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तत्वों का वर्गीकरण और गुण

प्रश्न Hello everybody, I'm Nextoppers, my name is Tapur Omar, your chemistry educator and आज हम पढ़ने वाले हैं Rapid Revision of Chapter 3, which is Classification of Elements and Periodicity in Properties अगर इस चाप्टर को डीटेल में पढ़ना है, तो इस वीडियो के डिस्क्रिप्षियन में आपको एक लिंक मिल जाएगी वहाँ पे आप जाके Long Form जिसका One Shot है उसको देख सकते हो और अगर आप Rapid एक Quick Revision के लिए, एक Quick Summary के लिए आयो, तो आप इस वीडियो को पढ़ सकते हो आपके नहीं periodic table के तो आजा history में आते हैं elements को classify करने की बात चल रही थी सबसे पहले Lavosier classification आया 1789 में इन्होंने बोला कि आपको अगर classify करना है तो ज़्यादा tension लेने की ज़्यादा नहीं है क्योंकि elements सिफ दो ही type की होते है एक metals और एक non metals तो इस तरीके से classification कर देना लेकिन हमें पता है in fact बहुत सी गलतिया निकली कि हमारे पास metalloids होते हैं जो की metal non metal दोनों की property दिखाते हैं तो कहीं नहीं गई यह classification fail कर गया next classification 1829 में हुआ जो कि किया Dobrinier ने Dobrinier triads के नाम से Dobrinier triads क्या है इन्होंने बोला elements को arrange कीजिए in their atomic mass के increasing order में increasing order of their atomic mass में और तीन के group बना लो अब जब आप उन तीन के group में पहले और third element के masses का average sum निकालोगे तो लीथियम और पोटाशियम के जो मास है उसका average समाप निकालोगे, ठीक है, मतलब उनका addition of masses divided by number of observation, यानि कि 2, तो वो बराबर आएगा सोडियम के मास के, तो ये था dobriniere classification, dobriniere triad rule basically, बट ये भी fail कर गए, क्यों fail किया होगा ये, देखो, यहाँ पर तो basically तीन-तीन के groups में arrange नहीं हो रहे, and increasing order of atomic mass में रखना है, तो कई सारी problem हैं, जिसकी वज़े से ये वाला जो अपना classification था, फेल कर गया, next classification आया Newlands Octaves का 1865 के पार, टाइम पर, ठीक है अच्छा, Lavosier classification के टाइम पर around 33 elements थे, है न, Newlands, Dobrinir इनके टाइम पर around 56 elements के आसपास आ गया थे ठीक है, इसमें क्या होता है Newland Octaves ने बोला, increasing order of atomic mass में रखना, सही था पर साथ ही साथ, तीन की जगए हर first element, eighth element से कुछ, you can say, similarity दिखाएगा properties में, और यही हो गया Newland Octaves but ये method जो ये classification है ये भी fail कर गया क्योंकि ये हमारे heavy metals में सही हो ही नहीं पारी थी चीज़े है ना और increasing order of atomic mass भी गलती हो गई next slide में हमारे पास 1869 में Mendeleev's periodic table का classification जिस time पर around 63 elements के आसपास आ चुके थे Mendeleev's periodic table एक बहुत successful periodic table मानी जाती है क्योंकि इनों ने हमें बताया periodic table के बारे में कि ऐसे ना group मत बनाओ 5, 6, 8, 8 का simple सी बात है आप क्या करो एक table बना लो और कुछ columns होंगे, यानि कि कुछ groups होंगे and कुछ periods होंगे, ठीक है? कितने groups, कितने periods होंगे, अभी ये बात नहीं होगी तो इन्होंने बोला कि अगर आप इस तरीके से रखते हो एलिमेंट्स को, और कैसे रखना है? इनके according, periodic law क्या था? कि physical and chemical properties होंगी and repetition शोगा at regular interval regular interval में, properties में है न?

जैसे group 1 में सबके outer motion में एक electron है है न? तो हमें ionization energy, electron affinity आटॉमिक साइस कुछ ना कुछ रिपीटिशन रेगुलर इंटरवल में दिख रहा होगा ठीक है आप यह रखा कैसे इन देर इंक्रीजिंग ऑर्डर ऑफ अटॉमिक मास बट यह वाला जो क्लासिफिकेशन था यह भी फेल कर जाता है क्योंकि आइसोटोप्स की रिपीटिशन रेगुलर इंटरवल में ऐसे रख रहे हैं कि इंक्रीजिंग ऑर्डर ऑफ अटॉमिक मास तो क्या एक एलेमेंट को तो इस वजह से और भी कई सारे डिफेक्ट्स जिसके वजह से में लीफ पेरियोडिक टेबल को हमने हटा दिया लास्ट में आते हैं हैंरी मॉडर्न पेरियोडिक टेबल जिसे आप नाम से जानते हो यहां पर क्या बोला गया तो 1913 में इन्होंने बोला कि नंबर के बेसिस पर ठीक है तो जब इंक्रीजिंग ऑडर आफ अटॉमिक नंबर के बेसिस पर रखते हो तो उस टाइम पर जो विलर चेंज दिखता है वह आपको बेसिकली पीड़ रोज बनाई एंड 18 वर्टिकल कॉलम्स बनाई 7 वर्जन रोज को इन्होंने पीड़िट्स बोला 18 वर्टिकल कॉलम्स को इन्होंने प्रोपर्टीज रिपीट हो रही है एक रेगुलर इंटरवल के बाद है ना जैसे अटॉमिक नंबर में चेंज होने की वजह से एंड और यह प्रोपर्टीज अब हमें याद करने हैं मैजिक नंबर क्या होता है 288 18 32 कि यह क्या है समझो अगर मैंने आपसे बोला एटोमिक नंबर लीथियम का क्या है तो आपने बोला माम थ्री है मैंने बोला सोडियम आपने बोला 11 मैंने बोला पोटाशियम आपने बोला 19 अब मैंने बोला रूबीटियम अब कैसे यह आप बोलो पीड़ेड टू से पीड़ेड ट्री में आते टाइम फिर इस इधर पर आते टाइम बापस से प्लस 8 देन प्लस का 18 देन अगेंड प्लस का 18 आइड प्लस का 32 तो अगर आप इस तरीके से आड करते जाओगे तो आपको अटॉमिक नंबर्स ट्रांजिशन आ रहा है चेंज आ रहा है डाट ट्रांजिशन मेटल्स पर टीम को बोलते हो बोरोन फॉर्म फैमिली 14 को बोलते हो कार्बन फैमिली 15 को बोलते हो नाइट्रोजन फैमिली 16 को बोलते हो ऑक्सजन फैमिली 15 और 16 का एक और नाम होता है 15 को आप निकोजन आप 16 को चालकोजन भी बोलते हो सेवेंटी ग्रुप जो होता है जहां पर हमारे हेलोजन आ रखते हो क्योंकि यह रियाक्ट नहीं करती दिया नोट रियाक्टिव टीविक स्क्रीनशॉट लेते चलना बेटा साइड बेसाइड ठीक है नेक्स्ट आपके नोमन्क्लेचर ऑफ एलिमेंट्स में डिफरेंट एलिमेंट्स डिस्कवर होते जा रहे थे तो 2 के लिए बोलोगे by, 3 के लिए बोलोगे try, 4 के लिए बोलोगे quad, 5 के लिए बोलोगे pent, then hex, sept, oct and so on, ठीक है, and इसके abbreviations भी रख दिये, अब, इसके बाद जब आप ये नाम लिख लोगे, तो em word को use करते जाना, for example, मैंने आपसे बोला 101 atomic number है, बताओ आप क्या रखोगे इसका Similarly, अगर मैंने आपसे बोला 105 के लिए बताओ क्या बोलोगे, ठीक है, 1 के लिए उन, 0 के लिए निल, 5 के लिए पेंट, उन, निल, पेंट और एम, तो उन, निल, पेंट, एम, ठीक है, और इस तरीके से आप naming कर सकते हो, आगे बढ़ते हैं, next है हमारे पास electronic configuration, जो हमारी periodic table है, यह आप इसे बोल सकते हो इन ट्रांजिशन एलिमेंट्स के अंदर आने वाले एलिमेंट्स ठीक है चलो पिया नेक्स्ट एलिक्ट्रोनिक कंफिग्रेशन कैसे करते हैं अगर एस ब्लॉक का एलिमेंट है तो उसकी एलिक्ट्रोनिक कंफिग्रेशन होती है एन एस जीरो से वह टू तक की यानी कि एन क्या है एन यहां पर क्या बता रहा है आपको एन मतलब आउटरमोज शेल पीरिड ठीक ह वह इस एलेक्ट्रोनिक कंफिग्रेशन ऑफ सोडियम यह आपसे बूली ही हाइड्रोजन तो कैसे करोगे सोडियम की कैसे करोगे लिखे मालो चलो इजी है थोड़ा सा लीथियम लेते हैं पहले अना सोडियम की कर सकते हो यह कैसे होगा वन एस टू है ना तो एन पी एन मतलब वहीं पीरेड नंबर जो आगे वैल्यू लग रही है ठीक है पी क्या होता है पी में छह एलेक्ट्रोंस जा सकते हैं तो वन से सिक्स तक के एलेक्ट्रोंस जा सकते हैं डी के लिए कैसे करोगे एन माइनस वन अब एन माइनस वन है क्या एन क्या है आउटर फिर F block की electronic configuration anti-penultimate shell F, F में 1-14 तक के electrons जा सकते हैं तो उसके बाद penultimate shell N-1D, D में यहाँ पे एक से लेकर जीरो से लेकर के एक तक एलेक्ट्रोंस जाएंगे एंड एनस टू ठीक है तो यह अपनी एलेक्ट्रोनिक कंस्ट्रीशन हुई ब्रिज एलेमेंट्स क्या होते हैं जब भी कभी पीड़ेट टू पीड़ेट थी को देखते हैं तो हमें इनके दिखती है इसे आप बोलते हुए यह इसका डाइग्नल रिलेशनशिप एंड इस एलेमेंट को हम बोलते हैं यह ब्रिज एलेमेंट्स आगे बढ़ते हैं, next है हमारे पास कैसे हम find करेंगे, predict करेंगे कि कौन से period, कौन से group, कौन से block में हमारा electron है, कहाँ पे हमारा element lie कर रहा है periodic table बे, तो इसके लिए हमारे पास कुछ rule होते हैं, number one, सबसे पहले आप electronic configuration लिख लो उस element की, जिसके बारे में पता करने वाले हो, फिर सब्सक्राइब जो भी सब्सक्राइब उसके असाप्ट ब्लॉक बताते हो दिखता थी ग्रुप बताने में ग्रुप कैसे बताओगे अगर के जितने एलेक्ट्रोन आउटर मोस्ट शेल में एनेस वाली में उसमें आप क्या करोगे जो भी अ अपनी पेनल्टी मेट शेल है एन माइनस वन डी है उसके एलेक्ट्रोंस को आड कर देना एलेक्ट्रोंस इन दिया उटर मोशल एन एस और बाइटल जो उसमें प्लस करोगे एलेक्ट्रोन एन माइनस वन डी और बाइटल में ठीक है एलोवीनियम आउटर मोशल के जो एलेक्ट्रोन सोस में 12 को ऐड करते हैं तो यानि कि कितने एलेक्ट्रोन वन 12 प्लस वन विच इस थर्टी तो यह थर्टीन ग्रुप में थर्ड पीरिड में पी ब्लॉक में पाया जाता है चेक करना वहीं पाया जाएगा ठीक है टेक देस्क यह क्या होता है डिस्टेंस फॉर दिसेंटर अपने यूक्लिस्ट तो दिवा लें शेल्ट या आउटरमोश शेल उसे आप बोलते हो एटोमिक रेडियस यह चार टाइप से हो सकती है नंबर वन को वेलेंट रेडियस अगर कोई दो नॉन मिटल्स आपस में बॉंड बना लिए तो सेंटर से सेंटर तक की उसके न्यूक्लियस कि एक मेटर और एक नॉन मेटल के बीच में जो रेडियस है उनकी सेंटर से जो डिस्टेंस है वाइटिंग रेडियस मेटालिक रेडियस जैसे मेटालिक रॉट वगैरह मैंने ले ली तो इनकी सेंटर की जो डिस्टेंस होगी इसमें किस तरीके से ट्रेंड है तो आप बोलना कि कोवरेंट रेडियस सबसे छोटी रेडियस होती है यह यू कैसे सबसे आफ एन आइसोलेटेड गैशियस आटम नहीं समझ में चलो समझाते हैं जितनी एनर्जी की जरूरत होगी एक आटम को ताकि वह एलेक्ट्रोन को बाहर निकाल पर अमाउंट ऑफ एनर्जी रिक्वाइड टू रिमूव एन एलेक्ट्रोन आउटर मोशिल एलेक्ट्रोन अगर एलेक्ट्रोन बाहर निकालना है तो हमने कुछ एनर्जी दी थी अब हमने बोले एलेक्ट्रोन अंदर आ रहा है तो जो एनर्जी निकलेगी वो एलेक्ट्रोन आफिनिटी एक दूसरे का उल्टे हैं ये दोनों ठीक है एलेक्ट्रोन नेगेटिविटी टेंडेंसी वो जेनरल ट्रेंड की अगर हम बात करें तो एटॉमिक रेडियस एंड मेटालिक कैरेक्टर सिंपल सब्दों में लिख लो यह दोनों सेम ट्रेंड फॉलो करते हैं तो बॉटर्म आते टाइम इन दोनों में क्या होता है इन दोनों में हमको इंक्रीज होते हुए दिखते हैं दोन लेट मी टेल यू आल ये सब जेनरल ट्रेंड के बारे में मैंने आपको बताया यहाँ पे आपको एक्सेप्शन्स देखने को मिलते हैं कई एक्सेप्शन्स होते हैं जिनमें से कुछ मैंने आपे भी बताया और अफ कॉर्स डीटेल वीडियो में सारे कवर हुए प्रियम में जो नोबल गैस है ना वो अटॉमिक रेडियस ज्यादा दिखा रहा है रेस्ट ऑफ दी एलिमेंट्स में क्या रीजन होगा क्योंकि नोबल गैसेस में होती है हमारी वैंडर वॉल रेडियस दूर-दूर रेडियस होती है तो इस वजह से इसकी रेडियस तो ज्या atomic radius जो है वो कम होती है, क्या reason होता है इसका, actually इसका reason होता है Z effective, यानि कि effective nuclear charge, left to right जाते टाइम, nuclear charge बढ़ता है जिसके वज़े से atom की radius कम होती है, लेकिन D block पर ऐसा देखने को मिलता है, कि पहले क्या होता है, जैसे हम एक group ले लेते हैं, एक period ले लेते हैं, स्कैंडनम, टाइटेनियम, विनेडियम, क्रोमियम, मैंगनीज, आयरन कोबाल्स, निकल कॉपर, सिंक, यह वाला हमने अपना elements उठा लिये तो स्टार्टिंग नाम देखते पहले तो अटॉमिक साइज जो है वह कम हो रहा है जो कि होना चाहिए था फिर थोड़ी देर बाद देखते हैं कॉन्सटेंट हो जाता है एंड इतना ही नहीं कुछ देर बाद यह थोड़ा इंक्रीज भी कर जाता है तो इसका रिजन होता है शील्डिंग इफेक्ट बेसिकली शील्ड करना जो पेनल्टी मेट शेल वह वैलेंस शेल के एलेक्ट्रोंस को अंदर नहीं आने देते अंदर वाली शेल जो अपने एलेक्ट्रोंस को बैठा हुई है ताकि बाहर के एलेक्ट्रोंस अंदर ना आ पाए तो एलेक्ट्रों में कुछ रिपल्शन देखने को मिलता है हमें ठीक है तो इसे अपने फिर शील्ड कर रहे हैं पेनल्टी मेट शेल बाहर वाली शेल के पुर्व शील्ड इन फिर उतना छोटा टाइम होता है ठीक है तो यहाँ पे बस shielding effect का ही difference देखने को मिलता है starting में क्या होता है जो Z effective है यानि कि effective nuclear charge वो shielding effect से ज़ादा होता है तो इस वज़े से starting में हम देखते हैं कि atom का size कम होता जा रहा है जो होना चाहिए फिर हम देखते हैं ये दोनों आपस में बराबर आ गए यह दोनों आपस में बराबर आ गया तो साइस भी कॉंस्टेंट हो गया और एंड में हमें देखने को मिलता है कि जो जड़ एफेक्टिव है वह कम हो गया शीले इफेक्ट से तो इस वजह से हमने देखा कि आटम का साइस बढ़ भी रहा है जैसे जेनरली आटम का साइज इंक्रीज करता है बट जिरकोनियम और हॉफ्मियम में देखने को मिलता है कि इनका साइज तो दूसरा ट्रेंड फॉलो कर रहा है थोड़ा सा इंक्रीज करते हुए दिख रहा है तो यहाँ पर क्या होता है ये रीजन होता है लांथनॉइट कॉंट्र अगर आपको डिटेल में पढ़ना है जाकर लेनी वीडियो जरूर देख लेना अगर लेना था तो आपको सब कुछ आ गया होगा है आप आप मिलते हैं अगले वीडियो में अगले रापर्ट रिविजन के साथ बाबा�