इंडिया पाकिस्तान का अगर एक फुल फ्लेज्ड वॉर हो जाता है तो इंडिया के पास एक ऐसी वॉर स्ट्रेटजी है जिससे सिर्फ 24 घंटों के अंदर इंडिया पाकिस्तान को घुटनों पर ला सकता है। यस अगर इसी ऑपरेशन सिंदूर के बाद इंडिया पाकिस्तान के इश्यूज एस्केलेट होते हैं जो कि इंडिया चाहता है तो इंडिया तैयार है अपनी एक नई मिलिट्री स्ट्रेटजी के साथ। अभी हाल ही में एक और एस्केलेशन होते हुए दिखा है क्योंकि 8th मई की सुबह को पाकिस्तान ने 15 इंडियन सिटीज जिन्हें आप स्क्रीन पर देख सकते हो पर मिसाइल स्ट्राइक करने की कोशिश की थी। एस्पेशियली मिलिट्री बेसिस पर जिसे हमारे S400 एयर डिफेंस सिस्टम सुदर्शन चक्र ने न्यूट्रलाइज कर दिया। इसके रिस्पांस में इंडिया ने इनके इन नौ सिटीज के चाइनीस मेड एयर डिफेंस सिस्टम एचQ9 को ही डिस्ट्रॉय कर दिया। कुछ तो पाकिस्तानी मिलिट्री के ही कैंटोनमेंट्स के डिफेंस सिस्टम्स थे। अब यह एस्केलेशन कैसे हुआ? इसकी स्टोरी इंटरेस्टिंग है क्योंकि यहां पर इंडिया ने एक बहुत ही स्मार्ट मूव खेला है। 7 मई 2025 भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च करके पहलगाम आतंकी हमले का बदला लिया। पहलगाम में शहीद हुए 26 मासूम लोगों के बदले भारत ने 80 आतंकियों को मार गिराया। ऑपरेशन सिंदूर आपको पता ही होगा भारत के ट्राई फोर्सेस यानी आर्मी, एयरफोर्स और नेवी का एक जॉइंट ऑपरेशन था। बट अभी तक आर्मी और नेवी के एग्जैक्ट रोल्स सामने नहीं आए। बट यह भी पूरी तरह से इनवॉल्वड और तैनात है। जाहिर है इंडिया अपने सारे पत्ते एक साथ नहीं खोलने वाला है। सेवंथ मई की सुबह 1:05 से 1:30 के बीच यानी कि सिर्फ 25 मिनटों में ही भारत ने पाकिस्तान और पीओके के इन नौ जगहों पर प्रसीजन स्ट्राइक्स ल्च किए। ये नौ टारगेट्स काफी समय से इंडिया के रेडार में थे। क्योंकि यह सब या तो कोई आतंकी संगठन के लॉन्चपड्स हैं, हेड क्वटर्स हैं या फिर ट्रेनिंग कैंप्स हैं। एग्जांपल के लिए यह मुरीद के हफीज सईद और उसके ग्रुप एलईटी का किला है। जो आतंकी संगठन ही पहलगाम अटैक और 261 के पीछे का मास्टरमाइंड है। जितने भी एलईटी के आतंकी ट्रेन होते थे वो यहीं पर इसी जगह पर ट्रेन होते थे। नेक्स्ट बहलपुर यह साइट दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकवादी मसूद अज़र का घर है और जैश-ए-मोहम्मद का हेड क्वार्टर्स भी। पुलवामा अटैक 2001 का पार्लियामेंट अटैक यह सबके पीछे इसी ऑर्गेनाइजेशन का हाथ था और उसी जगह पर हमला करने के बाद मसूद अजहर के 10 फैमिली मेंबर्स मारे गए जो आपने न्यूज़ में भी देखा होगा। नेक्स्ट टारगेट था बरनाला। इसे चुना गया क्योंकि यह एलईटी का आतंकी अटैक लॉन्चिंग साइट है। एंड बाकी जितने भी लोकेशंस आप मैप में देख सकते हो यह सब भी या तो कोई टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन के लॉन्च पैड्स हैं, हेड क्वार्टर्स है या फिर ट्रेनिंग कैंप्स है। और इसीलिए इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसीज ने सिर्फ इन्हीं नौ जगहों को चुना जहां पर अटैक करने के बाद जेईएम, एलईटी और हिजबुल मुजाहदीन जैसे आतंकियों की कैपेसिटी को न्यूट्रलाइज किया जा सके। इसका हमने एक पूरा लिस्ट बना रखा है जिसे आप वीडियो को पॉज करके देख सकते हो। अब अगर आप देखोगे ना तो इंडिया ने बहुत ही स्मार्टली अपना दांव चला है। क्योंकि अटैक के बाद इंडिया ने स्टेटमेंट में यह क्लियरली कहा है कि हमारे ये सारे अटैक्स एक्सट्रीमली फोकस्ड, मेजर्ड और नॉन एस्केलेटरी थे। यानी कि हमने सिर्फ गुनहगार आतंकियों पर ही हमला किया है। पाकिस्तानी सिविलियंस या फिर पाकिस्तानी मिलिट्री को कोई हानि नहीं पहुंचाई। बट ये ऑपरेशन कंडक्ट किया गया पाकिस्तान के न्यूक्लियर और वॉर थ्रेट्स के बावजूद भी। यह जो 130 एटॉमिक हमारे पास वेपन है, यह हमने हिंदुस्तान के लिए रखे हैं। और कोई आपने तमाशे करने हैं पाकिस्तान के साथ? याद रहे कि शहीद जुल्फिकार अली भुट्टो ने इस मुल्क को न्यूक्लियर वेपन दिया था। इनफैक्ट इंडिया ने तो इस बार एलओसी तो छोड़ो इंटरनेशनल बॉर्डर तक को क्रॉस करके एक क्लियर मैसेज दे दिया। इंडस वाटर ट्रीटी को तक कैंसिल करके पाकिस्तान को ललकारा। बट साथ में इंडिया ने दुनिया को यह भी दिखा दिया कि वो एक इरिस्पांसिबल देश नहीं है जो सीधा वॉर शुरू कर दे। इंडिया बिल्कुल नहीं चाहता कि वॉर का बिल हम पर फटे क्योंकि हम एक थ्राइविंग इकॉनमी है विथ गुड रिलेशंस विथ मोस्ट कंट्रीज और हमारा एक रेपुटेशन भी है। बट इंडिया ने जो पाकिस्तान को ललकारा पाकिस्तान सिर्फ दो ही तरह से अब रिस्पॉन्ड कर सकता है। नंबर वन पाकिस्तान या तो बैक ऑफ कर सकता है। बट इस केस में उसे क्लियर मैसेज मिल जाएगा कि यह नया भारत है और इसीलिए आगे से अपने दायरे में रहना वरना अगला स्ट्राइक सीधा इस्लामाबाद में हो सकता है। नंबर टू, अगर पाकिस्तान खुद एस्केलेट करना चाहता है, तो इंडिया को एक बहाना मिल जाएगा अपने मिलिट्री मसल को यूज करने का। सो पाकिस्तान के लिए एक ऐसी सिचुएशन क्रिएट कर ली गई है कि पाकिस्तान जो कुछ भी करे, इंडिया के पास उसका एक पावरफुल काउंटर मूव रेडी है जो इंडिया के ही बेनिफिट में होगा। मगर अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी प्राइम मिनिस्टर का जरा यह स्टेटमेंट देखना। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को ब्लेटेंटली एक एक्ट ऑफ वॉर कह दिया है। उनका कहना यह है कि यह तो इंडिया के लिए एक टेंपरेरी प्लेजर है क्योंकि इसका पलटवार पाकिस्तान बहुत ही जल्द देने वाला है। उनके डिफेंस मिनिस्टर भी यह कह चुके हैं कि पाकिस्तान इज रेडी फॉर एन ऑल आउट वॉर। और अभी जैसे आपने देखा होगा हाल ही की न्यूज है पाकिस्तानी आर्मी ने एलओसी को पार करके जम्मू कश्मीर के पूंछ रीजन में क्रॉस फायरिंग करना शुरू कर लिया है जिसमें 12 सिविलियंस मारे जा चुके हैं। सो अब इस पूरे सिचुएशन को देखकर ऐसा लग रहा है कि ये इशू मे बी एस्केलेट हो सकता है। जिसके लिए इंडिया ऑलरेडी तैयार है। अगर पाकिस्तान एक फुल फ्लेज्ड वॉर का रास्ता चुनता है, तो इंडिया के पास एक ऐसी वॉर स्ट्रेटजी है जिससे सिर्फ 24 घंटों के अंदर इंडिया पाकिस्तान को ऐसा स्ट्राइक करेगा, कि पाकिस्तान कांप उठेगा। और पाकिस्तान न्यूक्लियर स्ट्राइक करना तो छोड़ो। शायद पाकिस्तान हम पर पलटवार वार करने के भी काबिल ना बचे। क्योंकि हमारी नई वॉर स्ट्रेटजी, पुराने वॉर स्ट्रेटेजीस जो कि हमने 1965, 71 और कारगिल वॉर में यूज किया था। उससे कंप्लीटली रिीडफाइन हो चुकी है जो हमें एक ह्यूज एडवांटेज देगा। लेट मी एक्सप्लेन यू एक्सजेक्टली हाउ। यह मैप देखो इतने सारे देशों में जैसे आप देख सकते हो जर्मनी ने सिर्फ दो सालों में ही कब्जा कर लिया था। कैन यू बिलीव दैट? सिर्फ क्योंकि उनके पास एक ऐसी वॉर स्ट्रेटजी थी जिससे जर्मंस ट्रीटी ऑफ़ वर्सेल के बाद अपनी सेना लिटरली आधी करने के बावजूद अनबीटेबल बन गए थे। और आज इंडिया का भी यही न्यू वॉर डॉक्ट्रिन जर्मंस के उसी अल्ट्रा सक्सेसफुल मिलिट्री स्ट्रेटजी से ही इंस्पायर्ड है। एंड यू नो व्हाट पाकिस्तान यह बात बखूबी जानता है। इसीलिए आज जंग के लिए उसकी तैयारी देखो। चलो इसे मैप में दिखाता हूं। ये है पाकिस्तान का मिलिट्री डिप्लॉयमेंट अंडर कंप्लीटली नॉर्मल सरकमस्ट्ससेस। लेकिन अब आप सेकंड मैप पर देख सकते हो। इकोनॉमिक टाइम्स ने जब पाकिस्तान के सारे मिलिट्री डिप्लॉयमेंट्स को ट्रैक किया तब पता चला कि पाकिस्तान ने उसके एकिस्टिंग बेसिस से फोर्सेस और फाइटर जेट्स को मूव करके या फिर फोर्सेस को हाफ करके बाकी फोर्सेस को मोस्टली पीओके और कराची के तरफ हेवीली डिप्लॉय किया है। इसके पीछे का रीज़न मैं आपको बाद में बताऊंगा। बट ये जो येलो डॉट्स दिख रहे हैं ना वहां पर हाल ही में पाकिस्तान ने हजारों एसएसजी कमांडोस यानी कि अपने सबसे हाइली ट्रेंड पाकिस्तानी सोल्जर्स को डिप्लॉय कर रखा है। पर्पल डॉट्स आपको जहां पर भी दिख रहे हैं वहां पर पाकिस्तान ने चाइनीस मेड A100 मल्टीबैरल रॉकेट लांचर और KRL 122 ऐसे खतरनाक लॉन्ग रेंज मिसाइल लांचर्स लगा रखे हैं जो इंडियन फाइटर जेट्स को घुसते ही तबाह कर देने की क्षमता रखते हैं। और जो ब्लू डॉट्स दिख रहे हैं वहां पर पाकिस्तान ने हाइली एडवांस्ड F16 और JF7 फाइटर जेट्स को डिप्लॉय कर रखा है जो तेजी से इंडिया में घुसकर मैसिव एयर स्ट्राइक्स कर सकते हैं। एंड दिस इज लार्जली बिकॉज़ ऑफ इंडियास न्यू वॉर स्ट्रेटजी जो पाकिस्तान भी जानता है इंडिया को ह्यूज एडवांटेज दे सकता है। लेकिन आप बिलीव नहीं करोगे कि भारत को ये नई वॉर स्ट्रेटजी मिली कैसे? वेल 2001 के पार्लियामेंट अटैक से। बट बिफोर मूविंग अहेड आपको तो पता ही होगा कि आजकल इंटेलिजेंस, डिफेंस और ऑलमोस्ट हर एक फील्ड में एआई का एक्सटेंसिव यूज हो रहा है। हम खुद अपने कई वीडियोस में एआई का हैवी यूज करते हैं। एंड ऑनेस्टली आप चाहे जिस फील्ड में हो सेल्स, मार्केटिंग, एचआर, ऑपरेशंस या अपना खुद का ही बिज़नेस चला रहे हो। एआई आपको इममेंस लेवरेज देता है। इनफैक्ट आप लिटरली ओवर वीकेंड्स एआई सीख कर अपने लिए एक अल्टरनेट अर्निंग का जरिया भी खोल सकते हो। और इसीलिए मैं आपको इनवाइट करना चाहता हूं एक टू डे एआई ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए जिसका वैसे तो फी ₹10,000 है लेकिन हमारे अमेजिंग पार्टनर आउटस्किल के थ्रू यह हमारे व्यूअर्स के लिए अबब्सोलुटली फ्री है। आउटस्किल दुनिया का पहला एआई फोकस्ड एजुकेशन प्लेटफार्म है जिसे कई टॉप एआई इन्वेस्टर्स और पायोनियर्स सपोर्ट कर रहे हैं। ये 16 आवर्स का लाइव ट्रेनिंग कोर्स है जो सैटरडे और संडे को 11:00 am से 7:00 pm तक रहेगा। उसमें आप इतनी सारी चीजें सीख सकते हो। 20 प्लस पावरफुल एआई टूल्स जो आपके टूलकिट में ऐड हो जाएंगे। प्र्प्ट इंजीनियरिंग फॉर बेटर फास्टर रिजल्ट्स। डाटा एनालिसिस बिना किसी कोडिंग के एंड सो मच मोर। एi और एक्सेल की मदद से प्रोफेशनल प्रेजेंटेशंस कैसे बनाना है? नो कोड टूल्स के थ्रू अपने खुद का एi ऐप और टूल्स कैसे बनाना है? एआई जनरेटेड इमेजेस और वीडियोस जो लिटरली माइंड ब्लोइंग है। पावरफुल एआई एजेंट्स डेवलप करना, अपने डेली टास्क को ऑटोमेट करना फॉर मैक्स एफिशिएंसी एंड सो मच मोर। ऑलरेडी 40 प्लस कंट्रीज के प्रोफेशनल्स इसे ज्वाइन कर चुके हैं और उनका रिस्पांस भी बेहतरीन रहा है। मेरे खुद के टीम मेंबर्स भी इसे अटेंड कर रहे हैं। सो यू शुड आल्सो डेफिनेटली कंसीडर चेकिंग इट आउट। फ्राइडे 7:00 pm आईएसटी पे इनका एक इंट्रोडक्शन कॉल है। बस याद रखना सीट्स फास्ट फिल हो रहे हैं क्योंकि सिर्फ लिमिटेड टाइम के लिए ही है ये अवेलेबल। लिंक डिस्क्रिप्शन में है। आप उनका WhatsApp ग्रुप भी ज्वाइन कर सकते हो फॉर लेटेस्ट अपडेट्स। और अब वापस लौट आते हैं हमारे मेन टॉपिक पर। सो 13 दिसंबर 2001 की बात है। जैश-ए-मोहम्मद के पांच टेररिस्ट ने इंडियन पार्लियामेंट पर हमला कर दिया था। जिसमें नौ लोग मारे गए। सबको लगा था कि भारत ने इस हमले का कोई रिस्पांस नहीं दिया। पर बहुत कम लोग यह बात जानते थे कि इंडिया ने काउंटर अटैक ऑलरेडी प्लान कर लिया था ऑपरेशन पराक्रम के जरिए। बट अनफॉर्चूनेटली ये ऑपरेशन इंडियन आर्मी का सबसे बड़ा फेलियर साबित हुआ। और इसीलिए कोल्ड स्टार्ट स्ट्रेटजी क्या है और उसकी जरूरत ही क्यों पड़ी? यह समझने के लिए पहले हमें हमारे इस फेलियर को डिकोड करना होगा। तो जैसे आपको पता है आजादी से ही इंडिया की मिलिट्री पॉलिसी ऑफेंसिव नहीं बल्कि डिफेंसिव रही है। हम मिलिट्री अटैक्स के लिए सुंदर जी डॉक्ट्रिन फॉलो करते थे। जिस पर ही ऑपरेशन पराक्रम की पूरी स्ट्रेटजी बेस्ड थी। तो जैसे ही यह ऑपरेशन शुरू हुआ सुंदर जी डॉक्ट्रिन की पहली स्टेज एक्टिवेट हो गई। जिसके तहत सात सैनिकों की टुकड़ियां बनाई गई जिसमें हर एक टुकड़ी में 20,000 सोल्जर्स और कुछ टैंक्स मौजूद थे। इन्हें होल्डिंग कॉर्प्स बोला गया जिन्हें पाकिस्तान से लग के सारे बॉर्डर्स को सिक्योर करना था। सो पॉइंट टू नोट यहां पर यह है कि इन्हें पाकिस्तान से हो रहे सारे अटैक्स को होल्ड करना था, रोकना था ना कि दुश्मन पर कोई अटैक करना था। यस, जरूरत पड़ने पर भी होल्डिंग कॉप्स को ऑफेंसिव पोजीशन यानी पाकिस्तान के अंदर जाकर हमला करने की इजाजत और ट्रेनिंग नहीं दी गई थी। क्योंकि उस काम के लिए एक 60,000 सोल्जर्स की सेना स्ट्राइक कॉप्स को ही ट्रेनिंग मिली थी। जिनका काम था पाकिस्तान के अंदर घुसकर हमला करना। लेकिन ये स्ट्राइक कॉप्स सेंट्रल इंडिया के मथुरा, अंबाला और भोपाल सेक्टर में ही बेस्ड थी। सो जैसे ही ऑपरेशन पराक्रम करने के ऑर्डर्स मिले, ये सेना सेंट्रल इंडिया से पाकिस्तान बॉर्डर की ओर ट्रैवल करने लगी। और एग्जैक्टली यहीं पर सारी की सारी गड़बड़ हो गई। पूरा मिशन इसी वजह से फेल हुआ। क्योंकि सुंदर जी डॉक्ट्रिन में तीन सबसे मेजर फ्लॉस थे। पहला स्लो डेप्लॉयमेंट। आप खुद सोचो 60000 की इतनी बड़ी सेना को यहां से यहां 500 से 600 किलोमीटर पार करना था। इसमें ही उन्हें तीन हफ्ते लग गए थे और इतने टाइम तक तो पाकिस्तान के कान खड़े हो गए थे और उन्होंने तुरंत ग्लोबल डिप्लोमेसी और यूएस का सपोर्ट ले लिया जिससे इंडिया को मजबूरन वॉर रोकना पड़ गया। दूसरा मेजर फ्लॉ, नो सरप्राइज़ अटैक। यार, इतने समय में तो पाकिस्तान को अच्छा खासा टाइम मिल गया कि उसने तुरंत बॉर्डर पर अपने सैनिक भी तैनात कर दिए। तीसरा फ्लॉ, वीक होल्डिंग कॉप्स। अब तीन हफ्ते के बीच में जब तक पाकिस्तान जान गया कि इंडियन फोर्सेस वहां पर आ रही है और उसने अपनी सेना लाई इन दोनों इवेंट्स के बीच में होल्डिंग कॉर्प्स यानी कि जो 1,40,000 की सेना बॉर्डर पर ऑलरेडी डिप्लॉयड थी वो पाकिस्तान पर हमला कर सकती थी। लेकिन उन्हें सुंदर जी डॉक्ट्रिन के तहत ना ही ऑफिशियल परमिशन थी और ना ही ट्रेनिंग। तो बस पाकिस्तान ने बस एग्जैक्टली इसी वनरेबिलिटी का फायदा उठाया और जनवरी 12, 2002 को मुशरफ ने एक स्पीच दी जिसमें उसने टेररिज्म को कंडेम किया। इट मस्ट बी स्टैंपड आउट विथ द सेम ज़ील विथ व्हिच द फाइट अगेंस्ट टेररिज्म इज़ बीइंग पर्सड। इससे इंडिया का काउंटर अटैक जस्टिफाई करना मुश्किल हो गया। क्योंकि इसके बाद भी अगर भारत अटैक करता तो हम एक एग्रेसर की तरह नजर आते। और अंत में 10 महीनों के स्टैंड ऑफ के बाद इंडिया को चुपचाप फोर्सेस को विड्रॉ करना पड़ गया। लेकिन फॉरर्चूनेटली इससे हमने एक बात बखूबी सीख ली कि सुंदर जी डॉक्ट्रिन बिल्कुल आउटडेटेड हो चुका है और स्पेशली पाकिस्तान जैसे नेबर्स के सामने हम चाहे कितने भी पीसफुल बनने की कोशिश करें बट अगर हमारा नेबर ही अग्रेसर है तो ऐसे में पीसफुल रहना तो एक वीकनेस होगा। और इसीलिए साल 2004 में भारत ने एक नए डॉक्ट्रिन को ही डिवेप कर लिया। द कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन जो एक्चुअली में जर्मनी के वर्ल्ड वॉर टू की मिलिट्री स्ट्रेटजी ब्लिट्स क्रेग से हैवली इंस्पायर्ड है। ब्लिट्स क्रेग यानी लाइटनिंग स्ट्राइक जर्मंस की एक अल्ट्रा सक्सेसफुल वॉर स्ट्रेटजी थी जिससे वर्ल्ड वॉर टू में उन्होंने सिर्फ दो सालों के अंदर ही पूरे यूरोप को अपने कब्जे में ले लिया था। कैन यू इमेजिन दैट? मैप में दिख रहे इन सारे देशों को जर्मनी ने सिर्फ एक ब्लिट्स क्रीक स्ट्रेटजी से ही जीता था। चलो इसे हम फ्रांस इन्वेशन से समझते हैं। वर्ल्ड वॉर वन के बाद फ्रांस को पहले से यह पता था कि इन फ्यूचर अगर उसे किसी देश से खतरा है तो सिर्फ जर्मनी से। और इसीलिए 1930 में ही उन्होंने आज के 9 बिलियन डॉलर्स के जितना पैसा खर्च करके फ्रेंच ईस्टर्न बॉर्डरर्स पर उस वक्त की सबसे एडवांस्ड बॉर्डर मैगिनोट लाइन बनाई। एक ऐसा बॉर्डर डिफेंस सिस्टम जिसमें दर्जन भर के किले बनाए गए थे जिनको बॉम्ब और टैंक से कुचलना तो छोड़ो न्यूक्लियर अटैक से भी भेदना मुश्किल था। द मैजिन लाइन वास व स्ट्रांगेस्ट फर्टिफिकेशन एवर बिल्ट विथ अंडर ग्राउंड रेलवे स्टेशन हॉस्पिटल्स एंड द एबिलिटी टू स्ट न्यूक्लियर हेल्प फायर ऊपर से वर्ल्ड वॉर वन में तो आप जानते ही होंगे जर्मनी के हार के बाद उन्हें मजबूरन अपनी आर्मी को छोटा करना पड़ गया था। सो फ्रेंच आर्मी के सामने जर्मन आर्मी बहुत छोटी थी। कम्स इन द एंड ऑफ द वॉर लिमिट्स द जर्मन आर्मी टू अ मैक्सिमम साइज ऑफ़ 1000 मेन व्हिच मीन्स दैट दे हैव 10 डिवीज़ंस व्हिच इज अ टाइनी अमाउंट इफ यू कंपेयर दैट टू द फ्रेंच आर्मी ऑफ़ द टाइम व्हिच इज़ अबाउट 85 डिवीज़ स्टंग। लेकिन जर्मंस ने अपने कम रिसोर्सेज को ही अपना सबसे बड़ा वेपन बना दिया। और यहीं पर पिक्चर में आई उनकी ब्लिट क्रीक स्ट्रेटजी जिसका सिंपल आईडिया था स्पीड सरप्राइज़्ड और सिंक्रोनाइज्ड अटैक। 10th मई 1940 फ्रांस अपने मैगिनॉट लाइन के पीछे एकदम कॉन्फिडेंटली बैठा था सोच कर कि जर्मनी तो यहीं से अटैक करेगा। पर फ्रांस से एक गलती हो गई। उन्होंने जर्मंस को अंडरएस्टीमेट कर दिया। फ्रांस को पूरा भरोसा था कि आर्डिनस के घने जंगलों को जर्मनी क्या कोई भी आर्मी पार नहीं कर सकती और वह भी टैंक्स के साथ तो बिल्कुल इंपॉसिबल है। इनफैक्ट फ्रेंच मार्शल फिलिप ब्रिटेन ने तो इन जंगलों को इंपेनिट्रेबल ही बोल दिया था। बट ब्लिट्स क्रीक की पहली स्ट्रेटजी ही क्या थी? सरप्राइज़। और इसीलिए फ्रांस पे अटैक करने के लिए जर्मंस ने भी इसी इंपेनिट्रेबल फॉरेस्ट ऑफ आरनेस को ही पेनिट्रेट करके दिखाया। जर्मंस ने बड़ी सेना नहीं बल्कि छोटी-छोटी कम सैनिकों की टुकड़ियां बनाई जो कुछ स्पेसिफिक रोल्स के लिए ही स्पेशलाइज्ड थे। जैसे फॉर एग्जांपल एंट्री करते ही सोल्जर्स ने एक एरो लाइक फॉर्मेशन बनाया जिसमें सबसे आगे थे इंजीनियर्स। इनका काम था जंगल साफ करते हुए रास्ता बनाना जिससे टैंक्स और हैवी इक्विपमेंट्स भी पास हो सके। फिर आडेनस जंगल खत्म होते ही वहां पर मियोस नदी थी। तो नेक्स्ट एक और स्पेशलाइज्ड यूनिट ऑफ इंजीनियर्स को रखा गया जिनका काम ही था उस नदी पर जल्द से जल्द एक ब्रिज तैयार करना। इंजीनियर्स बिगेन बिल्डिंग ब्रिजेस फॉर द आर्मर। फिर इन्हीं इंजीनियर्स के पीछे चल रहा था पैंज़ टैंक्स का एक यूनिट जिसमें 600 टैंक्स थे। इस यूनिट का काम था रास्ते में आने वाले सारे फ्रेंच आर्मी पोस्ट को डिस्ट्रॉय करना। अब ऐसे ही और भी कई सारे स्पेशलाइज्ड यूनिट्स थे। बट मैं इसे थोड़ा शॉर्ट में कवर कर रहा हूं। जस्ट सो दैट यू गेट द जिस्ट। नाउ ब्रिट्स क्रीक की दूसरी स्ट्रेटजी थी स्पीड। जर्मंस ने डे एंड नाइट काम करके पर डे 50 कि.मी. अंदर इनफिल्ट्रेट किया और इसीलिए जो जंगल फ्रेंच को लगा कि जर्मंस को 15 दिन लग जाएंगे पार करने में वो जर्मंस ने सिर्फ दो दिनों के अंदर ही पार करके दिखाया। 10th मई 1940 को उन्होंने इन्वजन शुरू किया। 12 मई को वो म्यूइसस नदी पर खड़े थे और फाइनली जैसे ही फ्रेंच आर्मी को खबर पहुंची और वह रियेक्ट कर पाए तुरंत अपनी सिंक्रोनाइज्ड अटैकिंग स्किल्स दिखाते हुए जर्मन एयरफोर्स यूनिट ने अपने एक्सट्रीमली लाउड बॉम्बर जेट्स टूकास से फ्रेंच एरियाज पर एयर स्ट्राइक करना शुरू कर दिया जिससे एक तो पूरे फ्रांस में डर का माहौल ही छा गया और दूसरी बात फ्रेंच आर्मी सही से काउंटर अटैक भी नहीं कर पाई। अब यह टेक्निक इतनी इफेक्टिव थी कि वोंट बिलीव इट। बट महज छह हफ्तों में ही जर्मनी ने ऑलमोस्ट पूरे फ्रांस पर कब्जा कर लिया। पेरिस के वर्सेसल कैसल पर अपना स्वास्तिक का फ्लैग लहरा दिया। एग्जैक्टली उसी जगह पर जहां पर ही 1919 में वर्ल्ड वॉर वन के बाद उनसे सरेंडर साइन करवाकर जर्मंस को ग्लोबली जलील किया गया था। लेकिन यह सब हो पाया सिर्फ ब्लिटस्क्रीक स्ट्रेटजी के प्रिंसिपल्स सरप्राइज स्पीड और सिंक्रोनाइज अटैक के वजह से जिससे आई रिपीट सिर्फ फ्रांस ही नहीं बल्कि केवल 2 सालों में जर्मनी ने इतने सारे देशों पर भी अपना कब्जा कर लिया था। अब इंडिया के कोल्ड स्टार डॉक्ट्रिन भी सेम लाइंस पर ही आधारित है। भारत के पुराने सुंदर जी डॉक्ट्रिन और नए कोल्ड स्टार डॉक्ट्रिन पे यूके के रनाउन पॉलिटिकल साइंटिस्ट डॉक्टर वाल्टर सी लैडविक ने हार्व यूनिवर्सिटी में एक एक्सटेंसिव रिसर्च पेपर पब्लिश किया है। जिसमें उन्होंने नई कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन पुरानी से कैसे बेहतर है उसका इन डेप्थ एनालिसिस दिया है। इस वीडियो के लिए हम भी उन्हीं के एनालिसिस डॉक्यूमेंट को रेफर करेंगे। सबसे पहला फैक्टर फोर साइज एंड डिप्लॉयमेंट टाइम। सो अनलाइक सुंदर जी डॉक्ट्रिन की 60 हज़ार सोल्जर्स की मैसिव स्ट्राइक कॉप फोर्स जिन्हें एक साथ मूव करवाना ही बहुत बड़ा टास्क था। कोल्ड स्टार्ट स्ट्रेटजी के तहत सेना की 7 से 8000 सैनिकों की छोटी-छोटी टुकड़ियां बनाई गई है। जिन्हें इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स बोलते हैं। जिनमें टैंक्स, आर्टिलरी और एयर सपोर्ट की यूनिट्स भी मौजूद है। और हर एक टीम वॉर में एक स्पेसिफिक टास्क करने के लिए ही स्पेशलाइज्ड है। बिल्कुल वैसे ही जैसे जर्मंस के आरएनएस जंगल क्रॉस करते वक्त हर एक टीम या स्पेशलाइज यूनिट के अपने टास्क थे। सेकंड फैक्टर शॉक एलिमेंट। पहले 60 हजार की सेना सेंट्रल इंडिया से मूव होती तो पाकिस्तान को पहले से ही पता चल जाता था। लेकिन अब क्योंकि यह 7 से 8000 सोल्जर्स की छोटी-छोटी टुकड़ियां होगी तो इनफिल्ट्रेशन इनटू एनिमीज़ टेरिटरी क्विक और साइलेंट होगा। मोस्टली मैक्स टू मैक्स विद इन 72 आवर्स। अब अगला फैक्टर अगर हम आर्मी टू एयर कोऑर्डिनेशन एंड ऑपरेशनल डेप्थ देखें तो ट्रेडिशनल वॉरफेयर्स में मोस्टली इंडियन आर्मी ही एक ग्राउंड ऑपरेशन करके टेरिटरी को कैप्चर करती थी। और ऑपरेशन का एंड गोल था एनिमी की डीप टेरिटरीज जैसे कि समझो लाहौर या सियालकोट को कैप्चर करना। लेकिन इसका डिसएडवांटेज जानते हो क्या है? दिस बिकम्स अ स्ट्रांग रीज़ फॉर न्यूक्लियर अटैक। क्योंकि पाकिस्तान के न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन के मुताबिक अगर पाकिस्तान की एकिस्टेंस या सोवरेनिटी पर खतरा हो तो वो न्यूक्लियर वेपन यूज कर सकता है। लेकिन विथ द न्यू कोल्ड स्टार्ट स्ट्रेटजी आर्मी और एयरफोर्स वर्ल्ड वॉर टू के जर्मन सेना जैसे मिलकर कोऑर्डिनेटेड अटैक्स ल्च करेंगे। और आईबीजी का मोटिव किसी पूरे डीप टेरिटरी को कैप्चर करना नहीं बल्कि सिर्फ एक 40 से 50 कि.मी. की टेरिटरी को सीज करना है। इसका सबसे मेन एडवांटेज है कि हम पाकिस्तान के उस न्यूक्लियर रेड लाइन के नीचे रहकर उन पर दबाव बनाएं जिससे पाकिस्तान ग्लोबली ग्राउंड फॉर न्यूक्लियर वॉर जस्टिफाई ना कर पाए। और फाइनली कोल्ड स्टार्ट में पहले के होल्डिंग कॉप्स जिनका सिर्फ एक डिफेंसिव रोल था उन्हें अब रिडजिग्नेट कर दिया है एस पिवेट कॉप्स जिनके पास अनलाइक बिफोर अब मोबाइल आर्टिलरी बैटल टैंक्स तक होगी प्लस पिवेट कॉप्स को आईबीजीस के साथ फॉर्मल मिलिट्री ट्रेनिंग भी मिलती है जिससे यह लोग अब बॉर्डर एरियाज को सिक्योर करने के साथ जरूरत के समय ऑफेंसिव ऑपरेशंस भी कर सकते हैं। नाउ, कमिंग टू द मेन क्वेश्चन। अगर इंडियन आर्मी पहलगाम अटैक का जवाब देने के लिए पाकिस्तान पर एक फुल फ्लेज्ड वॉर छेड़ देती है या पाकिस्तान हम पर अटैक करता है, तो इस बार इंडिया पाकिस्तान वॉर के फर्स्ट 24 आवर्स कैसे दिखेंगे? एस्पेशली क्योंकि यह कोल्ड स्टार डॉक्ट्रिन के तहत लड़ा जाने वाला पहला ऑफिशियल वॉर होगा। नाउ मुझे सबसे पहले एक बात बिल्कुल क्लियर करनी है कि अभी मैं जो भी डिस्कस करूंगा यह सब एजम्पशंस हैं जो वैसे तो काफी सॉलिड एविडेंसेस से बैक्ड है लेकिन स्टिल एजम्पशनंस ही है। हम डेफिनेटली इंडिया की पुरानी वॉर स्ट्रेटजीस या काउंटर अटैक स्ट्रेटजीस जैसे ओरी सर्जिकल स्ट्राइक वगैरह को स्टडी करके कुछ पैरेलल्स ड्रॉ करेंगे। लेकिन जो मेन डाटा हमने यूज किया है टू मैप आउट द फर्स्ट 24 आवर्स ऑफ इंडिया पाकिस्तान वॉर वो उसी यूके के रनाउंड पॉलिटिकल साइंटिस्ट डॉक्टर वाल्टर सी लैडविक के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्च पेपर से ही लिया गया है जिनसे ही हमने इंडिया की कोल्ड स्टार स्ट्रेटजी के बारे में समझा है। अब जाहिर सी बात है क्योंकि ये रिसर्च पेपर पब्लिक डोमेन में अवेलेबल है। इसलिए इंडिया का काउंटर अटैक मेजर एकदम एग्जैक्टली वैसे का वैसा नहीं होगा बल्कि इसका एक मॉडिफाइड वर्जन होगा। बट स्टिल हम इससे एक फेयर आईडिया तो बिल्कुल ले ही सकते हैं। सो चलो लेट्स स्टार्ट। सबसे पहले स्पीड की बात करते हैं। सो अगर हम उरी सर्जिकल स्ट्राइक का एग्जांपल लें तो इंडियन फोर्सेस ने रात के 12:30 बजे ऑपरेशन को स्टार्ट किया और सुबह 4:00 बजे तक फोर्सेस सेफली वापस भी आ गए थे और पाकिस्तान को भनक तक नहीं पड़ी। क्विक एंड साइलेंट। इसमें फोर्स की एवरेज स्पीड थी बाय द वे 1 कि.मी. पर आर। लेकिन क्योंकि इस बार अगर अटैक होता है तो वह कोल्ड स्टार्ट से होगा और इसीलिए इस बार आईबीजीस जाएंगे जिसमें टैंक्स और एयर फोर्स भी शामिल होते हैं और इनका एवरेज स्पीड होगा करीब 3 किमी पर आर जिस स्पीड से पहले के 6 घंटे में ही हमारी फोर्सेस आराम से पाकिस्तान के 15 से 18 किमी तक के एरिया को इनफिल्ट्रेट कर सकती है। लेकिन ऑफ कोर्स नेक्स्ट क्वेश्चन आता है कि हम एंटर कहां से करेंगे? अब हार्व के रिसर्च पेपर में क्लियरली यह लिखा है कि इंडियन आईबीजीस पाकिस्तान पर पांच डिफरेंट लोकेशन से स्ट्राइक कर सकते हैं। एंड पाकिस्तान ने रिसेंटली अपनी आर्मी किन एरियाज में डिप्लॉय कर रखी है ये भी हम मैप पर देख ही चुके हैं। एक तो पीओके की तरफ उन्होंने एडिशनल फोर्सेस और मिसाइल्स को लगा रखा है फॉर ऑब्वियस रीज़ंस। और दूसरा कराची की तरफ क्योंकि वहां पर पाकिस्तान के सारे इंपॉर्टेंट पोर्ट्स हैं। लेकिन इससे फॉर्चुनेटली यह सिंध से पंजाब की तरफ वाला इलाका उन्होंने सिर्फ कुछ मिसाइल सिस्टम्स और रेगुलर बॉर्डर फोर्सेस जो हमेशा बॉर्डर्स पर होते हैं उनके भरोसे ही लूज़ली गार्डेड छोड़ा है। अब ऐसे में अगर हम कोल्ड स्टार डॉक्ट्रिन के पास्ट के सारे एक्सरसाइज को देखें तो जितने भी मॉक एक्सरसाइज हुए थे। राइट फ्रॉम एक्सरसाइज दिव्य अस्त्रा टू संघीय शक्ति सब इसी पंजाब से राजस्थान में ही हुए हैं। जिसमें इंडियन फोर्सेस के लिए पाकिस्तान के पंजाब और सिंध जैसे रीजंस को ही सिमुलेट किया गया था। सो इन दोनों रीज़ंस की वजह से ही हाई चांस है कि इंडियन आर्मी भी ऐसे लूज एरियाज ढूंढकर उस पर चार या पांच डायरेक्शंस से इनफिल्ट्रेट करके कुछ एरियाज पर कब्जा कर लेगी। अगेन उरी के एक्सपीरियंस से अगर देखें तो हाई चांस है कि करीब 6 घंटों तक तो पाकिस्तान को इंडिया के अंदर आने की खबर भी नहीं होगी। लेकिन उसके बाद यानी कि 7 से 12 घंटे के बीच हाई चांसेस है कि पाकिस्तानी मिलिट्री भी एक्टिवेट होकर इंडिया पर मिसाइल अटैक्स, एयर स्ट्राइक्स वगैरह स्टार्ट कर दे। बट इंटरेस्टिंगली, कई लेटेस्ट रिपोर्ट्स के हिसाब से इंडियन आर्मी ने फर्स्ट मई को ही पाकिस्तान से लग के इस पूरे वेस्टर्न बॉर्डर्स पर रेडार जैमर्स डिप्लॉय कर दिए। जिससे उनके मिसाइल्स मिसगाइड हो सकते हैं। इसके अलावा जैसे आपने देखा जैसे ही पहलगाम अटैक हुआ आईएफ ने राफेल, मिराज और Jaguar जैसे एयरक्राफ्ट्स को पाकिस्तान बॉर्डर पर डिप्लॉय करना शुरू कर दिया। अभी 5 दिन पहले ही इंडियन राफेल्स के बीच स्क्रैंबल यानी मतभेड़ की न्यूज़ भी आई थी। सो बेसिकली कोल स्टार्ट शुरू होते ही जैसे जर्मनी ने एक सिंक्रोनाइज अटैक ल्च किया था फ्रांस पर और हैवी एयर स्ट्राइक्स भी किए थे जिसे फ्रांस को काउंटर करना मुश्किल हो गया था सिमिलर स्ट्रेटजी इंडिया भी अपना सकती है। इनफैक्ट हमने कारगिल वॉर के ऑपरेशन सफेद सागर में यह करके भी दिखाया है। अब नेक्स्ट और यह मई सिक्स्थ की ही न्यूज़ है कि इंडियन नेवी भी ऑलरेडी अप्रैल से ही अरेबियन सी में डिप्लॉय हो चुकी है। अब आपको याद होगा कारगिल के समय ऑपरेशन तलवार में जैसे हुआ था हमारी नेवी ने पाकिस्तानी पोर्ट्स को ही ब्लॉक करके पाकिस्तान को ग्लोबल ट्रेड से आइसोलेट कर दिया था। हाई चांस है कि सिमिलर स्ट्रेटजी इस बार भी इंडियन नेवी प्लान कर सकती है। अब एक क्रेडिबल न्यूज़ रिपोर्ट के हिसाब से पाकिस्तान के पास सिर्फ 96 आवर्स तक लड़ने जितना ही गोला बारूद यानी आर्टिलरी है। इनफैक्ट पाकिस्तान टुडे की न्यूज़ रिपोर्ट के हिसाब से तो जो फाइटर जेट्स के लिए फ्यूल यूज़ होता है ना पाकिस्तान में तो उसकी तक शॉर्टेज हो चुकी है। और ऊपर से जैसे ही पाकिस्तान की इंडिया के साथ वॉर लाइक सिचुएशन खड़ी हुई तब पाकिस्तान ने चाइना से $1.4 बिलियन डॉलर्स का लोन मांगा। जबकि ऑलरेडी वह चाइना से मिलने वाले क्रेडिट लिमिट को एग्जॉस्ट कर चुका है। व्हिच क्लियरली शोज़ कि इनके पास ज्यादा दिनों तक वॉर लड़ने के पैसे ही नहीं है। अब ऐसे में अगर कोल्ड स्टार स्ट्रेटजी सक्सेसफुल होती है और इंडिया की जीत पाकिस्तान देखता है तो इंटरनेशनल मीडिया में पाकिस्तान न्यूक्लियर वॉर की धमकी देने लगेगा। और यह होते ही अगले कुछ ही घंटों में यानी कि 12 से 24 घंटे में ग्लोबल डिप्लोमेटिक प्रेशर इंडिया पर बढ़ने लगेगा। यूएन, यूएस, चाइना सब इंडिया पाकिस्तान को इमीडिएटली डीएस्केलेट करने बोलेंगे और तब इंडिया अपना अगला मूव खेल सकता है। इंडिया पूरी कोशिश करेगा कि पाकिस्तान को फाइनेंशियली क्रिपल करें और इंटरनेशनलली आइसोलेट करें। हम यूएन जैसे इंस्टिट्यूशन और बाकी के देशों से पाकिस्तान को एक रोग नेशन यानी फेल स्टेट डिक्लेअर करने की अपील कर सकते हैं। और पाकिस्तान को कोई भी फाइनेंसियल सपोर्ट ना इशू करें इसका भी रिक्वेस्ट कर सकते हैं। क्योंकि क्लियरली ये जो फाइनेंसियल एड पाकिस्तान को मिलता है ये थोड़ी ना ह्यूमैनिटेरियन डेवलपमेंट के लिए मिल रहा है। ये क्लियरली टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशनंस को फंड हो रहा है। बट अल्टीमेटली पाकिस्तान के साथ एक स्ट्रांग नेगोशिएशन करने के लिए इंडिया द्वारा कब्जा किए हुए पाकिस्तानी टेरिटरीज ही काम में आएंगे। एंड आई एम रिपीटिंग ये हमने सिर्फ लेटेस्ट न्यूज़ रिपोर्ट्स और कुछ रिसर्च पेपर्स को ही स्टडी करके एक पॉसिबल सिनेरियो क्रिएट किया है फ्रॉम ऑल द डेटा दैट इज अवेलेबल इन द पब्लिक डोमेन। सो ऐसा नहीं है कि कुछ सीक्रेट चीजें हम रिवील कर रहे हैं। बट इंडिया की कोल स्टार्ट स्ट्रेटजी तो फॉर श्योर इंडिया डिप्लॉय करेगा। किस तरीके से करेगा यह सिर्फ इसका एक सैंपल है और हमारी मिलिट्री भी यह बात जाहिर है अच्छे से जानती है। अब ऐसा होने का भी बहुत ही हाई चांस है कि पाकिस्तान इंडिया के एक्शन के बावजूद भी फुल स्केल वॉर के लिए कभी भी पुश नहीं करेगा। इनफैक्ट 2019 का बालाकोट एयर स्ट्राइक इसका सबसे बड़ा प्रूफ है। जैसे ही विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान ने अरेस्ट किया देश में उनके लिए सपोर्ट एकदम से बढ़ गया और हमारी इंडियन गवर्नमेंट ने भी पाकिस्तान को वार्निंग इशू कर दी। अगर हमारे विंग कमांडर को कुछ भी हुआ तो कॉन्सिक्वेंसेस पाकिस्तान भूल नहीं पाएगा। बट इंडिया बस धमकी देकर शांत नहीं हुआ। इंडियन मिलिट्री हाई अलर्ट पर आ गई थी। हम वॉर रेडी हो चुके थे। प्लस इंडिया ने दुनिया भर से इतने मैसिव डिप्लोमेटिक प्रेशर पाकिस्तान पर लगवा दिए कि अल्टीमेटली उनके एमपी ने खुद ऑन रिकॉर्ड यह बोला कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ बाजवा के लिटरली हाथ कांप रहे थे और पाकिस्तान के फॉरेन मिनिस्टर ने पीएम से कहा तुरंत अभिनंदन को छोड़ दो। मुझे याद है शाह महमूद कुरैशी साहब उस मीटिंग में थे जिसमें प्राइम मिनिस्टर साहब ने आने से इंकार कर दिया और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ तशरीफ लाए। पैर कांप रहे थे। पसीने माथे पे थे और हमसे शाह महमूद साहब ने कहा फॉरेन मिनिस्टर साहब ने कि खुदा का वास्ता है अब इसको वापस जाने दें। क्योंकि 9:00 बजे रात को हिंदुस्तान पाकिस्तान पे अटैक कर रहा है। फिर फर्स्ट मार्च 2019 को पीएम इमरान खान ने पार्लियामेंट में अनाउंस किया कि पाकिस्तान अभिनंदन को रिलीज कर रहा है एक पीस जेस्चर के तौर पर। लेकिन असल वजह पीस नहीं थी। असल वजह थी डर। डर इंडिया के मिलिट्री रिटाैलिएशन का। बिकॉज़ अभी की हमारी जो मिलिट्री पॉलिसी है, पाकिस्तान जानता है कि हम सिर्फ बातें नहीं करते बल्कि हम एक्शन भी लेते हैं। और इसीलिए पाकिस्तान को नॉट ओनली डर था मिलिट्री रिटालिएशन का बट आल्सो ग्लोबल आइसोलेशन का। आज भी पाकिस्तान के यूएस एनवायॉ यानी डिप्लोमैट्स यह कह चुके हैं कि हम इंडिया जैसे बड़े कंट्री से लड़ना नहीं चाहते। और भूलो मत। इस बार तो यूएस का भी टिल्ट इंडिया की तरफ ज्यादा नजर आ रहा है। और इसीलिए मेरे हिसाब से पाकिस्तान की भलाई इसी में है कि वो एक फुल फ्लेज्ड वॉर के लिए नहीं जाए। बट द बॉल इज इन द कोर्ट ऑफ पाकिस्तान नाउ। अगर पाकिस्तान ये छोटे-मोटे अटैक्स कर रहा है उसे सीरियसली कंसीडर करना चाहिए कि एक फुल फ्लेज्ड वॉर उसे बहुत ही महंगा साबित हो सकता है। और इस वक्त वैसे भी पाकिस्तान में एक और एक मेजर वल्नरेबिलिटी है। आज के तारीख में पाकिस्तान के कई राज्यों की जनता कुछ खास साथ नहीं दे रही। आप जानते ही होंगे पाकिस्तान के अलग-अलग रीजंस जैसे सिंध प्रोविंस, खाइबर पकतुख्वा, बलूचिस्तान और अभी तो पीओके में भी अचानक से प्रोटेस्ट उभर रहे हैं। टेररिस्ट अटैक्स हो रहे हैं। यह पहलगाम अटैक के बाद से तो एकदम ड्रास्टिकली भी बढ़ गया। इस पर मैंने ऑलरेडी एक डिटेल वीडियो भी बना रखा है जिसे आप यहां पर आई बटन दबाकर देख सकते हो। सो आई होप इंडिया और पाकिस्तान के बीच में एक फुल फ्लेज वॉर कभी ना हो। बट आई आल्सो होप कि इवेंचुअली इंडिया को पाकिस्तान के साथ किसी तरफ पीस एस्टैब्लिश करना होगा। क्या उस पीस की कीमत जंग ही होगी? आपको क्या लगता है? नीचे कमेंट्स में लिखना अपनी राय। थैंक्स फॉर वाचिंग। जय हिंद।