पैटर्न बता दो ट्रिक बता दो स्ट्रेटेजी बता दो कैसे मेरा कम पढ़ के ज्यादा मार्क्स आ जाएगा भाई वह तो सबको ही कर लेंगे ना इजी रास्ता अगर होता तो वह तो कोई भी पढ़ तुम्हें ऐसा तो नहीं है ना कि कोई तुम्हें कान में आगे कुछ बता रहा है और किसी और को पता ही नहीं है ऐसा तो नहीं है तो ऐसा अगर होता तो बहुत हाई चांसेस है कि किसी और के कान में जाके किसी ने बताया और तुम्हें भी नहीं पता वह सीक्रेट लेकिन रियलिटी यही है कि एक स्टैंडर्ड एग्जामिनेशन है एक स्टैंडर्ड पैटर्न है एक स्टैंडर्ड सिलेबस है व सिलेबस प्राइमरी होता है तुम्हारा वो सिलेबस को तुम्हें कवर करना ही है उसके बाद आता है पैटर्न कि ओके मेरे 12 सब्जेक्ट हैं ये सारे 12 सब्जेक्ट में इक्वल डिस्ट्रीब्यूशन नहीं है क्वेश्चन का जैसे मैकेनिकल इंजीनियरिंग का एग्जांपल लू तो पांच सब्जेक्ट है जिससे करीब 50 से 60 पर के क्वेश्चंस आ जाते हैं गेट में फ्लूइड मैकेनिक्स हीट ट्रांसफर थर्मोडायनेमिक्स स्ट्रेंथ ऑफ मटेरियल और कभी-कभी प्रोडक्शन से भी ज्यादा ही क्वेश्चंस आते हैं तो ये सारी चीज मिला के तुम्हारे 50 से 60 पर के आ जाते हैं आरएसी हो गया आईसी इंजन हो गया टर्बो मशीनरी पावर प्लांट ये सब फिर से चार-पांच सब्जेक्ट मैंने बता दिए लेकिन इससे कम आता है और उसके बाद मैथ्स है जो कि एक मेजर सब्जेक्ट में ही आता है तो मेजर सब्जेक्ट्स होते हैं माइनर सब्जेक्ट्स होते हैं मेजर सब्जेक्ट्स पांच से छह ही होते हैं लेकिन उससे तुम्हारा आ जाता है करीब ऐसे 60 से 70 पर के क्वेश्चंस तो ओबवियस सी बात है कि ये मेजर सब्जेक्ट में तुम्हें ज्यादा एफर्ट देना है कब एग्जाम के प्रैक्टिस में और रिवीजन में तो देखो बहुत ही सिंपल है अगर इससे ज्यादा क्वेश्चंस आते हैं तो अगर तुम पिछले 20 साल के प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस उठाओगे तो ज्यादा क्वेश्चन मिलेंगे ना उससे सिंपल सी बात है ना कि अगर तुम्हें इससे 60 पर के क्वेश्चंस आते हैं तो तुम पिछले 20 साल के क्वेश्चंस को अगर देखो तो उसमें 60 पर ऑफ क्वेश्चन इसी से आएंगे तो ओबवियस सी बात है कि प्रीवियस ईयर से क्वेश्चन सॉल्व करने में तुम्हें ज्यादा टाइम लगेगा इन सब्जेक्ट्स के लिए जो कि तुम्हारे लिए फायदेमंद भी है क्योंकि तुम्हें इसी में ज्यादा टाइम स्पेंड करना था व्हेन इट कम्स टू फोकस टू दिस एग्जामिनेशन हां रिवीजन में तुम्हें थोड़ा चेंज करना पड़ेगा क्योंकि तुम्हारा मटेरियल जो होगा इन मेजर सब्जेक्ट्स का वो भी थोड़ा ज्यादा होगा यह भी काफी ऑब् वियस ही है अगर ज्यादा क्वेश्चंस आए हुए हैं उससे तो ज्यादा टॉपिक्स टच हुआ है अगर ज्यादा टॉपिक्स टच हुआ है तो ज्यादा चीज तुम्हें पढ़ना पड़ेगा कि ओके ये भी टॉपिक इंपॉर्टेंट है ये भी टॉपिक इंपॉर्टेंट है तुम्हारा जो क्लास नोट्स बना हुआ है उन सब्जेक्ट से वो थोड़ा मोटा होगा क्योंकि ज्यादा चीज कवर है तो उसे रिवाइज करने में भी ज्यादा टाइम लगेगा सिंपल सी बात है हां बस इसे यहां पे ट्रांसलेट करना कि ओके टेस्ट सीरीज भी इससे थोड़ा ज्यादा देना है और इसके माइक्रो नोट्स ये सब भी थोड़ा रेगुलरली रिवाइज करते रहना यह इसलिए है क्योंकि जब तुम मेजर सब्जेक्ट्स को स्ट्रांग कर लेते हो और जब तुम एग्जाम में जाते हो और तुम्हें मेजॉरिटी ऑफ क्वेश्चंस वहां से दिख रहे हैं और तुम्हारे मेजर सब्जेक्ट बहुत ही स्ट्रांग है बुलेट प्रूफ प्रूफ तो तुम्हें बहुत ज्यादा कॉन्फिडेंस आता है क्योंकि ज्यादा क्वेश्चन जो तुम्हारे हैं वो तुम्हें ओके हां यह मुझे पता है कैसे करना है मैं कंफर्टेबल हूं तो वो कंफर्ट के लिए हम अपना फोकस उस डायरेक्शन में कर लेते हैं अब ये एग्जाम टू एग्जाम चेंज हो जाता है जैसे मैंने बताया बार्क एग्जाम गेट एग्जामिनेशन और इसरो एग्जामिनेशन में ये सब में मेजर सब्जेक्ट्स अलग-अलग हैं कुछ-कुछ डिफरेंसेस सब में है लेकिन वो एक दो महीना में एडजस्ट हो जाता है क्योंकि एक महीना बाद मेरा एरो है तो मैं इस पर फोकस करूंगा ऐसे ऐसे है वो तुम प्रीवियस यर क्वेश्चन उस पर्टिकुलर एग्जाम को सॉल्व करोगे तो उससे ही तुम्हें समझ में आ जाएगा कि इसमें क्या इंपॉर्टेंट है क्या नहीं है लेकिन हां अब हम अगर पैटर्न में आ ही गए तो एक प्रॉपर कैलकुलेशन बहुत ही इंपॉर्टेंट है जैसे कि मैं तुम्हें एग्जांपल देता हूं जब मैं पहली बार एरो एग्जामिनेशन का तैयारी कर रहा था 2017 में 7 मई 2017 को मेरा एग्जाम था मैंने प्रॉपर्ली तैयारी स्टार्ट कर दिया था जैसे ही मैंने मेरा बाकी के रिटन टेस्ट हो गए थे जो कि मार्च के एंड तक हुए थे तो मुझे करीब एक से दो महीना अच्छा सा टाइम मिल गया था तो मैंने सबसे पहले उठा के जितने भी प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस हैं इसरो के सारे उठा लिए बहुत ही सिंपल है तो मुझे पता चला इसरो का यह जो आईसीआरबी एग्जामिनेशन है जो मुझे देना है जो साइंटिस्ट पोजीशन के लिए यह 2006 से हो रहा है और अभी मैंने बताया मैं 2017 का एग्जाम का तैयारी कर रहा हूं तो 2006 से लेकर 2016 तक मेरे पास अवेलेबल है सारे के प्रीवियस ईयर क्वेश्चन हर साल 80 क्वेश्चन आए हैं ओके 80 क्वेश्चन आए हैं मैकेनिकल इंजी यरिंग से लेकिन मुझे यह कौन बताएगा कि थर्मोडायनेमिक्स से कितने क्वेश्चन आए स्ट्रेंथ ऑफ मटेरियल से कितने क्वेश्चन आए फ्लूइड मैकेनिक्स से कितने क्वेश्चन आए यहां पे आता है कि तुम कितना मेहनत कर रहे हो इस पैटर्न को ब्रेक करने के लिए अब तुम्हें कोई परोस के नहीं देगा क्योंके यह है यह है यह है कई कई बार तुम्हें मिल भी जाता है जैसे गेट में जो बड़े एग्जाम्स है उसमें तुम्हें मिल भी जाएगा ओ इतने क्वेश्चंस आए हैं इस साल आए हैं लेकिन बहुत सारे एग्जाम्स होते हैं तुम्हें नहीं मिलते तो मैंने खुद से जाके ओबवियस कि मैं हर साल का क्वेश्चन पेपर सॉल्व कर रहा हूं जब मैंने सॉल्व कर लिया उसके बाद मैं एनालाइज कर रहा हूं ओके सोम से कितने क्वेश्चन आए थर्मो से कितने क्वेश्चन आए इससे कितने क्वेश्चन आए तब मुझे पता चला ओके इसरो एग्जाम के मेजर सब्जेक्ट्स सॉम है थर्मो है फ्लूइड मैकेनिक्स है और प्रोडक्शन है और मैथमेटिक्स का काफी इंपॉर्टेंट होता है इस इस टॉपिक से 1415 क्वेश्चन आते हैं 80 में से इस टॉपिक से दो क्वेश्चन आते हैं तब मुझे पता चल गया कि ओके यह ज्यादा पोर्टेंट है यह कम इंपॉर्टेंट है यह तो इंपॉर्टेंट ही नहीं है यह तो आता ही नहीं है आज तक यहां से क्वेश्चन ही नहीं आया तो मैं अगर इस एग्जाम का तैयारी कर रहा हूं जैसे बार के एग्जामिनेशन में मैथ्स के क्वेश्चन ही नहीं आते बहुत रेयरली एक दो आ गया तो उसके लिए मैं थोड़ी तैयारी करूंगा क्योंकि बार के एग्जामिनेशन 100 क्वेश्चन का होता है और तुम्हें बस 120 मिनट मिलते हैं और क्वेश्चन हर क्वेश्चन करीब दो से तीन मिनट लेता है काफी डिफिकल्ट एग्जाम होता है तो जनरली लोग 60 70 क्वेश्चन ही बना पाते हैं मैक्सिमम टू मैक्सिमम तो मतलब 30 पर क्वेश्चन तुम्हें छोड़ने ही है तो वैसे एग्जाम में मैं ऐसा सब्जेक्ट क्यों पढ़ के जाऊंगा जहां बस एक दो क्वेश्चन आ रहे हैं जहां मुझे 30 क्वेश्चन छोड़ना है तो यह सारे चीज समझ में आता है जब तुम एग्जामिनेशन को स्टडी करते हो एनालाइज करते हो तो बेस लेवल में मैंने बताया कि पूरा सिलेबस स्ट्रांग होना चाहिए एक बार पूरा कांसेप्चुअल अंडरस्टैंडिंग होना चाहिए उसके बाद फोकस करो और वहां पे तुम्हारा रिवर्स इंजीनियरिंग आता है कि तुम पैटर्न को कितने अच्छे तरीके से समझ रहे हो और क्या स्ट्रेटेजी डेवलप कर रहे हो और यह याद रखना यह इंडिविजुअल होता है और यही सारी चीजें जो बहुत सारे कोचिंग इंस्टीट्यूट्स तुम्हें नहीं बताते कोचिंग इंस्टिट्यूट में मैं भी जा चुका हूं कोचिंग मैंने भी लिया है आईटी जेई के लिए भी और गेट के लिए भी और यह सारी चीज मुझे उस टाइम पे भी नहीं पता था कि कोचिंग इंस्टिट्यूट का कितना कम हाथ होता है किसी भी अच्छे परफॉर्मेंस में अच्छा परफॉर्मेंस एक इंडिविजुअल अगर देता है रैंक लेके आता है तो उसमें मेजॉरिटी हाथ उसका खुद का होता है कि क्या स्ट्रेटजी बनाया उसने किस तरह से उसने डेली बेसिस में रिवीजन किया प्रैक्टिस किया किस तरह से उसने अपना सिलेबस कंप्लीशन किया किस तरह से उसने इस एग्जाम के पैटर्न को समझा और उसके हिसाब से अपने आप को ढाला कितना टेस्ट सीरीज दिया यह सब मॉनिटर इंडिविजुअली ही करते हैं कोई भी कोचिंग इंस्टिट्यूट कहीं भी चले जाओ यह सारे चीज तुम्हें इंडिविजुअली नहीं बताने वाला दिस इज नॉट पॉसिबल क्योंकि उनके पास इतने सारे स्टूडेंट्स आते हैं वो हर एक के लिए कैसे भाई 20 स्टूडेंट भी आया किसी कोचिंग इंस्टिट्यूट में हर एक के लिए कैसे अगर मेरे पास कोई 20 स्टूडेंट भेज देता कि हां इन्हें इन्हें पढ़ाओ गेट एग्जामिनेशन के लिए मैं हर एक के लिए तो कभी भी नहीं कर पाता सबका पैटर्न डिफरेंट सबका रूटीन डिफरेंट है सबके लाइफ में कुछ और चल रहा है सबका स्ट्रेंथ और वीकनेसेस अलग है तो इसीलिए यह समझ लो कि कंपट एग्जामिनेशंस आर वेरी इंडिविजुअलिस्टिक यहां पर तुम्हें खुद का प्लसेज और माइनस को ध्यान में रख के उसके हिसाब से अपना तैयारी करना पड़ता है तो यह सार चीज इसीलिए इंपॉर्टेंट है क्योंकि एक एग्जाम का पैटर्न है और फिर तुम्हारा एक पैटर्न है और ऑब्जेक्टिव तुम्हारे और पैटर्न से और एग्जाम के पैटर्न से चेंज नहीं होता ऑब्जेक्टिव यही है कि एग्जाम क्रैक हो जाना चाहिए तो फिर तुम अपने हिसाब को कैसे उस एग्जाम की तरफ ढगे यह तुम पर डिपेंड करता है और यह सारी चीज तुम्हारे एग्जाम के एनालिसिस से और खुद के एनालिसिस से क्लियर होता है समझ गए तो इस तरह से कोई कंपटिंग एग्जामिनेशन का तैयारी स्टार्ट होता है पहले उसका सिलेबस समझ के सिलेबस का अंडरस्टैंडिंग अच्छा से कांसेप्चुअल करके और फिर अपना फोकस जो प्रिपरेशन का है वह पैटर्न की तरफ करके