हेलो हेलो स्टूडेंट वेलकम बैक हमारे अपना नया काव्य खंड का पाठ लेकर रसखान राजस्थान के समय रसखान जी ने जो हमें सामने उनकी वृद्धि है लिखने की उस समय रहते हैं तो उनको समझते हैं कि कैसे लिखें इन्होंने किस तरीके से तो यह हमें बहुत अच्छे से समझ है क्योंकि थोड़े से रहती है और यह जो है श्री कृष्ण के उपासक रहा है चलिए देखते हैं कि यह मुसलमान थे अज्ञ चक्र सबसे पहले मानुस हौं तो वही रसखान बसौं मिलि गोकुल गांव के ग्वारन पहले वाले में यह कि इनको है अगला जन्म मिले थे है और किस रूप में मिले तो वह क्या-क्या रूप धारण करना चाहिए इसे वह बोलते हैं मानुस हौं तो वही रसखान रखनी कहते हैं कि अगर मुझे अगला जन्म मनुष्य के रूप में प्राप्त हो कि मैं अभी तो मैं अभी भी मनुष्य के रूप में अगर मुझे नेक्स्ट जो मिले वह मनुष्य के रूप में प्राप्त हो तो मैं कहां रहना चाहूंगा मिलि गोकुल गांव के ग्वारन मतलब गोकुल गांव के ग्वारन के रूप में में गांव वालों पर जन्म लेना चाहूंगा हैं नेक्स्ट 9 न्यूज रूम से पशु हौं तो कहा बसु मेरो और अगर मेरा अगला जन्म मनुष्य ना होकर पशु हो जाता मेरा बल अगर जन्म मनुष्य ना पशु हो जाता है तो चरणों नित नंद की धेनु मंझारन मतलब मतलब बीच में और अगर मुझे जो है अगला जन्म पशु के रूप में प्राप्त होता है तो मैं यहां बनकर बनकर नंद बाबा की गायों के बीच में है इस पावन हो तो वही गिरि को जो धर्यो कर छत्र पुरंदर इन कारण अब क्या कहते हैं और अगर मुझे ने अगला जन्म मनुष्य मिले और ना पशु मेले और मुझे पत्थर के रूप में बना दिया जाए अगर मुझे अकेला अगला जन्म पत्थर के रूप में प्राप्त हो जाए कि मैं पत्थर बन जाऊं तो मैं कहां रहना चाहूंगा का यह जो धर्यो कर छत्र पुरंदर कारन अर्थात् उस गोवर्धन पर्वत पर रहना चाहूंगा जिसे श्रीकृष्ण ने अपनी पुरंदर उंगली पर छात्र के रूप में धारण किया था अपने छोटी उंगली को छत के रूप में धारण कर गोवर्धन पर्वत को धारण किया था ना तो मैं उसी गोवर्धन पर्वत पर जब एक पत्थर के रूप में बनकर जन्म लेना चाहिए के दो भाग हो तो बसों को अब करो मिलेंगे कालिंदी-कूल-कदंब की डारन अब मामलों में पशु भी नहीं बनाया हमें मनुष्य भी नहीं बनाया पत्थर भी नहीं बनाया और हमें क्या बना दिया एक पक्षी बना दिया अगर मैं अगला जन्म पक्षी के रूप में लेना चाहिए तो अगर मुझे अगला जन्म पक्षी के रूप में मिले तो मैं कहां पर जन्म लेना चाहूंगा लुट का ईंधन यानी कालिंदी के किनारे अर्थात यमुना नदी के किनारे पूर्ण मतलब किराना का हिंदी मतलब नदी का नाम कदंब की डारन कदम मतलब पेड़ की डाल पर तो मैं कहां पर कालिंदी नदी के किनारे या नदी के किनारे कदंब का पेड़ की डाल पर एक पक्षी के रूप में रहना चाहिए तो यह राघवन ने बताया कि मैंने अभी प्राप्त किया अगले जन्म में अगर मैं स्वरूप प्राप्त करता हूं तुम कहां कहां अगर मनुष्य तो गोकुल गांव के ग्वालों के रूप में जन्म लूंगा अगर मैं हूं तो गाय बनकर नंद की गायों के बीच में अगर मैं पत्थर होता तो मैं गोवर्धन पर्वत पर पत्थर फिर रुप में विराजित जिसे श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली के रूप धारण किया था तो फिर अगर मैं पक्ष बनता खूब मतलब पक्षी और अगर मैं पक्षी बन कर जन्म लेता हूं तो मैं यमुना नदी के किनारे कदम पेड़ की डाल पर रहना चाहूंगा हैं तो इस तरीके से बताया कि अगले जन्म में रसखान जी क्या क्या बनना चाहेंगे हुआ था नेक्स्ट में या लकुटी अरु कामरिया पर राज तिहूं पूर्ण को ताजदार तो अब क्या उन्होंने पहले जन्म लेकर अब क्या इन्हें जो श्री कृष्ण का जिस जो पहनते थे सारी चीजें अगर उन्हें वह सब चीजें मिले तो यह कैसे कैसे जनरेट लेंगे यह क्या दिया है या लकुटी अरु कामरिया यानी कि जो श्रीकृष्ण जो है जो दो कमरिया मतलब मुकम्मल लेते दिन लकुटी मतलब जो लास्ट ही लेते थे लार्जर विवाह कराने जाते तो क्या बोल कंबल एक लात ऐसे कंधे पर डालते थे और लाठी लेकर जाते थे तो कहते लाठी और कंबल के लिए अर्थात् श्रीकृष्ण जिस कंबल को धारण करते हैं और लाठी को धारण करते हैं मेरे उसके लिए अगर मुझे कोई तीनों लोगों का राज दें कि अगर तुम यह कंबल और यह लाठी लोकों और तीनो लोकों का राज्य तुम्हें इन दोनों में से मैं तीनों लोकों के राज को त्याग दूंगा और श्रीकृष्ण की लाठी और कम कोट धारण करूंगा अर्थात में उस तिलक कमरिया यानि कि उस लाल थीं और कंबल के लिए मैं तीनों लोकों का राज्य को त्याग दूंगा मैं कि हटाओ निधि नवनाथों सिद्धि नव निधि को सुख नंद की धेनु चराए डिशनरी एप कि मुझे जो सुख नंद बाबा की गायों को चराने मिलता है वह सूख मुझे हाथों सिद्धियां और नौ निधियां प्राप्त करने पर भी नहीं मिलेगा क्या मतलब जो शुख सबको जो है सारे संसार के धन-दौलत और सारी सिद्धियां प्राप्त करने मिलता है मुझे वैसा कोई भी सूख नहीं चाहिए मुझे क्या चाहिए सुख में मैं सिर्फ नंदी बाबा की गायों को चराने का सुख प्राप्त करना चाहता हूं है रसखान कबौं इन आंखिन सों ब्रज के बन बाग तड़ाग निहारौं रख खान कहते हैं कि मैं इन आंखों से जो मेरी आंखें मुझे मैं अपनी आंखों से सिर्फ क्या देखना चाहता हूं हर समय जो हमारी आंखें उनसे हर समय में ब्रज के बन मैंने जितने भी जंगल हैं बाग-बाग मतलब जो भी बगीचे में तनाव यानी कि जितने भी तलाब इनको देखना चाहता हूं मैं अपनी आंखों से सिर्फ और सिर्फ इन्ही को देखना चाहता हूं अर्थात् मैं अपनी आंखों से कुछ भी नहीं देखना चाहता सिर्फ ब्रज के गांव तलाव इन्हें को देखना चाहता हूं का रस को टेक मुद्गल भारत के धाम करील के कुंजन ऊपर मारे या निकोटिन मतलब करोड़ों-करोड़ों कल बहुत धुंधली करोड़ों सोने के बने हुए महल करोड़ों सोने के बने हुए महिलाओं को मैं इन क्वार्टरों की झाड़ियों के लिए त्याग तू मतलब इन पर नजर उतार के इनको में किसी को दान दे दो मुझे यह जो काटे की झाड़ियां करील के कुंजन यानि झाड़ियों के जो कांटे होते हैं उनके ऊपर वार कोई मुझसे बोले कि तुम यह कांटे की झाड़ियां या करोड़ों सोने के महल ले लो तो वह बोलेंगे कि मुझे मैं इन पर वार के इन पर नजर उतार कर मैं तुमको यह कर्मों जहर सोनू सोने के महल दे रहा हूं मगर मुझे एक तरीका आटे की झाड़ियां बहुत पसंद है क्यों पसंद है क्योंकि इन झाड़ियों के आसपास कभी श्री कृष्ण का वितरण होता था इसलिए मुझे यह सारी चीजें पर्सन को फिर से समझाती हूं श्रीकृष्ण के जो लाठी और कंबल थे उनके लिए रख रांची तीनों लोगों के राज को त्यागने को तैयार है कि उन्हें जो शुक्र नंद बाबा की गायों को चराने से मिलता है वैसा सुकून उन्हें आठवां निधि और जो है वह आठों सिद्धियां और नौ निधियां से भी नहीं मिलता है फिर रसखान कबौं इन आंखिन सों ब्रज के बन बाग ध्यान रखनी कहते हैं अपनी आंखों से सिर्फ और सिर्फ ब्रज के बन बाग और तालाब को ही निभाना चाहता हूं क्योंकि यहां पर कबीर श्री कृष्ण करते थे वह इतनी सुंदर हैं कि सिर्फ देखना चाहता हूं बहुत धाम करील के कुंजन वाले और करोड़ों-करोड़ों सोने के बने हुए महिलाओं को इन कांटेदार झाड़ियों के ऊपर वार के किसी को भी दे सकता हूं है तो यहां पर सभी सा जो जितने भी समय हम पढ़ रहे हैं सभी पर श्रीकृष्ण के जो है वह भक्ति हमको दिखाई दे रही है कि स्थानीय श्रीकृष्ण की किस तरह भक्ति करते थे नेक्स्ट मोंठ प्रख्यात सिर ऊपर राखिहौं गुंज की माल पर ओढ़े पितांबर इलेक्टिव विषय फिर तो वही रसखान सो तेरे कहे सब स्वांग करें या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी तो यहां पर क्या बोल रहे हैं मैं यहां पर क्या बोल रहा है कि श्रीकृष्ण ने अपना रूप कैसा धारण किया हुआ है इसके बारे में बता रहे हैं तो सबसे पहले बताया मोर पंख सिर ऊपर रखे श्री कृष्ण बोलते हैं यहां पर पाने की इच्छा के लिए उनका रूप कैसा है तो श्री कृष्ण की जो कहते हैं को पाने की इच्छा के अंदर होती तो आज के अंदर तो वही बताते हैं कि गोपियों ने कृष्ण को पाना चाहते थे श्री कृष्ण को पाना चाहती थी गोपी ने श्रीकृष्ण का रूप धारण करते उसने क्या किया उसने मोर पंख अपने सिर पर लगा लें और उन्हें अपने सिर पर मोर पंख धारण कर लिया और जो कि जैसे श्रीकृष्ण ने गले में धारण करते हैं वह धारण कर ली प्लेन मोड़ पितांबर ले लखपति बन और क्या हुआ पितांबर पहन लिया पितांबर मतलब पीले वस्त्र धारण कर लिया और लखोटिया ने अर्थात लाठी को लें दिया 141 वाणिज्य संघ और गांव जो है वह गांववालों गाय गाय और रंगों के साथ में वह फिरने लगी और बालों के साथ वह लगी आग ने विकराल रूप धारण करें और यह सब रूप धारण करके वह क्या है और के साथ में वितरण करने लगे वही रसखानि तेरे कहे सब स्वांग ऊपर और वालों के करने लगी किंतु कहते हैं कि यह सब्सक्राइब है ए स्वार्म मतलब यह तो सब रूप धारण किया रक्तदान प्रभाव तो वहीं नेहरू मतलब मेरे मन को तो सिर्फ श्रीकृष्ण भी आते हैं है सो तेरे कहे सब स्वांग करें तो तुम्हारे स्वांग करने से वह श्रीकृष्ण नहीं बन जाती है या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा घी क्यों क्यों तुमने तो यह सब सॉन्ग लगा क्योंकि मुरलीधर की मुरली को तुम अधरों पर नहीं रखना चाहती क्योंकि पिया मुरली को यानि की बांसुरी को अपनी सबसे बड़ी सौतन मांग की थी कि वह इस समय अपने होंठों पर मुरली को लगाए रहते थे और उन्होंने को चूमना चाहती थी इसलिए जो है वह सारा सॉन्ग तो रखते हैं लेकिन श्री कृष्ण की मुरली को अपने होंठों पर नहीं रखती है इसलिए तो सारा यह वगैरह के अधूरे होते हैं इसलिए उनका जो है वह श्री कृष्ण की मुरली को अपने होठों पर नहीं रखना हुआ था नेक्स्ट का निर्णय अंगुली रखिए जब मुरली धुनि मंद बजैहै मोह निदान 10018 चढ़ी गोधन कहते गए टेरी कहां सिगरे ब्रज कुमार ने कार्मिकों कितने समझे माइबडीवाई मुख की मुस्कान सांवरे-सांवरे ना जाएं समरी तो यह क्या करते हैं गोपियां कृष्ण को रिझाने की बहुत कोशिश करती हैं कि किस तरह किसी विघ्न के पास में कुछ करें कोशिश करें कि श्री कृष्ण की मुरली की धुन मतलब मिसरी तो हो सकता है मगर सरकार ने तो मुरली की जो धुन वजह तो क्या होगा जो छत पर चढ़कर नाचती छत पर चढ़कर नाच 193 सुनाते कहानी देंगे ताकि जब मुरलीधर गांव गोपियां कहती जैसे ही श्री कृष्ण की मुरली बजेगी वह दोनों कानों में उंगली रख लेंगे वह दोनों कानों में उंगली रख लेंगे ताकि उनको सुनाई क्यों क्योंकि उनकी ढुंढती है कि गाय भी छत पर चढ़कर नाचती गाय छत पर चढ़कर नाचती तेरी कहां सिगरे जग वृद्ध लोग तो क्या कहती है कि और करना चाहिए मधुर संगीत सुनने के लिए पहले अपने में ताकि में ताकि उनकी जो उनको उनकी धंधा है वह सबको मंत्रमुग्ध कर लेती हैं और जितने भी वह व्रत वजह से कहती है कि मुरली बजेगी तो हमें मुरली बजे ही तौर पर है हम उनको तेरी तेरी तेरी दो लगा लेना सिगरेट ब्रज में वृक्ष लॉगिन मतलब ब्रज के लोगों से काले क्यों कितनो समझैहै चाहे कोई कुछ भी समझें अगर हमने तो क्योंकि हमें डर है कि हमारे साथ कुछ घटित होगा क्योंकि घटित होगा दूसरी लाइन देखिए मारी रीवा मुख की मुस्कान और अगर हमने धुन सुन लें अगर हमने कान से सुनी हटाकर धुंध तो हमारी मुस्कान हम उससे संभाली नहीं जाएगी और सारे ब्रजवासी यह चीज समझ जाएंगे कि गोपियां श्रीकृष्ण के प्यार ने एकदम को फिर से समझा क्योंकि इसमें ऊपर नीचे लाइन समझना थोड़ा मुश्किल हो रहा है जैसे ने किया श्री कृष्ण की मुरली बजाने से पहले अपने उन्होंने रख लिए क्यों क्योंकि उनकी उंगली उनकी मुरली बजेगी तो हम अपनी उंगलियों जो है वह अपने में रख चाहिए क्योंकि उनकी जो तान होती है वह बहुत ही मुंह में होती है मोह लेने वाली होती है क्योंकि उनकी उनके गाए भी छत पर चढ़कर नाचने लगती और अगर उनकी उन हमने सुनी अब इस लाइन के यहां आने वाले अगर उनकी हमने सुनी तो हमारी मुस्कान हम संभाले हम से कम लें चाहे हम जितना भी संभालने की कोशिश करें और हमारी मुस्कान हमारी मुस्कान कहां सिगरे और तुरंत ही के सारे लोग समझ जाएंगे कि जो घृत हम लोग श्री कृष्ण से प्रेम करती हैं कि इस गेम पहली लाइन का पहले लाइन का आंसर जो भारत वह बाद में लिखा जाएगा और बात की लाइन कब पहले लिखा जाएगा तो इस तरीके से इसका भावार्थ लिखा जाएगा यहां है तो यहां पर हमने आपको चारों रसखान के सवैए के भावार्थ बहुत अच्छी तरह समझाती है लेकिन एक चीज का बहुत ध्यान रखिए कि यह थोड़े से टॉप है लेकिन ज्यादा नहीं अगर समझने की कोशिश करेंगे तो बहुत इजी तो यहां पर हमने आपको पूरा चैप्टर के जो है वह बहुत अच्छे से समझाएं यह पूरे तरीके से भरे हुए क्योंकि यहां पर सिर्फ भक्तियुक्त कि किस तरीके से मृत जन्म लेंगे तो श्रीकृष्ण के कैसे करें और श्रीकृष्ण ने धारण किया है वह सब जगह लेंगे तो किस तरीके से होगा फिर भी आपने कंडीशन बताते हैं कि कैसे रिएक्ट करेंगे तो इन सभी चारों ने श्रीकृष्ण की बात की गई तो यह बहुत अच्छे से समझ में इसके प्रयोग के लिए हमारे नए वीडियो का इंतजार करें तो आपके सामने लेकर उपस्थित होते हैं थैंक यू