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महासंक्षिप्त: पावर सिस्टम

सो गुड इवनिंग एवरीवन वेरी वेरी गुड इवनिंग टू ऑल ऑफ यू वेलकम टू द महा रिवीजन ऑफ पावर सिस्टम सॉरी एक बार को कंफर्म कर दीजिए ऑडिबल एंड विजिबल मेरी आवाज आपको सुनाई दे रही है परफेक्ट तरीके से तो बच्चों पावर सिस्टम के रिवीजन बैच में आपका स्वागत है और आज हम लोग पावर सिस्टम को रिवाइज करेंगे एक साल से हम लोग पावर सिस्टम पढ़ रहे हैं मतलब अलग-अलग सब्जेक्ट के साथ में तो अब जब हम लोग पावर सिस्टम का रिवीजन करेंगे तो आपको एक एक चीजें याद में आती चली जाएंगी और आपको नोट डाउट आप कॉन्फिडेंट फील करेंगे जब आप एग्जाम्स के अंदर जाएंगे गेट एग्जाम से पहले रिवीजन होना बहुत जरूरी है क्योंकि मैंने आपको बताया था कि किसी भी स्टूडेंट का जो कॉन्फिडेंस होता है ना व रिवीजन के ऊपर डिपेंड करता है और जितनी बार सब्जेक्ट को रिवाइज कर लेता है उसी सब्जेक्ट के ऊपर उतना ही कॉन्फिडेंट फील करता है तो आज हम लोग डिस्कस करेंगे पावर सिस्टम को तो पावर सिस्टम को मैं अकेले ही डिस्कस करूंगा इसके महा रिवीजन को जैसे मैंने आपको बताया था कि हम लोग कौन-कौन से टॉपिक कवर करने जा रहे हैं अने सब टॉपिक को डिस्कस किया था थ्री फेस सिस्टम ट्रांसमिशन लाइन का पैरामीटर परफॉर्मेंस ऑफ द ट्रांसमिशन लाइन कोरोना ओवरहेड लाइन इंसोल वोल्टेज कंट्रोल ऑफ द पावर सिस्टम ट्रांजियंट इन द पावर सिस्टम सिमेटिक कंपोनेंट एंड द सीक्वेंस नेटवर्क सिमेटिक और अनसिमिट्रिकल फॉल्ट लोड फ्लो स्टडीज और इकोनॉमिक लोड डिस्पैच स्विच गरन प्रोडक्शन एंड स्टेबिलिटी पार्ट तो जो लोग अभी तक मेरे ग्रुप के साथ में टेलीग्राम ग्रुप के साथ में कनेक्टेड नहीं है वह टेलीग्राम ग्रुप के साथ कनेक्ट हो सकते हैं और इस टेलीग्राम ग्रुप का नाम है अजय गुप्ता सर पीडब्ल्यू बहुत सारे लोग कनेक्टेड है लेकिन अगर आप कनेक्टेड नहीं हो तो आप इस लिंक पर जाकर कनेक्ट हो सकते हैं अजय गुप्ता सर पी डब्लू कल शायद मैं यहां पर लाइव आऊंगा और जो भी डाउट आपका रह जाएगा आज की क्लास के अंदर तो हम लोग उसको कल की क्लास के अंदर कल जब मैं लाइव आऊंगा उसके अंदर कवर कर लेंगे एक बार मेरे को बता दीजिए एम आई ऑडिबल एंड विजिबल क्या मेरी आवाज आपको आ रही है प्रॉपर तरीके से सो गुड इवनिंग गुड इवनिंग वेरी वेरी गुड इवनिंग टू ऑल ऑफ यू चलिए स्टार्ट करते हैं कितना टाइम लगेगा मैं ट्राई करूंगा कि बहुत ज्यादा टाइम नहीं लगे मतलब हम लोग इसको सेवन आवर्स के अंदर कंप्लीट कर लें क्योंकि मेरे को पता है कि जितना लंबा चलता जाता है ना उतना बोरिंग होने लगता है और लास्ट के मोमेंट पर बच्चा अपने इंटरेस्ट को खो देता है बट फिर भी करीब सेवन आवर्स तो मान के चलिए सिक्स सेवन आवर्स के अंदर हम लोग इसको कंप्लीट करने का ट्राई करेंगे ठीक है चलिए तो देखिए पावर सिस्टम मतलब एक सिस्टम है सिस्टम का मतलब आपने बहुत सारे कंपोनेंट को एज ए यूनिट आप यूज कर रहे हैं और उसका पर्पस है आपको इलेक्ट्रिकल पावर प्रोवाइड करना जो पावर आपको मिल रही है वो क्वालिटी पावर होनी चाहिए क्वालिटी पावर का मतलब है फिक्स वोल्टेज और फिक्स फ्रीक्वेंसी की पावर आपको मिलनी चाहिए कम कॉस्ट के अंदर मिलनी चाहिए और रिलायबल भी होनी चाहिए लावल का मतलब आपको 24 आवर्स यह पावर चाहिए इसके लिए आप बहुत सारे इक्विपमेंट को यूज करते हैं इन इक्विपमेंट को मिलाकर जो सिस्टम बनता है दैट इज कॉल्ड द पावर सिस्टम तो मैंने आपको जैसे बताया था कि जो पावर सिस्टम स होता है इस पूरे सिस्टम को हम लोग तीन ग्रुप में डिवाइड कर देते हैं द जनरेशन ऑफ इलेक्ट्रिकल पावर ट्रांसमिशन ऑफ इलेक्ट्रिकल पावर एंड द डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ इलेक्ट्रिकल पावर सबसे पहले हम लोग पावर को जनरेट करेंगे फिर इलेक्ट्रिकल पावर को एक जगह से दूसरी जगह पर ट्रांसमिट करेंगे और उसके बाद अल्टीमेटली आप उसको एंड यूजर को सप्लाई करना स्टार्ट करोगे गट एग्जाम पॉइंट ऑफ व्यू से 90 पर पोर्शन जो आता है वो खाली ट्रांसमिशन ऑफ इलेक्ट्रिकल पावर से आता है जनरेशन ऑफ इलेक्ट्रिकल पावर और डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ इलेक्ट्रिकल पावर यहां बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट रोल प्ले नहीं करता है तो चलिए डिस्कस करते हैं सबसे पहले मैं आपको थ्री फेस के बारे में बता देता हूं जैसे आपने देखा होगा हम जब भी पावर को जनरेट करते हैं या पावर को ट्रांसमिट करते हैं या पावर को अ जब आप डिस्ट्रीब्यूटर हैं तो ये थ्री फेज के अंदर होता है तो पावर का ट्रांसमिशन और पावर का जनरेशन थ्री फेज में करते हैं क्योंकि हमें पता है कि इसके बहुत सारे एडवांटेज हैं सबसे पहले थ्री फेस पावर को जनरेट करना सिंगल फेस की पावर को जनरेट करने से ज्यादा इकोनॉमिकल पड़ता है ट्रांसमिशन की बात करें तो सबसे इंपोर्टेंट पॉइंट यह है कि जो थ्री फेस पावर होता है इसका इंस्टंटे नियस पावर यानी किसी भी टाइम पर अगर मैं पावर निकालूं तो कांस्टेंट मिलता है थ्री फेज पावर से आपका रोटेटिंग मैग्नेटिक फील्ड भी डेवलप हो जाता है थ्री फेज पावर को अगर आप ट्रांसमिट करते हो तो लॉसेस कम होते हैं ठीक है और वोल्टेज ड्रॉप भी आपको कम देखने को मिलता है थ्री फेस के पावर को ट्रांसमिट करने के लिए आपको किसी भी तरह का एक्स्ट्रा न्यूट्रल वायर की जरूरत नहीं पड़ती ध्यान रखिए जब भी हम लोग पावर को ट्रांसमिट कर रहे हैं ना तो पावर को ट्रांसमिट करने के लिए हम लोग थ्री फेस थ्री वायर सिस्टम यूज करते हैं थ्री फेस और तीन वायरी सिस्टम हम लोग यूज करते हैं दिस इज फॉर ईसी ही ईसी ही के लिए नहीं है मतलब ईसी के अंदर अगर आप क्या कहते हैं अगर आप इंजीनियरिंग सर्विसेस का एग्जाम दे रहे हो तब तो आपके काम में आ सकता है गेट एग्जाम में यह आपके काम नहीं आएगा तो यहां पर अब मैं थ्री फेस के पावर को बात कर रहा हूं तो थ्री फेस पावर को जो हम लोग कहते हैं कि बैलेंस पावर है तो बैलेंस का मतलब है अगर कि सिस्टम की बात कर ें एक बैलेंस सिस्टम है तो सोर्स बैलेंस होना चाहिए और लोड भी बैलेंस होना चाहिए सोर्स बैलेंस होने का मतलब है कि आपको जो सप्लाई में तीन वोल्टेज मिल रही है तीन लाइन के अक्रॉस वोल्टेज मिल रही है उनका मैग्निटिया 120 डिग्री का फेज डिफरेंस भी होना चाहिए अगर ऐसा आपको मिल रहा है इसका मतलब जो हमारा सोर्स है वह बैलेंस सोर्स है जब हम लोग थ्री फेज बैलेंस लोड की बात करते हैं तो बैलेंस लोड का मतलब होता है तीनों फेज के अंदर इंपैसिव मैग्निटिया मतलब इंपसब एंड रिएक्टिव दोनों कंपोनेंट सेम होने चाहिए अगर हमारा सोर्स एज वेल एज लोड दोनों के दोनों बैलेंस इसका मतलब यह सिस्टम बैलेंस सिस्टम होता है थ्री फेस का बैलेंस सिस्टम अदर वाइज सिस्टम थ्री फेस का अनबैलेंस सिस्टम होता है देख लीजिए यह तो मैं नहीं कह सकता कि फायदा होगा या नहीं होगा आप एक बार ट्राई करके देख लीजिए अगर थोड़ा अपने मतलब बिल्कुल भी आईडिया नहीं है तो पता नहीं लेकिन थोड़ा बहुत भी अगर आपने सेमेस्टर एग्जाम में रीड किया हो तो आपको डेफिनेटली फायदा मिलेगा चलिए जी तो यहां पर थ्री फेस के सिस्टम के अंदर दो पार्ट हो सकते हैं एक होता है पॉजिटिव सीक्वेंस और एक नेगेटिव सीक्वेंस पॉजिटिव सीक्वेंस का मतलब है अगर ए फेज के बाद बी फेज आ रहा है और बी फेज के बाद सी फेज आ रहा है a के बाद बी आ रहा है और बी के बाद सी आ रहा है आने का मतलब है टाइम के अकॉर्डिंग मतलब पहले ए फेज मैक्सिमम हो रहा है उसके बाद बी उसके बाद सी तब ये ए बी सी सीक्वेंस होता है अगर ए के बाद सी आता है और सी के बाद बी आता है तब ये एसी बी सीक्वेंस होता है ठीक है जनरली हम लोग ए बी सी को पॉजिटिव सीक्वेंस मानते हैं और और एसीबी को हम लोग मानते हैं नेगेटिव सीक्वेंस मैग्निटिया तो स्टार कनेक्शन यूज कर सकते हैं या फिर हम लोग डेल्टा कनेक्शन यूज कर सकते हैं यहां पर मैंने स्टार कनेक्शन यूज किया हुआ है ये बीच में जो है मेरा न्यूट्रल है और ये तीन फेज है ए बी और सी फेज के देखिए लाइन टर्मिनल के अक्रॉस जो वोल्टेज होती है इसको हम बोलते हैं v ए यानी लाइन वोल्टेज और लाइन पर जो करंट आ रही होती है उसको हम बोलते हैं लाइन करंट लेकिन फेस के अक्रॉस जो वोल्टेज फेस का मतलब है वाइंडिंग के अक्रॉस जो वोल्टेज होता है ना उसको हम बोलते हैं फेस वोल्टेज वाइंडिंग के अक्रॉस और वाइंडिंग में जो करंट आ रहा होता है उसको हम बोलते हैं फेज करंट तो वाइंडिंग का वोल्टेज वाइंडिंग का करंट फेज वोल्टेज फेज करंट लाइन टर्मिनल पर वोल्टेज लाइन टर्मन प करंट लाइन वोल्टेज तो यहां पर जब आप स्टार कनेक्शन की बात करते हैं तो तो जो लाइन वोल्टेज होता है वो फेज वोल्टेज का रथ टाइम्स को मिलता है लेकिन जो लाइन करंट होगी वो फेज करंट के बराबर होगी अगेन यहां पर दो चीजें हो सकती हैं पॉजिटिव सीक्वेंस और नेगेटिव सीक्वेंस अगर पॉजिटिव सीक्वेंस में लेकर चल रहा हूं स्टार कनेक्शन में अगर पॉजिटिव सीक्वेंस है तो जो लाइन वोल्टेज होता है ठीक है अगर मैंने फेज वोल्टेज ले लिया तो लाइन वोल्टेज फेज वोल्टेज से 30 डिग्री लीड करता है या आप उल्टा बोल सकते हो फेज वोल्टेज लाइन वोल्टेज से 30 डिग्री लग करेगा फेज वोल्टेज लग लाइन वोल्टेज बाय 30 डिग्री बाय 30 डिग्री 30 डिग्री लैक करता है ठीक है इसका उल्टा हमारा नेगेटिव सीक्वेंस में हो जाता है बाकी सब चीज तो सेम रहती है यह वाली चीज यहां पर सेम रहती है बट यहां पर फेज वोल्टेज लाइन वोल्टेज 30 डिग्री लीड करेगा फज वोल्टेज लीड लाइन वोल्टेज बाय 30 डिग्री ठीक है डेल्टा कनेक्शन पर आए यह तीन वाइंडिंग है इन तीन वाइंडिंग के टर्मिनल को अगर आपस में कनेक्ट करके डेल्टा बनाते हैं तो ध्यान रखिए डेल्टा के अंदर यह चीज क्या होती है कि यहां पर जो लाइन करंट होती है वो फेज करंट का रथ टाइम्स होती है डेल्टा कनेक्शन के अंदर और लाइन वोल्टेज और फेज वोल्टेज दोनों सेम होते हैं ठीक है लाइन करंट फेज करंट से 30 डिग्री लैक करता है स्टार और डेल्टा कनेक्शन के बाद जब हम लोग थ्री फेस पावर की बात करते हैं ज हम लोग पावर निकालते हैं तो टोटल जो पावर होती है तीनों फेस के पावर का सम के बराबर होती है ए फेस का पावर बी फेस का पावर सी फेस का पावर यानी ये हो जाता है थ वीपीएच आईपीएच क थीटा यहां पर जो क थीटा है ना फेज वोल्टेज और फेज करंट के बीच का एंगल है यानी जो आपने इंपेडेंस लगा लगा रखा है उसका इंपेडेंस एंगल है इसको अगर मैं लाइन वोल्टेज या लाइन करंट की टर्म में निकालूं तो ये आता है √3 v ए आ कस थीटा हम लोग बात कर रहे हैं स्टार कनेक्शन की हालांकि डेल्टा कनेक्शन में भी सेम होता है तो p की वैल्यू √3 v कस थीटा और q यानी रिएक्टिव पावर की वैल्यू √3 v ए आ सा थीटा होती है यहां पर कस थीटा या सा थीटा v और आ के बीच का एंगल नहीं है ये हमेशा व पीएच और आईपीएच के बीच का ही एंगल होता है ध्यान रखिएगा ठीक है इससे जो अरेंट पावर हम लोग लेके चलते हैं अपेरेंट पावर ये हमारा √3 v ए * आ हो जाती है इसको फेज वोल्टेज या फेज टर्म की हम लिखते हैं 3v पीए आईपीएच 3v पीएच आईपीएच या र 3v ए आ डेल्टा कनेक्शन में भी सब चीजें सेम रहती है यानी जो पावर आएगी एक्टिव पावर वो √3 v ए आ सा थीटा आएगी रिएक्टिव पावर √3 v ए आ सा थीटा रिएक्टिव पावर एक्टिव पावर में कस थीटा आ जाएगा और √3 v ए आ ये अपेरेंट पावर हो जाएगी तो स्टार कनेक्शन हो या डेल्टा कनेक्शन हो एक्टिव रिएक्टिव पावर ये सब चीजें आपको यहां पर सेम मिलेगी अब देखिए एक्टिव पावर को मेजर करने के लिए हम लोग या तो तीन वाट मीटर को यूज करेंगे या दो वट मीटर को यूज करेंगे अगर हर फेज में आपने एक एक वाट मटर लगा दिया जो करंट कॉइल है आपने इनकी लाइन में लगा दिया और जो पोटेंशियल कॉइल को आपने आपस में कनेक्ट कर दिया इस तो यहां पर तीनों वाट मीटर का जो सम होगा ये हमें इसकी एक्टिव पावर को बताएगी ठीक है तीनों वाटमीटर रीडिंग का सम कर लोगे तो आपको यहां पर एक्टिव पावर मिल जाएगा जनरली हम लोग तीन वाट मीटर नहीं यूज करके दो वाट मीटर यूज करते हैं यानी दो लाइन के अंदर दो लाइन टर्मन दो लाइन के सीरीज में हम इसकी करंट कॉइल लगा देते हैं और इनकी पोटेंशियल कॉइल को हम लोग ऐसे कनेक्ट करते हैं तीसरे के साथ में तो यहां पर इन दोनों वाट मटर की रीडिंग का जो सम होता है वह हमें एक्टिव पावर दे देता है रवी ए आ कॉस थीटा बट अगर आप इसका डिफरेंस निकालते हैं तो v ए आ सान थीटा आता है रट थ ही आता है ध्यान रखिएगा यानी अगर आपको टोटल रिएक्टिव पावर निकालना है तो दोनों वोट मटर की रीडिंग के डिफरेंस को आपको √3 से मल्टीप्लाई करना पड़ता है ठीक है यानी ये है दोनों वट मीटर की रीडिंग का जो डिफरेंस है आप उसको √3 से मल्टीप्लाई करोगे तब आपको मिलेगी रिएक्टिव पावर यह हमें याद रखना है अगर हमें थीटा की वैल्यू निकालनी है तो t थीटा इ इक्व √3 w1 - w2 w1 + w2 करके आप थीटा की वैल्यू निकाल सकते हैं थीटा क्या होता है ये ड का पावर फैक्टर एंगल है ठीक है यहां तक कोई डाउट किसी को तो बताइए थ्री फेज में किसी को कोई डाउट है थ्री फेस का बेसिक आईडिया मैंने आपको दे दिया अब हम आते हैं पी सिस्टम के अंदर आप जब पावर सिस्टम को स्टडी करते हैं पावर सिस्टम में क्या होता है बहुत सारे इंटरकनेक्टिंग ट्रांसफार्मर होते हैं ठीक है कुछ ट्रांसफॉर्मर स्टेप अप होते हैं कुछ ट्रांसफॉर्मर स्टेप डाउन होते हैं यानी वोल्टेज को आप स्टेप अप कर रहे हो वोल्टेज को आप स्टेप डाउन कर रहे हो तो हमारा पावर सिस्टम अलग-अलग वोल्टेज लेवल पर काम कर रहा होता है ठीक है अगर मैं एक्चुअल क्वांटिटी यहां पर यूज करूं तो जितने वोल्टेज लेवल है उतनी ही मेरे को इक्वेशन लिखनी होगी लेकिन अगर आपने इसको एक प्य सिस्टम में कन्वर्ट कर दिया तो नंबर ऑफ इक्वेशन आपकी खाली एक हो जाएगी यानी आपको अलग-अलग वोल्टेज लेवल की ऊपर अलग-अलग इक्वेशन लिखने की जरूरत नहीं होती है तो ये एडवांटेज होता है पीय सिस्टम का अब पी का मतलब होता है पर यूनिट क्वांटिटी यानी किसी भी एक्चुअल क्वांटिटी को अगर मैं इसकी बेस क्वांटिटी से डिवाइड कर दूं तो ये प क्वांटिटी आ जाती है बेस क्वांटिटी आपकी कुछ भी हो सकती है लेकिन जनरली हम लोग रेटेड क्वांटिटी को बेस क्वांटिटी लेकर चलते हैं प को अगर आप 100 से मल्टीप्लाई करते हो तो ये परसेंटेज वैल्यू आ जाती है देखिए पावर सिस्टम है जब आप किसी क्वांटिटी को प क्वांटिटी में कन्वर्ट करना चाह रहे हैं तो मेनली हमारे पास में चार तरह की क्वांटिटी होती है एक के वोल्टेज एक करंट एक एक पावर पावर में तीनों ले लेता हूं एक्टिव पावर रिएक्टिव पावर अपेरेंट पावर और चौथी होती है इंपेडेंस इंपेडेंस का मतलब मतलब रियली ओवरऑल इंपेडेंस रेजिस्टिव रेजिस्टेंस और रिएक्टेंस सब मिला के ठीक है अब आपको चार बेस लेने पड़ेंगे चारों की बेस प निकालने के लिए चार बेस लेने पड़ेंगे बट मैं चार अलग-अलग इंडिपेंडेंट बेस क्वांटिटी नहीं लेकर चलता हूं चारों बेस में खाली मैं दो क्वांटिटी को ही मैं बेस लेकर चलता हूं किसकिसको वोल्टेज और पावर को ठीक है मैंने इंडिपेंडेंट क्वांटिटी मान लिया करंट का बेस या इंपिटस का बेस मैं वोल्टेज या पावर के बेस से निकाल लेता हूं कैसे करते हैं आपने बेस वोल्टेज और बेस पावर पावर का मतलब हमेशा वोल्ट एंपर लेना है अब ये जो बेस है ना वोल्ट एंपियर ये आपका एक्टिव पावर में भी काम आएगा रिएक्टिव पावर में भी काम आएगा और अपेरेंट पावर में भी काम में आता है तो बेस करंट निकालने के लिए आप s ब को v ब से डिवाइड कर दोगे तो आपको बेस करंट मिल जाएगा ये मेरे इंडिपेंडेंटली है ये इसके ऊपर डिपेंडेंट है यहां पर वोल्टेज का स्क्वायर अपॉन वोल्ट एंपियर य आ गया ठीक है तो यह दोनों इसके ऊपर ली इन दोनों को हम इंडिपेंडेंट लेना है वोल्टेज का बेस और वोल्ट एंपियर यानी पावर का बेस आपको इंडिपेंडेंट लेना है यहां पर जनरली हमारा जो पावर सिस्टम होता है वह किलो वोल्ट और एमवी में काम कर रहा होता है तो इसको मैं अगर किलोवोल्ट और एमवी में कन्वर्ट कर दूं तो यह सेम आ जाता है केवी स्क्वा अपन एमवी आपको याद रखना है ठीक है हम किसी भी क्वांटिटी को बेस क्वांटिटी मा सकते हैं लेकिन हमेशा बेटर रहता है कि आप रेटेड क्वांटिटी को बेस क्वांटिटी मान के चलिए ये बहुत इंपॉर्टेंट है जो हम लोग बेस इंपेडेंस निकाले ना वो सबके लिए होता है यानी रेजिस्टेंस के लिए भी रिएक्टेंस के लिए भी और इंपेडेंस के लिए भी और जो मैं बेस वोल्ट एंपियर ले रहा हूं वो तीनों पावर के लिए होता है एक्टिव रिएक्टिव और अपेरेंट पावर तीनों के लिए होता है जब हम लोग स्टार कनेक्टेड उसपे आएंगे जो हमारा सिस्टम स्टार कनेक्टेड होता है ट्रांसमिशन लाइन को हम मानते हैं स्टार कनेक्टेड तो यहां पर डायरेक्ट आप लाइन वोल्टेज और थ्री फेस का एमवे लिख के इंपसब नहीं होता ध्यान रखिए जब ट्रांसफॉर्मर में आ रहा हूं तो ट्रांसफॉर्मर के दोनों साइड पर बेस वोल्टेज अलग-अलग होगा बेस करंट अलग-अलग होगा और रिलेटेड होगा इसके टर्न रेशो के अकॉर्डिंग टर्न रेशो के अकॉर्डिंग दोनों साइड का बेस वोल्टेज और बेस करंट अलग-अलग होगा दोनों साइड में एक्चुअल वोल्टेज और एक्चुअल करंट भी अलग-अलग होगा लेकिन जब आप इसको प में कन्वर्ट कर दोगे तो दोनों साइड की क्वांटिटी सेम हो जाती है यानी इस साइड का प्य वोल्टेज और इस साइड का प्य वोल्टेज दोनों के दोनों सेम हो जाएंगे एट ए ग्लांस अगर हम लोग एब्सलूट सिस्टम और प्यू सिस्टम को देखते हैं तो एब्सलूट सिस्टम में जितने वोल्टेज लेवल होते हैं पावर सिस्टम को सॉल्व करने के लिए उतनी इक्वेशन चाहिए होती है बट यहां पर खाली एक इक्वेशन से काम चल जाएगा एक्चुअल इलेक्ट्रिक क्वांटिटी की अपनी अपनी यूनिट होती है जैसे वोल्टेज की है वोल्टेज वोल्ट क्लो वोल्ट मेगावोल्ट बट प क्वांटिटी आपकी यूनिट लेस होती है इसकी कोई भी यूनिट नहीं होती तो इसकी कंफ्यूजन नहीं रहता कि क्या यूनिट है इसका ठीक है एब्सलूट क्वांटिटी ट्रांसफॉर्मर के दोनों साइड अलग-अलग होती है लेकिन यहां पर दोनों साइड पर क्वांटिटी सेम हो जाती है सबसे इंपॉर्टेंट पॉइंट जो बच्चा जनरली नहीं जानता कि अगर मैं यहां पर अभी मैंने बताया था कि स्टार कनेक्शन के अंदर लाइन वोल्टेज फेज वोल्टेज का रट थ टाइम होता है तो एक्चुअल क्वांटिटी यानी लाइन क्वांटिटी और बेस फेज क्वांटिटी अलग-अलग होती है जैसे लाइन वोल्टेज फेज वोल्टेज का रूट थ टाइम हो गया लेकिन अगर आपने प में कन्वर्ट कर दिया तो ये क्वांटिटी सेम हो जाती है तब चाहे वो लाइन वोल्टेज इज इक्वेले ट टू द फेज वोल्टेज ठीक है एब्सलूट सिस्टम से अगर आप पावर सिस्टम को एनालाइज करोगे तो ज्यादा टाइम लगेगा इससे आपको कम टाइम लगेगा एब्सलूट सिस्टम के जो डेटा है बहुत ज्यादा रेंज में होते हैं मतलब आप 11 केब भी बात कर रहे होते हैं आप 700 65 केवी बात कर रहे होते हैं ठीक है बट य अगर आप इसको आपने प में कन्वर्ट कर दिया तो यह सब की सब क्वांटिटी एक स्मॉल रेंज में लाई हो जाती है अब सबसे पहली बात यह आती है कि अगर मेरे को एक इंपेडेंस की वैल्यू पता है किसी भी बेस के अंदर और मैं इसको दूसरे बेस में इंपेडेंस की वैल्यू को चेंज करना चाह रहा हूं ठीक है जैसे हम जनरली एक क्या होते है एक यूनिफॉर्म बेस चूज कर लेते हैं फिर पूरी की पूरी क्वांटिटी को उसी बेस में कन्वर्ट कर लेते हैं अगर आपको ओल्ड बेस में प इंपेडेंस पता है तो नए बेस में हम लोग कैसे निकालेंगे एब के डायरेक्टली प्रोपोर्शनल होता है और v स्क्वा के इन्वर्सली प्रोपोर्शनल होता है ठीक है ये हम लोग वैल्यू यूज करेंगे बताइए पी क्वांटिटी में कोई डाउट किसी को नहीं है भाई ईसी गेट के लिए नहीं है सेन आवर के आसपास मान चलिए सि से आवर हां इसका पीडीएफ आपको मिल जाएगा नो डाउट ईसी के लिए नहीं है यह मैं आपको बता चुका हूं ईसी गेट में नहीं आता है पावर सिस्टम ई के अंदर नहीं है ये कोर इलेक्ट्रिकल सब्जेक्ट है चलिए हम आते हैं ट्रांसमिशन लाइन के पैरामीटर को ट्रांसमिशन लाइन क्या है खाली वायर है जो जा रहा है ठीक है खाली कंडक्टर है जा रहा है तो कंडक्टर को अगर आप एक इलेक्ट्रिकल पैरामीटर के रूप में रिप्रेजेंट करेंगे अगर मैं एक उसका एक सर्किट या उसको एक नेटवर्क के रूप में रिप्रेजेंट करूं तो उस नेटवर्क में चार तरीके के कंपोनेंट होते हैं रेजिस्टेंस इंडक्टेंस कैपेसिटेंस और कंडक्टेंस हां एमवी मतलब कहने का मतलब है कोई चाहे मेगावाट में पावर हो चाहे एमवी ए आर में पावर हो चाहे एमवी में पावर है सबका जो बेस होता है ना वो सेम होता है सबका बेस आप एक चूज कर लोगे एमवी सबका बेस आपका सेम रहेगा लेकिन जब आपने इसको प्य में कन्वर्ट कर दिया तब इसकी कोई भी यूनिट नहीं होती नाउ इट इज बिकम यूनिट लेस क्वांटिटी उसके बाद ही यूनिट लेस बन जाता है एवी पावर को अगर मैंने यूनिट में डिवाइड कर दिया प में डिवाइड कर दिया तो यूनिट लेस हो जाता है उसके बाद देखिए एक ट्रांसमिशन लाइन को मैं ऐसे रिप्रेजेंट करता हूं जहां पर यह दो मेरे सीरीज कंपोनेंट है और यह स कंपोनेंट है स पैरामीटर है रेजिस्टेंस एंड इंडक्टेंस सीरीज में कनेक्ट होते हैं और एल एंड जी यह हमारे कनेक्ट होते हैं पैरेलल के अंदर सबसे इंपोर्टेंट पैरामीटर हमारा एल है उसके बाद है सी उसके बाद है r और उसके बाद है सबसे लीस्ट इंपॉर्टेंट है जी ए सबसे इंपोर्टेंट क्यों है इंडक्टेंस क्योंकि इंडक्टेंस की वैल्यू से हमें पता लगता है कि कितनी पावर हम लोग ट्रांसमिट कर सकते हैं बेसिकली यह पावर ट्रांसमिशन कैपेसिटी को बताता है इसके अलावा मेनली जो ड्रॉप होते हैं वो इंडक्टिव नेचर के ही होते हैं यानी यह वोल्टेज ड्रॉप कितना हो रहा है वोह यह डिसाइड करता है इंडक्टेंस के बाद दूसरा इंपोर्टेंट पैरामीटर कैपेसिटेंस है क्योंकि इसकी वजह से चार्जिंग करंट फ्लो होती है चार्जिंग करंट का मतलब है अगर आपने लोड नहीं भी लगा रखा तब भी दो कंडक्टर के बीच में कैपेसिटेंस बन जाता है और उसकी वजह से जो करंट फ्लो होती है उसको बोलते हैं चार्जिंग करंट नेक्स्ट इंपॉर्टेंट पैरामीटर आता है कैपेसिटेंस के बाद रेजिस्टेंस जो हमें बताता है कितने लॉसेस हो रहे हैं हालांकि वोल्टेज ड्रॉप भी होता है लेकिन वोल्टेज ड्रॉप बहुत कम होता है रेजिस्टेंस की वजह से तो हम लोग मान लेते हैं कि मेनली जो वोल्टेज ड्रॉप हो रहा है वो इंडक्टेंस क्रिएट कर रहा है कंडक्टेंस हम लोग क्यों यूज कर रहे हैं कंडक्टेंस बता रहा है हमारा लीकेज करंट ध्यान रखिए ये लीकेज करंट बता रहा है यह बताता है हमारा चार्जिंग करंट कंडक्टेंस सबसे लीस्ट इंपोर्टेंट पैरामीटर है जनरली हम इसको नेगलेक्ट मान लेते हैं इसको हम लोग मान लेते हैं यह जीरो ही है चलिए सबसे पहले हम निकालेंगे कि इंडक्टेंस कैसे निकालते हैं इंडक्टेंस निकालने के लिए सबसे पहले मैं फ्लक्स लिंकेज उसका इंडक्टेंस निकालू ठीक है देखिए कंडक्टर होता है आपको पता होगा कि कंडक्टर के अंदर एक मैग्नेटिक फील्ड एजिस्ट करता है इलेक्ट्रिकल फील्ड नहीं होता लेकिन मैग्नेटिक फील्ड एस्ट करता है इसके अंदर मैग्नेटिक फील्ड होगा इसके बाहर भी मैग्नेटिक फील्ड होगा तो दो फ्लक्स हो गए एक तो इसके अंदर जो मैग्नेटिक फील्ड है और इसके जो बाहर मैग्नेटिक फील्ड है तो अंदर के मैग्नेटिक फील्ड से कितना फ्लक्स लिंकेज और इंडक्टेंस निकलता है और बाहर के मैग्नेटिक फील्ड से कितना इंडक्टेंस निकलता है वह आपको यहां पर देखना है तो सबसे पहले मैं यहां पर फ्लक्स लिंकेज और इंडक्टेंस निकाल ू ड्यू टू द इंटरनल फ्लक्स वो फ्लक्स जो कंडक्टर के अंदर एजिस्ट करता है तो कंडक्टर के अंदर जो एजिस्ट करता है उसका जो फ्लक्स लिंकेज निकलता है जो इंडक्टेंस निकलता है उसकी वैल्यू यहां पर हम आती है / 8 पाई खाली इंटरनल इंडक्टेंस है ध्यान रखिए इंटरनल फ्लक्स से जो इंडक्टेंस बनता है / 8 पा है जनरली हमारे जो कंडक्टर होते हैं ना वो नॉन मैग्नेटिक मेटल के होते हैं तो म आ हम लोग वन मान लेते हैं म आ को अगर मैंने वन मान लिया तो l की वैल्यू आ गई 0.5 * 10 टू पावर -7 हेनरी पर मीटर इसको आप ऐसे भी लिख सकते हो 0.05 मिली हैनरी पर किलोमीटर अंदर के फ्लक्स से जो इंडक्टेंस बनेगा वह यह है ठीक है अब आप ध्यान रखिएगा कभी-कभी जब एग्जाम में क्वेश्चन दे रखा होगा तो उसमें म आर की वैल्यू दे देते हैं अगर म आर की वैल्यू दे देते हैं तब आप यह मत लिख के आइएगा तब आपको यहां पर यह वाला फार्मूला लगाना पड़ेगा यानी म न के साथ में जब आप म आ भी ऐड करोगे तब इसकी वैल्यू हो जाएगी 0.5 इन 10 ट द पावर -7 * u आ u के साथ में न के साथ अगर u आ भी ऐड कर दूं ये आ जाएगा एरी पर मीटर अगर र आपको दे रखा है तो आपको ये लेके चलना पड़ेगा एक सिंगल कंडक्टर के अंदर जो फ्लक्स होता है उससे इतना इंडक्टेंस बनता है अब एक मैं जनरल लेके चल रहा हूं ये मेरा कंडक्टर है ठीक है ये मेरा कंडक्टर है कंडक्टर के बाहर फ्लक्स है खाली मैं उन फ्लक्स को ले रहा हूं जो d1 और d2 डिस्टेंस के बीच में है d1 और d2 डिस्टेंस के बीच में जो फ्लक्स है उससे कितना इंडक्टेंस बनेगा वह मैं यहां पर निकालना हूं तो यह निकलेगा इंडक्टेंस एक्सनल फ्लक्स से जो इंडक्टेंस बनता है व आता है 2 इन 10 रे टू पावर माइन से उस फ्लक्स जो d1 और d2 के बीच में d2 अपन d1 हेनरी पर मीटर ठीक है1 और d2 डिस्टेंस के बीच में हेनरी पर मीटर अब अगर मैं यहां पर एक सिंगल कंडक्टर ले रहा हूं सिंगल कंडक्टर का मतलब नो डाउट सिंगल कंडक्टर से करंट फ्लो नहीं होता अगर करंट जा रहा है तो लोट के भी आएगा बट हम मान के चल रहे कि जो रिटर्न कंडक्टर है बहुत दूर है इतनी दूर है कि उसका फ्लक्स इसके फ्लक्स पर कोई भी इफेक्ट क्रिएट नहीं करता अब एक कंडक्टर लिया इसके अंदर वाला फ्लक्स भी हम लोग ले रहे हैं इसके बाहर वाला फ्लक्स भी ले रहे हैं बाहर वाला फ्लक्स मैं डी डिस्टेंस तक ले रहा हूं ठीक है उसके बाद फ्लक्स की वैल्यू कम होती जाएगी तो हम उसको नेग मान लेते हैं अंदर का पूरा का पूरा फ्लक्स और बाहर का फ्लक्स जो डी डिस्टेंस तक है उससे इंडक्टेंस कितना बनेगा तो दोनों मिला दिया हमने इंडक्टेंस इंटरनल फ्लक्स से जो इंडक्टेंस बनेगा प्लस एक्सटर्नल फ्लक्स से जो इंडक्टेंस बनेगा दोनों को जब आप मिला देते हैं तब ये वैल्यू हो जाती है 2 * 10 रे टू पावर -7 l एडी अप आड अब यहां पर एक आर ड टर्म आ जाती है r नहीं है इसमें जो हमारा रेडियस है ना उसको हम मल्टीप्लाई कर रहे हो 0.77 88 से ठीक है जब भी आप इंडक्टेंस की कोई फार्मूला देखते हो तो उसको आपको हमेशा आर की जगह क्या दिखता है आर ड नजर आता है ठीक अब यहां पर इंडक्टेंस को हम लोग ऐसे भी लिख सकते हैं अगर आपको मिली हैंडी में लिखना तो 0 पॉइंट 0.2 एल एनडी अपन आर ड मिली हैरी पर किलोमीटर ये हेनरी पर मीटर है और ये आ गया मिली हेनरी पर किलोमीटर आड को अगर आप समझे कि मतलब क्या हुआ तो एक फिक्ट सियस मतलब एक हाइपोथेटिकल कंडक्टर है जिसके अंदर कोई भी इंटरनल फ्लक्स नहीं है खाली भारी फ्लक्स से जो इंडक्टेंस बनता है ठीक है आप इसको ऐसे इमेजिन कर सकते हैं अभी मैं एक सिंगल कंडक्टर लेकर चल रहा था जिसका रिटर्न पाथ बहुत दूर है जो इसके फ्लक्स को इफेक्ट नहीं कर रहा है अब जनरली हम लोग सिंगल फेस टू वायर लाइन प आ रहे हैं जिसमें दो कंडक्टर होते हैं एक से करंट जा रहा है एक से करंट आ रहा है तो दोनों के अंदर भी फ्लक्स होगा दोनों के बाहर भी फ्लक्स होगा इसका मतलब इस कंडक्टर का अपना एक इंडक्टेंस बन जाएगा l1 इस कंडक्टर का अपना इंडक्टेंस बन जाएगा l2 तो अगर आपको एग्जाम में पूछता है इंडक्टेंस पर कंडक्टर पर कंडक्टर तो फिर आपको l1 और l2 लेना पड़ेगा और ये वाला फार्मूला लगा दोगे एक कंडक्टर का इंडक्टेंस बट अगर आपको टोटल इंडक्टेंस पूछता है इसको बोलते हैं लूप इंडक्टेंस तो जब आपको कोई लूप इंडक्टेंस पूछता हैब मतलब दोनों कंडक्टर गो कंडक्टर का इंडक्टेंस प्लस रिटर्न कंडक्टर का इंडक्टेंस ऐसे तब उसका फार्मूला क्या आएगा उसका जब फार्मूला आप निकालते हो अगर मानो r1 और आ2 दोनों अलग अलग है तो यहां पर य आ जाएगा लूप इंडक्टेंस की वैल्यू 4 इन 10 रे टू पावर माइनस से एल एडी अपॉन अंडर रूट ऑफ आव ड आ2 ड और आ आट ड अगर सेम हो अगर दोनों कंडक्टर सेम रेडियस के हो तो जो लूप इंडक्टेंस आ जाएगा व आता है 4 इन 10 रे टू पावर माइनस से एल एडी अपॉन आर ड यह हमने आर दोनों इक्वल है जाने वाला और आने वाला दोनों का अगर इंडक्टेंस सेम है तो आएगा 4 10 पावर माइन से एडी अप आड ठीक है सिंगल फेस देखें तो कभी-कभी क्या होता है हम लोग स्टैंडर्ड कंडक्टर यूज करते हैं तो यहां पर पहले आपको समझ में आना चाहिए एक ग्रुप ऑफ कंडक्टर है मतलब बहुत सारे कंडक्टर है सबके अंदर करंट जा रही है टूथ 4 ए तक कंडक्टर है और करंट इस तरह जार कि सबके करंट का अगर मैं सम कर लेता हूं आईव आईईट आ3 अप टू आई ए ए कंडक्टर है वो जीरो है वो जीरो है सब कंडक्टर में करट फ्लो हो रहा है तो मैग्नेटिक फ्लक्स बन रहा है उस मैग्नेटिक फ्लक्स से किसी भी एक कंडक्टर का माने आ आई वाले कंडक्टर का अगर मैं फ्लक्स लिंकेज निकालूं कि आई वाले कंडक्टर के अंदर कितना फ्लक्स लिंकेज है सबके करंट की वजह से आव आ2 आ3 ठीक है यह मैं यहां पर प मैंने लास्ट वाला पॉइंट मान लिया इस तक के फ्लक्स को मैं कंसीडर करके चलूंगा तो इसका फार्मूला ये आता है मतलब अगर देखिए मैं यहां पर अगर फ आ निकाल आई वाले कंडक्टर का मैं निकाल रहा हूं तो आप ऐसे लेकर चलोगे 2 * 10 पावर -7 सबसे पहले पहला वाला कंडक्टर जिसमें करंट फ्लो रही है i1 l ए इस कंडक्टर की आई वाले कंडक्टर से डिस्टेंस कितनी हो जाएगी 1 आ ये फर्स्ट कंडक्टर का के फ्लक्स की वजह से आई वाले कंडक्टर को फ्लक्स लिंकेज है सेकंड वाले के लिए निकालो तो ऐसे ही निकल जाएगा ये 2 * 10 रे टू पावर -7 सेकंड वाले में करंट फ्लो हो रहा है i2 ln1 अपन सेकंड वाले कंडक्टर की आई वाले कंडक्टर से डिस्टेंस ऐसे ही पूरे के पूरे आप लेके चलोगे लास्ट में आ जाएगा एंथ वाला कंडक्टर 2 * 10 रे टू पावर माइ 7 आ ln1 अपॉन d ए ऐसे यह फार्मूला हम कहां यूज करेंगे यह फार्मूला हमारा बाद में यूज आएगा थ्री फेस के अंदर ये अगर आपके स्टैंडर्ड कंडक्टर है या कंपोजिट कंडक्टर है उसके अंदर हम लोग यूज करेंगे ठीक है कंपोजिट कंडक्टर यहां पर हम एक सॉलिड कंडक्टर नहीं यूज करते बल्कि ये कंडक्टर के अंदर हम लोग मल्टीपल स्ट्रेंड यूज करते हैं ठीक है यानी य पर हम लोग नंबर ऑफ स्ट्रेंड यूज कर रहे हैं सब में जो करंट फ्लो हो रही है ध्यान रखिए इसको हम लोग कैसे मान लेंगे कि ये कंडक्टर हमारा पैरेलल में कनेक्टेड है क्योंकि ओवरल करंट इन सब स्टैंड के अंदर डिवाइड हो जाएगी अभी मैं अगर मैं सिंगल फेस का टू वायर सिस्टम ले रहा हूं दो कंडक्टर आपने ले लिए एक कंडक्टर है ए दूसरा है बी एक के अंदर ए स्ट्रैंड है और बी के अंदर अगर ए स्ट्रैंड है एक से करंट जा रहा है बी से आ रहा है ए में टोटल करंट है आ एक स्टैंड में करंट कितना हो जाएगा i अपन ए क्योंकि m नंबर ऑफ स्टैंड यूज कर रहे हैं बी से करंट आ रहा है मतलब बी में करंट आपका माइनस आ है टोटल सब मिला के स्ट्रेंड में एक स्टेंड करंट कितना हो जाएगा - आ अपन n तो इसका जब आप फार्मूला निकालो तो इस तरह का आता है आपको याद रखना ये 2 * 10 टू पावर g एडी / gmm25 अलग-अलग कंडक्टर अलग-अलग का मतलब एक गो कंडक्टर और रिटन कंडक्टर गो में नंबर ऑफ स्टैंड है रिटन में नंबर ऑफ स्टैंड है इनके बीच का जो डिस्टेंस आप निकालो हर कंडक्टर का एक दूसरे के साथ में हर स्टें का एक दूसरे के साथ जो डिस्टेंस निकालो उसका जब ज्योमेटिक मीन कर लोगे तो आ जाता ज्योमेटिक मीन डिस्टेंस ज्योमेटिक मीन रेडिस का मतलब एक ही जो कंडक्टर है चाहे गो है चाहे रिटन है इनका आपस में जो डिस्टेंस है उसका ज्योमेटिक मीन निकालो तो वो आ जाता है ज्योमेटिक मीन रेडियस ठीक है तो जी एडी अपन जी एम यह आपको सिंपल सी चीज है आपको जैसे एग्जाम में निकाला ज्योमेटिक मीन निकालना होता है बहुत सारे में तो एक कंडक्टर का एल और एल बी हमने दो अलग अलग लिए एक कंडक्टर हो गया ए दूसरे का आपने निकाल लिया एल बी अगर आपको कोई लूप इंडक्टेंस पूछता है तो आप ऐसे एल प्स एल बी करके कंपोजिट कंडक्टर का इंडक्टेंस की वैल्यू फाइंड आउट कर लोगे सिंगल फेस के बाद मैं थ्री फेज पर आ रहा हूं अब थ्री फेज में दो तरीके की चीज हो सकती है या तो मेरे जो कंडक्टर है बिल्कुल इक्विलैटरल ट्रायंगल के वर्टिक्स पर हो या इक्विलैटरल ट्रायंगल के वर्टिक्स पर नहीं हो हालांकि इक्विलैटरल ट्रायंगल के वर्टिक्स पर नहीं होते मोस्टली पर इटल ट्रायंगल के वर्टिक्स पर हो तो इसका मतलब सब कंडक्टर के बीच में आपस में जो डिस्टेंस होगी कितनी होगी डी होगी ठीक है तो हम लोग जब इंडक्टेंस निकालते हैं यहां धन इंडक्टेंस हमारा पर कंडक्टर निकल रहा है इट इज अ पर कंडक्टर एक कंडक्टर का कंडक्टेंस फर्मूला सेम है 2 * 10 रे टू पावर -7 एल एडी अप आड ए अपन हेनरी पर मीटर या आप इसको ऐसे भी लिख सकते हो 0 प2 एल एडी अपन आड मिली हैनरी पर किलोमीटर ठीक है यह आपका इंडक्टेंस पर कंडक्टर है आपका सब में सेम है इसलिए आप डायरेक्ट निकाल सकते हैं सेम फार्मूला यूज करके यानी आपको सिंगल फेज का आपने याद कर रखा है तो आपको थ्री फेज के याद रखने में दिक्कत नहीं आएगी बट जनरली ऐसा होता तो है नहीं कि तीनों कंडक्टर बिल्कुल इक्विलैटरल ट्रायंगल की वर्टेक्स पर हो यानी तीनों के बीच में जो आपस में डिस्टेंस होता है वो अलग-अलग होता है अब अलग-अलग होने से क्या फर्क पड़ जाएगा कि फ्लक्स लिंकेज अलग-अलग हो जाता है और इंडक्टेंस की वैल्यू अलग-अलग हो जाती है अगर इंडक्टेंस की वैल्यू तीनों कंडक्टर की अलग-अलग है तो तीनों कंडक्टर में जो वोल्टेज ड्रॉप होगा वो अलग अलग हो जाएगा अगर आपने सेंडिंग एंड से इक्वल वोल्टेज भेजे हैं तब भी रिसीविंग एंड के ऊपर हमारा अनइक्वल वोल्टेज हो जाएगा और सिस्टम हमारा हो जाएगा अनबैलेंस सिस्टम तो हम लोग क्या करते हैं इससे बचने के लिए हम करते हैं इनकी पोजीशन को इंटरचेंज इसको बोलते ट्रांस पोजीशन द ट्रांस पोजीशन ऑफ ट्रांसमिशन लाइन यहां पर मैंने तीन पोजीशन बना लिए वन टू और थ्री अब हर फेस का कंडक्टर हर पोजीशन ूपा करेगा जैसे मेरा ए फेस का कंडक्टर वन पर भी है फिर टू पर आ जाएगा फिर थ पर आ जाएगा ऐसे बी वाला पहले टू पर है थ पर चला गया वन पर आ गया उससे क्या होगा अल्टीमेटली इस पूरे इस लाइन से लेकर इस लाइन के बाद सबका फ्लक्स लिंकेज सेम हो जाता है और सबके इंडक्टेंस की वैल्यू सेम हो जाएगी अब यहां पर हमें क्या करना पड़ेगा न टू और थ इनके बीच का डिस्टेंस निका लोगे तीन पोजीशन d1 d23 d13 ये निकाल लो कैसे और आप इसमें डी क्लेंट की वैल्यू फाइंड आउट कर लीजिए डी क्लेंट d12 d23 d31 फार्मूला एटली सेम है इसको आप 0.7 एल एलेट अपन आड हमेशा ध्यान रखिएगा गलती नहीं होनी चाहिए जब भी आप इंडक्टेंस निकाल हो ना तो आर नहीं लेना होता है हम आर ड लेना होता है आड का मतलब य थ है न डिस्टेंस थ करना पड़ेगा आड का मतलब 0 प 7788 आर य है बंडल कंडक्टर बंडल कंडक्टर का मतलब आपको चार कंडक्टर दिख र आपको लग चार फेज होंगे चार नहीं एक ही फेज है सेम फेज के कंडक्टर है यानी एक फेज में हम लोग नंबर ऑफ कंडक्टर यूज कर रहे हैं आपको लगेगा हमारा दिमाग खराब हो गया है क्या भाई हम सिंगल एक ही कंडक्टर ब लगा ल बिल्कुल इनसे क्वेश्चन डायरेक्ट आते हैं स्पेशली जीएमडी जीएमआर पे बहुत क्वेश्चन आते हैं जीएमडी जीएमआर निकालना ठीक है तो आपको लगेगा यार मैं एक एक ही कंडक्टर यूज कर लेता हूं एक फेज में अलग-अलग कंडक्टर क्यों यूज कर रहे हैं सबसे बड़ा मेन चीज होती है आपको पता है कि जितनी ज्यादा पावर आपको ट्रांसमिट करनी होती है ना आपको हाई वोल्टेज प जाना पड़ता है आपने पहले 220 केवी की लाइन थी फिर 400 केब की लाइन हो गई फिर 765 केब पर चले गए अब आपको लगता है जब आपको बल्क पावर ट्रांसमिट करनी तो वाई नॉट हम 2000 केब प चले जाते हैं 5 च के प चले जाते हैं तो सबसे बड़ी जो प्रॉब्लम आती है ना हाई वोल्टेज पावर ट्रांसमिशन में वो आती कोरोना लॉस की एक पर्टिकुलर वोल्टेज के बाद कोरोना लॉस इतनी ज्यादा डोमिनेटिंग हो जाता है कि हम लोग हाई वोल्टेज के ऊपर पावर को ट्रांसमिट नहीं कर पाते तो कोरोना लॉस को कम करने के लिए हम लोग यूज करते हैं बंडल कंडक्टर बंडल कंडक्टर्स का बंडल बना लिया है यानी एक सिंगल फेज में हम लोग नंबर ऑफ कंडक्टर यूज करते हैं ठीक है टू रिड्यूस द कोन लॉसेस वी यूज ग्रुप ऑफ टू और मोर कंड पर फेज एक फेज में एक कंडक्ट जैसे मे यह दोनों कंडक्टर ए फेस के है यह दोनों कंडक्टर मेरे बी फेस के हैं यह दोनों कंडक्टर मेरे सी फेस के हैं कभी भी आपने 400 केवी की लाइन देखी होगी वहां पर हम हमेशा बंडल कंडक्टर ही यूज करते हैं अब इसका जब इंडक्टेंस निकालने का जो फार्मूला है कोई भी डिफरेंस नहीं है 2 इन 10 रे टू पावर माइनस से एल एजी एमडी अपन जीी एमआर अब जी एमआर मतलब ज्योमेटिक मीन रेडियस या सेम फेस की कंडक्टर के बीच में जो डिस्टेंस है उसका ज्योमेटिक मीन आपको निकालना पड़ेगा तो यह हो जाएगा रट आर नडी आड नडी जैसे अगर मैं इसका निकालू तो यह आ जाएगा जी रट आड इन अगर स्मल डी इसका दोनों के बीच का डिस्टेंस है एटली जीएमडी निकालने के लिए पूरा का पूरा मेथड यूज करना पड़ता है बट यह वाला पॉइंट याद रखिए बट हावर इट सफिशिएंटली एक्यूरेट करने की जरूरत नहीं है टू टेक द डिस्टेंस फ्रॉम सेंटर ऑफ वन कंडक्टर टू द सेंटर ऑफ अदर कंडक्टर एज ए डिस्टेंस यानी इसका सेंटर से इसके सेंटर के बीच का डिस्टेंस ले लीजिए यह मेरा हो जाएगा d12 इसके सेंटर से इसके सेंटर का डिस्टेंस ले लीजिए हो जाएगा d23 सिमिलरली इन दोनों के बीच में हो जाएगा d13 उसका आप डीलेट निकाल लोगे वो जी एमडी हो जाएगा तो यहां पर जी क्या आ जाएगा ट टूथ थव ऐसे ठीक है पूरा का पूरा करके भी निकाल सकते हो कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन उससे भी कोई ज्यादा आंसर में कोई चेंज नहीं आएगा तो यह हमशा रिकमेंड डायरेक्ट इस तर निकाल सकते हो चलिए इसके बाद मैं आ रहा हूं कैपसेंस के ऊपर हां नो डाउट जितना ज्यादा सॉलिड कंडक्टर है जितना सॉलिड होगा उतना ही ज्यादा स्किन इफेक्ट होगा बट यहां पर अब सब कंडक्टर में आपको स्किन इफेक्ट देखने को मिलेगा पहले खाली एक कंडक्टर यूज करते तो एक कंडक्टर का स्किन इफेक्ट आएगा बट अब यहां पर आपको हर कंडक्टर में स्किन इफेक्ट देखने को मिलेगा कैपेसिटेंस कैसे बनता है भा आपको क्या है ठीक है वायर में इंडक्टेंस तो होता है बट कैपेसिटेंस कैसे बताएगा दो कंडक्टर के बीच में अगर डाइलेक्ट्रिक मैटेरियल होता है ना तो हम कहते हैं इन दोनों के बीच में कैपेसिटेंस बन गया तो ये दो कंडक्टर है और बीच में इनके होती है एयर तो बन जाता है कैपेसिटेंस यह एक मेरा कंडक्टर है एक अर्थ है अर्थ इज आल्सो कंडक्टर इन दोनों के बीच में भी एयर है तो यहां पर भी एक बन जाता है कैपेसिटेंस यह कैपेसिटेंस का इफेक्ट क्या आता है कि अगर आपने लोड नहीं लगा रखा है तब भी यहां पर एक ऐसे करंट फ्लो होने लगती है क्य कैपेसिट मतलब आपकी मान लोय क्लोज है आप ऐसे मानिए तो अगर क्लोज पाथ बन गया तो करंट फ्लो हो रही है तो चार्जिंग करंट के फिनोमिना को रिप्रेजेंट करने के लिए वी यूज द कैपेसिटेंस हम यूज करते हैं कैपेसिटेंस ट ठीक है चार्जिंग करंट के अपने-अपने एडवांटेज और डिसएडवांटेज है और यह अल्टीमेटली चार्जिंग करंट लॉन्ग लाइन के अंदर क्या क्रिएट करती है इट क्रिएट द फेरें इफेक्ट ठीक है जनरली हम लोग शॉर्ट और मीडियम ट्रांसमिशन लाइन को इसको नेगलेक्ट कर सकते हैं लेकिन जो लॉन्ग ट्रांसमिशन लाइन है उसको हम इसके इफेक्ट को नेगलेक्ट नहीं कर सकते अब सी की वैल्यू हम लोग निकालेंगे सबसे पहले सिंगल फेस टू वा लाइन में उसके बाद आएंगे थ्री फेस लाइन के अंदर कैपेसिटेंस मेजर करने का बता फर्मूला निकालने बता कैसे निकालते हैं फर्मूला कैसे आप निकाल सकते हो तो यहां पर जैसे दो कंडक्टर है एक से करंट जा रहा है दूसरे से आ रहा है यानी करंट यहां पर आई है इसमें माइनस आई है तो चार्ज की टर्म में ये प्लस क हो जाएगा और ये हो जाएगा माइनस क इन दोनों के बीच दो कंडक्टर बीच में एयर है तो हमारा बन जाएगा एक कैपेसिटेंस वो ये बनता है इसको हम लोग ऐसे भी लिख सकते हैं कैपेसिटेंस बिटवीन ए एंड बी कंडक्टर पाई एन एल एडी अप r जब भी आप कैपेसिटेंस का फार्मूला देखते हैं तो वहां पर r ड नहीं आता इंडक्टेंस के फॉर्मूले में r ड आता है यहां पर हमेशा r आएगा ये लॉग है लॉग का मतलब t के बेस वाला लॉग है ये लॉग जिसका बेस 10 होता है एलन का मतलब क्या होता है वह लॉग जिसका बेस e होता है ठीक है माइक्रो फराइड पर किलोमीटर इसकी यूनिट होती है फैडरलाइन के बीच में जो डिस्टेंस है और इसके रेडियस से इसको नाप लोगे इससे आपको मिल जाएगा कैपेसिटेंस की वैल्यू जब कैपेसिटेंस आपको मिल जाता है यह तो मेरे को मिल गया कैपेसिटेंस इन दोनों के बीच में अगर मैं यहां पर मान के सो य मेरा दो कंडक्टर है एक कंडक्टर और दो दूसरा कंडक्टर ए और बी इन दोनों के बीच में आपने कैपेसिटेंस ले लिया यह हो गया सी ए बी अगर इस कैपेसिटेंस को आप दो पार्ट में डिवाइड करते डिवाइड का मतलब समझिए य पर यह कंडक्टर मेरा प्लस वोल्टेज होगा 220 माइन 220 सपोज करिए तो मैं यहां पर मान लेता ह कि बीच में एक पॉइंट है जिसका वोल्टेज जीरो होगाय प् 200 है यह माइनस 200 सपोज करिए एक कैपेसिटर और ये दूसरा कैपेसिटेंस आप ऐसे मान लीजिए तो हम इसको मान लेते हैं कैपेसिटेंस बिटवीन वन फेज एंड द न्यूट्रल न्यूट्रल मतलब व पॉइंट जहां पर वोल्टेज की वैल्यू जीरो है जैसे आप अर्थ मान सकते हो यहां पर तो यह जो आपका पाई एलन आ रहा था यहां पर आ जाएगा 2 पाई एन ये यूनिट है फेड पर मीटर एल ए एल ए का मतलब e के बेस वाला लॉग यहां पर न के बेस लग या तो यह यूज करो य यूज करो एक ही बात है अगर आपको चार्जिंग कर नि करंट कैसे निकालते हैं देखि वोल्टेज को हम लोग रिएक्टेंस से डिवाइड कर देंगे कैपेसिटिव रिएक्टेंस क्या होता है यह ए और बी के बीच का वोल्टेज न अपॉन ज ओमेगा ए और बी के बीच का कैपेसिटेंस तो चार्जिंग करंट वोल्टेज से हमेशा 90 डिग्री लक करेगी इसलिए ज यहा पर आ रहा है ओमेगा सीवी बी य आ गया चार्जिंग करंट की वैल्यू ठीक है अगर हमें थ्री फेस का कैपेसिटेंस निकालना है पहले मैं ले रहा हूं जब तीनों कंडक्टर इक्विलैटरल ट्रायंगल की वर्टेक्स पर आपने मान रखा है सबके बीच का डिस्टेंस डी है सेम फर्मूला रहेगा कोई डिफरेंस नहीं वही बट यह जो कैपेसिटेंस है ना यह एक कंडक्टर का कैपेसिटेंस विद रेस्पेक्ट टू न्यूट्रल है ठीक है 2 पाई ए एल एडी अप आ ए का मतलब 8.54 इन 10 रे टू पावर माइनस 12 य ये लगा दीजिए यह फेड पर मीटर है माइक्रो फड पर किलोमीटर ऐसे है न्यूट्रल के रिस्पेक्ट में कैपेसिटेंस एक कंडक्टर विद रेस्पेक्ट टू न्यूट्रल अगर आपको चार्जिंग करंट निकालना है बट कैसे निकलेगा पर फेस क्योंकि मैं ले चल रहा हू पर फेस कैपेसिटेंस सी ए पर फेस का कैपेसिटेंस तो पर फेस का वोल्टेज लेना यहां पर और यहां पर लगाओगे पर फेस का कैपेसिटेंस तो ज ओमेगा सी ए अपन आई निकल जाएगा या अगर आपको चार्जिंग वोल्ट एंपियर या र आपको निकालना हो कैसे निकालो रिएक्टिव पावर v स्क्वा अपन एक्स कौन सा वाला एक्स तो व स्क्वा अपन 1 अपन ज ओमेगा सी ठीक है अब आप यहां पर ध्यान के रखिए ये जाएगा जी ओमेगा सी इनवी स्क्वा अगर आप पर फेस का वोल्टेज लेते हो एक फेस का निकलेगा ठीक है अगर आप मैं लाइन वोल्टेज ले लेता हूं तो डायरेक्ट थ्री फेस का निकल जाएगा ध्यान रखिएगा ठीक है क्योंकि जनरली मैं पर फेज यहां पर लेकर चल रहा हूं पर फेस तो एक फेस का निकल जाएगा ध्यान रखिए इसको तीन से मल्टीप्लाई करोगे तो तीनों फेस का मिल जाएगा ये आप डायरेक्ट अगर लाइन वोल्टे ले लेते हो तो डायरेक्ट थ्री फेस का मिल जाता है ये अब थ्री फेस का कंडक्टर है इनके बीच में इक्विलैटरल स्पेसिंग नहीं है तो डी की जगह क्या यूज करना पड़ेगा डी क्लेंट बाकी सब चीज सेम रहेगी डी क्लेंट करना पड़ेगा तीनों के तीनों लाइन ट्रांसपोजर टू एंड थ ठीक है तो यहां पर कैपेसिटेंस पर फेज निकालो 2 पाई एन एल एडी की जगह लेंट आ जाएगा ट्स ल फेराडोल गता है सेम फम लगता है खाली कहां चेंज आएगा इस आर के अंदर नी आ जैसे मैं जीएमआर निकालता ना इसकी जीमर हम लोग निकालते थे क्या आता था वो आता था हमारा आड नडी जीए बट कैपेसिटेंस में कभी भी r ड नहीं यूज आता r ड की जगह क्या यूज आएगा r * d इसको हम बोलते हैं ज मॉडिफाइड जीएमआर मेथड सेम तरीके से जीएमआर निकालिए खाली आड विल बी रिप्लेस बाय r ठीक है दिस इक्व सेम एज वी डिराइवर थ्री फेज लाइन एक्सेप्ट r इज रिप्लेस बाय r r को आपका सेम होता है मतलब जहां पर भी हम लोग r ड लेके चलते हैं ना किसमें इंडक्टेंस के लिए वहां पर आपको खाली r यूज करना है तो ये आ जाता है क्या हो गया कैपेसिटेंस की वैल्यू बढ़ जाती है ध्यान रखिए जब भी आप बंडल कंडक्टर यूज करते हैं ना तो इंडक्टेंस की वैल्यू कम हो जाती है इंडक्टेंस कम होने का मतलब वोल्टेज ड्रॉप कम हो जाएगा ब बंडर कंडक्टर यूज करने से कैपेसिटेंस की वैल्यू ज्यादा हो जाती है ज्यादा कैपेसिटेंस आ जाएगा यहां पर इसी को हम बोलते हैं मॉडिफाइड जीएमडी या सेल्फ जीएमडी मेथड जैसे हम लोग इंडक्टेंस में जीएमडी निकालते हैं सेम निकालना होता है खाली आड की जगह हम लोग आर यूज करेंगे इसका रीजन क्या है आड क्यों आ रहा था क्योंकि जो हमारा मैग्नेटिक फ्लक्स होता है वह कंडक्टर के अंदर भी एजिस्ट करता है ठीक है कंडक्टर के अंदर मैग्नेटिक फील्ड एजिस्ट कर सकती है लेकिन इलेक्ट्रिकल फील्ड एजिस्ट नहीं करती ठीक है इसका मतलब इलेक्ट्रिकल फील्ड आपकी खाली कंडक्टर के बाहर ही होती है कंडक्टर के अंदर मैग्नेटिक फील्ड होने की वजह से आ कन्वर्ट हो गया था हमारा आ ड में तो ट सॉरी इंडक्टेंस की कैलकुलेशन में हमेशा आड यूज करेंगे लेकिन कैपेसिटेंस की कैलकुलेशन में खाली आर ही यूज करेंगे कभी भी आर डे यूज नहीं करते मैंने आपको बताया था बंडल कंडक्टर यूज करने पर सी की वैल्यू बढ़ जाती है एल की वैल्यू हो जाती है कम बताइए यह हमारा खत्म हुआ ट्रांसमिशन लाइन पैरामीटर इसमें कोई डाउट किसी को अब मैं आ रहा हूं द परफॉर्मेंस ऑफ ट्रांसमिशन लाइन बहुत सारी ट्रांसमिशन लाइन है हमारी लेंथ के अकॉर्डिंग हम लोग शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन मीडियम ट्रांसमिशन लाइन या लॉन्ग ट्रांसमिशन लाइन में इसको कन्वर्ट कर लेते हैं उनकी परफॉर्मेंस कैसे निकालेंगे तो परफॉर्मेंस निकालने के लिए आपको चाहिए पहले पैरामीटर पैरामीटर को करेंगे कैलकुलेट तो परफॉर्मेंस पता लग तो मेनली दो पैरामीटर होते हैं निकालने के लिए पहला होता है हमारा वोल्टेज रेगुलेशन ट्रांसमिशन लाइन में और दूसरी होती है एफिशिएंसी ठीक है तो दो मेनली पैरामीटर है एक तो एफिशिएंसी निकालेंगे और रेगुलेशन निकालेंगे एफिशिएंसी बताती है कि ट्रांसमिशन लाइन में कितने लॉसेस हो रहे हैं और रेगुलेशन यह बताता है कि रिसीविंग एंड केऊ परर वोल्टेज लोड के साथ में कितना चेंज होता है एफिशिएंसी जब भी निकालते हैं तो हम लोग थ्री फेस का पावर यूज करते हैं सेंडिंग एंड के ऊपर हमने कितना पावर भेजा था लेकिन हमें कितना रिसीविंग एंड के ऊपर मिल रहा है कुछ लॉसेस हो जाएंगे ठीक है तो ये एफिशिएंसी है जितना ज्यादा एफिशिएंट होगा उतनी ही बेटर ट्रांसमिशन लाइन है मतलब उतने ही कम यहां पर ट्रांसमिशन लॉसेस हो रहे हैं हमेशा थ्री फेस का पावर यूज करना है ध्यान रखिएगा ऑलवेज यूज द थ्री फेस पावर देखिए लॉसेस के अंदर तो कोरोना लॉस भी हो सकता है लीकेज करट की वजह से लॉस भी हो सकता है बट यहां पर हम लोग खाली इस ओ एक लॉस को ही कंसीडर करके चलते हैं जब हम लोग निकालते हैं एफिशिएंसी कभी भी कोरोना लॉस या लीकेज करंट की वजह से लॉसेस को हम लोग नहीं लेते हैं एफिशिएंसी निकालने के लिए वी यूज द ऑल थ्री फेस पावर सिंगल फेज पावर में नहीं निकालते डायरेक्ट थ्री फेज पावर यूज करते हैं ठीक है वोल्टेज रेगुलेशन को लेकर कंफ्यूजन होता है बहुत से बच्चों को लगता है वोल्टेज रेगुलेशन हमारा सेंडिंग एंड और रिसीविंग एंड के बीच के वोल्टेज का डिफरेंस है मतलब ये वोल्टेज ड्रॉप को रिजेंट करता है बट ये वोल्टेज ड्रॉप को रिप्रेजेंट नहीं करता यह बताता है कि हमारा जैसे मेरा ये सेंडिंग एंड है और ये रिसीविंग एंड है यहां पर मैंने एक फुल लोड लगा रखा है फुल लोड का मतलब रेटेड लोड लगा रखा है ठीक है फुल लोड लगाने पर मेरे को रिसीविंग एंड के पर वोल्टेज मिल रहा है v आर सपोज करिए अब मैं हटा देता हूं इस लोड को हटा देता हूं लोड को हटाने पर रिसीविंग एंड का मेरा वोल्टेज चेंज हो जाता है जनरली इंक्रीज हो जाता है र्म वाली तो लोड हटाने पर वोल्टेज में कितना चेंज आया खाली रिसीविंग एंड के वोल्टेज सेंडिंग एंड के वोल्टेज का कोई लेना देना नहीं है रिसीविंग एंड के ऊपर जो आपने लोड लगा रखा था उसको जब आपने हटा दिया ठीक है तब कितना वोल्टेज में चेंज आया वो यहां पर हमारा बताता है वोल्टेज रेगुलेशन व आर तो यहां पर हम लोग लेकर चलेंगे v आओ माइनस v आ नो लोड का वोल्टेज ठीक है यह मेरा एक्चुअल वोल्टेज रेगुलेशन है प में निकालेंगे तो एक्चुअल क्वांटिटी डिवाइड बाय बेस क्वांटिटी बेस किसको लेते हैं रेटेड वोल्टेज को जनरली रिसीविंग एंड का फुल लोड के ऊपर जो वोल्टेज होता है वही हमारा रेटेड वोल्टेज होता है ठीक है य हो जाएगा रओ माइनस आर डिवाइड बावी आर प के अंदर 100 से मल्टीप्लाई करोगे तो परसेंटेज में वोल्टेज रेगुलेशन आ जाता है अब इंपोर्टेंट चीज एफिशिएंसी निकालने के लिए मैं थ्री फेज पावर को यूज कर रहा था बट वोल्टेज रेगुलेशन निकालने के लिए हम लोग सिंगल फेज को यूज करेंगे ठीक है लो वोल्टेज रेगुलेशन अच्छा होता है जैसे एफिशिएंसी जिसकी ज्यादा होगी वह बेटर है बट रेगुलेशन में उल्टा है जिस ट्रांसमिशन लाइन का वोल्टेज रेगुलेशन कम है उतना ही बेटर है वोह ठीक है ये बताता है अगर व आर लो है इसका मतलब लोड के साथ में वोल्टेज ज्यादा चेंज नहीं हो रही है हमें चेन नहीं चाहिए होता है हमें फिक्स वोल्टेज चाहिए होती है वोल्टेज रेगुलेशन इज नॉट एगजैक्टली सेम एज द वोल्टेज ड्रॉप यह v एस माइनस v नहीं होता है ध्यान रखिएगा यह खाली v आर रिसीविंग एंड के ऊपर वोल्टेज का डिफरेंस है नो लोड और फुल लोड के बीच में क्वेश्चन थोड़े बहुत ही कर पाएंगे मतलब बहुत ज्यादा नहीं करेंगे कुछ अलग तरह के अगर क्वेश्चन होते हैं बीच में मैंने कर रखे हैं बट अगर मैं रियल में हर तरह के क्वेश्चन लेकर चल मतलब पावर सिस्टम में तब तो कम से कम मान के चलिए 50 घंटे लग जाएंगे ठीक है तो इसलिए बहुत कुछ कुछ क्वेश्चन ले रखे हैं बहुत ज्यादा क्वेश्चन मैंने इसमें नहीं ले रखे हैं क्योंकि ऑलरेडी इतना लेंथी सब्जेक्ट है इतनी ज्यादा टॉपिक है इसके अंदर सो क्लासिफिकेशन को हम लोग करते हैं शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन मीडियम ट्रांसमिशन लाइन और लॉन्ग लाइन ठीक है भाई हमारी लाइन की लेंथ हमारी ट्रांसस लाइन की वेवलेंथ की कंपेरिजन में कितनी है उससे हम लोग इसको क्लासिफाई कर देते हैं या तो यह लॉन्ग हो सकता है लॉन्ग ट्रांसमिशन लाइन हो सकती है या मीडियम ट्रांसमिशन लाइन हो सकती है या शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन हो सकती है ठीक है जब आप टू पोर्ट नेटवर्क को स्टडी करते हैं तो आपने देखा होगा कि अलग-अलग जो टू पोर्ट नेटवर्क है वो हमारा अलग-अलग स्टडी करने के काम में आते हैं अलग-अलग पैरामीटर जैसे एच पैरामीटर हमारा बीजेटी को स्टडी करने के काम में आता है ठीक है सिमिलरली जो टी पैरामीटर होता है ए बी सीडी पैरामीटर वो ट्रांसमिशन लाइन की स्टडी करने के काम में आता है ट्रांसमिशन लाइन हमारा टू पोर्ट नेटवर्क जैसा ही है यहां से आप सेंड कर रहे हैं यहां पर रिसीव कर रहे हैं तो दो पोर्ट आपको यहां पर मिल गए दो पोर्ट आपको यहां पर मिल गए जनरली टू पोर्ट नेटवर्क जब हम लोग बात कर ें नेटवर्क एनालिसिस के अंदर तो जो करंट एंटर कर रही होती है ना उसको हम लोग पॉजिटिव मानते हैं बट यहां पर करंट ऐसे जा रहा है एंटर नहीं कर रही इधर तो एंटर कर रहा है इधर से बाहर निकल रहा है यह सेंडिंग एंड का करंट और यह रिसीविंग एंड का करंट ठीक है तो इंडिपेंडेंट वेरिएबल रिसीविंग एंड का वोल्टेज और करंट है और इसके ऊपर डिपेंडेंट है हमारा सेंडिंग एंड का वोल्टेज एंड करंट किसके थ्रू ए बी सीडी पैरामीटर के थ्रू ज आप ए बी सीडी पैरामीटर निकालते तो आपका य आता है या इसको आप ऐसे लिख सकते हो एस इज द एवी आर प्लसर अगर मैं करंट को अंदर की तरफ मान के चलता ना तो माइनस आता जैसे आप वहां पर पढ़ते हो और आईस की वैल्यू हो जाएगी सी प् क्वेश्चन में क्या दे रखा होगा आपको ए बी सीडी पैरामीटर दे रखा होगा र दे रखा हो तो आपस आईस की वैल्यू को फाइंड आउट कर सकते हैं इसका उल्टा लेकर चले अगर एस आई दे रखा है और आपको आर आई निकालना है तो भी आप निकाल सकते हो आ की वैल्यू एस माइन बी आईआर की वैल्यू माइनस सीवीएस प्स ए आ ठीक है यह एग्जाम में काफी काम में आता है आप इसको याद कर सकते हो अगर खाली एक सीरीज इंपेडेंस है तो इसका ए बी सीडी पैरामीटर 01 होता है अगर एक खाली सट एडमिटेंस है तो इसका ए बी सीडी पैरामीटर होता है 10 वाव अगर ये आपस में कनेक्ट होते ना कैस्केड गग में तो आप इसको मल्टीप्लाई करके इमीडिएट ए बी सीडी पैरामीटर निकाल सकते हो कैसे जैसे अगर आपको एग्जाम में ऐसा दे दिया ये दे दिया आपका जड और यह आपको वा की वैल्यू दे रखी है ऐसे अब बोल देता है आपका ए बी सीडी पैरामीटर बनाओ ठीक है तो यहां पर यह और यह दोनों कनेक्टेड है कैस्केड में तो आपको पता है कि कैस्केड में जो ए बी सीडी पैरामीटर होते हैं ये आपस में मल्टीप्लाई हो जाते हैं इसका तो हो गया 01 और इसका हो गया 10 y1 तो इससे फायदा हो जाता है कि आपको अलग से निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी आप तुरंत निकाल सकते हो ए बी सीडी पैरामीटर की वैल्यू गुड इवनिंग एमर क्लियर तो य मैं रिकमेंड करता हूं कि आप इसको याद करिए अगर आप ए बी सीडी पैरामीटर की टर्म में वोल्टेज रेगुलेशन निकालना चाहते हैं तो कैसे निकालो देखिए यह आपका है इक्वेशन अगर रओ का मतलब नो लोड के रिसीविंग एंड का वोल्टेज अगर आपने लोड नहीं लगा रखा मतलब रिसीविंग एंड के ऊपर करंट जीरो होगी लोड ही नहीं लगा रखा जब लोड नहीं लगा रखा तब जो वोल्टेज है वो हमने मान लिया रओ यानी नो लोड वोल्टेज ये आता है हमारा v ए अप ए v ए अप ए तो यह वाला इक्वेशन हमारी बन रही है v एप ए - v आ इट इज नॉट v ए - v आ v ए - v आ एक स्पेशल केस है जो शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन के लिए ही वैलिड होती है जनरली ये v एप ए - v अप इन 100 होती है ध्यान रखिएगा ठीक है आपको लेकर चलना है पर फेस वाला डाटा चार्जिंग करंट कैसे निकालो मैंने आपको बताया था कि अगर रिसीविंग एंड के परर आपने लोड नहीं लगा रखा तब भी जो करंट फ्लो होती है वह हमारी चार्जिंग करंट होती है तो आईस की वैल्यू सीवीआर प्सर अगर आपने रिसीव के ऊपर लोड नहीं लगा रखा मतलब आई आर की वैल्यू जीरो है तब आईस की वैल्यू आईसी चार्जिंग करंट बट नोड नहीं लगाने पर हमने वोल्टेज को क्या माना है v आरओ और v आरओ अभी मैंने क्या बताया v ए अप ए तो ये हो जाएगा सी कम लेंथी होते हैं मीडियम ट्रांसमिशन लाइन या लॉन्ग ट्रांसमिशन लाइन के क्वेश्चन लेंथी होते हैं जो जनरली गेट एग्जाम में बहुत ही कम आते हैं तो मेनली जो क्वेश्चन आएंगे वो शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन से ही आएंगे अगर 80 किलोमीटर से कम की लाइन है तब हम इसको बोलते हैं शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन जो लो वोल्टेज के लिए यूज में आती है जनरली अगर लाइन का वोल्टेज 20 केवी से कम है उसके लिए ये यूज में आता है शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन के अंदर जब आप ड्र करते हो ऐसे आता है य r और x मतलब यहां पर हम लोग खाली सीरीज पैरामीटर यूज करते हैं सट पैरामीटर हम लोग यूज नहीं करते अगर आपने यहां पर लोड लगा दिया तो यहां का वोल्टेज आप मान लो मान रहे हो रिसीविंग एंड का वोल्टेज v और जो करंट फ्लो हो रही है आप मान रहे हो आ पर ध्यान रखिए क्योंकि यहां पर कोई भी स पैरामीटर नहीं है तो सेंडिंग एंड का करंट और रिसीविंग का करंट में कोई भी डिफरेंस नहीं है सेम होता है ये ठीक है यहां पर अगर आपको फिर एस निकालना होगा तो क्या यूज करेंगे वह फार्मूला आप देख लीजिए ठीक है दो तरीके से कर सकते हैं या तो एजेक्ट इक्वेशन लिखेंगे या फिर एप्रोक्सीमेट इक्वेशन लिखेंगे एग्जैक्ट इक्वेशन जब लिखते हैं तो हमें यह लेकर चलते हैं ठीक है यह मतलब जब फेजर डायग्राम बनाओ इस तरह का फेजर डायग्राम आपको मिलता है तो जब मैं यह इसके ऊपर पाइथागोरस थोरम लगाऊंगा तो v ए स्क्वायर की वैल्यू v आ कॉस फ प्स आ r का स्क्वायर v आ सा फ प्स आ एक्स का स्क्वायर से आपको v ए मिल जाएगा तो ये आता है ये एग्जैक्ट इक्वेशन है ध्यान रखिए v आ कॉस फ आ अब फ आ क्या है रिसीविंग एंड के ऊपर जो आपने लोड लगा रखा है ना उसका पावर फैक्टर एंगल है या रिसीविंग एंड के ऊपर वोल्टेज और करंट के बीच का एंगल करंट चाहे सेंडिंग एंड पर हो या रिसीविंग एंड के ऊपर हो आई मतलब रिसीविंग एंड का करंट वो सेम ही है यहां पर कोई फर्क नहीं पड़ता v आर साइन फ आर प्लस आई आर एक्स का स्क्वायर फई आर लोड पावर फैक्टर एंगल मतलब लोड में कितना रेजिस्टेंस और लोड में कितना रिएक्टेंस है उसके ऊपर डिपेंड करेगा ठीक है लोड के रेजिस्टेंस और लोड के रिएक्टेंस के ऊपर डिपेंड करेगा यह हमारा फार्मूला यूज होगा लेगिंग लोड लोड के लिए निकाला आपने जब आपने माना कि करंट वोल्टेज से लैग कर रहा है यहां पर देखिए रिसीविंग का वोल्टेज मैं यह मान के चल रहा हूं आपने माना कि करंट वोल्टेज से लैक कर रहा उसके लिए निकाला है लीडिंग करोगे तो एंगल को नेगेटिव कर दोगे तो लीडिंग लोड के लिए क्या आ जाएगा इसी से निकाल लीजिए एंगल को नेगेटिव करोगे कॉस माइनस थीटा तो प्लस कॉस थीटा ही होता है लेकिन साइन माइनस थीटा माइनस साइन थीटा हो जाएगा तो यह तो प्लस का प्लस ही रहेगा इसमें कोई फर्क नहीं पड़ा बट यह माइनस हो जाएगा यह हो जाएगा हमारा लीडिंग लोड के लिए हाला कि एग्जाम में मोस्टली जो आता है वह जनरली लेगिंग लोड का ही आता है और अगर यूनिट पावर फैक्टर की बात करोगे तो फ जीरो होता है तो कस 0 व हो जाएगा साइन जीरो की वैल्यू जीरो हो जाएगी ठीक है क्लास स्टार्ट हुई 5 बजे ठीक है चलिए ये हो गया अब शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन में जब आपको वोल्टेज रेगुलेशन निकालना हो तो मैंने आपको बताया था कि नो लोड वोल्टेज निकालना होगा तो यह हमारी इक्वेशन बन रही है फेजर इक्वेशन कैसे बनेगी इसकी फेजर इक्वेशन निकालो तो v ए इवी आर प्लस आई आर आर प्स ज एक्स ये आपकी फेजर इक्वेशन यहां पर सब फेजर है फेजर मतलब मैग्नी ूडल में एंगल भी लेना है और ये जो इक्वेशन मैंने निकाली है ये अलजेब्रिक इक्वेशन है यहां पर खाली मैग्निटिया तो जब करंट जीरो होगा नो लोड के ऊपर तो रिसीविंग एंड का वोल्टेज नो लोड के ऊपर रिसीविंग एंड का वोल्टेज सेंडिंग वोल्टेज के बराबर हो जाता है इसलिए यहां पर आपको v ए - v दिखता है बट इट इज एप्लीकेबल ओनली फॉर शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन एगजैक्टली यह इक्वेशन है बट यहां पर ओ इ इक्व टू द v एस इसलिए हमें v ए माइनस जैसा दिखता है ट्रांसफॉर्मर के अंदर भी आपको इस तरह का देखने को मिलेगा जीरो वोल्टेज रेशन की टर्म निकाल जीरो का मतलब है जब सस का मैग्नी और र का मैग्नी इक्वल हो जाएगा तो आर की वैल्यू हो जाएगी जीरो ठीक है तो v ए स्क्वा और स्क्वा करोगे कैसे करोगे यहां से इसको करके आप य निकालो तो ये आएगा ये कंडीशन आ गई मेरी एजेक्ट इक्वेशन कंडीशन आ गई और ये ध्यान में रखना है कि जीरो वोल्टेज रेगुलेशन सिर्फ लीडिंग टाइप के लोड के लिए ही पॉसिबल होता है लेगिंग लोड के लिए पॉसिबल नहीं होता ठीक है यह एग्जैक्ट इक्वेशन से आया है द कंडीशन फॉर जीरो वोल्टेज रेगुलेशन जीरो वोल्टेज रेगुलेशन की कंडीशन एग्जैक्ट वाले से आया ध्यान रखिएगा मैक्सिमम वोल्टेज रेगले कंडीशन निकालो ग तो तब होता है जब थीटा की वैल्यू फ आर के बराबर हो अब इन दोनों में डिफरेंस आपको समझ में आ रहा है ध्यान रखिए फ आर का मतलब मैंने आपको बताया था रिसीविंग एंड के ऊपर वोल्टेज और करंट के बीच का एंगल मतलब यह लोड का पावर फैक्टर एंगल है जो हमने लोड लगा रखा उसमें कितना रेजिस्टेंस और कितना रिएक्टेंस है और जो थीटा है व हमारा इंपिटस एंगल है ट्रांसमिशन लाइन का मतलब जब मैं ट्रांसमिशन लाइन बनाता हूं ना आर और एक्स तो ट्रांसमिशन लाइन के रेजिस्टेंस और रिएक्टेंस पर डिपेंड करता है यह मतलब सोचिए अगर मैंने यहां पर एक लोड लगा रखा है और लोड के अंदर रेजिस्टेंस और रिएक्टेंस आर एल और एक्स एल है ऐसे मैंने मान लिया ठीक है तो यहां पर जो फई आ रहा है ना मतलब न फ आर वो तो लोड के इंडक्टेंस और लोड के रेजिस्टेंस पर डिपेंड करता है और जो थीटा होता है वो ट्रांसमिशन लाइन के रिएक्टेंस और ट्रांसमिशन लाइन के रेजिस्टेंस पर डिपेंड करता है ठीक है और मैक्सिमम वोल्टेज क् आपको कम मिलेगा लेगिंग लोड के लिए फॉर लेगिंग लोड ये आपको खाली लेगिंग लोड के लिए मिलता है ठीक है यह मिलता है लीडिंग में ये मिलता है लगिंग में अब जनरली जब आप क्वेश्चन सॉल्व करने के लिए आते हैं ना तो पूरी की पूरी इसमें से टाइम लग रहा है इसको सॉल्व करने के लिए v एस निकालना है इसमें आपको टाइम लग रहा है तो आप एप्रोक्सीमेट फार्मूला भी यूज कर सकते हैं स्पेशली अगर लगिंग लोड दे रखा है ध्यान रखिए अगर मैं रिकमेंड करता हूं कि अगर लेगिंग लोड दे रखा है तो आप एप्रोक्सीमेट फॉर्मूले से निकाल लीजिए बहुत ज्यादा डिफरेंस नहीं आएगा ली लोड में थोड़ा बहुत डिफरेंस आ सकता है तो आप ऑप्शन देख लीजिए अगर ऑप्शन पर ज्यादा डिफरेंस है तो फिर आप एग्जिट फर्मूला यूज करोगे यह ऐसा आता है सस इक्टू v आर प्लस आई आ आर कॉस फई आर प्लस आई एक् साइन फ य हमारी एप्रोक्सीमेट इक्वेशन है किसके लिए लगिंग लोड के लिए लीडिंग लोड में य फ को आप नेगेटिव कर देना तो उसके अकॉर्डिंग जब वोल्टेज रेशन निकालते हो एप्रोक्सीमेट इक्वेशन के अकॉर्डिंग तोय आता है एस माइनस आ अपॉन आ य हमें निकालना होता है सस माइ कितना आ जाएगा आई आर कॉस फई प्लस आई आर एक्स साइन फ आर डिवाइड बाय आई आर अपन आर यह होता हमारा प रेजिस्टेंस एसन आर आई एक्स अपन आर प्य रिएक्टेंस ठीक है लेगिंग लोड लीडिंग के लिए क्या करोगे नेगेटिव हो जाएगा कोस माइनस थी तो प्लस कॉस थी ही होगा बट साइन माइनस थीटा हो जाएगा माइनस साइन थीटा यानी अगर आप लीडिंग लोड के लिए निकालो तो जाएगा ए आ कॉस फ आर माइनस ए एक्स साइन फ आ प रेजिस्टेंस प रिएक्टेंस ठीक है क्लियर यह आप निकालो जोभी मैंने बताया था ठीक है जीरो वोल्टेज रेगुलेशन की कंडीशन यहां पर भी हम लोग निकाल चुके थे और यहां पर भी निकाल रहा हूं जीरो वोल्टेज रेगुलेशन और मैक्सिमम वोल्टेज रेगुलेशन ठीक है तो यहां पर य आता है जब आप निकालो तो फ आ माइनस थीटा इक्व पाई बाटू किससे एप्रोक्सीमेट वाले से य एप्रोक्सीमेट वाले से आ गया फ आर मतलब लोड का पाफ एंगल थीटा मतलब ट्रांसफॉर्मर का इंपेडेंस एंगल यह भी होता है हम किस लोड प होगा जीरो लीडिंग लोड के ऊपर होता है सिर्फ लीडिंग लोड के ऊपर ठीक है मैक्सिमम वोल्टेज रेगुलेशन की कंडीशन सेम होती है चाहे वो एप्रोक्सीमेट से निकाला हो चाहे वो एग्जैक्ट से निकाला हो और यह आपको मिलता है लेगिंग लोड के ऊपर अगेन मैं बता रहा हूं अगर एग्जाम में आता है और लेगिंग लोड दे रखा है तो आप एप्रोक्सीमेट वाला फार्मूला यूज करके इसको निकाल सकते हैं कोई प्रॉब्लम नहीं आएगी अब सोचिए अगर ए बी सीडी पैरामीटर की टर्म में अगर आपको निकालना है क्या वोल्टेज रेगुलेशन ठीक है कैसे निकालो यह मैंने बताया था v v ए अप a होता है जब मैं शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन का ए बी सीडी पैरामीटर निकालता हूं ए बी सीडी पैरामीटर क्या आता है 01 न जड जीव या ए और डी मेरा वन है बी की वैल्यू जड और सी की वैल्यू जीरो है ए और डी दोनों पैरामीटर की वैल्यू वन है बी पैरामीटर इ इक्वल टू जड एंड सी पैरामीटर इ इक्वल टू जीरो ठीक है ए पैरामीटर कितना वन है वन की वैल्यू पुट कर दोगे तो देखिए सेम फर्मूला आ गया v ए - v आ अप v इन 100 शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन के अंदर एफिशिएंसी जब आप निकालते हो तो रिसीविंग एंड का पावर डिवाइड बाय सेंडिंग एंड का पावर ठीक है सेंडिंग एंड का पावर क्या होगा रिसीविंग एंड का पावर प्लस लॉसेस अब देखिए पावर लॉस कितना हो रहा है यहां पर एक तो पावर लॉस क्रिएट नहीं करता खाली r ही पावर लॉस क्रिएट करता है तो करंट फ्लो होता है आई या आई दोनों एक ही है आ स्क * r ये तो हो गया सिंगल फेस के लिए मैंने आपको बताया था कि जब भी एफिशिएंसी निकालो तो आप थ्री फेस को यूज करना है तो थ्री फेस का हो गया 3 आ स्क * r ठीक है अब कभी-कभी अगर आप कहते हो कि मैं डायरेक्ट निकाल लूंगा यहां पर v ए आ और कॉ फ ए उससे भी निकाल सकते हो लेकिन जब आप v ए आ क फ ए वाला फार्मूला यूज करते हो ना तो वहां पर फ ए की वैल्यू में थोड़ा भी अगर चेंज होगा तो सेंडिंग एंड की पावर में काफी डिफरेंस क्रिएट हो जाता है तो रिकमेंड यही है कि आप यह वाला फार्मूला यूज करिए डायरेक्ट आप सेंडिंग पन का पावर नहीं निकाल के यह वाला फार्मूला यूज करिए ठीक है मैंने आपको बताया कि इक्वेशन को हम लोग ऐसे कन्वर्ट कर सकते हैं अलजेब्रिक इक्वेशन में एप्रोक्सीमेट भी और एग्जैक्ट भी बट अगर आपको डायरेक्ट फेजर इक्वेशन यूज करनी है तो आप कैसे यूज करोगे देखिए अगर आपको फेजर में डील करना आता है फेजर में कैलकुलेशन करना आता है तो बहुत ही अच्छी बात है बट अधिकतर बच्चे इसमें गलती करते हैं ठीक है इसलिए मैं य बता गलती सिर्फ एक चीज को लेकर होती है अगर आप उसको समझ जाए ना तो गलती आपसे नहीं होगी वो होती है करंट की वैल्यू को लेना भूल जाते हैं जब भी आप फेजर इक्वेशन को डील करते हैं तो ध्यान रखिए आप एक क्वांटिटी को मानते हैं रेफरेंस क्वांटिटी तो आप यहां पर रिसीविंग एंड का जो वोल्टेज है ना उसको रेफरेंस मान लीजिए रेफरेंस का मतलब उसके एंगल को मानोगे जीरो और बाकी सब एंगल उससे लेकर चलोगे यह पॉइंट है जो हर बच्चा मोस्टली भूल जाता है जो गलती होती है इस जगह पर होती है करंट का एंगल लेना भूल जाता है व अधिकतर एंगल लीजिए और एंगल अगर लगिंग दे रखा है तो नेगेटिव एंगल बनाओगे इसको लीड दे रखा तो पॉजिटिव एंगल लेके करोगे जब भी यहां पर आप मैग्निटिया फिर आप इसको डायरेक्ट भी सॉल्व कर सकते हैं बताइए शट ट्रास लाइन में कोई डाउट किसी को इसके बाद मैं आ रहा हूं मीडियम ट्रांसमिशन लाइन में मतलब जैसे आप समझिए जैसे य पर बताया था ना यह र का आपने मैग्निटिया आई का एंगल सपोज कर लेग एंगल है ये हो जाएगा आ प् ज एक क्या करोगे यह जो आ प् ज एक् है सबसे पहले तो आप इसको कन्वर्ट कर दोगे पोलर फॉर्म में ठीक है तो यह बन जाएगा जड एंगल कुछ भी जो बन जाता है थीटा समथिंग बना लेना ऐसे करके बना लेना अब इसको सॉल्व कर लेना इस तरह ठीक है मीडियम ट्रांसमिशन लाइन थोड़ी लंबी लाइन 80 किलोमीटर से ज्यादा है कुछ बुक में बोलती है कि 160 किलोमीटर की लाइन को मीडियम ट्रांसमिशन लाइन मानते हैं कुछ बोलती है 200 किलोमीटर तक को हम लोग मीडियम ट्रांसमिशन मानेंगे और कुछ बोलती है 250 किलोमीटर को हम लीनियर ट्रांसमिशन लाइन मानेंगे आपको दिया हुगा एग्जाम में चिंता की जरूरत नहीं है जिस तरह हमने शट ट्रांसमिशन लाइन के अंदर हर पैरामीटर को लंब पैरामीटर माना था यहां पर भी हम इसको लंब पैरामीटर मान के ही सॉल्व करेंगे ठीक है अब वहां पर हमने स पैरामीटर को नहीं माना था बट हम लोग स पैरामीटर को मानना पड़ेगा क्योंकि देखिए जो चार्जिंग करंट होता है ना वोल्टेज के ऊपर डिपेंड करती है क्योंकि वोह तो शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन तो बहुत लो वोल्टेज में यूज करते हैं बट मीडियम ट्रांसमिशन हम लोग मीडियम वोल्टेज में यूज करेंगे तो यहां पर चार्जिंग करंट फ्लो होगा तो चार्जिंग करंट को हम डेक्ट नहीं मानते हैं मानेंगे बट जो भी कैपेसिटेंस है आप उसको डिस्ट्रीब्यूटर नहीं मानके एक जगह मान लोगे या तो यहां लगा दोगे यहां लगा दोगे यहां लगा दो कहीं पर भी आप लगा दो तो इसके अकॉर्डिंग हम लोग मीडियम ट्रांसमिशन लाइन के दो मॉडल बनाते हैं दो तरीके से रिप्रेजेंट कर सकते हैं एक होता है t मॉडल दूसरा होता है पाई मॉडल t का मतलब जो भी पूरा का पूरा कैपेसिटेंस है उसको आपने एक जगह बीच में मान लिया यह आपको ध ध्यान रखना है एग्जाम में बहुत बार आया हुआ है कि जब भी आप एनालिसिस कर रहे हो होते हैं ना तो पूरी लाइन का इंपेडेंस हम लोग z मानते हैं और पूरी लाइन का एडमिटेंस हम लोग y मानते हैं अगर आपने इसको बीच में लगा रखा है मतलब z का आधा इधर आ गया z / 2 z / 2 इधर आ गया ध्यान रखिएगा पूरी लाइन के इंपेडेंस को z मानना एडमिटेंस को y मानना है और यह मेरा हो गया y ठीक है y y ज तो है r ् ज ओमेगा ए और जो y की वैल्यू है j ओमेगा सी c है बेसिकली c को हमने बना दिया एडमिटेंस की फॉर्म में इसका जब मैं ए बी सीडी पैरामीटर निकाल लूंगा किसका जब आपको टी मॉडल की तर रिप्रेजेंट कर रहे हैं तो इस तरह का आता है यानी यहां पर ए और डी की वैल्यू 1 प्वा ज बाय 2 आएगी ए और डी हमेशा सेम मिलेंगे क्यों क्योंकि सिमेटिक होती है ना बी की वैल्यू आती है जव प्वा ज बा 4 एग्जाम में अगर निकालना पूछा जाए तो इसके साथ में हर का एंगल भी होगा मैग्नी और एंगल तो टाइम लगता है उसको निकालने में और सी की जो वैल्यू आती है व आती है वा ए और डी सेम है क्योंकि यह सिमिट्रिकल सिमेटिक म लाइन कंडक्टर आप इसको यहां से देखो या यहां से देखो एक जैसा दिखता है अगर दोनों एंड से सेम दिख रहा है इसका मतलब सिमिट्रिकल है सिंपल सी बात है टी मॉडल का मीडियम ट्रांसमिशन लाइन है उसका जब वोल्टेज रेगुलेशन निकाल हैं तो मैंने आपको बताया था आओ होता है v ए अपन ए आरओ नो लोड रिसीविंग एंड का वोल्टेज अब ए की वैल्यू यहां पर वन प्वा ज बाट ये आ गया ठीक है तो नो लोड वोल्टेज माइनस फुल लोड वोल्टेज ये दिस इज कॉल द परसेंटेज रेगुलेशन ठीक है चार्जिंग करंट है यहां पर क्योंकि हम यहां पर लेकर चल रहे हैं सं पैरामीटर और यहां पर जो करंट फ्लो होती है वो हमारी ये चार्जिंग करंट तो चार्जिंग करंट को ए बी सीडी पैरामीटर के टर्म में मैंने आपको बताया था क्या होता है सीवी ए अपन ए क्या बताया था सीवी एस अपन ए स एस अभी हमने निकाला सी की वैल्यू वा है ए की वैल्यू 1 प्वा ज बाटू है सी ब एस अपन ए ठीक है ए हो गया य सी हो गया य ब हो गया इसको यूज करके आप फाइंड आउट कर सकते हो चार्जिंग करंट की वैल्यू एफिशिएंसी निकालने के लिए थ्री फेस का रिसीविंग एंड का पावर थ्री फेस का सेंडिंग एंड का पावर यूज करोगे या तो आप इससे डायरेक्ट निकाल सकते हो लेकिन मैंने आपको बताया था कि अगर फई की कैलकुलेशन में थोड़ा भी मिस्टेक हो गया ना तो यह एफिशिएंसी में काफी एरर क्रिएट हो जाता है तो बेटर होता है कि यह वाला फार्मूला डायरेक्ट नहीं अप्लाई करके यह वाला फार्मूला यूज करें लॉसेस अब देखिए लॉसेज अगर आप यहां पर देखें तो क्या आ रहा होगा यहां पर आधा आ है r बाटू यहां पर आधा आर है आर बाटू ठीक है इधर करंट है आ य हो जाएगा आई का स्क्वायर आ बाटू लॉस यहां पर और यहां पर हो जाएगा आई आर का स्क्वायर आर बाटू येय तो आपका सिंगल फेस का और अगर आप थ्री फेस का निकालो तो इसको थ्री से मल्टीप्लाई कर दोगे तो यह आ जाता है थ से मल्टीप्लाई कर दिया तो यह हमता है हमेशा ये फर्मूला यूज करना है इसमें आपका एरर ज्यादा क्रिएट हो सकता है यही मैंने यहां पर लिखा हुआ है दूसरा आता है नॉमिनल पाई मॉडल ठीक है अभी मैंने नॉमिनल टी मॉडल में रिप्रेजेंट किया पाई पाई जैसा बना दिया आप जैसे पहले मैं आपको बता रहा था कि अगर पूरे के पूरे इंपेडेंस को हम लोग मानते हैं जड और पूरे के पूरे एडमिटेंस को मानते y अगर आपने दो पार्ट में डिवाइड कर दिया तो y बाटू यहां पर आ गया y बाटू यहां पर आ गया में से याद रखना पूरा इंपेडेंस जड पूरा एडमिटेंस y तो अगर आप दो ले रहे हो तो य आधा आधा आपने मान लिया y / 2 और y / 2 ठीक है पाई मॉडल जनरली ज्यादा सूट करता है एज कंपेयर टू t मॉडल हम लोग जैसे पाई मॉडल यूज करते हैं लोड फ्लो के अंदर क्योंकि ये एडिशनल नोड को क्रिएट नहीं करता है ए बी सीडी पैरामीटर जब आप देखोगे तो देखिए a और डी पैरामीटर बिल्कुल सेम आ रहे हैं जो वहां पर आ रहे थे टी मॉडल के अंदर 1 प्वा ज / 2 कोई भी डिफरेंस नहीं आ रहा सेम आ रहा है बट वहां पर बी की वैल्यू जड के साथ में 1 प्स वा ज बा फ आ रही थी य परली जड आ रही है ठीक है और सी की वैल्यू वाव प्वा जड बाय फ मतलब वहां पर यह वाली जो टर्म थी ना वह जड के साथ एसोसिएट थी अब यह वा के साथ में आ गई अभी भी ए और डी सेम है सिमेटिक दोनों एंड से देखने पर आपको सेम दिख रहा है वोल्टेज रेगुलेशन ए बी सीडी पैरामीटर की टम में जब निकालो तो पहले हमें निकालना होता है नो लोड का वोल्टेज जो होता है v ए अपन ए यहां पर भी सेम ही है 1 प्स वा ज बाटू तो v एस के अंदर 1 प्वा ज बाटू आपने किया ओ माइनस इन सेम फार्मूला आपको मिल गया जो आपका मिला था टी मॉडल के अंदर कोई भी डिफरेंस नहीं है एफिशिएंसी के लिए मैंने आपको बताया था कि आप ये फार्मूला यूज करोगे लॉसेस लॉसेस इन द ट्रांसमिशन लाइन ल लॉसे देखोगे य पर यह करंट इससे पहले वाला करंट है आपका आईस यह आई आर इसके बाद यहां जो करंट फ्लो हो रहा है वह आईस माइनस आईसीएस है यह करंट लाइन में अब एक ही आ है यानी आ स्क्वा इन आ आ स् आ फेस लिए थ्री से मल्टीप्लाई करोगे एफिशिएंसी के लिए हमेशा थ्री फेज को यूज करते हैं ध्यान रखेगा है ना ये हो गया हमारा मीडियम ट्रांसमिशन लाइन आने के चांसेस कम है क्योंकि थोड़े कैलकुलेशन इजी होते हैं क्लियर है अब हम यहां पर आ रहे हैं लॉन्ग ट्रांसमिशन लाइन के लिए देखिए जब आप शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन और अभी हम लोग आ रहे हैं फरेंट इफेक्ट पे हम लोग आएंगे ठीक है जब हम लोग शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन और लॉन्ग ट्रांसमिशन लाइन ठीक है उसको स्टडी कर रहे होते हैं ठीक है तो हम लोग जितने भी पैरामीटर है उसको लंब मानते हैं लंब का मतलब एक जगह पर है हालाकि रियल में तो होता नहीं है रियल में तो सब पैरामीटर डिस्ट्रीब्यूटर है भाई मेरी अगर एकय कंडक्टर मेरा जा रहा है इसमें रेजिस्टेंस एक जगह पर थोड़ी होता है सब जगह पर रेजिस्टेंस है तो एक एगजैक्टली यह पैरामीटर तो होते हैं डिस्ट्रीब्यूटर लेकिन शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन और मीडियम ट्रांसमिशन लाइन में स्टेडी को इजी बनाने के लिए हम इसको लंप मान लेते हैं क्योंकि यहां पर लंप मानने पर भी बहुत ज्यादा एरर क्रिएट नहीं होता है लेकिन लॉन्ग ट्रांसमिशन लाइन में हम लोग नहीं कर पाएंगे ऐसा अगर मैं यहां पर लंब पैरामीटर मान के इसकी स्टडी करूं तो इसमें बहुत ज्यादा एरर क्रिएट होगा तो यहां पर ज्यादा एक्यूरेट रिजल्ट के लिए हम सभी पैरामीटर को डिस्ट्रीब्यूटर पैरामीटर की तरह ही लेकर चलते हैं इट इज डिस्ट्रीब्यूटर थ्रू आउट द लेंथ ऑफ द ट्रांसमिशन लाइन अगर हर जगह पर डिस्ट्रीब्यूटर है तो हर जगह पर वोल्टेज की वैल्यू हर जगह करंट की वैल्यू चेंज होती रहेगी अब देखिए अगर मैंने रिसीविंग एंड की पर वोल्टेज और करंट को ले लिया v और आई इससे एक्स डिस्टेंस पर v एक् आ एक् x प्लस डेल्टा के डिस्टेंस पर v एक प्स डेल्टा v एक आ जाएगा ठीक है तो जब मैं पूरा का पूरा सॉल्व करके निकालता हूं स्ल जड में यूज कर रहा हूं इंपेडेंस पर यूनिट लेंथ यानी एक मीटर एक किलोमीटर का कितना इंपेडेंस है वा आप निकाल रहे हो स्मल वा एडमिटेंस प लेंथ का एडमिटेंस जब हम इसको निकालते हैं बी सडी पैरामीटर में तो हमें इस तरह का दिखता है यह क्या दिखे देखि जहां पर ए और बी की की जो वैल्यू है व आती है कॉस हाइपरबॉलिक गामा एल बी की वैल्यू आती है ज सी साइन हाइपरबॉलिक गामा एल सी की वैल्यू आती है न अपन जड सी साइन हाइपरबॉलिक गामा ठीक है ए और डी जो सेम है इसका मतलब यह सिमेटिक कंपोनेंट है अब यहां पर क्वेश्चन आता है कि गामा क्या चीज है और ज स क्या चीज है ठीक है गामा होता है इसको हम बोलते हैं प्रोपो केशन कांस्टेंट गामा इसकी वैल्यू थी अंडर रूट ऑफ प्य लेंथ का इंपेडेंस प्य लेंथ का एडमिटेंस जब आप सॉल्व करोगे कि z और y दोनों के दोनों कॉम्प्लेक्शन है इसका मतलब गामा इज आल्सो कॉम्प्लेक्शन नंबर का मतलब इसका रियल पार्ट होगा इसका इमेजरी पार्ट होगा तो गामा का जो रियल पार्ट है उसको बोलते हैं एट नेशन फैक्टर और इमेजरी पार्ट को बोलते हैं फेज कांस्टेंट यूनिट देख लीजिए यह नेपर पर यूनिट लेंथ और यह रेडियन पर यूनिट लेंथ गामा गामा मतलब प्रोपो केशन कांस्टेंट नेपर इसकी यूनिट है नेपर प्यू लेंथ इज द यूनिट ठीक है रेडियन प्यू लेंथ इज द यूनिट एट नेशन मतलब लॉग की टर्म में होता है लॉग अल्फा 2 अप अल्फा 1 इसको हम लोग नेपर में निकालते हैं ना नेपर के अंदर लॉग दो क्वांटिटी के बीच का रेशो करके जब लॉग करते हो कन्वर्ट इनटू द नेपर अब आ जाइए कभी-कभी यह पूछते हैं कि आप लॉन्ग ट्रांसमिशन लाइन है क्या आप लॉन्ग ट्रांसमिशन लाइन का इक्विवेलेंट टी और पाई मॉडल बना सकते हो इस पर क्वेश्चन भी आया हुआ है गेट एग्जाम के अंदर तो आप ऐसे मान लो कि एक मेरे लॉन्ग ट्रांसमिशन लाइन है जिसके ए बी सीडी पैरामीटर तो यही रहेंगे यह वाले रियल में लेकिन मैंने इसको इक्विवेलेंट टी मॉडल जैसा बना दिया है जिसका इंपेडेंस जड मैंने मान लिया और एडमिटेंस को मैंने वा ड मान लिया है एडमिटेंस को मैंने मान लिया है वा ड वा डबल ड नहीं वा ड अगर य मेरा टी मॉडल जैसा होता तो इसका ए बी सीडी पैरामीटर य ये हो रहा होता लेकिन रियल में जो मेरा ए बी सीडी पैरामीटर है लंग लाइन का वो ये है कॉस हाइपरबॉलिक गामा एल जड सी साइन हाइपरबॉलिक गामा एल 1 अपन ज स साइन हाइपरबॉलिक गामा एल कॉस हाइपरबॉलिक गामा आल यानी वाड की वैल्यू तो हो गई 1 अपन ज स सान हाप गा कंपेयर करोगे तो ये इसके बराबर हो गया तो y ड की वैल्यू तो आपको डायरेक्ट ही मिल गई z ड की वैल्यू निकालने के लिए आप क्या करोगे इनको कंपेयर कर लीजिए 1 प्वा जड बा 2 डिवाइड इज इक्वल टू द कस हाइपरबॉलिक गामा ए ये आ गया y ड की वैल्यू आप यहां से पुट करोगे और इससे आपको मिल जाएगा z ' की वैल्यू तो आपको इक्विवेलेंट y और z पैरामीटर मिल जाएंगे अगर आप इसको t पैरामीटर की तरह रिप्रेजेंट कर रहे हैं तो अगर आप इसको इक्विवेलेंट पाई की तरह रिप्रेजेंट करें ठीक है क्या होगा आपने मान लिया जब मैं इसको इक्ट पाई बनाऊंगा तो सीरीज इपें ज डबल ड है और पैरेलल एडमिटेंस वा डबल ड है यह हो गया ठीक है पाई के अंदर य लिखते हैं लेकिन रियल में तो क्या है रियल में तो मैंने अकी आपको बताया था क्योंकि लंग ट्रांस लान है य पैरामीटर आपका कॉस हाइपरबॉलिक गामा एल है यह जड सी साइन हाइपरबॉलिक गामा एल न अपन ज सी साइन हाइपरबॉलिक गामा एल और यह कॉस हाइपरबॉलिक गामा एल यह इसके बराबर हो गया ज डबल ड ज स साइन गामा ए ठीक है और ये इसके बराबर हो गया कॉस हाइपरबॉलिक गामा ज डबल ड की यहां से पुट करके आप वाड डबल ड निकाल सकते हो तो ये मिल जाएगा ठीक है 2 अप ज से न ये याद रखने की जरूरत नहीं है ध्यान रखिए इनको आपको रटना नहीं है आपको आपको यह पता है ए बी सीडी पैरामीटर लॉन्ग लाइन के पाई मॉडल केस पैरामीटर पता है इनको आपस में कंपेयर कर लेना आपको ऐसे वा डबल ड ज डबल ड की वैल्यू मिल जाएगी तो रटना नहीं है क्योंकि ऐसे बहुत सारे चीजें हैं सब चीजों को रटने से फायदा नहीं मिलेगा ऐसे तो कहां कहा तक आप याद करते रहोगे ठीक है अब आता है यह बड़ा इंपॉर्टेंट है पावर निकालना है हमें ए बी सीडी पैरामीटर की टर्म में पावर निकालना चाहता हूं तो देखिए जैसे मेरा ये सेंडिंग एड है सोर्स वाला साइड ये रिसीविंग तो यहां पर जो पावर है कॉम्प्लेक्टेड क्शन में पावर है तो पॉजिटिव है इसके अपोजिट तो नेगेटिव है ठीक है यानी पावर अगर सोर्स से ट्रांसमिशन लाइन पर आ रही है तो यह दोनों पावर पॉजिटिव है ट्रांसमिशन लाइन में लोड पर जा रही है तो प और क आर आपका पॉजिटिव है अब देखिए रिसीविंग एंड का वोल्टेज सेंडिंग एंड का वोल्टेज दोनों के बीच का एंगल है डेल्टा ए पैरामीटर का मैग्नी ए है इसका एंगल अल्फा माना हमने बी पैरामीटर का जो एंगल है वह बीटा है अल्फा एंड बीटा डेल्टा स एस और व आर के बीच का एंगल हो गया क्योंकि र को जीरो माना यह आपका डेल्टा हो गया तो सबसे पहले मैं रिसीविंग एंड का एक्टिव और रिएक्टिव पावर अगर आपको बताऊं तो ये आता है बहुत इंपोर्टेंट है v एवी आ अपन बी कॉस बीटा माइनस डेल्टा माइनस एवी आ अपन बी कॉस बीटा माइनस अल्फा बीटा बी पैरामीटर का एंगल अल्फा ए पैरामीटर का एंगल एक्टिव और रिएक्टिव पावर के फार्मूले में देखोगे तो यहां पर कस की जगह साइन आ जाएगा तो ये रिएक्टिव पावर का फार्मूला आपको मिल जाता है ठीक है इस फार्मूले में अगर v ए और v आप पर फेज लगा पर फेस का वोल्टेज लिख रहे हो तो आपको एक फेस का पावर मिलेगा लेकिन अगर आपने डायरेक्ट यहां पर लाइन वोल्टेज लिख दी तो आपको डायरेक्ट थ्री फेस का पावर मिल जाता है ठीक है अब कभी कोई पूछता है कि आपको मैक्सिमम एक्टिव पावर कम मिलेगी यानी कौन सा लोड एंगल डेल्टा का मतलब डेल्टा इज कॉल्ड द लोड एंगल जो दोनों एंड के बीच का वोल्टेज के बीच का एंगल होता है कि डेल्टा की वैल्यू कितनी हो कि आपको एक्टिव पावर रिसीविंग एंड के ऊपर मैक्सिमम मिले देखि डेल्टा य है मैक्सिमम कॉस थीटा कब होगा तब प मैक्सिमम होगा कब होता है जब कॉसस बीटा माइनस डेल्टा वन हो क्योंकि कॉस थीटा की मैक्सिमम वैल्यू वन हो सकती है न हो वन का मतलब बीटा माइनस डेल्टा कितना हो जीरो कॉस जीव या बीटा की वैल्यू डेल्टा के बराबर हो अगर बीटा डेल्टा के बराबर हो जाएगा तो ये टर्म जीरो हो जाएगी तो ू आ क्या हो जाएगा नेगेटिव हो जाएगा उस टाइ टाइम पे q आ नेगेटिव हो जाएगा q आ नेगेटिव होने का मतलब q आ ऐसे नहीं होगा q आ ऐसे होगा नी रिएक्टिव पावर अगर लोड रिएक्टिव पावर दे रहा होगा वी कैन से द एक्टिव पावर ड्रॉन बाय लोड विल बी मैक्सिमम व्हेन लोड इज सप्लाइड पावर जब लोड ट्रांसमिशन लाइन को रिएक्टिव पावर सप्लाई कर रहा होगा उस टाइम पर ही यह मैक्सिमम एक्टिव पावर को ड्रॉ कर सकता है क्लियर है अब यह तो मेरा एक जनरल फार्मूला था पावर का ए बी सीडी पैरामीटर की टर्म में जनरली हम लोग शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन को लेके चलेंगे तो शॉर्ट ट्रांसस लाइन के अंदर ए पैरामीटर मेरा वन होता है वन का मतलब ए का मैग्निटिया थ थीटा क्या है ट्रांसमिशन लाइन का एडेंस एंगल अगर मैं ए बी सीडी वैल्यू यहां पर पुट कर दूं तो यह जो प और क आर आ गया यह शर्ट ट्रांसमिशन लाइन का एक्टिव और रिएक्टिव पावर आ जाएगा रिसीविंग एंड के ऊपर ठीक है आप खाली यह वाला फार्मूला याद रखोगे यहां पर जो मैंने बताया इससे आप शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन या मीडियम ट्र फार्मूला उसी टाइम पर निकाल सकते अलग से याद रखने की जरूरत नहीं है अब जनरली हमय मानते हैं कि जो शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन हम लोग लेकर चलते हैं उसमें रेजिस्टेंस को नेगलेक्ट मान लेते हैं अगर मैं रेजिस्टेंस को नेगलेक्ट मानू मतलब अगर य मेरी लॉस लेस लाइन है उस टाइम पर हमारा एक्टिव और रिएक्टिव पावर का फार्मूला कैसे चेंज होगा ठीक है तो अगर मैंने आर की वैल्यू को जीरो मान लिया इसका मतलब क्या हो जाएगा जहां पर भी जड है उसको तो आप बना दीजिए एक्स और थीटा है वो हो जाएगा 90 क्योंकि अगर x जीरो है थीटा 90 डिग्री हो गया इस फार्मूले के अंदर थीटा क 90 माइन डेल्टा 90 माइन डेल्टा ऐसे तो ये मेरा आ गया p v एसवी आर साइन डेल्टा ये फार्मूला जनरली हम लोग बहुत बार यूज करते हैं एगजैक्टली जो फार्मूला है ना ये लॉस लेस शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन के लिए ही वैलिड होता है हम जनरली सबके लिए मान लेते हैं एप्रोक्सीमेटली बट एगजैक्टली फार्मूला खाली शॉर्ट लॉस लेस ट्रांसमिशन लाइन के लिए ही वैलिड है डेल्टा का मतलब v ए और v आ के बीच में एंगल का डिफरेंस है अगर आपको v ए और v आ अभी तक मैंने v का एंगल जीरो मान रखा था इसका एंगल डेल्टा हो गया बट अगर मैं v ए और v आ दोनों का एंगल लेकर चलता हूं तो डेल्टा क्या होता है v ए और v आ के बीच में एंगल का डिफरेंस है डेल्टाव माइन डेल्टा 2 है इस वाले फार्मूले के ऊपर भी केट में क्वेश्चन आ चुका है तो याद रखिएगा सेंडिंग एंड का वोल्टेज और रिसीविंग एंड के बीच के वोल्टेज का एंगल का डिफरेंस क्लियर है चलिए अब आप सोचिए न डेल्टाव इज ग्रेटर दन डेल्टा टू तब तो ये पॉजिटिव हो जाएगा अगर डेल्टाव डेल्टा टू से ज्यादा है तो पावर आपका पॉजिटिव हो गया मतलब जो आपने रेफरेंस मान रखा वही पावर है इसका मतलब पावर सेंडिंग एंड से रिसीविंग एंड की तरफ जा रही है पर उल्टा कर लोगे अगर डेल्टा वन से ज्यादा डेल्टा टू ज्यादा हो गया साइन माइनस थीटा मतलब माइनस साइन थीटा हो जाएगा तो पावर सेंडिंग से रिसीविंग नहीं जा रहा बल्कि पावर आ रहा है रिसीविंग से सेंडिंग की तरफ अगर दोनों इक्वल हो ग तो पावर की वैल्यू जीरो हो जाएगी मतलब एक्टिव पावर जो फ्लो होता है ना वो हमारा दोनों एंड के वोल्टेज का जो एंगल होता है ना उसके ऊपर डिपेंड करता है अगर दोनों एंड के बीच का एंगल इक्वल हो तो एक्टिव पावर फ्लो ही नहीं होगा हालांकि यह अगेन मैं बता रहा हूं ये खाली लॉस लेस शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन के लिए वैलिड है बट जनरली हम इसको सबके लिए वैलिड मान लेते हैं एप्रोक्सीमेटली ठीक है इससे हमें पता लग रहा है कि जहां पर डेल्टा की वैल्यू ज्यादा होती है वहां से हमारा एक्टिव पावर फ्लो होता है उस जगह की तरफ जहां डेल्टा की वैल्यू कम होती है तो यह बहुत इंपोर्टेंट चीज है कंक्लूजन एक्टिव पावर विल फ्लो फ्रॉम हाई एंगल टू लोअर एंगल यह तभी वैलिड है जब हमने एक्स की कंपेरिजन में आर को नेगलेक्ट मान लिया है हाई एंगल से लोअर एंगल की तरफ हमारा फ्लो होता है एक्टिव पावर क्लियर है अब मैं आ रहा रिएक्टिव पावर इसी वाले फार्मूले में थ को बनाऊंगा 90 डिग्री ठीक है आ को नेगलेक्ट मानने के लिए और जड को कर दोगे एकस यहां पर जो किया था तो यह आ जाता है v एवी आ अपन एक्स कॉस डेल्टा माइनस स्क अपन एक्स ये अगर v अपन एक् को कॉमन ले लोगे तो v ए कस डेल्टा माइन आ जाएगा q आ शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन जो लॉस लेस है उसके लिए रिएक्टिव पावर अब जनरली जो हमारा डेल्टा होता है ना बहुत कम होता है स्टेबिलिटी पॉइंट ऑफ़ व्यू से जो डेल्टा हम लोग 20 25° के आसपास रखते हैं 20 से 30° के आसपास अगर डेल्टा छोटा हो तो इसकी वैल्यू वन के आसपास हो जाती है जसे क 0 1 होता है ना तब ये आ जाता है vs-mobi मतलब वो रिसीविंग एंड से सेंडिंग तरफ फलो होगा तो रिएक्टिव पावर का फ्लो वोल्टेज के मेग्नीट्यूड के ऊपर डिपेंड करता है मतलब आपको दो चीज ध्यान में रखनी है दो एंड है इनके बीच में एक्टिव और रिएक्टिव पावर फ्लो हो रहा है एक्टिव पावर का फ्लो डेल्टा पर डिपेंड करता है जिस एंगल का डेल्टा ज्यादा होगा वहां से कम डेल्टा की तरफ एक्टिव पावर फ्लो होता है बट रिएक्टिव पावर का फ्लो वोल्टेज के मैग्निटिया तो रिएक्टिव पावर वोल्टेज के मैग्नी एक्टिव पावर वोल्टेज के एंगल के ऊपर डिपेंड करता है नोट करके मैंने आपको लिख दिया हालाकि जो इक्वेशन हमने निकाला ना कहां पर फ्लो होता है ये पावर ये खाली शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन के लिए ट टू न इट इ लॉस लेस लाइन बट जनरली हम इसको एक सबके लिए एप्रोक्सीमेट मान लेते हैं कि हमारा एक्टिव पावर का फ्लो डेल्टा पर डिपेंड करेगा और रिएक्टिव पावर का फ्लो वोल्टेज के मैग्निटिया ना जो शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन का पावर फार्मूला है जिसमें हम वो आपका सिंस मोटर की तर ही है या अगर आप वोल्टेज रेगुलेशन का भी फार्मूला देखो ग ना तो जो शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन का जो वोल्टेज रेगुलेशन का फार्मूला है वो आपका सिंक्स मोटर या सिंक्स मशीन की तरह ही रहता है ठीक है अभी जो मैंने इक्वेशन निकाली वो सेंडिंग एंड के पावर के बारे में थी सेंडिंग एंड का एक्टिव पावर सॉरी रिसीविंग एंड के पावर का था रिसीविंग एंड का एक्टिव पावर रिसीविंग एंड का रिएक्टिव पावर अब आप सेंडिंग एंड का पावर जब निकालते हो तो इक्वेशन ये आती है सेंडिंग एंड का एक्टिव और रिएक्टिव पावर इन टर्म ऑफ ए बी सीडी पैरामीटर य जनरल इक्वेशन है देखिए वहां पर यह वाली टर्म इधर थी खाली वहां पर र था यहां पर स एस आ गया ठीक है यह पूरी की पूरी टर्म यहां थी व यहां पर आ गई डिफरेंस क्या वहां पर य माइनस में था यहां पर प्लस में आ गया याद रखने का मेथड यह है याद रख गा बहुत इंपॉर्टेंट है दोनों आपको याद रखनी पड़ेगी हालाकि जब शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन के लिए निकालो लॉस लेस तो दोनों सेम ही रहती है लॉस लेस का मतलब है सेंडिंग एंड का पावर रिसीव एंड का पावर आपका सेम हो गया अब आप देखिए आपको पूछता है कि अगर मैंने डेल्टा कितना बनाया है कि सेंडिंग एंड के ऊपर पावर मैक्सिमम हो सेंडिंग एंड के पावर मैक्सिमम कब होगी जब ये पूरी की पूरी टर्म मैक्सिमम हो मतलब ये वाली टर्म नेगेटिव हो जाए ना नेगेटिव नेगेटिव पॉजिटिव हो जाएगा नेगेटिव कम होगा जब क बीटा जब क पा हो क मतलब माइव इसकी टर्म की वैल्यू मैक्सिमम नेगेटिव होनी चाहिए तो ये मैक्सिमम हो जाएगा वैल्यू तो जब बीटा प्लस डेल्टा की वैल्यू 180 डिग्री हो तो बीटा की वैल्यू डेल्टा 180 माइनस पाई यह वैल्यू अगर आप यहां पर पुट कर दोगे तोय तो हो जाएगा जीरो तो ये बचेगा नेगेटिव अगेन q आर q एस सॉरी ये हो जाएगा जीरो ये बनेगा पॉजिटिव ऐसा रहेगा या मैक्सिमम जब एक्टिव पावर है तब होगा जब q ए की वैल्यू पॉजिटिव हो पॉजिटिव का मतलब रिएक्टिव पावर सोर्स से ट्रांसमिशन लाइन की तरफ जा रही है हमेशा ध्यान रखिए चाहे वो सेंडिंग एड हो चाहे वो रिसीविंग एंड हो एक्टिव पावर की वैल्यू मैक्सिमम आपको तभी मिलती है जब रिएक्टिव पावर ट्रांसमिशन लाइन की तरफ जा रही हो चाहे तो सोर्स पावर दे रहा हो ट्रांसमिशन लाइन को या फिर लोड पावर दे रहा हो ट्रांसमिशन लाइन को ठीक है मैक्सिमम सेंडिंग एंड पावर कब होगी जब सोर्स सप्लायों q एस मेरा पॉजिटिव आ रहा है यानी इस जगह पर पावर होनी चाहिए सोर्स पावर दे रहा है ट्रांसमिशन ना को अब देखिए सेंडिंग एंड की पावर की इक्वेशन हम लोग निकाल रहे हैं किसके लिए शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन के लिए क्या करोगे a के बी का मैग्निटिया इसके अंदर इस वाले फार्मूले में बी की जगह जड बीटा की जगह थीटा अल्फा की जगह जीरो तो यह फार्मूला आ गया किसके लिए आ गया शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन जहां पर हम लोग रेजिस्टेंस और रिएक्टेंट दोनों को लेकर चल रहे हैं अन अगर मैं रेजिस्टेंस को नेगलेक्ट मान लेता हूं फिर क्या करोगे जड को रख दो आप एक्स और थीटा को रख दो 90 डिग्री य आ जाएगा तो प और क मिल जाता है अब आप दिख रहा है सेंडिंग एंड का भी पावर एक्टिव पावर वही आ रहा है जो रिसीविंग एंड का आ रहा था क्योंकि अगर लॉस लेस लाइन है तो पावर सेम ही रहेगा कोई लॉस ही नहीं हो रहा है एक्टिव पावर लॉस हमारा एक्टिव पावर रिएक्टिव पावर की वैल्यू आ गई तो रिएक्टिव पावर की वैल्यू आ जाती है यह भी आपको याद रखना है य याद रख लीजिए v ए स्क्वा अपन एक्स माइनस ए अपन एक्स इन कॉस डेल्टा ध्यान रखिए अगर मैं यहां पर स एसवी आर की वैल्यू को पर फेस में रखूंगा ना तो मेरा पर फेस का पावर आएगा अगर आप लाइन वोल्टेज रख दोगे तो डायरेक्ट आपको थ्री फेस का पावर मिल जाएगा हमने देखा था स्टेबिलिटी के अकॉर्डिंग हम लोग डेल्टा ली 20 30 के बीच में रखते हैं 20 डिगी 30 डिग्री बहुत कम है तो कॉस थीटा ऑलमोस्ट वन हो जाएगा तो य फर्मूला आपको सेम मिल जाएगा स एस माइनस वाला क्लियर है अब हम आते हैं फरेंट इफेक्ट के ऊपर फरेंट इफेक्ट एक अजीब तरह का इफेक्ट होता है जनरली हमें क्या लगता है कि मैं यहां से सैंडिंग एंड से वोल्टेज भेज रहा हूं ठीक है कुछ वोल्टेज ड्रॉप हो जाएगा हमें क्या लगता आप यहां से आपने एक वोल्टेज सेंड किया एस ट्रांसमिशन लाइन में तो रेजिस्टेंस और रिएक्टेंस होता है तो वोल्टेज ड्रॉप होगा तो आपको रिसीविंग एंड के ऊपर जो वोल्टेज मिलेगा कम मिलेगा ए कंपेरर टू सेंडिंग एंड वोल्टेज क्योंकि कुछ वोल्टेज ड्रॉप हो गया होगा लेकिन कभी-कभी क्या होता है य तभी होता है जब ट्रांसमिशन लाइन हमारी लॉन्ग है और उसमें जो लोडिंग कर रखी है लोड लगा रखा है वह बहुत कम है या तो बिल्कुल नहीं है या बहुत कम है उल्टा भी हो जाता है मतलब रिसीविंग एंड का वोल्टेज सेंडिंग एंड के वोल्टेज से ज्यादा हो जाता है मतलब जो नॉर्मल होता है ना उसका अपोजिट मान लो नॉर्मली तोहे लगता है कि रिसीविंग एंड का वोल्टेज कम होना चाहिए क्योंकि कुछ वोल्टेज ड्रॉप हो रहा है बट यहां पर ज्यादा हो जाता है इसको बोलते हैं फरेंट इफेक्ट अब ध्यान में रखना है पहली चीज यह खाली लॉन्ग ट्रांसमिशन लाइन में होती है क्यों होता है क्योंकि इसके पीछे का रीजन है चार्जिंग करंट मतलब कैपेसिटेंस में जो करंट फ्लो हो रही होती है शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन में तो हम लोग चार्जिंग करंट को नेगलेक्ट मान ही लेते हैं मीडियम में बत कम फलो रही होती है ठीक है दूसरी चीज या में तभी होता है जब जो लोड लगा रखा तो लगा नहीं रखा बिल्कुल नहीं लगा रखा या या तो ओपन सर्किट हो या बहुत कम लोड लगा रखा हो बहुत कम का मतलब एक लोडिंग होती है सर्ज इडेंस लोडिंग अगर आपने लोड सर्ज इडेंस लोडिंग से कम लगा रखा है तब आपको फरेंट इक्ट देखने को मिलता है ठीक है अब यहां पर अगर कोई आपसे पूछे क्यों हो रहा है क्योंकि चार्जिंग करंट जब फलो होगा उसकी वजह से इस इंडक्टेंस में जो वोल्टेज ड्रॉप होता है उससे फरेंट इफेक्ट होता है कभी-कभी वाइवर में ये वाले क्वेश्चन पूछ लेते हैं इसके लिए कौन रिस्पांसिबल है तो ध्यान रखिए इसके लिए ट्रांसमिशन लाइन का कैपेसिटेंस तो रिस्पांसिबल है ही क्योंकि चार्जिंग करंट फ्लो होना चाहिए बट इंडक्टेंस भी रिस्पांसिबल है क्योंकि चार्जिंग करंट की वजह से इंडक्टेंस के अक्रॉस जो वोल्टेज ड्रॉप होता है ना उसकी वजह से होता है यानी लाइन का इंडक्टेंस और लाइन का कैपेसिटेंस दोनों के दोनों इसके लिए रिस्पांसिबल रहते हैं अभी जब हमने यह देखा कि जब आप लॉन्ग ट्रांसमिशन लाइन को एनालाइज कर रहे हैं हमने हर पैरामीटर को मान लिया डिस्ट्रीब्यूटर पैरामीटर डिस्ट्रीब्यूटर होने से क्या हो गया हर जगह पर इंडक्टेंस है हर जगह पर कैपेसिटेंस है हर जगह पर रेजिस्टेंस यानी लाइन के हर पॉइंट पर वोल्टेज की वैल्यू और हर पॉइंट पर करंट की वैल्यू अलग-अलग है हम यहां पर ऐसे मान के चलते हैं कि जो वोल्टेज और करंट है वह एक वेव की तरह ट्रेवल करता है ट्रांसमिशन लाइन में वोल्टेज करंट वेव की तर ट्रेवल कर रहा होता है और किसी भी जगह पर जब आप निकालो तो जैसे मेरा वोल्टेज यहां पर गया वोल्टेज फिर कहीं से रिफ्लेक्ट होकर वापस भी आ जाएगा तो किसी भी जगह पर अगर आप वोल्टेज जब करंट का वेव देखते हो ना तो वहां पर दो वेव मिलेंगे आपको दो तरह के वेव मिलेंगे एक है इंसीडेंट वेव जो फॉरवर्ड डायरेक्शन में मूव कर रहा है और एक रिफ्लेक्टेड वेव जो बैकवर्ड डायरेक्शन में मूव कर रहा है ठीक है फॉरवर्ड डायरेक्शन में जा रहा है दूसरा बैकवर्ड डायरेक्शन के अंदर वह लौट के आ रहा है अब इंसीडेंट वोल्टेज और करंट के वेव का जो रेशो होता है ना उसको बोलते हैं z स z स क्या होता है द कैरेक्टरिस्टिक इंपेडेंस ऑफ द ट्रांसमिशन लाइन जो z स की वैल्यू होती है ट्रांसमिशन लाइन का प्य लेंथ का इंपिटस और प्य लेंथ के एडमिटेंस के रेशो का अंडर रूट के ऊपर डिपेंड करती है या टोटल इंपरसोनिफिकेशन इस जगह पर मेरा वोल्टेज है v एक इस जगह पर य दो प और यहां पर जो करंट फलो रहा है आ एक्स यानी किसी भी जगह पर ट्रांसमिशन लाइन के किसी भी जगह पर अगर मैं वोल्टेज और उस जगह पर करंट की वैल्यू का रेशो निकालता हूं ना वह मेरा कैरेक्टरिस्टिक इंपसब ही नहीं है ना यह ट्रांसमिशन लाइन का इंपेडेंस है मतलब ट्रांसमिशन लाइन का रेजिस्टेंस या ट्रांसमिशन लाइन के रिएक्टेंस से नहीं बनता है यह ध्यान रखना यह जो ट्रांसमिशन लाइन है उसके किसी भी जगह पर अगर आप वोल्टेज और उस जगह पर करंट की वैल्यू का रेशो निकालते हो ना तो आपका करेक्टर िक इंपेडेंस होता है करैक्टर यानी य किसी भी ट्रांसमिशन लाइन की करेक्टर िक को बताता है क्लियर है रिफ्लेक्टेड वोल्टेज का जो रेस होता है वो माइनस में होता है ठीक है यह आपका नेगेटिव होता है कैरेक्टरिस्टिक इंपेडेंस अगर हम देखें मैंने आपको बताया था कि लाइन के ऊपर वोल्टेज ऑफ करंट एक वेव की तरह ट्रेवल कर रही है इस वेव को मूव करने में जो इंपेडेंस ऑफर होता है उसको बोलते हम लोग कैरेक्टरिस्टिक इंपेडेंस ये मैंने र ज अपवा ज मतलब सीरीज ब्रांच का इंपसब स ब्रांच का एडमिटेंस ठीक है अगर आप इसका एंगल निकालो ज स का तोय आ जाएगा क्योंकि देखि जी ऑलमोस्ट जीरो होता है यानी यह नेगेटिव मिलेगा करेक्ट इपेंसिल है ट इज द नेगेटिव एग्जाम में एक नंबर पर पूछ सकते है इस तरह के क्वेश्चन को क्योंकि करेक्ट िक इपेंसिल य कैपेसिटिव नेचर का होता है जिसकी वैल्यू करीब जीरो से 15 डिग्री के आसपास होती है पावर इंजीनियर जनरली कैरेक्टरिस्टिक इंपेडेंस को सर्ज इंपेडेंस बोलता है ऐसा नहीं कि दोनों एटली सेम है दोनों में डिफरेंस है सर्ज इंपेडेंस का मतलब होता है कि लॉस लेस ट्रांसमिशन लाइन का अगर ट्रांसमिशन लाइन लॉस लेस है सो लॉस लेस ट्रांसमिशन लाइन का जो कैरेक्टरिस्टिक इंपसब करता लाइन बड़ी है छोटी हो सेम रहेगा ठीक है सर्ज इंपेडेंस लॉस लेस लाइन का जो करेक्ट िक इंपेडेंस है दैट इज द सर्ज इंपेडेंस वही हमारा सर्ज इंपेडेंस है ठीक है लॉस लेस का मतलब आर और जी दोनों जो रेजिस्टिव एलिमेंट है वो जीरो हो तो एल अपन सी इज कॉल्ड द सर्ज इंपेडेंस ट्रांसमिशन लाइन का सर्ज इंपेडेंस जनरली 400 ओम के आसपास होता है और केबल का सर्ज इंपेडेंस करीब 40 ओम के आसपास होता है क्यों केबल का कैपेसिटेंस ज्यादा होता है तो इंपेडेंस की वैल्यू रिड्यूस हो जाती है अब आता है इनफाइनों फाइना ही होगी ना 200 किलोमीटर 500 किलोमीटर 1000 किलोमीटर इनफा लाइन का मीनिंग क्या है इनफा न का मीनिंग यह है कि अगर हमने किसी भी ट्रांसमिशन लाइन के एंड पर जो लोड लगा रखा है उस लोड का इंपसब के बराबर कर दो ठीक है तो क्या होगा जो यहां से वोल्टेज या करंट का वेव जाएगा ना वो रिफ्लेक्ट होकर वापस ही नहीं आता यानी वोल्टेज और करंट के वेव का रिफ्लेक्शन जीरो हो जाता है अगर वेव रिफ्लेक्ट होकर वापस नहीं आ रहा तो आपको क्या लगेगा कि यार यह तो लंबी इनफा डिस्टेंस की लाइन होगी कुछ चीज वापस लौट के नहीं आ रही इसलिए हम इसको बोलते हैं इनफा लाइन या फ्लैट लाइन ठीक है हमें ऐसा लगेगा कि वेव कं से मूव कर रहा है यानी ये लाइन हमारी इनफा लेंथ की लाइन है प्रो कांस्टेंट मैंने बता ही दिया था आपको इसके दो पार्ट होते एन कांस्टेंट फेस कांस्टेंट नेपर पर मीटर दो लेंथ जो हमारा लेंथ है जो सॉरी ए का मत होता देखिए यह आपका ना ऐसे यह एंप्लीट्यूड आपका कम ट डिक्रीज हो रहा होता है ऐसे इसको बताता है ये प्रोपोर्शन कांस्टेंट हमें बताता है कि जब वेव आपका मूव कर रही होती है तो उसका मैग्निटिया है वह हमें बताता है प्रोपोन कांस्टेंट गामा में बता चुका था प्रोपो कांस्टेंट जड वा सीरीज ब्रांच का प लेंथ का इंपेडेंस और प लेंथ का एडमिटेंस आर स्मल कैस लेटर यूज कर रहे हो इसका मतलब प का है अगर लॉस लेस लाइन होगी तो आ और जी जीरो मान लोगे तब ये हो जाएगा लॉलेस लाइन के अंदर कांस्टेंट नहीं होता लस तो हो ही नहीं खाली प्रोपोर्शन कांस्टेंट होता है बी रूट एलसी एल मतलब प लेंथ का इंडक्टेंस प लेंथ का कैपेसिटेंस यह तो थी हमारी इनफा लाइन अब एक और आता है इसको बोते डिस्टॉर्शन लेस लाइन डिस्टॉर्शन लेस का मतलब है जब किसी भी ट्रांसमिशन लाइन में कोई वेव अगर मूव कर रही है तो उसका शेप चेंज नहीं हो रहा है शेप चेंज नहीं हो रहा है शेप का मतलब येय मतलब ये नहीं कि एशन नहीं हो सकता है मतलब ये ऐसे हो कि छोटी बन सकती है इसका एमल लेकिन शप यहां भी साइनो सोडियल था यहां भी साइनो सोडियल है इस तरह की लाइन को हम बोलते हैं डिस्टॉर्शन लेस लाइन डिस्टॉर्शन लेस लाइन के अंदर क्या होता है जब सीरीज ब्रांच का टाइम कांस्टेंट एल अपन आ पैरेलल ब्रांच के टाइम कांस्टेंट सी अपज के बराबर होगा या l g इले टू r स इस तरह की लाइन डिस्टॉर्शन लेस लाइन होती है जितनी भी लॉस लेस लाइन है सब की सब डिस्टॉर्शन लेस होती है क् लेकिन इसका उल्टा करेक्ट नहीं है मतलब हर डिस्टॉर्शन लेस लाइन सब लॉस लेस लाइन नहीं होती ठीक है अब मैं आ रहा हूं सर्ज इंपेडेंस लोडिंग के ऊपर सर्ज इंपेडेंस लोडिंग ध्यान रखिए जो मैंने आपको सर्ज इंपेडेंस बताया था रूट ए अप c ये अगर आप इसको सॉल्व करोगे ना l अप c मतलब ये रियल टर्म आती है मतलब रेजिस्टिव नेचर का होता है सर्ज इंपेडेंस हमेशा रेजिस्टिव नेचर का होता है अगर किसी भी ट्रांसमिशन लाइन में आपने जो लोड लगा रखा है उसकी वैल्यू सर्ज इंपेडेंस के बराबर हो लाइन के सर्ज इंपेडेंस के बराबर हो तो हम कहते हैं कि इसमें सर्ज इंपेडेंस लोडिंग लगी हुई है सर्ज इंपेडेंस लोडिंग किसी भी लाइन की नेचुरल लोडिंग है हम कितना लोड लगा सकते हैं लाइन पर यह बहुत सारी चीजों पर डिपेंड करता है लाइन में कितना लॉस हो सकता है कितना वोल्टेज रेगुलेशन की उसकी लिमिट है कितना स्टेबिलिटी लिमिट है बट इट इज कन्वेनिएंट टू एक्सप्रेस द पावर ट्रांसमिटेड एज ए फ्रैक्शन ऑफ नेचुर पावर यानी सर्ज इंपेडेंस लोडिंग को हम लोग नेचुरल लोडिंग बोलते हैं कि अगर आपने इतना लोड लगा रखा है मतलब आपने एक नेचुरल लोड लगा रखा है अब नेचुरल लोड इसको क्यों बोला जाता है इफ लाइन इज ऑपरेटिंग एट द नेचुरल लोड अगर लाइन में जो हमने लोड लगा रखा है जो रेजिस्टिव नेचर का है उसकी वैल्यू सर्ज इंटेंस के बराबर हो तो देख सर्ज इंपेडेंस लोडिंग का एडवांटेज क्या होता है बताइए सर्ज इडेंस लोडिंग का एक डेफिनेशन यह भी है कभी जब ट्रांसमिशन लाइन में देखते हो ना ऐसा होता है ये आर भी होता है एल भी होता है इस तरह का ठीक है आर है एल है सब तरह के यहां पर आपके सी भी होता है जगह जगह पर अगर आपको कोई बोलता है कि ट्रांसमिशन लाइन रिएक्टिव पावर को जनरेट करता है या रिएक्टिव पावर को कंज्यूम करता है कैसे बताओगे बताइए ट्रांसमिशन लाइन रिएक्टिव पावर को जनरेट करती है रिएक्टिव पावर को कंज्यूम करती है इसमें एल है इसका मतलब रिएक्टिव पावर को कंज्यूम कर रहा है इसमें सी भी है मतलब रिएक्टिव पावर को जनरेट भी कर रहा है तो कोई भी ट्रांसमिशन लाइन रिएक्टिव पावर को कंज्यूम भी कर सकती है रिएक्टिव पावर को जनरेट भी कर सकती है अब कितना कंज्यूम करेगी करंट के ऊपर डिपेंड करेगा आ स्क्वा एक्सल आई किस पर डिपेंड करेगा जो आप लोड लगाओगे यहां पर डिपेंड करेगा अगर मैंने इतना मैग्निटिया है जितनी वह जनरेट कर रहा है उस लोड को बोलते हैं सर्ज इपेंसिल का जो इफेक्ट अगर आप देखोगे जब आपने सर्ज इंपेडेंस के बराबर लोड लगा रखा होगा तो आप किसी भी जगह पर अगर मैं वोल्टेज निकालूं कहीं पर भी हर जगह पर वोल्टेज का मैग्निटिया उतना यहां पर आएगा उतना यहां पर आएगा उतना यहां पर भी आएगा मतलब रिसीविंग एंड का वोल्टेज और सेंडिंग एंड का वोल्टेज सेम आ जाएगा मैग्नी वाइज सेम होगा एंगल अलग-अलग हो सकता है ठीक है एंगल अलग-अलग हो सकता है बट मैग्नी में कोई भी डिफरेंस नहीं आएगा ठीक है सिमिलरली अगर आपने सर्ज इंटेंस के बराबर लोड लगा रखा है तो आप यहां पर करंट निकालो चाहे यहां पर देखो चाहे यहां पर देखो चाहे यहां पर देखो सब जगह पर करंट की वैल्यू सेम आएगी हर जगह पर करंट की वैल्यू भी सेम मिलेगी हर जगह पर वोल्टेज सेम हर जगह पर करंट सेम इसलिए हम बोलते हैं किसी भी ट्रांसमिशन लाइन की नेचुरल लोडिंग होती है एंगल अलग अलग हो सकता है बट कहीं पर भी अगर मैं वोल्ट और करंट के बीच का फेज एंगल देखूं तो इनके बीच में एंगल जीरो रहेगा एक और बात है अगर आपने सर्ज इंपेडेंस के बराबर लोड लगा रखा है तो इस ट्रांसमिशन लाइन में कहीं पर भी रिएक्टिव पावर फ्लो नहीं होगा और एक्टिव पावर हर जगह पर सेम हो हो जितना पावर यहां पर है उतना ही पावर यहां पर है मतलब कहीं पर भी लॉस नहीं हो रहे होंगे सब जगह पावर सेने मतलब लॉस नहीं हो रहे होंगे ठीक य चीज मैंने बता दिया हर जगह वोल्टेज सेम होगा हर जगह पर करंट सेम होगा अब देखिए अगर लाइन की लोडिंग सर्ज इडेंस लोडिंग के बराबर है हर जगह पर वोल्टेज की वैल्यू सेम होगी डिस्टेंस है सेम होगी अगर मैंने लोडिंग ज्यादा कर ख है लोडिंग को ज्यादा कर रखा है तो रिसीविंग एंड का वोल्टेज सेंडिंग एंड के वोल्टेज से कम हो जाएगा यहां पर कम है यहां पर ज्यादा है लोडिंग ज्यादा है अगर लोडिंग मेरी सर्ज इंपेडेंस लोडिंग से कम है जभी मैंने बताया था क्या होता है करेंट इफेक्ट उल्टा हो जाता है तब तो रिसीविंग एंड का वोल्टेज सेंडिंग एंड के वोल्टेज ज्यादा होता है रिसीविंग एंड का वोल्टेज ज्यादा हो गया हमारा सेंडिंग एंड के वोल्टेज से ठीक है तो यह मेरा खत्म हुआ है परफॉर्मेंस ऑफ द ट्रांसमिशन लाइन यहां तक किसी को डाउट हो तो बताइए हां सर्ज इंपेडेंस लोडिंग इज वैलिड तुम्हारा क्वेश्चन ही गलत है मैं आपको बता रहा हूं कि अगर आपने किसी भी ट्रांसमिशन लाइन में ठीक है सर्ज इंपेडेंस के बराबर लोड लगा रखा है तो उसके अंदर लॉस होगा ही नहीं ठीक है उसके अंदर किसी भी तरह का लॉस नहीं होगा उसके हर पॉइंट के ऊपर एक्टिव पावर की वैल्यू सेम रहेगी ठीक है चलिए जी तो अब मैं आता हूं कोरोना के ऊपर कोरोना एक बीमारी का नाम है ट्रांसमिशन लाइन की बीमारी जैसे ह्यूमन बीइंग में बीमारी हुई थी इस तरह की ट्रांसमिशन लाइन की बीमारी है कोरोना का असली मतलब मतलब अगर आप देखोगे ना किसी जब सन को देखते हैं सूरज को देखते हो तो सूरज के चारों तरफ जो लुमिनेशन सा नजर आता है ना उसको बोलते हैं कोरोना उसका एगजैक्टली मीनिंग कोरोना का मतलब यह होता है ऐसे ट्रांसमिशन लाइन के चारों तरफ जब आपको इस तरह का लुमिनेशन नजर आता है उसको बोला जाता है कोरोना ठीक है तो कोरोना क्या होता है कि पावर कंडक्टर के चारों तरफ की जो एयर है वह आयनाइज हो गई है उसको बोलते हैं हम लोग कोरोना अब कैसे हो जाती है देखिए हमारे सन के अंदर अल्ट्रावायलेट रेज है कॉस्मिक रेज है रेडियो एक्टिविटी है इसका मतलब थोड़े बहुत जो एयर है एकदम 100% इंसुलेटर नहीं होता थोड़े बहुत चार्जेस यहां पर एजिस्ट कर रहे होते हैं जैसे ही कंडक्टर के आसपास इसके सरफेस पर इलेक्ट्रिकल फील्ड की वैल्यू 30 केबी पर सेंटीमीटर हो जाती है यह हमारा एयर का ब्रेक डाउन वोल्टेज है तो एयर हमारी क्या होती है एकदम इंसुलेटिंग मेटल की तरह काम नहीं कर रही होती है इसका हो जाता है ब्रेकडाउन ठीक है उसकी वजह से बहुत सारे चार्जेस यहां पर क्रिएट हो जाते हैं और इसको हम बोला जाता है कोरोना डिस्चार्ज ठीक है बहुत सारे इलेक्ट्रॉन होल्स क्रिएट होंगे अल्टीमेटली इट इ रिजल्ट इन टू द इलेक्ट्रॉनिक एवलांच सिंपल सी बात है कंडक्टर के आसपास की जो एयर है ना वह आयन में कन्वर्ट हो गई है आसपास की एयर आसपास की क्यों होती है क्योंकि आसपास इलेक्ट्रिकल फील्ड की वैल्यू ज्यादा होती है कंडक्टर से जितना डिस्टेंस प जाते जाओगे िकल फील्ड की वैल्यू कम होती जाएगी कोनर डिस्चार्ज में आपको एक तो वायलेट कलर नजर आता है अगर आप देखोगे ना जो लोग हाई टेंशन लाइन के पास में रहते उनको दिखता है स्पेशली रेनी सीजन के अंदर हिसिंग साउंड सुनाई देता है जो आवाज आती है व कोरोना की वजह से आती है और ओजोन गैस बनता है ठीक है कोरोना में जो क्वेश्चन आता है एग्जाम के अंदर जो आ सकता है अभी तक बहुत ज्यादा आया नहीं है इसके वोल्टेज निकालने के ऊपर आ सक क्रिटिकल डिस्ट्रक्टिव वोल्टेज यानी कितने वोल्टेज के ऊपर कोरोना होगा स्टार्ट होगा तो सिंगल फेज और टू फेज दोनों को लेकर चलेंगे अभी मैंने आपको बताया था कि जैसे ही 30 केबी पर सेंटीमीटर से ज्यादा इलेक्ट्रिकल फील्ड आपको मिलना स्टार्ट हो जाएगा तब एयर आपका क एयर का ब्रेक डाउन होना स्टार्ट हो जाता है य 30 केब पर सेंटीमीटर नॉर्मल टेंपरेचर और प्रेशर के ऊपर होता है यानी 25 डिग्री टेंपरेचर और 76 एमएम एचजी प्रेशर के ऊपर ही होता है अब जो एयर का जो ब्रेक डाउन होता है वह प्रेशर और टेंपरेचर दोनों के ऊपर डिपेंड करता है यानी अगर टेंपरेचर और प्रेशर एनटीपी नहीं है बाकी दूसरे टेंपरेचर प्रेशर के ऊपर इसकी वैल्यू कितनी हो जाती है जी नो इन डेल्टा इसको हम बोलते हैं एयर का डेंसिटी फैक्टर एयर का डेंसिटी फैक्टर निकालने के लिए यह वाला फार्मूला मैं यूज करूंगा जी नॉ 30 केबी पर सेंटीमीटर एनटीपी पर बट किसी दूसरे टेंपरेचर थीटा और किसी दूसरे प्रेशर के ऊपर आप ये वाला फार्मूला यूज करोगे एयर डेंसिटी फैक्टर ठीक है एयर डेंसिटी फैक्टर प्रेशर के प्रोपोर्शनल है और टेंपरेचर के इन्वर्सली प्रोपोर्शनल है 30 के पर सेंटीमीटर ध्यान रखिए पीक वैल्यू है आरएमएस वैल्यू हो जाएगी 30 बा √2 कितनी वोल्टेज के ऊपर ध्यान रखिए जैसे जैसे वोल्टेज क्योंकि हमारा इलेक्ट्रिकल फील्ड है ना कंडक्टर के चारों इलेक्ट्रिकल फील्ड है व वोल्टेज के ऊपर डिपेंड करता है तो कितने वोल्टेज के ऊपर हमारा इलेक्ट्रिकल फील्ड सरफेस के ऊपर 30 केबी पर सेंटीमीटर हो जाएगा वो उसको हम बोलते हैं क्रिटिकल डिस्ट्रक्टिव वोल्टेज उतने वोल्टेज से ज्यादा वोल्टेज होने पर क्या हो जाएगा कोरोना होना स्टार्ट हो जाएगा तो सिंगल फेस टू वा लाइन के अंदर जो फार्मूला हमारा निकालता है व 2 आरजी नॉ डेल्टा ए न एल एडी अपन आ डी का मतलब दो कंडक्टर के बीच का डिस्टेंस आर का मतलब रेडियस ए न का मतलब होता है स्मूथस फैक्टर यानी कंडक्टर कितना स्मूथ है उसके ऊपर डिपेंड करता है अगर कंडक्टर स्मूथ नहीं है तो कम वोल्टेज के ऊपर कोरोना होना स्टार्ट हो जाएगा जैसे कंडक्टर अगर ऐसा है तो जहां पर एजेस होते हैं ना वहां पर कोरोना होना जल्दी स्टार्ट हो जाता है जी नो मैंने आपको बताया अभी जी नो की वैल्यू 30 केबी पर सेंटीमीटर आरएमएस में करोगे तो रटू से मल्टीप्लाई कर दोगे डेल्टा एर डेंसिटी फैक्टर जो यह अभी निकाला था हमने किसी और दूसरे प्रेशर टेंपरेचर के ऊपर य आ जाएगा स्मूथस फैक्टर आपको याद करने की जरूरत नहीं है एग्जाम में आपको दे रखा होगा क्वेश्चन में दे रखा होगा स्मूथ फैक्टर है तो आप डायरेक्ट यहां पर यूज कर लोगे जो भी इसको नहीं राद करना है जो भी दे रखा होगा ये तो एप्रोक्सीमेट वैल्यू है वही यूज करना है थ्री फेस का फार्मूला देखोगे बिल्कुल सेम आता है खाली टू नहीं आएगा वो आ जाएगा r जीन डेल्टा एन एडी अप r थ्री फेस का फार्मूला क्रिटिकल डिस्ट्रक्टिव वोल्टेज थ्री फेज लाइन के लिए आरजी न डेल्टा ए अपडी ठीक है ध्यान रखना अगर मैं यहां पर इसकी वैल्यू केवी पर सेंटीमीटर में लिख रहा तो डायरेक्ट केवी में आ जाएगा गुड इवनिंग गेट एस्पिर अब आता है विजुअल क्रिटिकल वोल्टेज तो अभी हम लोग डिस्कस कर रहे थे वोह हमारा क्रिटिकल डिस्ट्रक्टिव वोल्टेज विजुअल का मतलब होता है कि देखिए आपका कोन होना स्टार्ट हो गया स्टार्ट का मतलब सरफेस के आसपास की आयोज होना स्टार्ट हो गई लेकिन इमीडिएट नजर नहीं आती कब दिखाई देगी जब थोड़ा ज्यादा हो जाएगा भाई अगर आपके अंदर बीमारी होती है आपने देखा होगा जब बीमारी होती है उसके सिम्टम्स बाद में आपको नजर आने लगते हैं जबक बीमारी आपके पहले से स्टार्ट होना स्टार्ट हो जाती है तो विजुअल का मतलब है कितने वोल्टेज के ऊपर आपको कोरोना बिल्कुल दिखना स्टार्ट हो जाएगा वो होता है विजुअल क्रिटिकल वोल्टेज तो यहां पर हम लोग एक फैक्टर ऐड कर देते हैं यह वाला यानी विजुअल क्रिटिकल वोल्टेज क्रिटिकल डिस्ट्रक्टिव वोल्टेज से ज्यादा होता है बाकी फार्मूला सेम रहेगा सिंगल फेज 2y लाइन के लिए 2rg न डेल्टा ये फैक्टर ऐड कर दिया हो गया m की जगह mv4 मीटर में यूज कर रहे हो तो यहां पर हम यूज करोगे 0.3 लेकिन अगर आपने r को मीटर में ले लिया r अगर आपने मीटर में ले लिया तो यहां पर 0.03 यूज करना है फिर ठीक है त आप यूज करोगे 0.03 यह थ्री फेस के लिए हो जाएगा और यह हो गया आपका सिंगल फेस के लिए सिंगल फेस में टू आता है थ्री फेज में टू नहीं आता है ठीक यह हमारा फ थ फेज लाइन अगेन एमवी वगैरह याद नहीं रखना है यह सब वैल्यू आपको एग्जाम के अंदर दी हुई हो कोना के ऊपर क्रिटिकल डिस्ट्रक्टिव वोल्टेज विजुअल डिस्ट्रक्टिव वोल्टेज के बाद जो नेक्स्ट चीज आ सकती है वह आ सकता है कोरोना लॉस को निकालना ठीक है अब लॉस क्यों होता है क्योंकि आपका पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज मूव कर रहे हैं अगर यह मूव कर रहे तो एनर्जी कहां से ला रहे हैं भाई एनर्जी कहां से आ रही है जो आपने सेंडिंग एंड के ऊपर पावर लगाई है उसका कुछ पार्ट यूज कर रहे हैं मूव करने के लिए इसका मतलब रिसीविंग एंड के ऊपर आपको कम पावर नजर आएगी तो जो भी लॉस हुआ वह हमारा कोना लॉस है ठीक है यह जो फार्मूला हमने निकालता है ना लॉस का यह एमपिर कल फार्मूला होता है मतलब इसको आप मैथमेटिकली कैलकुलेट नहीं कर सकते यह लेबोरेटरी के अंदर निकलता है एक्सपेरिमेंट के थ्रू तो यह पावर आता है 241 इन 10 टू पावर माइ से f प् 25 अपन डेल्टा रट आ अपडी v प माइनस वडी का स्क्वायर किलोवाट किलोमीटर पर फेस इस पर ध्यान देना अगर पूरा पूछा है तो किलोमीटर आप मल्टीप्लाई करोगे यह सिंगल फेस का है एक फेस का ध्यान रखिएगा और यूनिट आ रही है किलोवाट के अंदर व प वप का मतलब पर फेस का एक्चुअल वोल्टेज कितने केवी की लाइन है डी का मतलब क्रिटिकल डिस्ट्रक्टिव वोल्टेज ध्यान रखना अगर वडी की वैल्यू प से ज्यादा हो जैसे बहुत से बच्चों को लगेगा मैं रख दूंगा नेगेटिव आएगा नेगेटिव का स्क्वायर करू तो पॉजिटिव हो जाएगा बट नहीं होता है इसका मतलब मेरा जो एक्चुअल वोल्टेज है जिस वोल्टेज के ऊपर लाइन काम कर रही है यह उस वोल्टेज से कम है जिसके ऊपर कोरोना होना स्टार्ट होता है इसका मतलब कोरोना हुआ ही नहीं है तो अगर ऐसा एग्जाम में पूछ लेते हैं तो कोण हुआ ही नहीं है इसका मतलब लॉस क्या होगा लॉस विल बी जीरो ओनली तो किसी भी तरह का लॉस नहीं लेकर चलोगे ट मीन द लॉस इ इक्वल टू जीरो किसी भी तरह का लॉस नहीं है कोन लॉस को रिड्यूस करने के लिए हम लोग क्या करेंगे सबसे मेन तो होता है हमारा बंडल कंडक्टर यूज करते हैं इसका मेन पर्पस यही होता है मतलब आपको अल्टीमेटली जीएमआर को बढ़ाना है जीएमआर को बढ़ाना है हमको जीएमआर को बढ़ाने के लिए बंडल कंडक्टर यूज करते हैं ठीक है होलो कंडक्टर भी यूज कर सकते हैं कहां यूज करते हैं बस बार के अंदर कोना को कम करने के लिए या हाई डायमीटर हाई रेडियस का कंडक्टर आप यूज करिए कभी-कभी एक नंबर के क्वेश्चन में यह पूछ लेते हैं कि कोरोना का एडवांटेज क्या है जनरली सब डिसएडवांटेज होते हैं लेकिन एक एडवांटेज भी है वो एडवांटेज क्या है एडवांटेज है जब सर्जेस आते हैं तो सर्ज के अंदर जो पावर होती है उसको काफी पावर को यह कोरोना के रूप में डिसिपेटर देता है कोरोना लॉस के डिसिपेटर देता है यानी उसके इफेक्ट को कम कर देता है ना सिर्फ उसके मेग्नीट्यूड को कम करेगा बल्कि सर्ज की जो स्टीपनेस है उसको भी कम कर देता है दोनों को कम कर देता है क्यों क्योंकि कोरोना इफेक्टिव डायमीटर को बढ़ा देता है जिससे सी की वैल्यू बढ़ जाती है तो टाइम कांस्टेंट बढ़ जाएगा टाइम कांस्टेंट बढ़ने का मतलब सर्ज को एक जीरो वैल्यू से पर्टिकुलर वैल्यू तक जाने में ज्यादा टाइम लगेगा तो स्टीपनेस और मैग्नी दोनों की वैल्यू को ये कर देता है कम डिसएडवांटेज तो है ही सबसे मेन डिसएडवांटेज है कि एनर्जी लॉसेस हो रहे हैं यहां पर ठीक है दूसरा है कि ओजोन बन रही है ना ओजोन से क्या हो रहा है कंडक्टर का हो जाता है कोरोजन इफेक्टिव डायमीटर बढ़ने से सी बढ़ जाता है सी होने का मतलब ज्यादा चार्जिंग करंट फ्लो होगी और सबसे बड़ा डिसएडवांटेज है कि कोनर लॉसेस से थर्ड हार्मोनिक की करंट फ्लो होती है सबसे बड़ा डिसएडवांटेज है थर्ड हार्मोनिक करंट फ्लो होती है थर्ड हार्मोनिक वोल्टेज ड्रॉप क्रिएट होता है जिससे हमारी पावर लाइन कम्युनिकेशन लाइन के साथ में इंटरफेरेंस क्रिएट करती है ठीक है पावर लाइन कम्युनिकेशन लाइन के साथ में इंटरफेरेंस क्रिएट करेगा जनरली आपने देखा होगा हालांकि अब तो फर्क नहीं पड़ता क्योंकि अब जो कम्युनिकेशन हो रहा होता है हमारा ऑप्टिकल फाइबर के थ्रू हो रहा है लेकिन पहले जमाने में जो कम्युनिकेशन होता था वो हम लोग कॉपर वायर यूज कर रहे होते थे तो जहां पर आपका पावर कंडक्टर जा रहे उसके पैरेलल पलल आपकी इसकी टेलीफोन की वायर की लाइन भी जारी होती होती ठीक है क्या होगा है कि जब पावर और कम्युनिकेशन लाइन साथ साथ में चलती हैं क्लोज प्रॉक्सिमिटी में रहती हैं तो पावर लाइन में जब करंट फ्लो होता है उससे कम्युनिकेशन लाइन में इंटरफेरेंस क्रिएट होता है दो तरह के हो सकते हैं इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन और इलेक्ट्रोस्टेटिक इंडक्शन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक का मतलब है मैग्नेटिक फ्लक्स जब पावर जो करंट फ्लो हो रही है क्या बनेगा मैग्नेटिक फ्लक्स बनेगा मैग्नेटिक फ्लक्स की वजह से जो इंडक्शन क्रिएट होगा कम्युनिकेशन लाइन में उसको बोलते हैं इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन इलेक्ट्रोस्टेटिक इंडक्शन मतलब इलेक्ट्रिकल फील्ड की वजह से इलेक्ट्रिकल फील्ड की जजह से जो इंडक्शन बनेगा उसको बोलते हैं इलेक्ट्रोस्टेटिक इंडक्शन ठीक है बहुत छोटा सा टॉपिक है कोरोना हालांकि देखिए बहुत ज्यादा क्वेश्चन आने के चांसेस नहीं बैठते क्योंकि कुछ हर बुक में थोड़ा-थोड़ा फार्मूला में थोड़ा डिफरेंस दे रखी है चीजें जैसे मैंने जो आपको फार्मूला लिखवाया ना वो फार्मूला मैंने लिया है वाधवा की बुक से बट कुछ से बीआर बुता की बुक में थोड़ा बहुत डिफरेंस रहता है उससे थोड़ा बहुत आंसर चेंज आ सकता है ठीक है तो आएगा तो खाली डिस्ट्रक्टिव वोल्टेज वगैरह निकालना ही पूछ सकते हैं उससे ज्यादा और ज्यादा कुछ नहीं पूछेंगे अब हमारे ओवरहेड लाइन के इंसुलेटर के ऊपर ठीक है इंसुलेटर क्या काम करता है आपने देखा होगा इस तरह डिस्क की तरह लटके हुए होते हैं इंसुलेटर ये हमारा क्रॉस आर्म होता है ऐसे यहां पर मतलब टावर होता है और यहां पर हमारा जा रहा होता है कंडक्टर तो कंडक्टर और ग्राउंड क्योंकि ग्राउंड के साथ में कनेक्टेड है उसके बीच में इंसुलेशन प्रोवाइड करने के काम में में आता है ठीक है इंसुलेटर हम लोग यूज कर रहे हैं यह नेसेसरी क्लीयरेंस देना चाहिए हाई वोल्टेज के ऊपर या वस्ट एटमॉस्फियर कंडीशन के ऊपर भी एक नंबर का इस तरह का क्वेश्चन कभी-कभी बैठता है कि जब हम लोग ट्रांसमिशन लाइन को डिजाइन करते हैं तो उसका इंसुलेटर किसके अकॉर्डिंग डिजाइन होता है क्योंकि हमारे वस्ट कंडीशन को य बियर करना चाहिए स् कंडीशन को तो हमारे लिए दो तरह के सर्ज क्रिएट हो सकते हैं एक तो होता है लाइटिंग ओवर वोल्टेज और दूसरा स्विचिंग ओवर वोल्टेज यानी लाइटिंग से ट्रांसमिशन लाइन की वोल्टेज बढ़ जाती है और स्विचिंग से भी बढ़ जाती है तो जब 345 डिग्री से केवी से नीचे की लाइन है सो इंसुलेटर की डिजाइन हम लोग करते हैं लाइटिंग और वोल्टेज से क्योंकि 345 केवी से नीचे की लाइन पर जो लाइटिंग ओवर वोल्टेज होता है वो ज्यादा सीवियर होता है और 345 केवी से अगर हाई का है तो जो स्विचिंग और वोल्टेज होता है वह ज्यादा सीवियर होता है 345 डिग्री से ऊपर की अगर लाइन है तो हम उसको स्विचिंग और वोल्टेज के अकॉर्डिंग डिजाइन करेंगे उससे नीचे की लाइन को लाइटिंग और वोल्टेज के अकॉर्डिंग डिजाइन करेंगे इंसुलेटर में सफिशिएंटली मैकेनिकल स्ट्रेंथ भी होनी चाहिए ताकि इसको सपोर्ट कर पाए अभ्यास सीरीज अभ्यास नहीं तो व है महा रिवीजन है महा रिवीजन में एक ही सेशन होगा आज ही पूरा हम लोग कर देंगे इसको ठीक है रिवीजन है इट्स नॉट द डिटेल स्टडी रिवीजन का मतलब होता सिर्फ एक बार देखना ताकि हर चीज आपको याद में आ जाए इंसुलेटर जब आप देखेंगे अलग-अलग तरीके इंसुलेटर हो सकते हैं पहला है पिन इंसुलेटर पिन इंसुलेटर हम लोग यूज करते 33 केवी के अंदर तक हम लोग यूज करते हैं उसके बाद यूज करोगे तो इसका साइज बहुत बड़ा हो जाएगा तो हम लोग यूज करते हैं सबसे बड़ा डिसएडवांटेज है कि पिन इंसुलेटर एक ही यूनिट है अगर खराब हो गया तो पूरा का पूरा यूनिट आपको चेंज करना पड़ता है इस तरह का यूनिट तो यहां पर ऊपर की तरफ जा रहा होता है कंडक्टर ऐसे जाता है कंडक्टर पिन का मतलब यहां पर हमारी होती है पिन जो कनेक्ट हो जाती है टावर के साथ में ठीक है कहीं पर भी पंचर होता है पूरा का पूरा आपको चेंज करना पड़ेगा सिंगल सेड हो सकता है मल्टीपल सेड हो सकता है 33 केवी तक हम लोग यूज करेंगे ठीक है सबसे मेन जो हम लोग यूज करते हैं वो हमाता डिस्क इंसुलेटर ठीक है एक एक डिस्क बनाते हैं इस तरह की डिस्क होती है डिस्क हम लोग बनाते हैं पोर्सलिन की हो सकती है मोस्टली या पर ग्लास की भी यूज करते हैं हर डिस्क के ऊपर एक मेटल कैप होता है टॉप पर टॉप के ऊपर इस तरह का कैप बना होता है ऐसे मेटल कैप बना होता है होता है और नीचे बनी होती है एक पिन नीचे बनी होती है एक ऐसी पिन ठीक है तो एक को दूसरे के साथ में कनेक्ट करके हम लोग बनाते स्ट्रिंग जैसे ये बना मैं बना दिया तो ये मेरा दूसरा ले रहा हूं दूसरा डिस्क देखिए इसकी पिन में इसका य ऐसे टाइट हो जाएगा ऐसे टाइट हो गया इसको मिला के हम लोग बना लेते हैं स्ट्रिंग इसको बोलते हैं स्ट्रिंग इंसुलेटर क्योंकि सस्पेंडेड होता है इट इज आल्सो कॉल्ड द सस्पेंडेड इंसुलेटर हर डिस्क को हम लोग 11 केवी के लिए डिजाइन करते हैं सस्पेंशन इंसुलेटर आर फ्री टू स्विंग हवा से घूमता रहता है ताकि पावर कंडक्टर और क्रॉस आर्म के बीच में ज्यादा मैकेनिकल स्ट्रेंथ नहीं लगे ठीक है हर 11 केवी पे होता है बोथ कंडक्टर एंड स्टिंग स्विंग टूगेदर सो मेकेनिकल स्ट्रेस एट द पॉइंट ऑफ अटैचमेंट इज लेस सबसे पहले स्टिंग इंसुलेटर की बात करर लेट हमारा वर्टिकल प्लेन पर होता है मतलब डिस्क हॉरिजॉन्टल प्लेन पर इस तरह का होता है डिस्क हॉरिजॉन्टल प्लेन और यह वर्टिकल प्लेन के ऊपर ठीक है अब इसी के ऊपर बनता है हमारा क्वेश्चन क्या बनता है देखिए अभी तो बात में बात कर रहा हूं यह आपने बना दिया एक डिस्क मैंने आपको बताया य पर मेटल का कैप है मेटल की पिन है मतलब दो मेटल है मेटल मतलब दो कंडक्टर है और बीच में पोर्सलिन का इंसुलेटर दो कंड के बीच में अगर इंसुलेटिंग मटेरियल है तो क्या बना देगा यह बना देगा एक कैपेसिटेंस यानी हर डिस्क एक कैपेसिटेंस बना देती है जितने भी डिस्क इसको बन जाता है कैपेसिटेंस इसको बोलते हैं सीरीज कैपेसिटेंस ठीक है अब आप सोचिए यह मेरा कंडक्टर है कंडक्टर में करंट तो ऐसे फ्लो हो रहा है लेकिन थोड़ा बहुत करंट लीक हो जाता है इसको बो लीकेज करंट ध्यान रखिएगा य करंट लीकेज बहुत कम मैग्नी का होता है ऐसे जा रहा है अगर ऐसे करंट मानो इसमें जा रहा है लीकेज करंट आ सबका वोल्टेज अगर सेम हो जैसे यह आपने 11 के के लिए डिजाइन किया 11 के के लिए डिजाइन किया है ठीक है डिजाइन किया सबका सी अगर मेरा सेम है तो करंट जो फ्लो होगा क्या होता है ज ओमेगा सीवी तो वोल्टेज हमारा करंट के प्रोपोर्शनल है सी के इन्वर्सली प्रोपोर्शनल है करंट सब में सेम है सी सबका सेम है सबके अक्रॉस वोल्टेज सेम हो जाएगा सबके अक्रॉस वोल्टेज का डिस्ट्रीब्यूशन सेम हो जाएगा बट ऐसा नहीं हो पाता क्यों क्योंकि यहां पर इस कैपेसिटेंस के अलावा एक और कैपेसिटेंस बन रहा है बिटवीन दिस मेटल जॉइंट और क्रॉस आर्म क्योंकि क्रॉस आर्म भी हमारा लोहे का बना हुआ है जो कंडक्टर है तो यहां पर एक और कैपेसिटेंस बन जाता है इसको बोलते हैं स्ट्रे कैपेसिटेंस या सट कैपेसिटेंस यह सीरीज कैपेसिटेंस स्ट्रे कैपेसिटेंस इसकी वजह से क्या क्या होगा जैसे मान लो अगर यहां पर एक कैपेसिटेंस बन गया तो यहां पर जो करंट जा रहा है और यहां पर जो करंट जा रहा है सेम नहीं होगा क् कुछ करंट चला जाएगा इधर करंट अगर डिफरेंस हो गया तो सबके अक्रॉस वोल्टेज का डिस्ट्रीब्यूशन अलग-अलग हो जाएगा जो कंडक्टर सॉरी जो इंसुलेटर डिस्क कंडक्टर के पास में है वहां पर वोल्टेज ज्यादा होगा और जैसे-जैसे हम लोग क्रॉस आर्म की तरफ मूव करते जाएंगे वोल्टेज की वैल्यू होती जाएगी कम ठीक है तो इस वोल्टेज डिस्ट्रीब्यूशन के ऊपर हमारा आता है मेनली क्वेश्चन इससे हम निकालते हैं स्ट्रिंग एफिशिएंसी ठीक है तो मैंने आपको बता दिया नॉर्मल डिस्क जो कैपेसिटेंस बनाती है उसको हम लोग म्यूचुअल कैपेसिटेंस या सेल्फ कैपेसिटेंस बोलते हैं जो कैपेसिटी वोल्टेज डिवाइड काम कर रहा होता है अगर यह कैपेसिटेंस अलग होता मतलब एक ही होता तो हर जगह पर वोल्टेज डिस्ट्रीब्यूशन मेरा सेम हो रहा होता लेकिन ऐसा नहीं होता है क्योंकि एक कैपेसिटेंस हमारा और बन जाता है बिटवीन द मेटल जॉइंट एंड द क्रॉस आर्म जिससे हर के अक्रॉस वोल्टेज का डिस्ट्रीब्यूशन अलग-अलग हो जाता है इससे अब हमें निकालना पड़ेगा कि जो रेटिंग का मैं इंसुलेटर डिस्क ले रहा हूं उसकी रेटिंग को आप कितना यूटिलाइज कर पा रहे हो इट इज कॉल्ड द स्ट्रिंग एफिशिएंसी बढ़िया बुक है देखिए सबसे अगर आप बुक की बात करें सबसे बेस्ट बुक स्टीवेंसन की है आप उसको रीड करें अगर आप फॉरेन राइटर की बुक को रीड कर सकते हैं तो और अगर नहीं करना चाहते हैं तो इंडियन राइटर के अंदर सीएल वाधवा की बुक अच्छी है उसके बाद नागरा कोठारी की आप बुक देख लीजिए और थोड़ा और इजी वे में जाएंगे तो फिर बी आर गुप्ता की बुक मिल जाएगी जे बी गुप्ता भी है बट सीएल वादव और नागरा कोठारी यह ज्यादा बेटर आपको मिलेगी तो रेटिंग को हम लोग कितना यूज कर पाएंगे इसको बोलते डिग्री ऑफ यूटिलाइजेशन ईटा कैसे निकालो पूरे स्ट्रिंग के अक्रॉस वोल्टेज सबसे ज्यादा वोल्टेज आपको मिलेगा लोअर मोस्ट यूनिट पर यानी जो रेटिंग होगी इसके अकॉर्डिंग डिजाइन होगी अगर सेम रेटिंग का बना रहे हैं तो ध्यान रखना सबसे टिंग यूज कर रहे हैं और नंबर ऑफ डिस्क अब इंप्रूवमेंट ऑफ द डिस्क एफिशिएंसी हम लोग कैसे इंप्रूवमेंट कर सकते हैं स्ट्रिंग एफिशिएंसी के कऊ पर डिपेंड करती है के क्या है स कैपेसिटेंस डिवाइड बाय सीरीज कैपेसिटेंस सीरीज कैपेसिटेंस के ऊपर सन कैपेसिटेंस की वैल्यू जितनी कम करते जाओगे उतना ही बेटर होता जाएगा ठीक है तो यहां पर हम लोग ग्रेडिंग करने के लिए सबसे पहला आता है हमारा कैपेसिटेंस ग्रेडिंग कैप ग्रेडिंग का मतलब क्या होता है कि हर डिस्क आप अलग तरह की बना रहे हो सेम तरह की नहीं बना रहे ग्रेडिंग का मतलब है जैसे जैसे दिस मेथड इ यूनिट शुड बी इंक्रीज फ्रॉम टावर एंड टू लाइन एंड मतलब आप ऐसे बनाओगे इनके सी की वैल्यू को मैंने ले लिया c1 सी2 सी ए इस तरह बढ़ रहा है कि आप कैपेसिटेंस की वैल्यू यहां पर बढ़नी चाहिए जैसे जैसे मैं इस एंड से लेकर इस वाले एंड तक जाता जा रहा हूं ना कंडक्टर की तरफ कैपेसिटेंस की वैल्यू बढ़नी चाहिए अभी कैपेसिटेंस कितना लोगे कि वोल्टेज डिस्ट्रीब्यूशन बकुल इक्वल बना दिया मैंने अगर मेरे को सबके अक्रॉस वोल्टेज डिस्ट्रीब्यूशन सेम चाहिए तो यह वाला फार्मूला आपको याद रखना है स ए प्व इ स प् n इन के स के मैंने आपको बताया था इन दोनों के बीच का रेशो ये मेरा सी है के इन सी ठीक है n ठीक है जैसे अगर मैं n1 लेता हूं तो c2 की वैल्यू c1 प् केसी हो जाएगा n2 लो c3 की वल c2 प् केसी हो जाएगा इसको आप यूज करके अगर ऐसा कैपेसिटेंस की ग्रेडिंग कर लेते हो इस तरह के बना लेते हो अलग-अलग ले रहे हो यहां पर तब वोल्टेज का डिस्ट्रीब्यूशन बिल्कुल सेम हो जाता है ठीक है इसको हम बोलते हैं कैपेसिटेंस ग्रेडिंग करना जो प्रैक्टिकली पॉसिबल नहीं है क्यों नहीं पॉसिबल है क्योंकि फिर आपको अलग-अलग तरह की डिस्क बनानी पड़ेंगी अलग-अलग रेटिंग की डिस्क आपको फिर बनानी पड़ेगी प्रैक्टिकली पॉसिबल नहीं है इसके बाद आता है स्टेटिक सीडिंग जो रियल में हम लोग यूज़ करते हैं स्टेटिक सीडिंग में क्या यूज़ करें इट यूज ए लार्ज मेटल रिंग सराउंड द बॉटम जहां पर कंडक्टर होता है ना लास्ट में कंडक्टर जो है उस कंडक्टर के पास हम एक लार्ज बॉटम रिंग यूज़ करते हैं ऐसे एक ऐसी रिंग यूज होती है ठीक है ये इसको हम बोलते हैं गार्ड रिंग या ग्रेडिंग रिंग बेसिकली यह सेम काम कर रही है कि जो टावर एंड जो कंडक्टर वाला एंड होता है ना उसके इफेक्टिव कैपेसिटेंस की वैल्यू को इंक्रीज करके वोल्टेज के डिस्ट्रीब्यूशन को इक्वल बनाती है अगर आप बिल्कुल ही आइडियल माने कि सबका वोल्टेज मैंने सेम बना लिया ऐसे करके सपोज करिए अगर मेरा टोटल नंबर ऑफ यूनिट m है एम एम ठीक है और मेरे को निकालनी है एन वाले यूनिट की कैपेसिटेंस निकालना है यहां से टूथ सी ए तोय हो जाएगा ए इन केसी ए माइनस ए अगर ऐसा बना लोगे तो सबके अक्रॉस वोल्टेज की वैल्यू सेम मिल जाएगी ठीक है एग्जाम में लाक यह लगाने के बजाय आपको जो फर्मूला लगाना पड़ता है क्या करना होता है यहां पर कच ऑफ करंट लो लगाना है इस जगह पर कच करंट आपको लगाना होता है याद रखने के लिए देखिए बताता हूं यहां पर क्या करना है जो आप याद रखोगे एग्जाम के अंदर एफिशिएंसी निकालने के लिए खाली चार को याद रख लीजिए वन टू थ्री फोर चार को याद रख ली चार से जदा तो जनरली आएगा नहीं एग्जाम में यह सब सी वैल्यू का है और यह हमारा केसी है के मतलब इन इन दोनों के बीच के कैपेसिटेंस का रेशो हो गया य याद रखोगे यह वोल्टेज v1 पहले वाला टावर एंड की तरफ दूसरा वाला v2 v21 से ज्यादा होगा फिर v3 और फिर v4 खाली चार याद रख लीजिए इससे आपका काम चल जाएगा क्या होता है v2 की वैल्यू 1 प् के इन वव होती है v3 की वैल्यू 1 प् 3k प् के स्क v1 होती है और v4 की वैल्यू य होती 1 प्लस 6 के प्लस 5 के स्क्वायर प्लस के क्यूब तो बारबार आपको कच ऑफ करट लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी इतना तो याद कर लीजिए एग्जाम में इससे आपका काम चल जाएगा चार मैक्सिमम तो तीन आएगा लेकिन मैक्सिमम अगर करोगे तो चार आ सकता उदा नहीं आ सकता मैक्सिमम टू मैक्सिमम चार ठीक है बहुत सिंपल से क्वेश्चन आते हैं खाली स्टिंग एफिशिएंसी निकालने के ऊपर और इससे आपका पूरा काम बन जाएगा सबसे इजी मेरे को लगता है य टॉपिक है बताइए यहां तक कोई डाउट किसी को इस वाले पॉइंट तक कोई डाउट है अब मैं आ रहा हूं ट्रांसंट वाला पार्ट या सर्ज वाला पार्ट ट्रांसंट का मतलब है कि ट्रांसंट कुछ टाइम के लिए एजिस्ट करती है चीजें ठीक है जैसे नॉर्मल तो आपका ऐसा वोल्टेज ऐसा आना चाहिए था इस तरह का वोल्टेज आना चाहिए बट बीच में कुछ स्पाइक्स आ गया हालाकि इसकी ड्यूरेशन बहुत कम है दिख रहा आपको ड्यूरेशन इसकी बहुत कम है फिर भी ट्रांस को स्टडी करना इसलिए जरूरी है कि कम कभी-कभी ट्रांसंट का मैग्नी ड इतना ज्यादा होता है यानी एक पूरा का पूरा ब्लैक आउट क्रिएट कर सकता है हमारा पावर सिस्टम में इवन इफ द ड्यूरेशन ऑफ ट्रांसंट इज वेरी लेस ये मेरा ई ए पीरियोडिक वेम यानी कि यहां पर है तो यहां पर भी आएगा ही यह रिपीट नहीं होता ध्यान रखिए इट इज ए पीरियोडिक फंक्शन ऑफ टाइम च डज नॉट लास्ट लोंगर बहुत ज्यादा टाइम तक नहीं चलता है ट्रांस जेंट का ड्यूरेशन बहुत ही कम है लेकिन कभी-कभी पूरे के पूरे सिस्टम को ब्लैक आउट कर सकता है अब ट्रांसंट क्यों होता है ट्रांस में ऑकर ड्यू टू द चेंज इन सर्किट कंडीशन यह तो आपने नेटवर्क में पढ़ा होगा जब भी हमारा सिस्टम मतलब आप ज एक बनाते हैं नेटवर्क नेटवर्क के अंदर या तो सोर्स चेंज हो जाए या उसके जो एलिमेंट कंपोनेंट चेंज हो जाए तो ट्रांसंट फिनोमिना क्रिएट होता उसके बाद जो नेटवर्क होता है व स्टे स्टेट कंडीशन पर जाता है तो सर्किट की कंडीशन चेंज हो रही है कैसे चेंज होगी पावर सिस्टम में आपने सर्किट ब्रेकर को ओपन कर दिया क्लोज कर दिया ओपनिंग एंड क्लोजिंग ऑफ द सर्किट ब्रक से हो सकती है लाइटिंग से हो सकती है आसमानी जो बिजली गिरती है ना उससे हमारे सर्किट क्योंकि उससे वोल्टेज की वैल्यू बढ़ जाती है इससे हमारा वोल्टेज और करंट चेंज हो सकता है बट यह नहीं कि वोल्टेज करंट सब जगह पर एक साथ ही चेंज हो जाएगा ठीक है जो चेंज इन द वोल्टेज करंट होगा यह एक वेव की फॉर्म में आगे बढ़ेगा मतलब जैसे अगर मेरा ये ट्रांसमिशन लाइन है यहां पर इनके बीच में ऐसे और यहां पर मेरी लाइटिंग आके गिरती है ऐसे चार्जेस आ गए यहां पर वोल्टेज बढ़ गया इसका मतलब यहां पर वोल्टेज इमीडिएट चेंज हो जाएगा टाइम लगेगा ना यह वोल्टेज यहां तक जाएगा तब जाकर ये चेंज होगा ठीक है इसके चक्कर में क रिफ्लेक्शन रिफलेक्शन भी हो सकता है ट्रांस टाइम पर जो वोल्टेज करंट होती है वह नॉर्मल स् करंट से ज्यादा हो सकता है देखिए ट्रांसंट के टाइम पर वोल्टेज में मेनली दो कंपोनेंट होते हैं पहला तो है नेचुरल फ्रीक्वेंसी यानी 50 हर्टज की फ्रीक्वेंसी का वोल्टेज ये तो बिल्कुल सिंपल सी है दूसरा है फंडामेंटल फ्रीक्वेंसी वोल्टेज और यह नॉर्मल 50 हर्ट्स वाला और यह नेचुरल फ्रीक्वेंसी वोल्टेज जो सर्किट के इंडक्टेंस और कैपेसिटेंस के ऊपर डिपेंड करेगा ट्रांसंट के बहुत सारे कॉज है इंटरनल कॉज हो सकता है एक्सनल कॉज हो सकता है बट मेनली होता है या तो स्विचिंग की वजह से या फिर लाइटनिंग मेनली इसकी वजह से यह होता है अब जो हमने ऑलरेडी डिस्कस किया था ज हम लोग लॉन्ग लाइन को डिस्कस कर रहे थे कि पावर लाइन सपोर्ट द ट्रेवलिंग वेव ऑफ वोल्टेज एंड करंट इन सच सर्किट अगर ट्रांसंट की वजह से वोल्टेज या करंट में चेंज होता है जैसे स्विचिंग की वजह से हुआ लाइटिंग की वजह से हुआ ठीक है इट डज नॉट ककर साइमल नियस इन ल पार्ट ऑफ द सर्किट ऐसा नहीं कि हर जगह पर सेम इटली वोल्टेज की वैल्यू बढ़ गई बल्कि जो वोल्टेज की वैल्यू किसी जगह पर बढ़ी है तो दूसरी जगह पर बढ़ेगी य एक वेव की तरह ट्रेवल करती है ट्रेवलिंग वेव एंड सर्ज की तरह और जब वेव की तरह ट्रेवल करता है तो जहां पर भी इसको जंक्शन मिलता है जहां पर भी इंपेडेंस की वैल्यू चेंज मिलती है मीडियम चेंज मिलता है वहां पर इसका होता है रिफ्लेक्शन एंड रिफ्रैक्ट के आना रिफलेक्शन का मतलब ट्रांस मिट हो जाना ठीक है यहां तक कोई डाउट दोनों को लेकर चलेंगे वोल्टेज और करंट को सपोज करिए मेरे ी और आई इंसीडेंट वे में जा रही है जहां पर भी मीडियम चेंज होगा कुछ ट्रांसमिट हो जाएगी कुछ वापस से लट के आ जाएगी ड आई ड तो आ गई मेरी रिफ्लेक्टेड वेव जो ट्रांसमिट होगई रिफ्लेक्ट होगी उसकी वैल्यू डबल ड आई डबल ड जब आप बाउंड्री कंडीशन लगाते बाउंड्री का मतलब बाउंड्री की इस साइड पर वेव और उस साइड पर वेव सेम रहेगी मतलब इंसीडेंट वेव प्लस रिफ्लेक्टेड वेव की वैल्यू रिफ्रैक्टेड वेव के बराबर हो जाएगी ठीक है अब आप देखिए जैसे रिफ्लेक्शन रिफरेक्स होता है तो मैं यहां पर इसकी वैल्यू फाइंड आउट करूंगा जैसे मैं अगर व डबल ड निकालू कि वोल्टेज वेव हमें कितना मिलेगा सपोज करिए कि इधर से वोल्टेज वेव जा रहा है य इडेंस की वैल्यू जव है और यहां पर इंपेडेंस की वैल्यू जटू है तो जैसे वेव जाएगी व और आई कुछ हो जाएगी रिफ्रैक्टेड ी डबल ड और आई डबल ड और कुछ हो जाएगी रिफ्लेक्टेड ड और आई ड कोई एक फार्मूला अगर आप याद कर लिया तो उससे भी आपका पूरा का पूरा फार्मूला बन सकता है जैसे डब अपन व इज द ू ज2 अपन जव प् ज2 ठीक है अब देख आपको ड निकालना तो आप इससे निकाल सकते हो मैंने आपको बताया था बाउंड्री से पहले का वोल्टेज बाउंडी के बाद का वोल्टेज बराबर होगा तो ड पता है तो आप यहां पर ड की वैल्यू भी निकाल सकते हो इली ठीक है तो ड एक भी फार्मूला आपने याद कर लिया तो उससे आपको बाकी फार्मूले याद जाएंगे हो जाएगा z2 माइ जव z1 प् ज2 करंट की वैल्यू निकालना और इजी है ड का मतलब आ डबल ड इन ज2 v का मतलब आ इन z1 जब आप इससे निकालो आई डबल ड अपन आ ये हो जाएगा 2 जव अप z1 प् ज2 इसका नेगेटिव ठीक है एक फर्मूला से सब निकाल सकते हो अब य हम लोग रेडी डिस्कस कर चुके हैं अगर लाइन को आप एक डिस्टेंस से टर्मिनेट करें जो सर्ज इंपेडेंस के बराबर हो तो कोई भी रिफ्लेक्शन वाला वोल्टेज आपको नहीं मिलता है ड नहीं मिलेगा आई ड नहीं मिलेगा इस तरह की लाइन को हम लोग क्या बोलते हैं हमें मता है कि य तो कंटीन्यूअस वेव ट्रेवल कर रही है तो इसको हम बोलते इनफा लाइन और इस तरह की लोडिंग को हम बोलते हैं सर्ज इंपसब जिसका का इंपेडेंस ज्यादा है तो जो ट्रांसमिटेड वेव होगी वो इंसीडेंट वेव से ज्यादा हो जाएगी ठीक है और इसका उल्टा अगर आप लेके चलोगे अगर लाइटर मीडियम में ट्रेवल करेगा तो ट्रांसमिटेड वेव इंसीडेंट वेव से कम हो जाएगा तो अगर ट्रांसमिशन लाइन से ट्रांसफार्मर में जा रहा हो जिसका इंपेडेंस ज्यादा हो तो यहां पर सर्ज का मैग्नी ूडल जाएगा इसलिए हम लोग ये डायरेक्ट अलाउ नहीं करते बल्कि बीच में क्या यूज कर लेते हैं हम लोग यूज कर लेते हैं केबल अदर वाइज ट्रांसफॉर्मर का इंसुलेशन डैमेज हो जाए इससे भी कर सकते हो आप थन थोरम लगाकर भी वह सब फर्मूला याद कर सकते हो यहां पर जो टीच होता है लेंट वोल्टेज व ओपन सर्किट वोल्टेज के बराबर होगा और यह हमारा टवी होता है व नहीं ध्यान रखवी यहां से आ रहा है जड थन क्लेंट इपेंसिल जो आपने लगा रखा है आर मैंने मान लिया य जट जो भी है आपका ड का एंपनेस अ मैं जव से ज2 मान तो इसको जटू कर दीजिए इसको लगा के भी आप सब के सब फार्मूले निकाल लोगे मतलब यह फार्मूले आपको याद रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी तब यह जो मैंने बताया व डायरेक्ट आप उससे निकाल सकते हो न वाला पार्ट आपको पता है ठीक जैसे यहां पर य ूवी हो गया टी है ट इ दवी इसको हमने ये हो गया जव और इसको अगर आ मान रहे हो आ प् ज देखिए वही आ गया 2 इन ज2 ज2 प् जव ऐसे निकाल लोगे इसके ऊपर भी क्वेश्चन आ सकता है अगर पैरेलल लाइन या बायफर केटेड लाइन है फॉक लाइन मतलब एक लाइन है इसके बाद ये दो पैरेलल लाइन में डिवाइड हो गई इसका इडेंस है z1 इसका है ज2 इसका है z3 इंसीडेंट वेव थी हमारा v और आई रिफ्लेक्ट हो क्या रही है ड इधर जा रहाटू डबल ड आट डबल ड डबल ड आ3 डबल ड क्योंकि दोनों पैरेलल में है इसका मतलब वोल्टेस की वैल्यू सेम होगी ठीक है अब टू डबल ड थ डबल ड तो सेम है ड आपने ली एक फर्मूला आप याद कर लो उससे आपका काम चल जाएगा यह वाला फार्मूला है यह वाला डबल अपन व 2 अपन जव बाकी तीनों इडेंस का इवर्स न अपन जव प्व अप ज2 प्व अपन ज क्य या हो जाता है ध्यान रखिए जो बाउंड्री है उसके इस साइड पर दो वोल्ट वेव है एक तो इंसीडेंट एक रिफ्लेक्टेड उस साइड रिफ्लेक्टेड वेव आप इंसीडेंट वेव से इसको डिवाइड करो तो जाएगा न प्लस रिफ्लेक्टेड वेव डिवाइड बाय इंसीडेंट वेव सबको मैं डिवाइड कर इंसीडेंट वेव से रिफ्रैक्टेड इंसीडेंट रिफ्लेक्टेड कफिट रिफ्रैक्टेड मतलब ट्रांसमिटेड कफिट इससे निकाल लो ट्रांसमिटेड मिल जाएगा तो रिक्ड आपको मिल ही जाएगा क अगर मैं बताऊ तो ऐसा आता है ड अपन व न अपन जव माइनस व अपन जटू माइनस व अपन जथ न अपन जव प्सव अपन जटू प्सव अपन ज य आ जाता है आपका रिफ्लेक्टेड वोल्टेज इन टर्म ऑफ इंसीडेंट वोल्टेज अगर आपको आई ड चाहिए आईड अपन आई सेम है खाली नेगेटिव हो जाएगा जो ना उसका नेगेटिव कर दीजिए न अपन जव माइव अपन ज2 माइव अपन z3 1 अपन जव प्सव अपन ज2 प्सव अपन z3 ठीक है अगर आपको आट डबल ड आ3 डबल ड चाहिए वैसे तो आप निकाल सकते हो यहां पर अगर टू डबल ड पता है तो टू डबल ड आट डबल ड इन ज2 होता है 2 अपन ज2 आ3 डबल ड 2 अपन z3 जैसे मैं आपको बता चुका हूं कि आपको पूरा का पूरा सब याद करने की जरूरत नहीं है ध्यान रखना य नहीं कि सब का सब आप याद करते रहोगे खाली एक याद कर लीजिए यह वाला फार्मूला इससे आप सब निकाल लोगे उसी टाइम पर क्योंकि कहीं ना कहीं ना प्लस माइनस का डिफरेंस हो जाएगा एक भी याद कर लेते तो बस बाकी सब उसी टाइम पर निकल जाते हैं अब यह वाले आने के आने के कम चांसेस अगर इसका इंपेडेंस ट्रांसमिशन का इडेंस जड है और आपने यहां पर लगा रखा है कैपेसिटेंस सी वैल्यू का ठीक है यह हमारा ी और आई इंसीडेंट वेव है इधर जा रहा है व ड और आई डबल ड है इधर चला गया और वापस लट के आएगा वो ड और आई ड है तो यहां पर आप लाप्लास यूज कर लेना लाप्लास यूज करके आप फाइंड कर सकते हो जैसे न अपन ए बना दोगे तो ड की जो वैल्यू आती है ड इज ूवी ई रे टू द पावर न माइनस रे टू पावर माइनस t अपन ज इन [संगीत] सी v डबल ड की आती है और व ड आएगा v 2e रे टू द पावर सॉरी व माइनस 2e रे टू पावर माइन t अपन ज स ने कि कैपेसिटेंस और इंडक्टेंस वाले आने के चांसेस काफी कम है ठीक है इंडक्टेंस हो तो v डबल ड की वैल्यू टवी रे टू पावर माइनस ज अपन एल नटी और ड की वैल्यू ी न माइनस ू रे टू पावर माइनस ज अपन ए नटी य आएगा सॉरी उल्टा लिख दिया मैंने माइव करने का मेथड क्या है आप इसको ला प्लस कर देना ज एल यका जड हो जाएगा तो जैसे आप जैसे इधर निकालना है वोल्ट तो वोल्टेज डिवीजन रूल लगा के उसका फिर इवर्स लाप्लास करके निकाल सकते हो ठीक है अगर आपको य फार्मूले नहीं याद रहे तो कोई फर्क नहीं पड़ता ये हो जाएगा आपका ए ये हो जाएगा जड ये वाला वोल्टेज निकालना है तो आप वोल्टेज डिजन लगाइए पहले तो आपका मिल जाएगा एस डोमेन के अंदर इवर्स ला पलास कर लेना इंडक्टर और कैपेसिटेंस दोनों एक दूसरे के ड्यूल है तो इंडक्टर अगर आपने लगा रखा है सीरीज के अंदर या कैपेसिटर आपने लगा रखा है पैरेलल के अंदर वो आपको सेम इफेक्ट देते हैं इंडक्टर को आप सीरीज में लगाइए या कैपेसिटेंस को पैरेलल में लगाइए जो भी हमारा सर्ज आता है ना सर्ज की स्टीपनेस को रिड्यूस करने के काम में आते हैं सीरीज के अंदर इंडक्टर और पैरेलल के अंदर कैपेसिटेंस तो यहां पर हमारा खत्म हुआ ये ट्रांसंट और सर्जेस वाला पार्ट नाउ कमिंग टू द डिस्ट्रीब्यूशन इसमें बताइए यहां तक किसी को कोई डाउट खाली एक दो फार्मूले याद कर लोगे वह भी चैप्टर काफी इजी है कितना रिफ्लेक्शन है कितना खाली वोल्टेज का ट्रांसमिटेड वाला या रिफ्लेक्टेड वाला याद कर लीजिए उससे बाकी के सब फॉर्मूले आपको मिल जाते हैं चलिए तो हम लोग अब आते हैं डिस्ट्रीब्यूशन के अंदर जैसे मैंने आपको बताया था कि अभी तक जो भी चैप्टर हम लोग डिस्कस कर रहे हैं वो सब ट्रांसमिशन वाले हैं बट डिस्ट्रीब्यूशन का खाली एक ही चैप्टर आता है ठीक है और और डिस्ट्रीब्यूशन के ऊपर जो क्वेश्चन आते हैं अगर आपको कच ऑफ करंट लो और कच ऑफ वोल्टेज लो लगाना आता है तो आप डिस्ट्रीब्यूशन के सब क्वेश्चन को सॉल्व कर सकते हैं कोई बहुत बड़ी बात नहीं है तो हमारी जो पावर चलती है वह जनरेटिंग स्टेशन से चलती है ठीक है डिस्ट्रीब्यूशन कहां से स्टार्ट होता है डिस्ट्रीब्यूशन स्टार्ट होता है हमारा सेकेंडरी सब स्टेशन से जहां पर असिस्टेंट इंजीनियर का जो ऑफिस होता है ना वहां से स्टार्ट होता है सेकेंडरी सब स्टेशन से आपके घर तक ये हमारा डिस्ट्रीब्यूशन सर्किट होता है जिको हम डिवाइड करते हैं प्राइमरी डिस्ट्रीब्यूशन और सेकेंडरी डिस्ट्रीब्यूशन में यानी सेकेंडरी सबस्टेशन से लेकर जो हमारा पोल माउंटेड ट्रांसफार्मर तक जो लाइन आ रही होती है इसको हम बोलते हैं प्राइमरी डिस्ट्रीब्यूशन प्राइमरी डिस्ट्रीब्यूशन भी थ्री फेस थ वायर ही है और इसकी सेकेंडरी से ध्यान रखिए जो हमारी पोल माउंटेड ट्रांसफॉर्मर की सेकेंडरी से जो लाइन आ रही होती है आपके घर तक वो जो लाइन होती है वो हमारा सेकेंडरी डिस्ट्रीब्यूशन का का काम करता है सेकंड डिस्ट्रीब्यूशन थ्री फेज फोर वायर लाइन है अभी तक थ्री फेज थ्री वायर था थ्री फेज फोर वायर का मतलब क्यों है क्योंकि अब आपको बहुत सारे घरों को जो सप्लाई चाहिए होती है बहुत सारे जो कंज्यूमर होते हैं उनको सिंगल फेज सप्लाई चाहिए तो सिंगल फेज सप्लाई के लिए आप एक फेज और एक न्यूट्रल टर्मिनल उसको देते हो दो चीजें हैं एक होता है फीडर और एक होता है डिस्ट्रीब्यूटर ठीक है फीडर हमारा ट्रांसमिशन फीडर भी हो सकता है डिस्ट्रीब्यूटर फीडर भी हो सकता है अगर आप करंट की टैपिंग नहीं कर रहे हैं मतलब करंट को हम लोग नहीं ले रहे हैं तो हमारा फीडर होता है यानी फीडर के अंदर हर जगह पर करंट की वैल्यू सेम रहती है करंट डेंसिटी हमारी सेम रहती है ठीक है लेकिन डिस्ट्रीब्यूटर पर आपने अब हर घर को सप्लाई देना स्टार्ट कर दिया है यानी हर जगह पर करंट की वैल्यू अलग-अलग हो सकती है तो फीडर और डिस्ट्रीब्यूटर डिस्ट्रीब्यूटर को हम लोग डिजाइन करते हैं वोल्टेज रेगुलेशन के अकॉर्डिंग जिसका वोल्टेज रेगुलेशन अच्छा होना चाहिए फीटर को हम लोग डिजाइन करते हैं उसके करंट कैरिंग कैपेसिटी के अकॉर्डिंग डिस्ट्रीब्यूटर से देखिए अब यहां पर करंट आ है अब यहां पर i माइन i1 हो गई i - i1 - i2 हो गई ऐसे करंट की वैल्यू यहां पर चेंज हो रही है ठीक है डिस्ट्रीब्यूटर को हम लोग वोल्टेज ड्रॉप के अकॉर्डिंग डिवाइड करते हैं ये थ्री फेज फोर वायर का सिस्टम है इसके अंदर जो क्वेश्चन आता है वो हमारा निकालने आता है वोल्टेज ड्रॉप देखिए डिस्ट्रीब्यूटर हमारा रेडियल हो सकता है एक लाइन के रूप में है रेडिल डिस्ट्रीब्यूटर पैरेलल हो सकता है दो लाइन पैरेलल में चलेंगी रिंग हो सकता है रिंग की तरह चल रही है और इंटरकनेक्टेड यानी नेटवर्क आपस में ऐसे बीच बीच में भी कनेक्टेड है इस तरह डिस्ट्रीब्यूटर हो सकता है आपको निकालना है यहां पर वोल्टेज ड्रॉप कैसे निकालो सिर्फ केसीएल केवल आपको यूज करना है धन रख केसीएल कील आपको यूज करना होता है अगर एक रेडियल डिस्ट्रीब्यूटर है जिसको आपने एक एंड से फीड किया मतलब यहां पर आपका एक सोर्स है v1 और यह जा रहा है यह हम लोग यूज करते हैं गांव वगैरह के अंदर या जो एरिया जो बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट एरिया नहीं है क्योंकि यहां पर जो सबसे लास्ट वाला जो पॉइंट होगा ना उसका वोल्टेज आपको सबसे मिनिमम मिलेगा क्यों मिलेगा क्योंकि वोल्टेज ड्यूस होता जा रहा है सिंपल सी बात है देखिए अगर यहां पर आ फ है तो करंट i4 हो गया यहां पर आ3 प् i4 केसी लगा दीजिए आपको मिल जाएगा तो वोल्टेज ड्रॉप निकालने का दो मेथड है पहला मेथड तो करंट मल्टीप्लाई रेजिस्टेंस करंट मल्टीप्लाई रेजिस्टेंस कर रेजिस्टेंस या फिर आप ऐसे भी निकाल सकते हो दूसरा मेथड आईव करंट हमारा यहां से आ रहा है यानी आईव में जो लॉस होगा खाली आर और के अक्रॉस जो वोल्ट रेजिस्टेंस हो उसे होगा ठीक है आई टू करंट मेरा ऐसे आ रहा है आट करंट में जो लॉस होगा o और ए दोनों के साथ में होगा r प् ए ध्यान में रखना यह हम लोग जब यूज करते हैं ना डिस्ट्रीब्यूटर एक कंडक्टर एक लट के भी आ रहा है अगर एक कंडक्टर का रेजिस्टेंस दे रखा है तो उसको टू से मल्टीप्लाई कर देना है टोटल रेजिस्टेंस बनाने के लिए अगर ऑलरेडी टोटल दे रखा है तब तो कोई दिक्कत है ही नहीं i3 करंट आपका ऐसे जा रहा है तो o प भी आ रहा है ए पर भी आ रहा है बीसी पर भी आ रहा है i3 और i4 आपका सबसे आ रहा है तो i4 देखिए अगर कोई बताया भी नहीं तो सिंपल आपको थोड़ी बहुत नेटवर्क आती है तो आप केसीएल कीवे लगाकर आप यह सब चीज इली फाइंड आउट कर सकते हैं बस ध्यान में रखना है कि अगर एक वायर का एक कंडक्टर का रेजिस्टेंस दे रखा है तो आपको दोनों रेजिस्टेंस लेकर चलने होते हैं ध्यान रखिए यहां पर वोल्टेज ड्रॉप हो रहा है यहां पर होगा यहां पर होगा यानी सबसे लास्ट वाली जगह पर आपको मिनिमम वोल्टेज मिलेगा यू विल गेट द मिनिमम वोल्टेज अब मैं लेकर चल रहा हूं एक रेडियल डिस्ट्रीब्यूटर है और इसको आपने कर रखा है यूनिफॉर्म फीड यूनिफॉर्म फीडिंग का मतलब क्या हो गया म हर जगह से आपका इक्वल करंट फ्लो हो रहा है तो रियल में तो ऐसा हो नहीं सकता हर जगह पर बट जो हमारे चार्जिंग करंट होती हैना व इस तरह की होती है मतलब नॉर्मल इट इज नॉट पॉसिबल बट द चार्जिंग करंट ऑफ द केबल इज द एग्जांपल ऑफ दिस टाइप ऑफ लोडिंग तो यहां पर आप आई स्मल आई और स्मल आर जो ले रहे हैं स्मल आई ये करंट प लेंथ का है यानी एक मीटर का कितना करंट है आर आप लेक चल रहे है तो एक मीटर का रेजिस्टेंस है अगर एक वायर का देर तो दोनों वायर का लगा लेना ध्यान रखिए ठीक है एक दे र दोनों वायर का यहां पर लेकर चलना है तो अगर आप टोटल वोल्टेज ड्रॉप जब निकालते हो तो य आई बाटू अगर मैं निकालू टोटल वोल्टेज डॉप और टोटल पावर लॉस अगर आप इसका निकालो कितना आता है आई स्क्वा आर बाय इसका मतलब य मान सकते हो कि अगर यूनिफॉर्म लोडिंग है तो आप इसको ऐसे इजन कर सकते हो कि अगर मैं इसके बीच वाली जगह पर पूरा का पूरा लोड लगा दूं तो यह वोल्टेज ड्रॉप सेम क्रिएट करेगा जो हमारा ओवर लोडिंग से हो रही है क्योंकि यहां पर य आ इन आर बाटू हो जाता है अब रेडियल डिस्ट्रीब्यूटर है लेकिन आप इसको दोनों एंड से फीड कर रहे हो क्यों कर रहे हो क्योंकि अगर आप एक एंड से फीड करते हैं तो सबसे लास्ट वाले एंड का जो वोल्टेज हो जाता है वो मिनिमम हो जाता है तो उसके लिए हम लोग दोनों एंड से इसको फीड करते हैं अब यहां पर जब पूछता है कि भाई मिनिमम वोल्टेज किस जगह पर होगा तो व्हेन रेडियल डिस्ट्रीब्यूटर इज फेड फ्रॉम टू साइड मिनिमम वोल्टेज ऑकर एट ए पॉइंट वेयर करंट डायरेक्शन रिवर्स आपको करंट की डायरेक्शन देखनी है जहां पर भी करंट की डायरेक्शन चेंज होना स्टार्ट हो जाए उस वाले पॉइंट के ऊपर आपको मिनिमम वोल्टेज मिलेगा देखिए यहां पर सिंपल आप केसल केवी लगाना है दो जगह से हम लोग लेके चलना v1 माइनस v2 ठीक है उससे आप यहां पर आ की वैल्यू निकाल लेना मतलब अगर दोनों को बीच का भी डिफरेंस आपको लेकर चलना है यहां पर आईव इन आव जो मैंने आपको बताया था आ2 इन r1 प् आ2 य आप आई की टर्म में निकाल रहे हो तो य देखिए इधर करंट आईव इन आर सॉरी आईव इन आरव है इधर आई माइनस आईव इनटू आ2 है इधर आ माइ आव माइन आ2 इन आ3 है यहां पर आ माइनस आईव माइन आ2 यह r4 ठीक है इससे आप निकाल लोगे आई क्या निका लोगे आई ठीक है आई निकल गया आई आपने निकाल ली तो यह करंट सब करंट आ जाएगी जहां पर भी करंट नेगेटिव आ जाती मान य पॉजिटिव आ रहा है और यहां पर नेगेटिव आ गया इसका मतलब इस जगह पर आपको मिनिमम वोल्टेज मिलेगा ठीक है अगेन अगर हम एक यूनिफॉर्म लोडिंग यहां पर लेकर चल रहे हैं लेकिन अ दोनों एंड के ऊपर आपने फीड किया और दोनों का वोल्टेज सेम है यहवी है इसका वोल्टेज भी है ठीक है नोट दोनों का इक्वल वोल्टेज है तो इसके बीच वाले पॉइंट के ऊपर ही आपको मिनिमम वोल्टेज देखने को मिलेगा तो जब आप टोटल वोल्टेज ड्रॉप निकालते हो वही यहां पर मैं रेजिस्टेंस लेकर चल रहा हूं आर ओम पर मीटर एंपियर पर मीटर तो टोटल वोल्टेज ड्रॉप आता है यहां पर दोनों एंड से फीड कर रहे हैं आई आर बा 8 कैपिटल आई मतलब टोटल करंट टोटल रेजिस्टेंस बाय 8 और टोटल पावर लॉस आएगा आई स्क्वा आर बाय आई का मतलब समझ आ मतलब टोटल कंडक्टर हो गया आई मल आई है ना उसको एल से मल्टीप्लाई किया हुआ हैसे ऐसे आर का मतलब है स्मल आर को अपने एल से मल्टीप्लाई किया आ मतलब दोनों कंडक्टर का ें न रना यह हमेशा दोनों कंडक्टर का रेजिस्टेंस एक का नहीं दोनों का लेकर चलना है इसके बाद आता हम लोग रिंग डिस्ट्रीब्यूटर रिंग डिस्ट्रीब्यूटर को आप रेडियल डिस्ट्रीब्यूटर की तर सॉल्व कर सकते हो अगर मैं इसको ऐसे खोल दिया यहां से ऐसे ध्यान रखिए ऐसे खोल दिया तो ये v आपका ए पंड सेम हो गया अब जो अभी मैंने आपको बताया कि पहले हम लोग निकालेंगे आ की वैल्यू आ की वैल्यू निकालने पर ह जग करंट की वैल्यू हम लोग निकाल लेंगे जहां पर भी करंट रिवर्स हो रही होगी वो आपका मिनिमम वोल्टेज वाला पॉइंट हो जाएगा ठीक है आप क्या करेंगे रिंग डिस्ट्रीब्यूटर को कन्वर्ट कर रहे हैं रेडली डिस्ट्रीब्यूटर में ठीक है उससे हम निकालेंगे i की वैल्यू सब ब्रांच में करंट निकालेंगे जहां पर करंट चेंज हो रहा होगा वहां पर यह आपको देगा मिनिमम वोल्टेज की वैल्यू इंटरकनेक्टेड डिस्ट्रीब्यूटर हालांकि एग्जाम में आने के चांसेस कम है क्योंकि थोड़ा कॉम्प्लिकेटेड हो जाता है मतलब थोड़ा टाइम कंजूमिंग है बहुत सिंपल है अगेन आप इस लूप के अंदर केवीए लगा लेना इस लूप के अंदर केवीए लगा लेना और जहां जहां भी करंट जा रही है ना व क करंट रो लग जाएगा तो आपको हर जगह पर करंट की वैल्यू मिल जाएगी क्यों यूज करते हैं हम लोग उसको सपोज करिए अगर मैं ये इको नहीं यूज कर रहा हूं इस जगह पर मेरा जो वोल्टेज आ रहा है वो मिनिमम आ रहा है मिनिमम आ रहा है बट आपको एक वोल्टेज पर्टिकुलर वोल्टेज से कम नहीं चाहिए होता है ध्यान रखिए अगर एक पर्टिकुलर वोल्टेज से भी कम आ गया यहां पर वोल्टेज तो मेरे को इस पॉइंट का वोल्टेज बढ़ाना है इसकी वोल्टेज को बढ़ाने के लिए आपने एक डायरेक्ट एक इंटरकनेक्टर लगा दिया जो सोर्स से डायरेक्टली इस पॉइंट को कनेक्ट कर रहा है ताकि इस वाले पॉइंट का वोल्टेज इंक्रीज हो जाए इसको हम बोलते हैं इंटरकनेक्टिंग डिस्ट्रीब्यूटर आपने एक लगा दिया इंटरकनेक्टर मिनिमम वोल्टेज वाले पॉइंट को सोर्स के साथ में कनेक्ट कर दिया ऐसे अब हम आ रहे हैं एसी के ऊपर ठीक है एसी वाले क्वेश्चन अभी एक बार ही आया है क्योंकि थोड़ा टाइम कंजूमिंग है आपको पूरा का पूरा फेजर कैलकुलेशन करनी पड़ती है तो बहुत ज्यादा नहीं आया हालांकि इसके अंदर भी दो तरीके के बनते हैं पहली चीज से जो आपको एंगल दे रखा होता है उस करेस्पॉन्डिंग्ली हो जाता है दूसरा आता है कि जो आपको एंगल दे रखे होते हैं वो जो हमारा रिमोट एंड वाला वोल्टेज है ना उसके रेफरेंस में दे रखे हैं जो आपको आया था व इस तरह का आता है मतलब यह नहीं कि i2 का एंगल भी इसके रेफरेंस में दिया हुआ है आव का एंगल भी इसके रेफरेंस में दिया हुआ है अब आप क्या करोगे यहां पर जो करंट फ्लो हो रही है कितनी है i3 एंगल है 53 लीड करता हुआ इस वाले का एंगल आपने यहां पर मान लिया जीरो सब एंगल आपको इसके रेफरेंस में लेके चलना है ठीक है यहां पर यह करंट तो है ही इसके ये करंट और हो गया यूनिटी पावर फैक्टर किसके रेफरेंस में इसके रेफरेंस में तो देखिए यहां पर i2 जिसका एंगल जीरो है प्लस i3 एंगल 53 यहां पर करंट यह वाला करंट प्लस ये वाला करंट इसका एंगल भी उसके रेफरेंस में ही है लैक कर रहा है फव यानी i1 - 51 प् i2 प् i3 एंगल 53 अब आपको वोल्टेज ड्रॉप निकालना हो यह करंट मल्टीप्लाई रेजिस्टेंसस करंट मल्टीप्लाई बा रेजिस्टेंसस करंट मल्टीप्लाई बाय रेजिस्टेंस इससे आप निकाल लोगे ठीक है थोड़ा सा लेंथी रहेगा आएगा तो एग्जाम में खाली दो बस दे देंगे सिफ टेने केली आपको समझ में आता है या नहीं आता तो यहां पर य खत्म होता है हमारा डिस्ट्रीब्यूशन वाला पार्ट इसमें कोई डाउट नाउ आई मूव टू द केबल अंडरग्राउंड केबल बताइए अंडर केबल अगर पावर को ट्रांसमिट करना है या डिस्ट्रीब्यूटर है तो हम लोग ओवरहेड लाइन के अलावा केबल को भी यूज कर सकते हैं सिंपल सी बात ध्यान रखिए जहां पर हम लोग ओवरहेड लाइन को नहीं यूज करते हैं वहां पर अंडरग्राउंड केबल को यूज करते हैं रीजन क्या है कि यह थोड़ी कॉस्टली पड़ती है एज कंपेयर टू ओवरहेड लाइन तो मेनली यूज आती है वाटर के अंदर रेलवे या रोड की क्रॉसिंग प हम लोग यूज कर सकते हैं इंडोर सब स्टेशन पर ओवरहेड लाइन को कनेक्ट करने के लिए हम लोग केबल को यूज करते हैं ठीक है इसके पार्ट है इसका जो कंडक्टर होता इसको हम लोग बोते कोर कोर का मतलब य कंफ्यूज नहीं होना है यह मशीन का कोर नहीं है कंडक्टर को यहां पर कोर बोला जाता है थ्री कोर केबल मतलब तीन फेस की केबल है थ्री कोर यहां पर कोर के ऊपर होता है इंसुलेशन इंसुलेशन के ऊपर होती है सथ सथ मेटल की बनी होती है उसके बाद होता है बेडिंग बेडिंग के बाद आर्मरिंग आर्मरिंग के बाद होती है सर्विंग ठीक है यहां पर जनरली पूछते हैं इलेक्ट्रोस्टेटिक स्ट्रेस एट द सिंगल कोर केबल इलेक्ट्रोटिक स्टेज का मतलब समझ में आ रहा है जैसे मेरा कंडक्टर है कंडक्टर के अंदर इलेक्ट्रिकल फील्ड हमेशा जीरो होती है इलेक्ट्रिकल फील्ड होती ही नहीं है ठीक है बट इसके ऊपर आपने लगा रखा है इंसुलेशन इसका मतलब इसके बाहर तो इलेक्ट्रिकल फील्ड होगी तो यहां पर भी इलेक्ट्रिकल फील्ड होगी यहां पर भी इलेक्ट्रिकल फील्ड होगी हर जगह पर इलेक्ट्रिकल फील्ड करेगी इस जगह पर इलेक्ट्रिकल फील्ड की वैल्यू डिस्टेंस के साथ में कम होती जाएगी मतलब सरफेस पर मैक्सिमम होगी और इधर पर सबसे मिनिमम होगी उसके बाद य सीत लगी हुई है सीत की इनर सरफेस पर मैक्सिमम कंडक्टर की आउटपुट सरफेस पर सॉरी सीत कीन सरफेस पर मिनिमम कंडक्टर की आउटपुट सरफेस पर मैक्सिमम अगर एक्स डिस्टेंस के ऊपर अगर मैं लेके च एक्स डिस्टेंस के ऊपर इलेक्ट्रिकल फील्ड निकालनी हो तो कितनी निकालो जी या e कुछ भी आप लेके चलिए v अपन एक्स ए ए आ अपन आ य होता है आर का मतलब टोटल रेडियस स्मल आर का मतलब कंडक्टर का रेडियस इलेक्ट्रिकल फील्ड एक्स के इन्वर्सली प्रोपोर्शनल है दिख रहा है आपको इधर तो अंदर तो हो नहीं सकता यानी r सरफेस पर मैक्सिमम हो जाएगा तो x जहां पर r पुट कर दोगे ये आपको मैक्सिमम इलेक्ट्रिकल फील्ड मिल गई कहां मिलेगा सरफेस ऑफ कंडक्टर आउटर सरफेस ऑफ द कंडक्टर मिनिमम कहां पर मिलेगा इधर जब एक्स मैक्सिमम हो यानी कैपिटल आ के बराबर हो तो आप यहां पर इसे ऐसे लिख सकते हो इलेक्ट्रिकल फील्ड स्ट्रेंथ मैक्सिमम अपन मिनिमम प्रोपोर्शनल टू आर अपन आर या डायमीटर ऑफ ओरल केबल टू द डायमीटर ऑफ कंडक्टर एग्जाम में क्वेश्चन पूछते हैं कि सबसे इकोनॉमिकल रेडियस क्या है ठीक है सिंपल सी बात है जो आप इंसुलेटिंग मेटल यूज कर रहे हो जो डायलेक्टिक मेटल यूज करोगे उस जो डायलेक्टिक स्ट्रेंथ होनी चाहिए वो ई मैक्स से ज्यादा होनी चाहिए जो रियल में फील हो रही है भाई इसके ऊपर इलेक्ट्रिकल फील्ड इतना लगेगा तो जो मैं मेटल यूज कर रहा हूं उससे ज्यादा होना चाहिए वरना तो मेटल का ब्रेक डाउन ही हो जाएगा ठीक है अब हम यहां पर देख रहे हैं कि अगर मैं दो केबल ले रहा हूं ठीक है दोनों का रेडियस अगर मेरा सेम है रेडियस मतलब पूरी ओल रेडियस दोनों का अगर सेम है और आप सेम वोल्टेज के ऊपर आप इसको यूज करो सेम वोल्टेज के ऊपर मैं यूज करूं ओवरऑल रेडियस आपका सेम है यहां पर मैंने इसका कंडक्टर का रेडियस कम ले रखा है यहां पर ज्यादा ले रखा है तो कंडक्टर का रेडियस कितना हो कि इस सरफेस के ऊपर आपको मिनिमम इलेक्ट्रिकल फील्ड मिले क्योंकि मिनिमम इलेक्ट्रिकल फील्ड मिलेगा मतलब कम वैल्यू का ई मैक्स मिलेगा तो आपको कम वैल्यू का डाइलेक्ट्रिक स्ट्रेंथ वाला इंसुलेटिंग मटल यूज करना पड़ेगा ठीक है इससे हमारी इंसुलेशन की कॉस्ट कम हो जाएगी क्योंकि जितना डायलेक्टिक स्ट्रेंथ का इंसुलेटिंग मेटल यूज करोगे उसकी कॉस्ट उतनी ही ज्यादा होगी इसका मतलब मेरा सबसे इकोनॉमिकल रेडियस है कंडक्टर का ल रेडियस तो सेम है हम यहां पर बात करें ली कंडक्टर के रेडियस के ऊपर तो यह हमारा आता है आर अपन आरव अपन या कैप अप आ या आप इसको ऐसे लिख सकते हो एल ए आर अपन आ जहां पर वन होता है इकोनॉमिकल रेडियस मिलेगा य आ अप आ इ य आर की वैल्यू 2.78 इनटू आर अगर आपको कोई यहां पर मोस्ट इकोनॉमिकल केबल के लिए इसकी थिकनेस पूछ लेता है कि थिकनेस कितनी होनी चाहिए टी थिकनेस जब आप य निकालो थिकनेस क्या हो जाएगा कैपिटल आर माइनस आर इससे थिकनेस निकाल लोगे अब ऑफ केबल का मतलब क्या है कि जैसे मैंने आपको बताया कि जब आप केबल बनाओगे इस जगह पर इलेक्ट्रिकल फील्ड मैक्सिमम है इधर इलेक्ट्रिकल फील्ड की वैल्यू मिनिमम है और यहां से य हम जाते जा रहे हैं इलेक्ट्रिकल फील्ड की वैल्यू इलेक्ट्रिक स्ट्रेस की वैल्यू कम होती जा रही है हम चाह रहे कि इनके बीच का जो डिफरेंस है कम कर दे यानी मैक्सिमम इलेक्ट्रिकल स्ट्रेस और मिनिमम इलेक्ट्रिकल स्ट्रेस के बीच में ज्यादा डिफरेंस नहीं रहे इसको हम बोलते हैं ग्रेडिंग करना इट इज कॉल्ड द ग्रेडिंग ग्रेडिंग मींस द डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ डायलेक्टिक मेटल सच दैट द डिफरेंस बिटवीन मैक्सिमम एंड मिनिमम इलेक्ट्रिकल फील्ड इ रिड्यूस उससे क्या फायदा होगा एक सेम साइज की रेडियस को आप ज्यादा वोल्टेज पर यूज कर सकते हो या अगर आप सेम वोल्टेज पर यूज करना चाहोगे तो उसका साइज आप कम कर सकते हो अब दो तरह की ग्रेडिंग हो सकती है एक को बोलते हैं कैपेसिटेंस ग्रेडिंग एक को बोलते हैं इंटरसी ग्रेडिंग कैपेसिट ग्रेडिंग के अंदर सी तो हम लोग एक ही यूज कर रहे हैं लेकिन डायलेक्टिक मटेरियल एक से ज्यादा यूज कर रहे होते हैं इंटर सट ग्रेडिंग के अंदर हम लोग डायलेक्टिक मटेरियल सेम यूज करते हैं लेकिन सीत ज्यादा यूज कर इंटर सथ मब मेन सीत के बीच में भी हमने इंटर सथ यहां पर यूज कर रखी है कैपेसिटेंस ग्रेडिंग के अंदर देखिए अगर मैं इनफा अगर मैं ऐसे इलेक्ट्रिकल सॉरी ऐसे इंसुलेटिंग मटल यूज कर रहा हूं जिसका एलन 1 अपन एक्स के इन्वर्सली प्रोपोर्शनल हो तब आपको हर जगह पर इलेक्ट्रिकल स्ट्रेस इक्वल मिल जाएगी बट इसके लिए आपको इनफा मेटल यूज करना पड़ेगा जो रियल में प्रैक्टिकली पॉसिबल नहीं है यह खाली थियोरेटिकल हो सकता है बट प्रैक्टिकली पॉसिबल नहीं है प्रैक्टिकल पॉसिबल के लिए हम लोग क्या करते हैं हम लोग खाली दो या तीन डाइलेक्ट्रिक मेटल यूज करते हैं जिसकी परमीबिलिटी एव ए ए3 होगी और रेडियस r1 r2 r3 होगा ठीक है अब यह भी आपको अलग-अलग तरीके से पूछ सकते हैं फर्स्ट केस में हम तीन डायलेक्टिक मट यूज कर रहे हैं इस तरह यूज कर रहे हैं कि इनका फैक्टर ऑफ सेफ्टी सेम है फैक्टर ऑफ सेफ्टी सेम है फैक्टर ऑफ सेफ्टी का मतलब डायलेक्टिक स्ट्रेंथ किसकी इंसुलेटिंग मेटल की डिवाइड बाय कंडक्टर के सरफेस पर इलेक्ट्रिकल फील्ड ये हमारा फैक्टर ऑफ सेफ्टी इतनी मैक्सिमम लग रहा है उसका टू टाइम्स यूज कर रहा हूं मतलब मैं डबल सेफ्टी यूज कर रहा हूं तो फैक्टर ऑफ सेफ्टी अगर मैं सेम लेकर चलूं तो यहां पर हमारा यह आता है एन जीव ग्रेटर दन एजट एन g3 जिस इंसुलेटिंग मेटल की फैक्टर ऑफ सेफ्टी मल्टीप्ला बाय परमिटिंग का प्रोडक्ट सबसे हाईएस्ट होगा उसको हम लोग कंडक्ट के पास में लगाते हैं उसके बाद ऐसे रिड्यूस करते हुए जाएंगे ठीक है इसको पहले लगाया g2 को बाद में लगाया इसको बाद में यहां पर लगा है द मटेरियल विथ हाईएस्ट एसन नजी वैल्यू शुड बी प्लेस नियर टू कंडक्टर एंड द आउटर लेयर शुड बी इनटू द डिक्रीजिंग ऑर्डर ऑफ द प्रोडक्ट ऑफ एसन इन g क्लियर ये तब होता है जब हम लोग फैक्टर ऑफ सेफ्टी सेम लेकर चल रहे जितने भी डायलेक्टिक मेटल हमने यूज कर रखे हैं सेकंड केस में हम लोग फैक्टर सेफ सेम नहीं लेकर चल रहे हैं बल्कि हम चाह रहे हैं कि तीनों के तीनों डाइलेक्ट्रिक मेटल के अंदर इलेक्ट्रिकल फील्ड स्ट्रेस की मैक्सिमम वैल्यू सेम हो मैक्सिमम वैल्यू तीनों के लिए सेम है उसके लिए हमलोग कैसे बनाएंगे जिसका परमिट ज्यादा होगी वह हमारा कंडक्टर के पास में होगा जिसकी परमिट ज्यादा होगी वह हमारा कंडक्टर के पास में मैक्सिमम कहां मिलेगी सिंपल सी बात है यह मेरा कंडक्टर है कंडक्टर का रेडियस है आर ठीक इसके बाद मैंने एक डायलेक्टिक मेट लगा दिया इसकी रेडियस है आरव फ मैंने दूसरा बना दिया जिसकी रेडियस है r2 फिर मैंने यहां पर तीसरा बना दिया जिसकी रेडियस है कैपिटल आ ये आपका तो यहां पर मैक्सिमम मिलती है ना यहां पर r तो जी मैक्स की मैक्सिमम वैल्यू वही r हो जाएगी कितनी वोल्टेज में हम लोग यूज कर सकते हैं यह वोल्टेज यह वोल्टेज प्लस ये वोल्टेज तीनों का वोल्टेज मतलब तब ये तीनों वोल्टेज आ जाएगा ध्यान रखिए यह मेरा ग्राउंड पोटेंशियल पर है यह मेरा v पोटेंशियल पर है तो तीनों वोल्टेज का सम कर दीजिए तीन वोल्टेज का सम जी मैक्स सब में सेम है तो जी मैक्स आ एल आव अपन आ जी मैक्स आव आ2 अप आव जी मैक्स आ2 ए आ अपन आ2 यह तो था हमारा कैपेसिटेंस ग्रेडिंग जहां पर हम लोग नंबर ऑफ इंसुलेटिंग मेटल यूज कर रहे थे अब इंसुलेटिंग मेटल मेरा एक ही है बट नंबर ऑफ सी आप यहां पर ज्यादा यूज कर रहे इसको बोलते इंटर सथ ग्रेडिंग भी हम लोग सीत यूज कर रखे हैं ठीक यहां पर आपको यूज करना पड़ेगा ऑक्सल ट्रांसफार्मर वह अंदर की सीत के पोटेंशियल को एक पर्टिकुलर वैल्यू के ऊपर फिक्स करके चलेगा ठीक है सो ट द वैल्यू ऑफ मैक्सिमम स्ट्रेस एट द सरफेस ऑफ ईच सीत इ रिमन सेम हम चल के चल रहे सब सीत की के सरफेस पर मैक्सिमम वैल्यू सेम रहे देखिए यहां पर ने यूज कर रखा है इसका पोट तो है नो डाउट आपको पता है यहां पर येट हो गया ये हमारा हो गया वव और ये जीरो वल मतलब दिस इ दवी य मेरा व पोटेंशियल पर है ना आ आ2 इंटर ग्रेडिंग के साथ जब मैं जी मैक्स निकालता य आता है विथ इंटर ग्रेडिंग अपन आर एल ए अल्फा 1 प्लस अल्फा प्लस अल्फा प्लस अल्फा स्क्वायर जहा पर अल्फा का मतलब आरव अपन आर हो चाहे याय आरट अपन आरव हो याय आर अपन आ2 हो अगर आप विदाउट इंटरसी यूज करते तो यसा आता जी मैक्स की वैल्यू अपन 3 आर एल एन अल्फा यह विदाउट इंटरसी है अब आपको दिख रहा है इन दोनों को कंपेयर करोगे तो यह वाली वैल्यू आपको कम आर इसकी वैल्यू ज्यादा है इससे यानी अल्टीमेट जी मैक्स की वैल्यू को आपने कम कर दिया ठीक है पावर सिस्टम पावर सिस्टम है ये ठीक है सो वी कैन से बाय यूजिंग द मल्टीपल इंटर सथ द इलेक्ट्रिकल स्ट्रेस इज रिड्यूस इलेक्ट्रिकल स्ट्रेस की वैल्यू कम हो जाएगी तो वोल्टेज ऑफ द केबल विद द इंटर सथ इज अगर मैं वोल्टेज निकाल के चलूं r1 / r r2 / r r / r2 आपको अगर मैं अल्फा ले लेता हूं तो क्या हो जाएगा g मैक्स r r1 / r अल्फा ले लिया r2 अप r1 अल्फा ले लिया आ अप आ अल्फा ले लिया तो ये आ गई हालाकि देखि इसके ऊपर बहुत ज्यादा क्वेश्चन बनने के चांसेस नहीं है मतलब गेट एग्जाम के अंदर इस तरह के बहुत ज्यादा क्वेश्चन बनने के चांस नहीं होते हैं ठीक है पहले तुम बताओ तुम किसके स्टूडेंट हो जोय पूछ रहे होग कौन सा सब्जेक्ट पढ़ा रहे हो इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हो या क्या हो ठीक है अब आता है हमारा इंसुलेशन रेजिस्टेंस कंडक्टर का रेजिस्टेंस नहीं कंडक्टर है जो इंसुलेशन है उसका रेजिस्टेंस कितना होगा रो अपन टू पाई एल एल ए आर अपन आ आ मतलब टोटल रेडियस आर का मतलब कंडक्टर का रेडियस एल का मतलब लेंथ तो यहां पर जो रे रेजिस्टेंस होता है वो लेंथ के इन्वर्सली प्रोपोर्शनल होता है ध्यान रखिए कंडक्टर का रेजिस्टेंस तो लेंथ के डायरेक्टली प्रोपोर्शनल होता है बट ये इंसुलेशन रेजिस्टेंस लेंथ के इन्वर्सली प्रोपोर्शनल है अब रेजिस्टेंस से ज्यादा इंपॉर्टेंट यहां पर आता है कैपेसिटेंस सिंगल कोर सिंगल फेस की केबल कैसे बनता है जो मेरा कोर है कंडक्टर है सीत भी कंडक्टर है और दोनों के बीच में आपने यूज कर रखा इंसुलेशन मटेरियल इसका मतलब यहां पर बन जाएगा कैपेसिटेंस की वैल्यू ठीक है तो कैपेसिटेंस हम लोग क्या करेंगे कोर की केबल रेजिस्टेंस को मैं मान आर और ओवरल रेडियस आप मान के चल रहे हो कैपिटल आर तो जब मैं यहां पर कैपेसिटेंस की वैल्यू निकालता हूं तो सी की वैल्यू आती है 2 पाई एलन एल ए आ अपन आ जैसे हमने निकाला था ना ओवर ट्रांसमिशन लाइन के अंदर सेम मान लीजिए बट अब यहां पर क्या है कि यहां पर एयर नहीं है दोनों के बीच में हम जो यूज कर रहे इंसुलेटिंग मटेरियल उसकी रिलेटिव परमिट एजिस्ट करती है एसन आर यानी इसका जो कैपेसिटेंस है वह ज्यादा वैल्यू का होता है ए कंपेयर टू ओवरहेड लाइन ध्यान रखिए केबल का जो कैपेसिटेंस है वो ज्यादा डोमिनेटिंग है मतलब वो मेन इफेक्ट क्रिएट करता है जबकि ओवरहेड लाइन के अंदर इंडक्टेंस आपका मेन रोल प्ले करता है ज्यादा क्यों है क्योंकि परमिट इसकी ज्यादा है पहली चीज तो परमिट ज्यादा है और कोर और कंडक्टर के बीच में जो डिस्टेंस है वो कम है इसका मतलब सी जो केबल का आता है वह हाई वैल्यू का आपको मिलेगा केबल का सी इज ऑफ द हाई वैल्यू यह तो मेरा था सिंगल कोर केबल यानी सिंगल फेस केबल है उसका कैपेसिटेंस अगर आपका थ्री फेस की केबल हो यानी तीन कोर हो तीन कंडक्टर है ए फेस का बी फेस का और सी फेस का तो देखिए यहां पर कैपेसिटेंस ऐसे बन रहा है बिटवीन कोर नी कंडक्टर के बीच में कैपेसिटेंस बन रहा है सीसी बिटवीन कोर एंड सीत इसके बीच में भी बन रहा है र एंड सीत के बीच में बन रहा है हम लोग क्या करेंगे इसको मैं कन्वर्ट कर लूंगा इक्वल स्टार के अंदर इंट स्टार क्या होता है इसके इंपसब दोगे 3 सी सी ठीक है यानी यह मेरे कंडक्टर यहां पर आ गए यह न्यूट्रल है यह कंडक्टर न्यूट्रल के बीच में सीस भी था अब सीसी भी आ गया यानी पर फेस का कितना हो जाएगा यह तो मैंने बता दिया कंडक्ट सीत के बीच में पर फेस का कैपेसिटेंस ऐसे तो कैपेसिटेंस पर फेस सी ए प्स 3 सीसी पर फेस कैपेसिटेंस अगर निकालना आपको आ जाएगा य तो आप चार्जिंग करंट निकाल सकते हो पर फेस की चार्जिंग करंट ज ओमेगा सीपीए इनवी पीएस पर फेस की चार्जिंग करंट आप ऐसे निकाल लोगे अब सबसे मेन बात है कि आप यह सीसी और सीएस को कैसे मेजर करोगे कैसे मेजर करोगे सीस की वैल्यू कितनी और सीसी की वैल्यू कितनी है उसके लिए हमें करने पड़ते दो एक्सपेरिमेंट एक चीज यहां पर और देख लीजिए आप इसको ऐसे अगर दो कंडक्टर के बीच में देता है मतलब य पर ऐसा हो गया य सी ए प् 3 सीसी सी प् 3 सीसी सीए प् 3 सीसी अगर आपको एग्जाम में दे रखा है कि दो कंडक्टर के बीच का कैपेसिटेंस यह है सो कैपेसिटेंस बिटवीन टू कंडक्टर बिटवीन टू कोर या टू कंडक्टर सीरीज में कनेक्टेड है ना मतलब दोनों ऐड नहीं होंगे बल्कि दोनों पैरेलल में लग जाएंगे मतलब जैसे पैरेलल में करते ऐ ये हो जाएगा न अपन टू टाइम्स ऑफ सीसी प् 3 यानी पर फेस कैपेसिटेंस का आधा हो जाएगा ये ध्यान ख ठीक है बिटवीन द टू कंडक्टर पर फेस कैपेसिटेंस का आधा अच्छा पैरेलल देखो समझना इसको नहीं आ रहा तो इसको मैंने रिड्यूस कर लिया यहां पर कंडक्टर कहां थे इधर थे ए बी सी इसको बोल जा ये मान लीजिए ठीक है इसको मैंने कन्वर्ट कर लिया स्टार में स्टार इंपेडेंस क्या होता है डेल्टा इंपेडेंस डिवाइड बा 3 य होता है अभी कैपेसिटेंस के लिए इंपेडेंस होता है 1 अपन ज ओमेगा सीवा 1 अपन ज ओमेगा सी डेल्टा इन 3 यानी सीवा की वैल्यू 3 इन सी डेल्टा आ गई इसका तीन गुना अब यह कंडक्टर है मेरा ठीक है मानो ए फेस का कंडक्टर हो गया ये ए बी का है ये सी है यह न्यूट्रल है न्यूट्रल मतलब जीरो पोटेंशियल है न्यूट्रल मतलब य सी सी इ जीरो पोटेंशियल इसको मान लो सीत एक कंडक्टर और सीत के बीच में थ सीसी है एक कंडक्टर और सीत के बीच में ी सीसी है इसके अलावा इसको भी देखो यह कभी कहां लगा है यह भी कंडक्टर और सीत के बीच में ही है सीएस तो कंडक्टर सीत के बीच में सीएस भी है तो ये दोनों आपस में ऐड हो जाएंगे पैरेलल में कैपेसिट ऐड हो जाता है ठीक है क्लियर है कोई डाउट इसमें इसको मेजर करने का मेथड देखिए पहला इन तीनों को हम लोग आपस में ऐसे कनेक्ट कर लेते हैं तीनों को मैंने कनेक्ट कर लिया ऐसे अब देखना अभी आपको फ लगे कैसे गया ठीक है बंच कर लिया और कैपेसिट मेजर कर रहे बिटवीन द बंच कंडक्टर एंड द सथ अब ये बंच कंडक्टर मेरा एक ही है मानो य मैंने कोई पॉइंट मान लिया यह मेरा फेज मैंने मान लिया अब फेज और सीत के बीच में सीएस है फेज और सीएस क्योंकि ये तो सब सेम ही है ना फेज के सीएस है और ये सीए है तो तीनों सीए और फेज उसके बीच में हो गए तो c एक की वैल्यू 3cc है c एक आपने मेजर कर लिया इससे आप स ए की वैल्यू फाइंड आउट कर लोगे ठीक है दूसरा है खाली दो कंडक्टर को मैंने सी से कनेक्ट किया हुआ है कनेक्ट करने का मतलब ये वाला मेरा सीत के पोटेंशियल पर आ गया यानी सीत है यह हमारा सीत है अब आप मेजर कर रहे हो सीत और कंडक्टर के बीच देखिए अब यह किस तरह आएगा समझना एक बार सीत और कंडक्टर के बीच में सीएस कंडक्टर सीत क्यक सी से कनेक्टेड है सीसी कंडक्टर सीत सीसी सी सीसी और सीसी ये सब पैरेलल में कनेक्ट हो गए तो सीवा की वैल्यू हो जाएगी सी प् 2c ठीक है अभी हमने निकाल ही लिया था क्या निकाला हमने cscseva.com डाइलेक्ट्रिक लॉसेस के बारे में आता है डाइलेक्ट्रिक मेटल में जो लॉस हो रहे हैं उसको बोलते हैं डाइलेक्ट्रिक लॉस डाइलेक्ट्रिक है इट इ सब्जेक्टेड टू अल्टरनेटिंग इलेक्ट्रिकल फील्ड जिससे जो हमारे इलेक्ट्रिकल पोलराइजेशन है इलेक्ट्रिक डपोल है उसका डायरेक्शन हमेशा चेंज हो रहा है उसमें जो एनर्जी वेस्ट जा रही है उसको बोलते हैं डाइलेक्ट्रिक लॉस डाइलेक्ट्रिक मटेरियल अगर मेरा परफेक्ट नहीं है मतलब उसमें कुछ लीकेज करंट फ्लो हो रहा है तो यह मेरा लीकेज करंट को रहा है ये तो चार्जिंग करंट है लीकेज करंट इसको हम लोग ऐसे बनाते हैं ठीक है अगर य मैंने वोल्टेज मान लिया तो रेजिस्टेंस में करंट तो इसके फेज में ही है कैपेसिटेंस वाला करंट इससे 90 डिग्री के एंगल पर है ओवरल जो करंट फ्लो रहा इन दोनों का सम ऐसे हो जाएगा ठीक है तो पावर हम लोग ऐसे निकालेंगे v और v अपन आ तो अल्टीमेट क्या जाता है v स्क्वा ओमेगा सी न डेल्टा ध्यान रखना अगर मैंने v पर फेस का लिया है तो पर फेस का मिल जाएगा आपको यहां पर लाइन अगर थ्री फेस में लाइन कर लोगे तो पूरा का पूरा आपको मिल जाएगा 10 डेल्टा इसको बोते लॉस टेंज न डेल्टा इज कॉल्ड द लॉस टेंज न डेल्टा इज कॉल्ड द लॉस टेंज फेस टू फेस कैसे निकल गया भाई फेस टू फेस कैसे निकलता है फेस टू न्यूट्रल मैंने बताया ना कि फेस टू फेस अच्छा आप इसकी बात कर रहे हो यहां पर यहां पर एक फेज यानी एक कोर और एक सीत के बीच में आ रहा है सी प्लस सीट सी सी लॉस टेंज जितना कम होता है ना उतना ही बेटर इंसुलेटिंग मटेरियल होता है न डेल्टा इज करेक्ट िक ऑफ इंसुलेटिंग मटेरियल ये इंसुलेटिंग मटेरियल कितना अच्छा है उसके बारे में बताता है इसको हम बोलते हैं लॉस टेंज तो यहां पर हमारा खत्म होता है केबल वाला पार्ट अब हम आते हैं फॉल्ट वाले सेक्शन पर बताइए यहां तक कोई डाउट है किसी को कोई डाउट किसी को फॉल्ट वाला जो पार्ट है मतलब बहुत ही फेवरेट होता है किसके लिए गेट एग्जाम के लिए सबसे पहले हम आते हैं सिमेटिक कंपोनेंट एंड द सीक्वेंस नेटवर्क अभी हमें क्यों काम में आता है देखिए फॉल्ट जो हमारे दो तरीके के हो सकते हैं एक सिमेटिक फॉल्ट और दूसरा है अनसिमिट्रिकल फॉल्ट सिमेट्री फॉल्ट अगर हो रहा है तो उस टाइम पर हमारा सिस्टम बैलेंस रहता है लेकिन अनसिमिट्रिकल फॉल्ट में सिस्टम अनबैलेंस हो जाता है अब आपको पता है कि जब आप अनबैलेंस थ्री फेस सिस्टम है उसको एनालाइज करना बहुत टफ टास्क है मतलब वो टाइम कंजूमिंग है उसको सॉल्व करने के लिए हम लोग क्या करते हैं कि हम उसको तीन सिम मेट्रिकल नेटवर्क में कन्वर्ट कर लेंगे ठीक है तो तीन सिमेटिक नेटवर्क में जो कन्वर्ट करने है उसको हम बोलते सिमेटिक कंपोनेंट एंड द सीक्वेंस नेटवर्क क्योंकि पावर सिस्टम हमारा अनबैलेंस हो गया अनबैलेंस सिस्टम को सॉल्व करना बहुत टास्क है तो सॉल्यूशन ऑफ दिस सिस्टम कैन बी डन इजली बाय द सिमिट्रिकल कंपोनेंट अभी क्या कहता है एक साइंटिस्ट थे हमारे फोटस क उन्होंने बताया कि हमारे पास में अगर एन अनबैलेंस फेजर है एन अनबैलेंस फेजर को मैं n माइव सिमेटिक फेजर और एक को फेजल फेजर में कन्वर्ट कर सकता हूं सिमेटिक का मतलब होता है तीनों का तीनों फेजर का मैग्निटिया फज डिफरेंस को फेजल का मतलब है तीनों का मैग्निटिया पर हम देख रहे हैं ये अलग कपोट होते पॉजिटिव सीक्वेंस नेगेटिव सीक्वेंस और जीरो सीक्वेंस मतलब य समझना य पर जैसे यह मेरा फेजर है थ्री फेस का फेजर है इनका तीनों का मैग्नी इक्वल नहीं है तीनों के बीच में 120 डिग्री का फेज डिफरेंस भी नहीं है एक अं सिमेटिक फेजर को या अनबैलेंस फेजर को दो बैलेंस फेजर तीनों मैग्नी सेम तीनों के बीच में 120 डिग्री का फेज डिफरेंस और एक को फेजल फेजर में कन्वर्ट कर देता हूं इसको बोलते पॉजिटिव सीक्वेंस नेगेटिव सीक्वेंस इसको जीरो सीक्वेंस अब देखि जो मेरा ओरिजिनल फेजर है व ए बी सी सीक्वेंस है इसका ए बी सी तो पॉजिटिव का सीक्वेंस भी ए बी सी का ए बी सी है यह ए बी सी है लेकिन नेगेटिव का सीक्वेंस ए बी सी नहीं हो ए स बी हैय ए स बी है इसमें तो सीक्वेंस होता ही नहीं तो को फेजल है ठीक है इसका मतलब जब आप पॉजिटिव नेगेटिव और जीरो सीक्वेंस की बात करते हैं तो पॉजिटिव सीक्वेंस फेजर के अंदर तीनों फेजर इक्वल मैग्निटिया पॉजिटिव सीक्वेंस का जो फेस सीक्वेंस है वो ओरिजिनल फेजर जैसा ही है नेगेटिव सीक्वेंस का जो फेज सीक्वेंस है ओरिजिनल फेजर का अपोजिट रहता है दोनों बैलेंस है दोनों बैलेंस का मतलब दोनों में इक्वल मैग्नी ूडल है इनके बीच में फेज डिफरेंस भी 120 डिग्री का ही है ठीक है बट जीरो सीक्वेंस के अंदर फीजर का मैग्निटिया तो तीनों मैग्नी सेम नहीं हो यह 10 डिग्री का फेज डिफरेंस नहीं हो या दोनों ही नहीं हो तब हम बोते अनबैलेंस फेजर लाइन वोल्टेज ध्यान रखें थ्री फेस के अंदर यानी कि थ्री फेस के अंदर अगर आपको कुछ मेंशन नहीं है तो जो भी गिवन क्वांटिटी होती है वह हमेशा लाइन क्वांटिटी होती है वोल्टेज हमेशा लाइन वोल्टेज होता है करंट हमेशा लाइन करंट होती है और पावर हमेशा थ्री फेज की टोटल करंट थ्री फेज की टोटल पावर होती है ठीक है अब यहां पर हम एक a ऑपरेटर यूज़ कर रहे हैं a का मतलब होता है एक ऑपरेटर है जिसका मैग्नी ट्यूड है वन इसका एंगल है 120 डिग्री यानी किसी भी फेजर को अगर आप ए से मल्टीप्लाई करोगे तो फेजर का मैग्निटिया ऐसे a इन बी आ जाएगा ये कुछ फार्मूले आपको एकही याद रखने हैं व है ए क्यू इनटू की वैल्यू होती है न 1 प्स ए प्स ए स्क्वायर इसकी वैल्यू भी होती है वन इसका मतलब न प्लस ए की वैल्यू माइनस ए स्क्वा हो जाएगी या न प्स ए स्क्वा की वैल्यू माइनस ए हो जाएगी ए का जो कजुट होता है वह ए स्क्वायर होता है ए स्क्वायर का कजुट ए होता है ठीक है यह कुछ फॉर्मूले आपको यहां पर याद रखने हैं 1 माइ a की वैल्यू √3 * -30 होती है और 1 - a स् की वैल्यू √3 * + 30 होती है यह कुछ फॉर्मूले आपको याद रखने हैं काम आएंगे आपके अब अब यह हम लोग डिवाइड कर ए बी सी तो मेरे फेज वोल्टेज है ए फेस का वोल्टेज बी फेस का वोल्टेज सी फेस का वोल्टेज जब आप 0 व2 लेकर चलते हैं तोय सीक्वेंस वोल्टेज है जीरो सीक्वेंस वोल्टेज नेगेटिव सीक्वेंस वोल्टेज पॉजिटिव सीक्वेंस वोल्टेज एक मैट्रिक्स ए मैट्रिक्स वह क्या कर रहा है ए मैट्रिक्स यह हमारा सीक्वेंस वोल्टेज को फेज वोल्टेज में कन्वर्ट कर देगा जो हमारा ई मैट्रिक्स है व यह होता है नव 1 ए स्क्वा ए 1 ए स्क्वा ठीक है अगर मेरे को सीक्वेंस वोल्टेज पता है ए फेज का 012 तो मैं v स की वैल्यू निकाल लूंगा कैसे की वैल्यू 012 v बी की वैल्यू 0 ए स्क्व प्स ए इन va2 v स की वैल्यू 0 प् ए नव प्लस ए स्क्वाट लिखने का मेथड इसको ऐसे लिखोगे ए इवर्स ए इवर्स य है व ये आ जाता है यानी अगर आपको फेज वोल्टेजेस गिवन है उससे आप सीक्वेंस वोल्टेज निकाल सकते हो ये 012 फज वोल्टेज पता है सी वोल्टेज निकाल सकते हो ली वोल्टेज के लिए एप्लीकेबल नहीं है यह करंट के लिए भी एप्लीकेबल है अगर करंट दे रखा हो तोब इस तरह फेज वोल्टेज को फेस करंट को सीक्वेंस करंट में और सीक्वेंस करंट को फेस करंट में कन्वर्ट कर सकते हो ठीक है यह आपका इसके लिए करंट के लिए भी एप्लीकेबल है फेज करंट से सीक्वेंस करंट सीक्वेंस करंट से फेस करंट इसके र बहुत सारे क्वेश्चन होते हैं डायरेक्ट आपको ये वैल्यू इनको यूज करनी होती है अगर यह दे रखी होती है तो इसे निकाल लोगे फेजर कैलकुलेशन है यह दे रखा है तो आप यह निकाल सकते हो अगर मैं पावर निकालता हूं नो डाउट पावर आपको फेज वोल्टेज और फेज करंट की टर्म में तो पता ही है यह आपको पावर पता है फेज वोल्टेज और फेस करंट की टर्म है इस पावर को आप सीक्वेंस वोल्टेज और सीक्वेंस करंट की टर्म मेंब निकालो ग तो ये आ जाती है ठीक है v आ न v आ v स न यहां पर आ जाएगा थ्री फेस की पावर 3v आ न va1 आव va2 आ2 का कॉन्ज आप देखें यहां पर कोई भी क्रॉस टर्म नहीं है क्रॉस टर्म का मतलब समझ में आ रहा है अगर जीरो सीक्वेंस का वोल्टेज जीरो सीक्वेंस करंसी मल्टीप्लाई हो रहा है पॉजिटिव सीक्वेंस का वोल्टेज पॉजिटिव सीक्वेंस करंट से मल्टीप्लाई हो रहा है नेगेटिव सीक्वेंस वोल्टेज नेगेटिव सीक्वेंस करंट से मल्टीप्लाई हो रहा है यानी कि पॉजिटिव को आपने नेगेटिव से मल्टीप्लाई कर दिया या नेगेटिव को जीरो से मल्टीप्लाई कर दिया ठीक है इसका मतलब इनके बीच में किसी भी तरह की म्यूचुअल कपलिंग एजिस्ट नहीं करती कंडक्शन फॉर पीक इवर्स फार्मूला एंड पीटरसन फार्मूला हां लेकिन आपको कि एग्जाम के अंदर खाली आपको पीक फॉर्मूला यूज़ करना है क्योंकि पीटरसन फॉर्मूले के अंदर जो रेशो आपको दे रखा होगा ना वह आपको कभी नहीं दिया होगा तो एग्जाम में अगर नहीं दे रखा मतलब गेट एग्जाम पॉइंट ऑफ व्यू से मैं बात कर रहा हूं तो आपको सिर्फ पीटरसन फॉर्मूला यूज़ करना है 241 * 10 टू पावर -5 जो मैं अभी मैंने आपको बताया था सिर्फ वही यूज़ करना है ठीक है गेट एग्जाम के लिए हो गया सीक्वेंस वोल्टेज कैसे निकालते हैं सीक्वेंस करंट कैसे निकालते हैं और सीक्वेंस वोल्टेज और सीक्वेंस करंट की टर्म में हम लोग पावर कैसे निकालते हैं यह मैंने आपको बता दिया अब सीक्वेंस इंपेडेंस की बात आ जाइए अब सीक्वेंस इंपेडेंस क्या होता है हम यह मान के चल रहे हैं कि जब मैंने पॉजिटिव सीक्वेंस वोल्टेज लगाया और पॉजिटिव सीक्वेंस करंट फ्लो हो रही है तो उसको जो इपेंसिल होगा ऐसे ही नेगेटिव सीक्वेंस करंट को फ्लो करने के लिए जो इंपेडेंस ऑफर होगा वो नेगेटिव सीक्वेंस इडेंस हो और जीरो सीक्वेंस करंट अगर फलो हो रही है तो उसको जो इडेंस ऑफर होगा व जीरो सीक्वेंस इडेंस होगा तो इस वाले फार्मूले को हम लोग यूज करते हैं य तो पता है आपको ए बी सी बी सी के बराबर होता है इस वोल्टेज को मैंने कन्वर्ट कर दिया इस वाली फॉर्म में सीक्वेंस वोल्टेज सीक्वेंस करंट इसकी टने कन्वर्ट कर लिया तो यहां पर य आ जाता है 01 इ नथिंग बट द इवर्स z ए बी स ए आई 012 मतलब अगर मैं इसको मानू तो यह पूरा का पूरा मिला के क्या हो जाएगा z12 इडेंस हो जाएगा सीक्वेंस वोल्टेज सीक्वेंस करंट सीक्वेंस इंपेडेंस ठीक है जब आप य निकालो किसी ट्रांसमिशन लाइन का जिसका सेल्फ इंपेडेंस जस है तीनों फेस का और फेस के बीच में म इडेंस व ज एम है तो जब हम लोग निकालते हैं तो य आता है जड नो की वैल्यू ज ए प्स ू ज ए सबसे हास्ट आती है और जव और ज2 की वैल्यू ज एस माइनस ज ए आती है नी पॉजिटिव सीक्वेंस इडेंस नेगेटिव सीक्वेंस इडेंस के बराबर है किसी भी स्टेटिक सर्किट में जैसे ट्रांसमिशन लाइन है लेकिन जीरो सीक्वेंस इडेंस की वैल्यू ज्यादा होती है ठीक है अब यह कहां पर यूज आएगा जैसे मैंने आपको बताया कि अगर हमारे सिस्टम में अनसिमिट्रिकल फॉल्ट हुआ तो सिस्टम बन जाता है हमारा अनसम मेट्रिकल नेचर का ठीक है अब जब अनसिमिट्रिकल नेचर का सिस्टम बन गया तो मैं उसको तीन सिमेटिक नेटवर्क में कन्वर्ट कर दूंगा पॉजिटिव सीक्वेंस नेटवर्क नेगेटिव सीक्वेंस नेटवर्क और जीरो सीक्वेंस नेटवर्क अब कैसे बनाओगे एक पावर सिस्टम में बहुत सारे कंपोनेंट होते हैं ठीक है अल्टरनेटर हो सकता है ट्रांसफॉर्मर हो सकता है ट्रांसमिशन लाइन है और लोड है तो अगर आपको इ इंडिविजुअल कंपोनेंट का सीक्वेंस नेटवर्क बनाना आता है आप अल्टरनेटर का सीक्वेंस नेटवर्क बना सकते हो आप ट्रांसमिशन लाइन का बना सकते हो आप ट्रांसफॉर्मर का बना सकते हो आप लोड का बना सकते हो सबको कंबाइन कर लीजिए तो आपको सीक्वेंस नेटवर्क मिल जाएगा z ए बी सी ए फेज बी फेज सी फेज का इंपसब अ आप मैट्रिक्स की फॉर्म में लिखोगे तो ऐसा आता है ठीक है कैसे लिखेगा सेल्फ इंपेडेंस ज एस म्यूचल इंपेडेंस ज एम ठीक है बी फेस का सेल्फ इडेंस ज एस है म्यूचल पडस ज एम सी फेस का से ये आपका जड ए बीसी है ठीक है विथ रेस्पेक्ट टू सेम फेज करंट एंड विद रेस्पेक्ट टू अदर फेज करंट क्लियर तो हमें जो एक अनबैलेंस नेटवर्क है उसको कन्वर्ट करना है पॉजिटिव सीक्वेंस नेटवर्क के अंदर नेगेटिव सीक्वेंस नेटवर्क के अंदर और जीरो सीक्वेंस नेटवर्क के अंदर इसके लिए मैं पहले अलग-अलग जितने भी कंपोनेंट एजिस्ट कर सकते हैं ना उसका मैं बना रहा हूं सीक्वेंस नेटवर्क पहले आता है अल्टरनेटर ठीक है तो अल्टरनेटर जब आप देखोगे तो अल्टरनेटर के अंदर यह रा नॉर्मल कंडीशन का अल्टरनेटर है ठीक है इसमें इंपेडेंस ज से करंट ऐसे फ्लो हो रहा है यह आपका नॉर्मल है नर्मल कंडीशन में काम कर रहा है अगर कहीं पर फॉल्ट हो जाता है मानो एक अनसिमिट्रिकल फॉल्ट ऐसा हो गया तब ये बन जाएगा सिमेटिक नेटवर्क तो इसका पॉजिटिव सीक्वेंस नेटवर्क नेगेटिव सीक्वेंस नेटवर्क और जीरो सीक्वेंस नेटवर्क कैसे बनेगा इसको हम देख रहे हैं देखिए जब सिस्टम में फॉल्ट होता है तो नो डाउट इनर्स है तो रोटर की डायरेक्शन तो चेंज होगी नहीं हमेशा ध्यान रखिए जो भी ईएमएफ इंड्यूस होता है ना वो हमेशा पॉजिटिव सीक्वेंस ही होता है नेगेटिव सीक्वेंस या जीरो सीक्वेंस ईएमएफ इंड्यूस नहीं होता है ठीक है सबसे पहले अगर आप ये मान के चलना कि खाली पॉजिटिव सीक्वेंस करंट फ्लो हो रही है तो जो स्टेटर का मैग्नेटिक फील्ड और रोटर का मैग्नेटिक फील्ड सेम डायरेक्शन में होगा अगर नेगेटिव सीक्वेंस करंट फ्लो हो रही है तो दोनों मैग्नेटिक फील्ड एक दूसरे के अपोजिट डायरेक्शन में होंगे हम यहां पर यह तीन इंपेडेंस लेके चलेंगे इसके अभी बारे में आपको बाद में बताऊंगा स् स्टेट कंडीशन प ट्रांसंट प सब ट्रांसंट में ये इंपेडेंस की वैल्यू अलग-अलग होती है डायरेक्ट एक्सेस का सिंस रिएक्टेंस की हम लोग बात कर रहे हैं अभी खाली समझ लीजिए कि जब मैं बना रहा हूं पॉजिटिव सीक्वेंस नेटवर्क ऑफ अल्टरनेटर ईएमएफ होता है ईएमएफ हमेशा पॉजिटिव सीक्वेंस ही होता है ईएमएफ के साथ में आपको लगाना है अल्टरनेटर का पॉजिटिव सीक्वेंस इंपेडेंस ध्यान रखिए जो भी हमारा सीक्वेंस नेटवर्क होते हैं हमेशा पर फेज ही होते हैं ऑल सीक्वेंस नेटवर्क आर पर फेज पर फेस का मतलब एक फेस विद रेस्पेक्ट टू रेफरेंस बस रेफरेंस बस कॉल्ड जीरो पोटेंशियल बस जिसका पोटेंशियल जीरो है ठीक है यह आपको मिल गया पर फेज नेटवर्क बन गया नेगेटिव सीक्वेंस नेट बनाओगे तो नेगेटिव सीक्वेंस ईएफ नहीं होता है मतलब इसकी जगह मफ नहीं बनाना आपको यह नेगेटिव सीक्वेंस नेटवर्क हो गया और जो इंपेडेंस लेना है व नेगेटिव सीक्वेंस इडेंस लेकर चलना है करंट फ्लो नेगेटिव और यहां पर जो वोल्टेज आ जाएगा व नेगेटिव सक्व गा यहां परव था जीरो सीक्वेंस ठीक है जीरो सीक्वेंस करंट कब फलो होती है हर टाइम में नहीं फलो होती जब जो फॉल्ट हो रहा है फॉल्ट के अंदर ग्राउंड इवॉल्व है और जो नियरेस्ट न्यूट्रल पॉइंट है वो भी आपका ग्राउंडेड है ठीक है तभी फलो होता है न ग्राउंड इ देन द फॉल्ट करंट इ एक्सपेक्टेड टू फ्लो थ्रू द ग्राउंड एंड एंटर टू द सिस्टम फ्रॉम द नियरेस्ट न्यूट्रल तो जब जीरो सीक्वेंस नेटवर्क बनाते हो किसका अल्टरनेटर का तो य ऐसा आता है जीरो सीक्वेंस इपेंसिल के ज0 लेते हैं अगर z ए है तो ठीक है अगर नहीं है तो जीरो हो जाएगा सिंपल सी बात है z नहीं है तो हो जाएगा तो ईएफ खाली पॉजिटिव सीक्वेंस नेटवर्क में जीरो सीक्वेंस नेटवर्क इसके अंदर ईएफ की वैल्यू नहीं है ध्यान रखिएगा अब हम इसको कंपेयर करें तीनों इंपेडेंस की बात कर रहा हूं अल्टरनेटर के देखिए अल्टरनेटर का इडेंस अगर आप जव को ले रहे हो तो यह ज एक्सटी होता है ज2 को ले रहे हो तो रियल में होता है एक्सटी प्लस एक्स क डिवा बाटू अगर सेलेंड पोल है तो अगर सिलें कल है तो तो दोनों सेम ही हो जाएंगे और जब आप जजी जी को लेकर चलते हो तो ये खाली लीकेज रिएक्टेंस होता है तो जनरली जव की वैल्यू ज2 से ज्यादा होती है और ज0 की वैल्यू उससे भी ज्यादा होती है ठीक है बट सिलेड कल रोटर है तो जव ज2 दोनों इक्वल हो जाएंगे दोनों इक्वल हो जाएंगे ज0 की वैल्यू कम हो जाएगी अगर यह है तो आपको जड एंड भी लेकर साथ में करना होगा तो मैंने आपको बता दिया सबसे पहला कि जो अल्टरनेटर है उसका हम लोग अलग-अलग नेटवर्क कैसे बनाएंगे पॉजिटिव सीक्वेंस नेगेटिव सीक्वेंस और जीरो सीक्वेंस अल्टरनेटर के बाद आता है अगर ट्रांसमिशन लाइन है उसको कैसे बनाओगे अब लाइन तो स्टेटिक डिवाइस है ठीक है ये स्टेटिक डिवाइस और कोई भी स्टेटिक डिवाइस मतलब मूवमेंट नहीं है इसका पॉजिटिव और नेगेटिव सीक्वेंस इंपेडेंस आपका सेम होता है अभी मैंने आपको पहले ही बता चुका हूं कितना आता है z माइन ज ए और जो जीरो सीक्वेंस पडस होता है नसे ज्यादा आता है व ज प् ज तो किसी भी ट्रांसमिशन लाइन का पॉजिटिव सीक्वेंस नेटवर्क नेगेटिव सीक्वेंस नेटवर्क और य जीरो सीक्वेंस नेटवर्क है सिर्फ हम लोग सीरीज ब्रांच लेकर चलते हैं स ब्रांच को हम लोग यहां पर नहीं लेकर चलते अभी बताया z1 ज2 की वैल्यू बराबर है बट ज0 की वैल्यू इससे ज्यादा है अब हम आते हैं ट्रांसफॉर्मर का से बनाएंगे ट्रांसफॉर्मर का भी जब पॉजिटिव नेगेटिव या जीरो सीक्वेंस नेटवर्क बनाओगे ठीक है तो वहां पर भी हम लोग स ब्रांच को लेकर नहीं चलेंगे अब क्योंकि ट्रांसफॉर्मर भी स्टेटिक डिवाइस है कोई मूवमेंट नहीं है इसका मतलब पॉजिटिव सीक्वेंस इडेंस जीरो सीक्वेंस नेगेटिव सीक्वेंस इडेंस आपका सेम होगा और यह खाली लीकेज इडेंस के बराबर होता है क्योंकि हम लोग सं ब्रांच नहीं लेकर चल रहे लीकेज मतलब रेजिस्टेंस और लीकेज रिएक्टेंस को मिलाकर बन रहा है यहां पर पॉजिटिव स्टेटिक डिवाइस है इसलिए नेगेटिव सीक्वेंस इंपेडेंस पॉजिटिव सीक्वेंस इंपसब ही होता है जीरो सीक्वेंस इंपेडेंस स्लाइटली डिफरेंट होता है वैसे देखा जाए तो बहुत सारी कंडीशन पर डिपेंड करता है बट इसको हम लोग ऑलरेडी ऑलमोस्ट इसकी इक्विवेलेंट मान लेते हैं यानी पॉजिटिव और नेगेटिव सीक्वेंस इंपेडेंस के ऑलमोस्ट इक्वल मान लेंगे यहां पर बहुत ज्यादा इसमें डिफरेंस नहीं होता ठीक है यह सिंगल फेस के ट्रांसफॉर्मर को हम ऐसे रिप्रेजेंट करेंगे सिंगल फेस के ट्रांसफॉर्मर का इक्विवेलेंट सर्किट बन जाएगा मतलब पॉजिटिव तो पॉजिटिव लोगे नेगेटिव जीरो सीक्वेंस कनेक्ट मतलब अगर यह इसका जो न्यूट्रल है व कनेक्टेड हो तो अब सबसे इंपोर्टेंट य आता है द सीक्वेंस नेटवर्क ऑफ थ्री फेस ट्रांसफॉर्मर इसके ऊपर बहुत सारे क्वेश्चन आते हैं स्पेशली सिफ जीरो सीक्वेंस नेटवर्क कि पॉजिटिव और उसमें तो कुछ नहीं नहीं व तो सेम ही रहता है खाली जीरो सीक्वेंस में अंतर आता है तो यह आपको याद रखना है फार्मूला मतलब य नेटवर्क बनाना है आपको तो यहां पर चार स्विच दे रखे हैं दो स्विच है सीरीज के अंदर दो स्विच है पैरेलल के अंदर सीरीज वाले स्विच हमारे तब क्लोज होते हैं ध्यान रखिए ये हमारा प्राइमरी साइड है यह सेकंडरी साइड जब वाइंडिंग आपकी स्टार कनेक्टेड हो और न्यूट्रल ग्राउंडेड भी होना चाहिए ध्यान रखिएगा ठीक है अगर मेरी प्राइमरी वाइंडिंग स्टार कनेक्टेड और न्यूट्रल ग्राउंडेड है तो य मेरा क्लोज हो जाएगा सेकेंडरी वाइंडिंग स्टार कनेक्टेड है और न्यूट्रल ग्राउंडेड भी है तो बी क्लोज हो जाएगा ठीक है पलल यानी सन स्विच सब काम में आएंगे जब डेल्टा कनेक्टेड वाइंडिंग हो प्राइमरी वाइंडिंग डेल्टा कनेक्टेड हो य क्लोज जाएगा सेकंड कनेक्ट क्लोज हो जाएगा ज होगा तो ज आएगा दोनों दोनों ही ध्यान रखिए न्यूट्रल से कनेक्टेड है इसका ज अलग आएगा इसका अलग आएगा ठीक है प के अंदर लेकर चलना है इसके पर बहुत सारे क्वेश्चन आए हुए थे जैसे यह है इसका आपको बनाना है प्राइमरी स्टार है और न्यूट्रल ग्राउंडेड भी है क्लोज हो गया सेकंडरी वाइंडिंग डेल्टा है सेकंडरी का डेल्टा कनेक्ट हो गया ऐसे बन गया क्लियर तो तीनों मैंने आपको बता दिया अब आपको नेटवर्क बनाना आ गया अब हम आते हैं जब ट्रांसमिशन लाइन पर शॉर्ट सर्किट होता है तो क्या होगा ट्रांसमिशन लाइन में रेजिस्टेंस है रिएक्टेंस है शॉर्ट सर्किट हो गया यहां पर मैंने यह जो सोर्स है इसको मान लिया v ए सा ओमेगा t + अल्फा अल्फा क्या बताता है अल्फा से हमें पता लगता है कि रो टाइम पर इसका मैग्नी कितना होता है यह हम मान रहे हैं कोई भी सन कैपेसिटेंस हमने नहीं माना है वोल्टेज सोर्स आपका कांस्टेंट है लाइन को पहले मैं मान रहा था कि यह अनलोडेड थी मतलब करंट नहीं फ्लो रहा था इसको क्लो करने के बाद यहां पर करंट फ्लो हो रहा है इससे पहले करंट फ्लो नहीं हो रहा था ठीक है अब जैसे ही शॉर्ट सर्किट होगा तो कितना करंट फ्लो होता है करंट फ्लो होता है हमारा v ए अपन जड जड मतलब इसका इंपेडेंस साइन ओमेगा डी प्लस अल्फा माइनस थीटा ठीक है प्लस v ए अपन ज साइन थीटा माइनस अल्फा रे टू द पावर माइनस आटी बा एल इतना करंट यहां पर फलो होता है ठीक है अब इस करंट के दो कंपोनेंट मिल गए आपको देखिए यह तो करंट एसी है इसको बोलते एसी सिमेटिक करंट एसी सिमेटिक करंट यह यह आपका डीसी ऑफसेट करंट डीसी ऑफसेट करंट शॉर्ट सर्किट होगा ना उसमें डीसी ऑफसेट करंट भी फ्लो होगा और यह कितनी वैल्यू होगी यह डिपेंड करता है किस इंस्टेंट की ऊपर आपने इसकी क्लोजिंग दी है यस गुड इवनिंग यह डीसी ऑफसेट करंट एसीम करंट ट्रांसमिशन लाइन में जैसे शर्ट सकट होगा तो इस तरह का करंट फलो होगा ठीक है या आप देख रहे पहले करंट की वैल्यू ज्यादा है उसके बाद करंट की वैल्यू कम होती जा रही है फिर इसके बाद य अपने स् कंडीशन पर आ गया यानी इनफा टाइम पर यह तो खत्म हो जाएगा जीरो हो जाएगा की पावर जाएगा उस करट बचेगा ब उससे पहले आपका डीसी ऑफसेट करंट भी एजिस्ट कर रहा है तोइस हम लोग तीन पार्ट में डिवाइड कर सकते हैं एक होता है सब ट्रांसंट फ होता है ट्रांसंट सबट्रांजियंट इसके बाद ट्रांजियंट फि स्टेडी स्टेट ठीक एक दो साइक करता सब ट्रांज दो से पाच साइकिल फिर पांच के बाद ये स्टडी स्टेट टाइम पर आ जाता है अब करंट को देखो ना पहला होता है सिमिट्रिकल शॉर्ट सर्किट करंट यानी खाली एसी कंपोनेंट जो हम लेके चल र ए सिमेटिक करंट है ना उसकी जो आरएमएस वैल्यू होती है इसकी आरएमएस वैल्यू v अपन ज मैक्सिमम वैल्यू है उसको आप डिवाइड कर दोगे √2 से यह हमारा सिमिट्रिकल करंट की आरएमएस वैल्यू हो गई अब एसी सिमिट्रिकल करंट की आरएमएस वैल्यू क्या करोगे इसकी आरएमएस वैल्यू का स्क्वायर प्लस ये तो डीसी करंट है इसका स्क्वायर का अंडर रूट कर दोगे तो आपको ये मिल जाएगा इसका मतलब हमेशा एमेटिक करंट जो होगा वह सिमेटिक करंट से ज्यादा ही होगी क्योंकि इसमें हमें क्या ऐड करना है डी स ऑफसेट करंट को भी ऐड करना है टिकल करंट की आरएमएस वैल्यू है मैक्सिमम मोमेंट स करंट की वैल्यू निकालनी है इट मैक्सिमम वैल्यू ऑफ पी करंट प करंट इट कस्प टू द फर्स्ट पीक पहली जो करंट फलो वाली स्टार्टिंग में यह वैल्यू आपको लेकर चलनी है और यह जो वैल्यू आती है हमारी य आती है v एम अपॉन जड प्लस ए अपन जड इन कॉस अल्फा ठीक है तो अल्फा अगर जीरो हो यानी आई मिनिमम की जो मैक्सिमम वैल्यू कितनी हो सकती है मोमट करंट की मैक्सिमम वैल्यू व ट अपन जड तक हो सकती है यानी एटिकल करंट का डबल तक हो सकती है वो इट इज ट वाइस द मैक्सिमम वैल्यू ऑफ सिमिट्रिकल स करंट इट इज कॉल्ड द डबलिंग इफेक्ट यह हमारा सर्किट ब्रेकर के सिलेक्शन के लिए हम लोग इसको यूज करते हैं ठीक डीसी ऑफसेट करंट तो अलग है सिमेटिक करंट और दो अलग-अलग चीज देखि समझो यहां पर यह दो कंपोनेंट है यह आप समझना एक बार आपको लग रहा यहां पर भी साइन आ रहा है यह साइन टाइम के साथ में नहीं हो रहा है यह वाला साइन आपका टाइम के साथ में वरी हो रहा है इट इ साइनस टर्म विद रेस्पेक्ट टू टाइम टाइम के साथ में यह वरी हो रही है टाइम के साथ में य साइनो यह हमारा एसी सिमेटिक करंट य करट टाइम के साथ री नहीं हो रहा थ और अल्फ फिक्स होगा मानो मेरे थीटा की वैल्यू 60 डिग्री है और अल्फा की ल 30 डिग्री है तो सा बाट हो गया तो फिक्स वैल्यू हैय तो य टाइम के साथ में एक्सपो शिल तरीके से डिक्रीज हो रहा है इट नॉट एसी यह डीसी है डीसी वैल्यू है जो टाइम के साथ में नहीं चेंज हो रहा ठीक है हम गरीब की कोई नहीं सुनता भाई मोदी जी के पास जाओ भाई मोदी जी गरीब की सुनते हैं ठीक है कोई डाउट यस अब देखिए अभी तक मैं डिस्कस कर रहा था द शॉर्ट सर्किट इन द ट्रांसमिशन लाइन अब आइए द शॉर्ट सर्किट इन द अल्टरनेटर अब दोनों में फरेंस कहां पर आता है क्योंकि जो ट्रांसमिशन लाइन है वो तो हमारी स्टेटिक डिवाइस है बट यह हमारी स्टेटिक डिवाइस नहीं है इसमें फ्लक्स बन रहा है और जब इसमें शॉर्ट सर्किट होता है ना तो फ्लक्स की वैल्यू चेंज हो रही होती है उस परे हम लोग आएंगे अभी है ना 1.6 टाइम वाले प मैं आऊंगा अभी जब हम लोग सर्किट ब्रेकर को डिस्कस करेंगे ठीक है इसमें हम लोग फ्लक्स की वैल्यू चेंज रही होती है फ्लक्स की वैल्यू क्योंकि यह तो आपकी रोटेटिंग डिवाइस है तो यहां पर भी सेम चीज होती है पहला हमारे सब ट्रांसंट रीजन मिलता है फिर ट्रांजिट मिलता है फिर मिलता है स्ट स्टेट स्टेट बट यहां पर रिएक्टेंस की वैल्यू चेंज हो रही होती है सब ट्रांजियंट रिएक्टेंस सबसे कम होता है उससे बड़ा होता है ट्रांजियंट रिएक्टेंस उससे बड़ा होता है स्टड स्टेट वैल्यू यानी जो फॉल्ड करंट होता है सब ट्रांसंट टाइम पर मैक्सिमम होती है ट्रांसंट में उससे कम हो जाती है सब ट्रांजिट में और भी कम हो जाती है अब ये रिएक्टेंस की वैल्यू चेंज कैसे हो रही है ट्रांसमिशन लाइन में तो नहीं हो रही थी फ्लक्स की वजह से फ्लक्स यहां पर जो डैंपिंग वाइंडिंग है और फील्ड वाइंडिंग भी फ्लक्स को बनाती है उसकी वजह से रिएक्टेंस की वैल्यू या इंडक्टेंस की वैल्यू चेंज हो जाती है देख सब ट्रांजिट ट्रांजियंट स्टेड स्टेट ये खाली एक फेस का है ध्यान रखिए तीनों फेज में इसी तरह का आएगा बट इनके बीच में 120 डिग्री का फेज डिफरेंस रहेगा तीनों फेज में सेम आएगा बट इनके फेज डिफरेंस यहां पर एजिस्ट करेगा क्लियर है यहां तक बताइए सिमेटिक कॉम्पोनेंट में किसी तरह का डाउट सिमेटिक कंपोनेंट में कोई डाउट किसी भी तरह का और फट के ऊपर मैंने आपको बताया था फॉल्ट का मतलब होता है अब नॉर्मल कंडीशन इन द पावर सिस्टम ठीक है एर्मल कंडीशन है मतलब यहां पर क्या होगा जो करंट जिस डायरेक्शन में जानी चाहिए उस डायरेक्शन में करंट नहीं जा रही गुड इवनिंग प्रिंस तो फॉल्ट होता है हमारा लाइटनिंग की वजह से विंड की वजह से ट्री फॉल हो गया बर्ड्स की वजह से या पूरा का पूरा व्हीकल हमारा कोलाइड कर गया टावर के साथ में दो तरीके के फॉल्ट हो सकते ओपन सर्किट फॉल्ट और शॉर्ट सर्किट फॉल्ट सिस्टम में मतलब हमारे जो सिलेबस में शर्ट सकट फॉल्ट है यह भी दो तरीके का हो सकता है सिमेटिक फॉल्ट और अनसिमिट्रिकल फॉल्ट सिमेटिक फॉल्ट वो फॉल्ट जिसमें तीनों के तीनों फेज इवॉल्व है तीनों के तीनों फेज इवॉल्व है मतलब ट्रिपल लाइन फॉल्ट हो गया य ट्रिपल लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट हो गया यह फॉल्ट बहुत ही कम होते हैं मतलब इसके होने के चांसेस बहुत ही कम होते हैं खाली 5 पर चांस है कि फॉल्ट होगा जिसमें तीनों फेज इव हो लेकिन यह जब फॉल्ट होता है तो य सबसे सीवियर फॉल्ट है सीयर का मतलब जब थ्री फेस फॉल्ट होता है ट्रांसमिशन लाइन की बात कर रहा हूं तब सबसे मैक्सिमम करंट फॉल्ड करंट यहां पर फ्लो होता है अनसिमिट्रिकल फल्ट के अंदर एक या दो फेज इवॉल्व रहते हैं व आपका अनसिमिट्रिकल फॉल्ट होता है जैसे एक फेज इव लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट हो गया लाइन टू लाइन फॉल्ट हो गया डबल लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट हो गया ठीक है सबसे कम सीवियर होते हैं लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट लेकिन इसके होने के चांसेस सबसे मैक्सिमम होते हैं 70 पर जो फॉल्ट होते हैं वह हमारा लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट होता है अब फॉल्ट की एलिसिस हम लोग कैसे करेंगे सबसे पहले जितने भी जनरेटर है उसका इंड्यूस आप वन मान लोगे मतलब मान के चलेंगे कि हमारा जो सिस्टम है वह नॉमिनल यानी रेटेड वोल्टेज के ऊपर काम कर रहा है किसी भी तरह की सन ब्रांच नहीं लेंगे ना तो ट्रांसफॉर्म में लेंगे ना ट्रांसमिशन लाइन में लेंगे रेजिस्टेंस को भी मोस्ट ऑफ द टाइम हम लोग नेगलेक्ट मान लेते हैं खाली ट्रांसमिशन लाइन के रिएक्टेंस को लेके चलते हैं फॉल्ट होने से पहले जो करंट फ्लो हो रही होती है ना उसको हम लोग इग्नोर कर लेते हैं मतलब मान लेते हैं कि फॉल्ट से पहले कोई करंट नहीं फ्लो हो रही थी क्यों मान लेते हैं ऐसा अगर आपको स्पेशली नहीं दिया हुआ तब तक आप ये मान लोगे उससे क्या होगा जो हमारा फ्री फॉल्ट वोल्टेज आएगा ना वह मैक्सिमम मिलेगा वह नॉमिनल मिलेगा या नहीं हर जगह पर करंट ही नहीं फ्लो हो रहा मतलब हर जगह पर वोल्टेज सेम रहेगा कोई भी वोल्टेज ड्रॉप ही नहीं रहेगा तो वन ही रहेगा ध्यान रखिएगा उससे हमारी जो फॉल्ड करंट कैलकुलेट करेंगे वह सबसे मैक्सिमम मिलेगी यानी वर्स्ट कंडीशन हम लोग लेके चल रहे हैं फॉल्ट के टाइम पर जो हमारा सिंक्स मोटर है वह सिंक्रोस जनरेटर बन जाता है यानी वह भी फॉल्ट करंट को फीड करता है उस यानी उसकी वजह से भी फॉल्ट करंट के अंदर फॉल्ट वाले पॉइंट पे करंट फ्लो होता है ठीक है सिल्स मोटर भी जनरेटर बन जाएगा यह भी फॉल्ट को फीड करेगा जनरेटर तो कर ही रहा है मोटर भी हमारा फीड कर रहा है ब जो इंडक्शन जनरेटर होता है उसमें ऐसा नहीं होता क्योंकि व तो सिंगली एक्साइटेड है इसकी स्टटर की वाइंडिंग को सप्लाई नहीं मिल रही है तब तो काम ही नहीं करेगा तो इंडक्शन मोटर फीड नहीं करता सिंक्स मोटर यहां पर फीड करता है ठीक है हालाकि जब फॉल्ट होता है तो अल्टरनेटर की स्पीड में वैरी हो रही होती है वैरी होने से इसकी फ्रीक्वेंसी वरी करती है बट अब इसको इग्नोर मान लेते हैं हम मान लेते हैं कि जितनी फ्रीक्वेंसी पहले थी उतनी की उतनी फ्रीक्वेंसी रहेगी तो सबसे पहले हम लोग स्टडी करेंगे सिमिट्रिकल फॉल्ट को ठीक है सिमेटिक फॉल्ट जिसमें तीनों के तीनों फेज इवॉल्व होते हैं वो हमारा सिमिट्रिकल फॉल्ट है दो तरीके का हो सकता है ट्रिपल लाइन फॉल्ट ट्रिपल लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट दोनों एक ही है ध्यान रखिएगा क्योंकि अगर मेरा सिमिट्रिकल फॉल्ट है इसका मतलब ग्राउंड में तो करंट फ्लो होआ नहीं इवन ग्राउंड टच भी है तब भी कोई करंट नहीं फ्लो होगा य फॉल्ट बहुत ही कम होते हैं बट इंपॉर्टेंट है क्योंकि सर्किट ब्रेकर की रेटिंग हम लोग इसी से निकालते हैं सिमिट्रिकल फॉल्ट सबसे सीवियर फॉल्ट है क्योंकि यहां पर सबसे मैक्सिमम फॉल्ड करंट निकलती है इसीलिए हम लोग सर्किट ब्रेकर की रेटिंग को सिमेटिक फॉल्ट से गवन निकाल जाता है सिमिट्रिकल फॉल्ट सिंपल है क्यों सिंपल है क्योंकि फॉल्ट होने के बाद भी हमारा सिस्टम बैलेंस है सिमिट्रिकल है मतलब ध्यान रखिए फॉल्ट होने से पहले भी सिस्टम बैलेंस था और होने के बाद भी बैलेंस है बट डिफरेंस य कि पहले करंट कम फ्लो हो रहा होगा फॉल्ट होने के बाद करंट की वैल्यू ज्यादा होगी तो तीनों फेज में करंट सेम फ्लो होगा ध्यान रख सिमेटिक है ठीक है और इनके बीच में एंगल भी 120 डिग्री का ही रहेगा यह हमारा सिमिट्रिकल फॉल्ट है ठीक है तीनों फेज इवॉल्व हो गए ग्राउंड भी इवॉल्व होगा तब भी सेम ही आएगा सिमिट्रिकल फॉल्ट के अंदर किसी भी तरह का जीरो या नेगेटिव सीक्वेंस करंट फ्लो नहीं होता क्यों क्योंकि सिस्टम हमारा बैलेंस कंडीशन पर रहता है सिर्फ और सिर्फ पॉजिटिव सीक्वेंस स करंट यहां पर फ्लो होती है सिमिट्रिकल फॉल्ट में ठीक है अब इसको पर फेज बेसिस एलिसिस में करूं तो ना तो कोई जीरो सीक्वेंस है ना नेगेटिव सीक्वेंस है तो खाली आपने बना दिया मैंने पॉजिटिव सीक्वेंस सर्किट अल्टरनेटर का ठीक है अल्टरनेटर के साथ अगर लाइन वगैरह तो आप इसके साथ बना दोगे यह हो गया हमारा शॉर्ट सर्किट अब मैं करंट निकाल रहा हूं य खाली पॉजिटिव सीक्वेंस करंट है वही आपका फॉल्ड करंट होगा दिस इ द फड करंट सेम e अपन जव बहुत ही सिंपल है अगर हम लोग लोड करंट को नहीं लेकर चलेंगे तो ई की वैल्यू भी हमेशा वन प रहेगी हमेशा नॉमिनल वोल्टेज रहेगा अगर फॉल्ट का इंपसब है फल्ट इडेंस क्या होता है जब जब आपका फॉल्ट होता है तो आर्क बनता है तो आर्क का अपना एक रेजिस्टेंस होता है आर्क रेजिस्टेंस भी अगर गिवन है तोब आप ज फॉल्ट एंपीस हमेशा रेजिस्टिव नेचर का ही होता है e अप z1 अप z एगा अगर नो लोड कंडीशन पर फॉल्ट होता है तो मैंने आपको बताया था e की वैल्यू हमेशा वन रहेगी क्योंकि हर जगह पर वोल्टेज हमारा नॉमिनल वोल्टेज रहता है उस टाइम पर समझ आइए कैसे निकालो अगर कोई कॉम्प्लिकेटेड सर्किट दे रखा है बड़ा सा और सिमेटिक फॉल्ट हो गया तो हम लोग फॉल्ट करंट की वैल्यू को कैसे फाइंड आउट करेंगे सबसे पहले आप सिंगल लाइन डायग्राम बना दीजिए पावर सिस्टम का एक कॉमन बेस लीजिए और पूरे के पूरे सिस्टम को आप कन्वर्ट कर दीजिए प के अंदर प रिएक्टेंस निकाल लीजिए जनरेटर का ट्रांसमिशन लाइन का ट्रांसफॉर्मर का सिंगल लाइन डायग्राम से इन रिएक्टेंस को लेकर एक फेज और ग्राउंड के बीच जो डायग्राम बनाते हैं उसको बोलते हैं रिएक्टेंस डायग्राम ठीक है जिसमें एक फेज होता है और एक न्यूट्रल होता है जहां पर भी फॉल्ट हो रहा है उस जगह पर कर दीजिए शॉर्ट सर्किट अगर फॉल्ट का इंपेडेंस दिया हुआ है तो शॉर्ट सर्किट करोगे फॉल्ट इंपेडेंस को लेते हुए अब आपने एक सर्किट बना दिया शॉर्ट सर्किट भी कर दिया उसको सॉल्व करके आपको करंट की वैल्यू निकाल सिंपल सी बात है तो रिएक्टेंस डायग्राम को आपको रिड्यूस करना है कोई भी मेथड यूज करिए सीरीज पैरेलल कॉमिनेशन यूज करिए स्टार डेल्टा यूज करिए कीपिंग द आइडेंटिटी ऑफ फॉल्ट पॉइंट इंटैक्ट फॉल्ट पॉइंट वाले को चीज मत करिए क् वहीं तो हमें फॉल्ट करंट निकालना है बाकी पूरे सर्किट को कंपैक्ट बना दीजिए ठीक है अब वैसे तो देखिए कोई मेथड आप यूज कर सकते हैं लेकिन जनरली हम लोग यूज़ करते हैं थवन वाला मेथड तो आपको पता है कि जहां पर भी फॉल्ट हुआ है ना उसके अक्रॉस आप थ इंट वोल्टेज और इडेंस निकाल लीजिए सिंपल सी बात है फाइंड द रिएक्टेंस सीन फ्रॉम द फॉल्ट पॉइंट इट इ कॉल्ड द थवन इक्विवेलेंट रिएक्टेंस मैंने आपको बताया था कि अगर हम लोग लोड करंट को नहीं लेकर चल रहे हैं तो हर जगह पर वोल्टेज वन ही रहेगा तो थ इट वोल्टेज वही आता है ली आप इडेंस निकाल लीजिए यहां पर हमें निकालना जिस वाले पॉइंट के ऊपर ध्यान रखिए फल्ट वाला पॉइंट और जो जीरो पोटेंशियल बस है इनके बीच का आप निकाल लेंगे इक्विवेलेंट इपेंसिल गगा य ये आपका थम क्लेंट इंपेडेंस और कुछ नहीं है इसके अलावा य य आया सिस सिस्टम आरट द न कंडीशन ट वोल्टेज मैंने बताया वन ही रहेगा इससे आप फ करंट की वैल्यू को को निकाल लोगे ठीक यह तो आपको जरूरत नहीं है इसको छोड़ दीजिए या जरूरी नहीं कि आप थ वाला मेथड यूज करें या कोई भी मेथड को आप यूज करके आप फॉल्ट करंट की वैल्यू को फाइंड आउट कर सकते हैं क्या चीज थ्री टाइम्स करोगे ी टाइम्स नहीं करना है e अपन जव निकालना है यहां पर खाली e अपन जव दैट इज द फॉल्ट करंट देखिए समझिए एक बार कोई भी नेगेटिव सीक्वेंस या जीरो सीक्वेंस करंट नहीं है खाली पॉजिटिव सीक्वेंस करट निकाला ना वही आपका वही आपका फेस का करंट है ठीक है करंट आपका हर फेज में नहीं फ्लो होता सपोज कर मेरा एक आप समझ मेरा एक फेस के अंदर फॉल्ट हो ग वाले फेज में फॉल्ट हुआ है समझ में आया इसका मतलब यह जो करंट फ्लो हो रहा है फेस का वही फॉल्ट करंट है अब ए फेस के करंट को हम लोग कैसे लिख सकते हैं जीरो सीक्वेंस करंट पॉजिटिव सीक्वेंस करंट और नेगेटिव सीक्वेंस करंट अब आपको पता है जब सिमिट्रिकल फॉल्ट होता है तो ना तो जीरो सीक्वेंस होता है ना पॉजिटिव सीक्वेंस होता है तो फॉल्ट वाला जो करंट है व आईव ही है आईव आईव क्या है ये आईव खाली e अपन जव कुछ नहीं करना है e ववन का मतलब क्या होता है रेटेड वोल्टेज ध्यान रखिए मेरे कहने का मतलब है देखि आप सोचिए आपके पास में एक सोर्स यह मेरा अल्टरनेटर है अल्टरनेटर है सपोज कर अल्टरनेटर है यहां पर आपने ट्रांसमिशन लाइन लगा रखी है ऐसे फिर कोई ट्रांसमिशन लाइन है और यहां पर आप लोड है बट हम य मान के चलते हैं कि फॉल्ट करंट से पहले करंट फलो ही नहीं हो रही है करंट अगर फ्लो नहीं हो रही तो कहीं पर भी चाहे व किस जगह पर फॉल्ट हुआ हो अगर मैं वोल्टेज निकालू ल् इसके बराबर ही होगी ना और यह कितना है वन न मतलब रेटेड वोल्टेज पर काम कर रहा है अगर मेरा फल्ट अगर मेरा लोड पर करंट फ्लो रहा होता फल्ट से पहले तो यहां पर वोल्टेज यह मान वोल्टेज ड्रॉप के बराबर आता फल्ट वाले पॉइंट के ऊपर ब जब करंट इनी फ्लोर हम मान के चल रहे हैं कि लो फॉल्ट होने से पहले कोई करंट नहीं फ्लो हो रहा है इसका मतलब हर जगह पर वोल्टेज की वैल्यू सेम होगी क्योंकि कहीं पर भी वोल्टेज ड्रॉप नहीं हो रहा और यह वोल्टेज जो मेरा अल्टरनेटर का ईएमएफ है उसके बराबर ही होगा जिसकी वैल्यू वन प है क्लियर अब यहां पर अगर आपको प्री फॉल्ट लोड करंट गिवन है तब कैसे करोगे मतलब यहां पर हम लोग फॉल्ट होने से पहले वाला करंट भी लेकर चलते हैं यह एग्जाम में एक बार आया हुआ है ध्यान रखना थोड़ा य थोड़ा टफ होता है अगर आपके पास में लोड करंट गिवन हो मतलब पहले फॉल्ट होने से पहले भी करंट फ्लो हो रहा है सर्किट में इसकी वैल्यू को आप मॉडिफाई कर दोगे अकॉर्डिंग टू लोड करंट कैसे क्योंकि जो हमारा यह वैल्यू है ना यह फिक्स नहीं है सब ट्रांज टाइम में एक्सडी डबल ड है ट्रांज टाइम में एक्स ड है ठीक है तो नॉर्मल तो मेरा यह रहता है लेकिन जब सिस्टम में फॉल्ट हुआ उस टाइम पर य एक्सटी डबल ड हो जाता है उस टाइम पर तो ी की वैल्यू अब चेंज हो गई है कितनी हो ग टी प्लस आ इन एक्सटी डबल ड तो आपको इंड्यूस की वैल्यू चेंज कर पड़ेगी आपको जी डबल ड निकालना पड़ेगा जो इंड्यूस ईएफ है अल्टरनेटर का बिहाइंड द सब ट्रांसंट रिएक्टेंस सब ट्रांसंट रिएक्टेंस के बाद ठीक है तो यहां पर वन नहीं लेना है यहां पर इसको आपको आपको चेंज करना है अकॉर्डिंग टू लोड करंट एंड द सब ट्रांजिट रिएक्टेंस जनरेटर के लिए ऐसा बनाओगे मोटर के लिए न करंट उल्टा हो जाता है तो यहां पर नेगेटिव आ जाएगा मोटर केलिए नेगेटिव आ जाएगा अब हमें क्या करना है रिप्लेस द सिंक्स मशीन मोटर एंड जनरेटर बाय द गिवन सर्किट मॉडल मतलब यहां पर वन नहीं यूज करना है ईजी डबल ड और ईम डबल ड यूज करना है उसके अलावा बाकी सब चीजें सेम रहेगी एग्जाम में आने के बहुत ही कम चांस है अगर आता है तो बहुत सिंपल वाला आएगा कि आपको ईजी डबल ड निकाला और शॉर्ट सर्किट कर दिया तो डायरेक्ट ईजी डबल ड डिवाइड बाय ये आप करंट की वैल्यू फाइंड आउट कर लोगे एक बार एग्जाम में आया हुआ है वो बहुत ही सिंपल टाइप का था ठीक है दूसरा मेथड किके लिए अगर लोड करंट आपको दी हुई है तो दूसरा मेथड हम लोग कैसे करेंगे जनरली फॉल्ट करंट तो बहुत हाई होती है तो फॉल्ट से पहले जो करंट फ्लो रही होती है व बहुत कम होती है हम लोग नेगलेक्ट मान लेते हैं लेकिन अगर नहीं मान रहे हैं तो आप सुपर पोजीशन थ्योरम यहां पर यूज करोगे सुपर पोजीशन थ्योरम का मतलब है देखिए अब अभी तक मैं इसको वन मान रहा था लेकिन अब यहां पर वन नहीं लेके चलोगे यहां पर आपको फॉल्ट वाले पॉइंट के ऊपर वोल्टेज की वैल्यू निकालनी होगी क्यों निकालनी हो अभी मैंने आपको बताया था ना अगर करंट आप मान के चल रहे हो यहां पर मानो यहां अगर मैं मान रहा हूं कि फॉल्ट होने से पहले भी करंट फ्लो हो रहा था तो यहां पर जो वोल्टेज है वन नहीं रहेगा बल्कि वन माइनस जितना भी वोल्टेज ड्रॉप होगा ना उसके बराबर आएगा ठीक है तो अगर आपको लोड करंट दिया हुआ है तो आपको प्री फॉल्ट फॉल्ट करंट के अकॉर्ड प्री फोल्ड वोल्टेज निकालना होगा फिर आपको फॉल्ड करंट निकालनी होगी ठीक तो फॉल्ड करंट के अलावा लोड करंट भी फ्लो हो रही है हम मान के चल रहे हैं तो दोनों को आप का सम कर दोगे य निकालने के लिए बट यहां पर ध्यान में रखना है कि अगर लोड आपका सिंक्स मोटर है तो मोटर भी ल् करट को सप्लाई करेगा मतलब समझना एक बार जैसे मेरा यह जनरेटर है सपोज कर मेरा जनरेटर है यह इसका इंपेडेंस है इसके बाद एक ट्रांसमिशन लाइन आ गई यह मोटर है यह मोटर है पहले क्या हो रहा था जनरेटर मोटर को करंट दे रहा था ऐसे करंट ऐसे फ्लो रहा होगा मोटर आपका लोड है जनरेटर इसको करंट दे रहा था ऐसे हो गया य सपोज करें इस जगह पर एक फॉल्ट हो गया फॉल्ट होने पर जनरेटर फॉल्ट को करंट देगा यह आपका फॉल्ड करंट है बट यह सिनस अगर मोटर है तो यह भी फॉल्ड करंट देगा यह भी फॉल्ट को करंट देता है मैंने ये बन जाता है जनरेटर तो अगर आपको यहां पर करंट निकाल तो दोनों का सम करोगे दोन डायरेक्शन में यहां पर करट निकालना तो दोनों का डिफरेंस करोगे दोनों अपोजिट डायरेक्शन में ठीक है सो डायरेक्शन ऑफ लोड एंड फ करंट विल बी अपोजिट तो यहां पर आपको इसका डिफरेंस करना होगा हालाकि प0 पर चां इसके ऊपर क्वेश्चन आ जाए क्योंकि एग्जाम में जनरली नहीं आता है इतना लेंथी क्वेश्चन फल्ट एमवी इसको हम लोग फल्ट बोलते हैं जब सिस्टम में फॉल्ट होता है उस टाइम का जो एमवी होता है उसको हम बोलते हैं फॉल्ट एमवी ठीक है फॉल्ट एमय श सक ए क्या होता है रथ प्री फॉल्ट वोल्टेज क्यों क्योंकि फॉल्ट जिस जगह पर हो गया वो तो वोल्टेज जीरो ही हो जाएगा श सेकंड वोल्टेज जीरो तो वोल्टेज तो हम लोग प्री फल्ट वोल्टेज लेते हैं लेकिन करंट हम लेके चलते हैं फल्ट वाला करंट अगर आप कोय प में दे रखा हो तो आपको पता है प के अंदर हम रथ लेके चलते हैं तोय हो जाएगा व पय इनटू आई पयट करंट क्योंकि वी पीयू हमारा वन है अगर आपने लोड करंट को नहीं मानते हो तो व पव को लेते हो इसका मतलब जितना फल्ट करंट की प वैल्यू है उतना ही शॉर्ट सर्किट एमबी की पय वैल्यू होती है तो फड करंट की प वैल्यू व अपन जव प् ज है उतना हमारा शॉर्ट सर्किट का एमवी होता है बस यहां पर क्या होगा क्योंकि अगर आपको एक्चुअल एमवी निकालना है तो आप इसको बेस एमए से मल्टीप्लाई करोगे ठीक है अभी बस ले रहे इसके बाद खत्म करके इसके बाद में ले रहा हूं ठीक बस एबी से मल्टीप्लाई करेंगे यह वाला पार्ट खत्म कर देता हूं उसके बाद में आ तीन स्लाइड और देख लीजिए सिमेटिक फल्ट करने के पीछे सबसे मेन रीजन है कि हमें सर्किट ब्रेकर की रेटिंग निकालनी होती है तो सर्किट ब्रेकर की रेटिंग हम लोग निकालते हैं थ्री फेस फल्ट से जो सेमेटिक फॉल्ट होता है पहला है रेटेड मोमेंट करंट तो रेटेड मोमेंट करंट इट इज द पीक वैल्यू ऑफ करंट ड्यूरिंग द शॉर्ट सर्किट इंक्लूडिंग द डीसी ऑफसेट वैल्यू अब देखि हमें पता नहीं डीसी ऑफसेट वैल्यू अलग-अलग हो सकती है किस टाइम पर शॉर्ट सर्किट हुआ उसके अकॉर्डिंग डीसी ऑफसेट वैल्यू अलग-अलग हो सकती है हम यह मान लेते हैं कि करीब 60 पर के आसपास रहती है नॉर्मली हमने ऐसा मान लिया तो जो मोमेंट रेटेड मोमेंट करंट होगा वो सिमिट्रिकल करंट का 1.6 टाइम्स लेकर चलेंगे इसमें ऑफसेट करंट भी इंक्लूडेड है डीसी वाला कंपोनेंट यह हमारा य तो ध्यान रख यह रेटेड मोमेट करंट यह आपका रेटेड सिमिट्रिकल इंटरप्टिंग करंट कितनी करंट य ब्रेक कर सकता है ठीक है सो इट सिमिट्रिकल करंट वि सर्किट ब्रेकर कैन इंटरप्ट ली सिमेटिक करंट की बात कर यहां पर डीसी ऑफसेट करंट नहीं है ठीक है सिमिट्रिकल इंटरप्टिंग करंट खाली एसी वाला कंपोनेंट ठीक है जो भी हमारा सर्किट ब्रेकर ऑपरेट होता है मेनली ऑपरेट होता है ट्रांज रीजन के अंदर जनरली अल्टरनेटर के लिए हम लोग लेके चलते हैं सब ट्रांसंट और मोटर के लिए लेके चलते हैं ट्रांसंट जजन अगर डीसी ऑफसेट करंट आपको यहां पर ऐड करनी है टू ऑब्टेन द करंट टू डीसी इंटरप्टेड बाय द मल्टीप्लाई वेक्टर तो कितने साइकिल के अंदर यह ऑपरेट हो रहा है उसके अकॉर्डिंग हम इतने इसको इतने फैक्टर से मल्टीप्लाई कर देते हैं ठीक है अगर बहुत कम टाइम हुआ तो करीब 40 पर डीसी ऑफ करंट होगा थ साइकिल में होता है तो 20 पर होगा तो यह मल्टीप्लाइंग फैक्टर आपको दे रखा होगा इसको लेके चलेंगे ठीक है यह अगर आपने इंटरप्टिंग करंट निकाली सिमेटिक इंटरप्ट करंट कितनी करंट ब्रेक कर सकता है अब इंटरेक्ट एमवी तो रथ व रेटेड आई रेटेड आई रेटेड मतलब कौन सा वाला लो चलो यह वाला करंट यह वाला आई रेटेड इंटरप्टिंग करंट य सर्किट ब्रेकर की रेटिंग के अंदर जो रेटेड इंटरप्टिंग एम होता है वो फल्ट एम से जा होना चाहिए चलिए यहां तक मैं अब आपको दे रहा हूं ब्रेक हम लोग मिलेंगे आप कर लीजिए डिनर 9945 पीएम 20 मिनट का ब्रेक हो गया आपका ठीक है ब ब ब ब ब ब ब ब ब हेलो एवरीवन वेलकम बैक टू द क्लास ऑफ पावर सिस्टम वापस से आ जाइए आई होप आपने अपने डिनर कर लिया होगा नफ टाइम था हमें हमारे पास में डिनर करने के लिए तो बच्चों हम लोग डिस्कस कर रहे थे फॉल्ट को और फॉल्ट के अंदर जो सिमेटिक फॉल्ट वाला पार्ट मैंने आपको बता दिया था ना व मूव टू द अन सिमेटिक फॉल्ट अब हम लोग अनसम मेट्रिकल फॉल्ट पर मूव करेंगे तो चलिए आ जाइए अनसम मेट्रिकल फॉल्ट के अंदर पहला फल्ट होता है लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट कौन सा लाइन ग्राउंड एक जो फेज है वो हमारा ग्राउंड से कनेक्ट हो गया अगर हमने ने फॉल्ट का इंपेडेंस की वैल्यू को यहां पर zf2 ग्राउंड फॉल्ट को आप लोग कैसे बताओगे यहां पर जो तीनों नेटवर्क होंगे जीरो सीक्वेंस पॉजिटिव सीक्वेंस और नेगेटिव सीक्वेंस ये सीरीज में कनेक्ट होंगे विथ द फॉल्ट इंपेडेंस को आप थ्री से मल्टीप्लाई कर दीजिए 3z है जीरो सीक्वेंस में जब जो z नो यूज करेंगे ना उसमें यह हो गया नेगेटिव सीक्वेंस और यह हो गया जीरो सीक्वेंस अगर मैं यहां पर आव की वैल्यू निकालता हूं पॉजिटिव सीक्वेंस करंट की वैल्यू निकालो तो यह आ जाएगा e z1 प् ज2 प्स ज0 प्स 3f प् 3 इन ज ए ठीक है ये आव मिल गया क्योंकि तीनों सीरीज में कनेक्टेड है मतलब आव आ2 जीरो तीनों सेम ही होंगे ठीक है तो यहां पर हम लोग लेकर चलेंगे आईव की वैल्यू आट की वैल्यू आई0 की वैल्यू सेम होगी तो जो फॉल्ड करंट होगा वो आपका तीनों के सम के बराबर होगा ठीक है एक फेस भी अंदर आ है ये थ से मल्टीप्लाई हो जाएगा तो ये हो जाएगा 3 न e जव प् ज2 प्स ज0 प् 3 ज ये आ जाएगा ज के अंदर ज0 प्स 3n दोनों इंक्लूड होंगे ध्यान रखिएगा फॉल्ट एमवी निकालना सिंगल लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट के अंदर वही रथ प्री फेड वोल्टेज जो वन प के बराबर ही होगी और करंट की वैल्यू यानी प के अंदर फॉल्ट करंट की वैल्यू और प के अंदर फॉल्ट एमवी सेम होगा खाली आपको एक्चुअल एमवी निकालने के लिए बेस एमवीएस इसको मल्टीप्लाई करना पड़ेगा अगर हम लोग कंपैरिजन करते हैं तो थ्री फेस फॉल्ट आपका इसको हम लिख सकते 3 अप जव ठीक है 3 जव और लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट आपका ये है अगर अल्टरनेटर का न्यूट्रल अनग्राउंडेड है और अल्टरनेटर के टर्मिनल के ऊपर फॉल्ट आ रहा है अनग्राउंडेड का मतलब यह आपका खाली जज जीरो होगा ठीक है तोब दोनों को आप कंपेयर कर लीजिए देखिए आपको पता है z1 ज2 की वैल्यू ज0 से ज्यादा है इसका मतलब 3 जव की वैल्यू ज्यादा होगी z1 प् ज2 प् ज0 से ठीक है अल्टरनेटर के टर्मिनल पर हो रहा है इसका मतलब इसकी वैल्यू कम है तो आईएफ की वैल्यू यहां पर ज्यादा हो जाएगी इस आई से यानी यहां पर जो लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट के केस में फॉल्ट करंट होता है वह थ्री फेस फॉल्ट के फॉल्ट करंट से ज्यादा होगा तो ध्यान रखना अल्टरनेट के टर्मिनल के ऊपर आपका लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट ज्यादा सीवियर होता है इस कंपेयर टू थ्री फेज फॉल्ट से अब अगर अल्टरनेटर के न्यूट्रल को हमने ग्राउंड किया हुआ है जड इंपेडेंस से तब हमें यहां पर देखना है यानी ज इडेंस आपने लगा रखा है तो देखिए दोनों करंट अगर मेरे को इक्वल करनी है यानी लाइन टू ग्राउंड फल्ट वाली और थ्री फेस फल्ट वाली करंट अगर आपको इक्वल करनी है तो न्यूमेट तो दोनों का सेम है ना यही अलग अलग है तो थ्री फेस फल्ट में 3 जव आ गया और यहां पर आ रहा है z1 + z2 प्लस z0 का मतलब z0 + 3 तो क्या होगा जब z1 प् ज2 प् ज0 प् 3n य 3 जव के बराबर यानी इसकी वैल्यू 3 जव से ज्यादा होनी चाहिए ट मींस अगर z ए की वैल्यू 2 जव माइनस ज2 माइनस ज0 अप 3 से ज्यादा हो जाएगी तो आपका लाइन टू फल्ट थ फेस फॉल्ट से ज्यादा सीवियर हो जाएगा अगर अल्टरनेटर फॉल्ट हो रहा है जनरेटर से दूर ट्रांसमिशन लाइन पर ट्रांसमिशन लाइन में मैंने आपको बता ज0 की वैल्यू ज्यादा थी एस कंपेयर टू z1 एंड ज2 ठीक है इसका मतलब क्या हो जाएगा यह वाली वैल्यू इससे ज्यादा हो जाएगी यानी जव प् ज2 प्स ज0 की वैल्यू ज्यादा हो गई है 3 जव से तो लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट कम सीवियर हो जाएगा एस कंपेयर टू थ्री फेस फॉल्ट से अल्टरनेटर के टर्मिनल पर लाइन टू ग्राउंड फल्ट ज्यादा सीवियर होता है लेकिन ट्रांसमिशन लाइन पर थ्री फेस फॉल्ट ज्यादा सीवियर होता है ठीक है हा पहले वाले केस में लिखा हुआ है ना मैंने य पर अनग्राउंडेड अल्टरनेटर न्यूट्रल इज अनग्राउंडेड आपने इसको ग्राउंड नहीं मान रखा पहले वाले केस में ठीक है एग्जांपल मतलब लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट का एग्जांपल बताऊ आपको लाइन टू ग्राउंड फल्ट का एग्जांपल य होता है कि आपके तीन वायर ऐसे जा रहे होते हैं ठीक है यहां पर समझिए और यहां पर आपने आप यह सोचिए यह मेरा एक व है क्रॉस आर्म क्रॉस आर्म के ऊपर इस तरह की स्ट्रिंग होती है और स्ट्रिंग के नीचे हमारा जा रहा होता है ऐसे कंडक्टर जब कभी भी हाई वोल्टेज आएगा नो लाइटिंग की वजह से आ गया तो इसके ऊपर हो जाएगा फ्लैश ओवर क्या होगा फ्लैश ओवर फ्लैश ओवर का मतलब यह वाला जो कंडक्टर है यह ग्राउंड से साथ में टच हो गया इट इज कॉल्ड द लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट यह आपका लाइन टू ग्राउंड फल्ट मेनली जो फॉल्ट होते है इस वजह से होते है जो मैंने आपको बताया अब हम लाइन टू लाइन फॉल्ट पर आ रहे हैं या लाइन टर्मिनल आपस में कनेक्ट हो जाता है और अगर आपने य पर इडेंस ले लिया फल्ट इडेंस भी लेके चल रहे ज एफ लेकर चल रहे हैं तो आई की वैल्यू तो जीरो लेकिन आई बी और आईसी की वैल्यू यहां पर एजिस्ट करेगी और आई बी और आईसी की वैल्यू य पर फॉल्ड करंट है तो खाली पॉजिटिव सीक्वेंस नेटवर्क और नेगेटिव सीक्वेंस नेटवर्क है और य दोनों पैरेलल में कनेक्ट होंगे विद द जव ठीक है तो करंट यहां पर खाली जो फ्लो होगी आईव उसकी वैल्यू आ जाएगी e अपन z1 प् ज2 प्लस ज य पर नहीं लगाना ज के साथ में यानी कि ी तब लगता है जब ग्राउंड इवॉल्व हो अगर थ नहीं निकल रहा ग्राउंड इ नहीं तो ली य पर लेके चलना है आ जी की वैल्यू आट आईव दोनों एक दूसरे के नेगेटिव है और जो फॉल्ट करंट आता है वह आपका रथ आ जाएगा माइनस ज इन रथ टाइम्स ऑफ दिस करंट माइनस जरथ ऑफ दिस करंट तोय हमारा हो गया फॉल्ट करंट की वैल्यू यह आपको याद रखना है लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट में यहां पर z एफ के साथ में 3 जए नहीं आएगा और अगर आपको फॉल्ट एमए निकालना है तो √3 प्री फॉल्ट वोल्टेज प में वन ही हो जाएगा जितना फॉल्ट करंट की प वैल्यू है उतना ही फॉल्ट एमवी की प वैल्यू होगी हां डीसी कंप डा एक्सपो तो क्लियर है इसमें क्या चीज बताना है बताओ इसका एग्जांपल क्या बताना है मैं समझा नहीं जब शॉर्ट सर्किट करंट फ्लो होता है ध्यान रखिए जब सिस्टम में शॉर्ट सर्किट होता है ट्रांसमिशन लाइन के अंदर तो दो करंट फ्लो होती है एक होता है एसी करंट दूसरी होती है डीसी करंट क्योंकि डीसी करंट मैं ऐसे लिख रहा है e रे टू द पावर माइनस t अपन आटी अपन ए इसका मतलब टाइम के साथ में इसकी वैल्यू कम होती जा रही है एक्सपो रूप से डिक्रीज हो रही है लेकिन अगेन ये थीटा माइनस अल्फा के ऊपर भी डिपेंड करेगी यहां पर एक लिखा है थीटा माइनस अल्फा अगर और अल्फ इक्वल हो तब यह वैल्यू जीरो होगी जरूरी नहीं हमेशा होय थीटा अल्फा के बराबर हो गया तब यह वाली वैल्यू यानी डीसी एक्सपो करंट की वैल्यू तब जीरो हो जाएगी डबल लाइन टू ग्राउंड फ प जाइए दो लाइन आपस में शॉर्ट सकट हो गई है और यहां पर फॉल्ट एमवी है तो फॉल्ट करंट य पर आई बी प्लस आईसी के सम के बराबर होता है तो फॉल्ट एमवी इज नथिंग बट द सम ऑफ आई बी प्स आई ये सबसे बेस्ट मेथड है आप फॉल्ट करंट ले लोगे थ्री टाइम्स ऑफ आ नो क्योंकि जो फॉल्ट करंट कहां से आएगा अल्टीमेटली इधर जो न्यूट्रल होगा ना उससे वापस लौट के आएगा ऐसे और ये करंट होती है 3 आ नो जब आप इसको ड्रा करते हो तो जीरो सीक्वेंस नेट देखिए पॉजिटिव सीक्वेंस नेटवर्क और नेगेटिव सीक्वेंस नेटवर्क ये दोनों पैरेलल में कनेक्टेड है और जीरो सीक्वेंस नेटवर्क भी इसके साथ पैरेलल में कनेक्टेड है लेकिन इसके साथ में z ए आ रहा है ठीक है ये आपने ऐसे बना लिया तो अगर यहां पर मैं i1 की वैल्यू निकालता हूं सपोज करिए क्या आ जाएगी e अपॉन z1 ये दोनों पैरेलल में कनेक्टेड है जीरो सीक्वेंस और नेगेटिव सीक्वेंस जीरो सीक्वेंस और नेगेटिव सीक्वेंस लेकिन जीरो सीक्वेंस के साथ में 3 ज भी लगा हुआ है तो क्या हो जाएगा यह यह हो गया ज2 ज0 प् 3n यह भी लगा हुआ है ज2 प्लस ज0 प् 3 ज यह आई नॉ है ध्यान रखिएगा आईव आईव से मैं निकालू आई न समझना एक बार जैसे मेरा यह पॉजिटिव सीक्वेंस कंपोनेंट है ई एंड जव ने सीक्वेंस खाली z2 है और जीरो सीक्वेंस के अंदर z नो के साथ में 3f भी है ये आपका हो गया आई0 तो आप इससे आ 0 भी निकाल सकते हो आई0 की वैल्यू क्या हो जाएगी आ a1 क्या लगाओगे करंट डिवीजन रूल z2 अपन और यह आपको मिल गया तो जो फॉल्ड करंट हो जाएगी वह 3 आ जीरो हो जाएगी आप एक चीज ध्यान में रखिएगा अगर यहां पर जड नो मतलब कंप्लीट है जड नो का मतलब जो भी आपको जड नो दे रखा है ना और अगर इंपेडेंस होगा इसके साथ में तो ये 3 ज भी आपको लेना पड़ेगा ठीक है ये ध्यान में रखना ठीक है बताइए यहां तक कोई डाउट किसी को एक सेकंड मैंने कुछ कलर त दिया क्या वहां पर अनग्राउंडेड नहीं इसको लिखो सॉलिडली ग्राउंडेड जीरो इडेंस ठीक है अन का मतलब इनफा इडेंस हो जाएगा तो अब लाक इसके आने के चांसेस तो ऑलमोस्ट नेगलिजिबल लेकिन अगर आ जाता है तो आप क्या म थोड़ा बहुत ध्यान में रखिए ऑब्जेक्टिव में आ जाता है अगर प्री फॉल्ट लोड करंट दे रखी है मैं बात कर रहा हूं अनसिमिट्रिकल फॉल्ट के केस में अगर लोड करंट दे रखी है तो अगेन पहले की तरह मैंने आपको बताया था हम लोग सुपर पोजीशन थ्योरम यूज करेंगे ठीक है सबसे पहले जिस जगह पर फॉल्ट हुआ है उस जगह पर आपको प्रीफोल्ड वोल्टेज निकालना पड़ेगा क्योंकि अभी वन नहीं होगा वन माइनस कुछ वोल्टेज ड्रॉप होगा उसके बराबर आएगा पूरा का पूरा आप सीक्वेंस नेटवर्क ड्रा करोगे और जिस तरह का फॉल्ट है उसके अ सीक्वेंस नेटवर्क को आपस में कनेक्ट करोगे जैसे अगर लाइन टू ग्राउंड है तो तीनों के तीनों कनेक्ट हो जाएंगे सीरीज के अंदर ठीक है उससे आप तीनों सीक्वेंस कॉम्पोनेंट ऑफ करंट निकाल लोगे पॉजिटिव सीक्वेंस नेगेटिव सीक्वेंस और जीरो सीक्वेंस अब जो मेरा फॉल्ट करंट है उसमें लोड करंट को हम लोग ऐड कर देंगे बट यहां पर एक चीज ध्यान में रखना है कि जो मेरा लोड करंट होता है ना यह बहुत इंपॉर्टेंट है लोड करंट खाली पॉजिटिव सीक्वेंस कंपोनेंट है ठीक है मतलब मेरे फॉल्ट करंट के पॉजिटिव सीक्वेंस के साथ में लोड करंट ऐड होगा लोड करंट के साथ में जो आपका फॉल्ड करंट है ना उसका पॉजिटिव सीक्वेंस कंपोनेंट ऐड होगा नेगेटिव सीक्वेंस कंपोनेंट सेम रहेगा जीरो सीक्वेंस कंपोनेंट आपका सेम रहेगा ठीक है क्योंकि जो लोड करंट इ हैज ओनली द पॉजिटिव सीक्वेंस कंपोनेंट इसमें कोई दूसरा कंपोनेंट एजिस्ट नहीं करता है चलिए यहां पर खत्म होता है हमारा फॉल्ट वाला पार्ट कोई डाउट हो तो पूछिए किसी तरह का डाउट फॉल्ट के अंदर अब हमारे स्टेबिलिटी के ऊपर स्टेबिलिटी का मतलब होता है कि किसी भी सिस्टम की कैपेबिलिटी कि वोह वापस से इक्विलियम पोजीशन पर लौट के आ जाए अगर डिस्टरबेंस हो भी गया डिस्टरबेंस होने के बाद अगर यह वापस सेम पोजीशन पर आ जाता मतलब वो सिस्टम हमारा स्टेबल सिस्टम है पावर सिस्टम के अंदर जो स्टेबिलिटी होती है वह मेनली हमारा सिंक्रोनस मशीन से रिलेटेड होती है अगर पावर सिस्टम में पूरा का पूरा ए सिंक्रोनस जनरेटर हो और एसिंक्रोनस लोड हो तब तो इस तरह के सिस्टम में किसी भी तरह की स्टेबिलिटी की प्रॉब्लम नहीं होती ठीक है लेकिन अगर सिंक्रोनस जनरेटर है और एसिंक्रोनस लोड है तो यहां पर एक स्टेबिलिटी क्रिएट हो होती है वोल्टेज स्टेबिलिटी इट कॉल्ड द वोल्टेज स्टेबिलिटी इस तरह के सिस्टम में आपको कांस्टेंट वोल्टेज रिक्वायर्ड है क्यों जैसे आप सोचिए एक आपका इंडक्शन मोटर है ये एस मोटर है तो उसको कांस्टेंट वोल्टेज तो चाहिए होता है ना अगर कांस्टेंट वोल्टेज नहीं मिलेगा सो इट कैन नॉट बी वर्क प्रॉपर्ली य आप सोचिए अगर नॉर्मल एक ट्यूबलाइट भी है और अगर आपको वोल्टेज कांस्टेंट नहीं मिल रहा तो यह प्रॉपर्ली तरीके से काम नहीं कर सकती प्रॉब्लम तब आती है मेनली जब सिंक्रोनस जन र के साथ में सिंक्स मोटर कनेक्टेड हो मतलब दो सिंक्स मशीन अगर आपस में कनेक्टेड है तो इस तरह के सिस्टम में वोल्टेज की लिमिट और करंट कैरिंग लिमिट के अलावा एक और लिमिट एजिस्ट करती है अगर आपने पावर को उससे ज्यादा फ्लो करवाने के लिए ट्राई किया इन दोनों के बीच में तो क्या होगा ज सिंक्स मशीन विल फॉल एन आउट ऑफ द स्टेप यानी सिंस मशीन अपनी सिंको को लूज कर सकते हैं अगर दोन दो सनको मशीन नहीं तो खाली दो ही लिमिट होती है वोल्टेज एक फिक्स आपको पहुंचाने है और करंट कैरिंग कैपेसिटी उससे ज्यादा हम लोग पावर को नहीं दे सकते तो पावर की एक लिमिट हो गई यानी कि आप जितनी मर्जी पावर इनके बीच में ट्रांसफर कर दें एक लिमिट के बाद द सिनस मशीन विल फॉल एंड आउट ऑफ द स्टेप ठीक है अब मेनली जो हम लोग यहां पर डिस्कस करेंगे जब किसी भी सिस्टम में एक से ज्यादा सिंक्स मशीन हो तो वहां पर तीन तरह की स्टेबिलिटी मेनली होती है पहली होती है स्टेडी स्टेट स्टेबिलिटी ट्रांसंट स्टेबिलिटी और तीसरी होती है डायनामिक स्टेबिलिटी स्टेडी स् स्टेबिलिटी का मतलब जब सिस्टम में स्लो और ग्रेज चेंज होता है स्मॉल और ग्रेज अगर चेंज हो रहा है य आप सोचिए अगर छोटा सा डिस्टरबेंस हुआ और ग्रेज डिस्टरबेंस हुआ उसके बाद भी अगर सिस्टम इयम पोजीशन पर वापस लौट के आ जाता है तो सिस्टम स्टेडी स्टेट स्टेबल सिस्टम है अगर स्लो स्मॉल या ग्रेज चेंज के के टाइम पर यह कितनी पावर ट्रांसमिट कर सकता है मैक्सिमम इसको हम बोलते हैं स्टेडी स्टेट स्टेबिलिटी लिमिट ठीक है स्लो चेंज का मतलब क्या होता है द रेट ऑफ चेंज ऑफ लोड इज लेस देन द रेट ऑफ चेंज ऑफ एक्साइटन यह आप कह सकते हैं जो रोटर के ओसिन की फ्रीक्वेंसी है व हमारे सिस्टम की नेचुरल फ्रीक्वेंसी से कम होनी चाहिए रोटर की पोजीशन में क्योंकि जो चेंज हो रहा है वो स्मॉल चेंज है तो हम यहां पर स्टेटिक मॉडल यूज कर सकते हैं स्टेटिक मॉडल मैं यहां पर यूज कर सकता हूं जैसे हमारा एक अल्टरनेटर हो गया अल्टरनेटर का रिएक्टेंस ठीक है तो यहां पर कितनी पावर फ्लो होगी v ए e आ से हम लोग निकाल सकते हैं कितना पावर फ्लो होगा v अपॉन एकटी जब भी हम लोग स्टे स्टेब देख रहे हैं तो हम मान के चलेंगे कि जो भी चेंज हुआ है वो तीनों फेज में सेम हुआ है ठीक है तो पावर एंगल कर्व को मैं यहां पर देख रहा हूं पावर एंगल कर्व प इज द e बटी एक्सिस एन साइन डेल्टा यानी जो पावर जो फ्लो हो रही है दैट इज द डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू द साइन डेल्टा डेल्टा की वैल्यू को इंक्रीज करोगे तो पावर की वैल्यू बढ़ती है 90 डिग्री तक उसके बाद इंक्रीज करोगे तो इसके डिक्रीज होना स्टार्ट हो जाता है ठीक है पहले इंक्रीज होती है उसके बाद यह डिक्रीज होना स्टार्ट हो जाता है तो लॉस लेस लाइन के अंदर पावर यानी v1 v2x इन साइन डेल्टा यहां तो मैंने इसकी बात करे थे जब अल्टरनेटर हो वरना दो टर्मिनल के बीच में जो पावर निकालो वही v1 v2 न डेल्टा डेल्टा के ऊपर डिपेंड कर रही है यानी मैक्सिमम पावर कब ट्रांसफर होगा जब डेल्टा की वैल्यू 9 डिग्री होगी तो 90 डिग्री हमारी लिमिट है उससे ज्यादा हम लिमिट नहीं कर सकते तो डेल्टा की जो मैक्सिमम लिमिट है यानी मैक्सिमम पावर कितनी ट्रांसफर कर सकते हैं वव व2 अपॉन एक्स न डेल्टा इ 90 डिग्री यानी अगर आपको कोई पूछता कि स्टडी स्टेट लिमिट कितनी है डेल्टा की तो 90 डिग्री है 90 डिग्री से ज्यादा हम लोग डेल्टा की वैल्यू को इंक्रीज नहीं कर सकते ए बी सीडी पैरामीटर की टर्म में मैंने आपको बता दिया था ठीक है ए बी सीडी पैरामीटर की टर्म में जब मैं पावर निकाल रहा था र सॉरी प तो आया था v एसवी आर अपन बी कॉस बीटा माइनस डेल्टा माइनस ए इनवी आर स्क्वायर अपॉन बी कॉस बीटा माइनस अल्फा ठीक है अब अगर शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन लेकर चलोगे तो ए की वैल्यू को आप वन कर दोगे अल्फा की वैल्यू हो जाएगी जीरो बी की वैल्यू हो जाएगी जड और बीटा की वैल्यू हो जाएगी बीटा की वैल्यू बीटा ही रखोगे क्योंकि आप रेजिस्टेंस को लेकर चल रहे हो तो बीटा की वैल्यू जड का एंगल है वो थ व हो जाएगी ठीक है तो यहां पर फिर पावर आ जाएगा स एसवी आर अपन जड कॉस थीटा ए की वैल्यू वन हो गई र स्क्वा अपन जड कॉस थीटा य तो थीटा माइनस डेल्टा है ठीक है तो अगर मैं इसकी मैक्सिमम वैल्यू निकालू प मैक्स कॉस थीटा मैक्सिमम वन हो सकता है य हो जाएगा v एसवी आ अपॉन जड मैक्सिमम वैल्यू कॉस थीटा और यह हो जाएगा v आ स्क्वा अपन जड कॉस थीटा आ अपन जड तो आप देख जब रेजिस्टेंस प्रेजेंट हो ना तो जो मैक्सिमम पावर लिमिट इससे भी कम आ रही है क्योंकि यहां पर अपन एक् है ये ज है यही वैल्यू ऑलरेडी कम होगी इसमें माइनस और हो रहा है उससे भी कम हो जाएगी यह आपका गट एग्जाम में एक बार आ चुका था अगर रेजिस्टेंस हो तो लिमिट इससे भी कम होती है v एवी अपन एक से भी कम होती है ठीक है अब हम लोग यहां पर डिफाइन करेंगे ए और h को ठीक है इनर्टिया कांस्टेंट होते दोनों के दोनों आपको पहचानने का तरीका है कि ए है या एच है वो आपकी यूनिट से पहचानी है पहला है इनर्स h ठीक है h य होता है किसी भी अल्टरनेटर का स्टोर एनर्जी डिवाइड बाय द रेटिंग ऑफ एमवीए ठीक है तो काइनेटिक एनर्जी इ द g * h ठीक है काइनेटिक एनर्जी कितनी हो जाएगी g * h ये हमारा काइनेटिक एनर्जी हो गई h की यूनिट एनर्जी मतलब मेगा जूल यह आपका एब है मेगा जूल को हम लोग मिली वोल्ट सेकंड अप एब भी ले सकते हैं तो इसकी जो यूनिट है आप इसको कहीं क भी ऐसा आता है किलोवाट सेकंड अपन केवी ये भी एक ही है ध्यान रखिए दोनों में कोई डिफरेंस नहीं है एक बार यह गेट एग्जाम में ऐसा दिया हुआ था तो यह आपको याद में रखना है ठीक है यानी एनर्जी डिवाइड बाय द रेटिंग इट इज कॉल्ड द एच इट इज कॉल्ड द एच इनर्टिया कांस्टेंट एक और होता है इसको बोलते हम लोग ए रेट आपको पहचानना किससे यूनिट से पहचानना होता है ये होता है जी अप पा ए या जी ए अप 180 जी एच जी एच क्या काइनेटिक एनर्जी जो मैंने आपको बताया था तो मेगा जूल इलेक्ट्रिकल रेडियन पर सेकंड फ्रीक्वेंसी इसकी इलेक्ट्रिक रेडियन पर सेकंड मेगा जूल इलेक्ट्रिकल डिग्री पर सेकंड तो ए और एच के बीच में य रिलेशनशिप है ठीक है बेसिकली एक ए हमारा एंगुलर मोमेंटम होता है किसके ऊपर सिन स्पीड के ऊपर सिनस स्पीड के ऊपर जो एंगुलर मोमेंटम है इट इज कॉल्ड द एम इट इज कॉल्ड द एम तो ए और एच के बीच रिले आपको पता लग गया यहां पर अब आइए स्विंग इक्वेशन स्विंग का मतलब है कि जब किसी भी सिस्टम में डिस्टरबेंस होता है तो अल्टरनेटर का जो रोटर होता है ठीक है जैसे अगर हमारा पावर इनपुट और आउटपुट पावर के अंदर कहीं पर भी चेंज हुआ अगर इनपुट पावर और आउटपुट पावर सेम मतलब कांस्टेंट बनी हुई तब तो सिस्टम इक्विलियम कंडीशन पर ऑलरेडी है बट अगर इनके बीच में कुछ डिस्टरबेंस हुआ तो क्या होगा जो रोटर है वह स्विंग करता है विद रेस्पेक्ट टू सिंक्रोनस रोटेटिंग एक्सेस ठीक है उस इक्वेशन को हम लोग डिफाइन करते हैं स्विंग इक्वेशन से तो इक्वेशन होती है एडी स्क्वा डेल्टा अपन d स्क्वा प ए माइन प पी एस का मतलब इनपुट साफ्ट पावर इनपुट मैकेनिकल पावर या साफ्ट पावर प का मतलब आउटपुट इलेक्ट्रिकल पावर ठीक है डेल्टा डेल्टा का मतलब होता है एंगल ऑफ रोटर एंगल ऑफ रोटर विद रेस्पेक्ट टू सिंक्रोनस रोटेटिंग मैग्नेटिक फील्ड सि रोटेटिंग एक्सेस ठीक है और थीटा का मतलब होता है एंगल रोटर विद रेस्पेक्ट टू फिक्स रेफरेंस फिक्स रेफरेंस के कंपेरिजन में ठीक अब यहां पर डी स्क्वा थीटा अपन टी स्क्वा की ल स्क डेल्टा अप स्क होता है इसको हम बोलते अल्फा इट कॉल्ड द एंगुलर एक्सीलरेशन ठीक है इलेक्ट्रिकल डिग्री पर सेकंड स्क्वायर भी हो सकता है मैकेनिकल डिग्री पर सेकंड स्क्वायर भी हो सकता है या रेडियन पर सेकंड स्क्वायर भी हो सकता है ठीक है अगर पीएस और प दोनों बराबर है तो अल्फा कोई भी एक्सीलरेशन नहीं होगा इसका मतलब जो एंगल है व आपका वेलोसिटी कांस्टेंट रहेगी बट अगर यह दोनों इक्वल नहीं है तो प ए माइनस प अगर इनपुट पावर इलेक्ट्रिकल आउटपुट पावर से ज्यादा हो जाएगी इसको हम बोलते एक्सीलरेशन पावर तब होगा एक्सीलरेशन ठीक है अल्टरनेटर के लिए ये वाली इक्वेशन आ गई एडी स्क्र डेल्टा अपन डीटी स्क्वा प ए माइनस प इ नथिंग बट द एक्सीलरेशन पावर देखिए रोटर हमारा रोटेटिंग पार्ट है इसके बहुत सारे क्वेश्चन यहां पर आते हैं लॉ ऑफ मैकेनिक्स यहां पर अप्लाई होता है खाली यहां पर जो गलती होती है ना वो होती है यूनिट को लेकर तो आपको देखना है कि मैकेनिकल रेडियन है या इलेक्ट्रिकल रेडियन है मैकेनिकल डिग्री है इलेक्ट्रिकल डिग्री है तो पहली इक्वेशन जैसे हम न्यूटन लॉ v इ य प् ए यह तो है लीनियर मूवमेंट के ऊपर और यह एंगुलर मूमेंट के ऊपर यानी आपकी इनिशियल एंगुलर वेलोसिटी ओमेगा न थी ह हो रहा है एक्सीलरेशन उससे वेलोसिटी की वैल्यू ओमेगा बन गई है फाइनल कितना होता है ओमेगा हम यहां पर निकाल लेंगे अब आप ध्यान में रखना अगर मैं यहां पर इलेक्ट्रिकल लेकर चल रहा हूं इलेक्ट्रिकल रेडियन पर सेकंड तो इलेक्ट्रिकल में आएगा मैकेनिकल लेकर चल रहे तो मैकेनिकल में आएगा ठीक है तो ओमेगा की वैल्यू मैकेनिकल रेडियन या मैग्निकल डिग्री पर सेकंड आ रही है या इलेक्ट्रिकल रेडियन या इलेक्ट्रिकल डिग्री पर सेकंड आ रही है इट विल डिपेंड अपऑन द वैल्यू ऑफ अल्फा अल्फा की यूनिट से आपको चेक करना है ठीक है दूसरा डेल्टा इ डेल्टा न प् 1/2 डेल्टा t स्क्वा यानी पहले अगर डेल्टा की वैल्यू डेल्टा नॉट है तो एक्सीलरेशन के बाद डेल्टा की वैल्यू कितनी हो जाएगी अगेन आपको देख के चलना है अगर यह मैकेनिकल डिग्री में दे रखा है तो आप इसको मैकेनिकल डिग्री पर सेकंड लीजिए इलेक्ट्रिकल डिग्री दे रखा है तो इलेक्ट्रिकल डिग्री पर सेकंड में स्क्वायर में लोगे ठीक है उसके अकॉर्डिंग यहां पर इसमें कोई गलती नहीं होनी चाहिए इस चीज को ध्यान में रखिए देखिए अब आपको पता है कि ओमेगा इक्व टू ओमेगा न प्लस अल्फा टी मतलब आप चीज समझना ओमेगा अगर मैं यहां पर लेकर चल रहा हूं मैकेनिकल रेडियन पर सेकंड में सपोज करिए तो ओमेगा होता है ए मतलब रोटेशन पर सेकंड या 2 पाई ए बा 60 रोटेशन पर मिनट ठीक है यह मेरा मैकेनिकल डिग्री आ गया इलेक्ट्रिकल डिग्री ज लेकर चलते हैं तो आपका 2 पाई एफ यह होता है इलेक्ट्रिकल आपने यहां पर देखा होगा जब मैं ओमेगा ए होता है इज नथिंग बट द 2 अपन प अपन ओमेगा e तो ये अपना 4 पाई ए अपन प भी होता है इसको आप ऐसे भी लिख सकते हो 4 अपन प मैकेनिकल रेडियन पर सेकंड इलेक्ट्रिकल रेडियन पर सेकंड यह आपका इलेक्ट्रिकल रेडियन पर सेकंड तो जब एक्सीलरेशन हो रहा है ठीक है तो वेलोसिटी यहां पर वेरी हो रही है उससे क्या होगा फ्रीक्वेंसी चेंज हो जाएगी क्योंकि फ्रीक्वेंसी आपकी वेलोसिटी के ऊपर डिपेंड स्पीड पर डिपेंड करती है किस पर मूव कर रहा है तो कितनी चेंज हो जाएगी अगर मैं फ्रीक्वेंसी लेके चला हूं ध्यान रखिए अगर य इलेक्ट्रिकल है यानी अल्फा की वैल्यू इलेक्ट्रिकल रेडियन पर सेकंड स्क्वायर होनी चाहिए तो य आपको इलेक्ट्रिकल आएगा ध्यान रखना तो यहां पर इलेक्ट्रिकल रेडियन पर सेकंड त इलेक्ट्रिकल डिग्री आ इलेक्ट्रिकल रेडियन आएगा इलेक्ट्रिकल रेडियन आपका होता है तो आप डायरेक्ट वाला फार्मूला लगा सकते हो अगर वो आपको मैकेनिकल में दे रखा है तब ये आपको मैकेनिकल में आएगा आप कन्वर्ट करोगे मैकेनिकल को इलेक्ट्रिकल में और फिर आप फ्रीक्वेंसी की वैल्यू को फाइंड आउट करोगे तो इसमें ऐसे तो क्वेश्चन इजी होते हैं बट इसमें जो मेन प्रॉब्लम आती है खाली यूनिट को लेकर आपको समझना है कब आपको इलेक्ट्रिकल रेडियन पर सेकंड ले स्क्वायर लेना है कब आपको मैकेनिकल रेडियन पर सेकंड स्क्वायर लेकर चलना है अगेन अगर यहां पर अल्फा की वैल्यू मैकेनिकल रेडियन पर सेकंड स्क्वायर है तो य ओमेगा आपका मैकेनिकल में आ जाएगा डायरेक्ट जो मैंने आपको बताया था तभी आपका मैकेनिकल में आ रहा है 2 प अपन 6 तो अगर मैकेनिकल में आ गया तो आप डायरेक्ट 2 अप 6 कर सकते हो या अगर आपको पहले स्पीड दे रखी हो आरपीएम के अंदर तो अब आरपीएम में स्पीड कितनी हो जाएगी य आप इससे फाइंड आउट कर सकते हो ठीक है देखिए जो स्विंग इक्वेशन है वह तब वैलिड होती है जब हमारा एक सिंक्स मशीन इनफा बस के साथ में कनेक्टेड हो अगर हमारी दो मशीन कनेक्टेड हो तो दो मशीन को मैं एक इक्विवेलेंट सिंगल मशीन जो इनफा बस के साथ में कनेक्टेड है कैसे में रिप्रेजेंट करूंगा यहां पर मैं आपको बता रहा हूं तो दो कंडीशन होती है पहली टू मशीन स्विंगिंग कोहेरेंटली मतलब दोनों का अल्फा सेम है एक जितना डिग्री मूव करता है दूसरा भी उतना डिग्री ही मूव करता है दोनों का अल्फा अगर सेम रहेगा तो दोनों के बीच में क्या होगा पावर ट्रांसफर नहीं होगी तो जो भी पावर जाएगी वो खाली लोड इस साइड पर जाएगी तो उस टाइम पर अगर हमारा m इक्विवेलेंट निकालेंगे तब इसकी वैल्यू m1 प् m2 आती है ठीक है अगर मैं यहां पर g इलें निकालू तो हो जा g इक्ट अप h इक्ट m मतलब g अप पा f यहां पर हो जाएगा g1 ए1 अपन पाई f g2 ए2 अप पा f तो जो h इक्विवेलेंट की वैल्यू आ जाएगी वह आ जाएगा g1 ए1 प्लस g2 ए2 डिवाइड बाय द g इक्विवेलेंट ऐसे क्लियर अगर कोरेंटी का मतलब दोनों का डेल्टा सेम है इसका मतलब दोनों के बीच में किसी भी तरह का पावर एक्सचेंज नहीं होता है बट अगर दोनों मशीन कोहेरेंटली स्विंग नहीं करती है इसका मतलब एक का पावर दूसरी जगह जा रहा है या दूसरे का पावर पहली जगह पर आ रहा है तो जहां से पावर ट्रांसफर हो रहा है वो काम कर रहा है जनरेटर की तर जगह और जो पावर ले रहा है वह काम कर रहा है मोटर की तरह यानी एक मशीन काम करेगी जनरेटर के जैसा एक मशीन काम करेगा मोटर जैसा तो यहां पर जब आप ए इक्ट निकालते हैं तो आता है m1 m2 डिवाइड बा m1 प् m2 तो कोहेरेंटली में आप m1 प् m2 डायरेक्ट कर देते हो यहां पर करते हो m1 m2 m1 प् m2 वो जैसे रेजिस्टेंस सीरीज में कनेक्टेड है ऐसे रिमेंबर कर लो जैसे रेजिस्टेंस पैरेलल में कनेक्टेड है स्टेडी स्टेट स्टेबिलिटी क्योंकि सिस्टम में जो डिस्टरबेंस हो रहा है वो स्लो हो रहा है या लोड जो चेंज हो रहा है वो स्लो हो रहा है एज कंपेयर टू अ नेचुरल ऑक्सल अब आपने देखा कि जो स्विंग इक्वेशन थी वो नॉन लीनियर थी ठीक है क्योंकि p ए - p यानी सा डेल्टा वाली टर्म वहां पर आ रही थी नॉनलीनियर इक्वेशन है बट क्योंकि यहां पर जो डेल्टा चेंज होगा बहुत स्मल वैल्यू का है तो इस इक्वेशन को हम लोग क्या कर बना लेंगे इस इक्वेशन को बना लेंगे लीरा अराउंड द इनिशियल पॉइंट मैं इसको लीरा बना लूंगा मतलब देखिए सोचिए आपका ये ऐसे चेंज हो रहा है पावर अगर डेल्टा थोड़ा सा ही चेंज हुआ है यहां से लेकर यहां तक तो यह वाला पॉइंट आप लीनियर मान सकते हो इतने से पॉइंट को कोई दिक्कत थोड़ी हु इसमें ठीक है तो लीनियर लेके हम लोग चलेंगे एडी स्क्र डेल्टा अपडी स्क्वा इनपुट पावर आउटपुट पावर प मैक्स मतलब वव वट साइन डेल्टा इक्वेशन है नॉन लीर इक्वेशन आप इसको ली करके तब इसको सॉल्व करोगे ठीक है जो अभी हम लोग पहले डिस्कस कर चुके हैं लिमिट डेल्टा की 90 डिग्री 90 से कम अगर डेल्टा है तो स्टेडी स्टेट स्टेबल है 90 से ज्यादा हो जाएगा अनस्टेबल हो जाएगा और 90 है तो मार्जिनली स्टेबल सिस्टम है यानी स्टडी स्टेट लिमिट है हमारा डेल्टा 90 की सपोज करिए अगर एक अल्टरनेटर 30 डिग्री पर काम कर रहा है 90 डिग्री तक आप इसको बढ़ा सकते हो स्टेडी स्टेट अनस्टेबल नहीं होगा मतलब आपके पास में मार्जिन कितना है 90 माइन 60 इतना आपके पास में मार्जिन है इट इ कॉल्ड स्टेबिलिटी मार्जिन जितना ज्यादा मार्जिन उतना ही बेटर स्टेडी स्टेट स्टेबल सिस्टम देखिए सिस्टम अगर स्टेबल है तो एक इक्विलियम कंडीशन से मूव करके यह दूसरी इक्विलियम कंडीशन की तरफ मूव करेगा ठीक है तब य कितनी फ्रीक्वेंसी से ओसिट करेगा यह निकालने के लिए कभी-कभी आता है तो डेल्टा प अपन डेल डेल्टा जिसको हम बोलते सिंक्रनाइजिंग पावर कफिट डेल्टा नॉट के ऊपर डिवाइड बाय ए ये हमारा एफ आ जाएगा अब ए की यूनिट रेडियन पर सेकंड है तो उसके अकॉर्डिंग आपको ए को रेडियन में आ जाएगा फिर आप उसको कन्वर्ट कर दोगे हर्ट्स के अंदर ठीक है अब आरहे ट्रांजिट स्टेबिलिटी के ऊपर ठीक है स्टेडी स्टेड स्टेबिलिटी का मतलब सिस्टम में जो चेंज हुआ था वो स्लो और ग्रेज नेचर का था बट अगर सिस्टम में सडन चेंज हो रहा है स्लो नहीं सडन हो रहा है और लार्ज चेंज हो रहा है सडन और लार्ज डिस्टरबेंस हो रहा है उस पर अगर वह सिस्टम अपनी स्टेबिलिटी को मेंटेन कर पाता है तब वह सिस्टम ट्रांसंट स्टेबल सिस्टम है सडन और ग्रैजुअली चेंज कैसे होता है या तो आपने एकदम से बहुत ज्यादा लोड को चेंज कर दिया हो यह मेनली सिस्टम में जब फॉल्ट होता है तब होता है या स्विचिंग के टाइम पर ट्रांसंट स्टेबिलिटी को हम लोग एनालाइज क्यों करते हैं क्योंकि हमें सर्किट ब्रेकर का क्रिटिकल क्लीयरिंग टाइम निकालना होता है यानी कितने टाइम से पहले-पहले सर्कट ब्रेकर अपने कांटेक्ट को ओपन कर दे वरना सिस्टम हमारा अनस्टेबल हो जाएगा तो सर्किट ब्रेकर का जो ऑपरेटिंग टाइम है वह क्रिटिकल क्लीयरिंग टाइम से कम होना चाहिए जो भी हम लोग निकालेंगे ठीक है अगेन ट्रांसंट स्टेबिलिटी को स्टडी करने के लिए वी यूज द इक्वल एरिया क्राइटेरिया ठीक है क्राइटेरिया तभी यूज करते हैं जब हमारा एक मशीन इनफा बस के साथ में कनेक्टेड हो अगर दो मशीन हो तो आप उसको इक्विवेलेंट सिंगल मशीन क में कन्वर्ट कर लेंगे बट अगर मल्टीपल मशीन सिस्टम हो तो हम यहां पर पॉइंट बाय पॉइंट मेथड यूज करते हैं जो आपके सिलेबस के अंदर नहीं है गेट एग्जाम के लिए मतलब दिस इ रिवीजन कोर्स ना मतलब इट इज नॉट द डिटेल कोर्स मतलब आपको आप अगर आपने पहले पढ़ रखा हो तो ये आपके लिए रिवीजन के के लिए दैट इज कॉल्ड द रिवीजन ठीक है रिवीजन का मतलब क्या होता है आर ई वी आई एस आई ओ एन आर री का मतलब दोबारा री मींस दोबारा विजन मतलब देखना दोबारा देखने के लिए ठीक है एक बार आपने डिटेल में स्टडी किया हुआ है तो आप इसको रिवाइज कर सकते हो दोबारा देखने के लिए जल्दी जल्दी पावर सिस्टम का जो कंप्लीट कोर्स है वो करीब 150 से 170 घंटे के बीच में कंप्लीट होता है ठीक है ध्यान रखिए अगर सिस्टम अनस्टेबल सिस्टम होगा तो ओसिन हमेशा कंटिन्यू बढ़ता जाएगा टाइम के साथ में लेकिन अगर सिस्टम स्टेबल सिस्टम है इसका मतलब ऑन टाइम के साथ में कम होता जाएगा और उसके बाद एक पर्टिकुलर जगह पर आकर रुक जाएगा फॉर स्टेबल सिस्टम स्टेबिलिटी इ गिवन बाय द ऑब्जर्वेशन ऑफ द फर्स्ट विंग अगर डेल्टा की वैल्यू सिंपल सी बात डेल्टा का मतलब है यह यहां पर मैं लेकर चल रहा हूं अगर डेल्टा आपका लगातार बढ़ रहा है इसका मतलब अनस्टेबल सिस्टम है लेकिन डेल्टा एक और बढ़ने के बाद अगर डाउन आने लग गया पहली स्विंग देख लीजिए बाकी स्विंग तो और भी कम होगी इसका मतलब सिस्टम स्टेबल सिस्टम है तो यहां पर जब य डाउन आना स्टार्ट हो जाएगा डी डेल्टा अपन डीटी कितना हो जाएगा जीरो तो यही हमें देखना होता है इ कट में d डेल्टा / इतना इनपुट था पहले पीएस व मेरा इनपुट था क्योंकि सिस्टम स्टेबल था मतलब जितना इनपुट था उतना ही आउटपुट आपको मिल रहा था यह आउटपुट के क को बताता इलेक्ट्रिकल आउटपुट इस वाले पॉइंट के परर य काम कर रहा था अब अपने इनपुट की वैल्यू को यहां से बढ़ाकर यहां पर कर दिया ठीक है पहले यहां पर था आपने इनपुट की वैल्यू को बढ़ाकर कर दिया इस जगह पर अगर इनपुट बढ़ गया यहां पर तो यह ऐसे मूव कर क्योंकि इनपुट अब आउटपुट से ज्यादा है तो इसके अंदर होगा एक्सीलरेशन य ऐसे मूव करेगा फिर ये आगे और ऐसे मूव करने जाएगा ऐसे से ओसिट होता है ये धीरे-धीरे और अल्टीमेटली यहां पर आकर रुक जाता है तो यह वाला जो एरिया है जहां पर इनपुट आउटपुट से ज्यादा है इसको बोलते हैं एक्सीलरेशन एरिया और यह वाला एरिया ये हमारा डी एक्सीलरेशन एरिया ठीक है कितना मूव करेगा जहां पर यह वाला एरिया इस एरिया के बराबर हो जाएगा उतना एंगल तक य मूव करेगा डेल्टा टू उतने एंगल तक मूव करेगा ठीक है तो यहां पर अगर मैं लेकर चलता हूं एक्सीलरेटिंग एरिया इ इक्वल टू डी एक्सीलरेशन एरिया यह ps2 माइनस पए साइ डेल्टा डी डेल्टा कहां से लेकर कहां तक चेंज हो रहा है डेल्टा नॉट से लेकर डेल्टाव तक इज इक्वल टू ये आपका पी मैक्स p ए साइ डेल्टा माइनस प एट डी डेल्टा चेंज हो रहा है डेल्टा वन से लेकर डेल्टा टू तक इसको सॉल्व करके आप डेल्टा टू की वैल्यू को फाइंड आउट कर सकते हैं ठीक है प्लीज टेक माय नेम क्यों उससे तुम्हारी आत्मा को शांति मिल जाएगी क्या नाम लेने से नाम लेने से आत्मा को शांति नहीं मिलती नाम बनाने से आत्मा को शांति मिलती है अपना नाम बनाओ भाई ठीक है अब मैं यहां पर बता रहा हूं कितनी मैक्सिमम हम लोग इनपुट को इंक्रीज कर सकते हैं जब यह यहां पर आ जाएगा इस वाले पॉइंट तक क्योंकि यहां से लेकर यहां तक यह अभी डी एक्सटिंग एरिया है इसके बाद तो वापस से एक्सटिंग एरिया में कन्वर्ट हो जाएगा जब मेरा डेल्टा टू की वैल्यू डेल्टा एम के बराबर हो जाए और डेल्टा एम कितना है पाई माइनस डेल्टाव इतना आप इनपुट पावर इसका बढ़ा सकते हो तब तक सिस्टम स्टेबल रहेगा उससे ज्यादा बढ़ा दिया तब सिस्टम अनस्टेबल हो जाएगा डेल्टा वन क्या होगा ps2 माइ प मैक्स ये हमारा डेल्टाव की वैल्यू हो गई ठीक है दूसरा एग्जांपल देखिए ये एक ही एक जनरल एग्जांपल आप याद रखोगे ना तो उसी से सब के सब एग्जांपल आपके क्लियर हो जाएंगे कोई अलग-अलग याद रखने की जरूरत नहीं है अगर थ्री फेस फॉल्ट होता है बस के ऊपर हमेशा ध्यान रख जब बस पर फॉल्ट होता है ना तो पूरा का पूरा करंट जो लोड पर जा रहा होता है उसकी वैल्यू जीरो हो जाएगी मतलब फॉल्ट के टाइम पर कोई भी करंट फ्लो नहीं होगा या पावर फ्लो नहीं नहीं होगा मतलब पावर लोड पर फ्लो नहीं होगा तो फॉल्ट से पहले तो पावर फ्लो हो रहा था यानी आपने यहां पर पावर निकाल लिया बट फॉल्ट के टाइम पर पूरे की पूरी पावर जीरो हो जाएगी सपोज करि यहां पर ये वाला मेरा ऑपरेटिंग पॉइंट था दिस इज द ऑपरेटिंग पॉइंट जैसे ही फॉल्ट हुआ पावर बिल्कुल जीरो हो गया पावर यहां पर जीरो हो गया अब इनपुट पावर आउटपुट पावर से ज्यादा है तो हो रहा है एक्सीलरेशन जिससे डेल्टा की वैल्यू बढ़ रही है डेल्टा सी का मतलब यहां पर आपने फॉल्ट को क्लियर कर दिया मतलब फॉल्ट खत्म कर दिया क्लियर कर दिया जैसे क्लियर कर दिया अब यह वाला पॉइंट वापस से जो आउटपुट पावर जितना जा रहा था जीरो नहीं अब यहां पर आ जाएगा इस जगह पर आ जाएगा इस जगह पर आ गया तो यहां पर इनपुट आउटपुट से ज्यादा था मतलब ये एक्सीलरेशन एरिया है अ ऐसे जितना एरिया है ना उतना एरिया तक ये जाएगा उस एंगल तक जाएगा जब एरिया एरिया के बराबर हो जाए डेल्टा टू मैंने मान लिया उस एंगल तक मूव करेगा य एरिया इ इक्वल टू य एरिया आपको करके फिर निकालना है ठीक है यह तो डायरेक्ट देखिए रेक्टेंगल है डेल्टा सी माइनस डेल्टा जीरो प एस और डी एक्स कितना हो जाएगा प एम साइन डेल्टा डेल्टा से लेकर डेल्टा सी तक डेल्टा सी से लेकर डेल्टा टू तक इससे आप निकाल लीजिए डेल्टा टू की वैल्यू जो निकालनी है य आपका क्लीयरिंग एंगल जब सॉल्व करोगे इसको पूरा का तो ये आ जाएगा याद नहीं करना क्योंकि एक फर्मूला बताऊंगा वो याद कर लेना उसी से सभी फार्मूले निकल जाएंगे ठीक है अब यहां पर कितनी जल्दी हमें फॉल्ट को क्लियर करना है देखिए आप ज्यादा लेट क्लियर करोगे तो एक्सीलरेटिंग एरिया की वैल्यू ज्यादा होती जाएगी और डी एक्सटिंग एरिया के लिए जो एरिया बचा है वह कम होता जाएगा तो मैक्सिमम य यहां तक जा सकता है इस वाले पॉइंट तक जा सकता है उसके बाद ये नहीं जा पाएगा इस वाले पॉइंट तक इसके बाद जब नीचे आएगा ना तब यह वापस से एक्सशन एरिया में कन्वर्ट हो जाएगा तो यह मेरा क्रिटिकल क्लीयरिंग एंगल है जब यह बचा हुआ पार्ट इस एरिया के बराबर हो जाता है तो अगर मेरा डेल्टा टू की वैल्यू यह हो जाती डेल्टा इसके बराबर आ गया पाई माइनस डेल्टा न डेल्टा न डे डेल्टा न तो अगर मैं यहां पर डेल्टा टू की जगह पाई माइनस डेल्टा नॉट पुट कर देता हूं इस इक्वेशन में तो ये एरिया हमारा क्रिटिकल क्लिंग हो जाएगा यह हो जा कटिक पाई डेल्टा न का मतलब पाई माइनस डेल्टा नोट माइनस डेल्टा नोट ऐसा आ जाएगा ठीक है यह हमारा क्रिटिकल क्लीनिंग एंगल आ जाता है ठीक है अगर आपको इसको टाइम में कन्वर्ट करना हो एंगल तो आपने निकाल लिया आप टाइम निकालना चाहते हो क्रिटिकल क्लीयरिंग टाइम य होता है 2 एम डेल्टा सी माइन डेल्टा नॉट 2 एम डेल्टा सीर माइनस डेल्टा नॉट डिवाइड बाय प एस आपने क्रिटिकल क्लीयरिंग एंगल निकाल दिया उससे आप कन्वर्ट कर दीजिए टाइम के अंदर ठीक है इससे आप निकाल लोगे टाइम यह वाला एग्जांपल आपको याद रखना है क्योंकि इसी से बाकी सब एग्जांपल बन जाते हैं यहां पर तीन अलग अलग कंडीशन लेकर चलेंगे फॉल्ट होने से पहले कितना पावर ट्रांसफर हो रहा था और जब फॉल्ट हो गया उस टाइम पर कितना पावर ट्रांसफर हो रहा है और जब आपने सर्किट ब्रेकर को ओपन कर दिया उसके बाद फिर कितना पावर ट्रांसफर हो रहा है तो तीन लेके चलेंगे ए बी सी बिफोर फॉल्ट ड्यूरिंग फॉल्ट आफ्टर फॉल्ट तो फॉल्ट होने से पहले तो फॉल्ट था ही नहीं तो ये एकस बाटू हो जाएगा और इसका जनरेटर का एक्सजी एक्स बाटू हो गया एक्सजी इतना पावर ट्रांसफर हो रहा है इसको आप मान लोगे प मैक्सिमम पावर सस द बिफोर फल्ट यह कंडीशन हमने निकाल ली पहली कंडीशन जब फल्ट हो गया यानी यह वाला पॉइंट सपो बीच पॉइंट बीच में हुआ है यह कनेक्ट हो जाएगा ग्राउंड के साथ में फिर निकाल लीजिए इसको आपने कनेक्ट कर दिया ग्राउंड के साथ में ठीक है आधा एक्स बाटू और आधा एक्स बाटू यह जो हमारा आया है यह इसको कन्वर्ट कर लीजिए इसके अंदर तो यह वाला पॉइंट इसके साथ पैरेलल में आ जाएगा यह पैरेलल में आ जाएगा और इन दोनों पॉइंट के बीच में यह वाला रिएक्टेंस आ गया ठीक है तो पावर ट्रांसफर कितना हो जाएगा ये रिएक्टेंस आ गया सेंडिंग एंड और रिसीविंग एंड के बीच में ठीक है अप एक्सस एक्स बी साइन डेल्टा तोय मेरा पी एमबी आ गया मैक्सिमम पावर ट्रांसफर और ड्यूरिंग द फॉल्ट टाइम जब फॉल्ट है उस टाइम का मैक्सिमम पावर ट्रांसफर आ गया फॉल्ट क्लियर मतलब जब आपने दोनों साइड के सर्किट ब्रेकर को ओपन कर दिया दोनों साइड के सर्किट बेकर को ओपन करने के टाइम पर ठीक है यह आ गया य आया तो आप देखोगे फल्ट होने से पहले मैक्सिमम पावर ट्रांसफर था उसके बाद फॉल्ट को जब क्लियर कर दिया और फॉल्ट के टाइम पर सबसे मिनिमम पावर ट्रांसफर था तीन कंडीशन यह जनरल कंडीशन है आप कोई भी केस लेके चलोगे तोय तीन कंडीशन आपको मिल जाएगी यह मैंने रिएक्टेंस आप यहां पर जिस तरह नेटवर्क को सॉल्व करते ना उसके अकॉर्डिंग खाली सेंडिंग एंड और रिसीविंग एंड के बीच में ओवरल रिएक्टेंट निकाल लेना है आपको स्टार डेल्टा ट्रांसफॉर्मेशन करना पड़ेगा उसके लिए जो मैंने आपको करके बताया अब देखिए यह मेरा बिफोर फॉल्ट है ये फॉल्ट के टाइम पर और यह फॉल्ट के बाद अब यह इस वाले पॉइंट पर काम कर रहा था जैसे ही फॉल्ट हुआ फॉल्ट के टाइम पर यह कर्व है यह यहां पर शिफ्ट हो गया क्या हो गया इनपुट पावर आउटपुट से ज्यादा हो गया एक्सीलरेशन हो रहा है तो यह डेल्टा की वैल्यू अपनी बढ़ा रहा है इस वाले पॉइंट पर आपने सर्किट ब्रेकर को ओपन कर दिया तो फॉल्ट को क्लियर करने के बाद यह वाला कर्वा आ गया ये वाला का अब यहां पर शिफ्ट हो गया तो ये एरिया हमारा क्या निकला एक्सीलरेशन एरिया इतना ही डी एक्सीलरेशन एरिया जाएगा उतनी एंगल तक जाएगा जहां पर ये एरिया इस एरिया के बराबर हो जाए ठीक है तो डेल्टा नोट इनिशियल एंगल डेल्टा टू जो मैक्सिमम जब जाएगा और डेल्टा सी इज अ क्लीयरिंग एंगल ठीक है प फॉल्ट होने से पहले फॉल्ट के टाइम पर पब फॉल्ट के बाद पसी इससे आप डेल्टा सी ये वाला फार्मूला आपको याद रखना है ठीक है यानी कॉस डेल्टा सी पीए का मतलब इनपुट पावर मैक्सिमम जा रहा है डेल्टा टू तक इनिशियल था पहले डेल्टा नॉट प्लस पीसीएम मैक्सिमम पावर फॉल्ट क्लियर करने के बाद कॉस डेल्टा टू माइनस पब ए कॉस डेल्टा नो डिवाइड बाय पसीए माइ पीबीए ये एक जनरल टर्म है इसको आप याद कर लोगे तो बाकी सब आपको याद हो जाएंगे यह आपको याद रख लेना है ठीक है तीन टाइम पर हमने निकाल दिया पावर की वैल्यू उससे आप इसको याद कर लीजिए यह आपको ध्यान में रखना है कि जब आप ये कर रहे हो ना तो ये रेडियन में ही लिखना है दिस इज द जब आप सि ये नहीं आप इसको डिग्री में लिख दो जब एंगल अलोन आता है अकेला एंगल आता है तो आप इसको रेडियन में लिखते हो अब क्ट क्लिंग एंगल का मतलब है जब इतना मूव कर जाता है इसके बाद तो देखि यह डिशन एरिया बचेगा नहीं यानी यह एरिया को मैं बढ़ा दिया यह एरिया इसके बराबर हो जाएगा तो यह वाला पॉइंट इस पॉइंट का पाई माइनस हो जाएगा पाई माइनस देखि यह डेल्टाव पाई डेल्टाव क्या हो जाएगा पीसी अपॉन पी एस अपन पीसीएम प अपन पीसीएम डेल्टा अगर डेल्टा टू की वैल्यू पाई माइनस डेल्टाव कर रख देते हो जहां पर डेल्टाव य है तो जो एंगल आएगा क्लीयरिंग एंगल ट विल बी द क्रिटिकल क्लीयरिंग एंगल व हमारा क्रिटिकल क्लीयरिंग एंगल के बराबर होगा ठीक है यह हमारा खत्म होता है स्टेबिलिटी बताए कोई डाउट यहां पर तब मैं मूव करता हूं इंपेडेंस मैट्रिक्स कोई डाउट यहां तक किसी को बताइए कोई डाउट यहां तक किसी को देखिए अब मैट्रिक्स पर आओगे तो पावर सिस्टम में हम लोग दो मैट्रिक्स बनाते हैं एक होता है इंपेडेंस मैट्रिक्स और दूसरा होता है एडमिटेंस मैट्रिक्स तो पहले मैं डिस्कस करर इंपेडेंस मैट्रिक्स ये हम लोग यूज करते हैं फॉल्ट की कैलकुलेशन के लिए एडमिटेंस मैट्रिक्स हमारा यूज में आता है लोड फ्लो के लिए ठीक है नो डाउट इंपी मैट्रिक्स एडमिटेंस मैट्रिक्स का इवर्स तो है लेकिन इंपी मैट्रिक्स की तरह जो सॉरी एडमिटेंस मैट्रिक्स की तरह ये स्पर्स मैट्रिक्स नहीं है मतलब इसके बहुत ज्यादा एलिमेंट जीरो नहीं होते हैं जबकि एड मैट्रिक्स के मैक्सिमम एलिमेंट आपके जीरो होते हैं ठीक है दोनों के दोनों जो मैट्रिक्स होते हैं इट इ सिमिट्रिकल अराउंड द प्रिंसिपल डायगोनल प्रिंसिपल डायगोनल के सिमेटिक होते हैं ठीक है स3 डिटेंशन सर मतलब क्या क्या मीनिंग है देखिए जो भी इंपसब होते उसको बोलते ड्राइविंग पॉइंट इपेंसिल हम लोग ट्रांसफर इंपसब य यह मेरा डायगोनल एलिमेंट है इसको बोलते ड्राइविंग पॉइंट इपेंसिल प ड्राइविंग पॉइंट इंपसब बाकी करंट को हम लोग जीरो मान लेते हैं ठीक है यानी बाकी करंट सोर्स को आपने ओपन सकट कर दिया ट्रांसफर इडेंस दो अलग-अलग के बीच का रेश होता है दो डिफरेंट बसेस का वोल्टेज और करंट के बीच का रेश होता है जब आपने बाकी के करंट की वैल्यू को जीरो कर दिया ठीक है जड बस में प्रॉब्लम आती है हमेशा ध्यान रखिए कि जो जड बस होती है वह बाई बस मैट्रिक्स का इवर्स होता है बट इनके इंडिविजुअल एलिमेंट एक दूसरे के इवर्स नहीं होते यह अ से ध्यान रखना द डायगोनल एलिमेंट यानी जो ड्राइविंग पॉइंट इंपसब मैट्रिक्स का इट इज नथिंग बट द थेवन इक्विवेलेंट इंपसब दो चार चीज आपको ध्यान में रखनी है कि जो जड बस मैट्रिक्स हम लोग बनाते हैं ना जड बस मैट्रिक्स को बनाना बहुत टफ टास्क होता है तो हम लोग क्या करते हैं हम लोग मान के चलते हैं कि आपके पास में ऑलरेडी सिस्टम है और उसका आपको इंपैसिव के अंदर जैसे-जैसे आप कोई एलिमेंट को ऐड करते जाओगे तो इंपेडेंस मैट्रिक्स आपका मॉडिफाई होता जाएगा तो इंपरसोनिफिकेशन को आप ऐड करते जाइए और आप इस तरह इंपेडेंस मैट्रिक्स को बना लोगे सबसे पहले आप मान के चल रहे हैं कि यहां पर वन से लेकर ए बस है हमारी और एक रेफरेंस बस है रेफरेंस बस के अलावा ए बस यहां पर है सब बस के अंदर करंट आईव आट आ3 आई ए इस तरह है तो पहला जो मॉडिफिकेशन आता है मतलब आपके पास में इस तरह का इंपेडेंस मैट्रिक्स एजिस्ट करता है n बा ए का इंपेडेंस मैट्रिक्स होगा क्योंकि रेफरेंस बस के अलावा आपके पास में ए बस है और आपके पास में इंपेडेंस मैट्रिक्स य हमने मान लिया ठीक है अब यहां पर हम चेंज करते जाएंगे तो इंपेडेंस मैट्रिक्स कैसे चेंज होगा यह मैं आपको बता रहा हूं सबसे पहले अगर आपने एक नया एलिमेंट ज एस को ऐड किया है बिटवीन द न्यू बस एंड द रेफरेंस मैंने एक नई बस बना ली है पी बस ठीक है यह मेरी नई बस है पी बस और रेफरेंस के बीच में आपने एक एलिमेंट ऐड कर दिया z एस पहले आपकी पास में n बस थी रेफरेंस के अलावा अब n प्व बस हो गई है इसका मतलब जो आपका इंपेडेंस मैट्रिक्स होगा वोह n प्व न n प् 1 ऑर्डर का हो जाएगा सिंपल सी बात है ना n प् 1 * n प्व ऑर्डर का हो जाएगा सर सीएससी की टीम कब तक आ जाएगी क्लास नहीं चल रही है पता नहीं यार मेरे को तो नहीं पता कि सीएससी की टीम कहां चली गई और सीएससी की टीम कब तक आएगी मेरे को अपने पढ़ाने से मतलब है इलेक्ट्रिकल कौन सी टीम कहां गई है और कौन पढ़ाए मेरे को इसके बारे में कोई नॉलेज नहीं है यह आप मैनेजमेंट से पूछिए ठीक है तो यहां पर हमें क्या करना होता है देखिए यह जैसे मेरा ओल्ड मैट्रिक्स था उसको तो हमें एसे रखना है एक रो एक कॉलम आपको ऐड करना है क्योंकि n * n की जगह n प् 1 न n प्व हो गया ठीक है सभी एलिमेंट को बना देना है जीरो खाली ये वाला जो एलिमेंट है लास्ट वाला वो जो एलिमेंट हमने ऐड किया है ना जड एस बस वो कर देना है सबसे सिंपल है ये यानी इसको समझिए मेरा न्यू बस क्या हो जाएगा ओल्ड बस सब रो और कॉलम जीरो लास्ट में जो एलिमेंट आपने ऐड किया है बिटवीन द न्यू बस एंड द रेफरेंस बस ये आ जाएगा ठीक है मेरे को एक्चुअली इस चीज का आईडिया नहीं है यह तो खाली मैनेजमेंट को पता होगा ठीक है नेक्स्ट आ रहे है एडिशन ऑफ द न्यू एलिमेंट जड एस बिटवीन द न्यू बस अगेन एक बस अब मैं ऐड ऑर्डर कर रहा हूं तो फिर ये हो जाएगा n + 1 * n + 1 बट अब रेफरेंस और न्यू बस के बीच में नहीं है एक ऑलरेडी एसिस्टिंग बस थी के के इज माय एसिस्टिंग बस और नई बस आपने बना ली प उनके बीच में मैं ऐड कर रहा हूं क्या होगा बताइए यह आपका ऑलरेडी यह जो यहां पर मैंने बनाया है यह पुराना जड बस मैट्रिक्स है आप एक एसिस्टिंग बस जो के है तो क्या करोगे के वाला कॉलम आपने ऐड कर दिया यहां पर इसमें k वाला कॉलम हमने ऐड कर दिया और k वाला रो ऐड कर दिया क्योंकि हमें एक रो बढ़ाना है एक कॉलम बढ़ाना है तो k वाला कॉलम और के वाला रो हमने यहां पर ले लिया फिर जो लास्ट में z के के आता है ना प्लस z ए वो यहां पर लगा दीजिए ऐसे आ जाएगा कैसे करोगे ओल्ड बस k वाला कॉलम के वाला रो z के के ् एक कभी-कभी ऐसे पूछ लेते हैं ये खाली इंपेडेंस मैट्रिक्स प नहीं लगता ध्यान रखिए ये मैट्रिक्स रिडक्शन टेक्निक है मैट्रिक्स के ऑर्डर को कम करना एडमिटेंस मैट्रिक्स में भी एक बार शायद इस तरह का आया हुआ है इसको बोलते क्रॉन रिडक्शन टेक्निक मतलब आपके अगर आपके पास में 3 बाथ ऑर्डर का मैट्रिक्स है आप इसको 2 बाटू ऑर्डर के मैट्रिक्स में कन्वर्ट करना चाहते हैं इसका मतलब आपने एक बस को रिमूव करना चाहते हैं जैसे आपका ना जितनी बस हो उसके अकॉर्डिंग होता है तो एक बस को एलिमिनेट करना नोड को एलिमिनेट करना ठीक है तो 3 बाथ ऑर्डर का मैट्रिक्स क्या बन जाएगा ू बाटू डर का मैट्रिक्स जैसे को थर्ड वाली बस को एलिमिनेट करना है ठीक थर्ड का मतलब यह थर्ड वाली रो और थर्ड वाला कॉलम को मेरे को एलिमिनेट करना है तो क्या हो जाएगा यह देखिए थर्ड और थर्ड कॉलम को एलिमिनेट करूंगा ऐसे थर्ड रो थर्ड कॉलम ऐसे तो यह वाला एलिमेंट ये टू बाय टू ऑर्डर का बस है ये आप ऐसे ले लीजिए यहां पर थर्ड वाला कॉलम थर्ड वाला रो यह वाला कॉलम यह वाला रो और यहां पर z33 दिख रहा है z33 ये मल्टीप्लाई बा ये ऐसे लेना जैसे जनरल अगर को n प्व को करना है तो आप ऐसे n प्व को कर सकते हो इससे समझना ज्यादा इजी है इसको हम लोग आगे यूज करेंगे नेक्स्ट के दो मॉडिफिकेशन के अंदर देखिए थर्ड मॉडिफिकेशन है आप नया एलिमेंट ऐड कर रहे हो पुराने बस के अंदर और रेफरेंस बस के बीच में पुराना बस है के और रेफरेंस बस मतलब आप यहां पर बस नहीं बढ़ाए तो ए बा ए ऑर्डर का मैट्रिक्स ही रहेगा यहां पर यह क्योंकि मेरा बस नहीं बढ़ाया पुराना बस और इसके बीच में मैंने ऐड किया है ठीक है क्या करना पड़ेगा ओल्ड बस जो है n बा ए का ही होगा पुराना बस की वाला बसता तो के वाला कॉलम के कॉलम के वाला रो z के के प्लस z ठीक है n बही आएगा ए बा ए निकलेगा आपको एलिमेंट आपने ऐड किया है सबसे लास्ट वाला मॉडिफिकेशन है आपने दो एसिस्टिंग बस आई और के के बीच में एलिमेंट ड किया ज आई और के तो यहां पर हम लोग क्या करेंगे ओल्ड बस आई वाला कॉलम और के वाले कॉलम का डिफरेंस कॉलम आई माइनस कॉलम के मल्टीप्लाई बाय रो आ माइनस रो के डिवाइड हो रहा है जो एलिमेंट हमने ऐड किया है देखिए ए स्क्वा प्स बी स्क्वा माइन 2 ए बी से आप याद रख लीजिए आ और के के बीच में आ का स्क्वायर के का स्क्वा आई के ठीक है ए स्क्वा बी स्क्र 2 ए टाइप उस तरह इसको याद कर सकते हो तो यह मैंने आपको बता दिया किस तरह हम इसमें एक-एक करके एलिमेंट को जब ऐड करेंगे तो इंपेडेंस मैट्रिक्स के अंदर मॉडिफिकेशन होता जाएगा अब सपोज करिए अगर हमें कोई ब्रांच को हटाना है या ब्रांच के इंपेडेंस को चेंज करना है तो कैसे करेंगे जैसे एक इंपेडेंस है z ए उसको मेरे को हटाना है तो मैं इसको ऐसे हटाऊ कि उस इंपेडेंस के पैरेलल में जैसे अगर मेरे पास में एक दो बस के बीच में इंपेडेंस z ए है उसके पैरेलल में आप एक माइनस ज का इडेंस और ऐड कर दीजिए तो देखि य इनफिट हो जाता है इनफिट का मतलब अब यह ओपन सकट हो जाएगा हमें मॉडिफिकेशन का पता है जब हम लोग ऐड करेंगे तो कैसे मॉडिफाई करते तो आप आराम से कर सकते हो य सपोज करें एक जगह पर आपका इन दो के बीच में इंपेडेंस चार है आपको इसको चेंज करके दो बनाना है दो बनाने का मतलब इसके साथ में चार का इडेंस और ऐड कर दीजिए तो दो बन जाएगा हमें कोई भी एलिमेंट ऐड करना आता है चारों रूल से यूज करके इसी को हम लोग यहां पर यूज कर लेंगे अब कहां पर यूज आएगा जड मैट्रिक्स फॉल्ट की कैलकुलेशन में तो फॉल्ट की कैलकुलेशन में सबसे पहले हमें क्या बनाना है पूरी हम लोग पढ़ चुके हैं पॉजिटिव सीक्वेंस नेगेटिव सीक्वेंस और जीरो सीक्वेंस नेटवर्क का हमें z मैट्रिक्स बनाना है ठीक है तीन अलग-अलग नेटवर्क हैं उसका हमें जड मैट्रिक्स बनाना है द थेवन इक्विवेलेंट सर्किट बिटवीन द फॉल्ड पॉइंट सपोज कर के वाली बस के अंदर फॉल्ट होता है के वाली बस के अंदर के वाली बस में जब फॉल्ट होता है तब फॉल्ट वाला पॉइंट और जीरो पोटेंशियल बस के बीच जब आप सर्किट बनाएंगे पॉजिटिव सीक्वेंस नेटवर्क नेगेटिव सीक्स तो ये आपका इस तरह का बन रहा है मैंने आपको बताया था जो ड्राइविंग पॉइंट इंपेडेंस होता है ना वो थम क्लेंट इंपेडेंस होता है किसका पॉजिटिव सीक्वेंस का किसका है नेगेटिव सीक्वेंस का किसका है जीरो सीक्वेंस का तो आपके पास में यह मैट्रिक्स अलग अलग होंगी ध्यान रखिएगा पॉजिटिव सीक्वेंस नेटवर्क की मैट्रिक्स अलग होगी नेगेटिव सीक्वेंस मैट्रिक्स की नेटवर्क अलग होगी और जीरो सीक्वेंस नेटवर्क की मैट्रिक्स आपके पास में अलग होगी इसको आपको ऐसे लेकर चलना है ठीक है अब आप देखिए अगर ट्रिपल लाइन फॉल्ट होता है सिमिट्रिकल फॉल्ट होता है सिफ क्या आता है सिफ पॉजिटिव सीक्वेंस करंट फ्लो होता है किसम फॉल्ट हुआ है के वाली बस पे तो के वाली बस का पॉजिटिव सीक्वेंस इंपेडेंस क्योंकि ये थेन इक्विवेलेंट इंपेडेंस ही है दिस इज द सेम एज द थवन इक्विवेलेंट इंपसब फॉल्ट हुआ तो उसका वोल्टेज तो जीरो हो गया और किसी दूसरे वोल्टेज मतलब आई बस उस बस के अलावा किसी दूसरे बस का वोल्टेज अगर आप निकालो इससे निकाल सकते हो ईपीएफ माइनस जड आ के आई आईव के इससे आप निकाल सकते हो क्लियर मतलब यहां पर जो आपको इंपेडेंस लेना पड़ता है ना और जिस बस में फॉल्ट हु जिस बस के बीच का वोल्टेज निकालना है व लेना पड़ेगा ठीक है यह सब सेम है ध्यान रखिए कोई अंतर नहीं है खाली आपको समझ में आना चाहिए लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट के अंदर आईव के जब आप निकालो तो पॉजिटिव सीक्वेंस नेगेटिव सीक्वेंस और जीरो सीक्वेंस प्लस z ए 3f आएगा 3f ठीक है उसका थ्री टाइम्स हम लेके चलेंगे वो आपका फॉल्ट करंट मिल जाएगा लाइन टू लाइन फॉल्ट के अंदर खाली पॉजिटिव सीक्वेंस और नेगेटिव सीक्वेंस लेके चलोगे यह पॉजिटिव सीक्वेंस करंट आई है उसका माइनस ज √3 ये आपका फॉल्ट करंट आ जाएगा अगर के बस में फॉल्ट हुआ आ वाले बस के अंदर वोल्टेज निकाल जीरो सीक्वेंस पॉजिटिव सीक्वेंस और नेगेटिव सीक्वेंस तो ये वाला फार्मूला यूज करोगे ठीक है यहां पर ये जो इंपेडेंस होता है जिस बस में फॉल्ट हुआ और जिस बस का निकाल दे हो उसका इंपसब लाइन टू ग्राउंड फॉल्ट पहले की तरह जो मैंने बताया था पॉजिटिव सीक्वेंस करंट कैसे निकालते हैं पॉजिटिव सीक्वेंस इंपेडेंस नेगेटिव सीक्वेंस जीरो सीक्वेंस के साथ में थ ज सेम बाकी फर फॉर्मूला सेम है अगर के बस के अलावा आई बस का अगर हमें निकालना है पॉजिटिव सीक्वेंस नेगेटिव सीक्वेंस और जीरो सीक्वेंस इंपेडेंस तो आप इससे फाइंड आउट कर सकते हैं तो यहां पर हमारा खत्म होता है इंपेडेंस मैट्रिक्स अब हम आते हैं लोड फ्लो पे बताइए इंपेडेंस मैट्रिक्स में कोई डाउट किसी को कोई डाउट उसमें अब लोड फ्लो पर आते हैं देखिए फॉल्ट को हमने स्टडी किया अब लोड फ्लो फॉल्ट के अंदर हम लोग पावर सिस्टम को स्टडी कर रहे हैं जब सिस्टम हमारा एब नॉर्मल कंडीशन पर है बट लोड फ्लो में हम लोग सिस्टम को स्टडी करेंगे जब य हमारा नॉर्मल कंडीशन के ऊपर काम कर रहा है ठीक क्योंकि सिस्टम हमारा बैलेंस है तो हम इसकी स्टडी को पर फेज बेसिस पर कर सकते हैं यहां पर हमारा सिस्टम स्टे कंडीशन पर काम कर रहा है तो हम इसकी रियल और रिएक्टिव पावर निकालेंगे और वोल्टेज की वैल्यू निकालेंगे लोड फ्लो सॉल्यूशन हमारा काम में आता है एक नए पावर सिस्टम को डिजाइन करने के लिए या पावर सिस्टम के अंदर अगर कोई एसिस्टिंग पावर सिस्टम है उसके अंदर हमें फ्यूचर एक्सपेंशन करना हो ठीक है लोड फ्लो स्टडीज हमें स्टडी स्टेट स्टेबिलिटी और ट्रांज स्टेबिलिटी केलिए भी हेल्प करता है कंपनसेटिंग इक्विपमेंट को आप डिजाइन कर सकते हो इसको यूज करके हुए लोड फ्लो स्टडीज के अंदर हम लोग ट्रांसमिशन लाइन को जब रिप्रेजेंट करते हैं तो इसको या तो शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन मानोगे या उसको मीडियम ट्रांसमिशन लाइन मानोगे जो पाई मॉडल की है हार्मोनिक को लेकर नहीं चलते हैं एचवीडीसी लाइन यहां पर कंसीडर नहीं होती है लंब पैरामीटर एंड फ्रीक्वेंसी एज्यूम कांस्टेंट लोड फ्लो देखिए पावर इंजीनियर के लिए बहुत इंपोर्टेंट चीज है क्योंकि अल्टीमेटली पूरे पावर सिस्टम के अंदर कितना एक्टिव पावर है किस जगह पर कितना रिएक्टिव पावर है किस जगह पर कितना कितना वोल्टेज है उसका एंगल कितना है वह आप इससे सब निकाल सकते हो जैसे मैंने य पर पावर सिस्टम बना रखा है ठीक है तो बहुत सारी बस हैं जैसे बस नंबर वन बस नंबर टू बस नंबर थ्री सब कुछ बस के ऊपर जनरेटर होंगे कुछ पर लोड होंगे तो जो इंजेक्टेड पावर हम लोग निकालते हैं ना एस आई इंजेक्टेड पावर एक बस का उसमें कितना पावर जनरे है उस बस के ऊपर कितना जनरेटर लगा हुआ है और कितना लोड है इसका डिफरेंस होता है इंजेक्टेड पावर ठीक है एक्टिव और रिएक्टिव दोनों को लेके चल रहा हूं ठीक है एक्टिव पावर रिएक्टिव पावर एक्टिव पावर रिएक्टिव पावर कितना जनरेशन है कितना उसके ऊपर लोड लगा हुआ है वो उस बस का इंजेक्टेड पावर आ जाता है लोड फ्लो के लिए हम लोग एडमिटेंस मैट्रिक्स को यूज करते हैं ठीक है जैसे इंपसब मिटेंस मैट्रिक्स को एडमिटेंस मैट्रिक्स के अंदर भी अगेन जैसे इंपेडेंस मैट्रिक्स में होते हैं डायगोनल एलिमेंट होंगे और नॉन डायगोनल एलिमेंट होंगे तो डायगोनल एलिमेंट हमारा ड्राइविंग पॉइंट एडमिटेंस होते हैं जो सेम बस के करंट और वोल्टेज के बीच का रेशो होता है जब बाकी बस के वोल्टेज को आप जीरो कर देते हो ऑफ डायगोनल एलिमेंट दो डिफरेंट बस के करंट और वोल्टेज के बीच का रेशो होता है जब बाकी बस के वोल्टेज को आप यहां पर जीरो कर देते हो ठीक है अब हम लोग इसको कैसे निकालते हैं इसके ऊपर बहुत ज्यादा क्वेश्चन आता है जो आपका डायगोनल एलिमेंट है ड्राइविंग पॉइंट एडमिटेंस यह उस बस पर जितने भी एडमिटेंस कनेक्टेड है उसके सम के बराबर होता है जैसे y11 मैं निकाल रहा हूं तो सम ऑफ ऑल द एडमिटेंस कनेक्टेड टू द बस नंबर वन जब y22 निगे तो सेकंड वाली बस के ऊपर जितने भी एडमिटेंस कनेक्टेड हैं उसका सम होगा ब जब आप ट्रांसफर एडमिटेंस निकालते हो इससे वनटू निकाल रहे हो तो बस वन और बस टू के बीच में जितने भी एडमिटेंस है ना वन और टू के बीच में उसका नेगेटिव कर दीजिए ठीक है नेगेटिव ऑफ एडमिटेंस कनेक्टेड बिटवीन द बस वन एंड बस नंबर टू नी अगर आप वाई आई ज निकाल रहे हो तो आई वाली बस और जे वाली बस के बीच में जितने भी एडमिटेंस कनेक्टेड है उसका नेगेटिव कर दीजिए लोड फ्लो स्टडीज का जो स्टेप है सबसे पहले हम लोग करेंगे नेटवर्क मॉडलिंग उसके बाद मैथमेटिकल मॉडलिंग उसके बाद सॉल्यूशन स्टेज नेटवर्क मॉडलिंग का मतलब है जो भी हमारा पावर सिस्टम है उसको आप एक नेटवर्क की तरह रिप्रेजेंट कर देंगे तो जब नेटवर्क की तरह रिप्रेजेंट करते हैं क्या है पावर सिस्टम के अंदर सोर्स है लोड है और ट्रांसमिशन लाइन है बस बार है तो हम लोग कैसे बनाते हैं वो मैं आपको बताऊंगा उसके बाद आ रहा है मैथमेटिकल मॉडलिंग एक बार जब आपने उसको नेटवर्क की तरह बना दिया तो आप उसमें नोडल इक्वेशन लिखें और हर नोड के लिए जो बस बार है उसके लिए आप करंट की इक्वेशन लिख लोगे एस टर्म ऑफ द वोल्टेज इक्वेशन तो जो भी हमारा मैथमेटिकल मॉडलिंग आता है इसके अंदर नंबर ऑफ अलजेब्रिक इक्वेशन आपको मिल जाएगी इसके बाद आता है इसको इक्वेशन को सॉल्व करना इसको हमें सॉल्व करना है सॉल्व करके हमें क्या निकालना होता है हर बस के ऊपर उसका कितना वोल्टेज उसका एंगल कितना है एक्टिव और रिएक्टिव पावर कितना है बस के ऊपर ठीक है रियल एंड रिएक्टिव पावर कितना फ्लो हो रहा है ट्रांसमिशन लाइन बस बार के ऊपर प्लस ट्रांसमिशन लाइन के ऊपर तो जब आप किसी भी पावर सिस्टम को नेटवर्क की तरह रिप्रेजेंट करते हो तो हमारे पास में होता है जनरेटर सबसे पहले जनरेटर को हम लोग एस सोर्स ऑफ दे रहा है बल्कि रिएक्टिव पावर भी दे रहा है एक्टिव और रिएक्टिव पावर के सोर्स के रूप में मैं इसको रिप्रेजेंट करता हूं लोड को हम लोग द डिमांड ऑफ कॉम्प्लेक्टेड कर दी लोड की कर दी अब आपको करना है ट्रांसमिशन लाइन की तो ट्रांसमिशन लाइन या तो आप होती है शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन की तरह मॉडल करते हो या फिर मीडियम ट्रांसमिशन तर मल करते हो खाली पाई मॉडल यूज करते हो टी क्यों नहीं यूज करते क्योंकि जब आप टी यूज करोगे तो एक नोड को इंक्रीज कर देगा यानी कॉम्प्लेक्शन कर दिया इसी को सॉल्व करके देखिए जो भी हमारा बस बार है ना व यहां पर नोड बन गया बस वन बस टू बस थ इनके बीच में जितने भी पैरामीटर इसको बना दिया तो ये हमारा नेटवर्क बन गया या जो ये थी लाइन इस की हमने बना दिया नेटवर्क मॉडलिंग जैसे ही नेटवर्क मॉडलिंग की उसके बाद आप इसकी मैथमेटिकल मॉडलिंग कर दीजिए यानी मैथमेटिकल इक्वेशन लिख दीजिए हर नोड के लिए आप लिखोगे नोडल इक्वेशन ठीक है नोड जितनी भी बस हैं वह हमारा नोड का काम करेंगी जितनी भी ब्रांचेस हैं वो हमारी ट्रांसमिशन लाइन है हमने यह लिख दी इक्वेशन ठीक है तो यह हमारी हो गई मॉडलिंग मैथमेटिकल मॉडलिंग यानी मैथमेटिकल इक्वेशन आपने लिख दी अब वाई बस के ऊपर बहुत ज्यादा क्वेश्चन आते मैंने आपको बताया था कि इसको हम लोग कैसे बना सकते हैं लोड फ्लो के लिए बाई बस को हम लोग क्यों प्रेफर करते हैं क्योंकि वाई बस स्पर्स मैट्रिक्स होता है स्पर्स का मतलब इसम बहुत सारे एलिमेंट जीरो होते हैं अब उससे क्या फायदा होगा अगर बहुत सारे एलिमेंट यहां पर जीरो है इसका मतलब जब हम लोग लोड फ्लो स्टडीज को सॉल्व करेंगे बाय यूजिंग द कंप्यूटर प्रोग्राम तो इसमें कंप्यूटर प्रोग्राम के अंदर कम मेमोरी लगेगी और कम टाइम भी लगेगा दूसरा है एडमिटेंस मैट्रिक्स कैन इजली बी फॉर्म एंड मॉडिफाइड ठीक है एडमिटेंस मैट्रिक्स को बनाना और उसको मॉडिफाई करना एस कंपेयर टू इंपेडेंस मैट्रिक्स ज्यादा इजी रहता है ठीक अधिकतर एलिमेंट मतलब % तक आपको स्पर्सिटी मिलेगी मोस्टली एलिमेंट आपके यहां पर जीरो रहेंगे जब हम मीडियम लाइन या लॉन्ग लाइन की तरह इसको रिप्रेजेंट करेंगे और जब इसकी एडमिटेंस मैट्रिक्स लिखेंगे तो हमें याद रखना है अरे भाई य तो बता दिया ना तुम तुम थोड़ा लेट आए हो तुम इसको स्टार्टिंग से देखो तुम्हे पता लग जाएगा लाइन चार्ज कैपेसिटेंस क्या होता है ठीक है जो हमारी जो ट्रांसमिशन लाइन होती है ना एक ट्रांसमिशन लाइन है दूसरी लाइन है दोनों कंडक्टर हैं दोनों के बीच में एयर है दो कंडक्टर के बीच में अगर एयर होता है मतलब यहां पर एक कैपेसिटेंस बन जाता है ठीक है इट इज कॉल्ड द चार्जिंग कैपेसिटेंस यह आपको समझना है सम ऑफ द एलिमेंट ऑफ एनी रो या कॉलम या तो आप रो का सम कर दीजिए फर्स्ट ली रो का सम किया तो फर्स्ट वाली बस बार के साथ में जितने भी एडमिटेंस कनेक्टेड होंगे सट एडमिटेंस वो मिल जाएंगे चाहे फर्स्ट कॉलम का करिए चाहे फर्स्ट रो का करिए कॉलम करिए चाहे रो का करिए ठीक है अगर मैं सट एडमिटेंस को ऐड करता हूं किसी भी लाइन के अंदर सिर्फ डायगोनल एलिमेंट ही चेंज होंगे ऑफ डायगोनल एलिमेंट के अंदर कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि ऑफ डायनल एलिमेंट के अंदर यह है ही नहीं सट एडमिटेंस होता ही नहीं है ऑफ डायगोनल एलिमेंट के अंदर ली डायगोनल एमेंट आपके चेंज होंगे अब देखिए मैं बना रहा हूं लोड फ्लो इक्वेशन आपको लगेगा कि लोड फ्लो इक्वेशन हमय बना चुके थे बट ये इक्वेशन नहीं है क्योंकि देखिए इस इक्वेशन को यूज करके मैं v1 व2 v3 की वैल्यू नहीं निकाल सकता क्यों नहीं निकाल सकता उसके लिए मेरे को हर बस बार के ऊपर करंट की वैल्यू पता होनी चाहिए और हमें हर बस बार के ऊपर करंट की वैल्यू नहीं पता होता हमें पता होता है पावर की वैल्यू तो आप पावर और वोल्टेज की टर्म में इक्वेशन निकालेंगे पावर और वोल्टेज की टर्म में इक्वेशन निकाल े प और q आ का मतलब मैंने बताया था नेट इंजेक्टेड पावर मतलब जनरेशन माइनस डिमांड का डिफरेंस होगा ये तो प माइ ज क आ आई का कजुट या माइनस करोगे तो आई का कजुट होगा ये हमारा आई आ है वा आई के v के ये वैल्यू आप यहां पर पुट कर दोगे सॉरी ये आ गया ये ठीक है आई आई की वैल्यू मैंने वहां पर पुट कर दी एसे में तो ये आ गया इसको आप सॉल्व करके एंगल की टर्म में बना दोगे अल्टीमेटली जो आती है जो आपको याद रखना य दो इक्वेशन याद रखनी है पी आई और q आ ी आईवी के के का मतलब वन से लेकर ए जितने भी बस बार उनका वोल्टेज वा आई के एडमिटेंस मैट्रिक्स से निकल जाएगा थ आ डेल्टा आई माइनस डेल्टा के माइनस थ आई के एक्टिव पावर साइन रिएक्टिव पावर अब य जो इक्वेशन है इसमें साइन थीटा कॉस थीटा सबको दिख रहा है इसका मतलब यह आपकी लीनियर इक्वेशन नहीं है यह आपकी नॉन ली इक्वेशन है इसको टट मेथड से हम लोग सॉल्व कर सकते हैं इ सॉल्व करेंगे देखि एक बस के अंदर एक बस में हमारे पास में चार वेरिएबल हैं जो हमें पता करने हैं एक है एक्टिव पावर दूसरा है रिएक्टिव पावर उसका वोल्टेज का मैग्निटिया लेकिन आपको वेरिएबल निकालने 4n तो पॉसिबल ही नहीं है क्योंकि हमें पता है कि जितने वेरिएबल आपको निकालने होते हैं उतनी इक्वेशन चाहिए होती है तो हम क्या करेंगे फर एन वेरिएबल हर बस में चार वेरिएबल है हर बस के अंदर दो वेरिएबल को मैं फिक्स कर दूंगा यानी स्पेसिफाई कर दूंगा उसको नॉन बना दूंगा हर बस में जब दो वेरिएबल को आप नॉन बना दोगे तो खाली दो वेरिएबल ही हर बस के अंदर अननोन बच जाएंगे जिसको हम लोग 2n इक्वेशन से सॉल्व कर लेंगे अब इन बस के अंदर इन चार वेरी अननोन वेरिएबल में से किस वेरिएबल को आप स्पेसिफाई कर देते हो उसके अकॉर्डिंग हम लोग बस को तीन कैटेगरी में डिवाइड करते हैं य बहुत इंपोर्टेंट इसके ऊपर क्वेश्चन आ जाता है ध्यान रखिए पहला होता है लोड बस या पी क्य बस यहां पर प और क्यू हमारे नॉन वेरिएबल है प और क अगर नॉन वेरिएबल है इसका मतलब वोल्टेज का मैग्निटिया तो v और डेल्टा आपका अननोन वेरिएबल है अब v और डेल्टा आप कैलकुलेट करोगे बट यह आप ध्यान रखिएगा अगर मैंने वोल्टेज को कैलकुलेट किया वोल्टेज की वैल्यू प्लस माइनस 5 पर के अकॉर्डिंग ही होनी चाहिए मतलब एक लिमिट होती है ना उससे ज्यादा चेंज नहीं हो सकती आपका एक इस बस का इतना वोल्टेज होना चाहिए खाली प्लस माइनस 5 पर तक वरी हो सकता है लेकिन कैलकुलेट करने के बाद जो मेरी वैल्यू आई है व इस लिमिट लिमिट के अंदर अगर नहीं आई लिमिट के अंदर होना बहुत जरूरी है तो इस वैल्यू को इस वोल्टेज की वैल्यू को मैं फिक्स कर लूंगा मानो सपोज करिए मेरे को 200 से लेकर 220 वोल्टेज ही चाहिए ये इतनी अलाउड है लेकिन आपको 190 वोल्टेज मिलती है कैलकुलेशन करने के बाद तो आप 190 नहीं लेकर इसको 200 पे फिक्स कर दोगे जो लिमिट वायलेट हुई है अब ये मेरा वोल्टेज जब फिक्स हो गया तो ये p क बस नहीं होके पवी बस हो जाती है कि हमने वोल्टेज को स्पेसिफाई कर दिया है नेक्स्ट आता है जनरेटर बस या पीवी बस यहां पर प और वोल्टेज का मैग्निटिया ठीक है प और व स्पेसिफाइड है ू और डेल्टा आपका निकालना होगा जब आपने q निकाला अग q की वैल्यू भी एक मैक्सिमम मिनिमम के बीच में होनी चाहिए अगर जो कैलकुलेट करके आपने जो q निकाला उसकी वैल्यू मिनिमम या मैक्सिमम वैल्यू को वायलेट कर रही है तो उसको हम उस जगह पर फिक्स कर देंगे तब हमारी पीवी बस प क बस में कन्वर्ट हो जाएगी मतलब अगर लिमिट वायलेट होती है तो ध्यान रखिएगा p क और पीवी बस अपने आपस में चेंज हो जाएगी नेक्स्ट है हमारा स्लैक बस अब स्लैक बस का कांसेप्ट क्यों जरूरी है हम कह रहे हैं हमारे पास में एक डेल्टा है तो डेल्टा मैं कैसे निकालू भाई जब तक कोई रेफरेंस नहीं होता उसके कंपेन में तो हम लोग एंगल निकालते हैं मेरे को एक रेफरेंस बस चाहिए वो बस मेरी स्लैक बस होती है जनरली हमारे पावर सिस्टम में जहां पर सबसे बड़ा जनरेटर कनेक्ट होता है उस बस को हम लोग जनरेटर बस स्लैक बस मान लेंगे देखिए हम ये मान के चलते हैं कि यह वाली बस कितना ही एक्टिव और रिएक्टिव पावर दे सकती है जितने भी लॉसेस हैं यह इसको टेक केयर कर सकता है तो जो भी लार्जेस्ट जनरेटिंग स्टेशन की वाली बस होती है उसको हम लोग स्विंग बस लेकर चलते हैं स्लैक बस कितना ही पावर दे सकता है ठीक है इसका मतलब कि इसमें वोल्टेज ड्रॉप जीरो हो सक जीरो होगा तो इसका एक हम ये मान के चलेंगे कि इसका जो इनर्स होता है वह इनफा इनर्स होता है लोड बस 85 पर हमारी बस प क बस होती है 15 पर के आसपास प बस होती है और एक बस हर के अंदर आपको एक बस स्लैक बस के रूप में लेना पड़ेगा क्योंकि जो इक्वेशन हमने निकाली है वो नो लीनियर इक्वेशन है तो उसको इटरेटिव मेथड से सॉल्व करना पड़ेगा जो गॉस सडल मेथड हो सकता है और न्यूटन रप्स मेथड समझिए जनरली एग्जाम गेट एग्जाम में बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट नहीं है क्योंकि इसमें लेंथी टाइम टाइम लगता है काम टाइम लगता है तो बहुत ज्यादा इसके आने के चांस ऑलमोस्ट ल के बराबर है अगर आएगा तो खाली एक इटरेशन पूछ लेंगे बस पूरा का पूरा तो कभी आएगा ही नहीं तो हमारी एक नॉन लीर इक्वेशन है जिसको हम लोग इटरेटिव मेथड से सॉल्व कर सकते हैं जो गस सडल हो सकता है या न्यूटन रासन हो सकता है देखिए एक्सव से लेकर एक्स हमारे पास में वेरिएबल है हर वेरिएबल एक दूसरे पर डिपेंड एक्स आ की वैल्यू सब केऊ परर डिपेंड करती है सबसे पहले हम कोई अजमन मान लेते हैं हमने मान लिया उससे मैं एक्स आ की वैल्यू निका लूंगा यानी पहले मैं x1 निकालू फिर x2 निकालू फिर x3 निकालू एक इटरेशन खत्म हो जाएगा फिर x1 में निकालू दूसरे इटरेशन में x2 एकस3 एकस सब निकालेंगे फिर x1 एकस3 थर्ड इटरेशन में निकालेंगे अगर दो सक्सेसिव इटरेशन के बीच का जो डिफरेंस है जो भी आपको मन लगता है कि इतना होना चाहिए एसन जो आपने मान रखा है उससे कम आ गया तो हम मान लेते हैं कि जो हमारा सॉल्यूशन है वह कन्वर्स हो गया है ठीक है आने के चांस बहुत कम मैंने आपको बताया अगर खाली पी कस प्रेजेंट है ओनली प क बस इ देयर प बस अगर नहीं दे रखी आपको वोल्टेज और डेल्टा निकालना है प और क तो फिक्स है आपको वोल्टेज और उसका एंगल डेल्टा निकालना है यहां पर ठीक है तो आईआई की वैल्यू भाग v के ये होती है ठीक है यहां पर आईआई हमने इससे निकाल केय पुट कर दिया तो यहां पर जो वोल्टेज निकालने के लिए ये वाला फार्मूला यूज करना वोल्टेज का मैग्निटिया प और q आपको पता है प - q आ आई का कजुट वा आई के व के ठीक है प क आई का कजुट वा केवी के न अपन वा आईई ठीक एक इटरेशन बस पूछ सकते हैं उ जदा नहीं पूछ सकते एक इटरेशन के लिए याद कर लीजिए हालांकि फिर भी उसके भी आने के चांसेस मे को बहुत ज्यादा नहीं लगते हैं यह तो एल्गो है एल्गो हालांकि आपके इस एग्जाम के लिए कोई काम का नहीं है यह आप ध्यान रखिए गॉस सल एक नंबर में पूछ सकते हैं प्रोसेस ऑफ कन्वर्जेंस स्लो होता है तो इसको स्पीड अप करने के लिए मैं यूज करता हूं एक एक्सशन फैक्टर यह क्या होता है अगर दो सक्सेसिव इटरेशन के बीच मैंने वोल्टेज निकाला ठीक है तो नेक्स्ट आ प्सव के लिए मैं इसको यूज करूंगा लेकिन मैं इसको यूज नहीं करके v प्व एक्सशन वैल्यू यूज करता हूं r प् 2 के लिए वो क्या होगा ये माइनस इन दोनों का डिफरेंस और अल्फा अल्फा की वैल्यू को हम लोग लेके चलते हैं 1.6 अल्फा इज द 1.6 यहां पर यूज करके चलता है सिर्फ इतना याद रखना है अल्फा कितना होता है बाकी तो कोई काम का नहीं है अगर आपको पीवी बस भी दी हुई है इसके लिए आपको क्य और डेल्टा भी चाहिए होता है इसके निकालने के लिए q और डेल्टा की वैल्यू तो प बस में आपको q निकालना है तो q के लिए जो फार्मूला मैंने आपको बताया था यह वाला फार्मूला पहले हमने बताया था इससे हमें कू निकालना होगा डेल्टा डेल्टा क्या होता है वोल्टेज का डेल्टा तो वोल्टेज के लिए फ फार्मूला यूज कर रहा हूं बट आपको मैग्निटिया है जिस इक्वेशन से आता है ये आपके आने के चांसेस है खाली गेट एग्जाम में एडवांटेज और डिसएडवांटेज क्या है गॉस सडल में सबसे एडवांटेज है सिंपल मेथड है एक इटरेशन में कम टाइम लगता है यानी पूरे नहीं पर इटरेशन आपको कम टाइम लगता है कम कंप्यूटर की मेमोरी लेके घरता है ये डिसएडवांटेज क्या है कन्वर्जेंस की रेट स्लो है आपको 20 20 303 इटरेशन चाहिए हो जाते हैं कभी-कभी ठीक है कितने इटरेशन चाहिए ये नंबर ऑफ बसेस के ऊपर डिपेंड करता है बसेस ज्यादा होंगी नंबर ऑफ टशन बढ़ते जाते हैं ये कन्वर्ज कब होगा कितना टाइम लगेगा यह भी स्लैक बस के सिलेक्शन के ऊपर डिपेंड करता है यह इसके डिसएडवांटेज है अब आ जाइए न्यूटन रप्स मेथड ठीक है इसके अंदर जनरली जो आता है ना वो आता है कि न्यूटन रप्स मेथड में जो जैकोबिन मैथ है उसका ऑर्डर कितना होगा तो देखिए ये एक मेरा एक फंक्शन है x का जीरो हमने x की कोई वैल्यू मान ली x नॉ ये मैंने मेरा गैस है ये अगर गैस एकदम परफेक्ट करेक्ट होगा तो ये इसके जीरो के बराबर आ जाएगा बट परफेक्ट करेक्ट नहीं है इसका मतलब थोड़ा बहुत हमें यहां पर चेंज करना पड़ेगा इसको डेल्टा एक्स न ये करेक्शन है इसको हम लोग टेलर थ्योरम के अकॉर्डिंग जब चेंज करेंगे तो फर्स्ट करेक्शन की वैल्यू आप ऐसे निकाल सकते हो ये याद रखिए f एक माइ डेल्टा f / डेल्टा x x0 नेगेटिव में फंक्शन की वैल्यू उसके डेरिवेटिव की वैल्यू जो भी हमने x की वैल्यू इनिशियल वैल्यू मान रखी है उसके अकॉर्डिंग मेरा पहला करेक्शन आ जाएगा फर्स्ट करेक्शन में ऐड करोगे तो ये x1 की वैल्यू आपको मिल जाएगी इस तरह फिर सेकंड थर्ड फोर्थ आपको करना पड़ेगा इसके ऊपर एक बार क्वेश्चन आया हुआ है ध्यान रखिएगा ये तो सेम ही है दो वेरिएबल हैं एक्सव एक्सट दोनों को निकालना है इसको मैंने केव के2 हमने मान लिया वही आप यहां पर टेलर सीरीज के अकॉर्डिंग लेकर चलोगे खाली दो टर्म्स को मैं लेकर चल रहा हूं पहले की पहले के तीन टर्म्स को लेकर चल रहा हूं तो यह वाली वेक्टर आता है इसको हम बोलते जैकोबिन मैट्रिक्स एक्सव एक्सट दो वेरिएबल हमें निकालने है यह हमारा करेक्शन जो हमें निकालना यह मिस मैच है मतलब यह एक्चुअल वैल्यू है और हमारी एप्रोक्सीमेशन से जो फंक्शन की वैल्यू आई है वही आई है तो यह हमारा मिसमैच वैल्यू है ठीक है हालाकि फिर य एग्जाम पॉइंट ऑफ व्यू से कोई खास काम की चीज नहीं है यह भी कोई खास काम का नहीं ए वेबल के निकाल दिया जो काम में आएगा व मैं आपको बता रहा हूं लोड फ्लो हम लोग जो यूज करते न्यूटन पशन मेथड पोलर कोऑर्डिनेट को लेकर चलेंगे प और क्य यह है हमा नॉन डेल्टा और v की वैल्यू हमें निकालनी है तो p और q डेल्टा और v के ऊपर डिपेंड करते हैं इससे मैंने ये निकाल दिया स्पेसिफाइड क्वांटिटी कैलकुलेटेड क्वांटिटी ठीक है जो हमने एप्रोक्सीमेट वैल्यू मानी हुई डेल्टा व उससे कैलकुलेट किया हुआ है ये हमारा स्पेसिफाइड है क्योंकि आपको प और q दिया हुआ है यह जैकोबिन मैट्रिक्स है इसमें जनरली हम लोग v करके ऐसे कर देते हैं इसको v से मल्टीप्लाई कर देते हैं ऐसे यह हमें निकालना है इसकी वैल्यू हमें निकालनी है एग्जाम के अंदर आएगा कि जैकबियन मैट्रिक्स का ऑर्डर कितना होता है तो सिर्फ आपको याद रखना है प क 2 प क प्स पवी यह आपको याद रखना है यह वाली चीज सबसे इंपॉर्टेंट है ट प क का मतलब कितने पी क बस है पी क मीस प क बस प का मतलब नंबर ऑफ पीवी बस ट प क प्स पवी इनटू प क प्स पवी यह जकोबी मैट्रिक्स का ऑर्डर है ठीक है इनके डिफरेंट मैट्रिक्स एच एन ज और एल का ऑर्डर अभी तक नहीं आ लेकिन यह आ सकता है क्योंकि बहुत सिंपल टाइप की चीज है डेल्टा प अपन डेल्टा क मतलब आपको देखना है कितने बस के अंदर प नोन है कितने बस में डेल्टा अननोन है प नन है इसमें डेल्टा नन है ए में क्या देखना कितने बस में प नोन है कितने बसेस में ी अननोन है याद नहीं रखना याद नहीं रखना ली इसी समझ जाइएगा कितने बस में क्य नोन है कितने बस में डेल्टा अननोन है ला नोन अननोन कितने बस में क नोन है कितने बस में भी अननोन है तो यहां खत्म होता है हमारा इकोनॉमिक सॉरी लोड फ्लो लोड फ्लो में खाली एडमिटेंस मैट्रिक्स और जैकबियन ऑर्डर का जैकोबिन मैट्रिक्स का ऑर्डर खाली इसके ऊपर इसके अलावा जनरली बड़े क्वेश्चन यहां पर बनने के चांसेस बहुत ही कम होते हैं बताइए इसमें किसी को कोई डाउट है आई एम फ्रॉम द स्ट्रेस बैच आई वांट टू नो सर सीएस टीम क्यों चेंज हो गई पता नहीं मेरे को क्या पता होगा भाई यह तो जिन जो लोग यहां से गए या जो नए लोग आ रहे हैं उनसे पूछिए ध्यान रखिए जो लो डिस्पैच है ना बड़ा है तो टफ लेकिन गेट एग्जाम के लिए जो भी टफ वाला पार्ट है ना वो आ नहीं पाता तो आपके लिए बहुत इजी हो जाता है मतलब उसमें कोई कुछ खास चीज नहीं बचती है हम आते हैं इकोनॉमिक लॉ डिस्पैच के ऊपर इकोनॉमिक लॉ डिस्पैच का मतलब होता है कि कितने कम कॉस्ट में आप पावर की डिमांड को फुलफिल कर पाते हो तो यहां पर दो प्रॉब्लम हो गई पहला तो जितनी पावर चाहिए सबसे पहले आपको उस यूनिट को सेलेक्ट करना पड़ेगा जो आप टाइम पर पावर देने के लिए सक्षम है नी सिलेक्शन ऑफ सोर्स ऑफ मली आउट ऑफ अवेलेबल सोर्स इसको बोलते हैं यूनिट कमिटमेंट यानी यह वाली यूनिट कमिटेड है इससे हम लोग पावर ले सकते हैं एक बार आपने यूनिट को सेलेक्ट कर लिया फिर हर यूनिट से कितनी पावर लेनी है किस यूनिट से कितनी कितनी पावर लेनी है यह हमारा होता है इकोनॉमिक लोड का ठीक है इकोनॉमिक लोड डिस्पैच के अंदर हम लोग खाली जो वेरिएबल कॉस्ट है ना वो भी खाली फ्यूल कॉस्ट उसी को लेकर चलते हैं फिक्स कॉस्ट को नहीं लेकर चलते हैं वेरिएबल कॉस्ट अर मेनली कॉस्ट आपका फ्यूल कॉस्ट होता है बाकी के कॉस्ट को हम लोग फ्यूल कॉस्ट का कुछ परसेंटेज मान लेते हैं मतलब आपने माले कि बाकी की जो कॉस्ट है वह फ्यूल कॉस्ट का 20 पर और ज्यादा है इतना हमने मान लेते हैं ठीक है देखिए अब यहां पर हम लेकर चलेंगे सपोज करिए आपके पास में दो प्लांट है एक प्लांट से आप पव पावर लोगे दूसरे से प2 इस तरह लोगे कि आपको सबसे कम कॉस्ट के अंदर पावर मिल जाए सबसे कम कॉस्ट में पावर कम मिलता है जब एक का इंक्रीमेंटल कॉस्ट जैसे एक कामेंट कॉस्ट है डी ए अपन d पव दूसरे के इंक्रीमेंटल कॉस्ट के बराबर हो किसी बुक में सी होता है सी मतलब कॉस्ट एफ का मतलब फ्यूल ठीक है उतना उतना पावर हमें लेना है कि इंक्रीमेंटल कॉस्ट बराबर इकल कॉस्ट का मतलब क्या होता है कि सपोज करिए अगर कोई भी पावर प्लांट 500 मेगावाट जनरेट कर रहा है ठीक है तो 500 से अगर मैं एक मेगावाट को इंक्रीज कर देता हूं एक मेगावाट बढ़ाने पर कितने रुपए लग जाएंगे मान दो रप लग जाते हैं तो दो रप इसका इंक्रीमेंटल कॉस्ट हो गया र पर मेगावाट ठीक है ऐसे यह होता है इंक्रीमेंटल कॉस्ट पहले वाले का कब दूसरे वाले का कब इस तरह हमें p1 प2 लेना होता है कि इनका इनकल कॉस्ट सेम रहे अभी मैं लॉसेस को कंसीडर नहीं कर रहा हूं ध्यान रखिएगा सेम चीज हमारा जब ज्यादा नंबर यूनिट होती है उसमें भी सेम चीज चलती है या नहीं दो के लिए चाहिए होता है जब आप लॉस को कंसीडर नहीं करते हैं नो डाउट आप लगज मेथड को यूज करोगे तो सेम आपका चलेगा जब जितनी यूनिट भी आप लेकर चल रहे हैं उनका इंक्रीमेंटल कॉस्ट सेम होना चाहिए इतना इतना पावर लेना है कि इंक्रीमेंटल कॉस्ट आपका सेम हो जाए तो सबसे मिनिमम कॉस्ट के ऊपर आपको पावर मिल जाएगा लेकिन इसमें कुछ कंडीशन जो आपको ध्यान में रखना है वो याद रखना है पहला है हमने उस फॉर्मूले से पावर निकाल ली इफ द पावर कैलकुलेटेड बाय द इकोनॉमिक लोड डिस्पैच वायलेट द एक्टिव पावर लिमिट ऑफ द यूनिट देन वी विल फिक्स द पावर टू दैट लिमिट एंड द रिमेनिंग पावर विल बी गिवन बाय द अदर यूनिट मतलब सपोज करिए आपकी डिमांड थी 200 मेगावाट ठीक है हमने जब कैलकुलेशन करके निकाला तो यह 90 मेगावाट म लेना चाहिए फर्स्ट वाले को 110 मेगावाट देना चाहिए दूसरे मेगा वट को बट यहां पर आपको दिया हुआ है कि हमारा जो पहला वाला है ठीक है व 8 मेगा से ज्यादा पावर नहीं दे सकता उसकी लिमिट है 80 मेगावाट से ज्यादा पावर नहीं दे सकता तो 90 आप कैसे ले लोगे तो आप इसको 80 पर फिक्स कर दोगे और बाकी का पावर आप इससे ले लोगे सिंपल सी पावर है हैना जो भी लिमिट जैसे मानो कैलकुलेट वैल्यू आ रही है वह मैक्सिमम से ज्यादा आ गई है तो ले नहीं सकते उससे उस फिक्स कर दीजिए बाकी का आप दूसरे से ले लोगे दूसरा कैसे हो सकता है एक यूनिट का इंक्रीमेंटल कॉस्ट की जो मैक्सिमम वैल्यू है अलग-अलग पावर के ऊपर भी निकाल के चल रहे हैं दूसरे के इंक्रीमेंटल कॉस्ट की मिनिमम वैल्यू से भी कम है तो हम लोग यूनिट नंबर वन को पूरा का पूरा लोड कर देंगे और बाकी पावर हम दूसरे से लेंगे मतलब इसको समझने का तरीका यह देखो यह समझना इस चीज को अलग अलग पावर के अकॉर्डिंग इसका इंक्रीमेंटल कॉस्ट 450 से लेकर 600 तक हो सकता है कितनी पावर लेते हो उसके अकॉर्डिंग इसका इंक्रीमेंटल कॉस्ट अलग-अलग पावर के अकॉर्डिंग 650 से लेकर 800 तक हो सकता है तो इसकी तो मैक्सिमम वैल्यू ही 600 है इसकी मिनिमम वैल्यू ही 650 है भाई इसकी तो कितनी भी पावर में पूरा लेवल ल तब भी 00 इनक पड़ी इसकी तो मिनिमम भी लोगे तब भी 650 पड़ेगी इससे आप पूरा का पूरा पावर ले जितना आप ले सकते हो 600 तक तो इससे पूरा ले लो जैसे यहां पर लेना है 750 लेना है तो 600 से ले लो बाकी 100 खाली इससे ले लो सिंपल सी बात है भाई जैसे आप बाजार में खरीददारी करने जाते हो ना कुछ चीज परचेस करने जाते हो सेम कांसेप्ट आपको यहां पर यूज करना है सबसे कम पैसे में बस आपको लेक आना है एक इस तरह का मतलब यह सब मतलब यह मैंने आपको इस तरह के केसेस बता दिए अगर कुछ अलग भी आ जाता है तो बेसिक जो कांसेप्ट वो आपको यूज करने हैं परचेसिंग के अगर एक यूनिट की इंक्रीमेंटल कॉस्ट फिक्स है यह पावर के ऊपर डिपेंड नहीं करती और सपोज करिए यह कॉस्ट दूसरी यूनिट्स की इनक मेंटल कॉस्ट से भी कम है तो हम इसको पूरी रेटेड कैपेसिटी तक लोड कर देना है मतलब यह देखिए समझिए इस चीज को इसमें य लिखना भूल गया कुछ भी लिख दीजिए मानो यह मैंने लिख दिया 80 य पर लिख दीजिए मानो 70 सपोज करिए ना इसका इंक्रीमेंटल कॉस्ट फिक्स है कितना ही पावर ले लो 30 से ज्यादा नहीं है 30 ही रहेगा और ये 30 इसके मिनिमम से भी कम है इसका 80 है इसका 70 तो पहले पूरा का पूरा पावर इससे ले लो जितना ले सकते हो कितना ले सकते हो 300 मेगावाट तक तो लेही सकते हो 300 में मेगावाट का आप इससे ले लो और बाकी के पावर आप इससे ले लो बाकी के पावर आप इससे ले लोगे ठीक आपको निकालना पड़ेगा आप निकाल लेना इससे इ कॉस्ट जैसे यह 50 है 50 के लिए कितना हो जाएगा कॉस्ट 50 15 35 हो गया नाय ये 50 के लिए 50 रखोगे 20 50 हो जाएगा इससे मैंने लिया 300 मेगावाट और बाकी का जो पावर है डिमांड हमारे 700 मेगावाट है 300 से ले लिया तो बाकी के 400 मेगावाट इन दोनों को से ले लोगे कैसे लोगे इनका इनकल कॉस्ट को बराबर करके निकाल लो p1 प2 400 मेगावाट के बराबर अब इकोनॉमिक लो डिस्पैच में अगर मैं ट्रांसमिशन लाइन को इंक्लूड करके चलता हूं नो डाउट अगर पावर स्टेशन दो दो तीन पावर स्टेशन एक दूसरे के पास में तब तो कोई फर्क नहीं पड़ता क्यों लॉसेस सेम रहेगा लेकिन अगर व एक दूसरे से बहुत ज्यादा दूरी पर स्थित है तो हमारे शेड्यूलिंग के अंदर हमें लॉसेस को कंसीडर करके चलना पड़ेगा कैसे देखिए पहले में लॉसेस का निकालू यह मेरा लॉस है ठीक है लॉस इन टर्म ऑफ करंट आ रहा है इस करंट को हम लोग पावर की टर्म में निकाल लेते ना तो एक लॉस कफिट मिलता है यह आ जाता है बीव बीटू समथिंग आ जाता है कभी कभी लॉस कफिट की वैल्यू निकालना पूछते हैं एग्जाम में ववव ववव पव पावर जा रहा है वव तक बताइए इससे पावर आ रहा है आरव प्स आ3 य जाएगा आव प्स आ3 v1 कॉस फव का स्क्वायर ये बीव व हो गया b22 सेकंड वाले से जो पावर आएगा आ2 प्स आ3 फिर बी12 खाली आथ लीजिए वव कॉस फव टू कॉस फटू अगर सभी क्वांटिटी आप प में ले रहे हो तो लॉस कफिट भी हमारे पी के अंदर होंगे इनकी जो यूनिट होती है व मेगा ट इवर्स होता है ठीक है कल याद रखिए इसके याद से हम लोग पील की वैल्यू निकाल लेंगे अब आप यह तो जितना है ना इसको इस फॉर्म में लिख सकते हैं हम हालांकि आपको दो या तीन से ज्यादा तो लिखा हुआ आएगा ही नहीं तो आपको जरूरत नहीं पड़ेगी इसको लिखने के लिए अब लग्र मेथड यूज करेंगे अगर लॉसेस को भी लेकर चल रहे हैं हमारे पास में ए यूनिट फ्यूल कॉस्ट f1 f2 सेले f तक पावर ले रहे p1 प2 प ए तक ठीक है मिनिमम कॉस्ट के अंदर पावर मिलनी चाहिए वी विल आल्सो कंसीडर द लॉस लॉस को भी कंसीडर करके चलेंगे तो लॉस को कंसीडर करके चलोगे तो पावर आपको जनरेट करनी पड़ेगी डिमांड प्लस लॉस दोनों के बराबर डिमांड प्लस लॉस यहां पर लॉस को भी हम लोग लेकर चल रहे हैं जब इसको निकालते हैं तो यह आता है जो आपको याद रखना है अभी तक हम लेके चले थे इंक्रीमेंटल कॉस्ट ओनली बट अब इंक्रीमेंटल कॉस्ट के साथ में मल्टीप्लाई करोगे एव ठीक है या df2 अपन dp2 ए2 df3 dp3 ए3 इसको बोलते पेनल्टी फैक्टर पेनल्टी फैक्टर यानी खाली इंक्रीमेंटल कॉस्ट इक्वल नहीं होने चाहिए इंक्रीमेंटल कॉस्ट मल्टीप्लाई बाय पेनल्टी फैक्टर इक्वल होने चाहिए इंक्रीमेंटल कॉस्ट मल्टीप्लाई भी पेनल्टी फैक्टर यह आपके इक्वल होने चाहिए ठीक है अब एग्जाम में जन इस तरह का आता है कि यह जो लाइन है इसका रेजिस्टेंस नहीं देते हैं अब यह पूरा का पूरा लोड है दो वाले के साथ में कनेक्टेड है जब दो वाले के साथ में कनेक्टेड है तो जो भी लॉस कफिट में दो आ रहा होगा जैसे बीट बीव जहां पर भी टू आ रहा है उसको जीरो मानना है क्योंकि खाली यहीं पर लॉस होगा इधर से कोई लॉस नहीं होगा तो जहां पर भी ड है तो खाली पील की वैल्यू हो जाएगी हमारी बीव इन पव स्क्वा ध्यान रखिए जो हमारा लॉस कफिट है एल क्या होता हैसे एलव लिखाने है इंक्रीमेंटल लॉसेस ऐसे एलटू लेकर चलोगे इंक्रीमेंटल पावर लॉसेस डेल्टा प एल अपन पव य आ जाएगा डेल्टा प एल अपन प2 अगर पूरे के पूरे लोड वन के साथ में कनेक्टेड हो तो जहां पर भी लॉस को में वन आ रहा है उसको जीरो कर देना फिर य आ जाएगा प एल की वैल्यू तो डेल्टा प अपन डेल्टा पट य हो जाएगा एलटू डेल्टा प अपन पव जी हो जाएगा हो जाएगा वैसे यह जो इकोनॉमिक लो डिस्पैच वाला है ना यह पोर्शन बहुत इजी है लास्ट टाइम भी क्वेश्चन आया था लेकिन थोड़ लेंथी दे दिया था उन्होंने ठीक है मतलब इसमें कुछ नई ट्रिक नहीं है बट लेंथी की वजह से क्या होगा कुछ लोग उसको करेक्ट नहीं कर पाए क्योंकि पिछली बार का जो पेपर था वह लेंथी भी था और टफ भी था तो हम लोग आ गए अपने लास्ट पड़ाव पर स्विच गियर एंड प्रोटेक्शन मैंने आपको पहले ही बताया था कि जो स्विच गयर प्रोटेक्शन वाला पार्ट है ना बहुत ज्यादा लेंथी है बट यहां पर हम लोग ली उस चीज को डिस्कस करेंगे जो गेट एग्जाम के अंदर आ सकते हैं कभी-कभी कुछ ऑब्जेक्टिव टाइप के एक नंबर के क्वेश्चन आते हैं या दो चार तरीके इसपे न्यूमेरिकल बनते हैं उसको मैं डिस्कस करूंगा स्विच का गियर स्विच गियर का मतलब क्या होता है य एक नॉर्मल टर्म है जो उन इंस्ट्रूमेंट के लिए यूज में करते हैं जो स्विचिंग और प्रोटेक्शन के लिए काम में आते हैं ठीक है जैसे फ्यूज हो गया सर्किट ब्रेकर हो गया आइसोलेटर हो गया सीटी पीटी रिले कंट्रोल पैनल लाइटिंग रेजिस्टर इन इक्विपमेंट को हम लोग बोलते हैं स्विच गियर इक्विपमेंट ठीक स्विच गियर इक्विपमेंट हर स्विचिंग पॉइंट में हम लोग लगाते हैं जनरेटर और फाइनल लोड के बीच में बहुत सारे हमारे सब स्टेशन होते हैं बहुत सारे स्विचिंग स्टेशन होते हैं जहां पर हम इनको लगाते हैं अगर आप टोटल एक्सपेंस या टोटल खर्चा देखो इन इक्विपमेंट का तो बहुत कम होता है यानी पूरे पावर सिस्टम की कॉस्ट का खाली 5 से 6 पर ही होता है लेकिन यह बहुत इंपोर्टेंट है क्यों क्योंकि यह पूरे पावर सिस्टम को प्रोटेक्शन देने का काम कर रहे हैं देखिए रिले हमारी दो तरह की होती है मैकेनिकल रिले स्टैटिक रिले मैकेनिकल रिले के अंदर भी बहुत सारे कम बहुत सारे कंपोनेंट होते हैं खाली मैं इस एक दो चार को डिस्कस कर रहा हूं जिसके ऊपर क्वेश्चन बनता है एक इंडक्शन डिस्क रिले ठीक है इंडक्शन से पता लग रहा है इंडक्शन के प्रिंसिपल पर काम करती है इसका मतलब खाली आप इसको एसी सर्किट में ही यूज कर सकते हैं इस टाइप की रिले के अंदर एक डिस्क होती है जो दो इलेक्ट्रो मैग्नेट के बीच में रोटेट होती है जिनके बीच में स्पेस और टाइम का डिफरेंस होता है तो उससे हमारा एक टॉर्क क्रिएट होता है टॉक हमें पता है दो मैग्नेटिक फील्ड उनके बीच के एंगल का साइन थीटा या फ आ2 इन कॉस फ इससे निकाल सकते हैं इंडक्शन के प्रिंसिपल पर दो होती एक होता है सेड पोल रिले जो बिल्कुल सेड मोटर के प्रिंसिपल पर रहता है दूस होती है वट आवर मीटर टाइप रिले जो हमारा एनर्जी मीटर की तरह होती है कंस्ट्रक्शन के अंदर ठीक जैसे य आपका सेडे पोल रिले यहां पर यह हमारी इनपुट क्वांटिटी है पोल को दो पट डिवाइड कर दिया एक में हमने लगा दिए सेडिंग रिंग इसको लगाने से क्या हो गया यहां वाला फ्लक्स और य वाला फ्लक्स के बीच में स्पेस और टाइम के बीच का एंगल क्रिएट हो गया यह फ्लक्स यहां पर जो ईएमएफ इंड्यूस होगा उससे करंट फ्लो होगा उससे इंट करके टॉक बनाएगा जिससे हमारा डिस्क रोटेट होगा ठीक है थरेट कल पार्ट है इससे अब यह जो एजाम में आता है व है प्लग सेटिंग मल्टीप्लायर जब हम लोग ओवर करंट रिले को यूज करते हैं हम कहते हैं इस करंट के ऊपर ले ऑपरेट करनी चाहिए ठीक हम करंट की सेटिंग करना चाहते हैं कि इतने करंट फ्लो तब य ऑपरेट इतना करंट फलो तब ऑपरेट हो तो करंट की सेटिंग हम लोग कैसे कर सकते हैं करंट की सेटिंग करते हैं करंट सेटिंग प्लग सेटिंग मल्टीप्लायर से जिस करंट के ऊपर ओ कर ले ऑपरेट करती है व हम लोग सेट कर सकते हैं ठीक है सपोज करिए रिले को मैं सेट कर रहा हूं 5 एंपियर पर इसका मतलब है करंट 5 एंपियर से ज्यादा फ्लो होगी तभी ऑपरेट करेगा उससे कम करंट फलो होगी तभी ऑपरेट नहीं करेगा सिंपल सी बात है देर आर नंबर ऑफ टेपिंग ऑन द करंट कॉइल करंट की सेटिंग करने के लिए करंट कॉइल के अंदर नंबर ऑफ सेटिंग हम लोग यूज करते हैं द ऑपरेशन ऑफ द रिले रिक्वायर्ड सर्टेन फ्लक्स एंड द एंपियर टर्न द करंट सेटिंग रिले आर चोजन बाय अल्टरिंग द नंबर ऑफ टन ऑफ द करंट कॉइल बाय मीन ऑफ प्लग सेटिंग प्लग सेटिंग जो होती है जिससे हम लोग करंट की सेटिंग करते हैं व या तो डायरेक्टली एंपियर में दे रखी होती है याय रेटेड करंट का कुछ परसेंटेज होता है य करट का परसेंटेज होता है इ इतनी परसेंटेज हमने प्लग सेडिंग कर ली ठीक टू टाइम्स थ्री टाइम्स यह समझिए द एक्च आरएमएस करंट फ्लोइंग इन द रिले एक्सप्रेस ज ए मल्टीपल ऑफ सेटिंग करंट अगर 10 एंपियर पर करंट ऑपरेट करती है तो एक्चुअल करंट जिस करंट पर रिले ऑपरेट करेगा उसका कितना मल्टीपल है इसको बोलते हम लोग प्लग सेटिंग मल्टीप्लायर द एक्चुअल आरएमएस करंट फ्लोइंग इन द रिले एक्सप्रेस मल्टीपल ऑफ सेटिंग करंट इज कॉल्ड द प्लग सेटिंग मल्टीप्लायर मतलब रिले 5 एंपियर की रेटिंग है हमने इसको 200 पर पर सेट कर रखा है मतलब जब 10 करंट एंपियर करंट फ्लो होगा तब भी रेले हमारा काम करेगा ठीक है अब रियल में हमारा जो करंट फ्लो हो रहा है वह 100 एंपियर है काम कितने पर करेगा 10 एंपियर पर यानी 10 टाइम्स एक्चुअल करंट और जिस पर काम करेगा तो प्लग सेटिंग मल्टीप्लाई हो गया 10 टाइम्स ठीक है तो प्लग सेटिंग मल्टीप्लायर रिले पे जो इनपुट आता है किससे आता है सीटी से आता है तो सीटी से सेकेंडरी का टाइप की करंट डिवाइड बाय रिले करंट सेटिंग रिले की करंट सेटिंग कितने प हमने सेट कर रखा है 200 पे कर रखा तो 10 एंपियर हो जाएगा इसके अकॉर्डिंग यह हमारा प्लग सेटिंग मल्टीप्लायर आ जाता है इसके ऊपर क्वेश्चन बनता है ये इंपोर्टेंट है ध्यान रखना य हमारा प्लग सेटिंग मल्टीप्ल है आप बढ़ाते जाओगे टाइम की वैल्यू कम होती जाएगी ठीक है प्लग सेटिंग मल्ट मतलब करंट रियल में ज्यादा फ्लो हो रहा है जो हमने सेट कर रखा है करंट ज्यादा होगा इसका मतलब टाइम कम लगेगा टाइम सेटिंग मल्टीप्लायर जब आप ओवर करंट रिले यूज करोगे ना तो करंट ग्रेडिंग के साथ आप टाइम ग्रेडिंग भी करते हो मतलब आप चाहते हो कि ये वाली ले इतने टाइम पे ऑपरेट करे ये इतने टाइम पे ऑपरेट करे तो टाइम की सेटिंग कैसे करेंगे करंट की सेटिंग तो हमने कर दी प्लग सेटिंग मल्टीप्लायर से तो टाइम की सेटिंग के लिए हम लोग टाइम सेटिंग मल्टीप्लायर यूज करते हैं एक नोब होती है उसको सेट कर देते हैं उसके अ टाइम को सेट कर सकते हैं जो टीएमएस की वैल्यू होती है वो 0.1 से लेकर न तक होती है 0.1 0.2 0.3 0.9 अगर मेरा टीएमएस वन है और ये चार सेकंड में ऑपरेट कर रही है तो टीएमएस 0.5 प 4 इन 0.5 पर ऑपरेट करेगी मतलब करिए टीएमएस व के लिए जो भी हमने टाइम निकाला ना तो जो भी हमने टी में सेट कर रखा है उससे मल्टीप्लाई कर दीजिए टी में 0.2 है तो चार को आप मल्टीप्लाई कर दोगे 0.2 0.8 टाइम पर ऑपरेट करेगी अब देखि टी इसको चेंज करके हम लोग कितने टाइम पर करंट ऑपरेट कितने टाइम पर य ऑपरेट करेगा उसको हम लोग चेंज कर सकते हैं तो प्लग सेटिंग मल्टीप्ला तो हम समझ गए लेकिन टाइम सेटिंग मल्टीप्लायर वन और टू यानी सेम करंट के लिए अगर आपने इसको 0.1 कर दिया तो इतने टाइम पर ऑपरेट कर जाएगी वन करर इतने टाइम ऑपरेट करगी मतलब इसका न बाय प 10 टाइम कम कर दिया ठीक है प्लग सेटिंग मल्टीप्लायर से करंट की सेटिंग कर रहे हैं और टाइम सेटिंग से हम लोग टाइम की सेटिंग कर रहे हैं ओ करंट रिले इतनी तरीके की होती है डेफिनेट टाइम मरल डेफिनेट टाइम मतलब ये एक पर्टिकुलर टाइम पर ऑपरेट करेगी करंट के ऊपर डिपेंड नहीं करता इंस्टंटे नियस वक टन रिले कोई भी इ हमने इंशन इंटेंशन डिले यहां पर प्रोवाइड नहीं किया हुआ है इवर्स टाइम रिले का मतलब है टाइम कम होता जाएगा जब करंट की वैल्यू बढ़ेगी इवर्स डेफिनेट करंट जब बढ़ेगा तो टाइम कम होगा उसके बाद फिर टाइम कांस्टेंट हो जाएगा करंट बढ़ने पर टाइम इवर्स बहुत ज्यादा इवर्स तरीके से चेंज होगा और एक्सट्रीम इवर्स तरह से चेंज होगा ऐसे समझिए यह वाला है आईडी एमटी करंट बढ़ रही है टाइम कम हो रहा है उसके बाद कांस्टेंट हो गया यह इवर्स है यह उससे भी ज्यादा इवर्स है उससे भी ज्यादा इवर्स है जितनी ज्यादा सिलेक्टिविटी चाहिए होती है उतना ज्यादा इवर्स कैरेक्टरिस्टिक को हम लोग यूज करते हैं ओवर करंट प्रोटेक्शन हमारा एक स्कीम है दूसरी स्कीम है डिफरेंशियल प्रोटेक्शन जो हम लोग मेनली यूज करते हैं ट्रांसफॉर्मर के लिए और बस बार के लिए यहां पर हम लोग क्या कर रहे हैं डिफरेंस ले रेस्पों टू द वेक्टर डिफरेंस ऑफ द टू और मोर सिमिलर इलेक्ट्रिकल क्वांटिटी ठीक है इट इज बेस्ड ऑन द फैक्ट दैट एनी इंटरनल फॉल्ट इन द इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट वड कॉज द करंट एंटरिंग इट टू बी डिफरेंट फ्रॉम द लिविंग अगर सिस्टम में फॉल्ट होता है तो सिस्टम में जो करंट एंटर कर रही है और जो करंट लीव कर रही है उनमें डिफरेंस क्रिएट हो जाएगा तब हमारा डिफरेंशियल प्रोटेक्शन ऑपरेट करेगा ठीक है डिफरेंशियल प्रोडक्शन वन ऑफ द मोस्ट सेंसिटिव एंड इफेक्टिव मेथड है द प्रिंसिपल ऑफ प्रोडक्शन इज कैपेबल ऑफ डिटेक्टिंग वेरी स्मॉल मैग्निटिया करंट ध्यान रखिए जो बड़े ट्रांसफॉर्मर होते हैं उसमें डिफरेंशियल प्रोटेक्शन हमारा मेन प्रोटेक्शन की तरह काम आता है मेन ड्रॉ बैक क्या है डिफरेंशियल प्रोडक्शन का ट इट रिक्वायर्ड करंट फ्रॉम द एक्सट्रीमिटीज ऑफ द प्रोडक्शन ऑफ जन मतलब मैं य बता रहा हूं अगर आप ट्रांसमिशन लाइन मतलब हम लोग अल्टरनेटर में यूज करते हैं ट्रांसफॉर्म में यूज करते हैं लेकिन लाइन में दिक्कत क्या आती है कि लाइन की लेंथ बहुत ज्यादा होती है तो यहां से जो आपको पायलट वायर चाहिए होता है ना उसकी लेंथ बहुत ज्यादा हो जाती है इसलिए हम लोग जनरली इसको जनरेटर के अंदर ट्रांसफॉर्मर के अंदर या मोटर के अंदर या बस बार के अंदर ही यूज करते हैं देखि नॉर्मल डिफरेंशियल प्रोडक्शन के अंदर हम खाली एक ही कॉइल यूज करते हैं व आपकी ऑपरेटिंग कॉइल होती है बट बायस डिफरेंशियल प्रोडक्शन के लिए हम लोग दो कॉइल यूज करेंगे एक होता है ऑपरेटिंग कल और दूसरी होती रिस्ट्रेनिंग कॉइल अब यह तभी काम करता है जब ऑपरेटिंग कॉइल जो टॉर्क बनाता है व रिस्ट्रेनिंग कॉइल में जो करंट फ्लो होता है उसकी टॉक से ज्यादा हो वरना यह ऑपरेट नहीं करता है यह है देखि रिस्ट्रेनिंग कॉइल टॉक बना रही है ए आव प् आ2 डिवा बाटू और ऑपरेटिंग टॉक कल टॉक बना रही ए आव मा आ2 डिवाइड आव माइन आ2 तो जब ऑपरेटिंग कल का टॉर्क रिस्ट्रेनिंग कॉइल के टॉर्क से ज्यादा होगा तभी रेले ऑपरेट करेगा वरना रेले ऑपरेट नहीं करेगा ठीक यानी य अगर इससे ज्यादा है ऑपरेटिंग टॉर्क रिडिंग टॉर्क इसके प्रोपोर्शनल है तीसरी स्कीम होती है ओवर करंट प्रोटेक्शन मैंने बता दिया डिफरेंशियल प्रोडक्शन डिस्टेंस प्रोडक्शन जो मेली हम लोग ट्रांसमिशन लाइन का प्रोटेक्शन के लिए मेन प्रोटेक्शन होता है य डबल एक्चुटिंग टाइप रिले है डबल का मतलब यहां पर दो एक्चुटिंग क्वांटिटी होती है एक क्वांटिटी को हम लोग लेते हैं वोल्टेज से एक लेते हैं करंट से एक का इनपुट आपको मिलेगा पीटी से एक का ट मिलेगा आपको सीटी से इन दोनों का हम लोग रेशो लेकर चलते हैं रिले कब ऑपरेट करेगा न द इपें सीन बाय द रिले इज लेस देन द सेटवे जब फॉल्ट होगा तो करंट की वैल्यू बढ़ जाती है और इंपसब य रिले ऑपरेट करेगा सिस्टम में जब फॉल्ट होगा तो फॉल्ट करंट बढ़ जाता है और वोल्टेज की वैल्यू कम होती जाती है तो v अपन आ की वैल्यू कम हो जाएगी और यह रिले हमारा ऑपरेट करेगा डिस्टेंस प्रोटेक्शन ट्रांसमिशन लाइन का प्रोटेक्शन होता है मेनली य ट्रांसमिशन लाइन का मेन प्रोटेक्शन होता है ठीक है अब डिस्टेंस प्रोडक्शन में हम लोग तीन मेनी ले यूज करते हैं इंपिटस रिले रिएक्टेंस रिले और मोह रिले इसके बारे में क्वेश्चन आ जाता है गेट में बहुत बार आया हुआ है एक दो नं एक एक नंबर का तो ध्यान रखिए इंपेडेंस रिले ऑपरेटिंग क्वांटिटी आई है रिस्ट्रेनिंग क्वांटिटी व है यानी यह वोल्टेज रिस्टड ओवर करंट रिले है रिएक्टेंस डिले ऑपरेटिंग का तो करंट है ब रिस्ट्रंग क्वांटिटी डायरेक्शनल है नी डायरेक्शनल रिस्ट्रेंट ओवर करंट रिले है यह मोह रिले वोल्टेज रेस्टेंट डायरेक्शनल रिले मतलब मो रिले ए नॉर्मली डायरेक्शन ले है य नॉर्मल लोड पर इंपसब करता है बट रिएक्टेंस ले ट्रिप कर जाता है इसलिए रिएक्टेंस रिले को कभी भी हम लोग अकेले नहीं यूज करते हैं इसको या तो मो रिले के साथ में यूज करेंगे या दूसरी ले के साथ में यूज किया जाता है आर्क के रेजिस्टेंस का इफेक्ट सबसे कम अफेक्टेड या बिल्कुल अफेक्ट नहीं है वो रिएक्टेंस रिले है मोह रिले से मैक्सिमम इफेक्ट होती है इंपेडेंस रिले मॉडरेटली अफेक्टेड होती है ठीक है आर एकस प्लेन पर जब आप एरिया देखते हो तो रिएक्ट रिले का एरिया बहुत ज्यादा है मोह का सबसे कम है इंपेडेंस रिले का मॉडरेट है पावर स्विंग का जो इफेक्ट आता है मोह रिले पर सबसे मिनिमम आएगा रिएक्टेंस ले पर मैक्सिमम आएगा इसम मॉडरेट आएगा इसमें दोनों इफेक्ट मॉडरेट है ध्यान रखिएगा अब किस लाइन के लिए कौन सी रिले यूज करेंगे ध्यान रखिए जो शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन है उसमें आर्क का रेजिस्टेंस काफी कंपब्रेन तो हमें वो रिले यूज करना है जो आक रेजिस्टेंस एटलीस्ट अफेक्टेड हो इसका मतलब शॉर्ट ट्रांसमिशन रिएक्टेंस यूज करेंगे जो आक रेजिस्टेंस से लीस्ट अफेक्टेड है पावर स्विंग हमें मिलता है लॉन्ग लाइन में तो लॉन्ग लाइन में आप व रिले यूज करोगे जो पावर स्विंग से लीस्ट अफेक्टेड हो तो वहां यूज करोगे आप मो रिले तो मीडियम ट्रांसमिशन लाइन में हम लोग यूज करते हैं इपेंसिल प्रोटेक्शन और प्रोटेक्शन ट्रांसमिशन लाइन के प्रोटेक्शन के अंदर मेनली हम लोग यूज करते मेन प्रोटेक्शन ओ करट यूज करते हैं एस बैकअप प्रोटेक्शन तो बहुत सारे प्रोटेक्शन है ट्रांस के लिए ओवर करट प्रोटेक्शन डिस्टेंस य मेन प्रोटेक्शन है पायलट वायर डिफें प्रोटेक्शन कैरियर पर करंट प्रोटेक्शन ओवर करंट रिले मेनली यहां पर बेकप प्रोटेक्शन के रूप में काम में आती है मेन प्रोटेक्शन होता है डिस्टेंस प्रोटेक्शन से ठीक है ब कहीं कहीं पर जहां पर प्रोटेक्शन कॉस्टली होता है वहां पर हम लोग ओ कंड रिले से ही मेन प्रोटेक्शन यूज करते हैं यम में कभी कभी आता है कंप्लीट प्रोटेक्शन आपको मिल जाता है खाली टू फेज रिले और एक अर्थ फॉल्ट रिले यूज करना होता है इससे हमें कंप्लीट प्रोटेक्शन मिल जाता है सिलेक्टिविटी हम लोग लेकर चलते हैं टाइम ग्रेडिंग करंट ग्रेडिंग या दोनों से जनरली हम लोग प्रेफर करते हैं दोनों मिल जाए टाइम और करंट ग्रेडिंग दोनों यूज करके चलते हैं ठीक है कौन सी ले यूज करेंगे आईडी एमटी रले इसके लिए इट हैज द कंबाइंड फीचर ऑफ करंट ग्रेडिंग एज वेल एज टाइम ग्रेडिंग करंट ग्रेडिंग करते हैं पीएसएम से प्लग सेटिंग मल्टीप्लायर से टाइम ग्रेडिंग करते हैं टाइम सेटिंग मल्टीप्लायर से ठीक है कैसे करते हैं कि जैसे जैसे हम लोग सोर्स के पास में आते जाएंगे टाइम को इंक्रीज करते जाएंगे जैसे जैसे आप सोर्स के पास में आते जाओगे करंट की वैल्यू को इंक्रीज करते जाओगे देखिए टाइम सेटिंग इज आल्सो डन इन द प्रोग्रेसिव इंक्रीजिंग ऑर्डर टुवर्ड्स द सोर्स द करंट सेटिंग इज डन इंक्रीजिंग फ्रॉम द सोर्स सोर्स की तरफ बढ़ते जाओगे करंट सेटिंग और टाइम सेटिंग दोनों को बढ़ाते जाइए मतलब यह कम टाइम में ऑपरेट करेगा य उससे ज्यादा टाइम प ऑपरेट करना चाहिए उससे ज्यादा टाइम प ऑपरेट करना चाहिए करंट सेटिंग भी इसकी कम होनी चाहिए इसकी इससे ज्यादा होगी इसकी उससे ज्यादा होगी तो टाइम ग्रेडिंग और करंट ग्रेडिंग दोनों को हम लोग यूज करते हैं इसके ऊपर काफी बार क्वेश्चन आए हुए हैं कि कहां पर आप डायरेक्शनल ले यूज करोगे तो जनरली आता है कि सोर्स पर हम लोग नॉन डायरेक्शनल यूज करते हैं दोनों एरो ला का मतलब दोनों साइड में फॉल्ट होगा तभी ऑपरेट कहीं पर भी ऑपरेट करेगा बट यह जब इस डायरेक्शन में फॉल्ट होगा मतलब जब फॉल्ट ऐसे फ्लो होगा तभी ऑपरेट करेगा तो सोर्स साइड में जो रिले होती है वो नॉन डायरेक्शनल होती है और लोड साइड में रिले डायरेक्शनल होती है खाली आपको एक चीज याद में रखनी है डायरेक्शनल रिले हम लोग उस जगह पर यूज करेंगे जहां पर फॉल्ट होने पर करंट का डायरेक्शन चेंज होता है आपको कुछ नहीं करना है एक बार नॉर्मल टाइम पर करंट की डायरेक्शन बना लीजिए फॉल्ट होने पर करंट का डायरेक्शन बना लीजिए डायरेक्शन लिए आप उस जगह पर यूज करोगे जहां पर फॉल्ट होने पर करंट नॉर्मल करंट से अलग डायरेक्शन में फ्लो होता है इतना याद रख लीजिए इसके अलावा कुछ याद रखने की जरूरत नहीं है ठीक है इसके ऊपर भी क्वेश्चन आ गया था डिस्टेंस प्रोटेक्शन के ऊपर थ्री स्टेप का प्रोटेक्शन होता है मतलब हम लोग क्या करते हैं समझिए इस चीज को यह ए बी और सी यहां पर यह दो सब स्टेशन है यह यह और यह तीन सब स्टेशन है दो लाइन के सेगमेंट हो गए ठीक है हम यहां पर इसको तीन जोन में डिवाइड करते हैं ये जैसे यहां पर एक रिले रखी हुई है इसको तीन जन में डिवाइड कर लिया ये हो गया जोन नंबर वन जोन नंबर टू जोन नंबर थ्री जोन नंबर वन इस डिस्टेंस का खाली 80 पर एरिया ही कवर करता है मतलब अगर यहां पर कहीं फॉल्ट होता है तो सबसे कम टाइम में यह वाला ले ऑपरेट कर जाएगा अब आपको लगता है 80 पर य हमने क्यों लिया हमें तो 100% लेना चाहिए था बट 100% हमने इसलिए नहीं लिया कभी-कभी अगर मैं 100% मान लू इसकी सेटिंग कर लू तो रिले कभी-कभी ओवर कर जाती है अगर यहां पर भी फॉल्ट हुआ तब भी मिनिमम टाइम पर ऑपरेट कर जाएगा जबक हम चाहते यहां पर फल्ट होने पर यह मिनिमम टाइम पर ऑपरेट करे ना कि यह ठीक है यह हमारा पहला जोन हो गया दूसरे जोन के अंदर इसका 20 पर हमने लिया है और नेक्स्ट जन का 50 पर लिया है अगर यहां पर कहीं फॉल्ट होता है तो ऑपरेट करेगा लेकिन थोड़े इतने टाइम प नहीं थोड़ ज्यादा टाइम पर ऑपरेट करेगा ठीक है अब हमने ऐसा क्यों लिया है 50 पर और इसके अंदर जैसे कभी-कभी मानो कि इस जगह पर फॉल्ट हुआ और फॉल्ट को ऐसा लगा कि फॉल्ट यहां पर है तब भी ऑपरेट करना चाहिए रियल में फॉल्ट इस जगह पर है ठीक है अंडर रीच हो रहा है आपका तीसरा है आपका यह वाला z3 अगर यहां पर फॉल्ट होता है तब भी इतने टाइम के बाद ऑपरेट कर जाएगा इसका 50 पर आपका रिमेनिंग % आ गया इसका अब क्यों ऑपरेट करना चाहिए यहां पर अगर यह वाला मेरा काम नहीं करता है तो यहां पर फल्ट होने पर भी यह ले मेरा बैकअप प्रोटेक्शन की तरह काम करके ऑपरेट करना चाहिए ठीक है अगर यह वाला ले मेरा फेल हो जाता है तब यह मेरा रिले ऑपरेट करना चाहिए बेकप प्रोटेक्शन की तरह ट्रांसफॉर्मर पर आते हैं ट्रांसमिशन लाइन का प्रोटेक्शन मैंने आपको बता दिया ट्रांसफॉर्मर के अंदर दो तरह के मेनली फॉल्ट होते हैं एक टैंक के अंदर मतलब ऑयल के अंदर और दूसरा टैंक के बाहर टैंक के अंदर जो फॉल्ट होता है उसको इंसी पट फॉल्ट बोलते हैं उसके लिए एक अलग रिले यूज करते सको बोलते बकल रिले बहुत इंपोर्टेंट है मतलब ऑब्जेक्टिव एग्जाम में काफी आता है इंसिपिएंट फॉल्ट वह फॉल्ट जो टैंक लेवल के अंदर हो रहे हैं उसके लिए हमें यूज में हम लोग लेकर चलते हैं यहां पर दो फ्लटर का दो प्लॉट है एक एक नीचे होता है एक ऊपर होता है जब छोटा फॉल्ट होता है तो ये जो फ्लॉट्स बिगड़ जाता है और ये आपको ट्रिप एक अलार्म देगा बट जब बड़ा फॉल्ट होगा तो बहुत हाई स्पीड में करंट फ्लो होगा इसका फ्लो भी आपका गड़बड़ हो जाएगा तो क्या होगा डायरेक्ट ट्रिप कमांड पे चला जाएगा सॉरी पहले ये वाला अलार्म देगा और यह वाला ट्रिप कमांड पे चला जाएगा ठीक है तो अलार्म देता है उसके बाद ट्रिप पे ये जाएगा अब इसके ऊपर एक क्वेश्चन बनता है न्यूमेरिकल हमारा बायस डिफरेंशियल रिले जो मैंने आपको डिफरेंशियल प्रोटेक्शन बताया था हम लोग यूज करते हैं ट्रांसफॉर्मर के अंदर वो मेन प्रोटेक्शन होता है अगर ट्रांसफॉर्म हमारा 5 एमवीए से ऊपर की रेटिंग का होता है ठीक है अब हम यह क्या चाहते हैं डिफरेंशियल प्रोडक्शन के अंदर कि अगर फॉल्ट नहीं हो तो ये सीटी जो करंट ले रहा है और ये सीटी जो करंट ले रहा है य सेम होना चाहिए नॉर्मल कंडीशन पर बट आप देखने कि हम जब ट्रांसफॉर्मर होता है तो ट्रांसफ के दोनों साइड तो करंट अलग अलग होता ही है वैसे ही अलग अलग होता है तो अलग सेम कैसे हो सकता है तो सीटी का रेशो ऐसा बनाना है कि नॉर्मल टाइम पर चाहे करंट यहां पर अलग अलग हो लेकिन सीटी की सेकंडरी में करंट की वैल्यू सेम आनी चाहिए हमारी दूसरी प्रॉब्लम यह है कि जब स्टार डेल्टा ट्रांसफ यूज करते हैं तो इस पर 30 डिग्री का डिस्प्लेसमेंट होता है ऑलरेडी इस डिस्प्लेसमेंट को भी खत्म करना है हम सिर्फ ये चाहते हैं कि नॉर्मल कंडीशन के अंदर सीटी के अंदर दोनों साइड में करंट की वैल्यू सेम हो और फीज डिफरेंस भी नहीं हो तो पहली चीज तो हमें देखना है इनके कनेक्शन को कनेक्शन कैसे लेकर चलना है जहां पर मेन ट्रांसफॉर्मर आपका स्टार है डेल्टा वहां पर सीटी स्टार में होना चाहिए जहां पर मेन ट्रांसफ स्टार है वहां पर सीटी डेल्टा होनी चाहिए ली ध्यान रखिए स्टार की जगह डेल्टा डेल्टा की जगह स्टार और सीटी का रेशो आपको ऐसे चूज करना है कि यहां पर करंट और यहां पर करंट की वैल्यू सेम आ जाए इसके परपर बहुत सारे क्वेश्चन मैंने आपको करवाए थे यह आपको याद रखना है ठीक है इसका एक और मैंने बताया था पीव इन सीटी * सीटी रेशो करके भी हम लोग निकाल सकते हैं इसकी वैल्यू को शॉर्टकट मेथड है अब आ जाइए अल्टरनेटर के प्रोटेक्शन के ऊपर अल्टरनेटर सबसे इंपोर्टेंट पार्ट है इसका प्रोटेक्शन भी बहुत कॉम्प्लिकेटेड रहता है क्यों देखिए क्योंकि प्राइम मूवर से कनेक्टेड है यह मैकेनिकल सिस्टम हो गया यह हमारा ग्रिड हो गया इलेक्ट्रिकल सिस्टम हो गया एसी इसका डीसी एक्साइट भी होता है तो बहुत सारे सिस्टम के साथ में कनेक्टेड है इसलिए इसका प्रोटेक्शन इतना आसान नहीं होता अल्टरनेटर में जो फॉल्ट होता है इलेक्ट्रिकल नेचर का हो सकता है मैकेनिकल का हो सकता है इलेक्ट्रिकल में स्टेटर में हो सकता है फॉल्ट रोटर में फॉल्ट हो सकता है रोटर का फॉल्ट फेज फॉल्ट अर्थ फॉल्ट एक्साइटन का फेलियर मैकेनिकल के अंदर ओवर स्पीडिंग हो सकती है प्राइम मवर फेल हो सकता है स्टेटर का फॉल्ट फेस फॉल्ट अर्थ फॉल्ट इंटर्न फॉल्ट अनबैलेंस लोडिंग य हो सकती है अब इसमें जो क्वेश्चन बनता है अल्टरनेटर के प्रोटेक्शन में ली इसके ऊपर बनता है रिस्ट्रिक्टेड अर्थ फॉल्ट प्रोटेक्शन ध्यान रखिए अगर अल्टरनेटर का जो न्यूट्रल है उसको हम लोग सॉलिडली ग्राउंड करते तो अल्टरनेटर की 100% वाइंडिंग को प्रोटेक्ट करना पॉसिबल था इट इज पॉसिबल टू प्रोटेक्ट द टोटल स्टेटर वाइंडिंग ऑफ द फ्रॉम द अर्थ फॉल्ड क्यों क्योंकि सॉलिडली ग्राउंड है रेजिस्टेंस की वैल्यू कम हो तो अर्थ फॉल्ट होगा तो सफिशिएंट अमाउंट का फ करंट फ्लो होगा जिससे रेले हमारा ऑपरेट कर सकती है कोई दिक्कत नहीं है बट क्या होता है अल्टरनेटर का जो न्यूट्रल होता है यहां पर हम एक हाई रेजिस्टेंस के थ्रू ग्राउंड करते हैं स्टेबिलिटी को ध्यान में रखते हुए जब अल्टरनेटर के अंदर फॉल्ट होगा तो फॉल्ट करंट की वैल्यू इस रेजिस्टेंस की वजह से बहुत ज्यादा नहीं होगी तो हम इसकी 100 पर वाइंडिंग को प्रोटेक्ट नहीं कर सकते कुछ वाइंडिंग हमारी अनप्रोटेक्टेड रह जाती है इसके ऊपर क्वेश्चन बनता है कितनी वाइंडिंग रह जाती है यह हमारा 100 पर है देखि अगर इस साइड में फॉल्ट होगा तो यहां पर सोचिए इतनी वोल्टेज में यूज कर पा रहा हूं तो करंट बहुत कम मैग्नी क फलो होगा यानी इस यहां पर फल्ट होगा तो मैं इसको प्रोटेक्ट नहीं कर पा रहा हूं इतनी जगह को अगर एक्स परसेंटेज मेरा अनप्रोटेक्टेड रह गया यह वोल्टेज हो गया एक्स पीएच इतनी वाइंडिंग का रिएक्टेंस और रेजिस्टेंस हमें लेकर चलना है एक्स पचस रिएक्टेंस इतनी वाइंडिंग का ध्यान रख एक्स परसेंटेज वाइंडिंग का करीब हम लोग 80 से 85 पर वाइंडिंग को प्रोटेक्ट कर पाते हैं पूरी वाइंडिंग को प्रोटेक्ट नहीं कर पाते ध्यान रखिए एक्स एक्स इतनी वाइंडिंग का रिएक्टेंस ज रिएक्टेंस नहीं दिया होता क्योंकि आर का कम है तो आप इसको रेट मान लोगे खाली आर को लेकर चलोगे तब आपको यह वाली क्या आएगी एक्स का मतलब अनप्रोटेक्टेड वाइंडिंग ध्यान रखिएगा एक्स इ अनप्रोटेक्टेड वाइंडिंग इस पर बनता है क्वेश्चन ध्यान रखिएगा ना इस वाले लास्ट में एक यह वाला पार्ट आता है सर्किट ब्रेकर के ऊपर रिकवरी वोल्टेज एक्टिव रिकवरी वोल्टेज और टीआरबी ठीक है देखिए यह जो है करंट की वेव फॉर्म है और डॉटेड वाला वोल्टेज की वेव फॉर्म है ठीक है हमने माना कि करंट वोल्टेज से लैक कर रहा है रिएक्टिव नेचर का है यह जो मैंने बना रखा है आर्क का रेजिस्टेंस है आर रेजिस्टिव नेचर का है तो आर्क के अक्रॉस वोल्टेज है इस जगह पर आर्क का वोल्टेज ऐसा बन जाता है ऐसे तो रिकवरी वोल्टेज क्या है जब आपने आर को खत्म कर दिया उसके बाद वाला जो वोल्टेज है इट इज कॉल्ड द रिकवरी वोल्ट वोल्टेज आर को खत्म करने के बाद वाला वोल्टेज इज द रिकवरी वोल्टेज रिकवरी वोल्टेज 50 हर्ट्स यानी नॉर्मल फ्रीक्वेंसी का वोल्टेज है बिटवीन द सर्किट ब्रेकर कांटेक्ट वन आर्क इज एक्स जब खत्म हो चुका है इट इज स्ट स्टेट वोल्टेज अक्रॉस द सर्किट ब्रेकर कांटेक्ट आफ्टर ट्रांज डाई आउट जब ट्रांसंट खत्म हो चुके उसके बाद का वोल्टेज है ये ठीक है जब सब ट्रांसंट खत्म हो चुके हैं उसके बाद वाला जो वोल्टेज है यह रिकवरी वोल्टेज है नेक्स्ट होता है एक्टिव रिकवरी वोल्टेज इस मोमेंट के ऊपर जब आर्क बिल्कुल एक्सस कर रहे हैं इंस्टेंस वोल्टेज है उस वाले टाइम पर इस टाइम पर वोल्टेज होता है ना ये यह वोल्टेज है इसको हमलोग ऐसे बनाते केव के2 के3 ए सा फ केवन फैक्टर है फैक्टर ड्यू टू द आर्मेचर रिएक्शन आर्मेचर रिएक्शन की वजह से वोल्टेज वैरी हो सकता है के2 ग्राउंड फॉल्ट और अन ग्राउंड फॉल्ट मतलब फॉल्ट में ग्राउंड इवॉल्व है या नहीं है इसके अकॉर्डिंग k2 की वैल्यू वन और 1.5 हो सकती है के3 डिपेंड करता है आप इसको अगर फेज वोल्टेज लेकर चल रहे हो तो इसको वन ही लेना है लाइन वोल्टेज लेके चल हो तो √3 लेना है इंस्टंटे नियस वोल्टेज है इस टाइम पर जिस आप इसको कर रहे हो अब आपका आता है टीआरवी ट्रांसंट रिकवरी वोल्टेज या रिस्ट्राइकिंग वोल्टेज इट इज वोल्टेज बिटवीन सर्किट ब्रेकर कांटेक्ट एट द मोमेंट ऑफ आर्क एक्सटेंशन यानी ट्रांसंट वोल्टेज है द हाई नेचुरल फ्रीक्वेंसी कंपोनेंट सुपर इंपोज इन द 50 ह पावर कंपोनेंट दिख रहा है आपको यहां पर देखिए 50 हर्ट का कंपोनेंट वाला वोल्टेज था उसके ऊपर फ्रीक्वेंसी का कंपोनेंट सुपर इंपोज है रिस्ट्राइकिंग वोल्टेज ठीक है व एम न माइनस कॉटी अपन रट एल सी अब रेट ऑफ राइज ऑफ टकिंग वोल्टेज करोगे या इसका डेरिवेटिव कर लोगे जागा ए कॉस बाय रट एल सी रिस्ट्राइकिंग वोल्टेज की व मैक्सिमम कब होगी जब यह कॉस थीटा पाई कॉस पाई माइनस प्लव हो जाएगा अपन रट एलसी पाई ओमेगा नटी आपका पा तब य हो जाएगा न प्स टवी एम तो रीकिंग वोल्टेज की मैक्सिमम वैल्यू हो जाएगी टवी एम और वो होती है आपने पाई अपन ओमेगा नट पर यानी पाई रूट एलसी के ऊपर आर की मैक्सिमम वैल्यू होगी अपन रट एलसी और हो जब अप र 90 डिग्री हो ओमेगा नटी 90 डिग्री को सा 90 याव र अपन ओमेगा न ओमेगा मतलब अपन रट ए स पाईन य आ की मैक्सिमम वैल्यू हो गई यह टकिंग वोल्टेज की मैक्सिमम वैल्यू हो गई एक और चीज आती है एवरेज वैल्यू ऑफ रेट ऑफ राइज ऑफ ंग वोल्टेज मैक्सिमम ल कितना टाइम लग रहा है मैक्सिमम वैल्यू कितनी है टवी एम टाइम लग रहा है पाई रूट एलसी रि स्टकिंग वोल्टेज की वैल्यू य एवरेज वैल्यू ऑफ रेट ऑफ राइज ऑफ टैकिंग वोल्टेज है इनके ऊपर भी क्वेश्चन बन सकते हैं जो मैंने आपको यह लास्ट में बताया इसके ऊपर भी क्वेश्चन बन सकते हैं एक कभी-कभी करंट चॉपिंग मैंने को हम लोग ने पहले डिस्कस किया था करंट चॉपिंग क्या होता है कि कभी-कभी एयर ब्लास्ट ब्रेकर में जनरली य होता है एयर ब्लास्ट ब्रेकर के अंदर होता है हम यह चाहते हैं कि नेचुरल जीरो के ऊपर करंट की वैल्यू जीरो हो लेकिन अगर यह लो वैल्यू के करंट को इंटरप्ट कर रहा है जैसे आपका मैग्नेटाइजिंग करंट हो गया ट्रांसफार्मर का या रिएक्टर का तो नेचुरल जीरो से पहले हमारा करंट जीरो हो जाता है इस फिनोमिना को हम बोलते हैं करंट चॉपिंग ठीक है तो करंट चॉपिंग से बचाने के लिए हम लोग रेजिस्टेंस स्विचिंग यूज करते हैं एक रेजिस्टेंस लगाते हैं उस आर क पर एक क्वेश्चन आ सकता है आस्ट स्विचिंग का वैल्यू कितनी 1 अपट रूट एलसी कितना आता आता है ये हम 1 बाटू अंडररूट एलसी सही है ठीक है इसके ऊपर एक बस क्वेश्चन आ सकता है स्विचिंग के ऊपर ये बस खाली ये याद रखिएगा सो दिस इज ऑल अबाउट द रिवीजन ऑफ पावर सिस्टम कोई डाउट है तो पूछिए नो डाउट क्योंकि सिलेबस बहुत लेंथी है तो मैंने चाहा कि बहुत टाइम से मैं आपको फिनिश करवा दू कभी-कभी बहुत ज्यादा लंबी क्लास चलने पर बोरिंग होने लगता है तो जो मेन मेन चीज है मैंने कवर कर लिया ताकि आपने जो चीज पढ़ रखी होगी तो एकएक करके आपको ध्यान में आ जाएगी कोई डाउट है तो पूछे कल मैं ट्राई करूंगा अपने टेलीग्राम पर लाइव होने का अगर कोई डाउट रह गया है तो आप उस टेलीग्राम पर भी पूछ सकते हैं क्लियर है पीडीएफ मैं आपको टेलीग्राम पर शेयर कर दूंगा ठीक है पीडीएफ में आपको टेलीग्राम पर शेयर कर दूंगा आप उस पर देख लेना कोई डाउट होगा तो आप कल फिर उसको डिकस कर सकते ठीक है य करंट चॉपिंग बताना ये तो करंट चॉपिंग है नी नेचुरल जीरो से पहले अगर करंट हमारा इंटरप्ट हो जाता है इट इ कॉल्ड द करंट चॉपिंग क्यों होता है जब आप लो मैग्नेटाइजिंग करंट को इंटरप्ट कर रहे होते हैं तब एक्टिव रिकवरी वोल्टेज केव के2 के3 ना देखि एक मिनट समझना एक चीज को देखो यहां पर मैंने मान लिया कि मेरा जो फॉल्ट के टाइम पर सर्किट बिल्कुल इंडक्टिव है ठीक है तो इंडक्टिव के टाइम पर मतलब जिस जगह पर में करंट मेरा जीरो हुआ है ना उस टाइम पर वोल्टेज की वैल्यू v एम है ठीक है बट एटली य व एम नहीं होती है बहुत सारे फैक्टर पर डिपेंड करती है एक तो पावर फैक्टर पर डिपेंड करता है आर्मेचर रिएक्शन की वजह से क्या होता है डी मैग्नेटाइजिंग इफेक्ट होता है तो नॉर्मल कंडीशन में जितना ईएमएफ इंड्यूस होता है उतना ईएमएफ इंड्यूस नहीं होता ठीक है तो केव फैक्टर आप यहां पर लगाओगे ग्राउंड फॉल्ट है अन ग्राउंड फॉल्ट है उसके अकॉर्डिंग इसकी वैल्यू चेंज हो जाती है तो यह मेरा ए आरवी है उस टाइम का इंस्टेंस वोल्टेज यह वाला वोल्टेज यह एटली यह वाला वोल्टेज है जिसे आप समझना अगर एगजैक्टली इंडक्टिव सर्किट नहीं होगा ना तो यहां पर भी जो है यह व एम यह व एम नहीं आएगा इट विल बी ए आरवी यह एक्टिव रिकवरी वोल्टेज आएगा अगर एटली करंट वोल्टेज से 90 डिग्री लैग नहीं कर रहा है और आपको बाकी सब पैरामीटर दे रखे हैं तो ी एम की जगह आप यूज करोगे ए आरवी यह आपका ए आरवी आएगा पावर का पीडीएफ नहीं मिला है आपको पावर सिस्टम का पीडीएफ पावर प तो मिल गया होगा ना चलो मैं मेरे पास तीनों पीडीएफ है तो तीनों पीडीएफ मैं आपको शेयर कर दूंगा अपने टेलीग्राम चैनल पर ठीक है और कोई डाउट यह इंस्टेंट नियस वोल्टेज है एट द टाइम ऑफ करंट इंटरप्शन ब्रेक कैपेसिटी वही ना इंटरप्टिंग कैपेसिटी जो मैंने आपको बताया सर्किट ब्रेकर के अंदर ब्रेकिंग और इंटरप्टिंग एक ही बात है ना ब्रेकिंग एंड इंटरप्टिंग सेम चीज है दोनों सिमेटिक फॉल्ट के टाइम पर मैंने बताया था नाना आपको ठीक है और कोई डाउट चलो एक बार आप दोबारा से देख लो कोई डाउट होता है तो कल जब मैं टेलीग्राम चैनल पर लाइव आऊंगा ना तो और क्लियर कर लेना एक बार आप इसको गो थ्रू हो जाइए कोई कोई दिक्कत आती है तो फिर हम लोग उसको बाद में डिस्कस कर लेंगे तो थैंक यू एवरीवन