नमस्कार दोस्तों, Pathfinder में आप सभी का स्वागत हैं, मेरा नाम है Dr. Mahipal Singh Rathod और आज इस वीडियो में मैं आपके साथ शुरू करने जा रहा हूँ Modern India की History तो Modern India की History के जो Lectures हैं, ये ना किवल UPSC एग्जाम में बलकि State PCS और अन्य जितने भी Competitive एग्जाम्स हैं, सभी में आपके लिए उप्योगी हैं क्योंकि इंडिया की History सभी एग्जाम्स में बूची जाती है, there is hardly any exam जहाँ पर History Syllabus का पार्ट नहीं होता है तो यहाँ पर मैं Modern India की History को कवर करूँगा, पूरी Modern India हम पढ़ेंगे अप्रोक्सिमेटली वर एंड आ हाफ मंस में ये सीरीज कंप्लीट हो जाएगी आई ट्राइट टो फिनिश इट इन 40 डेश बट मुझे लग रहा है 45 तक हम जाएगे अब आप इस लेक्चर सीरीज के वीडियोस को देखना चाहते हैं डेली इस सीरीज का एक लेक्चर आपको देखने को मिलेगा इस चैनल पर 18th और 19th century में अंग्रेजों का राज आया था उस समय से just पहले क्या स्थिती थी तो इस lecture में मेंली मैं आपको later Mughals के बारे में बताऊंगा कि Mughal Empire किस तरह से crumble हो रहा था और Aurangzeb की death के बाद में कौन-कौन से जो rulers थे उन्होंने क्या स्थिती थी उस समय क्या उन्होंने निर् तो ये हम यहाँ पर आज discuss करेंगे, next lecture में इसके बाद मैं आपको बताऊंगा Marathas के बारे में, और फिर हम Europeans के आने के साथ शुरू करेंगे, एक-एक company, British, Dutch, सब के बारे में हम बात करेंगे, third lecture में. अब Mughal Empire के बारे में आपको briefly बता देता हूँ, 1526 में, जब Babur Bharat आता है, तब Mughal Empire की स्थापना होती है, and by the time 1707 आता है, almost 200 साल का time period है, इस समय में Mughal Empire ने अपने आपको दिल्ली से extend करते हुए almost पूरे इंडिया पर अपना rule फैला लिया था this was at the time of Aurangzeb's rule अफगानिस्तान वाला जो area है यहां से लेकर आप देखेंगे कि दक्षिन भारत तक और यहाँ पर almost असाम तक बस Ahoms वाले area पर complete control नहीं हो पाया था वाकि eastern India में भी Bengal जो पूरा है Bangladesh आज का जो country है उस पूरे region पर Mughal rule स्थापित था लेकिन 1707 के बाद Mughal rule धीरे धीरे क्रमपल होना शुरू होता है वह टूटना बिखरना शुरू हो जाता है हालांकि उसके पीछे जो रीजन्स है वह और एक के रूल के समय से ही शुरू हो चुके थे लेकिन जो पूरे भारत के उस वक्त स्थिति थी तो अठारवी सदी में रफली यह डिविजियन उदर दक्षिण में अगर आप देखें तो टीपू सुल्तान हैदर अली अपना एक किंग्डम स्थापित करते हैं और यहाँ पर राजपूत्स के जो किंग्डम्स है वो सेमी और टोरामस हो जाते हैं तो इस तरह से पूरे भारत में जो एक बड़ा मुगल एमपायर था उसक देश वाला जो बेल्ट है ये कोर एरिया था लेकिन यहाँ पर भी आप देखेंगे कि अवध एक अलग किंडम बन गया बेंगॉल बाद में एक अलग किंडम बन गया तो ये सभी जो किंडम्स थे ये कुछ समय के लिए अठारवी सदी में सेमी और्टोनॉमस लेकिन वो काफी हद तक independently काम करना शुरू कर चुके थे और जैसे जैसे Mughal Emperors कमजोर होते गए वैसे वैसे उन्होंने और ज़्यादा tribute देना कम कर दिया या फिर help करनी बंद कर दी दक्षिन में भी आप देखेंगे तो निजाम का जो kingdom था वो सबसे बड़ा था उसके बाद Marathas फिर दिरे दिरे Marathas का kingdom बड़ा होता गया कैसे आपको मैं बताऊंगा और यहाँ दक्षिन में जो coastal cities हैं यहाँ पर ये जितने भी European powers हैं ये अपने पैर जमाना शुरू कर रहे थे जिसके बारे में हम third lecture में बात करेंगे अब मैं आपको बताना चाहता हूँ कि अगर आप भारत के best educators के द्वारा UPSC exam की तयारी करना चाहते हैं तो आप unacademy platform की साहिता से ये कर सकते हैं आपको unacademy पर daily live classes मिलती हैं and there are many free classes तो इसके लिए आपको कोई payment नहीं करना है all you need to do is visit the website register yourself और एक unlock code आपको use करना है register करते समय जिसका code का नाम होगा Mahipal that is my name तो आपको just महीपाल कोड यूज करके आप धेरो लाइफ फ्री क्लासेस को अनलॉग कर सकते हैं और कई सारे टेस्ट और क्विज आपके लिए अवेलेबल होंगे कॉमबैट इनिशियटिव चलता है लेकिन अगर आप बेस्ट एजुकेटर की क्लासेस को अनलिमिटेड टाइम तक देखना तो उसके लिए आपको एक course avail करना होगा, एक subscription लेना होगा, तो Unacademy पर basically दो तरह के subscription है, plus subscription and iconic subscription, plus subscription में आपको live classes मिलेंगी, best educators के द्वारा, और जो चाहे आप course में 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औरंगजेब की डेथ के बाद उसके जो बेटे थे वो बेटे ही 60 की उम्र क्र और Battle of Zajau नाम की एक important लड़ाई थी जिसमें दो सबसे जो बड़े संध है उनके बीच में लड़ाई हुई जीता कौन भाधदुर्शा वन और भाधदुर्शा वन ठीक है ओरिजिनली भादोर शाह का नाम था प्रिंस मौज्जम इसकी खुद की अपने पिताजी से नहीं बनती थी औरंग जेब बिलकुल इनको पसंद नहीं करते थे लेकिन अल्टिमेटली इनोंने जो जाधातर नोबल्स हैं उनको अपनी साइड कर लिया और ये जो लड़ तो आप सोची कि इतने बड़े empire में इतने resources थे इतनी सेनाय थी तो सारे भाईयों ने कोई ना कोई राजा को किसी ना किसी noble को दरबारी को अपने side कर लिया था और ये लड़ाई कोई एक दो दिन नहीं चली थी कई महीनों तक चली थी लड़ाई और इसका नतीजा आते आते ह राजा बने बाच्चा बने तो 63 साल के थे खुद दादा जी बनने की उम्र में य और दो साल लड़ाई लड़कर बने थे तो आप उमीद कर सकते हैं कि किस तरह का शासन रहा होगा ओविसली बहुत लंबी इस एज में रूल पॉसिबल ही नहीं था तो बहदुर शा जो था उसने बहुत लंबा समय देखा था अपने पिताजी के अंडर में लड़ाईयां बह उन नोबल्स तक को इसने माफी दे दी और उनको बड़े बड़े पदों पर भी बिठा दिया कि नहीं तुम बैठो अच्छे से रूल करो मेरी हेल्प करो गवर्णिंस में फिर उसने राजपूत्स के साथ पॉलिसी ओफ सेटलमेंट अपना ही जैसे आमेर के जो राजा है जो श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श् captivity से आजात किया गया था यह भी एक reason है जो काफी हद तक ठीक और यही हुआ था मराठास में आपस में ही लड़ाई चलती गई एक war of succession वहाँ पर भी चल रहा था लेकिन वो मुगल war of succession जितना बड़ा नहीं था भाद दुर्शा ने अपना अगला ध्यान केंद्रित किया पंजाब की तरफ तो पंजाब में सिखों के जो दसवे गुरू थे गुरू गोबिन सिंग्जी उनकी 1708 में death हो गई थी लेकिन उन्होंने अपनी death से पहले सिख कॉम को एक martial कॉम के रूप में स्थापित कर दिया थ इस्टाब्लिश हुआ था उसको आगे बढ़ाया था बंदा सिंह भाध्दुर ने तो इनकी गोविन सिंह जी की डेथ के बाद बाब इसी revolt को खत्म करने की कोशिश बहुत दुर्शाने करी उसने खुदने एक campaign भी lead किया लेकिन वो इतना successful नहीं हो पाया कुछ समय successful होता था कभी नहीं भी होता था basically जो Sikh थे वो Punjab के plains वाले area से Himalaya के जो foothills वाला region है यानि कि जो पहाड़ी शेत्र है कुछ-कुछ समय के लिए वहाँ चले जाते थे हाला कि एक time ऐसा भी आया था कुछ महीनों का जब सतलच से लेकर यमुना नदी तक almost दिल्ली के border तक Sikh control आ गया था लेकिन फिर से उन्हें push back कर दिया गया और वो पहाड़ों तक चले गया तो ये forward backward चलता गया बेसिकली जो सिख मुवमेंट है वो मुगल रॉयल्टी को डिरेक्टली चैलेंज कर रहा था और ये ज़ादा खतरनाक था क्योंकि दिल्ली के बहुती नज़दीक था ये टोस डिरेक्टली थ्रेटनिंग दिल्ली और बन्दा सिंग बहातदुर जो है उन्होंने बिल्कुल र तो भाददुर्शा की बहुत कोशिश के बावजूद सिख मुवमेंट पूरी तरह से क्रश नहीं हो पाया क्योंकि मैंने आपको बताया कि वो क्या करते थे पहाड़ों की तरफ जाकर रहने लग जाते थे जो हिमालेन फुट हिल्स हैं वहाँ पर लेकिन भाददुर्शा जो खुद एजट था उसकी डेथ हो गई 1712 में तो काफी कुछ करना चाहता था लेकिन उम्रे ने साथ नहीं दिया और भाददुर्शा की डेथ के बाद क्या होता है मुगल एमपायर अगले 10 साल के लिए और ज़ादा के ओस में चला गया क्य एक साल के लिए बादशा बना जहंदर शाँ जहंदर शाँ ने रेवेन्यू सिस्टम को चेंज करने की कोशिश करी इस रास सिस्टम लेकर आया जो एक रेवेन्यू एक तरह से रेंट फार्मिंग का तरीका होता है जिससे कि एमपायर की फाइनेंशल हालत सुधरे उसने जजि फारुक सियार जो है फारुक सियार ने जहंदर शाह को मार दिया with the help of सैयद ब्रदर्स उसी तरह से वो सत्ता पर काबिज हुआ था सैयद ब्रदर्स जो है ये दो भाई थे जो काफी powerful nobles थे दरबारी थे लेकिन ये king maker के रूप में सामने आते हैं कुछ सालों के लिए almost 6-7 साल सेविंटीन फिफ्टीन में फाइनली मुगल आर्मी बावा बंदा सिंह बहतदूर के आर्मी को डिफीट करने में हराने में सक्सेसफुल रहती है पंजाब में उनको हरा कर दिल्ली लाया जाता है दिल्ली में उनका एक्सिक्यूशन होता है और फाइनली उस समय के लिए कुछ आसव जा कौन व्यक्ति है आसव जा जो है ये औरंग जेब के बहुती खास जनरल हुआ करते थे औरंग जेब इनको काफी पसंद करता था क्योंकि ये वहाँ वाला किला फते करला थे ये आसव जा तो आसव जा अच्छे खासे किले फते करके लड़ाईया लड़के और औरं� तो लगबग लगबग 37, 38, 40 साल के हो गए तो आसफ जाने अरली रेटायरमेंट ले लिया बोले कि मेरा बहुत हो गया बहुत लड़ाई हां लड़ली अब मैं शांती का जीवन व्यतीत करूँगा तो इन्होंने सारे ओफिशल टाइटल छोड़ दिये और आराम से अपनी शा आसवजा जो है इनको पहले भी कई areas में governor की रूप में post किया गया था और अंग्जीब के द्वारा तो again he was made the Mughal Viceroy of Deccan तो Deccan एक बहुत important province था सबसे बड़े provinces में से एक था तो वहाँ पर बनाये गया Mughal Viceroy किसको फारुक सियार ने बनाया आसवजा को और इनको टाइटल दे दिया निजामुल मुल्क का Regulator of the Realm फतेजंग तो बहुत सारे टाइटल दिये गए इन फैक्ट निजामुल मुल्क को जितने टाइटल मिले हैं उतने पूरे मुगल एमपायर में शायद किसी को नहीं मिले होंगे तो आसवजा वन इनको क्यों कह रहे हैं क्योंकि अल्टिमेटली इसी आसवजा व्यक्ति ने अपनी एक डाइनेस्टी शुरू कर दी जिसको आसवजा ही डाइनेस्टी कहा जाता है हैदराबाद की तो इन्होंने डेकन का पहले इनको गवर्नर बनाया गया और बाद में अल्� उसके राज का सबसे important decision जो माना जाता है जो हमारे लिए exam point of view से important है वो है East India Company को दिया गया फारुक सियार का फर्मान तो फर्मान क्या है basically एक royal order है एक order दे दिया फारुक सियार ने कि East India Company को यह यह permission देता हूं मैं यहाँ पर यह व्यापार कर सकते हैं इतने रुपे इनको देन मिल जाए central government से यानि कि Mughal बाजशा से तो क्या है कि इनको हर जगे कोई भी officer रोक लेता था कोई भी governor इनके काम में टांग डा देता था तो ये सब चीज़ें इनकी solve हो जाती तो ये कोशिश तो बहुत सालों से कर रहे थे लेकिन successful नहीं हो रहे थे तो बार बार ये दर्बार में अपना वो भेजते थे request करते थे कि बाजशा सलामत हमें finally फारुक सियार के time पर जाकर इनको success मिली तो John Surman नाम का एक officer था East India Company का वो एक बड़ा mission लेकर गया कहा यह जाता है कि फारुक सियार माना क्यों क्योंकि फारुक सियार उस वक बिमार था और East India Company के एक doctor ने उसको ठीक कर दिया तो इसलिए फारुक सियार ने खुश होकर ये फर्मान जारी कर दिया इस फर्मान को Magna Carta of the East India Company भी कहते हैं Magna Carta basically किसी भी उस document को कहते हैं जो किसी भ क्या था? ब्रीफली बता देता हूँ, पहले राजाओं के उपर कोई रोक टोक नहीं होती थी, राजा जो चाहे कर सकता है, किसी को भी नोबल बना दिया, किसी को गवर्णर बना दिया, इस तरह की पावर होती थी, इंग्लाइंड में जो नोबल्स थे न, उन्होंने एक बार तो ऐसी चीजें ना हो इसके लिए nobles ने मिलकर ये राजा से sign करवाया document Magna Carta तो इसको कहा जाता है कि modern world में पिछले 500-800 सालों में कि दुनिया में जो constitutions की शुरुवात हुई है वो यही से हुई है तो आप ये term कई बार देखोगे कोई भी important document है तो उसको term कर दिया जाता है कि मदरास वहाँ पर ट्रेड कर रही थी लेकिन मुगल एमपायर के जो ओफिसर्स हैं वो उनको कुछ ना कुछ परिशान करते थे टैक्स वगेरा मांगते थे लोकल तो इन सब से बचने के लिए उन्होंने सेंटरल फर्मान जारी करवा लिया जैसे आजकल आपने सुना होगा इसका मैं आपको modern variation कैसे बताता हूँ मान लो कोई truck transport करता है आजके समय में तो हम उसके लिए e-way bill generate करते हैं GST के आने के बाद से e-way bill generate होता है तो अगर उस truck के पास उस सामान का e-way bill है तो उस truck को कोई कहीं नहीं रोक सकता जो भी सामान है उस छोटा मटा officer इनको रोक नहीं सकता परिशान नहीं कर सकता फिर कलकटा के आसपास इनको और जमीन रेंट करने की परमिशन मिल गई हैदराबाद में अलड़ी free trade की rights थी वो जारी रही मदरास में भी कुछ जमीन इनको extra मिल गई सूरत में इनको 10,000 रुपए annually देने थे और बाकी कोई duty तो basically कुछ पैसे देकर इनको infinite फर्मान East India Company के लिए important था अब आते हैं हम फिर से मुगल दर्वार पर तो देखो जो सायेद ब्रेदर्स थे जो किंग मेकर्स थे उनको फारुक सियार पसंद नहीं आ रहा था तो इन्होंने क्या गराब फारुक सियार को हटवा दिया पहले तो इसको बनाया था फिर इसको हटा दिया और कहां से हटाया छोटे छोटे समय के लिए बाजशा बनवा दी है रफेदूद दराजद रफेदूद दौला जिसको शाह जहां सेकंड का टाइटल दिया गया बिल्कुल ब्रीफ पीरियट्स के लिए तो इन्होंने ऐसे थ्रोन पर से चेंज करवाया बाजशा जैसे कि कोई डेली यहाँ पर मोहम्मद शाह रंगीला नाम का रंगीला उसका टाइटल था क्योंकि वह बहुत रंगीला व्यक्ति था यूज़ टू लाइक डांस एट्सेट्रा तो मोहम्मद शाह जो है वह 1719 में आता है थ्रोन पर ठीक है और मोहम्मद शाह को भी बेसिकली सैयद बरजस ही पहले सपोर् smart निकला उसने सैयद ब्रदस को मरवा दिया किसकी मदद से आसव जा निजामुल मुल्क the old retired general who was brought out of retirement तो निजामुल मुल्क की मदद से मुहमबच शाने सैयद ब्रदस को मरवा कर अपना रूल consolidate कर दिया और क्योंकि ये जवान था 18-19 रूल किया तो इसके 30 साल के रूल में कायदे से stability आ जानी क्योंकि इसमें वो दमखम नहीं था ये क्या नाज गाने का बहुत शौकीन था तो इसको रंगीला टाइटल दे दिया गया ये बस वेरी फॉंड आफ डांस आर्ट्स तो ये बस वो नाज गाने ही चलता रहता था दरबार में नहीं था 1721 में इसने क्या करा मुहमच शाने निजामुल्ख मुल्ख को ग्रांड वजीर की पदवी दे दी कि आप ग्रांड वजीर हैं पूरे एमपायर में सबसे इंपोर्टेंट हैं और ग्रांड वजीर बनते ही निजामुल्ख मुल्ख ने क्या कोशिश करी कि इस मुगल क जिनका actually में कोई power base नहीं है केवल वो दिल्ली के दरबार में उस एक palace के अंदर वो important बने हुए है उनके हाथ में सारा administration आता जारा था धीरे धीरे तो निजामुल मुल्क ने वो सुधारने की कोशिश करी ओबिसली nobles को अच्छा नहीं लगेगा उनको अपना power जाता हुआ दि तो इनको दिल्ली से ट्रांसवर करके भेज दिया गया अवध इनको बोला गया कि आप अवध के गवर्नर बनो ग्रांड वजीर निजामूल मुल्क आसव जाको ये बात पसंद नहीं आई इनोंने कहा कि मैं अवध नहीं जाओंगा मैं जाओंगा डेकन जहांपर मैं पहले भ तो जो डेकन में जो गवर्नर था उन्होंने इसके खिलाफ एक चोटा सा युद अभियान शुरू किया बैटल आफ साकर खेड़ा होती है जिसमें जो मुगल सुबेदार जो मुगल गवर्नर था डेकन का वो बुरी तरह से हार गया और आसफ जा जाकर बैट गए हैदराबा� तो एक understanding सी बन गई कि आसव जा एक तरह से de facto independent ruler है लेकिन formally उन्होंने अपनी independence गोशित नहीं करी उन्होंने यह नहीं कहा कि हम Mughal Empire से आजाद हैं यह बात नहीं गई थी लेकिन दुनिया में सबको पता था कि actually मैं यह आजाद हैं और यह अपने हिसाब से ही rule चलाएंगे फिर इनको challenge मिला Marathas की तरफ से तो Battle of Palkhed होती है जो की निजाम यानि कि आसवजा और मराठास के बीच में होती है और इस वक्त तक 1728 तक मराठा पेशवा बन चुके हैं बाजी रहो द फर्स्ट ठीक है तो यहाँ पर मराठास ने इनकी आर्मी को हरा दिया बैटल ओफ लेकिन ऐसा नहीं है कि इनकी सत्ता खत्म हो गई, वो basically एक power बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे, तो वहाँ पर he was checked by the Marathas, और ultimately Peshwa Bajirao जो है, he even invaded Delhi, ठीक है, दिल्ली तक पहुँच गये थे Peshwa Bajirao, वो हम Marathas की कहानी जो है, एकले lecture में discuss करेंगे, तो Marathas का जो northward expansion है, वो बहुत तेजी से आगे हुआ, during 1720s and 1730s, तो डेकन से जो major power जो major challenger बनकर निकला Mughal Empire के लिए that was Marathas क्योंकि आसवजा को कोई problem नहीं थी आसवजा ऐसा नहीं है कि army लेकर Mughal Empire पर चढ़ाई कर रहे थे he was very happy where he was लेकिन Marathas जो है उन्होंने धीरे धीरे MP का Malwa वाला area Gujarat and ultimately Bundelkhand तक जाकर सारे areas को अपने control में ले लिया इसी time पे 1720 वाला time period था 1730 वाला time period था जब Marathas expand कर रहे थे उसी समय Bengal, Awad और Punjab ये भी practically independent हो गए थे और इन मेंसे कई उन्हें tribute देने से भी मना कर दिया था तो देखिए Awad वहाँ पर एक अलग dynasty शुरू हो जाती है next lecture में discuss करेंगे Bengal में भी जो governor था उसने अपने आपको independent गोशित कर दिया और Marathas continuously northward expand कर रहे थे almost पूरा मद्धे प्रदेश और up till उत्तर प्रदेश प्रदेश वाला area इन्होंने अपने control में ले लिया था तो Mughal Empire का power तो बस practically दिल्ली के आसपास ही बचा था by the time 1740 आया Mughal Empire was not at all powerful हाँ अवध बेंगॉल निजाम ये सब कहते ये थे कि हाँ हम Mughal Empire के अधीन है हमारे बड़ा भाई है Mughal Empire और जब ज़रूरत पड़ेगी तब करते वो तबी थे जब उनकी मरजी होती थी ठीक है तो आप देख सकते हैं कि धीरे धीरे मुगल एंपायर कितना कमजोर हो गया है अवध बिहार बेंगॉल ये सब आजाद हो चुके हैं बिहार बेंगॉल तो एकी में था और यहाँ पर निजाम इंडिपेंडेंट हो गये है और मुगल आर्मी को बुरी तरह से हरा दिया, इस आर्मी इस लड़ाई में हला कि आसफ जाने हेल्प भेजी थी हैदराबाद से, लेकिन फिर भी वो आर्मी सामने टिक नहीं पाई, दिल्ली को बुरी तरह से लूटा गया, लाखों लोगों को मारा गया, और आप देखें ती पूरा खाली कर दिया नादिर शा ने इस दिल्ली के अटाक्ट में और नादिर शा ने केवल दिल्ली को लूटा नहीं था बलकि मुगल एमपायर की जितनी भी टेरिटरीज थी जो इंडस नदी के उत्तर में स्थित थी और टेरिटरीज नौर्थ एंड वेस्ट ओफ इंडस इस समय के बाद से कभी भी मुगल एंपायर वापिस इंडस को क्रॉस नहीं कर पाया फिर 1747 से 67 के बीच में एहमच्छा अबदाली जो कि अफगानिस्तान का नया रूलर बना था उसने अगें दिल्ली को बहुत बार इन्वेड किया मुगल एंपायर पर बहुत सारे हमले किये और एक जो फेमस हमला था दाट वोस इन 1757 और 1761 जब क्या होती है third battle of पानी पत ओके तो एहमच शाब दाली जो दुर्रानी डैनेस्टी का फाउंडर कहा जाता है जिनने He invaded Mughal Empire and Nadir Shah also invaded Mughal Empire तो ये दो major body blows आप कह सकते हैं Mughal Empire को मिले थे In the middle of 18th century अठारवी सदी के बीच में अब 1748 में Mughal Empire कौन बनता है एहमच शाब He was again a very incompetent ruler मतलब इतना incompetent कि इससे तो कुछ भी rule नहीं होता था इसके समय में सारा जो rule है वो कोई औरी करते थे महिलाएं और जो unitist थे court के वो सारा power हतिया के अपने हातों में बैठ गए थे ठीक है फिर 1754 में गाजी उद्दीन खान फिरोज जंग द थर्ड ये कौन है ये असवजा का grandson है असवजा वो हैदराबाद वाले उनका ये grandson है ठीक है इस the grandson of Nizam तो फिरोज जंग थर्ड इतना पावरफुल हो चुका था, मतलब आप देख रहे हो कि बाजशा वो लोग अंधा कर रहे हैं, मार दे रहे हैं जब भी उनका मन कर रहा है, और किसी को भी गद्धी पर बिठा रहे हैं, तो उसके बाद आलमगीर दे सेकंड को गद्धी पर बि� इतना कमजोर हो चुका है कि कुछ नहीं बचा है 1760 के बाद से Mughal Empire is very hollow तो ये जो 1707 से 1760 का almost 50 साल का period है इस period में Mughal Empire पूरी तरह से decline हो जाता है अब next video में मैं आपको बताऊंगा अवध और Marathas के बारे में Advent of Europeans से thank you very much for watching this have a great day