Hello everyone, welcome to the class guys कैसे हैं आप सभी उमीद करता हूँ सभी बच्चे बहुत अच्छे होंगे अच्छे से पढ़ाई लिखाई कर रहे होंगे आज हम इस वीडियो में करने वाले हैं Ray Optics का एकदम best and quick revision जिसके अंदर आपको derivation तक finish करा दूँगा इतने चोटे से time में आपको tension नहीं लेना है previous year question series को follow करना है जिसके अंदर हम सभी CBSE के previous year questions को cover कर रहे हैं तो जो पुराने questions आप कर लोगे तो आपको एक idea लग जाएगा कि CBSE ने कैसे question पूछे हैं और बहुत सारे questions as it is repeat होते हैं पस question को पूछने का तरीका बदल जाता है। दूसरा काम आपको ये करना है कि आपको जो हमारा sample paper है previous year question के साथ इसको भी practice करना है एडुकार्ट फिजिक सैंपल वेपर इसके अंदर आपको 16 सैंपल वेपर का set मिलेगा जिनको practice करने के बाद आप ये पाएंगे कि आपके जो marks हैं ये बहुत अच्छे आ रहे ह लिंक इस वीडियो के description और comment section में आपको मिल जाएगी, अभी order कर दो, late मत होना जरा भी, most important questions का जो collection है वो आपको यहाँ पर मिल रहा है, इनको practice करने के बाद, sample paper को practice करने के बाद, हर बच्चा बहुत अच्छे mark score करेगा, आपके 95 plus marks कोई रोक नहीं सकता, आप sample paper plus PYQs लगा� लाइट किसी matter जैसे की prism या lens या glass के साथ कैसे behave करती है है ना ये सारी चीज़ें में light के बारे में proper पढ़ना है तो सबसे पहली heading जो हमें पढ़नी है that is called reflection of light reflection का मतलब होता है light का आना किसी surface से टकराना और टकरा के लड़ जाना इसे को हम बोलते है reflection of light जिसको हम English में बोलते है bouncing back of light after striking to our surface इसके बाद जब भी light का reflection होता है तो light हमेशा दो नियम या दो rule को follow करती है जिसको हम बोलते है law of reflection पहला rule ये कहता है कि हमेशा आने वाल incident angle जो होगा ये reflection angle के बराबर होगा इसका मतलब ये है कि जैसे ये incident ray है तो जहाँ पे light strike करती है ना कि surface वहाँ पर में normal draw करते हैं और इसी normal के साथ सबी angle बता जाते हैं incident ray का angle normal के साथ angle of incidence reflected ray का angle normal के साथ angle of reflection तो नियम ये कहता है कि angle of incidence हमेशा बराबर होगा angle of reflection के दू ऐसा नहीं होगा कि light आई ऐसे और चली ऐसे गई, ये तीनों same plane में होगे, ये बात कहीं गई, आगे बढ़ जाएंगे, और इसके बाद हमें पढ़ना है reflection of light, अभी समझ जाएंगे, reflection का मतलब क्या होता है, जैसे मान के चलो, किसी surface से light आए और टकरा के लोट जाए, तो इसको बेंड हो जाती है जैसे लाइट ऐसे जा रही थी ऐसे जानी चाहिए थी लेकिन ये लाइट क्या हो गई ये लाइट बेंड हो गई तो इसी बेंडिंग के फेनोमेना को हम बोलते हैं रिफ्रेक्शन आफ लाइट मतलब लाइट का बेंड होना जब ये एक मीडियम से दूसरे और जब denser medium में आती है तो normal के पास में bend हो जाएगी ठीक है चलिए इसके बाद refraction के भी दो नियम है पहला नियम यह है कि हमेशा incident ray, refracted ray और normal यह तीनों same plane में होंगे same plane में और दूसरा नियम यह है कि जैसे यहाँ पर आने वाला angle angle of incidence मतलब i बना यह angle r बना तो दूसरा rule यह बना refraction का कि जब भी आप यह sign i और sign r का ratio करेंगे यह ratio जो है constant होगा और ये जो constant होगा ये mu हम इसको बोलेंगे mu होता है refractive index of medium तीक तो यहाँ पे हमने लिखा ratio of sine i and sine r for a given pair of medium is constant और इसको हम snell's law भी बोलते हैं clear है अब ये जो refractive index आया है इसको हम आगे चल करके define करेंगे इसकी importance क्या है लेकिन पहले हम reflection में कुछ चीज़े पढ़ेंगे derivation वगरा करें सबसे पहले हमें reflection में पढ़ना है mirror तो mirror कोई भी ऐसे surface को हमने बोल दिया है जो light को reflect कर सकती है इसकी एक surface polish होती है मिरर दो टाइप की होते हैं, एक होता है plain mirror और दूसरा होता है spherical mirror अगर हम बात करें जो plain mirror होते हैं, ये सिर्फ virtual image बनाते हैं और same size की इसके बाद spherical mirror जो है दोनों टाइप की image बनाते हैं, real भी बनाते हैं और virtually बनाते हैं दोनों images क्या होती हैं समझाता हूँ अच्छा spherical mirror फिर दो टाइप की होते हैं, एक है convex mirror और दूसरा है concave mirror ऐसी image जो screen पर बन सकें जो स्क्रीन पर दीवार पे बन सके उसको हम बोलते हैं रियल ए जैसे हमारी आँख का परदा है, हमारी आँख में screen है, retina, उस पर image बनती है, real image, clear है, याद रखोगे, जैसे कि projector पंच चलाते हैं, तो projector से जो image दीवार पर परदे पर बनती है, उसको बोलते है real image, लेकिन projector में हम एक extra convex lens लगा के उस image को सीधा कर लेते हैं, बस ठीक है, याद जैसे हमारी आंख पर एक उल्टी इमेज बनती है लेकिन ओप्टिक नर्व से जो सिगनल जाते हैं दिमाग उसको सीधा करके देखता है रियल इमेज जब लाइट एक्चुअल में मीट करती है तो रियल इमेज बनती है और जब एक्चुअल में लाइट मीट नहीं करती स्क्रीन पर नहीं लिया जा सकता यह सब्सक्राइब करें वर्चुअल इमेज हमेशा इरेक्ट होती है मतलब सीधी होती है वर्चुअल इमेज यह जब बनती है जब light appear to meet actual अपना meet ना कर रही हो पस meet करती हुई दिखाई दे रही हो इसके बाद हम आगे पढ़ेंगे और next पढ़ेंगे बई दोनों mirror में अंतर क्या है convex mirror और कौन के mirror में क्या अंतर है convex mirror जो होता है यह अमेशा छोटी image बनाता है कहां use होता है convex mirror जहां बड़ी चीज़ को छोटा देखना हो वहाँ पे use होता है जैसे कि गाड़ी के side view mirror में बड़े से truck को छोटी सी image बना के देखना होता है तो वहाँ पर convex mirror का use होता है अच्छा, concave mirror वैसे सभी type की image बनाता है बड़ी, छोटी, same size की, सब type की image बनाता है लेकिन ज़्यादातर इसका use हम कहा करते हैं जहाँ पर हमें बड़ी image देखनी हो जहाँ पर बड़ी image देखनी हो जहाँ पर बड़ा देखना है, वहाँ इसका use होगा जैसे की dentist को, दाथ को बड़ा करके देखना है तीक हो की, बहुत बरीक काम है ना ENT doctors हो गए, या फिर shaving mirror हो गया तो वहाँ पर भी concave mirror का use होता है अच्छा, convex mirror जो है यह light को फैलाता है, diverge करता है जबकि convex mirror light को सिकुडता है, converge करता है अच्छा, यहाँ पर देखिए convex mirror हमेशा कैसी image बनाएगा हमेशा virtual और erect image बनाएगा जबकि concave mirror में क्या है पांच cases ऐसे हैं जहाँ पर real और inverted image बनती है एक case ऐसा है जहाँ पर virtual erect image बनती है object जब pole और focus के बीच में होता है तो हमेशा बड़ी यानि की एक हाइली एंड लार्ज बनेगी कॉनकेव मिरर के केस में यह बता दिया बहुत की पॉइंट्स आपको दे रहा हूं इसके बाद हम आगे बढ़ेंगे अब रे डाइग्राम बनाना है तो रे डाइग्राम का भाईसब सिर्फ सीधा सा फंडा यह होता है कि एक लाइट रे आप इसे आप समझते हैं यह मिरर है यह पोल है यह फोकस है यह लाइन प्रिंसिपल एक्सिस है मिरर का में तो आपको रे डाइग्राम बनाने होते हैं उसको सिंबल सा फंडा यह है कि लाइट आईगी और लाइट आकर फोकस से पास हो जाएगी ठीक है एक देखो जो light पैरलल आ रही है वो टकरा के focus से पास होगी जो light focus से पास हो रही है वो टकरा के parallel हो जाएगी और जो light center of curvature से पास हो रही है वो ऐसे ही लोट जाएगी clear है बस ये नियम है ray diagram बनाते समय next हमें जो पढ़ना है that is mirror formula इसका derivation के यू होता है के object कहा रखा है pole से कितनी दूरी पर रखा है object distance है v है mirror के pole से image कितनी दूरी पर बन रही है और f है उस mirror की focal length तो इन तीनों के बीच में जो relationship है यह हमें mirror formula देता है यह हम derive करने वाले हैं final step में ठीक है आगे हम बढ़ते हैं और यहाँ पर देखो derivation हमें करना है mirror formula का तो देखो मैंने आपको simple नियम बताया था कि let's say यह हमारे पास एक object है यह हमारे पास एक mirror है कौन के mirror है इसके बाद पहली light ray क्या करेगी ray diagram आना पड़ेगा ना तो पहली light ray गई यह सीधी गई और सीधे जाके focus से पास हो गई दूसरी light ray green वाली यह देखो आई center of curvature से आई तकराई center of curvature से pass होने वाला light ray जैसे केसे लौट जाती है तो आप यह देखो यहाँ पर यह light ray दोनों meet कर रहे हैं जहाँ पर light meet करते हैं वहीं पर image बनती है तो object था a b image बनी a dash b dash अब mirror formula बनाने से पहले मैं आपको बता देता हूँ कि जैसे सभी distances हमेशा pole से लेते हैं हर जगह pole से लेंगे तो pole से लेकर focus तक की distance को नाम दिया p f और यह सारी distance left में negative रखा तो p f की value कितनी हो गई f minus f अब b dash पर देखो image बन रही है तो PB dash तक की distance हो गई minus का V C पर center of curvature और center of curvature 2F के बराबर होता है तो PC हो गई minus का 2F ठीक है इसके बाद PB बी पे object रखा है तो PB की value हो गई minus का U अभी हमें क्या करना है देखो मैं number लिख दिये ये दो करके triangle है वर्क करना है अभी 1,2 में वर्क करूँगा तो नियम मेरा simple है बड़े का perpendicular अपॉन छोटे का perpendicular बड़े का base अपॉन छोटे का base बस बड़े का परपेंटिकुलर अपन छोटे का परपेंटिकुलर, बड़े का बेस अपन छोटे का बेस, ये दोनों रेशोज बराबर होते हैं, हमने इसको एक्वेशन अंबर वन बना दी, थर्ड और फोर्थ ट्राइंगल एवर करेंगे, सर ये लाइन कहां से आ गई, ये हमने अब आपको यह समझना है, अब आपको यह समझना है कि जो MN आप देख रहे हो न, यह MN AB के बराबर है, तो इस MN की जगह मैंने लिख दिया AB, और आप यह देख रहे हो कि सभी distance हमने pole से लिए है, तो यह जो FN को हमने लगबग FP के बराबर कर दिया, क्योंकि यह दोनों point प इसके बाद हमने क्या करा बी सी की value निकाली, नियम मैं बता दे रहा हूँ, जैसे आपको बी तक की value चाहिए न, तो बी क्या है actual में, बी, बी क्या है, पी से लेके बी तक की हमने value रखी, बी सी की value चाहिए, इतनी value चाहिए, तो actual में हमने क्या है, हमने total value ली, total में से यह पू टिक, b-c चाहिए, यह value चाहिए, यह value, तो हमने p से लेके c तक की बोली, हमने कहा p से c तक यह पूरी है, तो pc, pc में से pb-घटा दी, तो यह क्या बन गई, b-c, टिक, इस तरीके से हम जो सभी values लिखते हैं, चलिए, तो हमने क्या करा, हमने यहाँ पर कुछ ऐसा कर दे, cross multiply करेंगे, चलिए सर cross multiply कर दिया, cross multiply करेंगे, solve करते करते, हम यहाँ तक आ जाएंगे, equation third तक, उसके बाद क्या करेंगे, दोनों साइड uvf का divide कर देंगे, और uvf का divide करने के बाद, final हमारे पास यह step बनता है, और यह mirror formula हो जाता है, linear magnification, यह simple magnification क्या होता है, तो linear magnification हमें यह बताती है, कि image या object यह object से कितने गुना बड़ी या चोटी है, कितने गुना बड़ी या छोटी है इसी को हम बोलते है magnification इसका formula होता है height of image upon height of object जैसे मान के चलो image की जो height बनी है ये 6 cm और object जो था ये 2 cm का ही था तो magnification का जो formula आया ये मतलब जो value आई ये आगई 3 अब magnification की value हमें बताती है कितने बड़ी image या कितनी छोटी image बनी है पहली बात ये समझ लो कि अगर value positive है तो erect यानि कि सीधी image है और value negative है तो inverted उल्टी image है 1 value का मतलब होता है same size की image, plus 1 का मतलब है image same size की तो है ही, और plus sign यह बता रहा है सीधी image है, minus 1 का मतलब है minus का मतलब उल्टी inverted image और 1 का मतलब same size की image है, minus 2, minus 3, minus 4, minus sign बता रहा है image उल्टी है, 2, 3, 4 बता रहा है इन 2 गुना बड़ी, 3 गुना बड़ी, 4 गुना बड़ी है, सार अग कैसी image है smaller image अच्छा आपको मुझे comment section बताना है हर एक बच्चे से मुझे जानना है क्योंकि मैं सब बच्चों को पढ़ा रहा हूँ कि अगर magnification की value plus 1.5 या minus 1.5 तो इसका क्या मतलब हुआ आपको भी comment section में comment करके बताना ही है चली आगे हम बढ़ जाएंगे कि magnification का जो formula है distance के form में भी होता है अगर mirror है तो minus v upon u formula होगा और अगर lens है तो फिर v upon u formula होगा clear ये distance के term है अब हम बात करेंगे refractive index क्या होता है जो कि हमने refraction के बाद का आपसे बोला था देखो अक्शुल में refractive index क्या होता है यह एक ratio है कि light की speed किसी medium में कितने गुना कम या जादा हो जाएगी ठीक है अक्शुल में light की speed वैक्यू में सबसे ज्यादा होती है उसके बाद सभी medium में कम होती है जैसे मान के चलो glass के लिए refractive index होता है 1.5 तो इसका मतलब है कि light की speed वैक्यू में इतनी है और glass में जाएगी तो 1.5 times कम हो जाएगी तो इतनी हो गए 2 in 10 to the power 8 meter per second इसी प्रकार से आप यह समझिए कि water का refractive index 1.333333 है तो इसका मतलब यह है कि water के अंदर light की speed vacuum के comparison में 1.333333 times कम हो जाएगी diamond का refractive index 2.42 है तो इसका मतलब है कि diamond के अंदर light की speed 2.42 times कम हो जाएगी यह चीज़ आपको समझना है तो actual में हमने क्या बताए speed of light in vacuum upon speed of light in medium इसका जो ratio निकल के आदा इसको बोलते है refractive index ऐसा नहीं दिया कि वैक्यूम और वाटर के लिए या वैक्यूम और किसी मीडि वन म्यू टू या डब्लू म्यू जी इस तरीके से भी लिखे देते हैं तो देखो सिंपल सी बात मैं आपको बताऊं अगर ऐसे लिखा है वन म्यू टू तो इसका मतलब है कि लाइट वन से आ रही है टू में तो इसको अपन ओपन करते हैं तो यह फॉर्मूला बनता है म्यू बाद में लिखा है उसको ऊपर लिखना है और जो नीचे लिखा है जो पीछे लिखा है उसको नीचे लिखना है क्लियर है आगे हम बढ़ जाते हैं लिखे भी मैं आपको बताऊंगा कि कभी भी किसी भी फेनोमेना में अगर कोई ओब्जेक्ट की जो डेप्थ है उससे जादा डेप्थ अगर दिखाई पढ़ रही है या जो हाइट है उससे जादा हाइट अगर दिखाई पढ़ रही है तो उसके पीछे एकी कारण है दाट तो इन सब के पीछे जो कारण है ना वो refraction of light है actual में होता क्या है कि जैसे मान के चलो ये मेरे पास pencil है वो actual में यहाँ तक है अब अगर इससे light ray निकलती और सीधी आखों तक जाती तो actual में आखें भी इसको सीधी retrace करती और यही पर image बन जाती लेकिन हो क्या रहा है कि इससे जो light ray निकल रही है ना यह light ray निकल रही है यह rare medium में पहुँचके यह ऐसे bend हो गई अब आखों ने इसको पीछे retrace करा और जहाँ पे light meet करी वही पे image बन गई तो आप यह समझो कि ये जो height है या ये जो depth है न ये जो depth है इसको हमने बोला real depth और यहाँ पर जो image बन रही है न इसको हमने बोला apparent depth क्या बोला apparent depth ले रहे है न तो अभी आपको समझना है कि अगर real depth और apparent depth के बीच का अगर हम relation निकालना चाहें तो क्या होता है mu is equal to real depth upon apparent depth होता है अगर हमने ये इसके अलावा formula होता है shift कि ये जो pencil है ये कितनी ऊपर shift हो गई तो इसका formula क्या है real depth minus apparent depth shift का एक और formula होता है real depth into 1 minus 1 upon mu ये formula से numerical वगरा पूछ लिये जाते हैं इसके अलावा refraction में क्या होती है चीज़ें कि जहां पर भी आपको जैसे पानी में पत्थर पड़ा हुआ है वो नेक्स्ट हम पढ़ेंगे, most important phenomenon है जिसको हम बोलते हैं, total internal reflection of light, अभी देखो क्या होता है, जब light denser medium से rarer medium में जाती है, तो आप जानते हैं कि normal से दूर भागती है, जैसे मान के चलो कि ये light रही गई, water से air में, अभी ये light कैसे हो गई, ऐसे bend हो गई, जाना था इसको ऐसे, तो ये इतनी हो गई, clear, now, इसके बाद मान के चलो अगर हमने इस angle of incidence को थोड़ा सा और बढ़ा दिया, और बढ़ा करा, तो हमने देखा कि light जो है, ये ऐसे जाती, लेकिन अभी क्या हुआ, ये और normal से दूर बागी, तो ये light ऐसे bend हो गई, मतलब ये light अब rarer medium में नहीं गई इसका मतलब यह है कि यह वाला जो angle है इसको हम बोलते है critical angle मतलब critical आप समझते हैं ना बड़ी नाजुक situation है कि अब यह light ray अगर थोड़ा भी angle बढ़ा तो नीचे आ जाएगी तो वो particular incident angle जब light ray जो है 90 degree पर refract हो जाती है इसको हम बोलते है critical angle critical angle ऐसा angle है कि अगर आपने इस angle को थोड़ा सा और बढ़ा दिया ना अब यह light से medium में लोट करके आ जाएगी interface यानि border से ये नीच आजे, किसके border से, air water का जो border है, वहाँ से interface से लटकी नीच आजाएगी, ये कब होता है, तो इसी phenomena को हम बोलते है, total internal reflection, तो light का अंदर ये अंदर reflection हो गया, ये phenomena कब होता है, जब light denser to rarer medium जाती है, और दूसरी condition इसकी ये है, कि बई ऐसे case में जो angle है, incidence angle ह greater than हो, बड़ा हो, critical angle से, तो ऐसे phenomena में total internal reflection होता है, और इस phenomena के उपयोग से, बाई साब, हजारों किलोमेटर दूर तक, signals को बेजा जा सकता है, example के तोर पे आप यह देखिए, total internal reflection का, जो सबसे famous example है, यह है हमारा optical fiber, optical fiber में क्या होता है, कि optical fiber के एक end से, जैसे जियो फाइबर वगरा की लाइन आ रही है तो इनमें क्या इनमें लाइट के फॉर्मे सिग्नल आ रहे हैं बाद में इसी लाइट को ट्रांस्डूसर की मदद से एलेक्ट्रिकल सिग्नल में कनवर्ड कर दिया जाता है तो अजारों किलो मेटर तक लाइट ट्रावल करके आज लाइट आगे बढ़ती है ठीक चलिए यह किस तरीके से वर्क करता है तो मैं आपको बताना चाहूंगा कि हमेशा यह अंदर वाला मीडियम डेंसर होगा इसका रिप्रेक्टिव इंडेक्स ज्यादा होगा यह वाला मीडियम रेयर होगा जब लाइट जो आती है इंसीडेंट रे आ रही है अगर यह एंगल क्रिटिकल एंगल से बड़ा है क्रिटिकल एंगल से बड़ा electrical signal के form में convert कर दिये जाएगा यही होता है optical fiber का काम टिक नाओ अभी critical angle और refractive index की बीच में एक important सा relation है जो आपको याद रखना है देखो सबसे पहले actual में क्या होता है जब rare medium ने air माना है नाओ यह मालो कि जब water से air में light जा रही थी तो अगर हम यहाँ पर ratio निकालें तो यह क्य और जब critical angle के बराबर incident angle था, तो refraction कितने degree हुआ? 90 degree, तो W mu A की value की आ गई, sin IC, अब यहाँ समझ ये कि W mu A को, हम क्या लिख सकते हैं? W mu A को हम लिखते हैं, 1 upon A mu W, और sin IC को हम लिखा, इसके बाद हमने क्या करा? इन दोनों के ऐसे पलट दिया, तो A mu W की value आ गई, 1 upon sin IC, mu is equal to होता है, 1 upon sin IC, याद रखेगा important term mu is equal to 1 upon sin IC आगे बढ़ जाएंगे आगे हम बढ़ेंगे और पढ़ेंगे लेंस क्या होते हैं इनकी कितने types हैं देखो मैं आपको बता दूं कि लेंस जो होते हैं लेंस एक transparent object है जिसमें से light आती है refract होती है और image का formation होता है लेंस जो है दो refracting surfaces से मिल करके बनता है लेंस दो type की होते हैं convex lens जो ऐसा दिखता है concave lens जो ऐसा दिखता है convex lens में क्या होता है ये light अलग जगह से आकर के फोकस पर जाकर के meet करती है या कहूँ ये light को converge कराता है convex lens जबकि concave lens light को diverge कराता है आगे हम बढ़ेंगे और uses की बात करेंगे बढ़ेंगे देखो convex lens का use ज़्यादा तर वहाँ पर होता है जहाँ पर हमें object को बढ़ा करके देखना होता है जैसे कि इसके अलावा गर हम ये देखें, Astronomical Telescope में भी Convex Lens का यूज होता है, Terrestrial Telescope में भी Convex Lens का यूज होता है, जबकि हम बात करें Concave Lens का, तो Concave Lens का यूज है, वो हमारे दूर की नजर जब हमारी होती है, कमजोर, तब Concave Lens का हम यूज करते हैं, इसके अलावा Galilean Telescope में Concave Lens क अगर हम बात करें focal length की तो focal length ये positive होती है convex length की और negative होती है concave length की concave mirror की भी focal length negative होती है magnification की बात करें तो जब object infinity पे होता है तो image एकदम छोटी बनती है लेकिन जैसे ऐसे object पास में आता चला जाता है image का size बड़ा होता चला जाता है जब object focus पे रखा होता है तो image बनती है infinity पे और जब object Focus और Optical Center के बीच में रखा होता है तो Image सबसे बड़े साइज की और Virtual Image बनती है, Clear है, यहाँ पर हमेशा छोटे साइज की Image बनती है, इसके अलाबा Nature of Image, Real और Inverted Image बनती है, लेकिन जब भी Object Focus और Optical Center के बीच में रखा होता है, तो यहाँ पर आपको बड़े साइज की Image देखने क लेंस फॉर्मुला को डिराइब करेंगे तो लेंस फॉर्मुला को डिराइब करने के लिए जैसे आपने मेरर फॉर्मुला पढ़ा था वैसा ही है देखो इसमें लेंस में डिराइब रेड डायग्राम कैसे बनता है यह आप समझते हैं कि देखो सबसे बहुत लेंस होगा यह जहाँ पर दोनों light ray मिलेंगी वहाँ पर image बन जाएगी बस ये तरीका होता है image बनाने का इसके बाद आप ये देखिए इस diagram में ये हमने diagram बना दिया object जहाँ रखा है वहाँ पर minus u बोला image जहाँ रखे है वहाँ पर v बोला इस focal length को हमने f बोला right में है तो positive lens के left में है तो negative ठ यह एक और दो में वर्क करेंगे, वान और टू में वर्क करेंगे, तो वही perpendicular upon perpendicular, base upon base, बेस अपन बेस, ठीक है, इसके बाद हम क्या करेंगे, इसके बाद हम टू और थ्री triangle वर्क करेंगे, यहाँ पर हमने, यह देखे रहा है, sorry, वान और टू वर्क कर लिया, अब थ्री और फ फो या ओफ अपन बेस, यह हो गया, MN आप देख रहा हो, यहाँ पर देख रहा हो, कि जो MN की हाइट है वो AB के बराबर है, तो यहाँ MO की हाइट है AB के बराबर है, तो हमने MO को AB लेक दिया, बस, यह देख रहा हो, फर्स्ट एक्वेशन और सेकंड एक्वेशन की वैल्यूस इसी प्रकार से सभी values पोट करने के बाद यह हमारा lens maker, sorry lens formula बन जाता है आगे बढ़ेंगे इसको ध्यान रखना, important है काफी, ठीक है, चलिए अब हमें एक most important question को practice करना है, समझना है, जिसको हम बोलते है refraction formula at spherical surface, आपको समझना है कि अगर मेरे पास एक यह surface है जिसके पीछे काच या बैडेंसर medium कह सकता हूँ और यह rare medium है, यहां से light ray जाएगी, वहाँ image बनेगी तो relation क्या हुआ, refractive index, image distance, object distance और ये surface की radius of curvature के बीचे में, most important है इसी से हम decide करते हैं lensmaker formula को, तो ये diagram जो आपको complex सा दिख रहा है इसको बिल्कुल तोड़ के समझा देता हूँ आपको, आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी, सबसे पहले क्या करना होता है कि ये हमारे पास, य और इस जगह पे जाके टकरा जाएगी, जहाँ पे light टकराती है, वहाँ पे हमने एक normal, इस जगह पे हमने एक normal draw करा, देखो 90 degree है, है न, और उसके बाद क्या होगा, और इसके बाद यहाँ पे हमने normal draw करने के बाद, जब यह light जा तो ऐसे रही थी, लेकिन denser medium में यह कहा बैं� तो हमने क्या करा कि इन तीनों पॉइंट को नाम दे दिया, object जहां रखा था वो O हो गया, image जहां बनी वो I हो गया, और normal जहां टकराया वो center of curvature हो गया, after that हमने ये वाला angle, incident ray के साथ angle alpha, refracted के साथ angle beta, और normal के साथ angle gamma, pole से सभी distance ज़मने लेनी, ये minus U है, center of curvature तक plus R है, image जहां बन रही है वो V है, clear, यहाँ पर हम ये मानते हैं कि pole और ये जो normal है, ये दोनों पॉइंट दोनों इकदम पास में है, यहाँ पर आपको ये समझना है incident ray, यह है देखो और normal यह है दोनों के बीच में angle बन रहा है I refracted ray देखो यह है आर पार जा रही है और normal यह है दोनों के बीच में angle बन रहा है R बस यह बात आप याद रखेंगे अभी हम कुछ steps हैं जो follow करते हैं पहला step क्या है आपको देखना है हमेशा rule होता है बाहर वाला angle is equal to sum of अंदर वाला angle तो हम क्या करेंगे triangle पकड़ेंगे हमने यह पकड़ दिया देखो यहां से object से यह देखो यह जैसे आप ये समझो, ये आई जो एंगल है, किस-किस के बीचे बन रहा है, normal और object, ये देखो, object चाहने वाला light ray और normal, clear है, तो हम क्या करेंगे, कि इसके अंदर वाले एंगल कौन से alpha, alpha plus gamma, और बार वाले एंगल कौन से हैं, आई, ठीक है, तो हमने क्या करा, अंदर वाले एं तो आर जो है आर और बीटा अंदर है गामा बार है तो गामा इस इकल्ड टू आर प्लस बीटा तो यहां से हमने आई की वैल्यू निकाल लें साइन आई अपन साइन आर पोट करेंगे ना रिफ्रेक्टिव इंडेक्स का फॉर्मूला आई की वैल्यू निकली आर की वैल्यू यह पूरा ट्राइंगल हमने बीटा के लिए ले लिया यह वाला तो परपेंडिकुलर एम एन और बीटा जो है एमेचो बन रहा है आई पे तो एम एन अपॉन बी आ गया गामा के लिए हमने छोटा वाला ट्राइंगल ले लिया है ना तो टेन कोई गामा इस एकओल टू टेन अगर angle बहुत चोटा है तो sin i को i मानते हैं, sin r को r मानते हैं, तो ये बन गया, cross multiply करा, ये r की value put कर दी, gamma minus beta, i की value put कर दी, alpha plus gamma, इसके बाद ये जो values हैं, हमने इन सभी values को put करा, जैसे mn, ये gamma की value है, ये beta की value है, ये alpha की value है, ये gamma की value है, common वगरा निकलने के बाद, यहाँ पर हमने सब को जो है लाइन से लगा दिया, यह जो आप देख रहे हो ना, इसको हम ऐसे ही बोल सकते हैं, म्यू टू अपउन वी क्या है, image distance म्यू टू के नीचे image distance, म्यू वन के नीचे object distance, म्यू टू माइनस म्यू वन अपउन आर, यदि rare medium जो है, यह air है, तो म्यू वन की value वन हो जाएगी, म्यू टू की value यू हो जाएगी, तो final formula आपका यह भी बन जाता है, clear है, अच्छा इसके बाद ना important case होता है, जैसे मान के चलो, कि अगर हम बात करें formula की, तो आपको समझना है, के जब light रेरा टू डेंसर मीडियम में जाती है तो फॉर्मूला यह बनता है म्यू टू अपउन इमेज डिस्टेंस, म्यू वन अपउन ओब्जिक डिस्टेंस लेकिन जब light डेंसर से रेरा और मीडियम में जाती है तो जिस जो म्यू वन, म्यू टू हो जाते हैं पर convex या concave spherical surface चले याद रखेंगे आगे पढ़ जाएंगे तो चले अब हम आजाते हैं the most most important derivation और इससे आने वाले most important numericals पर lens maker formula अब हम पढ़ने वाले हैं पांच मिनट में सारी बाते समझा दूँगा numerical भी करने लग जाओगे lens maker formula lens manufacturer द्वारा use करे जाने वाले formula है जो की lens design करने काम आता है इस formula से हमें focal length lens के material के refractive index lens की surfaces की radius of curvature के बीच में हमें एक relationship मिलता है ठीक है लेंस मेकर फॉर्मुला जो बनेगा डेरिवेशन के अंड में आ जाएगा देखो अभी आपको यहाँ पर समझना है कि सबसे पहले यह फॉर्मुला में रे डाइग्राम कैसा बनाया जाता है यहाँ पर समझना है कि सबसे पहले यह फॉर्मुला में रे डाइग्राम कैसा बनाया जाता है तो पहली सरफेस के लिए तो image यह हो जाएगी टिक नाओ इसके बाद आप यह देखो दूसरी वाली सरफेस ने क्या काम करा यह light वहाँ पर जाती लेकिन जातो नहीं पाई क्योंकि दूसरी वाली सरफेस ने इस light रेको यहीं पर band करा दिया तो final image कहां बनी आई पे final image कहां बनी आई पे कि पहली सरफेस के कारण image बनती तो पहली सरफेस के लिए जो object होगा वो ओ होगा और दूसरी सरफेस के लिए जो object होगा वो आई डेश होगा क्योंकि दूसरी वाली surface ने इसी को यहाँ पर जो है बना दिया clear है ना अभी सारी चीज समझ जाओगे देखो आपने भी formula पढ़ा था rarer से denser में जाएगा तो light का reflection formula क्या होगा mu2 upon image distance minus mu1 upon object distance बस ठीक है तो पहली surface के लिए हम बात कर रहे हैं तो mu2 upon पहली surface की image बन रहे है i'पर तो distance लिख दी v'mu1 upon object distance पहली surface की object o है जो की u distance पर है यह लिख दिया, म्यू टू माइनस म्यू वन अपउन, पहली सरफेस के लिए इस अपकर विचर आर वन, परस्ट एक्विशन बन गई, दूसरे सरफेस के लिए जो लाइट है, यह डेंसर मीडियम से रेरर मिजा रही है, तो डेंसर से रेरर का जो फॉर्मूला होता है, उसमें म्यू वन माइनस म्यू टू अपउन आर टू डेंसर टू रेरर का यही फॉर्मुला है इसके बाद देखो यहाँ पर हमने इसको ऐसा कैसा लिखा म्यू वन माइनस म्यू टू है ऊपर म्यू टू माइनस म्यू वन है कर सकते हैं LHS को LHS से RHS को RHS से ठीक यहाँ पर यह ऐसे बन गया इसके बाद म्यू वन बाहर निकल गया यह बचा 1 upon V minus 1 upon U यहाँ पर यह कुछ ऐसा बचा है इसके बाद mu1 यहाँ पर V minus 1 upon U को लिखते हैं 1 upon F जो कि lens formula है इसके बाद आप यह देखो mu1 को हमने इस side बेज दिया डिवाइड हैं पहुँचा तो mu2 के नीचे भी mu1 mu1 के नीचे भी mu1 तो यह 1 बचा तो formula ये हो जाएगा, ये lens maker formula है, take mu-1, 1 upon r1, minus 1 upon r2, अब आपको इस formula में क्या देन देना है, कि जब numerical आते हैं, तो numerical किस तरीके से आएंगे, देखो, आपको समझना है, कि जब भी इस तरह का lens होगा, इस तरीके का, ये surface r1 है, ये surface r2 है, तो ये इसकी radius positive side है, तो r1 positive लोग है, जैसे कि lensmaker formula plane and convex lens में लगाना है तो पहली वाली surface की radius कितनी होगी? infinite दूसरी वाली surface की जो भी radius होगी वो negative में लिखी जाएगी clear?
आपको question में given होगा तो negative sign लगाके बस formula value put करनी है अब concave वाले case में देखो देखो सरा दोनों की radius R2 की radius कहाँ होगी? right में जारी तो positive R1 की radius इस side को गोला बनेगा circle तो negative हो जाएगी clear है? इस तरीके से आप values put करके numerical भी कर सकते हैं अब हम बात करेंगे combination of lens के बारे में मतलब जब lens, दो lens आपस में एक साथ चिपका के रखे जाते हैं तो उनकी जो combined focal length या combined power है वो कितनी होते हैं देखो इसके लिए हमें क्या करना है इसके लिए simple सामें दो हमने convex lens लिए पतले से इनको चिपका दिया आई डेश और इमेज होगी आई बस इतनी सी बात है अब आपको कुछ नहीं करना focal length का formula क्या है 1 upon f is equal to 1 upon v मतलब की 1 upon image distance minus 1 upon u जिसको हम बोलते है object distance पहले lens के लिए जो image है वो v dash बन रही है और object जो है वो u पे रखा है दूसरे lens के लिए image v पे बन रही है और object v dash पे रखा है दूसरे वाल lens के लिए जो v dash है दूरी पर यही object होगा ठीक है screenshot ले सकते हैं दोनों equation को add कर देंगे add करने के बाद यह कुछ ऐसा LHS ऐसा बनेगा, RHS ऐसा बनेगा अब देखो 1 upon F1 plus 1 upon F2 is equal to आ गया 1 upon F यह हो गया combination का formula अगर हम इसको ऐसा बोलें कि बाई सब दोनों convex lens हैं तो ऐसा हो जाएगा एक convex एक concave है तो formula ऐसा बन जाएगा जैसे कि अगर मैं ऐसा बात कर रहा हूँ कि पहला वाला lens अगर convex है तो F1 positive और अगर concave है तो F1 negative यह formula हो गया, इसके बाद होता है power of lens का formula जैसे 1 upon F1 को हम बोलते हैं power of lens तो यह हो गया P1 वन अपन अप टू को बोलते हैं पी टू तो यह हो गया पी वन प्लस पी टू इक्वल टू कम्बाइंड पावर यह वाले केस के लिए क्लियर है नाओ कॉन्वेक्स कॉनकेव तो कॉनकेव के लिए बस माइनेस पावर हो जाएगी ठीक है चलि इस lens की ताकत ज़्यादा थी इसने यहीं पर bend करा दिया तो इसकी focal length कम हो गई इस lens की power कम थी इसने देखो वहाँ तक bend करवा पाए यानि कि पहले वाल lens की power ज़्यादा इसने यहीं bend कर दिया इसका मतलब यह जिसकी power ज़्यादा उसकी focal length चोटी होगी इसका मतलब power is equal to 1 upon focal length in meters clear है और अगर combination में होगा तो power का formula यह बन जाएगा power की ऐसा unit diopter होती है concave के लिए negative power, convex के लिए positive power अब ही हम समझेंगे prism को, देखो, actual में हमें समझना है कि prism क्या है, prism एक ऐसा optical substance है, या कौन component है, जिसका काम यह होता है कि वाइट लाइट को 7 color में, 7 bend में disperse कर देता है, यानि कि पिखिर देता है, जैसे यह वाइट लाइट इस prism से पास होती है, तो हम सभी जानते हैं, तो सबसे ज़्यादा bend हो जाता है, उसी प्रकार से हर जो light है, वो अपनी-अपनी wavelength according जो है यहाँ पर bend हो जाती है, अभी हमें prism का जो ray diagram बनाया जाता है, वो उसको समझना है, काकि एक most important derivation आपसे छूटे ना, clear है देखो, prism का diagram कैसे बना जाता है, यह हमारे पास एक prism होग ऐसे जा रही थी, ऐसे जाती रही थी, लेकिन क्या हुआ, medium change हुआ, तो ये light ऐसे ना जाते हुए, ये light bend हो गई नीचे की ओर, और ये चली गई सीधी, ये देखो ये यहाँ तक पहुँची, clear है, अभी यहाँ पर ये टकरा गई surface है, तो यहाँ पर एक normal ड normal और incident ray के साथ angle of incidence, emergent ray और normal के साथ angle of emergence, refracted ray और normal के साथ angle R1, refracted ray और normal के साथ angle R2, clear, यह total angle आई है, तो यह total angle भी आई होगा, इसलिए यह बचा वाला angle हुआ, I-R1, और यहाँ पर यह जो angle हुआ, यह हुआ I-R2, अब देखो, light एक्ट्रॉल में जा रही थी ऐसे, लेकिन finally पहुँची कैसे, ऐसे, तो यह जो आप देख रहे हो यह पीछे यह हमने इसको पीछे retrace करा और यह जो angle बना इसको हमने बोला angle of deviation मतलब यह light जा रही थी ऐसे पहुंची ऐसे इतना angle यह deviate हो गई clear है इतना angle अपने path से यह बटक गई इसको हम बोलते है angle of deviation अगर यह angle of deviation minimum चाहिए तो ऐसे case में यह जो incidence angle है और यह emergence angle है यह बराबर होते हैं और दूसरी चीज़ यह जो R1 और R2 है अब आपको करना है most important डेरिवेशन फॉर रिफ्राक्टिव इंडेक्स आफ प्रिस मेंटेरियल डेरिवेशन करने के लिए बस आपको यह बात याद रखनी है कि डायग्राम आपने समझ लिया तो पहले हम क्या करेंगे इस वाले ट्राइंगल वर्क करेंगे फिर हम इस वाले ट्राइंगल वर्क करे Q, तो P S Q में हमने work करा, आप यह देख रहे हैं उस triangle में exterior angle है, बार वाला angle है, तो बार वाला angle is equal to sum of अंदर वाले angle, तो delta is equal to यह अंदर वाले angle का sum कर दिया, यह बार वाला angle is equal to अंदर वाले दोनों angle का sum, अगर हम इसको धान से देखें तो I और E positive है, एक bracket में लिख दिया, R1 अब इस PRQ triangle में देखो, एक triangle में तीनों angle का sum 180 degree होता है, तो हमने क्या करा, एक angle R1, दूसरा R2, और तीसरा ये वाला angle, तो R1 plus R2 plus R पे angle बन रहा है, PRQ, इसको हमने बोला कि बराबर किसके 180 के, तो ये जो PRQ, ये R पे angle बन रहा है, तो PRQ की अगर हम value निकालें तो ये हो जाए� तो आप ध्यान से देखो कि क्या होगा क्वाडरी लेटरल के चारो एंगल का सम 180 degree, sorry 360 degree होता है तो देखो पहला एंगल यह A चलिए, दूसरा एंगल यहाँ पर अब आपको पता है कि यहाँ पर यह normal draw है इसका कितने degree है, 90 degree का है तो 90 degree लिख दिया, तीसरा एंगल क्या है तीसरा एंगल है PRQ, यह देखो 90 degree, सब का सम कितना हो गया 360 degree, अब देखो PRQ की value उपर से उठा के हमने यह रख दी यह रख दी PRQ की value कितना degree है 180 degree minus R1 plus R2 is equal to 360 अब हमने देखा कि 90, 270, 360 is equal to 360 तो यह तो हो गया 0 सब यह सब 0 हो गया इसके बाद A minus R1 plus R2 बचा है R1 plus R2 सेट गया तो बचा A is equal to R1 plus R2 इसके बाद हमने क्या करा कि अगर हम minimum deviation की बात करें minimum deviation की बात करें कम से कम deviation की अगर हम बात करें तो I और E की value बराबर होती है, और R1 और R2 की दोनों की value बराबर होती है, तो हमने इस प्रकार से equation number 3 से, R1 प्लस R2 जो लिखा हुआ है, उसके जगह R प्लस R लिख दिया, एकी value हो गई 2R, और यहां से R की value हो गई A by 2, हमें refractive index के लिए derivation करना है, फिर से लगाया minimum deviation का concept, तो हमने equation number 1 में, कहा कि delta is equal to I प्लस E लिखा था, तो जब delta minimum हो जाएगा, तो i plus i हो जाएगा, minus r1 plus r2 के जगे r plus r लिखा, तो यहाँ से हमने i की value लिखा लिखा, और उसी value को उठागे refractive index के formula में put कर दिया, तो यह बन गया आपका formula, refractive index of prism material के लिए, clear है, इसके बाद हम आगे बढ़ेगे, और पढ़ेंगे angular dispersion, angular dispersion क्या होता है, angular dispersion का मतलब है, कि यह difference है, दिखो, violet light कितनी deviate हुई, यह initial light है, इंसिडेंट रे और ये इमर्जेंट तो इमर्जेंट में साथ रे निकल रही है सेवन रेज है ना रेड निकल रही है वॉइलेट निकल रही है तो वॉइलेट कितनी डेबियेट हुई माइनस रेड कितनी डेबियेट हुई इसी को हम बोलते हैं एंगुलर डिस्पर्जन फ� कि angular dispersion का formula क्या है delta V minus delta R upon mean deviation किसको बोलते हैं यह yellow light होती है उसको mean ray बोलते हैं तो yellow light कितना जो है deviate होई उसको हम अगर divide करेंगे है ना तो हमें मिल जाएगा यहाँ पे dispersive power of prism clear है तो angular dispersion actual में दो angles का difference हो रहा है ठीक है चलिए अभी हम आगे बढ़ेंगे और next जो है यह हमें मिलेगा optical instrument तो optical instrument का अगर आपको revision करना है तो आप YouTube पर search करेंगे optical instrument revision by abhishek sahoo sir तो आपको मिल जाएगा comment section बस आपसे इतना जानना चाहता हूँ कि sir ये video मुझे अच्छी लगी optical instrument भी जल्दी से ले करके आओ तो आपको जल्दी से video मिलेगी comment section मैं आपका इंतजार कर रहा हूँ दोस्तों जल्दी से comment करके मुझे बताना thank you so much guys thanks a lot see you again in the next