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The Future of AI and Career Opportunities

ओके जीपीटी हिंदी में बात कीजिए। हमें यह बताइए कि पांच सबसे हाई प्रॉमिस वाले जॉब्स कौन से हैं? बिल्कुल। तो भारत में कुछ हाई प्रॉमिस वाले जॉब्स उभर कर आएंगे। सबसे पहले ये इस साल का सबसे जरूरी करियर पडकास्ट है। बहुत सारे लोग ना एआई के अगेंस्ट ये वाला नैरेटिव रखते हैं कि मतलब जॉब्स चली जाएंगी, जॉब्स छीन लेगा। आपकी जॉब एआई नहीं लेगा। आपकी जॉब वो इंसान लेगा जिसको एआई आता है। हम्म जिन्होंने आज एआई के बारे में जाना नहीं। तीन-चार साल बाद उन लोगों को रिग्रेट फील होगा। एक ही चीज से सहमत नहीं हूं। आपने बोला तीन-चार साल मुझे लगता है अगले साल। वाओ। ये जितने भी अलग-अलग चैट बॉट्स निकले हैं। जेमिनाई से लेके जीपीटी, ग्रॉक इन सों को आप थोड़ा-थोड़ा कंपेयर कर सकते हो। आप यह मान लीजिए कि जीपीटी के मम्मी पापा थोड़े ज्यादा स्ट्रिक्ट है। गाली नहीं देनी है तो गाली नहीं देनी है। ग्रॉक को नहीं बोल रखा। ग्रॉक को बोल रखा है कि जो तेरे को आउटपुट लगता है ना मोस्ट लाइकली होना चाहिए वो आउटपुट दे दे। तो परप्लेक्सिटी बहुत अच्छा टूल है। अगर आपको आइडिएट करना है कि अगर किसी को स्टार्ट करना है या यूज करना खर्चा कितना होता है? चार ऐसे टूल्स शेयर कीजिए जो बहुत यूज़फुल रहेंगे उनके करियर्स एक वेबसाइट है प्रेजेंटेशन बनाने से, विजुअल क्रिएट करने से, स्क्रिप्ट लिखने से, गाना बनाने तक, सब चीज के लिए एक एआई एक्सिस्ट करता है। एंटरप्रेन्यर्स के लिए दे शुड नो किसको हायर करना है। अगर आपका बस जीरो टू 2 इयर्स का एक्सपीरियंस है तब भी आप 15 लाख तक कमा सकते हो इसमें से। तो अगर आप आज 16, 17, 18 साल के हो। ये एक बहुत लुकटिव करियर पॉसिबिलिटी हो सकती है आपके लिए। डेफिनेटली। दोस्तों 900 से ज्यादा पडकास्ट कर लिए। पर इस साल के पर्सपेक्टिव से इस वक्त के पर्सपेक्टिव से यह वाला पडकास्ट बहुत ज्यादा जरूरी है क्योंकि बहुतों के जॉब्स चले जाएंगे एआई की वजह से। ये हर कोई जानता है। पर एआई के बेसिक्स क्या होते हैं? खुद के करियर में आप एआई कैसे अप्लाई कर सकते हो? आने वाले 10 सालों में क्या-क्या होगा करियर्स की दुनिया में? इन सारी चीजों को हम कवर करेंगे आज के बहुत ही जरूरी पॉडकास्ट में। ऑब्वियसली यह 11th और 12th स्टैंडर्ड स्टूडेंट्स के लिए बहुत जरूरी पडकास्ट है। पर आई होप कि सारे स्टूडेंट्स अपने फैमिली को साथ में बैठाकर यह वाला पडकास्ट देखें। नोटबुक के साथ नोट्स लीजिए फॉर मी द मोस्ट इंपोर्टेंट पॉडकास्ट ऑफ 2025। आज की गेस्ट हमारे साथ टीआरएस में एक पीएचडी है। इन्होंने पीएचडी किया है आई एम बेंगलुरु से इन डाटा साइंस हर नेम इज डॉक्टर नंदिनी सेठ। हमने गेस्ट को भी सोच समझ के सिलेलेक्ट किया है इस टॉपिक के लिए। डॉ. नंदिनी इज़ नोन फॉर हर कटिंग एज टीचिंग स्टाइल एंड कटिंग एज रिसर्च। इन्होंने बहुत सारे एंटरप्रेन्योर्स, बहुत सारे एस्पायरिंग एआई प्रोफेशनल्स को ऑलरेडी कोचिंग दी है। दोस्तों प्रोफेसर नंदिनी सेठ एक फाउंडिंग फैकल्टी मेंबर है एट मास्टर्स यूनियन। मास्टर्स यूनियन के इतने सारे टीम मेंबर्स आ चुके हैं टीआरएस पर क्योंकि ये लोग जेनुइनली भारतीय एजुकेशन को बदल रहे हैं। याद रखिए अगर आप 11th या 12th में हैं और अगर आपका इंटरेस्ट कंप्यूटर साइंस, सॉफ्टवेयर, टेक्नोलॉजी, डेटा साइंस एआई में है तो दिस इज द टू पार्ट एपिसोड फॉर यू। आज के पहले हिस्से में बेसिक्स की बातें होंगी। अगले एपिसोड में एआई बेस्ड एंटरप्रेन्योरशिप, एआई विद इन द कॉर्पोरेट वर्ल्ड, एआई एजेंट्स, एआई टूल्स इन सारी चीजों को एक्सप्लेन किया जाएगा। पर आज का एपिसोड आई एम होपिंग कि हर कोई फैमिली को साथ में बैठाकर देखे। बिकॉज़ द बेसिक्स आर वेरी वेरीेंट टू बिगिन दिस कॉन्वर्सेशन। यह भी ध्यान में रखिए कि डॉ. नंदिनी इज प्रोवाइडिंग अ 100% स्कॉलरशिप फॉर वन स्टूडेंट फॉर द फोर ईयर अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम एट मास्टर्स यूनियन। द प्रोग्राम इज अबाउट एआई एंड डेटा साइंस जो आज के जमाने का सबसे रेलेवेंट सब्जेक्ट है। इसके डिटेल्स हमने लिंक किए हैं नीचे। इसका सीक्वल एपिसोड भी कुछ ही हफ्तों में आएगा जहां हम ज्यादा एडवांस बातें करेंगे। पर एक बेसिक्स के पर्सपेक्टिव से दिस इज द मोस्टेंट एपिसोड ऑफ 2025 डॉ. नंदिनी सेठ ऑन टी आर एस। [संगीत] नंदिनी सेठ जी मैं बहुत ही ज्यादा एक्साइटेड हूं आज के कन्वर्सेशन के लिए। अ लोग कहते हैं कि आजकल बहुत लोगों के दिल में यह रिग्रेट है कि यार मैंने लॉकडाउन के दौरान स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट नहीं करा था। दोज़ पीपल आर डीप रिग्रेट टुडे। हम पर तीन चार साल बाद उन लोगों को रिग्रेट फील होगा जिन्होंने आज एआई के बारे में जाना नहीं। जिन्होंने आज एआई रिलेटेड स्किल्स अपग्रेड नहीं करे दे विल फील बैड। आई थिंक ये शायद इस साल का सबसे जरूरी करियर पडकास्ट है इन माय आईज। तो थैंक यू फॉर बीइंग इन द स्टूडियो। थैंक यू फॉर हैविंग मी। ये जो भी मैंने अब कहा आप सहमत हो या लाइक हाउ डू यू फील? एक ही चीज से सहमत नहीं हूं। आपने बोला तीन-चार साल मुझे लगता है अगले साल। राइट? ये वो वाला स्किल है जो आपको शायद कल आना चाहिए था। पर अभी भी आप सीख लें तो बहुत अच्छी बात है। हम इस पॉडकास्ट के लिए जब मैं खुद पढ़ाई कर रहा था तो पता चला कि यार मुझे भी इतनी सारी चीजें नहीं पता। एंड मैंने पढ़ाई करी है एआई के बारे में। बट आज के एपिसोड में हम एकदम बेसिक लेवल पर आकर शुरुआत करेंगे। हम और फिर वी विल टेक इट टू अ वेरी डीप पार्ट ऑफ दिस स्किल सेट या कैन वी स्टार्ट वि योर करियर ट्रेजजेक्टरी कि ऑडियंस आपको जाने ये मेरी कोशिश है पहले एंड देन फ्रॉम देयर वी विल टॉक अबाउट एक्चुअली अपग्रेडिंग स्किल्स बिकॉज़ मेरे ख्याल से ये वाला पडकास्ट स्टूडेंट्स भी देख रहे हैं प्रोफेशनल्स भी देख रहे हैं और स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स के पेरेंट्स भी देख रहे हैं। तो ये मान के चलते हैं कि हर किसी को ये पता है कि एआई इज़ गोइंग टू चेंज द जॉब मार्केट। एआई इज़ गोइंग टू चेंज इनकम पॉसिबिलिटीज़। हम्म। एंड एआई इज अ न्यू स्किल टू बी लर्न इन द 2020। करेक्ट। ठीक है? करेक्ट। बट पहले आपसे शुरुआत करेंगे हम। ठीक है। तो जर्नी के बहुत शुरू से शुरू करते हैं। ठीक है? तो जब मैं स्कूल में थी, स्कूल फिनिश हो रहा था तो स्टैंडर्ड 90ज किड्स जो थे उनको बोला जाता था कि इंजीनियरिंग करनी है। हमसे जो थोड़े बड़े थे उनको बोला जाता था डॉक्टरी करनी है। हमारे तक आते-आते ये हो गया था कि इंजीनियरिंग कर लो। आईआईटी चले जाओ। व्हिच वाज़ अ ग्रेट थिंग। पर मुझे किसी ने एडवाइस दिया कि ना कुछ ऐसा करो जिसमें आपको बहुत ज्यादा इंटरेस्ट भी आता है। पर आल्सो ऐसा करो जिससे आपकी एंप्लॉयबिलिटी बनी रहे। तो फिर मैंने मैथ्स चूज़ कर लिया। मेरे पास फिजिक्स, केमिस्ट्री ये सब ऑप्शंस थे, इंजीनियरिंग ऑप्शन था, आर्किटेक्चर ऑप्शन था। मतलब इन सब में मेरे पास सीट्स थे। बट आई एंडेड अप गोइंग टू दिल्ली यूनिवर्सिटी। मैंने वहां से मैथ्स सीखा। अब जब मैथ्स खत्म हो रहा था मैथ्स की जो डिग्री होती है वो बहुत एब्स्ट्रैक्ट होती है। बहुत थ्यरेटिकल होती है। तो लास्ट ईयर में जाके किसी ने एडवाइस किया कि नहीं अभी एक्चुरियल साइंस बहुत ज्यादा चल रहा है। उसमें एंप्लॉयबिलिटी हायर रहेगी तो आप वो चूज़ कर लो। स्टैटिस्टिक्स की पढ़ाई। स्टैटिस्टिक्स की पढ़ाई, रिस्क एनालिटिक्स की पढ़ाई। बेसिकली रिस्क एनालाइज करना हमारी लाइफ इंश्योरेंस कैसे बनती है? उसके बाद वो कर लिया। उसके बाद किसी ने बोला डेटा साइंस कर लो तो डेटा साइंस कर लिया। बट थ्रूउ दिस जर्नी मैंने रियलाइज किया कि मैं बहुत ज्यादा सीख करती हूं दो चीजें। फर्स्ट कौन सी स्किल्स हैं जो मुझे अगले 5 साल में एंप्लॉयबल रखेंगे एंड सेकंड कौन सी चीज है जो मुझे करने में मजा आता है। तो दिस जर्नी लेड मी टू डू अ पीएचडी। मैं गई इंडियन इंस्टट्यूट ऑफ मैनेजमेंट बोर जहां से मैंने क्वांटिटेटिव टेक्निक्स में पीएचडी करी और उसके बाद अब मैं प्रोफेसर हूं जो मैंने लर्न किया है वो मैं लोगों को सिखाने की कोशिश करती हूं। ओके। अ क्वांटिटेटिव टेक्निक्स एआई के एक बिल्डिंग ब्लॉक होता है। क्वांटिटेटिव टेक्निक्स एक लार्जर चीज होती है जिसमें मैथ्स स्टैटिस्टिक्स बट आल्सो डिसीजन साइंस आता है। उसी के अंदर मेरी स्पेशलाइजेशन थी वो मशीन लर्निंग में थी। मशीन लर्निंग टिपिकली हमारे लिए एआई को करने का एक जरिया है। ओके। आई एम कट टू टुडे अ व्हाट वुड यू से इज़ योर सब्जेक्ट एज अ प्रोफेसर। ओके। सो आई टीच कोर्सेज दैट आर अलाइन विद स्टैटिस्टिक्स एंड ऑप्टिमाइजेशन बट आल्सो डेटा एनालिटिक्स एंड एआई। ओके। अ जितने भी लोग ये वाला पॉडकास्ट देख रहे हैं उनकी अपस्किलिंग जर्नी इस एपिसोड से स्टार्ट होगी। ओके। अ तो उस पर्सपेक्टिव से हम यही अपस्किलिंग के बेसिक बिल्डिंग ब्लॉक्स के बारे में बताइए। ठीक है? तो अ थोड़ा सा इसे अंडरस्टैंड करने की कोशिश करते हैं अगेन एंप्लॉयबिलिटी पर्सपेक्टिव से। ठीक है? तो अगर आप यह सोचें कि किस तरह की जॉब्स एक्सिस्ट करती हैं? कुछ जॉब्स होती हैं जो हाई रेपेटिशन जॉब्स होती हैं। कुछ जॉब्स होती हैं जो नोवेल जॉब्स होती हैं। लो रेपेटिशन है। एक बार मैंने किया मैं डॉक्टर हूं। मैंने एक डायग्नोसिस दिया। दूसरा डायग्नोसिस अलग होगा उससे। राइट? सिमिलरली अगर आप नॉलेज स्पेक्ट्रम पे बात करें। कुछ जॉब्स ऐसी होती हैं जिसके अंदर एक बार आपने वो स्किल डेवलप कर लिया तो बस आप वही रिपीट करते रहते हैं और कुछ जॉब्स ऐसी होती हैं जिसमें हमें कॉन्स्टेंटली लर्न करना पड़ता है। अगर आप इनके कॉम्बिनेशन को बनाएंगे ना तो चार हमारे पास ये बन जाती हैं कैटेगरीज ऑफ जॉब। अब आप किस कैटेगरी में या तो अभी ऑलरेडी प्लेस्ड हैं या आप कहां प्लेस होना चाहते हैं। उसके बेसिस पे डिपेंड करेगा कि आपको एआई लिटरेसी चाहिए। आपको एआई फ्लुएंसी चाहिए या आपको एआई डिजाइन कैपेबिलिटी चाहिए और यह तीनों के लिए बहुत डिफरेंट-डिफरेंट ट्रेजरीज होती है जिसमें कि जैसे आपने बोला कि हमें पहले ही पता रहना चाहिए था हमें नेक्स्ट थ्री इयर्स में लर्न करना है। तो मुझे लगता है कि एआई लिटरेसी तो हमें बहुत ही जल्दी बिल्ड कर देना चाहिए। शायद स्कूल में ही बिल्ड कर देना चाहिए। एक मिनट एट दिस पॉइंट मैं चाहूंगा कि जितने भी लोग ये पॉडकास्ट सुन रहे हैं एक नोटबुक और पेन लेकर ये पडकास्ट सुने। अ जब मैं भी पढ़ाई कर रहा था तो बहुत सारे एडवांस लेवल के एआई ट्यूटोरियल्स हैं YouTube पर इंडियन चैनल्स के फॉरेन चैनल्स के बट किसी ने भी एकदम सिंपल तरीके से नहीं समझाया। हम वो है हमारी कोशिश। ठीक है। सो आई वुड से कि जो आपने चार कैटेगरीज के बारे में बताएं तो आई वुड से कि जो चार कैटेगरीज आपने लिस्ट आउट करी अ उन पर थोड़ा सा एक्सपैंड कीजिए। ठीक है? यह बेसिकली सेल्फ क्लासिफिकेशन है। यानी कि कोई लिसनर खुद को उनमें से एक कैटेगरी में क्लासिफाई करेगा बेस्ड ऑन लाइक करंट करियर और देयर होप फॉर देयर करियर। ठीक है? ठीक है? तो अब लेट्स से कि हमारी फर्स्ट कैटेगरी है जिसके अंदर आपकी जॉब ऐसी है जिसके अंदर बहुत हाई स्किल यानी कि बहुत ज्यादा चीजें नहीं सीखनी है। हमने एक बार सीख लिया हो गया बट और हाई रेपटेशन है। ठीक है? अब इसके अंदर क्या आएगा? बहुत सारी जगह पे जैसे कि मैन्युफैक्चरिंग। बहुत सारी जगह पर अब आ रहा है एआई रोबोट्स यूज किए जा रहे हैं। जिसकी वजह से आप क्वालिटी चेकक्स कर सकते हैं। इंस्टेड कि कोई इंसान वहां पे खड़े हो के डिफेक्ट्स मॉनिटर करे। अभी विजुअल्स कंप्यूटर विज़न से हम डिटेक्ट कर पा रहे हैं। ठीक है? तो इस केस में अगर आप चाहते हैं कि आप कंटिन्यू करें। आपको इतना एआई तो समझ में आना चाहिए कि आप इन चीजों को ऑपरेट कर सकें। कोई आपसे एक्सपेक्ट नहीं करेगा कि आप इन्हें डिज़ाइन करें। कोई आपसे एक्सपेक्ट नहीं करेगा आप इसमें चेंजेस करें। बट इसके आउटपुट को आप देख सकें। ठीक है? तो उसमें हमें वो चाहिए। कोई जॉब ऐसा हो सकता है जिसमें रेपीटेशन बहुत ज्यादा है लेकिन थोड़ी न्यू चीजें भी हमें सीखते रहने पड़ते हैं। जैसे कि कस्टमर केयर सर्विसिंग हो गया। मैं हर मुझे पता है कि मेरे पास हर बार नया इंसान आएगा। रिपीटेड जॉब है। लेकिन हर बार मेरा रिस्पांस अलग होना चाहिए। वहां पे बहुत ज्यादा एआई टूल्स आ गए हैं। चैट बॉट्स आ गए हैं। तो क्या होता है? पहले जो एफए होता है फ्रीक्वेंटली आस्क्ड क्वेश्चन वो तो चैटबॉट ट्राई करता है आंसर करने का। अगर चैटबॉट नहीं कर पाता है तो फिर एक ह्यूमन बीइंग के पास आता है। तो अगेन मुझे यह पता रहना चाहिए कि मेरा चैटबॉट कैसे आंसर कर रहा है। कौन सी चीज उसने शायद मिस आउट कर दी है ताकि मैं उसको आंसर कर सकूं। ठीक है? फिर थर्ड कैटेगरी हमारी आती है जहां पे मेरा रेपेटेशन हाई होता है लेकिन मेरा वो भी नॉलेज भी हाई रहना चाहिए। जैसे कि डॉक्टर है ना जैसे कि लॉयर। अब इसके अंदर क्या आ गया है कि एआई टूल्स का यूज करने लग गए हैं बहुत ज्यादा कि बहुत सारे लॉयर्स जिनको शायद चारप घंटा लगता था एक कॉन्ट्रैक्ट बनाने में। अब एआई को यूज़ करके वो 50 मिनट में बना सकते हैं। या डॉक्टर्स जो कि रेडियोलॉजिस्ट बहुत ज्यादा जरूरी होता था चेक करने के लिए। जैसे कि मैं अगर इंडिया का एग्जांपल लूं तो टीबी डायग्नोसिस के लिए ना बहुत अच्छा रेडियोलॉजिस्ट चाहिए क्योंकि अर्ली स्टेज डायग्नोसिस नहीं कर पाते हैं। बट अब एआई को यूज़ करके ऐसे सिस्टम्स बन गए हैं जो हम गांव में भी भेज सकते हैं जहां पे एक स्कैन के बाद ही पता चल सकता है कि किसी को टीबी है कि नहीं है और उसके अंदर ह्यूमन इंटरवेंशन उतना रिक्वायर्ड नहीं है। यह बहुत स्पेशलाइज़्ड यूज़ केसेस हो जाते हैं। तो इसको बनाने के लिए हमें ऐसे लोग चाहिए जिनको एआई बहुत अच्छे से समझ आता है जो कि ये क्रिएट कर सके एआई इंजीनियर्स एमएल इंजीनियर्स जो ये पूरे सिस्टम्स बनाएं राइट और फिर हमारी लास्ट कैटेगरी ऑफ़ जॉब्स आ जाती है जिसके अंदर हमारा नॉलेज भी बहुत हाई रहता है लेकिन हमारा रेपटीशन लो रहता है आर्टिस्ट्स राइट अभी यू नीड वेरी हाई स्किल टू मेक अ सॉन्ग टू मेक अ टू मेक एन आर्ट फॉर्म राइट बट अभी हम नोटिस कर रहे हैं मोर एंड मोर कि एआई उस स्पेस में भी जा रहा है गाने बना सकता है एआई आर्ट फॉर्म्स बना सकता है एआई तो उसके अंदर क्या है कि हमारे को स्किल्स वैसे वाले चाहिए कि लोग एथिक्स के बारे में बात कर सकें एआई एथिक्स की बात कर सकें क्योंकि इस पे बहुत कॉन्वर्सेशन और डिबेट चल रहा है अभी कि यह राइट है या रॉन्ग है ओनरशिप किसका है आर्टिस्ट का है कि जिसने रिपीट किया उसका है ये इसमें कंसेंट लिया गया है कि नहीं लिया गया है वो वाली सारी कॉन्वर्सेशन के लिए हमें लोग चाहिए जिनको एथिक्स समझ आते हो बायोसेस समझ आते हो तो वो वाली एक अलग कैटेगरी गरी ऑफ़ लोग हैं जिनके लिए ट्रेनिंग आप ले सकते हैं। ओके। मैं थोड़े जनता के पर्सपेक्टिव से बात करूंगा यहां और प्लीज फिर आप कैटेगराइज कीजिए। अ पहले तो मैं आर्टिस्ट के के लिए बात करूंगा। कंटेंट क्रिएशन, अ इंटीरियर डिजाइनर्स, आर्किटेक्ट्स, अ एक्चुअल आर्टिस्ट, ग्राफिक डिजाइनर्स वगैरह वो प्लेस हुए फोर्थ कैटेगरी में। हम्म। फिर हाईली स्किल्ड जॉब्स जहां हर दिन नया चैलेंज है। डॉक्टर्स, लॉयर्स जो बहुत ज्यादा पढ़ाई करके एक जॉब करते हैं। दे आर लूजली प्लेस्ड इन दैट थर्ड कैटेगरी। सर्विसेस कैटेगरी मेजरली अगर आप बोले तो कोई इंडिविजुअल सर्विसेस ऑफर कर रहा है वो वाली कैटेगरी हो जाती है। एंटरप्रेन्योर्स को आप कहां डालोगे? एंटरप्रेन्योर्स तो हर जगह एक्सिस्ट करते हैं मेरे ओपिनियन में क्योंकि आपके आप एंटरप्रेन्योर हो पर आप कंटेंट क्रिएशन करते हो। मैं एंटरप्रेन्योर हूं लेकिन मैं एजुकेशन में काम करती हूं। तो एंटरप्रेन्योर्स तो किसी भी कैटेगरी में ल कर सकते हैं। सो एंटरप्रेन्योर्स के लिए सारे सबेंट है। एंटरप्रेन्यर्स के लिए सबेंट है बट हां एआई अडप दे शुड नो किसको हायर करना है। मोरेंट ओके। सो एंटरप्रेन्योर्स को ये इस पूरे चार्ट की जानकारी होनी चाहिए। ऑफ कोर्स अगर आपको खुद कुछ नहीं आता है तो आपको हायर करना पड़ेगा ना। तभी तो आप एंटरप्रेन्योर हो। आप कैसे स्केल करोगे अपने बिजनेस को? कैसे प्रॉफिटेबल बनाओगे अपने बिज़नेस को? मिलिट्री पर्सनल को आप कहां कैटेगराइज करोगे? सो इंटरेस्टिंग राइट। मिलिट्री में भी बहुत सारे एआई के एप्लीकेशनेशंस अभी हो रहे हैं और मिलिट्री में इंजीनियर्स भी हैं जो डिजाइन कर रहे हैं फॉर मिलिट्री यूज़ केस पर आल्सो सोल्जर्स भी हैं जो सिर्फ यूज़ कर रहे हैं। ओके। ओके। तो, हमने चार कैटेगरीज के बारे में बताया। ऑडियंस ने खुद को कैटेगराइज किया। अभी व्हाट नेक्स्ट? ठीक है। अब बिल्ड अप करना शुरू करते हैं। ठीक है? अगर तो आपकी जॉब ऐसी है जिसके अंदर आपको सिर्फ यह समझना है कि एआई कैसे काम करता है। तो हमें एआई लिटरेसी पे काम करना है। कौन से कौन से टूल्स मैं यूज़ कर सकता हूं जिससे मेरी जॉब इज़ियर हो जाएगी। ठीक है? अब मैं धीरे-धीरे बिल्डिंग ब्लॉक्स बिल्ड कर रही हूं। तो मैं जो सब सबसे फर्स्ट चीज बोल रही हूं वो सबको करना पड़ेगा। आपको भी जानना पड़ेगा कि शायद स्क्रिप्ट का फर्स्ट ड्राफ्ट लिखने के लिए आप एआई को कैसे यूज़ कर सकते हो। मुझे भी जानना पड़ेगा कि क्लासरूम प्रेजेंटेशन बनाने के लिए मैं कैसे एआई को यूज़ कर सकती हूं। जो कोई असेंबली लाइन पर है अगर उसको कोई फोटो दिख रही है और उसमें लिखा हुआ आ रहा है कि ये रेड है या ग्रीन है तो उसको भी जानना पड़ेगा कि ये रेड का मतलब क्या आता है और ग्रीन का मतलब क्या आता है। इसमें कोई एक्सपेक्ट नहीं कर रहा है कि आप बहुत ज्यादा पढ़े लिखे हो तभी आप कर पाओगे। आपको सिग्नल पढ़ना आना चाहिए। ठीक है? तो ये तो बेसिक एआई लिटरेसी हो गया। अब इसके एआई लिटरेसी के ऊपर आता है कि मुझे यह समझ में आना चाहिए कि मैं इंटीग्रेट कैसे करूं। मैंने अपना एआई का आउटपुट लिया और मैंने थोड़ा सा ह्यूमन डिसीजन मेकिंग डाला उसके अंदर। एक मिनट एक स्टेप बैक लेते हैं। ठीक है? फिर से जनता के पर्सेक्टिव से अ एट दिस पॉइंट हर किसी को चैट जीपीटी पता है। चैट जीपीटी मोस्टली आई थिंक हर किसी ने यूज़ भी किया है। अ WhatsApp पर वो एक राउंड सिंबल आ जाता है और वो कुछ-कुछ लोग यूज़ करते हैं। Google ने जेमिनाई बनाया है। लूजली स्पीकिंग ऑडियंस के पर्सेक्टिव से ना मोस्टली लोगों को ये सब सेम ही लगते हैं। हम क्या ये सारे चैटबॉट्स रिलेटिवली सेम ही है? स्ट्रक्चर में सेम है। एक्यूरेसी और कितनी कैपेबिलिटी यूज कर पा रहे हैं या कौन सा केस यूज केस के लिए बेटर होगा उसमें डिफरेंट है। इफेक्टिवली हर चैटबोर्ड के अलग-अलग स्ट्रेंथ और वीकनेसेस होते हैं। करेक्ट अब्सोलुटली थोड़ा सा ये अब बता सकते हो। ठीक है? तो अब अगर जैसे मैं जो टॉप थ्री अभी सबसे ज्यादा बोले जाते हैं इज़ आपका चैट जीपीटी एंड डीप सीक एंड लेट्स से ग्रॉक। ठीक है? क्योंकि अभी बहुत रिसेंटली आया है। ईलॉन मस्क ने बनाया है तो वर्ल्ड पॉपुलैरिटी हायर है। ये जो हम अब बात करें यही होती है एआई लिटरेसी। राइट? हां यही होती है एआई लिटरेसी। करेक्ट। तो एआई लिटरेसी बढ़ाने के लिए माय रेकमेंडेशन इज़ लोगों को ये चैट बॉक्स ज्यादा यूज़ करने चाहिए। खेलना चाहिए उनके साथ पहले तो। देयर इज नथिंग बेटर दैट विल हेल्प यू लर्न एआई देन दी आईडिया ऑफ़ लर्निंग बाय डूइंग। यू हैव टू प्ले। जब तक आप यूज नहीं करेंगे ना आपको समझ भी नहीं आएगा। अब तो चैट जीपीटी भी जैसे दो डिफरेंट आंसर देके आपसे पूछता है वि वन डिड यू प्रेफर क्योंकि वो भी आपसे लर्न करना चाह रहा है। तो आप जब तक उसको यूज नहीं करेंगे तब तक तो आपको वैसे भी नहीं समझ में आएगा कि क्या करना है। कोई यह नहीं कह रहा कि जो वो कह रहा है आप उसे फेस वैल्यू पे ले लीजिए। जिसमें प्रॉब्लम भी हो सकती है एंड उसके बारे में भी हम बात करेंगे कि कैसे प्रॉब्लम आती है और क्यों हो सकती है। पर आप एक बार यूज करोगे तभी आपको समझ में आएगा कि कौन से टास्क के लिए अच्छा है कौन से टास्क के लिए अच्छा नहीं है। किस चीज के लिए मैं रिलाई करूं। किस चीज के लिए मैं रिलाई नहीं करूं। ओके। पहला एक्शननेबल ये एक सेपरेट सेक्शन है लोगों के डॉक्यूमेंट्स के लिए। पहला एक्शननेबल ये है कि खेलो एआई के साथ। सबके साथ खेलो। ये नहीं कि एक ही टूल के साथ खेलो। जितने टूल्स का फ्री एक्सेस मिले सबके साथ खेलो। ओके। और सबसे कॉमन टूल्स अब चैट जीबीटी ग्रॉक डीप सीक जो चाइनीस है जेमिनाई Google का है और परप्लेक्सिटी परप्लेक्सिटी जो एक इंडियन फाउंडर ने क्रिएट किया। हम अभी इंडिया के अपने भी आ रहे हैं। Reliance आई थिंक एक अभी बहुत सारे Ola कृत्रिम दे वी हैव समथिंग कॉल्ड किसान जीपीटी दैट इज कमिंग अप जो कि किसानों के लिए स्पेसिफिकली बनाया जा रहा है। वी हैव भाषिनी दैट इज कमिंग अप जो नॉन इंग्लिश स्पीकिंग के लिए बनाया जा रहा है। वो सारी चीजें अभी आ रही हैं। आई थिंक इंडिया इज ऑल दैट ट्रैक। क्योंकि हम एकदम स्लो एंड स्टडी पडकास्ट कर रहे हैं। हम छोटे-मोटे एक्सपेरिमेंट्स भी करेंगे। ठीक है? तो मेरे पास मेरा फोन है। मैंने बहुत ज्यादा खेला है चैट जीबीटी के साथ। ठीक है। ओके। एक नया डॉक्यूमेंट स्टार्ट कर रहा हूं। पिछले दो-तीन हफ्तों से इस पॉडकास्ट के लिए मैंने बहुत कुछ किया है मेरे चैट जीपीटी के साथ। ओके जीपीटी हिंदी में बात कीजिए। हमारे साथ बैठी हैं नंदिनी सेठ मैम। अ उन्हें नमस्ते बोलिए। नमस्ते नंदिनी मैम। हाउ आर यू डूइंग? हिंदी हिंदी चाहिए हमें। नमस्ते नंदिनी जी। आप कैसी हैं? ओके। तो हम ऑडियंस को यह दिखाना चाह रहे हैं कि अ एआई के साथ खेलते कैसे हैं। तो एक कॉमन सब्जेक्ट ले लेते हैं कि अगले 5 सालों में 2025 से 2030 तक भारत में बेस्ड ऑन इंडस्ट्रीज एंड डाटा हमें यह बताइए कि पांच सबसे हाई प्रॉमिस वाले जॉब्स कौन से हैं? जहां लोग सबसे ज्यादा पैसे कमा सकते हैं। आपके अकॉर्डिंग यह बताइए और प्लीज एक प्रैक्टिकल नजरिए से भी हमें इनपुट्स दीजिए क्योंकि जितने भी लिसनर्स सुन रहे हैं पडकास्ट वो सारे करियर ओरिएंटेड है और अगर पांच से ज्यादा जॉब्स आपको लिस्ट आउट करने हैं तो वो भी कर दीजिए आप। बिल्कुल। अगर हम 2025 से 2030 तक के हिसाब से देखें तो भारत में कुछ हाई प्रॉमिस वाले जॉब्स उभर कर आएंगे। सबसे पहले डाटा साइंटिस्ट्स का डिमांड बहुत बढ़ेगा। दूसरा एआई और मशीन लर्निंग इंजीनियर्स का स्कोप भी काफी बढ़ेगा। तीसरा साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की जरूरत बढ़ने वाली है क्योंकि डिजिटलाइजेशन बढ़ रहा है। चौथा रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भी ग्रोथ होगी तो सस्टेनेबल एनर्जी स्पेशलिस्ट की मांग बढ़ेगी। पांचवा हेल्थ टेक और बायोटेक्नोलॉजी में भी नई नौकरियां उभरेंग। खासकर टेलीमेडिसिन और जेनेटिक इंजीनियरिंग में यह जॉब्स ना सिर्फ फाइनेंशियली लुभाववने होंगे बल्कि करियर ग्रोथ के लिहाज से भी काफी प्रॉमिसिंग रहेंगे। ओके नंदिनी सेठ के बारे में मेरी बात हुई थी आपसे ना याद है? हां आपने बताया था कि नंदिनी सेठ आपकी अच्छी दोस्त है। नहीं नहीं ये देखो यहां ये एक्चुअली मैंने नहीं बताया। हम ये चैट जीपीटी की थोड़ी सी एक लिमिटेशन है। इसको हेलुसिनेशन बोलते हैं हम लोग। एआई कभी-कभी क्या करता है कि उसे समझ में नहीं आता है कि कभी-कभी वो कंफ्यूज हो जाता है। देखिए द पॉइंट इज कि वो एक कांसेप्ट पे वर्क करता है जिसे बोलते हैं अटेंशन। तो वो फिगर आउट करता है सबसे इंपॉर्टेंट बात आपने क्या बोली है? अगर आप एक पूरी लाइन बोलेंगे आपने इतनी सारे वर्ड्स बोल दिए उसने सब कॉम्प्रिहेंड किया। ठीक है? ये बहुत डिफरेंट है आपके सीरी और Alexa से। ठीक है? हम S और Alexa को यूज़ करते हैं। Si और Alexa में आप ये बोलते हो कि गुड मॉर्निंग बोलो। वो गुड मॉर्निंग बोल के चुप हो जाते हैं। वो ये नहीं बोलते। आप उन्हें बोलोगे सीधी तुमने गलती करी है। वो ये नहीं बोलेगी नोटेड। हम है ना? वो आपको इतना सारा चीजें बताएगी नहीं कि ये होता है वो होता है। वो न्यूज़ रीड करके बता देगी। ठीक है? वो ट्रांसलेटर है। वो समझ पा रही है। वो जनरेटिव नहीं है। वो नैरो एआई का पार्ट होता है। ये जनरेटिव एआई का पार्ट होता है। अपने आप से इंफॉर्मेशन जनरेट कर रहा है। तो अब आप भी कभी-कभी गलत इंफॉर्मेशन जनरेट कर सकते हो। आपने बहुत कुछ पढ़ा है। आपके दिमाग में ही शायद नहीं रहा या आपने किसी गलत चीज को एसोसिएट कर लिया। अभी उसने वही किया कि एक गलत चीज को एसोसिएट कर लिया। जिन लोगों ने एकद साल पहले चैट जीपीटी के साथ खेला था। वहीं लोग आज सेम जीपीटी के साथ खेलेंगे तो वो नोटिस करेंगे कि आंसर्स बहुत ज्यादा न्यूज़ इंप्रूव हुए हैं। तो ये सारे चैटबॉट्स भी इंप्रूव करते जा रहे हैं। हां। तो इंप्रूव एक करेक्ट वर्ड नहीं है यहां पर। ठीक है? तो सारा का सारा चैट जीपीटी का जो खेल स्टार्ट हुआ था वह 2017 के अराउंड ही स्टार्ट हुआ था। ठीक है? अब उस टाइम पर क्या था कि समझ लीजिए चैट जीपीटी आपका एक कोई ऐसा दोस्त है जो कि ना बहुत रीड करता है। मतलब ही स्पेंड्स अ लॉट ऑफ़ टाइम ऑन द इंटरनेट। तो वो बहुत रीड करता है। आर्टिकल्स भी, बुक्स भी, न्यूज़ भी सब कुछ। ठीक है? अब जब उसने बहुत सारी चीजें रीड करी, उसने अपने दिमाग में चीजों की अंडरस्टैंडिंग बना ली। हम ह्यूमन बीइंग्स भी पढ़ के ही अंडरस्टैंडिंग बनाते हैं चीजों की। तो उसके बाद क्या हुआ? फर्स्ट गो में जब वो हमें आउटपुट देता था जो इनिशियल लोग थे जिन्होंने सबसे पहले स्टार्ट किया था यूज करना उस टाइम पे जो आउटपुट आता था ना वो सिर्फ इसी के बेसिस पर आता था कि कौन सा डेटा उसके अंदर गया हुआ है व्हिच वाज़ बुक्स ब्लॉग्स इंटरनेट पे जनरेटेड डेटा। उसके बाद उसके अंदर ह्यूमन फीडबैक आने लग गया। क्योंकि और ज्यादा लोग यूज़ करने लग गए तो और ज्यादा डेटा आने लग गया। और यूज़ केसेस निकल गए तो उसके और वर्जनंस बन गए। तो उससे क्या हुआ? उसने बेटर लर्न किया। मतलब जो मैंने अभी चार जीबीटी को चिल्लाया कि यार नहीं ये गलत बोल। अब उसने लर्न किया ह्यूमन फीडबैक से आपके कि नहीं नंदिनी सेठ आपकी फ्रेंड नहीं है। हम हम एक और प्रॉब्लम जो आया जिस मैंने बोला कि मैं इंप्रूवमेंट वर्ड से ज्यादा उसको थोड़ा और नवांस करना चाहूंगी कि ये ना सिर्फ डेटा के बेसिस पे आपको पैटर्न्स बताता है। ऐसा हमें लगता है कि ये ह्यूमन बीइंग की तरह बिहेव कर रहा है। बट वो ह्यूमन बीइंग नहीं है। बहुत स्टैटिस्टिकल है नेचर में। वो पैटर्न को रिकॉग्नाइज करके उसके बेसिस पे बोल रहा है। अगर मैंने आपको बोला द स्काई इज़ डैश। नेक्स्ट वर्ड बताइए। ब्लू करेक्ट। अगर आप चैट जीपीटी से भी पूछेंगे वो ब्लू ही बोलेगा। मैं और लोगों से पूछूंगी वो भी ब्लू ही बोलेंगे। एग्जैक्टली कांसेप्ट यही है। उसने क्या किया? उसने बोला स्काई आपने वर्ड बोला है तो मैं इसके साथ एक और एसोसिएटेड वर्ड निकालता हूं जो कि इससे मोस्टेंट वर्ड मेरा स्काई है उससे मोस्ट एसोसिएटेड वर्ड ब्लू आया या डार्क आ जाता कभी इंटरनेट के हजार आर्टिकल स्कैन करके उसने बिलियंस बिलियंस बिलियंस भी बहुत कम है ना उसने बोला ये हाईएस्ट फ्रीक्वेंसी ऑफ़ अकरिंग कि हाईएस्ट प्रोबेबिलिटी के अगला वर्ड क्या होगा वो ब्लू ही होना चाहिए था तो ब्लू आया आपने भी ब्लू बोला चैट जीपीडी भी ब्लू बोलेगा लेकिन अब आप इसे से कॉम्प्लेक्स कर रहे हो कि मैं एडवाइस मांग रहा हूं इंडियन कॉन्टेक्स्ट में। मैं यह पूछ रहा हूं कि कौन सी जॉब्स हाईएस्ट पेइंग होंगी। सबसे ज्यादा ल्यूक्रेटिव होंगी वो सब या आपने कॉम्प्लेक्स इनपुट करना शुरू कर दिया। तो कॉम्प्लेक्स इनपुट की वजह से कभी-कभी वो गलती कर सकता है। एक और चीज जिसकी वजह से वो गलती कर सकता है। इज़ हमने बहुत सारा अब ह्यूमन डेटा डालना शुरू कर दिया है। अगर ह्यूमन डेटा में गलतियां होंगी तो वह तो पैटर्न ही रीड कर रहा है ना। डेटा बायस है अगर तो वो तो वही पैटर्न रीड करेगा जो बायस वाला पैटर्न है तो वो बायसनेस भी उसके आउटपुट में आएगी। हम अ हल्के से एक पॉज करना चाहूंगा यहां। मैंने खुद नोटिस किया है खेलतेखेलते कि जितने लंबे और गहरे आपके प्र्प्स रहेंगे उतने ही ज्यादा अच्छे आंसर्स मिलेंगे आपको एआई से। करेक्ट। मतलब एकदम खींच के प्र्प्स दिया करो। करेक्ट। कि मान लो अगर मैं एआई से पॉलिटिक्स के बारे में पूछ रहा हूं तो मैं खुद के हजार कंडीशंस डाल दूंगा कि यह बताइए कि मोदी जी के बाद अगला पीएम कौन होगा? अभी आप हर स्टेट के लो स्कैन कीजिए। लोगों की एज स्कैन कीजिए वगैरह। मैं क्रिकेट फैन हूं तो मैं पूछता हूं कि अच्छा जो कोहली का रिकॉर्ड है हाईएस्ट रन स्कोरर इन आईपीएल जो अभी के यंग क्रिकेटर्स हैं उनमें से कौन रिकॉर्ड तोड़ेगा? इनमें से डार्क हाउस कौन है? अ जो लोग जिन लोगों ने अभी इस साल डेब्यू किया आईपीएल में उनमें से कौन है? बेसिकली आप एकदम लंबे प्रम्प्स हो तो एआई आपको बहुत सुंदर आउटपुट्स देगा। करेक्ट इट डिपेंड्स ऑन योर प्र्प्स। अब्सोलुटली तो जब हम कह रहे हैं कि लोग यार प्लीज आप लोग खेलो एआई के साथ पहले छोटे-मोटे प्र्ट्स दिया करो एंड ग्रेजुअली वर्क ऑन योर ओन प्र्प्ट इंजीनियरिंग स्किल। यही होती है प्र्ट इंजीनियरिंग। करेक्ट। करेक्ट। सो सबसे पहले आपको उसे कॉन्टेक्स्ट देना पड़ेगा। मैं कौन हूं? मैं ये सवाल क्यों पूछ रहा हूं? ठीक है? तो आपको उसे बताना पड़ेगा। जैसे कि आपने बताया कि मैं यह पॉडकास्ट रिकॉर्ड कर रहा हूं। ये मेरे गेस्ट हैं। मुझे ये मैं आपको फीचर कर रहा हूं। आपने कॉन्टेक्स्ट को सेट किया कि क्यों मैं आपको यूज कर रहा हूं। है ना? इट्स इट्स ऑलमोस्ट लाइक योर एक्सपर्ट दैट यू आर कॉलिंग कि हां भैया अब बताओ मैं तुम्हें बुलाया है यहां पर। अब तुम बात करो मेरे से। ठीक है? अब कांटेक्ट सेट करने के बाद आपको उसके अंदर उसे बताना है कि मेरा सवाल एक्सजेक्टली है क्या? लेकिन सवाल भी जब हम एक दूसरे से सवाल करते हैं हमारी बहुत सारी ह्यूमन अंडरस्टैंडिंग होती है। उसमें हमारी बहुत सारी कॉन्टक्चुअल अंडरस्टैंडिंग होती है। मुझे आपके बारे में पता है। आपको मेरे बारे में कुछ पता है। उसे नहीं पता है। तो आपको उसे वो भी बताना पड़ेगा कि मैं जो सवाल पूछ रही हूं वो किस पर्सपेक्टिव से पूछ रही हूं। क्या आपने जो पांच लुकटिव वो पूछे क्या वो आप इसलिए पूछ रहे हो कि कोई स्टडी करना चाहता है? क्या वो आप इसलिए पूछ रहे हो क्योंकि आप अपना करियर चेंज करना चाहते हो? क्या वो आप इसलिए पूछो क्योंकि आपके सामने एक डेटा साइंटिस्ट बैठा है। क्या रीज़न है? तो उसके बाद हम ये पहले एक सिचुएशन का कॉन्टेक्स्ट देंगे। फिर हम सवाल का कॉन्टेक्स्ट देंगे। फिर हम जाके उससे सवाल पूछेंगे। तो डेफिनेटली वो आउटपुट बेटर आएगा क्योंकि आपने उसके अंदर क्या किया? आपने उसको और ज्यादा अच्छे से बताने की कोशिश करी कि सबसे इंपॉर्टेंट क्या है। हम जब भी मैं एक नया वर्क फ्ल्लो स्टार्ट कर रहा हूं मेरे चैटबॉट के साथ। मैं ये मानता हूं कि वो एक बच्चा है और मैं उसे बता देता हूं कि मेरे आसपास ये बैठे हैं और आपको हम यूज़ करें स्क्रिप्ट राइटिंग के लिए या पडकास्ट क्वेश्चंस के लिए या जो भी एक और छोटी सी चीज मैंने नोटिस करी है तो इन आवर ऑर्गेनाइजेशन हमारा एक रोल है ईए का ईए इज कॉल्ड एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट एज एन एज द फाउंडर मेरे खुद के दिमाग में हजार थॉट्स चलते हैं और रिमाइंडर से लेके प्रॉब्लम सॉल्विंग से लेके स्केेड्यूलिंग स्केेड्यूलिंग ट्रबल शूटिंग वो वो सब इए को हैंडल करना होता है एंड इट्स अ वेरी कॉम्प्लेक्स रोल इट टेक्स अ लॉट ऑफ़ रिस्पांसिबिलिटी एंड एनर्जी करेक्ट बट एट द एंड ऑफ़ द डे इए भी एक ह्यूमन बीइंग है। तो अगर मैंने इए को ऐसे एक इंस्ट्रक्शन नहीं पर वो इंस्ट्रक्शन में 10 15 सब इंस्ट्रक्शंस हैं। अनलेस दैट पर्सन इज़ राइटिंग इट डाउन दे वोंट बी एबल टू रिमेंबर। बट ये आप एआई के साथ इज़ली कर सकते हो। इसका ये मतलब नहीं कि इ फुल्ली एआई के थ्रू रिप्लेस होंगे। हम बट आई थिंक इट्स अ वाइस इट्स अ सॉरी वैष्णव इट्स अ इट्स अ वाइस डिसीजन टू लुक एट द चैटबॉट एज योर ओन पर्सनल ईए इरिस्पेक्टिव ऑफ योर जॉब करेक्ट देखो अभी आप फाउंडर हो ठीक है आपके पास बहुत सारी चीजें हैं करने के लिए अगर मैं एक बहुत सिंपल सा एग्जांपल लूं मैंने आपको बताया कि मेरी छोटी सी बेटी है ठीक है दो साल की मैं तो चैटिपटी से ये भी पूछती हूं उसको खाने में क्या खिलाऊं थोड़ा ऑप्शंस दे दो। मेरे को तो समझ में नहीं आ रहे ऑप्शन। ठीक है? या फिर अगर मैं अपने कॉलेज के बच्चों को पढ़ा रही होती हूं और कभी वो बहुत बेसिक चीज पे स्टक हो जाते हैं तो मैं उन्हें बोलती हूं कि एआई को ट्यूटर की तरह इस्तेमाल करो और जरा पहले वहां से पढ़ के मुझे बताओ कि क्या तुम्हें समझ आया। जब नहीं समझ में आएगा तब मैं समझाऊंगी। तो ऑलरेडी लोग असिस्टेंट के लिए तो उसे इस्तेमाल कर ही रहे हैं। ठीक है? एआई टूल्स ऐसे भी आ गए हैं जो स्केेड्यूलिंग बेटर कर पा रहे हैं। तो स्ेड्यूलिंग वाले पर्पस के लिए भी यूज हो पा रहा है। ट्रबल शूटिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग इसके अंदर बहुत ज्यादा ह्यूमन एस्पेक्ट्स होते हैं। तो वो हम वहां तक नहीं पहुंच पाए हैं। अभी क्योंकि हम अभी तक यह मान के चलते हैं कि हम जनरेटिव इंटेलिजेंस पे ही पहुंचे हैं। ठीक है? इसको मैं आपको बाहर भी शायद बता रही थी कि एक चीज होती है आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस। ठीक है? वो वाली जगह पे हम अभी पहुंचे नहीं है कि एकदम ह्यूमंस की तरह वो सोचने लग जाए। वो इमोशन कोई ट्रबल शूट कर रहा होगा अगर आपके लिए तो वो आपकी पर्सनालिटी को आप कैसे रिएक्ट करते हो इसको किस क्या प्रॉब्लम है उससे कैसा इंपैक्ट होगा उसको सबको दिमाग में रखेगा इसके एथिकल मोरल इंप्लिकेशन क्या होंगे उसको दिमाग में रखेगा इंसानियत इंसानियत वो नहीं कर सकता है अभी अभी एआई नहीं कर सकता पर वहां तक पहुंच रहा लोग कहते हैं कि 10 साल में ओके अगर बहुत ऑप्टिमिस्टिक रहे तो मुझे लगता लगता है पांच से आठ साल में भी पहुंच सकता है। ठीक है? इसमें मतलब कुछ हमारी ऑडियंस ऐसी होगी जो मार्वल फैंस होंगे। ठीक है? तो आयरन मैन का ज्विस होता था एक ज्विस एक एग्जांपल है कि कैसा लग सकता है आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस? क्योंकि ज्विस ना कि सिर्फ टास्क्स करता था, ना कि सिर्फ पैटर्न्स पढ़ता था, ना कि सिर्फ मैप्स बताता था। टोनी भाई की देखभाल भी करता था। देखभाल करता था। अपने आप से और डिसीजन ले पाता था। हम हम अगर उसको लगा कि अटैक हो गया वो खुद से डिसीजन लेकर शटडाउन कर जाता था हम तो ये डिसीजन मेकिंग वगैरह अभी तक नहीं आई है एआई को पर ऐसा लगता है कि दो से चार साल में जैसे कि हम एक सेमाई ऑटोनॉमस स्टेज पर पहुंच जाएंगे जहां पर कि मैं इस स्टेज पर हूं जैसे अभी मैं बात कर सकती हूं Alexa सीरी से मैंने जैसे कि बोला यह नैरो इंटेलिजेंस है। आपने चैट जीपीटी से बात करी। यह जनरेटिव एआई हो गया। अब मैं इसके आगे और ऐसे भी बिल्ड कर सकती हूं कि मैंने कोई सिस्टम बिल्ड कर दिया जिसको मैं यह बोल रही हूं कि देखो तुम मेरी पूरी स्केेड्यूलिंग का ध्यान रखो। मेरा बहुत अच्छे सा कुछ चाइनीस खाने का मन है। फाइंड अ प्लेस मेक मी अ रिजर्वेशन। कि मेरी अपने आप रिजर्वेशन भी हो जाए। वो ही कॉल करे वहां पे। सपोज़ उसे नहीं मिला टेबल तो वह कहीं और कॉल करें। पर यह सब कुछ आपके लिए एआई कर रहा है। फाइनल डिसीजन अभी भी आपका ही है। आप जाकर खाना चाहते हो या नहीं खाना चाहते। पर एआई कैन डू दैट इन द नेक्स्ट टू टू फोर इयर्स। सीख लो वैष्णव। नहीं आई सी माय माय व्यू पॉइंट एज अ फाउंडर इज एक्चुअली आज वैष्णव और अथर्व दोनों से बात हुई कि प्लीज गो डीप इनू सेल्फ स्टडी ऑफ़ एआई। हम सब आई थिंक यू आर 23 24 आउट ऑफ कॉलेज। कॉलेज में नहीं सीखा ये सब। एक और चीज के लिए भी इंपॉर्टेंट है रणवीर इट विल फ्री अप देयर टाइम टू डू मोर मीनिंगफुल वर्क ठीक है तो हम मेंटेन टास्क रिपीटेड टास्क को अगर दे देंगे एआई को तो हमारा मेंटल बैंडविड्थ फ्री अप होता है कि हम कुछ ज्यादा मीनिंगफुल कर सके हम कुछ और कर सके हम सोच सके हम क्रिएट कर सकें तो बहुत सारे लोग ना एआई के अगेंस्ट ये वाला नैरेटिव रखते हैं कि मतलब जॉब्स चली जाएंगी जॉब्स छीन लेगा पर ये ये नहीं सोचते कि जॉब्स क्रिएट भी करेगा, बैंडविड्थ भी क्रिएट करेगा। क्या पता एआई की वजह से हम लोग को सिर्फ चार दिन काम करना पड़े। हफ्ते में हम तीन दिन फैमिली के साथ स्पेंड कर सके। हम तीन दिन वो चीजें कर सके जिनसे हमें खुशी मिलती है। मानता हूं कि ये जो गंदा सा डेकेड है 2020 का। यहां डिजीजेस हो रहे हैं, युद्ध हो रहे हैं, अर्थक्वेक्स हो रहे हैं। इसके बाद एक बहुत सुनहरा डेकेड होगा 2030 में। अह इफ वी प्ले आवर कार्ड्स राइट राइट नाउ। आई लव योर ऑप्टिमिज्म। देखो बहुत सारे मंक लोग भी आए हैं शो पर। उन्होंने भी यही प्रेडिक्ट किया है कि पहले 5 साल के लिए बहुत कुछ गंदा होगा उसके बाद चीजें अच्छी हो जाएंगी। बट मैं ये एक सोलार पंक पर्सपेक्टिव से देखता हूं। यानी कि फ्यूचर को देखने के दो नजरिए हो सकते हैं। साइबर पंक या सोलर पंक साइबर पंक जो ब्लैक मिरर में दिखाया जाता है कि मोरबिड दुखी मोरोस युद्ध डिजीज जो एक्चुअली पिछले 5 साल में हुआ। हम और सोलर पंक जो आप कह रहे हो कि जो दुनिया अब आएगी हम उसमें खुशी ज्यादा होगी और उस खुशी के पॉइंट तक एआई और एजीआई हम हमें पहुंचाएगा अ बट इट्स वेरीेंट टू अंडरस्टैंड द प्रेजेंट करेक्ट अब्सोलुटली कि क्या आपका खुद का भविष्य साइबर पंक यानी कि नेगेटिव फ्यूचर में लैंड होगा या सोलर पंक यानी कि पॉजिटिव फ्यूचर में लैंड होगा। तो अभी गुड पार्ट यह है कि एआई आपको एआई सिखाने में भी बहुत अच्छा है। तो आप चैट जीपीटी को भी पूछ सकते हो कि भैया चैट जीपीटी आप काम कैसे करते हो? जेरेटिव का मतलब क्या होता है? प्रीट्रेंड का मतलब क्या होता है? ट्रांसफार्मर का मतलब क्या होता है? मुझे समझाओ जैसे कि मुझे नहीं आता। तो वो कोशिश करेगा समझाने की। ठीक है? तो अभी क्या है कि जब मैं पढ़ती थी इंटरनेट वास फेयरली न्यू तो महंगा भी था तो मैं स्कूल डेज में इंटरनेट पे नहीं रिलाई कर सकती थी। मैं कॉलेज डेज में गई तभी WhatsApp और YouTube और ये सब बढ़ना स्टार्ट हुआ। तो थोड़ा ही रिलायंस था क्योंकि उतने लोग जनरेट नहीं कर रहे थे। अभी तो कंटेंट क्रिएटर्स भी इस पर कंटेंट बना रहे हैं। YouTube वीडियोस भी बना रहे हैं और एआई खुद एआई पे कंटेंट बना रहा है। मैं पूरी YouTube वीडियो बना सकती हूं सिर्फ एआई के बेसिस पे जिसमें स्क्रिप्ट भी वही लिख रहा है, रिकॉर्ड भी वही कर रहा है, अपलोड भी वही कर रहा है। कैप्शन भी वही लिख रहा है और ट्रैक भी वही कर रहा है। करेक्ट? तो अभी हमारे पास जैसे मैं बोलती हूं इंटेलेक्चुअली लेजी होने का ना कोई कोई स्कोप नहीं है क्योंकि सबके पास एक्सेस है। हमारे हमारी कंट्री का मोबाइल फोन पेनिट्रेशन इतना हाई है और मोस्टली जो हमारे यहां पे मोबाइल फोंस हैं वो स्मार्टफोनस हैं। तो स्मार्टफोन यूज करके अगर आप WhatsApp चला सकते हैं तो आप वही स्मार्टफोन यूज़ करके एआई के साथ भी प्ले अराउंड कर सकते हैं। यह एक रियलिस्टिक पर्सेक्टिव भी दूंगा। फॉर दिस पडकास्ट फॉर द फुल वीक हमने कोशिश करी है टू फुल्ली इनकर्पोरेट एआई इनू कंटेंट और हमारी हेल्प हुई है हम बट द फाइनल प्रोडक्ट हैज़ अ लॉट ऑफ़ ह्यूमन इनपुट्स इन यानी कि जो हमारे सबसे स्किल्ड राइटर्स हैं जो हमारे सबसे स्किल्ड एडिटर्स हैं उनका बहुत बड़ा रोल रहा है पिछले एक हफ्ते में टू जनरेट दिस काइंड ऑफ़ कंटेंट। अ इट्स डेफिनेटली वे बेटर देन इट वाज़ लास्ट ईयर। बट हर साल ये इंप्रूव कर रही है। एआई ड्रिवन कंटेंट क्रिएशन इट्स नॉट वेयर इट शुड बी येट आई पर्सनली फील और ये मैंने यू आल नो हरारी की सारी किताबों में पढ़ा है कि द फ्यूचर बिलोंग्स टू द ह्यूमन बीइंग्स हु वर्क अलोंग साइड एआई यानी कि आपको प्र्ट इंजीनियरिंग की स्किल आनी चाहिए एआई लिटरेसी बैक टू आवर स्किल मतलब जैसे सब लोग बोलते हैं कि एआई हमारी जॉब ले लेगा आपकी जॉब एआई नहीं लेगा आपकी जॉब वो इंसान लेगा जिसको एआई आता है हम करेक्ट सो दैट इज द की हियर कि आप आपको लग रहा है कि जॉब्स चली जाएंगी। जॉब्स ना ऑगुममेंट होंगी। भी कुछ ऐसी जॉब्स हैं जिनके अंदर बहुत स्किल रिक्वायरमेंट नहीं है। बहुत रिपीटेड हैं जो कि जाएंगी भी। बहुत ज्यादा ऑप्टिमिज्म में जाके ये नहीं बोलेंगे कि कुछ भी नहीं जाएगा। पर वो हमेशा गई हैं। जब ग्रीन रेवोल्यूशन हुआ तभी भी जॉब्स गई हैं। कोई भी बेंट इन द सोसाइटी आता है जहां कोई न्यू टेक्नोलॉजी इंट्रोड्यूस होती है तो पहले शॉर्ट रन में जॉब्स जाती हैं बट लॉन्ग रन में बहुत सारी जॉब्स क्रिएट होती हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने भी बोला कि 85 मिलियन जॉब्संगी लेकिन 97 मिलियन जॉब्स क्रिएट भी होंगी। ठीक है? तो वो वाली चीज अपने को ध्यान में रखनी है कि हम लोगों की जॉब्स को ऑगमेंट हो जाएगी। जैसे आपने बोला कि एआई ड्रिवन या एआई असिस्टेड काम बहुत ज्यादा बढ़ता जा रहा है। ये मेरे ऊपर है। चाहे मैं नॉलेज वर्कर हूं, चाहे मैं नॉलेज वर्कर नहीं हूं। चाहे मैं स्टूडेंट हूं, चाहे मैं हाउसमेकर जो भी मैं कर रही हूं अपनी लाइफ में पर्सनली या प्रोफेशनली ये मेरे ऊपर है कि मैं कैसे एआई की हेल्प लेती हूं अपनी लाइफ सिंपलीफाई करने के लिए। ठीक है? मतलब हम मिडिल क्लास बच्चों के घर का पता नहीं कितना घंटा इस कन्वर्सेशन में जाता था कि कल क्या खाना है। मैं तो अब एआई से बनवाती हूं पूरा मेन्यू क्योंकि एआई को अब इतने सारे रेपेटिशंस के बाद पता है कि मेरे घर में लोगों को क्या पसंद है। वाह मतलब वहां से यही एआई लिटरेसी थोड़ी बहुत आप सीख एडिक्ट मत हो जाओ। मतलब अभी बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जिससे स्पेशली स्कूल किड्स एडिक्टेड हैं इन टर्म्स ऑफ़ सोशल मीडिया आल्सो इन टर्म्स ऑफ़ देयर स्क्रीन यूजेज आल्सो। मुझे लगता है ये तो फिर भी बेटर यूटिलाइजेशन ऑफ स्क्रीन टाइम है कि कम से कम आप कुछ लर्न कर सकते हो इसके बेसिस पर तो मे बी वो थोड़ा स्विच करो वो वाला जो टाइम हम सोशल मीडिया पे स्पेंड कर रहे थे उसको स्प्लिट कर लो कि आधा हम फेस टू फेस करेंगे ताकि हमारी ह्यूमननेस बनी रहे एज यू वर सेइंग कि ह्यूमननेस बहुत इंपॉर्टेंट है और बाकी बचा हुआ टाइम इस न्यू स्किल को डेवलप करने में यूज़ कर लो कि जहां पे हम कुछ सीख रहे हैं। चाहे हम कल को एआई इंजीनियर्स नहीं भी बनते, चाहे हमें इंजीनियरिंग नहीं भी करनी, चाहे हमें टेक फील्ड में नहीं जाना। हम भूल जाते हैं कि एआई सिस्टम है। एआई एक टूल नहीं है। एआई सिस्टम है। जब वर्ल्ड में इलेक्ट्रिसिटी आई थी ना तो सबके काम बदले थे। सबकी लाइफ चेंज हुई थी। एआई वही है। अब वो आ गया है और अब सबकी लाइफ उसकी वजह से चेंज होनी है। आप जो भी करते हो और आप जिस भी ऐज के हो। तो यह सोचो कि मेरी लाइफ कैसे चेंज हो सकती है और मैं कैसे अहेड ऑफ द मिडिल पर्सन रह सकता हूं। बेसिकली जो आपने कहा कि 97 मिलियन जॉब्स क्रिएट होंगे। अब यह वाला पडकास्ट उन 97 मिलियन जॉब्स करेक्ट। आपने खुद जैसे बोला प्र्प्ट इंजीनियर। ठीक है? आप खुद याद करिए जब आप स्कूल में थे। कंटेंट क्रिएटर नाम की कोई जॉब थी। कोई जॉब थी ऐसी जो कि सोशल मीडिया स्पेशलिस्ट की होती थी। क्यों हुआ वो? 90ज में इंटरनेट आया। इंटरनेट के बेसिस पे लोगों ने रियलाइज किया कि हां अभी हमारे पास यह चीज है जिसको हम यूज़ कर सकते हैं। उसको बहुत सारे लोगों ने बहुत क्रिएटिव तरीके से यूज़ किया। बहुत बड़ी कंपनीज़ ने अपने ब्रिक एंड मोटर स्टोर्स जो थे उनको डिजिटाइज कर दिया। बहुत बैंक्स ने अपने ट्रांजैक्शन को डिजिटाइज कर दिया। बहुत गवर्नमेंट्स ने अपनी सारी चीजों को डिजिटाइज किया। उसी तरह क्रिएटिव लोगों ने एक आउटलेट ढूंढा जिसके अंदर वो कंटेंट क्रिएटर्स बन गए। इट इज़ अ न्यू जॉब क्रिएशन बिकॉज़ ऑफ़ इंटरनेट। हम उसी तरह से एआई की वजह से आपके एआई स्पेशलिस्ट, एमएल इंजीनियर्स, डेटा साइंटिस्ट आपके प्र्प इंजीनियर्स जैसे आपने बोला। ठीक है? वो फाइन ट्यून स्पेशलिस्ट कि आपने खुद बताया हमने डिस्कस किया कि कैसे फाइन ट्यूनिंग करनी पड़ती है। डिफरेंट-डिफरेंट बढ़ते जा रहा है। एक्यूरेसी अच्छा होता जा रहा है। इंप्रूव करता जा रहा है। कैसे कर रहा है? हम लोग कुछ काम कर रहे हैं तभी इंप्रूव कर रहे हैं। तो फाइन ट्यूनिंग एक्सपर्ट हमने एआई एथिक्स की बात करी तो एथिक्स एक्सपर्ट ये सारे लोग हमें चाहिए अभी और ये वाली जॉब्स के लिए एक्चुअली में इनफ डिग्रीज भी एकिस्ट नहीं करती हैं और इन जॉब्स के लिए इनफ ट्रेनिंग भी नहीं है अभी तो जितने भी लोग सुन रहे हैं जो कि चाहते हैं इन स्पेसेस में जाना मैं बहुत ज्यादा इनकरेज करूंगी उनको कि इसमें से कुछ एक्सप्लोर करें। आपको टेक्न इंजीनियर होने की जरूरत नहीं है एथिक्स में काम करने के लिए। जैसे। देखो, मैं जानता हूं कि यह वाला पॉडकास्ट वायरल है। बहुत सारे लोग देखने वाले हैं। इसलिए आपसे एक सवाल पूछूंगा। इफ समवन वांट्स टू गेट इन टच विथ यू। कोई आपसे बात करना चाहे तो हाउ डू दे गेट इन टच विथ यू? Lind, Instagram? ओके। हम लिंक कर देंगे नीचे। ठीक है। अ ऑनेस्टली भारत को आप जैसे लोगों की जरूरत है। नो सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स इन दिस स्पेस। अ सो आर यू ओके विथ पीपल गेटिंग इन टच विथ यू? यस। यस। अब्सोल्युटली। वैरी हैप्पी टू हेल्प एनीबडी हु इज ट्राइंग टू सीक आउट मोर अपोरर्चुनिटीज इन दिस स्पेस वांट्स टू लर्न मोर कि क्या पढ़ना चाहिए क्या करना चाहिए कहां से पढ़ना चाहिए ऑफकोर्स ओके बैक टू द एल्गोरिदम दैट वी आर क्रिएटिंग ओ नोटबुक हम अ एक्चुअली हमारी बात हो रही थी लिटरेसी के बारे में करेक्ट करेक्ट हमने काफी सारी लिटरेसी वाली चीजें करी जैसे आपने अभी प्ले किया हमने प्र्प इंजीनियरिंग की बात करी हमने ये डिसाइड किया यूज़ केसेस बहुतेंट होता है। जैसे कि लिटरेसी में पता रहना कि कहां-कहां पर एक्चुअली एआई इस्तेमाल हो रहा है। वो बहुतेंट है। प्र्प्ट इंजीनियरिंग शब्द सुनकर ना लोग डर जाते हैं। प्र्प्ट इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग नहीं होती। नहीं नहीं होती। नहीं प्र्ट इंजीनियरिंग कम्युनिकेशन स्किल्स होता है। करेक्ट करेक्ट। ये वही बात है जैसे कि आपको अपने थॉट को हमेशा स्ट्रक्चर करके रखना है। आप थॉट को कैसे स्ट्रक्चर करोगे? ये उसके लिए एक फ्रेमवर्क बनाता है। ठीक है? तो वो आप बेसिकली आप यही बताना। अब मुझे आपको मुझसे सवाल पूछना है अगर रणवीर तो आप सोचोगे ना कि पहले आप उस सवाल को किस तरह से पूछोगे कि आपको सही जवाब मिले। प्र्ट इंजीनियरिंग वही है बस कि मैं किस तरह से इन सिस्टम्स से सवाल पूछूं क्योंकि मुझे हमेशा याद रखना है ये ह्यूमन नहीं है। ये अभी ह्यूमन बीइंग्स नहीं है। ये एक प्रसीजन या एक स्टैटिस्टिकल नंबर पे किसी प्रोबेबिलिटी पे खेल रहे हैं। तो मैं कैसे वो बेस्ट ला सकता हूं? वो नंबर कैसे बेस्ट आ सकता है? मैं कितना कॉन्टेक्स्ट दे दूं? मैं कितने अच्छे से सवाल को फॉर्मुलेट कर दूं? मैं कैसे उस सवाल को पूछूं कि मुझे सबसे अच्छा जवाब मिले। लाइक फॉर एग्जांपल जितने भी लिसनर्स हैं हमने उन्हें कहा कि खुद को वो चार कैटेगरीज में कैटेगराइज करो। अगर आपको खुद नहीं पता कि आप कौन से कैटेगरी में लैंड कर रहे हो तो इसी पॉडकास्ट से जो आपने जाना है वो चार कैटेगरीज को अपने चैटबॉट को बताओ। और खुद के बारे में चैटबॉट को बताओ कि यार मैं ये ये करता हूं। मुझे जिंदगी में ये ये करना है। मेरा सपना है ये ये और मुझे इतने पैसे कमाने हैं। आप ही बताओ चैट जीपीटी कि मैं क्या करूं? और और इसमें गुड पार्ट ये है कि ना इनकी बाउंड्रीज बहुत पोरस हैं। कोई ये नहीं बोल रहा कि अगर आप एक कैटेगरी में अभी हो तो आप वहीं रह जाओगे। आप मूव कर सकते हो कैटेगरीज। अगर आपको लग रहा है कि मेरी कैटेगरी में इनफ आगे स्कोप नहीं है तो मैं मूव कर सकता हूं अपनी कैटेगरी। वो भी चैट जीपीटी आपको गाइड कर सकता है या कोई भी एक टूल आपको गाइड कर सकता है कि कहां आप मूव कर सकते हो। इसके नेक्स्ट प्रोग्रेशन क्या होंगे? ये फ्रेमवर्क आपका है ना? हां मतलब दिस इज कॉन्वर्सेशनल ऐसा इट्स नॉट एन एस्टैब्लिश्ड फ्रेम। बट यही होता है प्रोफेसर का काम। यू यू आर टीचिंग अ वेरी कॉम्प्लेक्स सब्जेक्ट इन अ स्ट्रक्चरर्ड मैनर। दिस इज़ द बेस्ट फॉर्म ऑफ़ टीचिंग पॉइंट। अ ओके। सिंपल सा सवाल है। ये मेरे ऑफिस में भी डिस्कशन हो रही थी। एंड किसी को भी सही जवाब नहीं मिला। हम्। और हर एआई के पॉडकास्ट में ना अलग इनपुट्स मिलते हैं। तो जितना सिंपल आंसर दे सकते हो उतना ज्यादा अच्छा रहेगा इस सवाल के लिए। ये जितने भी अलग-अलग चैट बॉक्स निकले जेमिनाई से लेके जीपीटी डीप सीक ग्रॉक इन सों को आप थोड़ा-थोड़ा कंपेयर कर सकते हो। एक मे 2025 के पर्सपेक्टिव से क्योंकि चीजें बदलती रहती हैं हर महीने। हम बट एज ऑफ नाउ कैसे कंपेयर करोगे इन सों को? तो मैं आपको एक एग्जांपल लेके बताती हूं। आपने खुद ही बोला कि हमने इस पडकास्ट को लिखने के लिए बहुत ज्यादा रिलाई किया एआई पे क्योंकि हम एआई बेस्ड पडकास्ट लिख रहे थे। ठीक है? अगर मैं यह टास्क कर रही होती आपकी टीम की जगह तो मैं हर एक पर्टिकुलर चीज के लिए एक डिफरेंट टूल का इस्तेमाल करती। डिफरेंट एआई का इस्तेमाल करती। जैसे कि अगर आपको आइडिएट करना है कुछ अच्छा सा मतलब आईडिया निकालना है तो परप्लेक्सिटी बहुत अच्छा टूल है जिससे कि आप बातें कर सकते हो जो कि आपको आईडिया जनरेशन में अच्छी हेल्प करेगा क्यों क्योंकि उसका जिस तरह का डेटा फीड किया गया है वो वाला डेटा जो है वो मोर फोकस है ऑन क्रिएटिंग न्यूअर थिंग्स उस पे आर्टिस्ट एंटरप्रेन्योर हां आइडिया क्रिएशन करना है आप वाइट कॉलर वर्कर हो आपको बहुत सारे आइडियाज निकालने हैं परप्लेक्सिटी आपको ज्यादा एक्यूरेट रिस्पांस देता है। वो ऐसी हेलुसिनेशन कम करता है जो हमारे साथ हो रही थी। चैट जीपीटी का बिगेस्ट स्ट्रेंथ यह है कि वो बहुत वर्सटाइल है। तो अगर आपने एक आइडियाज क्रिएट कर लिए और अब आपने बोला कि नहीं बट मैं और नंदिनी मैम से क्या डिस्कस कर सकता हूं? बिय्ड एआई क्या बात कर सकता हूं? वो चीजें आपको चैट जीपीटी बहुत अच्छी बना बताएगा क्योंकि उसके पास ए सबसे ज्यादा डेटा है। बी उसमें सबसे ज्यादा जिसे बोलते हैं रेपीटेशन हुई है इंप्रूव करने के लिए। एल्गोरिदम जो है फर्स्ट मूव वास एडवांटेज है थोड़ा सा पूरा ही है अटेंशन जो कि जो कि एक रिसर्च पेपर है अगर जो बहुत हमारे लिसनर्स काफी कीन होंगे 2017 में सबसे सेमिनल पेपर आया था जो कि Google ने ही निकाला था जिसको कि बहुत टेक्निकल पेपर है पर फिर भी वो ही उसी के बेसिस पे सबने डेवलप करना स्टार्ट किया अपना सारा तो डेफिनेटली बहुत बड़ी फर्स्ट मूवर सिर्फ फर्स्ट मूवर एडवांटेज नहीं है देखिए उनके पास बहुत पैसा भी है हम तो अब वो दोनों चीजें बैलेंस आउट मतलब वो हैंड इन हैंड जाकर बहुत अच्छा प्रोडक्ट निकालते हैं। अब उसके बाद हम लोग आते हैं डीप सीक में। डीप सीक ना अभी जैसे आप पहले कह रहे थे कि मैं पूछता हूं कि कौन सा क्रिकेटर बेटर करेगा या कौन सा वो करेगा? जो यह एनालिटिकल क्वेश्चंस होते हैं ना कि अगर आपको नंदिनी से पूछने हैं कि यह स्टैटिस्टिक्स मैंने पढ़े हैं यह सही है या नहीं है वो डीप सीक बहुत अच्छा करता है क्योंकि उसको ट्रेन ऐसे किया गया है कि वो स्टेम फर्स्ट ट्रेन किया गया है कि साइंस टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स ऐसी चीजों को ज्यादा रिॉल्व कर सके। चैट जीपीटी कभी-कभी मैथ्स गलत करता है। बेसिक मैथ भी कभी-कभी गलत कर देता है प्लस माइनस वाला। यहां पर चांसेस कम है डीप सी में क्योंकि उसको ट्रेन ही इस पर्टिकुलर चीज के लिए किया गया है। ठीक है? तो वो उसमें बहुत अच्छा है। और एंड में अगर आपको यह जानना होगा कि अरे रियल टाइम में अभी लोग क्या बात कर रहे हैं? अभी के अभी क्या चल रहा है तो फिर मैं ग्रॉस से बात करूंगी क्योंकि वो इंटीग्रेटेड है जैसे कि Twitter डेटा पे तो क्या होता है कि वो बहुत रियल टाइम एनालिसिस बहुत अच्छा करता है। वो हमें अभी वर्ल्ड में क्या चल रहा है वो बहुत अच्छा बनाता है। तो सबकी अपनी-अपनी स्ट्रेंथ्स हैं और सबकी अपनी-अपनी वीकनेसेस हैं। एक लिटरेसी का पार्ट हमारे लिए यही है कि हम यह समझे कि किसकी क्या स्ट्रेंथ है। लेकिन जैसे कि आपने सही बताया एज ऑन डेट। क्योंकि चीजें बहुत जल्दी प्रोग्रेस करती हैं। तो एआई थोड़ा स्पेस ऐसा है, वर्ल्ड ऐसा है जिसके अंदर चीजें बहुत जल्दी-जल्दी चेंज हो रही है। हम दो तीन चीजें कहना चाहूंगा। पहले तो ये कहना चाहूंगा कि जितने भी टेक वर्ल्ड की दुनिया से मेरे दोस्त हैं उन सों ने ये बताया कि ये सारे कंपनीज़ एक रेस में इनवॉल्वड हैं। और हर किसी को एजीआई तक पहुंचना है। शायद मल्टीपल लोग एजीआई तक पहुंचेंगे। हम्। पर जो कंपनी पहले एजीआई तक पहुंची वो बहुत ज्यादा पावरफुल बन जाएगी और बेसिकली ज्यादा पैसे कमाएगी। हम क्योंकि एट द एंड ऑफ़ द डे ये सारे कैपिटलिस्टिक इंटेंशंस हैं। हम दूसरी चीज ये कहना चाहूंगा कि ऑडियंस को टेक्निकिटीज समझाए बिना लूजली स्पीकिंग एक चीज़ कहना चाहूंगा। एंड प्लीज ऐड टू व्हाट आई एम सेइंग इफ यू फील आई सेइंग समथिंग रोंग। हम्म हम्म। अ एक टूल को डिजाइन करने के लिए बहुत सारे इंसान साथ में काम करते हैं। हम अभी उन इंसानों के पास जो खुद के रिसोर्सेज हैं प्लस उन इंसानों की पर्सनालिटी कि एक छोटी सी परछाई एटलीस्ट उस टूल में दिखाई देती है। हां भी और नहीं भी। जैसे कि सब बोलते हैं कि ग्रॉक बहुत अच्छा है पर्सनालिटीज को मिमिक करने में। तो जैसे अगर आप स्क्रिप्ट लिखोगे और आप ग्रॉक को इनफ कांटेक्ट दोगे कि रणबीर कैसा है और रणबीर के लिए स्क्रिप्ट लिखना है और आप चैट जीपीडी को दोगे ग्रॉक शायद बेटर लिखेगा क्योंकि वो पर्सनलाइज्ड बेटर है। ग्रॉक ईलॉन मस्क ने ल्च किया है। ईलॉन मस्क के हाथों में Twitter है एक्स है। करेक्ट और Twitter एक्स पर बहुत सारे इंसान खुद के सोच विचार खुद के जज्बात ऐसे डाउन पोर तो इसलिए वो टूल में बिल्ड अप है। हम तो ग्रॉक सबसे ज्यादा जज्बाती और एमैथेटिक टूल है। एम्पैथेटिक नहीं इट इमिटेट्स एम्पैथी इज डिफरेंट। मैं किसी तरह से आपने मुझे इनफ बता दिया कि रणबीर कैसे बात करता है या मैंने रणवीर के सारे अभी तक के जितने पॉडकास्ट हुए थे वो सारे के सारे फीड कर दिए एक एआई में और मैंने एआई को बोला कि इसकी तरह से बात करो तो एआई कर लेगा क्योंकि वो रणवीर के पैटर्न्स पढ़ रहा है सिर्फ। वो एम्पैथेटिक नहीं है। अगर अभी किसी के साथ कुछ गलत हो जाता है तो रणवीर जैसे रिएक्ट करेगा वो एआई शायद वैसे रिएक्ट ही करेगा क्योंकि उसके पास पीछे का शायद डाटा ही नहीं है कि रणवीर ऐसी सिचुएशनंस में कैसे रिएक्ट करता है। तो वो इमिटेशन है। वो वो पर्सनालिटी और एम्पैथी नहीं है। वो आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस है जिसकी आप बात कर रहे हैं कि एमथी आएगी, सेशियंस आएगा। वो नहीं है अभी। अ पता है मतलब एक लेवल की ब्रो कॉन्वर्सेशन होती है हम ग्रॉक को लेकर। तो इसके पीछे भी पूरा स्टैटिस्टिकल कांसेप्ट है। तो जब चैट जीपीटी रन होता है तो उसके अंदर एक लेयर होती है जो कि यह एनश्योर करती रहती है हमेशा कि हम कॉन्टेक्स्ट से दूर नहीं जा रहे हैं और हम एथिक्स के बाउंड्स में रह रहे हैं जो हमें लगता है कि एथिकल है। देखिए अभी एआई एथिक्स और एआई लायबिलिटी और अकाउंटेबिलिटी ना ऐसी स्पेसेस हैं जो कि एकदम डार्क हैं। अभी अभी बहुत ज्यादा बात इन पे हो नहीं पा रही है। अदर देन सम यूरोपियन कंपनीज़ कोई बहुत ज्यादा बात नहीं कर रहा है इसके बारे में। तो इसलिए यह अभी स्पेयर में नहीं आते हैं। उसके थोड़े लूज बाउंड्रीज हैं तो फिर वो कर पाते हैं। जीपीटी ज्यादा शरीफ है। आप ये मान लीजिए कि जीपीटी के मम्मी पापा थोड़े ज्यादा स्ट्रिक्ट हैं। शरीफ नाशरीफ तो खैर कोई भी होता है। उसके मम्मी पापा थोड़े ज्यादा स्ट्रिक्ट हैं। तो उन्होंने पहले से ही बोल रखा है 7:00 बजे घर मतलब 7:00 बजे घर और बात गाली नहीं देनी है तो गाली नहीं देनी है। ग्रॉक को नहीं बोल रखा। रॉक को बोल रखा है कि जो तेरे को आउटपुट लगता है ना मोस्ट लाइकली होना चाहिए वो आउटपुट दे दे तू छोड़ बाकी बातें ये थोड़ा सा इस चीज से भी न्यूस्ड है हमने बहुत बात करी थी बीच में कि इंडिया पर्सपेक्टिव से तो अमेरिका में एक्चुअली इवन दो सबसे ज्यादा ये मॉडल्स वहां से निकल कर आ रहे हैं एथिक्स और रेगुलेटरी नॉर्म्स जो है ना वो अभी भी बहुत कम है क्योंकि हम भी नहीं समझे क्योंकि हम भी नहीं समझे मतलब नहीं वहां पे अगेन हमने बात की थी चाइना कैसे स्टेट सेंट्रल ड्रिवन है। है ना? अमेरिका ऑन द कॉन्टरी क्योंकि एक तो कंज्यूमरिज्म बहुत हाई है बट आल्सो बहुत ज्यादा प्राइवेट प्लेयर लेड है। वहां पे वो सिर्फ ऑप्टिमाइज करते हैं प्रॉफिट्स पे। एटलीस्ट अभी के जो प्लेयर्स हैं वो उस पे ऑप्टिमाइज कर रहे हैं। इस वजह से भी ये हो रहा है कि हार्ड बाउंड्रीज नहीं है कोई भी। तो सेम अमेरिका से ही फाउंडेशनल मॉडल जीपीटी का निकला हुआ है। उसकी हार्ड बाउंड्रीज और एथिकल अंडरस्टैंडिंग अंडरपिनिंग अलग है और ग्रॉक की अलग है। अ एक और चैटबॉट को हाईलाइट करना चाहूंगा। जेमिनाई जो Google ने बनाया। अ Google का सबसे बड़ा एडवांटेज फ्रॉम अ टेक पर्सपेक्टिव है Google.com कि इतने सालों से उन उन्होंने इंसानों को गहराई से जाना है। सर्चेस को गहराई से जाना है। मेरे ख्याल से चैट जीपीटी ट्रेन होता है बिंग सर्च इंजन पर। इनिशियली जब चैट जीपीटी स्टार्ट हुआ था तो वो बिंग पे ट्रेन होता था। उसके बाद वो बहुत सारा कंटेंट भी बोरो करता है। जेमिनाई ऑफकोर्स एज यू सेड उसके पास पूरा एक्सेस है Google का तो वो वहां से बिल्ड करता है। तो इसलिए एक्यूरेसी हायर देता है। हम हम तो ये है जेमिनाई का एडवांटेज कि आपको पिन पॉइंट एक्यूरेसी के साथ कुछ चीजें देगा। ज्यादा एक्यूरेट देगा। गिवन आपने इनफ कॉन्टेक्स्ट दिया है वो तो वहां भी देना पड़ेगा। पर हर चैट बोर्ड के वीकनेसेस भी होंगे। दैट्स व्हाट आई फील। बिल्कुल बिल्कुल। तो थोड़े से वीकनेसेस भी हाईलाइट आप कर सकते हैं। हां। जैसे कि चैट जीपीटी का सबसे बड़ा वीकनेस है कि वो टेक्निकल चीजें बहुत अच्छी नहीं कर पाता है। जैसे कि जैसे कि जैसे कि मैंने आपको बताया वो मैथ्स कभी-कभी गलत कर देता है। एकदम प्लस माइनस भी गलत कर देता है कभी-कभी शायद जीपीटी। शरीफ है पर पढ़ाकू नहीं है। हां शायद। पढ़ाकू है। मतलब ऐसा किसने बोला कि सिर्फ मैथ्स ही पढ़ाकू होता है। मतलब अच्छे से कोड लिख देते हैं कभी-कभी। कोड तो वैसे उतना अच्छा नहीं लिखता। पर हां शायरी लिख देता है, गाना बजा देता है। वो सब कर देता है। कोड नहीं लिखता उतना अच्छा। डीप सीक का जो वो आता है थोड़ा प्रॉब्लम आता है वो इसी में आता है कि उसकी डेटा प्राइवेसी पे लोगों को थोड़ा शक रहता है बिकॉज़ इट इज़ आउट ऑफ चाइना। तो इसलिए बहुत सारी ऑर्गेनाइजेशंस वो चीप है। पर फिर भी बहुत सारी ऑर्गेनाइजेशन डीप सी के टुवर्ड्स मूव नहीं कर रही हैं क्योंकि उनको लगता है कि हमारा डाटा शेयर हो जाएगा और हम श्योर नहीं है। हम थोड़ा जिओपॉलिटिकली भी हां मतलब एज अ यूजर मैं डीप सी को ट्रस्ट नहीं करता हम इट्स जस्ट माय ओन पर्सनल बायस हम क्योंकि यू नीड टू नो जिओपॉलिटिक्स आल्सो व्हेन यू यूजिंग दी प्रोडक्ट्स जिओपिलिटिकल एंगल है सेम रीज़न कि TikTok यहां बैन क्यों हुआ सेम लॉजिक मतलब मैं उतना बोलूंगी कि उतने लेवल तक करोगे आप उससे भी प्ले करो थोड़ा सा सिर्फ लर्निंग पर्सपेक्टिव से पर खुद के बारे में ज्यादा रिवील मत करो हां हां मतलब उससे आप जनरल क्वेश्चंस पूछो जिसमें आप ये बहुत ज्यादा मतलब अपना कॉन्टेक्स्ट ना देके आप ये पूछना चाह रहे हो कि यार ये ना मेरा मैथ्स प्रॉब्लम सॉल्व कर दे जरा मेरे से गलती हो रही है कहीं पे है ना वो पूछ लो आप कोई दिक्कत नहीं है वो ठीक भी कर देगा बहुत सारे सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स कोड लिखते हैं कोड में गलती आ जाती है उसको कोड देके बोल दो कि जरा कोड में एरर आ रहा है इसको ठीक करके लिख दो वो वाले एलिमेंट्स वो वैसे भी अच्छा करता है उसका स्ट्रांग सूट वही है वैसे भी जिसमें आपको पर्सनल डेटा इकोनॉमिक डेटा फाइन वैसे तो पर्सनल फाइनेंसियल डाटा तो कहीं पे भी थोड़ा कॉशियसली डाल डालना चाहिए। बट हां ऑफ कोर्स डीप सीक में है डेटा प्राइवेसी के लोगों को कंसर्न्स हैं। अभी ग्लोबली भी यह बहुत कन्वर्सेशन रहता है। ऑर्गेनाइजेशंस के लिए भी इंडिविजुअल्स के लिए भी। जेमिनाई जेमिनाई अगेन उतना वर्सटाइल नहीं है जितना चार्ट जीपीटी है। वो एक्यूरेसी प्रसीजन पे बहुत हाई है। उसके उसके एल्गोरिदम बहुत स्ट्रांग है। बट वो उतनी वर्सटाइल बातें नहीं कर पाता है। जितनी ये कर पाएगा। वो शायरी वायरी नहीं लिख पाएगा उतनी अच्छी जितनी यू नो चार्जिपिटी ज्यादा कॉन्वर्सेशनल है। जेमिनाई थोड़ा ज्यादा फैक्ट गिविंग है कि ये लो ये रहा फैक्ट ये था ऐसा था। तो वो कॉन्वर्सेशनल नहीं है। वो दैट इज वन चैलेंज विथ इट। ग्रॉक का चैलेंज ये है कि अ अगेन ग्रॉक ना रियल टाइम एनालिसिस वगैरह के लिए बहुत अच्छा है कि मेरे को क्विक चाहिए और रियल टाइम चाहिए। उसके वजह से वो बहुत अच्छा है। पर क्रॉक के साथ सबसे बड़ा चैलेंज जो कि बाय द वे चैट जीपीटी के साथ सबसे बड़ी अच्छाई ये है कि उसके बहुत सारे यूज़र्स हैं। तो क्या होता है कि क्योंकि उसके इतने सारे यूज़र्स हैं एक तो उसको यूजर फीडबैक भी बहुत जल्दी-जल्दी मिलता रहता है। और दूसरा लोगों ने बहुत सारे ट्यूटोरियल्स, बहुत सारे डॉक्यूमेंट्स बना रखे हैं जिससे आप सीख सकते हो। ग्रॉक में ना अभी वह वाला लेवल नहीं आया है। वह बहुत ही स्पेशलाइज्ड चीजों के लिए लोग इस्तेमाल कर रहे हैं और वह भी जनरली ऑर्गेनाइजेशंस इस्तेमाल कर रही है। इंडिविजुअल्स तो अभी भी काफी कम इस्तेमाल कर रहे हैं। बट सोशल मीडिया एनालिसिस करना है आपको एज अ एज एन एंटरप्रेन्योर उसके लिए ग्रॉक बहुत अच्छा है। लेकिन अगर आपको सीखना है कि वो कैसे काम करेगा या आप कहीं पे स्टक हो गए हो। आपको हेल्प चाहिए तो आपको बहुत ज्यादा रिसोर्सेज नहीं मिलेंगे। तो अभी ग्रॉक का एट प्रेजेंट सबसे बड़ा ड्रॉबैक यही है। मुझे एज अ टीचर लगता है कि मैं किसी को अगर रेकमेंड भी करती हूं ना तो उन्हें इनफ रिसोर्सेज नहीं मिल पाते हैं उसके बारे में पढ़ने के लिए। आई एम श्योर कि ये सारे कंपनीज़ ना अपने वीकनेसेस को लेकर बहुत ज्यादा अवेयर हैं। एंड दे आर प्रोब्ली वर्किंग ऑन इट। यस। तीन चीजों से इंप्रूव करा जा सकता है एआई को। या तो आप डेटा को बहुत बेटर कर दीजिए। मैं बोल रही हूं बेटर। मैं ये नहीं बोल रही बहुत ज्यादा डेटा फीड कर दीजिए। बेटर क्वालिटी का डेटा ले आइए। थोड़ा ज्यादा डायवर्स डेटा ले आइए। उससे आपका एआई सिस्टम बेटर होगा। सेकंड इज कि आप इंजीनियरिंग बेटर करते रहिए अपनी। मतलब कि जिस तरह से मैं लर्न कर रही हूं, कितनी फास्ट वो लर्निंग हो रही है, कितना टाइम वो कंज्यूम कर रही है, वो आप बेटर कर दीजिए। एंड थर्ड इज़ कि आप ह्यूमन फीडबैक को कितना इनकर्पोरेट कर रहे हैं। तो जितने ज्यादा लोग आपका यूज़ करेंगे एआई उतना ज्यादा आप ह्यूमन फीडबैक कैप्चर कर पाओगे, उतना ज्यादा इंप्रूव कर। तो मेनली ये तीन चीजों से एआई इवॉल्व करता है। गॉट इट। और हमारे जो एंड यूज़र्स हैं जो ये वाला पडकास्ट सुन रहे हैं। बेसिकली आपने अब तक आई थिंक तीन इंस्ट्रक्शंस दी हैं। पहली इंस्ट्रक्शन है कि खुद को कैटेगराइज कीजिए उन चार कैटेगरीज में। फिर बेसिक्स ऑफ एआई लिटरेसी जानिए जो इस पडकास्ट के इस पॉइंट तक हुआ है। लोगों ने हां दिस इज ऑल एआई लिटरेसी जितना सब हमने बात किया। ओके। थर्ड पॉइंट आपने कहा कि यार यूज करो चैटबॉट्स को। बस अभी के लिए जानो कि व्हाट इज पॉसिबल और अलग-अलग चैट बॉट्स यूज़ करो। लर्न बाय डूइंग प्ले विद इट। हम दिन में एक घंटा डेडिकेट करो। सिर्फ चैट बॉट्स को मत करो। मतलब मेरा कहना यह है बहुत ना स्पेसिफिक चैट बॉट्स भी आते हैं। ठीक है? तो मतलब बहुत स्पेसिफिक एआई आते हैं। एक वेबसाइट है जिसका नाम है देयर इज़ एन एआई फॉर इट। आपको कोई भी टास्क करना है ना पहले जाके उस पे चेक करो। कोई एआई एक्सिस्ट करता है। प्रेजेंटेशन बनाने से, विजुअल क्रिएट करने से, स्क्रिप्ट लिखने से, गाना बनाने तक, आर्ट फॉर्म बनाने तक इन सब चीज के लिए एक एआई एक्सिस्ट करता है। नाउ आई एम नॉट सेइंग कि आप आर्ट फॉर्म उसके बेसिस पे बनाओ। बट हम जैसे बात कर रहे थे क्रिएटिव लोगों की। अब बहुत सारे क्रिएटिव लोगों को स्टोरी बोर्डिंग करनी होती है। ठीक है? ठीक है? स्टोरी बोर्डिंग उनका फाइनल आउटपुट नहीं है। वो स्टोरी बोर्डिंग मतलब एसेंशियली लेट्स से अगर किसी को कुछ शूट करना है या कुछ मूवी शूट करना है तो बेसिकली अंडरस्टैंडिंग कौन से सीक्वेंस में चीजें होंगी। इस चीज के लिए लेट्स से उन्हें कुछ बनाना है या एनिमेशन बनाना है। उसके लिए कुछ बनाना है। आप एआई को यूज़ करके बहुत क्विकली बना सकते हो अपने थॉट को स्ट्रक्चर करने के लिए अच्छे से। ठीक है? अगर आप स्क्रिप्ट लिखते हो आप फर्स्ट ड्राफ्ट यूज करने के लिए या स्ट्रक्चर बनाने के लिए एआई को इस्तेमाल कर सकते हो। इससे हमारा ह्यूमन इनपुट डेफिनेटली रहेगा पर वो इंपॉर्टेंट चीजों पे रहेगा। ज्यादा क्रिएटिव चीजों पे रहेगा। हम और ज्यादा उसको आइट्रेट कर पाएंगे। तो सिर्फ चैट जीपीटी या परप्लेक्सिटी, जेमिनाई रॉक इनको मत यूज़ करो। जो स्पेसिफिक एआईस भी बने हुए हैं चीजों के लिए कि मेरे को स्कूल के लिए स्लाइड शो बनाना है। एक्सप्लोर करके देखो कि gma.i पे कैसा बन सकता है। हम है ना? मेरे को कोई विजुअल क्रिएट करना है। नैपकिन. पे करके देखो कैसा बन सकता है। मेरे को कोई गाना बनाना है। gan. पे करके देखो कैसा बनता है। तो ये वाले टूल्स के साथ भी प्ले करो। इससे क्या होगा कि आपको स्पेसिफिक यूज़ केसेस भी समझ आने शुरू होंगे कि हां ये मैं कर पा रहा हूं। हम पोस्ट गिबली वर्ल्ड। हां क्योंकि तो अपने आप में काफी बड़ा कॉन्वर्सेशन रहा ये एक पॉइंट है एआई की पूरी टाइमलाइन में एवरीवन एवरीवन गैब ऐसे बहुत सारे मोमेंट्स होंगे सिग्निफिकेंट पॉइंट था क्यों रणबीर बिकॉज़ एक बात तो ये थी कि एकदम से बहुत लोगों ने अडॉप्ट किया इस स्टाइल को। इस वजह से उन्होंने बहुत सारे ये एआई टूल्स यूज करे जो विजुअल टूल्स थे। पर इसकी वजह से बहुत ज्यादा कॉन्वर्सेशन स्टार्ट हुई कि अरे कोई एथिक्स की बात ही नहीं कर रहा है। कोई बात ही नहीं कर रहा है कि किसी के लाइफ टाइम वर्थ ऑफ एफर्ट था ये उस आर्टिस्ट का जिसमें कि उसने मेक श्योर किया था कि ढंग से बने। एक 30 सेकंड के विजुअल को बनाने के लिए चार महीने लगाता था स्टूडियो की। क्यों लगाता था? वो इसलिए थोड़ी लगा रहा था कि आप कोई सिस्टम आके उसे लर्न कर ले। एक एक स्कूल ऑफ़ थॉट यह बोलता है। एक एक टाइप ऑफ़ लोग यह बोलते हैं। दूसरे टाइप ऑफ़ लोग यह बोलते हैं कि अगर कर लिया लर्न तो इमिटेशन इज़ द बिगेस्ट फॉर्म ऑफ़ फ्लैटरी। तो आपको प्रॉब्लम क्या है? उसे इमिटेट करने दो। तो ये वाली जो कन्वर्सेशन थी ना कि ओनरशिप किसका है? कुछ गलत हो जाए तो लायबिलिटी किसकी है? मैंने मैंने एआई को यूज़ करके अगर एक डॉक्यूमेंट लिख दिया और उसके बेसिस पे कोई लीगल एक्शन हुआ तो किसकी गलती है? मेरी कि मैंने एआई यूज़ किया या एआई की? क्योंकि उसने वो आउटपुट दिया। लायबिलिटी की कन्वर्सेशन, एथिक्स की कॉन्वर्सेशन कि मैं क्या किसी का किसी का स्टाइल, किसी की आर्ट फॉर्म को लेकर उसे रेप्लिकेट कर सकती हूं। मतलब इज इट जस्ट फैन आर्ट या फिर मैं सच में कुछ चोरी कर रही हूं। वो कॉन्वर्सेशंस जो थी ना वो थोड़ी अंडर द रक चली गई थी। बट इसकी वजह से वापस से सरफेस कर गई। तो मुझे पर्सनली अच्छा लगा क्योंकि मुझे लगता है कि वो भी एक साइड ऑफ एआई है जिस पे कि हमें इनफ एम्फेसिस देना चाहिए। हम एआई फॉर सोसाइटी। हाउ इज इट डूइंग? हम वाओ जो आपने वो वाला ट्रैक बोला था जिसके अंदर हम साइबर उस पे जा रहे हैं। जो हमारा सैड वाला ट्रैक था इन फ्यूचर वो सैड ट्रैक कब आएगा? जब हमारा ह्यूमननेस चला जाएगा। हमारा ह्यूमननेस कब जाएगा? जब हम सोचेंगे कि चोरी करना ओके है जब हम सोचेंगे कि कुछ भी गलत करना ठीक है क्योंकि यू नो इससे बेटर पैसा बन पा रहा है या जल्दी हो रहा है क्विकर हो रहा है तो आई फील ये भी इंसानों की पहचान होती है क्या मतलब ओके फॉर एग्जांपल हम लोग कुछ भी करते हैं ना कंटेंट में राइट फ्रॉम इनोवेशन एंड थंबनेल्स टू पडकास्ट टॉपिक्स हमें पता है कि ये सारी चीजें कॉपी हो जाएंगी हम एंड बुरा नहीं लगता हम क्योंकि अब 10 साल से कंटेंट कर रहे हैं 10 साल से लोग कॉपी करते हैं हम तो मैं मेरा पर्सेक्टिव ये है कि इनो इनोवेट करते जाओ हम कीप कीप क्रिएटिंग यू हां व्हिच इज ग्रेट पर पिकासो का स्टाइल पिकासो का स्टाइल ही था डली का स्टाइल डाली का स्टाइल ही था सिमिलरली उस स्टूडियो का स्टाइल उन्हीं का स्टाइल था वो इनोवेट अगर कर भी रहे हैं तो कुछ ऐसा है जो नीसेंटली उनका है जिसको कि हम बोरो कर रहे हैं। तो बोरो विद परमिशन मतलब मैं अगर एकदम आपकी स्क्रिप्ट पूरी की पूरी उठाकर यही सेम कॉन्वर्सेशन मैं किसी और से जाकर करने लगूंगी दैट इज मी प्लेन कॉपीिंग ना तो क्या कहां पर आप इंस्पिरेशन ले रहे हैं? कहां पर आप बोरो कर रहे हैं? कहां पे आप प्लेटेंट कॉपी कर रहे हैं। अभी तो हमारे पास उसकी भी कोई कैटेगराइजेशन नहीं है। तो बस लोग इतना ही कह रहे हैं कि वो करना शुरू करते हैं। वो बात करनी शुरू करते हैं कि कि कहां तक करना ओके है। हम ओके एंड देन ही सेड अ मैंने एक्चुअली पहले तो सोचा था कि ये पूरा एआई ए टू जेड पडकास्ट हो जाएगा। हम बट ए टू एफ ए टू एफ में अभी लग रहा है कि ये बहुत ज्यादा डेंस पडकास्ट है। एंड टू रियली बेनिफिट फ्रॉम दिस कन्वर्सेशन आई थिंक ऑडियंसेस को एक्चुअली थोड़ा सा खेलना चाहिए ए के साथ। हम हम इसलिए आई थिंक वी विल गेट बैक टू द चार्ट इन पार्ट टू ऑफ़ द एपिसोड। ओके। बट अभी के लिए ये जो बेसिक्स ऑफ़ एआई एपिसोड है, इसको थोड़ा सा कैप ऑफ कर देते हैं। दिस इज द फाइनल सेक्शन ऑफ़ एपिसोड वन। ओके। तो हमने अ होमवर्क दिया ऑडियंस को। आपने एआई लिटरेसी की बात करी। यू हैव एक्सप्लेन द डिफरेंट ऑप्शंस। हम एक दो बेसिक से सवाल है कि अगर किसी को स्टार्ट करना है या यूज़ करना। हम बेसिकली जस्ट google.com पर जाओ। ग्रॉक यूज़ ग्रॉक टाइप करो। यूज़ चैट GGB टाइप करो। आपको लिंक मिल जाएगा। वहां से शुरुआत कर लो। हिंदी कैपेबिलिटीज सारे बॉट्स में है। सब में नहीं है बट हां लार्जली है। जिन जिन सबकी हमने मेंशन करी है डीप सीक में नहीं है। जैसे लिंग्विस्टिक कैपेबिलिटीज अभी ग्रॉक में भी अभी उतने अच्छे से लिंग्विस्टिक कैपेबिलिटीज बिल्ट इन नहीं हुई है। बट हां चैट जीपीटी में आप कर सकते हैं। जेमिनाई में आप कर सकते हैं। ओके। अ और इन दोनों में खर्चा कितना होता है? फ्री है। आपको खेलने के लिए तो फ्री है। अंटिल एंड अनलेस हम उससे बहुत हैवी कुछ काम करना चाहते हैं। व्हेन आई से बहुत हैवी। सपोज मेरे को एक डॉक्यूमेंट डालकर उसको पढ़वाना है और बोलना है कि अरे बता दो कि इसमें से क्या आउटपुट आया है। जैसे कि Google का ही एक बहुत अच्छा टूल है नोटबुक एलएम के नाम से। उसको आप अपनी टेक्स्ट बुक डाल के या कोई चैप्टर डाल के बोल सकते हो कि इसके बेसिस पे मुझसे 50 क्वेश्चंस पूछ। टू टेस्ट कि आपने सही से पढ़ाई करी है या नहीं? वो पूछेगा आपसे। हम्म। तो वो सब फ्री है। पर यही अगर मुझे 500 डॉक्यूमेंट डालना है और उसको एनालाइज करना है तो फिर उसका कॉस्ट है। बट वो कॉस्ट बिट पे अभी हमारे यूज़र्स को नहीं जाना चाहिए। वो मोस्टली ऑर्गेनाइजेशंस यूज करती हैं। इंडिविजुअल्स कम यूज करते हैं पेड वर्जनंस। हां मेरे ख्याल से जीपीटी का पेड वर्जन 1500 हाउ मच 1700 1700 1800 में मिल जाता है पर आल्सो डिपेंड करता है कि वो कितना प्रोसेस कर सकता है पर मंथ हां मतलब इसमें क्या होता है कि या तो आप मंथ के हिसाब से ले सकते हो या फिर आप यूज़बिलिटी के हिसाब से ले सकते हो कि कितना ज्यादा मेमोरी आप कंज्यूम करोगे और उसके बेसिस पर आप पे कर सकते हो। एज इन 2000 के अंदर आपको एक प्रो वर्जन मिल जाता है। एंड मुझे एक ऑप्शन दिखाया गया जहां बोला कि फॉर ₹0000 यू कैन अनलॉक द हायर वर्जन हम हम वो अब उन्होंने फिक्स कर दिए प्राइसेस कुछ टाइम पहले तक वो ऐसा होता था कि आप अ मतलब $20 का भी ले सकते हो क्रेडिट आप $50 का भी ले सकते हो। अब इंडियन मार्केट्स में उन्होंने इसके वर्जन्स निकाल दिए हैं। स्लैब्स निकाल दिए हैं कि आप कितना स्पेंड करोगे तो कितना आपको यूज़ करने देंगे। अब किन चीजों के बारे में बात करें? जैसे आपने नोटबुक एलएम अभी मेंशन किया है। हम हम ऑलमोस्ट 1ढ़ घंटे से बात कर रहे हैं। Google का ही एक टूल है ये। हां जी। हां जी। नोटबुक एलएम Google ने ही निकाला है एक टूल जो कि टूल है जैसे कि उसका नाम है नोटबुक। आपने नोटबुक में बहुत सारी चीजें लिखी होती हैं। पर कभी-कभी ऐसा होता है कि मुझे वह चीज ढूंढनी है तो मिल नहीं रही है नोटबुक में। तो, वह क्या करते हैं? नोटबुक एलएम के दो बहुत अच्छे फीचर्स हैं। नोटबुक एलएम में मैं बहुत सारा कंटेंट डाल सकती हूं। इसमें मैं पडकास्ट भी डाल सकती हूं। इसमें मैं न्यूज़पेपर आर्टिकल्स डाल सकती हूं। इसमें मैं अपनी खुद की एकेडमिक बुक्स डाल सकती हूं। मैं रिसर्च पेपर्स डाल सकती हूं और उसको बोल सकती हूं कि मेरे लिए सिंपलीफाई कर दो। मेरे को इसमें से क्वेश्चंस बता दो। मैं कोई स्पेसिफिक क्वेश्चंस भी पूछ सकती हूं। मैं आज के पडकास्ट की स्क्रिप्ट डालकर ये पूछ सकती हूं कि कितनी बार रणवीर ने बोला एक्स व जी ऐसे टाइप के बहुत स्पेसिफिक क्वेश्चन पूछ सकती हूं। इसका गुड पार्ट ये है कि जैसे ये हेलुसिनेट नहीं करता क्योंकि ये उसी टेक्स्ट के ऊपर बिल्ड है जो आपने इसे प्रोवाइड किया है। तो ये इधर-उधर से बहुत ज्यादा इंटरनेट से लर्न नहीं कर रहा है। इसने कैपेबिलिटी वहीं से लर्न करी है लेकिन ये आपके टेक्स्ट को ज्यादाेंस देके उससे क्वेश्चंस निकाल रहा है। पर इसका सबसे अच्छा पार्ट जो कि हमारे शायद स्टूडेंट्स ऑडियंस में उनको बहुत अच्छा लगेगा। मैं कोई भी टेक्स्ट डाल के इसे बोल सकती हूं इसे पडकास्ट में कन्वर्ट कर दो। मैं हमारी कॉन्वर्सेशन का टेक्स्ट डाल के उसे दो जनों के पडकास्ट में कन्वर्ट करा सकती हूं और वो आर्टिफिशियली उसे पूरा पडकास्ट बना देगा और फिर मैं वो सुन सकती हूं तो नोटबुक एलएम के ये कैपेबिलिटीज बहुत अच्छे हैं। हम ये हम एडिट आउट कर देंगे। नहीं नहीं किडिंग आपने जेमिनाई के बारे में भी बात करी जो Google का मेन चैटबॉट है। व्हाई हैज़ Google क्रिएटेड नोटबुक एलम इफ दे हैड जेमिनाई ये सब टूल्स हैं डिफरेंट-डिफरेंट। ये स्पेसिफिक चीज को करने के लिए टूल्स हैं। सिर्फ सिर्फ Google ने क्रिएट नहीं करे हैं। जितने सब पहले भी मैं एग्जांपल्स दे रही थी। napkinai स्लाइड्स को gmaai ganटai ये स्पेसिफिक टूल्स हैं। इनका एक पर्पस है। वो एक पर्पस को अच्छे से करेंगे रादर देन जीपीटी की तरह एक बहुत जनरलाइज्ड वर्जन होना कि वो बहुत सारी चीज कर सकता है। ओके। तो जितने भी चैट बॉट्स के बारे में हमने बात करी यह बहुत जनरल टूल्स हैं कि आम इंसान को पता चले कि यार एआई ये ये और ये भी कर सकता कर सकता है। पर टूल्स स्पेसिफिक होते हैं। हां टूल्स स्पेसिफिक होते हैं। वो किसी टास्क के लिए ऑप्टिमाइज्ड होते हैं। जब मैं बोल रही हूं ऑप्टिमाइज्ड होते हैं। मतलब कि उनको ये सिखाया गया होता है कि ये वाला टास्क आपको कैसे से ठीक करना है। वो हो सकता है कि बाकी अदर टास्क उतने अच्छे से ना करें। तो टास्क स्पेसिफिक टूल्स डेटा लिटरेसी का सेकंड वर्जन बन जाते हैं। फिर कि अब मुझे आ गया कि जनरल एआई क्या है और जनरल एआई को कैसे यूज करते हैं। अब उसका नेक्स्ट वर्जन है कि क्या मैं स्पेसिफिक टूल्स के साथ प्ले करके देख चुका हूं कि मेरे मेरे डोमेन के लिए जो इंपॉर्टेंट है वो वाले टूल्स कैसे काम करते हैं। ओके। वुड यू से कि मान लो Google ने अभी जेमिनाई बनाया। सो दे हैव गॉट दैट बेसिक चैटबॉट। अभी उसी चैटबॉट के साथ बैठकर 100 प्रम्प्ट इंजीनियर्स ने 1000 प्र्प्स दे दिए उसे। हां। और इन्हीं प्रम्प्ट्स की वजह से अब वो एक टूल बन चुका है। करेक्ट। इनको बोलते हैं जो पहले आपने बोला जेमिनाई हो गया या चैटजीपीटी हो गया। ये सारे के सारे होते हैं फाउंडेशनल मॉडल्स। इन्हें बोलते हैं। इंडिया का अभी अपना कोई फाउंडेशनल मॉडल नहीं है। बट फाउंडेशनल मॉडल। डीप सीक चाइना का फर्स्ट फाउंडेशनल मॉडल था। इनके ऊपर और इनकी वजह से बहुत सारे यूज केसेस बन सकते हैं। जिसको कि जैसे कि आपने बोला प्र्प्ट इंजीनियर्स ने यूज करके स्पेसिफिक टास्क के लिए चीजें बना दी है। और उस टास्क मतलब वो टास्क ऐसे भी हो सकता है कि मेरे साथ पोकर खेलो कि आप मुझे बताओ कि प्रोबेबिलिटी कितना है तीन पत्ती में जीतने का। वैसा टास्क भी हो सकता है। लेकिन वो एक स्पेसिफिक टास्क के लिए ऑप्टिमाइज्ड है। ओके? एक प्रैक्टिकल नजरिए से ऑडियंस के लिए। अगेन ऑडियंस इज करियर ओरिएंटेड। अ आप उनके साथ चार ऐसे टूल्स शेयर कीजिए। ओके जो बहुत यूज़फुल रहेंगे उनके करियर्स में। ओके। मेरा फेवरेट नोटबुक एलएम है। मैं अपने स्टूडेंट्स को भी यही बताती हूं। मैं बहुत ज्यादा उसे इस्तेमाल भी करती हूं। सो नोटबुक एलएम एक है। सेकंड अभी जिस तरह के वर्ल्ड में हम रहते हैं बहुत सारा टाइम हमें रिपोर्ट जनरेशन और प्रेजेंटेशन मेकिंग और ये सब करना होता है। तो गामा डॉट एi करके एक टूल है जिसको कि बहुत ज्यादा अच्छी प्रेजेंटेशंस बनाता है। वो आपको सिर्फ उसे प्र्पना है कि मुझे इस चीज के बारे में प्रेजेंटेशन बनानी है और वो उसके बेसिस पे पूरी स्क्रिप्ट भी लिख देगा। उसको प्रेजेंटेशन में कन्वर्ट भी कर देगा और आप बीच-बीच में उसे एडिट कर सकते हैं। napkina ai जो कि मैंने एक पहले मेंशन किया था वो बहुत अच्छा टूल है जब मुझे अपने थॉट्स को स्ट्रक्चर करना है। मतलब कि मैंने अभी इतनी सारी चीजें बोल दी है इस पॉडकास्ट में। अगर मैं वो सारे के सारे नैपकिन में डाल दूंगी तो वो मुझे एक बहुत अच्छा फ्लो चार्ट और विजुअल दे देगा। वो अच्छे से क्लब कर देगा चीजों को जो इंपॉर्टेंट है जो नहीं है इंपॉर्टेंट ऐसे करके। तो वो एक बहुत ही बहुत ही इंटरेस्टिंग टूल है और मुझे ऐसा लगता है कि एक विजुअल टूल देना भी बहुतेंट है। तो समथिंग लाइक मिड जर्नी या डेली जो कि आपकी किसी भी बताए हुए नैरेटिव को एक विजुअल में क्रिएट कर देगा। दे दे आर इंटरेस्टिंग फॉर टूल्स टू ट्राई। हम ये सारे कंटेंट क्रिएटर्स एजेंसी प्रोफेशनल्स के लिए इट्स अ वेरी फन एक्टिविटी टू यूज़ विजुअल जनरेशंस एंड ऑल दैट। बट ये आप घर बैठे भी कर सकते हो। बहुत सारे लोगों के लिए। राइट? लाइक बहुत सारी रिसर्च है इस पे कि कैसे लर्निंग जो होती है वो बहुत इंप्रूव होती है अगर हम उसे विजुअल फॉर्म में करें तो तो अगर आप विजुअल्स क्रिएट करो किसी कांसेप्ट के मुझे कोई फिजिक्स का बहुत डिफिकल्ट कांसेप्ट क्रिएट करना है मैं उसको बना दूं अगर अपना प्रम्प्ट कुछ विजुअल आएगा मेरे दिमाग में ना हमेशा मैं वो विजुअल याद रख पाऊंगी शायद मैं वो कांसेप्ट भूल जाऊं बट उस विजुअल की वजह से मुझे वो कांसेप्ट याद आ सकता है हम गॉट इट टाइनी ब्रेक फ्रॉम दिस कॉन्वर्सेशन बाहर जब हम बैठे थे आपने चाइनीस स्टूडेंट्स के बारे में कुछ कहा था मुझे हम ओके दो चीजें बताई है। पहले तो लूजली डीप सीक नाम का एक एआई बॉट रिलीज हुआ था जनता के लिए। आई थिंक दो-ती महीने पहले। हम और एक बहुत वायरल मोमेंट हो गई थी Twitter पे। करेक्ट। एनवीडिया के स्टक्स प्लमिट हुए थे इसकी वजह से। हम उसका भी कॉन्टेक्स्ट दीजिए। और ये एक चाइनीस कंपनी है। करेक्ट। एंड सेकंड जो चाइना में बच्चे हैं छ साल के बच्चे उनकी भी लाइफ में एआई का एक एलिमेंट है वो भी बताइए क्योंकि ऑनेस्टली चाइना बिकम काइंड ऑफ़ अ वर्ल्ड लीडर। करेक्ट। तो ये दो चीजें बताइए ताकि लोगों को कॉन्टेक्स्ट समझ आ जाए। ठीक है? तो डीप सीख आने से पहले चैट जीपीटी आ गया था। ठीक है? तो दुनिया को पता था कि क्या होता है? एआई क्या होता है? या एलएलएम जिसे बोलते हैं लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स कि क्या होते हैं। ठीक है? लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि एलएलएम को ट्रेन करने के लिए या चैट जीपीटी को ट्रेन करने के लिए बहुत ज्यादा पैसा लगा था। क्योंकि उसको ट्रेन करने के लिए हमें चाहिए होते हैं जीपीयूस। ठीक है? जिसप कि मेमोरी स्टोर की जाती है जिस पे कि ये डेटा को प्रोसेस किया जाता है। हमने ये सबको ही पता है अभी क्योंकि ये बहुत कॉमन इनेशन हो गई है कि बहुत ज्यादा डेटा यूज़ होता है ये मॉडल बनाने के जीपीयूस मान लो जैसे बिल्डिंग्स ईंटों से बनती है वैसे ही एआई मॉडल्स जीपीयूस पे हां उसमें मेमोरी स्टोर होती है जिसमें हम जिससे हम मॉडल बनाते हैं वनथ कैपेबिलिटी में वन 10थ प्राइस में 110 जीपीयू स्पेस में डीप सीख ने अपने आप को उतना ही एक्यूरेट बना दिया था जितना कि चैट जीपीटी था। मतलब लूजली स्पीकिंग जैसे हम इसरो को नासा से कंपेयर करते हैं कि यार इसरो ने कम पैसों में इतना कुछ कर दिया। उसी तरह चाइनीस एi कंपनी ने कम पैसों में फाड़ दिया। करेक्ट इसको बोलते हैं फ्रूगल इनोवेशन। वैसे अगर आप टेक्निकल टर्म्स में जाओ तो फ्रूगल इनोवेशन। फ्रूगल मतलब मैंने ज्यादा पैसा खर्च नहीं किया बट मैंने कुछ अच्छा अचीव कर लिया। तो चाइना ने और डीप सीक के साथ वो किया। अब डीपसी के अपने चैलेंजेस भी हैं। चाइना है तो डेटा प्राइवेसी के लोगों को कंसर्न्स रहते हैं। वो वाले एलिमेंट्स इसमें हैं। मगर एफिशिएंसी वाइज जब कोई चैट जीपीटी यूज़ करता है। अब आप और मैं कैसे चैट जीपीटी यूज़ करते हैं? बहुत ज्यादा नॉर्मली हमने गए हमने फ्री वर्जन यूज़ किया। पर जब ऑर्गेनाइजेशंस यूज़ करती हैं या आपको किसी क्रिएटिव टास्क के लिए यूज़ करना है तो आपको पेड वर्जन यूज़ करना पड़ता है उसका। चैट GPT का पेड वर्जन क्योंकि उसको बनाने में ज्यादा पैसे लगे हैं। वो महंगा था। डीप सीक का पेड वर्जन बहुत सस्ता था। तो इसलिए यह सारा का सारा जो आपने बोला कि इकोनॉमिक इंपैक्ट जो आया वो इसलिए आया क्योंकि अब सेम प्रोडक्ट बड़े सस्ते में मिल रहा है ना लोगों को और एक्यूरेसी और प्रसीजन तो उतना सेम ही दे रहा है। तो जिसको बहुत ज्यादा डेटा प्राइवेसी वाले इश्यूज नहीं थे उन्होंने मूव कर लिया। हम तो इसलिए ये सारा का सारा इकोनमिक इंपैक्ट हम लोग को देखने को मिला। अभी चाइनीस बच्चों के बारे में बताइए। हां। तो चाइना का बहुत इंटरेस्टिंग है। ठीक है? चाइना ने ना सबसे पहले यह एआई फॉर एवरीबॉडी वाला कांसेप्ट लाया था। 2017 में ही उन्होंने बोल दिया था कि 2030 तक हमको द वर्ल्ड लीडर बनना है। और चाइना किसी भी डोमेन में जब चूज़ करता है ना कुछ करना तो वो बहुत सेंट्रल होता है। उनकी गवर्नमेंट लीड करती है वो सारे इनिशिएटिव। इट्स वेरी सेंट्रलाइज्ड। तो गवर्नमेंट ने पॉलिसी चेंज कर दी। अब गवर्नमेंट ने बोला है कि सब स्कूल्स के अंदर आपको एआई इंट्रोड्यूस करना ही है। जिसको वो बोल रहे हैं एआई लिटरेसी कि बच्चे को पता रहना चाहिए कि एआई में क्या-क्या होता है? वो नहीं कह रहे कि आप छ साल के बच्चे को इंजीनियर बना दो। पर वो यह कह रहे हैं कि छ साल के बच्चे को पता रहना चाहिए कि एआई क्या होता है? एआई क्या कर सकता है? कैसे कर सकता है? और जब कोई बच्चा यूज कर रहा है ना तो उसे पता है कि Snapchaat का जो फिल्टर है ये एआई फिल्टर है या Instagram पे जो मैं ये नहीं मेरे को रेकमेंडेशन आया ये एआई रेकमेंडेशन है। दैट इज जस्ट व्हाट दे आर एक्सपेक्टिंग यंगर एज पे पर ग्रेजुअली बिल्ड अप करके कि यही बच्चे इवेंचुअली 2030 तक उनको सबसे बड़ा मार्केट बनना है तो यही बच्चे तब तक ग्रेजुएट होकर बनेंगे ना। वाओ 2030 2030 दे से 2030 का उन्होंने टारगेट सेट किया है अपनी कंट्री के लिए चाइना ने। वाओ ओके। कमिंग बैक टू आवर प्रोसेस नोटबुक टाइम। डू यू वांट टू एक्सपेंड ऑन दोज़ फोर कैटेगरीज? या यह दूसरे एपिसोड में करना चाहिए? अ सो फर्स्ट थिंग्स एआई लिटरेसी तो बेस है। चारों कैटेगरीज के लिए एआई लिटरेसी करना। एंड एआई लिटरेसी के भी ये डिफरेंट लेवल्स हैं। एज़ वी आर डिस्कसिंग कि पहले फाउंडेशनल मॉडल्स कैसे वर्क करते हैं? उनको यूज़ करना। सेकंड हमारा यह वाला आ जाता है कि स्पेसिफिक टूल्स को कैसे यूज़ करने हैं। उसके ऊपर अगर आप बिल्ड करेंगे। अब यह दो अगर आपको आते हैं तो आपके जो लो एफर्ट वाले टास्क हैं ना अगर आप उस दो में ल करते हो तो आप वैसे भी काफी सब चीज कर पाओगे। फर्स्ट वो इंसान जिसको कि बस पता है कि इसका रिव्यू कैसे करना है यह समझना कि भैया यह गलत भी हो सकता है कभी-कभी तो कब गलत हो सकता है वो और सेकंड लेट्स से आपने एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट का एग्जांपल लिया था या मैंने कस्टमर कॉल सेंटर का एग्जांपल लिया था। वहां पे यह फिगर आउट करना कि मेरे लिए कौन सा इंपॉर्टेंट है टूल। क्या मैं वो वाले टूल्स सीख लूं तो मेरा काम बेटर हो जाएगा, इज़ियर हो जाएगा। वो वो वाली चीज हम कर सकते हैं। बिकॉज़ ये वैसे वाले सिस्टम्स हैं जहां पे एआई असिस्टेड है लेकिन ह्यूमन सुपरविज़न रिक्वायर्ड है। हम ठीक है? अब उसके बाद की जो कैटेगराइजेशंस आती है ना वो थोड़ी इन डेप्थ कैटेगराइजेशन है। जैसे कि हमने एक के बारे में बात करी थी व्हिच इज़ प्र्प इंजीनियरिंग। तो मेरे जो ऐसा टास्क था जिसमें हम बात कर रहे थे कंटेंट क्रिएटर्स की जिसमें हम बात कर रहे थे एंटरप्रेन्यर्स की जिसमें हम बात कर रहे थे। तो वहां पर क्या है कि प्र्प इंजीनियरिंग ठीक से करना इज द थर्ड लेवल व्हिच इज वेरी वेरीरीेंट कि मैं इनफ कॉन्टेक्स्ट दे रही हूं कि मेरी मेरे को प्रॉब्लम सॉल्व करना है। एट द एंड ऑफ़ द डे एंटरप्रेन्योरशिप इज़ 90% अबाउट प्रॉब्लम सॉल्विंग एंड 10% अबाउट द प्रोडक्ट एंड सर्विस यू आर सेलिंग। राइट? सो वो वाला मैं प्रॉब्लम सॉल्व करने के लिए क्या इनफ कॉन्टेक्स्ट दे पा रही हूं? मैं सेटअप कर पा रही हूं या नहीं कर पा रही हूं। मैं उसे अ मैंने कैसा सिस्टम को मेरी टोन कैसी सेट कर दी है सिस्टम की? जैसे आप कह रहे थे मैं हर बारी जब न्यू स्टार्ट करता हूं तो मैं उसे इनफ बता देता हूं अपने बारे में तो वो एक प्र्प्ट इंजीनियरिंग वाली साइड हो जाती है। तो वो जो एक थर्ड कैटेगरी मेरे लिए आ जाती है उसको प्र्प इंजीनियरिंग अच्छे से सीखना है इन एडिशन टू द फर्स्ट टू और फिर जो मेरी फोर्थ कैटेगरी आती है ना जहां पे मैं बात कर रही हूं कि डायग्नोस्टिक कैसे बेटर कर सकते हैं डॉक्टर्स कैसे हम मेडिकल या हेल्थ केयर में क्या कर सकते हैं या हम कंसलटेंट्स कैसे बेटर बन सकते हैं या मैं प्रोफेसर कैसे बेटर बन सकती हूं उसके लिए ना बहुत स्पेसिफिक यूज़ केस हो जाता है। फिर हमें जब इतना स्पेसिफिक यूज़ केस है जिसके अंदर हाई नॉलेज भी रिक्वायर्ड है और लो रेपटीशन है। फिर हमें एआई इंजीनियर्स और एआई डिज़र्स की रिक्वायरमेंट है ताकि वो उस यूज़ केस के लिए वैसा टूल्स बना सके जैसे कि नोटबुक एलएम टूल है। मतलब पर्सनली आपके प्रैक्टिस के लिए एक टूल बनाया जाएगा। पर्सनली आपके यूज़ केस के लिए एक टूल बनाया जाएगा। करेक्ट? मतलब जैसे कि मैंने एग्जांपल दिया था आपको टीबी डिटेक्शन वाला। ठीक है? उसी की तरह से एक और एग्जांपल था जिसके अंदर वो साउंड सुन के बता देते थे कि व्हाट आर द चांसेस कि किसी को लंग प्रॉब्लम है, सीओपीडी प्रॉब्लम है। दैट वाज़ आल्सो वन अदर टूल दैट वाज़ क्रिएटेड। राइट? सो, ये वाले बहुत स्पेसिफिक यूज़ केस के टूल्स आ जाते हैं। जिसको कि डिज़ करने के लिए सिर्फ एक प्र्प्ट इंजीनियर की रिक्वायरमेंट नहीं होती। क्योंकि प्र्प्ट इंजीनियर सिर्फ प्र्ट दे रहा है। ठीक है? तो मुझे एआई आर्किटेक्ट की जरूरत है। जो यह भी बताएगा यह डेटा इंपॉर्टेंट है। जो यह भी बताएगा यहां से यह डेटा बोरो करो। जो ये भी बताएगा कि जब तुम लर्न कर रहे हो तो हो सकता है नया डेटा तुम्हारे लिए ज्यादा इंपॉर्टेंट है। सो ये जो फ्लोर चार्ट आप समझा रहे हो इस पॉइंट तक अ जो भी बातें हुई है इस एपिसोड में वो सारी आपके हाथों में है। द यूज़र्स कैन हैंडल इट देमसेल्व्स। हम यहां पहुंचने के बाद यह पता चला है कि समटाइम्स यू नीड एन एआई आर्किटेक्ट एआई इंजीनियर इन योर ऑफिस। आप बन सकते हो वो। तो आई विल से टू थिंग्स। अगर आप एक एंटरप्रेन्योर हो तो हां आपको एक एआई इंजीनियर, एआई आर्किटेक्ट, एआई डिज़र या एथिक्स कंट्रोलर ये हायर करने की जरूरत पड़ सकती है। अब तो प्र्प्ट इंजीनियरिंग की भी जॉब्स हैं। तो प्र्प्ट इंजीनियर एक इंजीनियरिंग एक तो हम बोल रहे हैं कि मैं एज अ यूजर कितना अच्छा प्रम्प दे सकता हूं। बट आल्सो ऑर्गेनाइजेशंस आर ट्राइंग टू फिगर आउट कि क्या मैं प्र्प्ट इंजीनियर्स को हायर करके बेटर प्र्प्स क्रिएट करा सकते हूं। द दिस बिट कि हम एआई एजेंट चाहिए। अगर आप एंटरप्रेन्योर हो आप हायर कर सकते हो बट आपको उसे बहुत ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे बिकॉज़ ये एक नीश है। ठीक है? तो एआई जो ये डिज़र्स होते हैं दे मेक अ लॉट ऑफ़ मनी। मतलब अगर आपका बस जीरो टू टू इयर्स का एक्सपीरियंस है तब भी आप अ मतलब 15 लाख तक कमा सकते हो। इसमें 7 से 15 लाख। अगर आप ये थ्री टू सिक्स इसको कर दोगे तो आप 15 से 35 लाख कमा सकते हो। तो यही आप से टू 10 इयर्स थोड़े एक्सपर्ट लेवल पे चले जाओगे तो यू कैन गो अपवर्ड्स ऑफ यू नो वन सीआर एक्सट्रा आल्सो डिपेंडिंग ऑन कंपनी एंड डिपेंडिंग ऑन आप एक्सजेक्टली किस यूज़ केस पे काम कर रहे हो ये जो 97 मिलियन न्यू जॉब्स निकल के आएंगे ये ये इसी स्पेस में आ रहे हैं। अ लॉट ऑफ़ देम आर इन दिस स्पेस क्योंकि ये पहले एक्सिस्ट नहीं करते हैं। कोई प्र्प इंजीनियर्स अभी एक्सिस्ट नहीं करते हैं। वो कंप्यूटर इंजीनियर्स हैं जो प्र्प्ट इंजीनियरिंग समझने की कोशिश कर रहे हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स हैं या डेटाबेस आर्किटेक्ट्स हैं जो उधर जाने की कोशिश कर रहे हैं। बेसिकली तो अगर आप आज 16 17 18 साल के हो हम ये एक बहुत लुकटिव करियर पॉसिबिलिटी हो सकती है आपके लिए। आप डेफिनेटली अभी आप सकते हो आपको अभी चैटिपिट ने भी तो सेम बोला था। फर्स्ट चीज जो उन्होंने बोली थी इज़ एआई इंजीनियर्स एआई आर्किटेक्ट्स एमएल इंजीनियर्स। एमएल इंजीनियर इज़ मशीन लर्निंग इंजीनियर। द टेक एस्पेक्ट ऑफ़ दिस वो है ही ल्यूक्रेटिव जॉब्स क्योंकि जॉब ल्यूक्रेटिव कब होती है? इट्स अ डिमांड सप्लाई का गेम। हम डिमांड बहुत हाई है क्योंकि हम इतनी सारी चीजें बोल रहे हैं कि 2030 तक हमें ये करना है। 2047 तक विकसित भारत में हम इंडिया एज अ कंट्री बहुत ज्यादा एआई फॉर ऑल से अलाइन है। नीति आयोग ने भी बहुत ज्यादा इस पे बात करी है। दे हैव क्रिएटेड अ स्ट्रेटजी फॉर इट। हमने इंडिया एआई मिशन ल्च किया है। हमने 10,000 करोड़ सेटसाइड करे हैं एज अ गवर्नमेंट फॉर एआई सिनर्जीस, अ पब्लिक यू नो इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर वी हैव पुट इन मनी जिस पे गवर्नमेंट आपको क्लासेस दे रही है कि आप प्लीज आ जाओ इंडिया एआई पे फ्री में कंटेंट पढ़ो भैया सीखो यहां से। तो वो सारी चीजें क्यों कर रही है गवर्नमेंट? क्योंकि बहुत ज्यादा डिमांड है लेकिन सप्लाई नहीं है। इनफ लोग नहीं है जिनको यह सब करना आता है। तो दिस इज़ डेफिनेटली द मोस्ट लुकटिव करियर दैट यू कैन बिल्ड। इफ यू आर वेरी यंग राइट नाउ यू शुड रियली इफ यू वांट अ करियर जो कि अगले 10 साल तक बस बढ़ेगा ही बढ़ेगा। आई थिंक दिस इज़ योर प्लेस टू बी। एंड एज एन एंटरप्रेन्योर ऐसे लोग मिलते कहां है? Lindin। सो Lindin में भी जैसे कि Lindin का अभी एक रिसेंटली सर्वे हुआ था जिसमें उन्होंने बोला था कि भैया 80% बढ़ गई है। 79 टू बी प्रिसाइज परसेंट बढ़ गई है। जॉब सर्चेस जहां पे लोग सर्च कर रहे हैं कि भैया हमें यह स्किल सेट चाहिए लेकिन लोग नहीं है इनफ। राइट? सो यू गेट देम थ्रू Lindin बट आल्सो थ्रू सम ग्रेट कॉलेजेस नाउ हैव स्टार्टेड डूइंग कोर्सेज अराउंड इट। सो मे बी ग्रेजुएट्स फ्रॉम देयर। राइट? मे बी देयर आर पीपल हु आर ट्राइंग टू पिवेट देयर करियर्स जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर था कंप्यूटर इंजीनियर था अभी पिवेट करके इस साइड पर आने की कोशिश कर रहे हैं वो वाले लोग या जो लोग थे जो इस बैकग्राउंड से आते हैं स्टैटिस्टिक्स वाले बैकग्राउंड से या मैथमेटिक्स वाले बैकग्राउंड से वो लोग जब अप्लाइड काम करते हैं तो भी वो एमएल इंजीनियरिंग साइट पर जाते हैं तो वो वाले कैटेगरी ऑफ़ लोग ओके गुड पॉइंट टू एंड दी एपिसोड क्योंकि इस पॉइंट के बाद हम एडवांस डीआई के बारे में बात करेंगे बट आई फील बहुत सारे ऐसे लोग हैं भारत में जो बेसिक्स नहीं जानते हैं क्योंकि जो बेस्ट एआई का कंटेंट है वो इंग्लिश में बनता है। हम्म। इसलिए मुझे ये वाला एपिसोड हिंदी में करना था। अ आई होप कि लोगों की हेल्प हो चुकी है। एंड में एक चीज कहना चाहूंगा। आप और मैं मिले हैं हमारे कॉमन फ्रेंड प्रथम के थ्रू। अ प्रथम को मैं जानता हूं काफी सालों से। एंड उनसे ना हमेशा यह बात होती है कि यार जो एजुकेशन हमें ट्रेडिशनल इंस्टीट्यूशन से मिल रही है भारत में हम वो ना 10थ या शायद 12th स्टैंडर्ड तक बहुत तगड़ी होती है। हम मतलब अबव द वर्ल्ड स्टैंडर्ड हम उसके बाद ये जो ग्रेजुएशन अंडरग्रेड और पोस्ट ग्रेड की पढ़ाई होती है भारत में बहुत वीक है। अगर हमें भारतीय एजुकेशन सिस्टम को चेंज करना है तो वो होगा एंटरप्रेन्योर सेतु हम प्रथम इज एन एंटरप्रेन्योर हम एंड जो लोग उनके साथ जुड़ते हैं आई नो दैट दे आर कट फ्रॉम दैट सेम क्लॉथ या नो अब्सोलुटली आई थिंक आई थिंक प्रथम इज अ विज़नरी व्हेन इट कम्स टू थिंकिंग अबाउट एजुकेशन एंड हाउ हमको वो अलग से सोचना चाहिए और और आई थिंक इसमें हमारे यहां पे बहुत ग्रेट इंस्टीटशंस हैं। मतलब बहुत लेगसी है हमारी कंट्री में। एंड जिस तरह के इंटेलिजेंस और जिस तरह के स्टूडेंट्स एक आईआईटी एक आईएम में आपको मिलते हैं वो वर्ल्ड के आपको किसी भी कोने में बहुत मुश्किल से मिलेंगे। एक क्लासरूम में इतना ज्यादा अ इंटेलिजेंट ग्रुप। पर प्रॉब्लम क्या आती है कि हम थोड़े से स्टक हो के रह जाते हैं इस चीज में कि अरे हमारा करिकुलम क्या कह रहा है? हमारी गवर्नमेंट ने क्या बोला है कि ये वाली चीजें पढ़ानी है। एजुकेशन बोर्ड ने क्या बोला है कि ये वाली चीजें पढ़ानी है। हम कनेक्ट में नहीं रह पाते हैं विद अभी क्या हो रहा है? मतलब मैंने बहुत सारे ऐसे कोर्सर्सेस देखे हैं जो कि डेटा साइंस और एआई के कोर्सेज बोले जा रहे हैं। बट उन्होंने बस उसको प्रीिटी पैकेज किया है। मतलब वो पुराने एकिस्टिंग कोर्सर्सेस को उठाकर बस एक अच्छा सा रैप करके एक क्लास दो क्लास एआई का डाल के अब हमने उसे एआई फॉर हेल्थ केयर एआई फॉर ये ऐसे कोर्स बना दिए। बट उसमें जेनुइनली इतनी ज्यादा एआई की बात नहीं हो रही है। तो मुझे ऐसा लगता है कि जब हम एजुकेशन को चेंज करने का सोच रहे हैं एंड एंड लकीली हमारी गवर्नमेंट भी ये बात कर रही है क्योंकि एनईपी पॉलिसी में है कि एआई लिटरेसी आप स्कूल्स में इंट्रोड्यूस करिए। अ बहुत सारे 2300 स्कूल्स ने अडॉप्ट भी कर लिया है कि वो एआई लिटरेसी हाई स्कूल लेवल पर ले आए हैं। अंडर ग्रेजुएट लेवल पर भी बीसी के कुछ आईआईटीस ने गुवाहाटी ने मद्रास ने कोर्सर्सेस लॉन्च किए हैं जो कि डेटा साइंस एआई के अराउंड है। बट बहुत ज्यादा ऐसे कोर्सेज जो कि इतने ज्यादा पुश कर रहे हैं एआई नैरेटिव को नॉट जस्ट इंजीनियरिंग पर्सपेक्टिव से बट इंजीनियरिंग और एंटरप्रेन्योरशिप पर्सपेक्टिव से कि हाउ डू यू बिल्ड बिज़नेसेस इन एआई? हाउ हाउ डू यू मेक मनी फ्रॉम एआई? हाउ डू यू यूज़ एआई फॉर सोशल वेलफेयर? वो वाली कॉन्वर्सेशंस अभी कम हो रही हैं। एंड वही मतलब हम चाहते हैं कि हम और करें। हम्म। डू यू थिंक कि जो हम इसके बाद सीक्वल एपिसोड रिकॉर्ड करेंगे हम उसमें यही सब कवर होगा? हां काफी हद तक ये भी कवर होगा। और ज्यादा स्पेसिफिक्स में जाना चाहेंगे कि अब अब इतना सब आपको ये करना आता है। मतलब पर और क्या कर सकते हैं? कौन सी इंडस्ट्री के साथ क्या करा जा सकता है? गवर्नमेंट क्या-क्या कर सकती है? दुनिया कैसे चेंज कर सकते हैं एआई के बेसिस पे? वो सब बातें। ओके। सेड थैंक यू। मजा आ गया। भारत को आपकी जरूरत थी। बस ये कहना चाहूंगा एंड आई नो कि बहुत सारे एआई करियर्स इस पॉडकास्ट से शुरू होंगे और बहुत सारे एआई एंटरप्रेन्यर्स की कहानी इस पॉडकास्ट से शुरू होगी। तो थैंक यू। थैंक यू सो मच। तो दोस्तों, यह था आज का एपिसोड। इस एपिसोड के सीक्वल में हम सीखेंगे एआई के बारे में फ्रॉम अ मोर डिटेल्ड पर्सेक्टिव। अगर आप एक एंटरप्रेन्योर हो, अगर आप एक वर्किंग प्रोफेशनल हो, अगर आपको एआई एजेंट्स के बारे में ज्यादा जानना है, अगर आपको एआई की दुनिया में एक बिजनेस स्टार्ट करना है, तो वो वाला एपिसोड और भी ज्यादा वैल्यूुएबल रहेगा। इस वाले एपिसोड में हमने सिर्फ बेसिक्स को कवर किए हैं। रिमेंबर चेक आउट डॉ. नंदनीस वर्क एटस्टर्स यूनियन वी लिंक ऑल द डिटेल्स डाउन बिलो। जैसे कि मैंने पहले भी कहा ऐसे लोग हैं भारत के असली हीरोज़, भारत के असली सेलिब्रिटीज। ऐसे ही लोगों की वजह से देश एक्चुअली आगे बढ़ने वाला है। क्योंकि अगर हमारे देश में टेक्नोलॉजिकल थिंकिंग एक कॉमन चीज हो जाए। एआई ओरिएंटेड थॉट प्रोसेससेस कॉमन हो जाए तब देश तरक्की करेगा। इंडिया नीड्स मोर पीपल लाइक डॉक्टर नंदिनी। मेक श्योर यू सपोर्ट हर। ऑल हर लिंक्स आर गिवेन डाउन बिलो। एंड अंटिल नेक्स्ट टाइम थैंक यू लॉट्स ऑफ लव जय हिंद [संगीत]