क्लास नाइंथ रैपिड रिवीजन चलो भाई देखो अब मैं क्या करता हूं आज हमारे पास में ज्योग्राफी का पहला चैप्टर है जो है इंडिया साइज एंड लोकेशन चैप्टर बड़ा छोटा सा है और बहुत इंपॉर्टेंट सा है यहां पे आपको इंडिया की लोकेशन के बारे में जानने को मिलेगा साइज के बारे में जानने को मिलेगा और दो और टॉपिक्स हैं जिसमें हम इंडिया की पोजीशन वर्ल्ड में देखेंगे इंडिया इन दी वर्ल्ड और साथ ही साथ आपको ये देखने को मिलता है कि इंडिया की जो नेबर्स है वो कौन है कैसे हैं कहां है तो ब्रॉडली अगर देखा जाए तो टॉपिक्स बहुत छोटे-छोटे हैं लेकिन कंसेप्ट वाइज अगर आप देखोगे तो इसमें आपको लटटू लोंगिट्यूड स्टैंडर्ड मेरिडियन डे और नाइट टाइम लैग ये सारी चीजें जानने को मिलती है जो इस चैप्टर को बहुत इंटरेस्टिंग और फाउंडेशन चैप्टर बनाती है जहां से आप ज्योग्राफी के कांसेप्ट बिल्ड कर सकते हो शुरू करते हैं कहानी इंडिया की लोकेशन के साथ में अबे जल्दी बोल कल सुबह पनवेल निकलना है ये जो पूरा अर्थ है इस अर्थ को हमने इमेजिनरी लाइंस में बांट के रखा है और इन्हीं इमेजिनरी लाइंस को हम लटटू और लोंगिट्यूड कहते हैं यह जो इमेजिनरी लाइंस से इन इमेजिनरी लाइंस के थ्रू हम किसी भी अ जगह को लोकेट कर सकते हैं अर्थ पे सिमिलरली इंडिया को लोकेट करने की अगर बारी आएगी तो हम इन इमेजिनरी लाइंस का सहारा लेंगे लेटी हुई जो लाइंस रहती हैं लटटू लॉन्ग लॉन्ग लाइंस जो रहती है वो लोंगिट्यूड अब अगर आप एक्सटेंट देखना शुरू करोगे तो इंडिया का जो लटटू नल एक्सटेंट होगा क्योंकि पूरा अर्थ है इस पूरे अर्थ को बीच में से डिवाइड करोगे तो जो 0 डिग्री होता है वो होता है इक्वेटर इक्वेटर वाला लटटू अब इक्वेटर वाले लटटू ट्यूड से ऊपर की तरफ चलेंगे तो हम नदन हेमिस्फीयर में आते हैं नदन हेमिस्फीयर में 8° 4 मिनट नॉर्थ से लगा के 37° 6 मिनट नॉर्थ तक इंडिया का एक्सटेंट है तो ये इंडिया का लटटू नल एक्सटेंट हो गया अब बारी आती है लोंगिट्यूड एक्सटेंट की तो 37 डिग्री ईस्ट ईस्ट इसलिए क्योंकि हम इंटरनेशनल जैसे अगर आप देखेंगे टाइमलाइन जो है ग्रीनविच मीन टाइम जो है वहां से ईस्ट की तरफ लाई करते हैं तो पूरे ग्लोब को अगर आप देखोगे और अगर आप बीच में एक सेंट्रल लोंगिट्यूड बनाएंगे जिसे हम ग्रीनविच मीन टाइम कहते हैं तो उससे हम ईस्ट में है 68 डिग्री ईस्ट से लगा के 97.2 डिग्री ईस्ट तक हमारा लोंगिट्यूड एक्सटेंट है तो अगर आप इस तरह से ड्रा करोगे तो दो लटटू दो लोंगिट्यूड के बीच में इंडिया जो है प्लेस है ये इंडिया का लटटू नल लोंगिट्यूड एक्सटेंट हो गया हमारा इंडिया प्यारा इंडिया हा जोश हाय सर हाय सर इस इंडिया को बीच में से दो इक्वल पार्ट्स में से डिवाइड करता हुआ एक और लट ड जाता है जिसे हम ट्रॉपिक ऑफ कैंसर कहते हैं जो कि 23° 30 मिनट्स नॉर्थ में है ये हो गया लोकेशन साइज की अगर बात की जाए तो इंडिया 3.28 मिलियन स्क्वायर किलोमीटर में फैरा हुआ है ये इंडिया का स्क्वायर किलोमीटर का एरिया है 3.28 मिलियन स्क्वायर किमी क्या बात कर रहे हैं पूरे वर्ल्ड का 2.4 पर हम कांस्टीट्यूट करते हैं साथ ही साथ वी आर द सेवंथ लार्जेस्ट कंट्री इन टर्म्स ऑफ एरिया हमसे छह और कंट्री हैं बड़ी हैं इन्हें याद रखने की ट्रिक पता है आपको रुक बाई रुककर होता है रशिया सी होता है कनाडा यू होता है यूएसए फिर से जो सी आता है वो होता है चाइना और बी ए आई में बी फॉर ब्राजील ए फॉर ऑस्ट्रेलिया तो ये इतने देश है जो हमसे बड़े हैं और आई फॉर इंडिया इंडिया इज द सेवंथ लार्जेस्ट कंट्री भाई आपका नॉलेज तो कमाल का है भाई इसके अलावा आप देखेंगे तो इंडिया में नॉर्थ में आपको यंग फोल्ड माउंटेंस मिल जाएंगे वेस्ट की तरफ आप जाएंगे तो आपको पाकिस्तान अफगानिस्तान के साथ लगी हुई वो जमीन देखने को मिल जाएगी इंडिया इस तरह से एक सेफ और सेंट्रली लोकेटेड कंट्री है पूरे के पूरे पूरे एशियन कॉन्टिनेंट में इसके ऊपर और भी बात करेंगे लेकिन उसके पहले अगर देखा जाए तो यह जो लोंगिट्यूड एक्सटेंट है हमारी 68 ° से लगा के 97 तक यह लोंगिट्यूड एक्सटेंट अप्रॉक्स 30° की है और जब अर्थ रोटेट करता है तो एक लोंगिट्यूड पे जो सोलर इंसुलेशन है वो सेम सोलर इंसुलेशन दूसरे लोंगिट्यूड पे नहीं होगी तो इंडिया का तो 30° का लोंगिट्यूड एक्सटेंट है तो इस 30° के लोंगिट्यूड एक्सटेंट के कारण यहां से यहां तक इतने टाइम फ्रेम में 2 घंटे का टाइम लैग होता है जी हां 30° में 2 घंटे का टाइम लैग मतलब कि जो सोलर इंसुलेशन यहां पहुंच रही है उसे यहां पहुंचते पहुंचते दो घंटे लग जाएंगे क्योंकि अर्थ गोल घूम रहा होता है तो इसी चीज को इसी चीज को न्यूट्रलाइज करने के लिए हमने एक सेंट्रल लोंगिट्यूड को हमारा टाइम जोन बनाया है और वो जो सेंट्रल लोंगिट्यूड है वो है है 82 डिग्री 30 मिनट्स ईस्ट जिसे हम इंडियन स्टैंडर्ड टाइम कहते हैं आईईएसटी कहते हैं यह जो लाइन है ये लाइन 82 डिग्री 30 मिनट्स ईस्ट से निकलती है गोरखपुर उत्तर प्रदेश के पास से एक इमेजिनरी लाइन है अगेन इसको ढूंढने मत चले जाना फस्ट ड़ी चला ड़ी चला तो इस तरह से आप जैसे देखेंगे हमने टाइम लैक को क्या किया है रिड्यूस किया है अब हम बात करते हैं इंडिया की वर्ल्ड में पोजीशन को लेकर इंडिया की वर्ल्ड में एक प्रॉमिनेंट पोजीशन है उसके पहले अगर हम शुरू कर तो अगर एशिया में ही आप देखोगे इंडिया सेंट्रली लोकेटेड है वेस्ट एशिया और ईस्ट एशिया से वेरी वेल कनेक्टेड साथ ही साथ जो इंडियन पेनिंस सुला है वो प्रोट्यूब करता है इंडियन ओशियन के अंदर जिसके चलते इंडियन ओशियन में लार्जेस्ट कोस्टलाइन जो है इंडिया की है और ये लार्जेस्ट कोस्टलाइन हमें वेस्ट और ईस्ट से कनेक्ट करने में वेस्ट में आप यूरोप और अफ्रीका की बात कर लीजिए ईस्ट में आप बात कर लीजिए पूरे के पूरे साउथ ईस्ट एशिया से कनेक्ट करने में हमें बहुत मदद देती है एंड दिस इज व्हाई द इंडियन ओशियन आफ्टर इंडिया इज जस्टिफाइड अगर वहीं से आगे बढ़े तो इंडिया का ये जो कांटेक्ट है वर्ल्ड के साथ में ये आज का नहीं है बहुत पुराना है और इस बहुत पुराने कांटेक्ट में भी हमारे जो लैंड कनेक्शंस रहे हैं कनेक्शंस वाया लैंड रूट आर मच ओल्डर दन दी मेरीटाइम कॉन्टेक्ट्स समुद्र के रास्ते तो हमने बाद में कांटेक्ट बनाए जमीन के रास्ते थ्रू वेरियस पासेस अक्रॉस द माउंटेन इंडियन बिजनेसमैन इंडियन ट्रेडर्स इंडियन पिलग्रिम्स हमेशा आते जाते रहे हैं और इसी के चलते आपको देखने को मिला है कि इन लैंड रूट्स के थ्रू हमने आइडियाज और कमोडिटीज को लार्ज लेवल पे एक्सचेंज किया है अब इन आइडियाज में आप देखेंगे तो रामायण महाभारत पंचतंत्र की कहानियां हो गई इंडियन डेसिमल सिस्टम हो गया कमोडिटीज में इंडियन टेक्सटाइल इंडियन स्पाइसेज हमेशा से ही देश से आते जाते रहे हैं ऐसा नहीं है कि सिर्फ हमने दुनिया को सामान दिया ही है बहुत सारे आइडियाज और कमोडिटीज हमने इन्हीं रूट्स के थ्रू रिसीव भी किए जैसे ग्रीक स्कल्पचर का स्टाइल हो गया अ डोम्स और मिनेट्स का जो कंस्ट्रक्शन का तरीका हो गया ये सब भी इन्हीं रूट्स के थ्रू हमारे देश में आया है माशा अल्लाह सुभान अल्लाह क्या कारीगरी है ये तो हो गया इंडिया का वर्ल्ड के साथ रिलेशन वाली बात अब अगर बात की जाए कि इंडिया की अपने नेबर्स के साथ में क्या रिलेशन है और किस तरह से हमारे नेबर्स है कौन-कौन है कहां हम सिचुएटेड हैं तो एशिया में साउथ वर्ड सिचुएटेड इंडिया जो है तो उसके लैंड नेबर्स भी और सी नेबर्स भी है लैंड नेबर्स की अगर बात की जाए तो पाकिस्तान अफगानिस्तान चाइना बांग्लादेश नेपाल भूटान यह कुछ ऐसे देश हैं जिनके साथ हमारी बॉर्डर शेयर होती है और एक और देश म्यानमार तो इन्हीं सभी देशों के साथ हमारी बॉर्डर शेयर होती है लैंड बॉर्डर सी नेबर्स की अगर बात की जाए तो दो सी नेबर्स हैं एक श्रीलंका और एक मालदीव्स जी हां मालदीव्स नो गॉड प्लीज नो नो ओ माय गॉड वाओ अब अगर आप देखेंगे तो इतने देशों से हम घिरे हुए हैं और इतने हमारे पड़ोसी देश हैं अधिकतर आपको यह कुछ एक ज्योग्राफिकल प्रिंसिपल देखने को मिलता है जो आपकी बुक में भी बताया गया है कि जब दो लैंडमास को एक वाटर बॉडी सेपरेट करती है तो उसे स्ट्रेट कहा जाता है जैसे पालक स्ट्रेट इंडिया और श्रीलंका को सेपरेट करती है सिमिलरली आप देखेंगे गल्फ ऑफ मन्नार भी इंडिया और श्रीलंका के बीच में आता है दिस वाज दी होल चैप्टर इंडिया साइज एंड लोकेशन जिसमें आपको इंडिया इंडिया एंड इट्स रिलेशन विद वर्ल्ड और उसके नेबर्स के साथ में जानने को मिलता है भाई ये तो शुरू होते ही खत्म हो गया यार लोंगिट्यूड लटटू स्टैंडर्ड मेरिडियन यह सारे कांसेप्ट भी इस चैप्टर का एसेंशियल पार्ट थे आशा करता हूं यह सारी चीजें आपको बेहतरीन तरह से समझ में आई अभी के लिए साइन ऑफ करता हूं साइनिंग ऑफ विथ दिस टुगेदर वी कैन वी विल थैंक यू थैंक यू वेरी मच