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मुद्रास्फीति: कारण और नियंत्रण
May 6, 2025
मुद्रास्फीति (Inflation)
परिचय
मुद्रास्फीति को सामान्यतः महंगाई भी कहते हैं।
यह एक आर्थिक स्थिति है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य तेजी से बढ़ते हैं।
मुद्रास्फीति के प्रभाव
मूल्य बढ़ने के कारण क्रय शक्ति घट जाती है।
पहले जो वस्तुएं कम मूल्य पर मिलती थी, अब उनकी कीमतें बढ़ गई हैं, जैसे:
पहले 5-10 पैसे में टॉफ़ी मिलती थी, अब 1 रुपये में।
दूध के मूल्य में वृद्धि।
मुद्रास्फीति के कारण
मांग और आपूर्ति का असंतुलन
:
मांग अधिक और आपूर्ति कम होने से मूल्य बढ़ते हैं।
सरकार का खर्च
:
सरकारी खर्च में वृद्धि से पैसा अधिक होता है, जिससे मांग बढ़ती है।
निजी क्षेत्र का लाभ
:
जब निजी व्यवसाय अधिक लाभ कमाने लगते हैं, तो उनके पास अधिक पैसा हो जाता है, जिससे मांग बढ़ती है।
निर्यात में वृद्धि
:
उत्पादन कम होकर निर्यात बढ़ने से देश में मांग बढ़ती है।
कर में कमी
:
कर में कमी से लोगों के पास अधिक पैसा रहता है।
आबादी में वृद्धि
:
जनसंख्या बढ़ने से मांग भी बढ़ती है।
आपूर् ति में कमी के कारण
उत्पादन कारकों की कमी
:
भूमि, श्रम, पूंजी की कमी से उत्पादन घटता है।
संग्रहण और जमाखोरी
:
वस्तुओं को संग्रहीत कर बाद में उच्च मूल्य पर बेचना।
मुद्रास्फीति के प्रकार
मूल्य वृद्धि की दर के आधार पर
:
रेंगती मुद्रास्फीति (Creeping Inflation): 1-2% वार्षिक वृद्धि।
चलती मुद्रास्फीति (Walking Inflation): 3-4% वार्षिक वृद्धि।
दौड़ती मुद्रास्फीति (Running Inflation): 5% से अधिक वार्षिक वृद्धि।
सरपट मुद्रास्फीति (Galloping Inflation): 10% या अधिक वृद्धि।
तीव्र मुद्रास्फीति (Hyperinflation): 100% या अधिक वृद्धि।
मांग के आधार पर
:
मांग खींच मुद्रास्फीति (Demand Pull Inflation): अधिक मांग के कारण मूल्य बढ़ना।
लागत धक्का मुद्रास्फीति (Cost Push Inflation): उत्पादन लागत बढ़ने से मूल्य बढ़ना।
अन्य मुद्रास्फीति स्थितियाँ
स्त्रैगफ्लेशन (Stagflation)
:
मूल्य वृद्धि के साथ बेरोजगारी की स्थिति।
डिफ्लेशन (Deflation)
:
मूल्य में कमी, जो कि मुद्रा आपूर्ति में कमी के कारण होती है।
नियंत्रण के उपाय
मौद्रिक उपाय
:
ब्याज दरों में परिवर्तन, मुद्रा की आपूर्ति नियंत्रित करना।
भौतिक उपाय
:
सरकारी खर्च में कमी, कर में वृद्धि।
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