Coordination Chemistry Lecture Notes
अध्याय का परिचय
- Coordination Chemistry महत्वपूर्ण विषय है JEE Main और JEE Advanced के लिए।
- लेक्चर में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा होगी:
- लिगेंड्स, IUPAC नामकरण
- वर्नर थ्योरी और EAN नियम
- VBT (Valence Bond Theory) और CFT (Crystal Field Theory)
- मेटल कार्बोनील्स
Coordination Compound क्या है?
- ऐसे यौगिक जिन्हें constituent ions से अलग पहचान होती है।
- उदाहरण: K₄[Fe(CN)₆] पानी में K⁺ देता है, लेकिन Fe²⁺ या CN⁻ नहीं देता।
- ये यौगिक अपनी पहचान बनाए रखते हैं।
Central Atom और Ligands
- Central metal atom या ion वह होता है जिस पर लिगेंड जुड़े होते हैं।
- Z effective अधिक होने पर central atom की स्थिरता बढ़ती है।
- लिगेंड इलेक्ट्रॉन के जो ड़े दान करते हैं।
Ligands का वर्गीकरण
-
Charge के आधार पर:
- कैटायनिक लिगेंड (पॉजिटिव चार्ज): जैसे NO⁺।
- अनायनिक लिगेंड (निगेटिव चार्ज): जैसे Cl⁻।
- न्यूट्रल लिगेंड: जैसे H₂O, CO।
-
Denticity के आधार पर:
- मोनोडेंटेट: एक इलेक्ट्रॉन जोड़ते हैं।
- बाइडेंटेट: दो इलेक्ट्रॉन जोड़ते हैं।
- ट्राइडेंटेट, टेट्राडेंटेट, पेंटाडेंटेट, हेक्साडेंटेट।
Coordination Sphere और Ionic Sphere
- K₄[Fe(CN)₆] में K⁺ आयन ionic sphere है जबकि
[Fe(CN)₆]²⁻ coordination sphere है।
Isomerism
- Structural Isomerism:
- आयोनाइजेशन, हाइड्रेशन, डिनेशन।
- Stereoisomerism:
Werner Theory
- Primary valency और Secondary valency का विवरण।
- Ionizable और non-ionizable के बीच का अंतर।
EAN नियम (Effective Atomic Number)
- EAN = Z + CN - Oxidation state।
- यह नियम बताता है कि यौगिक अपनी निकटतम नोबल गैस कॉन्फ़िगरेशन प्राप्त करने का प्रयास करता है।
Crystal Field Theory (CFT)
- यह चार्ज इंटरेक्शन पर आधारित है।
- D-orbitals का विभाजन, octahedral या tetrahedral प्रकरण में।
Magnetic Moment
- Spin magnetic moment की गणना।
- संख्या और आवेश के अनुसार।
Metal Carbonyls
- बैक बॉंडिंग और इसके विभिन्न यौगिकों की स्थिरता।
रंग निर्माण
- DD ट्रांज़िशन द्वारा रंग का निर्माण होता है।
निष्कर्ष
- Coordination Chemistry का अध्ययन महत्वपूर्ण है।
- JEE की तैयारी के लिए क्लास में चर्चा किए गए विषयों पर ध्यान दें।
- महत्वपूर्ण अवधारणाओं और नियमों को याद रखें।
पढ़ाई के लिए यह नोट्स मददगार साबित होंगे।