब क्या करो नंबरिंग देना स्टार्ट करो यहां पर दो वन नंबरिंग यहां पर दो दो यहां पर दो तीन यहां पर दो चार यहां पर दो पांच और यहां पर दो छह बस यहां पर जो नंबरिंग है ना दूसरी नंबरिंग वो पता है कहां देना वो इस तरफ देना उधर हम क्या कर रहे थे नीचे ही दे रहे थे अब इसको बस इस तरफ कर लेना बाकी कोई और चेंज नहीं करना ये बहुत अच्छी ट्रिक है आपके बहुत काम आएगी ठीक है अब यहां पर भी वही सेम नंबरिंग करो बेटा बिल्कुल दिमाग नहीं लगाना है वही सेम नंबरिंग करते हुए चलनी है हमें जैसे कि यहां पर दे दो आप क्या वन दे दो यहां पर दे दो बेटा क्या दो यहां पर क्या दे दो यहां पर आप दे सकते हो तीन ठीक है इसके पीछे आप दे दोगे इसके पीछे आप दे दोगे चार और और पीछे आप दे दोगे पांच और छटा कहां पर होगा छठ उसी प्रकार से छठा इसका इस तरफ होगा यानी इसका सिक्सथ नंबर होगा यहां कहीं पे ठीक है ठीक है छठा यहां पर होगा तो देखो जब भी फर्स्ट फर्स्ट यानी जब भी लाइट्स पैरेलल आएंगे तो लाइट्स कहां मिलेंगी इसके फर्स्ट पे यानी फोकस पे तो जब भी आपकी पैरेलल लाइट आएंगी तो यहां मिलेंगी अगला केस क्या है अगला केस है यहां पे मतलब बियोंड 2 f1 जब भी हमारा ऑब्जेक्ट बियोंड 2 f1 होगा तो कहां बनेगा यहां पर बनेगा और कहां बनेगा इस जगह पर बनेगा ठीक है उसके अलावा जब भी हमारा ऑब्जेक्ट 2f 1 पे होगा यानी थर्ड नंबर पे होगा तो हमारी इमेज कहां बनेगी 2 f1 पे बनेगी ठीक है सेम चल रहा है बेटा ट्रिक है कितनी अच्छी ट्रिक है चौथे नंबर का क्या है जब भी इन दोनों के बीच में होगा तो कहां पर बनेगा बियोंड बनेगा पीछे बनेगा और जब भी फोकस पे होगा तो कहां बनेगा बहुत पीछे बनेगा है ना फिफ्थ नंबर पे बनेगा है ना और लास्ट केस क्या होता है इसका वही जिसमें कि हमारी इमेज कैसी बनती है वर्चुअल बन रही होती है लास्ट केस इसका भी मैं दिखा देता हूं जब भी आपका ऑप्टिकल सेंटर और फोकस के बीच में ऑब्जेक्ट है तो इमेज कहां बनेगी पीछे बनेगी पीछे बनेगी है ना और कैसी बनेगी वर्चुअल और वर्चुअल का बड़ा भाई कौन होता है इरेक्ट बहुत बढ़िया बेटा है ना बाकी सारे केसेस में आप देख सकते हो यहां पर बन रही है बाकी सारे केसेस आप देखोगे ना तो हमेशा हमारी इमेज इस तरफ बन रही है ठीक है क्लियर है क्लियर है चलो अब अपन देख लेते हैं दूसरा हमारा लेंस जो कि है कॉनकेव लेंस कॉनकेव लेंस भी मिरर की तरह उसमें क्या था दो ही केसेस थे यहां पर भी दो ही केस हैं क्या दो केस हैं देख लो फटाफट से पहला केस है पैरेलल जब भी पैरेलल होगा तो कहां मिलेंगी लाइट रे फोकस पे यार ये तो बताइए दूसरा क्या है दूसरा है जब भी फोकस के अलावा कहीं और पे होगी कहीं पे भी होगी तो हमारी जो इमेज बनेगी वो कहां बनेगी बिटवीन ऑप्टिकल सेंटर एंड फोकस ऑप्टिकल सेंटर एंड फोकस मिरर की तरह लेंस भी ऑलमोस्ट सेम है अगर तुम्हें मिरर समझ आ गया तो लेंस भी समझ आ जाएगा आगे बढ़ते हैं अब यहां पर सारी चीजें मैंने लिख रखी है इन शॉर्ट एनसीआरटी की ये लाइन टू लाइन कि कौन से में अ रियल इनवर्टेड वर्चुअल किसमें लार्ज बन रही है किसमें छोटी बन रही है एक बार आप रीड कर सकते हो ठीक है कॉन्वेक्स लेंस और कॉनकेव लेंस के यूज क्या है तो देखो कॉनकेव लेंस है कन्वर्जिंग लेंस वो जो मैग्नीफाइंग आपके ग्लास होते हैं ना उसमें कौन सा लेंस लगता है कॉन्वेक्स लेंस जबकि ये जो कॉनकेव होता है ना ये पता है कहां लगता है टेलिस्कोप जब आपको दूर का देखना है तो कौन सा लगाओगे कॉनकेव लेंस जैसे कि टेलिस्कोप बहुत बढ़िया आगे बढ़ते हैं अब देखते हैं फॉर्मूला जैसे आपका मिरर फॉर्मूला था वैसे एक होता है लेंस फॉर्मूला कुछ डिफरेंस नहीं है माइनस लग जाता है फॉर्मूला आपको पता है 1 / v - 1 / u = 1 / f सा कन्वेंशन बेटा सेम है जो मिरर का था वही लेंस का है सेम रहेगा ठीक है ये हो गया उसके अलावा मैग्नीफिकेशन के फॉर्मूले में बस एक माइनस हट गया उधर माइनस v / u होता था यहां पर v / u हो गया डायरेक्टली ठीक है तो ये सारी चीजें आपको समझ आ गई होगी अब एक इसका न्यूमेरिकल दे देखते हैं उसके बाद पावर समझेंगे पावर क्या होता है अब इसमें टाइप ऑफ न्यूमेरिकल क्या आते हैं इसमें भी सेम आएंगे आपको दो चीजें गिवन होंगी मान लो आपको फोकल लेंथ गिवन है और आपको क्या गिवन होगा आपको गिवन होगा u u की वैल्यू तो u की वैल्यू तो हमेशा नेगेटिव होगी ये बात तो आपको पता है चाहे मिरर हो चाहे लेंस हो अब आप खुद बताओ मुझे कॉन्वेक्स कॉन्वेक्स लेंस का कॉन्वेक्स लेंस ऐसा होता है इसका फोकल लेंथ पॉजिटिव होगा या नेगेटिव होगा बताओ इसकी फोकल लेंथ बेटा इस तरफ होती है यानी साइन कन्वेंशन के अकॉर्डिंग इसका फोकल लेंथ पॉजिटिव होगा यानी याद रखना कॉन्वेक्स लेंस का फोकल लेंथ हमेशा फोकल लेंथ हमेशा पॉजिटिव होता है जबकि कॉनकेव की क्या होती है नेगेटिव होती है क्योंकि कॉनकेव कैसा होता है कॉनकेव की बेटा इस तरफ होगी कॉनकेव इस प्रकार से होता है तो इसकी फोकल लेंथ हमेशा इस डायरेक्शन में होती है इस डायरेक्शन में ठीक है तो इसकी नेगेटिव होती है है ना चलो भाई ये क्लियर हो गया तो इस प्रकार के इसमें क्वेश्चन आएंगे एकदम सेम एकदम सेम जैसे हम पहले करते आ रहे थे वही आपको सेम फॉर्मूला फॉर्मूले में थोड़ा बहुत चेंज है साइन कन्वेंशन सही लगाओगे डायरेक्टली आपकी v की वैल्यू आ जाएगी फिर आप मैग्नीफिकेशन निकाल देना और मैग्नीफिकेशन के बाद भी सारी चीजें सेम है अगर m की वैल्यू नेगेटिव में आई तो रियल इनवर्टेड अगर पॉजिटिव में आई तो क्या वर्चुअल इरेक्ट सेम चलो अब बात करते हैं पावर की कि भाई पावर क्या होता है तो पावर इज बेसिकली एबिलिटी ऑफ लेंस टू कन्वर्ज और डायवर्ज दी रे ऑफ लाइट जो लाइट रे आ रही है या तो कन्वर्ज करो या तो उसको डायवर्ज करो वो जो एबिलिटी है ना उसको हम बोल रहे हैं उसकी ताकत यानी उसकी पावर ठीक है पावर का यूनिट होता है बेटा डायऑप्टर और पावर का फार्मूला होता है 1 / f ठीक है इस पे एक न्यूमेरिकल पक्का आएगा तुम्हारे पेपर के अंदर जिसमें तुम्हें फोकल लेंथ गिवन होगी अब एक चीज याद रखना ये जो फॉर्मूला है ना इसके अंदर f जो है वो मीटर में काउंट होता है तो अगर तुम्हारे क्वेश्चन के अंदर गिवन है 20 सेमी फोकल लेंथ की वैल्यू 20 सेमी तो आपको इस फॉर्मूले को थोड़े से बदल के लिख लेना है 100 / f ये फॉर्मूला लिख लो 100 / f जब आपकी फोकल लेंथ सेंटीमीटर में हो तो ये फॉर्मूला लगाना ये मत लगाना आंसर गलत निकलेगा क्योंकि इसके अंदर फोकल लेंथ मीटर के अंदर होती है बहुत बढ़िया बेटा अब तुम खुद बताओ पावर कॉन्वेक्स लेंस की पॉजिटिव होगी या नेगेटिव होगी अरे भाई कॉन्वेक्स लें लेंस की जो फोकल लेंथ होती है वो पॉजिटिव होती है ना तो ओबवियस सी बात है पावर भी पॉजिटिव होगी और कॉनकेव लेंस की फोकल लेंथ नेगेटिव होती है तो पावर भी कैसी होगी अपनी नेगेटिव होगी चलिए तो इस टाइप के न्यूमेरिकल आपके इसके अंदर बेसिकली आ रहे होते हैं पावर का एक न्यूमेरिकल बिल्कुल आपको देखने को मिल सकता है जिसमें कि आपको p इ 1 / f वाला फार्मूला लगाना है और आपको आंसर निकालना है ये भी बोलेगा कि देयर इज अ कॉन्वेक्स लेंस उसकी पावर कैसी होगी पॉजिटिव होगी या नेगेटिव होगी तो आपको पता होना चाहिए पावर किससे रिलेटेड है फोकल लेंथ से तो कॉन्वेक्स लेंस की फोकल लेंथ कैसी होती है पॉजिट होती है तो यानी पावर भी कैसी होगी पॉजिटिव होगी इस टाइप के क्वेश्चन आपको इसके अंदर देखने को मिल रहे होते हैं ऑन दिस नोट हमारा ये चैप्टर हो गया है खत्म और ये है आपका क्या होमवर्क क्वेश्चन होमवर्क क्वेश्चन का स्क्रीनशॉट ले लो एक आखिरी चीज आपको बता कर जाऊंगा आखिरी चीज ये है बहुत बार क्वेश्चन आते हैं लेंस के और स्क्रीन के जैसे कि ये क्वेश्चन आपको बार-बार देखने को मिलेगा बोलेगा कि यार एक ऐसा एक कॉन्वेक्स लेंस है यहां पर एक ऑब्जेक्ट है और हम स्क्रीन को कितनी दूर प्लेस करें कि इसकी इमेज मिल स्क्रीन को कितनी दूर प्लेस करें तो उसमें आपको सोचना नहीं है आपको कुछ नहीं करना आपको बस ी निकालना है बेटा निकालना होता है क्वेश्चन के अंदर ठीक है उस क्वेश्चन के अंदर आपको बस निकालना है यह रहा आपका होमवर्क क्वेश्चन फटाफट से करो और कमेंट में मुझे इसका आंसर बताना