एटम्स मॉलिक्यूल एंड देयर ट्रांसफॉर्मेशन यही सबसे तो होती है केमिस्ट्री साइंस का वह ब्रांच जो डिस्कस करता है अबाउट प्रॉपर्टीज कंपोजिशन एंड इंटरेक्शन ऑफ मैटर उसे ही तो कहते हैं हम केमिस्ट्री लेकिन मैटर क्या है एटम्स क्या हैं मॉलिक्यूल क्या हैं किसी मैटर में कितने एटम्स या कितने मॉलिक्यूल हैं क्या हम उसे कैलकुलेट कर सकते हैं इन सारे सवालों का जवाब मिलेगा हमें आज इस वीडियो में सम बेसिक कॉन्सेप्ट्स ऑफ़ केमिस्ट्री बेसिक वर्ड पे मत जाना क्यों कि यह चैप्टर है बहुत [संगीत] इंपॉर्टेंट हेलो एवरीवन मुझे उम्मीद है कि आप सभी अच्छे हैं और आज मैं लेकर आई हूं बेसिक कॉन्सेप्ट्स ऑफ केमिस्ट्री क्लास 11थ केमिस्ट्री और इसी के साथ शुभारंभ करेंगे हम क्लास 11थ केमिस्ट्री का मैं हूं रोशनी फ्रॉम लनो हब द फ्री लर्निंग प्लेटफॉर्म जहां पर आप फिजिक्स केमिस्ट्री मैथ्स बायोलॉजी सब कुछ पढ़ सक हो अब्सोल्युटली फॉर फ्री एट learn.com तो क्या सभी तैयार हैं लेट्स गेट [संगीत] स्टार्टेड तो क्या पढ़ने वाले हैं आज हम इस लेसन के अंदर वो कहते हैं ना जिस तरह से जब हम उड़ने वाले होते हैं उससे पहले यू नो सीट बेल्ट वगैरह पहन के बिल्कुल तैयार हो जाते हैं ठीक उसी तरह से केमिस्ट्री पढ़ने के लिए आज हम तैयार तयार होने वाले हैं विथ ऑल द बेसिक कांसेप्ट ऑफ केमिस्ट्री इसीलिए बताने की जरूरत नहीं है कि दिस लेसन इज सुपर डुपर इंपॉर्टेंट क्योंकि इसमें हम बेसिक्स कवर करेंगे ठीक है ना तो बेसिक्स कहां से शुरू होगा बिल्कुल बेस से व्हाट इज केमिस्ट्री केमिस्ट्री क्या है साइंस ऑफ एटम्स मॉलिक्यूल एंड देयर ट्रांसफॉरमेशंस मतलब कुछ यूं समझ लो कि केमिस्ट्री जब हम पढ़ेंगे ना तो कोई भी सामान अगर ये बोटल है मेरे हाथ में तो हम इसे उस नजरिए से देखेंगे कि इसके अंदर क्या है यह मैटर है इसके अंदर मॉलिक्यूल है उसके अंदर एटम्स है तो हम हर चीज को एटम्स मॉलिक्यूल वाले नजरिए से देखेंगे और उनके ट्रांसफॉरमेशंस में फोकस करेंगे अब आप कहोगे कि ट्रांसफॉर्मेशन बोले तो जैसे मान लो अ मैं कहती हूं कि जैसे डायमंड कैसे बनता है कोल से बनता है जब हम उसे हाई टेंपरेचर और हाई प्रेशर पे सालों साल तक छोड़ देते हैं तो डायमंड बन जाता है तो होता क्या है अंदर क्या ऐसा मैजिक होता है हम तो बाहर से कोई सामान नहीं डालते हैं तो यानी कि उनके जो अंदर के कंसीट पार्टिकल्स हैं जो एटम्स मॉलिक्यूल हैं उन्हीं में कुछ ट्रांसफॉर्मेशन आते हैं जिसकी वजह से हमें डायमंड मिलता है इतना ही नहीं अगर पानी में मैं थोड़ा सा डिटर्जेंट डाल देती हूं वो मेरे कपड़ों की सारी गंदगी निकाल देता है यार और कपड़े साफ कर देता है कैसे क्या मैजिक होता है वहां पर भी कुछ रिएक्शंस होते हैं जिसके वजह से और वो रिएक्शंस किसके बीच में होते हैं एटम्स और जो कंसीट पार्टिकल्स है उनके बीच में होते हैं राइट हम जितनी चीजें देखते हैं आसपास चाहे वो फैब्रिक हो जिसके हमारे कपड़े बनते हैं या फिर मेडिसिंस हो जो हमारे लिए बहुत यूजफुल है या फिर प्लास्टिक्स जिसे हम बहुत ही फ्रीक्वेंसी चीजें जो बनती हैं कैसे बनती है कुछ ना कुछ रिएक्शन से बनती है जहां पर एटम्स मॉलिक्यूल ये सारे कुछ ना कुछ ट्रांसफॉरमेशंस अंडरगो करते हैं और हिस्ट्री में हम इन्हीं सब चीजों के बारे में पढ़ते हैं तो हमारी कहानी की शुरुआत कहां से होगी वही मैटर से होगी बचपन से पढ़ते आ रहे हैं व्हाट इज मैटर एनीथिंग दैट ऑक्यूपाइड जज मास इज मैटर बॉटल को ले लो मास है हां कुछ तो मास है स्पेस भी हां भाई इतना स्पेस ऑक्यूपाइड है बचपन से हम यह भी पढ़ते आ रहे हैं कि मैटर के तीन स्टेट्स हैं सॉलिड लिक्विड गैस ठीक है सॉलिड की बात करें तो में क्या होता है कि जो उसके पार्टिकल्स होते हैं जो उसके कंसीट एंट पार्टिकल्स होते हैं वो बिल्कुल एकदम क्लोजल पैक्ड होते हैं यूं समझ लो एक बॉक्स के अंदर आपने बॉल्स रखे हुए हैं बहुत सारे और उन सबको बिल्कुल ऐसे फिट किया हुआ है कि बिल्कुल जगह नहीं है कोई हिल नहीं सकता है तो अगर आप एक बिल्कुल भीड़ भीड़ वाली बस के अंदर चढ़े हो जहां पर बैठना तो दूर की बात है लिटरली खड़े होने की भी जगह नहीं है तो कैसी हालत होती है आपकी आप हिल भी नहीं पाते हो सो वैसी ही हालत होती है सॉलिड के अंदर के पार्टिकल्स की दे आर वेरी क्लोजल पैक्ड दे आर नॉट फ्री टू मूव वो मूव नहीं कर पाते हैं वही अगर हम लिक्विड की बात करें तो वहां पर क्या है कि आप समझ लो कि उसी डब्बे से आपने दो-तीन बॉल्स हटा दिए तो क्या होगा अब जो बाकी के बॉल्स हैं उनके पास थोड़ा जगह होगा यार चलो ठीक है थोड़ा मूव कर सकते हैं यानी कि आप जिस बस में चढ़े हो वहां पर बैठने की जगह तो नहीं है बट एटलीस्ट आराम से खड़े हो पा रहे हो मतलब लोग थोड़े दूर-दूर खड़े हैं तो थोड़ा बहुत हिल पा रहे हो तो यह हालत है लिक्विड की और अगर हम गैस की बात करें तो वहां पर ऐसा है कि यार आप बिल्कुल खाली बस में चढ़े हो जहां पर बैठने की जगह ही नहीं बल्कि बहुत सारी खाली जगह भी पड़ी हुई हैं तो लोग जो है आराम से लेट के भी जा सकते हैं तो गैस के केस में जो पार्टिकल्स हैं दे आर फ्री टू मूव आराम से बिंदास मूव कर सकते हैं ठीक है अगर हम बात करें सॉलिड की यानी कि अभी फिलहाल मेरे हाथ में बोतल है तो हर जगह बोतल का एग्जांपल आ रहा है तो बोतल की अगर बात करें यानी कि सॉलिड की अगर बात करें तो इनका एक फिक्स्ड शेप और फिक्स्ड वॉल्यूम है देखो शेप भी फिक्स्ड है वॉल्यूम भी फिक्स्ड है भाई इतना ही इसमें अट सकता है सामान है ना वहीं जैसे लिक्विड पे पहुंच जाए गए इसके अंदर जो पानी है अगर उसकी बात करें जो कि लिक्विड है तो इसका एक फिक्स्ड वॉल्यूम तो है लेट अस सपोज अगर मैं कहूं कि यार मेरे पास अभी लगभग लेट्स से 100 एए पानी है या ठीक है तो वो वॉल्यूम तो फिक्स ही है अब इसे मैं किसी और कंटेनर में भी ट्रांसफर कर दूं तो मेरा वॉल्यूम ऑफ वाटर उतना ही रहेगा लेकिन जो इसका शेप है फिलहाल ये इस बॉटल के अंदर है तो इसने बोटल का शेप ले लिया है इसे मैं ग्लास में डाल दूंगी तो ये ग्लास का शेप ले लेगा इसे मैं किसी कटोरी में डाल दूंगी उसका शेप ले लेगा तो यानी कि लिक्विड्स के केस में दे हैव अ फिक्स्ड वॉल्यूम बट नॉट अ फिक्स्ड शेप और वहीं अगर हम चले जाएं गैसेस की तरफ तो गैस को आप विजुलाइज कर सकते हो लेट्स से अगरबत्ती इनसेंस स्टिक उसका जो धुआं निकलता है उसको ऑब्जर्व किया ही होगा कभी ना कभी तो आप देखोगे उसका कोई फिक्स्ड शेप भी नहीं होता है वो कैसे भी मूव करता है और उसकी कोई फिक्स्ड वॉल्यूम भी नहीं होती है तो गैसेस के केस में दे नीदर हैव अ फिक्स्ड शेप नॉर अ फिक्स्ड वॉल्यूम अब ये जो तीनों स्टेट्स हैं सॉलिड लिक्विड और गैस इनके बारे में एक और बहुत इंटरेस्टिंग बात है और वो है ये यानी कि दे आर इंटर कन्वर्टिबल इंटरकन्वर्टिबल मतलब क्या हुआ कन्वर्टिबल मतलब इसे हम कन्वर्ट कर सकते हैं इंटर मतलब आपस में यानी कि इन्हे हम आपस में कन्वर्ट कर सकते हैं सॉलिड को लिक्विड में लिक्विड को गैस में गैस को सॉलिड में मतलब इस तरह से हम इसे कन्वर्ट कर सकते हैं ठीक है चलो देखते हैं कैसे तो सबसे पहले बात करते कि यार मैंने कहा कि मुझे ना सॉलिड से लिक्विड में कन्वर्ट करना है पॉसिबल है क्या बिल्कुल पॉसिबल है यह तो आप रोज अपने घर पर देखते हो सॉलिड में एग्जांपल ले लो आइस का आइस सॉलिड है है ना जब भी आप आइस को फ्रीजर से निकाल के बाहर छोड़ देते हो थोड़ी देर क्या होने लगता है आइस मेल्ट होने लगता लगता है और क्या बन जाता है वाटर जो कि लिक्विड है तो यानी कि सॉलिड से लिक्विड आप आराम से जा सकते हो और इस प्रोसेस को हम क्या कहते हैं मेल्टिंग ठीक है नहीं लिक्विड कुछ पसंद नहीं आ रहा है लिक्विड को वेपर में चेंज कर सकते हैं क्या गैस में चेंज कर सकते हैं बिल्कुल कर सकते हैं अब जो पानी है उसे एक पतीले में डालो और गर्म कर दो क्या होगा वो वेपर में कन्वर्ट हो जाएगा तो इस प्रोसेस को हम क्या कहेंगे वेपराइजेशन वेपर में मजा नहीं आ रहा है क्या हम वेपर से वापस सॉलिड में आ सकते हैं वो भी आ सकते हैं और उस प्रोसेस को हम कहते हैं डिपोजिशन तो ये शायद नाम आपने बहुत ज्यादा ना सुना हो तो डिपोजिशन में क्या होता है कि वाटर वेपर जो है वो डायरेक्टली आइस में कन्वर्ट हो जाता है इसका बेस्ट एग्जांपल है फ्रॉस्ट फ्रॉस्ट वर्ड तो सुना ही होगा ये जो फेनोमेन है ना ये आपको जहां पर बहुत एकदम फ्रीजिंग कोल्ड होती है ना जिन जगहों में वहां पर देखने को मिलती है वहां पे आप अक्सर देखोगे कि लीफ के ऊपर पत्तों के ऊपर ना ऐसे आई इस की पतली सी लेयर होती है कई बार विंडो पेंस पे आपको पतली सी आइस की लेयर दिखती है तो क्यों होता है ऐसा क्योंकि रूम के अंदर का जो एयर होता है ना वो वार्म होता है मॉस्ट होता है जब ये वार्म एयर वो फ्रीजिंग कोल्ड विंडो पेंस के कांटेक्ट में आता है तो जो सराउंडिंग वाटर वेपर है ना वो कन्वर्ट हो जाता है आइस में तो डायरेक्टली वेपर से सॉलिड में कन्वर्ट हो जाता है और वही हमें विंडो पेंस के ऊपर फ्रॉस्ट की तरह दिखता है ठीक है चलो ठीक है ये तो हमने देख लिया कि कि भाई सॉलिड से लिक्विड लिक्विड से गैस और गैस से वापस सॉलिड ये सारे कन्वर्जंस पॉसिबल है अब उल्टा घूमे क्या यानी कि क्या ऐसा पॉसिबल है कि हम सॉलिड से सीधा गैस पे चले जाएं ऐसा हो सकता है बिल्कुल हो सकता है और इस प्रोसेस को हम कहते हैं सब्लीमेशन इसका एग्जांपल है नेप्थलीन बॉल्स देखा होगा आपने घर पे हम अक्सर इसे यूज़ करते हैं जैसे जहां पर भी मतलब कपड़े वगैरह स्टोर करते हैं ना वहां पर हम नेप्थलीन बॉल्स छोड़ देते हैं ताकि वहां पे कीड़े वगैरह ना आए तो नाथन बॉल्स अगर आपने कभी ध्यान दिया हो आप देखोगे कि वो सॉलिड होता है और एक टेंपरेचर के बाद क्या होता है कि वो डायरेक्टली सॉलिड से वेपराइज हो जाता है वो लिक्विड स्टेट में जाता ही नहीं है तो यह एग्जांपल है सब्लीमेशन का ठीक है चलो बढ़िया अब अगला सवाल कि गैस से लिक्विड यह तो बहुत आसान सा है गैस से लिक्विड वाटर वेपर से वाटर बारिश वही तो होता है क्लाउड क्या है गैसियस फॉर्म में और बारिश किस में है लिक्विड में तो इस प्रोसेस को हम क्या कहते हैं इसे हम कहते हैं कंडेंसेशन ठीक है और फाइनली लिक्विड टू सॉलिड ये तो बहुत ही आसान है पानी लिया फ्रीजर में डाला बन गया आइस तो मतलब लिक्विड टू सॉलिड का जो प्रोसेस है उसे हम कहते हैं फ्रीजिंग तो इस तरह से हम देख रहे हैं कि ये जो तीनों स्टेट है ये आपस में एक से दूसरे में वो कन्वर्ट हो सकते हैं इसीलिए हम इन्हें कहते हैं इंटरकन्वर्टिबल अब मैटर को देखते हैं मैक्रोस्कोपिक लेवल से मतलब माइक्रोस्कोपिक से नहीं मतलब मैटर के अंदर नहीं घुस एटम्स मॉलिक्यूल में हम ऊपर से देखेंगे मैक्रो मतलब बड़ा ऊपर से अगर हम मैटर को देखें तो मैटर को हम दो कैटेगरी में डिवाइड कर सकते हैं प्योर सब्सटेंस एंड मिक्सचर ठीक है प्योर सब्सटेंस क्या होता है प्योर शुद्ध कोई मिलावट नहीं वो प्योर सब्सटेंस है तो प्योर सब्सटेंस वो सब्सटेंस होते हैं जिनका एक फिक्स्ड कंपोजीशन होता है फिक्स्ड कंपोजीशन ध्यान रखना है जैसे मान लो एग्जांपल लेते हैं लेट्स से गोल्ड का गोल्ड क्या है प्योर है क्यों क्योंकि गोल्ड के अंदर सिर्फ गोल्ड ही है कुछ और नहीं है अब अगर आपका सुनहार उसमें कुछ मिलावट कर रहा है तो मुझे पता नहीं बट अदर वाइज जैसे गोल्ड है सिल्वर है कॉपर है यह क्या है ये प्योर है मतलब इनके अंदर सिर्फ वही एक ही तरह के पार्टिकल से वो बने हुए हैं अब इसका यह मतलब नहीं है कि प्योर सब्सटेंस सिर्फ ऐसी ही चीजें होंगी जिसमें एक ही तरह का पार्टिकल हो जैसे एग्जांपल लेते हैं पानी का वाटर वाटर क्या होता है h2o वाटर हालांकि दो डिफरेंट चीजों से बना है हाइड्रोजन एंड ऑक्सीजन लेकिन हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का जो कंपोजीशन है वाटर में वो फिक्स्ड है हमेशा 2:1 के रेशियो में ही हाइड्रोजन और ऑक्सीजन जो है वो कंबाइन होके वाटर बनाएगा तो यानी कि कंपोजीशन फिक्स्ड है ठीक है ना तो ये भी मेरा प्योर सब्सटेंस है ठीक है अब प्योर सब्सटेंस को हम फर्द दो कैटेगरी में क्लासिफाई कर सकते हैं पहला हो जाएगा एलिमेंट्स और दूसरा हो जाएगा कंपाउंड्स एलिमेंट्स क्या होते हैं वो प्योर प्योर मतलब वैसे वाले जिसके अंदर एक ही टाइप के पार्टिकल्स प्रेजेंट हो जैसे कि गोल्ड सिल्वर कॉपर यह सब में क्या होता है ना कि अगर कॉपर है तो उसके अंदर एक ही टाइप उसके अंदर सिर्फ कॉपर पार्टिकल्स ही है मतलब ऐसा नहीं कि उसके अंदर कुछ और भी चीजें हैं सिर्फ कॉपर एलिमेंट के ही एटम्स है ठीक है तो यह होते हैं एलिमेंट्स दूसरी तरफ अगर हम कंपाउंड्स की बात करें तो उसमें क्या होता है कि हमारे पास दो या दो से अधिक एटम्स होते हैं जो दूसरे दूसरे एलिमेंट्स के होते हैं जैसे कि वाटर वाटर में क्या है हाइड्रोजन एलिमेंट का भी एटम है ऑक्सीजन का भी एटम है राइट दो अलग एलिमेंट्स के एटम्स हैं लेकिन ये जो है ये एक फिक्स्ड रेशियो में प्रेजेंट है ठीक है जैसे अगर हम बात करें ग्लूकोज की क्या होता है ग्लूकोज c6 h12 o6 तो यहां पर कार्बन हाइड्रोजन ऑक्सीजन है तो ये तीन अलग-अलग एलिमेंट के एटम्स बट इनका जो रेशियो है दैट इज फिक्स्ड कंपाउंड्स के केस में हम यह देखते हैं कि उनकी जो प्रॉपर्टीज होती हैं वो उसके कॉन्सिटर एलिमेंट्स के प्रॉपर्टीज से काफी अलग हो सकती हैं मतलब कि जैसे वाटर है वाटर जो है वो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बना है इसका यह मतलब नहीं है कि वाटर की जो प्रॉपर्टीज हैं वह हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के प्रॉपर्टीज से सिमिलर होंगी जैसे कि हम सभी को पता है कि हाइड्रोजन ऑक्सीजन ये जो है ये गैसियस फॉर्म में एजिस्ट करते हैं और वहीं वाटर की अगर हम बात करें तो वो मोस्टली लिक्विड फॉर्म में एक्जिस्ट करता है राइट एक और प्रॉपर्टी की अगर बात करें जैसे हाइड्रोजन है हमें पता है कि इट बर्न्स विद अ पॉप साउंड राइट मतलब ये बर्न करता है और ऑक्सीजन तो हम सभी को पता है कि इज अ सपोर्टर ऑफ कंबशन है ना तो मतलब हाइड्रोजन और ऑक्सीजन जो है ये आग लगाते हैं बेसिकली आग लगाने में को फेवर करते हैं ऐसे समझ लो दूसरी तरफ वाटर क्या करता है आग बुझाता है तो बेसिकली यहां तो हम देख रहे हैं कि दोनों के बिल्कुल कंट्रास्टिंग प्रॉपर्टीज हैं और ऐसा हो सकता है कि कंपाउंड की जो प्रॉपर्टीज हो वो उसके कॉन्सिटर एलिमेंट्स के प्रॉपर्टीज से बहुत अलग हो तो अब हम बात करते हैं मिक्सचर की जो मिक्सचर वर्ड है इसको सुनके आपको डे टू डे लाइफ में से क्या याद आता है चाय कॉफी के साथ जो मिक्सचर हम खाते हैं राइट उसके अंदर गठिया भी होता है चना भी होता है मूंगफली भी होती है बहुत सारी चीजें मिक्स करके बनाई जाती है राइट तो मिक्सचर क्या है बेसिकली इट इज अ मिक्स ऑफ डिफरेंट सब्सटेंसस तो ऐसा ही होता है हमारा ये मिक्सचर भी ठीक है तो यहां पर अलग-अलग सब्सटेंस मिक्स होते हैं इन एनी रेशियो मतलब जिस तरह से प्योर सब्सटेंसस के केस में फिक्स्ड कंपोजीशन होता था यहां पर कोई फिक्स्ड कंपोजीशन नहीं है किसी भी रेशियो में बहुत सारी चीजें मिक्स हो जाती हैं अब जैसे मिक्सचर के वो खाने वाले मिक्सचर के अंदर भी अगर गठिया ज्यादा हो गया कोई बात नहीं मूंगफली थोड़ी कम हो गई कोई बात नहीं तो कोई फिक्स्ड कंपोजीशन नहीं होता है राइट अब मिक्सचर को हम फर्द दो कैटेगरी में डिवाइड कर सकते हैं होमोजेनियस मिक्सचर हेटेरोजेनियस मिक्सचर होमोजेनियस मिक्सचर क्या होता है होमो वर्ड का मतलब क्या होता है सेम यूनिफॉर्म तो होमोजेनियस मिक्सचर के अंदर यह जो कंपोनेंट्स हैं जो मिक्स हो रहे हैं वह एक दूसरे के साथ इतने अच्छे तरीके से मिक्स हो जाते हैं कि उस पूरे चीज के अंदर उसकी यूनिफॉर्म कंपोजीशन हो जाती है एग्जांपल मान लो मैं मैंने नमक लिया सॉल्ट और पानी लिया और पानी के अंदर हमने सॉल्ट को मिक्स कर दिया पानी और सल्ट इन दो चीजों को हमने मिक्स किया ठीक है दो अलग चीजें हैं जिनको हमने मिक्स किया है लेकिन यह दोनों चीजें एक दूसरे के साथ इतने अच्छे तरीके से मिक्स हो जाते हैं तो हमें क्या मिलता है सॉल्ट सॉल्यूशन मिलता है अब उस सॉल्ट सॉल्यूशन को अगर आप देखो वो आपको एक सिंगल चीज दिखती है उसके अंदर आपको फिर सॉल्ट अलग से और पानी अलग से नहीं दिखता है क्यों क्योंकि वो एकदम अच्छे से मिक्स हो गई है और अब इस ग्लास के अंदर जितना भी सॉल्ट सॉल्यूशन है किसी भी पोर्शन में जो कंपोजीशन है वो यूनिफॉर्म है मतलब वो यूनिफॉर्म मिक्स हो चुका है सॉल्ट उस पानी में राइट तो ये है हमारा होमोजेनियस मिक्सचर शुगर सॉल्यूशन ले लो सॉल्ट सॉल्यूशन ले लो वाटर ले लो ये सारे हमारे होमोजेनियस मिक्सचर हैं दूसरी तरफ जो सेकंड टाइप है वो है हेटर जीनियस मिक्सचर मतलब यूनिफॉर्म कंपोजीशन नहीं होता है थ्रू आउट जैसे कि अगर आप मड को वाटर के साथ मिलाओ मड मिट्टी तो क्या होता है थोड़ा बहुत तो मिक्स होता है क्योंकि पानी का आप कलर देखोगे थोड़ा ब्राउनिश हो जाता है बट बहुत सारे मर्ड पार्टिकल्स आपको अलग से दिखते हैं राट तो इसका मतलब आपको दोनों चीजों के पार्टिकल्स अलग-अलग से दिख रहे हैं तो वो यूनिफॉर्म मिक्स नहीं हुए हैं जिसकी वजह से उसका जो कंपोजीशन है वो थ्रू आउट यूनिफॉर्म नहीं है कहीं पर मट ज्यादा होगा कहीं पर कम होगा राइट वैसा होगा तो इसे हम कहेंगे हेट्रो जीनियस मिक्सचर तो हेटेरोजेनियस मिक्सचर के अंदर जो कॉन्सिटर पार्टिकल्स हैं उन्हें हम बड़ी आसानी से सेपरेट आउट कर सकते हैं इनफैक्ट कई जगहों में तो हम हैंड पिंग से ही सेपरेट कर सकते हैं आपने देखा होगा जैसे घर पे जबी भी खाना बनता है ना मान लो दाल बनती है या चावल बनती है तो क्या होता है उससे पहले जो है हम अक्सर ही उसको चुनते हैं राइट कि कहीं चावल के अंदर कोई कंकर तो नहीं है दाल के अंदर कंकर तो नहीं है कैसे चुनते हैं हाथ से ही हम पिक कर लेते हैं राइट क्यों क्योंकि वो मिक्स्ड तो है बट दैट इज हेटेरोजेनियस मिक्सचर क्योंकि हमें अलग-अलग दिखते हैं पार्टिकल्स राइट तो हम चुन के निकाल लेते हैं उसी तरीके से अगर मैं मड वाटर की बात करूं इसको अगर आप छन्नी में छान लोगे फिल्ट्रेशन से आप आराम से सेपरेट आउट कर सकते हो राइट तो हेट्रो जीनियस मिक्सचर के अंदर जो कॉम्पोनेंट्स होते हैं उन्हें हम बड़ी ही आसानी से इस तरह के सिंपल फिजिकल मेथड से भी सेपरेट आउट कर सकते हैं अब हम बात करेंगे मैटर के प्रॉपर्टीज की तो मैटर के प्रॉपर्टीज दो टाइप की होती हैं फिजिकल प्रॉपर्टीज और केमिकल प्रॉपर्टीज फिजिकल प्रॉपर्टीज वो होती हैं जो हम बड़ी ही आसानी पानी से ऑब्जर्व कर सकते हैं या फिर देख सकते हैं फील कर सकते हैं और मेजर कर सकते हैं तो यह ऑब्जर्वेशंस और मेजर कर सकते हैं विदाउट चेंजिंग द आइडेंटिटी ऑफ द सब्सटेंस मतलब उस चीज को बिल्कुल वैसे ही रहेगा वो चीज एज इट इज एंड वी विल बी एबल टू टेल अबाउट द फिजिकल प्रॉपर्टीज ठीक है जैसे कि कलर किसी चीज के कलर के बारे में बताने के लिए हम उसे बस ऑब्जर्व करेंगे उस वो चीज एज इट इज रहेगा उसकी स्मेल हम फील कर सकते हैं स्मेल को उस चीज को कोई चेंज अंडरगो करने की जरूरत नहीं है मेल्टिंग पॉइंट बॉयलिक इस तरह की जो चीजें प्रॉपर्टीज हैं दीज आर ऑल फिजिकल प्रॉपर्टीज क्योंकि हम इन्हें मेजर कर सकते हैं दूसरी तरफ आता है केमिकल प्रॉपर्टीज ये ऐसी प्रॉपर्टीज होती हैं जिन्हें बताने के लिए उस सब्सटेंस को एक चेंज अंडरगो करना पड़ता है एक केमिकल चेंज अंडरगो करना पड़ता है जैसे कि अगर मैं आपसे पूछूं कि कोई एक मैं आपको सामान दे देती हूं और मैं पूछती हूं कि बताओ ये इसके एसिडिटी या फिर बेसिसिटी के बारे में बताओ यह एसिडिक है या बेसिक है ये मैं सिर्फ उस चीज को देख के नहीं बता सकती राइट तो मुझे उसके ऊपर एक टेस्ट करना पड़ेगा सो द मोमेंट वी डू अ टेस्ट वो जो चीज है इट विल अंडरगो सम चेंज राइट या अगर मुझे बताना हो कि यार बताओ कि ये जो है ना वाटर से रिएक्ट कैसे करेगा वाटर से रिएक्ट करके क्या बनाएगा तो उसके लिए मुझे उस सामान को वाटर से रिएक्ट कराना पड़ेगा सो वो जो सामान है इट विल अंडरगो अ चेंज राइट तो केमिकल प्रॉपर्टीज वैसी वो वाली प्रॉपर्टीज होती है जिन्हें बताने के लिए उस सब्सटेंस को हैज टू अंडरगो अ केमिकल चेंज अब अगर हम फिजिकल प्रॉपर्टीज की बात करें तो इसके अंदर भी दो कैटेगरी होती है एक होती है क्वालिटेटिव प्रॉपर्टी एक होती है क्वांटिटेशन यानी कि इन्हें हम ऑब्जर्व तो कर सकते हैं बट इन्हें हम इजली मेजर नहीं कर सकते हैं इसलिए उन्हें कहते हैं क्वालिटेटिव एग्जांपल जैसे मैल एबिलिटी कि भाई कोई मेटल कितना मैल एबल है उसको हम मतलब ऐसे मेजर नहीं कर सकते हैं मतलब एज इन हम उसको उसके मेजरमेंट के लिए कोई नंबर नहीं दे सकते हैं राइट या फिर किसी सब्सटेंस में कितना शाइन है लचर स्मेल मेलबिल्ड कटि यह सारे क्वालिटेटिव प्रॉपर्टीज है ये क्वालिटीज है बट इन्हें हम मेजर नहीं कर सकते हैं दूसरी तरफ जो क्वांटिटेशन प्रॉपर्टीज होती है उन्हें हम बहुत ही आसानी से मेजर कर सकते हैं जैसे कि लेंथ कितना लेंथ है हम बता सकते हैं एक एक नंबर के साथ हम वो मेजरमेंट बता सकते हैं या फिर कितना वॉल्यूम है या फिर कितनी हाइट है कितना एरिया है कितनी डेंसिटी है इस तरह की जो चीजें हैं इनको हम मेजर कर सकते हैं और मेजरमेंट हम कैसे बताते हैं उसके लिए हमें दो चीजें चाहिए होती है एक नंबर चाहिए होता है और एक यूनिट चाहिए होता है यूनिट बहुत जरूरी है जैसे मैंने पूछा कि लेट्स से इस बेड का लेंथ कितना है टू सिर्फ टू बताऊंगी तो आपको समझ आएगा कितना है नहीं समझ आएगा राइट टू क्या 2 मीटर्स है 2 किलोमीटर्स है 2 सेंटीमीटर है 2 मिलीमीटर्स है और जैसे-जैसे यूनिट चेंज हो रहा है आपका एक्चुअली वो लेंथ चेंज हो रहा है राइट तो इसीलिए कोई भी मेजरमेंट कोई भी क्वांटिटेशन प्रॉपर्टी को मेजर करने के लिए हमें एक नंबर चाहिए होता है फॉलो बाय अ यूनिट अब जहां यूनिट्स की बात आ गई तो वहां पर हमें एक एक एक स्टैंडर्डाइज्ड सिस्टम चाहिए कि भाई कौन से क्वांटिटी का कौन सा यूनिट होता है अगर ऐसा नहीं हुआ तो क्या होगा कि मान लो भाई इंडिया में जो है हम लेंथ किसी यूनिट में मेजर करते हैं अमेरिका में कोई और यूनिट में मेजर करते हैं किसी और कंट्री में किसी और यूनिट में मेजर करते हैं तो ऐसे क्या होगा कोई स्टैंडर्ड नहीं रहेगा तो एक जगह से दूसरी जगह का जो मेजरमेंट है बिल्कुल अलग-अलग रहेगा सिस्टम तो इसीलिए हमें चाहिए एक इंटरनेशनल लेवल पे एक स्टैंडर्डाइज्ड सिस्टम और यहीं आता है हमारा एसआई सिस्टम ऑफ यूनिट्स सबने सुना ही होगा एसआई यूनिट के बारे में तो एसआई जो वर्ड है यह एक फ्रेंच वर्ड से आया है जिसका फुल फॉर्म है सिस्टम इंटरनेशनल तो ये एक इंटरनेशनल सिस्टम ऑफ यूनिट्स है जिसके अंदर टोटल सेवन बेस यूनिट्स को डिफाइन किया जाता है जो जिसे हम फंडामेंटल यूनिट्स भी कह सकते हैं तो इसके अंदर हमने सेवन बेस क्वांटिटीज डिफाइन किए तो वो क्वांटिटीज कौन-कौन से थे लेंथ मास टाइम इलेक्ट्रिक करंट थर्मोडायनेमिक टेंपरेचर अमाउंट ऑफ सब्सटेंस और लुमिनस इंटेंसिटी और इन क्वांटिटीज की जो एसआई यूनिट्स थी उन्हें हम कहते हैं बेस यूनिट्स जो कि है मीटर लेंथ के लिए किलोग्राम मास के लिए सेकंड टाइम के लिए एंपियर करंट के लिए केल्विन टेंपरेचर के लिए मोल अमाउंट ऑफ सब्सटेंस के लिए और कैंडेला लुमिनस इंटेंसिटी के लिए और ये रहे इनके सिंबल्स इनमें से काफी सारे यूनिट्स तो हमने ऑलरेडी यूज कर रखा है जैसे कि किलोग्राम मीटर सेकंड एंपियर केल्विन मोल एक ऐसा यूनिट है जिसे हम अभी इंट्रोड्यूस करेंगे इस लेसन के अंदर तो इसमें अगर हम बात करें मास की तो मास होता क्या है मास होता है द अमाउंट ऑफ मैटर कंटें इन अ बॉडी मतलब एक सब्सटेंस के अंदर कितना मैटर है वो बताता है मास तो मास का एसआई यूनिट होता है केजी यानी कि किलोग्राम हालांकि अ जैसे लेबोरेटरीज में जब हम काम करते हैं तो हम कई बार बहुत छोटे-छोटे मासे के साथ डील करते हैं क्योंकि जैसे देखो केमिस्ट्री में तो क्या है ना हम एटम्स मॉलिक्यूल लेवल पे बहुत स्टडीज करते हैं तो एटम मॉलिक्यूल इन सबका जो साइज होता है बहुत छोटा होता है इनका मास भी बहुत कम होता है राइट तो जब हम इतने छोटे-छोटे चीजों के साथ डील करते हैं तो हम लैब में कई बार ग्राम को जो है उसे एक यूनिट की तरह यूज करते हैं हालांकि एसआई यूनिट जो है दैट इज किलोग्राम अब चूंकि हम मास की बात कर रहे हैं तो आई थिंक इट विल बी नाइस कि हम एक बारही दोबारा ये याद कर लें कि मास और वेट ये दोनों सेम चीज नहीं होती है बहुत से बच्चों को लगता है कि वेट क्या है वही है वजन मास भी वही है तो सेम ही चीज है बट ऐसा नहीं है चलो देखते हैं किसी भी सब्सटेंस में जो टोटल अमाउंट ऑफ मैटर होता है उसे हम मास कहते हैं जो कि मैंने अभी बताया लेकिन दूसरी तरफ जब हम वेट की बात करते हैं तो वेट मास नहीं होता है वेट क्या होता है इट इज अ फोर्स तो वेट इज अ कंपलीटली डिफरेंट थिंग इट इज अ फोर्स फर्स एजर्ज बाय ग्रेविटी ऑन एन ऑब्जेक्ट तो यानी कि अगर हमारे पास कोई ऑब्जेक्ट है जिसका मास m है तो उसके ऊपर जितना फर्स ग्रेविटी लगाता है तो फोर्स हम कैसे निकालते हैं मास इंटू एक्सीलरेशन और यहां पर एक्सीलरेशन किसकी वजह से है ड्यू टू ग्रेविटी सो मास इंटू एक्सीलरेशन ड्यू टू ग्रेविटी ये होता है वेट ठीक है तो मास ऑफ अ सब्सटेंस इज कांस्टेंट ये हर जगह सेम रहता है लेकिन जो वेट है इट वेरीज फ्रॉम वन प्लेस टू अनदर क्यों क्योंकि वेट जो है ये मास पे भी डिपेंड करता है और एक्सीलरेशन ड्यू टू ग्रेविटी की वैल्यू पे भी डिपेंड करता है अब अगर हम मून पे चले जाएं तो मून पे एक्सीलरेशन ड्यू टू ग्रेविटी की ल वैल्यू अलग है तो वहां पर वेट भी किसी पर्टिकुलर ऑब्जेक्ट का अलग हो जाएगा बात करते हैं यूनिट की मास का एसआई यूनिट है किलोग्राम यानी कि केजी और वेट का एसआई यूनिट है न्यूटन इनफैक्ट न्यूटन जो है ये फोर्स का एसआई यूनिट है और चूंकि वेट एक फोर्स है तो वेट का भी एसआई यूनिट न्यूटन है टेंपरेचर की अगर बात करें तो इसे मेजर करने के लिए तीन स्केल्स होते हैं या फिर तीन यूनिट्स होते हैं डिग्री सेल्सियस डिग्री फारेनहाइट एंड केल्विन इन तीनों में से केल्विन इज द एसआई यूनिट ऑफ टेंपरेचर ये रहे टेंपरेचर के तीन स्केल्स दैट इज केल्विन सेल्सियस और फारेनहाइट तो हम वाटर का फ्रीजिंग पॉइंट और वाटर का बॉयलिक इसे जो है रेफरेंस मान के चलते हैं तो हम देखते हैं कि सेल्सियस स्केल में 0 डिग्री सेल्सियस होता है फ्रीजिंग पॉइंट ऑफ़ वाटर और 100° सेल्सिस होता है बॉयलिक पॉइंट ऑफ वाटर ठीक है अब ये जो तीनों यूनिट्स हैं टेंपरेचर के केल्विन सेल्सियस फारेनहाइट इन्हें हम आपस में कन्वर्ट कर सकते हैं ठीक है तो डिग्री फारेनहाइट = 9/5 डिग्री सेल्सियस + 32 होगा यहां पर ठीक है तो इसीलिए जब डिग्री सेल्सियस की वैल्यू ज़ीरो हो जाएगी तो डिग्री फारेनहाइट की वैल्यू होगी 32 डिग्री फारेनहाइट तो इसीलिए देखो जो फारेनहाइट का स्केल है उसका 32 जो है वो सेल्सियस के रो के लेवल पर है उसी तरह केल्विन और सेल्सियस का रिलेशन कुछ ऐसा है कि केल्विन = ट डिग्री सेल्सियस + 273 तो इसीलिए जब 0 डिग्री सेल्सियस है तो कॉरस्पॉडिंग केल्विन का स्केल में वैल्यू क्या है 273 केल्विन ठीक है इनफैक्ट आपने देखा होगा कि जब कभी हमें फीवर होता है तो हम घर में थर्मामीटर यूज़ करते हैं बॉडी टेंपरेचर देखने के लिए तो जनरली वो कौन से स्केल पे होता है वो फारेनहाइट स्केल पे होता है देखा होगा कि भाई बहुत तेज बुखार हो जब 102 103 बुखार हो जाता है हम कहते हैं बहुत तेज बुखार है तो ये 102 103 क्या है इट इज 102 और 103 डिग्री फारेनहाइट क्योंकि फारेनहाइट स्केल में 98.6 हमारा नॉर्मल बॉडी टेंपरेचर है ठीक है एक और इंपॉर्टेंट बात यहां पर नोट कर सकते हैं कि जो सेल्सियस स्केल है इसमें नेगेटिव वैल्यूज पॉसिबल है टेंपरेचर के क्योंकि जैसे केल्विन का जब 250 या 260 केल्विन होगा तो उसका कॉरस्पॉडिंग जो सेल्सियस वैल्यू होगा दैट विल बी इन नेगेटिव लेकिन जब हम केल्विन स्केल को देख ते हैं तो इसमें नेगेटिव वैल्यूज पॉसिबल ही नहीं है केल्विन स्केल में नेगेटिव वैल्यूज नहीं होते हैं केमिस्ट्री में हम बहुत छोटे और बहुत बड़े नंबर्स को हैंडल करते हैं छोटे नंबर्स तब जब हम साइज ऑफ एटम साइज ऑफ मॉलिक्यूल की बात करते हैं तो हम इस तरह के नंबर्स पे आते हैं जहां पर 0.000 कुछ होता है उसी तरह से कभी-कभी हम नंबर ऑफ एटम्स और नंबर ऑफ मॉलिक्यूल की बात करते हैं और तब हम डील करते हैं बहुत बड़े-बड़े नंबर्स जिसके जिनके बाद में बहुत सारे जीरोज होते हैं है ना तो इसीलिए यहां पर हम क्या करते हैं कन्वीनियंस के लिए हम इन्हें लिखते हैं 10 टू द पावर करके जैसे अगर कोई बहुत छोटा नंबर है तो हम लिख देंगे 10 टू द पावर - 10 10 टू द पावर - 20 - 30 या कुछ भी उसी तरह बहुत बड़े नंबर्स के लिए 10 टू द पावर 25 10 टू द पावर 35 एंड सो ऑन तो अब जहां पे इतने सारे पावर इवॉल्व हो जाते हैं तो हमेशा नंबर्स को इस तरह से पढ़ने में दिक्कत आती है 10 टू द पावर 12 10 टू द पावर 20 वगैरह वगैरह और यहीं पे हम हम इंट्रोड्यूस करते हैं प्रीफिक्सेस इस प्रीफिक्सेस के लिस्ट को अगर आप देखो तो इसमें से कुछ ऐसे प्रीफिक्सेस हैं जिससे हम ऑलरेडी एक्विटेड है हम उन्हें यूज करते हैं जैसे कि मिली सेंटी डेसी मीटर डेका हेक्टोइन जान पहचान वाले हैं है ना इसके अलावा हम कुछ नए देखते हैं जैसे अगर 10 टू द पावर 6 हो तो क्या हो जाएगा मेगा 10 टू द पावर 9 हो तो हो जाएगा गीगा 10 टू द पावर 12 हो तो टेरा 10 टू द पावर 15 हो तो पेटा एंड आई थिंक इतना तक पता होना काफी है उसी तरह अगर हम स्मॉलर यूनिट्स पे जाएं तो 10 टू द पावर -6 माइक्रो -9 नानो -1 पीको -1 फेमो तो अब जैसे मान लो अगर हम लेंथ मेजर कर रहे हैं तो क्या हो जाएगा पीको मीटर फेंटो मटर नैनोमीटर मिलीमीटर सेंटीमीटर तो अभी तक हमने देखा कि हमने सिर्फ सात बेस यूनिट्स डिफाइन किए हैं है ना अब आप पूछोगे कि बट ऐसे कैसे चलेगा हमारे पास इतने सारे जो और क्वांटिटीज हैं उनके यूनिट्स का क्या तो उनके यूनिट्स को हम बेसिकली इन सात बेस यूनिटस से डिराइवर करते हैं और इसीलिए उन्हें हम कहते हैं डिराइवर इंस्टिट्यूट होता है व्हिच डील्स विद मेजरमेंट रिलेटेड थिंग्स कि भाई ये मेजरमेंट के जो स्टैंडर्ड्स है ना नेशनल स्टैंडर्ड के हिसाब से मेजरमेंट की चीजों को हैंडल करने के लिए नेशनल मेट्रोलॉजी इंस्टिट्यूट होता है इंडिया में भी एक ऐसा इंस्टिट्यूट है व्हिच इज नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी दैट इज एनपीएल इन दिल्ली ठीक है तो चलो अब हम आगे देखते हैं कि किस तरह से हम डिराइवर मैं आपको एक क्यूब दे देती हूं और बोलती हूं इसका वॉल्यूम निकालो तो क्यूब का वॉल्यूम क्या होगा साइड क्यूब राइट व्हिच इज एक्चुअली लेंथ का क्यूब लेंथ का यूनिट हमें पता है लेंथ का एसआई यूनिट क्या होता है मीटर तो वॉल्यूम का क्या हो जाएगा मीटर क्यूब हो गया ना डिराइवर मतलब एक बेस यूनिट से हमने इसके यूनिट को वॉल्यूम के यूनिट को डिराइवर कर लिया ठीक है अब आप मिला के देख लो चाहे वॉल्यूम ऑफ सिलेंडर हो वॉल्यूम ऑफ कोन हो वॉल्यूम ऑफ क्यूब हो हर जगह आप देखोगे कि वॉल्यूम इज एक्चुअली लेंथ का क्यूब ठीक है दूसरा एग्जांपल लेते हैं लेट्स टॉक अबाउट से डेंसिटी डेंसिटी होता क्या है मास पर यूनिट वॉल्यूम ठीक है मास का एसआई यूनिट क्या होता है किलोग्राम केजी और वॉल्यूम का क्या होता है अभी-अभी निकाला हमने मीटर क्यूब तो डेंसिटी का एसआई यूनिट क्या हो जाएगा केजी पर मीटर क्यूब तो इस तरीके से हम यूनिट्स डिराइवर करेंगे जहां हम मेजरमेंट की बात करने लगते हैं हैं वहीं पे साथ-साथ आ जाता है अनसर्टेंटी क्योंकि कोई भी मेजरमेंट जो हम करते हैं हम बिल्कुल श्यर नहीं हो सकते हैं कि यार दिस इज द परफेक्ट मेजरमेंट है ना कहीं ना कहीं उसमें कुछ ना कुछ एरर्स कुछ ना कुछ अनसर्टेंटी रहती ही है बट हम सभी चाहते हैं कि भाई हमारा मेजरमेंट जो है बिल्कुल परफेक्ट हो और इस परफेक्शन को एक्सप्रेस करने के लिए हम दो टर्म्स यूज करते हैं प्रेसीजन और एक्यूरेसी बहुत से बच्चों को यह समझ नहीं आता है कि दोनों में फर्क क्या है एक्यूरेट रिजल्ट प्रेसा इज रिजल्ट फर्क क्या है जब हम प्रेसीजन की बात करते हैं तो बेसिकली हम ये कहना चाहते हैं आपने ये देखा होगा राइट कि जब आप लैब में अपने स्कूल के लैब में भी कोई एक्सपेरिमेंट करते हो तो आप मल्टीपल ऑब्जर्वेशंस लेते हो राइट मतलब ऐसा नहीं कि मान लो किसी चीज की आपको हाइट निकालनी है ऐसा नहीं है कि भाई एक बार मेजर किया हाइट और सीधा आंसर लिख दिया ऐसा नहीं हम क्या करते हैं वो मेजरमेंट को वो जो रीडिंग है ना उसको हम चार बार पांच बार कई बार 10 बार लेते हैं और उसके बाद उसका मीन निकाल लेते हैं एवरेज निकाल लेते हैं राइट ऐसा हम क्यों करते हैं क्योंकि चूंकि हम ये एक्सपेरिमेंट परफॉर्म कर रहे हैं तो बहुत तरह की एरर्स आ सकती हैं जब हम इनको बार-बार लेंगे और फिर उसका एवरेज आउट करेंगे तो मेरा जो रिजल्ट है ना वो ज्यादा सही आएगा है ना तो अब समझो अब जब हम प्रेसीजन की बात करते हैं हम यह कहते हैं कि यह जो मैंने मल्टीपल रीडिंग्स ली है ना ये रीडिंग्स एक दूसरे के कितने क्लोज है मान लो मेरी पहली रीडिंग आई है एक ऐसे रफ एग्जांपल दे रही हूं मान लो पहला रीडिंग है 1.1 सेंटीमीटर दूसरा रीडिंग है 1.3 सेमी तीसरा रीडिंग है 1.25 सेंटीमीटर इसका मतलब है जितनी मेरी रीडिंग आ रही है ना वो सारे जो है वो क्लोज है तो मतलब मेरा जो रिजल्ट आ रहा है ट इ प्रिसा बट वही अगर पहला रीडिंग आया 1.1 दूसरा आया 5.5 तीसरा आया 7.8 तो इसका मतलब है कुछ तो गड़बड़ है क्योंकि जो मेरे ऑब्जर्व आ रहे हैं जो रीडिंग्स आ रही हैं दे आर नॉट प्रेसा इज तो प्रेसीजन का मतलब होता है कि जो रीडिंग्स है मेरी वो आपस में वो वैल्यूज कितने क्लोज है दूसरी तरफ जब हम एक्यूरेसी की बात करते हैं उसका मतलब होता है कि जो मेरा ट्रू वैल्यू है मतलब जो मेरा रिजल्ट आना चाहिए और जो मेरा रिजल्ट आ रहा है वो दोनों कितने क्लोज है एग्जांपल मान लो जैसे हमें पता है कि एक्सीलरेशन ड्यू टू ग्रेविटी की जो वैल्यू है वो 99.8 मीटर पर सेकंड स्क्वा के आसपास आनी चाहिए ठीक है अब अगर आपका वैल्यू नाइन आ रहा है या आपका वैल्यू एट आ रहा है या आपका वैल्यू फाइव आ रहा है वो बताएगा कि जो वैल्यू आपका आ रहा है वो कितना एक्यूरेट है वो ट्रू वैल्यू के कितना पास है सबको समझ आ गया प्रेसीजन और एक्यूरेसी का फर्क अभी हम लेंगे एक छोटा सा एग्जांपल विथ नंबर्स जिससे आपको और क्लियर हो जाएगा कि प्रेसीजन और एक्यूरेसी में क्या फर्क होता है एक एग्जांपल लेते हैं यहां यहां पर मान लो क्लास में चार बच्चे हैं रमेश सुरेश रोहित और राकेश ठीक है और इन चारों बच्चों ने कोई एक्सपेरिमेंट परफॉर्म किया है स्कूल के साइंस लैब में और उस एक्सपेरिमेंट का जो आउटपुट आना चाहिए जो डिजायर्ड वैल्यू है दैट इज थ्री कुछ भी एक्सपेरिमेंट किया है मान लो किसी चीज की हाइट निकाली है या कुछ भी किया है जिसमें थ्री आना चाहिए आउटपुट तो बच्चों ने क्या किया कि दो सेट ऑफ मेजरमेंट्स लिए यानी कि दो राउंड ऑफ मेजरमेंट्स लिए ये राउंड वन और राउंड टू उसके बाद सबके जो भी मेजरमेंट्स आए उसका एवरेज यानी कि मीन निकाल लिया ठीक है अब हमें बताना है कि किन-किन बच्चों के जो रिजल्ट्स है दे आर प्रेसा इज और किन-किन बच्चों के रिजल्ट्स एक्यूरेट हैं ठीक है तो सबसे पहले बात करते हैं प्रेसीजन की प्रेसीजन मतलब जो मल्टीपल राउंड्स में जो वैल्यूज हमारी आई है वह एक दूसरे के कितने पास है तो यहां हम देखते हैं कि अगर रमेश की बात करें तो पहले राउंड में 2.80 दूसरे राउंड पे थ्री दोनों एक दूसरे के बहुत ज्यादा पास नहीं है राइट तो इसलिए यह साइज नहीं है अगर बात करें सुरेश की 2.91 और 2.90 यह काफी पास है मतलब 0.01 का डिफरेंस है राइट तो इसीलिए ये प्रेसा इज है 3.01 2.99 ये भी काफी पास है ऐसे देखने में 2 पॉइंट और थ पॉइंट लग रहा है बट 2.99 के बाद क्या आएगा 3.00 फिर आएगा 3.01 राइट तो 02 का ही फर्क है तो यह भी प्रेसा इज है राकेश के जो अ मेजरमेंट्स है वो है 2.90 3.10 ये तो बहुत फर्क है दोनों में लगभग पॉइंट का फर्क है राइट तो इसीलिए यह प्रेसा इज नहीं है अब अगर बात करें एक्यूरेसी की एक्यूरेसी मतलब जो डिजायर्ड वैल्यू है यानी कि थ्री के नजदीक किनका किनका आंसर है राइट 2.9 3 के नजदीक है नहीं 2.90 नहीं बहुत ज्यादा नजदीक नहीं है मतलब और लेकिन जो बाकी दोनों वैल्यूज है वो एग्जैक्ट थ्री है तो ये तो बहुत ज्यादा नजदीक है इनफैक्ट ये थ्री ही है तो यह दोनों वैल्यूज एक्यूरेट है तो इस एग्जांपल से आपको क्लियर पता चल गया होगा कि एक्यूरेसी और प्रेसीजन में क्या फर्क होता है अब सवाल ये उठता है कि यार इस अनसर्टेंटी के साथ डील कैसे करें क्योंकि जब हम इतने बड़े-बड़े नंबर्स होते हैं हमारे पास जिनके पीछे इतने जीरोज लगे होते हैं कभी इतने छोटे नंबर्स होते हैं जिसमें इतने जीरोज होते हैं और जब हम ऐसे नंबर्स को आपस में मल्टीप्लाई डिवाइड वगैरह करते हैं एक तो ये कैलकुलेशंस बहुत ही टीडीयू हो जाता है दूसरा जो रिजल्ट हमारा निकलता है वह बहुत अनसर्टेन हो जाता है राइट तो कैसे सॉल्व करें इस प्रॉब्लम को इसे सॉल्व करने के लिए हम क्या करते हैं हम यूज करते हैं साइंटिफिक नोटेशन हम नंबर्स को जो है लिखते हैं साइंटिफिक नोटेशन में ये साइंटिफिक नोटेशन क्या होता है किसी भी नंबर को हम इस फॉर्मेट में लिखते हैं n * 10 टू द पावर n ध्यान देना है कि दोनों n अलग है एक कपिल n है एकल n है जो कैपिटल n है ये वन से लेकर के 10 तक की कोई भी वैल्यू ले ले सकता है जो स्ल n है वो कोई भी पॉजिटिव या नेगेटिव वैल्यूज ले सकता है ठीक है तो हम देखेंगे कि जैसे ही हम नंबर्स को इस फॉर्मेट में लिखने लगेंगे हमारे कैलकुलेशंस इजी हो जाएंगे और जो हम रिजल्ट्स में भी अराइव करेंगे वो भी ज्यादा सर्टेन हो जाएंगे ठीक है तो चलो सबसे पहले तो देखते हैं कि ये जो बड़े-बड़े नंबर्स मैंने स्क्रीन पे लिख रखे हैं इनको हम साइंटिफिक नोटेशन में कैसे लिखेंगे तो अगर हमें इस नंबर को साइंटिफिक नोटेशन में लिखना हो साइंटिफिक नोटेशन क्या है n * 10 टू द पावर n जहां पर n की वैल्यू 1 टू 10 के बीच में होनी चाहिए ठीक है तो इस नंबर को सबसे पहले तो देखो क्या करना है कि यहां पर अभी फिलहाल जो मेरा नंबर है इसमें डेसीमल पॉइंट कहां है यहां लास्ट में है कुछ इस तरीके से है राइट तो इस डेसीमल पॉइंट को मुझे इधर मूव कराते जाना है कहां तक जब तक मेरा जो पहला नंबर है ना वो 1 टू 10 के बीच का नंबर ना हो तो इसलिए बेसिकली मुझे डेसीमल पॉइंट यहां डालना है तो मुझे क्या लिखना है इसे 6.022 * 10 टू द पावर अब देखो एक छोटी सी चीज यहां पर याद रखना ये आपने बचपन में ही पढ़ा होगा कि ये जो डेसीमल पॉइंट है ना जब ये लेफ्ट की तरफ मूव होती है तो मेरा 10 टू द पावर जो है यह पावर इंक्रीज होता है और जब यह डेसीमल पॉइंट राइट की तरफ मूव होती है तो मेरा पावर जो है वो डिक्रीज होता है अब देखो इसी को लगाएंगे हम यहां पर तो इस केस में जो मेरा डेसीमल पॉइंट है वो किधर मूव हो रही है लेफ्ट की तरफ यानी कि पावर मेरा ब बढ़ेगा तो फिलहाल मेरा पावर क्या था जीरो था तो जीरो से अब पावर बढ़ेगा अब देखो जितना ज जितने प्लेसेस ये मूव हो रहा है मतलब ये यहां था 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 ऐसे करते करते कितने प्लेसेस मूव हो रहा है ये 23 प्लेसेस तो ये हो जाएगा 6.022 * 10 टू पावर 23 तो इस तरीके से हम साइंटिफिक नोटेशन में लिखते हैं अब आप अगर पूछोगे कि ये डेसीमल पॉइंट ऐसा मूव होने से पावर क्यों बढ़ता है तो काफी लॉजिकल है अब यहां पर 6.022 है तो इसको आप कैसे लिखोगे 6022 / 10 ^ 3 तो 10 टू पावर 23 / 10 टू पावर 3 क्या हो जाएगा 10 टू द पावर 20 तो वही है यहां पर 6022 * 10 टू पावर 20 यानी कि उसके 6022 के बाद यहां 20 ज जीरोज हैं राइट अब एक और एग्जांपल लेते हैं ये एक बहुत छोटा नंबर है तो यहां पर मेरा डेसीमल पॉइंट फिलहाल कहां पे है यहां पे तो इस डेसीमल पॉइंट को मुझे इस तरफ मूव कराना है कहां तक लेके जाना है यहां तक लेके जाना है ताकि ये 1.66 हो जाए क्योंकि अगर डेसीमल पॉइंट यहां आ जाएगा तो ये हो जाएगा 16.6 बट मुझे n की वैल्यू रखनी है 1 टू 10 के बीच में तो इसीलिए मैं इसे यहीं तक मूव करूंगी ताकि ये बन जाए 1.66 * 10 टू द पावर अब यहां पे डेसीमल जो है राइट की तरफ मूव हो रही है तो पावर मेरा घटेगा रो से घटेगा तो क्या होगा पावर मेरा नेगेटिव में होगा राइट अब यहां भी काउंट करो 1 2 3 4 करके कितने प्लेसेस मूव कर रहा है तो 24 तो ये हो जाएगा 1.66 * 10 टू पावर - 24 तो इस तरह से हम साइंटिफिक नोटेशन में लिखते हैं अब साइंटिफिक नोटेशन की जहां हमने बात कर दी वहीं उसका हाथ पकड़ के आ गया कौन सिग्निफिकेंट फिगर्स क्योंकि मैंने क्या बताया था कि साइंटिफिक नोटेशन यूज करेंगे तो हम काफी चीजें सर्टेंटी के साथ बता सकते हैं तो एक साइंटिफिक नोटेशन के अंदर कितने मीनिंगफुल डिजिट्स हैं जो हमें सर्टेंटी के साथ पता है व बताता है हमें सिग्निफिकेंट फिगर्स ठीक है जैसे एक ऐसे ही एक रफ सा एग्जांपल दे रही हूं मान लो मैंने बताया कि कोई मेरे पास एक रॉड है जिसकी लेंथ है 12.6 739 सेमी ठीक है ऐसे ही एक एग्जांपल तो अब जहां मैंने बताया कि 12 पॉइंट समथिंग समथिंग तो अब ये 12 तो फॉर श्यर है कि भाई 12 सेंटीमीटर के आसपास कुछ तो है तो 12 इज फॉर श्यर 6739 जो भी मैंने बताया उसमें भी 673 तक भी वी आर वेरी और अब वो लास्ट का जो नाइन है ना वो मुझे पता नहीं एगजैक्टली नाइन ही था कि एट था कि सेवन था राइट तो बेसिकली मैं कहना ये चाह रही हूं कि कोई भी एक नंबर को देख करके अगर हमें यह पता लग सके कि इसमें कितने डिजिट्स मीनिंगफुल है विद सर्टेंटी तो बेस्ट है उससे क्या होगा हम अपनी अनसर्टेंटी के लेवल को और कम कर सकते हैं राइट तो चलो देखते हैं कौन से रूल्स हैं जो हमें फॉलो करने पड़ेंगे व्हेन वी डील विद सिग्निफिकेंट फिगर्स पहला रूल कहता है ल ल नॉन जीरो डिजिट्स आर सिग्निफिकेंट एग्जांपल लेते हैं लेट्स से 0.32 67 इसमें कितने सिग्निफिकेंट फिगर्स है एक दोती चर जितने नॉन जीरो डिजिट्स है वो सारे सिग्निफिकेंट है तो इसमें है फोर सिग्निफिकेंट फिगर्स दूसरा रूल कहता है जीरोज प्रोसीडिंग टू फर्स्ट नॉन जीरो डिजिट आर नॉट सिग्निफिकेंट यानी कि जो पहला सिग्निफिकेंट यानी कि जो पहला नॉन जीरो डिजिट है उससे पहले जित जितने भी जीरोज होंगे वो नॉट सिग्निफिकेंट होंगे एग्जांपल लेते हैं जैसे 0.002 इसमें सबसे पहला नॉन जीरो डिजिट क्या है टू टू से पहले जितने भी जीरोज है यह सभी नॉट सिग्निफिकेंट है तो यानी कि इस पूरे नंबर में कितने सिग्निफिकेंट फिगर्स हैं सिर्फ एक अगर एक और एग्जांपल ले 0.002 6 इसमें कितने सिग्निफिकेंट फिगर्स है सिर्फ दो क्योंकि इनके पहले जितने भी जीरोज है वो सिग्निफिकेंट नहीं है तो यहां पर टू सिग्निफिकेंट फिगर्स है तीसरा रूल जीरोज बिटवीन टू नॉन जीरो डिजिट्स आर सिग्निफिकेंट ठीक है तो मान लो अगर कुछ ऐसा नंबर है 2.00 6 तो यहां पर ये जो जीरोज है यह सिग्निफिकेंट होंगे क्यों क्योंकि यह दो नॉन जीरो डिजिट के बीच में है तो इस पूरे नंबर में कितने सिग्निफिकेंट फिगर्स होंगे फाइव फोर्थ रूल कहता है कि जीरोज एट द एंड और राइट ऑफ अ नंबर आर सिग्निफिकेंट प्रो वाइडेड दे आर ऑन द राइट साइड ऑफ द डेसीमल पॉइंट ठीक है तो यह कहता है कि अगर किसी भी नंबर के लास्ट में जीरो है तो वो तभी सिग्निफिकेंट होंगे अगर वो जीरोज जो है वो डेसिमल पॉइंट के राइट साइड पर है ठीक है ना अगर वो डेसीमल पॉइंट के राइट साइड पर है तो एग्जांपल लेते हैं मान लो 2650 इसमें कितने सिग्निफिकेंट फिगर्स है 2 6 5 तो यह तीन तो पक्का ही है क्योंकि यह नॉन ज़ीरो डिजिट्स हैं यह वाला ज़ीरो भी सिग्निफिकेंट है क्योंकि यह दो नॉन ज़ीरो डिजिट के बीच में आता है लास्ट वाला ज़ीरो भी सिग्निफिकेंट है क्योंकि यह लास्ट में आता है तो क्या हुआ यह डेसीमल पॉइंट के तो राइट में आता है तो यानी कि इसमें फाइव सिग्निफिकेंट फिगर्स हैं ठीक है अगर 2.6 की बात करें इसमें कितने सिग्निफिकेंट फिगर्स हैं इसमें फर सिग्निफिकेंट फिगर्स हैं क्योंकि यह भी जो ज़ीरो हैं यह डेसीमल पॉइंट के राइट में आता है 0.60 जीरो की अगर बात करें इसमें कितने सिग्निफिकेंट फिगर्स हैं इसमें थ्री सिग्निफिकेंट फिगर्स हैं क्योंकि यह वाला जो जीरो है यह सिग्निफिकेंट नहीं है ये क्योंकि डेसीमल से पहले आ रहा है मतलब फर्स्ट नॉन जीरो डिजिट के पहले आ रहा है तो ये सिग्निफिकेंट नहीं है है ना तो अब अगर हम लास्ट वाला रूल देखें जो कहता है कि एग्जैक्ट नंबर्स हैव एन इनफाइनों जीरो बहुत से बच्चे कहेंगे दो टू और सिक्स राइट बट यहां पर मेरा डेसीमल पॉइंट कहां पे है यहां पे है करेक्ट और इस डेसीमल पॉइंट के बाद मैं रो डाल सकती हूं अपने मन से और अपने मन से मैं कितने भी ज़ीरो डाल सकती हूं क्योंकि 260 और 26.000000 26.000000 ये सब कुछ का सेम ही मतलब है और हमने क्या पढ़ा है कि जो भी जीरो नंबर के लास्ट में रहता है लेकिन डेसीमल पॉइंट के राइट में रहता है वो सब सिग्निफिकेंट होता है तो यहां पर उस हिसाब से कितने सिग्निफिकेंट फिगर्स हैं इंफाइटिंग निफिट फिगर्स हैं भाई तो इसीलिए जितने भी एग्जैक्ट नंबर्स होते हैं दे हैव इनफाइनों फिगर्स अब सिग्निफिकेंट फिगर्स को दिमाग में रखते हुए ऑपरेशन के रूल्स देखते हैं यानी कि एडिशन सबट क्शन मल्टीप्लिकेशन डिवीजन के रूल्स देखेंगे सबसे पहले बात करेंगे एडिशन और सबट क्शन की ठीक है यह रूल कहता है कि द रिजल्ट कैन न हैव मोर डिजिट्स टू द राइट ऑफ द डेसीमल पॉइंट देन इदर ऑफ द ओरिजिनल नंबर्स ठीक है तो मान लो हमारे पास दो नंबर्स है 0326 और 1.2 और हमें इन दोनों को ऐड करना है ठीक है तो जो पहला नंबर है इसमें कितने डिजिट्स है टू द राइट ऑफ द डेसिमल पॉइंट थ्री डिजिट्स इसमें थ्री डिजिट्स है आफ्टर डेसीमल पॉइंट 1.2 जो कि हमारा द दूसरा नंबर है इसमें कितने डिजिट है आफ्टर डेसीमल पॉइंट सिर्फ एक ठीक है दोनों को अगर ऐड करें तो कितना आएगा 1.52 6 बट मेरा आंसर क्या होगा आंसर तो इस रूल के हिसाब से होगा रूल कहता है कि रिजल्ट कैन नॉट हैव मोर डिजिट्स टू द राइट ऑफ द डेसिमल पॉइंट देन ईदर ऑफ द ओरिजिनल नंबर तो दोनों ओरिजिनल नंबर में से एक के में डेसिमल के बाद एक डिजिट है दूसरे में डेसीमल के बाद तीन डिजिट है तो बेसिकली आंसर में जो है डेसीमल के बाद एक डिजिट ही हो सकता है उससे ज्यादा नहीं हो सकता है ठीक है तो मेरा आंसर हो जाएगा 1.5 ठीक है अब देखते हैं कि मल्टीप्लिकेशन और डिवीजन के टाइम पर कैसा रूल होता है तो यह रूल कहता है कि इन दीज ऑपरेशंस द रिजल्ट मस्ट बी रिपोर्टेड विद नो मोर सिग्निफिकेंट फिगर्स एज आर देयर इन द मेजरमेंट विद फ्यू सिग्निफिकेंट फिगर्स मतलब अगर मान लो हम 0.32 6 को मल्टीप्लाई करते हैं से ठीक है तो 0.36 में कितने सिग्निफिकेंट फिगर्स है थ सिग्निफिकेंट फिगर्स है 1.2 में कितने सिग्निफिकेंट फिगर्स है टू सिग्निफिकेंट फिगर्स है ठीक है दोनों को मल्टीप्लाई किया तो मेरा आंसर आया 0391 ठीक है बट जो मेरा फाइनल आंसर होगा वह कितना होगा फाइनल आंसर में इन दोनों में से जो मेरे दो नंबर्स मैंने मल्टीप्लाई किए थे उसमें से जिस नंबर में लेस सिग्नि फिगर्स हैं मेरे फाइनल आंसर में भी उतने ही सिग्निफिकेंट फिगर्स होने चाहिए तो इसमें लेस किसमें है इसमें है 1.2 में तो यानी कि मेरे फाइनल आंसर में भी दो सिग्निफिकेंट फिगर ही होने चाहिए तो मेरा फाइनल आंसर क्या हो जाएगा 0.39 कई बार हमारे सामने एक ऐसी सिचुएशन भी होती है जिसमें हमें एक सिस्टम ऑफ यूनिट्स को दूसरे सिस्टम ऑफ यूनिट्स में कन्वर्ट करना पड़ता है एग्जांपल लेते हैं जैसे मान लो अगर मैं बात करूं अ मास की तो मैंने बताया कि एसआई यूनिट क्या है किलोग्राम है अब किलोग्राम को ग्राम में मिलीग्राम में इन सब में कन्वर्ट करना काफी आसान है क्योंकि ये एक ही सिस्टम के यूनिट्स हैं राइट आप 10 से 100 से मल्टीप्लाई डिवाइड करोगे और वो एक दूसरे में कन्वर्ट हो जाएंगे लेकिन अगर मैं एक दूसरे यूनिट की बात करूं जैसे कि पाउंड पाउंड भी मास का ही यूनिट है जैसे आपने सुना होगा कि जैसे केक वगैरह खरीदने जाओ तो वहां पे कई बार लोग पाउंड भी यूज़ करते हैं कि हाफ पाउंड का केक दो पाउंड पांड का केक राइट वहां पे यूज होता है यह पाउंड अब है तो दोनों ही मास के यूनिट्स बट दोनों डिफरेंट सिस्टम ऑफ यूनिट्स है बट इन्हें भी हम कन्वर्ट कर सकते हैं यूजिंग डायमेंशन एनालिसिस ठीक है सिर्फ मास ही नहीं जैसे अगर मैं डिस्टेंस की बात करूं तो हमारा एसआई यूनिट क्या है मीटर बट माइल्स जो है वो भी एक डिस्टेंस का यूनिट है और हमें हम इन्हें भी आपस में कन्वर्ट कर सकते हैं तो डायमेंशन एनालिसिस का जो यह मेथड है इसे य यूनिट फैक्टर मेथड भी कहा जाता है तो हम देखेंगे कि इस मेथड में जो है ना हम यूनिट्स को एगजैक्टली नंबर्स की तरह ट्रीट करते हैं मतलब हम यूनिट्स को भी मल्टीप्लाई डिवाइड वगैरह कर सकते हैं तो चलो कुछ एग्जांपल्स देखते हैं अब अगर आपको 3 इंचे को सेंटीमीटर में कन्वर्ट करना हो क्या करेंगे पहले तो हमें ये पता होना चाहिए कि भाई 1 इंच कितना सेंटीमीटर होता है इसीलिए इसे हम कहते हैं यूनिट फैक्टर मेथड एक यूनिट वाला जो रिलेशन है ना वो उसको हम यूज में लेते हैं तो 1 इंच इज इक्वल टू होता है 2.5 4 सेमी तो 3 इंचे कितना हो जाएगा ये हो जाएगा 2.54 सेमी डिवाइडेड बा 1 इंच मल्टीप्ला बा 3 इंचे और मैंने क्या बताया था कि हम जो है ना डायमेंशन एनालिसिस में जो हमारे यूनिट्स हैं इनके भी ऑपरेशंस वैसे ही करते हैं इन्हें भी मल्टीप्लाई डिवाइड उसी तरीके से करते हैं राइट तो ये मेरा क्या हो जाएगा ये एक तरीके से आप समझ लो ये इंच इंच कैंसिल आउट हो गया तो 2.54 * 3 क्या हो जाएगा 7.6 2 सेमी एक और एग्जांपल लेते हैं कि टू डेज को आपको सेकंड्स में कन्वर्ट करना है अब हमें क्या पता है कि 1 डे इज इक्वल ट 24 आवर्स हमें यह भी पता है कि 1 आवर इज इक्वल ट 60 मिनट्स और 1 मिनट इज इक्वल ट 60 सेकंड्स दैट मींस 1 आवर इज इक्वल 60 * 60 सेकंड्स ठीक है ना तो 24 आवर्स कितना हो जाएगा ये हो जाएगा 60 * 60 सेकंड्स डिवाइडेड बाय 1 आवर * 24 आवर्स तो ये क्या हो जाएगा 60 * 60 * 24 सेकंड्स ये क्या हो जाएगा 24 आवर्स इज इक्वल टू इतना सेकंड 24 आवर्स क्या होता है वन डे तो यानी कि वन डे इज इक्वल टू इतना सेकंड्स तो फिर ू डेज कितना हो जाएगा ू डेज हो जाएगा 60 * 60 * 24 सेकंड्स डिवाइडेड बाय 1 डे * 2 डेज तो ये क्या हो जाएगा 60 * 60 * 24 * 2 सेकंड्स तो 2 दिन का मतलब इतना सेकंड हो जाएगा तो बच्चा बाटी कैसा चल रहा है अभी तक सब कुछ समझ आ रहा है चलो बढ़िया है तो अब हम शुरू करने वाले हैं लॉज ऑफ केमिकल कॉमिनेशन हम ये देख रहे हैं कि केमिस्ट्री में हो क्या रहा है ये जो एटम्स हैं मॉलिक्यूल हैं ये एक दूसरे के साथ मिल रहे हैं रिएक्शंस हो रहे हैं राइट बट कुछ ऐसे लॉज हैं जो फॉलो होने चाहिए जब भी किसी भी तरह का कॉमिनेशन हो रहा है ठीक है तो हम इसी तरह के पांच लॉज के बारे में बात करेंगे तो सबसे पहला लॉ है लॉ ऑफ कंजर्वेशन ऑफ मास नाम से ही पता चल रहा है कि इसके अंदर क्या होने वाला है तो यह लॉ कहता है कि मास कैन नीदर बी क्रिएटेड्रॉअर्नेविगेटर इनफैक्ट अराउंड 1789 के आसपास लवश ने यह लॉ दिया था तो उन्होंने एक सीरीज़ ऑफ़ एक्सपेरिमेंट्स परफॉर्म किए थे और हर एक्सपेरिमेंट में वह नोट करते रहते थे कि रिएक्टेंट्स और प्रोडक्ट्स के साथ क्या हो रहा है उनके मासस के साथ एंड विद दैट ऑब्जर्वेशन ही कंक्लूजन कांस्टेंट बिफोर एंड आफ्टर द रिएक्शन दूसरा लॉ है लॉ ऑफ़ डेफिनेट प्रोपोर्शन जिसे लॉ ऑफ़ डेफिनेट कंपोजीशन भी कहा जाता है यह लॉ कहता है कि अ कंपाउंड ऑलवेज कंटेंस एगजैक्टली द सेम प्रोपोर्शन ऑफ एलिमेंट्स बाय वेट मतलब कि किसी कंपाउंड के अंदर जो भी एलिमेंट्स प्रेजेंट हैं वही एलिमेंट्स उसमें हमेशा उसी प्रोपोर्शन में प्रेजेंट होंगे भले ही हम उसे कहीं से भी उठा लाए जैसे मान लो अगर हम वाटर की बात करते हैं वाटर के अंदर हाइड्रोजन और ऑक्सीजन है तो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन जिस प्रोपोर्शन में वाटर के अंदर है चाहे हम वाटर कहीं से भी उठा लाएं हमेशा हाइड्रोजन और ऑक्सीजन उसी फिक्स्ड रेशियो में ही प्रेजेंट रहेगा तो यह लॉ दिया था एक केमिस्ट ने जिनका नाम था जोसेफ प्राउस्ट तो उन्होंने क्या किया था उन्होंने क्यूप्रोफिक्स ऑफ कॉपर परसेंटेज ऑफ कार्बन और परसेंटेज ऑफ ऑक्सीजन बिल्कुल सेम था राइट इसीलिए इसे कई बार कहा जाता है लॉ ऑफ डेफिनेट कंपोजीशन तीसरा लॉ है लॉ ऑफ मल्टीपल प्रोपोर्शन ठीक है देखो नाम पे फोकस करना मल्टीपल प्रोपोर्शन देखो क्यों नाम है ऐसा तो यह लॉ दिया था डाल्टन ने और यह लॉ ऐसा कहता है कि अगर कोई दो एलिमेंट ऐसा है जो कंबाइन होके एक से ज्यादा कंपाउंड बनाते हैं जैसे कि हाइड्रोजन और ऑक्सीजन ये दोनों कंबाइन हो के वाटर भी बनाते हैं ये दोनों कंबाइन हो के हाइड्रोजन पोक्स इड भी बनाते हैं राइट ऐसे केस में हम क्या देखते हैं कि अगर वन एलिमेंट कंबाइंस विथ अ फिक्स्ड मास ऑफ़ द अदर एलिमेंट जैसे कि इस केस में हो रहा है अगर हम ऑक्सीजन को देखें तो पहले केस में 16 ग्रा ऑफ ऑक्सीजन इज कंबाइनिंग विथ 2 ग्राम्स ऑफ़ हाइड्रोजन दूसरे केस में 32 ग्राम्स ऑफ ऑक्सीजन इज कंबाइनिंग अगेन विद 2 ग्राम्स ऑफ़ हाइड्रोजन मतलब हम देख रहे हैं कि ऑक्सीजन के अलग-अलग मासेज हाइड्रोजन के एक फिक्स्ड मास के साथ कंबाइन हो रहे हैं ऐसे केस में ऑक्सीजन के जो मासेज हैं दे विल ऑलवेज बी इन द फॉर्म ऑफ अ रेशियो ऑफ स्मॉल होल नंबर्स तो ऑक्सीजन के मासेज क्या-क्या है 16 और 32 16 32 = 1:2 तो ये एक रेशियो है ऑफ स्मॉल होल नंबर्स समझ आया एग्जांपल के साथ कभी भी अगर ऐसा हो कि दो सेम एलिमेंट मिलके दो अलग-अलग कंपाउंड बना रहे हैं तो अगर एक एलिमेंट जो है उसके अलग-अलग मासेज दूसरे एलिमेंट के फिक्स्ड मास के साथ क कंबाइन हो रहे हैं तो इस एलिमेंट के मासेज का जो रेशियो है दैट इज अ रेशो ऑफ स्मॉल होल नंबर्स तो देखा मल्टीपल प्रोपोर्शन क्यों कहते हैं इसे एक तो यहां पर दो एलिमेंट मिलके मल्टीपल कंपाउंड्स बना रहे हैं है ना तो इसीलिए और प्रोपोर्शन क्यों क्योंकि यहां पर भी एक रेशियो मेंटेन हो रहा है तो इसीलिए नाम दिया गया है लॉ ऑफ मल्टीपल प्रोपोर्शन हमारा चौथा लॉ है गे लसेक्स लॉ ऑफ वॉल्यूम्स तो ये कहता है ओबवियस जाहिर सी बात है कि नाम से पता चल रहा है कि इसे इस लॉ को दिया था गे लसक ने और ये लॉ जो है गैसेस के बारे में बात करता है ये कहता है कि अगर दो गैसेस कंबाइन होते हैं एक केमिकल रिएक्शन में तो उस केस में हम मासेज की बात नहीं करते हैं हम वॉल्यूम की बात करते हैं गैसेस के केस में ठीक है तो हम कहते हैं कि जब दो गैस कंबाइन होते हैं तो उनके जो वॉल्यूम्स कंबाइन होते हैं दे आर इन अ सिंपल रेशो ठीक है एग्जांपल लेते हैं हाइड्रोजन और ऑक्सीजन कंबाइन होके बना रहा है वाटर तो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन क्या है गैस है मान लो 100 ml5 ml1 ml5 ml2 1 व्हिच इज़ अ सिंपल रेशो राइट तो अगर आप इस पे ध्यान से देखो इस लॉ को तो आप देखोगे कि यह लॉ जो है ना बिल्कुल वैसा ही है जैसा लॉ ऑफ़ डेफिनेट प्रोपोर्शन था फर्क सिर्फ इतना है कि लॉ ऑफ़ डेफिनेट प्रोपोर्शन में हम यह कह रहे थे कि वहां पर जो रेशियो था दैट वाज ऑन मासेज और यहां पर हम बात कर रहे हैं वॉल्यूम्स की उतना ही फर्क है तो इसीलिए कई बार इस लॉ को लॉ ऑफ डेफिनेट प्रोपोर्शन बाय वॉल्यूम भी कहा जाता है फाइनली हमारा पांचवा लॉ जो कि बहुत इंपॉर्टेंट है एंड दैट इज एवोकाडो ज लॉ एवोकाडो लॉ यह कहता है कि अगर हमारे पास इक्वल वॉल्यूम ऑफ गैसेस हो मतलब अगर दो डिफरेंट गैसेस है लेट्स से एक हाइड्रोजन है दूसरा ऑक्सीजन है लेकिन दोनों का वॉल्यूम इक्वल है एट सेम टेंपरेचर एंड प्रेशर तो इन दोनों में इक्वल नंबर ऑफ मॉलिक्यूल होंगे इनफैक्ट एवोकैडो पहले साइंटिस्ट थे जो नंबर ऑफ एटम्स और नंबर ऑफ मॉलिक्यूल के बारे में बात कर रहे थे उन दिनों जो है तब के जो और बाकी रिनाउंड साइंटिस्ट थे जैसे डाल्टन या अदर साइंटिस्ट थे उन्हें ऐसा लगता था कि सेम एटम दो सेम एटम कभी भी कंबाइन नहीं हो सकते थे उन्हें ऐसा लगता था हालांकि वो सही नहीं है उन्हें लगता था कि भाई दो ऑक्सीजन के एटम्स कभी कंबाइन नहीं हो सकते हैं एक ऑक्सीजन का एटम एक हाइड्रोजन के एटम के साथ या कार्बन के एटम के साथ कंबाइन हो सकता है बट ऑक्सीजन एटम ऑक्सीजन एटम के साथ कंबाइन नहीं हो सकता है लेकिन आज की डेट में हमें पता है कि जो ऑक्सीजन का मॉलिक्यूल होता है वो डाई एटॉमिक होता है और वो कैसे बनता है दो ऑक्सीजन एटम्स के कंबाइन होने से राइट तो अवोकेडो ने पहली बार इस तरह का जो पॉली एटॉमिक का जो कांसेप्ट था कि भाई एक से अधिक एटम्स कंबाइन होके बना सकते हैं चीजों को ये सबसे पहली बार एवो से बन रहा है हम उसको उनका सोचने का यह तरीका था कि हम क्या कहते हैं h2o तो वो कह रहे थे कि वन वॉल्यूम ऑफ हाइड्रोजन प्लस व वॉल्यूम ऑफ हाइड्रोजन प्लस वन वॉल्यूम ऑफ ऑक्सीजन मतलब हाइड्रोजन हाइड्रोजन ऑक्सीजन अगर सब वन वन वॉल्यूम है तो ये क्या है इक्वल वॉल्यूम ऑफ गैसेस एट सेम टेंपरेचर एंड प्रेशर तो इन सब के अंदर इन सब डब्बो के अंदर इक्वल नंबर ऑफ मॉलिक्यूल होंगे हालांकि अनफॉर्चूनेटली उन दिनों जब एवोकाडो ने ये लॉ दिया था तो किसी ने उनकी बात नहीं सुनी क्योंकि सबको लगा कि यह गलत है बट काफी सालों के बाद जाकर यह प्रूफ हुआ कि जो एवोकाडो कह रहे थे वो बिल्कुल सही था और जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे हम देखेंगे कि किस तरह से अ अवोकेडो के काम को आगे बढ़ाया गया और किस तरह से हमारा यह पूरा का पूरा मोल कांसेप्ट आया अब हमने काफी कुछ पढ़ लिया कि भाई कैसे केमिस्ट्री में चीजें होती हैं मैटर क्या होता है प्रॉपर्टीज क्या होती हैं मेजरमेंट यूनिट्स अनसर्टेंटी एरर्स वगैरह काफी कुछ पढ़ लिया है अब कॉमिनेशन कैसे होते हैं उनके लॉज भी पढ़ लिए हैं तो आई थिंक दिस इज द राइट टाइम कि हम बात करें एटॉमिक थ्योरी के बारे में मतलब एटम का जो स्ट्रक्चर है एटम के बारे में जो थ्योरी निकाली गई थी वो क्या कहती है तो सबसे पहले बात करेंगे डाल्टन एटॉमिक थ्योरी के बारे में जो सबसे पुरानी थ्योरी है तो सबसे पहली बात जो डाल्टन ने बताई थी वो ये थी कि मैटर कंसिस्ट्स ऑफ इंडिविजिबल एटम्स मतलब एटम्स को जो है हम फर्द डिवाइड नहीं कर सकते हैं ऐसा डाल्टन ने कहा था जो कि आज की डेट पे गलत है हम अभी का जो एटॉमिक थ्योरी है उसको भी इसके तुरंत बाद डिस्कस करेंगे बट अभी हम ये देख रहे हैं कि डाल्टन ने उस टाइम पर क्या-क्या थ्योरी दी थी दूसरी चीज डाल्टन ने ये बताई थी कि ऑल द एटम्स ऑफ अ गिवन एलिमेंट हैव आइडेंट कल प्रॉपर्टीज इंक्लूडिंग एटॉमिक मास एंड एटम्स ऑफ डिफरेंट एलिमेंट्स डिफर इन मास मतलब अगर एक ही एलिमेंट के एटम्स है तो सारे एटम्स के सेम प्रॉपर्टीज होंगे सेम मास होगा अगर डिफरेंट एलिमेंट्स का एटम है तो उसका मास डिफरेंट होगा यह भी आज की डेट पे गलत प्रूफ हो गया है तीसरा जो बताया गया था वह यह था कि कंपाउंड्स आर फॉर्म्ड व्हेन एटम्स ऑफ़ डिफरेंट एलिमेंट्स कंबाइन इन अ फिक्स्ड रेशो तो डाल्टन का यह मानना था कि एटम्स जो हैं सिर्फ अलग-अलग एलिमेंट्स के ही कंबाइन हो सकते हैं दो एटम्स सेम एलिमेंट के कभी कंबाइन नहीं हो सकते हैं वो भी गलत प्रूफ हो चुका है क्योंकि आज की डेट पे दो ऑक्सीजन एटम्स भी कंबाइन होके ऑक्सीजन का मॉलिक्यूल बना सकते हैं राइट ये रहे सर डाल्टन की फोटो और अगला जो उन्होंने बताया था पॉच वो यह था कि केमिकल रिएक्शंस इवॉल्व रीऑर्गेनाइजेशन ऑफ एटम्स दीज आर नीदर क्रिएटेड्रॉअर्नेविगेटर दी गई थी ठीक है फिर धीरे-धीरे और भी स्टडीज हुई और फाइनली हम आ पहुंचे मॉडर्न एटॉमिक थ्योरी पे तो जो मॉडर्न आज के डेट पे जो एटॉमिक थ्योरी है वो क्या कहती है मैटर इज नो लोंगर कंसीडर्ड टू बी इंडिविजिबल ओबवियसली नॉट इनफैक्ट मैं मैटर तो नहीं मैं कहूंगी कि एटम एटम को जो है हम इंडिविजिबल नहीं कहते हैं क्योंकि इसे हम फर्द इसके कांस्टीट्यूएंट पार्टिकल्स जो है क्या-क्या है इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन न्यूट्रॉन करेक्ट दूसरी बात एटम्स ऑफ द सेम एलिमेंट मे नॉट बी सिमिलर इन ऑल रेस्पेक्ट जरूरी नहीं है कि सेम एलिमेंट के सारे एटम्स का सब कुछ सिमिलर हो सबसे अच्छा एग्जांपल किसका है आइसोटोप का आइसोटोप की अगर हम बात करें सो दे आर एटम्स ऑफ द सेम एलिमेंट बट दे हैव डिफरेंट एटॉमिक मास जैसे कि अगर हम बात करें c12 c13 c14 की इन सब का एटॉमिक नंबर सेम होता है क्योंकि ये सारे सेम एलिमेंट है कार्बन बट इनके जो एटॉमिक मास है ये अलग है है ना ठीक इसी तरीके से एटम्स ऑफ डिफरेंट एलिमेंट्स मे बी सिमिलर इन सम रेस्पेक्ट हो सकता है कि भाई दो अलग एलिमेंट का एटम है बट हो सकता है कि उनका एटॉमिक मास सेम हो यहां पर हम बात कर रहे हैं आइसोबर्स की पढ़ा होगा आपने आइसोबर्स क्या होते हैं ये जिनका एटॉमिक नंबर अलग होता है लेकिन उनका एटॉमिक मास सेम होता है तो यहां पर अगर हम एग्जांपल लें जैसे कार्बन 14 का और नाइट्रोजन 14 का तो हम देखते हैं कि कार्बन एलिमेंट है या नाइट्रोजन दो अलग एलिमेंट है लेकिन दोनों का जो एटॉमिक मास है व बराबर है है ना तो यह भी हमने देखा कि यह भी हमारे डाल्टन की जो एटॉमिक थ्योरी थी उससे यह अलग है अगला पॉइंट कहता है कि एटम इज द स्मॉलेट यूनिट पार्टिसिपेटिंग इन केमिकल रिएक्शन वेल दिस इज ट्रू हालांकि अगर हम कंपोजीशन की बात करें तो एटम्स जो है एटम्स जो है दे आर मेड अप ऑफ सब एटॉमिक पार्टिकल्स इसके अंदर इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन न्यूट्रॉन वगैरह हैं लेकिन जब हम केमिकल रिएक्शंस में पार्टिसिपेशन की बात करते हैं तो वहां पर एटम ही स्मॉलेट यूनिट है जो पार्टिसिपेट करता है रेशो इन व्हिच एटम्स यूनाइट मे बी फिक्स्ड इंटी जर वैल्यूज बट दे आर नॉट सिंपल ऑलवेज हमेशा सिंपल रेशियो में हो ऐसा जरूरी नहीं है एटम्स ऑफ वन एलिमेंट कैन बी चेंज्ड इनटू एटम्स ऑफ अनदर एलिमेंट यह जब हम पढ़ेंगे न्यूक्लियर रिएक्शंस के बारे में या फिर आप लोगों ने न्यूक्लियर रिएक्शन के बारे में अपने प्रीवियस क्लासेस में पढ़ रखा होगा न्यूक्लियर फिशन न्यूक्लियर फ्यूजन उसमें हम क्या देखते हैं कि हमारी रिएक्शन की शुरुआत होती है यूरेनियम से और हम पहुंच जाते हैं क्रिप्टन बेरियम वगैरह पे तो यानी कि हम एक एलिमेंट से दूसरे एलिमेंट के एटम भी चेंज कर सकते हैं मतलब ये पॉसिबल है और फाइनली मास ऑफ एटम कैन बी चेंज्ड इनटू एनर्जी तो बेसिकली ये ये कहता है कि मास और एनर्जी ये जो है दे आर इंटरकन्वर्टिबल इन्हें हम आपस में कन्वर्ट कर सकते हैं और यही आ जाता है हमारा पॉपुलर e इ mc2 जो जिसे हम कहते हैं मास एनर्जी इक्विवेलेंस तो अब टाइम आ गया है कि हम देखें एटॉमिक मास मॉलिक्यूलर मास यह सारी चीजें क्या होती है बहुत ही सिंपल चीज है एटॉमिक मास यानी कि मास ऑफ एटम मॉलिक्यूलर मास यानी कि मास ऑफ मॉलिक्यूल अब मॉलिक्यूल किस चीज से बना होता है एटम से तो मॉलिक्यूलर मास क्या हो जाएगा सम ऑफ द एटॉमिक मासेज प्रेजेंट इन दैट मॉलिक्यूल है ना तो अगर मैं हाइड्रोजन एटम की बात करूं h तो इसका जो मास होगा दैट विल बी एटॉमिक मास दूसरी तरफ अगर मैं हाइड्रोजन मॉलिक्यूल की बात करूं यानी कि h2 इसके अंदर दो हाइड्रोजन एटम्स है तो इसका मॉलिक्यूलर मास क्या होगा सम ऑफ द एटॉमिक मासेज ऑफ टू हाइड्रोजन एटम्स राइट उसी तरह अगर मैं पूछूं कि बताओ इट विल बी सम ऑफ द एटॉमिक मासे ऑफ हाइड्रोजन एटम एंड क्लोरीन एटम बस सीधी सी बात थी अब एक अहम सवाल यह है कि हम एटॉमिक मास निकालते कैसे हैं चलो मॉलिक्यूलर मास तो एटॉमिक मास से निकल जाएगा बट एटॉमिक मास कैसे निकालते हैं वेल आज की डेट पे अगर देखा जाए तो हमारे पास टेक्निक्स है इसे निकालने के लिए और एक टेक्नीक है मास स्पेक्ट ो मेट्री इससे हमें लगभग अच्छी खासी एक्यूरेसी के साथ एटॉमिक मास मिल जाती है लेकिन पुराने टाइम पे हम क्या करते थे तब तो यह टेक्निक था ही नहीं तो बहुत पुराने दिनों में हमने क्या किया कि जो हाइड्रोजन एटम है हमारा जो सबसे लाइट एटम है लाइटेस्ट एटम उसे हमने एक रेफरेंस मान लिया हमने बोला कि भाई ऐसा करते हैं हाइड्रोजन सबसे हल्का है सबसे छोटा सा है हाइड्रोजन को हम असाइन कर देते हैं एटॉमिक मास वन अब हाइड्रोजन के रिलेटिव बाकी जितने भी एलिमेंट्स हैं उनको हम एटॉमिक मासे से असाइन करते चले जाएंगे ठीक है ऐसा हमने सिस्टम बनाया लेकिन करंट जो हमारा सिस्टम है उसमें हाइड्रोजन इज नो मोर द रेफरेंस हमारा रेफरेंस क्या है कार्बन 12 यस यानी कि कार्बन एलिमेंट का वो वाला आइसोटोप जिसका एटॉमिक मास 12 है ठीक है इसे हम c12 या कार्बन 12 कुछ भी कहते हैं तो अब इस सिस्टम में हमने क्या कहा कि भाई कार्बन 12 जो है इसका हम एटॉमिक मास असाइन करते हैं 12 ठीक है और हमने एक यूनिट भी डिफाइन कर दिया हमने कहा कि भाई ठीक है इसमें हमने ऐसा रेफरेंस सेट किया कि कार्बन 12 का जो एटॉमिक मास है दैट इज 12 एय यानी कि एटॉमिक मास यूनिट तो देखो यहां बड़े ही स्मार्टली हमने एक नया यूनिट मेंशन कर दिया ठीक है ना तो चलो ठीक है कहीं-कहीं पे आप देखोगे कि ए य की जगह सिर्फ य लिखा रहता है तो य रिप्रेजेंट्स यूनिफाइड मास तो मतलब दे मीन द सेम थिंग ठीक है अब जहां मैंने एक यूनिट डिफाइन कर दिया तो जरूरी हो जाता है कि यार वो वो वन यूनिट कितना है तो अभी मैंने क्या बताया हमने यह सेट किया कि 12 एय इज द मास ऑफ वन कार्बन 12 ठीक है तो फिर 1 एय कितना हो जाएगा सिंपल मैथमेटिक्स 1 एय क्या हो जाएगा 1/1 ऑफ मास ऑफ वन कार्बन 12 एटम सिंपल मैथ्स हो गया है ना तो यह मेरा डेफिनेशन भी सेट हो गया 1 एय का अब एक आखिरी चीज बच गया कि यार 1 एय आखिर कितना होता है मास यानी कि 1 एय को अगर मैं ग्राम्स में कन्वर्ट करूं तो कितना मास होता है चलो कैलकुलेट कर लेते हैं तो एय के डेफिनेशन को देखते हुए हमें यह समझ आ रहा है कि अगर हम मास ऑफ वन कार्बन एटम निकाल लेते हैं तो उसका 112 कर देंगे तो वो हो जाएगा 1 एय ठीक है तो अभी हमारा टारगेट क्या है कि मास ऑफ वन कार्बन एटम निकालना ठीक है चलो देखते हैं कैसे निकालेंगे अब कार्बन के अंदर क्या होता है कार्बन का जो एटॉमिक नंबर होता है वो कितना होता है सिक्स यानी कि कार्बन के अंदर सिक्स प्रोटॉन होते हैं सिक्स न्यूट्रॉनस होते हैं और सिक्स इलेक्ट्रॉन होते हैं ठीक है तो इलेक्ट्रॉन कहां होंगे बाहर ऑर्बिट में होंगे ठीक है तो पहले वाले ऑर्बिट में दो इलेक्ट्रॉन और बाहर वाले में 1 2 3 4 ठीक है तो इस तरीके से कुछ होता है हमारा कार्बन ओके तो अब मुझे क्या निकालना है मास ऑफ वन कार्बन 12 एटम तो एक एटम का मास क्या हो जाएगा मास ऑफ सिक्स प्रोटॉन प्लस मास ऑफ सिक्स न्यूट्रॉनस क्योंकि इलेक्ट्रॉन का मास तो नेगलिजिबल होता है तो ये हो जाएगा 6 * मास ऑफ व प्रोटॉन प् 6 * मास ऑफ वन न्यूट्रॉन अब मास ऑफ प्रोटॉन और मास ऑफ न्यूट्रॉन लगभग बराबर होता है तो हम ये दोनों को इक्वल मान के चल सकते हैं तो ये हो जाएगा 12 * मास ऑफ वन प्रोटॉन ठीक है अच्छा अब मास ऑफ वन प्रोटॉन कितना होता है 1.66 * 10 टू पावर - 24 ग्राम ठीक है तो यानी कि इतना हो जाएगा मास ऑफ वन कार्बन एटम करेक्ट दिस इज मास ऑफ वन कार्बन एटम चलो बढ़िया अब देखते हैं क्या होता है तो हम क्या देख रहे हैं कि हमें क्या निकालना था 1 एय की वैल्यू 1 एय क्या होता है 1/1 ऑफ मास ऑफ वन कार्बन एटम तो मास ऑफ वन कार्बन एटम कितना है 12 * 1.66 * 10 टू पावर - 24 तो ये 12 और 12 कैंसिल हो जाएगा तो 1 एय कितना हो जाएगा 1.66 * 10 टू पावर - 24 ग्राम्स राइट तो हम क्या देखते हैं कि 1 एय की जो ग्राम्स में वैल्यू है व्हाट इज दैट दैट इज इवेंचर तो मतलब 1 एय वन एटॉमिक मास यूनिट को अगर ग्राम्स में रिप्रेजेंट करना हो तो दैट इज एक्चुअली इक्वल टू द मास ऑफ वन प्रोटॉन ठीक है तो ये रिलेशनशिप सबको पता होना चाहिए क्योंकि बाद में जाके बहुत कंफ्यूजन क्रिएट हो सकती है अगर आपकी ये सारी बेसिक चीजें क्लियर ना हो अब बात करेंगे एवरेज एटॉमिक मास की यह क्यों एजिस्ट करता है वेल ऐसा पाया गया कि काफी सारे एलिमेंट्स जो हैं यह एक से अधिक आइसोटोप में एजिस्ट करते हैं आइसोटोप तो सबको पता होगा आई एम श्यर जूनियर क्लासेस में पढ़ा होगा कि ऐसे एलिमेंट्स जिनके एटॉमिक नंबर सेम होते हैं लेकिन एटॉमिक मास अलग-अलग होते हैं ठीक है इनफैक्ट हम अपने कार्बन की ही बात कर लो कार्बन के तीन आइसोटोप हैं c12 c13 c14 तो ये तीनों आइसोटोप में जो एटॉमिक नंबर है वो तो सिक्स है लेकिन जो मास नंबर या फिर एटॉमिक मास है वो क्या है 12 13 14 ठीक है तो अब अगर मैं आपसे पूछूं कि कार्बन का एटॉमिक मास कितना है तो आप क्या बोलोगे 12 13 या 14 तो ऐसे केस में हम इन तीनों एटॉमिक मासेज का एवरेज निकाल लेंगे और वो एवरेज एटॉमिक मास हो जाएगा एटॉमिक मास ऑफ कार्बन ठीक है लेकिन ध्यान रहे अगर मैं आपसे पूछूं कि कार्बन 12 का एटॉमिक मास कितना कितना है तब आप क्या बताओगे 12 लेकिन अगर मैं पूछूं एटॉमिक मास कार्बन का कितना है तब आप बताओगे एवरेज एटॉमिक मास ठीक है तो इस वजह से एवरेज एटॉमिक मास का कांसेप्ट आया क्वेश्चन ट्राई करेंगे कैलकुलेट द मॉलिक्यूलर मास ऑफ द फॉलोइंग h2o co2 ch4 अब सारे तो मैं करके नहीं दूंगी भाई है ना मुझे पता होना चाहिए कि आप खुद से भी कर पा रहे हो कि नहीं तो इसमें से चलो कोई भी एक मैं पिक करती हूं जो मैं करके देती हूं तो चलो मैं मीथेन का मॉलिक्यूलर मास निकालती हूं ठीक है तो अगर बात करें थेन की तो इसमें क्याक है एक कार्बन एटम है और चार हाइड्रोजन एटम्स है राइट तो अगर मुझे इसका मॉलिक्यूलर मास निकालना हो तो वो क्या हो जाएगा वो हो जाएगा 1 इन मास ऑफ वन कार्बन एटम है ना प्लस 4 इन मास ऑफ वन हाइड्रोजन एटम करेक्ट क्योंकि हाइड्रोजन एटम चार है और कार्बन एटम वन है ठीक है अब मास ऑफ वन कार्बन एटम कितना हो होता है मैंने बताया था 12 एय तो यह हो जाएगा 12 मास ऑफ हाइड्रोजन एटम कितना होता है 1 एय तो यह हो जाएगा वन तो ये कितना हो जाएगा 12 + 4 दैट इज 16 एय या फिर इसको आप 16 य भी लिख सकते हो ठीक है अच्छा यहां पर मैं एक चीज और बता दूं कि अगर आप एग्जैक्ट वैल्यूज देखोगे ना जैसे जनरली आपके बुक के अपेंडिक्स में दी रहती है एग्जैक्ट वैल्यू तो मास ऑफ वन कार्बन एटम आपको मिलेगा 12.01 करेक्ट उसी इसी तरीके से मास ऑफ हाइड्रोजन एटम मिलेगा आपको 1.00 79 तो जब आप वो एग्जैक्ट वैल्यूज डालोगे तो आपको ch4 का भी जो मास मिलेगा वो मिलेगा 16.04 लेकिन मैंने जो है ना यहां पर ये राउंडेड ऑफ नंबर्स ही लिए हैं फॉर ईज ऑफ कैलकुलेशंस ठीक है ना तुम्हारा आंसर आया क्या तो हमें एटॉमिक मास और मॉलिक्यूलर मास तो समझ आ गया अब हम बात करेंगे फार्मूला मास की बच्चे कह रहे होंगे कि मैम अभी एट मॉलिक्यूलर मास तो पढ़ लिया अब फार्मूला मास अलग से क्यों जरूरी है अभी बताती हूं कई बार क्या होता है कि हम ऐसे चीजों की मास निकालने की कोशिश करते हैं जिनके अंदर मॉलिक्यूल होते ही नहीं है ठीक है ना उनके अंदर मे बी वी आर टॉकिंग अबाउट एन आयनिक कंपाउंड अगर आयनिक कंपाउंड की मैं बात करूं उनके अंदर मॉलिक्यूल है ही नहीं एज डिस्क्रीट यूनिट्स उनके अंदर क्या है आयस तो ऐसे केसेस में जब मॉलिक्यूल है ही नहीं मैं मॉलिक्यूलर मास की बात कैसे कर सकती हूं है कि नहीं तो यहां पर हम बात करते हैं फॉर्मूला मास की ठीक है तो मान लो एग्जांपल लेती हूं स के अंदर जो आयस है कौन से आयस है na0 cl-cl इज इक्वल टू एटॉमिक मास ऑफ सोडियम प्लस एटॉमिक मास ऑफ क्लोरीन और इस तरीके से निकल जाएगा फार्मूला मास ऑफ सबसे पहला फर्क तो यह है कि मॉलिक्यूलर मास मतलब मॉलिक्यूल हैं वहां पर तो मॉलिक्यूल हैं मतलब उसके अंदर एटम्स हैं तो मॉलिक्यूलर मासस सम ऑफ एटॉमिक मासे ऑफ ऑल द एटम्स फॉर्मिंग द मॉलिक्यूल सिंपल फार्मूला मास का मतलब सम ऑफ एटॉमिक मासे ऑफ ऑल द आयस प्रेजेंट इन द फार्मूला यूनिट ऑफ द कंपाउंड क्लियर हो गया मॉलिक्यूलर मास जो है दिस इज लिंक्ड टू द मॉलिक्यूलर फार्मूला ऑफ द कंपाउंड मतलब एग्जाम लेते हैं लेट्स टॉक अबाउट ग्लूकोज ग्लूकोज का मॉलिक्यूलर फार्मूला क्या होता है c6 h12 o6 तो ये मॉलिक्यूलर फार्मूला हमें यह बताता है कि ग्लूकोज के अंदर सिक्स कार्बन एटम्स 12 हाइड्रोजन एटम्स सिक्स ऑक्सीजन एटम्स है ठीक है और यह जो मॉलिक्यूलर फार्मूला हमें मिलता है इस मॉलिक्यूलर फार्मूला से हम इसका मॉलिक्यूलर मास निकाल सकते हैं मतलब मॉलिक्यूलर फार्मूला मॉलिक्यूलर मास ये लिंक्ड है ठीक है अब दूसरी तरफ फार्मूला मास मास जो है ये कौन से फॉर्मूला से लिंक्ड है ये लिंक्ड है एमपिर कल फार्मूला से देखो कंफ्यूज नहीं होना है बिल्कुल एक के बाद एक मैं बताती जा रही हूं ठीक है तो ध्यान से सुनते रहो सब बहुत आसान है मॉलिक्यूलर मास था तो मॉलिक्यूलर फार्मूला था जो हमें बता रहा था कि ग्लूकोज में एगजैक्टली कितने-कितने मॉलिक्यूल हैं कितने-कितने एटम्स उसके मॉलिक्यूल को बना रहा है यहां पर क्या है फॉर्मूला मास है तो फॉर्मूला मास में तो होता ही यह है कि भाई हमको पता नहीं एगजैक्टली कितने एटम्स है क्योंकि वहां तो अंदर आयस है तो यहां पर जो एमपिर कल फॉर्मूला होगा वो हमें सिर्फ रेशियो बताएगा जैसे अगर मैं naclo4 है 88 है 16 16 है हमको नहीं पता हमें सिर्फ यह पता है कि सोडियम और क्लोरीन आयस जो हैं वो 1:1 के रेशियो में है तो एंपर कल फार्मूला हमें सिर्फ रेशियो बताता है कि जो भी हमारे आयस हैं वो किस रेशियो में प्रेजेंट है उस कंपाउंड में ठीक है तो अगर हम वापस ग्लूकोज का एग्जांपल लें ठीक है ग्लूकोज का मॉलिक्यूलर फार्मूला क्या होता है c6 h12 o6 है ना ग्लूकोज का एमपिर कल फॉर्मूला क्या होगा एमपिर कल फॉर्मूला क्या बताता है सिर्फ रेशियो बताता है ठीक है तो एमपिर कल फॉर्मूला ये नहीं बताएगा कि सिक्स कार्बन 12 हाइड्रोजन और सिक्स ऑक्सीजन है ये बताएगा 1 2:1 यानी कि यह बताएगा ch2o ये हो जाएगा इसका एंपर कल फार्मूला ध्यान से देखो दोनों फॉर्मूले को मॉलिक्यूलर फार्मूला बता रहे हैं एगजैक्टली कितने-कितने कार्बन हाइड्रोजन ऑक्सीजन एटम्स हैं ग्लूकोज में एमपिर कल फार्मूला बता रहा है कि कार्बन हाइड्रोजन और ऑक्सीजन ये किस रेशियो में पाया जाता है ग्लूकोज के अंदर 1 2:1 के रेशो में अब 6126 है यह या 484 है या 242 है वो हमको नहीं पता हमें सिर्फ रेशियो पता है क्लियर तो सबको समझ आ गया मॉलिक्यूलर फार्मूला और एमपिर कल फार्मूला का फर्क अगर यह समझ आ गया तो मॉलिक्यूलर मास फार्मूला मास का फर्क भी समझ आ गया होगा ठीक है देखो बच्चा पाटी यहां तक अच्छे से क्लियर कर लो यह बिल्कुल बेसिक्स है इसके बाद हम स्टार्ट करने वाले हैं मोल कांसेप्ट सबसे पहला सवाल वाई मोल मोल की जरूरत क्या थी क्यों मोल के बारे में हम बात कर रहे हैं एक छोटा सा सवाल मा लो मैं आपसे पूछती हूं कि 1 ग्राम सॉल्ट में 1 ग्राम सोचो कितने थोड़े से सॉल्ट की बात कर रही हूं मैं 1 ग्राम सॉल्ट में कितने नंबर ऑफ मॉलिक्यूल है यह सुनते ही आपको लगेगा नंबर ऑफ मॉलिक्यूल तो बहुत होंगे भले ही कि 1 ग्राम सॉल्ट बहुत थोड़ा सा है बट मॉलिक्यूल तो बहुत छोटे होते हैं तो इसके अंदर भी ढेरों सारे मॉलिक्यूल होंगे है कि नहीं तो जब कभी भी हमें इस तरह के लार्ज नंबर्स को हैंडल करना पड़ता है तो हमें उन्हें हैंडल करने के लिए एक यूनिट भी उसी लेवल का चाहिए होता है जैसे हम डजन वर्ड यूज करते हैं राइट कि हम दुकान में जाते हैं और बोलते हैं कि भैया दो दर्जन केले देना राइट दो दर्जन इज बेसिकली 24 न डजन इज 12 तो कभी भी हम 12 को 12 ना बोल के न डजन बोलते हैं तो अगर मुझे 60 बनानास चाहिए होंगे तो मैं बोलूंगी फ डजन बनानास राइट तो डजन क्या है डजन एक वर्ड है या फिर कह सकते हो एक निट है जो एक बड़े नंबर को रिप्रेजेंट कर रहा है उसी तरीके से हमने मोल निकाला और हमने कहा कि 1 मोल जो है दैट इज 6.022 * 10 टू द पावर 23 सोचो कितना बड़ा नंबर है तोब इसको अगर आप ऐसे ही लिखोगे ना नॉर्मली पावर के बिना तो 6.022 के बाद जो 10 आएगा आपका उसमें 23 जीरोज होंगे जस्ट इमेजिन हाउ बिग द नंबर इज तो मतलब कुछ यूं हो गया कि अगर मैं कहूं कि मेरे पास न मोल पेंस है इसका मतलब मेरे पास 6.022 * 10 टू द पावर 23 पेंस है सोचो कितने पेंस हैं इतने तो घर में रखने की जगह ना हो राइट तो मतलब इट्स अ ह्यूज नंबर अब इसका फायदा क्या हुआ अगर यह मोल वाला कांसेप्ट आ गया तो अब अगर मैं किसी से भी पूछूं कि भाई कितने नंबर ऑफ मॉलिक्यूल हैं इसके अंदर किसी भी चीज के अंदर तो इंस्टेड ऑफ टेलिंग सच बिग नंबर्स अब हम क्या बोलेंगे 5 मोल 10 मोल 15 मोल क्योंकि मोल का तो मतलब ही है 6.022 * 10 टू पावर 23 अब उसके साथ आप मल्टीप्लाई कर लो राइट तो ये जो है ये रीजन था कि मोल पिक्चर में आया और मोल को जो है सेवंथ क्वांटिटी की तरह वो जो बेस हमने बताया था ना सेवन बेस क्वांटिटीज एसआई सिस्टम में उसमें सेवंथ बेस क्वांटिटी की तरह इंट्रोड्यूस कर दिया गया मोल को फॉर अमाउंट ऑफ अ सब्सटेंस कि कोई चीज कितना है उसके लिए मोल को जो है एक क्वांटिटी की तरह निकाल दिया गया दूसरा सवाल वई आर वी सो मच बदर्डा उट नंबर ऑफ मॉलिक्यूल या फिर नंबर ऑफ एटम्स हम इस नंबर से इतने बदर्डा सॉल्ट जो है वो 5 ग्राम वाटर के साथ रिएक्ट कर रहा है तो जो रि क् हो रहा है वो 2 ग्राम और 5 ग्राम के बीच में नहीं हो रहा है वो सॉल्ट के जो पार्टिकल्स हैं और वाटर के जो पार्टिकल्स हैं उनके बीच में हो रहा है राइट तो हमें पता होना चाहिए कि ये जो नंबर ऑफ एटम्स हैं या नंबर ऑफ मॉलिक्यूल जो भी इवॉल्वड है इसमें वो कितने हैं क्योंकि जब जैसे-जैसे वो नंबर चेंज होगा वैसे-वैसे हमारे रिएक्शन में भी चेंजेज आएंगे इजन इट तो इसीलिए नंबर ऑफ पार्टिकल्स के बारे में सोचना काफी जरूरी है है ना तीसरा सवाल जो दिमाग में आता है कि यार 1 मोल का ये जो भयानक सा एक वैल्यू है 6.022 * 10 टू पावर 23 यह कहां से आया काफी लॉजिकल है ओबवियसली आसमान से तो नहीं टपका होगा तो देखते हैं कि यह कहां से आया तो 1 मोल को डिफाइन किया गया कि 1 मोल इज द अमाउंट ऑफ सब्सटेंस दैट कंटेंस एज मेनी डिस्क्रीट एंटिटीज एज देयर आर नंबर ऑफ एटम्स इन 12 ग्राम्स ऑफ कार्बन 12 एटम मैंने क्या बताया था कि स्टैंडर्ड क्या होता है हमने रेफरेंस किसको मान रखा है कार्बन 12 को हमने कहा कि 12 ग्राम कार्बन 12 के अंदर जितने नंबर ऑफ एटम्स है उतना ही मेरा न मोल है सिंपल कर दिया मैंने है कि नहीं तो चलो कैलकुलेट करके देखते हैं कि न मोल की वैल्यू कितनी आती है तो इसका मतलब अभी हमें कैलकुलेट क्या करना है हमें ये कैलकुलेट करना है कि 12 ग्राम्स ऑफ कार्बन 12 के अंदर इसके अंदर नंबर ऑफ एटम्स कितने होते हैं ठीक है अगर हम ये निकाल लेंगे तो हम एक्सपेक्ट यही कर रहे हैं कि जब हम इसे कैलकुलेट करेंगे तो मेरा आंसर आएगा 6.022 * 10 टू पावर 23 जो कि मेरा 1 मोल होता है ठीक है ना तो चलो निकालते हैं तो सबसे पहले तो ये देखते हैं कि हमारा मास ऑफ वन कार्बन 12 एटम कितना होता है तो मास ऑफ 1 c12 एटम ये कितना होता है ये हमने थोड़ी ही देर पहले डिस्कस ऑलरेडी किया था कि एक कार्बन 12 एटम में क्या होगा सिक्स प्रोटॉन और सिक्स न्यूट्रॉनस तो इसका मास क्या क्या हो जाएगा 6 * मास ऑफ़ वन प्रोटॉन प् 6 * मास ऑफ न्यूट्रॉन तो प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के मास बराबर होते हैं तो इसे हम लिख सकते हैं 12 * मास ऑफ प्रोटॉन अब मास ऑफ प्रोटॉन कितना होता है 12 * 1.66 * 10 टू पावर -24 ग्रा तो ये होता है मास ऑफ वन कार्बन 12 एटम ठीक है अब इसी को हम थोड़ा सा घुमा के लिखेंगे हम लिखेंगे कि भाई 12 * 1.66 * 10 टू पावर - 24 ग्रा ये मास होता है कितने कार्बन एटम्स का वन कार्बन एटम का है ना मतलब 1c 122 वही एक ही बात है तो एक कार्बन एटम का मास होता है इतना ठीक है और मुझे क्या निकालना है कि 12 ग्राम्स ऑफ कार्बन 12 में कितने एटम्स होंगे तो फिर 12 ग्राम्स ऑफ कार्बन 12 में कितने एटम्स होंगे 1 / 12 * 1.66 * 10 टू पावर - 24 * 12 तो ये 12 और 12 कैंसिल हो जाएगा तो 1 बा 1.66 * 10 टू पावर - 24 इसे अगर आप कैलकुलेट करोगे तो आपका आंसर आएगा 6.022 * 10 टू पावर 23 कार्बन 12 एटम्स है ना और यहीं से आया हमारा ये अजीब सा नंबर है कि नहीं तो हमने मोल को क्या डिफाइन किया था कि 1 मोल उतना ही होगा जितने नंबर ऑफ एटम्स 12 ग्राम c12 में होता है तो हमने यहां पर कैलकुलेट किया कि 12 ग्रा ऑफ c12 में इतने एटम्स होते हैं यानी कि 1 मोल में भी इतने नंबर ऑफ एंटिटीज होंगे तो बच्चों हमने क्या देखा 1 मोल के अंदर कितने एंटिटीज हैं एंटिटी मतलब समझ लो कुछ भी पार्टिकल्स है एटम्स है मॉलिक्यूल है उसे हम एंटिटीज कह रहे हैं एक जनरल टर्म तो 1 मोल के अंदर कितने एंटिटीज हैं 6.022 * 10 टू पावर 23 अब आप आगे चलके देखोगे कि यह नंबर इतना इंपॉर्टेंट है कि हमने इस नंबर को एक नया नाम दे दे क्या आप गेस कर सकते हो हमने इसे क्या नाम दिया क्योंकि आप देखते ही हो राइट कि साइंस में अधिकतर चीजों के नाम जो है ना साइंटिस्ट के नाम के ऊपर रखे जाते हैं तो याद करो जब हमने बात की थी लॉज ऑफ केमिकल कॉमिनेशन की तो वहां पर हमने एक लॉ पढ़ा था वहां पर हमने देखा था कि एक ऐसे साइंटिस्ट थे जिन्होंने पहली बार पहली बार उन्होंने नंबर ऑफ एटम्स नंबर ऑफ मॉलिक्यूल के बारे में बात की थी याद करने की कोशिश करो कौन सा वो लॉ था बिल्कुल सही एवो गडो लॉ ड्रो ने कहा था कि अगर हम अलग-अलग गैसेस के इक्वल वॉल्यूम्स लेते हैं एट एट सेम टेंपरेचर एंड प्रेशर तो उन सभी में सेम नंबर ऑफ मॉलिक्यूल होंगे तो इसीलिए इस नंबर का जो नाम है वह रख दिया गया एवो गडो नंबर ठीक है या फिर एवो गडो कांस्टेंट अब दोनों सुनने में एक जैसा लग रहा है हल्का सा फर्क है एवो गडो नंबर हम सिर्फ इस नंबर को कहते हैं 6.022 * 10 टू पावर 23 तो यह सिर्फ इस नंबर को एवो गडो नंबर कहते हैं तो इसका कोई यूनिट नहीं होता कोई डायमेंशन नहीं होता ये डायमेंशन लेस है लेकिन जब हम एवोकाडो कांस्टेंट की बात करते हैं तो हम कहते हैं 6.022 * 10 टू पावर 23 पर मोल यानी कि इतने एंटिटीज इन वन मोल तो पर मोल इसका एक यूनिट हो जाता है ठीक है तो इन्हें इसे शॉर्ट में डिनोट करने कैसे करते हैं हम हम इसे डिनोट करते हैं कैपिटल n और नीचे एक सब्सक्रिप्ट में ए ए इज फॉर एवोकाडो ठीक है तो यह था हमारा एवो गडो नंबर तो अब देखो कुल मिला के मोल कांसेप्ट क्या है कि किसी एक एलिमेंट के 1 मोल में जितने नंबर ऑफ एटम्स होंगे किसी दूसरे एलिमेंट के व मोल में भी उतने ही नंबर ऑफ एटम्स होंगे ठीक है तो अगर मैं कहती हूं 1 मोल ऑफ हाइड्रोजन एटम्स इसके अंदर कितने एटम्स हैं 6.022 * 10 टू पावर 23 एटम्स अब अगर मैं कहती हूं 1 मोल वाटर मॉलिक्यूल इसका मतलब है उसके अंदर कितने मॉलिक है 6.022 * 10 टू पावर 23 अगर मैं कहूं 1 मोल ऑफ naac.gov.in 1 ग्राम एटम हाइड्रोजन इसका मतलब है न मोल ऑफ हाइड्रोजन एटम ठीक है बहुत बार बच्चे कंफ्यूज हो जाते हैं कि 1 ग्राम एटम मतलब 1 ग्राम एटम बट ऐसा नहीं है अगर ऐसा लिखा रहे कि 1 ग्राम ऑफ एटम्स या फिर 1 ग्राम एटम्स तब इसका वो मतलब हुआ लेकिन अगर कभी भी ग्राम एटम सिंगुलर एटम 1 ग्राम एटम मतलब न मोल ऑफ एटम्स उसी तरह वन ग्राम मॉलिक्यूल मतलब वन मोल ऑफ मॉलिक्यूल तो इसे प्लीज ध्यान रखना क्योंकि क्वेश्चन में ना कई बार मोल की जगह ग्राम एटम या ग्राम मॉलिक्यूल भी यूज करते हैं तो उसमें कंफ्यूज मत होना ठीक है छोटी-छोटी सी बातें हैं जो मैं बीच-बीच में बताती जाऊंगी और घबराने की कोई जरूरत नहीं है हम सफिशिएंट नंबर ऑफ क्वेश्चंस भी सॉल्व करेंगे तो कोई भी बच्चा ऐसा मत सोचो कि क्या हम सिर्फ थ्योरी पढ़ते रहेंगे फिर क्वेश्चन सॉल्व नहीं होगा सब कुछ सॉल्व होगा आप बस ध्यान से पूरे वीडियो को फॉलो करते चलो ठीक है अब तक सब चल रहा है बढ़िया चलो आगे बढ़ते हैं अब बात करते हैं मोलर मास की मोलर मास क्या होता है एटॉमिक मास पढ़ा हमने क्या होता है मास ऑफ एटम मॉलिक्यूलर मास पढ़ा हमने क्या होता है मास ऑफ मॉलिक्यूल मोलर मास क्या होता है मास ऑफ वन मोल ऑफ अ सब्सटेंस इन ग्राम्स एक मोल किसी भी चीज के एक मोल का जो मास होता है ग्राम्स में उसे हम कहते हैं मोलर मास तो यहां पर एक एग्जांपल लेते हैं चलो निकाल के देखते हैं मोलर मास ऑफ कार्बन 12 कितना होगा यह तो अभी तक हमने क्या देखा न मोल में कितने एटम्स होते हैं न मोल में होते हैं 6.022 * 10 टू द पावर 23 कार्बन 12 एटम्स इतने होंगे ठीक है और हमने अभी यह भी देखा है थोड़ी देर पहले कि एक कार्बन 12 एटम का मास कितना होगा 12 एय और अगर मुझे ग्राम्स में बताना हो तो कितना होगा 12 * 1.66 * 10 टू पावर - 24 ग्रा राइट यह भी अब अब तक हम देख चुके हैं ठीक है तो अब अगर मुझे 1 मोल का मास निकालना हो तो कितना होगा 6.022 * 10 टू पावर 23 एटम्स का मास कितना हो जाए ये हो जाएगा 12 * 1.66 * 10 टू द पावर -24 * 6.022 * 10 टू द पावर 23 जब आप इसको मल्टीप्लाई करोगे तो आप देखोगे कि इवेंचर मल्टीप्लाई होके वन हो जाएगी और आपका आंसर क्या हो जाएगा 12 ग्रामस क्योंकि हम ग्राम्स में ही निकाल रहे हैं राइट तो बेसिकली यहां से हमको क्या पता चला कि जब हम कार्बन 12 का मोलर मास निकाल रहे हैं तो मुझे कितना मिल रहा है ये मुझे मिलल रहा है 12 ग्राम्स और यहां पर अगर आप देखो तो एक बहुत सरप्राइजिंग चीज आपको देखने को मिलेगी कि जब हम एटॉमिक मास की बात करते हैं इसी इसी की कार्बन 12 की ही तो उसका एटॉमिक मास कितना होता है उसका एटॉमिक मास होता है 12 [प्रशंसा] एय ठीक है तो यहां पर जो मजेदार बात है वो यह है कि हम ये देखते हैं कि जो मोलर मास का जो वैल्यू है और एटॉमिक मास का जो वैल्यू है ये दोनों वैल्यू न्यूमेरिकली सेम होता है जिस तरह कार्बन के लिए मोलर मास और एटॉमिक मास दोनों 12 है लेकिन ध्यान रहे 12 सिर्फ वैल्यू की बात कर रही हूं यूनिट्स दोनों के अलग है मोलर मास में ग्राम्स है और एटॉमिक मास में एय है और इन दोनों यूनिट्स में ही बहुत फासला है जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे तो यहां हम यह ध्यान ये एक इंटरेस्टिंग चीज हमने नोट की कि मोलर मास और एटॉमिक मास न्यूमेरिकली बराबर है इनफैक्ट सिर्फ कार्बन का ही नहीं बल्कि आप अगर दूसरे एलिमेंट्स भी देख ले जैसे कि हाइड्रोजन ऑक्सीजन सोडियम क्लोरीन सभी जगह आप देखोगे कि जो मोलर मास की वैल्यू है और जो एटॉमिक मास की वैल्यू है मतलब एवरेज एटॉमिक मास की जो वैल्यू है ये दोनों वैल्यू सेम है उसी तरह ऑक्सीजन के केस में भी उसी तरह सोडियम के केस में भी और उसी तरह क्लोरीन के केस में भी तो बेसिकली सभी के लिए क्या होता है कि जो एवरेज एटॉमिक मास है और जो मोलर मास है वो न्यूमेरिकली इक्वल होते हैं नाउ दिस इज वेरी इंपोर्टेंट दे आर ओनली न्यूमेरिकली इक्वल तो बचा पाटी यहां पर एक बहुत बहुत क्रुशल बात पे ध्यान देना है अभी-अभी हमने देखा कि एटॉमिक मास और मोलर मास न्यूमेरिकली इक्विवेलेंट होता है जैसे अगर हम कार्बन की बात करें तो उसका एटॉमिक मास है 12 एय और उसका मोलर मास है 12 ग्राम पर मोल ठीक है ना न्यूमेरिकली वैल्यू दोनों के सेम है लेकिन दोनों का यूनिट्स अलग है एक है एय तो दूसरा है ग्राम्स पर मोल और इन दोनों यूनिट्स में बहुत फासला है एमय एक बहुत छोटा सा यूनिट है राइट तो 1 एमय कितना ग्राम्स होता है 1.66 * 10 टू द पावर - 24 ग्राम्स तो सोच के देखो कि ग्राम्स के सामने 1 एय कितना छोटा सा यूनिट होता है तो भले ही दोनों नंबर सेम है बट जो दोनों के जो स्केल ऑफ मेजरमेंट है वो बिल्कुल अलग है करेक्ट तो जब हम इस बारे में बात करें हैं तो तभी मुझे ये ध्यान आ रहा है कि चूंकि हम मोल की बात कर रहे हैं राइट सिंस वी आर टॉकिंग अबाउट मोल हमें पता होना चाहिए कि हाउ बिग इज मोल हमने तो ये देख लिया कि भाई 1 मोल इज 6.023 * 10 टू पावर 23 सुन के लग रहा है कि हां यार बहुत बड़ा नंबर है तो मैं एक एग्जांपल देती हूं जो मुझे बहुत पसंद आया था इट वाज पब्लिश्ड इन एन आर्टिकल कि अगर आपको एक छोटा सा ड्रॉप ऑफ वाटर दिया जाए मतलब लेट्स से 0.03 ग्राम्स ऑफ वाटर सोचो कितना छोटा सा थोड़ा सा जरा सा ड्रॉप ऑफ वाटर दिया जाए और अगर मैं पूछूं कि इस ड्रॉप ऑफ वाटर में कितने मॉलिक्यूल हैं तो आपको पता है कितने मॉलिक्यूल होंगे 100 बिलियन टाइम्स द टोटल नंबर ऑफ पीपल ऑन अर्थ पूरे अर्थ में पूरे इंडिया में नहीं पूरे अर्थ में जितने लोग हैं उसका 100 बिलियन टाइम्स होगा यानी कि अगर हम इन मॉलिक्यूल को लोगों में डिस्ट्रीब्यूटर लगे तो एक-एक इंसान को 100 बिलियन मॉलिक्यूल मिलेंगे मिलियन नहीं बिलियन तो आप सोच सक रहे हो कि उस 0.03 ग्राम्स ऑफ वाटर के अंदर इतने बिलियंस एंड बिलियंस ऑफ मॉलिक्यूल है सो जस्ट इमेजिन हाउ नॉर्मसिंव कैलकुलेट करते हैं और साथ ही कुछ क्वेश्चंस भी देखें अब देखो हम नंबर ऑफ मोल्स कैलकुलेट कैसे करते हैं क्योंकि ये एक बहुत ही सुपर डुपर इंपॉर्टेंट पार्ट है क्योंकि होता य है कि एग्जाम्स वगैरह में आपको इसी टाइप के क्वेश्चंस आते हैं कि भाई नंबर ऑफ मोल्स निकालो कहीं पे नंबर ऑफ मोल्स दिया हुआ होगा एटॉमिक मास निकालो वगैरह वगैरह ठीक है तो ये पार्ट इंपॉर्टेंट है तो अब देखो यहां पर अलग-अलग केसेस में हम कैसे इसे हैंडल करेंगे अगर हम एलिमेंट्स की बात करें मान लो किसी एलिमेंट के लिए आपको नंबर ऑफ मोल्स निकालना है तो कैसे निकालो मास गिवन डिवाइडेड बाय ग्राम एटॉमिक मास ठीक है अब ये ग्राम एटॉमिक मास क्या होता है ग्राम एटॉमिक मास का मतलब होता है मैंने बताया था कि ग्राम एटम को हम मोल भी कहते हैं करेक्ट मतलब मोल की जगह हम कई बार ग्राम एटम लिखते हैं तो जब हम ग्राम एटॉमिक मास की बात कर रहे हैं तो हम ये कहना चाह रहे हैं कि मास ऑफ 1 मोल एटम्स इन ग्राम ठीक है मतलब हम एक एटम के मास की बात नहीं कर रहे हम 6.022 * 10 टू पावर 23 एटम्स की बात कर रहे हैं ठीक है तो अगर कभी भी किसी एलिमेंट के नंबर ऑफ मोल्स निकालने हैं तो मास गिवन मतलब जितने मास के लिए नंबर ऑफ मोल्स निकालना है वो मास डाल दो डिवाइड कर दो ग्राम एटॉमिक मास से ठीक इसी तरीके से अगर आपको कंपाउंड्स के लिए निकालना है तो वहां फर्क क्या होगा सिर्फ ग्राम एटॉमिक मास की जगह यहां पर आ जाएगा ग्राम मॉलिक्यूलर मास ठीक है और ग्राम मॉलिक्यूलर मास क्या होता है मास ऑफ 6.022 * 10 पावर 23 मॉलिक्यूल इन ग्राम ठीक है तो कई बार ना इनको शॉर्ट फॉर्म में g ए ए भी लिखा जाता है ग्राम मॉलिक्यूलर मास और इसे जी ए ग्राम एटॉमिक मास एक और सिनेरियो आ सकता है गैसेस के लिए गैसेस के केस में कई बार हमें नंबर ऑफ मोल्स निकालना होता है और यहां पर आपको यह एक फैक्ट पता होनी चाहिए कि 1 मोल ऑफ अ गैस ऑक्यूपाइड ऑफ 22.4 लीटर एट एसटीपी एसटीपी क्या होता है स्टैंडर्ड टेंपरेचर एंड प्रेशर और स्टैंडर्ड टेंपरेचर और प्रेशर कितना होता है 273 केल्विन और प्रेशर होता है वन एटमॉस्फेयर तो अगर एसटीपी में कोई गैस है तो तो वो हमेशा कितना वॉल्यूम ऑक्यूपाइड वेशन वगैरह पे मैं नहीं जा रही हूं अभी ये आप अभी एक फैक्ट की तरह जान लो तो इन ऐसे गैसेस के केस में अगर हमें नंबर ऑफ मोल्स निकालना हो तो हम क्या करेंगे वॉल्यूम गिवन मतलब जितने वॉल्यूम के लिए निकालना है डिवाइडेड बाय 22.4 लीटर ठीक है तो ये है हमारे तरीके नंबर ऑफ मोल्स निकालने के लिए तो अब क्या करेंगे कुछ क्वेश्चंस ट्राई करेंगे तो पहला क्वेश्चन ट्राई करते हैं वन एटम ऑफ एन एलिमेंट x वेज 6.64 3 * 10 पा - 23 ग्रा नंबर ऑफ मोल्स ऑफ़ एटम्स इन इट्स 20kg इज तो मैं हर क्वेश्चन को जब सॉल्व करूंगी मैं आपको बताऊंगी कि किस तरह से जो अभी मैंने जो फॉर्मूले बताए वो हम कैसे अप्लाई करेंगे राइट तो यहां हम किसकी बात कर रहे हैं यहां पर हम एलिमेंट की बात कर रहे हैं तो एलिमेंट के लिए हमने यह पढ़ा था कि एलिमेंट का हम नंबर ऑफ मोल्स कैसे निकालते हैं मास गिवन यानी कि कितने मास के लिए नंबर ऑफ़ मोल्स निकालना है यहां पर कितने मास के लिए निकालना है 20 केजी के लिए राइट तो हम कह सकते हैं कि यहां पर जो मास गिवन है वो है 20 केजी ठीक है अब केजी को ग्राम में कर लेते हैं क्योंकि न्यूमरेशन और डिनॉमिनेटर दोनों सेम यूनिट में होना चाहिए तो 1 केजी = 1000 ग्रा तो ये हो जाएगा 20 * 10 टू पावर 3 ग्राम्स ठीक है ग्राम एटॉमिक मास कितना हो जाएगा इसका इस पर्टिकुलर एलिमेंट का ग्राम एटॉमिक मास का मतलब क्या होता है मास ऑफ इतने सारे एटम्स इन ग्राम्स तो क्वेश्चन में एक एटम का मास दिया हुआ है इतना तो फिर ए एटम्स का कितना हो जाएगा na6 643 * 10 टू पावर - 23 ग्राम तो ए क्या होता है 6.022 * 10 टू पावर 23 * 6.64 3 * 10 टू पावर - 23 तो इसे आप कैलकुलेट करोगे तो एप्रोक्सीमेटली आपकी वैल्यू आएगी 40 ठीक है तो अब नंबर ऑफ मोल्स निकाल सकते हैं बिल्कुल आराम से तो नंबर ऑफ मोल्स क्या हो जाएगा मास गिवन यानी कि 20 * 10 टू पावर 3 डिवाइड बाय 40 तो आपका आंसर आ जाएगा 500 तो करेक्ट ऑप्शन इज डी ठीक है आसान था चलो आगे बढ़ते हैं और देखते हैं अगला क्वेश्चन वच इज 3.011 * 10 टू द पावर 22 एटम्स ऑफ़ एन एलिमेंट वेज 1.15 ग्रा ठीक है द एटॉमिक मास ऑफ द एलिमेंट इज तो यहां पर हम वापस से एलिमेंट्स पे बात कर रहे हैं तो एलिमेंट्स के केस में नंबर ऑफ मोल्स हम इस तरीके से निकालते हैं अब तक तो हम सबको पता ही है ठीक है तो अब देखो इस क्वेश्चन को इस फॉर्मूले को अगर आप देखोगे ना तो मास गिवन जो है वो यहां पर दिया हुआ है 1.15 ग्रा ठीक है मुझे एटॉमिक मास निकालना है तो बेसिकली ये ग्राम एटॉमिक मास वाला कॉम्पोनेंट जो है वो दिया हुआ नहीं है नंबर ऑफ मोल्स का क्या क्या नंबर ऑफ मोल्स दिया हुआ है डायरेक्टली तो दिया हुआ नहीं है बट नंबर ऑफ एटम्स दिया हुआ है जिससे हम नंबर ऑफ मोल्स निकाल सकते हैं कैसे हमें क्या पता है कि 6.022 * 10 टू पावर 23 एटम्स यह कितने मोल बनाता है यह होता है 1 मोल 1 मोल में इतने एटम्स होते हैं तो फिर 3.011 * 10 टू पावर 22 एटम्स ये कितने मोल्स बनाएगा ये बनाएगा 1/60 022 * 10 टू पावर 23 मल्टीप्ला बा 3.011 * 10 टू पावर 22 तो जब इसे आप कैलकुलेट करोगे तो ये आएगा 1/2 मोल्स तो यानी कि आपका नंबर ऑफ मोल्स कितना हो गया 1/20 ठीक है तो चलो अब सीधा-सीधा इस फॉर्मूले में हम वैल्यूज डालते हैं जो भी हमें पता है उन सबको डाल के देखते हैं तो नंबर ऑफ मोल्स है 1/20 ठीक है मास गिवन कितना है 1.15 ग्रा डिवाइडेड बाय ग्राम एटॉमिक मास ग्राम एटॉमिक मास मतलब टोटल मास ऑफ ए एटम्स तो na8 अभी किसमें है ग्राम्स में है तो यानी कि इसको कैलकुलेट करके जो एटॉमिक मास निकलेगा वो किसम होगा वो ग्राम्स में होगा ठीक है ना तो यूनिट का बड़ा कंफ्यूजन रहता है इस तरह के क्वेश्चंस में तो एटॉमिक मास क्या निकलेगा मेरा 1.15 * 20 डिवाइड बा ए दैट इज 6.022 * 10 टू पावर 23 ठीक है यह निकलेगा मेरा बट यह किसमें निकलेगा कौन से यूनिट में निकलेगा यह ग्राम्स में निकलेगा बट जो मेरे ऑप्शंस है वो सारे एय में है तो यानी कि मुझे ग्राम्स को एय में कन्वर्ट करना पड़ेगा रिलेशन क्या होता है हमें पता है कि 1 एय = 1.66 * 10 टू पावर - 24 ग्रा तो इसका मतलब 1 ग्रा कितना हो जाएगा 1 / 1.66 * 10 पावर - 24 u है कि नहीं तो इतना ग्राम कितना हो जाएगा इसके साथ हम क्या करेंगे तो ये हो जाएगा 1.15 * 20 / 6.022 * 10 पा 23 इस पूरे के साथ 1 ग्राम होता है इतना एमय तो इतना ग्राम कितना हो जाएगा इनू 1 बा 1.66 * 10 टू द पावर - 24 मैं कुछ भी कॉम्प्लिकेटेड नहीं कर रही हूं बिल्कुल सिंपल मैथमेटिक्स लगा रही हूं राइट मैं सिर्फ इसे ए में कन्वर्ट कर रही हूं ठीक है ना अब देखो जो डिनो मिनेट है ना डिनो मिनेट को जब आप कैलकुलेट करोगे तो ये इसकी वैल्यू आ जाएगी वन और मेरा न्यूमरेशन कितना आ जाएगा ये आ जाएगा 23 तो मेरा आंसर हो जाएगा 23 एय दैट इज ऑप्शन डी ये तो बहुत आसान था क्यों बच्चों अब बात करेंगे परसेंटेज कंपोजीशन की हम देखते हैं कि जो कंपाउंड्स होते हैं वो एक से अधिक एलिमेंट से बने होते हैं राइट जैसे अगर हम बात करें वाटर की तो वटर में हाइड्रोजन भी है और ऑक्सीजन भी है यह पता होना जरूरी है कि वाटर का कितना परसेंटेज हाइड्रोजन है और कितना परसेंटेज ऑक्सीजन है यह हमें काम आता है कहां काम आता है वो थोड़ी देर में पता करेंगे तो चलो देखते हैं कि कैसे निकालते हैं परसेंटेज कंपोजीशन तो परसेंटेज कंपोजीशन होता क्या है कि रेशो इन व्हिच इट्स कंसीट्स आर प्रेजेंट इन अ गिवन कंपाउंड तो जो भी हमारा कंपाउंड है ठीक है मान लेते हैं कि हम एक एग्जांपल लेते हैं लेट्स से ch4 मीथेन की बात करते हैं तो इसके कंसीट्स क्या है कार्बन और हाइड्रोजन तो कार्बन किस रेशो में प्रेजेंट है हाइड्रोजन किस रेशो में प्रेजेंट है वो बताता है हमें परसेंटेज कंपोजीशन तो हम परसेंटेज कंपोजीशन निकालते कैसे हैं मास परसेंट ऑफ एन एमेंट इन अ कंपाउंड इज इक्वल टू मास ऑफ एलिमेंट इन वन मोल ऑफ कंपाउंड डिवाइडेड बाय मोलर मास ऑफ द कंपाउंड मतलब उस कंपाउंड का जो पूरा मोलर मास है एक मोल का जो भी मास है उससे हम डिवाइड कर देंगे किसको मास ऑफ वन एलिमेंट इन वन मोल ऑफ कंपाउंड ठीक है एग्जांपल लेते हैं जैसे बात करते हैं मीथेन की ठीक है तो सबसे पहले तो ये देखते हैं कि मीथेन का मोलर मास क्या होगा हमने देखा था राइट कि मोलर मास की जो वैल्यू है ना वो एटॉमिक मास के वैल्यू की बराबर ही होती है जस्ट दैट इसका यूनिट अलग होता है राइट तो कार्बन का कितना होगा मास 12 प्लस हाइड्रोजन का कितना होगा 1 1 * 4 सो 12 + 4 दैट इज 16 तो ये हो जाएगा 12 + 4 दैट इज 16 ग्राम्स मोलर मास हम ग्राम्स में लेते हैं ठीक है अब देखना है कि व्हाट इज द मास ऑफ कार्बन इन वन मोल ऑफ कंपाउंड एक मोल ऑफ कंपाउंड में कार्बन कितना है तो अगर हम मास ऑफ कार्बन की बात करें य पर तो कार्बन का मास कितना है 12 करेक्ट तो फिर मास परसेंटेज ऑफ कार्बन कितना हो जाएगा 12/1 इन 100 उसी तरीके से मास परसेंटेज ऑफ हाइड्रोजन कितना हो जाएगा 4/1 इन 100 ठीक है तो इसकी वैल्यू कैलकुलेट करोगे तो यह आ जाएगा 75 और यह आ जाएगा 25 ठीक है तो इसका मतलब मास परसेंट ऑफ कार्बन इसमें है 75 और मास परसेंट ऑफ हाइड्रोजन है 25 पर तो इस तरीके से हम परसेंटेज कंपोजीशन निकालते हैं एक क्वेश्चन ट्राई करते हैं कैलकुलेट द मास परसेंट ऑफ डिफरेंट एलिमेंट्स प्रेजेंट इन सोडियम सल्फेट तो सोडियम सल्फेट में कौन-कौन से एलिमेंट्स प्रेजेंट है सोडियम सल्फर और ऑक्सीजन ठीक है तो सबसे पहले हम क्या कैलकु लेट करेंगे सबसे पहले कैलकुलेट करेंगे मोलर मास ऑफ na2s o4 यानी कि सोडियम सल्फेट जो कि कितना हो जाएगा सोडियम का एटॉमिक मास होता है 23 यहां पर दो एटम्स है सो 2 * 23 प्लस सल्फर का कितना होता है 32 ऑक्सीजन का होता है 16 बट यहां पे फोर एटम्स है तो 4 * 16 तो ये आ जाएगा 142 ग्रामस यह हो गया मेरा मोलर मास ठीक है अब देखते हैं कि इंडिविजुअली इन एलिमेंट्स के कितने मास है तो मास ऑफ सोडियम की अगर हम बात करें तो कितना है सोडियम का कितना है 2 * 23 यानी कि 46 ग्राम मास ऑफ सल्फर कितना है 32 तो ये हो जाएगा 32 ग्रामस उसी तरह मास ऑफ ऑक्सीजन कितना है 4 * 16 दैट इज 64 ग्राम ठीक है तो अब हम मास परसेंट निकाल सकते हैं मास परसेंट ऑफ सोडियम कितना हो जाएगा 46 डिवाइडेड बाय 142 मतलब मास ऑफ सोडियम डिवाइडेड बाय मोलर मास ऑफ सोडियम सल्फेट * 100 तो यह कितना होगा 32.3 194 पर ठीक इसी तरीके से मास परसेंट ऑफ सल्फर निकालेंगे तो वो हो जाएगा 32 / 142 * 100 इसकी वैल्यू हो जाएगी 22.5 उसी तरीके से मास परसेंट ऑफ ऑक्सीजन निकालेंगे तो वो हो जाएगा 64 डिवाइड 142 * 100 दैट इज 45.0 7 तो इस तरीके से हम निकालेंगे परसेंटेज कंपोजीशन अच्छा एक बात फिर से क्लेरिफाई कर देती हूं कि यह जो हम ले रहे हैं ना मासे ये मैं सारे राउंड फिगर्स में ले रही हूं तो काफी चांसेस है कि जब आप अपने बुक से आंसर्स टैली करो तो यू नो डेसीमल के बाद जो है थोड़े से फर्क आए दैट इज बिकॉज आई एम नॉट टेकिंग द एग्जैक्ट वैल्यूज कई क्वेश्चंस में जब एग्जाम में पूछे जाते हैं तो आपको एग्जैक्ट मास दिया हुआ होगा एकदम प्रॉपर एग्जैक्ट एटॉमिक मास दिया हुआ होगा अगर दिया हुआ है तो आप उसे ही यूज करना एक बार हमें परसेंटेज कंपोजीशन अगर पता चल गया तो बड़ी ही आसानी से हम उस कंपाउंड का एमपिर कल फार्मूला फिर मॉलिक्यूलर फार्मूला निकाल सकते हैं तो चलो स्टेप बाय स्टेप देखते हैं कैसे एंपर कल फार्मूला और मॉलिक्यूलर फार्मूला निकलता है अब देखो परसेंटेज कंपोजीशन से मॉलिक्यूलर फार्मूला तक पहुंचना जो है दैट इज अ फाइव स्टेप प्रोसेस ठीक है तो यहां पर हम इस क्वेश्चन के हेल्प से ये पूरा प्रोसेस क्वेश्चन कहता है कि डिटरमाइंड द एमपिर कल फार्मूला ऑफ एन ऑक्साइड ऑफ आयरन च हैज 69.9 पर आयरन एंड 30.1 पर डाई ऑक्सीजन बाय मास ठीक है तो मास परसेंटेज दिया हुआ है देखो मैं स्टेप बाय स्टेप बताऊंगी पहला स्टेप स्टेप वन क्या है कि कन्वर्ट मास परसेंटेज टू ग्राम्स इसे ग्राम्स में कन्वर्ट करना है वो हम कैसे करेंगे हमय चूंकि हमें परसेंटेज दिया हुआ है तो हम एज्यूम कर लेंगे वीी विल एज्यूम दैट वी हैव 100 ग्रामस ऑफ द कंपाउंड तो जिस कंपाउंड का ये जो आयरन ऑक्साइड है हम मान लेते हैं कि हमारे पास जो है 100 ग्राम ऑफ आयरन ऑक्साइड था अगर हम ऐसा मान लेते हैं तो उसमें आयरन कितना होगा उसमें आयरन हो जाएगा 69.9 ग्राम और उसमें डाई ऑक्सीजन यानी कि o2 डाई मतलब टू सो o2 कितना होगा o2 हो जाएगा 30.1 ग्राम्स तो देखा कैसे कन्वर्ट किया हमने परसेंटेज में है मतलब परसेंटेज का मतलब क्या होता है 69.9 पर मतलब 69.9 आउट ऑफ 100 तो मैंने ये अजूम कर लिया कि लेट अस सपोज कि वी हैव 100 ग्राम्स ऑफ द कंपाउंड ठीक है ना तो अगर 100 ग्राम्स ऑफ कंपाउंड है तो आयरन 69.9 ग्रा है और ऑक्सीजन 30.1 ग्रा है ठीक है तो पहला स्टेप तो डन हो गया दूसरा स्टेप में क्या करेंगे कन्वर्ट इनटू नंबर ऑफ मोल्स ऑफ ईच एलिमेंट तो अब नंबर ऑफ मोल्स ऑफ आयरन नंबर ऑफ मोल्स ऑफ ऑक्सीजन यह हमें निकालना है स्टेप टू में तो ये क्या था ये था स्टेप वन अब हम स्टेप टू की बात करेंगे तो निकालने हमें क्या निकालना है मोल्स ऑफ आयरन और मोल्स ऑफ ऑक्सीजन दोनों निकालना है मोल्स ऑफ आयरन कैसे निकालेंगे नंबर ऑफ मोल्स कैसे निकालते हैं हम एलिमेंट का गिवन मास डिवाइडेड बाय एटॉमिक मास करेक्ट ऐसे ही निकालते हैं हम तो हमारा इस केस में गिवन मास कितना है 69.9 ग्रा तो आयरन का एटॉमिक मास होता है 55.8 तो यहां पर जो है ना वी आर मोर कंसर्न्ड अबाउट द रेशियो ठीक है ना तो अब बहुत से बच्चों के दिमाग में ये क्वेश्चन आएगा कि जब हम नंबर ऑफ मोल्स निकालते थे तो नीचे हम ग्राम एटॉमिक मास लेते थे जब हम उसे ए से मल्टीप्लाई करते थे यानी कि 6.022 * 10 टू पावर 23 से हम मल्टीप्लाई करते थे राइट बट यहां हम वो नहीं कर रहे हैं ऐसा क्यों क्योंकि यहां पर जो है ना हम मोल्स ऑफ आयरन निकाल रहे हैं मोल्स ऑफ ऑक्सीजन निकाल रहे हैं जस्ट टू सी देयर रेशो तो अगर हम उसे करेंगे तो हमारी कैलकुलेशन और कॉम्प्लिकेट होती जाएगी राइट सो जस्ट टू अवॉइड दैट हमने उसे यहां पर कंसीडर नहीं किया है ठीक है तो ये वैल्यू मेरी आती है लगभग 1.25 उसी तरह मोल्स ऑफ ऑक्सीजन निकालेंगे तो ये आएगा 30.1 जो कि मेरा गिवन मास है डिवाइडेड बाय ऑक्सीजन का जो एटॉमिक मास होता है व्हिच इज 16 तो इसकी वैल्यू आ जाएगी 1.88 तो ये हो गया मेरा स्टेप टू ठीक है अब स्टेप थ्री की बारी है स्टेप थ्री में हम क्या करेंगे डिवाइड मोल वैल्यू बाय द स्मॉलेट नंबर ठीक है अब देखो इसमें हम क्या करेंगे तीसरा केस अब यहां पर मेरा स्मॉलर नंबर कौन सा वाला है 1.25 और 1.88 में से 1.25 है राइट तो हम क्या करेंगे 1.25 से डिवाइड कर देंगे मोल वैल्यू को ठीक है यानी कि देखो अभी त तक क्या हुआ आयरन और ऑक्सीजन के मेरे मोल वैल्यूज कितने थे 1.25 और 1.88 तो हम क्या करेंगे स्टेप थ्री के हिसाब से दोनों को 1.25 से डिवाइड कर देंगे ठीक है तो क्या हो जाएगा ये हो जाएगा वन क्योंकि हम इन दोनों का रेशियो निकालना चाह रहे हैं राइट तो ये हो जाएगा वन और ये क्या हो जाएगा ये हो जाएगा 1.5 ठीक है अब 1 1.5 ये हमको चलेगा नहीं भाई डेसीमल में मुझे नहीं चलेगा तो मैं क्या करूं जैसे 1 बा 1.5 है अब मुझे अगर इस पॉइंट को हटाना है अगर मैं ऊपर नीचे टू से मल्टीप्लाई कर दूं चलेगा बिल्कुल चलेगा तो वही करते हैं इसको पूरे को ना ऊपर नीचे टू से मल्टीप्लाई कर देते हैं तो ये क्या हो जाएगा 2:3 तो यहां पर इस स्टेप में हमें ये पता चल गया कि आयरन और ऑक्सीजन का जो रेशियो है ना दैट इज 2:3 ठीक है ये मेरा काफी इंपॉर्टेंट स्टेप था जो कि था स्टेप थ्री अब स्टेप फोर क्या है राइट एमपिर कल फॉर्मूला यूजिंग सिंबल्स ऑफ एलिमेंट्स मतलब हम एमपिर कल फॉर्मूला तक पहुंच चुके हैं एमपिर कल फॉर्मूला लिखने के लिए एलिमेंट्स के पहले सिंबल्स डालो आयरन ऑक्सीजन किस रेशियो में है 2:3 तो ये हो गया मेरा एमपिर कल फॉर्मूला ठीक है तो इस क्वेश्चन का तो हमने आंसर कर दिया बट हमें मॉलिक्यूलर फॉर्मूला भी अगर निकालना हो तो हम क्या करेंगे और वही हमारा पांचवा स्टेप है कि राइट मॉलिक्यूलर फॉर्मूला तो अगर मुझे एमपिर कल फॉर्मूला मिल गया है तो वहां से हम मॉलिक्यूलर फार्मूला कैसे निकालेंगे याद करो कि एमपिर फॉर्मूला और मॉलिक्यूलर फॉर्मूला का कांसेप्ट क्या होता है एमपिर कल फॉर्मूला जो है वो हमें बताता है कि ये जो एलिमेंट्स हैं ये किस रेशियो में प्रेजेंट है और मॉलिक्यूलर फार्मूला हमें बताता है कि एग्जैक्ट नंबर्स क्या है कितने आयरन और कितने ऑक्सीजन है है ना तो इसका मतलब है कि जो मॉलिक्यूलर फार्मूला के जो ये नंबर्स होंगे जैसे इस केस में एमपिर कल फॉर्मूला के नंबर्स हैं टू और थ्री तो मॉलिक्यूलर फार्मूला के जो नंबर्स होंगे वो बेसिकली ये 2 और थ के ही मल्टीपल होंगे राइट क्योंकि एमपिर कल फार्मूला तो एकदम सिंपलेस्ट रेशियो देता है ग्लूकोज का एग्जांपल याद करो ग्लूकोज का मॉलिक्यूलर फार्मूला होता था c6 h12 o6 और उसका एमपिर कल फार्मूला होता था ch2o तो एमपिर कल फार्मूला जो है ना 1 2 1 इसी का ही इसी को अगर हम थ्री से मल्टीप्लाई कर दें इसी को अगर हम सिक्स से मल्टीप्लाई कर दें सॉरी तो मुझे मिल जाएगा मॉलिक्यूलर फॉर्मूला राइट क्योंकि म लर फार्मूला का ही सिंपलेस्ट रेशो है एमपिर कल फार्मूला क्लियर है तो उसी लॉजिक से जाते हुए हम क्या करेंगे जब भी हमें एंपर कल फार्मूला से मॉलिक्यूलर फार्मूला निकालना है यानी कि हमारा स्टेप फाइव तो हम क्या करेंगे सबसे पहले हम निकालेंगे एमपिर कल फार्मूला मास ठीक है जो कि इस केस में क्या हो जाएगा 2 * एटॉमिक मास ऑफ आयरन व्हिच इज 55 8 + 3 * एटॉमिक मास ऑफ ऑक्सीजन व्हिच इज 16 तो यह हो जाएगा 159.5 ग्रास ये हो गया एमपिर कल फॉर्मूला मास ठीक है अब हम क्या करेंगे अब हम इसका मोलर मास लेंगे अब आप पूछोगे कि मैम इसका मोलर मास हम कहां से निकाले यहां तो दिया हुआ नहीं है इसको ये जो क्वेश्चन हमने लिया था ना इस क्वेश्चन में सिर्फ एंपर कल फार्मूला पूछा गया था राइट बट अगर आपके पास जो दूसरा क्वेश्चन रहेगा जिसमें वहां पे आपको मॉलिक्यूलर फार्मूला निकालने के लिए कहा जाएगा वहां मोलर मास जो है यह आपको गिवन होगा ठीक है तो एमपिर कल फॉर्मूला मास आप निकाल लोगे मोलर मास आपको दिया हुआ होगा अब आप क्या करोगे इन दोनों को कर दोगे डिवाइड मतलब n की जो वैल्यू है दैट विल बी इक्वल टू मोलर मास डिवाइडेड बाय एमपिर कल फॉर्मूला मास ठीक है और इस तरह से आपको n की एक वैल्यू मिलेगी ये n है कौन सी चीज यही जो यहां के एग्जांपल में मैंने बताया राइट कि जो एंपर कल फार्मूला होता है उसके जो सब्सक्रिप्ट्स होते हैं उसके साथ अगर आप एक नंबर मल्टीप्लाई कर दोगे तो आपका मॉलिक्यूलर फार्मूला आ जाएगा क्योंकि एमपिर कल फार्मूला मॉलिक्यूलर फार्मूला का ही सिंपलेस्ट रेशियो होता है राइट तो ये n की वैल्यू एक बार आपको मिल गई तो आप क्या करोगे एमपिर कल फार्मूला के सब्सक्रिप्ट्स में जैसे ये fe2 o3 है टू के साथ n मल्टीप्लाई कर दो दो थ के साथ n मल्टीप्लाई कर दो तो जो बनेगा वो आपका हो जाएगा मॉलिक्यूलर फार्मूला ठीक है क्लियर है मतलब ये काफी कांसेप्चुअल है अगर आपको एमपिर कल फॉर्मूला मॉलिक्यूलर फॉर्मूला समझ में आ गया है तो यह स्टेप फाइव काफी सिंपल है ठीक है बट बच्चों यह जो है यह जो पूरा जो प्रोसेस है ना एंपर कल और मॉलिक्यूलर फॉर्मूला निकालने का मैं चाहूंगी कि आप इसे खुद से सॉल्व करके देख लो क्योंकि इसको सिर्फ देख के समझना इज नॉट इनफ यू शुड डेफिनेटली प्रैक्टिस एंड अंडरस्टैंड इट ओ ओके सो बचा पाटी अब हम बात करने वाले हैं स्टोइकियोमेट्री की यार नाम ही इतना खतरनाक है कि लगता है कि कुछ पल्ले नहीं पड़ेगा बट ऐसा है नहीं स्टोइकियोमेट्री बेसिकली दो वर्ड से बना है दो ग्रीक वर्ड से स्टोकन और मेट्रन स्टोकन मतलब एलिमेंट्स मेट्रन मतलब मेजरमेंट्स तो स्टोइकियोमेट्री डील्स विद कैलकुलेशन ऑफ मासे मासे या कभी-कभी वॉल्यूम्स भी तो जभी भी कोई केमिकल रिएक्शन होता है उसके रिएक्टेंट्स का अमाउंट कितना रिएक्टेंट कंबाइन किया कितना प्रोडक्ट बना तो इस तरह की चीजों के साथ यह हैंडल करता है ठीक है तो इससे पहले कि हम यह देखें कि किस तरह से हम एक रिएक्शन के यू नो अमाउंट्स के साथ खेल सकते हैं मतलब अमाउंट ऑफ़ रिएक्टेंट अमाउंट ऑफ़ प्रोडक्ट उससे पहले यह जानना जरूरी है कि हमारा बैलेंस्ड केमिकल इक्वेशन का कांसेप्ट क्लियर तो है ना हालांकि यह हमने पहले ही पढ़ रखा है 10th स्टैंडर्ड में बट फटाफट से करेंगे एक रीकैप केमिकल रिएक्शन क्या होता है व्हेन एवर अ केमिकल चेंज टेक्स प्लेस वी से दैट अ केमिकल रिएक्शन हैज टेकन प्लेस जब कभी भी मैग्नीशियम ऑक्सीजन से कंबाइन किया क्या बन गया मैग्नीशियम ऑक्साइड तो इसका मतलब मैग्नीशियम अंडरवेंट अ चेंज एक केमिकल चेंज हुआ तो केमिकल रिएक्शन हैज अर् अगर हम इस इक्वेशन को देखें तो हम देखेंगे कि मैग्नीशियम और ऑक्सीजन ऐसी दो चीजें हैं जिनके ऊपर चेंज हो रहा है तो इन्हें हम कहते हैं रिएक्टेंट्स और एज अ रिजल्ट ऑफ दिस रिएक्शन जो नया चीज बन रहा है जो कि यहां पर है मैग्नीशियम ऑक्साइड दैट इज आवर प्रोडक्ट ठीक है अब बात करते हैं बैलेंस्ड केमिकल इक्वेशन की क्यों जरूरी है केमिकल इक्वेशन को बैलेंस करना क्योंकि भैया हमें फॉलो करना पड़ेगा लॉ ऑफ कंजर्वेशन ऑफ मास मास जो है टोटल सभी एलिमेंट्स का रिएक्शन से पहले और रिएक्शन के बाद बराबर होना चाहिए जिसका ये मतलब है कि टोटल नंबर ऑफ़ एटम्स ऑफ़ ईच एलिमेंट बिफोर रिएक्शन एंड आफ्टर रिएक्शन मस्ट बी सेम यानी कि अगर हम इसी इक्वेशन की बात करें तो रिएक्शन से पहले मैग्नीशियम के कितने एटम्स हैं एक रिएक्शन के बाद मैग्नीशियम के कितने एटम्स हैं एक तो चलो मैग्नीशियम तो भाई बैलेंस्ड है सिमिलरली ऑक्सीजन का रिएक्शन से पहले कितने एटम्स हैं दो o2 है राइट रिएक्शन के बाद कितने एटम्स हैं एक है ना तो यानी कि ऑक्सीजन तो बैलेंस नहीं है तो कैसे बैलेंस करेंगे प्रोडक्ट साइड में हम टू से मल्टीप्लाई कर देंगे अब क्या हुआ ऑक्सीजन तो दोनों साइड बैलेंस हो गया लेकिन हमारे मैग्नीशियम का बैलेंस बिगड़ गया अब क्या करें इसको वापस बैलेंस करेंगे तो रिएक्टेंट वाले साइड में हम मैग्नीशियम के साथ टू मल्टीप्लाई कर देंगे अब जो है मैग्नीशियम और ऑक्सीजन दोनों ही बैलेंस्ड है तो ये पूरा का पूरा इक्वेशन बैलेंस्ड है ठीक है तो जिन भी बच्चों को बैलेंसिंग अ केमिकल इक्वेशन याद नहीं है अभी मैं इतना टाइम लगा के पूरा तो एक्सप्लेन नहीं करूंगी बट जिनको याद नहीं है फटाफट से देखो मैंने लिंक फ्लैश कर दिया है ये 10थ स्टैंडर्ड का एक वीडियो है ऑन हाउ टू बैलेंस अ केमिकल इक्वेशन बहुत ही क्रिस्प एंड क्लियर वीडियो है इसको देखोगे सारे कांसेप्ट क्लियर हो जाएंगे ठीक है तो हमें ये समझ आ गया कि भाई रिएक इक्वेशन को हम बैलेंस क्यों करते हैं तो अब देखते हैं कि अगर हमारे पास एक बैलेंस्ड केमिकल इक्वेशन दिया हुआ है ठीक है तो सिर्फ उस इक्वेशन को देख कर के हमें क्या-क्या इंफॉर्मेशन मिलती है तो यह हमारा गिवन बैलेंस्ड इक्वेशन है जिसके अंदर हम देख रहे हैं कि मीथेन ऑक्सीजन से कंबाइन करके बना रहा है कार्बन डाइऑक्साइड एंड वाटर तो सीधा-सीधा कुछ चीज हमें दिख रहा है कि भाई इसमें रिएक्टेंट क्या है मीथेन और ऑक्सीजन और इसमें प्रोडक्ट क्या है कार्बन डाइऑक्साइड एंड वाटर इसके अलावा हमें यह भी दिख रहा है कि सब हर एक कंपाउंड के बगल में लिखा हुआ है जी यानी कि ये सारी की सारी चीजें गैसियस फॉर्म में है इसके अलावा और क्या दिख रहा है चलो देखते हैं और क्या इंफॉर्मेशन मिल रही है हमें इस बैलेंस्ड केमिकल इक्वेशन से मोल्स के टर्म्स में अगर बात करें तो यह हमें बता रहा है कि 1 मोल ऑफ ch4 रिएक्ट्स विथ टू मोल्स ऑफ ऑक्सीजन टू गिव 1 मोल ऑफ कार्बन डाइऑक्साइड एंड 2 मोल्स ऑफ वाटर तो बेसिकली ये जो नंबर्स हैं ये हमें बता रहे हैं कि कितना मोल एक कंपाउंड का कितने मोल ऑफ दूसरे कंपाउंड से मिलके कितना मोल ऑफ प्रोडक्ट्स बना रहा है राइट तो मोल्स के टर्म्स में हमें यह पता चल रहा है अगर बात करें मॉलिक्यूल के टर्म्स में तो हमें क्या पता चल रहा है हमें पता चल रहा है कि वन मॉलिक्यूल ऑफ ch4 कंबाइनिंग विद टू मॉलिक्यूल ऑफ ऑक्सीजन टू गिव वन मॉलिक्यूल ऑफ कार्बन डाइऑक्साइड एंड टू मॉलिक्यूल ऑफ़ वाटर सुनके लगेगा बहुत बेसिक सी चीजें हैं बट अगर ये चीजें आपको नहीं पता होंगी ना तो आगे जाके जो क्वेश्चंस आपके सामने आएंगे उसमें आपको लॉजिक समझ नहीं आएगा ठीक है तो यह दूसरी चीज सम ये दूसरी इंफॉर्मेशन हमें मिलती है इन टर्म्स ऑफ मॉलिक्यूल तीसरा इंफॉर्मेशन जो मिलता है वो मिलता है इन टर्म्स ऑफ मासेज मासेज की अगर हम बात करें तो 16 ग्रा ऑफ ch4 अब ये 16 ग्रा कहां से आया कार्बन का मास कितना होता है 12 हाइड्रोजन का होता है वन बट यहां पे फोर हाइड्रोजन है तो फोर तो 12 + 4 हो गया 16 तो 16 ग्राम्स ऑफ मीथेन अब 16 क्या है ये क्या है ये बेसिकली हमें क्या पता है कि 4 का जो मोलर मास होगा उसका दैट इज़ न्यूमेरिकली इक्वल टू द एटॉमिक मास करेक्ट तो इसका पूरा एटॉमिक मास हमने निकाल लिया सो दैट इज़ गोइंग टू बी द मोलर मास ऑफ़ दिस पर्टिकुलर कंपाउंड तो ये हो गया 16 ग्रा उसी तरीके से अगर हम ऑक्सीजन की बात करें तो इसका पूरा का मास कितना है 2 * o2 एक तो टू है 2 मोल्स है राइट सो 2 * अब o2 का कितना हो जाएगा मास एक ऑक्सीजन एटम का मास कितना होता है 16 यहां पे दो ऑक्सीजन एटम्स हैं तो 2 * 16 दैट इज 32 सो 2 * 32 ग्रा ऑफ ऑक्सीजन तो मतलब 16 ग्रा ऑफ मीथेन कंबाइनिंग विद 2 * 32 ग्रा ऑफ ऑक्सीजन टू गिव कितना ग्राम ऑफ कार्बन डाइऑक्साइड कार्बन का होता है 12 ऑक्सीजन का होता है 16 और ऑक्सीजन के दो एटम्स हैं सो दिस इज 12 + 32 दैट इज 44 तो यह देगा 44 ग्रा ऑफ कार्बन डाइऑक्साइड और कितना ग्राम ऑफ वाटर हाइड्रोजन का हो जाएगा 2 * 1 और ऑक्सीजन का हो जाएगा 16 2 * 18 ग्रा ऑफ़ वाटर तो अगर हम मास के टर्म्स में बात करें तो हम कहेंगे 16 ग्राम्स ऑफ मीथेन कंबाइनिंग विद 64 ग्रा ऑफ ऑक्सीजन टू गिव 44 ग्रा ऑफ़ कार्बन डाइऑक्साइड एंड 2 * 18 ग्रा ऑफ वाटर तो बच्चों सब कुछ सही चल रहा है अब बहुत ज्यादा कुछ बचा नहीं है एक बहुत इंपॉर्टेंट कांसेप्ट अभी बताने वाली हूं मैं वो है लिमिटिंग रिएजेंट का कभी-कभी क्या होता है रिएक्शन में कि जो रिएक्टेंट्स होते हैं ना मान लो मेरे दो रिएक्टेंट्स हैं उसमें से कोई एक रिएक्टेंट जो है जितना चाहिए मुझे उससे कम है ठीक है तो ऐसे केस में क्या होगा मेरा जो रिएक्शन है वह समय से पहले ही स्टॉप हो जाएगा क्योंकि एक रिएक्टेंट तो खत्म हो जाएगा ना टाइम से पहले ही है कि नहीं तो उसकी वजह से क्या होगा जो मेरा प्रोडक्ट बनने वाला है वो प्रोडक्ट भी मुझे डिजायर्ड अमाउंट में नहीं मिलेगा क्योंकि रिएक्शन पहले ही स्टॉप हो गया ना तो मतलब कुछ यूं समझ लो कि मान लो आपने कल घर पे गेट टुगेदर रखा है जिसमें आपने 60 लोगों को इनवाइट किया है 60 पीपल ठीक है लेकिन आप जो रॉ मटेरियल खरीद के लाए हो खाना बनाने के लिए वह सिर्फ 30 लोगों का लाए हो अब जो रसोइया है जो कुक है जब वह खाना बनाने जाएगा क्या होगा इससे पहले कि वो 60 लोगों का खाना बनाए उसका सामान ही खत्म हो जाएगा है कि नहीं जब रॉ मटेरियल ही खत्म हो जाएगा तो बनाएगा कैसे 60 लोगों का खाना समझ रहे हो ना बात को ठीक उसी तरीके से अगर आपका जो रिएक्टेंट है किसी कोई एक रिएक्टेंट अगर जितना चाहिए उससे कम है भले ही दूसरा वाला रिएक्टेंट बहुत है परट जब एक खत्म हो जाएगा तो दूसरा रिएक्ट किससे करेगा राइट तो ये जो रिएक्टेंट है जो कम है ये हमारे प्रोडक्ट कितना प्रोडक्ट बनेगा उसको लिमिट करता है वो बनने नहीं देता है उसको ज्यादा वो उसके इसके कम होने की वजह से मेरा प्रोडक्ट भी कम बनता है तो इस रिएक्टेंट को हम कहते हैं लिमिटिंग रिएजेंट लिमिटिंग रिएजेंट क्यों बिकॉज़ इट लिमिट्स द अमाउंट ऑफ़ प्रोडक्ट फॉर्म्ड जो प्रोडक्ट बनता है उसको वह लिमिट कर देता है कि भाई तू इससे ज़्यादा तुम ना बन पाओगे क्योंकि मैं ख़त्म हो चुका हूं राइट एक एग्जांपल लेंगे बहुत ध्यान से सुनना क्योंकि बहुत से बच्चे ना इसमें गड़बड़ करते हैं ठीक है एक एग्जांपल लेते हैं मान लो मेरे पास एक रिएक्शन है a + b फॉर्म्स c तो a और b रिएक्टेंट हैं जो मिलकर बनाते हैं प्रोडक्ट c ठीक है अब मैंने कहा कि भाई c बनाने के लिए ना मुझे a चाहिए 10 ग्राम और मुझे बी चाहिए 20 ग्राम एक एकदम सिंपल सा एग्जांपल ले रही हूं ठीक है तो ये मेरे डिजायर्ड क्वांटिटीज है कि ए मुझे 10 ग्राम चाहिए बी मुझे 20 ग्राम चाहिए आपने कहा ठीक है मैम आपने मुझे एक थैली में ए और बी लाके दिया ठीक है आपने कितना लाके दिया आपने ए लाके दिया 12 ग्राम और बी लाके दिया 15 ग्राम ठीक है अब मान लो अगर मैं आपसे पूछूं कि लिमिटिंग रिएजेंट कौन सा है देखते हैं ए मुझे कित ना चाहिए था मुझे चाहिए था 10 ग्रास आपने कितना लाके दिया 12 ग्रा यानी कि मेरे पास a जरूरत से ज्यादा है मुझे तो 10 ही ग्राम चाहिए मुझे मेरे पास बल्कि 2 ग्राम एक्स्ट्रा है तो यानी कि a मेरा लिमिटिंग रिएजेंट नहीं है b की बात करते हैं बी मुझे कितना चाहिए था 20 ग्राम 20 ग्राम चाहिए था और आप मुझे कितना लाके दिए हो 15 ग्राम यानी कि आप कम लाके दिए हो अब चूंकि कम लाके दिए हो तो क्या होगा मेरा जो रिएक्शन है ये पहले ही स्टॉप हो जाएगा क्योंकि जब बी खत्म हो जाएगा तो भले ही a है मेरे पास बट ए रिएक्ट किसके साथ करेगा तो जैसे ही बी खत्म हो जाएगा तो सी बनना बंद हो जाएगा समझ रहे हो ना बात को बी खत्म हो गया तो रिएक्शन ही स्टॉप हो गया तो सी नहीं बनेगा तो यानी कि मेरा लिमिटिंग रिएजेंट क्या है यहां पर बी ठीक है गड़बड़ जो बच्चे करते हैं वो यह करते हैं कि अगर बच्चों को ये क्वेश्चन दिया जाता है बहुत से बच्चे सोचते हैं कि अच्छा a मेरे पास 12 ग्राम और बी मेरे पास है 15 ग्राम यानी कि a कम है तो ए लिमिटिंग रिएजेंट है नहीं मुझे ए और बी को कंपेयर ही नहीं करना है मुझे क्या कंपेयर करना है मुझे करना है कि a मुझे कितना चाहिए और कितना है मेरे पास अगर मेरे पास जितना चाहिए उससे ज्यादा है तो आई एम सेफ लेकिन अगर मेरे पास जितना चाहिए उससे कम है तो यानी कि वह मेरा लिमिटिंग रिएजेंट है क्लियर हो गया सबको एक और एग्जांपल लेते हैं मतलब यही एग्जांपल लेते हैं अब मान लेते हैं कि वही मैं a और b को मिला के c बनाने जा रही हूं और a मुझे चाहिए 10 ग्रा और b मुझे चाहिए 20 ग्रा ठीक है इस बार आपने मुझे a और b लाके दिया और a आपने लाके दिया 8 ग्रा और b आपने लाके दिया 20 ग्रा अब कौन सा लिमिटिंग रिएजेंट है खुद बताओ यार अब तो आपको पता होगा b 20 चाहिए था 20 लाके दिया तो यानी कि b तो मेरे पास जितना चाहिए उतना है बट a कितना चाहिए था 10 और लाके कितना दिया एट यानी कि एट कम लाके दिया मतलब a कम लाके दिया तो a मेरा लिमिटिंग रिएजेंट है ठीक है बिल्कुल क्रिस्टल क्लियर होना चाहिए लिमिटिंग रिएजेंट बहुत इंपॉर्टेंट है और बहुत गलतियां करते हैं बच्चे ठीक है तो मुझे नहीं लगता आप में से कोई भी गलती करेगा इसमें तो इसलिए हम फटाफट से कुछ क्वेश्चंस देखते हैं तो यहां पर एक एग्जांपल लेते हैं लिमिटिंग रिएजेंट के कांसेप्ट पे इन अ रिएक्शन a + b2 गिव्स ab2 आईडेंटिफाई द लिमिटिंग रिएजेंट इफ एनी इन द फॉलोइंग रिएक्शन मिक्सचर्स जब कभी भी लिमिटिंग रिएजेंट का क्वेश्चन हो सबसे पहले जो भी रिएक्शन दिया हुआ है उसको देख के जो भी समझ आता है ना उसे लिख लो कहीं पर जैसे कि यहां पर मुझे यह देखकर क्या समझ में आता है मुझे समझ आ रहा है कि वन एटम ऑफ a इज कंबाइनिंग विद वन मॉलिक्यूल ऑफ बी ठीक है क्योंकि बी हमें देख के पता चल रहा है कि ये डाई एटॉमिक है ठीक है एंड दिस गिव्स 1 मोल ऑफ द कंपाउंड ab2 तो यह मुझे समझ आ रहा है इस रिएक्शन को देखकर ठीक है अब क्वेश्चंस देखते हैं तो सबसे पहले पहला पार्ट देखते हैं जो कहता है कि 300 एटम्स ऑफ a प्लस 200 मॉलिक्यूल ऑफ बी ठीक है मतलब अगर आप मुझे 300 एटम्स ऑफ a दो और 200 मॉलिक्यूल ऑफ बी दो तो इस केस में a या बी में से कोई लिमिटिंग रिएजेंट है क्या चलो अब इसको देखो इसको देख के हमें यह पता चल रहा है कि अगर आपने मुझे 300 एटम्स ऑफ a दिया है अगर आप मुझे 300 एटम्स ऑफ a दोगे तो 300 एटम्स ऑफ a को कितने मॉलिक्यूल ऑफ b चाहिए होंगे 300 एटम्स ऑफ a को चाहिए होंगे विल नीड 300 मॉलिक्यूल ऑफ b है कि नहीं क्योंकि हम हमने यहां पर लिख लिया है ना कि वन एटम ऑफ a को चाहिए होता है वन मॉलिक्यूल ऑफ़ b तो 300 एटम्स ऑफ a को कितना चाहिए ये होगा 300 मॉलिक्यूल ऑफ बी बट आपने मुझे कितने मॉलिक्यूल दिए हैं आपने मुझे सिर्फ 200 मॉलिक्यूल दिए हैं राइट तो यानी कि बी मुझे जितना चाहिए आपने मुझे उससे कम दिया है तो इसीलिए यहां पर बी हो जाएगा लिमिटिंग रिएजेंट ठीक है सेकंड वाला देखते हैं यह कह रहा है कि 2 मोल ऑफ ए प् 3 मोल ऑफ बी ठीक है 2 मो म ऑफ a + 3 मोल ऑफ b अब देखो मोल के टर्म्स में अगर हम इस गिवन इक्वेशन को देखें तो गिवन इक्वेशन मोल के टर्म्स में क्या है ये कहता है कि 1 मोल ऑफ a जो है इट कंबाइंस विथ 1 मोल ऑफ b है ना मतलब यह तो हमने एटम्स और मॉलिक्यूल के टर्म्स में लिखा मोल के टर्म्स में अगर हम देखें तो हम देख रहे हैं कि 1 मोल ऑफ a इज कंबाइनिंग विद 1 मोल ऑफ b है ना तो इसका मतलब अगर आपने मुझे 2 मोल्स ऑफ a दिया तो वो कितने मोल ऑफ बी से कंबाइन करेगा टू मोल्स ऑफ बी तो आपने तो मुझे थ्री दे रखा है तो इसका मतलब ब तो आपने जितना जरूरत है उससे ज्यादा ही दे रखा है तो b तो मेरा लिमिटिंग रिएजेंट नहीं है ठीक है लेकिन मान लो अगर आपने मुझे 3 मोल्स ऑफ ब दिया ठीक है तो उस केस में क्या होगा अगर आप 3 मोल्स ऑफ बी दोगे तो मुझे कितने मोल्स ऑफ a चाहिए होंगे राइट तो हमेशा क्या करो जैसे आपने मुझे पहले केस में 300 एटम्स एक का या 200 मॉलिक्यूल b का दिया सो 300 और 200 में से जो भी बड़ा नंबर है ना उसके रिस्पेक्ट में सोचो कि अच्छा ठीक है 300 एटम्स ऑफ a अगर मेरे पास रहे तो मुझे b के कितने मॉलिक्यूल चाहिए 300 ही चाहिए बट ये 300 से कम है यानी कि b लिमिटिंग रिएजेंट है उसी तरह अब सेकंड वाले क्वेश्चन में एक दो मोल है दूसरा 3 मोल है तो 3 मोल के रेस्पेक्ट में सोचो कि आपने मुझे दिया 3 मोल ऑफ b ठीक है तो अगर आपने 3 मोल ऑफ b दिया 3 मोल ऑफ b को कितने मोल ऑफ चाहिए होंगे 3 मोल्स ऑफ a ही चाहिए होंगे बट क्या आपने मुझे 3 मोल्स ऑफ a दिया है नहीं आपने मुझे 2 मोल्स ऑफ a दिया है यानी कि आपने कम दिया है तो a क्या हो जाएगा a हो जाएगा मेरा लिमिटिंग रिएजेंट ठीक है इसी तरीके से सॉल्व करना इस टाइप के क्वेश्चन को सबसे आसान तरीका है ठीक है तीसरा वाला देखो 100 एटम्स ऑफ a प्स 100 मॉलिक्यूल ऑफ b अब देखो ये जो हमने लिखा था उसके हिसाब से वन एटम ऑफ a को चाहिए वन मॉलिक्यूल ऑफ b तो 100 एटम्स ऑफ़ a को चाहिए होंगे 100 मॉलिक्यूल ऑफ़ b तो यानी कि मुझे जितना चाहिए आपने मुझे उतना ही दिया है मुझे a का 100 एटम्स चाहिए तो मुझे b का 100 मॉलिक्यूल चाहिए और आपने मुझे उतना ही दिया है यानी कि इस केस में देयर इज नो लिमिटिंग रिएजेंट चौथा केस देखते हैं ये कहता है 5 मोल ऑफ a + 2.5 मोल ऑफ b 5 और 2.5 में बड़ा कौन सा है फ तो अगर आप मुझे 5 मोल ऑफ a देते हो तो मुझे कितना मोल ऑफ b चाहिए होगा ये वाला देखो 1 मोल ऑफ a के लिए 1 मोल ऑफ b चाहिए यानी कि अगर आप मुझे 5 मोल ऑफ a दोगे तो इसे चाहिए होगा 5 मोल ऑफ b बट आपने मुझे कितना दिया है आपने दिया है 2.5 यानी कि कम दिया है तो b हो जाएगा लिमिटिंग रिएजेंट पांचवा देखते हैं 2.5 मोल्स ऑफ a + 5 मोल्स ऑफ b कौन सा बड़ा है फाइव तो ये अज्यू करते हैं कि आपने मुझे 5 मोल्स ऑफ b दिया 5 मोल्स ऑफ b को कितने मोल्स ऑफ़ a चाहिए होंगे 1 मोल ऑफ सॉरी फ मोल्स ऑफ a क्योंकि न मोल ऑफ ए को चाहिए होता है व मोल ऑफ बी तो अगर फ मोल्स ऑफ बी है तो आपको ए भी 5 मोल्स ही चाहिए करेक्ट बट आपने कितना दिया आपने दिया 2.5 जो कि कम है यानी कि ए क्या है लिमिटिंग रिएजेंट ठीक है तो इस तरह के लिमिटिंग रिएजेंट वाले क्वेश्चंस आपको पूछे जा सकते हैं ये तो बहुत आसान था क्यों बच्चों तो बच्चा पार्टी आ चुके हैं हैं हम आखिरी पड़ाव पे इस लेसन के ठीक है तो यहां हम बात करने वाले हैं रिएक्शंस इन सॉल्यूशंस एक्चुअली होता क्या है कि रियल लाइफ में जब हम लैब में एक्सपेरिमेंट्स करते हैं तो हम देखते हैं कि अधिकतर एक्सपेरिमेंट्स जो है ना वो सॉल्यूशंस में होते हैं सॉल्यूशन क्या होता है जैसे अगर हमारे पास दो पार्टिकल्स हो दो चीजें हो जिनका साइज इज वेरी स्मॉल लेस दन 1 नैनोमीटर और ये दोनों चीजें मिक्स होके जब एक होमोजीनस मिक्सचर बनाती है उसे हम सॉल्यूशन कहते हैं जैसे कि शुगर और वाटर दोनों का पार्टिकल साइज बहुत छोटा है दोनों मिक्स हो जाते हैं तो होमोजेनियस मिक्सचर बनाते हैं तो जो शुगर सॉल्यूशन है दैट इज़ अ सॉल्यूशन उसी तरह सॉल्ट एंड वाटर सोडा वाटर ये सारे सॉल्यूशंस के एग्जांपल है सॉल्यूशन के अंदर तीन टर्म्स होते हैं सॉल्यूट यानी कि शुगर सॉल्ट ये सॉल्यूट है सॉल्वेंट क्या होता है जो लिक्विड है जैसे कि वाटर और सॉल्यूशन क्या है सॉल्यूट और सॉल्वेंट मिलके जो बना रहा है दैट इज सॉल्यूशन ठीक है ना तो अब ये सॉल्यूशन का जो कंसंट्रेशन है वो हमें पता करना होता है कंसंट्रेशन क्या होता है जैसे आपने देखा होगा कि चलो चीनी और पानी को मिलाया अगर खूब ज्यादा चीनी डाल दिया तो क्या होता है वो सॉल्यूशन जो है काफी कंसंट्रेटेड हो जाता है और अगर चीनी जरा सा डाला और पानी खूब सारा ड डाल दिया तो क्या होता है वो डाइल्यूट हो जाता है तो बेसिकली किसी भी सॉल्यूशन का कंसंट्रेशन हम कैसे निकालते हैं कि उसमें कितना सॉल्यूट है कंपेयर्ड टू द सॉल्वेंट तो इसको निकालने के के चार तरीके हम डिस्कस करने वाले हैं इसे हम चार तरह से एक्सप्रेस करते हैं बेसिकली जो कि है मास परसेंट मोल फ्रैक्शन मोलेरिटी एंड मोलालिटी तो इन चारों चीजों के बारे में अभी हम डिस्कस करेंगे वन बाय वन और सभी का एक-एक एग्जांपल भी लेते रहेंगे जिससे आपको आईडिया लगते रहेगा कि किस टाइप के क्वेश्चंस इनमें से पूछे जाते हैं तो मास परसेंटेज नाम से ही पता चल रहा है कि ये हमें बताता है कि किसी एक पर्टिकुलर एलिमेंट का कितना मास परसेंटेज है एक कंपाउंड में और वो वही बताता है तो यह बताता है कंसंट्रेशन ऑफ एन एलिमेंट इन अ कंपाउंड या फिर कंसंट्रेशन ऑफ अ कंपोनेंट इन अ मिक्सचर चाहे कंपाउंड हो या मिक्सचर हो उसमें किसी एक पर्टिकुलर एलिमेंट या कॉम्पोनेंट का कितना कंसंट्रेशन है इसे हम कैलकुलेट कैसे करते हैं मास परसेंटेज इज इक्वल टू मास ऑफ़ द कॉम्पोनेंट बाय टोटल मास ऑफ़ द मिक्सचर * 100 ठीक है ये एक्चुअली नाम से ही पता चल जा रहा है कि एगजैक्टली हम इसे हम यहां क्या करते हैं एक एग्जांपल लेते हैं अ सैंपल ऑफ ड्रिंकिंग वाटर वाज फाउंड टू बी सीवियरली कंटेम विद क्लोरोफॉर्म chcl3 सपोज टू बी कार्सिनोजेनिक इन नेचर कार्सिनोजेनिक मतलब कोई ऐसी चीज जिससे कैंसर हो सकता है द लेवल ऑफ कंटेम वाज 15 पीपीएम बाय मास पीपीएम क्या होता है पीपीएम होता है पार्ट्स पर मिलियन ठीक है मतलब कि आउट ऑफ मिलियन मिलियन क्या होता है 10 टू द पावर 6 तो 1 पीपीएम का मतलब है 1 बा 10 टू पावर 6 ठीक है 1 पपी एम का यह मतलब होता है ठीक है ओके एक्सप्रेस दिस इन परसेंट बाय मास ठीक है तो मतलब मुझे यहां पर निकालना है मास परसेंट ऑफ किसका मास परसेंट निकालना है 15 पीपीएम क्लोरोफॉर्म इन वाटर यह बताना है कि पानी में क्लोरोफॉर्म का कंसंट्रेशन कितना है तो 15 पीपीएम क्या हो जाएगा मतलब 15 पार्ट्स पर मिलियन मतलब 15 पार्ट्स है आउट ऑफ मिलियन दैट इज 10 टू द पावर 6 और इसका परसेंटेज निकालना है तो 100 से मल्टीप्लाई कर देंगे तो ये हो जाएगा लगभग 1.5 * 10 टू पावर - 3 पर तो यह हो जाएगा मास परसेंट तुम्हारा आंसर आया [संगीत] क्या अगला है मोल फ्रैक्शन मोल फ्रैक्शन हमें बताता है कि रेशियो ऑफ नंबर ऑफ मोल्स ऑफ अ पर्टिकुलर कंपोनेंट टू द टोटल नंबर ऑफ मोल्स ऑफ द सॉल्यूशन तो नाम से ही पता चल रहा है कि यहां पे हम नंबर ऑफ मोल्स पे फोकस करेंगे ठीक है तो जैसे एक एग्जांपल लेते हैं लेट अस सपोज कि a जो है मेरा सॉल्यूट है मैं एक सॉल्यूशन की बात कर रही हूं जिसमें सॉल्यूट है a और मेरा सॉल्वेंट जो है व है b ठीक है ये हम एज्यूम कर रहे हैं ठीक है तो अब अगर मुझे इसमें मोल फ्रैक्शन ऑफ a निकालना हो तो मोल फ्रैक्शन ऑफ सॉल्यूट a क्या हो जाएगा ये हो जाएगा नंबर ऑफ मोल्स ऑफ a डिवाइडेड बाय टोटल नंबर ऑफ मोल्स ऑफ द सॉल्यूशन सॉल्यूशन किससे किस से बना है सॉल्यूट प्लस सॉल्वेंट से तो यानी कि टोटल नंबर ऑफ मोल्स ऑफ द सॉल्यूशन हो जाएगा तो ये क्या हो जाएगा नंबर ऑफ मोल्स ऑफ द सॉल्वेंट डिवाइडेड बाय टोटल नंबर ऑफ मोल्स ऑफ द सॉल्यूशन ठीक है तीसरा एक्सप्रेशन है मोलर नाउ मोलालिटी इज वेरी इंपॉर्टेंट मतलब कांसेप्चुअली भी इंपॉर्टेंट है और काफी क्वेश्चंस भी आते हैं एग्जाम में तो इट इज द मोस्ट वाइडल यूज्ड यूनिट और इसे हम डिनोट करते हैं कैपिटल m से ठीक है तो मोलालिटी बताता है नंबर ऑफ मोल्स ऑफ द सॉल्यूट इन वन लीटर ऑफ सॉल्यूशन मतलब 1 लीटर सॉल्यूशन में कितने नंबर ऑफ मोल्स हैं सॉल्यूट के ठीक है तो इसे हम कैलकुलेट कैसे करते हैं तो इसके एक्सप्रेशन को हम ऐसे लिखते हैं मोलेरिटी इज इक्वल टू नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन इन लीट्स ठीक है तो ऐसे निकलता है मोलर एग्जांपल कैलकुलेट द मास ऑफ सोडियम एसीटेट रिक्वायर्ड टू मेक 500 एए ऑफ 0 . 375 मोलर एक्वास सॉल्यूशन मोलर मास ऑफ सोडियम एसीटेट इज 82.2 45 ग्रा पर मोल तो यहां पर मुझे मास निकालना है सोडियम एसीटेट का और यहां पर मोलालिटी दिया हुआ है 0.375 मोलर एक्वास सॉल्यूशन ठीक है तो मतलब यहां पर जो मोलेरिटी है दैट इज 0.375 और वॉल्यूम कितना दिया हुआ है 500 एए तो इसे अगर हम लीटर में चेंज करेंगे तो ये हो जाएगा फ 100 * 10 टू पावर -3 लीटर ठीक है अब ये मोलेरिटी का जो कांसेप्ट है इसको यूज करके हम नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट निकाल सकते हैं यहां पर सॉल्यूट क्या है सोडियम एसीटेट ठीक है तो चलो निकालते हैं तो नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सोडियम एसिटेट ये क्या हो जाएगा लेट अस सपोज दिस इज डिनोटेड बाय n तो ये हो जाएगा m * v यानी कि 0 375 * 500 * 10 टू द पावर -3 तो इस इसे कैलकुलेट करोगे तो ये आ जाएगा 0.18 75 ये हो जाएगा नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सोडियम एसीटेट बट मुझे निकालना क्या है मुझे निकालना है मास ऑफ सोडियम एसीटेट ठीक है ना तो अब मास और नंबर ऑफ मोल्स में क्या रिलेशन है हमें पता है कि नंबर ऑफ मोल्स जो होता है वो क्या होता है वो होता है गिवन मास डिवाइडेड बाय मास गिवन डिवाइडेड बाय हम यहां इस केस में कह सकते हैं मोलर मास राइट जैसे हम एलिमेंट के केस में कहते हैं ग्राम एटॉमिक मास मॉलिक्यूल के केस में मॉलिक्यूलर मास अब यहां पे मोल्स में बातें कर रहे हैं तो दिस इज डिवाइडेड बाय मोलर मास तो फिर जो मेरा रिक्वायर्ड मास होगा वह कितना हो जाएगा सो रिक्वायर्ड मास दैट इज यह जो मास गिवन है दैट इज बेसिकली द रिक्वायर्ड मास जो मुझे नहीं पता है अभी तो रिक्वायर्ड मास हो जाएगा नंबर ऑफ मोल मल्टीप्ला बाय मोलर मास और मोलर मास यहां दिया हुआ है 82.2 45 तो यह हो जाएगा 15.3 ग्राम तो मोलेरिटी के ऊपर बेस्ड कई तरह के क्वेश्चन पूछे जाते हैं एग्जाम में तो फाइनली अब हम बात करेंगे हमारे चौथे यूनिट की जो कि है मोलालिटी देखो नाम में बहुत कम फर्क है वो था मोलेरिटी ये है मोलालिटी और मोलालिटी को हम डिनोट करते हैं स्ल ए से और मोलेरिटी को डिनोट करते थे कैपिटल ए से यह क्या होता है यह बताता है नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट प्रेजेंट इन 1 केजी ऑफ सॉल्वेंट देखो ये कैसे याद रखोगे मोलेरिटी की जब हम बात करते हैं तो वो बताता है नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट इन 1 लीटर ऑफ सॉल्यूशन पूरे सॉल्यूशन में कितना मोल्स ऑफ सॉल्यूट है मोलालिटी बताता है कि पूरे सॉल्वेंट में मतलब सिर्फ लिक्विड की बात कर रही हूं लिक्विड के 1 केजी पर 1 केज में कितने मोल्स ऑफ सॉल्यूट है दोनों का फर्क समझो पहले केस में पूरे सॉल्यूशन के पर लीटर में सॉल्यूशन के अंदर सॉल्यूट सॉल्वेंट दोनों आ गया सो पर यूनिट वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन वो होता है मोलेरिटी और मोलालिटी होता है पर यूनिट ग्राम्स ऑफ द सॉल्वेंट तो यह फर्क है और इस फर्क में कंफ्यूज बिल्कुल नहीं होना है ठीक है ना तो ये बिल्कुल याद रखना है ठीक है तो एक ये छोटा सा टिप याद रख सकते हो मोलालिटी में कौन सा वर्ड कौन से लेटर का फर्क है एल का फर्क है राइट एल से क्या होता है एल से होता है लिक्विड और लिक्विड क्या होता है मेरा सॉल्वेंट होता है तो पर यूनिट केजी ऑफ सॉल्वेंट वाला जो है वो मोलालिटी है ठीक है तो एक एग्जांपल लेते हैं देखते हैं कैसे इसे हम कैलकुलेट करते हैं अ सैंपल ऑफ ड्रिंकिंग वाटर ये एक्चुअली वही वाला क्वेश्चन है जो हमने थोड़ी देर पहले किया था कंटेम विद क्लोरोफॉर्म द लेवल ऑफ कंटेम वाज 15 पीपीएम बाय मास थोड़ी देर पहले हमने इसका मास परसेंट निकाला था अब मुझे इसका मोलालिटी निकालना है फाइंड आउट मोलालिटी ऑफ क्लोरोफॉर्म इन वाटर सैंपल कई बार तो बच्चों को ना एग्जाम में क्वेश्चन पेपर में मोलालिटी और मोलेरिटी पढ़ने में गलती हो जाती है और वो फंस जाते हैं तो इसलिए थोड़ा ध्यान से ठीक है ना तो अब देखो यहां पर मैं पुराने वाले क्वेश्चन का भी रेफरेंस लूंगी थोड़ी ही देर पहले हमने क्या निकाला था हमने निकाला था मास पर ऑफ 15 पीपीएम ऑफ क्लोरोफॉर्म इन वट यह हमने थोड़ी देर पहले कैलकुलेट किया था तो यह जो हमने कैलकुलेट किया था इस कैलकुलेशन से जो हमें पता चल रहा है इसका मतलब क्या है इसका मतलब है कि अगर हमारे पास 100 ग्रामस का सैंपल हो क्योंकि ये परसेंटेज है राइट मास परसेंट ऑफ क्लोरोफॉर्म है 1.5 * 10 टू पावर -3 यानी कि अगर हमारे पास 100 ग्राम का सैंपल हो तो उसमें क्लोरोफॉर्म कितना होगा 1.5 * 10 टू पावर -3 ग्राम ठीक है तो 100 ग्राम ऑफ सैंपल में सो 100 ग्राम ऑफ सैंपल कंटेंस 1.5 * 10 टू पावर माइ 3 ग्राम ऑफ क्लोरोफॉर्म तो फिर 1000 ग्रामस ऑफ सैंपल कितना क्लोरोफॉर्म कंटेन करेगा 1000 ग्राम में क्यों निकाल रही हूं क्योंकि मुझे देखना है पर केजी कितना कंसंट्रेशन है तो 1000 ग्राम ऑफ सैंपल विल कंटेन 1.5 * 10 टू पावर -3 डि बा 100 * 1000 तो ये हो जाएगा 1.5 * 10 टू पावर -2 ग्रामस ठीक है तो इसका मतलब इन 1 केजी ऑफ सॉल्वेंट इन 1 केजी ऑफ सॉल्वेंट 1.5 * 10 टू पावर -2 ग्राम ऑफ chcl3 इज प्रेजेंट है कि नहीं 1 केजी सॉल्वेंट में इतना ग्राम्स ऑफ chcl3 है करेक्ट तो फिर इस लॉजिक से हम क्या निकाल सकते हैं मुझे चाहिए क्या मुझे चाहिए नंबर ऑफ मोल्स मतलब कितने नंबर ऑफ मोल्स ऑफ chcl3 है 1 केजी सॉल्वेंट में बट अभी मैंने निकाला क्या है कितना मास ऑफ chcl3 है 1 केजी सॉ में तो बेसिकली मुझे ये निकालना है कि इतने ग्राम में नंबर ऑफ मोल्स कितने हैं इतने ग्राम में नंबर ऑफ मोल्स कितने हैं राइट तो नंबर ऑफ मोल्स ऑफ chcl3 ये हम कैसे निकालेंगे मास गिवन यानी कि कि किस मास पे हम निकालना चाह रहे हैं 1.5 * 10 टू द पावर -2 ग्रा डिवाइडेड बाय इसका मोलर मास और मोलर मास ऑफ chcl3 कितना हो जाएगा कैलकुलेट कर सकते हैं कार्बन का मास कितना हो जाएगा 12 हाइड्रोजन का 1 और उसके बाद क्लोरीन यहां पे थी क्लोरीन एटम्स है सो 3 * 35.5 तो यह हो जाएगा 119.5 यह मोलर मास हो जाएगा इसका 119.5 तो इसे कैलकुलेट करेंगे तो आ जाएगा 1.25 * 10 टू पावर - 4 m ये m क्या है यह m मीटर नहीं है यह m है मोलालिटी तोय ये है 1.25 * 10 टू द पावर - 4 विल बी द मोलालिटी मोलालिटी को भी हम स्मल m से डिनोट करते हैं ठीक है तो क्लियर हो गया मोलालिटी वाले क्वेश्चंस हम इसी तरीके से सॉल्व करेंगे मतलब ऐसा नहीं है कि कोई डायरेक्ट फार्मूला है पहले आपको समझना पड़ेगा 1 केजी सॉल्वेंट के अंदर कितने नंबर ऑफ मोल्स हैं तो यहां हमने क्या अप्रोच फॉलो किया पहले हमने 1 केजी सॉल्वेंट के अंदर कितना मास है सॉल्यूट का वो निकाल लिया एक बार कितना मास है पता चल गया उसके बाद नंबर ऑफ मोल्स आराम से से निकल गया ठीक है ना तो यह था हमारा मोलालिटी का कांसेप्ट लर्न हब एक ऐसा फ्री लर्निंग प्लेटफॉर्म जहां पर आपको मिलते हैं वीडियोस नोट्स एनसीआरटी सॉल्यूशंस सैंपल पेपर्स एंड ऑनलाइन टेस्ट्स एब्सलूट फ्री ऑफ कॉस्ट इतना ही नहीं लर्न हब क्लास 11 12 youtube1 एंड 12th क्लास 11थ के बच्चों के लिए अथर्व बैच मंडे टू फ्राइडे एट 4:30 पीएम और क्लास 12थ के बच्चों के लिए अनंत बैच मंडे टू फ्राइडे एट 6 पीएम अगर आप या आपके जान पहचान का कोई तैयारी कर रहा है नीट या जेईई का तो हमारे youtube2 जीत जेई पे जीत का कंप्लीट कोर्स एब्सलूट फॉर फ्री इनमें चैप्टर्स की डिटेल एक्सप्लेनेशन लाइव क्लासेस ढेर सारे क्वेश्चंस और प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस डिटेल में कवर्ड है और तो और य यू कैन आस्क ऑल योर डाउट्स एब्सलूट फॉर फ्री एट आस्क क्वेश्चन सेक्शन ऑफ लर्न हब हमारा ए एप भी है आप वन ऑन वन क्लास लेना चाहते हो तो है लर्न हब स्वयं एट अ वेरी अफोर्डेबल प्राइस लर्न हब फ्री है पर बेस्ट है ओके बच्चों तो टाइम है यह बताने का कि आपको कैसा लगा यह वीडियो और मैं यह उम्मीद करती हूं कि आपको बेसिक कांसेप्ट ऑफ केमिस्ट्री इस लेसन के सारे कांसेप्ट हो गए होंगे क्रिस्टल क्लियर घबराने की कोई बात नहीं अभी इसके बाद एक और वीडियो आएगा इसी लेसन पे जिसके अंदर हम कुछ क्वेश्चन सॉल्व करेंगे और उस वीडियो में ऐसा नहीं है कि हम सिर्फ एनसीआरटी के क्वेश्चन सॉल्व करेंगे वहां पर हम कुछ क्वेश्चंस लेंगे जो आपके एग्जाम्स में पूछे जाते हैं जैसे किस तरह के क्वेश्चन एंट्रेंस एग्जाम्स में पूछे जाते हैं राइट किस तरह के क्वेश्चंस आपको अ मे बी स्कूल में भी पूछे जा सकते हैं तो उससे क्या होगा ना आपका दिमाग थोड़ा और खुलेगा कि कैसे-कैसे क्वेश्च बन सकते हैं राइट तो बने रहिएगा साथ में ही मैं जल्दी लेकर आती हूं अगला वीडियो तब तक के लिए स्टे होम स्टे सेफ टेक केयर बा बाय