बैलेंस शीट और एसेट्स-लायबिलिटी का विश्लेषण

Oct 1, 2024

बैलेंस शीट और एसेट्स-लायबिलिटी का परिचय

बैलेंस शीट क्या होती है?

  • बैलेंस शीट एक वित्तीय विवरण है जो बताता है कि किसी कंपनी के पास कौन-कौन से एसेट्स (संपत्ति) हैं और कौन-कौन सी लायबिलिटीज़ (दायित्व) हैं।
  • बैलेंस शीट के दाईं ओर एसेट्स और बाईं ओर लायबिलिटीज़ दर्शाई जाती हैं।

एसेट्स (संपत्ति)

  • कंपनी के पास मौजूद वस्तुएं और संपत्तियाँ जो कंपनी की होती हैं।
  • उदाहरण: कैश, लैंड, बिल्डिंग, फर्नीचर, व्हीकल्स, स्टॉक आदि।
  • इनका मुख्य उद्देश्य यह होता है कि कंपनी इन्हें प्रयोग कर अपने व्यवसाय को चलाए।

लायबिलिटीज़ (दायित्व)

  • वह राशि जो कंपनी को दूसरों को चुकानी होती है।
  • दो प्रकार की लायबिलिटीज़ होती हैं:
    • इंटरनल लायबिलिटी: जैसे कि मालिक को पे करने वाली राशि। इसे "कैपिटल" के रूप में भी जाना जाता है।
    • एक्सटर्नल लायबिलिटी: जैसे कि कर्मचारियों की तनख्वाह, क्रेडिटर्स की राशि आदि।

एसेट्स और लायबिलिटी का सामंजस्य

  • बैलेंस शीट में एसेट्स और लायबिलिटीज़ हमेशा समान होती हैं क्योंकि हम डबल एंट्री सिस्टम का पालन करते हैं।
  • डबल एंट्री सिस्टम में हर वित्तीय लेन-देन का दो बार लेखा किया जाता है।

उदाहरण

  • एक उदाहरण के माध्यम से समझाया:
    • रवि (मालिक) ने आठ लाख रुपये बिजनेस में लगाए, जो कैश के रूप में आया और कैपिटल अकाउंट में दर्ज किया गया।
    • लैपटॉप की खरीद एक लाख रुपये में की गई, जिससे कैश कम हुआ और लैपटॉप एसेट के रूप में बढ़ा।
    • चार लाख रुपये की मशीन क्रेडिट पर मित्तल लिमिटेड से खरीदी गई, जिससे एक्सटर्नल लायबिलिटी बढ़ गई।

निष्कर्ष

  • बैलेंस शीट हमेशा बराबर होती है और यह दर्शाती है कि एक कंपनी के पास क्या संपत्ति है और उसे क्या भुगतान करना है।
  • बैलेंस शीट का सही समझना व्यवसायिक निर्णय लेने में मदद करता है।

सुझाव

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