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डीसी मशीन का निर्माण और कार्य
Dec 3, 2024
DC मशीन का Construction और Working Principle
परिचय
DC मशीन
: एक electromechanical energy conversion device है।
Electromechanical
: इलेक्ट्रिकल एनर्जी को मैकेनिकल एनर्जी में और मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदलता है।
दो प्रकार की मशीनें होती हैं:
DC जनरेटर
DC मोटर
कंस्ट्रक्शन
बाहरी भाग: स्टेटर
योक (Yoke)
: मशीन की outer frame होती है।
कार्य
:
मैकेनिकल स्ट्रेंथ प्रदान करता है।
डैमेज से पूरी इंटरनल असेंब्ली को बचाता है।
लो रिलक्टेन्स पाथ प्रदान करता है जिससे मैग्नेटि क फ्लक्स को ब्लॉक नहीं किया जाता।
सामग्री: कास्ट आयरन या सिलिकॉन स्टील।
अंदरूनी भाग: रोटर
पोल्स (Poles)
: चार मैग्नेटिक पोल्स होते हैं।
पोल कोर
और
पोल शू
:
पोल कोर: सिलेंड्रिकल शेप का होता है।
पोल शू: प्रोजेक्टेड होता है और वाइंडिंग को पकड़ता है तथा मैग्नेटिक फ्लक्स को यूनिफॉर्म करता है।
सामग्री: लमिनेटेड स्टैम्पिंग और सिलिकॉन स्टील से बने होते हैं।
आर्मेचर
आर्मेचर कोर
: सिलेंड्रिकल शेप का होता है, लमिनेटेड स्टैम्पिंग से बना होता है।
कॉन्डक्टर और स्लॉट्स
: कॉन्डक्टर स्लॉट्स में रखे जाते हैं।
कम्युटेटर और ब्रश
कम्युटेटर
: DC को AC और AC को DC में कन्वर्ट करता है।
ब्रश
: करंट को कलेक्ट करने में मदद करते हैं, आमतौर पर कार्बन के बने होते हैं।
वर्किंग प्रिंसिपल
DC मोटर:
DC सप्लाई
: फील्ड वाइंडिंग को सप्लाई दी जाती है।
मैग्नेटिक फील्ड
: आर्मेचर पर फील्ड वाइंडिंग द्वारा मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न होती है।
टॉर्क डेवलपमेंट
: फॉराडे के सिद्धांत के अनुसार, जब कोई करेंट कैरिंग कंडक्टर मैग्नेटिक फील्ड को काटता है, तो उसमें टॉर्क उत्पन्न होता है।
रोटेशन
: कम्युटेटर DC सप्लाई को AC में बदलता है जिससे मोटर में रोटेशन होता है।
DC जनरेटर:
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन
: आर्मेचर में AC EMF जनरेट होता है।
DC आउटपुट
: कम्युटेटर AC को DC में बदलकर आउटपुट देता है।
करंट कलेक्शन
: ब्रशेज के माध्यम से करंट कलेक्ट किया जाता है।
निष्कर्ष
DC मशीन का काम मुख्य रूप से विद्युत ऊर्जा और यांत्रिक ऊर्जा के बीच परिवर्तन करने का है।
ब्रश और कम्युटेटर की भूमिका महत्वपूर्ण है।
सुझाव
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