Hello everyone and welcome to my channel. This is Professor Asif Qureshi and you are watching Dr. Asif Lectures. हम पढ़ रहे हैं Physiology, किताब का नाम है Gaitan और आज हम discuss करेंगे chapter number 4, जिसका नाम है Transport of Substances Through Cell Membranes.
Students, this is a very high yield chapter, क्योंकि इस chapter की जो understanding है, आपको आगे physiology के बहुत सारे chapters में काम आने वाली है. For example, हम आगे बात करेंगे कि नर्व कंडाक्शन किस तरह होती है, मसल्स किस तरह कॉंट्राक्ट करते हैं, किस तरह आइन्स सेल के अंदर और बाहर मूव करते हैं, आपके नेफरोन कैसे चीजों को री एब्जॉर्ब करते हैं, उन तमाम कॉंट्सेप्ट को समझने के लिए आज का यह चैप्टर बहुत इ चैनल के बाहर सोडियम है पुटाशियम है वाटर इसलिए सेल के अंदर सोडियम है पुटाशियम है वाटर है तो यह चीजें अंदर से बाहर बाहर से अंदर मूव करती रहती है नॉर्मल फिजियोलोजी में और हमारी पूरी बॉडी की बेसिस यही है ट्रांसपोर्ट ऑफ स और आइए स्टार्ट करते हैं इस चैप्टर को, सबसे पहले एक फिगर इन्होंने दिये, इस एवरी इंपॉर्टेंट फिगर, और इस फिगर का टेक्स्ट बताने से पहले मैं पहले आपको फिगर दिखा देता हूँ, देखें, जो फिगर यह है, इट इस टॉकिंग बेसिक और सेल के अंदर जो फ्लूड है वो कहाएगा इंट्रा सेलूडर फ्लूड तो यहाँ पे इन जो ब्राउन चीज़ आपको नजर आ रही है इस बेसिकली दे सेल मेमरेन और ये सेल मेमरेन के अंदर का पोर्शन है अब इसमें इन्होंने पूरा कॉंपोनेंट वाइज अल्दो ये डाग्राम हम कई दफा कई तफा इसका discussion और इसका तस्करा आएगा लेकिन ज़राब ये एक मोटी-मोटी चीज़ें समझने की ज़रूबत है देखो, sodium को ज़राब देखो यार, बहुत important आईन है ये extra cellular fluid में बहुत ज़्यादा है लेकिन ये intra cellular fluid में काफी कम है cell के अंदर sodium कम होता है लेकिन potassium को देखिए potassium is more inside the cell but less outside the cell इसी तरह calcium बाहर ज़्यादा है, magnesium cell के अंदर ज़्यादा है किलोराइट सेल के बाहर ज्यादा है, बाई कार्ब्स सेल के बाहर ज्यादा है, ऐसे ही अमाइनो आसेट्स सेल के अंदर ज्यादा है, ग्लुकोज एक्स्ट्रा सेलुडर फ्लूड में ज्यादा है, प्रोडीम्स सेल के अंदर ज्यादा है, और इस पर फिर फूब्वर्ड मॉन लिस्ट दिए प्रॉजिमेंट कंसेंट्रेशन ऑफ इंपॉर्टेंट एलेक्ट्रोलाइट सब्स्टेंट्स इन दिए एक्स्ट्रोसेल्योड एंड इंट्रोसेल्योड ठीक है यह बता रहे हैं वहां पर नोट एक्स्ट्रोसेल्योड कंटेंज लार्ज सोरियम ज्यादा है और पोटैशियम कम है ठीक है इसी तरह बाकी तमाम चीजों के बारे में इस टाइग्राम में बताया हुआ है आगे चलते हैं जी स्टैप्टर में अब नेक्स्ट है डिफरेंट इज लिपिट बाय लेवर अ विच सेल में ब्रेंड ट्रांसपोर्ट प्रोडीन देखो यह मैं आपको इस डाइग्राम में सचाता हूं डिस डाइग्राम इस अब ब्यूरिफुल वेयर पर इस पूरे परिग्राफ में क्या बात हो रही है देखो यह एक लेयर है यह दूसरी लेयर है किस चीज की इस दी लेयर कंपोजिशन शर्म इसी को लिपिट बाय लेयर बाय लेयर मतलब दो लेयर्स है और लिपिट की बनी हुई है सब्सक्राइब लेकिन इस पूरी lipid bilayer के बीच-बीच में ये yellow structure क्या है, देखो यार, ये protein है, ये protein है, ये protein है, so these are all proteins, ठीक है, अब proteins basically दो तरह की हैं, एक category protein की वो है, अगर आप इस diagram पर देखें, this is the category of protein, जिसके बीच में एक पूरा pore, एक पूरा रास्ता मौजूद है, एक पूरा channel मौज ऐसी प्रोटीन को हम नाम देते हैं, चैनल प्रोटीन, जिसके बीच में पुरा रस्ता मौजूद हो, अच्छा फिर एक प्रोटीन यह है, जिसके बीच में कोई पोर, कोई सुराख, कोई चैनल नहीं है, ऐसी प्रोटीन को नाम दिया जाता है, कैरियर प्रोटीन, और इन दोन या उस आईन के अटैचमेंट की वज़े से या उस मॉलेक्यूल के अटैचमेंट की वज़े से इस प्रोटीन में जिसको हमने कैरियर प्रो इस प्रोटीन में एक structural change आता है, एक conformational change आता है, और ये molecule उस change की वज़े से अंदर transport हो जाता है, तो कोई hole मौजूद नहीं है, कोई pore मौजूद नहीं है, लेकिन कोई भी molecule इस पर attach होके structural change की वज़े से अंदर या बाहर transport हो सकता है, तो दोनों types of protein, पहली type of protein क्या थी, channel protein, और दूसरी type of protein क्या थी, carrier protein, इन दोनों का mechanism और transport अलग-अलग है, ये बात समझ में आती है, channel protein में हो, पूरा पूरा मौजूद है पूरा सुराख पूरा चैनल मौजूद है लेकिन कैरियर को रिंग में ऐसे चैनल मौजूद नहीं है ठीक है अच्छा फिर इस पूरी डाइग्राम में दो तरह के ट्रांसपोर्ट मेंशन किये हुए हैं पहले ट्रांसपोर्ट का नाम है डिफ्य� their higher concentration to their lower concentration. इस बात को दुबारा सुनिये.
हर वो movement जिसमें molecule अपनी higher concentration से अपनी lower concentration की तरफ move करेंगे, उस process को हम नाम देंगे diffusion. इसका मतलब क्या हुआ? मतलब यह हुआ कि suppose यह cell membrane है, यह उसमें proteins है.
यह cell के अंदर का part है, तो यह कहलाएगा intracellular fluid, और यह cell के बाहर का part है, तो यह कहलाएगा extracellular fluid. मुझे बताओ extracellular fluid में sodium जादा होता है या कम? ज्यादा होता है, suppose मैं यहाँ पे तीन molecule बनाता हूँ sodium के, ठीक है, sodium iron के यहाँ पे तीन molecules मौजूद हैं, say for example, cell के अंदर मैं बनाता हूँ sodium का एक molecule, अब sodium iron बाहर, यानि extracellular fluid में ज्यादा concentration में हैं, और cell के अंदर कम concentration में हैं, तो the sodium iron will move from higher concentration to the lower concentration, और यह जो movement है, यह कहाईग क्योंकि diffusion में हमेशा यह होता है कि molecules अपनी ज़्यादा concentration से move करते हैं, अपनी कम concentration की तरफ, ठीक है, तो इसे हम कहते हैं diffusion.
अब अगर diffusion, अगर diffusion directly through the cell membrane हो जाया, इसके बारे में अभी पढ़ेंगे, या channel proteins के जरीए हो, तो उसे कहते हैं simple diffusion, लेकिन अगर diffusion का process carrier protein के जरीए हो, तो उसे कहते है facilitated diffusion, ठीक है, तो diffusion क्या है, movement of molecules from higher concentration to lower concentration, अगर through the अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अब अ� चैनल के अंदर ज्यादा है तो मैं यह पोटैशियम के से फॉर एग्जांपल तीन मॉलेक्यूल बना देता हूं और बाहर में पोटैशियम का एक मॉलेक्यूल तो अगर डिफ्यूजन होगी तो पोटैशियम अंदर से बाहर मूव करेगा लेकिन समझ टाइम्स पोटैशियम मूव करता है बाहर से अंदर अगेंड ज़्यादा पर भी उन्दर कर रहा ऐसे प्रोसेस नाम देते हैं एक्टिव ट्रांसपोर्ट और इसमें आपने बहुत सारी चीजें समझी हैं, इसमें आपने यह समझा कि चैनल प्रोटीन क्या होती है, कैरियर प्रोटीन क्या होती है, इसमें आपने यह अंडिस्टैंड किया है कि डिफ्यूजन क्या होता है, एक्टिव ट्रांसपोर्ट क्या होता है, और इसमें हमने यह ब विद लार्ज नंबर आफ प्रोटीन मॉलेक्यूल्स यह भी हमने देख लिया समझ लिया अब जो प्रोटीन मॉलेक्यूल्स हैं देवार बिसिकली ऑफ टू टाइप्स यह ट्रांसपोर्ट प्रोटीन है देवार आइदर चैनल प्रोटीन और देवार आइदर कैरियर प्रोटीन चैनल को समझा चुका हूं आगे चलते हैं जी चैप्टर में ना अब यह कॉनसेप बहुत इंपोर्टेंट है कि वॉट डिफ्यूजन एंड वॉट इज एक्टिव ट्रांसपोर्ट देखो मैंने आपको बता दिया अगर मूवमेंट फ्रॉम अ हाइर कॉन्सेंट्रेशन टो लोग कॉन्सेंट्रेशन हो तो उसे हम कहते हैं डिफ्यूजन लेकिन अगर मूवमेंट में एनर्जी लग रही हो और वो यूजूली लोग कॉन् तो उसे हम नाम देते हैं Active Transport, ठीक है? Now, यह basic आपको difference पता होना चाहिए, और यह पता होना चाहिए कि जो Active Transport का process है, उसमें energy use होती है, because it is moving against the energy from low concentration to high concentration, इसलिए इसके लिए extra added energy चाहिए होती है, जबकि जो diffusion का process है, उसमें energy की जरूरत, ATP की जरूरत नहीं होती, तोकि diffusion simply अपनी brownian movement या kinetic energy से move करता है, suppose एक molecule इधर है, दूसरा molecule इधर है, यह molecule move करके इसको hit करेगा, तो यह molecule move करना शुभू कर देगा, फिर यह तीसरे molecule को hit करेगा, तो वो move करना शुभू कर देगा, और इस movement की वज़े से diffusion का process होता है, इसे energy नहीं चाही होती, बार-बार बता रहा हूँ, diffusion का मतलब कि अगर एक cell यहां मौजूद है और कोई चीज, for example, sodium बाहर ज्यादा है, यहां तीन molecules बना रहा हूँ, अंदर sodium का सिर्फ एक molecule है, तो sodium move करता है, अगर from higher concentration to lower concentration, यह process कलाएगा diffusion ये भेज रहा है against the concentration gradient अंदर sodium कम है बाहर sodium ज्यादा है फिर भी ये उसको बाहर भेज रहा है इस process को हम नाम देंगे active transport तो अब तक ये बात तो आपकी समझ में आ गई कि जो cell membrane के across transport का mechanism है वो दो processes से होता है पहला process के लाथा है diffusion और दूसरे process का नाम है active transport तो आइए पहले diffusion के कुछ concepts discuss करते हैं फिर active transport की हम बात करेंगे नाओ diffusion का जो process है वो मैंने आपको बताया है कि it does not require energy उसमें यह क्या करें एक molecule है A है और वो दूसरे molecule B को hit करता है तो उसकी kinetic energy इस molecule में transform हो जाएगी यह movement शुरू कर देगा और इसी movement के process से जो energy generate होती है which is the kinetic energy kinetic energy उस energy की वज़ास से diffusion होता है अगेंट नहीं बल्कि इन लाइन विद आउंसेंट्रेशन ग्रेडियन बार-बार बता रहा हूं कि यह सेल है किसी की कॉंसेंट्रेशन यहां ज्यादा है तो वह मूव करेगी उस तरफ जहां उसकी कॉंसेंट्रेशन कम है ठीक है तो यह बेसिक डिफ्यूजन एक को हम नाम देते हैं सिंपल डिफ्यूजन और दूसरा कहलाता है फैसिलिटेरिक डिफ्यूजन देखो सिंपल प्रोटीन नहीं है तो बेसिकली सिंपल डिफूजन मीज जटका इन टिप मूवमेंट और द मॉलेकुलर और द आईन अकर्ड थोड़ा और एक protein वो है जिसमें channel नहीं है, carrier protein, ठीक है? तो अगर कोई substance directly गुजर जाता है, cell membrane से, तो ये भी simple diffusion है, और अगर कोई चीज गुजर जाती है, इस channel protein के hole में से, तो ये भी simple diffusion है, लेकिन अगर कोई चीज गुजरती है, carrier protein को use करके, तो ये facilitated diffusion है, ठीक है?
इस diagram में पहले भी समझा देता हूँ, अब दोबारा इस डाइग्राम को लेबल करो बॉस, ये चीज क्या है? लिपिट बाई लेयर, ये क्या है? प्रोटीन्स, ये वाला प्रोटीन्स जिसमें होल मौजूद है, क्या कराता है?
चैनल प्रोटीन्स, जिसमें होल्स नहीं है, यानि ये सिनारियो, इन दोनों प्रोसेसेस को हम कहते हैं, सिंपल डिफ्यूजन, और डिफ्यूजन वो प्रोसेस है, जिसमें, आपको इस प्रोटीन फॉर थे आपको बिल्कुल याद हो रहा है ठीक है अगर यह डिफ्यूजन विशेष प्रोटीन वॉल्ड है तो और नाइट्रोजन कार्बन डाउकसाइड एवं अलकोहॉल्स दिजार ऑल डिजॉल्व इबल इन सेल में ब्रेड लिपिट सॉल्यूबल हैं याने जो चीज जितनी ज्यादा लिपिट सॉल्यूबल होगी उतना तेजी से गुजरेगी इस्पेशिली लार्ज अमाउड आफ ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्टेड इन दिस वे बिकॉज उनकी लिपिट सॉल्यूबिलिटी बहुत ज्यादा होती है ठीक है अच्छे लिए डिफ्यूजन ऑफ वाटर एंड अदर लिपिट सॉल्यूबिल मॉलेक्यूल्स थ्रू प्रोट कि या तो लिपिट सॉलीबल चीजें ऐसे डारेक्टी में बेंड ने से गुजर जाएंगी या वह गुजरेंगी चैनल प्रोटीन के अंदर से ठीक है तो यहां पर यह जो हेडिंग है यह चैनल प्रोटीन से गुजरने वाली चीजों की बात कर रहे हैं वाटर्स की एक एक्स वाले चैनल को हम नाम देते हैं, एक्वापॉरिन, एक्वापॉरिन से इट्स चैनल, इट्स प्रोटीन जो कि चैनल प्रोटीन है जिसमें से पानी गुजर सकता है ठीक है नाओ द रापिटिटी विद विच वाटर मॉलेक्यूल डिफ्यूज थ्रू द मोस्ट सेल में ब्रेंड इस एस्टाउंडिंग यार बहुत तेजी से हैरान पूरी के से वाटर मॉलेक्यूल अच्छे ये जो movement है, it is also affected by the size of the substance, for example, urea है, urea का diameter ज्यादा है, तो जैसे ले से diameter किसी जीस का ज्यादा होगा, उसकी diffusion capacity कम हो जाएगी, ठीक है, so it is only 20% greater than that of, it is only 20% than that of water, याने पानी के, मुकाबले में अगर इसको compare करें, तो पानी अगर 100 times move कर सकता है, तो urea can move only 20% of the times, okay, right, नेक्स हेडिंग है डिफ्यूजन थ्रू प्रोटीन पोर्ज एंड चैनल्स और यहां पर खास फोकस देंगे सिलेक्टिव परमीबिलिटी एंड गेटिंग ओफ थे चैनल्स देखो बॉस यह जो हमारे प्रोटीन चैनल्स होते हैं देखिए जितित का मतलब यह है कि इन पर गे इसलिए मैं इसको channel protein कह रहा हूँ आप बताएं इसका reason क्यों ये channel protein है because इसमें pore मौझूद है अगर pore मौझूद ना होता तो मैं इसे carrier protein कहता तो ये जो channel protein यहाँ मौझूद है इसके ओपर यहाँ देखो gate लगा हुआ ये structure ठीक है इसे कहते हैं gated इसी तरह यहाँ पर एक gate बना हुआ है ये pore मौझूद है लेकिन ये pore यहाँ gate से बंद है तो यहाँ पर इस पूरी heading में हम ये बात करेंगे कि जो चैनल प्रोटीन हैं उन पर गेट कौन-कौन से होते हैं किस तरह से वह गेटिंग ऑपरेट करती है ठीक है आइए पढ़ते हैं इसको पर बार-बार बात कर रहा हूं सेल में ब्रेन है और यहां पर यह प्रोटीन मौजूद है यह प्रोटीन का दूसरा पार्ट और यह अब ये अगर extra cellular fluid है और ये है intracellular fluid तो diffusion के जरिए इस pore में से कोई भी चीज गुजर सकती है। Now, these pores are composed of integral cell membrane proteins, आरे protein के मिलके बने हुए होते हैं, aquaporin इसकी एक example है जो हमने discuss की already, ठीक है। These protein channels are distinguished by two important characteristics. Number one, they are selectively permeable. Now, इस word selectively permeable का मतलब समझ लो boss. अगर कोई चैनल सोडियम अपने अंदर से गुजार रहा है तो वो है selectively permeable to sodium इसमें से potassium गुजरेगा लेकिन कम गुजरेगा, sodium सबसे ज़्यादा तेजी से गुजरेगा अगर कोई चैनल potassium selective चैनल है तो उसमें से potassium इजीली गुजरेगा और कोई चीज़ इजीली नहीं गुजरेगी पहली प्रॉपर्टी इन चैनल की है they are selectively permeable यानि हर चीज़ के लिए एक मक्सूस चैनल होगा जैसे हर ताले के लिए एक मक्सूस चावी होती है ऐसे हर प्रोटीन एक पर्टिकुलर आईन अपने अंदर से दूजारने की कैपासिटी रखती है ठीक है दूसरी इसकी प्रॉपर्टी इंपॉर्टेंट यह है देखिए देखिए देखिए देखिए देखिए देखिए देखिए देखिए देखिए इसकी ज़रूरत है कि यह अपने चैनलों को खुश कर सकते हैं और गेट्स के लिए खुश कर सकते हैं अब यह गेट्स दो तरह के हैं दो प्रोपरीटीज मैंने आपको बताई इन प्रोटीन्स की हम बात क्या कर रहे हैं, हम बात कर रहे हैं कि ये है सेल मेम्ब्रेन, ये है सेल मेम्ब्रेन के बीच में प्रोटीन, और ये प्रोटीन कौन सी प्रोटीन है, मैंने आपको बताया था दो तरह की प्रोटीन्स होती हैं, चैनल प्रोटीन और कैरियर प्रोटीन, चुके इसमें चैनल मौजूद है, तो जनाब ये है चैनल प्रोटीन, चैनल प्रोटीन की दो प्रोपरीटीज हैं, पहली प्रोपरीटी है सेलेक्टिव परमियेबिलिटी, और दूसरी प्र और एक एग्जांपल दिये पोटैशियम चैनल की, पोटैशियम चैनल की इन्होंने एक फिगर भी दी हुई है और फिर उसका टेक्स दिया है, कि ये देखें लिपिट बाय लेयर है, ये एक लेयर है लिपिट की, ये दूसरी लेयर है, तो ये सेल मेमरेन है, और इस सेल मेमरे आप होता है कि जो प्रोटेशियम आइंस है यह प्रोटेशियम आइंस बिसिकली वाटर के साथ अटैज होते हैं जिसमें हाइड्रेटिक प्रोटेशियम तो प्रोटेशियम आइंस जब एंटर हो रहा होता है तो वो इस प्रोटीन के इस पोर्शन के साथ जिसमें स्पेशल स् वाटर मॉलिकूल के अंदर चला जाता है यह चैनल सेलेक्टिव है तो पोटाशियम के साथ कर सकते हैं इसके बारे में दिटेल दिया दिया है पोटाशियम चैनल चैनल चार प्रोटीन की रिंग्स हैं एक, दो, तीन, और चार इसका टेक्रोमेटिक स्ट्रॉक्चर है और फिर एक सेंटर में पॉर है, उसके बीच में एक पॉर है, जिसको हम चैनल भी नाम देते हैं, ये पॉर, ठीक है, जिसमें से कोई भी चीज गुज़रेगी, इस केस में खुड़ा शेर्व, अब ये पॉर पॉर है, ये पॉर पॉर है, जिसको हम चैनल में पॉर है, जिसको हम चैनल में पॉर है, जिसको हम चैनल में पॉर है, जिसको हम चैनल में पॉर है, जिसको हम चैनल में पॉर है, जिसको हम चैनल में पॉर है, जिसको हम चैनल में पॉर है, जिसको हम च वाटर के साथ अटैच करेंगे, तो बेसिकली जो पोटाशियम का आईन है, उसके साथ associated जो water molecules हैं, वो water molecules इस carbonized oxygen के साथ react करेंगे, पानी यहां रुख जाएगा, पोटाशियम आगे चला जाएगा, तो यह overall जो पूरा channel है, यह potassium के लिए sensitive है, ठीक है, so this is sensitive, इसी तरह जो sodium channel हो अब से हटी गुजर जाएगी देख लार्ज ली सिलेक्टिव सो इन चैनल प्रोटीज की पहली प्रॉपर्टी है सिलेक्टिव परमीएबिलिटी ठीक है आइए देखते हैं इसके दूसरी प्रॉपर्टी क्या है दूसरी प्रॉपर्टी है गेटिंग इस देखने प्रॉपर्टी जिसको हम कहते हैं गेटिंग ना गेटिंग ऑफ प्रोटीज कैन प्रोवाइड ए मीन्स ऑफ कंट्रोलिंग आइन कि किस तरह से गेटिंग का मेकानिजम ऑपरेट करता है, इसकी एक एग्जांपल है वाल्टेज गेटिंग, वाल्टेज गेटिंग ना मतलब यह है, आइए आपको दिखाता हूँ, तो इस लिपिट बाई लेयर, ठीक है, यह एक लेयर है, यह दूसरी लेयर, यह सेल मेमरेन है गेट है यह गेट ओपन हो जाता है you see, sodium concentration जैसे यहाँ पे आई, यह गेट ओपन हो गया, जैसे गेट ओपन होगा, sodium अंदर चला जाएगा via simple diffusion so अगर कोई गेट ओपन हो जाए, if a gate is opened by an electrical activity जैसे कि यहाँ पे sodium ion की activity से हुआ तो इसे हम कहते हैं voltage gated channel voltage gated channel का मतलब यह है कि positive या negative आईंग अगर change करें तो वो gate ओपन हो जाए या close हो जाए ठीक है अच्छा तो यह आपको पता होना चाहिए कि what is voltage gated channels की दूसरी example यह है यहाँ पे यह cell membrane मौजूद है यह outside of the cell है यह inside of the cell है यह एक protein है चूंके इस protein में यहाँ pore मौजूद है तो यह protein क्या कहलाईगी इस विल बी कॉल्ड एस चैनल प्रोटीन ठीक है अब यह चैनल प्रोटीन जो है यह सेल के अंदर से लोज है और यह ओपन होता है जब सेल के अंदर पॉजिटिव चार्ज होता है और जैसे ही positive charge cell के अंदर बढ़ता है, तो ये gate open हो जाता है, students, ये basis है, nerve impulses की, या जब हम आगे चलके पढ़ेंगे, कि किस तरहा हमारे muscles contract करते हैं, या impulses किस तरह propagate करती हैं, उसकी basis है ये, कि जैसे ही cell के अंदर, या cell के बाहर, positive या negative ions की concentration change होती है, proteins के, ठीक है, आइए अब ज़राइज को पढ़ते हैं, what is voltage gating, in case of voltage gating, the molecular confirmation of the gate or its chemical bond respond to the electrical potential across the cell membrane, जैसे मैंने आपको बताया है, कि if there is a negative charge inside the sodium channel, यहाँ पर जो negative charge था, inside the sodium channel, these negative charges, जब ये ज़्यादा होते हैं, तो gate खिलोज होता है, लेकिन जैसे ही बाहर sodium की concentration बढ़ जाती है, gate ओपन हो जाता है ठीक है, so that is called voltage gating, क्योंकि voltage से control हो रहा है, अच्छा पर दूसरा mechanism कहलाता है chemical या ligand gating chemical या ligand gating, इसकी typical example है acetylcholine receptor कोई भी receptor या जैसे muscle है और उपर से nerve ending आ रही है तो यहां से acetylcholine एक molecule निकलता है जो जहां की यहां attach होता है और उसके attach होने की वज़े से जो protein है उसका gate या open हो जाएगा या close हो जाएगा, so that sort of thing जिसमें कोई chemical attach हो जाए, उसे हम कहते हैं ligand gating. यहाँ पर sodium iron की वज़ासे gate open close नहीं हुआ, यहाँ पर acetylcholine की वज़ासे gate open and close हुआ, तो ऐसे open and close होने को नाम भी जाता है, chemical या ligand gating, ठीक है?
अच्छा फिर यहाँ ने यह एक चीज डिस्कस किये, जैसे कहते हैं patch clamp method, patch clamp method जो है basically यह mechanism है, कि किस तरह से हम किसी protein में से यह study कर ��कते हैं, कि उसका जो... पोटेंशियल्स हैं वह किस तरह से मूव कर रहे हैं बेसिकली फ्लो ऑफ एलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को रिकॉर्ड करने का मैक्रिजम पैच प्लेट तो यह पैच प्लेट इतना इस वक्त इंपॉर्डेंट नहीं है फॉर दिस्कॉशन अब तक हम कि एक सेल है उसकी जो सेल मेमोरेन उसमें से चीजें मूव कैसे करती हैं मैं आपको बताया वह चीजें दो तरह से मूव करती है और उसमें से पहला मेकानिजम जो मूवमेंट का है वह कहलाता है डिफ्यूजन और और दूसरा मेकनिजम जो movement का है वो कहलाता है active transport, तो हम इस पर बात कर रहे हैं diffusion की, diffusion भी दो तरह से हो रही है, एक को हम नाम दे रहे हैं simple diffusion, simple diffusion वो diffusion है जिसमें channel proteins involved हैं या कोई चीज़ directly cell membrane से पुजर जाया है, और दूसरा diffusion का जो mechanism है वो कहलाता है facilitated diffusion, facilitated diffusion वो diffusion है जिसमें कोई अब दिफ़ूजन को आपको बताएग इस प्रोटीन इंवॉल्व हो रही थी तो दिफ्यूजन अभी भी डिफ्यूजन तो मुझे बताओ फ्रॉम हायर कंसेंट्रेशन टू लोग कंसेंट्रेशन मूवमेंट होगी या लोग कंसेंट्रेशन टू हायर कंसेंट्रेशन ऑफ कॉर्स फ्रॉम हायर कंसेंट्रेशन Although the rate of simple diffusion through an open channel increases proportionately with the concentration of the diffusing substance, infacillated diffusion has a concept of Vmax. Very, very, very important concept to understand.
और इसके लिए यहाँ ने बहुत अच्छा graph दिया हुआ है, उसको समझते हैं, and we will understand कि जी Vmax का concept क्या है. Right, हम इस graph में बात कर क्या रहे हैं? इस graph में हम फर्क समझने की कोशिश कर रहे हैं, कि simple diffusion, और facilitated diffusion में क्या फर्क है? simple diffusion and facilitated diffusion पहले तो यह बताओ कि यह दोनों diffusion है तो यह तो कोई फर्क नहीं हुआ यहाँ जो फर्क है वो simple में है और facilitated में है ठीक है? so simple क्या है?
what is simple diffusion? simple diffusion वो है कि अगर कोई चीज channel protein में से गुज़ रहे हैं या directly cell membrane में से गुज़ रहे हैं देखो मैं बार बार इस diagram की तरफ refer कर रहा हूँ that was a very important preliminary diagram this one कि इस डाइग्राम में वह बस सिंपल डिफ्यूजन कि कोई चीज या तो चैनल प्रोटीन से गुजरें या डायरेक्टी सेल में प्रेसिडेंट लेकिन वॉट फैसिलिटेड डिफ्यूजन जिसमें कैरियर प्रोटीन इंवॉल्व हो ठीक है तो अगर कैरियर तो अगर चैनल प्रोटीन इंवॉल्व होगा तो सिंपल डिफ्यूजन है वो पूर वाला डिफ्यूजन यह है भाई, सिंपल डिफ्यूजन, यह प्रोडीन, यह दूसरा प्रोडीन का इसका पार्ट, और यह रही सेल मेमरेन, तो यह रही सेल मेमरेन, अब बात यह है कि सोडियम जितना ज्यादा बाहर होगा, उतना ही ज्यादा यह डिफ्यूजन के ज जितनी concentration मैं sodium की यहाँ बढ़ाऊंगा, diffusion उतना ही तेजी से होगी, वो graph पर नजर भी आ रहा है, देखें, जैसे जैसे concentration of substance बढ़ रही है, तो rate of diffusion भी क्या हो रहा है, बढ़ रहा है इस direction में, so this line is showing, कि if you increase the concentration of anything, for example, sodium, the rate of diffusion will also increase, अब ज़रा समझो facilitated diffusion, now facilitated diffusion में भाई मसला यह है, protein involved है जिसका नाम है carrier protein, so for example ये cell membrane है और ये carrier protein है ठीक है और ये फिर cell membrane है और कोई भी चीज यहां पहले attach होगी और attach होने के बाद फिर वो यहां detach होके cell के अंदर आएगी अब अगर मेरे पास say for example दो carrier या तीन carrier proteins मौजूद हैं और यहां पे molecules मौजूद हैं पांच दो तीन चार और पांच molecules अब इन पांच मॉलेक्यूल में से पहला मॉलेक्यूल इस पर अटैच हो जाएगा, फिर दूसरा मॉलेक्यूल इस पर अटैच हो जाएगा, और तीसरा मॉलेक्यूल इस पर अटैच हो जाएगा, अब जब तीनों मॉलेक्यूल इस पर अटैच हैं, अब अगर मैं यहां मॉले तो फिर ये प्रोटीन फारेग हो जाएगी, और जब ये फारेग हो जाएगी, तो फिर मजीट मॉलेक्यूल यहां अटैच होंगे, इसका मतलब यह हुआ, कि जो फैसिलिटेटिट डिफ्यूजन है, ये डिपेंड करती है कि कितने प्रोटीन के स्ट्रक्चर या मॉलेक्यूल सारी की सारी carrier proteins जो हैं वो busy हैं अब कोई carrier protein available नहीं है नए आईन को attach करने के लिए अब होगा ये कि इस point के बाद आप भाईया जितनी भी concentration बढ़ा लो diffusion नहीं बढ़ने लगी तो वो point जिसके बाद diffusion नहीं बढ़ती facilitated diffusion में उसे हम नाब देते हैं Vmax very important concept खासतोर पर जब हम renal threshold पढ़ रहे होंगे कि किस तरह ग्लुकोस का ट्रांसपोर्ट होता है, तो वी मैक्स का कॉंसेप्ट आएगा, सिंपल जबान में, अगर मेरे पास, दुबारा एक बार तेजी से समझा रहा हूँ, अगर मेरे पास तीन कैरियर प्रोटीन्स मौजूद हैं, और मेरे पास तीन मौलिक्यूल्स आइन मौजूद हैं, सो एक वक्त के बाद there is a plateau, और... वो टाइम जब सारे कैरियर प्रोटीन सैचुरेट हो जाते हैं, उस टाइम को नाम भी आ जाता है Vmax, ओके, यह पूरे परिग्राफ में यहाँ पर यही बात हो रही है, इसको आप लोग पढ़ लीजियेगा, और I hope this will be very clear to you, ठीक है, यह डाग्रमेटिकली शो किया है कि how does transport of facil जैसे ही वह टैच होता है कॉनफर्मेशनल चेंज आता है और वह मॉलेक्यूल निकल जाता है तो चूंकि एक प्रोटीन यह पूरे का पूरा पूर नहीं इसमें से ऐसे ही गुजर गया बगार किसी इंट्रैक्शन के यह बात है यहां आया इसने यहां इंट्रैक्ट आए ऐसे ट्रांसपोर्ट को हम नाम देते हैं फैसिलिटेरियल डिफ्यूजन क्योंकि यह हो रहा है वाया कैरियल टो ठीक है सो मैं बार बार repeat कर रहा हूँ कि भाई हम बात कर के आ रहे हैं, देखो ये बात समझने की ज़रूरत है कि बात हो क्या रहे है, बात हो रही है कि transport के कितने तरीके हैं, transport के दो तरीके हैं, transport का पहला तरीका है diffusion, transport का दूसरा तरीका है active transport, diffusion फिर दो तरह का है, simple diffusion और दूसरा diffusion कहलात है ओके आई होब इस इस क्लियर अब टिल नाव तो अब तक हमने बात की कि वह डिफरेंट कॉनसेप्ट इनवॉल्ड इन डिफ्यूजन हमने सिंपल डिफ्यूजन की बात की हमने फैसलिटेट डिफ्यूजन की बात की अब एक इंपॉर्टेंट जो कॉनसेप्ट हमें डिस्कस करना है वह यह कि वह फैक्टर्स विच अफेक्ट द रेट ऑफ डिफ्यूजन यार कौन-कौन से नेट डिफ्यूजन रेड इस डायर एक रुप proportional to the concentration difference, ठीक है, अब अगर ये cell है, और इस cell के बाहर कोई चीज, say for example, I have 10 molecules of sodium, और अंदर 1 molecule of sodium है, एक cell ये है, दूसरा cell हमारे पास ये है, जिसमें मेरे पास बाहर, extracellular fluid में 100 molecules of sodium है, और intracellular fluid में only 1 molecule of sodium है, तो आप मुझे बताओ, obviously rate of diffusion कहां ज्यादा होगा, इस particular scenario में, क्योंकि यहाँ पे concentration difference ज्यादा है, ठीक है, तो जितना ज्यादा concentration difference होगा, उतनी speed होगी diffusion के process की, और यह equation यहाँ पे इसी बात को बता रही है, कि net diffusion is directly proportional to the difference between outside and inside, ठीक है, तो cell के बाहर और cell के अंदर concentration का जो difference होगा, जितना ज्यादा difference होगा, diffusion का rate उतना ज्यादा होगा, क्योंकि diffusion इसी तरह काम करती है boss, ठीक है, अगली चीज जो, तो पहली चीज क्या होगी, first thing which affects diffusion is the concentration gradient, ठीक है, दूसरी चीज क्या है भाई जो diffusion को affect करती है, दूसरी चीज है electrical potential, उसको यहां इन्होंने, यहां explain किया है इस figure में, ज़रा देखिए, now look at this figure, we are looking at particularly scenario B, यहां पर यह cell membrane है, और इस cell membrane में यह एक channel protein है, cell के इस तरफ और cell के उस तरफ, अंदर और बाहर दोनों तरफ, यह negative ions है, these are और अगर आप count करेंगे, तो इन negative आईन की concentration on the right side of the membrane and on the left side of the membrane equal है.
दोनों तरफ equal negative आईन्स मौजूद हैं, तो अगर हम सिर्फ concentration की बात करेंगे, तो concentration difference कोई है नहीं है. concentration difference कोई है ही नहीं तो diffusion भी नहीं होनी चाहिए, लेकिन एक factor है electrical gradient, अगर मैं किसी तरह cell के left side पे negative charge induce कर दू, और cell के right side पे positive charge induce कर दू, तो जो left side है, left side of the cell, यानि ये वाला side, this is the right side of the cell, तो चूके यहाँ में मैंने positive charge induce किया है, ये negative ions move करना शुरू कर देंगे, they will be attracted towards the positive charge, और चुके मैंने यहाँ पर negative charge induce किया है तो यह इसको repel करेगा further in this direction तो as a result होगा क्या overall effect यह होगा मेरे इस positive और negative charges को लगाने का कि negative charges move करेंगे from the right side of the membrane to the left side of the membrane ठीक है from this side to this side यह movement हो जाएगी और अब आप देखें यहाँ पर negative जो ions हैं उनकी concentration बढ़ गई अब जब यह negative ions की concentration यहाँ बढ़ जाएगी तो एक वक्त अब आएगा कि कोंसेंट्रेशन डिफरेंस रेडियंट क्रिएड हो जाएगा अब मुझे बताओ कि इस साइड पर कॉनसेंट्रेशन ज्यादा हो गई या कम ज्यादा हो गई इस साइड पर कॉनसेंट्रेशन क्या हो गई कम हो गई तो अब डिफ्यूजन के रूल्स क्या कहते पोटेंशियल इंडियूज कर दें तो उसकी वजह से जो कॉनसेंट्रेशन डिफरेंसीज वह चेंज हो जाते हैं और थोड़ी जो electrical current की वजह से ions को यहां move कर रही थी, वो बराबर हो जाएंगी, उन forces के जो concentration difference की वजह से ions को यहां move करते हैं, उसे हम नाम देते हैं nurse potential, ठीक है, तो electrical potential पढ़ते हैं जरा, if an electrical potential is applied across the membrane, as shown there, the electrical charges of the ion causes them to move through the membrane, even though there is no concentration difference, कि यहाँ पे negative ion और यहाँ पे negative ion की concentration बिल्कुल बराबर थी, अब चुके यह concentration बिल्कुल बराबर थी, तो डिफ्यूजन के उसलों के मुदाबिक तो यहां पर मूवमेंट होनी नहीं चाहिए लेकिन चुके नेगेटिव आईन दिया था तो यहां पॉजिटिव आईन तो वह भी अट्रैक्ट कर रहा तो वह मूवमेंट हुई बिकॉज आफ द आईन लेकिन आफ्टर सम टाइम इट विल ऑल बी बैलेंस और उस बैलेंसिंग यह बैलेंसिंग का कॉंसेप्ट समझना जरूरी है कि वह बैलेंस कांसेंट्रेशन है वह किस चीज का बैलेंस है वह इलेक्ट्रिकल फोर्स और डिफ्यूजन फोर्स का बैलेंस है और इसको हम कैलकुलेट कर सकते हैं कि वेन एक्ट्रूली विल यू गेट दिस बैलेंस इसको नर्स एक्वेशन और वन एक्वेशन है एलेक्ट्रो मोटिव फोर्स इन मिलीवर्स प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प्लस प् और यहां पर भी दो पॉजिटिव चार्ज हैं तो दोनों तरफ पॉजिटिव चार्ज बराबर हैं तो यहां पर नेगेटिव चार्ज बराबर हैं तो यहां पर नेगेटिव चार्ज बराबर हैं इस electrical gradient की वज़ासे तो यही तो हम पढ़ रहा है कि diffusion पर कौन-कौन सी चीज़े असर अंदाज होती है diffusion असर अंदाज होता है concentration difference से और फिर diffusion असर अंदाज होता है electrical potential से आगे चलते हैं तीसरी एक चीज़ और है जो diffusion पर असर अंदाज होती है और वो third factor है pressure pressure का मतलब यह है इस diagram को देखते हैं यहाँ पे नोने pressure को explain किया है right here यह चैनल प्रोटीन है ठीक है अब यहां पर भी सब्सक्राइब और दोनों तरफ यह जो भी आइन है नेगेटिव पॉजिटिव इसकी कॉंसेंट्रेशन से फॉर एग्जांपल बराबर है अब अगर इसकी कॉंसेंट्रेशन बराबर है लेकिन एक तरफ से प्रेशर इस प्रेशर की वजह से यहां से जो मॉलेक्यूल है वह मूव करेंगे इस डारेक्शन में क्योंकि मैं यहां से पीछे से प्रेशर लगा रहा हूं तो चुके यह प्रेशर लग रहा है इसलिए यह आइन्स मूव कर रहा है अ यह आइंस कॉन्स���ंट्रेशन की वजह से मूव नहीं कर रहा है यह प्रेशर की वजह से मूव कर रहा है तो तीन फोर्सिस हैं जो डिफ्यूजन को कंट्रोल करती हैं और वो तीन फोर्सिस क्या है पहली फोर्स है कॉन्सेंट्रेशन डिफरेंस यानि कि अगर कॉन्सेंट्रेशन एक तरफ ज्यादा है और दूसरी तरफ कम है तो डिफ्यूजन का प्रोसेस होगा दूसरी फोर्स क्या है एलेक्ट्रिकल पोटेंशियल यानि एलेक्ट्रिकल डिफरेंस और तीसरी फोर्स क्या है प्रेशर डिफरेंस तो यह तीनों चीजें डिफ्जिन का प्रोसेस करवा सकती है ओके यह बात आपको समझ में आनी चाहिए क्योंकि इन सब के अपनी इंपॉर्टेंस है आगे जब हम मज़ी डिटेल में पढ़ रहे होंगे फोर एक्सांपल कैपिलरीज है यार देखो यह आ इस प्रेशर की वज़ास से डिफ्यूजन हो रही है सो याद रखना है आपने के तीन चीज़ें डिफ्यूजन करवाती है पहली चीज़, दूसरी चीज़, तीसरी चीज़ पहली चीज़ क्या है बॉस जो डिफ्यूजन करवाती है concentration difference दूसरी चीज़ क्या है जो डिफ्यूजन करवाती है electrical difference pressure difference अच्छा अब ये चुके हम membrane के across transport study कर रहे हैं, so one of the very frequently जो बहुत ज़्यादा तेजी से cell membrane से चीज transport होती है, to and fro, अंदर, बाहर की तरफ, वो है water molecule. और water molecule एक example हमेशा दी जाती है कि अगर हम red blood cells की बात करें, so red blood cell कितना चोटा सा structure होता है, लेकिन उसके volume का hundred times cell say to and fro move कर रहा होता है per second, एक second में.
तो इतनी ज़्यादा movement है water molecules की, और जब water molecules की movement की बात आती है, so उसके लिए हम एक अलग term यूज़ करते हैं, which is called osmosis, और ये understand करना बहुत ज़रूरी इसलिए है, क्योंकि अच्छे तरीके से आपको ये osmosis के concepts पता होने चाहिए, तो आइए देखते हैं कि वो किस तरह से osmosis के concepts आपको समझने हैं, osmosis basically है क्या? आसमोसिस इस बेसिकली सिंपल डिफ्यूजन ओफ वाटर मतलब साधा जवान में अगर हम बात करें सिंपल डिफ्यूजन ओफ वाटर यानि पानी के मॉलिक्यूल की सिंपल डिफ्यूजन है यानि कोई इसमें कैरियर प्रोटेन इंवाल्व नहीं है कोई इसके अंदर special energy इंवाल्व नहीं है या तो यह directly cell membrane से गुजर जाएगा या यह गुजर जाएगा channel protein तो basically osmosis is simple diffusion of water अब एक concept यहाँ पर देखो, यह मैं आपको osmosis का पूरा concept इस diagram पर समझाता हूँ, so here we have a U shaped vessel, जिसके बीच में यहाँ पर इस semi-permeable membrane है, semi-permeable membrane बिल्कुल ऐसे रहसे हमारे cells की cell membrane है, which is permeable only to water, but not to the solutes, solutes का मतलब यह है कि यह directly permeable नहीं होगा ions को, sodium, potassium, जो भी ions हैं, जो हमारे कि यह में रेंड हमारी उनको डायरेक्ट परमीएबल नहीं है लेकिन पानी गुजर सकता है तो चुके पानी गुजर सकता है बागी चीजें नहीं गुजर सकती है इसको चाहिए तो यहां पर इस अलमेंट रेंड की तरह की चीज है और यह नहीं पॉइंट है कि समय ने की एक तरफ सिर्फ वाटर है और सेल मेंब्रेइन की दूसरी तरफ वाटर भी है और साथ में ये जो आपको रेडिश ब्राउनिश स्ट्रक्चर्स दिख रहे हैं ये है सॉल्योट्स तो ये है सॉल्योट्स सॉल्योट्स क्या हो सकते हैं सॉल्योट्स देखो भाई बहुत सारी चीज़े हो सकती है सॉल्यो� आपसे कुछ सवाल करता हूँ, मुझे वो बताईए On this side, चलो इसको हम लेबल कर देते हैं Chamber B है ये side और ये side है Chamber A मुझे बताएं, Chamber B में water concentration और से सुनिये का इस बात को Chamber B में water concentration Chamber A के मुकाबले में ज्यादा है या कम Obviously, water concentration Chamber B में ज्यादा है So there is higher concentration अच्छा अब अगर मैं आपसे बात करूँ कि चैंबर A में water concentration क्या है, चैंबर A में water concentration चैंबर B के मुकाबले में कम है, क्योंकि यहाँ पर solutes हैं, अच्छा अब अगर मैं आपसे next question यह करूँ कि solutes की concentration, solutes की concentration चैंबर B में जादा है या कम, तो obviously वो कम है क्योंकि यहाँ पर है ही नहीं, लेकिन अगर मैं आपसे बात करूँ solutes की concentration चैंबर A में तो वो जादा है, अब होता basically यह है कि हम बात कर रहे हैं और मैंने आपको बताया है कि ऑस्मोसिस क्या है इट इस डिफ्यूजन सिंपल डिफ्यूजन ऑफ वाटर अच्छा डिफ्यूजन का मतलब यह है कि वाटर ऑलवेज मूव्व फ्रॉम हाइर कॉनसेंट्रेशन टू लोग कॉनसेंट्रेशन यह पानी मूव्� तो आपको इस तरह से याद रखनी है या दूसरे अलफाज में इसको यह भी कह सकते हैं कि वाटर ऑलवेज मूव्स टूवर्ज द डायरेक्शन ऑफ या सॉल्यूट की कॉंसेंट्रेशन की बात कर लो तो सॉल्यूट की कॉंसेंट्रेशन जहां ज्यादा होगी वहां पानी मूव करेगा या अगर आप वाटर की कॉंसेंट्रेशन की बात कर रहे हो तो वाटर की कॉंसेंट्रेशन जहां कम होगी पानी वहां मूव करेगा तो य concentration of water इस तरफ मैं आपसे कह रहा हूं कि there is lower concentration of water तो पानी कहां move करेगा इस direction में always ये concept बहुत important है क्योंकि जब कभी water movement आपकी body में हम discuss करेंगे चाहे वो glomerular filtration rate हो या कहीं भी reabsorption secretion के concepts आएंगे तो वहां osmosis का concept आएगा ठीक है तो आपको ये बात याद रखनी है कि osmosis में प या अगर solute की बात कर रहे हैं तो पानी हमेशा move करता है towards higher concentration of solute ठीक है तो ये general concept है बहुत important concept है osmosis का अब osmosis के इस concept के बाद एक बहुत important terminology है वो है osmotic pressure बहुत इसको सही से समझना आपके लिए बहुत ज़रूरी है technical terms में तो it is the pressure which is required to stop osmosis it is called osmotic pressure लेकिन चुके इसको calculate करना बहुत मुश्किल है तो मैं आपको आसान जबान में समझाता हूँ, देखो, जितना ज्यादा इस तरफ solute होगा, उतनी तेजी से osmosis होगा, यानि जितना ज्यादा solute होगा, osmosis उतना fast होगा, और उस osmosis के pressure को हम कहते हैं osmotic pressure, तो basically जिस pressure से osmosis हो रही है, उसी pressure से osmosis रुखने के लिए forces होंगी, Newton's third law है ये, कि for every action there is an equal but opposite reaction, थोड़ा सा complicated concept है, लेकिन आसान जबान में ये यू है, कि देखो, ये जो vessel आपके सामने हैं, इसमें इस वक्स suppose मैं आपसे कहता हूँ कि there are 100 solute particles, अगर मैं ये solute particles 1000 कर दूं, तो osmotic जो pressure है, वो बढ़ जाएगा, क्योंकि अब मैंने यहाँ पर solute बहुत बढ़ा दिये, तो water movement fast हो जाएगी, so जितने ज्यादा solute के particles होंगे, osmotic pressure उतना ही ज्य इस प्रेशर विशेष रिक्वाइड टू स्टॉप ऑस्मोसिस लेकिन मैं आपको यह समझा रहा हूं कि ऑस्मोटिक प्रेशर को यूं समझिए कि वह प्रेशर जिस तेजी से ऑस्मोसिस होता है एक्शुली उस प्रेशर को नाम देते हैं ऑस्मोटिक प्रेशर सब्सक्राइब करें यहां और इसको मैं compare कर रहा हूँ एक ऐसी vessel से, जिसमें मैंने डाले हुए, इस semi-permeable membrane, thousand solute particles, तो यहाँ भी osmosis का process होगा, कुछ ना कुछ osmotic pressure होगा, यहाँ भी osmosis का process होगा, कुछ ना कुछ osmotic pressure होगा, मुझे बताएं किस का osmotic pressure ज्यादा है, जिसमें hundred solute particles हैं, this one obviously, so osmotic pressure ज्यादा होगा, जितने solute के particles ज्यादा होगे, so osmotic pressure में यह concept है, इसको पढ़ लीजियेगा यह आपने याद रखना है Now, importance of number of osmotic particles देखो बिला यह बार बार मैं आपको बात बता रहा हूँ कि number बहुत important है मैंने इस diagram में आपको बात बताई ना कि अगर 100 osmotic solute particles हैं तो उसका osmotic pressure कम होगा compared to 1000 osmotic particles तो यह osmotic particles का concept समझना जरूरी है और इन ऑस्मोटिक पार्टिकल्स के जो कॉनसेप्ट है ना इसमें नंबर जरूरी है, वेट जरूरी नहीं है, इट इस इंपोर्टेंट टू रिमेंबर के हमेशा इट इस दे नंबर अफ पार्टिकल्स, क्या मतलब हुआ, मतलब यह हुआ, सपोस मेरे पास एक वैसल यह है, और यहां मैंने बड़े बड़े बड़े बड़े चार सॉल्यूट्स रखे हुए, तो bigger solutes, ठीक है, उनका size बड़ा है, लेकिन number same है, osmotic pressure same होगा, देखो this is important, osmotic pressure is, you know, governed by the number of things, not by the size of things, ओके, अगर मैं यह छोटे छोटे particles यहाँ पे number बढ़ा दूँगा, तो यहाँ osmotic pressure नॉट, नॉट in terms of mass, ठीक है, अच्छा फिर एक concept है, osmol का और osmolality का, बहुत important terminology है, यह आपको पता होने चाहिए, to express the concentration of a solution in terms of number of particles, a unit called osmol is used, इसका मतलब यह है, कि अगर मेरे पास एक beaker में एक glucose का molecule है, जिसका formula is C6H12O6, there is one glucose molecule, तो मैं इसके लिए word यूज़ करूँगा कि there is one osmol of glucose, यानि एक particle को हम नाम देते हैं, एक osmol, ठीक है, so अच्छा इसी तरह अगर मेरे पास एक beaker मौजूद है, और इसमें glucose नहीं, बलके sodium chloride मौजूद है, for example, एजाम्पल, अच्छा सोडियम किलोराइड सबको पता है, कि जब कभी सोलूशन फॉर्म में होता है, तो ये ब्रेक अप हो जाता है, सोडियम में, which is a positive charged ion, और किलोराइड में, which is a negative charged ion, तो अब ये one particle नहीं है, basically ये कितने particles बन गए, ये दो particles बन गए, चुकि ये दो particles बन गए, so these are two osmoles, so osmoles का concept समझ में आगे आपके, osmoles goes with the number of particles, गुलकोस चूंके break up नहीं हो सकता, तो ये 1 औसमॉल होगा, लेकिन sodium chloride चूंके break हो सकता है 2 particles में, तो ये 2 औसमॉल है, इसी तरह अगर एक beaker मेरे पास यहां मौजूद है, जिसमें मैंने डाला हुआ है calcium chloride, CACL2, अब calcium chloride जो है, ये 1 calcium में divide हो जाएगा, और 2 chloride ions में divide हो जाएगा अगर कोई non-breakable चीज है तो वन ऑस्मॉल बनेगी अगर वो दो parts में divide हो सकती तो दो ऑस्मॉल्स बनेगे तीन में divide हो सकती तो तीन ऑस्मॉल्स बनेगे ठीक है तो यह बात आपको पता होनी शाहिए कि what are osmols अब osmols dissolved in let me rub this वरना यह बात आपको समझ में यागि text नहीं आए� वह देश एस्ट्रॉलेशन है वन ऑसमोल ऑफ सॉल्यूट डिजॉल्ड इस ग्राम वाटर इस सेट वह पॉइंटलारी ऑसमोल लाइटी इस बिसिकली वन ऑसमोल पर किलोग्राम ठीक है वन ऑसमोल पर किलोग्राम और हमारे जो बॉडी फ्लूट है उनकी ऑसमोलारिटी यूजिली होती है थी हंड्रेड पर किलोग्राम ऑफ वार्ड अब एक टरम ऑसमोल लाइटी यह सारी ऑसमोल लाइटी थी जिसमें हम कैलकुलेट कर रहे थे कितने ऑसमोल है पर किलोग्राम ऑफ वाटर में अगर हम kilogram के बजाए osmoles calculate करें per liter of solution में, तो वो इसके लिए use करते हैं osmolarity, लेकिन clinically इसमें फर्क नहीं है, clinically आप osmolality बोलो, या osmolarity बोलो, minor difference होता है, clinically of no importance, ठीक है, so हम ये दोनों terms interchangeably use कर रहे होते हैं, osmolarity, osmolarity, doesn't really matter, doesn't really matter, ठीक है, relationship of osmolality to osmotic pressure. सिंपल जबान में इस अब जाते हैं, परग्राफ पर पढ़ लीजेगा, काफ़ी complicated सा है, आसान सी बात, साधा बात यह है, कि अगर मेरे पास यह vessel मौजूद है, U shaped vessel, और इसमें मेरे पास यहाँ पे semi-permeable membrane मौजूद है, यहाँ मेरे पास solutes हैं, तो solutes हैं, अगर say for example, 10 osmoles, 10 100 औस्मोल्स, 100 औस्मोल्स मतलब 100 particles होंगे solute के, तो जितने ज्यादा औस्मोल होंगे, उतना ज्यादा osmotic pressure होगा, उस तेजी से osmosis का process होगा, ठीक है, so relationship between osmolality and osmotic pressure basically यह है, the higher the number of osmoles, the higher the osmotic pressure, एक और तरीके से आपको समझाता हूँ, again मेरे पास एक U shaped vessel मौजूद है, जिसमें ये semi-permeable membrane है, suppose मैं यहाँ पर कहता हूँ कि मेरे पास glucose के molecules है 10, 10 glucose molecules, तो चूके 10 glucose molecules है, osmolality क्या होगी, 10, 10 osmoles, मैं आपको बताया था कि 1 glucose is equal to 1 osmoles, तो 10 glucose is equal to 10 osmoles, एक और मेरे पास container मौजूद है, इस container में semi-permeable membrane है, और इसमें मेरे पास मौजूद है 10 sodium kiloride, अच्छे 10 sodium chloride का मतलब osmol कितने होंगे आपको देखने में लग रहा है 10 glucose है तो ये बराबर है 10 sodium chloride के नहीं, मैंने आपको बताया था कि sodium chloride जो है ये 1 sodium chloride से 2 osmol निकलते हैं sodium और chloride तो यहाँ पर basically 20 osmol हैं तो osmol के हिसाब से ये वाला जो container है उसकी osmolality जादा है, इसकी osmolality कम है तो आप मोडिक प्रेशर कहां से आधा होगा सोडियम क्लोराइड वाले कंटेनर में यह गुलगोस्ट वाले कंटेनर में सोडियम क्लोराइड वाले कंटेनर में क्योंकि यह आप मोडिक 20 जितने ज्यादा और मोडिक होंगे उतना आप मोडिक प्रेशर ट्रांसपोर्ट मेकानिजम से अक्रॉज असल में रेन वह दो तरह के भाई पहला था डिफ्यूजन जो बार-बार हम अब इसकी इन दोनों मेजर डिफरेंस में आपसे पूछना तो वो यह था कि डिफ्यूजन में एनर्जी यूज नहीं होती जबकि एक्टिव ट्रांसपोर्ट में एनर्जी यूज होती है और दूसरा मेजर डिफरेंस यह था कि जो डिफ्यूजन है वो फ्रॉम हाइर कॉनसेंट्रेशन जो extra cellular fluid है उसमें sodium की concentration ज्यादा है और cell के अंदर sodium की concentration कम है अगर हम normal diffusion के principles को follow होने दें अपनी body में मतलब हर वक्त diffusion ही के process हो रहा हो तो क्या हो रहा होगा कि sodium बाहर से अंदर move कर रहा होगा एक वक्त आएगा कि जब cell के अंदर sodium बहुत ज्यादा quantity में जमा हो जाएगा मैंने अभी थोड़ी दिन पहले आपको osmosis की सारा यूनो सर खपाया है और मैंने आपको उसमें के समझाई बात कि जितना ज्यादा sodium यानि solute अंदर होगा उतना osmotic pressure बढ़ेगा, यहने उतनी ज़्यादा osmosis होगी, तो पानी अंदर आता रहेगा, sodium आएगा, पानी आएगा, sodium आएगा, पानी आएगा osmosis के सरिये, तो एक वक्त यह नहीं आएगा, कि यह पूरा आपका cell burst हो जाएगा, हम यह नहीं चाहते, हम नहीं चाहते कि हमारा तो डिफ्यूजन को रोकना है जिसका मतलब यह हुआ कि सोडियम को सेल के अंदर से निकाल के बाहर फेंकना है ना दाट मींस कि आप सोडियम को मूफ कर रहे हैं फ्रॉम लोग ऑन सेंट्रेशन टू हाइव को यह अगेंड द कॉन्सेंट्रेशन ग्रेडियंट है इस अगेंड आपको तो आपका जोर लगता आपकी एनर्जी लगती है एक्टिवली आपके मसल्स यूज होते हैं इसका मतलब यह ऊपर चलते वे एनर्जी चाहिए नीचे चलते वे एनर्जी नहीं चाहिए सो दिस्ट ऑफिल मूवमेंट दिस द रूमेंट कोंसेंट्रेशन टू द एरिया ऑफ हायर कॉन्सेंट्रेशन ठीक है यह हमेशा आपने याद रखनी है कि वेनेवर असल मेंब्रेन मूव मॉलेक्यूल जो राइन अप हिल अ अगेंट्स तक ऑन सेंट्रेशन ग्रेडियंट दिन दिस इसको एक्टिव ट्रांसपोर्ट टेक्टिव ट्रांसपोर्ट में हमेशा डिफ्यूजन में क्या होता है फ्रॉम हायर कॉन्सेंट्रेशन टो लोग कॉन्सेंट्रेशन लेकिन एक्टिव ट्रांसपोर्ट फ्रॉम लोग कॉन्सेंट्रेशन टो हायर कॉन्सेंट्रेशन और यह जरूरी आपके बॉडी के लिए और इस प्रोसेस में आपकी एनर्जी लगती है तो यह है एक्टिव ट्रांसपोर्ट अब जो एक्टिव ट्रांसपोर्ट का प्रोसेस है इस एक्टिव ट्रांसपोर्� अब इन दोनों में डिफरेंसेस आपको अच्छे तरीके से पता होने चाहिए, देखें जी, primary active transport सबसे पहले समझ लेते हैं, उसको अच्छे से बात को दिमाग में बिठा लेते हैं, अगर primary active transport समझ में आ गया, तब समझ में आएगा secondary active transport, ठीक है, primary active transport की best example समझते हैं, sodium potassium pump, आ� important protein है आपकी cell membranes के अंदर और इसका काम basically क्या है this for example is a sodium potassium pump इसका काम यह है कि यह देखो यह cell membrane है this is lipid bilayer यह पूरा protein है और इस protein ही का नाम है sodium potassium pump this is outside of the cell this is inside of the cell outside of the cell में there is increased sodium concentration obviously होता यह है कि इस protein में cell के अंदर की तरफ तीन सोडियम के आइंज अटैच होने की कैपासिटी होती है, तो तीन सोडियम अटैच है, और सेल के बाहर से, एक्स्टरनल सरफिस पे, टू पोटाशियम के अटैच, और जैसे ही अटैचमेंट होती है, इस प्रोटीन का एक पार्ट होता है, तो एटीपी ब्रेक हो जाएगा एटीपी में, हाई एनर्जी यह फॉस्फेट निकलेगा, और, एज़ एडिसल्ट यह सोडियम निकल जाएगा बाहर और यह प्रोटेशियम आ जाएगा सेल के अंदर यह मूवमेंट है सोडियम प्रोटेशियम पंप की सोडियम प्रोटेशियम पंप अंदर से तीन सोडियम को उठाकर बार फिकता है और बार से दोस्तों प्रोटेशियम को आपको समझना सोडियम पोटेशियों पर ट्रेस्पोर्टर द पंप सोडियम आईंस आउटवर्ड थूड़ सेल में ब्रेड एंड टाइम पंप्स पोटेशियों आईंस फ्रॉम आउटसाइड टू इनसाइड टीम सोडियम बाहर भी देगा दो प्रोटेशियों अंदर ले इसे हम कहते हैं प्राइमरी एक्टिव ट्रांसपोर्ट प्राइमरी एक्टिव ट्रांसपोर्ट एक्टिव ट्रांसपोर्ट एक सोडियम पोटैशियम पंकी दिन आफ थ्री बाइंडिंग साइट्स पर सोडियम ऑन द इनसाइड ऑफ द सेल देर आफ टू बाइंडिंग साइड्स पोटैशियम ऑन द आउटसा एटीपीएज एक्टिविटी ठीक है तो सोडियम पोटाशियम पंप की बात समझ में आ रही है क्यों कहते हैं इसको सोडियम पोटाशियम पंप क्योंकि जाहरे यह सोडियम को ट्रांसपोर्ट कर रहा है पोटाशियम को ट्रांसपोर्ट कर रहा है तो सोडियम पोटाशियम औ कि जब यह उल्टा हो जाएगा सोडियम अंदर आना शुरू हो जाए विद देर कॉन्सेंट्रेशन ग्रेडियन आपको पता है कि सोडियम बाहर जाएगा यानि इसकी एक्टिविटी रिवर्स हो जाएगी तो यह एटीपी टूटने के बजाए बन भी सकता है तो एनर्जी बन भी सकती है लेकिन यूज़वली सोडियम पोटैशियम पंप का काम है एनर्जी यूज करो एटीपी एक्टिविटी करो टीन सोडियम भार भेजो दो पोटैशियम अंदर लो ठीक है इस जॉब ऑफ सोडियम पोटैशियम पंप ना सोडियम पोटैशियम पंप is important for controlling cell volume देखो मैं बार बार बता रहूं क्यों ये cell है suppose cell के बाहर extra cellular fluid है तो sodium concentration ज्यादा होगी cell के अंदर sodium concentration कम होगी अगर diffusion को होने दें तो बहुत सारा sodium अंदर आ जाएगा और जब बहुत सारा sodium अंदर भर जाएगा तो osmotic pressure की वज़े से अंदर आ जाएगा तो cell burst कर सकता है अब ये सब कैसे रोकें sodium अंदर आता रहेगा आता रहेगा थैंक गॉड वी है सोडियम प्रोटाशियम पंप जैसे सोडियम अंदर आएगा सोडियम प्रोटाशियम पंप सोडियम बोठाकर बाहर खेक देगा और जैसे सोडियम बाहर चला जाएगा तो ये पूरा ओस्मोसिस का प्रोसेस रुख जाएगा इसलिए सोडियम प्रोटाशि कितने sodium बाहर निकाल रहा है boss, 3 sodium, और बदले में कितने potassium अंदर आ रहे हैं, 2 potassium, तो 3 positive charges बाहर जा रहे हैं, 2 positive charges अंदर आ रहे हैं, तो actually हो क्या रहा है, कि हमारा जो cell है, उसमें हर वक्त 1 positive charge की कमी हो रही है, याने 3 positive चले गए, और 2 positive आए, तो 1 positive तो lose किया है न हमने, तो यह ए बहुत बहुत important concept है, जब हम बात करेंगे nerves और muscles में electrical signal की transmission, तब ये बात दुबारा repeat करूँगा, कि भाई याद है मैंने आपको बताया था, कि sodium potassium pump जो है, it is electrogenic, 3 sodium बाहर लेके जा रहा है, और 2 potassium अंदर लेके आ रहा है, तो overall positivity बाहर बढ़ा रहा है, और negativity cell के अंदर increase कर रहा ह प्रामरी एक्टिव अब यह वर्ड समझ में आ गया प्रामरी एक्टिव प्रामरी एक्टिव का मतलब है कि जो भी प्रोटीन होगी उस प्रोटीन के साथ एटीपी एड एक्टिविटी होगी और एटीपी ब्रेकडाउन होगा प्रामरी एक्टिव ट्रांसपोर्ट इस वक्त और कैल्शियम पंप का भी सिंसला यही होगा बॉस, कैल्शियम की कॉंसेंट्रेशन कहां ज्यादा होती है, सेल के अंदर या सेल के बाहर, आविस्टली सेल के बाहर, क्योंकि सेल के अंदर कैल्शियम की कॉंसेंट्रेशन बहुत कम रखी जाती है, तो अगर ये सेल है, तो यह और किस चीज की primary active transport होती है जो नाम hydrogen है इनकी बड़ा important है आपके stomach में stomach में HCL release होता है होता है ना parietal cells boss HCL जो release हो रहा है उसमें suppose यहाँ पे एक cell है उस cell से hydrogen निकाला जाता है against the concentration gradient और ये जो hydrogen निकाला जाता है again किस mechanism के साथ ये primary active transport of hydrogen energy use होती है against the concentration gradient hydrogen को निकाल देते है right ओके इसी तरह अब किडनी में इंटर क्लेक्टिड सेल्स भी काम करते हैं हाइड्रोजन का ट्रांसपोर्ट अम इनर्जी एरिक्स यह इतना इंपॉर्टेंट हाई टॉपिक नहीं है अब बात करते हैं सेकेंडरी एक्टिव ट्रांसपोर्ट की मैं आपको बताया था अगर एनर्जी डायरेक्ट ली यूज हो रही है प्रोटीन की एटीपीएस एक्टिव टी की वजह से तो उसे हम नाम देते हैं अच्छे से, इस वेरी इंपोर्टेंट कॉंसेप्ट टू अंडरस्टेंट, सपोज ये एक सेल है, इस सेल में यहाँ पे सोडियम पुटैशियम पंप है, ठीक है, अच्छे इस सोडियम पुटैशियम पंप का काम है, कितने सोडियम बाहर निकालना, तीन सोडियम इसने बाहर कोटैशियम इसने अंदर लाने हैं, अब जब यह सोडियम बाहर निकालेगा, निकालेगा, निकालेगा, निकालेगा, तो यहां बाहर बहुत सारा सोडियम जमा हो जाएगा न बॉस, बाहर एक्स्ट्रो सेलिवर फ्लूट के अंदर बहुत सारा सोडियम जमा हो जाएगा, अ� जिसके जरीए इस sodium को वापिस आना है, तो यह sodium यहां लग जाता है, और यह वापिस आने लगता है, तो साथ में कोई और चीज़ भी लग जाती है, होगे दिया मुझे भी ले चलो भाई, खुद तो अंदर जा रहे हो, मुझे भी ले चलो, for example, sodium के साथ glucose लग सकता है, for example, sodium के लेकिन मज़े लग गए अमाइनो एसिट के भी, मज़े लग गए गुलुकोस के भी, सोडियम की एनर्जी यूज हो रही है, सोडियम का ग्रेडियेंट है, लेकिन साथ में अमाइनो एसिट भी अंदर आ जाएगा, इसे हम नाम देते हैं सेकेंडरी एक्टिव ट्रांसपोर्� तो विशेष अक्टिव ट्रांसपोर्ट का बेसिक फंडा यह है कि प्रामरी अक्टिव ट्रांसपोर्ट में क्या था देखो प्रामरी अक्टिव ट्रांसपोर्ट में यहां पर एक ट्रांसपोर्ट प्रोटीन है और वो किसी चीज को निकालेगी अगेंज़ दाव कांचेंट इसके दूसरे तरफ लग जाएगा amino acid और sodium तो अपने high concentration से low concentration की तरफ आ रहा है, साथ में लग के attach होके आ गया amino acid भी या glucose भी, तो इसे कहते हैं secondary active transport, ठीक है, active इसलिए, क्योंकि ये जो molecule है, ये still against the concentration gradient move कर रहा है, अपनी low concentration से अपनी high concentration की तरफ जा रहा है, energy भी use कर रहा है, लेकिन sodium की kinetic energy अपनी directly ATP use नहीं कर रहा है, ठीक है, so that is secondary active transport, अच्छा अगर, कि सेकेंड्री एक्टिव ट्रांसपोर्ट यू हो रहा है सपोस यह सेल है और यह सेल में एक प्रोटीन है जिसमें एक तरफ सोडियम एटैच हो गया और दूसरी तरफ मैंने आपसे कहा कि ग्लूकोज या माइनोआसिड एटैच हो गया और सोडियम अपनी कैनेटिक एनर्जी से अंदर आ रहा है और यह सोडियम की वजह से अंदर आ रहा है ऐसे ट्रांसपोर्ट को हम कि एक सेल है उस सेल में यहां पर एक चैनल है प्रोटीन है सोडियम लग गया यहां पर सोडियम को बाहर सेंटर आना है ना अच्छा बजाएं इसके के बाहर कोई और चीजें से अंदर आए अंदर से कोई चीज लग के बाहर मिल जाती है सोडियम आता है अंदर और यह सब्सक्राइब इसको हम नाम देते हैं तो ट्रांसपोर्ट ऑप्वाजिट डायरेक्शन में होगा और ट्रांसपोर्ट सेम तो यह बिल्कुल बिसिकली लिफ्ट लेनी वाली बात है कि यार भाई तुम अंदर जा रहे हो मुझे भी ले जाओ यार या तुम अंदर तो आए रहे हो बदले में झटके से मुझे भी बाहर ले जाओ यार कि इन चीजों को ट्रांसपोर्ट होता है बाय लेयर है इस लिपिट बाय लेयर यह वह प्रोटीन है जिससे सोडियम वापस अंदर आएगा सेल के लिए सोडियम के साथ एक्टिव ट्रांसपोर्ड सारा गेम किया सोडियम ने मज़े लग गए लिफ्ट लेनी ग्लुकोज ने सो ये कहलाएगा को ट्रांसपोर्ड ठीक है दोनों एक साथ आ रहे हैं सोडियम और ग्लुकोज लेकिन समटाइम्स ऐसे होता है कि बाहर से सोडियम लग के अंदर आ रहा है और कैल्शियम उसी जटके से बाहर जा रहा है ठीक है तो ये कहलाता है काउंटर ट्रांसपोर्ड और ये काउंटर ट्रांसपोर्ड की दूसरी एजांपल यहां दिया है हाइड्रोजन सोडि जो active transport है उसकी दो types है primary active transport जिसमें sodium potassium pump मैंने आपको बताया directly ATP use होगा और दूसरा secondary active transport जो gradient की वज़े से होगा याने एक cell था sodium potassium pump ने बाहर बहुत सारा sodium निकाला अब बाहर जो बहुत सारा sodium जम हो गया उसको बापिस अंदर आना है तो वो अपने साथ किसी को ला सकता है या उस लास्ट यहाँ पर चीज यह बताइए कि अभी तक हम जितनी बात कर रहे थे, वो बिसिकली एक सेल की बात कर रहे थे, कि एक सेल है, उसमें ट्रांसपोर्ट कैसे होता है, आपकी बॉडी में जाहरे बहुत सारे जगहों पर सेल्स नहीं होते, बलकि ते सेल्स है प्रेसिडें� sodium against the concentration निकाला जाता है बाहर, by active transport, अब जैसे ही sodium बाहर निकाला जाता है, तो यहां जारे बहुत सारा sodium जमा हो जाएगा, मैंने आपको पहले यह बात बताई है बार बार, जहां ज्यादा sodium जमा हुआ, याने ज्यादा solute जमा हुआ, याने ज्यादा osmol जमा हुआ, वहां water osmosis के जरीए बाहर आ जाएगा, तो sodium भी निकल गया, water भी निकल गया, यह सारी movement आपने lumen से diffusion के जरीए अंदर आए, आपने अक्टिव ट्रांसपोर्ट के जरीए वाटर बाहर आगे और उसमोसिस के जरीए जबरतस कहानी हो गई ठीक है तो दिस अब बेसिक कॉनसेप्ट्स ऑफ सेल्ट यू नो मेमरेन के अक्रॉस जो ट्रांसपोर्ट होते हैं बेसिकली जो आपको बात याद रखनी है भाई बार-बार बता रहा हूं दो तरह के ट्रांसपोर्ट मेकानिज्म्स है डिफ्यूजन और दूसरा ट्रांसपोर्ट मेकानिज्म है एक्टिव ट्रांसपोर्ट डिफ्यूजन कैंडी सिंपल डिफ्यूजन और इट कैंडी फैसिलिटेटेड डिफ्यूजन एक्टिव ट्रांसपोर्ट कैंडी प्राइमरी एक्टिव ट्रांसपोर्ट इट कैंडी सेकंडरी एक्टिव ट्रांसपोर्ट तो अगर यह कांसर आपको समझ में आ गए तो वीडियो को प्लीज लाइक कीजिए शेयर कीजिए शेयर सब्सक्राइब की