अटॉमिक स्ट्रक्चर के पहले लेक्चर के नोट्स
महत्वपूर्ण बातें
- कम्पिटिटिव एग्जाम: अटॉमिक स्ट्रक्चर से 2-4 सवाल पूछे जा सकते हैं।
- थीमैटिक कोर्स:
- सब-एटॉमिक कण: इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन
- अटॉमिक मॉडल्स: डॉल्टन से लेकर क्वांटम मेकेनिकल मॉडल
- क्वांटम नंबर और वेव थ्योरी
अटॉमिक स्ट्रक्चर की परिभाषा
- अटम के अंदर पार्टिकल्स होते हैं: इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन।
- जॉन डॉल्टन (1805):
- अटम को सबसे छोटा कण माना।
- विभिन्न तत्वों के अटम की प्रॉपर्टीज अलग होती हैं।
- अटम का संयोजन मॉलिक्यूल और कंपाउंड बनाता है।
इलेक्ट्रॉन की खोज
- J.J. थॉमसन:
- कैथोड रे डिस्कवरी का श्रेय।
- कैथोड और एनोड के प्रयोग से इलेक्ट्रॉन की खोज।
- कैथोड रे की विशेषताएं:
- नेगेटिव चार्ज।
- सीधे रेखा में चलते हैं।
- गतिशील ऊर्जा रखते हैं।
- विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र में डिफ्लेक्ट होते हैं।
कैथोड रे का प्रयोग
- कैथोड से एनोड की ओर invisible rays निकलती हैं।
- इन रेज़ ने पॉजिटिव चार्ज को आकर्षित किया, जिससे इलेक्ट्रॉन की पहचान हुई।
- कैथोड रे को इलेक्ट्रॉन के रूप में पहचाना गया।
प्रोटॉन की खोज
- अनोड रेज:
- एनोड से कैथोड की ओर जाती हैं, और ये पॉजिटिव चार्ज के गुण दर्शाती हैं।
- इनका चार्ज-टू-मास अनुपात गैस के प्रकार पर निर्भर करता है।
- प्रोटॉन:
- हाइड्रोजन के मामले में, प्रोटॉन का चार्ज 1.6 × 10⁻¹⁹ कूलम्ब है।
- प्रोटॉन का मास इलेक्ट्रॉन से लगभग 1837 गुना है।
रदरफोर्ड का मॉडल
- रदरफोर्ड ने अटम के न्यूक्लियस की खोज की।
- अल्फा पार्टिकल स्कैटरिंग प्रयोग के आधार पर:
- अधिकांश अल्फा पार्टिकल बिना डिफ्लेक्ट हुए निकले।
- कुछ पार्टिकल ने छोटे कोण से डिफ्लेक्ट किया।
- कुछ पार्टिकल्स 180 डिग्री पर लौटे।
- मुख्य निष्कर्ष:
- अटम का अधिकांश भाग खाली है।
- पॉजिटिव चार्ज एक बहुत छोटे स्थान (न्यूक्लियस) में केंद्रित है।
- न्यूक्लियस भारी होता है।
- रदरफोर्ड का मॉडल:
- इलेक्ट्रॉन न्यूक्लियस के चारों ओर परिक्रमण करते हैं।
रदरफोर्ड मॉडल की सीमाएं
- स्थिरता की व्याख्या नहीं कर पाया।
- रेखीय स्पेक्ट्रम और विकिरण को समझाने में असमर्थ।
निष्कर्ष
- अटॉमिक स्ट्रक्चर की समझ विकसित करने के लिए विभिन्न वैज्ञानिकों के प्रयोग और सिद्धांतिक मॉडल महत्वपूर्ण रहे हैं।
- इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के गुण और व्यवहार को समझना आवश्यक है।
- रदरफोर्ड का न्यूक्लियस सिद्धांत और इसके लिमिटेशन को समझना भी आवश्यक है।
नोट्स को ध्यान से पढ़ें और समझें। इस विषय पर आगे चर्चा करेंगे।