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कक्षा 10 भौतिकी: विद्युत का अध्याय

Hello everyone, आज हम पढ़ेंगे Class 10 Physics का Chapter नमबर 3 जिसका नाम है Electricity तो ये जो है वो Class 10 में Physics का सबसे Important Chapter है इसका वेटेज भी एग्जाम में काफी जादा होता है और इस Chapter से काफी सारे Numericals भी हमें एग्जाम में देखने को मिलते हैं Usually ये थोड़ा सा Lengthy Chapter है लेकिन आज हम इस Chapter को Numericals के साथ Animation में काफी Short Time में Complete करेंगे तो चलिए Start करते हैं तो सबसे पहले हम समझते हैं electric current को या electricity को तो basically electricity होती है flow of charges यानि कि किसी भी material या conductor में जब charge flow होता है तो उसे electricity या electric current कहा जाता है तो यहाँ पर बात हो रही है charge की तो अब हम समझते हैं कि charge क्या होता है तो it is the property of matter which cause it to experience a force When placed in a magnetic field मतलब कि charge जो है वो matter की एक property होती है जिसकी बज़े से उसे एक force experience होता है जब वो magnetic field में place होता है और ये जो charge है वो positive होता है और negative भी होता है और जो like charges होते हैं वो repair करते हैं एक दूसरे को जबकि unlike charges होते हैं वो एक दूसरे को attract करते हैं like का मतलब होता है same charges यानि कि एक जैसे charges जैसे positive positive charges या negative negative charges और unlike का मतलब होता है opposite charges जैसे positive, negative तो यहाँ पर समझने वाली बात यह है कि जो एक जैसे charge होते हैं वो एक दूसरे को repel करते हैं वहें पर जो opposite charges होते हैं वो एक दूसरे को attract करते हैं और जो charge होता है उसकी SI unit होती है coulomb जिसे की capital Q से represent किया जाता है और अगर इस chapter में आपको कहीं भी capital Q दिखता है तो आपको समझ जाना है कि यहाँ पर charge की बात हो रही है तो जब charge की बात हो रही है तो हम जानते हैं कि कोई भी material atom से मिलकर बना होता है और जो atom होता है वो electron, proton और neutron से मिलकर बना होता है और हम जानते हैं कि electron पर negative और proton पर positive और neutron पर कोई charge नहीं होता और अगर हम बात करें एक electron पर charge की या फिर charge on one electron तो वो होता है minus 1.6 into 10 to the power minus 19 coulomb बहीं पर एक proton में charge होता है plus 1.6 into 10 to the power minus 19 coulomb इसके बाद हमें देखना है कि एक कुलम में कितने इलेक्ट्रोंस होते हैं तो एक कुलम चार्ज में 6.25 x 10 to the power 18 इलेक्ट्रोंस होते हैं यह हम इस फॉर्मूली से निकाल सकते हैं तो Q equals to N ही जिसमें Q है चार्ज, N है number of electrons और E है charge on electron तो हमें यहाँ पर N यानि कि number of electrons find करने हैं तो यहाँ पर Q हो जाएगा बन क्योंकि हमें एक कुलम चार्ज के अंदर number of electrons को find करना है तो number of electrons यहां से आ जाएंगे 6.25 x 10 to the power 18 electrons यानि कि एक coulomb charge के अंदर 6.25 x 10 to the power 18 electrons होते हैं तो जो charge होता है उसके basis पर जो electricity होती है उसे दो types में divide किया गया है जो कि है static electricity और current electricity यहां इस class में हमें current electricity के बारे में पढ़ना है लेकिन हम static electricity की definition को यहां पर भी देखेंगे तो static electricity एसी electricity होती है जिसमें जो चार्ज होता है वो फ्लो नहीं करता है वो एक जगह पर इकटा रहता है फॉर एग्जामपल जब आप प्लास्टिक की स्केल को अपने बालों से रफ करते हैं तो उसमें चार्ज आ जाता है यानि कि हम बेसिकली कह सकते हैं उसमें एक metal wire के अंदर electrons या charges जो हैं वो systematic way में flow करते हैं तो current electricity या electric current को हम अच्छे से समझ लेते हैं तो current होता है flow of charge per unit time और इसे capital I से represent किया जाता है I equals to होता है Q upon T यहाँ पर Q है charge, T है time और बात करें इसकी SI unit की तो वो होती है Ampere जिसे capital A से represent किया जाता है और यह जो current है इसको generally दो और छोटी units में measure किया जाता है जिसमें की पहली है मिली एमपियर जिसको मे से डिनोट किया जाता है और एक मिली एमपियर बरावर होता है 10 to the power minus 3 एमपियर और दूसरी है माइक्रो एमपियर जिसको की इस तरह से डिनोट किया जाता है और एक माइक्रो एमपियर बरावर होता है 10 to the power minus 6 एमपियर और ये जो करेंट होता है इसे मीजर किया जाता है एमीटर से तो ये जो एमीटर होता है वो कुछ ऐसा दिखता है और एमीटर के बारे में दो important points हैं जो आपको याद रखनी हैं तो पहला है it has low resistance यानि कि ammeter में resistance कम होता है और resistance के बारे में हम detailed study आगे इसी chapter में करेंगे और दूसरा point है it is always connected in series यानि कि जो ammeter होता है वो series में connect होता है इस तरह से electric circuit के अंदर तो अब आप सोच रहे होगे कि electric circuit क्या होता है तो electric current के transfer पात होने का जो पात होता है उसे electric circuit कहा जाता है तो अब हम देखते हैं electric charge या electric current पर based एक numerical को तो ये जो question आपको आपकी screen पर दिख रहा है ये है NCIT example नमर 1 जिसमें की current हमें दिया हुआ है 0.5 ampere और time दिया है 10 minute तो अब हम इसे solve करते हैं तो एक common बात जो मैं आपको हर physics के lecture में कहता हूँ कि जब भी आप numerical को solve करें तो आपको हरे given units को उसकी SI unit में convert करके लिख लेना है तो हमें given है current 0.5 ampere और time 10 minutes जिसे कि हम उसकी ऐसा unit जो की होती है second उसमें convert कर लेंगे तो यहाँ से हमारा time हो जाएगा 600 second हमें यहाँ पर charge को find करना है तो हम जानते हैं q equals to it तो हम इस formula में current और time की values को रख देंगे तो जब हम इस equation को solve करेंगे तो हमारा answer आ जाएगा 300 coulomb charge इसके बाद हमें समझना अगली topic को जो की है electric potential और potential difference तो जो हमारा metallic wire या conductor होता है वो इसमें free electrons present होती हैं जो कि special direction में अगर move करते हैं तो उसे current कहा जाता है लेकिन इसमें जो electrons present होते हैं इनकी direction specific नहीं होती ये randomly इदर उदर move करते रहते हैं किसी भी direction में अगर हमें इन सभी electrons को same direction में flow कराना है तो हमें एक difference create करना होगा इसे आप ऐसे समझिए कि हमारे पास दो beaker हैं और ये दोनों एक pipe से connected हैं तो अब आप ये assume करिए कि इन दोनों beaker में same level water है तो इस condition में जो water है वो flow नहीं करेगा एक beaker से दूसरे beaker में क्योंकि दोनों बीकर में बाटर का जो लेवल है वो सेम है इसी तरह से कंडक्टर के अंदर जो एलेक्ट्रोंस होते हैं वो एवनली डिस्ट्रिब्यूट होते हैं वहीं अगर हम बात करें दूसरी सिचुविशन की तो इसमें हम एक बीकर से बाटर को निकाल देंगी थीक इसी तरह से conductor के अंदर difference create किया जाता है battery को connect करके battery के एक end पर positive charge होता है और दूसरे end पर negative charge होता है तो हम जानते हैं कि electrons negatively charged होती हैं इसलिए conductor के सभी electrons battery में positive end पर पहुँच जाती हैं और conductor के अंदर difference create हो जाता है जिसे कि potential difference कहा जाता है तो अब हम potential difference को conceptually definition के तुरू समझते हैं तो it is a burden to move a unit charge from 1.2 anodzer यानि कि एक unit चार्ज को move करने में जितना work done किया जाता है वो से potential difference कहा जाता है तो potential difference equals to हो जाएगा work upon charge और इसकी ऐसा unit होती है bolt तो अब हम define करते हैं 1 bolt को तो जब 1 joule work done किया जाता है 1 coulomb charge को carry करने के लिए तो उस condition के potential difference को consider किया जाता है 1 bolt और ये जो potential difference होता है वो cell और battery के द्वारा maintain किया जाता है और जो potential difference होता है वो measure किया जाता है bolt meter के त्रू बोल्ट मीटर क्या होता है यह हम देख लेते हैं तो यह एक डिवाइस होता है जो कि कुछ ऐसा दिखता है जो कि potential difference को measure करने का काम करता है इसके बारे में तीन points हैं जो आपको याद रखने है पहला है it is high resistance यानि कि बोल्ट मीटर में resistance काफी high होता है दूसरा है it is always connected in parallel यानि कि यह हमेशा parallel में connect होता है electric circuit के अंदर और तीसरा point है कि बोल्ट मीटर में जो current है वो higher potential से lower potential की तरफ flow होता है तो अब हम देखते हैं potential difference पर based एक numerical को तो ये आपकी NCIT का example number 2 है जिसमें charge दिया है 2 column और potential difference दिया हुआ है 12 volt हमें इस numerical में berk find करना है तो जब हम इन values को इसके formula में रखेंगे जो कि है v equals to w upon q तो हमारा berk done आ जाएगा 24 joule इसके बाद हमें समझना है circuit diagram को तो ये जो है वो graphical representation होता है electric circuit का जिसमें electric circuit से related हर एक component को उसके symbol के थूँ represent किया जाता है तो जो circuit diagram होता है वो कुछ ऐसा दिखता है और ये जो आप देख रहे हैं ये है list circuit diagram के components की उनके symbol के साथ आगे हमें समझना आएगा काफी important topic को जो की है owns law तो ये जो law है वो basically relation show करता है potential difference और current के बीच में जो की कहता है potential difference across metal और conductor is directly proportional to the current passing through the circuit provided when the temperature remains constant मलब कि किसी metallic buyer या conductor के अंदर जितना भी potential difference होता है वो directly proportional होता है current के जो कि circuit से pass हो रहा होता है इसके साथ इसमें एक condition और होती है कि जिस metallic buyer या conductor से current pass हो रहा होता है उसका temperature constant होता है तो हम यहां से लिख सकते हैं potential difference is directly proportional to current या पर V proportional to I तो यहाँ पर आपको यह याद रखना है कि जब भी प्रोपर्शनल्टी कॉंस्टेंट हटता है तो कुछ ना कुछ कॉंस्टेंट जरूर आ तो constant आएगा r तो यहाँ पर हो जाएगा v equals to ir जिसमें कि r है resistance जो कि एक proportionality constant है यहाँ पर इसके बाद हमें देखना है graphical representation of ohm's law यानि कि ohm's law की graphical representation तो इस graph में हम x-axis पर ले लेंगे current को जिसे capital i से represent किया गया है और y-axis पर ले लेंगे potential difference को जिसे v से represent किया गया है तो वी और आई के बीच में यहाँ पर जो ग्राफ होगा वो बिलकुल straight line होगा वो जो line है वो बिलकुल भी तेड़ी नहीं होगी तो अभी हमने एक term के बारे में सुना है जो कि यह resistance जो कि एक proportionality constant है अब हमें उसी R या resistance के बारे में समझना है तो it is a property of a conductor that resist flow of charge in the conductor मतलब कि यह conductor की ऐसी property होती है जिससे यह charge के flow को resist यह oppose करती है और इसकी ऐसा unit होती है ohm और ओम को इस सिम्बल से रिप्रेजेंट किया जाता है इसके बाद हमें देखना है रजिस्टेंट से रिलेटिड एक डिवाइस को जो कि यह रियो स्टेट तो जो रियो स्टेट होता है वो कुछ ऐसा देखता है और बात करें इसकी डेफिनेशन की तो इसकी बाद हमें डिफाइन करना है वन ओम को तो जब किसी conductor में potential difference होता है 1 volt और current वहाँ से pass हो रहा होता है 1 ampere तो उस condition में जो resistance होता है वो होता है 1 ohm इसके बाद हमें देखना है उन factors को जिन पर resistance depend करता है तो जो resistance है वो mostly 3 factors पर depend करता है जिसमें की पहला है length तो जो resistance है वो length पर directly depend होता है यानि कि किसी conductor की length जितनी जाना होगी उसमें resistance भी उतना जाना होगा मतलब कि जब length बड़ेगी तो resistance बड़ेगा और जब length गटेगी तो resistance गटेगा इसके बाद है दूसरा factor जो कि है area of cross section तो जो resistance होता है वो inversely proportional होता है area of cross section के मतलब कि जब area of cross section बढ़ता है तब resistance कम हो जाता है वो जब area of cross section गटता है तब resistance बढ़ जाता है इसके बाद तीसरा और सबसे important factor है nature of material तो जो resistance होता है वो conductor के nature पर काफी depend करता है जैसे कि जो सिल्वर होता है उसमें resistance काफी कम होता है उसमें से current काफी अच्छे से flow होता है वहीं पर जो iron होता है उसमें resistance silver के comparison में काफी जादा होता है तो इस तीसरे factor से पहले हमने resistance को effect करने वाले दो factor के बारे में पढ़ा था जिनने हम short में इस तरीके से लिख सकते हैं R proportional to L and R inversely proportional to A तो हम इन दोनो equation को combine करके लिख सकते हैं R proportional to L upon A तो हम जानते हैं कि जब भी proportionality constant हटता है तो कुछ ना कुछ constant जरूर आता है जब यहाँ से यह sign हटेगा तो यहाँ पर आ जाएगा यह proportionality constant जो कि है row जिसका symbol कुछ ऐसा होता है तो यहाँ से r equal to हो जाएगा row into l upon a वो length area के साथ एक तीसरे factor पर भी depend करता है जो कि यह row और यह row होता है resistivity जो कि material का nature होता है आपकी ये समझ में आ गया होगा कि resistance nature पर कैसे depend करता है तो इसके बाद हमें समझना nature of material के बारे में यानि की resistivity के बारे में तो it is a fundamental property of a material that resist the flow of electric current मतलब कि ये fundamental property होती है material की जो की electric current के flow को रोकती है इसका symbol होता है row जिसके बारे में अभी आपने देखा है अगर हम बात करें इसकी SI unit की तो वो हम row के formula से निकाल सकते हैं तो यहां से row equals to हो जाएगा R x A upon L तो resistance की ऐसा unit है ohm और area की ऐसा unit होती है meter square और length की meter तो यहाँ से resistivity की ऐसा unit आ जाएगी ohm meter आपको यहाँ पर एक चीज़ याद रखनी है अगर आप exam में या कहीं भी किसी की ऐसा unit भूल गए हैं तो आप उसे उसके formula से निकाल सकते हैं तो अब हमें देखना है resistivity से related कुछ properties को तो इसमें पहली है it is constant यानि कि जो resistivity होती है वो constant होती है वो कभी change नहीं होती इसके बाद range of resistivity of metal and alloys is 10 to the power minus 8 to 10 to the power minus 6 ohm meter मतलब कि metals और alloys की जो resistivity होती है वो होती है 10 to the power minus 8 to 10 to the power minus 6 ohm meter के बीच में तो आप देख सकते हैं कि metals और alloys की resistivity काफी कम होती है इसलिए चार्ज को काफी आसानी से flow करते हैं और ये good conductor बन जाती हैं इसके बाद range of resistivity of non-metals और insulator is 10 to the power 12 to 10 to the power ohm meter मतलब कि non-metals और insulators की जो resistivity होती है वो lie करती है 10 to the power 12 to 10 to the power 17 ohm meter के बीच में तो आप देख सकते हैं कि non-metals की resistivity होती है 10 to the power 12 to 10 to the power 17 ohm meter जो की काफी जादा होती है इसलिए non-metals bad conductor होते हैं electricity के इसके बाद है copper and aluminium used for electrical transmission as they have low resistivity तो अभी आपने पहले point में पढ़ा है कि metal और alloys की resistivity काफी कम होती है इसलिए copper और aluminium जो है वो electrical transmission में use होते हैं इसके बाद हमें देखना है resistance resistivity पर based कुछ numericals को तो ये जो आप अपनी स्क्रीन पर numerical देख रहे हैं ये है MZIT के example नमबर 3 जिसमें दो questions हमसे पूछे गए हैं तो चलिए इन्हें हम solve करते हैं तो पहले हम देखते हैं हमें given क्या है तो पहले question में हमें potential difference दिया हुआ है 220 volt और resistance दिया हुआ है 1200 तो हमें यहाँ पर current find करना है तो हम यहाँ पर simple कुछ नहीं v equals to ir वाले formula में given values को put कर देंगे तो जब हम इन values को put करेंगे तो हमारा current आ जाएगा 0.18 ampere और इस numerical के second part में भी same चीज पूछी गई है बस values अलग हैं तो आप उसे भी values को put करके solve कर सकते हैं इसके बाद है अगला numerical जो कि है example number 12.4 तो इस question में heater का potential difference दिया हुआ है 60 volt और वो current draw कर रहा है 4 ampere तो हमें यहाँ पर बताना है कि जब potential difference 120 volt हो जाएगा तब current क्या होगा तो सबसे पहले हम यहाँ पर ओम स्लो का यूज करके रेजिस्टेंस निकालेंगे तो यहाँ से हमारा रेजिस्टेंस आ जाएगा 150 ओम तो अब आप यहाँ पर ध्यान दीजे कि रेजिस्टेंस हमें पता है 150 ओम पुटेंशियल डिफरेंस का भी पता है 120 बोल्ट तो हमें करेंट फाइंड करना है तो हम यहाँ भी ओम स्लो अपलाई कर देंगे तब 8 एमपियर करेंट बिड्ड्रो होगा तो ये है आपकी NCERT का example नमर 12.6 जिसमें एक material दिया है जिसकी length है L और area of cross section है A और उसका resistance है 4 ohm तो हमें उसी same material का resistance find करना है जब उसकी length आदी हो जाए और area of cross section डबल हो जाए तो ये question आपको काफी complicated लग रहा होगा पर actual में ये काफी simple question है तो इसमें हम दोनो condition को equation के form में लिख लेंगे आपको एक बात याद रखने है कि आप जब भी numericals को solve करें तो आप formula को अच्छी तरह से ध्यान रखें कि कौन सा formula कहाँ पर use होगा तो यहाँ पर resistivity वाला formula use होगा तो पहली equation बन जाएगी R1 equals to rho into L upon A equals to 4 ohm अब दूसरे wire के लिए equation तो यहाँ पर length आदी हो जाएगी और area of cross section डबल हो जाएगा तो यहाँ से equation हो जाएगी R2 equals to rho into L half upon 2A equals to 1 upon 4 rho into L upon A तो आप इस equation में rho into L upon A वाले part को देखिए इसकी value हमें पहली equation में दी हुई है 4 ampere तो जब हम इसकी value को यहाँ पर put करेंगे तो आपकी दूसरी wire का resistance आएगा 1 ohm तो अब आपको यह numerical अच्छी से समझ में आ गया होगा लेकिन मैं आपको suggest करना चाहूँगा कि आप इस video को back करके एक बार और देखें जिससे आप इस टाप के numerical को आसानी से solve कर पाएं तो अब हम आगे बढ़ते हैं और समझते हैं एक important term को जो कि यह register तो it is an electrical component that limits or regulates the electric current और register is anything तो वह विशेष नहीं प्रभाव लेंगे तो विशेष एक विशेष नहीं प्रभाव लेंगे जो विशेष नहीं प्रभाव लेंगे तो विशेष नहीं प्रभाव लेंगे विशेष नहीं प्रभाव लेंगे या अगर हम दूसरी तरह से कहें तो अभी हमने जिन रजिस्टर्स के बारे में पढ़ा है अगर हम इन्हें एक line या series में connect कर दें तब resistance क्या होगा यह अब हम देखते हैं तो आप इस circuit diagram को देखिए इसमें तीन resistors जो कि series या line में connect हैं इने R1, R2 और R3 से represent किया गया है और इसमें एक battery और emitter भी connected हैं तो हम जानते हैं कि जो current होता है वो positive end से negative end की तरफ flow करता है इसलिए current की direction यह दिखाई गई है तो जो यह battery है वो इस circuit में potential difference create करेगी जिसकी वज़ासे current इसमें flow करेगा तो आप इस circuit को देखिए, current के लिए इस circuit में एक ही रास्ता है, यह वाला, यानि कि current इस circuit में same रहेगा, अगर हम बात करें voltage की, तो कुछ voltage first register यूज़ करेगा, कुछ second register, और कुछ voltage third register यूज़ करेगा, तो यहां से हर एक जो register है, उसके लिए voltage अलग होगा, तो R1 register के लिए voltage ह तो हम जानते हैं V equals to होता है IR तो हम V1 को लिख सकते हैं IR1 current यहाँ पर तीनों register में same रहेगा ऐसे ही V2 हो जाएगा IR2 और V3 equals to हो जाएगा IR3 तो अब हमें यहाँ पर पता करना है कि register को series में connect करने पर total resistance का क्या होगा तो इसके लिए हम resistance के तीनों register की equation को जोड़कर total resistance के आगे लिख देंगे तो V equals to V1 plus V2 plus V3 तो अ�� हम आगे इस equation को solve करेंगे IR equals to IR1 plus IR2 plus IR3 तो I को हम तीनों equation में से common ले लेंगे तो हम इस equation को ऐसे भी लेख सकते हैं IR equals to I bracket में R1 plus R2 plus I3 तो यहाँ से I से जो ये आई है वो कट जाएगा और resistance आ जाएगा r equals to r1 plus r2 plus r3 तो चलिए अब हम देखते हैं register in series पर बेज़ देख numerical को तो ये जो आप numerical अपनी screen पर देख रहे हैं ये है ncrt का example नमर 12.7 तो इस equation में हमें electric lamp का resistance दिया है 20 ohm और conductor का resistance दिया है 4 ohm और एक battery दियी हुई है 6 volt इस पूरे numerical में 3 question हम से पूछे गए हैं इसमें की पहले question में हमें पूरे circuit का total resistance find करना है तो हमें पता है जब resistance series में connect होते हैं तो हम total resistance को निकालने के लिए simple resistance वाला formula लगा देंगे तो R equals to R1 plus R2 तो यहाँ से हमारे total resistance आ जाएगा 24 ohm इसके बाद दूसरे question में हमें find करना है total current इस circuit का तो हमें potential difference दिया हुआ है 6 volt और total resistance अभी हमने निकाला है 24 ohm तो हम simple ohm flow लगा कर यहाँ पर current find कर लेंगे तो V equals to होता है IR, तो यहां से I equals to हो जाएगा V upon R, तो V है 6V और R है 24A, तो यहां से हमारा current आ जाएगा 0.25A. इसके बाद तीसरे question में हमें potential difference find करना है electric lamp का और current का, तो अभी हमें जो potential difference दिया गया है, वो पूरे circuit का combined potential difference है, तो lamp और conductor के अलग-अलग potential difference को find करने के लिए हमें इनको अलग-अलग solve करना पड़ेगा. तो पहले हम find करेंगे lamp के potential difference को तो lamp का resistance हमें दिया है 20 ohm और current यहाँ पर same है तो जब V equals to IR वारा formula हम use करेंगे तो हमारे lamp का potential difference आजाएगा 5 volt तो ऐसे ही जब हम इन values को conductor में put करेंगे तो conductor का potential difference आजाएगा 1 volt इसके बाद हमें देखना है register in parallel यानि कि जब register को parallel में connect किया जाता है तब total resistance क्या होगा तो यह जो आप देख रहे हैं यह circuit diagram जिसमें register पैलल में connected हैं कुछ इस तरह से यह है पहला register जिसका resistance है R1 दूसरे का है R2 और तीसरे का है R3 इनको यहाँ पर एक battery से connect किया गया है और current को measure करने के लिए हमने emitter का use किया है जो कि series में connected है और registers के voltage को मापने के लिए हमने एक voltmeter का use किया है जो कि registers के पैलल में है जैसा कि आप देख सकते हैं तो circuit के अंदर जो भी यह wires हैं इनमें I current flow हो रहा है तो जैसे ही current यहाँ पर पहुँचेगा कुछ current यहाँ पर इस register में flow होगा कुछ इस में और कुछ इस बाले में तो यहाँ पर इन तीनों register में जो current है वो अलग अलग होगा वहीं पर जो voltage है वो same होगा क्योंकि हमने voltage को register के parallel इंट कनेक्ट किया है तो उन flow में हमने पढ़ा था v equals to ir तो यहाँ पर जो current है वो same नहीं है तो हमें यहाँ से i current की value को find करना है तो i equals to हो जाएगा v upon r तो ऐसे ही हम तीनों रेजिस्टर्स में करेंट की बैल्यू फाइंड करेंगे जिसमें की बोल्टेज सेम है तो पहले रेजिस्टर के लिए करेंट हो जाएगा I1 एक्वेल्स टू V अपउन R1 दूसरे के लिए I2 एक्वेल्स टू V अपउन R2 तू तीसरे के लिए I3 एक्वेल्स टू V अपउन R3 तो I एक्वेल्स टू I1 प्लस I2 प्लस I3 तो I की वेल्यू है V अपउन R ऐसे ही हम I1 I2 और I3 की values को रख देंगे तो जब हम इन values को रख देंगे तो V upon R equals 2 हो जाएगा V upon R1 plus V upon R2 plus V upon R3 तो इस equation को जब हम solve करेंगे तो हमें मिलेगा 1 upon R equals 2 1 upon R1 plus 1 upon R2 plus 1 upon R3 तो जब registers parallel में connect होंगे तब जो total resistance है वो equal होगा इन तीनो resistance के reciprocal के sum के तो हमने अभी registers को दो तरह से combine किया पहले series में और अब parallel में तो सीरिज कॉम्बिनेशन में जो करेंट होता है वो कॉंस्टेंट होता है और इस कंडिशन में जो टोटल रेजिस्टेंस होता है वो इन तीनों या जितने भी रेजिस्टेंस दिये हुए होते हैं उनके सम के बरावर होता है तो अब हम देखते हैं रेजिस्टर्स को सीरिज या पैरलल में कब कनेक्ट किया जाता है तो अगर हम बात करें सीरिज की तो सीरिज में कनेक्ट करने पर जो रजिस्टर्स होता है वो काफी ज्यादा होता है और अगर बात करें इसके एग्जामपल की तो हम दिवाली में जो लाइटिंग बगएरा यूज़ करते हैं या लडियां या जिन्ने जल्लर भी बोला जाता है तो उनमें जो रजिस्टर्स होते हैं वो सीरिज में कनेक्ट होते हैं तो ये जो question आप अपनी screen पर देख रहे हैं ये है NCRT का example नमबर 12.8 इसमें 3 registers parallel में connect हैं और उनका resistance हमें दिया हुआ है और हमें potential difference दिया हुआ है 12 volt तो हम जानते हैं कि parallel इस निमेरिकल में भी हमसे 3 क्वेश्चन पूछे गए हैं तो पहले क्वेश्चन में हमें करन्ट फाइंड करना है हर एक रेजिस्टर का तो जब हम इन तीनों रेजिस्टर में ओम सलो लगाएंगे I2 एक्वेल्स टू बन पॉइंट टू ए और I3 आ जाएगा जीरो पॉइंट फोर एमपियर तो हमारा टोटल करन्ट आ जाएगा 4 एमपियर और तीजरे question में हमसे total circuit का resistance पूचा गया है तो हमें parallel में resistance का formula पता है 1 upon r equals to 1 upon r1 plus 1 upon r2 plus 1 upon r3 तो जब हम इस formula में values को put करेंगे तो हमारा total resistance आ जाएगा 3 हो तो हमें यहाँ से एक बात पता चलती है कि series में जो resistance होता है वो बढ़ता है वहीं पर parallel में जो resistance होता है वो कम हो जाता है तो जब resistance कम होता है तो यह अच्छा होता है current के flow के लिए यानि कि जब current पहला register में flow करेगा, तो वो easily flow करेगा इसलिए parallel combination के कुछ advantage होती हैं, जिनने अब हमें देखना है तो advantage of parallel combination, इसमें पहला है in series when one register fails, the circuit is broken and non-component burk यानि कि अगर series combination में एक register fail हो जाता है, या खराब हो जाता है तो पूरा circuit break हो जाता है और current आगे pass नहीं होता जैसे कि ये है series combination अगर इसमें ये register fail हो गया, तो current आगे pass नहीं होगा, क्योंकि series combination में current एक ही जगे से pass हो रहा होता है, बहीं parallel combination में ऐसा नहीं होता, क्योंकि parallel combination में अगर एक register fail हो जाता है, तो current जो है वो इन अलग-अलग register से pass हो जाता है, और जो current है वो काम करता रहता है. Second advantage है different appliances require different color, this cannot be satisfied in series combination, मतलब कि अलग-अलग electrical appliances होती हैं, उन्हें अलग-अलग करेंट चाहिए होता है बर्क करने के लिए जो कि सीरिज कॉम्बिनेशन में possible नहीं होता है क्योंकि सीरिज कॉम्बिनेशन में करेंट सेम होता है बहीं parallel combination में जो करेंट होता है वो अलग-अलग होता है अलग-अलग register के लिए इसलिए parallel combination को most of appliances में use किया जाता है और अगर हम बात करें इसके तीसरे advantage की तो वो है total resistance in parallel combination is less as compared to series combination यानि कि parallel combination में total resistance काफी कम होता है सीरिज combination से पैलल कॉम्बिनेशन के इन ही एडवांटेज से इसे ज़्यादा यूज किया जाता है हाइवसोल्ड एप्लाइंसेस में इसके बाद हमें समझना है हीटिंग एफेक्ट ओफ एलेक्ट्रिक करेंट को यानि कि एलेक्ट्रिक करेंट के हीटिंग एफेक्ट को तो जब एलेक्ट्रिक करेंट को एक कंडक्टर से पास होता है जैसे कि हाइ रेजिस्टेंस वायर से तो वो बाद में जो conductor है वो कुछ time बाद गरम होने लगता है और heat produce करता है इसे कहा जाता है heating effect of electric current तो अब हम ये देखते हैं ये conductor या resistor heat कैसे होते हैं तो अब मान लीजिए कि ये है conductor जिसका resistance या resistivity काफी high है जो कि एक battery से connected है ये है battery का positive end ये है negative end तो जो conductor होता है इसमें कुछ free electrons होते हैं और जब conductor को battery से connect किया जाता है तो उसके जो electrons होते हैं वो एक specific direction में move करने लगते हैं negative से positive की तरफ तो जब इस battery से current pass होता है तो ये जो free electrons हैं वो इस conductors के atom से टकराएंगे और ये collision करेंगे और इसी collision के कारण heat generate होती है तो heat जो है वो energy का ही एक form होती है और energy जो है वो बराबर होती है तो अगर हम ध्यान से देखें तो हमें ये पता चलता है कि heat और burden यहाँ पर बराबर है तो हमें ये याद रखना है कि work और heat similar हैं यहाँ पर तो work को W से और heat को H से represent किया गया है तो W और H जो यहाँ पर same है तो अभी थोड़े time पहले हमने potential difference में work की value find की थी तो हम यहाँ पर वो potential difference वाला formula लिख देंगे V equals to W upon Q तो हम यहाँ पर W की जगह पर H लिख सकते हैं क्योंकि वो same है तो यहाँ पर हो जाएगा V equals to H upon Q और जब यह Q यहाँ पर चार्ज और चार्ज एक्वेल्स टू होता है करेंट इंटू टाइम यानि कि IT तो यहाँ पर हीट का दूसरा फॉर्मुला हो जाएगा H एक्वेल्स टू VIT तो हम यहाँ से हीट का एक और फॉर्मुला भी बना सकते हैं जिसमें हम B की वैल्यू को रख देंगे तो तो heat का एक और formula हो जाएगा H equals to I square RT तो ये कुछ formula है जो आपको याद रखने है अगर heat यहाँ पर energy है तो उसकी ऐसा unit हो जाएगी joule इसके बाद हमें समझना है joule flow of तो यह कहता है when a current flows in the conductor then amount of heat generated is directly proportional to the square of current and resistance and time for which current flows यानि कि joule flow कहता है कि जब current flow करता है conductor में तो heat generated होती है वो directly proportional होती है current के square की, resistance की और time की तो हम इसे लिख सकते हैं h proportional to i square, h proportional to r and h proportional to t तो हम इन तीनों equation को combine करके लिख सकते हैं H proportional to I square RT और जब ये proportionality constant हटता है तो constant आता है 1 तो H equals to हो जाएगा I square RT और इस formula को अभी हमने उपर भी derive किया था तो अब हम देखते हैं heating effect पर वेश देख numerical को तो ये है ncrt example नमर 1 इसमें heat हमें दिए हुई है 100 joule resistance दिया है 4 ampere और time है 1 second हमें यहाँ पर potential difference find करना है तो हमें resistance दिया हुआ है और potential difference को find करना है तो इसके लिए हमें current को find करना होगा तो हम यहाँ पर heat का formula लगा कर पहले current find कर लेंगे तो h equals to i square RT तो जब हम इस formula में values को put करेंगे तो यहाँ पर current आ जाएगा 5 MPR तो current हमें मिल गया है resistance हमें दिया हुआ है तो हम simply on slow use करके potential difference find कर लेंगे तो v equals to होता है i या है तो v equals to 5 into 4 तो हमारा potential difference आ जाएगा 20 volt इसके बाद हमें आगे समझना practical appliances of heating effect of electric current यानि कि electric current के करण जो heat generate होती है उसके practical application मतलब वो कहां कहां पर use होता है तो हम ये भी देखेंगे कि electric current का जो heating effect है वो कहां पर desirable यानि कि फाइदे का होता है और कहां पर undesirable होता है तो जो heating effect होता है वो desirable होती है devices जैसे कि heater, electric iron Electric fuse और bulb एट्सेक्ट्रा में यानि कि इन devices में जो electric current का heating effect होता है वो desirable होता है, फायदे मंद होता है वहीं पर heating effect undesirable होता है कुछ devices में जैसे कि computer, TV, refrigerator एट्सेक्ट्रा में क्योंकि इन devices में heating की जरूबत नहीं होती है लेकिन वो होती है, जिसकी वज़े से कई बार ये devices खराब हो जाते है इसके बाद heating effect के अंदर ही हमें समझना electric bulb के बारे में तो ये भी एक heating device होता है जिसका जो filament होता है वो tungsten metal से मिलकर बना होता है तो bulb में जो भी current आता है वो इसी metal पर आता है और current के कारण इस metal पर काफी heat पड़ती है और ये काफी गर्म हो जाता है और glow करता है तो ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि tungsten का melting point काफी high होता है जो के 3380 degree Celsius इसलिए heat होने पर भी melt नहीं होता और यह जो bulb होता है इसके अंदर non-reactive gases जैसे कि nitrogen और organ भरी होती है इसके बाद हमें देखना है एक और device को जो कि है electric fuse तो यह एक device होता है जो कि electric circuit या appliances को protect करता है electric current के flow को रोप कर short circuit के time पर या overloading के time पर electric fuse के बारे में 3 points हैं जो हमें जानने हैं पहला है it is always connected in series यानि कि यह जो fuse होता है वो series में connect होता है और सीरिज में यह इसलिए कनेक्ट होता है क्योंकि सीरिज में अगर एक component काम नहीं करता है तो आगे वाले component भी सही से काम नहीं करते हैं और दूसरा है it has low melting point यानि कि यह जो fuse होता है इसका melting point काफी कम होता है और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि fuse को melt होना पड़ता है short circuit के time पर इसलिए fuse बनाने के लिए उनी metals को use किया जाता है जिनका melting point काफी कम होता है और तीसरा point है the buyer of fuse is made up of alloys or metals like tin, copper, aluminium, etc. यानि कि fuse बनाने के लिए alloys या फिर tin, copper, aluminium जैसे metal का use होता है और alloys और ऐसे metals का use इसलिए होता है क्योंकि इन metals और alloys का melting point काफी कम होता है तो अब हमें समझना इस chapter के आखरी topic को जो कि electric power तो electric energy consumed per unit time in an electric circuit is called electric power तो per unit time में जो electric energy consumed होती है उसे electric power कहा जाता है इसकी ऐसा unit होती है what, इसे capital W से represent किया जाता है और अगर हम power को mathematically express करना चाहें तो वो भी हम कर सकते हैं तो P equals to E upon T, क्योंकि power होता है energy per unit time तो यहां से हम power के भी काफ़े formula निकाल सकते हैं तो चलिए देखते हैं उन्हें तो यहाँ पर जो energy है वो heat के बराबर है तो हम E की जगह पर H लिख सकते हैं तो P equals to हो जाएगा H upon 2 तो हमने अभी heating effect में H की कुछ values को find किया था जिनने अब हम यहाँ पर put करेंगे, तो h equals to होता है v i t, तो हम h की जगह पर v i t रख देंगे, तो यहाँ से power का formula आ जाएगा, p equals to v into i, तो अगर हम इस formula को आगे solve करें, तो यहाँ से power और के दो और फॉर्मूले आ जाएंगे तो हम इस P equals to V into I वाले फॉर्मूले में V की वेल्यू रख देंगे तो V equals to होता है IR तो हम V की जगह पर IR लिख सकते हैं तो यहां से P equals to हो जाएगा I square R बहीं पर तीसरे फॉर्मूले के लिए हम तो I equals to होता है V upon R तो जब हम I की वेल्यू को P equals to V upon I वाले फॉर्मूले में रखेंगे तो वो हो जाएगा V square upon R तो पावर की यूनिट होती है वाट, जो कि काफी छोटी यूनिट होती है और हम जो प्रेक्टिकली पावर की बड़ी यूनिट क्लोवाट को यूज करते हैं, जो कि 1000 वाट्स के बरावर होती है कमर्सियल यूनिट यानि कि ऐसी यूनिट जिसका यूज हम कॉमनली करते हैं तो हम पावर को जनरली क्लोवट और टाइम को हावर में मापते हैं इसलिए कमर्सियल यूनिट हो जाएगी क्लोवट हावर तो अब हम देखते हैं 1 क्लोबट आउर में कितनी एनरजी होती है तो 1 क्लोबट में 1000 वाट्स होते हैं और 1 आउर में 3600 सेकंड होते हैं तो जब इन दोनों का मल्टिप्लाई होता है तो वो आता 3.6 x 10 to the power 6 वाट्स सेकंड यहाँ पर हम कह सकते हैं 3.6 x 10 to the power 6 जूल और अगर हम बात करें इसकी यूज की तो एक unit electricity का use का मतलब है कि हम 1 kilowatt hour energy का use कर चुके हैं तो अब हमें देखना electric power पर बेज इस chapter के after numerical को तो इस question में potential difference दिया हुआ है 220 volt और current दिया हुआ है 0.50 ampere तो हमें यहाँ पर power find करना है तो p equals to होता है b into i तो जब हम इस formula में values को रखेंगे तो हमारी power आजाएगी 110 volt तो इसी के साथ हमारा यह जो chapter है वो खत्म होता है आई होप आपको अच्छी से समझ में आया होगा अगर वीडियो पसंद आई है तो आप इसे लाइक कर सकते 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